नरेन्द्र मोदी ने भारत की न्याय व्यवस्था को विश्व में सर्वश्रेष्ठ उच्च कोटि की मानी जाने की हरेक विशेषताओं को प्रस्तुत किया:गुजरात हाईकोर्ट के 60 वर्ष पूरे होने पर जारी किया डाक टिकट attacknews.in

अहमदाबाद, छह फरवरी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश की न्यायपालिका की सराहना करते हुए कहा कि उसने लोगों के अधिकार की रक्षा करने और निजी स्वतंत्रता को बरकरार रखने के अपने कर्तव्य का पूर्ण निष्ठा से निवर्हन किया है।

उन्होंने कहा कि न्यायपालिका ने उन स्थितियों में भी अपने कर्तव्य का निष्ठा से पालन किया, जब राष्ट्र हितों को प्राथमिकता दिए जाने की आवश्यकता थी।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से दुनिया में सर्वाधिक संख्या में सुनवाई की।

मोदी ने गुजरात उच्च न्यायालय के 60 वर्ष पूरे होने के अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से डाक टिकट जारी करने के बाद कहा, ‘‘हर देशवासी यह कह सकता है कि हमारी न्यायपालिका ने हमारे संविधान की रक्षा के लिए दृढ़ता से काम किया। हमारी न्यायपालिका ने अपनी सकारात्मक व्याख्या से संविधान को मजबूत किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सुनकर सभी को गौरव होता है कि हमारा न्यायालय महामारी के दौरान वीडियो कांफ्रेंस के जरिए दुनिया का सर्वाधिक सुनवाई करने वाला न्यायालय बन गया है।’’

मोदी ने कहा कि न्यायपालिका ने लोगों के अधिकार की रक्षा करने, निजी स्वतंत्रता को बरकरार रखने के अपने कर्तव्य का निष्ठा से निर्वहन किया और उसने उन स्थितियों में भी अपने कर्तव्य का पालन किया, जब राष्ट्र हितों को प्राथमिकता दिए जाने की आवश्यकता थी।

उन्होंने कहा कि ‘डिजिटल इंडिया मिशन’ की बदौलत देश की न्याय प्रणाली का तेजी से आधुनिकीकरण हो रहा है और 18,000 से अधिक अदालतें कम्प्यूटरीकृत हो चुकी हैं।

मोदी ने गुजरात उच्च न्यायालय की सराहना करते हुए कहा कि उसने सत्य और न्याय के लिए जिस कर्तव्यनिष्ठा से काम किया और अपने संवैधानिक कर्तव्यों के लिए जो तत्परता दिखाई, उससे भारतीय न्याय व्यवस्था और भारत के लोकतंत्र दोनों मजबूत हुए हैं।

मोदी ने गुजरात उच्च न्यायालय की हीरक जयंती पर उसे बधाई देते हुए कहा कि अदालत और बार ने अपनी समझ एवं विद्वता के कारण विशिष्ट पहचान बनाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘न्यायपालिका के प्रति भरोसे ने सामान्य नागरिक के मन में एक आत्मविश्वास पैदा किया है। उसे सच्चाई के लिए खड़े होने की ताकत दी है। जब हम आजादी से अब तक देश की यात्रा में न्यायपालिका के योगदान की चर्चा करते हैं, तो हम ‘बार’ के योगदान की भी चर्चा करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में कानून का शासन, सदियों से सभ्यता और सामाजिक ताने-बाने का आधार रहा है।

उन्होंने प्राचीन ग्रंथों का हवाला देते हुए कहा कि न्याय ही सुराज की बुनियाद है।

मोदी ने कहा कि न्यायपालिका ने संविधान की रक्षा करने का दायित्व पूरी दृढ़ता से निभाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे संविधान में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को दी गई जिम्मेदारियां हमारे संविधान के लिए प्राणवायु की तरह है। हमारी न्यायपालिका ने संविधान की प्राणवायु की सुरक्षा का दायित्व पूरी दृढ़ता से निभाया।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार और न्यायपालिका दोनों का यह दायित्व बनता है कि वे मिलकर लोकतंत्र के लिए विश्वस्तरीय न्याय प्रणाली तैयार करें।

उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली ऐसी होनी चाहिए, जो समाज के सबसे वंचित तबके के लिए भी सुलभ हो।

मोदी ने कहा, ‘‘हमारी न्याय प्रणाली ऐसी होनी चाहिए, जो समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए भी सुलभ हो, जहां हर व्यक्ति के लिए समय पर न्याय की गारंटी हो। सरकार इस दिशा में काम करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।’’

नरेन्द्र मोदी ने चौरी-चौरा कांड के शताब्दी समारोह के संबोधन मेंआरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने बजट को वोट बैंक के हिसाब-किताब का बहीखाता और कोरी घोषणाओं का माध्यम बना दिया था attacknews.in

गोरखपुर 04 फरवरी । स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा प्रदान करने वाले चौरा चौरा कांड के शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के लिये जीने का संकल्प लेकर ही रणबांकुरों के बलिदान को नमन किया जा सकता है।

श्री मोदी ने गुरूवार को चौरा-चौरा कांड के शताब्दी वर्ष समारोह का वीडियाे कांफ्रेसिंग के जरिये शुभारंभ करते हुये कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान ऐसी बहुत कम घटनाये होंगी जब एक साथ 19 लोगों को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी दी हो। इन शहीदों को इतिहास के पन्नो में उचित स्थान नहीं दिया गया लेकिन इन वीर रणबांकुरों ने आजादी लड़ाई को नई दिशा प्रदान कर दी थी।

प्रधानमंत्री ने चौरा चौरा महोत्सव के अवसर पर पांच रूपये के एक डाक टिकट को भी जारी किया। इस अवसर पर चौरा चौरा चौरीचौरा थीम सांग की प्रस्तुति की गई जबकि सूचना विभाग ने चौरीचौरा कांड पर आधारित डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण किया और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।

महामना मदन मोहन मालवीय और बाबा राघवदास को याद करते हुये श्री मोदी ने कहा कि चौरा-चौरा की घटना से बौखलायी गोरी हुकूमत ने हालांकि 172 लोगों को फांसी देने की योजना बनायी थी लेकिन महामना और बाबा राघव दास के प्रयास से करीब 150 लोगों की फांसी की सजा टाल दी गयी। चौरीचौरा की पवित्र भूमि पर वीर शहीदों को याद करने के लिये शताब्दी वर्ष महोत्सव का यह आयोजन और महत्वपूर्ण बन गया है जब देश आजादी के 77वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।

उन्होने कहा कि कोरोना काल में भारत में बनी वैक्सीन की दुनिया के कई देशों में मांग है। दुनिया के दिग्गज देशों के मुकाबले भारत ने टीकाकरण की रफ्तार कहीं ज्यादा है। कोरोना काल में भारत ने 150 से अधिक देशों के नागरिकों को दवाई भेजी। विदेशी नागरिकों को सुरक्षित उनके वतन पहुंचाने में मदद की। दुनिया में भारत को इस भूमिका में देख स्वतंत्रता सेनानियों की आत्मा को गर्व महसूस हो रहा होगा।

श्री मोदी ने कहा कि हाल ही में संसद में पेश बजट के बारे में अर्थशास्त्रियों का अनुमान था कि कोरोना काल की कठिन चुनौती से निपटने के लिये सरकार कर का बोझ आम नागरिकों पर डालेगी मगर देश वासियों पर कोई बोझ नहीं डाला गया बल्कि चुनौतियों के समाधान के लिये यह बजट तेजी प्रदान करेगा। स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने की व्यवस्था बजट में की गयी है। निर्माण क्षेत्र की मजबूती,रोजगार के साधन और किसानो को समृद्ध बनाने में बजट महती भूमिका निभायेगा।

उन्होने कहा कि दशकों से बजट का मतलब सिर्फ घोषणा रह गया था जिसे पूरा नहीं किया जाता था। बजट को हिसाब किताब का बही खाता बना दिया गया था लेकिन अब सोच और अप्रोच बदल दिया गया है। विश्वास की जो यात्रा हमने ने शुरू की है वह नए भारत के निर्माण के साथ पूरी करेंगे।

वोट बैंक का बहीखाता होते थे पिछली सरकारों के बजट : मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2021-22 के आम बजट को देश के सामने खड़ी चुनौतियों के समाधान को नई तेजी देने वाला करार देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने बजट को वोट बैंक के हिसाब-किताब का बहीखाता और कोरी घोषणाओं का माध्यम बना दिया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “कोरोना काल में देश के सामने जो चुनौतियां सामने आई उनके समाधान को यह बजट नई तेजी देगा।”

उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा, “दशकों से हमारे देश में बजट का मतलब बस इतना ही रह गया था कि किसके नाम पर क्या घोषणा कर दी गई। बजट को वोट बैंक के हिसाब किताब का बहीखाता बना दिया गया था।”

मोदी ने यह भी आरोप लगाया, “पहले की सरकारों ने बजट को ऐसी घोषणाओं का माध्यम बना दिया था जो वह पूरी ही नहीं कर पाती थीं। मगर अब देश ने वह सोच बदल दी है, अप्रोच बदल दी है।”

प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा पिछले दिनों संसद में पेश बजट को देश को तरक्‍की के रास्‍ते पर लाने के ‘भगीरथ प्रयासों’ से जोड़ते हुए कहा, ‘‘इन भगीरथ प्रयासों की एक झलक हमें इस बार के बजट में भी दिखाई देती है। कोरोना काल में देश के सामने जो चुनौतियां आई उनके समाधान को यह बजट नई तेजी देने वाला है। बजट से पहले कई दिग्गज यह कह रहे थे कि देश ने इतने बड़े संकट का सामना किया है इसलिए सरकार को कर बढ़ाना ही पड़ेगा। देश के आम नागरिक पर बोझ डालना ही होगा। नए-नए कर लगाने ही पड़ेंगे लेकिन इस बजट में देशवासियों पर कोई बोझ नहीं बढ़ाया गया बल्कि देश को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने ज्यादा से ज्यादा खर्च करने का फैसला किया।’’

उन्‍होंने कहा, ‘‘यह खर्च देश में चौड़ी सड़कें बनाने के लिए हुआ है। यह खर्च आपके गांव को शहरों, बाजार और मंडियों से जोड़ने के लिए होगा। इस खर्च में पुल बनेंगे, रेल की पटरी बिछाई जाएंगी, नई रेल चलेंगी, नई बसें भी चलाई जाएंगी। पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था अच्छी हो, हमारे युवाओं को ज्यादा अच्छे अवसर मिलें, इसके लिए भी बजट में अनेक फैसले लिए गए हैं। इन सब कामों के लिए काम करने वालों की भी तो जरूरत पड़ेगी। जब सरकार निर्माण पर ज्यादा खर्च करेगी तो देश के लाखों नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा, आमदनी के नए रास्ते खुलेंगे।’’

मोदी ने कहा, ‘‘अब देश का प्रयास है कि हर गांव-कस्बे में भी इलाज की ऐसी व्यवस्था हो कि हर छोटी मोटी बीमारी के लिए शहर की तरह भागना न पड़े। इतना ही नहीं शहरों में भी अस्पतालों में इलाज कराने में तकलीफ ना हो इसके लिए भी बड़े फैसले लिए गए हैं। अभी तक आपको अगर कोई बड़ा टेस्ट या चेकअप कराना होता है तो आपको अपने गांव से निकलकर गोरखपुर जाना पड़ता है, या फिर कई बार आप बनारस या लखनऊ तक चले जाते हैं। अब सभी जिलों में आधुनिक टेस्टिंग लैब बनाई जाएगी, जिले में ही चेकअप की व्यवस्था होगी और इसलिए देश ने बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी पहले से काफी ज्यादा खर्च की व्यवस्था की है।’’

प्रधानमंत्री ने किसानों का जिक्र करते हुए कहा ‘‘हमारे देश की प्रगति का सबसे बड़ा आधार हमारा किसान भी रहा है। चौरी चौरा के संग्राम में तो किसानों की बहुत बड़ी भूमिका थी। किसान आगे बढ़ें और आत्मनिर्भर बनें, इसके लिए पिछले छह सालों में किसानों के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं इसका परिणाम देश ने कोरोना काल में देखा भी है।’’

उन्‍होंने कहा, ‘‘हमारा किसान अगर और सशक्त होगा तो कृषि क्षेत्र में प्रगति और तेज होगी। इसके लिए इस बजट में कई कदम उठाए गए हैं। मंडियां किसानों के फायदे का बाजार बनें, इसके लिए 1000 और मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा। यानी मंडी में जब किसान अपनी फसल बेचने जाएगा तो उसे और आसानी हो जाएगी। वह अपने फसल कहीं भी बेच सकेगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के लिए इन्फ्राट्रक्चर फंड को बढ़ाकर 40000 करोड़ रुपए कर दिया गया है। इसका भी सीधा लाभ किसानों को होगा। ये सब फैसले हमारे किसान को आत्‍मनिर्भर बनाएंगे, खेती को लाभकर बनाएंगे।’’

मोदी ने कहा, ‘‘उत्‍तर प्रदेश में सरकार ने प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के शुरुआत की है। इसके तहत गांवों की जमीनों, गांव के घरों का कागज गांव के लोगों को दिया जा रहा है। जब उनके पास अपनी जमीन और घर के सही कागज होंगे तो उनका मूल्य तो बढ़ेगा ही, साथ ही बैंकों से आसानी से कर्ज भी मिल जाएगा। गांव के लोगों के घर और जमीन पर कोई अपनी बुरी दृष्टि भी नहीं डाल पाएगा। इसका बहुत बड़ा लाभ देश के छोटे किसानों और गरीब परिवारों को होगा’’

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने इस मौके पर कहा कि चौरी चौरा की इस घटना ने देश के स्वाधीनता आंदोलन को एक नई दिशा भी दी थी। चौरी चौरा के इस शताब्दी महोत्सव को ध्यान में रखते हुए आज प्रदेश के सभी शहीद स्मारकों और शहीद स्थलों पर 1857 से लेकर 1947 के बीच और देश की स्वाधीनता के बाद भी विभिन्न युद्धों में देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए भारत माता के जो भी सपूत शहीद हुए हैं, उन सभी को याद करने और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए आज प्रदेश सरकार द्वारा पूरे राज्य में वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों की श्रंखला में इस तरह के आयोजन शुरू हो रहे हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा प्रधानमंत्री की प्रेरणा से यह शताब्दी महोत्सव आयोजित करने का निर्णय उनकी सरकार ने लिया। चौरा चौरा की घटना ने स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी थी। चार फरवरी 1922 को स्वाधीनता संघर्ष में यहां पुलिस और स्थानीय जनता के बीच संघर्ष में पुलिस की गोली से तीन सेनानी शहीद हुए थे। उसके बाद 228 पर ब्रिटिश हुकुमत ने मुकदमा चलाया था जिनमें 225 को सजा दी गई थी।

उन्होने कहा कि 1857 में आजादी की पहली लड़ाई से स्वतंत्रता प्राप्ति तक एवं उसके बाद देश की रक्षा में शहीद हुये वीर शहीदों सम्मान में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। हर स्मारक पर पुलिस बैंड, दीपोत्सव व राष्ट्रभक्ति गीतों के गायन का आयोजन होगा। विद्यालयों में तरह तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। इससे पहले श्री योगी ने शहीद स्मारक स्थल जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

कांग्रेस के आधुनिक चाणक्य और पार्टी के संकट मोचक,सोनिया गांधी के सलाहकार अहमद पटेल ने कोरोना संक्रमण में अंतिम सांस ली attacknews.in

नयी दिल्ली, 25 नवंबर । कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का बुधवार को निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे और कुछ हफ्ते पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे।

पटेल के पुत्र फैसल पटेल और पुत्री मुमताज सिद्दीकी ने ट्विटर पर एक बयान जारी कर बताया कि उनके पिता ने बुधवार तड़के तीन बज कर करीब 30 मिनट पर अंतिम श्वांस ली।

उन्होंने कहा, ‘‘ दुख के साथ अपने पिता अहमद पटेल की दुखद और असामयिक मृत्यु की घोषणा कर रहा हूं। 25 तारीख को सुबह करीब 3.30 बजे उनका निधन हो गया।’’

फैसल और मुमताज ने बताया कि लगभग एक महीने पहले उनके पिता कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। इलाज के दौरान उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया ।

पटेल को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विश्वस्त सहयोगियों में से एक पटेल उनके राजनीतिक सलाहकार थे।

पटेल वर्तमान में कांग्रेस के कोषाध्यक्ष थे। वह पार्टी के संकटमोचक के रूप में भी जाने जाते थे।

पटेल 1993 से पांच बार लगातार गुजरात से राज्यसभा के सदस्य थे। इससे पहले वह 1977, 1980 और 1984 में लगातार तीन बार गुजरात की भडूच लोकसभा सीट से सांसद बने।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कई अन्य नेताओं ने पटेल के निधन पर दुख जताया है।

