मध्यप्रदेश में गुरुवार को पाए गये 1977 कोरोना मरीज, 70 की मौत,अबतक संक्रमितों की संख्या 7,73,855 और मृतकों की संख्या 7828 हुई attacknews.in

भोपाल, 27 मई ।मध्यप्रदेश में हर दिन कोरोना संक्रमण की स्थिति में सुधार आ रहा है।राज्य की पॉजिटिविटी दर घटकर आज 2़ 8 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

राहत की खबर है कि मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण दर घटकर अब 2़ 8 पर पहुंच गयी है।

प्रदेश की 22813 ग्राम पंचायतों में से 20565 ग्राम पंचायतें कोरोना मुक्त हैं।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण के 69,606 जांच सैंपल रिपोर्ट में 1,977 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये हैं।

जबकि 67,629 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव पाये गये और 1520 कोरोना टेस्ट रिजेक्ट हुए है।

आज पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) घटकर 2़ 8 प्रतिशत दर्ज की गयी।

पिछले 24 घंटों में 6888 मरीज स्वस्थ हुए हैं तथा एक्टिव मरीजों की संख्या 38327 हो गई है।

प्रदेश में अब तक 7,73,855 लोग संक्रमित हो चुके है।

राहत की खबर है कि इनमें से अब तक 7,27700 लोग ठीक होकर घर पहुंच गये है।

इस महामारी ने अब तक प्रदेश भर में 7828 लोगों की जान ले चुका है।

आज 70 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है।

राज्य के दो जिलों इंदौर एवं भोपाल में ही 100 से अधिक नए प्रकरण आए हैं।

इंदौर में 577 एवं भोपाल में 409 नए प्रकरण आए हैं।

इसके अलावा तीन जिलों जबलपुर(99), सागर (96) तथा ग्वालियर (51) शेष जिलों में 4 से लेकर 50 के बीच प्रकरण हैं।

प्रदेश के 46 जिलों में 5 प्रतिशत से कम पॉजिटिविटी है।

मध्यप्रदेश में बुधवार को कोरोना के 2182 नए मरीज आए सामने, 72 की मृत्यु,अबतक संक्रमितों की संख्या 7,71,878 और मृतकों की संख्या 7758 हुई attacknews.in

भोपाल, 26 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले भले ही कम हो रहे हैं, लेकिन संक्रमण के कारण मृत्यु के मामलों में अपेक्षित गिरावट नहीं आ पा रही है।आज भी 72 लोगों की मृत्यु दर्ज की गयी।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार 70195 मामलों की जांच में 2182 मामले पॉजीटिव, 68,013 निगेटिव रहे और 198 सैंपल रिजेक्ट किए गए।

इस तरह संक्रमण दर 3़ 1 प्रतिशत रही।

वहीं 7479 संक्रमितों के स्वस्थ होने पर एक्टिव केस की संख्या घटकर 43265 पर आ गयी है।

प्रदेश में 72 संक्रमितों की मृत्यु दर्ज की गयी है, जिसमें पांच पांच मामले भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और सागर जिले में दर्ज किए गए।

इसके अलावा सात लोगों की मृत्यु जबलपुर जिले में हुयी।

राज्य में अब तक कोरोना के कारण 7758 लोगों की मृत्यु दर्ज की गयी।

बुलेटिन के अनुसार सबसे अधिक प्रकरण 623 इंदौर में, 433 भोपाल में, ग्वालियर में 88, जबलपुर में 82, सागर में 108, रतलाम में 52, उज्जैन में 45, दमोह में 38 और बैतूल में 39 मामले दर्ज किए गए।

राज्य में अब तक 7,71,878 व्यक्ति संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 72,0855 कोरोना को मात देने में सफल रहे।

सबसे अधिक सक्रिय मामले इंदौर में 8488, भोपाल में 8244 और ग्वालियर में 2043 हैं।

शेष 49 जिलों में एक्टिव मामले दो हजार से कम ही हैं।

सबसे कम एक्टिव केस 46 अलिराजपुर जिले में हैं।

शिवराज सिंह चौहान ने संबोधन में कहा: 1 जून से आर्थिक गतिविधियां शुरू होंगी, लेकिन तीसरी लहर भी रोकना जरुरी,सरकार कोविड केयर सेंटर बंद नहीं करेगी attacknews.in

भोपाल, 26 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर काफी हद तक नियंत्रण में आने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि एक जून से आर्थिक गतिविधियां भी धीरे धीरे प्रारंभ की जाएंगी, लेकिन निकट भविष्य में कोरोना की तीसरी लहर रोकना भी जरुरी है।

श्री चौहान ने शाम को प्रदेश की जनता को संबोधित करते हुए यह बात कही।

उन्होंने बार बार जोर देकर कहा कि सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर रोकने के लिए रोड मैप बनाया है, लेकिन प्रत्येक नागरिक, धर्म गुरुओं और स्वैच्छिक संगठनों को भी कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण की अपनी जिम्मेदारी निभाना है।

तीसरी लहर नहीं रोक पाए, तो फिर भयानक स्थिति बन जाएगी।

साथ ही उन्होंने कहा कि लेकिन कोरोना रोकने संबंधी अनुशासन का पालन करके हम इसे रोक सकते हैं।

