नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे के साथ ही राज्यवार ,जिलावार संक्रमण स्थिति,दवाओं की उपलब्धता तथा टीकाकरण अभियान की समीक्षा की attacknews.in

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए प्रमुख संकेतकों के बारे में सहायता और मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए

राज्यों को संवेदनशील बनाने की जरूरत है, जिससे टीकाकरण की गति धीमी न हो: प्रधानमंत्री

स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने में राज्यों का मार्गदर्शन करना जरूरी: मोदी

नयी दिल्ली 06 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप के मद्देनजर स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने पर जोर देते हुए इसमें राज्यों का मार्गदर्शन करने का निर्देश दिया है।

प्रधानमंत्री ने गुरुवार को देश में कोविड-19 से संबंधित स्थिति की एक बैठक में व्यापक समीक्षा की। उन्हें विभिन्न राज्यों और जिलों में कोविड के फैलने को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई।

श्री मोदी को उन राज्यों के बारे में जानकारी दी गई, जहां एक लाख से अधिक मामले हैं। वहीं प्रधानमंत्री को इस बीमारी से सर्वाधिक प्रभावित जिलों के बारे में भी बताया गया।

प्रधानमंत्री को राज्यों द्वारा स्वास्थ्य सेवा संबंधित बुनियादी ढांचे की तैयारी के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए प्रमुख संकेतकों के बारे में सहायता और मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए।
इसके अलावा त्वरित और समग्र रोकथाम उपायों को सुनिश्चित करने की जरूरत पर भी चर्चा की गई।

प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि राज्यों को ऐसे जिलों की पहचान करने के लिए एक परामर्श भेजा गया था, जहां संक्रमण के मामलों की संख्या 10 प्रतिशत या अधिक हैं और ऑक्सीजन-युक्त या आईसीयू बेड 60 प्रतिशत से अधिक भरे हुए हैं।

श्री मोदी ने दवाओं की उपलब्धता की भी समीक्षा की। उन्हें रेमडेसिविर सहित अन्य दवाओं के उत्पादन में तेजी से की जा रही बढ़ोतरी के बारे में जानकारी दी गई।
प्रधानमंत्री ने अगले कुछ महीनों में टीकों का उत्पादन बढ़ाने के लिए टीकाकरण और रोडमैप की प्रगति की समीक्षा की।

प्रधानमंत्री को इस बारे में बताया गया कि राज्यों को लगभग 17.7 करोड़ टीके की आपूर्ति की जा चुकी है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने टीके की बर्बादी पर राज्यवार रूझानों की समीक्षा भी की। उन्हें यह बताया गया कि 45 साल से अधिक उम्र के लगभग 31 प्रतिशत लोगों को कम से कम टीके की एक खुराक दी जा चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों को संवेदनशील बनाने की जरूरत है, जिससे टीकाकरण की गतिधीमी न हो। लॉकडाउन के बावजूद टीकाकरण के लिए नागरिकों को सुविधा प्रदान की जानी चाहिए और टीकाकरण में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरे कामों में नहीं लगाना चाहिए।

प्रधानमंत्री को राज्यों द्वारा स्वास्थ्य सेवा संबंधित बुनियादी ढांचे की तैयारी के बारे में जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए प्रमुख संकेतकों के बारे में सहायता और मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए।

इसके अलावा त्वरित और समग्र रोकथाम उपायों को सुनिश्चित करने की जरूरत पर भी चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि राज्यों को ऐसे जिलों की पहचान करने के लिए एक एडवाइजरी भेजी गई थी, जहां संक्रमण के मामलों की संख्या 10 प्रतिशत या अधिक हैं और ऑक्सीजन-युक्त या आईसीयू बेड 60 प्रतिशत से अधिक भरे हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने दवाओं की उपलब्धता की भी समीक्षा की।उन्हें रेमडेसिविर सहित अन्य दवाओं के उत्पादन में तीव्र बढ़ोतरी के बारे में जानकारी दी गई।

प्रधानमंत्री ने अगले कुछ महीनों में टीकों का उत्पादन बढ़ाने के लिए टीकाकरण और रोडमैप की प्रगति की समीक्षा की।प्रधानमंत्री को इस बारे में बताया गया कि राज्यों को लगभग 17.7 करोड़ टीके की आपूर्ति की जा चुकी है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने टीके की बर्बादी पर राज्यवार रूझानों की समीक्षा भी की। वहींप्रधानमंत्री को बताया गया कि 45 साल से अधिक उम्र के लगभग 31 प्रतिशतयोग्य आबादी कोकम से कम टीके की एक खुराक दी जा चुकी है।प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों को संवेदनशील बनाने की जरूरत है, जिससे टीकाकरण की गतिधीमी न हो। लॉकडाउन के बावजूद टीकाकरण के लिए नागरिकों को सुविधा प्रदान की जानी चाहिए और टीकाकरण में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरे कामों में नहीं लगाना चाहिए।

