राहुल की जिद के आगे बेबस हुए दिग्गी-कमल;राहुल गांधी ने कमल नाथ और दिग्विजय सिंह को मिलाया गले attacknews.in

सोयतकलां (आगर मालवा) 5 दिसम्बर । मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर स्थित डोंगरगांव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का प्रदेश में अंतिम पड़ाव रहा।


यहां नुक्कड़ सभा में राहुल गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और दिग्विजय सिंह को गले मिलाया।

यह घटनाक्रम उस समय हुआ जब मंच संचालन कर रहे कांग्रेस नेता ने संबोधन के लिए कमल नाथ को बुलाया।

तभी राहुल गांधी भी कमल नाथ और दिग्विजय सिंह के बीच पहुंचे और कहा पहले आप गले मिलो। इस पर दोनों नेता मुस्कुरा दिए। तो राहुल फिर बोले नहीं पहले आप गले मिलो, गले मिलो। फिर दोनों नेता हाथों में हाथ डालकर एक साथ आए।

इसके बाद राहुल गांधी भी साथ आए और तीनों ने सभा में मौजूद लोगों का अभिवादन किया।

दरअसल कमल नाथ और दिग्विजय सिंह के बीच खींचतान और मन मुटाव जैसी बातें सामने आती रहती हैं। भाजपा नेता भी कई बार इस बात को हवा दे चुके हैं। ऐसे में भारत जोड़ो यात्रा के मध्य प्रदेश में समापन के मौके पर नुक्कड़ सभा में दोनों नेताओं को गले मिलाना चर्चा का विषय बना हुआ है। attacknews.in

विपक्षी दलों का प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनने के लिए नीतीश कुमार कभी भी बिहार में भाजपा का साथ छोड़कर महागठबंधन की सरकार बना लेंगे;अस्पताल के वार्ड में लिखी गई उठापटक की पटकथा!attacknews.in

जेडीयू-बीजेपी में तनातनी के बीच बिहार के CM नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से संपर्क किया

पटना/नईदिल्ली 8 अगस्त।बहुत ही बड़ी रणनीति के तहत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष का प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वमान्य चेहरा बनने के लिए सोनिया गांधी और लालू प्रसाद यादव को साधकर एनडीए से अलग होने की तैयारी कर ली हैं और कभी भी बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाकर विपक्षी दलों का नेतृत्व कर सकते हैं ।

दिन बुधवार और तारीख थी छह जुलाई। यही कोई सुबह 11:00 बजे का वक्त था। पटना के पारस अस्पताल के बाहर अचानक सुरक्षा इंतजाम चाक-चौबंद होने लगे। पुलिस प्रशासन से लेकर सुरक्षा एजेंसियों का पूरा अमला चंद मिनट में अस्पताल को अपने घेरे में ले चुका था।

इतनी सतर्कता के बीच अचानक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पारस अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर बने वीवीआइपी वार्ड में लालू यादव से मिलने पहुंचते हैं।

वार्ड में ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा जाता है कि क्या लालू यादव को सरकारी खर्चे पर दिल्ली भेजा जाएगा। सवाल सुनते ही नीतीश कुमार ने कहा…यह कोई पूछने वाली बात है। लालू जी को तो सिंगापुर लेकर जाना था इलाज के लिए। फिलहाल दिल्ली एम्स में उनकी सभी जाचें होंगी और इलाज होगा। उसके बाद डॉक्टर तय करेंगे कि आगे क्या किया जाना है।

इसके बाद बिहार में सियासी अटकलों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बात करने का दावा किया जा रहा है. बताया गया है कि दोनों नेताओं के बीच मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई।

बताया जा रहा है कि आने वाले 48 घंटे बिहार में गठबंधन राजनीति के लिए बेहद अहम हैं. जेडीयू एक बार फिर महा गठबंधन के साथ फिर से सरकार बना सकता है. बीजेपी को छोड़कर सभी दलों ने विधायक दल की बैठक बुलाई है।

सूत्रों के मुताबिक, सांसदों और विधायकों की बैठक में अहम फैसला हो सकता है. 2017 में महागठबंधन से अलग होकर जेडीयू एनडीए में शामिल हुई थी. 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद महागठबंधन बना था, तब उसके साथ जदयू भी थी.

कांग्रेस प्रभारी पटना रवाना

इस बीच बिहार कांग्रेस प्रभारी पटना रवाना हो गए हैं. आरसीपी सिंह के इस्तीफे के बाद जेडीयू ने पार्टी सांसदों की बैठक बुलाई है, जिसके बाद सूबे की राजनीति में अटकलों का दौर तेज हो गया है. पार्टी ने सभी सांसदों को सोमवार शाम तक पटना आने को कहा है. इस बैठक में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह भी मौजूद रहेंगे.

कई पार्टियों ने बुलाई बैठक

इसके अलावा मंगलवार को कांग्रेस ने भी विधायक दल की बैठक बुलाई है. जबकि आरजेडी ने भी अपने विधायकों से पटना में रहने को कहा है. इन सारे घटनाक्रमों से अटकलें लगाई जा रही हैं कि बिहार की राजनीति जल्द ही करवट लेने वाली है.

हालांकि जेडीयू यह भी कह रही है कि वह नरेंद्र मोदी कैबिनेट का हिस्सा नहीं बनेगी लेकिन दोनों पार्टियां साथ हैं. मगर राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए अटकलें तेज हो गई हैं कि दोनों पार्टियों के बीच सब ठीक नहीं है.

पिछले महीने सीएम नीतीश कुमार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भी नहीं आए थे. कल 7 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली नीति आयोग की बैठक से भी सीएम नीतीश कुमार नदारद रहे.

भाजपा-जद यू की दोस्ती टूटने की नौबत…

बिहार में चल रही भाजपा-जद यू की दोस्ती टूटने की नौबत किनारे पर है। बिहार में तेज हुई सियासी हलचल के बीच बड़े फेरबदल की भी संभावनाएं जताई जा रही हैं। साथ ही जेडीयू और भाजपा की राहें भी अलग होने के आसार हैं।

शनिवार को ही पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच जदयू से इस्तीफा दे दिया था। बिहार में आरसीपी सिंह और कुमार के बीच बीते कुछ समय से मतभेद की खबरें हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, बीते साल केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में सिंह बगैर कुमार की सहमति के केंद्रीय मंत्री बन गए थे।जारी सियासी उथल-पुथल के बीच आज राज्य के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने का वक्त मांगा है. बीते कुछ दिनों की सियासी घटनाओं के कारण शुरू हुए प्रतिक्रियाओं के दौर के बीच उपमुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री से मिलने का वक्त मांगा है. मुलाकात के दौरान राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा होने की संभावना है. इधर, कांग्रेस ने भी अपने विधायकों की एक बैठक पटना में बुलाई है.