श्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं और सरकार अनुशासन तथा कोरोना संबंधी नियमों का पूरी तरह पालन करते हुए कोरोना संक्रमण काबू रखने का क्रम रोकेगी नहीं।

लेकिन शादी विवाह, सार्वजनिक, धार्मिक और भीड़भाड़ वाले आयोजनों पर अंकुश बेहद जरुरी हैं।

इस कार्य में धर्म गुरु और प्रभावी व्यक्ति अपनी भूमिका सुनिश्चित करें।

सरकार कोविड केयर सेंटर बंद नहीं करेगी।

स्वास्थ्य संबंधी अन्य सुविधाएं भी और बढ़ाने का प्रयास रहेगा।

प्रतिदिन 70 हजार से अधिक टेस्टिंग जारी रखने का प्रयास भी होगा।

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि आगामी कुछ समय तक काेरोना वायरस रहेगा ही और हमें उसके साथ रहकर अनुशासन के साथ जीने की आदत बनाना होगी।

अन्यथा इसकी कीमत चुकाना होगी।

मध्यप्रदेश पिछले एक वर्ष से अधिक समय से कोरोना के प्रकोप को झेल रहा है, लेकिन मार्च के बाद अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर ने सभी 52 जिलों में जबर्दस्त तबाही मचायी और लोगों के बीच हाहाकार मच गया था।

मई माह के तीसरे सप्ताह से स्थितियां नियंत्रित होना प्रारंभ हुयी और अब औसत संक्रमण दर पांच प्रतिशत के अंदर आ गयी है।

यह दर 25 प्रतिशत को भी पार कर गयी थी।

कुछ जिलों में संक्रमण दर 50 प्रतिशत से भी अधिक थी।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश उस स्थिति से भी गुजरा है, जब अस्पतालों के सभी बिस्तर भरे थे।ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए दिन-रात एक करने पड़ रहे थे। कितने ही लोगों को ऑक्सीजन लगी, कुछ लोग वेन्टीलेटर पर चले गए और कुछ लोग तो इस दुनिया से ही चले गए। क्या हम इस कष्ट को फिर से देखना चाहते हैं। इसीलिए सावधानी की रखने की

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू धीरे-धीरे खोला जाएगा। कौनसी गतिविधि कब आरंभ होगी। यह ग्राम, वार्ड, ब्लाक, नगर और जिला स्तर की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियाँ तय करेगी। अलग-अलग जिलों में स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग व्यवस्थाएँ होंगी। यह भी स्थानीय स्तर पर ही तय होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में संक्रमण नियंत्रण के लिए जन-समुदाय के सहयोग का मॉडल प्रभावी रहा है। आज बुद्ध पूर्णिमा है। प्रदेश को कोरोना मुक्त करने का संकल्प प्रदेशवासी लें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों के नाम जारी संदेश में कहा कि कहा है कि आज बुद्ध पूर्णिमा है। आज ही के दिन बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। भगवान बुद्ध ने कहा था- सर्वं दु:खं, दु:ख समुदय, दु:ख निरोध और दु:ख निरोध गामिनी प्रति पथ अर्थात दु:ख है़, दु:ख का कारण है और कारण का निवारण भी किया जा सकता है। हमें बुद्ध के बताए मध्यम मार्ग पर चलते हुए अनुशासित जीवन जीना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज कोरोना संकट ने मानवता को एक बार फिर झकझोर कर रख दिया है। कोरोना वायरस के फैलने के कारण का निवारण किया जा सकता है। प्रदेश में सरकार के प्रयास और सभी के सहयोग से कोरोना संक्रमण अब नियंत्रण की स्थिति में है। रिकवरी रेट 93.39 प्रतिशत है, लेकिन सावधानी रखना बहुत जरूरी है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रकरणों संक्रमण में तेजी से गिरावट- शिवराज

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना के प्रकरणों में तेजी से गिरावट आ रही है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि अब प्रदेश के 45 जिलों में कोरोना संक्रमण पॉंच प्रतिशत से कम है। संक्रमण की दृष्टि से प्रदेश का देश में 19 वाँ स्थान है। आगामी 31 मई तक प्रदेश में कोरोना संक्रमण शून्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

कोरोना अनलॉक के लिए मंत्री समूह की बैठक 27 मई को

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में कोरोना कर्फ्यू को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए विचार-विमर्श हेतु मंत्री समूह की बैठक 27 मई को सुबह 11:30 बजे मंत्रालय में आहूत की गई है।

अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (गृह) अशोक अवस्थी ने बताया है कि बैठक के सम्बंध में मंत्री समूह के सभी मंत्रियों को आवश्यक सूचना भेज दी गई है।

डॉ. राजौरा ने बताया है कि बैठक में जून माह से कोरोना कर्फ्यू को सुनियोजित रूप से चरणबद्ध प्रक्रिया के अनुरूप समाप्त किए जाने पर चर्चा होगी।

उन्होंने बताया कि अनलॉक के साथ सामान्य जनजीवन बहाल किए जाने के लिए प्रस्तावित रणनीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए मंत्री समूह द्वारा आवश्यक विचार विमर्श किया जाएगा ।

