खरगोन में नाबालिग लड़कियों से देह व्यापार करवाने वाला गिरोह पकड़ाया;नसीब, कादर,मंगतू खान, जकिया उर्फ शकीला बी और जीशान गिरफ्तार, सबा को भी बनाया आरोपी attacknews.in

खरगोन 09 जून । मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के भीकनगांव थाना क्षेत्र की दो नाबालिग लड़कियों को इंस्टाग्राम से दोस्ती कर देह व्यापार में धकेलने की कोशिश में आज एक महिला समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

खरगोन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह पवार ने बताया कि खरगोन जिले के बलकवाड़ा थाना क्षेत्र के खड़कवानी निवासी दो भाई नसीब तथा कादर मेवाती उनके रिश्तेदार मंगतू खान निवासी बालसमुद (कसरावद थाना), जकिया उर्फ शकीला बी निवासी ढोकाखोई थाना कन्नौज जिला देवास और धार जिले के धरमपुरी के जीशान को आज गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा खंडवा जिले के पंधाना निवासी महिला सबा को भी आरोपी बनाया गया है।

उनके कब्जे से 14 तथा 16 वर्ष की दो चचेरी बहनों को भी बरामद किया गया है।

आरोपियों को आज न्यायालय के समक्ष पेश किया गया जहां से कादर का पुलिस रिमांड प्राप्त किया गया है।

घटना के बारे में खरगोन के पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि करीब 8 महीने पहले धरमपुरी के जीशान ने इंस्टाग्राम पर दोनों बहनों से दोस्ती की और उसके बाद मोबाइल पर चर्चा करने लगा।

उसने दोनों के नंबर खंडवा जिले के पंधाना निवासी मुख्य आरोपी सबा को दे दिए जिसने लड़कियों से लगातार बातचीत कर भरोसे में ले लिया और देह व्यापार के लिए राजी कर लिया।

दो दिन पूर्व जीशान ने अपने रिश्तेदार कादर को उन्हें लेने भेजा और दोनों बहने घर से बिना बताए उसके साथ देवास जिले के कन्नौज थाना क्षेत्र के ढोकाखोई ग्राम स्थित जकिया के घर चले गई। वहां मंगतू तथा नसीब को भी बुलवा लिया गया।

इसी दौरान चचेरी बहनों के गायब होने पर परिजनों की शिकायत पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कर उनकी तलाश आरंभ कर दी गई थी।

मुखबिर की सूचना पर आरोपियों को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया, जब वह दोनों बहनों को खंडवा जिले के पंधाना स्थित सबा के पास पहुंचाने जा रहे थे। उन्होंने बताया कि सबा की तबीयत खराब हो जाने के चलते उसे अस्पताल में भतीर् कराया गया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सबा के बारे में देह व्यापार कराए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। फिलहाल उसका उपचार कराया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय रेल को स्टेशन परिसर एवं रेलगाड़ियों में सार्वजनिक बचाव व सुरक्षा सेवाओं के लिए 700 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड में 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के आवंटन को मंजूरी दी attacknews.in

इससे रेलगाड़ियों के परिचालन के क्रम में सुरक्षा बेहतर होगी

रेलवे के परिचालन एवं सुरक्षा में रणनीतिक बदलाव आएगा

लोको पायलटों और गार्डों के साथ निर्बाध संचार सुनिश्चित होगा जिससे सुरक्षा बेहतर होगी

परिचालन, बचाव एवं सुरक्षा से जुड़े ऐप्लिकेशन के लिए सुरक्षित वॉइस, वीडियो एवं डेटा संचार सेवाएं उपलब्धर होंगी

परियोजना में अनुमानित निवेश 25,000 करोड़ रुपये से अधिक है

यह परियोजना अगले पांच साल में पूरी होगी

इसके अलावा, भारतीय रेल ने स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम को मंजूरी दी है जो रेलगाड़ी को टक्कर से बचने में मदद करेगा और इससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी

नईदिल्ली 9 जून । आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को बढ़ावा देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय रेल (आईआर) को स्टेशन परिसर एवं रेलगाड़ियों में सार्वजनिक बचाव व सुरक्षा सेवाओं के लिए 700 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड में 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के आवंटन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

इस स्पेक्ट्रम के साथ ही भारतीय रेल ने अपने मार्ग पर एलटीई (लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन) आधारित मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार प्रदान करने की परिकल्पना की है। परियोजना में अनुमानित निवेश 25,000 करोड़ रुपये से अधिक है। यह परियोजना अगले पांच साल में पूरी होगी।

इसके अलावा, भारतीय रेल ने स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम को मंजूरी दी है जो रेलगाड़ी को टक्कर से बचने में मदद करेगा और इससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

इससे रेलवे के परिचालन एवं रख-रखाव व्यवस्था में रणनीतिक बदलाव आएगा। यह मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग करके अधिक ट्रेनों को समायोजित करने के लिए लाइन क्षमता और सुरक्षा को बेहतर करने में मदद करेगा। आधुनिक रेल नेटवर्क तैयार होने से परिवहन लागत में कमी आएगी और प्रवाह क्षमता में सुधार होगा। साथ ही यह बहुराष्ट्रीय उद्योगों को अपनी विनिर्माण इकाइयां स्‍थापित करने के लिए भी आकर्षित करेगा जिससे ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को पूरा करने और रोजगार सृजन में मदद मिलेगी।

भारतीय रेल के लिए एलटीई का उद्देश्य परिचालन, बचाव एवं सुरक्षा से जुड़े ऐप्लिकेशन के लिए सुरक्षित एवं भरोसेमंद वॉइस, वीडियो और डेटा संचार सेवाएं प्रदान करना है। इसका उपयोग आधुनिक सिग्नलिंग और ट्रेन सुरक्षा प्रणालियों के लिए किया जाएगा तथा लोको पायलटों व गार्डों के बीच निर्बाध संचार सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा। यह इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित रिमोट ऐसेट मॉनिटरिंग विशेष रूप से कोच, वैगन व लोको की निगरानी और ट्रेन के डिब्बों में सीसीटीवी कैमरों की लाइव वीडियो फीड, ट्रेन के सुरक्षित एवं तेज संचालन को सुनिश्चित करने में सक्षम करेगा।

इसके लिए ट्राई की सिफारिश के अनुसार निजी उपयोग पर रॉयल्‍टी शुल्‍क एवं लाइसेंस शुल्‍क के लिए दूरसंचार विभाग द्वारा निर्धारित फॉर्मूले के आधार पर स्पेक्ट्रम शुल्क लगाया जा सकता है।