गौरतलब है कि इन दिनों बीजेपी और जेडीयू के बीच खूब खींचतान हो रही है. लेकिन दोनों पार्टियां इस बात को स्वीकार नहीं कर रहीं हैं. जेडीयू ने अपनी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी बीजेपी के साथ अनबन की अटकलों को खारिज करते हुए उसके साथ सब कुछ ठीक होने का दावा किया है, लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह फिर से केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं होगी.

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन ने रविवार को पटना में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुपस्थिति के बारे में सवालों को खारिज करते हुए कहा, ”आपको मुख्यमंत्री से इस बारे में पूछना चाहिए.

नीति आयोग की बैठक में नीतीश की अनुपस्थिति को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई स्पष्टीकरण अब तक नहीं आया है पर मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों के अनुसार कोरोना वायरस से संक्रमण के बाद की अपनी शारीरिक कमजोरी का हवाला देते हुए नीतीश ने उक्त बैठक में शामिल होने पर असमर्थता जताई. हालांकि, इस वजह से कयासों का गौर निकल पड़ा है.

उधर विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने विधायकों को अगले कुछ दिनों के लिए पटना में रहने का आदेश दिया है, जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि राज्य में एक और महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम होने वाला है.

ललन ने बीजेपी के साथ सबकुछ ठीक होने का दावा करते हुए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों में जेडीयू के समर्थन का हवाला दिया. उन्होंने कहा, ”हमारे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने व्हीलचेयर पर मतदान केंद्र पहुंचकर मतदान किया जेडीयू अध्यक्ष ने कहा, ”बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का इससे मजबूत प्रदर्शन नहीं हो सकता.

अश्विनी चौबे ने कहा की बिहार में कोई संकट नही है;

अश्विनी चौबे केंद्रीय मंत्री,ने बिहार के राजनीतिक हालात पर कहा की कोई संकट नही है,गठबंधन है और रहेगा,अफवाहों का बाजार गर्म है,नीतीश दिल्ली नही आए कुछ कारण हो सकते है लेकिन गठबंधन बरकरार रहेगा।

नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी को मिलाया फोन?

इधर नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी से तकरार की खबरों के बीच विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई ।

उन्होंने रविवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी बात की। खास बात है कि जनता दल यूनाइटेड के नेता पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में शामिल होने के बात से इनकार कर चुके हैं।

कांग्रेस हो रही सक्रिय!-

रविवार को दिल्ली में पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक हुई थी, जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी समेत कई बड़े नाम शामिल हुए थे। खास बात है कि इस मीटिंग से कुमार गायब रहे थे। जबकि, खबरें हैं कि वह प्रदेश की राजधानी पटना में आयोजित दो कार्यक्रमों में शामिल हुए थे।विधायक दल की बैठक बुलाई है।

बिहार विधानसभा में दलीय स्थिति :

कुल सदस्य 243
भाजपा 77
जदयू 45
हम 4
निर्दलीय 1
कुल 127
महागठबंधन
राजद 80
कांग्रेस 19
भाकपा माले 12
भाकपा 2
माकपा 2
एआईएमआईएम 01
-कुल 115

अस्पतालों के वार्डों में लिखी गई राजनीतिक उठापटक की पटकथा!

दिन बुधवार और तारीख थी छह जुलाई। यही कोई सुबह 11:00 बजे का वक्त था। पटना के पारस अस्पताल के बाहर अचानक सुरक्षा इंतजाम चाक-चौबंद होने लगे। पुलिस प्रशासन से लेकर सुरक्षा एजेंसियों का पूरा अमला चंद मिनट में अस्पताल को अपने घेरे में ले चुका था।

इतनी सतर्कता के बीच अचानक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पारस अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर बने वीवीआइपी वार्ड में लालू यादव से मिलने पहुंचते हैं।

वार्ड में ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा जाता है कि क्या लालू यादव को सरकारी खर्चे पर दिल्ली भेजा जाएगा। सवाल सुनते ही नीतीश कुमार ने कहा…यह कोई पूछने वाली बात है। लालू जी को तो सिंगापुर लेकर जाना था इलाज के लिए। फिलहाल दिल्ली एम्स में उनकी सभी जाचें होंगी और इलाज होगा। उसके बाद डॉक्टर तय करेंगे कि आगे क्या किया जाना है।
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लोकसभा चुनाव के पहले ही बिखर गया विपक्ष;राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति चुनाव से विपक्ष में उभरा मतभेद, कांग्रेस-टीएमसी में घमासान तेज attacknews.in

नयी दिल्ली 8 अगस्त । राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है लेकिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच जुबानी जंग शुरू होने के साथ विपक्षी दलों में कड़वाहट बढ़ती दिख रही है।

इन चुनावों में विपक्षी दलों के उम्मीदवारों की हार अपेक्षित थी, लेकिन कई लोगों को तब हैरानी हुई जब विपक्ष के बीच राजनीतिक मतभेद उजागर हो गया। विश्लेषकों का कहना है कि दोनों मुख्य विपक्षी दलों के वाकयुद्ध में उतरने और टीएमसी के उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी बनाने के फैसले से 2024 के आम चुनाव की लिए तैयारी कर रहे विपक्ष के मनोबल पर असर पड़ा है और उनकी राजनीतिक संभावना को भी नुकसान पहुंचने की आशंका है।

कांग्रेस और टीएमसी राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का साझा उम्मीदवार तय करने के लिए श्रेय लेने की होड़ में थी लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान दोनों के मतभेद उजागर हो गए।

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट आल्वा को विपक्ष ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के जगदीप धनखड़ के खिलाफ उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मैदान में उतारा, लेकिन ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी ने घोषणा की कि पार्टी चुनाव से दूर रहेगी क्योंकि उम्मीदवार पर फैसला करने से पहले कोई उचित परामर्श नहीं हुआ।

आल्वा की पहली प्रतिक्रिया कठोर थी , जिसमें उन्होंने कहा कि यह अहंकार या क्रोध का समय नहीं है, बल्कि साहस, नेतृत्व और एकजुटता का समय है। हालांकि, उन्हें उम्मीद थी कि बनर्जी साथ देंगी और उनका समर्थन करेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

