विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया विश्वभर में वितरित किए गए कोविड-19 रोधी दो अरब टीकों में से 60 प्रतिशत टीके तीन देशों चीन, अमेरिका और भारत को मिले हैं attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, पांच जून । विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक वरिष्ठ सलाहकार ने कहा कि अब तक विश्व भर में वितरित किए गए कोविड-19 रोधी दो अरब टीकों में से करीब 60 प्रतिशत टीके महज तीन देशों चीन, अमेरिका और भारत को मिले हैं।

डब्ल्यूएचओ महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस के वरिष्ठ सलाहकार ब्रुस एलीवर्ड ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘‘इस हफ्ते हमें दो अरब से अधिक टीके मिलेंगे…हम टीकों की संख्या और नए कोविड-19 रोधी टीकों के लिहाज से उल्लेखनीय दो अरब टीकों का आंकड़ा पार कर लेंगे। इन्हें 212 से अधिक देशों में वितरित किया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम दो अरब टीकों की तरफ देखें तो 75 प्रतिशत से अधिक खुराक महज 10 देशों को मिली है। यहां तक कि 60 फीसदी टीके तीन देशों चीन, अमेरिका तथा भारत को मिले हैं।’’

एलीवर्ड ने कहा कि कोवैक्स ने कोविड-19 रोधी टीके 127 देशों में वितरित करने और कई देशों में टीकाकरण अभियान शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने बताया कि दो अरब टीकों में से चीन, भारत और अमेरिका को मिली 60 प्रतिशत खुराकों को ‘‘घरेलू रूप से खरीदा और इस्तेमाल किया गया।’’

एलीवर्ड ने कहा कि केवल 0.5 प्रतिशत टीके कम आय वाले देशों को गए जो दुनिया की आबादी का 10 प्रतिशत हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अब दिक्कत यह है कि टीकों की आपूर्ति बाधित हो रही हैं। भारत तथा अन्य देशों में दिक्कतों के कारण बाधाएं हो रही है तथा इस खाई को भरने में मुश्किल हो रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कम से कम चौथी तिमाही में फिर से टीकों की आपूर्ति शुरू करें।’’

दुनिया का सबसे बड़ा टीका निर्माता एसआईआई कोवैक्स को एस्ट्राजेनेका टीकों की आपूर्ति करने वाला अहम संस्थान है। भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण कोवैक्स को टीकों की आपूर्ति बाधित हो गयी है।

संरा शांतिरक्षकों के लिए दिए गए 200,000 टीके इस्तेमाल हो रहे हैं: संरा प्रवक्ता

इधर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए 2,00,000 टीके दिए थे और ‘‘उन्हें इस्तेमाल किया जा रहा है’’, साथ ही बड़ी संख्या में शांतिरक्षकों का टीकाकरण हो चुका है।

दुजारिक ने शुक्रवार को यह बात कही।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों के टीकाकरण के संबंध में पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर में कहा, ‘‘भारत सरकार ने हमें 200,000 खुराकें दी थीं….और जहां तक मुझे ज्ञात है बड़ी संख्या में शांतिरक्षकों का टीकाकरण चल रहा है।’’

उन्होंने कहा,‘‘ भारतीय टीकों की संख्या 200,000 थी, ये एस्ट्राजेनेका के टीके थे और इनका इस्तेमाल चल रहा है।’’

भारत शांतिरक्षा अभियानों में योगदान देने वाले बड़े देशों में से एक है और उसने संयुक्त राष्ट्र के सभी मिशनों में काम कर रहे शांतिरक्षकों के टीकाकरण के लिए टीकों की 2,00,000 खुराकें दी हैं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फरवरी में घोषणा की थी कि भारत संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों के लिए टीके देगा।

संयुक्त राष्ट्र को चीन की ओर से टीके की पेशकश के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा ‘‘हम रूस के अधिकारियों की ही भांति चीन के अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में पाकिस्तान और अफगानिस्तान अल-कायदा के कट्टर आतंकवादियो की पनाहगाह;संगठन का सरगना आयमन मोहम्मद रबी अल-जवाहिरी भी यही कहीं छिपा है attacknews.in

 

संयुक्त राष्ट्र, पांच जून । संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवादी संगठन अलकायदा के अधिकतर कट्टर आतंकवादी अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीमाई क्षेत्र में रह रहे हैं, इनमें संगठन का पूर्व सरगना आयमन अल जवाहिरी भी शामिल है। माना जाता है कि जवाहिरी जिंदा है और बेहद कमजोर है।

यह रिपोर्ट शुक्रवार को जारी की गयी। इसमें कहा गया है कि तालिबान से जुड़े अलकायदा के आतंकवादी और अन्य विदेशी चरमपंथी अफगानिस्तान के विभिन्न हिस्सों में रह रहे है।

अलकायदा आतंकवादी आयमन मोहम्मद रबी अल-जवाहिरी के बारे में माना जा रहा कि वह अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीमाई क्षेत्र में कहीं छिपा है। पूर्व में खराब स्वास्थ्य के कारण उसकी मौत की खबरें आयी थीं लेकिन उसकी पुष्टि नहीं हो पायी।

रिपोर्ट के मुताबिक जवाहिरी जिंदा है लेकिन इतना कमजोर हो गया है कि उसके बारे में नहीं बताया जाता है। रिपोर्ट में देश का नाम नहीं बताया गया है।

अलकायदा के नेतृत्व में मूल रूप से गैर अफगान लोग हैं और इसमें उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम एशियाई देशों के नागरिक हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘सदस्य देशों का आकलन है कि अलकायदा और तालिबान के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच वर्तमान में औपचारिक वार्ता नहीं हो रही। वहीं, एक सदस्य देश ने कहा है कि शांति प्रक्रिया को लेकर तालिबान और अलकायदा के बीच लगातार संवाद हो रहा है।’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा तालिबान की सरपरस्ती में अफगानिस्तान के कंधार, हेलमंद और निमरूज प्रांतों में सक्रिय है।