इस बैठक में राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण, डॉ. हर्षवर्धन, पीयूष गोयल और मनसुख मांडविया सहित अन्य मंत्री और शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।

मध्यप्रदेश में गुरुवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 6,37,406 और मृतकों की संख्या 6160 हुई, 24 घंटे में 86 की मौत, 12 हजार से अधिक मिले संक्रमित attacknews.in

भोपाल, 06 मई । मध्यप्रदेश में आज 12 हजार से अधिक से लोग कोरोना संक्रमित मिले है।इस संक्रमित बीमारी ने आज 86 लोगों की जान ले ली।आज भी इंदौर में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मिले।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार आज प्रदेश भर में जांचे गये 68102 सैंपल रिपोर्ट में 12,421 लोग कोरोना पॉजिटित मिले हैं।

अब तक इस महामारी से राज्य भर में 6,37,406 लोग संक्रमित हो चुके हैं।हलाकि इनमें से 5,42,62 लोग ठीकर होकर घर पहुंच चुके है।

वर्तमान में सक्रिय मरीजों की संख्या 88814 है।इन सभी सक्रिय मरीजों का उपचार प्रदेश भर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।

इस बीमारी से आज 12,065 लोग निजात पाकर अपने घर रवाना हो गये है।

आज संक्रमण दर 18़ 2 प्रतिशत आंका गया।

राज्य में अब तक 6160 लोगों की मौत हो चुकी।

राज्य के इंदौर जिले में आज 1792 लोगों में संक्रमण के लक्षण मिले है।वहीं राजधानी भोपाल जिले में 1584 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये।

इसके अलावा ग्वालियर जिले में 1020, जबलपुर जिले में 870, उज्जैन जिले में 410, रतलाम जिले में 385, रीवा जिले में 301, धार में 248, अनूपपुर जिले में 220, सतना में 226, शिवपुरी में 403 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये है।

राज्य के बाकी जिलों में भी 28 से 200 के बीच कोरोना मरीज मिले हैं।

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कोरोना संबंधी मामलों में ऑक्सीजन की कमी व रेमडेसीवर इंजेक्शन को लेकर पूर्व में जारी आदेश का अक्षश: पालन करने के आदेश सरकार को दिये attacknews.in

जबलपुर, 06 मई । मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कोरोना संबंधी मामलों में ऑक्सीजन की कमी व रेमडेसीवर इंजेक्शन को लेकर पूर्व में जारी आदेश का अक्षश: पालन करने के आदेश सरकार को दिये है।

मुख्य न्यायाधीश मो. रफीक व जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने सरकार की ओर से पेश की गई एक्शन टेकन रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद उस पर असंतुष्टि जाहिर करते हुए ऑक्सीजन व रेमडेसीवर इंजेक्शन के लिये अलग-अलग पॉलिसी अपनाये जाने को भी आड़े हाथों लिया।

युगलपीठ ने कहा इसके लिये एकसी पॉलिसी होनी चाहिये, इस संबंध में सरकार को एफीडेविट पेश करने के निर्देश दिये है। इसके साथ ही कोरोना टेस्टिंग रिपोर्ट पर लगने वाले समय को कम किये जाने के सरकार के जवाब पर न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि हरहाल में 36 घंटे में रिपोर्ट पेश की जाये।

युगलपीठ ने 19 अप्रैल को जारी आदेशों का अक्षश: पालन करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 17 मई को निर्धारित की है।

उल्लेखनीय है कि अस्पताल में बिल राशि का भुगतान नहीं होने पर एक वृद्ध मरीज को बंधक बनाये जाने के मामले में संज्ञान याचिका के साथ अन्य कोरोना संबंधी मामलों की हाईकोर्ट में सुनवाई हो रहीं है।

न्यायालय आज सुनवाई दौरान सरकार की ओर से पेश की गई कम्पलाईज रिपोर्ट पर असंतुष्टि जाहिर करते हुए विगत 19 अप्रैल को जारी किये गये 19 बिंदुवार आदेश का अक्षश: पालन करने के निर्देश दिये है। इसके साथ ही कोरोना टेस्टिंग रिपोर्ट हरहाल में 36 घंटे में उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराने के निर्देश भी सरकार को दिये है।
मामले की सुनवाई दौरान आरोप लगाया गया कि निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन व रेमडेसीवर इंजेक्शन कम उपलब्ध कराकर सरकारी अस्पतालों को अधिक दिये जा रहे है। जिस पर सरकार ने उक्त आरोप को निराधार बताया। सरकार की ओर से कहा गया कि जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन व इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रहीं है। जिस पर न्यायालय ने व्यवस्थाएं और दुरुस्त करने के निर्देश दिये।

मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों के निःशुल्क इलाज़ के लिए नई योजना लागू की जा रही है;प्रदेश के गरीब एवं आम आदमी के साथ मध्यम वर्गीय व्यक्ति को भी निःशुल्क इलाज अनुबंधित निजी अस्पतालों में मिल सकेगा attacknews.in

भोपाल, 06 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना मरीजों के निःशुल्क इलाज़ के लिए नई योजना लागू की जा रही है। इसके अंतर्गत प्रदेश के गरीब एवं आम आदमी को जहां तक मध्यम वर्गीय व्यक्ति को भी कोरोना का निःशुल्क इलाज अनुबंधित निजी अस्पतालों में मिल सकेगा।

श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना नियंत्रण कोर ग्रुप की बैठक ले रहे थे। बैठक में संबंधित मंत्री और अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उपस्थिति हुए। उन्होंने कहा कि योजना के क्रियान्वयन के लिए आयुष्मान भारत योजना पर निजी अस्पतालों को राज्य सरकार द्वारा विशेष पैकेज दिया जाएगा। सरकार निजी अस्पतालों को कोविड इलाज़ के लिए अनुबंधित करेगी।

श्री चौहान ने कहा कि योजना के अंतर्गत सीटी स्केन आदि जाँचें भी नि:शुल्क होंगी तथा दवाएँ, रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन आदि भी निःशुल्क मिलेंगे।
प्रदेश में अभी तक आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 2 करोड़ 42 लाख कार्ड बनाए गए हैं, जिससे 88 प्रतिशत जनसंख्या कवर्ड हो रही है। इन सभी को शासन द्वारा अनुबंधित अस्पतालों में कोरोना का निःशुल्क इलाज़ मिल सकेगा। प्रदेश में वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 328 निजी चिकित्सालय संबद्ध हैं, जिनमें 23 हजार 946 बेड्स उपलब्ध हैं। सरकार द्वारा 5 मई को आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत प्रदेश के 68 निजी चिकित्सालयों को अगले 3 महीने के लिये संबद्ध किया गया है।

प्रत्येक जिले के निजी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज मिल सके, इसके लिये कलेक्टर्स को अधिकार दिये गये हैं कि वे अपने जिले के निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत अस्थाई रूप से संबद्ध कर सकेंगे। इससे इन सभी निजी अस्पतालों में, जहाँ वर्तमान में कोरोना का इलाज किया जा रहा है, आयुष्मान कार्ड धारियों को कोरोना का नि:शुल्क इलाज मिल सकेगा।

सरकार ने निर्णय लिया है कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत यदि परिवार के एक सदस्य के पास आयुष्मान कार्ड है, तो परिवार के अन्य सदस्यों को भी नि:शुल्क उपचार की सुविधा मिल सकेगी। कोविड इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती होने पर कलेक्टर उसका आयुष्मान कार्ड बनवाने की व्यवस्था करेंगे।
निजी अस्पताल कोविड का इलाज इस योजना के अंतर्गत अच्छे तरीके से कर सकें, इसके लिये सरकार द्वारा आयुष्मान भारत पैकेज की दरों को 40 प्रतिशत बढ़ाया गया है। इन दरों में रूम रेंट, भोजन, जाँचें, परामर्श शुल्क, पैरामेडिकल शुल्क आदि सभी सम्मिलित हैं।

राज्य सरकार द्वारा योजना के अंतर्गत इलाज करवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एडवांस डॉयग्नोस्टिक के लिये 5 हजार रुपये दिये जायेंगे। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 5 हजार रुपये प्रत्येक पात्र परिवार को दिये जाते हैं।

इस योजना के लागू हो जाने पर प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के हितग्राहियों को कोविड के इलाज के लिये निजी एवं शासकीय अस्पतालों में कुल 60 हजार 915 बिस्तर उपलब्ध हो सकेंगे। इनमें 37 हजार 159 बिस्तर शासकीय अस्पतालों में, 3 हजार 675 बिस्तर अनुबंधित अस्पतालों में तथा 20 हजार 81 बिस्तर आयुष्मान भारत के अंतर्गत अनुबंधित निजी अस्पतालों में मिल सकेंगे।

बैठक में श्री चौहान ने निर्देश दिए कि वैक्सीन की उपलब्धता अनुसार 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों का वैक्सीनेशन निरंतर चलता रहे। इसके साथ ही 45 वर्ष से अधिक के व्यक्तियों का वैक्सीनेशन भी पूर्व अनुसार जारी रहे।