हार के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सार्वजनिक टिप्पणी में टीएमसी को लेकर नाराजगी प्रकट की। रमेश ने ट्वीट कर कहा कि मार्गरेट आल्वा ने एक उत्साही अभियान चलाया और यह बहुत बुरा है कि टीएमसी ने उनका समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी पहली महिला उपराष्ट्रपति के लिए इंतजार करना होगा।

आल्वा ने चुनाव में उनका समर्थन नहीं करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन करके, कुछ दलों और उनके नेताओं ने अपनी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है।

आल्वा ने कहा कि यह चुनाव विपक्ष के लिए साथ मिलकर काम करने, अतीत को भुलाने और विश्वास बहाल करने का अवसर था।

आल्वा ने कहा, ‘‘चुनाव संपन्न हो गया। हमारे संविधान की रक्षा करने, लोकतंत्र को मजबूत बनाने और संसद की गरिमा बहाल करने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।’’

वहीं, टीएमसी नेता साकेत गोखले ने एक टीवी चैनल पर कहा कि कांग्रेस टीएमसी की सहयोगी नहीं है और वे समान विचारधारा वाली पार्टियां थीं।

उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद कहा, ‘‘कांग्रेस ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ पश्चिम बंगाल में टीएमसी के खिलाफ लड़ाई लड़ी। जिस तरह से विपक्षी उम्मीदवार का फैसला किया गया था, उसके कारण हमने दूर रहने का फैसला किया।’’

टीएमसी के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने रविवार को धनखड़ को उनकी जीत पर बधाई दी और कहा, ‘‘आशा और कामना है तथा आग्रह है कि आप उन सभी लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे, जिन्होंने आपको वोट दिया और समर्थन किया और जो अनुपस्थित रहे या मतदान या समर्थन नहीं किया। जय हिंद!’’

विपक्षी दलों में मतभेद ही नहीं उजागर हुए बल्कि इन दलों को चुनावों में ‘क्रॉस वोटिंग’ का भी सामना करना पड़ा।

राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करने के बजाय राजग उम्मीदवार का साथ दिया।

असम, झारखंड और मध्य प्रदेश विधानसभाओं में बड़ी संख्या में विपक्षी दलों के विधायकों ने भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया।

उपराष्ट्रपति चुनाव में, शिशिर अधिकारी और उनके बेटे दिब्येंदु अधिकारी ने अपनी पार्टी टीएमसी के मतदान से दूर रहने का फैसला करने के बावजूद मतदान किया।

राजग उम्मीदवार मुर्मू और धनखड़, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों में आराम से जीत गए और विपक्ष को अपेक्षित संख्या से भी कम समर्थन मिला।

राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई ने कहा कि चुनावों के परिणाम पहले से ही स्पष्ट थे, लेकिन विपक्षी दलों के बीच एकजुटता की कमी ने सत्तारूढ़ राजग को चुनौती देने वाली पार्टियों के लिए 2024 की राह को और कठिन बना दिया है।

किदवई ने कहा, ‘‘विपक्षी दलों में दरार उजागर हो गई है। इसने विपक्ष के लिए 2024 को लेकर बहुत सारी समस्याएं पैदा कर दी हैं क्योंकि इसने दो प्रमुख विपक्षी दलों के बीच संवाद की कमी को उजागर किया है तथा दोनों दलों के बीच एक-दूसरे के नेताओं को अपने पाले में करने का दौर फिर से शुरू होने की खबर है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस स्थिति में पहुंचने के लिए दोनों दल जिम्मेदार हैं। कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी उसकी सबसे बड़ी ताकत है और इसी तरह टीएमसी को यह समझने की जरूरत है कि कांग्रेस देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी बनी हुई है।’’

इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए, राजनीतिक टिप्पणीकार और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रोफेसर संजय के पांडे ने कहा कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों में जो हुआ वह विपक्षी दलों के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की आलोचना की सार्वजनिक टिप्पणियों ने कोई मदद नहीं की और असल में मतभेदों को बढ़ाया।

पांडे ने कहा ,उनकी एकजुटता से परिणाम पर कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन 2024 के चुनावों के लिए एक संदेश जाता।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि उनमें से कोई भी एकता के बारे में चिंतित नहीं है, बल्कि केवल उन्हें अपने हित से मतलब है।’’
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महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी मामले में अब ठाणे पुलिस ने कालीचरण महाराज को किया गिरफ्तार attacknews.in

ठाणे (महाराष्ट्र), 20 जनवरी । महाराष्ट्र के ठाणे शहर की पुलिस ने महात्मा गांधी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में हिंदू धर्मगुरु कालीचरण महाराज को छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

नौपाड़ा थाने के एक अधिकारी ने बताया कि कालीचरण महाराज को बुधवार रात छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से गिरफ्तार किया गया, जहां वह ऐसे ही एक मामले में जेल में बंद था। उसे ट्रांजिट रिमांड पर ठाणे लाया जा रहा है और बृहस्पतिवार शाम तक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।

इससे पहले, पिछले साल 26 दिसंबर को छत्तीसगढ़ की राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करने के आरोप में रायपुर पुलिस ने कालीचरण महाराज को गिरफ्तार किया था। वहीं, 12 जनवरी को महाराष्ट्र के वर्धा की पुलिस ने उसे इसी तरह के एक मामले में गिरफ्तार किया था।

नौपाड़ा थाने के अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपिता के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एवं महाराष्ट्र के मंत्री जितेंद्र अव्हाड की शिकायत के आधार पर कालीचरण के खिलाफ दर्ज मामले में रायपुर से उसे गिरफ्तार किया गया।

इससे पहले, पुणे पुलिस ने भी 19 दिसंबर 2021 को वहां आयोजित ‘शिव प्रताप दिन’ कार्यक्रम में कथित रूप से भड़काऊ भाषण के मामले में कालीचरण महाराज को गिरफ्तार किया था। छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा मुगल सेनापति अफजल खान को मारे जाने की घटना की याद में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

Video:छत्तीसगढ़ में कांग्रेसियो द्वारा ही मुस्लिम वोटरों को पक्का करने के लिए हिंदू धर्म सभा का आयोजन करके कालीचरण महाराज को षड्यंत्र से फंसा दिया;राहुल गांधी भी इसमें शामिल attacknews.in