इस समूह में अफगान और पाकिस्तानी नागरिकों के अलावा बांग्लादेश, भारत और म्यांमा के भी आतंकी है। भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा का वर्तमान नेता ओसामा महमूद है और उसने असीम उमर की जगह ली है।

भारत सरकार ने ट्विटर को नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए ‘एक आखिरी मौका’ दिया;विफल रहने पर उसे मिली छूट वापस ले ली जाएगी और कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा attacknews.in

नयी दिल्ली, पांच जून । सरकार ने शनिवार को ट्विटर को नोटिस जारी कर उसे तत्काल नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए ‘एक आखिरी मौका’ दिया है। सरकार की ओर से आगाह किया गया है कि यदि ट्विटर इन नियमों का अनुपालन करने में विफल रहती है, तो वह आईटी कानून के तहत दायित्व से छूट को गंवा देगी।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी) ने कहा कि ट्विटर द्वारा इन नियमों के अनुपालन से इनकार से पता चलता है कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट में प्रतिबद्धता की कमी है और वह भारत के लोगों को अपने मंच पर सुरक्षित अनुभव प्रदान करने का प्रयास नहीं करना चाहती।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत में करीब एक दशक से अधिक से परिचालन के बावजूद यह विश्वास करना मुश्किल है कि ट्विटर ने एक ऐसा तंत्र विकसित करने से इनकार कर दिया है, जिससे भारत के लोगों को उसके मंच पर अपने मुद्दों के समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से उचित प्रक्रिया के जरिये हल में मदद मिलती।’’

मंत्रालय ने कहा कि ये नियम हालांकि 26 मई, 2021 से प्रभावी हैं, लेकिन सद्भावना के तहत टि्वटर इंक को एक आखिरी नोटिस के जरिये नियमों के अनुपालन का अवसर दिया जाता है। उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है। यदि वह इसमें विफल रहती है, तो उसे दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी। साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।

नोटिस में हालांकि यह नहीं बताया गया है कि ट्विटर को इन नियमों का अनुपालन कब तक करना है।

विश्व पर्यावरण दिवस पर नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी दोनों एक साथ चल सकती हैं, आगे बढ़ सकती हैं। भारत ने यही रास्ता चुना है’’ attacknews.in

नयी दिल्ली, पांच जून । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से आ रही चुनौतियों के प्रति भारत ना सिर्फ जागरूक है बल्कि सक्रियता से काम भी कर रहा है। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि अपना देश आज जलवायु न्याय का अगुवा भी बनकर उभरा है।

विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित एक समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब पर्यावरण की रक्षा की बात हो तो यह जरूरी नहीं कि विकास कार्यों को अवरूद्ध किया जाए और इस मामले में भारत दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी दोनों एक साथ चल सकती हैं, आगे बढ़ सकती हैं। भारत ने यही रास्ता चुना है।’’

इस कार्यक्रम का आयोजन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने संयुक्‍त रूप से किया। इस वर्ष के आयोजन का विषय है-बेहतर पर्यावरण के लिए जैव ईंधन को बढ़ावा।

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी, धर्मेंद प्रधान, पीयूष गोयल और प्रकाश जावड़ेकर सहित कई अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल और संपीडित बायोगैस कार्यक्रमों के तहत किसानों के प्रत्यक्ष अनुभवों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए कुछ किसानों से संवाद भी किया।

इसके बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए जो वैश्विक प्रयास चल रहे हैं उनमें भारत ना सिर्फ एक आशा की किरण बनकर उभरा है बल्कि मानव जाति के कल्याण के एक विश्वस्त साथी के रूप में उसने अपनी पहचान बनाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘जो दुनिया कभी भारत को एक चुनौती के रूप में देखती थी। जलवायु परिवर्तन… इतनी बड़ी आबादी… लोगों को लगता था कि संकट यहीं से आएगा… लेकिन आज स्थिति बदल गई है। आज हमारा देश जलवायु परिवर्तन का अगुवा बनकर उभर रहा है। एक विकराल संकट के विरुद्ध बड़ी ताकत बन रहा है।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘एक सूर्य, एक विश्व और एक ग्रिड’’ की दृष्टि को साकार करने वाला अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन हो या फिर आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिये गठबंधन की पहल, भारत एक बड़ी वैश्विक दृष्टि के साथ आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में भारत दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल है।

उन्होंने कहा कि जब पर्यावरण की रक्षा की बात हो तो जरूरी नहीं कि ऐसा करते हुए विकास के कार्यों को भी अवरुद्ध किया जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत, दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी दोनों एक साथ चल सकते हैं, आगे बढ़ सकती हैं। भारत ने यही रास्ता चुना है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से जो चुनौतियां सामने आ रही हैं, भारत उनके प्रति जागरूक भी है और सक्रियता से काम भी कर रहा है।

उन्होंने कहा कि अब एथेनॉल 21वीं सदी के भारत की बड़ी प्राथमिकताओं से जुड़ गया है और एथेनॉल पर ध्यान केंद्रित करने से पर्यावरण के साथ ही एक बेहतर प्रभाव किसानों के जीवन पर भी पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भारत ने एक और बड़ा कदम उठाया है। एथेनॉल सेक्टर के विकास के लिए एक विस्तृत रोडमैप अभी जारी हुआ है। देशभर में एथेनॉल के उत्पादन और वितरण से जुड़ा महत्वाकांक्षी ई-100 पायलट प्रोजेक्ट भी पुणे में शुरू किया गया है। आज हमने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिलाने के लक्ष्य को 2025 तक पूरा करने का संकल्प लिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी के भारत को, 21वीं सदी की आधुनिक सोच, आधुनिक नीतियों से ही ऊर्जा मिलेगी। इसी सोच के साथ हमारी सरकार हर क्षेत्र में निरंतर नीतिगत निर्णय ले रही है।’’