मोदी ने पटेल के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने में उनकी भूमिका को हमेशा याद रखा जाएगा।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पटेल एक ऐसे कामरेड, निष्ठावान सहयोगी और मित्र थे जिनकी जगह कोई नहीं ले सकता।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पटेल के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पटेल एक ऐसे स्तंभ थे जो सबसे मुश्किल दौर में भी पार्टी के साथ खड़े रहे।

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने दुख जताते हुए कहा कि पटेल की कांग्रेस के प्रति प्रतिबद्धता और सेवा असीमित थी।

कांग्रेस के आधुनिक चाणक्य थे अहमद पटेल

गुजरात में तालुक स्तर से राजनीति शुरू कर अहमद पटेल कांग्रेस के लिए चाणक्य ही नहीं बने अपितु संकटमोचक बनकर पार्टी को मजबूत बनाने में अपना जीवन समर्पित कर दिया।

कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार रहे श्री पटेल केंद्र में मंत्री बनने के आमंत्रण को ठुकराते हुए कांग्रेस संगठन की मजबूती के लिए आजीवन काम करते रहे।

कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले अहमद पटेल ने कई मौकों पर पार्टी को संकट से उबारने का काम किया। पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर काम करते हुए वह हमेशा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विश्वास पात्र बने रहे। वह वर्तमान में कांग्रेस के कोषाध्यष थे और यह जिम्मेदारी उन्हें दूसरी बार मिली थी।

आपातकाल के समय जब पूरा देश पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ था और 1977 के आम चुनाव में जब लहर श्रीमती गांधी के विरुद्ध चल रही थी, उस समय श्री पटेल ने महज 26 साल की उम्र में लोकसभा का सदस्य बनकर राजनीति में अपनी अलग पहचान स्थापित कर ली थी। उसके बाद वह कभी रुके नहीं और हमेशा कांग्रेस के संकट मोचक् के रूप में अपनी सेवाएं देते रहे।

गुजरात के भरूच जिले के अंकलेश्वर में 1949 में जन्मे अहमद पटेल प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। वह तीन बार लोकसभा और चार बार राज्य सभा के सदस्य रहे। उन्होंने पहला चुनाव 1977 में भरूच लोकसभा सीट से लड़े और पूरे देश मे कांग्रेस के खिलाफ लहर के बावजूद 62 हज़ार 879 वोटों से चुनाव जीते थे। वह 1980 में भी इसी सीट से लड़े और 82 हज़ार 844 वोटों से जीते। जीत के अंतर का यह सिलसिला आगे बढ़ते हुए उन्होंने 1984 में तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ा और एक लाख 23 हज़ार 69 वोटों से जीत दर्ज की।

शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की जनता को बताया: कोरोना की वैक्सीन आने वाली है, लेकिन ढिलाई न बरतें, इससे पहले नरेन्द्र मोदी को अवगत कराया: वैक्सीन आने के बाद वितरण व्यवस्था को सुचारू ढंग से लागू किया जाएगा,इसकी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं attacknews.in

भोपाल,24 नवंबर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना की वैक्सीन जल्द ही आने वाली है। इस पर तेजी से कार्य चल रहा है। मध्यप्रदेश में भी राज्य सरकार ने इस संबंध में व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा है कि वैक्सीन आने से ही समस्या पूरी तरह हल नहीं होगी। किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरती जाना चाहिए। लोग मास्क का उपयोग करें और दो गज की दूर रखने तथा साबुन से बार-बार हाथ धोने जैसी सावधानियों का निरंतर पालन करें।

उन्होंने स्वैच्छिक संगठनों से भी आग्रह किया कि वे भी लोगों को मास्क के उपयोग के लिए समझाइश दें। उन्हाेंने कहा कि वे खुद हर जगह मिलने वाले लोगों को मास्क के उपयोग की बात समझाते हैं, उन्हें मास्क वितरित भी करते हैं। यह कार्य सभी को मिलकर करना है। सावधानी में ही सुरक्षा है। कोरोना से खुद बचने और अन्य लोगों के बचाने का दायित्व सभी को निभाना है।

कोरोना वैक्सीन वितरण के लिए राज्य योजना बनाएं – मोदी

इससे पहले आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस (कोविड-19) की वैक्सीन वितरण और उसके प्रशासन के संबंध में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस में कहा है कि भारत के साथ ही अन्य देशों में भी कोरोना से बचाव के वैक्सीन के लिए पूरे प्रयास हो रहे हैं। यह कार्य आखिरी दौर में है। भारत जो भी वैक्सीन देगा वो वैज्ञानिक कसौटी पर खरी होगी और इसके उपयोग की देशव्यापी व्यवस्था होगी।

वीडियों कान्फ्रेंस में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने वैक्सीन के संबंध में राज्य की तैयारियों की जानकारी प्रधानमंत्री को दी।

वीड़ियों कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि देश में गत कुछ महीने से कोरोना की चुनौती से निपटने के लिए केन्द्र सरकार ने भरसक प्रयास किए हैं। राज्यों द्वारा भी सजग और सक्रिय रहकर कोरोना से बचाव, रोगियों के उपचार और भविष्य की स्थिति के संबंध में अच्छा कार्य किया गया। हम आपदा के गहरे समंदर से निकलकर किनारे की तरफ बढ़ रहे हैं। लेकिन सावधानी अभी भी आवश्यक है। कहीं किसी शायर की यह पंक्तियां चरितार्थ न हों, कि हमारी कश्ती भी वहीं डूबी, जहाँ पानी कम था।

उन्होंने आज कोविड-19 वैक्सीन वितरण और उसके प्रशासन के संबंध में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा चर्चा की। इस चर्चा में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें मध्यप्रदेश में की गई तैयारियों की जानकारी दी।

इस दौरान श्री मोदी ने कहा कि जब कोरोना शुरू हुआ कुछ देशों में समस्या बहुत गंभीर थी। विशाल जनसंख्या वाले भारत देश में हमारा प्रयास था कि कम से कम नुकसान हो। इसमें सफलता भी मिली है। सभी को जागरूक होना होगा, ढिलाई बिल्कुल न हो, वैक्सीन आने में देर नहीं है लेकिन तब तक सभी सावधानियों का पालन करना ही है। वैक्सीन निर्माण के संदर्भ में केन्द्र सरकार निरंतर नजर रखे हुए है। वैक्सीन आने के पश्चात किसे कितना डोज देना होगा, यह तय नहीं है। हमें वैश्विक संदर्भ में आगे बढ़ना होगा।

श्री मोदी ने कहा कि रिकवरी रेट बढ़ने से लापरवाही नहीं बढ़ना चाहिए। टेस्टिंग की सुविधा का उपयोग करते हुए पॉजीटिविटी रेट को कम करना है। आइसोलेशन रोगियों की निरंतर मॉनीटरिंग, वैक्सीन के लिए सप्लाई व्यवस्था और जागरूकता अभियान में कोई कमी नहीं होना चाहिए। एक भी मृत्यु कहीं होती है तो उसके कारणों तक पहुंचना है।

उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान का कार्य काफी लंबा चलेगा। राज्यों से वैक्सीन की वितरण व्यवस्था पर आज सुझाव मांगे गए हैं। इन सुझावों के आधार पर अमल भी किया जाएगा। उन्होंने राज्यों से लिखित रूप में भी शीघ्र ही सुझाव भेजने का अनुरोध किया। विडियों कांफ्रेंस में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने उन 8 राज्यों की स्थिति भी जानी, जहां अभी भी कोरोना की समस्या अधिक गंभीर है। इन राज्यों में दिल्ली, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र शामिल है।

इस चर्चा में श्री चौहान ने प्रधामनंत्री को जानकारी दी कि मध्यप्रदेश में कोरोना वैक्सीन आने के बाद वितरण व्यवस्था को सुचारू ढंग से लागू किया जाएगा। वैक्सीन आने पर परिवहन व्यवस्था ड्राई स्टॉक, कोल्ड चैन स्पेस, नवीन कोल्ड चैन फोकल प्वाइंट का विस्तार, मॉनिटरिंग, वैक्सीनेटर्स के प्रशिक्षण का कार्य व्यापक पैमाने पर किया जाएगा। वर्तमान में भी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