लखनऊ 31 दिसम्बर । इस्लाम त्याग कर हिंदू धर्म ग्रहण कर वसीम रिजवी से जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी बनने के बाद हिंदुत्व पर अपने विचार रखने के साथ आज एक वीडियो जारी करते हुए संत कालीचरण महाराज के साथ कांग्रेस पार्टी द्वारा षड्यंत्र कर फंसाने का रहस्योद्घाटन करते हुए कांग्रेस पार्टी पर हिंदुओं को बदनाम करने और मुसलमानों का वोट बैंक सुरक्षित रखने का आरोप लगाया है।

श्री त्यागी ने बताया कि,छत्तीसगढ़ में धर्म सभा का आयोजन कांग्रेस पार्टी द्वारा ही किया गया और महात्मा गांधी पर टिप्पणी के कालीचरण महाराज भाषण के समय बैठे कांग्रेसियो ने आपत्ति क्यों नहीं ली,और अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नाटकीय अंदाज में उन्हें गिरफ्तार करवा दिया ।

इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच का अनुरोध करते हुए बताया कि,छत्तीसगढ़ में एक धर्म संसद हुई जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को भी आना था उक्त धर्म संसद का आयोजन एक वरिष्ठ कांग्रेसी द्वारा कराया गया जिसमें श्री कालीचरण जी को आमंत्रित
किया गया साजिश के तहत ऐसा प्रतीत होता है कि श्री कालीचरण जी के साथ साजिश करते हुए श्री राहुल गांधी द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जी के माध्यम से श्री कालीचरण जी से महात्मा गांधी के संबंध में अभद्र भाषा का प्रयोग कराया
गया क्योंकि उक्त प्रोग्राम महात्मा गांधी से संबंधित नहीं था जब श्री कालीचरण महात्मा गांधी के विरुद्ध बोल रहे थे तो धर्म संसद में उपस्थित कांग्रेसियों द्वारा कोई भी आपत्ति नहीं की गई और ना ही उन्हें बोलने से रोका गया प्रोग्राम की समाप्ति के बाद उक्त प्रकरण तूल दिया गया और श्री कालीचरण को मुद्दा बनाकर और फंसा कर उनके विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करा दी गई और फिर सभी नियमों की अनदेखी करते हुए उन्हें मध्य प्रदेश से बिना किसी नोटिस के तथा बिना प्रदेश के पुलिस विभाग को सूचित किए गिरफ्तार कर हिंदुत्व के ऊपर सवाल खड़े किए गए हैं।

Grievance Status

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Jitendra narayan singh tyagi
Received By Ministry/Department

सेवा में
आदरणीय प्रधानमंत्री जी
भारत सरकार

विषय :- छत्तीसगढ़ में हुए धर्म संसद में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं राहुल गांधी द्वारा साजिश करके श्री कालीचरण जी से महात्मा गांधी के विरुद्ध अभद्र भाषा का प्रयोग करवाते हुए हिंदुत्व के खिलाफ माहौल बनाकर श्री कालीचरण जी को गिरफ्तार करवा के देश में हिंदुत्व को अपमानित करने की साजिश की सीबीआई जांच कराए जाने के संबंध में...

महोदय

निवेदन यह है कि जैसा कि आप अवगत होंगे कि छत्तीसगढ़ में एक धर्म संसद हुई जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को भी आना था उक्त धर्म संसद का आयोजन एक वरिष्ठ कांग्रेसी द्वारा कराया गया जिसमें श्री कालीचरण जी को आमंत्रित किया गया, साजिश के तहत ऐसा प्रतीत होता है कि श्री कालीचरण जी के साथ साजिश करते हुए श्री राहुल गांधी द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जी के माध्यम से श्री कालीचरण जी से महात्मा गांधी के संबंध में अभद्र भाषा का प्रयोग कराया गया क्योंकि उक्त प्रोग्राम महात्मा गांधी से संबंधित नहीं था जब श्री कालीचरण ,महात्मा गांधी के विरुद्ध बोल रहे थे तो
धर्म संसद में उपस्थित कांग्रेसियों द्वारा कोई भी आपत्ति नहीं की गई और ना ही उन्हें बोलने से रोका गया ।प्रोग्राम की समाप्ति के बाद उक्त प्रकरण तूल दिया गया और श्री कालीचरण को मुद्दा बनाकर और फंसा कर उनके विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करा दी गई और फिर सभी नियमों की अनदेखी करते हुए उन्हें मध्य प्रदेश से बिना किसी नोटिस के तथा बिना
प्रदेश के पुलिस विभाग को सूचित किए गिरफ्तार कर हिंदुत्व के ऊपर सवाल खड़े किए गए हैं।

श्री राहुल गांधी पहले से ही हिंदू और हिंदुत्व को आतंकवादी बता कर कट्टरपंथी मुस्लिम समाज के वोटों की राजनीति करते रहे और भगवा हिंदुत्व का प्रचार आतंकियों के रूप में करते रहे इस कारण इस प्रकरण की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच अति आवश्यक है ताकि पर्दे के पीछे की कांग्रेसी भूमिका उजागर हो सके।

अतः आपसे अनुरोध है के उपरोक्त प्रकरण में सीबीआई के माध्यम से निष्पक्ष जांच कराएं और श्री कालीचरण के बयान भी निष्पक्ष रुप से लिए जाएं ताकि उपरोक्त मामले की असलियत असलियत देश और दुनिया के सामने निष्पक्ष रुप से आ सके।

धन्यवाद
भवदीय
जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी
पूर्व अध्यक्ष सेंट्रल वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश लखनऊ
निवासी 394/13 ए कश्मीरी मोहल्ला सहआदतगंज लखनऊ
Mukul Dixit,Under Secretary (Public)
Public Wing 5th Floor, Rail Bhawan New Delhi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इनसे लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा बताया attacknews.in

नयी दिल्ली 26 नवंबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवार आधारित राजनीतिक दलों को लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त घोषित लोगों का महिमामंडन युवाओं को गलत रास्ते पर चलने के लिए उकसाता है।

श्री मोदी ने यहां संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में सविधान दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत के हर हिस्से में परिवार आधारित राजनीतिक दलों का वर्चस्व बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। इसके लिए देशवासियों को जागरूक करने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह एक ही परिवार के कई सदस्यों के राजनीति में आने के खिलाफ नहीं है लेकिन यह योग्यता के आधार पर होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह परिवार आधारित राजनीतिक दल अपना लोकतांत्रिक चरित्र खो चुके हैं, तो इनसे लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की रक्षा करने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। परिवार आधारित राजनीतिक दल पीढ़ी दर पीढ़ी चलते हैं और यह लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकते। ऐसे राजनीतिक दल लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है । उन्होंने कहा कि ऐसे राजनीतिक दल बहुत बड़ी चिंता का विषय है।