शाजापुर में बैठकर भोपाल से विमान अपहरण करके पडौसी देश में ले जाने की धमकी देने वाले युवक को पुलिस ने धर दबोचा, गहन पूछताछ जारी attacknews.in

भोपाल, 09 जून । भोपाल के राजा भोज हवाईअड्डे पर फोन के जरिए विमान अपहरण की धमकी देने वाले एक युवक को यहां की पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ प्रारंभ की है।

गांधीनगर थाना पुलिस के अनुसार कल देर शाम कथित धमकी संबंधी रिपोर्ट हवाईअड्डा प्रबंधन की ओर से गांधीनगर थाने को मिलने के बाद पुलिस सक्रिय हुयी।

मामले की संवेदनशीलता के मद्देनजर पुलिस की विभिन्न शाखाओं की मदद से शाजापुर जिला निवासी एक युवक को रात में ही हिरासत में ले लिया गया।

बताया गया है कि कॉल ट्रेसिंग के आधार पर युवक को हिरासत में लेकर यहां लाया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।

दूसरी ओर भोपाल के साथ ही इंदौर हवाईअड्डे की सुरक्षा व्यवस्था ऐहतियातन और चौकस कर दी गयी है।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि युवक ने कल शाम भोपाल हवाईअड्डे पर फोन करके कथित तौर पर धमकी दी कि विमान का अपहरण कर उसे पड़ोसी देश में ले जाया जाएगा।

उनसे भोपाल और इंदौर से विमान अपहरण की बात कही थी।

युवक की पृष्ठभूमि, उसके संपर्क और आपराधिक रिकार्ड इत्यादि के बारे में भी पता लगाया जा रहा है।

फोन करने के पीछे उसका क्या उद्देश्य रहा, इस संबंध में भी पता लगाया जा रहा है।

इस बीच एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि अब तक की पूछताछ में धमकी को लेकर कोई दम नजर नहीं आयी है, हालाकि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए और भी पहलुओं को ध्यान में रखकर युवक से पूछताछ की जा रही है।

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को सुनारिया जेल से बार-बार पैरोल देने पर अंशुल छत्रपति ने लिखा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र attacknews.in

सिरसा, 09 जून । सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड व साध्वी बलात्कार मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को सुनारिया जेल से बार-बार पैरोल व मेडिकल लीव जैसी छूट दिए जाने पर अंशुल छत्रपति ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है और जेल प्रशासन व हरियाणा सरकार पर सवाल उठाए हैं।

पत्र में मुख्य न्यायाधीश से गुजारिश की गई है कि वे उक्त मामले में पूर्व की भांति हस्तक्षेप कर हरियाणा सरकार व प्रशासन से जवाब तलबी करें।

श्री छत्रपति ने कहा कि अगस्त 2017 में सीबीआई अदालत के सजा सुनाए जाने के दौरान डेरा प्रमुख के इशारे पर पूरे हरियाणा व उत्तर भारत को हिंसा ग्रस्त करने की साजिश रची गई और उसके बाद पैदा हुए हालातों को नियंत्रित करने के लिए माननीय उच्च न्यायालय को दखल देना पड़ा था।

हिंसा में 40 लोगों की जान चली गई अरबों करोड़ों की संपत्ति तहस-नहस हुई और मीडिया के बहुत सारे वाहनों व मीडिया हाउसेस की ओबी वैन को जलाकर राख कर दिया गया किया, उक्त मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने कई महीनों तक लगातार सुनवाई की हरियाणा सरकार और प्रशासन की नाकामी के लिए उन्हें कोसा और इन दंगों का जिम्मेदार डेरा सच्चा सौदा के साथ-साथ हरियाणा सरकार को भी ठहराया।

अंशुल छत्रपति ने कहा कि उच्च न्यायालय की इस सारी मशक्कत के कोई मायने नहीं रह जाएंगे यदि हरियाणा सरकार व प्रशासन दोबारा फिर से इस तरह की बदमाशी कर इस खतरनाक अपराधी को इसी तरीके से खुल्ला घुमाते रहेंगे और कभी मां की बीमारी व इलाज के बहाने, कभी फार्म हाउस की सैर तो कभी फाइव स्टार हॉस्पिटल में इलाज करवाने की छूट दी जाती रही तो वह दिन दूर नहीं कि अगस्त 2017 की तरह हिंसा दंगों की फिर से पुनरावृति हो।

उन्होंने कहा कि पंचकूला दंगों के दौरान पुलिस के आला अधिकारियों ने बार-बार मीडिया के सामने यह बात कबूली कि दंगे बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा थे, जिसकी सूत्रधार डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के साथ साथ हनीप्रीत व डॉ आदित्य आदि भी थे और आरोप लगाया कि इस बार फिर सरकार की शह पर मेदांता अस्पताल व मानेसर फार्म हाउस में इस तरह की साजिश रचे जाने का खेल जारी है जिस पर माननीय अदालत रोक लगाए और सरकार और प्रशासन से जवाब तलबी करे।

उन्होंने कहा कि इससे पूर्व डेरा प्रमुख की बहुत सी याचिकाएं सिरसा जिला प्रशासन व रोहतक जिला प्रशासन की ओर से यह कहकर खारिज की गई कि उसके बाहर आने से लॉ एंड ऑर्डर की समस्या खड़ी हो सकती है।

उन्होंने कहा कि आज भी समस्या जस की तस है डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को किसी भी बहाने से जेल से बाहर नहीं निकाला जाना चाहिए ताकि प्रदेश का अमन-चैन फिर से खराब ना हो।

उन्होंने कहा कि माननीय अदालत डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को इलाज के बहाने मेदांता अस्पताल में रखे जाने वाले वार्ड की सीसीटीवी की मॉनिटरिंग करवाने का आदेश दे।

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर मऊ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुये उसकी 24 करोड़ के संपत्ति को कुर्क किया,यह जमीन राम-जानकी मंदिर के नाम दर्ज हैं attacknews.in

मऊ 09 जून ।उत्तर प्रदेश के मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर मऊ प्रशासन की बड़ी कार्रवाई करते हुये उसकी 24 करोड़ के संपत्ति को कुर्क किया ।

दक्षिण टोला थाना क्षेत्र के जहांगीराबाद में माफिया मुख्तार अंसारी द्वारा अर्जित की गई लगभग 24 करोड़ रुपये की भूमि को जिला प्रशासन ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया। इस दौरान जिला प्रशासन ने डुग्गी पिटवाकर सर्वसाधारण को इसकी सूचना दी।