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने मार्च और अप्रैल के महीनों में कोरोना से हजारों मौतों के आंकड़े छुपाने से इंकार करके कहा कि;कोरोना से 5 हजार के पार मौतें हुई बाकी अन्य कारणों से मरे attacknews.in

जयपुर, 26 मई । राजस्थान में वैश्विक महामारी कोरोना से पिछले दो महीनों में ही पांच हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि इससे पहले तेरह महीनों में लगभग तीन हजार मरीजों की मृत्यु हुई।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के अनुसार गत वर्ष मार्च से लेकर अब तक प्रदेश में कोरोना से 7911 मौतें हुई हैं।

डॉ. शर्मा ने बताया कि कोविड-19 से अप्रैल और मई में अब तक सर्वाधिक 5093 मौतें हुई हैं। इससे पूर्व के पिछले वर्ष मार्च से गत मार्च तक तेरह महीनों में 2818 मौतें हुईं। इनमें गत वर्ष अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर एवं नवम्बर के चार माह में 1632 मौतें हुई और शेष नौ महीनों केवल 1186 कोरोना मरीजों की जान गई।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डा शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार अस्पतालों में कोविड से होने वाली हर एक मौत का रिकॉर्ड रखा जाना सुनिश्चित कर रही है। इसमें किसी तरह की गड़बड़ की कोई संभावना नहीं है। हमारा कोविड की पहली लहर के समय से ही प्रयास रहा है कि पॉजिटिव मामले से लेकर मृत्यु तक आंकड़ों में स्पष्टता रहे। किसी स्तर पर कोई हेर-फेर नहीं हो, इस संबंध में निचले स्तर तक सख्त निर्देश दिए गए हैं। हमें आंकड़ों की नहीं प्रदेशवासियों के जीवन की चिंता है।

डॉ. शर्मा ने कहा कि राजस्थान एक बड़ा प्रदेश है, जिसकी जनसंख्या करीब आठ करोड़ है। ऐसे में विभिन्न क्षेत्रों में कोविड के अतिरिक्त अन्य बीमारियों, दुर्घटनाओं, आयु एवं अन्य कारणों से मौतें होना स्वाभाविक है। ऐसी मौतों को कोविड से जोड़ना उचित नहीं है।

उन्होंने बताया कि प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए निरंतर किए जा रहे प्रयासों के कारण प्रदेश में अन्य राज्यों के मुकाबले मृत्यु दर कम रही है और गत वर्ष मार्च से लेकर अब तक प्रदेश में कोरोना से 7911 मौतें हुई हैं।

उल्लेखनीय है कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार को प्रदेश में लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराने में विफल बताते हुए कोरोना संक्रमित मौतों के वास्तविक आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया था।

राजस्थान में मौतों के आंकड़े छुपाने की परंपरा नहीं-गहलोत

इधर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पष्ट किया है कि राज्य में मौतों की संख्या छिपाने की परम्परा नहीं है। हमें आंकड़ों की नहीं, प्रदेशवासियों के जीवन की चिंता है। हमारी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ समाज के सभी वर्गों के सहयोग से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही है।

श्री गहलोत ने प्रदेश भाजपा के कोरोना के आंकड़े छुपाने का आरोप लगाने के बाद यह बात कही।

उन्होंने निर्देश दिए है कि प्रदेश में कोरोना से मृत्यु के मामलों की ऑडिट कराएं, ताकि कोविड और नॉन कोविड मौतों की वास्तविकता का पता चले और कोविड पीड़ित परिवारों की सामाजिक सुरक्षा के संबंध में निर्णय लिया जा सके।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की युवा आबादी के टीकाकरण के लिए वैक्सीन की उपलब्धता के लिए केंद्र सरकार के साथ समन्वय सहित सभी स्तर पर प्रयास करें, ताकि वैक्सीनेशन का काम तेजी से आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण टीकाकरण संक्रमण की तीसरी लहर से बचाव में मदद करेगा।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार कम हो रहा है पॉजिटिव प्रकरणों एवं सक्रिय प्रकरणों में कमी,बुधवार को नए कोरोना प्रकरण 9 हजार से नीचे आए,अबतक संक्रमण के मामले सात लाख के पार attacknews.in

भोपाल, 12 मई ।कोरोना संक्रमण की कहर के बीच कोरोना संक्रमितों की संख्या आज मध्यप्रदेश में सात लाख के पार हो गयी।हलाकि इनमें से पांच लाख तिरासी हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमण को परास्त कर घर पहुंच गये हैं।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार कम हो रहा है तथा पॉजिटिव प्रकरणों एवं सक्रिय प्रकरणों में कमी आ रही है।

प्रदेश में नए कोरोना प्रकरण 9 हजार से नीचे आ गए हैं।

प्रदेश के 08 जिलों में नए प्रकरणों की संख्या 200 से अधिक है तथा 7 जिलों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से नीचे आ गई है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण के 64,677 सैंपल की जांच रिपोर्ट में 8,970 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।

इन जांच सैंपल रिपोर्ट में 55,707 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव मिले हैं तथा 253 सैंपल रिजेक्ट हुए है।

पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) 14़ 7 प्रतिशत से घटकर 13़ 8 प्रतिशत दर्ज की गयी।

राज्य भर में आज 10,324 लोग कोरोना को परास्त कर घर रवाना हो गये।

राज्य के विभिन्न अस्पतालों में अभी भी 1,09928 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है।

इस महामारी से अब तक प्रदेश भर में 7,00202 लोग संक्रमित हो चुके है।

हालाकि इनमें से अब तब 5,83595 लोग ठीक हो चुके है।

इस वैश्विक महामारी ने अब तक प्रदेश भर में 6679 लोगों की जान ले चुका है।

राज्य के इंदौर में जिले में आज 1597 लोग कोरोना संक्रमित मिले है।

वहीं प्रदेश की राजधानी भोपाल जिले में 1304 लोग पॉजिटिव मिले है।

इसके अलावा ग्वालियर में 492, जबलपुर में 666, उज्जैन में 273, रतलाम में 335, रीवा में 249, शिवपुरी जिले में 279 नये कोरोना मरीज मिले है।

बाकी अन्य जिलों में भी 11 से लेकर 193 के बीच कोरोना संक्रमित मिले है।

केंद्र ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कोविड टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा में दूसरी खुराक को प्राथमिकता देने; दूसरी खुराक के लिए न्यूनतम 70 प्रतिशत कोटा आवंटित करना तय किया attacknews.in

नईदिल्ली 11 मई ।केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण और कोविड-19 से निपटने के लिए बनायी गयी प्रौद्योगिकी एवं डेटा प्रबंधन सशक्त समूह के अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय कोविड-19 टीका प्रशासन विशेषज्ञ समूह के सदस्य डॉ. आर एस शर्मा ने आज एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध निदेशकों के साथ कोविड टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा की।

वैश्विक स्तर पर इस तरह के सबसे बड़े अभ्यासों में से एक, देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम 16 जनवरी 2021 को शुरू किया गया था। बाद में इसका व्यापक रूप से विस्तार किया गया और राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान के लिए उदार मूल्य निर्धारण एवं त्वरित रणनीति के कार्यान्वयन के साथ 01मई, 2021 से अभियान में 18 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को शामिल किया गया।

राज्य विशिष्ट डेटा के साथ टीकाकरण अभियान के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालने वाली एक विस्तृत प्रस्तुति के बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रकाश डाला:

राज्य सुनिश्चित करेंगे कि पहली खुराक लेने वाले सभी लाभार्थियों को दूसरी खुराक के लिए प्राथमिकता दी जाए। दूसरी खुराक का इंतजार करे रहे बहुत सारे लाभार्थियों की जरूरत पर ध्यान देने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया।

इस संबंध में, राज्य भारत सरकार के माध्यम से मिले टीकों में से कम से कम 70 प्रतिशत टीके दूसरी खुराक के लिए और बाकी 30 प्रतिशत पहली खुराक के लिए रख सकते हैं। यह हालांकि सांकेतिक है। राज्यों को इसे 100 प्रतिशत तक बढ़ाने की स्वतंत्रता है। कोविन पर राज्यवार संख्या राज्यों के नियोजन उद्देश्यों के लिए उनके साथ साझा की गई है।

राज्यों से टीके की दो खुराक के साथ पूर्ण टीकाकरण के महत्व को रेखांकित करने के लिए जागरुकता अभियान चलाने को कहा गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने उन राज्यों का विवरण प्रस्तुत किया,जिन्होंने प्राथमिकता समूहों (जैसे कि 45+, एफएलडब्ल्यू और एचसीडब्ल्यू) एवं अन्य के उच्च कवरेज को सुनिश्चित किया है, और राज्यों से आग्रह किया कि वे सुनिश्चित करें कि प्राथमिकता वाले समूहों को टीका लगाया जाए।

भारत सरकार के माध्यम से प्रदान किए जा रहे कोविड टीकों के बारे में राज्यों को पहले से पारदर्शी तरीके से सूचित किया गया है। बेहतर और ज्यादा कारगर योजना निर्माण में राज्यों की मदद करने के लिए उन्हें अग्रिम रूप से आगामी पखवाड़े के लिए टीके के आवंटन के बारे में बता दिया गया है।

15-31 मई की अवधि के लिए अगला आवंटन उन्हें 14 मई को दिया जाएगा। यह बताया गया कि राज्य अपने टीकाकरण सत्रों की योजना बनाने के उद्देश्य से अगले 15 दिनों के लिए खुराक के आवंटन के बारे में जानकारी का उपयोग कर सकते हैं।

राज्यों से टीका अपव्यय को कम करने का भी आग्रह किया गया। हालांकि समग्र स्तरों में काफी कमी आई है, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कई राज्य हैं जिन्हें अभी भी अपव्यय को कम करने की जरूरत है। टीकों के विवेकपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को टीको को लेकर पुन: प्रशिक्षण और पुन: व्यवस्था करने का सुझाव दिया गया था। राष्ट्रीय औसत से अधिक सभी अपव्यय को उसके बाद उस राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के बाद के आवंटन से समायोजित किया जाएगा।