मध्यप्रदेश में शुक्रवार को कोरोना के 798 नये मरीज आये सामने, 50 की मृत्यु; अबतक संक्रमितों की संख्या 7,83,743 और मृतकों की संख्या 8257 हुई attacknews.in

भोपाल, 04 जून । मध्यप्रदेश में घटते कोरोना संक्रमण के बीच आज 798 लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये।आज भी इस महामारी ने 50 लोगों की जान ले ली।

अब प्रदेश में सक्रिय मामले घटकर 12,889 पहुंच गयी है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से शाम को जारी बुलेटिन के अनुसार 79,917 सैंपल की जांच में 798 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।

जांच रिपोर्ट में 79,119 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव रहे।

जबकि 137 सैंपल रिजेक्ट हुए और आज संक्रमण दर घटकर 0़ 9 प्रतिशत पहुंच गयी।

प्रदेश भर में आज 798 नए मामले आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7,83,743 हाे गयी।

राहत की खबर है कि इनमें से 7,62,597 लोग कोरोना संक्रमण को परास्त कर चुके हैं।

इस संक्रमित महामारी ने राज्य में अब तक 8257 लोगों की जान ले ली है।

वर्तमान में सक्रिय मामले अब 12,889 हो गए हैं।

मध्यप्रदेश की साप्ताहिक पॉजिटिविटी 1. 5 प्रतिशत तथा आज की पॉजिटिविटी 1.0 प्रतिशत है।

अब प्रदेश के 32 जिले ग्रीन जोन में हैं, जहां 01 फीसदी से कम साप्ताहिक पॉजिटिविटी है।

प्रदेश के शेष जिले ऑरेंज जोन में हैं जहां 1 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक साप्ताहिक पॉजिटिविटी है।

तीन जिलों अलीराजपुर, छतरपुर तथा झाबुआ में नए प्रकरण 0 हैं तथा तीन जिलों बुरहानपुर, कटनी तथा मंडला में 1-1 नए प्रकरण आए हैं।

अलीराजपुर जिले में केवल 02 एक्टिव प्रकरण हैं।

मध्यप्रदेश के 04 जिलों में ही 15 से अधिक नए प्रकरण आए हैं।

इंदौर में 246, प्रकरण, भोपाल में 176, जबलपुर में 64 तथा सागर में 18 नए प्रकरण आए हैं।

इंदौर की साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 4.4 फीसदी, भोपाल की 3.4 प्रतिशत, जबलपुर की 1.6 प्रतिशत तथा सागर की 1.1 प्रतिशत है।

अब कोरोना के 5006 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं, 7883 मरीज होम आइसोलेशन में हैं।

अस्पतलों में भर्ती मरीजों में 1834 मरीज आई.सी.यू. में, 2011 मरीज ऑक्सीलन बैड्स पर तथा 1161 मरीज सामान्य बैड्स पर हैं।

चीन बना तानाशाह: थ्येन आनमन चौक के खूनी तांडव के इतिहास का नामो-निशान अपने देश से मिटाने के बाद हांगकांग में भी मिटाने की तैयारी attacknews.in

 

हांगकांग, चार जून (एपी) चीन ने बीजिंग के तियान आन मेन चौक पर लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर 1989 की खूनी कार्रवाई पर कोई भी चर्चा अपने मुख्य भूभाग पर नहीं होने दी और अब ऐसा ही कुछ वह हांगकांग में भी करने जा रहा है।

हांगकांग और पास में स्थित मकाऊ में वर्षों से चार जून 1989 को हुई घटनाओं की याद में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जब चीन की जनमुक्ति सेना ने छात्रों की अगुवाई में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई थी जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे।

पिछले साल से पहले तक हजारों लोग हांगकांग के विक्टोरिया पार्क में एकत्रित होकर पीड़ितों की याद में मोमबत्तियां जलाते और गाने गाते थे लेकिन प्राधिकारियों ने कोरोना वायरस महामारी का हवाला देते हुए लगातार दूसरे साल ऐसे किसी भी आयोजन के लिए इनकार कर दिया और शुक्रवार को इस घटना की बरसी वाले दिन इसके एक आयोजक को गिरफ्तार कर लिया गया।

इस कार्यक्रम के लिए बनाए गए एक अस्थायी संग्रहालय को इस हफ्ते अचानक बंद कर दिया गया।

हांगकांग के सुरक्षा मंत्री ने पिछले हफ्ते निवासियों को अवैध रूप से एकत्रित होने के खिलाफ आगाह किया था।

हांगकांग में 2019 के सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद से चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया है जिसके तहत प्रदर्शनकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही प्राधिकारियों ने शहर के सभी मुखर और लोकतंत्र समर्थक शख्सियतों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से ज्यादातर या तो जेल में बंद हैं या शहर छोड़कर चले गए हैं।

इस साल पाबंदियों के बावजूद हांगकांग में लोगों से शुक्रवार रात आठ बजे एक मोमबत्ती जलाने का आह्वान किया गया है चाहे वे कहीं भी हो। सोशल मीडिया पर की जा रही ऑनलाइन अपीलों में लोगों से शुक्रवार को काले कपड़े पहनने को भी कहा गया है

गरीब परिवार की बच्चियों को शादी का झांसा, रुपये का प्रलोभन देकर अन्य राज्यों में ले जाकर बेचने वाले अंतर प्रांतीय मानव तस्कर गिरोह का भंडाफोड़,8 सदस्य गिरफ्तार attacknews.in

 

दुमका, 04 जून । झारखंड में दुमका जिला पुलिस ने गरीब परिवार की बच्चियों को शादी का झांसा और रुपये का प्रलोभन देकर अन्य राज्यों में ले जाकर बेचने वाले अंतर प्रांतीय मानव तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ कर आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) विजय कुमार ने शुक्रवार को बताया कि दुमका जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र सहित अन्य ग्रामीण इलाकों से मानव तस्करों द्वारा निर्धन परिवार की बच्चियों को रुपये और शादी का झांसा देकर अन्य राज्यों में बेचने की लगातार शिकायतें मिल रही थी।