जिलेवार समीक्षा में पाया गया कि ज़िलों में अस्पतालों से कोरोना के मरीज़ बड़ी संख्या में स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो रहे हैं, जिससे बिस्तरों की उपलब्धता बढ़ी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आई.सी.यू. बेड्स बढ़ाए जाने के निर्देश दिए।

ओडिशा ने कोरोना महामारी से लोगों को बचाने 10 राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीजों के लिए 6354.74 टन मेडिकल ऑक्सीजन पुलिस सुरक्षा में 345 टैकराें में भेजी attacknews.in

भुवनेश्वर, 06 मई । देश में कोविड-19 महामारी के दौरान 10 राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीजों के लिए ओडिशा से 6354.74 टन मेडिकल ऑक्सीजन पुलिस की सुरक्षा में 345 टैकराें में भेजी गयी है।

ओडिशा पुलिस सूत्रों ने बताया कि ऑक्सीजन ले जाने वाले टैंकरों और कंटेनरों को राउरकेला, जाजपुर, ढेंकनाल और अंगुल जिलों से रवाना किया गया है। इसमें अंगुल से 35 टैंकर में 585.98 टन, ढेेंकनाल से 84 टैंकरों में 1322.78 टन, जाजपुर से 88 टैंकरों में 1815.99 टन और राउरकेला से 138 टैंकरों में 2629.99 टन मेडिकल ऑक्सीजन भेजी गयी है।
इसके अलावा 105 टैंकरों में 2147 टन ऑक्सीजन आंध्र प्रदेश, 97 टैंकरों में 1657.10 टन ऑक्सीजन तेलंगाना भेजी गयी है।

तमिलनाडु को सात टैकरों से 136.42 टन मेडिकल ऑक्सीजन मिली जबकि हरियाणा को 41 टैंकरों में 783.82 टन ऑक्सीजन भरकर भेजी गयी है।

इसके अलावा कम से कम 14 टैंकरों में 234.36 टन ऑक्सीजन महाराष्ट्र भेजी गयी है जबकि छत्तीसगढ़ के लिए 16 टैकरों में 243.46 टन ऑक्सीजन भरकर भेजी गयी है। उत्तर प्रदेश को 27 टैंकरों में 488.68 टन ऑक्सीजन भेजी गयी है और मध्य प्रदेश के लिए 35 टैंकरों को 601.52 टन ऑक्सीजन के साथ भेजा गया है।

पिछले 14 दिनों में राष्ट्रीय राजधानी के लिए दो टैंकरों में 33 टन ऑक्सीजन और एक टैंकर में 29.32 टन ऑक्सीजन पंजाब के लिए भेजी गयी है।

कानून एवं व्यवस्था (एडीजी) वाई के जेठवा की अध्यक्षता में एक विशेष सेल का गठन किया गया है, जो ओडिशा द्वारा विभिन्न राज्यों को मेडिकल ऑक्सीजन की कमी का सामना करने के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की लोडिंग और परिवहन के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। इसके साथ ही चौबीसों घंटे निगरानी वाला एक समर्पित कॉरिडोर भी स्थापित किया गया है। जिला एसएसपी/डीसीपी और डीआईजी/आईजी/सीपी के व्यक्तिगत रूप से उनकी अधिकार क्षेत्र में निगरानी की जा रही है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की घोषणा:मध्यप्रदेश में 15 मई तक लगेगा कोरोना कर्फ्यू, ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैल रहा है कोरोना attacknews.in

भोपाल, 06 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण उपजी स्थितियां काफी हद तक नियंत्रण में आयी हैं, लेकिन इस पर पूरी तरह काबू पाने के लिए पूरे राज्य में 15 मई तक कोरोना कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया है।

श्री चौहान ने यहां ‘किल कोरोना 2 अभियान’ के संबंध में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के विभिन्न जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और मैदानी अमले को संबोधित किया।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि इस बार कोरोना वायरस का संक्रमण गांवों में तक फैल गया है। इस वायरस की चेन की यहीं समाप्त करना होगा और इसके लिए 15 मई तक संपूर्ण मध्यप्रदेश में कोरोना कर्फ्यू रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि प्रशासनिक अमले के साथ मिलकर गांव गांव तक पहुंचे और कोरोना मरीजों की पहचान कर उनके घरों को छोटे छोटे केंटोनमेंट क्षेत्र के रूप में बनाए। इसके साथ ही संबंधित मरीज का तत्काल इलाज प्रारंभ किया जाए। यह कार्य सभी गांवों के साथ ही छोटे कस्बों और नगरों में भी किया जाए। ऐसा करने पर हम राज्य में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़कर इस पर प्रभावी तरीके से काबू पा सकते हैं।