इस संदर्भ में, यह भी बताया गया कि कुछ राज्य एक नकारात्मक अपव्यय की जानकारी देने में सक्षम हैं, क्योंकि अच्छी तरह से प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रति शीशी से अधिकतम खुराक निकाल सकते हैं, जो आम तौर पर वैसे चिह्नित है।

राज्यों को ‘भारत सरकार के अलावा’ दूसरेमाध्यम से खरीद के बारे में भी बताया गया था जो कि टीकाकरण के तीसरे चरण की त्वरित रणनीति के तहत खोला गया है। राज्यों से निजी टीका निर्माताओं को लंबित भुगतान के मद्देनजर, राज्यों को दो या तीन वरिष्ठ अधिकारियों की राज्य स्तर पर एक समर्पित टीम का गठन करने की सलाह दी गई थी, ताकि वे दैनिक आधार पर टीका निर्माताओं के साथ समन्वय कर सकें और तेजी से राज्य सरकार की आपूर्ति को सुरक्षित कर सकें। साथ ही यह टीम निजी अस्पतालों के साथ समन्वय करके उन्हें टीके की खरीद की सुविधा प्रदान करती है, जिससे राज्य में समग्र टीकाकरण अभ्यास की गति बनी रहे।

टीकाकरण अभ्यास की बदलती जरूरतों को बेहतर ढंग से दर्शाने के लिए कोविन प्लेटफॉर्म में भी बदलाव किया जा रहा है। लक्ष्य समूहों का टीकाकरण पूरा करने की बेहतर योजना के लिए राज्य एक दूसरी खुराक देय रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) और कोविड टीकाकरण केंद्र (सीवीसी) प्रबंधक मांग के अनुसार सत्र क्षमता को बढ़ा सकते हैं (जिसकी सीमा 100 तय की गयी थी) और अपने आगामी सत्रों में लक्ष्य समूह की योजना भी बना कर सकते हैं। जरूरी फोटो प्रमाणपत्र न होने वाले लाभार्थी जैसे कि वृद्धाश्रमों में रहने वाले वरिष्ठ नागरिक, भी पंजीकृत हो सकते हैं। डीआईओऔर सीवीसी प्रबंधक टीका उपयोग रिपोर्ट (वीयूआर) डाउनलोड भी कर सकते हैं।

डॉ. शर्मा ने कहा कि कोविन प्लेटफॉर्म दूसरी खुराक के लिए स्लॉट हासिल करने के लिए जल्द ही लचीलापन और सुविधा प्रदान करेगा। कोविन संभव सीमा तक अनुकूलित किया जाएगा और एपीआई भी खोले जाएंगे। लोगों को सूचित करने के लिए आईईसी अभियान की आवश्यकता है कि वे दोनों खुराक लेने के लिए केवल एक मोबाइल नंबर का उपयोग करें ताकि उनके प्रमाणपत्र से पता चले कि उन्होंने दोनों खुराक ले ली है।

डॉ. शर्मा ने डेटा की सत्यता और प्रामाणिकता के जरूरी महत्व को दोहराया। उन्होंने राज्यों से यह भी आग्रह किया कि वे किसी को, कहीं भी और किसी भी समय टीकाकरण प्रदान करने के कोविन के मंत्र को बनाए रखने के लिए प्रतिबंधात्मक मानदंडों के उपयोग से बचें।

मध्यप्रदेश में 7 कंपनियों के रेमडेसिविर की सप्लाई निरंतर जारी;अब तक 2 लाख 51 हजार 734 रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित attacknews.in

भोपाल, 07 मई । मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कोरोना मरीजों के उपचार की सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में 7 कंपनियों के रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई प्रदेश में हो रही है। अब तक 2 लाख 51 हजार 734 रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। आज 7 मई को मेसर्स सन फॉर्मा द्वारा 960 यूनिट प्रायवेट को और मेसर्स हिट्रो द्वारा 5220 यूनिट प्रायवेट को रेमडेसिविर इंजेक्शन की पूरे मध्यप्रदेश में आपूर्ति की जा रही है।

कोविड-19 महामारी के नियंत्रण के लिये यथासंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत रेमडेसिविर की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए शासन द्वारा हर संभव प्रयास किए गए हैं। रेमडेसिविर निर्माताओं को मध्यप्रदेश में इसकी सप्लाई बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी को जरूरत अनुसार उचित दाम पर रेमडेसिविर की सुगम उपलब्धता के साथ ही इसकी कालाबाजारी एवं अवैध विक्रय की रोकथाम के निर्देश प्रदेश के सभी औषधि निरीक्षकों को जारी किए गए हैं। औषधि निरीक्षकों द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति एवं वितरण पर सतत निगरानी रखी जा रही है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की सुलभ उपलब्धता के उद्देश्य से इसका वितरण केवल अस्पताल एवं संस्थानों में हो, ऐसी व्यवस्था भी की गई है।

भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या दो करोड़ के पार हुई,19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार हुआ था,15 दिनों में 50 लाख से अधिक मामले आए,मृतकों की संख्या 2,22,408 पर पहुंची attacknews.in