जिला प्रशासन का मानना है कि मुख्तार अंसारी ने अपराधिक दुनिया की कमाई से यह संपत्ति अपनी मां के नाम से रजिस्ट्री करवाई थी। उसके बाद मुख्तार अंसारी की मां ने उसके दोनों बेटे अब्बास और उमर के नाम से वसीयत करवाई थी।

माफियाओं के विरुद्ध जारी योगी सरकार के अभियान में मुख्तार अंसारी का तिलिस्म निशाने पर है। बुधवार को दक्षिणटोला थाना क्षेत्र के दशई पोखरा स्थित मुख्तार अंसारी की लगभग 24 करोड़ की जमीन को पुलिस प्रशासन ने सील कर दिया।

मुख्तार अंसारी के खिलाफ जनपद में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। मौके पर सीओ सिटी धनंजय मिश्रा के नेतृत्व में कोतवाली, सरायलखंसी, दक्षिणटोला पुलिस सहित पीएसी तैनात रही।

यह जमीन राम-जानकी मंदिर की जमीन बताई जाती है। इस लिहाज से अब तक पूर्वांचल में मुख्‍तार के आर्थिक साम्राज्‍य पर यह सबसे बड़ी चोट भी मानी जा रही है।

नगर के दशई पोखरा स्थित राम-जानकी मंदिर के 14 मंडा जमीन सहित कई काश्तकारों की जमीन पर मुख्तार अंसारी के गुर्गों ने कब्जा कर रखा था। यहां लगभग डेढ़ हेक्टेयर की जमीन पर मुख्तार अंसारी ने अपने मां राबिया बेगम के नाम से फर्जी बायनामा करा यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखनी शुरू कर दी थी।

2016 में छोटेलाल गांधी ने प्रशासन को पत्रक सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी । तत्कालीन जिलाधिकारी ने काम रुकवा दिया था,तबसे मुख्तार अंसारी के गुर्गों ने यहां की जमीन बेचनी शुरू कर दी।

योगी सरकार में माफियाओं के विरुद्ध शुरू किए गए अभियान में पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी शासन-प्रशासन के निशाने पर आ गए। इसके चलते बुधवार को कई थानों की फोर्स दशई पोखरा पहुंची और लगभग 24 करोड़ के लागत वाली जमीन पर सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी।

उत्तर प्रदेश सरकार नहीं देगी अमिताभ ठाकुर को अनिवार्य सेवानिवृति अभिलेख attacknews.in

लखनऊ 09 जून । उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को उनके अनिवार्य सेवानिवृति विषयक अभिलेख देने से मना कर दिया है।

अमिताभ ठाकुर को गृह मंत्रालय के निर्णय के पालन में 23 मार्च 2021 को अनिवार्य सेवानिवृति दी गयी थी। अमिताभ ने सरकार के इस निर्णय से संबंधित अभिलेख मांगे थे।

उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को उन्हें दी गई अनिवार्य सेवानिवृति से संबंधित दस्तावेज देने से मना कर दिया है। ठाकुर को गृह मंत्रालय के निर्णय के अनुपालन में गत 23 मार्च को अनिवार्य सेवानिवृति दी गयी थी। उन्होंने शासन के इस निर्णय से संबंधित अभिलेख मांगे थे।

अमिताभ ठाकुर की पत्नी और सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने बुधवार को बताया कि गृह विभाग के विशेष सचिव कुमार प्रशांत के हस्ताक्षर से निर्गत आदेश के अनुसार अमिताभ को उनकी अनिवार्य सेवानिवृति से संबंधित पत्रावली के नोटशीट, पत्राचार, कार्यवृत वगैरह की प्रति नहीं दी जा सकती क्योंकि ये सभी अभिलेख ‘अत्यंत गोपनीय’ प्रकृति के हैं जो उच्चतम स्तर के अधिकारियों के विचार-विमर्श तथा अनुमोदन से संबंधित हैं।

अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि सरकार द्वारा मनमाने ढंग से उन्हें सेवा से निकाला जाना तथा अब उनकी जीविका से संबंधित सूचना भी नहीं देना अत्यंत दुखद है तथा सरकार की गलत मंशा को दिखाता है।

नूतन ने बताया कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इसी सिलसिले में सूचना का अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी देने से मना कर दिया था।खराब शासन के आरोप में गृह मंत्रालय ने उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी।

नरोत्तम मिश्रा ने मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान कतिपय प्रस्तावों का विरोध करने की खबरों पर कहा कि,किसी विषय पर सुझाव देना नाराजगी नहीं होती attacknews.in

भोपाल, 09 जून । मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में कोई मतभेद नहीं है और पार्टी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के नेतृत्व में एक है।

राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान कल यहां कतिपय प्रस्तावों का श्री मिश्रा द्वारा विरोध करने संबंधी समाचारपत्रों में प्रकाशित खबरों के संदर्भ में श्री मिश्रा ने यह टिप्पणी की है।

उन्होंने यहां मीडिया से चर्चा के बाद ट्वीट में लिखा है कि कल कैबिनेट की बैठक को लेकर मीडिया में चल रही खबर निराधार है। कैबिनेट में सारगर्भित चर्चा होती है। किसी विषय पर सुझाव देना नाराजगी नहीं होती।

श्री मिश्रा ने सिलसिलेवार ट्वीट में एक अन्य संदर्भ में कहा कि कांग्रेस में श्री सचिन पायलट की अनदेखी का दर्द सबके सामने है। दरअसल कांग्रेस की संस्कृति ही ऐसी है, जहां जमीनी कार्यकर्ता की कोई कद्र नहीं होती। पार्टी में यह परंपरा सर ए ओ ह्यूम (कांग्रेस के संस्थापक) के समय से चली आ रही है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता श्री मिश्रा ने यह भी बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति में तेजी से सुधार जारी है। पिछले 24 घंटों में 1030 मरीज स्वस्थ हुए और 453 नए मामले सामने आए। संक्रमण दर घटकर अब 0़़ 5 प्रतिशत और रिकवरी दर बढ़कर 98़ 02 प्रतिशत हो गयी है। राज्य में दतिया समेत 09 जिलों में कोई नया मामला सामने नहीं आया है।