श्री चौहान ने कहा कि राज्य में टीकाकरण कार्य सुचारू रूप से किया जाएगा। इसकी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। राज्य संचालन समिति बनाई जा चुकी है। यह समिति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई है। जिला टास्क फोर्स भी बना दिए गए हैं। ब्लॉक स्तर पर भी टास्कफोर्स गठित होंगे। उन्होंने कहा कि टीकाकरण कार्य में समाज को भी शामिल किया जाएगा। सामाजिक संगठन जैसे एनसीसी, एनएसएस और युवाओं का सहयोग लिया जाएगा। कोरोना से बचाव की वैक्सीन प्राथमिकता से किन लोगों को लगाई जाए, यह केन्द्र द्वारा प्राप्त दिशा निर्देशों के अनुरूप किया जाएगा।

भारत में बुधवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या साढ़े 89 लाख के पार पहुंची,मृतकों की संख्या 1.31 लाख के पार,पौने 84 लाख के पास पहुंची निजात पाने वालों की संख्या attacknews.in

नयी दिल्ली 18 नवंबर । देश में कोरोना संक्रमण के नये मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या अधिक होने से इससे निजात वालों का आंकड़ा पौने 84 लाख के पास पहुंच गया है।

विभिन्न राज्यों से प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक बुधवार देर रात तक इस संक्रमण से 40,907 लोग ठीक हुए, जिससे इस प्राण घातक विषाणु से निजात पाने वालों की संख्या 83,74,708 हो गयी। वहीं संक्रमण के 37, 616 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या साढ़े 89 लाख के पार पहुंच गयी। इस दौरान 451 मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1,31,483 हो गया है।

कोरोना से देश में सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र सक्रिय मामलों की संख्या 80,221 रह गयी है। महाराष्ट्र इस मामले में भी शीर्ष पर बरकरार है। वहीं केरल 69,399 सक्रिय मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है। दिल्ली 42,004 सक्रिय मामलों के साथ तीसरे, पश्चिम बंगाल 26,296 मामलों के साथ चौथे स्थान पर है जबकि कर्नाटक अब 25,146 मामलों के साथ पांचवें स्थान पर है।

महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के नये मामलों में कमी होने और इसकी तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या अधिक होने से सक्रिय मामलों में फिर से कमी दर्ज की गयी और इनकी संख्या घटकर अब 80,221 रह गयी है। राज्य में अब तक कुल 17,57,520 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुये हैं और 16,30,111 स्वस्थ हुये हैं। राज्य में अब तक 46,202 लोगों की इस महामारी से मौत भी हुई है।

केरल में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस (कोविड-19) के 6,419 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या सोमवार को 5.39 लाख से ज्यादा हो गयी, लेकिन राहत की बात यह है कि सक्रिय मामलों में फिर से गिरावट दर्ज की गयी है और यह घट कर 69,399 पर आ गये।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस दौरान 7,066 और मरीजों के स्वस्थ होने से रोग मुक्त लोगों की संख्या 4,68,420 हो गयी है। 28 और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 1,943 हो गयी है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के 42,004 सक्रिय मामले हैं। वहीं 4,45,782 लोग इससे निजात पा चुके हैं। यहां मंगलवार को इस संक्रमण के 63 नये मामले सामने आए तथा 99 लोगों की इसके कारण मौत हुयी।

दिल्ली में अब तक 4,95,598 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं तथा 7,812 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

कर्नाटक में कोरोना वायरस (कोविड-19) के 1,791 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8,645,931 हो गई।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोविड-19 महामारी से 21 लोगों की मौत हुई है जिससे अब तक इस संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 11,578 हो गई है। राज्य में आज 1,997 संक्रमितों को स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई।

कोरोना संक्रमण के मामले में भारत दुनियाभर में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। अमेरिका में संक्रमितों की कुल संख्या करीब 1.14 करोड़ हो गयी है। भारत हालांकि अमेरिका से अभी भी पीछे है। देश में नये मामलों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है, जबकि अमेरिका में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है।
संतोष

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट द्वारा सांसदों व विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सूची दो सप्ताह में पेश करने का निर्देश attacknews.in

जबलपुर, 24 अक्टूबर । मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने रजिस्ट्रार जनरल को पूर्व एवं मौजूदा सांसदों व विधायकों के खिलाफ अदालतों में चल रहे आपराधिक मामलों की सूची दो सप्ताह के अंदर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।

सहायक सॉलिसिटर जनरल जे के जैन ने बताया कि कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव और न्यायमूर्ति सुजॉय पाल की पीठ ने रजिस्ट्रार जनरल को दो सप्ताह के अंदर पूर्व एवं वर्तमान सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों विशेष कर ऐसे मामले जिनमें स्थगन आदेश दिया गया है, की सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

उन्होंने बताया कि अदालत ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के 16 सितंबर के आदेश के अनुपालन में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान यह निर्देश जारी किया।

शीर्ष अदालत ने राज्यों से पूर्व और वर्तमान सांसदों तथा विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मुक़द्दमों की प्रगति की निगरानी के लिये कहा था। उच्चतम न्यायालय ने अश्विनी कुमार उपाध्याय व अन्य बनाम भारत सरकार व अन्य के एक मामले की सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया था।

वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) संगठन ने पाकिस्तान को अपनी तथाकथित ‘ग्रे’ सूची में बरकरार रखा,यह देश उसके 27 सुझावों में छह को पूरा करने में नाकाम रहा attacknews.in

धन शोधन गतिविधियों की निगरानी करने वाले वैश्विक संगठन ने कोविड फर्जीवाड़ा बढ़ने पर चिंता जताई

पेरिस, 23 अक्टूबर (एपी)वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) संगठन ने पाकिस्तान को अपनी तथाकथित ‘ग्रे’ सूची में बरकरार रखा ।यह देश उसके 27 सुझावों में छह को पूरा करने में नाकाम रहा है

धन शोधन और आतंकवाद को धन मुहैया किये जाने संबंधी गतिविधियों की रोकथाम के लिये उनकी निगरानी करने वाले वैश्विक संगठन ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस से जुड़ा फर्जीवाड़ा बढ़ रहे हैं।

वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने कहा कि फर्जी मेडिकल आपूर्ति, वित्तीय प्रोत्साहन उपाय और ऑनलाइन घोटाले दुनिया भर में सरकारों को बुरी तरह से प्रभावित कर रहे हैं।

इसके अलावा, पेरिस स्थित संगठन ने पाकिस्तान को अपनी तथाकथित ‘ग्रे’ सूची में बरकरार रखा है।

संगठन ने कहा कि यह देश उसके 27 सुझावों में छह को पूरा करने में नाकाम रहा है और आतंकवाद को धन मुहैया किये जाने के खिलाफ खासतौर पर कहीं अधिक निर्णायक कार्रवाई की जरूरत है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा: कमलनाथ ने एक अनुसूचित जाति की महिला को अपमानित किया, माँ, बहन और बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जायेगा attacknews.in

सागर, 21 अक्टूबर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ‘आइटम’ शब्द को लेकर आज एक बार पुन: उनपर तीखे हमले करते हुए कहा कि उन्हें अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिये।

श्री चौहान ने सागर जिले के सुरखी विधानसभा के सिहोरा, छतरपुर जिले के बड़ामलहरा के अलावा रायसेन के सांची विधानसभा के हरदौत में बूथ सम्मेलन और राजगढ़ के ब्यावरा विधानसभा के लखनबात में जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री कमलनाथ ने डबरा की एक सभा में मंत्री इमरती देवी को लेकर अपशब्द कहें, जबकि वे उनकी सरकार में मंत्री थी, लेकिन उन्हें उनका नाम याद नहीं आया और वह यह अपशब्द कह दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी गलती को स्वीकार करना चाहिये।

मां, बहन और बेटी का अपमान सहन नहीं करेंगे: शिवराज

मुख्यमंत्री चौहान ने अनुसूचित जाति वर्ग की महिला एवं मंत्री इमरतीदेवी के खिलाफ अपमानजनक बयान के विरोध में आज कहा कि मां, बहन और बेटी का अपमान किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

श्री चौहान ने जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र के सीहोरा में आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक अनुसूचित जाति की महिला को अपमानित किया। उन्होंने कहा कि माँ, बहन और बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कांग्रेस के पंद्रह महीने और भाजपा के छह माह के कार्यकाल में हुए विकास को गिनाते हुए कहा कि अभी तो यह ट्रेलर है, पिक्चर बाकी है।