योगी आदित्यनाथ की चेतावनी:तालिबान का समर्थन करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा,दंगा भड़काने का प्रयास करेगा तो उसकी आने वाली कई पीढ़ियां भूल जाएंगी कि दंगा कैसे होता है attacknews.in

कैराना (शामली), आठ नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि ‘‘तालिबानी मानसिकता’’ कतई स्वीकार नहीं होनी चाहिये और आगाह किया कि राज्य में तालिबान का समर्थन करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा।

दंगों को राजनीतिक नहीं बल्कि देश की अस्मिता से जुड़़ा मुद्दा बताते हुए योगी ने कहा, ‘‘अगर कोई हमारी अस्मिता को ठेस पहुंचाने, दंगा भड़काने का प्रयास करेगा तो उसकी आने वाली कई पीढ़ियां भूल जाएंगी कि दंगा कैसे होता है।’

योगी ने शामली में 425 करोड़ रुपए की लागत से बनी विभिन्न विकास परियोजना का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में किसी का नाम लिये बगैर कहा, ‘जो लोग अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर नहीं चाहते थे, जो लोग कश्मीर में अनुच्देद 370 को समाप्त करने का विरोध करते थे। यह लोग कब खुश होते हैं… जब मुजफ्फरनगर में दंगा होता है, जब कैराना से पलायन होता है और जब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन होता है। तब उनके नारे लगते हैं लेकिन हम तालिबानीकरण कतई स्वीकार नहीं होने देंगे।’

उन्होंने कोई संदर्भ दिये बगैर कहा, ‘उत्तर प्रदेश की धरती पर जो भी तालिबान का समर्थन करेगा, उससे सख्ती से निपटा जाएगा। तालिबानी मानसिकता नहीं स्वीकार होनी चाहिए। यह समाज को मध्य युग में ले जाने की चेष्टा है।…जो लोग केवल और केवल एक मजहबी जुनून के साथ जीते हैं, वे इन तालिबानी कृत्यों का समर्थन कर रहे हैं। इसे उत्तर प्रदेश की धरती पर कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा।’

मुजफ्फरनगर दंगा और कैराना से पलायन के संदर्भ में योगी ने कहा, ‘हमारे लिए यह राजनीति का नहीं बल्कि प्रदेश और देश की आन, बान और शान पर आने वाली आंच और अस्मिता का मुद्दा है। अगर कोई हमारी अस्मिता को ठेस पहुंचाने का प्रयास करेगा, दंगा भड़काने का प्रयास करेगा तो उसकी आने वाली कई पीढ़ियां भूल जाएंगी कि दंगा कैसे होता है।’

योगी ने पूर्ववर्ती सपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘पहले यहां के नौजवानों को झूठे मुकदमों में फंसा कर उनकी जिंदगी तबाह करने का काम होता था। हमारे वरिष्ठ नेताओं हुकुम सिंह, संजीव बालियान और सुरेश राणा के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाते थे। उन्हें प्रताड़ित किया जाता था। महीनों जेल में डाला जाता था। दंगाइयों को मुख्यमंत्री के आवास पर बुलाकर सम्मानित किया जाता था।’

मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘हमने सत्ता में आने के बाद अपराध और अपराधियों के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनायी है और कभी कैराना से व्यापारियों और नागरिकों को पलायन पर मजबूर करने वाले अपराधी अब खुद भागने को मजबूर हैं। अगर किसी ने व्यापारी या निर्दोष व्यक्ति को गोली मारने की कोशिश की तो, उस गोली ने उसके सीने को चीरा और उसे परलोक पहुंचा दिया।’’

सपा पर निशाना साधते हुए योगी ने आरोप लगाया, ‘जिन लोगों के लिए वोट बैंक सर्वोपरि है, वे मुजफ्फरनगर के दंगाइयों और कैराना के आतताइयों को सम्मानित करते थे। मुजफ्फरनगर में दो निर्दोष नौजवान मारे गए, निर्दोष हिंदुओं के घर जलाए जा रहे थे, तब जातिवाद की राजनीति करने वालों को नजर नहीं आ रहा था।’’

उन्होंने कांग्रेस और सपा के नेताओं का नाम लिये बिना उन पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘कहा गया है धर्म चक्र परिवर्तनाय। यह धर्म चक्र है जिसे (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी ने ऐसा घुमा दिया है कि जो लोग कल तक मंदिर जाने में संकोच करते थे, आज उनका टीका तिलक इतना बड़ा लगा होता है जैसे वे ही सबसे बड़े हिंदू हैं।’

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 250 करोड़ रुपये की लागत से गठित होने वाली पीएसी बटालियन की आधारशिला रखी। इस बटालियन में 1278 जवान रहेंगे।

हार रही हैं ममता बनर्जी:भाजपा प्रत्याशी सुवेन्दु अधिकारी ने नंदीग्राम सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद पत्रकारों से कहा” “आप सभी दो मई को मेरे आवास आएं और मिठाई खाएें” attacknews.in

हल्दिया 12 मार्च । भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुवेन्दु अधिकारी ने शुक्रवार को नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए यहां एसडीओ अधिकारी के सामने अपना नामांकन दाखिल किया।

श्री अधिकारी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के इसी सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के ठीक दो दिन बाद आज अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है।

श्री अधिकारी ने नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले खुदीराम मोड से से उप-विभागीय कार्यालय तक एक रोड शो का नेतृत्व किया और नंदीग्राम से अपनी जीत का दावा किया।

केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और धमेन्द्र प्रधान भी श्री अधिकारी के रोड शो और नामांकन पत्र दाखिल करते समय मौजूद थे।

उन्हाेंने 2016 में तृणमूल की टिकट से अपने प्रतिद्वंदी वाम दल के उम्मीदवार को इस सीट पर 80 हजार मतों से हराया था।

श्री अधिकारी ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, “आप सभी दो मई को मेरे आवास आएं और मिठाई खाएें।”

राज्य विधानसभा की कुल 294 सीटों का चुनाव परिणाम दो मई को घोषित किया जाएगा।

मोदी ही बंगाल में वास्तविक बदलाव लाएंगे:स्मृति ईरानी

भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कटाक्ष करते हुए कहा“ ममता दीदी , जो आपको पसंद हो, आप वो करें लेकिन राज्य में असली परिवर्तन तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही लाएंगे।

श्रीमती ईरानी ने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के आज नामांकन दाखिल करने के बाद उनके पक्ष में की गई रैलियों में कहा“ मैं आज दीदी को बताना चाहती हूं … आपने खेला किया, मोदी जी असली बदलाव लाएंगे।”

उन्होंने तृणमूल के चुनावी नारे“ बंगाल अपनी बेटी को चाहता है” पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा “ दीदी किस बेटी को वोट दिए जाने की जरूरत है ?, किसने 80 वर्ष की महिला पर अत्याचार किया ?किसने भाजपा नेताओ की हत्या की? किसने सरस्वती पूजा को अनुमति और दुर्गा की प्रतिमाओं को विसर्जित नहीं होने दिया? किसने नंदीग्राम आकर चंड़ीपाठ किया और कहा खेला होबे?”