इस सूचना पर पुलिस की विशेष टीम गठित कर त्वरित कार्रवाई शुरू की गयी।

इसी क्रम में पुलिस टीम ने दुमका मुफस्सिल थाना क्षेत्र में परिवार की बच्चियों को रुपए और शादी का प्रलोभन देकर उत्तर प्रदेश हरियाणा ओर मध्य प्रदेश आदि राज्यों में ले जाकर मानव तस्करी करने वाले गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।

श्री कुमार ने बताया कि मानव तस्करी में सहयोगी का काम करने वाले झारखंड के दुमका जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बड़तल्ला निवासी आनंद पाल के साथ उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के ऐट थाना के पोचखरा के राजेंद्र सिंह, जखोली के हमीद, चमारी के रघुनाथ सिंह, केलिया थाना के कमतरी पहाड़पुर के रामरुप, थाना कोतवाली जालौन के सानू अली झांसी जिले के ऐरज थाना के बेहतर कुड़री के सोमनाथ और मध्य प्रदेश के भिंड जिले के असवार थाना के बरहा गांव निवासी लखन जाटव समेत आठ मानव तस्कर शामिल है।

पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि मानव तस्करी में संलिप्त गिरफ्तार अंतरप्रांतीय मानव तस्कर गिरोह के सदस्यों के पास से तलाशी के दौरान 80 हजार रुपए नगद, कई बच्चियों और उनके परिवार का आधार कार्ड, मोबाइल एवं एक वाहन बरामद किया गया है।

उन्होंने आमलोगों से इन मानव तस्करों के किसी तरह के प्रलोभन से बचने और शादी का झूठा दिलासा देकर यहां की बच्चियों को अन्यत्र बेचने से बचाने की अपील करते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त कोई भी अनजान व्यक्ति गांव में दिखे तो इसकी सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को दें जिससे यहां की बच्चियों के जीवन की रक्षा की जा सके।

नोलूरानी ससुराल जाती और पति को सुलाकर भाग जाती;फर्जी शादी करवाने के मामले में दुल्हन सहित महिला एवं दो व्यक्ति गिरफतार,लोगो को शादी का लालच देकर वसूलते थे मोटी रकम attacknews.in

 

बारां 04 जून ।राजस्थान के बारां जिले के कवाई थाना क्षेत्र में कुंआरे युवक से मोटी रकम लेकर फर्जी शादी करवाने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफास करते हुये फर्जी दुल्हन सहित एक महिला एवं दो व्यक्तियों को गिरफतार किया है।

जिला पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार बंसल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों मंें गिरोह का सरगना जोधराज धाकड़ एवं अन्य सहयोगी नजमा, नन्दकिशोर एवं फर्जी दुल्हन नीलू उर्फ रानी है।

आरोपियों ने परिवादी डेढ़ लाख रूपये तय करके नीलू उर्फ रानी की शादी परिवादी से करवायी।

दो दिन रहने के बाद नीलू उर्फ रानी ने अपने पति रामनिवासी मेघवाल को चाय के साथ नशीला पदार्थ खिलाकर उसके बेहोश होने के बाद फरार हो गये।

उन्होंने बताया कि प्रकरण की गंम्भीरता को देखते हुए विजय स्वर्णकार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बारां के निर्देशन में सोजीलाल वृताधिकारी वृत अटरू के नेतृत्व में पुलिस एवं तकनीकी टीम गठित की गई।

गठित टीम द्वारा तकनीकी सहायता एवं मुखबीर की सूचना पर गिरोह के सरगना जोधराज धाकड एवं अन्य सहयोगी नजमा, नन्दकिशोर एवं फर्जी दुल्हन नीलू उर्फ रानी को गिरफतार कर लिया गया।

गिरफतार मुल्जिमान से अनुसंधान किया गया तो गिरोह के मुखिया जोधराज, नजमा एवं सहयोगी नन्दकिशोर धाकड़ द्वारा लोगो को शादी का लालच देकर उनसे मोटी रकम वसूल कर उनकी शादी करवाते थे।

फिर योजनाबद्व तरीके से शादी की गई फर्जी दुल्हन को एक-दो दिन बाद वापस भगाने की योजना बनाकर सुसराल से भगा देते थे।

कोविड से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों के लिए रिजर्व बैंक की 15,000 करोड़ रुपये की नकदी सुविधा, इसके तहत कर्ज तीन साल के लिये उपलब्ध होगा attacknews.in

मुंबई, चार जून । कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों को समर्थन के लिए रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 15,000 करोड़ रुपये की तरलता खिड़की सुविधा शुरू करने का फैसला किया है। यह सुविधा संपर्क-गहन क्षेत्रों मसलन होटल और रेस्तरां, पर्यटन तथा विमानन सहायक सेवाओं वाले क्षेत्र के लिये पेश की गई है।

यह सुविधा 31 मार्च, 2022 तक रेपो दर पर उपलब्ध 50,000 करोड़ रुपये की नकदी सुविधा के अतिरिक्त है। इसके तहत कर्ज तीन साल के लिये उपलब्ध होगा। इसकी घोषणा पांच मई को कोविड से जुड़े स्वास्थ्य क्षेत्र को जरूरी मदद के लिये की गई थी।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘संपर्क-गहन क्षेत्रों पर दूसरी लहर के प्रतिकूल प्रभाव से उबरने के लिए 31 मार्च, 2022 तक 15,000 करोड़ रुपये की एक अलग तरलता खिड़की शुरू होगी। रेपो दर पर इसकी अवधि तीन साल की होगी।’’