कांग्रेस सरकार द्वारा कर्जमाफी और अन्य झूठी घोषणाओं पर श्री चौहान ने कहा कि आने वाले दिनों में सर्वे कार्य पूर्ण हो जाने के बाद सोयाबीन की राहत राशि किसानों को पूरी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के पंद्रह महीने के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया था। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत से कहा कि चिंता मत करो 3 नबंवर को जनता वोट करेगी और उन्हें फिर मंत्री बनाया जाएगा।

सभा को संबोधित करते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि उपचुनाव प्रदेश के साथ-साथ सुरखी का भविष्य भी तय करेंगे। सुरखी के पिछडऩे का कारण उन्होंने बताया कि अधिकांश समय जनप्रतिनिधि विपक्ष का रहा है। मंत्री गोपाल भार्गव ने भी सभा को संबोधित किया। भाजपा प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि कांग्रेस छोडऩे बाद उन्होंने दल ही नहीं दिल भी बदल लिया है।

भारत में शुक्रवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 74 लाख के पार हुई और मृतकों की संख्या 1 लाख 13 हजार के करीब पहुंची,सक्रिय मामले घटकर 7.96 लाख के करीब attacknews.in

नयी दिल्ली 16 अक्टूबर । देश में कोरोना संक्रमण के मामले सवा 74 लाख से अधिक हो गए हैं और पिछले एक सप्ताह के दौरान कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या नौ लाख से घटकर 7.96 लाख के करीब पहुँच गई हैं।

विभिन्न राज्यों से प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक शुक्रवार देर रात तक संक्रमण के 66,042 नये मामलों के साथ संक्रमितों का कुल आंकड़ा 74,34,555 हो गया है और मृतकों की संख्या 754 बढ़कर 1,12,947 हो गयी है।

देश में नये मामलों की तुलना में कोरोना महामारी से निजात पाने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और इसी कड़ी में 64,096 कोरोना मरीजों के ठीक होने के साथ अब तक 65,15,344 लोग इस बीमारी से मुक्ति पा चुके हैं।

कोरोना संक्रमण के नये मामलों में कमी आने और इनकी तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या वृद्धि होने के कारण सक्रिय मामलों में 8,448 की कमी दर्ज की गयी है। सक्रिय मामले घटकर आठ लाख से कम 7,96,080 पर आ गये हैं।

कोरोना से देश में सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र 1,89,715 सक्रिय मामलों के साथ शीर्ष पर है। वहीं कर्नाटक 1,12,427 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि केरल 95,009 सक्रिय मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है।

कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के 11,447 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 15,76,062 पहुंच गयी। राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान नये मामलों की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गयी जिसके कारण सक्रिय मामलों में कमी आयी है। सक्रिय मामलों की संख्या 2,744 और घटकर 1,89,715 रह गयी।

इस दौरान रिकॉर्ड 13,885 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या 13,44,368 हो गयी है तथा 306 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 41,502 हो गयी है। राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 85.29 फीसदी पहुंच गयी है जबकि मृत्यु दर महज 2.63 प्रतिशत है

कोरोना संक्रमण के मामले में भारत दुनियाभर में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। अमेरिका में संक्रमितों की कुल संख्या 79,82,291 हो गई और इस हिसाब से भारत अब 5.56 लाख मामले ही पीछे हैं।

केरल में कोरोना के सक्रिय मामले बढ़ कर 95 हजार

केरल में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के 7,283 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या शुक्रवार रात सवा तीन लाख के पार पहुंच गयी लेकिन चिंता की बात यह है कि सक्रिय मामलों में फिर से वृद्धि दर्ज की गयी है जो आज फिर से 95 हजार से अधिक हो गये।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस दौरान 6,767 और मरीजों के स्वस्थ होने से रोग मुक्त लोगों की संख्या 2,28,998 पहुंच गयी है। राज्य में इस दौरान संक्रमितों की कुल संख्या 3,25,213 हो गयी है तथा 21और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 1,111 हो गयी है।

राज्य में इस अवधि में सक्रिय मामले 491 और बढ़ कर 95,008 हो गये जो गुरुवार को 94,517 थे। सभी मरीजों का विभिन्न केन्द्रों पर इलाज किया जा रहा है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के सक्रिय मामलों में केरल महाराष्ट्र और कर्नाटक के बाद तीसरे स्थान पर आ गया है।संक्रमण मामले में केरल पश्चिम बंगाल को पीछे छोड़ अब सातवें स्थान पर है।

कर्नाटक में कोरोना के सक्रिय मामलों में और कमी

कर्नाटक में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 7,542 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या शुक्रवार रात को साढ़े सात लाख के पार पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि इस दौरान सक्रिय मामलों में फिर से कमी दर्ज की गयी।

कोरोना संक्रमण के मामले में कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के बाद तीसरे स्थान पर है। तमिलनाडु संक्रमण के मामले में चौथे स्थान पर है। कोरोना वायरस के कारण हुई मौत के मामले में तमिलनाडु महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है जबकि कर्नाटक तीसरे स्थान पर है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य में संक्रमितों की संख्या 7,51,390 हो गयी है। इस दौरान 8,580 और मरीजों के स्वस्थ होने से रोग मुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 6,28,588 हो गयी है। इसी अवधि में 73 और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 10,356 हो गयी है।

इस दौरान नये मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या अधिक होने के कारण सक्रिय मामलों में 1,111 की कमी दर्ज की गयी जिससे ऐसे मामले 1,12,427 रह गये जो गुरुवार को 1,13,538 थे।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण के सक्रिय मामलों में कर्नाटक महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है।

महाराष्ट्र में कोरोना सक्रिय मामले घटकर 1.89 लाख

देश में कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के 11,447 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या शुक्रवार रात बढ़कर 15.76 लाख के पार पहुंच गयी। इस दौरान स्वस्थ लोगों की संख्या में भी वृद्धि के कारण सक्रिय मामलों में दो हजार सात सौ से अधिक की कमी दर्ज की गयी।

राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान नये मामलों की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गयी जिसके कारण सक्रिय मामलों में कमी आयी है। सक्रिय मामलों की संख्या 2,744 और घटकर 1,89,715 रह गयी।

ईडी ने अहमदाबाद स्थित जैव प्रौद्योगिकी कंपनी की निदेशक को मनी लान्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया attacknews.in

नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन (मनी लांड्रिंग) के आरोपों में अहमदाबाद स्थित जैव प्रौद्योगिकी कंपनी की निदेशक को गिरफ्तार किया है। ईडी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह गिरफ्तारी कथित रूप से एक सहकारी बैंक के साथ धोखाधड़ी से जुड़े मामले में की गई है।

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि पेंटियम इन्फोटेक लि. और हीरम बायोटेक लि. की निदेशक निकेता बलदेवभाई दवे को धन शोधन रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। अहमदाबाद की एक स्थानीय अदालत ने दवे को 17 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने बयान में कहा कि दवे और इन कंपनियों एक एक अन्य निदेशक प्रतीक आर शाह तथा अन्य ने अहमदाबाद के पीपल्स कोऑपरेटिव बैंक लि. (एपीसीबीएल) के साथ 25.25 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। गुजरात पुलिस की सीआईडी-अपराध शाखा ने सबसे पहले मई, 2009 में इन लोगों के खिलाफ मामला दायर किया था।

इस प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग का आपराधिक मामला दायर किया है।

निदेशालय ने कहा कि उसने अपनी जांच में पाया कि शाह और दवे एपीसीबीएल में एफडीओडी (एफडी के एवज में ओवरड्राफ्ट) ऋण खाता खोला। इन कंपनियों ने भुगतान में चूक की जिससे बैंक को 25.25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

चिराग पासवान नीत लोजपा बनेगी ‘किंगमेकर’ या बिगाड़ेगी खेल,चिराग का बिहार में चुनावी जोर आजमाने का मकसद ‘कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना’ attacknews.in

नयी दिल्ली ,07 अक्टूबर । लोक जनशक्ति पार्टी(लोजपा) के बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले दमखम दिखाने के फैसले तथा जनता दल(यूनाइटेड) के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारने की चुनौती और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के समर्थन की घोषणा से यह सवाल उठ रहा है कि चिराग पासवान नीत लोजपा क्या इस बार प्रदेश में ‘किंगमेकर’ की भूमिका में रहेगी अथवा कोई खेल बिगाड़ेगी।

बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए 28 अक्टूबर को हाेने वाले चुनाव में भाजपा और जद(यू) के बीच ‘फिफ्टी-फिफ्टी’ के फार्मूले पर सहमति बन गयी है।

चिराग की ‘कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना’:

बिहार विधानसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का ‘मोदी से बैर नहीं, नीतीश तेरी खैर नहीं’ के साथ जोर आजमाने का मकसद ‘कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना’ है।

राजनीति में दिलचस्पी लेने वाला हर शख्स लोजपा अध्यक्ष श्री पासवान की विधानसभा के चुनाव में खेली गई इस नई ‘चाल’ को समझने की कोशिश कर रहा है। आम लोग अपने-अपने हिसाब से इसकी व्याख्या भी कर रहे हैं लेकिन राजनीतिक पर्यवेक्षकों की मानें तो यह चाल लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान और उनके पुत्र चिराग पासवान की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना है।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, श्री रामविलास पासवान अक्सर कहते रहे हैं कि नेता वही है जो 10 साल आगे की सोचता है। श्री पासवान ने यह बात निश्चित रूप से अपनी पुत्र को भी सिखाई होगी इसलिए श्री चिराग पासवान भविष्य की तैयारी में अभी से जुट गए हैं। इस चुनाव में वह खुद उम्मीदवार बनकर मैदान में उतर आए तो इसमें भी कोई आश्चर्य नहीं होगा। मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार पर परोक्ष रूप से तंज कसते हुए एक बार उन्होंने कहा था कि वह लड़कर और जीत कर दिखाना चाहते हैं कि वह जनता के बीच से चुनकर आए हैं।

वैसे देखा जाए तो इस चुनाव में उनका मुकाबला जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से नहीं बल्कि राष्ट्रीय जनता दल और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव से है। चुनाव में दो युवा चेहरे तेजस्वी और चिराग बिहार के सबसे चर्चित चेहरा श्री नीतीश कुमार से मुकाबला करेंगे तो राज्य की जनता को दोनों युवाओं के बीच तुलना करने का मौका मिलेगा।

श्री चिराग पासवान को लगता है कि यदि इस चुनाव में श्री नीतीश कुमार और श्री सुशील कुमार मोदी जैसे दिग्गज नेताओं की छत्रछाया में लोजपा चुनाव लड़ती है तो उनकी अपनी स्वतंत्र पहचान नहीं बन पाएगी जबकि इस चुनाव में उनके प्रतिस्पर्धी श्री तेजस्वी यादव ने कांग्रेस जैसी दिग्गज पार्टी और वाम दलों का नेतृत्व करते हुए श्री नीतीश कुमार को चुनौती देकर अपना कद बड़ा कर लिया है। इस प्रतिस्पर्धा में श्री चिराग पासवान पीछे नहीं रहना चाहते थे इसलिए वह श्री नीतीश कुमार को चुनौती देने के लिए ताल ठोक रहे हैं।

पुलिसगिरी से नेतागिरी में आखिर कदम रख ही दिया बिहार के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय ने,जदयू में शामिल हुए,शनिवार को मुलाकात की और नीतीश ने रविवार को नेता बना दिया attacknews.in

पटना 27 सितंबर।बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले श्री गुप्तेश्वर पांडेय ने आज जनता दल यूनाइटेड जदयू में शामिल हो गए ।

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वर्ष 1987 बैच के अधिकारी रहे श्री पांडेय को आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास पर जदयू की सदस्यता ग्रहण दिलाई । इस मौके पर जदयू के वरिष्ठ नेता विजय रिपीट विजय कुमार चौधरी भी मौजूद थे।

शनिवार को की थी बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने नीतीश से मुलाकात

बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के बाद राजनीति की ओर कदम बढ़ा रहे श्री गुप्तेश्वर पांडेय ने शनिवार को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी ।

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वर्ष 1987 बैच के अधिकारी रहे श्री पांडेय ने जदयू प्रदेश कार्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर लौटने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि श्री कुमार के साथ उनकी यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। उनसे जब यह पूछा गया कि क्या वह जदयू में शामिल हो रहे हैं तब उन्होंने कहा कि अभी वह किसी भी दल में शामिल नहीं हो रहे हैं।

श्री पांडेय ने कहा था कि , “मैं मुख्यमंत्री श्री कुमार को धन्यवाद देने आया था। डीजीपी के पद पर रहते हुए उन्होंने मुझे खुलकर काम करने का मौका दिया, जिसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं।” उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है। मुख्यमंत्री से केवल औपचारिक मुलाकात करने आया था। श्री पांडेय जदयू कार्यालय में करीब 10 मिनट तक रहे। इस दौरान वहां पार्टी के कुछ अन्य वरीय नेता भी मौजूद थे।

गौरतलब है कि भारतीय पुलिस सेवा से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति के श्री पांडेय के आवेदन को गृह विभाग ने राज्यपाल के आदेश से 22 सितंबर 2020 को मंजूर कर लिया था । इसके बाद से ही कयास लगाया जा रहा था कि श्री पांडेय अब राजनीति में अपनी नई पारी की शुरुआत करेंगे।

पुलिस महकमे में श्री पांडेय 33 साल सेवा दे चुके हैं। इस दौरान वह पुलिस अधीक्षक से लेकर पुलिस उप महानिरीक्षक, महानिरीक्षक,अपर पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिदेशक तक के सफर में 26 जिलों में काम कर चुके हैं।

श्री पांडेय को 31 जनवरी 2019 को बिहार का पुलिस महानिदेशक बनाया गया था और उनका कार्यकाल 28 फरवरी 2021 को पूरा होने वाला था लेकिन उससे पहले ही उन्होंने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली ।

” मन की बात ” नरेन्द्र मोदी ने कृषि सुधार विधेयकों से किसानों को मिली आजादी के बारे में बताते हुए कहा कि, गांव, किसान, देश का कृषि क्षेत्र जितना समृद्ध होगा ‘आत्मनिर्भर भारत’ की नींव भी उतनी मजबूत होगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 सितंबर ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गांव, किसान और देश के कृषि क्षेत्र को ‘आत्मनिर्भर भारत’ का आधार बताते हुए कहा कि ये जितने मजबूत होंगे, ‘आत्मनिर्भर भारत’ की नींव भी उतनी ही मजबूत होगी।

आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 69वीं कड़ी में अपने विचार व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा कि संसद से पारित कृषि सुधार विधेयकों के पारित होने के बाद देशभर के किसानों को अब उनकी इच्छा के अनुसार, जहां ज्यादा दाम मिले वहां बेचने की आजादी मिल गई है।

मोदी ने इस अवसर पर कई राज्यों के किसानों और कुछ किसान संगठनों के अनुभवों तथा उनकी सफल कहानियों को साझा करते हुए यह संदेश देने की कोशिश की कि कैसे उन्हें उनके उत्पादों के एपीएमसी (कृषि उत्पाद विपणन समितियां) कानून से बाहर होने का फायदा मिला और कैसे अब वे बिना बिचौलिए के सीधे बाजार में अपने उत्पादों को बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देशभर के किसान उन्हें चिट्ठियां भेजकर और कुछ किसान संगठनों ने निजी बातचीत में उन्हें बताया कि कैसे खेती में नए-नए आयाम जुड़ रहे हैं और बदलाव आ रहा है।

कोरोना वायरस संक्रमण के बीच देश में बंपर फसल उत्पादन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे कठिन दौर में भी कृषि क्षेत्र और देश के किसानों ने फिर से अपना दमखम दिखाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे यहां कहा जाता है कि जो जमीन से जितना जुड़ा होता है, वह बड़े से बड़े तूफानों में भी उतना ही अधिक रहता है। कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है। संकट के इस काल में भी हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमखम दिखाया है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं। ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी।’’

मोदी ने हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ सफल किसानों तथा किसान समूहों का जिक्र करते हुए कहा कि बीते कुछ समय में कृषि क्षेत्र ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है और अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है।

हरियाणा के सोनीपत जिले के किसान कंवर चौहान की कहानी बताते हुए मोदी ने कहा कि एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में बहुत दिक्कत आती थी।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में फल और सब्जियों को जब एपीएमसी कानून से बाहर कर दिया गया, तो इसका उन्हें और अन्य किसानों को फायदा हुआ।

उन्होंने बताया कि चौहान ने साथी किसानों के साथ मिलकर एक किसान उत्पादक समूह की स्थापना की और ‘‘स्वीट कार्न’’ तथा ‘‘बेबी कार्न’’ की खेती आरंभ की।