उन्होंने कहा कि देश के लोगों को आयुष्मान योजना से काफी लाभ पहुंचा है लेकिन तृणमूल अध्यक्ष ने राज्य के लोगों को सरकारी योजनाओं से वंचित रखा है। सुश्री ममता बनर्जी के अपनी भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लडने के फैसले पर तंज कसते हुए श्रीमती ईरानी ने कहा“ मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि खेला करने के बाद क्या आपने भवानीपुर छोड़ा या आप नंदीग्राम में खेला करना चाहती हैं।”

उतराखण्ड में तीरथ सिंह रावत की नई 11 मंत्रियों की कैबिनेट का शपथग्रहण राष्ट्रवाद और राष्ट्र भक्ति से ओत-प्रोत रहा,संस्कृत और हिंदी में शपथ के साथ “जय हिन्द” कहकर राज्यपाल को सेल्यूट किया attacknews.in

देहरादून 12 मार्च । उत्तराखंड में शुक्रवार को नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के 11 सदस्यीय कैबिनेट ने शपथ ग्रहण कर ली।

राजभवन में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की उपस्थिति में कैबिनेट सदस्यों को उनके पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। अरविंद पांडेय ने संस्कृत में, जबकि अन्य ने हिन्दी में शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद पहली बार मंत्री बने गणेश जोशी ने जय हिन्द कहकर राज्यपाल को सेल्यूट किया।

उत्तराखंड में अप्रत्याशित तरीके से नौ मार्च को तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा त्यागपत्र देने से उत्पन्न परिस्थितियों में अगले दिन उनका स्थान लेने वाले लोकसभा सदस्य तीरथ सिंह रावत के मंत्री परिषद (कैबिनेट) के मंत्रियों ने शुक्रवार को अपने-अपने पदों की शपथ ग्रहण की। कैबिनेट में सभी मंत्री त्रिवेंद्र सरकार के हैं। साथ ही, उनके समय रिक्त चल रहे तीन मंत्री पदों पर नए विधायकों को भी शामिल कर लिया गया है।

राजभवन में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सभी मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

कार्यक्रम में उन्होंने मंत्री सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, अरविंद पाडेय को शपथ दिलाई। यह सभी त्रिवेंद्र सरकार में भी मंत्री रहे हैं।

इनके साथ ही, आज सुवह तक प्रदेश भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) अध्यक्ष रहे वंशीध्रर भगत गणेश जोशी और बिशन सिंह चुफाल को कैबिनेट मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।

इनके साथ ही राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में पिछली कैबिनेट में शामिल तेजतर्रार राज्यमंत्री रेखा आर्य और धन सिंह रावत के साथ एक अन्य तेजतर्रार विधायक स्वामी यतीश्वरानंद को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।

डीडीहाॅट के असंतुष्ट विधायक चुफाल को भी मंत्रिमंडल में मिली जगह

उत्तराखंड के भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पिथौरागढ़ से पांच बार के विधायक बिशन चुफाल की नाराजगी आखिरकार रंग ले आयी और उन्हें शुक्रवार को तीरथ सिंह मंत्रिमंडल में जगह मिल गयी। वे कैबिनेट स्तर के मंत्री बनाये गये हैैं।

श्री चुफाल ने आज देहरादून में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री पद की शपथ ली। वे सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के डीडीहाॅट से भाजपा के विधायक हैं और वह लगातार पांचवीं बार विधायक चुने गये हैं। वह पूर्व में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इससे साफ है कि पार्टी में अन्य विधायकों के मुकाबले उनका कद ऊंचा है और वह काफी वरिष्ठ हैं।

नरेन्द्र मोदी ने भगवान बुद्ध के अष्टांग मार्ग को दुनिया के सामने आ रही चुनौतियों का स्थायी समाधान बताया attacknews.in

नयी दिल्ली, चार जुलाई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आज जब विश्व असाधारण चुनौतियों से निपट रहा है तो इनका स्थायी समाधान भगवान बुद्ध के आदर्शों से मिल सकता है।

मोदी ने यहां ‘धम्म चक्र’ दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान बुद्ध का अष्टांग मार्ग समाज और राष्ट्रों की कुशलक्षेम की तरफ का रास्ता दिखाता है।

उन्होंने कहा कि यह करुणा और दया की महत्ता को उजागर करता है। भगवान बुद्ध के उपदेश ‘विचार और कार्य’ दोनों में सरलता की सीख देते हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘आज विश्व असाधारण चुनौतियों से निपट रहा है। इन चुनौतियों का स्थायी समाधान भगवान बुद्ध के आदर्शों से मिल सकता है। ये पूर्व में भी प्रासंगिक थे। ये वर्तमान में भी प्रासंगिक हैं और ये भविष्य में भी प्रासंगिक रहेंगे।’’

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज धर्म चक्र दिवस के अवसर पर आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम को एक वीडियो के माध्यम से संबोधित किया। अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में 4 जुलाई, 2020 को आषाढ़ पूर्णिमा को धर्म चक्र दिवस के रूप मना रहा है।

इस दिन गौतम बुद्ध ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के रिसीपत्तन जिसे वर्तमान में सारनाथ के नाम से जाना जाता है, अपने पांच तपस्वी शिष्यों को बौद्ध धर्म का पहला उपदेश दिया था। दुनिया भर में बौ्द्ध धर्म के अनुयायी इस दिवस को धर्म चक्र प्रवत्तन या “धर्म चक्र को गति देने” के दिन के रूप में भी मनाते हैं।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देशवासियों को आषाढ़ पूर्णिमा, जिसे गुरु पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है की बधाई दी और भगवान बुद्ध को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। उन्होंने मंगोलिया सरकार को मंगोलियाई कंजूर की प्रतियां भेंट किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