श्री चौहान ने इस बात पर संतोष जाहिर किया कि अप्रैल माह में जिस तेजी के साथ कोरोना संक्रमण फैला था, अब मई माह की शुरूआत में इस पर काफी नियंत्रण पा लिया गया है। आने वाले दिनों में हमें इस संक्रमण को पूरी तरह समाप्त करने के लिए कार्य करना है।

उन्होंने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सरकार की तरफ से किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार चाहती है कि सभी गरीबों को इलाज मुफ्त हो और इसके लिए आयुष्मान योजना के साथ ही एक अन्य योजना पर सरकार कार्य कर रही है। एक दो दिन में यह घोषित हो जाएगी।

उन्होंने निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों को भारी भरकम बिल थमाने वाले संचालकों को चेताते हुए कहा कि प्रशासन इस पर भी नजर रखे हुए हैं। बेहतर कार्य करने वाले संचालकों को सम्मानित किया जाएगा, लेकिन जो इस विपत्ति के काल में मरीजों को लूट रहे हैं, वे गिद्ध के समान हैं और उनके खिलाफ सरकार भी सख्त कार्रवाई करेगी।

श्री चौहान ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से निपटने के सारे उपाय कर लिए हैं। 90 से अधिक ऑक्सीजन संयंत्र लगाने की अनुमतियां जारी की गयी हैं। सरकार सिर्फ कोरोना की दूसरी लहर से ही नहीं, बल्कि आने वाले समय में कोरोना की कथित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां भी शुरू कर रही है।

राज्य में अप्रैल माह में कोरोना के मरीजों की संख्या और इस वजह से मृत्यु के प्रकरण अभूतपूर्व तरीके से बढ़े हैं। इस वजह से अप्रैल माह से राज्य के सभी 52 जिलों में स्थानीय प्रशासन ने अपनी जरुरतों के हिसाब से कर्फ्यू लगाया हुआ है। सिर्फ अत्यावश्यक सेवाओं को इससे मुक्त रखा गया है।

अल्कोहकयुक्त होम्योपैथी दवा को नशे के लिए इस्तेमाल करने पर आठ लोगो की मौत हो गई जबकि पांच बीमार attacknews.in

बिलासपुर 06 मई।छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में अल्कोहकयुक्त होम्योपैथी दवा को नशे के लिए इस्तेमाल करने पर आठ लोगो की मौत हो गई जबकि पांच बीमार है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कश्यप ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि बिलासपुर से सटे सिरगिट्टी क्षेत्र के कोरमी गांव में चार लोगो की संदिग्ध हालत में मौत और उसके बाद उनके अंतिम संस्कार कर देने की सूचना कल दोपहर थाने में मिली थी,जिस पर पुलिस ने गांव पहुंचकर मृतकों और घटना की जानकारी ली।उसे शुरूआती पूछताछ में पता चला कि इन लोगो ने होम्योपैथी की कोई दवा का पानी में मिलाकर सेवन किया था।

मध्यप्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 7 से 25 मई तक चलने वाले “किल कोरोना-3” अभियान के अंतर्गत कोविड सहायता केंद्र स्थापित करने के निर्देश attacknews.in

भोपाल, 06 मई । मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि 7 मई से 25 मई तक चलने वाले किल कोरोना-3 अभियान के अंतर्गत नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्रों में कोविड सहायता केंद्र स्थापित करें।

नगर निगम क्षेत्र में प्रत्येक जोन पर दो और नगर पालिकाओं में प्रत्येक दो-तीन वार्ड में एक कोविड सहायता केंद्र स्थापित किया जाए।

श्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि प्रत्येक कोविड सहायता केंद्र के लिए स्थानीय नागरिकों की किल कोरोना समिति गठित करें। समिति केंद्र के संचालन में सहयोग करेगी। ऐसी समिति के गठन से अभियान में आमजन का जुड़ाव बढ़ेगा। यह समिति संबंधित जोन/वार्ड के अंतर्गत बने सहायता केंद्र के संबंध में आवश्यक प्रचार-प्रसार करेगी और संभावित मरीजों को सहायता केंद्र तक लाने में सहयोग भी करेगी।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन अल-बद्र आतंकवादी ढेर , एक ने किया समर्पण attacknews.in

श्रीनगर 06 मई । दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले में गुरुवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन अल-बद्र आतंकवादियों की मौत हो गयी जबकि एक अन्य ने समर्पण कर दिया।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि सभी आतंकवादी अल-बद्र समूह में नये भर्ती हुए थे। मृतक आतंकवादियों की पहचान दानिस मीर , मोहम्मद उमेर भट और जैद बशीर के रूप में की गयी है।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के आधार पर राष्ट्रीय राइफल्स , केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और पुलिस के विशेष अभियान समूह ने बुधवार की शाम शोपियां से करीब 10 किलोमीटर दूर कनिगाम में घेराबंदी और तलाश अभियान शुरू किया था।