गवर्नर ने कहा कि इस योजना के तहत होटल, रेस्तरां, पर्यटन–ट्रैवल एजेंट, टूर ऑपरेटरों और एडवेंचर/हेरिटेज सुविधाओं, विमानन सहायक सेवाओं… ग्राउंड हैंडलिंग और आपूर्ति श्रृंखला और अन्य सेवाओं मसलन निजी बस परिचालकों, कार मरम्मत सेवाओं, किराये पर कार उपलब्ध कराने वालों, कार्यक्रम आयोजकों, स्पा क्लिनिक और ब्यूटी पार्लर/ सैलून आदि के लिए बैंक नया ऋण उपलब्ध करा सकते हैं।

दास ने कहा, ‘‘एक प्रोत्साहन के तहत बैंकों को इस योजना के तहत अपने ऋण आकार के बराबर अधिशेष नकदी को रिवर्स रेपो सुविधा के तहत रिजर्व बैंक के पास रखने की अनुमति होगी। इसके लिए बैंकों को रेपो दर से 0.25 प्रतिशत कम या दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो रिवर्स रेपो दर से 0.40 प्रतिशत अधिक ब्याज मिलेगा।’’

वित्त मंत्रालय ने इससे पहले इस सप्ताह की शुरुआत में तीन लाख करोड़ रुपये की आपात रिण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के दायरे का विस्तार करते हुये अस्पतालों में आक्सीजन संयंत्र लगाने के लिये भी योजना के तहत रियायती रिण उपलब्ध कराया जायेगा।

इसके साथ ही योजना की वैधता को तीन माह बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया गया है अथवा तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज के लिये गारंटी जारी होने तक के लिये बढ़ा दिया गया है। सरकार ने इस सुविधा (ईसीएलजीएस 3.0) के तहत पात्रता के वासते 500 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज की सीमा को भी हटा दिया है। इसमें अब प्रत्येक उधार लेने वाले को ईसीएलजीएस सहायता अधिकतम 40 प्रतिशत अथवा 200 करोड़ रुपये जो भी कम होगी रखी जायेगी। इसके तहत नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिये कर्ज को भी पात्र बना दिया गया है। इससे पहले इसमें आतिथ्य, यात्रा और पर्यटन, विश्राम स्थलों और खेलकूद वाले व्यवसायों को पात्र बनाया गया था। इसमें जिन व्यासायों का बकाया 29 फरवरी 2020 को 500 करोड़ रुपये से अधिक नही था। यदि कोई लंबित भुगतान था वह भी 60 दिन अिावा उससे कम होना चाहिये।

बलात्कार के आरोपी पत्रकार की अग्रिम जमानत को चुनौती वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दी कि,एक पुरुष आग्रह करता है और महिला मान जाती है, क्या इस चरण में इससे आगे भी कुछ कहने की जरूरत है attacknews.in

नयी दिल्ली, 04 जून । उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार के एक मामले में मुंबई के टीवी पत्रकार वरुण हीरेमथ की अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।22 वर्षीय महिला ने पत्रकार के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया है।

मुंबई के टीवी पत्रकार वरुण पर आरोप है कि उसने एक मॉडल के साथ दिल्ली में बलात्कार किया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गत 13 मई को वरुण की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली, जिसे शीर्ष अदालत में चुनौती दी गयी थी।

न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की अवकाशकालीन खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शिकायतकर्ता की अपील ठुकरा दी।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नित्या रमाकृष्णन ने दलील दी कि उच्च न्यायालय का आरोपी को अग्रिम जमानत देने का निर्णय त्रुटिपूर्ण है।

सुश्री रमाकृष्णन ने याचिका के समर्थन में कई तरह की दलीलें दी और कहा कि उनकी मुवक्किल ने कमरे के अंदर बार-बार यौन संबंध बनाने के लिए मना किया था।

खंडपीठ ने उनकी दलील और याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि एक पुरुष आग्रह करता है और महिला मान जाती है, क्या इस चरण में इससे आगे भी कुछ कहने की जरूरत है।

यह मामला चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन से जुड़ा है।
निचली अदालत ने पत्रकार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने वरुण को राहत प्रदान करते हुए अग्रिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।

न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की अवकाशकालीन पीठ ने शिकायतकर्ता की याचिका को खारिज करते हुए कहा, ‘‘हमें दखल देने की कोई वजह नजर नहीं आयी। विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है।’’

उच्च न्यायालय ने इस मामले में पत्रकार वरुण हिरेमथ को 13 मई को अग्रिम जमानत दी थी।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपी ने 20 फरवरी को चाणक्यपुरी में एक पांच सितारा होटल में उससे बलात्कार किया था।

हिरेमथ ने 12 मार्च को यहां एक निचली अदालत से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी।

महिला की शिकायत के आधार पर यहां चाणक्यपुरी पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार के लिए सजा), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाने के लिए सजा) और 509 (किसी महिला का शील भंग करने के इरादे वाला शब्द, भाव भंगिमा या कार्य करना) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील ने उच्चतम न्यायालय में दलील दी कि आरोपी पहले 50 दिन तक फरार रहा था और उसने गैर जमानती वारंट भी नजरअंदाज किए थे।

शीर्ष न्यायालय में अपनी याचिका में महिला ने आरोप लगाया कि आरोपी ने पुलिस जांच में सहयोग न करने के बावजूद एक दिन के लिए भी न्यायिक पूछताछ का सामना नहीं किया।

याचिकाकर्ता ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा छह अप्रैल को आरोपी को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दिए जाने के बाद आरोपी जांच अधिकारियों के समक्ष पेश हुआ।

आरोपी की ओर से पेश वकील ने निचली अदालत में दावा किया था कि शिकायकर्ता और पत्रकार के बीच यौन संबंध रहे हैं।

आरोपी के वकील ने दोनों के बीच प्रेम प्रसंग दिखाने के लिए निचली अदालत में व्हाट्सऐप तथा इंस्टाग्राम पर उनकी चैट भी दिखाई।

निचली अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि शिकायकर्ता के आरोपी के साथ पूर्व के अनुभव सहमति के तौर पर नहीं माने जा सकते और अगर अदालत में महिला कहती है कि उसकी सहमति नहीं थी तो यह माना जायेगा कि उसकी रजामंदी नहीं थी।