उन्होंने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं और उनके द्वारा दिखाए गए अष्टांग मार्ग का उल्लेख करते हुए कहा कि यह कई समाजों और राष्ट्रों को कल्याण का मार्ग दिखाता है। बौद्ध धर्म की शिक्षाएं लोगों, महिलाओं और गरीबों के प्रति सम्मान का भाव रखने और अहिंसा तथा शांति का पाठ पढ़ाती हैं, जो पृथ्वी रूपी ग्रह पर सतत विकास का आधार है।

श्री मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध ने अपनी शिक्षाओं में आशा और उद्देश्य के बारे में बात की थी और दोनों के बीच एक मजबूत संबंध का अनुभव किया था। उन्होंने कहा कि वह किस तरह से 21वीं सदी को लेकर बेहद आशान्वित हैं और ये उम्मीद उन्हें देश के युवाओं से मिलती है। उन्होंने कहा कि भारत के पास आज दुनिया में स्टार्टअप का एक सबसे बड़ा परितंत्र मौजूद हैं जहां प्रतिभावान युवा वैश्विक चुनौतियों का समाधान तलाशने में जुटे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया असाधारण चुनौतियों से जूझ रही है जिसका स्थायी समाधान भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से निकल कर आ सकता है। उन्होंने बौद्ध धरोहर स्थलों के साथ और अधिक लोगों को जोड़ने और इन स्थलों से संपर्क बढ़ाने की आवश्यकता के बारे में बात की। उन्होंने हाल ही में उत्तर प्रदेश में कुशीनगर हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने के कैबिनेट के फैसले का भी उल्लेख किया, जिसके माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देने के साथ-साथ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए यात्रा भी सुविधाजनक हो जाएगी।

जब महामारी विश्व भर में मानव जीवन और अर्थव्यवस्थाओं का विध्वंस कर रही है, बुद्ध के संदेश किसी प्रकाश स्तंभ की तरह काम कर रहे हैं: राष्ट्रपति

इस अवसर पर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि जब महामारी विश्व भर में मानव जीवन और अर्थव्यवस्थाओं का विध्वंस कर रही है, बुद्ध के संदेश किसी प्रकाश स्तंभ की तरह काम कर रहे हैं। भगवान बुद्ध ने प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए लोगों को लालच, घृणा, हिंसा, ईष्‍या और कई अन्य बुराइयों को त्यागने की सलाह दी थी। उसी प्रकार की पुरानी हिंसा और प्रकृति की अधोगति में शामिल बेदर्द मानवता की उत्कंठा के साथ इस संदेश की परस्पर तुलना करें। हम सभी जानते हैं कि जैसे ही कोरोना वायरस की प्रचंडता में कमी आएगी, हमारे सामने जलवायु परिवर्तन की एक बड़ी गंभीर चुनौती सामने आ जाएगी।

राष्ट्रपति आज (4 जुलाई, 2020) राष्ट्रपति भवन में धर्म चक्र दिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय बुद्ध परिसंघ द्वारा आयोजित एक वर्चुअल समारोह को संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को धम्म की उत्पत्ति की भूमि होने का गौरव हासिल है। भारत में हम बौद्ध धर्म को दिव्य सत्य की एक नई अभिव्यक्ति के रूप में देखते हैं। भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति और उसके बाद के चार दशकों तक उनके द्वारा उपदेश दिया जाना बौद्धिक उदारवाद और आध्यात्मिक विविधता के सम्मान की भारतीय परंपरा की तर्ज पर था। आधुनिक युग में भी, दो असाधारण रूप से महान भारतीयों-महात्मा गांधी और बाबा साहेब अंबेडकर ने बुद्ध के उपदेशों से प्रेरणा पाई और और उन्होंने राष्ट्र की नियति को आकार दिया।

राष्ट्रपति ने कहा कि उनके पदचिन्हों का अनुसरण करते हुए, महान पथ पर चलने के उनके आमंत्रण के प्रत्युत्तर में हमें बुद्ध के आह्वान को सुनने का प्रयत्न करना चाहिए। ऐसा लगता है कि यह दुनिया अल्प अवधि तथा दीर्घ अवधि दोनों ही प्रकार से कष्टों से भरी हुई है। राजाओं और समृद्ध लोगों की ऐसी कई कहानियां हैं कि भयंकर अवसाद से पीड़ित होने के बाद कष्टों से बचने के लिए उन्होंने बुद्ध की शरण ली। वास्तव में, बुद्ध का जीवन पहले की धारणाओं को चुनौती देता है क्योंकि वह इस अपूर्ण विश्व के मध्य में कष्टों से मुक्ति पाने में विश्वास करते थे।

दिग्विजय सिंह और कमलनाध द्वारा किए जा रहे चरित्र हनन से आहत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, “टाइगर अभी जिंदा है” attacknews.in

भोपाल, 02 जुलाई ।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज कहा कि कुछ लोगों द्वारा पिछले दो माह से चरित्र हनन का प्रयास किया जा रहा है और ऐसे लोगों को वे कहना चाहते हैं ‘टाइगर अभी जिंदा है’।

श्री सिंधिया ने राज्य के शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद यहां मीडिया के सवालों के जवाब में यह टिप्पणी किसी का नाम लिए बगैर की। श्री सिंधिया ने कहा कि न्याय के रास्ते पर चलने के लिए यदि युद्ध करना पड़े तो वे पहली पंक्ति में खड़े हुए हैं।

श्री सिंधिया ने 24 विधानसभा सीटों पर आगामी समय में होने वाले विधानसभा उपचुनावों को लेकर कहा कि राज्य में पंद्रह माहों तक भ्रष्टों की सरकार रही और सिंहासन बनाए रखने के लिए क्या क्या नहीं किया गया। लेकिन पिछले कुछ माहों में शिवराज सिंह चौहान सरकार ने जनता के हित में कार्य प्रारंभ कर दिया है। जनता का विश्वास भी बढ़ा है। इसलिए उन्हें विश्वास है कि सभी 24 सीटों पर भाजपा जीतेगी।

श्री सिंधिया ने मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान मंत्री बनने वाले सभी नेताओं को बधाई देते हुए कहा कि नयी सरकार किसान, गरीब और हर वर्ग के हित में कार्य करने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि यहां की सरकार देश में मध्यप्रदेश का झंडा बुलंद करेगी।

इसके पहले श्री सिंधिया विशेष विमान से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ यहां पहुंचे और मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। वे आज रात्रि विश्राम यहीं करेंगे और कल कुछ कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद वापस दिल्ली रवाना हो जाएंगे।