नयी दिल्ली, चार मई । भारत में कोविड-19 के मामले दो करोड़ का आंकड़ा पार कर गए हैं और महज 15 दिनों में संक्रमण के 50 लाख से अधिक मामले आए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस के एक दिन में 3,57,229 नए मामले आने से संक्रमण के मामले बढ़कर 2,02,82,833 पर पहुंच गए जबकि 3,449 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 2,22,408 पर पहुंच गई है।

भारत में कोविड-19 के मामले 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गए थे जिसके 107 दिन बाद पांच अप्रैल को संक्रमण के मामले 1.25 करोड़ पर पहुंच गए। हालांकि महामारी के मामलों को 1.50 करोड़ का आंकड़ा पार करने में महज 15 दिन लगे।

सुबह आठ बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 34,47,133 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 17 प्रतिशत है। कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर 81.91 प्रतिशत है।

आंकड़ों के मुताबिक, इस बीमारी से उबरने वाले मरीजों की संख्या 1,66,13,292 पर पहुंच गई है जबकि मृत्यु दर 1.10 प्रतिशत है।

भारत में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख का आंकड़ा पार कर गए थे। इसके बाद संक्रमण के मामले 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के पार चले गए थे।

वैश्विक महामारी के मामले 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गए थे। भारत में महामारी के मामले 19 अप्रैल को 1.50 करोड़ के पार चले गए थे।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुताबिक, तीन मई तक 29,33,10,779 नमूनों की जांच की गई जिनमें से 16,63,742 नमूनों की जांच सोमवार को की गई।

कोरोना वायरस से जिन 3,449 और लोगों ने जान गंवाई है उनमें से 567 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, 448 की दिल्ली, 285 की उत्तर प्रदेश, 266 की छत्तीसगढ़, 239 की कर्नाटक, 155 की पंजाब और 154 लोगों की मौत राजस्थान में हुई। गुजरात और हरियाणा में 140-140 लोगों की मौत हुई, झारखंड में 129, उत्तराखंड में 128 और तमिलनाडु में 122 लोगों की मौत हुई।

देश में अभी तक इस संक्रामक रोग से 2,22,408 लोगों की मौत हुई है। इनमें से महाराष्ट्र में 70,851, दिल्ली में 17,414, कर्नाटक में 16,250, तमिलनाडु में 14,468, उत्तर प्रदेश में 13,447, पश्चिम बंगाल में 11,637, पंजाब में 9,472 और छत्तीसगढ़ में 9,275 लोगों की मौत हुई।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जिन लोगों की मौत हुई, उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक लोगों को पहले से अन्य बीमारियां भी थीं।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘हमारे आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के आंकड़ों से मिलान किया जा रहा है।’’

“फाइज़र” कोविड-19 वैक्सीन की शीघ्र मंजूरी के लिए भारत सरकार के साथ दवा कंपनी की बातचीत जारी: टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपनी वैक्सीन को लाभ-रहित मूल्य पर उपलब्ध कराने की पेशकश attacknews.in

नयी दिल्ली, तीन मई। वैश्विक दवा कंपनी फाइजर के चेयरमैन और सीईओ अल्बर्ट बूर्ला ने सोमवार को कहा कि कंपनी अपनी फाइजर-बायोएटेक वैक्सीन को भारत में जल्द उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के साथ बातचीत कर रही है, ताकि उसे तेजी से मंजूरी मिल सके।

फाइजर ने इससे पहले अप्रैल में कहा था कि उसने भारत में सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपनी वैक्सीन को लाभ-रहित मूल्य पर उपलब्ध कराने की पेशकश की है, और वह भारत में वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है।

बूर्ला ने कहा, ‘‘फाइजर इस बात से अवगत है कि महामारी को खत्म करने के लिए वैक्सीन की उपलब्धता महत्वपूर्ण है। दुर्भाग्य से हमारी वैक्सीन भारत में पंजीकृत नहीं है, हालांकि हमने महीनों पहले आवेदन दिया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस समय भारत सरकार के साथ अपनी फाइजर बायोएनटेक वैक्सीन को देश में उपलब्ध कराने के लिए तेजी से मंजूरी देने पर चर्चा कर रहे हैं।’’

कंपनी ने पीटीआई-भाषा को ईमेल के जवाब में बताया, ‘‘फाइजर देश में सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम के लिए फाइजर और बायोएनटेक वैक्सीन उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है।’’

भारत सरकार ने पिछले महीने आयातित वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी थी।

कोविड-19 से ब्राजील में महज एक महीने में 1 लाख लोगों की मौत और अब तक 4 लाख की मौत,यह छोटा देश मौत के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर attacknews.in

साओ पाउलो, 30 अप्रैल (एपी) ब्राजील में महज एक महीने में कोविड-19 से 1,00,000 लोगों के जान गंवाने के कारण संक्रमण से मरने वाले लोगों की कुल संख्या 4,00,000 पहुंच गई है और अब वह मौत के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है।

कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने देश में हालात और बिगड़ने को लेकर आगाह किया है।