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स को बेचने लगे थे वितरक ऊंची कीमत के स्तर पर,मार्जिन 198 प्रतिशत तक चला गया था,सरकार ने लगाई लगाम और 70 प्रतिशत की अधिकतम सीमा निर्धारित की attacknews.in

एनपीपीए एक सप्ताह के भीतर संशोधित एमआरपी सूचित करेगा

नईदिल्ली 4 जून ।कोविड महामारी के कारण उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों, जिसके परिणामस्वरूप् ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की अधिकतम खुदरा कीमतों (एमआरपी) में हाल में अस्थिरता आई है, को देखते हुए सरकार ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की कीमत को विनियमित करने के लिए कदम उठाने का फैसला किया है।

सरकार द्वारा संग्रहित सूचना के अनुसार, वर्तमान में वितरक के स्तर पर मार्जिन 198 प्रतिशत तक चला गया है।

व्यापक सार्वजनिक हित में डीपीसीओ, 2013 के पैरा 19 के तहत असाधारण शक्तियों को लागू करते हुए एनपीपीए ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स पर वितरक के लिए मूल्य (पीटीडी) स्तर पर व्यापार मार्जिन पर 70 प्रतिशत की अधिकतम सीमा निर्धारित की है।

इससे पहले, फरवरी 2019 में एनपीपीए ने सफलतापूर्वक कैंसर-रोधी दवाओं पर व्यापार मार्जिन पर अधिकतम सीमा निर्धारित की थी।

अधिसूचित व्यापार मार्जिन के आधार पर, एनपीपीए ने विनिर्माताओं/आयातकों को तीन दिनों के भीतर संशोधित एमआरपी रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। एनपीपीए द्वारा एक सप्ताह के भीतर सार्वजनिक रूप से संशोधित एमआरपी की सूचना दे दी जाएगी।

प्रत्येक रिटेलर, डीलर, अस्पताल और संस्थान विनिर्माता द्वारा प्रस्तुत मूल्य सूची को व्यवसाय परिसर के एक विशेष हिस्से में इस प्रकार से प्रदर्शित करेगा कि इसके लिए संपर्क करने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए इसकी पहुंच सुगम हो।

व्यापार मार्जिन पर अधिकतम सीमा निर्धारित करने के बाद इसका अनुपालन नहीं करने वाले विनिर्माता/आयातक अनिवार्य वस्तु अधिनियम, 1955 के साथ पठित औषधि आदेश (मूल्य नियंत्रण), 2013 के प्रावधानों के तहत 15 प्रतिशत ब्याज दर तथा 100 प्रतिशत तक आर्थिक दंड के साथ अधिक वसूली गई राशि जमा करने के उत्तरदायी होंगे।

राज्य औषधि नियंत्रक (एसडीसी) यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई विनिर्माता, वितरक, रिटेलर किसी ग्राहक को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की बिक्री संशोधित एमआरपी से अधिक मूल्य पर न करे तथा कालाबाजारी की घटनाओं को रोकने के लिए आदेश के अनुपालन की निगरानी करेंगे।

यह आदेश 30 नवंबर तक लागू रहेगा, फिर से इसकी समीक्षा की जाएगी।

देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में बीमारी के मामलों में आई तेजी के साथ, मेडिकल ऑक्सीजन की मांग में भारी बढोतरी हो गई है।

सरकार महामारी के दौरान देश में समुचित मात्रा में ऑक्सीजन तथा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की निर्बाधित आपूर्ति सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है।

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक गैर-अधिसूचित औषधि है तथा वर्तमान में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की स्वैच्छिक लाइसेंसिंग ढांचे के तहत है। इसकी कीमत की निगरानी डीपीसीओ 2013 के प्रावधानों के तहत की जा रही है।

ईडी ने उर्वरक घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले और 685 करोड़ रुपए की रिश्वत की जांच में राजद नेता, राज्यसभा सदस्य अमरेंद्र धारी सिंह को गिरफ्तार attacknews.in

 

नयी दिल्ली, तीन जून । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित उर्वरक घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले और 685 करोड़ रुपए की रिश्वत के मामले की जांच के सिलसिले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता एवं राज्यसभा सदस्य अमरेंद्र धारी सिंह को गिरफ्तार किया है।

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि 61 वर्षीय सांसद और कारोबारी सिंह को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की धाराओं के तहत यहां डिफेंस कॉलोनी स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया।

अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि सिंह को हिरासत में कब लिया गया।

उन्होंने बताया कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) 2007-14 के बीच इफको के प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी और इंडियन पोटाश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक परविंदर सिंह गहलोत के प्रवासी भारतीय बेटों तथा अन्य द्वारा विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से कथित तौर पर 685 करोड़ रुपए का अवैध कमीशन हासिल करने के मामले की जांच कर रहा है। इन लोगों पर अगस्तावेस्टलैंड मामले में आरोपी राजीव सक्सेना की मदद से हुए लेन-देन के जरिए यह कमीशन लेने का आरोप है।

अधिकारियों ने बताया कि ऐसा कहते हैं कि सिंह इस मामले में संलिप्त फर्म ‘ज्योति ट्रेडिंग कॉरपोरेशन’ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं।

उन्होंने बताया कि धनशोधन के संबंध में उनकी भूमिका ईडी की जांच के दायरे में है और अदालत से उनकी हिरासत हासिल करने के बाद एजेंसी उनसे आगे पूछताछ करेगी।

अधिकारियों ने सीबीआई की प्राथमिकी का अध्ययन किया, जिसके बाद ईडी का मामला दर्ज किया गया। सीबीआई ने इस मामले में पिछले महीने कम से कम एक दर्जन स्थलों पर छापे मारे थे।

सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि लेन-देन में एक जटिल नेटवर्क के जरिए उर्वरकों और कच्ची सामग्रियों के आपूर्तिकर्ताओं से कमीशन लिया गए।