उन्होंने कहा, ‘‘आज उनके उत्पाद दिल्ली की आजादपुर मंडी, बड़ी रिटेल चेन तथा पांच सितारा होटलों में सीधे आपूर्ति हो रहे हैं। आज ये किसान ढाई से तीन लाख रुपये प्रति एकड़ सालाना कमाई कर रहे हैं। इतना ही नहीं, इसी गांव के 60 से अधिक किसान नेट हाउस और पॉली हाउस बनाकर टमाटर, खीरा, शिमला मिर्च की अलग-अलग किस्मों का उत्पादन कर हर साल प्रति एकड़ 10 से 12 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं।’’

मोदी ने कहा कि इन किसानों के पास अपने फल-सब्जियों को कहीं पर भी और किसी को भी बेचने की ताकत है तथा ये ताकत ही उनकी इस प्रगति का आधार है।

उन्होंने कहा, ‘‘अब यही ताकत, देश के दूसरे किसानों को भी मिली है। फल-सब्जियों के लिए ही नहीं, अपने खेत में, वो जो पैदा कर रहे हैं – धान, गेहूं, सरसों, गन्ना जो उगा रहे हैं, उसको अपनी इच्छा के अनुसार जहां ज्यादा दाम मिले, वहीं पर, बेचने की अब उनको आज़ादी मिल गई है।’’

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के भारी विरोध के बावजूद हाल में कृषि विधेयक आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 तथा कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 को संसद से पारित कर दिया गया था।

कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020, राज्य सरकारों को मंडियों के बाहर की गयी कृषि उपज की बिक्री और खरीद पर कर लगाने से रोकता है और किसानों को अपनी उपज को लाभकारी मूल्य पर बेचने की स्वतंत्रता देता है।

वर्तमान में, किसानों को पूरे देश में फैले 6,900 एपीएमसी (कृषि उपज विपणन समितियों) मंडियों में अपनी कृषि उपज बेचने की अनुमति है। मंडियों के बाहर कृषि-उपज बेचने में किसानों के लिए प्रतिबंध हैं।

देशभर के कई हिस्सों खासकर पंजाब और हरियाणा के किसान तथा किसान संगठन इन विधेयकों को किसान विरोधी बताकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

कांग्रेस ने तो कृषि संबंधी विधेयकों के खिलाफ शनिवार को सोशल मीडिया पर अभियान शुरू कर दिया और इसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोगों से किसानों पर कथित अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की।

कांग्रेस का कहना है कि एपीएमसी कानून आज किसानों के बड़े तबके के लिए एक सुरक्षा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), मूल्य निर्धारण का एक संकेत है जिसके आधार पर बाजार कीमतें तय करता है।

कांग्रेस का दावा है कि ये विधेयक एमएसपी के इस महत्व को खत्म कर देंगे और एपीएमसी कानून भी निष्प्रभावी हो जाएगा।

मोदी ने महाराष्ट्र में फल और सब्जियों को एपीएमसी कानून के दायरे से बाहर किए जाने से वहां के फल और सब्जी उत्पादक किसानों को हुए फायदे से और उनके जीवन में आए बदलाव की कहानी भी सुनाई। इसी प्रकार उन्होंने तमिलनाडु के थेनि जिले के किसानों के समूह और गुजरात में बनासकांठा के रामपुरा गांव के किसान इस्माइल भाई की कहानी सुनाई।

उन्होंने कहा, ‘‘इस्माइल भाई सीधे बड़ी-बड़ी कंपनियों को आलू बेचते हैं। बिचौलियों का नामो-निशान नहीं और परिणाम – अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। अब तो उन्होंने, अपने पिता का सारा कर्जा भी चुका दिया है और सबसे बड़ी बात जानते हैं! इस्माइल भाई, आज, अपने इलाके के सैकड़ों अन्य किसानों की भी मदद कर रहे हैं। उनकी भी ज़िंदगी बदल रहे हैं।’’

उल्लेखनीय है कि संसद से पारित कृषि संबंधित विधेयकों को किसान विरोधी बताते हुए भाजपा का सबसे पुराना सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) न सिर्फ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग हो गया है, बल्कि इसकी वरिष्ठ नेता हरसिमरत कौर ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा भी दे दिया था।

मोदी ने कहा कि आज की तारीख में खेती को जितना आधुनिक विकल्प मिलेगा, उतनी ही वो आगे बढ़ेगी, उसमें नए-नए तौर-तरीके आयेंगे, नए आयाम जुड़ेंगे।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1.13 लाख के पार हुई और मृतकों की संख्या 2,077 हुई,बुधवार को कोरोना के 2346 नए मामले सामने आए attacknews.in

भोपाल, 23 सितंबर । मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले के बीच जहां 2346 नए मामले सामने आए, वहीं इसी बीमारी से पिछले चौबीस घंटों के दौरान रिकार्ड 42 नयी मौतें दर्ज की गयी।

राज्य स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा आज जारी बुलेटिन के अनुसार पिछले चौबीस घंटों में जहां एक ओर कोरोना के 2346 नए मरीज मिलने से कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर अब 113057 तक पहुंच गयी। वहीं रिकार्ड 42 नई मौतें दर्ज हुयीं। इनमें सबसे अधिक सात मौतें इंदौर में हुयी। इसके अलावा सागर में चार, भोपाल, ग्वालियर जबलपुर, होशंगाबाद और रायसेन में दो-दो मरीजों तथा अन्य जगहों में एक-एक मौतें हुयीं हैं।

प्रदेश में अब तक इस बीमारी से 2077 मरीज अपनी जान गवां चुके हैं। वहीं, राहत की खबर यह रही कि आज 2138 मरीज स्वस्थ हुए, जिसके बाद अब 88168 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। वर्तमान में 22812 एक्टिव (उपचाररत) हैं, जिनका इलाज विभिन्न अस्पतालों, होम आइसोलेशन एवं संस्थागत क्वॉरेंटाइन सेंटरों में चल रहा है।

इस बीच सबसे अधिक 451 नए मरीज इंदौर में मिले। वहीं राजधानी भोपाल में 249 नए मामले सामने आए। इसके अलावा जबलपुर में 245, ग्वालियर में 172, नरसिंहपुर में 64, खरगोन में 56, धार में 60, शहड़ोल में 69, छिंदवाड़ा में 56, उज्जैन में 47, सागर में 35, बैतूल में 31, सतना में 44, झाबुआ में 42, भिंड में 49, बालाघाट में 41, देवास में 30 अनूपपुर में 30 के अलावा अन्य शहरों में नए मरीज मिले हैं।

इंदौर जिले में कोरोना के 451 नये मामले

इंदौर जिले में ‘कोविड 19’ के 451 नये मामले आने के बाद यहाँ वायरस से संक्रमितों की संख्या 20834 जा पहुंची है। राहत की खबर है कि इनमें से अब तक 16364 रोगी स्वस्थ भी हो चुके हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने कल रात स्वास्थ्य बुलेटिन जारी कर बताया कि कल जाँचे गये 3315 सैम्पलों में 451 नये संक्रमित सामने आने के बाद यहाँ वायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 20834 जा पहुंची है। कल 7 रोगियों की मौत दर्ज किये जाने के बाद अब तक कुल 516 रोगियों की मौत हो चुकी है।

उधर राहत की खबर है कि अब तक कुल 16364 रोगी स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं जिसके बाद एक्टिव केस (उपचाररत रोगी) की संख्या 3954 है। उधर संस्थागत क्वारेंटाइन केंद्रों से भी अब तक 6438 लोगों को स्वस्थ होने पर छोड़ा जा चुका है।

नीमच में कोरोना संक्रमित 24 मरीज मिले

नीमच जिले में 24 और कोरोना संक्रमित मिले है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार कल रात विभिन्न-लैब से 24 और व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है, इनमें 11 नीमच, एक जावद, दो मनासा और 10 जिले के अन्य गांवों के हैं। इन्हें मिला कर नीमच जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 1872 हो गई है। जिले में अभी तक कोरोना से 31 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है।

मुरैना जिले में 15 कोरोना मरीज मिले

मुरैना जिले में मुरैना की जिला जेल में बंद पांच कैदियों सहित 15 नए कोरोना संक्रमण के मरीज मिले है।आधिकारिक जानकारी के अनुसार अब जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 2493 हो गई है। जबकि 2274 मरीज स्वस्थ हुए है जिन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। मुरैना जिले में 200 एक्टिव केस हैं, जिनका उपचार आईशोलेशन बार्ड में किया जा रहा है।