ब्राजील में इस वैश्विक महामारी से अप्रैल में सबसे अधिक मौत हुई हैं।

देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस महीने के पहले दो दिनों में 4,000 से अधिक लोगों की मौत हुई। पिछले दो हफ्तों में हर दिन करीब 2,400 लोगों की मौत हुई और स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को 3,001 और लोगों के मरने की जानकारी दी, जिससे देश में मृतकों की संख्या 401,186 पर पहुंच गई।

स्थानीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने संक्रमण के मामले और मौत की संख्या घटने पर थोड़ी राहत की सांस ली, लेकिन उन्हें बीमारी की एक अन्य लहर आने की आशंका है जैसा कि कुछ यूरोपीय देशों में देखा गया।

ऑनलाइन रिसर्च वेबसाइट ‘‘आवर वर्ल्ड इन डेटा’’ के अनुसार छह प्रतिशत से भी कम ब्राजीलियाई नागरिकों को कोविड-19 का टीका लगा है।

देश के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने दोहराया कि वह सबसे आखिर में टीका लगवाएंगे और उन्होंने महामारी को फैलने से रोकने के लिए पाबंदियों लगाने के लिए देशभर के मेयर और गवर्नर पर निशाना साधा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों में से एक महामारी विशेषज्ञ वेंडरसन ओलिविरा ने कहा कि उन्हें जून के मध्य तक तीसरी लहर आने की आशंका है।

भारत को अमेरिका से भेजी गयी बहुप्रतीक्षित सैकड़ों ऑक्सीजन सिलेंडर और रेगुलेटर समेत आपात चिकित्सा एवं राहत सामग्री की खेप शुक्रवार को पहुंची attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल ।कोविड-19 महामारी से जंग में मदद के लिए अमेरिका से भेजी गयी बहुप्रतीक्षित सैकड़ों ऑक्सीजन सिलेंडर और रेगुलेटर समेत आपात चिकित्सा एवं राहत सामग्री की खेप शुक्रवार को भारत पहुंच गयी।

अमेरिकी वायुसेना के सबसे बड़े सामरिक विमानों में से एक सी-5एम सुपर गैलेक्सी चिकित्सकीय उपकरण एवं अन्य राहत सामग्री लेकर दिल्ली पहुंचा।

अमेरिकी दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘अमेरिका से आपात कोविड-19 राहत सामग्री की पहली खेप भारत पहुंच गयी है। 70 साल से अधिक के सहयोग को मजबूती मिली। अमेरिका भारत के साथ खड़ा है। हमलोग मिलकर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।’’

अमेरिका से बड़ी संख्या में चिकित्सा उपकरणों और अन्य सामग्री को लेकर आ रहे एक अन्य विमान के भी आज भारत पहुंचने की संभावना है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर बताया कि भारत और अमेरिका के बीच स्वास्थ्य सहयोग से वैश्विक महामारी से प्रभावी तरीके से निपटने में मदद मिल सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक महत्व की रणनीतिक साझेदारी। हमारे स्वास्थ्य सहयोग से वैश्विक महामारी से प्रभावी तरीके से निपटने में मदद मिल सकती है। अमेरिका से रेगुलेटर के साथ 423 ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य चिकित्सा उपकरणों के उपहार की बहुत सराहना करता हूं।’’

भारत कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से जंग लड़ रहा है ऐसे में दुनिया के कई देशों ने स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा एवं राहत सामग्री भेजने की घोषणा की है।

भारत को मदद भेजने वाले अग्रणी देशों में रूस, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, बेल्जियम, रोमानिया, लक्जमबर्ग, सिंगापुर, पुर्तगाल, स्वीडन, न्यूजीलैंड, कुवैत और मॉरिशस शामिल हैं।

रूस ने बृहस्पतिवार को मुख्य रूप से ऑक्सीजन सांद्रक वाले 20 टन चिकित्सकीय ऑक्सीजन, वेंटीलेटर और चिकित्सकीय सामग्री की भारत को आपूर्ति की। रोमानिया ने शुक्रवार को भारत को चिकित्सा सामग्री भेजी।

बागची ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे गर्मजोशी भरे एवं मित्रवत संबंध को एक बार फिर आगे बढ़ाते हुए यूरोपीय संघ के सहयोगी रोमानिया का 80 ऑक्सीजन सांद्रक एवं 75 ऑक्सीजन सिलेंडर की खेप भेजकर हमारी मदद करने के लिए शुक्रिया।’

अरविंद केजरीवाल ने युवाओं को 1 मई को टीकाकरण केंद्रों के बाहर कतार नहीं लगाने का बोलकर बता दिया कि, अभी टीके नहीं मिले हैं attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 18 से 44 वर्ष की आयु वाले लोगों से एक मई से कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों के बाहर कतार न लगाने की शुक्रवार को अपील करते हुए कहा कि दिल्ली को अभी टीके नहीं मिले हैं।

उन्होंने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगले एक-दो दिनों में करीब तीन लाख कोविशील्ड टीके मिलेंगे और 18 साल से अधिक आयु वाले लोगों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू होगा।

देशभर में 18 से 44 वर्ष की आयु वर्ग वाले लोगों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान एक मई से शुरू होगा। हालांकि दिल्ली और कुछ अन्य राज्यों ने कहा है कि टीकों की कमी के कारण वे टीकाकरण अभियान शुरू नहीं कर पाएंगे।

केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने तीन महीनों में कोविशील्ड और कोवैक्सीन में प्रत्येक की 67 लाख खुराकों का ऑर्डर दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य है कि अगर कंपनियां टीकों की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति कर दें तो अगले तीन महीनों में हर किसी को टीका लगा दिया जाए।’’

उन्होंने दिल्लीवासियों को आश्वस्त किया कि हर किसी को टीका लगाया जाएगा।

मंत्रिपरिषद की कई घंटों चली बैठक में नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी को पिछले 100 वर्षों में सबसे बड़ा संकट करार देते हुए कहां,केंद्र-राज्य सरकारों की समूची मशीनरी एकजुट होकर इस संकट का मुकाबला कर रही attacknews.in

नयी दिल्ली 30 अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी को पिछले 100 वर्षों में सबसे बड़ा संकट करार देते हुए आज कहां कि केंद्र और राज्य सरकारों की समूची मशीनरी एकजुट होकर इस संकट का मुकाबला कर रही है।

श्री मोदी ने शुक्रवार को यहां मंत्रिपरिषद की कई घंटे तक चली बैठक में देशभर में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की।

बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि कोरोना महामारी के कारण पिछले 100 वर्षों में मानवता के सामने सबसे बड़ा संकट खड़ा हुआ है जो पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती बन गया है।

श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों और जनता के साथ मिलकर टीम इंडिया की तरह इस चुनौती का सामना कर रही है। समूची सरकारी मशीनरी एकजुट होकर तेजी से स्थिति से निपटने में लगी है। उन्होंने सभी मंत्रियों से कहा कि वह अपने क्षेत्र के लोगों के संपर्क में रहें , उनकी मदद करें तथा उनसे फीडबैक ले।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर तमिलनाडु सरकार ने काेरोना मरीजों के इलाज के लिए वेदांता को तूतीकोरिन प्लांट में ऑक्सीजन उत्पादन की मंजूरी दी attacknews.in

चेन्नई 30 अप्रैल । उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुरूप तमिलनाडु सरकार ने शुक्रवार को काेरोना मरीजों के इलाज के लिए वेदांता उद्योग को तूतीकोरिन जिले में स्थित कॉपर स्मेल्टर प्लांट में ऑक्सीजन उत्पादन करने की मंजूरी प्रदान कर दी।

इस संबंध में जारी सरकारी आदेश (जीओ) के मुताबिक प्लांट को 31 जुलाई तक ऑक्सीजन उत्पादन के लिए अस्थाई तौर पर काम करने की मंजूरी प्रदान की गयी है।

इस जीओ के मुताबिक सरकार ने थूथुकुडी के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सात सदस्यीय निगरानी समिति का भी गठन किया है जो ऑक्सीजन प्लांट के पूरे कार्यकलाप की देखभाल भी करेगी। साथ ही शीर्ष अदालत के निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए इसके संचालन पर भी नजर रखेगी।

इस समिति में जिलाधिकारी के अलावा जिले के पुलिस अधीक्षक, उप जिलाधिकारी, जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पर्यावरण इंजीनियर, उप प्रमुख केमिस्ट तथा दो पर्यावरण विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। शीर्ष अदालत के निर्देश पर इस समिति का गठन किया गया है।

मध्यप्रदेश में शुक्रवार को 58708 सैंपलों की जांच में 12,400 लोग कोरोना संक्रमित मिले और 97 की मौत, प्रदेश भर के विभिन्न अस्पतालों में 90,796 मरीजों का चल रहा है इलाज attacknews.in

भोपाल, 30 अप्रैल । मध्यप्रदेश में आज बारह हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमित मिले है।इस महामारी के कारण राज्य भर में 97 लोगों की मृत्यु हुई है।

प्रदेश के 52 जिलों में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित आज इंदौर जिले में मिले है।राजधानी भोपाल दूसरे स्थान पर रहा।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार आज प्रदेश भर में 58708 सैंपल की जांच की गई।इन सैंपलों में 12,400 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।

राज्य भर में 5,6327 लोग इस महामारी के गिरफ्त में आ चुके है।

हालांकि इस महामारी से 4,66915 लोग प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों से स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके है।वर्तमान में प्रदेश भर के विभिन्न अस्पतालों में 90796 मरीजों का इलाज चल रहा है।

इस महामारी से आज 13584 लोग निजात पाकर घर रवाना हो गये है।आज संक्रमण दर 21़ 1 रहा।

इस बीमारी के कारण आज 97 लोगों की मौत हो गयी।अब तक राज्य में 5616 लोग जान गवा चुके है।

राज्य की राजधानी भोपाल में 1713 कोरोना संक्रमित मरीज मिले।वहीं इंदौर में 1811 कोरोना संक्रमित मिले है।ग्वालियर में 980, जबलपुर में 776, उज्जैन 332, विदिशा 212, सागर में 257, रतलाम में 280, रीवा 345, धार में 249, खरगोन में 180, सीहोर में 205, शहडोल में 256 संक्रमित मिले हैं।

राज्य के बाकी जिलों में भी 16 से 200 के बीच कोरोना मरीज मिले हैं।