एजेंसी के मुताबिक अवस्थी और गहलोत को दिए गए कमीशन को छिपाने के लिए कंसल्टेंसी समझौतों की आड़ में घुमावदार रास्तों से ये अवैध लेन-देन किए गए। गहलोत ने कथित तौर पर बढ़ी हुई कीमतों पर उर्वरकों और कच्ची सामग्रियों का आयात किया।

अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मामले में रिश्वत भेजने के लिए कथित तौर पर इसी तरह के तौर-तरीके का इस्तेमाल किया गया था जिसमें सक्सेना के खिलाफ जांच चल रही है।

इफको कई राज्यों में काम करने वाली सहकारी कंपनी है, जबकि आईपीएल उसकी एक अनुषंगी है जो उन उर्वरकों की आपूर्ति करती है जिनकी कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार सब्सिडी देती है।

सीबीआई का आरोप है कि 2007-14 के बीच ऊंची सब्सिडी हासिल करने के लिए अवस्थी और गहलोत ने एक आपराधिक साजिश के तहत विभिन्न विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से बढ़ी हुई कीमतों पर उर्वरकों का आयात किया जिनमें दोनों के कमीशन शामिल थे।

सीबीआई के मुताबिक कमीशन के पैसे अमेरिका में रहने वाले अवस्थी और गहलोत के बेटों और अन्य आरोपियों के जरिए भारत से बाहर भेजे गए।

प्राथमिकी के मुताबिक सक्सेना और उसके सहयोगियों ने अपने समूह की कंपनियों के खाते और जैन, गहलोत के बेटे विवेक, अवस्थी के बेटे अमोल एवं ए डी सिंह के निजी खातों में 60 रुपए प्रति डॉलर की लेन-देन दर पर करीब 685 करोड़ रुपए (11.43 करोड़ डॉलर) का अवैध कमीशन हासिल किया।

प्राथमिकी में कहा गया कि जानकारी मिली है कि रिश्वत के पैसे यू एस अवस्थी के बेटों अमोल अवस्थी एवं अनुपम अवस्थी और परविंदर सिंह गहलोत के बेटे विवेक गहलोत को मिले। तीनों अमेरिका में रहने वाले प्रवासी भारतीय हैं।

सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया है कि अमोल अवस्थी एवं अनुपम अवस्थी और विवेक गहलोत को उनके स्वामित्व वाली कंपनियों के खातों में या नकदी के रुप में जैन के रेयर अर्थ ग्रुप के जरिए करीब 8.02 करोड़ डॉलर (करीब 481 करोड़ रुपए) और बाकी 3.41 करोड़ डॉलर (करीब 204 करीब रुपए) मिले।

मध्यप्रदेश के 3000 जूनियर डाक्टरों ने अपनी मांगों के समर्थन में त्यागपत्र सौंपे;अध्यक्ष अरविंद मीणा ने कहा:6 मई की चर्चा में सरकार के आश्वासन को पूरा करने की मांग पर कर रहे हैं आंदोलन  attacknews.in

 

भोपाल, 03 जून। मध्यप्रदेश में पिछले चार दिनों से अपनी विभिन्न मांगाें को लेकर हड़ताल कर रहे राज्य जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जूडा) के अध्यक्ष अरविंद मीणा ने कहा कि अपनी मांगों के समर्थन में आज राज्य के लगभग 3000 जूनियर डॉक्टर्स ने अपने त्यागपत्र संबंधित मेडिकल कालेज के डीन को सौंप दिए हैं।

श्री मीणा ने दूरभाष पर  कहा कि दरअसल वे जिन मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, वो सरकार की ओर से पूर्व में दिए गए आश्वासन हैं।

उनका कहना है कि सरकार ने छह मई की चर्चा में जो भी आवश्वासन दिए थे, वे पूरे होने चाहिए। इन्हीं मुद्दों को लेकर हम लोग आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार हमसे बातचीत करने ही राजी नहीं है।

श्री मीणा ने कहा कि राज्य के विभिन्न मेडिकल कालेज के लगभग 3000 जूनियर डाक्टर्स ने आज देर शाम अपने त्यागपत्र संबंधित डीन को सौंप दिए हैं।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार बात करे, तो अपना अगल कदम भी उठाने तैयार हैं।

इस बीच राज्य उच्च न्यायालय ने आज इस हड़ताल काे अवैधानिक घोषित करते हुए सभी हड़ताली डॉक्टरों से 24 घंटे के अंदर काम पर लौटने के लिए कहा है।

इसके पहले दिन में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी मीडिया से चर्चा के दौरान जूनियर डॉक्टर्स से अपेक्षा की है कि वे तुरंत अपना कार्य प्रारंभ करें।यह कोविड का अभूतपूर्व दौर है।

इस बीच सरकार की तरफ से कहा गया है कि जूडा स्टाइपेंड में 24 प्रतिशत बढोत्तरी चाहती है।

वे स्टाइपेंड को 55000 से बढ़ाकर 68200 और 57000 से बढ़ाकर 70680 और 59000 से बढ़ाकर 73160 रुपए चाहते हैं।शासन इसे अनुचित मानती है।

शासन का कहना है कि अन्य विभागाें की तरह सीपीआई अनुसार जूनियर डॉक्टर्स के स्टाइपेंड में 17 प्रतिशत की वृद्धि मान्य की गयी है।

शासन ने यह भी कहा कि कोविड ड्यूटी करने के कारण अतिरिक्त पारितोषिक व वजीफे की मांग युद्ध के मध्य युद्धरत सैनिक द्वारा किसी भी प्रकार की वित्तीय मांग किया जाने जैसा है।

जूडा की दूसरी मांग प्रत्येक वर्ष वार्षिक 6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी भी बेसिक स्टाइपेंड में करने की है।

शासन का कहना है कि प्राइज इंडेक्स के तहत बढ़ोत्तरी दी जाएगी, जैसे अन्य विभागों को दी जाती है।

जूडा की पीजी करने के बाद एक साल के ग्रामीण बांड को कोविड ड्यूटी के बदले हटाने के लिए एक कमेटी बनाने संबंधी है।