दमोह में कोरोना वायरस के 24 नए मामले

दमोह जिले में कोरोना संक्रमण के 24 नए मरीज मिलने के बाद संक्रमित मरीजों की संख्या 1439 हो गई है। इन 24 मरीजो में 16 पुरुष व 8 महिलाएं शामिल है। इसमें जिला पंचायत के एक अधिकारी भी संक्रमित हो गई हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ तुलसा ठाकुर द्वारा कल रात्रि जारी बुलेटिन में बताया कि जिले में 24 नए मरीज मिले हैं, जबकि अभी तक 60 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। अभी तक 856 व्यक्ति स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। वही 583 मरीज एक्टिव है।

शिवपुरी में कोरोना के 27 नए मामले

शिवपुरी में आज 27 मरीजों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद यहां कुल मरीजों की संख्या 2186 हो गयी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा आज बुलेटिन के अनुसार अब तक इस बीमारी से 1841 मरीज ठीक हो गए हैं। वर्तमान में 325 एक्टिव केस है तथा 20 की अब तक मौतें हो चुकी हैं।

सीहोर में कोरोना के 31 नए मामले, एक की मौत

सीहोर जिले में आज कोरोना के 31 नए मामले सामने आए, तो वहीं एक बुजुर्ग महिला ने इस बीमारी से इलाज के दौरान भोपाल में दमतोड़ दिया है।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुधीर कुमार डेहरिया ने बताया कि आज 31 व्यक्तियों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजीटिव प्राप्त हुई है। सीहोर नगर से 11 व्यक्तियों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजीटिव प्राप्त हुई है। आष्टा विकासखंड से 13 की रिपोर्ट पॉजीटिव प्राप्त हुई है। इसके अलावा नसरुल्लागंज अन्तर्गत इटावा जदीद से 1 व्यक्ति पॉजीटिव मिला हैं। इछावर अन्तर्गत 3 व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजीटिव प्राप्त हुई है।

जबलपुर में कोरोना के 196 नए मरीज मिले, 202 स्वस्थ

मध्यप्रदेश के जबलपुर में आज कोरोना के 196 नए मरीज मिले, तो वहीं, 202 मरीज इस बीमारी को मात देकर अपने घर पहुंच गए हैं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट में कोरोना के 196 नये मरीज सामने आये हैं। आज डिस्चार्ज हुये 202 व्यक्तियों को मिलाकर जबलपुर में कोरोना के संक्रमण से मुक्त होने वाले मरीजों की संख्या 7115 हो गई है। वहीं कुल पाॅजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर अब 8687 तक पहुंच गयी है। वर्तमान में कोरोना के 1438 एक्टिव मरीज हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। यहां अब तक 134 व्यक्तियों की मृत्यु हुयी है।

हरदा में कोरोना के 12 नए मामले

हरदा जिले में आज कोरोना के 12 नए मामले सामने आए हैं।।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. किशोर कुमार नागवंशी ने बताया कि 177 सैंपल की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। जिनमें 12 सेम्पल की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। आज 298 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। अभी तक भेजे गए कुल 13732 में से 13167 सैंपल की रिपोर्ट आ चुकी हैं। वर्तमान में कोरोना संक्रमण के सक्रिय मरीज़ों की संख्या 134 है तथा 614 मरीज़ स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नई शिक्षा नीति को अभूतपूर्व और पूर्ण व्यवस्थित बताते हुए कहा कि, यह देश को नये परिवेश में बदलेगी attacknews.in

नयी दिल्ली,19 सितंबर । राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि नई शिक्षा नीति गहन विचार-विमर्श के बाद तैयार की गयी है जो अभूतपूर्व और पूर्ण व्यवस्थित है और यह देश को नया परिवेश प्रदान करेगी।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शिक्षा मंत्रालय द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उच्च शिक्षा में कार्यान्वयन पर चर्चा के लिए आयोजित किये गए कुलाध्यक्ष सम्मलेन (विज़िटर्स कांफ्रेंस) को संबोधित करते हुए शनिवार को कहा कि उन्हें इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में शामिल होते हुए बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि आप सभी लोगों का नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने में बहुत बड़ा योगदान है। नई शिक्षा नीति देश को नए परिवेश में परिवर्तित करेगी।

उन्होंने डॉ के कस्तूरीरंगन की सराहना करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति गहन विचार-विमर्श के बाद तैयार की गयी है जो अभूतपूर्व और पूर्ण व्यवस्थित है। इस मसौदे को तैयार करने में ढाई लाख ग्राम पंचायतों,12 हजार 500 स्थानीय निकायों और 675 जिलों के लोगों से परामर्श लिया गया है। इस नीति को बनाने में करीब दो लाख लोगों से परामर्श लिया गया है।

श्री कोविंद ने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य 21 वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में हमारी शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करना है। सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके एक न्याय संगत और जीवंत समाज विकसित करने के दृष्टिकोण को निर्धारित करता है। यह समावेश और उत्कृष्टता के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। शिक्षा व्यवस्था की पिरामिड में सबसे ऊपर रहने के लिए आज के दौर में उच्च शिक्षा संस्थानों की महत्ता और उत्तरदायित्व सर्वाधिक है तभी हम भारत के ‘सुपर पावर’ बनने की परिकल्पना को साकार कर पाएंगे।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने इस अवसर पर सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के कुलपतियों एवं निदेशकों का विशेष आह्वान करते हुए कहा कि नीति निर्माण एक मूलभूत एवं नीतिगत विषय है और नीति क्रियान्वयन रणनीतिक विषय है। इन दोनों के बीच सबसे अहम रोल लीडरशिप का होता है, ऐसी लीडरशिप जो नीति को जमीन पर उतार सके और यहां पर उपस्थित सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के कुलपतियों एवं निदेशकों से वह अपेक्षा करते हैं कि भारतीय शिक्षण प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण और सशक्तीकरण उनके माध्यम से होगा और शिक्षा की नई लहर भारत के हर छात्र और हर कोने तक पहुंचेगी।

डॉ निशंक ने कहा है कि 34 साल बाद आई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति व्यापक, समग्र और दूरदर्शी है और यह भविष्य में राष्ट्र की प्रगति को गति प्रदान करने में सुकारक की भूमिका निभाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा,“ विश्वविद्यालय का कुलपति या संस्थान के निदेशक होने से पहले आप सभी एक शिक्षक, एक मार्गदर्शक हैं। शिक्षक इस नीति का वह औजार हैं जिस पर पूरी नीति का कार्यान्वयन निर्भर करता है। एक ओर छात्र जहां केंद्र बिंदु हैं तो शिक्षक उसका फोकल पॉइंट हैं। एक शिक्षक ही है जो छात्र को कौशल भी प्रदान करता है और कुशल भी बनाता है। आजीवन सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में शिक्षक स्वयं भी शिक्षित होता है और छात्र को भी सिखाता है। वह मार्ग नहीं खोजता बल्कि छात्रों में यह क्षमता पैदा करता है कि वें अपना मार्ग स्वयं ढूंढे।”

डॉ निशंक ने कहा, “आपको अपने यूनिवर्सिटी, संस्थान या अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी क्षेत्रों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए एक्शन प्लान बनाने की जरूरत है। न केवल एक्शन प्लान बल्कि उस एक्शन प्लान को एक टाइमलाइन से जोड़कर, कैसे क्रियान्वित किया जा सकता है, इस पर काम करने की जरूरत है। हम विश्वविद्यालय, संस्थानों की ऑटोनॉमी (स्वायत्तता), उनके प्रशासन, उनके सशक्तीकरण और विकेंद्रीकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मूर्त रूप दिए जाने पर भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि समग्र दृष्टिकोण रखते हुए क्रियान्वयन से ही वंचित उद्देश्यों की प्राप्ति सुनिश्चित होगी। सभी को आपसी समन्वय और तालमेल के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के भाव एवं प्रयोजन के अनुसार पहल करते हुए योजनबद्ध तरीके से कदम उठाने की आवश्यकता होगी, इसके लिए आप सभी का अनुभव, कौशल एवं समर्पण हमें निहित लक्ष्य को प्राप्त करने में सुकारक होगा।

इस ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाने वाली समिति के प्रमुख डॉ कस्तूरीरंगन, आईआईआईटी परिषद के स्थायी समिति के अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रारूप समिति के सदस्य प्रो.वसुधा कामत, प्रो. मंजुल भार्गव जी, यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. डी. पी. सिंह, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्दे, केंद्रीय विश्वविद्यालयों, भारतीय प्राैद्योगिकी संस्थानों, राष्ट्रीय प्राैद्योगिकी संस्थानों तथा योजना एवं वास्तुकला संस्थाओं के निदेशक तथा कुलपति गण इत्यादि भी मौजूद थे।