इस बीच शोपियां में भारत संचार निगम लिमिटेड निगम समेत सभी सेल्यूलर कंपनियों की मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गयी।

उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान गांव से लगी सभी सड़कों को सील कर दिया गया। आज सुबह सुरक्षा बल के जवान गांव में लक्षित इलाके की ओर बढ़ रहे थे , तभी वहां छुपे आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी और हथगोले भी फेंके।

उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों की अपील पर आतंकवादी तौसीफ अहमद ने मुठभेड़ के दौरान समर्पण कर दिया। आतंकवादियों के परिजनों और स्थानीय लोगों ने भी अन्य को समर्पण के लिए कहा , लेकिन वे इसे अनसुना कर लगातार गोलीबारी करते रहे। सुरक्षा बलों ने इसका माकूल जवाब दिया और मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गये। मृत आतंकवादियों के शवों को बरामद कर लिया गया है। मुठभेड़ स्थल से हथियार , विस्फोटक और आपराधिक दस्तावेज भी बरामद किया गया है।

नरोत्तम मिश्रा का दावा: मध्यप्रदेश में कोरोना को लेकर स्थिति नियंत्रण में आ रही है;राज्य में कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में पर्याप्त जगह;कुछ दिनों पहले तक भ्रम के कारण कोरोना को लेकर जो भय की स्थिति थी, अब हम उससे भी उबरते जा रहे attacknews.in

भोपाल, 06 मई । मध्यप्रदेश के गृह मंत्री एवं राज्य सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने आज दावा करते हुए कहा कि राज्य में कोरोना को लेकर स्थिति धीरे धीरे नियंत्रण में आ रही है।

श्री मिश्रा ने यहां मीडिया से चर्चा में कहा कि आज 12,508 नए कोरोना संक्रमित सामने आए और 12,562 स्वस्थ हुए। इस तरह स्वस्थ होने वालों की संख्या अधिक है। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले तक भ्रम के कारण कोरोना को लेकर जो भय की स्थिति थी, अब हम उससे भी उबरते जा रहे हैं।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राज्य में कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में पर्याप्त जगह है। निजी अस्पतालों से अनाप शनाप तरीके से मरीजों से इलाज के बदले में बिल नहीं वसूलने के लिए कहा गया है। सभी जिलों में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता भी हो गयी है। अब ऑक्सीजन के अभाव में मरीजों का इलाज नहीं होने जैसी स्थिति नहीं है। एंबूलेंस के रेट भी निर्धारित कर दिए गए हैं। सरकार सुनिश्चित कर रही है कि इलाज के दौरान मरीजों खासतौर से गरीबों के साथ लूटपाट जैसी स्थिति नहीं बने।

श्री मिश्रा ने कहा कि पहले जहां राज्य में मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर ट्रेन के डिब्बे अस्पताल के रूप में तैयार किए गए थे, उनमें पिछले आठ दिनों से किसी मरीज को नहीं भेजा गया है। इसके अलावा कोरोना कफ़र्यू और अन्य प्रशासनिक उपायों के कारण कोरोना की चेन तोड़ने के प्रयास भी जारी है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में सभी जिलों को ऑक्सीजन के उत्पादन और उपलब्धता के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। लगभग 90 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने की अनुमतियां दी गयी हैं। उम्मीद है कि शीघ्र ही सभी जिले ऑक्सीजन की उपलब्धता के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएंगे।

राज्य में कोरोना के सक्रिय मामले लगभग 89 हजार हैं। कोरोना संक्रमण दर (पॉजीटिविटी रेट) 18 के आसपास बनी हुयी है, जो पिछले माह 25 प्रतिशत के आसपास हो गयी थी।

अमेरिका में भारतीय मूल के डॉक्टरों का समूह भारत में जल्द ही पहुंचाएगा 5,000 वेंटिलेटर, कनाडा की सरकार से कर रहा है यह समूह बातचीत attacknews.in

वाशिंगटन, छह मई । अमेरिका में भारतीय मूल के डॉक्टरों के एक प्रभावशाली संगठन ने 5,000 वेंटिलेटर तुरंत भारत को मुहैया कराने के लिए कनाडा की सरकार के साथ बातचीत शुरू की है। कोविड-19 संक्रमण की तेज लहर के दौरान वेंटिलेटर की खरीदारी की गयी थी लेकिन इसका इस्तेमाल नहीं हो पाया था।