सरकार इस मांग को भी पूरी तरह अनुचित मान रही है।

ऐसा करने से ग्रामीण अंचल के गरीब व्यक्तियों को उच्च कोटि की गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सेवा से वंचित होना पड़ेगा।

जूडा की एक अन्य मांग है कि कोविड ड्यूटी में कार्यरत हर जूनियर डाक्टर को 10 नंबर का एक गजटेड सर्टिफिकेट मिलेगा, जो आगे उसे सरकारी नौकरी में फायदा प्रदान करेगा।

शासन का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से तीन मई 2021 को जारी गाइडलाइन के अनुसार अल्पावधि के कोविड कार्य करने वाले व्यक्तियों को आकर्षित करने के लिए जारी की गयी है।

इसी के अनुरूप सबको लाभ दिया जाएगा।

शासन का कहना है कि कोविड अथवा अन्य महामारी में सेवाएं दिया जाना किसी भी सरकारी चिकित्सक समुदाय का मूल कर्तव्य है।

इसके लिए अतिरिक्त पारितोषिक की मांग करना अनुचित है।

शासन ने शेष दो मांगों के संबंध में भी अपना पक्ष रखा है, जो उनके परिजनों को चिकित्सा सुविधा और सुरक्षा मुहैया कराने से संबंधित है।

मध्यप्रदेश सरकार ने जूनियर डाक्टरों के स्टायपेंड में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी के दिए आदेश,चिकित्सा छात्र बीमा योजना भी लागू की जाएगी attacknews.in

 

भोपाल, 03 जून । राज्य के चिकित्सा शिक्षा आयुक्त निशांत बरबड़े ने बताया है कि जूनियर डॉक्टर्स की समस्याओं के निराकरण के संबंध में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग कई बार उनके प्रतिनिधियों से चर्चा कर चुके हैं।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने माँगों के सकारात्मक समाधान के लिए अनेक कदम भी उठाये हैं।

श्री वरवड़े ने बताया कि सी.पी.आई. अनुसार जूनियर डॉक्टर्स के स्टायपेंड में 17 प्रतिशत की वृद्धि मान्य की गयी है।जल्द ही इसके आदेश जारी हो जायेंगे।
प्राइस इंडेक्स के तहत इसमें आगे भी बढ़ोत्तरी की जायेगी।

स्टायपेंड के अतिरिक्त इनके लिए चिकित्सा छात्र बीमा योजना लागू की जा रही है।

नेशनल मेडिकल काउंसिल की गाइडलाइन के अनुसार डॉक्टर्स का कार्य बहुत ही पवित्र कार्य है।

डॉक्टर्स का मुख्य उद्देश्य इनाम या वित्तीय लाभ प्राप्त करना नहीं अपितु मानवता की सेवा करना है।कानून सभी के लिये बराबर और समान है।

श्री वरवड़े ने बताया कि अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विछिन्नता अधिनियम-1979 आवश्यकतानुसार अनेक सेवाओं से जुड़े अधिकारियों/कर्मचारियों पर भी लगाया जाता है।

उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टर्स से अपेक्षा है कि वे मरीजों का उपचार जारी रखें।यह उनका नैतिक दायित्व भी है।

संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. उल्का श्रीवास्तव ने बताया कि डॉक्टर्स अपनी इच्छानुसार पी.जी. करने के लिए मेडिकल कॉलेज का चयन करते हैं।

मेडिकल कॉलेज का चयन करते समय उन्हें मालूम रहता है कि उन्हें कितना स्टायपेंड मिलेगा।

उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को पी.जी. के दौरान प्रेक्टिकल के लिए भी मरीजों का उपचार करना जरूरी है।

डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में सेवाभाव से डॉक्टरों को जल्द काम पर वापस आना चाहिए।

महाराष्ट्र  पुलिस ने तमिल और अन्य दक्षिण भारतीय फिल्मों में काम कर चुकी अभिनेत्रियों को सेक्स रैकेट अड्डे से किया गिरफ्तार,2 महिलाओं समेत 3 लोगों की गिरफ्तारी attacknews.in

 

ठाणे 03 जून ।महाराष्ट्र में ठाणे की पुलिस ने तमिल और अन्य दक्षिण भारतीय फिल्मों में काम कर चुकी दो अभिनेत्रियों को देहव्यापार से मुक्त करा लिया और इस मामले में दो महिलाओं समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक मुंबरा के अमृत नगर की एक महिला देहव्यापार की दलाल के रूप में शहर के नौपाड़ा इलाके में एक आवास से यह धंधा किये जाने की पुलिस को सूचना मिली थी।

पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से एक डमी ग्राहक वहां भेजा , जिसने महिला से मॉडल अथवा ऑर्केस्ट्रा आर्टिस्ट लड़की और फिल्म अभिनेत्री की मांग की। महिला ने इसके लिए प्रत्येक को दो लाख रूपये देने की बात कही और मोलभाव के बाद वह 1.80 लाख रूपये के लिए राजी हुई।

आरोपी महिला ने गोरेगांव निवासी विशाल उर्फ सुनील कुमार उत्तमचंद के जरिए बुधवार को नौपाड़ा में एक अन्य महिला के आवास पर दो अभिनेत्रियों को बुलवाया।

पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 370(2),(3) और अन्य संबंधित कानूनों के तहत मामला दर्ज किया है।

इसी दौरान पुलिस ने वहां छापा मारकर पीडि़तों को बचाया तथा दो महिलाओं और एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों के पास से 2,14,015 रुपए नकद और महंगे मोबाइल फोन भी बरामद किया है।

पूछताछ में पता चला है कि तीनों आरोपियों अभिनेत्रियों और मॉडल लड़कियों को अच्छे पैसे का लोभ देकर देहव्यापार में ढकेलते रहे हैं। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 370(2),(3) और अन्य संबंधित कानूनों के तहत मामला दर्ज किया है।