कांग्रेस को उत्तरप्रदेश में झटका दे गये जितिन प्रसाद का पार्टी से इन कारणों से हुआ मोहभंग और घुटनभरी राजनीति का अंत भाजपा में शामिल होने से हुआ attacknews.in

क्या उत्तर प्रदेश में भाजपा से ब्राह्मणों की नाराजगी दूर कर पाएंगे जितिन प्रसाद;

नईदिल्ली 8 जून ।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में राजनीतिक बिसात में अपने खिसकते ब्राह्मण वोट बैंक को मजबूती से थामने के उद्देश्य से आज कांग्रेस में हाशिये पर आये एक प्रभावशाली ब्राह्मण नेता पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को भगवा ब्रिगेड में शामिल कर लिया।

तीन पीढ़ियों से कांग्रेस से जुड़े श्री प्रसाद ने बुधवार को यहां गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद पार्टी कार्यालय में मोदी मंत्रिमंडल के हाई प्रोफाइल मंत्री पीयूष गोयल के हाथों सदस्यता पर्ची और गुलदस्ता ग्रहण करके भाजपा परिवार में पदार्पण किया। बाद में उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से भी मुलाकात की।

पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद का कांग्रेस पार्टी से बाहर होकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में उनका शामिल होने के कयास लंबे समय से चल रहे थे।

कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के विश्वासपात्र माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का पार्टी से बाहर होना और अब जितिन प्रसाद का ऐसे समय में पार्टी को छोड़ना जब उनके गृह राज्य उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनावों होने वाला है, उससे पहले ये खेल कांग्रेस के लिए नुकसानदायक होगा ।

यूपी में भाजपा की अगुवाई में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार है, जो योगी लगातार दूसरी बार चुनावी जीत की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि, यह स्पष्ट है कि राहुल और कांग्रेस को शर्मिंदा करने और सबसे पुरानी पार्टी की स्थिति को कमजोर करने से इतर यकीनन कुछ और है जो भाजपा में प्रसाद के शामिल होने से राजनीतिक लाभ मिलता है।

जितिन प्रसाद दो साल से भी अधिक समय से कांग्रेस में नाराज़ चल रहे थे और पार्टी के भीतर, खास तौर से उत्तर प्रदेश में दरकिनार किए जाने के बाद से वो अपना धैर्य खो चुके थे। 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले जब पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और तत्कालीन राज्य कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर ने मध्य यूपी की कुछ सीटों, खास तौर से खीरी और सीतापुर के लिए पार्टी की तरफ से उम्मीदवारों का फैसला करने से पहले प्रसाद को लेकर इनकार कर दिया था, तभी से पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लगभग कांग्रेस छोड़ने का फैसला कर लिया था।

इन दोनों क्षेत्र से सटे धौरहरा निर्वाचन क्षेत्र से प्रसाद ने 2009 का चुनाव जीता था जबकि दूसरी बार 2014 में भाजपा की रेखा वर्मा से वो हार गएं। हालांकि, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के आश्वासनों के बाद जितिन प्रसाद ने भाजपा में जाने की अपनी योजना को छोड़ दिया था।

उसके बाद जितिन प्रसाद लगातार तीसरी बार हार गए। 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें अपने गृह जिले शाहजहांपुर के तिलहर निर्वाचन क्षेत्र से उतारा गया था लेकिन वो हार गए। 2019 में, कांग्रेस पार्टी के नेशनल और उत्तर प्रदेश, दोनों मोर्चों पर भाजपा के खिलाफ कमजोर पड़ती कांग्रेस ने उन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया।

2019 में उनके भाजपा में शामिल होने की अफवाह और बीते साल अगस्त में 23 कांग्रेस नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को पार्टी के प्रभावी नेतृत्व की मांग करने वाले पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद से उन्होंने राहुल-प्रियंका का विश्वास खो दिया, जिन्होंने उन्हें पार्टी के भीतर किसी पुराने राजनीतिक कोने में डाल दिया था।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद की भाजपा के साथ लगातार पीछे के दरवाजे से चल रही बातचीत के बारे में पार्टी नेतृत्व को पता था। हालांकि, गांधी परिवार को उम्मीद थी कि जितिन प्रसाद, जिनके दिवंगत पिता जितेंद्र प्रसाद 2000 में पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव में सोनिया को खुले तौर पर और असफल रूप से चुनौती देने के बावजूद कांग्रेस के प्रति वफादार रहे थे, को और अधिक जिम्मेदारियां दी गईं तो वे भाजपा के साथ अपने संबंधों को खत्म कर देंगे।

जी-23 पत्र विवाद के बाद सोनिया ने न केवल जितिन को नई कांग्रेस कार्यसमिति में बनाए रखने का फैसला किया था, बल्कि उन्हें पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रभारी महासचिव की जिम्मेदारी भी दी थी। हालाँकि, प्रसाद ने बंगाल में अपनी नई भूमिका को गांधी परिवार द्वारा अपने गृह राज्य यूपी से दूर रखने की एक चाल के रूप में देखा था। विशेष रूप से बाद के महीनों में, जब उन्हें कई आंतरिक समितियों से बाहर रखा गया था, जिन्हें प्रियंका ने कांग्रेस की चुनावी तैयारियों के लिए यूपी में गठित किया था।

हाल में संपन्न हुए बंगाल विधानसभा चुनावों में कांग्रेस एक भी सीट जीतने में नाकाम रही। बंगाल और अन्य राज्यों में चुनाव की हार पर चर्चा को लेकर आयोजित कांग्रेस कार्य समिति की एक बैठक में जितिन प्रसाद ने संकेत दिया था कि बंगाल में हार केंद्रीय नेतृत्व की वजह से हुई।

प्रसाद ने गांधी परिवार पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए सीडब्ल्यूसी में कहा था कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने न केवल राज्य के नेताओं को कठिन चुनाव में खुद को बचाने के लिए छोड़ दिया है, बल्कि ममता बनर्जी के खिलाफ स्पष्ट रूप से ‘नरम’ अभियान के जरिए मतदाताओं को भ्रमित करके माहौल को और भी खराब कर दिया एआईसीसी ने न केवल राज्य के नेताओं को एक कठिन चुनाव में खुद को बचाने के लिए छोड़ दिया था, बल्कि ममता बनर्जी के खिलाफ स्पष्ट रूप से ‘नरम’ अभियान के माध्यम से मतदाताओं को भ्रमित करके चीजों को और भी खराब कर दिया था, क्योंकि अधीर रंजन चौधरी जैसे राज्य के नेताओं के द्वारा मुखर आलोचना से इतर सीएम ममता को पार्टी के अधीन किया जा रहा था। जबकि जितिन प्रसाद की कथित टिप्पणियों में कोई कमी नहीं थी, कांग्रेस के कामकाज के बारे में दूर से ही किसी को पता होगा कि उनके बयानों से गांधी परिवार खुश नहीं होंगे।