कांग्रेस ने प्रदेश की जनता से किया धोखा: शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर प्रदेश की जनता से धोखा करने का आरोप लगाते हुए आज पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे आगामी विधानसभा उपचुनाव में उन्हे जवाब देने बूथ लेवल पर जाए और कांग्रेस के इस धोखे को जनता को बताएं।

भाजपा की यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार श्री चौहान आज यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में 30 से अधिक जिलों से आए कांग्रेस कार्यक्रर्ताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाने के बाद उन्हें संबोधित करते हुए यह बातें कही। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा मौजूद रहे। सभी कार्यकर्ताओं को भाजपा का दुपट्टा पहनाकर पार्टी में शामिल किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे, मंत्री तुलसी सिलावट, गोविन्द राजपूत सहित अन्य नेता भी उपस्थित रहे।

श्री चौहान ने भाजपा की सदस्यता लेने वाले कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी ने अच्छा फैसला लिया है और वे सभी का हृदय से स्वागत करते हैं और बधाई देते हैं। उन्होंने कहा कि अब हम मिलजुलकर, एक टीम की तरह जनता की सेवा करेंगे। हम मिलकर मध्यप्रदेश को विकास की दृष्टि से नंबर 1 राज्य बनायेंगे। उन्होंने कांग्रेस पर कर्जमाफी सहित अन्य कई मुद्दों पर जमकर हमला किया।

श्री सिंधिया ने भाजपा की सदस्यता ले रहे कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी संगठन की पूंजी केवल नेता नहीं, उसके कार्यकर्ता होते है। भाजपा में शामिल होने वाले यह नेता और कार्यकर्ता कई वर्षों से जनसेवा और क्षेत्र की जनता के दुख दर्द में साथ रहे। ये अपनी सारी पूंजी आज मुख्यमंत्री श्री चौहान और प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा के हाथों में सौंप रहें है। उन्होंने कहा कि हम मिलकर भाजपा संगठन को मजबूत करेंगे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता पिछले 90 दिनों से आरोप लगा रहे हैं, लेकिन मुंह नहीं खोला। आज वे यह बताना चाहता हैं कि जब देश और प्रदेश कोरोना से जूझ रहा था, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके मंत्रिगण, मुख्यमंत्री श्री चौहान और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित लाखों कार्यकर्ताओं के साथ दिन रात जनता की सेवा में लगे थे, तब कांग्रेस के नेता बाहर निकलकर जनता की सेवा करने के बजाए एसी कमरों में बैठकर आरोप लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि इन नेताओं को मध्यप्रदेश की चिंता नहीं है।

इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्ता शर्मा ने कहा कि,राजमाता विजयराजे सिंधिया ने ज्योतिरादित्य सिंधिया में राष्ट्रवाद का जो बीजारोपण किया था, उसी के कारण श्री सिंधिया ने प्रदेश की जनता के हक में निर्णय लिया। राजमाता ने भी मध्यप्रदेश की दूरावस्था करने वाली गोविन्द नारायण सरकार को गिरा दिया था, ठीक उसी तरह श्री सिंधिया ने मध्यप्रदेश को बचाने के लिए कमलनाथ सरकार के विरूद्ध कठोर निर्णय लिया।

पंकजा मुंडे ने कहा:मैं भाजपा नहीं छोड़ रही हूँ और दलबदल मेरे खून में नहीं है attacknews.in

मुंबई, तीन दिसंबर।अपने भविष्य के राजनीतिक कदम के बारे में अटकलों पर चुप्पी तोड़ते हुए, भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने मंगलवार को कहा कि वह पार्टी नहीं छोड़ रही हैं। मुंडे ने एक दिन पहले ट्विटर परिचय से ‘भाजपा’ शब्द हटा लिया था मुंडे ने रविवार शाम महाराष्ट्र में बदले राजनीतिक परिदृश्य के मद्देनजर फेसबुक पर अपनी“भावी यात्रा” के संबंध में एक पोस्ट करने के साथ ही राजनीति में उनके अगले कदम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म कर दिया था।

उन्होंने सोमवार को अपने ट्विटर बायो से ‘भाजपा’ और अपने राजनीतिक सफर का विवरण हटाकर अफवाहों को और बल दे दिया था।

महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने मिलकर गठबंधन में सरकार बनाया है।

पंकजा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं पार्टी नहीं छोड़ रही हूं। दलबदल मेरे खून में नहीं है।’’

भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा ने उन अफवाहों का भी खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि उनके ट्विटर परिचय से ‘‘भाजपा’’ को हटाने का मकसद अपनी पार्टी पर दबाव बनाना था।

मंगलवार को पंकजा ने दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल स्थित अपने आवास पर भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े, राम शिंदे और विधायक बबनराव लोणीकर से मुलाकात की।

पंकजा ने अभी तक भाजपा की अगुवाई वाली पिछली सरकार में मंत्री के रूप में उन्हें आवंटित आधिकारिक आवास खाली नहीं किया है।

तावड़े ने कहा, ‘‘रविवार को उनके फेसबुक पोस्ट का विरोधियों ने गलत मतलब निकाला, इसलिए वह बहुत आहत थीं। उन्होंने खुद मुझे बताया कि वह पार्टी से नाखुश नहीं हैं।” इससे पहले दिन में, पंकजा ने अपने फेसबुक पेज पर भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और साथ में ‘कमल’ (भाजपा का चिह्न) की एक तस्वीर पोस्ट की।

पंकजा के फेसबुक अकाउंट के ‘अबाउट’ सेक्शन में उनका राजनीतिक संबंध अब भी भाजपा के साथ ही दिख रहा है।

पंकजा ने मराठी में लिखी फेसबुक पोस्ट में कहा था, ‘‘राज्य में बदले राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए यह सोचने और निर्णय लेने की आवश्यकता है कि आगे क्या किया जाए। मुझे स्वयं से बात करने के लिए आठ से 10 दिन की आवश्यकता है। मौजूदा राजनीतिक बदलावों की पृष्ठभूमि में भावी यात्रा पर फैसला किए जाने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने कहा था, ‘‘अब क्या करना है? कौन सा मार्ग चुनना है? हम लोगों को क्या दे सकते हैं? हमारी ताकत क्या है? लोगों की अपेक्षाएं क्या हैं? मैं इन सभी पहलुओं पर विचार करूंगी और आपके सामने 12 दिसंबर को आऊंगी।’’