‘अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडियन ऑरिजिन’ (आपी) के अध्यक्ष डॉ. सुधाकर जोन्नालगडा ने बताया, ‘‘हम कनाडा सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं। उनके पास करीब 5,000 वेंटिलेटर है।’’

जोन्नालगडा ने बताया, ‘‘ये वेंटिलेटर कनाडा के रेड क्रॉस के पास हैं। हमने कनाडा सरकार से रेड क्रॉस के जरिए कोविड-19 महामारी से जूझ रहे भारत को ये वेंटिलेटर मुहैया कराने का अनुरोध किया है।’’

जोन्नालगडा ने कहा कि संगठन के डॉक्टर इसके लिए काम कर रहे और उम्मीद है कि कनाडा सरकार स्वास्थ्य संकट से जूझ रहे भारत को इसे देने के लिए राजी हो जाएगी।

‘आपी’ की निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. अनुपमा गोटिमुकुला ने बताया कि संगठन ने मामले पर बुधवार को कनाडा सरकार से बात की। उन्होंने कहा ‘आपी’ के डॉक्टर भारत सरकार के साथ एक मंच विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं जिसके जरिए भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर भारत के मरीजों को निशुल्क टेली-मेडिसीन सेवा मुहैया कराएंगे।

तेल कंपनियों ने लगातार तीसरे दिन ईंधन के दाम बढ़ाये: पेट्रोल के दाम में 25 पैसे, डीजल के दामों में 30 पैसे की बढोतरी attacknews.in

नयी दिल्ली, 6 मई । पेट्रोल के दाम में बृहस्पतिवार को 25 पैसे प्रति लीटर और डीजल के दाम में 30 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि कर दी गई। तेल कंपनियों ने लगातार तीसरे दिन ईंधन के दाम बढ़ाये हैं। पेट्रोल, डीजल के दाम में दैनिक मूल्य समीक्षा शुरू होने के बाद से दोनों ईंधनों में यह अब तक बड़ी वृद्धि में से एक है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बाद तेल कंपनियों ने घरेलू बाजार में वाहन ईंधन के दाम बढ़ाये हैं।

इस वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल का दाम 90.74 रुपये से बढ़कर 90.99 रुपये प्रति लीटर हो गया। वहीं डीजल का दाम इस दौरान 81.12 रुपये से बढ़कर 81.42 रुपये प्रति लीटर हो गया। तेल कंपनियों की जारी मूल्य अधिसूचना में यह बताया गया है।

दोनों ईंधन के दाम देश भर में बढ़े हैं। अलग अलग राज्यों में यह वृद्धि अलग अलग होती है। राज्यों में स्थानीय स्तर पर लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) की दर अलग अलग होने के कारण दाम में यह अंतर होता है।

यह लगातार तीसरा दिन रहा है जब तेल कंपनियों ने पेट्रोल, डीजल के खुदरा दाम में वृद्धि की है। तेल कंपनियों ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान लगातार 18 दिन तक दाम में कोई बदलाव नहीं किया।

बहरहाल, इन तीन दिनों में हुये बदलाव में पेट्रोल का दाम 59 पैसे और डीजल का दाम 69 पैसे प्रति लीटर बढ़ गया है। इस वृद्धि के कारण 24 मार्च से लेकर 15 अप्रैल के बीच दाम में जो गिरावट आई थी वह करीब करीब समाप्त हो चुकी है।

भारत में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम लगातार मजबूती की तरफ बढ़ रहे हैं। अमेरिका में मांग बढ़ने और डालर के कमजोर पड़ने की वजह से दाम बढ़ रहे हैं।

पेट्रोलियम उद्योग के एक अधिकारी के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम लगातार ऊपर की तरफ जा रहे हैं। कच्चे तेल के दाम 70 डालर प्रति बैरल के करीब पहुंच चुके हैं।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भारत को कोरोना से बचाने के लिए इजरायल से खरीदी वायरस से ग्रसित लोगों की कुछ ही सेकंड में पहचान करने की प्रणाली,जनवरी में किया था बीओएच के साथ सांस के जरिये कोविड- 19 का परीक्षण करने की प्रणाली का समझौता attacknews.in

रिलायंस ने कोविड- 19 जांच उपकरण स्थापित करने के लिये इजराइली विशेषज्ञों के लिये अनुमति मांगी

जेरुसलेम, छह मई । रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने इजरायल के विशेषज्ञों की एक टीम को भारत आने की अनुमति दिये जाने की मांग की है। विशेषज्ञों की यह टीम कोविड- 19 की त्वरित पहचान के उपकरण भारत में स्थापित करेगी। रिलायंस ने इस प्रणाली को इजरायल के एक स्टार्ट अप से डेढ करोड़ डालर में हासिल किया है।