जितिन प्रसाद ने अपना पाला ऐसे समय में बदला है जब अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी सीटों की संख्या और वोट शेयर बढ़ाने की पूरी कोशिश कांग्रेस कर रही है। जाहिर है, एक हाई-प्रोफाइल, ब्राह्मण चेहरे का पार्टी से बाहर होना, जो कभी राहुल गांधी के सबसे नजदीकी में से एक थे और जिन्होंने स्टील, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मानव संसाधन विकास और सड़क परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभागों के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था। कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है, ऐसे समय में जब यूपी में प्रियंका और उनके कांग्रेसी सहयोगी सीएम योगी आदित्यनाथ को कोविड महामारी के खराब प्रबंधन, बिगड़ती कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक विभाजन को जोर देने सहित कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश कर रहे हैं। जितिन प्रसाद का पार्टी बदलना भाजपा के लिए एक बड़ी राजनीतिक जीत है।

लेकिन, अभी यूपी चुनाव आठ महीने दूर हैं। प्रसाद का भाजपा में शामिल होना और कांग्रेस का राज्य में अपने प्रमुख ब्राह्मण नेता को पार्टी के भीतर बनाए रखने में किस तरह की विफलता रही, यह लंबे समय तक जारी नहीं रह सकता। सवाल ये है कि जितिन प्रसाद के दल बदलने से भाजपा को क्या लाभ हो सकता है?

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पाला बदलकर मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी का बड़ा नुकसान किया था। कमलनाथ सरकार गिर गई थी। लेकिन, इससे इतर जितिन प्रसाद का यूपी में ऐसा कोई राजनीतिक दबदबा नहीं है। वो लगातार तीन चुनाव हारे हैं, उनके पास कांग्रेस पार्टी के ऐसे कोई विधायकी खेमे साथ में नहीं है, जो भाजपा में शामिल हो सकते हैं। जितिन प्रसाद, जो बेहतर अंग्रेजी बोलने वाले, मीडिया के साथ अच्छे तालुकात, जिन्हें कांग्रेस ने अब खो दिया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने पिछले एक साल में खुद को चुनावी रूप से ब्राह्मण समुदाय के महत्वपूर्ण नेता के रूप में पेश करने की भरपूर कोशिश की है। यूपी में ब्राह्मणों का लगभग 12 प्रतिशत वोट शेयर है। उन्होंने ब्राह्मण चेतना संवाद का नेतृत्व इसी उम्मीद में किया था कि उन्हें ऐसे कार्यक्रमों के जरिए इस समुदाय का विश्वास जीतने में मदद मिलेगी, जो एक ठाकुर समुदाय की अगुवाई वाले सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नाराज थे। हालाँकि, इस समुदाय के वोट बैंक पर उनकी पकड़ भाजपा की रेखा शर्मा से अधिक मजबूत नहीं है, जिन्होंने 2014 और 2019 के आम चुनावों में धौरहरा क्षेत्र से जितिन प्रसाद को हराया था या दिनेश शर्मा जो राज्य में योगी सरकार में बनाए गए दो उपमुख्यमंत्रियों में से एक हैं।

इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि यूपी में ब्राह्मणों के बीच भाजपा की स्थिति अपने ही समुदाय के लिए योगी की कथित वरीयता को लेकर मजबूत नहीं है। जितिन प्रसाद के रूप में एक और ब्राह्मण चेहरे को जोड़ने से भाजपा को इस समुदाय तक अपनी निरंतर पहुंच बनाने में मदद मिल सकती है।

यदि जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल होकर अपने राजनीतिक प्रोफाइल में किसी भी तरह के आमूल-चूल बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं, तो वे कांग्रेस की एक अन्य पूर्व सहयोगी और ब्राह्मण नेता रीता बहुगुणा जोशी से भी संपर्क कर सकते थे। रीता बहुगुणा जोशी ने भाजपा में शामिल होने के साथ कई असफलताओं के बाद साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सफलतापूर्वक जीत हासिल की थी। बीजेपी के टिकट पर 2019 के चुनावों में, एक और चुनावी जीत से पहले उन्हें महिला कल्याण, परिवार कल्याण और पर्यटन मंत्री के रूप में योगी कैबिनेट में शामिल किया गया था।

भाजपा के मंच से अपने प्रथम वक्तव्य में श्री प्रसाद ने कहा कि उन्होंने बहुत सोच विचार कर कांग्रेस के साथ तीन पीढ़ी का संबंध छोड़ने और भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा, “मैंने देश भर में भ्रमण करके और लोगों से बात करके महसूस किया है कि देश में असली मायने में कोई राजनीतिक दल है, संस्थागत दल है तो केवल भाजपा ही है, बाकी दल व्यक्ति आधारित या क्षेत्रीय दल हैं।”

उन्होंने कहा, “वैश्विक पटल पर ये दशक भारत के भविष्य के लिए निर्णायक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नये भारत के निर्माण के लिए दिन-रात जुटे हैं। मुझे भी छोटा सा योगदान करने का मौका मिलेगा।”

उन्हाेंने कहा कि कांग्रेस में रह कर महसूस हो रहा था कि इस दल में रह कर जनता के हितों की रक्षा नहीं कर सकते। यदि आप जनता के हितों की रक्षा नहीं कर सकते तो राजनीति में रहने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। अब वह भाजपा के सशक्त माध्यम से जनसेवा करेंगे।

श्री प्रसाद ने उन्हें भाजपा में शामिल करने के लिए श्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा, “आपके स्नेह, अपनेपन से अभिभूत हूँ। भाविष्य में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, आपने एवं भाजपा परिवार ने जो विश्वास मुझ पर व्यक्त किया है उस पर पूर्ण रूप से खरा उतरने का प्रयास करूँगा।”

उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व के प्रति किसी प्रकार की कटुता या आलोचना के शब्दों से परहेज किया तथा करीब 20 साल के उनके राजनीतिक कार्यकाल में उन्हें सहयोग देने वाले कांग्रेस के नेताओं के प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित किया।

लव-जेहाद:कुशीनगर में इमरान ने सोनू शुक्ल बनकर भजन गायिका को दोस्ती में नशीला पदार्थ देकर बलात्कार करके 2 साल तक करता रहा ब्लैकमेल attacknews.in

कुशीनगर 8 जून ।उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के हाटा कोतवाली क्षेत्र में लव जेहाद का मामला सामने आया है। हाटा नगर के एक मोहल्ले की युवती से गोरखपुर के एक शातिर ने अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर दोस्ती की। फिर घर ले जाकर नशीली गोली खिलाकर दुष्कर्म किया। दो साल तक उसका शोषण करता रहा।

दो महीने पहले युवती को सच्चाई का पता चला तो पहले से शादीशुदा शातिर युवक ने उसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। इससे उसकी शादी भी टूट गई। आरोपी युवक के खिलाफ रेप, मारपीट, धमकाने व लव जेहाद का मुकदमा दर्ज किया गया है।

कुशीनगर के हाटा कोतवाली क्षेत्र में लव जेहाद का मामला सामने आया है। हाटा नगर के एक मोहल्ले की युवती से गोरखपुर के एक शातिर ने अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर दोस्ती की। फिर घर ले जाकर नशीली गोली खिलाकर दुष्कर्म किया। दो साल तक उसका शोषण करता रहा। दो महीने पहले युवती को सच्चाई का पता चला तो पहले से शादीशुदा शातिर युवक ने उसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। इससे उसकी शादी भी टूट गई। आरोपी युवक के खिलाफ रेप, मारपीट, धमकाने व लव जेहाद का मुकदमा दर्ज किया गया है।

पीड़ित युवती ने पुलिस को बताया कि वह दो साल से गोरखपुर रहकर मंचों पर भजन गाया करती है। उसकी मुलाकात गोरखपुर में ही एक युवक से हुई, जो अपना नाम सोनू शुक्ल बताकर जागरण में आर्गन बजाता है। साथ रहने के दौरान उक्त युवक एक दिन अपने घर लतीफ नगर, शाहपुर ले गया। वहां चाय में नशीली दवा खिलाकर दुष्कर्म किया। बाद में सोशल मीडिया पर वीडियो व फोटो वायरल करने की धमकी देकर शारीरिक संबंध बनाता रहा। दो माह पूर्व उसे युवक की सच्चाई पता चली तो पीछा छुड़ाने के लिए युवती के परिजनों ने दूसरी जगह शादी तय कर दी। इसके बाद आरोपी युवक ने युवती के साथ का अपना फोटो उसकी होने वाली ससुराल में भेज दिया। इसके बाद शादी टूट गई। आरोपी युवक दूसरे समुदाय के होने के साथ ही पहले से विवाहित भी है।

सोमवार की शाम हाटा कोतवाली पहुंची युवती ने पुलिस को तहरीर सौंपी। पुलिस क्षेत्राधिकारी कसया पियूषकांत राय भी हाटा कोतवाली पहुंचे और पीड़िता का बयान लिया। सीओ पीयूष कांत राय ने बताया कि युवती की तहरीर पर आरोपी इमरान उर्फ सोनू निवासी लतीफनगर थाना शाहपुर जनपद गोरखपुर के विरुद्ध धारा 376, 323, 506, 328, 507, 406 आइपीसी व 66 डी आइटी एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम रवाना कर दी गई है।

एसपी के हस्तक्षेप पर हरकत में आई पुलिस

पीड़िता के अनुसार पहले मुकामी पुलिस ने मामले में दिलचस्पी नहीं दिखाई। कोर्ट में जाकर धारा 156/3 के तहत मुकदमा दर्ज कराने की सलाह दी। इसके बाद उसने एसपी कुशीनगर के कार्यालय पहुंचकर अपनी व्यथा सुनाई। उन्होंने कोतवाली पुलिस को निर्देश दिए तब जाकर हाटा पुलिस हरकत में आई।

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में पुलिस ने मादक पदार्थों के तस्कर को गिरफ्तार कर दो किलो हेरोइन बरामद की attacknews.in

श्रीनगर 08 जून । जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में पुलिस ने मादक पदार्थों के एक तस्कर को गिरफ्तार कर उसके पास से दो किलो हेरोइन बरामद की है।

पुलिस प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर कुपवाड़ा जिले में कर्नाह शहर के यारिबन हाजित्रा ताड इलाके में जांच नाका स्थापित किया गया। जांच के दौरान नाका पार्टी ने एक व्यक्ति को संदिग्ध अवस्था में पकड़ा।

बाद में पुलिस ने उसकी तलाशी ली जिसमें व्यक्ति के पास से हेरोइन के दो पैकेट बरामद किये गये। उसकी पहचान हाजित्रा निवासी नसीर अहमद शेख के रूप में की गयी है जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस ने गिरफ्तार व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है तथा उस पर मादक पदार्थ निरोधक अधिनियम के तहत कर्नाह थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

प्रवक्ता ने कहा कि इन नशा तस्करों के खिलाफ जंग जारी रहेगी और इसमें शामिल पाए जाने वालों पर कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा : कोरोना संक्रमण पूर्ण रूप से समाप्त हो तथा दोबारा न बढ़े,आवश्यक है कि हर व्यक्ति कोविड अनुकूल व्यवहार करे तथा वैक्सीन लगवाए attacknews.in

भोपाल, 08 जून। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण पूर्ण रूप से समाप्त हो तथा दोबारा न बढ़े, इसके लिए आवश्यक है कि हर व्यक्ति कोविड अनुकूल व्यवहार करे तथा वैक्सीन लगवाए। इन पर विशेष ध्यान दिया जाए।

श्री चौहान आज मंत्रालय में कोरोना की‍ स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में अनलॉक प्रक्रिया पर पूरी नजर रखी जाए। कहीं भी कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए लोगों को जागरूक किए जाने के साथ ही सख्ती भी की जाए।
बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे।

प्रदेश में कोरोना के 535 नए प्रकरण आए हैं, 1376 स्वस्थ हुए हैं तथा एक्टिव मरीजों की संख्या 7983 है। प्रदेश की 07 दिनों की औसत पॉजिटिविटी 0.9 प्रतिशत तथा आज की पॉजिटिविटी 0.7 प्रतिशत है।
प्रदेश के कुल एक्टिव मरीजों में से 4521 होम आयसोलेशन में तथा 3462 अस्पतालों में हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों में से 1421 आई.सी.यू. में, 1326 ऑक्सीजन बेड्स पर तथा 715 सामान्य बिस्तरों पर हैं।

प्रदेश में 07 जिलों में 10 से अधिक कोरोना के प्रकरण आए हैं। इंदौर में 179, भोपाल में 124, जबलपुर में 46, रतलाम में 13, ग्वालियर में 12, खरगौन में 11 तथा अनूपपुर में 11 नए प्रकरण आए हैं।

प्रदेश के पाँच जिलों इंदौर, भोपाल, जबलपुर, रतलाम तथा बैतूल जिलों में ही 1 प्रतिशत से अधिक साप्ताहिक पॉजिटिविटी है। शेष 47 जिलों में 01 प्रतिशत से कम साप्ताहिक औसत पॉजिटिविटी है।
प्रदेश के 06 जिलों अलीराजपुर, भिंड, छतरपुर, कटनी, सिंगरौली एवं टीकमगढ़ में कोरोना का कोई प्रकरण नहीं आया है। चार जिलों अशोकनगर, मुरैना, सीहोर तथा श्योपुर में 01-01 नए प्रकरण आए हैं। अलीराजपुर कोरोना मुक्त है‍।

श्री चौहान ने निर्देश दिए कि कोरोना वैक्सीनेशन के प्रति लोगों में जागरूकता लाई जाए। इससे संबंधित सभी भ्रांन्तियों को दूर किया जाए 18 प्लस के हर व्यक्ति का वैक्सीनेशन हो तथा वैक्सीने का एक भी डोज बेकार नहीं जाए।

भोपाल में भारतीय खाद्य निगम कर्मचारी किशोर मीणा ने 5 साल में करोडों रूपये इकठ्ठा किए:CBI ने भोपाल, विदिशा, खंडवा, झाबुआ, नरसिंहपुर, जबलपुर, नांदेड़ और जलगांव में स्थित 13 ठिकानों पर एकसाथ की छापामारी attacknews.in

भोपाल, 08 जून । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के भोपाल मंडल कार्यालय में पदस्थ एक कर्मचारी (सहायक ग्रेड 1) किशोर मीना के खिलाफ अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने के मामले में अपराध दर्ज कर आज 13 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई प्रारंभ की।

सीबीआई की ओर से मुहैया करायी गयी जानकारी के अनुसार आरोपी कर्मचारी के खिलाफ दिसंबर 2016 से 29 मई 2021 की अवधि के दौरान 2,93,03,396 रुपयों की अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोपों के संबंध में अपराध दर्ज किया गया है।

इसके साथ ही भोपाल, विदिशा, खंडवा, झाबुआ, नरसिंहपुर, जबलपुर, नांदेड़ और जलगांव में स्थित 13 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई एकसाथ प्रारंभ की गयी। ये ठिकाने ठेकेदारों और निजी लोगों से संबंधित हैं, हालाकि शाम तक यह साफ नहीं हो पाया कि छापों के दौरान क्या मिला।

सीबीआई की ओर से बताया गया है कि हाल ही में भोपाल में दिल्ली की एक कंपनी से एक लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में भारतीय खाद्य निगम के चार अधिकारियों कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें कर्मचारी किशोर मीना भी शामिल है।

तब इन कर्मचारियों के आवास पर की गयी जांच में मीना के निवास से तीन करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि नगद मिली थी।

इसी मामले की जांच आगे की जा रही है।

उस समय छापे के दौरान तीन करोड़ रुपयों से अधिक के अलावा रुपयों के लेनदेन संबंधी दस्तावेज, नोट गिनने की मशीन और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले भी सीबीआई को मिले थे।

तब किशोर मीना के अलावा एफसीआई भोपाल के तीन अधिकारियों हरीश हिनोनिया, अरुण श्रीवास्तव और मोहन परते को गिरफ्तार किया गया था।

तीनों अधिकारी न्यायिक हिरासत में जेल में हैं, जबकि किशोर मीना सीबीआई की हिरासत (रिमांड) में है।

उससे पूछताछ की जा रही है।

किशोर मीना की रिमांड अवधि समाप्त होने पर आज उसे यहां सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां पर उसकी रिमांड अवधि दस जून तक बढ़ा दी गयी।

उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों को कोरोना कर्फ्यू से मुक्त कर दिया गया,सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक बाजार खोले जाएंगे;बिहार में लॉकडाउन समाप्त, अब एक सप्ताह के लिए रात्रि कर्फ्यू लागू attacknews.in

लखनऊ /पटना 08 जून । उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर कमजोर होती जा रही है जिसे देखते हुए प्रदेश के सभी 75 जिलों को कोरोना कर्फ्यू से मुक्त कर दिया गया।

कल बुधवार को प्रदेश के सभी जिलों में सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक बाजार खोले जाएंगे। हालांकि, सिनेमाघर, मॉल और जिम पर पाबंदी लगी रहेगी। वहीं, रेस्टोरेंट खोलने की अनुमति तो रहेगी लेकिन वहां बैठकर खाने की अनुमति नहीं होगी। रेस्टोरेंट से केवल होम डिलीवरी की जा सकेगी। रात्रिकालीन कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ़्यू पहले की तरह लागू रहेगा।

बिहार में लॉकडाउन समाप्त, अब एक सप्ताह के लिए रात्रि कर्फ्यू लागू

इधर बिहार में कोरोना की दूसरी लहर के शांत पड़ने के बाद राज्य सरकार ने पिछले पांच मई से जारी लॉकडाउन को समाप्त करते हुए बुधवार से अगले एक सप्ताह के लिए शाम 7:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है ।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन समूह(सीएमजी) की मंगलवार को हुई बैठक में लॉकडाउन समाप्त करने और बुधवार से अगले एक सप्ताह के लिए शाम 7:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया ।

मुख्यमंत्री श्री कुमार ने खुद सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी । उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन से कोरोना संक्रमण के मामले में कमी आई है । इसलिए लाॅकडाउन खत्म करते हुये शाम 7ः00 बजे से सुबह 5ः00 बजे तक रात्रि कर्फ्यू जारी रहेगा ।

श्री कुमार ने कहा कि 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ सरकारी एवं निजी कार्यालय अपराह्न चार बजे तक खुलेंगे । दुकान खुलने की अवधि भी अपराह्न पांच बजे अपराह्न तक बढ़ा दी गई है । उन्होंने कहा कि अब निजी वाहनों को रात्रि कर्फ्यू को छोड़कर अन्य समय में चलने की अनुमति दी गई है । इसके लिए कोई ई-पास की आवश्यकता नहीं होगी ।

त्रिपुरा में महिला का अश्लील वीडियो सार्वजनिक करने के बाद स्थानीय लोगों ने जूतों की माला पहनाई,बाल काटे,नंगा किया,रस्सी से बांधकर घसीटा,इसके सदमें में आकर आत्महत्या करने की जांच करेगी एसआईटी attacknews.in

अगरतला, 07 जून। त्रिपुरा में एक महिला की अश्लील वीडियो को सार्वजनिक करने और बाद में उसके साथ अमानवीय बर्ताव करने से क्षुब्ध होकर आत्महत्या करने की घटना पर उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय विशेष जांच टी (एसआईटी) का गठन किया है, जो इस पूरे मामले की जांच करेगी।

गौरतलब है कि दक्षिण त्रिपुरा के सबरूम में एक स्थानीय पंचायत में एक महीने पहले सार्वजनिक तौर पर उसका अपमान करने के बाद कथित तौर पर महिला ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।

सेंट्रल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ऑफ पुलिस के कमांडेंट लकी चौहान और दो अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों में दक्षिण त्रिपुरा में बेलोनिया के एसडीपीओ सौम्या देबबर्मा और त्रिपुरा मानवाधिकार आयोग की प्रभारी बबीता भट्टाचार्जी के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई है और उन्हें निर्देश दिया कि जांच जल्द से जल्द पूरी की जाए।

दो दिन पहले स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश अकील ए कुरैशी और न्यायमूर्ति सुभाषिश तलापात्रा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह सबरूम की 23 वर्षीय गृहिणी की आत्महत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी गठित करे।

बेतागा एडीसी गांव के बीरेंद्र चौमुहानी बाजार में एक पंचाट बैठक के दौरान बड़े पर्दे पर बुजुर्गों के सामने उसके विवाहेतर संबंधों का एक अश्लील वीडियो प्रदर्शित किया गया था।

महिला की मौत के कुछ दिनों बाद उसके पति ने भी सामाजिक अपमान से परेशान होकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।

पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि वीडियो देखने के बाद अगली सुबह स्थानीय लोग महिला के घर के सामने जमा हुए और उसे जूतों की माला पहनाई, बाल काटे और उसे पूरी तरह से नग्न किया गया और फिर पूरे गांव में रस्सी से बांधकर उसे घसीटा गया।

महिला को सार्वजनिक तौर पर प्रताड़ित किया गया जिसके बाद महिला ने घर लौटते हुए जहर खा लिया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

पुलिस ने हालंकि इस घटना के संबंध में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है, परिवार ने महिला के कुछ पड़ोसियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

जिसमे कहा गया कि पड़ोसियों ने महिला को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि उसके बसंत त्रिपुरा के साथ संबंध थे, जिसने बिना बताए उसकी अश्लील वीडियो बनायी थी।

बाद में जब उसकी महिला के साथ किसी बात को लेकर अनबन हो गई, तो आरोपी बसंत ने इस अश्लील वीडियों को स्थानीय भाजपा नेताओं कमल त्रिपुरा और सजल त्रिपुरा के साथ साझा किया, जिन्होंने कथित तौर पर इसे ग्रामीणों के सामने प्रदर्शित किया।

अदालत ने पाया कि पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत घटना की प्राथमिकी दर्ज की है और अभी पूरी जांच नहीं हो पाई है।

उच्च न्यायालय ने आगे की जांच के लिए सरकार को एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने एसआईटी को 25 जून को निर्धारित अगली सुनवाई से पहले अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपने का भी निर्देश दिया।

भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई शिकायत; मुझे 10 लोगों ने जमकर पीटा और डोमिनिका ले गए attacknews.in

एंटीगुआ 7 जून । भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी ने अपनी पिटाई को लेकर एंटीगुआ पुलिस में शिकायत दर्ज होने के लिए दी है। चोकसी ने अपहरण कर डोमिनिका ले जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि,एंटीगुआ पुलिस से होने का दावा करने वाले 8-10 लोगों ने उसे बेरहमी से पीटा और उसका फोन, घड़ी और बटुआ छीन लिया। इधर एंटीगुआ के पीएम ब्राउन ने कहा कि यदि मेहुल चोकसी के आरोप सही पाए जाते हैं तो फिर यह गंभीर मामला है।

एंटीगुआ पुलिस को अपनी शिकायत में चोकसी ने कहा, “8-10 लोग जो एंटीगुआ पुलिस से होने का दावा कर रहे थे उन्होंने मुझे बेरहमी से पीटा. इतना कि मैं मुश्किल से होश में था। उन्होंने मेरा फोन, घड़ी, वॉलेट छीन लिया। उन्होंने मुझसे कहा कि वो मुझे लूटना नहीं चाहते हैं और मेरे पैसे वापस लौटा दिए।” मेहुल की शिकायत पर एंटीगुआ और बारबूडा पुलिस ने जांच शुरू कर दी।

मेहुल चोकसी के परिवार ने भी उसके खुद डोमिनिका भागने की थ्योरी पर सवाल उठाया था। मेहुल चोकसी के परिवार का कहना था कि वह 23 मई की शाम 5 बजे तक एंटीगुआ में ही था। ऐसे में वह कैसे आखिर 5 घंटे में ही 120 मील की दूरी तय कर सकता है।

चोकसी फिलहाल डोमिनिका में पुलिस की गिरफ्त में है। फिलहाल चोकसी डोमिनिका में अपनी ज़मानत की कोशिशों में लगा हुआ है। 8 जून को हाई कोर्ट में उसकी ज़मानत पर सुनवाई होगी अभी वह डोमिनिका के अस्पताल में ही भर्ती है। वहीं अदालत से साफ किया है कि अस्पताल से छूटने के बाद और जमानत मिलने पर मेहुल को हर सात दिन में पेशी देनी होगी जब तक उसके मामले का ट्रायल पूरा नहीं होता।

मेहुल एंटीगुआ से 23 मई की शाम अचानक लापता हो गया था। उसके बाद 26 मई को डोमिनिका में अंतरिक सुरक्षा मंत्रालय ने उसके डोमिनिकल हिरासत में होने की पुष्टि की। पिछले दिनोंडोमिनिका की जेल से मेहुल चोकसी की कुछ तस्वीरें सामने आई थीं, जिसमें वो अपनी चोट के निशान दिखाता नजर आ रहा था। उसके हाथ पर चोट के निशान थे। चोकसी पंजाब नेशनल बैंक के साथ कथित तौर पर 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित है।