कंपनी सूत्रों ने कहा कि ब्रेथ आफ हेल्थ (बीओएच) के एक प्रतिनिधिमंडल को रिलायंस के आग्रह पर पहले ही आपात मंजूरी दी जा चुकी है।

इजरायल के चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनी के विशेषज्ञों की टीम भारत में रिलायंस की टीम को अपनी नवोन्मेषी प्रणाली के बारे में प्रशिषण देगी। यह प्रणाली कोरोना वायरस से ग्रसित लोगों और मरीजों के बारे में शुरुआती स्तर पर ही पहचान कर देगी। प्रणाली कुछ ही सेकंड में परिणाम बता देती है।

बहरहाल, इजरायल ने अपने नागरिकों को दुनिया के सात देशों में जाने से मना किया हुआ है। भारत में इन सात देशों में शामिल है जहां कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

रिलायंस समूह ने जनवरी में बीओएच के साथ उसकी सांस के जरिये कोविड- 19 का परीक्षण करने की प्रणाली को लेकर डेढ करोड़ डालर का समझौता किया है।

समझौते के मुताबिक इस प्रणाली के जरिये रिलायंस इंडस्ट्रीज बड़े पैमाने पर कोविड- 19 की जांच कर सकेगी। कंपनी डेढ करोड़ डालर में ऐसी कई प्रणाली इजरायल से खरीदेगी जिससे एक करोड़ डालर मासिक की लागत पर लाखों परीक्षण किये जा सकेंगे।

बीओएच ने सांसों के जरिये परीक्षण की यह प्रणाली विकसित की है जिसकी सफलता दर 95 प्रतिशत तक बताई जाती है।

यूनिसेफ ने कहा कि, भारत में कोविड-19 की ‘भयानक’ स्थिति, हम सभी के लिए चेतावनी की घंटी होनी चाहिए attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, छह मई । भारत में कोविड-19 की ‘भयानक’ स्थिति ‘हम सभी के लिए’ चेतावनी होनी चाहिए और इसकी प्रतिध्वनि वायरस संबंधी मौतों, वायरस में बदलाव और आपूर्ति में देरी के संदर्भ में क्षेत्र और विश्व में तबतक सुनाई देगी जबतक दुनिया इस देश की मदद के लिए कदम नहीं उठाएगी। संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी के प्रमुख ने यह बात कही।

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) ने भारत को 20 लाख फेसशील्ड और दो लाख मास्क सहित अहम जीवनरक्षक सामान की अतिरिक्त की आपूर्ति की है।

एजेंसी की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा फोर ने मंगलवार केा कहा, ‘‘भारत की भयानक स्थिति ने हम सभी के लिए चेतावनी की घंटी बजा दी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जबतक दुनिया भारत की मदद के लिए कदम नहीं उठाती, तबतक वायरस संबंधी मौतों, वायरस में बदलाव और आपूर्ति में देरी सबंधी प्रतिध्वनि क्षेत्र एवं पूरी दुनिया में सुनाई देगी।’’

पाकिस्तानी अदालत ने कुलभूषण जाधव मामले में भारत से सहयोग करने को कहा,अदालत में पेश होने का मतलब संप्रभुत्ता में छूट नहीं है attacknews.in

इस्लामाबाद, छह मई । कुलभूषण जाधव की मौत की सजा के मामले की सुनवाई कर रही पाकिस्तानी की एक शीर्ष अदालत ने भारत से मामले में कानूनी कार्यवाही में सहयोग करने के लिए कहा है। साथ ही उसने कहा कि अदालत में पेश होने का मतलब संप्रभुत्ता में छूट नहीं है।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को पाकिस्तान के कानून एवं न्याय मंत्रालय की याचिका पर सुनवाई शुरू की जिसमें जाधव के लिए वकील नियुक्त करने की मांग की गई है।

‘डॉन’ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने पीठ को बताया कि अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के फैसले का पालन करने के लिए पाकिस्तान ने पिछले साल सीजे (समीक्षा एवं पुनर्विचार) अध्यादेश 2020 लागू किया ताकि जाधव वैधानिक उपाय पा सकें।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार जानबूझ कर अदालत की सुनवाई में शामिल नहीं हुई और पाकिस्तान की एक अदालत के समक्ष मुकदमे पर आपत्ति जता रही है तथा उसने आईएचसी की सुनवाई के लिए वकील नियुक्त करने से भी इनकार करते हुए कहा कि यह ‘‘संप्रभु अधिकारों का आत्मसमर्पण करने के समान है।’’

मामले की सुनवाई को 15 जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

गौरतलब है कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (51) को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवादी के आरोपों पर अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी।