एम्स में जिंदा है छोटा राजन,उसकी गैंग ने इटावा की कोर्ट में पुलिस कस्टडी मे की थी दो की हत्या, अदालत ने दी थी पांच शूटरो को एकसाथ फांसी की सजा attacknews.in

इटावा 07 मई । माफिया डाॅन छोटा राजन की कोरोना संक्रमण से मौत की अफवाह ने कुछ समय के हर किसी को सन्न किया हो लेकिन कभी इस गैंग के शूटरो ने उत्तर प्रदेश के इटावा मे दो हत्यारोपियो की हत्या कर खासी सुर्खियाॅ बटोरी थी ।

दिसंबर 2005 मे अपर जिला जज ने गैंग के पांच शूटरो को हत्या के मामले मे फांसी की सजा सुनाई थी। सभी आरोपियो ने इस बात को स्वीकारा था कि उनको दाउद गैंग के अपराधियो को मारने की सुपारी दी गई थी।

इटावा कचहरी परिसर मे 23 अक्टूबर 2002 को करीब पौने चार बजे के आसपास अंधाधुंध गोलियां बरसा कर पुलिस कस्टडी मे सुनील नाई और सुरेश पाल सिंह को मरणासन्न कर दिया था। इनमे से सुनील नाई की मौत तो मौके ए वारदात पर हो गई लेकिन सुरेश पाल सिंह की मौत मुख्यालय के डा.भीमराव अंबेडकर राजकीय सयुक्त चिकित्सालय मे उपचार के दौरान हो गई थी ।

इस सनसनीखेज हत्याकांड के एक प्रमुख चश्मदीदो मे से वरिष्ठ पत्रकार हेमकुमार शर्मा ने बताया कि जिस समय हत्याकांड को अंजाम दिया गया था वो उस समय एसएसपी आवास पर समाचार संकलन के लिए आये थे। एकाएक एसएसपी आवास के पीछे से अंधाधुंध फायरिंग शुरू हो गई । करीब 30 से लेकर 35 गोलियो के चलने की आवाजे सुनी गई। जब गोलियाॅ की आवाजे आ रही थी उसी समय तत्कालीन एसएसपी जे.के.गोस्वामी भी अपने आवास से बाहर निकल आये और उन्होने तुरंत वायरलैस के जरिये पूरे जिले भर मे हाईएर्लट करते हुए घेराबंदी करने का पुलिस को आदेश देते हुए कहा कि कोई भी गोली चलाने वाला किसी भी सूरते मे बचना नही चाहिए ।

एसएसपी खुद कही से गश्त से वापस लौटे थे। तब तक इस बात की खबर आ चुकी थी कि कचहरी मे पुलिस अभिरक्षा मे सुरेश पाल सिंह और उसके साथी सुनील नाई को गोली मार दी गई। इस गोली कांड मे इन दोनो आरोपियो को अदालत से वापस हवालात की ओर से लेकर एएसआई शिवबरन सिंह और अदालती कर्मी धनश्याम सिंह को गोली मार कर घायल कर दिया था। इन शूटरो का निशाना बेहद ही सटीक था क्यो कि हत्यारोपियो को गोलियाॅ उन्ही जगह लगी जहाॅ से उनकी मौत हो सकती थी जबकि अदालती कर्मी और पुलिसकर्मी को केवल घायल करने के इरादे से ही गोली मारी गई ।

इस वारदात के बाद पांच संग्दिध अपराधी एक कार में गिरफतार किये गये। पुलिस पूछताछ मे इस बात का खुलासा हुआ कि सभी छोटा राजन गैंग के खूंखार अपराधी है। सभी आरोपियो ने इस बात को स्वीकारा था कि उनको दाउद गैंग के अपराधियो को मारने की सुपारी दी गई थी।

दिसंबर 2005 मे अपर जिला जज ने छोटा राजन गैंग के पांच शूटरो को सूरेश पाल सिंह और सुनील नाई की हत्या के मामले मे फांसी की सजा सुना दी। एक साथ पांच लोगो को फांसी की सजा सुनाये जाने का पहला और इकलौता मामला अब तक का है ।

वहीं, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अंडरवर्ल्ड डॉन और गैंगस्टर राजेन्द्र निखलजे उर्फ छोटा राजन की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत की खबरों का खंडन किया है। छोटा राजन को 26 अप्रैल को कोरोना संक्रमण के कारण एम्स में भर्ती किया गया था।

अंडरवर्ल्ड डॉन राजन पर 70 से अधिक आपराधिक मामले हैं। उसे 2015 में इंडोनेशिया में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उसी साल भारत लाया गया। छोटा राजन वर्तमान में राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल में उच्च सुरक्षा में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उसे काेरोना संक्रमण के कारण 26 अप्रैल को एम्स में भर्ती किया गया था।

गैंगस्टर राजन ने छोेटे-छोटे अपराधों से आपराधिक वारदातों की शुरुआत की बाद में वह अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथ बन गया। राजन को 2018 में महाराष्ट्र मकोका अदालत ने दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इससे एक वर्ष पहले 2017 में एक विशेष सीबीआई अदालत ने नकली पासपोर्ट मामले में उसे सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी थी।

एम्स ने किया मौत का खण्डन:

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अंडरवर्ल्ड डॉन और गैंगस्टर राजेन्द्र निखलजे उर्फ छोटा राजन की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत की खबरों का खंडन किया है।

छोटा राजन को 26 अप्रैल को कोरोना संक्रमण के कारण एम्स में भर्ती किया गया था। एम्स सूत्रों ने यूनीवार्ता को बताया कि छाेटा राजन अभी जीवित है। इससे पहले दिन में कई मीडिया रिपोर्टों में सामने आया था कि छोटा राजन की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो गयी है।

अंडरवर्ल्ड डॉन राजन पर 70 से अधिक आपराधिक मामले हैं। उसे 2015 में इंडोनेशिया में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उसी साल भारत लाया गया। छोटा राजन वर्तमान में राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल में उच्च सुरक्षा में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उसे काेरोना संक्रमण के कारण 26 अप्रैल को एम्स में भर्ती किया गया था।

गैंगस्टर राजन ने छोेटे-छोटे अपराधाें से आपराधिक वारदातों की शुरुआत की बाद में वह अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथ बन गया। राजन को 2018 में महाराष्ट्र मकोका अदालत ने दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इससे एक वर्ष पहले 2017 में एक विशेष सीबीआई अदालत ने नकली पासपोर्ट मामले में उसे सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी थी।

झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया; प्रधानमंत्री ने फोन किया, मन की बात की, बेहतर होता काम की बात करते और काम की बात सुनते attacknews.in

रांची, 07 मई । देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बात कर कोरोना महामारी की स्थिति के बारे में जानकारी ली।

इस सिलसिले में प्रधानमंत्री ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी फोन किया था। हेमंत सोरेन ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। साथ ही उन्होंने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री पर एकतरफा संवाद का आरोप लगाते हुए तंज भी कसा।

श्री सोरेन ने कहा कि बेहतर होता अगर प्रधानमंत्री मोदी काम की बात करते और काम की बात सुनते। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट में कहा कि ’आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया। उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की। बेहतर होता यदि वो काम की बात करते और काम की बात सुनते।’

असम सरकार में मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सोरेन को जवाब देते हुए लिखा कि ’आपका यह ट्वीट न सिर्फ न्यूनतम मर्यादा के खिलाफ है बल्कि उस राज्य की जनता की पीड़ा का भी मजाक उड़ाना है, जिनका हाल जानने के लिए प्रधानमंत्री ने फोन किया था। बहुत ओछी हरकत कर दी आपने। मुख्यमंत्री पद की गरिमा भी गिरा दी।’

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हेमंत सोरेन नाखुश हैं क्योंकि उन्हें अपने राज्य से संबंधित मुद्दे के बारे में अवगत कराने की अनुमति नहीं दी गई। प्रधानमंत्री ने केवल कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा की। इधर देशभर में फैली कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए झारखंड में सरकार क्या कदम उठाने जा रही है। इसको लेकर मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने रणनीति बताई। उन्होंने कहा कि कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण पर सरकार की पैनी नजर है और इस महामारी को लेकर जैसे-जैसे चुनौतियां सामने आएंगी उससे निपटने के लिए सरकार रणनीति तैयार कर रही है।

पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसक घटनाओं की केंद्र सरकार को दी जाने वाली रिपोर्ट के मद्देनजर गृह मंत्रालय की टीम ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की attacknews.in

कोलकाता, 07 मई । केंद्रीय गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी गोविंद मोहन के नेतृत्व में चार सदस्यीय केंद्रीय टीम ने राज्य में चुनाव बाद हुई व्यापक हिंसक घटनाओं की रिपोर्ट के मद्देनजर शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की।

श्री धनखड़ ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा,“श्री मोहन के नेतृत्व में चार सदस्यीय केंद्रीय टीम आज पूर्वाह्न 10 बजे मुझसे मुलाकात करने आयी थी। टीम मेरे साथ करीब एक घंटे तक रही।”

गौरतलब है कि राज्य में चुनाव बाद हुई हिंसक घटनाओं के आकलन के लिए गृह मंत्रालय की चार सदस्यीय टीम गुरुवार को यहां पहुंची।

केंद्रीय टीम के सदस्यों ने राज्य सचिवालय नाबन्ना में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। केंद्रीय टीम के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने की भी संभावना है।

इससे पूर्व केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल प्रशासन से चुनाव बाद हिंसा को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई अपडेट नहीं भेजा गया है।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के राज्य के लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री की शपथ लेने के ठीक अगले ही दिन यह गतिविधि शुरू हुई। उन्होंने शपथ लेने के तुरंत बाद सभी राजनीतिक पार्टियों से हिंसा से दूर रहने की अपील की।

गत दो मई को चुनाव परिणाम सामने आने के बाद ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसक घटनायें शुरू हो गयीं। भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि तृणमूल समर्थित गुंडों ने इसके कई कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी, महिला कार्यकर्ताओं पर हमला किया, कई मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया, इसके पार्टी सदस्यों की कई दुकानें लूट ली गयीं तथा कार्यालयों में तोड़ फोड़ की गयी।

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने दावा किया कि राज्य में चुनाव बाद हिंसा में पार्टी के कम से कम 14 कार्यकर्ता मारे गये तथा करीब एक लाख लोगों को अपना घर छाेड़कर भागना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में मुख्यमंत्री सुश्री बनर्जी की चुप्पी उनकी सहभागिता को दर्शाता है।

सुश्री बनर्जी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन क्षेत्रों में हिंसा और झड़पें हो रही हैं जहां भाजपा के उम्मीदवार चुनाव में विजयी हुए। उन्होंने लोगों से संयम बरतने तथा किसी भी प्रकार के हिंसक घटना में शामिल नहीं होने की अपील की।

स्थिति पर संज्ञान लेते हुए सुश्री बनर्जी ने बुधवार को मुख्यमंत्री के रूप में फिर से शपथ लेने के बाद अपनी पहली कार्रवाई में पुलिस महानिदेशक पी निरंजन सहित 30 शीर्ष अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मध्यप्रदेश में इन कलेक्टरों को हटाया गया;भाप्रसे के पांच अधिकारियों की नवीन पदस्थापना attacknews.in

दमोह समेत तीन जिलों के कलेक्टरों के तबादले

भोपाल, 07 मई । मध्यप्रदेश सरकार ने आज भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए, जिसके तहत दमोह, रतलाम और गुना कलेक्टरों को स्थानांतरित किया गया हैं ।

मध्यप्रदेश शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (भाप्रसे) के 5 अधिकारियों की नवीन पदस्थापना की है।

राज्य शासन ने रतलाम के कलेक्टर गोपाल चंद्र डाड को अपर सचिव बनाया गया है।

गुना के कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम को कलेक्टर रतलाम पदस्थ किया गया है।

इसी तरह दमोह के कलेक्टर तरूण राठी को उप सचिव बनाया गया है।

वहीं जबलपुर में अपर कलेक्टर के रुप में पदस्थ अनूप कुमार सिंह को कलेक्टर दमोह पदस्थ किया गया है।

अपर कलेक्टर बालाघाट फ्रेंम नोबल ए. को कलेक्टर गुना पर पदस्थ किया गया है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दमोह कलेक्टर तरुण राठी को राज्य मंत्रालय भोपाल में उप सचिव बनाया गया है। उनके स्थान पर इंदौर नगर निगम में अपर आयुक्त एक कृष्ण चैतन्य को दमोह कलेक्टर पद की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। इसके पहले जबलपुर जिले में पदस्थ अपर कलेक्टर अनूप कुमार सिंह को दमोह कलेक्टर पदस्थ किया गया था, लेकिन उनका तबादला कुछ ही घंटों में निरस्त कर दिया गया।

दमोह कलेक्टर के बाद पुलिस अधीक्षक को भी हटाया गया

दमोह विधानसभा उपचुनाव नतीजों के चार दिन बाद आज राज्य सरकार ने कलेक्टर के बाद देर रात पुलिस अधीक्षक हेमंत चौहान का भी तबादला कर दिया।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री चौहान को पुलिस मुख्यालय भोपाल में सहायक पुलिस महानिरीक्षक पदस्थ किया गया है। श्री डी आर तेनीवार को दमोह पुलिस अधीक्षक पद की कमान सौंपी गयी है, जो अब तक रतलाम जिले के जावरा में विसबल की 24वीं वाहिनी के सेनानी के रूप में पदस्थ थे।

ममता बनर्जी ने नरेन्द्र मोदी से मांगी ऑक्सीजन,पत्र लिखकर संकट से निजात दिलाने की लगायी गुहार attacknews.in

कोलकाता, 07 मई । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर राज्य में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि के कारण ऑक्सीजन की मांग में बढ़ोतरी को देखते हुए केंद्र से इसकी आपूर्ति की गुहार लगायी है।

सुश्री बनर्जी ने पत्र में लिखा है कि पिछले सप्ताह मेडिकल ऑक्सीजन की खपत 470 टन (एमटी) प्रति दिन से बढ़कर 550 टन हो गयी है। उन्होंने कहा,“ मैं पश्चिम बंगाल में मेडिकल ऑक्सीजन (एमओ) की आपूर्ति के संबंध में बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा आपके सामने लाना चाहती हूं।”

सुश्री बनर्जी ने लिखा, “ मैंने पहले के पत्र में दिनांक पांच मई 2021 को उल्लेख किया था कि राज्य में कोरोना सकारात्मक मामलों में वृद्धि के कारण ऑक्सीजन की खपत तेजी से बढ़ रही है। यह पिछले 24 घंटों में प्रति दिन 470 टन हो गयी और अगले सात से आठ दिनों में 550 एमटी प्रति दिन तक बढ़ने की उम्मीद है।”

उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव ने पहले ही इस मामले को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव तथा अन्य अधिकारियों के समक्ष कई बार उठाया है और राज्य को तत्काल 550 एमटी ऑक्सीजन प्रतिदिन आवंटित करने की मांग कर चुके हैं।

सुश्री बनर्जी ने यह भी कहा कि यहां यह उल्लेख करना दीगर नहीं होगा कि राज्य में मेडिकल आक्सीजन का कुल उत्पादन 560 टन प्रतिदिन है।

उन्होंने कहा,“ संकट की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि पश्चिम बंगाल में कुल उत्पादित मेडिकल ऑक्सीजन में से कम से कम 550 टन ऑक्सीजन प्रतिदिन के तात्कालिक आवंटन के लिए जारी की जाए। ”

सुश्री बनर्जी ने कहा, “ मैं इस संबंध में आपके हस्तक्षेप और सहयोग के लिए तत्परता से इंतजार कर रही हूं।”

मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश और राजस्थान से अंतर्राज्यीय बस सेवाएं स्थगित होने की अवधि बढ़ी attacknews.in

भोपाल, 07 मई । मध्यप्रदेश और पड़ोसी राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के मद्देनजर महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तरप्रदेश से अंतर्राज्यीय बस सेवा स्थगित करने की अवधि आज 15 मई तक बढ़ा दी गयी है।

इस संबंध में राज्य के अपर परिवहन आयुक्त एवं राज्य परिवहन प्राधिकार के सचिव अरविंद सक्सेना की ओर से अलग अलग आदेश जारी कर दिए गए हैं। इन राज्यों के साथ मध्यप्रदेश की अंतर्राज्यीय बस सेवाएं पिछले माह स्थगित की गयी थीं और यह अवधि आज समाप्त हो रही थी।

तमिलनाडु में द्रमुक सरकार बनते ही मुख्यमंत्री स्टालिन ने लोगों को 2,000 रुपये की कोविड-19 राहत राशि देने, आविन दूध के दाम में कटौती की घोषणा की, महिलाएं बसों में करेगी निशुल्क यात्रा attacknews.in

चेन्नई, सात मई । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शुक्रवार को राज्य के लोगों के लिए 2,000 रुपये की कोविड-19 महामारी राहत राशि, आविन दूध के दाम में कटौती और सरकारी परिवहन बसों में महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा की घोषणा की।

उनकी पार्टी द्रमुक ने छह अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव में ये सभी वादे किए थे।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यहां कहा गया कि मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद पहला आदेश जारी करते हुए स्टालिन ने निजी अस्पतालों में कोराना वायरस के इलाज को सरकारी बीमा योजना के दायरे में लाने की भी घोषणा की ताकि ऐसे लोगों को राहत मिल सके।

ये घोषणाएं महामारी से प्रभावित नागरिकों की सहायता करने के लिए चावल राशन कार्ड धारकों को 4,000 रुपये मुहैया कराने और उनकी आजीविका में मदद करने के पार्टी के वादे की याद दिलाती हैं।

विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘इसे लागू करने के लिए मुख्यमंत्री ने मई में 2,000 रुपये की पहली किस्त के तौर पर 4,153.69 करोड़ रुपये की धनराशि मुहैया कराने के आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे 2,07,67,000 राशन कार्ड धारकों को लाभ मिलेगा।’’

उन्होंने एक अन्य आदेश पर भी हस्ताक्षर करते हुए राज्य द्वारा संचालित आविन के दूध के दाम में तीन रुपये तक की कटौती की। यह आदेश 16 मई से प्रभावी होगा।

विज्ञप्ति में एक अन्य चुनावी वादे के बारे में कहा गया है कि महिलाएं शनिवार से राज्य परिवहन निगम द्वारा संचालित सभी बसों में निशुल्क यात्रा कर सकती हैं और सरकार ने इसके लिए सब्सिडी के तौर पर 1,200 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

साथ ही उन्होंने ‘‘आपके निर्वाचन क्षेत्र में मुख्यमंत्री’’ योजना को लागू करने के लिए एक आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता वाले विभाग का गठन करने को भी मंजूरी दी ताकि लोगों की शिकायतों का 100 दिनों के भीतर समाधान किया जा सकें।

उन्होंने चुनाव के दौरान वादा किया थ कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह 100 दिनों के भीतर लोगों की शिकायतों का निवारण करेगी।

कांग्रेस सांसदों की डिजिटल बैठक में सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर कोरोना महामारी को लेकर अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटने और जनता को निराश करने का आरोप लगाया attacknews.in

नयी दिल्ली, सात मई । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर कोरोना वायरस महामारी को लेकर अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटने और जनता को निराश करने का आरोप लगाया और आग्रह किया कि मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए तत्काल एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए।

कोरोना के हालात पर चर्चा के लिए हुई कांग्रेस सांसदों की डिजिटल बैठक में सोनिया ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य संबंधी संसद की स्थायी समिति की बैठक बुलाई जाए ताकि महामारी से बेहतर ढंग से निपटने के लिए कदम उठाना और जवाबदेही तय करना सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने कहा, ‘‘देश एक अप्रत्याशित स्थिति का सामना कर रहा है। हजारों लोगों की मौत हो गई है और लाखों लोग बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह देखना दुखद है कि लोग अस्पतालों में और सड़कों पर अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं तथा किसी भी तरह चिकित्सा सुविधा चाहते हैं।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘ मोदी सरकार क्या कर रही है? लोगों की पीड़ा और दर्द को कम करने की बजाय उसने जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों से पल्ला झाड़ लिया है।’’

सोनिया के मुताबिक, सरकार के खुद के विशेषाधिकार समूह और राष्ट्रीय कार्य बल ने मोदी सरकार को आगाह किया था कि कोरोना की दूसरी लहर आएगी और इसके लिए तैयारी करने का भी आग्रह किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘स्वास्थ्य संबंधी संसद की स्थायी समिति और विपक्षी दलों ने हमारी तैयारियों को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की थी। इसके बावजूद प्रधानमंत्री ने इस साल अंहकार के साथ ऐलान कर दिया कि उन्होंने कोरोना महामारी पर जीत हासिल कर ली है तथा उनकी पार्टी ने इस तथाकथित सफलता के लिए उन्हें सम्मानित भी किया।’’

सोनिया ने दावा किया, ‘‘विशेषज्ञ की सलाह की उपेक्षा करते हुए मोदी सरकार ने ऑक्सीजन, दवाओं और वेंटिलेंटर की आपूर्ति को मजबूत नहीं किया। हमारे लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार टीकों का समय पर ऑर्डर देने में विफल रही। इसके साथ ही, वह उन परियोजनाओं के लिए हजारों करोड़ रुपये आवंटित करती रही जिसका जनता के कल्याण से कोई लेना-देना नहीं है।’’

उन्होंने कांग्रेस सांसदों से कहा, ‘‘आपको पता है कि संसद ने कोरोना के मुफ्त टीकाकरण के लिए 35000 रुपये का प्रावधान किया, लेकिन मोदी सरकार इसका बोझ भी राज्य सरकारों पर पर डाल रही है। उसने टीकों की अलग अलग कीमत को मंजूर दी है तथा टीकों का निर्माण बढ़ाने के लिए जरूरी लाइसेंस भी नहीं दिए।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ‘‘मोदी सरकार की गैरबराबरी वाली टीकाकरण नीति के कारण करोड़ों दलित, आदिवासी, ओबीसी, गरीब और कमजोर लोग टीके से उपेक्षित रह जाएंगे। यह हैरान करने वाली बात है कि मोदी सरकार लोगों के प्रति अपनी नैतिक प्रतिबद्धता और कर्तव्यों को छोड़ दिया है।’’

उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि व्यवस्था विफल नहीं हुई है। मोदी सरकार भारत की कई क्षमताओं और संसाधनों का उपयोग करने में अक्षम रही है। मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहती हूं कि आज भारत को उस राजनीतिक नेतृत्व ने निर्बल बना दिया है जिसे जनता के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है। मोदी सरकार ने हमारे देश के लोगों को निराश किया है।’’

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और खुद की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्रों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने विपक्ष के सुझावों को अनसुना कर दिया।

सोनिया ने कहा, ‘‘कोविड का संकट ‘सरकार बनाम हम’ की लड़ाई नहीं है, ‘बल्कि हम बनाम कोरोना’ है। हम एक राष्ट्र के तौर पर इस लड़ाई को लड़ना होगा। मेरा मानना है कि मोदी सरकार को कोविड के हालात को लेकर तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।’’

सोनिया ने कहा, ‘‘कांग्रेस की यह मांग भी है कि संसद की स्थायी समिति की बैठक भी बुलाई जाए ताकि महामारी से बेहतर ढंग से निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई और जवाबेदही सुनिश्चित की जा सके।

कांग्रेस अध्यक्ष ने संकट की इस घड़ी में लोगों की सहायता करने के लिए पार्टी और उसके विभिन्न संगठनों खासकर युवा कांग्रेस की तारीफ भी की।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को अगले आदेश तक दिल्ली को रोजाना 700 मी टन ऑक्सीजन की आपूर्ति पर अमल करने का निर्देश देते हुए कहा कि,इसके अनुपालन में कोताही उसे “सख्ती” करने पर मजबूर करेगी attacknews.in

नयी दिल्ली, सात मई । उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र को स्पष्ट कर दिया कि उसे शीर्ष अदालत के अगले आदेश तक रोजाना दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति जारी रखनी होगी । साथ ही न्यायालय ने कहा कि इसपर अमल होना ही चाहिए तथा इसके अनुपालन में कोताही उसे “सख्ती” करने पर मजबूर करेगी।

दो दिन पहले, शीर्ष अदालत ने दिल्ली को कोविड के मरीजों के लिए 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति के निर्देश का अनुपालन नहीं करने पर केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा शुरू की गई अवमानना की कार्यवाही पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि ‘‘अधिकारियों को जेल में डालने से” ऑक्सीजन नहीं आएगी और प्रयास जिंदगियों को बचाने के लिए किए जाने चाहिए।

हालांकि, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि केंद्र को राष्ट्रीय राजधानी को हर दिन 700 मीट्रिक टन तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन (एलएमओ) की आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई कार्यवाही में दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने शुक्रवार को पीठ को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी को “आज सुबह नौ बजे तक 86 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली और 16 मीट्रिक टन मार्ग में है।”

पीठ ने कहा, “हम चाहते हैं कि दिल्ली को हर दिन 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए और यह होना ही चाहिए, हमें उस स्थिति में आने पर मजबूर न करें जहां हमें सख्त होना पड़े।”

साथ ही कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि एक दिन के लिए आपूर्ति की गई और फिर “टैंकर नहीं हैं” और परिवहन में दिक्कतें हैं जैसे कई विरोध-पत्र दायर किए जा रहे हैं।

पीठ के लिए न्यायमू्र्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को सुनवाई से पहले मुद्दे पर न्यायमूर्ति शाह से विचार-विमर्श किया है और दिल्ली को हर दिन 700 मीट्रिक टन एलएमओ दिए जाने को लेकर सर्वसम्मति बनी है।

पीठ ने कहा, “हम चाहते हैं कि दिल्ली को 700 मीट्रिक टन एलएमओ दी जाए और हमारा मतलब है कि यह निश्चित तौर पर होना चाहिए। इसकी आपूर्ति करनी ही होगी और हम दंडात्मक कार्रवाई नहीं करना चाहते। हमारे आदेश को अपलोड होने में दोपहर तीन बजेंगे लेकिन आप काम पर लगें और ऑक्सीज का प्रबंध करें।’’

इससे पहले शीर्ष अदालत ने कहा था कि यह पूरे भारत में वैश्विक महामारी की स्थिति है और हमें राष्ट्रीय राजधानी को ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के तरीके तलाश करने होंगे।

अमेरिका ने अब तक 6 विमानों से भारत को जरूरी चिकित्सकीय सामग्री भेजी,राष्ट्रपति बाइडन द्वारा भारत को 10 करोड़ डॉलर की सहायता सामग्री भेजने की घोषणा,संयुक्त राष्ट्र ने 10 हजार ऑक्सीजन सांद्रक,1 करोड़ मेडिकल मास्क भेजे attacknews.in

वाशिंगटन/संयुक्त राष्ट्र, सात मई ।अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि अमेरिका कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत के स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका पिछले कुछ दिनों में भारत को जरूरी चिकित्सकीय सामग्री की आपूर्ति कर चुका है।

ऑस्टिन ने बृहस्पतिवार को अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मित्र देश भारत जिस संकट से गुजर रहा है, मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि हमलोग भारत के अग्रिम मोर्चा के कर्मियों को तत्काल हर संभव मदद कर रहे हैं। अमेरिकी वायु सेना के तीन सी-5 एम सुपर गैलेक्सी विमान और एक सी-17 ग्लोबमास्टर 3 से कई टन आवश्यक चिकित्सकीय सामग्री पहुंचायी गयी है।’’

इससे पहले नीतिगत मामलों के लिए विदेश उपमंत्री डॉ कोलिन एच कहल ने भारत के रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार से बात की।

पेंटागन के प्रेस सचिव जमाल ब्राउन ने दोनों अधिकारियों के बीच फोन पर हुई बातचीत का ब्योरा दिया। इसके अनुसार बातचीत के दौरान कहल ने कुमार को भरोसा दिया कि अमेरिकी रक्षा विभाग जरूरत की इस घड़ी में भारत के साथ लगातार खड़ा रहेगा।

डॉ कहल और डॉ कुमार ने भारत-अमेरिका सामरिक साझेदारी को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि संकट के इस समय में दोनों देशों के बीच संबंध और प्रगाढ़ हुए हैं।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने महामारी से निपटने के लिए वैश्विक कार्य बल की पहली बैठक में हिस्सा लेने के बाद कहा कि अमेरिकी सरकार भारत का सहयोग कर रही है और अमेरिका के लोग भारत की मदद के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘हमारे लोग, कारोबारी संगठन और हमारी पूरी सरकार कोविड-19 के खिलाफ भारत के लोगों की मदद के लिए मिलकर काम कर रहे हैं और दुनिया भर में मदद के अपने प्रयासों को हम जारी रखेंगे।’’

कार्यबल में 45 से अधिक शीर्ष अमेरिकी कंपनियों और उनके सीईओ शामिल हैं। यूएस चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड बिजनेस राउंडटेबल ने यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल और यूएस-इंडिया स्ट्रैटजिक एंड पार्टनरशिप फोरम के साथ मिलकर यह कार्य बल बनाया है।

यूएसएड अब छह विमानों से भारत को जरूरी चिकित्सकीय सामग्री भेज चुका है। राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने भारत को 10 करोड़ डॉलर मूल्य की सहायता सामग्री भेजने की घोषणा की है।

आपात राहत सामग्री में गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए 20,00 रेमडेसिविर (125,000 शीशियां), 1500 ऑक्सीजन सिलेंडर जिन्हें स्थानीय आपूर्ति केंद्रों पर भरा जा सकता है और कोविड-19 के मामलों की जांच के लिए 10 लाख रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट, करीब 550 ऑक्सीजन सांद्रक शामिल है।

यूएसएड ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने 10 करोड़ डॉलर मूल्य की राहत सामग्री भेजने का लक्ष्य रखा है। इस प्रयास में रक्षा विभाग, विदेश विभाग, स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग, कैलिफोर्निया राज्य की साझेदारी के साथ ट्राविस वायुसेना अड्डा, नेशनल एयरलाइंस और यूनाइटेड एयरलाइंस शामिल हैं।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय में भारत-अमेरिका संबंधों पर विशेषज्ञ एवं पॉल हास्टिंग्स एलएलपी में अंतरराष्ट्रीय जांच मामलों के वकील रौनक डी देसाई ने ‘पीटीआई’ को बताया, ‘‘कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित भारत में पिछले कुछ दिनों में अमेरिका द्वारा की गयी मदद देश के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बाइडन प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस ने द्विपक्षीय संबंध को बनाये रखने और उसे मजबूती देने के लिए अपने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ी है।’’

इस बीच वरमोंट के गवर्नर फिल स्कॉट ने भी भारत को मदद की पेशकश की है।

अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू के साथ बृहस्पतिवार को डिजिटल बैठक के दौरान स्कॉट ने भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक संबंधों पर चर्चा की।

उन्होंने कहा, ‘‘महामारी से जूझ रहे भारत के प्रति मैं संवेदना प्रकट करता हूं। हालांकि वरमोंट बहुत छोटा है लेकिन फिर भी हमलोग हर संभव मदद के लिए तैयार हैं।’’

इसके बाद संधू ने भी ट्वीट कर बैठक की जानकारी दी।

बृहस्पतिवार को संधू ने साउथ डकोटा की गवर्नर क्रिस्टी नोएम से बातचीत की थी।

शीर्ष भारतवंशी और डेलोइट के सीईओ पुनीत रंजन ने कहा है कि कंपनी दुनिया भर में अपने तीन लाख कर्मचारियों को ‘गिव इंडिया’, ‘यूनाइटेड वे इंडिया’ और ‘पीएम केयर्स फंड’ में दान देने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

रंजन ने कहा, ‘‘भारत को अभी मदद की जरूरत है। जरूरत के समय भारत ने हमारी मदद की और अब हमारी बारी है। न सिर्फ उन लोगों के लिए जो भारत को अपना घर बताते हैं बल्कि हम सभी को भारत के लिए खड़ा होना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह वैश्विक संकट है। अगर यह वायरस हवा में बना रहता है और फिर अपना रूप बदल लेता है तो यह सभी को प्रभावित करेगा। जब तक एक भी व्यक्ति असुरक्षित है तब तक हम सुरक्षित नहीं हैं। हमें कदम उठाना होगा। यही हम सभी के लिए बेहतर होगा। हम सभी उद्योगपतियों की भी बेहतरी में होगा।’’

रंजन की मां हरियाणा के रोहतक में रहती हैं और वह कोविड-19 से संक्रमित हो गयी हैं।

अमेरिका के एक शीर्ष नागरिक अधिकार नेता रेव जेसे जैकसन ने राष्ट्रपति जो बाइडन से एस्ट्राजेनेका टीके की छह करोड़ खुराकें भारत को देने का अनुरोध किया है।

बाइडन ने हाल में कहा था कि वह अन्य देशों को एस्ट्राजेनेका टीका देने पर विचार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सिर्फ बड़े पैमाने पर टीकाकरण ही भारत में इस महामारी के संकट से बचाव का तरीका है।

अमेरिकन एससोसिएशन ऑफ मल्टीएथनिक फिजिशियंस के अध्यक्ष डॉ विजय प्रभाकर ने कहा, ‘‘यह हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह भारत में कोविड-19 के प्रसार को रोकने में मदद करे, क्योंकि हमलोग एक विश्व में रहते हैं भले ही हमारी सीमाएं अलग हों।

संरा एजेंसियों ने भारत को करीब 10,000 ऑक्सीजन सांद्रक, एक करोड़ मेडिकल मास्क दिए

संयुक्त राष्ट्र की कई एजेंसियों ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए भारत को करीब 10,000 ऑक्सीजन सांद्रक और करीब एक करोड़ मेडिकल मास्क भेजे हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बृहस्पतिवार को नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत में संयुक्त राष्ट्र का दल महामारी से निपटने के लिए राष्ट्रीय और स्थानीय दोनों सरकारों का सहयोग कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि यूनीसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या निधि (यूएनएफपीए) ने करीब 10,000 ऑक्सीजन सांद्रक, एक करोड़ मेडिकल मास्क और 15 लाख से अधिक फेस शील्ड दी हैं। संयुक्त राष्ट्र के दल ने वेंटीलेटर्स और ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र भी खरीदे हैं।

यूनीसेफ कोविड-19 रोधी टीकों को रखने के लिए ‘कोल्ड चेन’ उपकरण भी उपलब्ध करा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे दल ने जांच मशीनों और किट के साथ ही थर्मल स्कैनर भी दिए हैं।’’

यूनीसेफ और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) भारत में 175,000 से अधिक टीकाकरण केंद्रों की निगरानी करने में भी मदद कर रहा है।

डब्ल्यूएचओ ने बताया कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के 46 प्रतिशत मामले भारत में है और पिछले हफ्ते इस महामारी से दुनियाभर में जान गंवाने वाले लोगों में 25 प्रतिशत लोगों की मौत भारत में हुई।

भारत को कोरोना से बचाने मदद के लिये अमेरिकी कंपनियों के कार्यबल की संचालन समिति में गूगल के CEO सुंदर पिचाई, डेलायट के पुनीत रंजेन और एडोब के शांतनु नारायण शामिल किए गए attacknews.in

वाशिंगटन, सात मई । भारत को कोविड- 19 की दूसरी लहर से लड़ने में सहयोग देने के लिये अमेरिकी कंपनियों के वैश्विक कार्यबल की संचालन समिति में अब तीन भारतीय- अमेरिकी सीईओ, गूगल के सुंदर पिचाई, डेलायट के पुनीत रंजेन और एडोब के शांतनु नारायण भी शामिल हो गये हैं। यह कार्यबल उद्योग जगत की पहल पर बनाया गया है जिसमें कंपनियां भारत को कोरोना वायरस से लड़ने में मदद पहुंचा रही हैं।

भारतीय मूल के इन अमेरिकी सीईओ का नाम संचालन समिति में बृहस्पतिवार को जोड़ा गया। ये तीनों सीईओ भारत में कोविड संकट के दौरान अमेरिकी कंपनियों की ओर से दी जाने वाली मदद अथवा अन्य सहायता को एकजुट करने में लगे हुये हैं।

वैश्विक कार्यबल की इस सूची में कुछ और नाम भी शामिल हुये हैं। इनमें बिल एण्ड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सीईओ मार्क सुजमैन, बिजनेस राउंडटेबल के सीईओ और अध्यक्ष जोशुआ बोल्टेन, यूएवस चैंबर आफ कामर्स के सीईओ एवं अध्यक्ष सुजाने क्लार्क शामिल हैं।

इस कार्यबल को बनाने का काम यूएस चैंबर आफ कामर्स ने किया जो कि एक सार्वजनिक- निजी भागीदारी वाला समूह है, इसे बिजनेस राउंडटेबल ने समर्थन दिया है। यह कार्यबल चैबर की यूएस- इंडिया बिजनेस काउंसिल और यूएस- इंडिया स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप फोरम के साथ मिलकर काम कर रही है। कार्यबल भारत में कोविड- 19 के तेजी से बढ़ते मामलों से उत्पन्न समस्या के समाधान में मदद करने के लिये त्वरित कदम उठा रहा है।

इस कार्यबल के तहत अमेरिकी उद्योगों ने अब तक 25 हजार से अधिक आक्सीजन कंसंट्रेटर्स भारत को देने का वादा किया है। इसमें से एक हजार अक्सीजन कंसंट्रेटर्स की पहली खेप 25 अप्रैल को भारत पहुंच चुकी है। इसे डेलायट ने उपलब्ध कराया है और फेडएक्स ने इसे पहुंचाने का इंतजाम किया। कार्यबल ने कहा है कि इन कंसंट्रेटर्स को तय किये गये स्वास्थ्य केन्द्रों पर पहुंचाया जायेगा ताकि इनका जल्द से जल्द इसतेमाल किया जा सके। वहीं वेंटीलेटर्स की पहली खेप भी इस सपताह के शुरू में भारत पहुंच चुकी है और उम्मीद की जा रही है कि सभी एक हजार वेंटीलेटर्स तीन जून तक भारत पहुंच जायेंगे। इसमें मेडट्रानिक का सहयोग प्राप्त होगा। कम से कम 16 कंपनियों ने वेंटीलेटर्स के काम में कार्यबल का सहयोग किया है।

कार्यबल की संचालन समिति में एसेंचर, अमेजन, एप्पल, बैंक आफ अमेरिका, फेडएक्स और आईबीएम, अमेरिकन रेड क्रास, डीएचएल एक्सप्रेस, डाउ, जॉनसन एण्ड जॉनसन, मास्टरकार्ड, मेडट्रानिक, माइक्रोसॉफ्ट, पेप्सिको, यूपीएस, वीएमवारे, वालमार्ट इंटरनेशनल जैसी प्रमुख कंपनियों के सीईओ सदस्य हैं। अब तक कुल मिलाकर 45 अमेरिकी कंपनियों एवं सहयोगियों ने वैश्विक कार्यबल की गतिविधियों में योगदान किया है।

नागरिक उड्डयन क्षेत्र से जुड़े लोगों को तेज और कुशल टीकाकरण करने के लिए दिशानिर्देश जारी;एयरपोर्ट ऑपरेटरों द्वारा मिलेगी टीकाकरण सुविधा attacknews.in

नईदिल्ली 7 मई ।नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) ने विमानन समुदाय के लोगों का समय पर टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए टीकाकरण कार्यक्रम को तेजी, कुशलता और सुविधा के साथ करने के दिशानिर्देश जारी किए हैं। कोविड-19 के मामलों में आई तेजी को देखते हुए विमानन समुदाय ने लोगों की आवाजाही के लिए सेवाएं सुचारू रूप से निश्चित करने के लिए अथक परिश्रम किया है। और इसके साथ ही आवश्यक चिकित्सा सामग्रियांजैसे वैक्सीन, दवाइयां, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर आदि का बिना किसी बाधा के परिवहन किया है।

ऐसे में नागरिक उड्डयन सचिव ने सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि टीकाकरण कार्यक्रम के तहत उड्डयन और उससे संबंधित सेवाओं में शामिल व्यक्तियों को प्राथमिकता समूह में शामिल कर टीका लगाया जाय।

दिशानिर्देशों के अनुसार, नागरिक उड्डयन क्षेत्र से जुड़ी सभी कंपनियों को सलाह दी गई कि वे अपने कर्मचारियों को चल रहे टीकाकरण कार्यक्रम के तहत कवर करें। दिशानिर्देशों में आगे कहा गया है कि जिन संगठनों ने पहले से ही अपने कर्मचारियों को टीकाकरण के लिए सरकारी / निजी सेवा प्रदाताओं के साथ व्यवस्था की है, वे ऐसा करना जारी रख सकते हैं।

इसके अलावा, एयरपोर्ट ऑपरेटर्स द्वारा अपने संबंधित हवाई अड्डों पर एक टीकाकरण सुविधा स्थापित करने की सलाह दी गई है। जिससे कि विमानन या संबंधित सेवाओं (अनुबंध, आकस्मिक सहित) में शामिल कर्मियों को शीघ्र टीकाकरण की सुविधा मिल सके। दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है किएयरपोर्ट ऑपरेटर्स कोतुरंत ऐसी राज्य सरकारों / निजी सेवा प्रदाताओं (अस्पतालों) से संपर्क करना चाहिए, जो हवाई अड्डों पर कोविड टीकाकरण केंद्र स्थापित करने के इच्छुक हैं।

दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि टीकाकरण काउंटरों की स्थापना, अलग से प्रतीक्षा क्षेत्र (टीकाकरण से पहले और उसके बाद) जैसी सुविधाओं की व्यवस्था एयरपोर्ट ऑपरेटर्स को करनी होगी। इस दौरान टीकाकरण के लिए आऩे वाले लोगों के कोविड प्रोटोकाल के तहत दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओंजैसे (सहायता डेस्क, पेयजल, खुली हवा, पंखे, वॉशरूम, आदि) की व्यवस्था भी करनी होगी। प्रति खुराक टीके की लागत एयरपोर्ट ऑपरेटर्स और सेवा प्रदाता कंपनियां तय कर सकेंगी। ये सुविधाएं विमानन क्षेत्र से जुड़े सभी संबंधित पक्षों के लिए एक ही कीमत पर उपलब्ध होंगी। आगे कहा गया है कि हवाई अड्डों के इकोसिस्टम में काम करने वाली सभी एजेंसियां अपने कर्मचारियों का टीकाकरण कराने की व्यवस्था करें। इसके लिए ऑपरेटर / सेवा प्रदाता कंपनियां व्यक्तिगत स्तर पर टीकाकरण नहीं करेंगी। इसके अलावा, संबंधित कर्मचारियों के वैक्सीन खुराक का भुगतान करने के लिए सेवा प्रदाता ऑनलाइन भुगतान सिस्टम भी तैयार करें।

इसके अलावा छोटे हवाई अड्डों के लिए (जहां टीकाकरण के लिए कर्मचारियों की संख्या कम है और निजी कंपनियों को यह व्यवहारिक नहीं लगता है), एयरपोर्ट ऑपरेटर टीकाकरण कार्यक्रम का विस्तार करने के लिए जिला / स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं। एयरपोर्ट ऑपरेटर द्वारा बनाई गई सुविधाएं पहले चरण में सभी नागरिक उड्डयन कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होंगी और बाद में उसका परिवार के सदस्यों के लिए दायरा बढ़ाया जा सकता है।

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि एटीसी कर्मचारी, एयरलाइंस के चालक दल (कॉकपिट और केबिन दोनों), जोखिम मिशन और यात्रियों के सीधे संपर्क में आने वाले कर्मचारियों को टीकाकरण करने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सभी एयरपोर्ट ऑपरेटर्स को सलाह दी जाती है कि टीकाकरण कार्यक्रम के समन्वय के लिए एक नोडल अधिकारी (एक वैकल्पिक नोडल अधिकारी को भी तुरंत रखा जा सकता है) को नियुक्त करें।

दिशानिर्देशों में कहा गया है किएएआई चेयरमैन समन्वय, कार्य की समीक्षा, समस्याओं और चुनौतियों का समाधान करने के लिए मंत्रालय और डीजीसीए के साथ नियमित बैठकें करेंगे। यदि वैक्सीन की उपलब्धता का कोई मुद्दा हैतो मंत्रालय अबाध आपूर्ति के लिए उपयुक्त स्तर पर कदम उठाएगा।

आदेश में आगे उल्लेख किया गया है कि स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सुझाए गए दिशानिर्देशों को प्रासंगिक और बेहतर बनाया जा सकता है।लेकिन इसके तहत गृह मंत्रालय और राज्य सरकारों द्वारा बनाए गए सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल और निर्देश पालन करना जरूरी होगा।

विश्व समुदाय से प्राप्त कोविड-19 राहत सामग्री का केंद्र द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समुचित आबंटन, भारत में टीकाकरण का दायरा 16.25 करोड़ के पार;अभियान को दिया गया विस्तार attacknews.in

नईदिल्ली 7 मई ।पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान देश में कोविड-19 के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा रोजाना बढ़ते मामलों और बढ़ती मृत्युदर के कारण दबाव में आ गया है।

वसुधैव कुटुम्कम् की भावना का पालन करते हुये, विश्व समुदाय ने मदद का हाथ बढ़ाया है और वैश्विक कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में भारत के प्रयासों को समर्थन दिया है।

भारत सरकार को 27 अप्रैल, 2021 के बाद से ही कोविड-19 राहत सामग्री, मेडिकल आपूर्ति और उपकरण अंतर्राष्ट्रीय सहायता के रूप में मिलते रहे हैं। ये सहायता विभिन्न देशों से प्राप्त हुई है। जो भी सामग्री अब तक मिली है, उन्हें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को आबंटित किया गया।

राहत सामग्री का बड़ा हिस्सा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पहुंचाया गया है। यह लगातार चलने वाली गतिविधि है। इसका उद्देश्य है कि विभिन्न उपायों और जरियों से सहायता दी जाये, ताकि इस संकट की घड़ी में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को महामारी से लड़ने में मजबूती मिलें ।

सप्ताह-दर-सप्ताह औसतन रोजाना कितने मरीज ठीक हुये। अप्रैल की शुरूआत में केवल 53,816 मरीज ठीक हुये थे, लेकिन अप्रैल के अंत से आज समाप्त होने वाले सप्ताह तक रिकवरी की दर तीन लाख से अधिक हो गई, यानि इस अवधि में कुल 3,13,424 मरीज ठीक हो गये।

पिछले 24 घंटों में 4,12,262 नये मामले दर्ज हुये।

महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और राजस्थान जैसे दस राज्यों में 72.19 प्रतिशत नये मामले दर्ज हुये हैं।

महाराष्ट्र में एक दिन में सबसे ज्यादा नये मामले दर्ज हुये, जो 57,640 हैं। इसके बाद कर्नाटक का नंबर है, जहां 50,112 नये मामले दर्ज हुये, जबकि केरल में कुल 41,953 नये मामले दर्ज किये गये।

भारत का सक्रिय केस-लोड 35,66,398 तक पहुंच गया है। देश के कुल पॉजिटिव मामलों में इसका 16.92 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों के दौरान कुल सक्रिय केस-लोड में 79,169 मामलों की वृद्धि दर्ज की गई।

बारह राज्य ऐसे हैं, जहां भारत के कुल सक्रिय मामलों में से 81.05 प्रतिशत इन्हीं राज्यों में हैं।

राष्ट्रीय मृत्यु दर में गिरावट आ रही है, और इस समय वह 1.09 प्रतिशत है।पिछले 24 घंटों में 3,890 मौतें दर्ज की गईं।

दस राज्य ऐसे हैं, जहां हालिया मृत्यु का आंकड़ा 75.55 प्रतिशत है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मौतें (920) हुई हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश में रोजाना के हिसाब से 353 मौतें दर्ज की गईं।

पिछले 24 घंटों में पांच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड 19 से कोई मृत्यु नहीं हुई है। इनमें दमन एवं दीव, दादर एवं नागर हवेली, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख (केन्द्र शासित प्रदेश) और मिजोरम शामिल हैं।

दूसरी तरफ,देशभर में टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के शुरू होते ही कोविड टीकाकरण की कुल तादाद आज 16.25 करोड़ को पार कर गई।

12 राज्यों में 18-44 आयुवर्ग के 9,04,263 लोगों को टीके की पहली खुराक लग चुकी है। इन राज्यों में छत्तीसगढ़ (1026), दिल्ली (1,29,096), गुजरात (1,96,860), जम्मू-कश्मीर (16,387), हरियाणा (1,23,484), कर्नाटक (5,328), महाराष्ट्र (1,53,966), ओडिशा (21,031), पंजाब (1,535), राजस्थान (1,80,242), तमिलनाडु (6,415) और उत्तरप्रदेश (68,893) शामिल हैं।

अब तक मिली रिपोर्ट के अनुसार 29,34,8444 सत्रों के जरिये कुल 16,25,13,339 वैक्सीन की खुराक दी गई। इनमें 94,80,739 स्वास्थ सुविधा कर्मी (एचसीडब्लू) हैं, जिन्होंने पहली खुराक ली और 63,54,113 स्वास्थ सुविधा कर्मियों ने दूसरी खुराक ली। इसके अलावा 1,36,57,354 अग्रिम पंक्ति के कर्मियों (एफएलडब्लू) ने पहली और 74,25,592 ने दूसरी खुराक ली। इसी तरह 18-45 आयुवर्ग के 9,04,263 साधारण लोगों ने पहली खुराक, 1,29,15,354 अन्य लाभार्थियों (60 वर्ष से अधिक) ने पहली और 5,31,16,901 ने दूसरी खुराक ली। पैंतालीस से 60 वर्ष के लाभार्थियों में से 5,38,15,026 को पहली और 48,43,429 को दूसरी खुराक दी गई।

स्वास्थ्य सुविधा कर्मी (एचसीडब्लू)

पहली खुराक 94,80,739

दूसरी खुराक 63,54,113

अग्रिम पंक्ति के कर्मियों (एफएलडब्लू)

पहली खुराक 1,36,57,922

दूसरी खुराक 74,25,592

18-44 वर्ष आयुवर्ग

पहली खुराक 9,04,263

45-60 वर्ष आयुवर्ग

पहली खुराक 5,38,15,026

दूसरी खुराक 48,43,429

60 वर्ष से ऊपर

पहली खुराक 5,31,16,901

दूसरी खुराक 1,29,15,354

योग 16,25,13,339

देश में अब तक जितनी खुराक दी गई हैं, उनमें से दस राज्यों का हिस्सा 66.87 प्रतिशत है।

पिछले 24 घंटों में 19 लाख से अधिक टीकों की खुराक दी गई।

टीकाकरण अभियान के 110वें दिन (5 मई, 2021) को 19,55,733 वैक्सीन की खुराक दी गई। कुल 15,903 सत्रों में 8,99,163 लाभार्थियों को पहली खुराक और 10,56,570 को टीके की दूसरी खुराक दी गई।

दिनांकः पांच मई, 2021 (110वां दिन)

एचसीडब्लू

पहली खुराक 17,530

दूसरी खुराक 30,844

एफएलडब्लू

पहली खुराक 88,803

दूसरी खुराक। 89,932

18-44 वर्ष आयुवर्ग

पहली खुराक 2,32,028

45-60 वर्ष आयुवर्ग

पहली खुराक 4,02,585

दूसरी खुराक 4,21,409

60 वर्ष से ऊपर

पहली खुराक 1,58,217

दूसरी खुराक 5,14,385

कुल उपलब्धि

पहली खुराक 8,99,163

दूसरी खुराक 10,56,570

भारत की अमूल रिकवरी अद्यतन 1,72,80,844 रही। राष्ट्रीय रिकवरी दर 81.99 प्रतिशत है।

पिछले 24 घंटों में 3,29,113 रिकवरीद र्ज की गई।

दस राज्यों में नई रिकवरी दर 74.71 प्रतिशत रही।

श्री बदरी नाथ धाम बनेगा स्मार्ट आध्यात्मिक शहर, सौ करोड़ के समझौते पर करार:स्मार्ट हिल टाउन के रूप में निर्माण,पुर्नविकास के लिए तेल और गैस क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठानों ने समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए attacknews.in

देहरादून, 07मई । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एवं केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में गुरुवार को श्री केदारनाथ उत्थान ट्रस्ट तथा तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की पब्लिक सेक्टर कंपनियों के मध्य श्री बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट आध्यात्मिक शहर के रूप में विकसित करने के लिये लगभग 100 करोड़ के कार्यों के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। इस पर पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से सचिव तन्नू कपूर एवं उत्तराखंड की ओर से पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने हस्ताक्षर किए।

सचिवालय में वर्चुअल रूप से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री तीरथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद पुनर्निर्माण के कार्य शुरू हुए थे, जो कि अब अपने अंतिम चरणों में हैं। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में प्रधानमंत्री ने बदरीनाथ धाम के कायाकल्प का भी निर्णय लिया। यहां आगामी 100 वर्षों की आवश्यकताओं के मद्देनजर सुविधाओं का विकास कुल 85 हेक्टेयर भूमि में चरणबद्ध तरीके से कार्य किये जाने हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बदरीनाथ धाम में यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।
इसी के साथ यहां पर व्यास गुफा, गणेश गुफा एवं चरण पादुका आदि का भी पुनर्विकास किया जाना है।

उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम के विकास में तेल कंपनियों का योगदान सराहनीय है।

श्री तीरथ ने कहा कि राज्य सरकार का ध्यान क्षेत्र में होमस्टे को बढ़ावा देने पर है ताकि श्रद्धालुओं को यहां आने पर सस्ती सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।

उन्होंने कहा कि आगामी तीन वर्षों में बदरीनाथ धाम के कायाकल्प के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने बदरीनाथ धाम में किये जा रहे कार्यों के लिए विशेष तौर पर प्रधानमंत्री एवं पेट्रोलियम मंत्री का विशेष आभार जताया।

इस अवसर पर श्री प्रधान ने कहा कि उत्तराखण्ड के चार धामों का विशेष महत्त्व है। बदरीनाथ धाम के कायाकल्प को लेकर तेल कंपनियां प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बदरीनाथ एवं केदारनाथ धामों की भांति ही उत्तरकाशी में गंगोत्री एवं यमनोत्री धामों के लिए भी कुछ कार्य कराए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम को प्रधानमंत्री मोदी के विज़न के अनुरूप स्मार्ट आध्यात्मिक शहर के रूप में विकसित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यहां पर अलकनंदा नदी के तटबंध कार्यों के अलावा प्लाजा, जल निकासी, सीवेज, लाइट, सीसीटीवी, पीए सिस्टम, शौचालय, पुल आदि के सौंदर्यीकरण एवं पुनर्निर्माण के कार्य होने प्रस्तावित हैं।

प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम का धार्मिक के साथ ही आर्थिक महत्व भी है। यहां से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता है। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यो के दौरान हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि यहां पर पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे।

उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में यहां पर अस्पताल के विस्तारीकरण का कार्य प्रस्तावित है। इसके अलावा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, तटबंधों में सुदृढ़ीकरण, लैंड स्केपिंग, भीड़ होने पर होल्डिंग एरिया, पुलों की रेट्रोफिटिंग आदि कार्य होने हैं।

इस अवसर पर पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से एक वीडियो भी दिखाया गया जिसमें यहां होने वाले विभिन्न कार्यों के बारे में बताया गया।

श्री बद्रीनाथ धाम के स्मार्ट हिल टाउन के रूप में निर्माण और पुनर्विकास के लिए तेल और गैस क्षेत्र के सार्वजनिक सार्वजनिक प्रतिष्ठानों – इंडियन आयल, बीपीसीएल, एचपीसीएल, ओएनजीसी तथा गेल और बद्रीनाथ उत्थान धर्मार्थ न्यास के बीच आज समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।

समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान, उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज, तेल और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव श्री तरूण कपूर, उत्तराखंड के मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश तथा तेल और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार तथा तेल और गैस क्षेत्र की सार्वजनिक कंपिनयों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थित में किए गए।

समझौता ज्ञापनों के अनुसार तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठान पहले चरण की विकास गतिविधियों में 99.60 करोड़ रुपए का योगदान करेंगे। इन गतिविधियों में नदी तटबंध कार्य, सभी क्षेत्रीय वाहन मार्ग बनाना, वर्तमान सेतुओं को सुंदर बनाना, आवासीय सुविधा सहित गुरुकुल स्थापित करना, शौचालय तथा पेयजल सुविधा का निर्माण करना, स्ट्रीट लाइट लगाना और भित्ति- चित्र बनाना शामिल है।

इस अवसर पर श्री प्रधान ने कहा कि चार धाम आध्यात्मिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक कारणों से लाखों लोगों के हृदय के निकट है। उन्होंने कहा कि तेल और गैस क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठान न केवल बद्रीनाथ का विकास कार्य करेंगे बल्कि केदारनाथ, उत्तरकाशी, यमुनोत्री तथा गंगोत्री के विकास का हिस्सा भी हैं।

उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापनों पर आज किए गए हस्ताक्षर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बद्रीनाथ तीर्थ स्थान को मिनी स्मार्ट तथा आध्यात्मिक नगर के रूप में क्षेत्र की धार्मिक पवित्रता और पौराणिक महत्व से समझौता किए बिना विकसित करने के विजन की दिशा में मील के पत्थर हैं।

सुविधाओं के विकास में तेल और गैस क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के प्रयासों की सराहना करते हुए श्री प्रधान ने कहा, “मुझे प्रसन्नता है कि देश के तेल और गैस क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठान बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट आध्यात्मिक नगर के रूप में विकसित करने के विजन को साकार करने के लिए आगे आए हैं। पर्यटन प्रमुख उद्योग है, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बद्रीनाथ जैसे स्थलों के विकास से और अधिक संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।”

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा, “इस नेक प्रयास में समर्थन के लिए मैं केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान तथा तेल और गैस क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनियों को बधाई देता हूं। इस देश के लोगों के हृदय में श्री बद्रीनाथधाम का विशेष स्थान है। इसे देश के सर्वाधिक पवित्र स्थलों में एक माना जाता है और देश भर के श्रद्धालुओं को बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करने के लिए विकास गतिविधियां आवश्यक हैं। हमें आशा है कि उत्तराखंड सरकार और तेल तथा गैस क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के संयुक्त प्रयासों से तीन वर्ष की अवधि में श्री बद्रीनाथधाम के उत्थान का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।”

भारतीय सीमा शुल्क के पास ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कोई खेप लंबित नहीं;अंतर्राष्ट्रीय राहत सहायता के तहत देश को 3000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिले, सभी वितरित कर दिए गए attacknews.in

नई दिल्ली 7 मई । कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी खबरे आई हैं कि सीमा शुल्क आधिकारियों से मंजूरी के इंतजार में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (सांद्रक) सीमा शुल्क विभाग के गोदाम में लंबित हैं।

यह समाचार पूरी तरह से गलत है और तथ्यों पर आधारित नहीं है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने स्पष्ट किया है कि भारतीय सीमा शुल्क के पास ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कोई खेप लंबित नहीं है। भारतीय सीमा शुल्क तेजी से सभी खेपों को क्लियरिंग कर रहा है और किसी भी बंदरगाह पर कोई कंसाइनमेंट लंबित होने की जानकारी नहीं हैं।

अंतर्राष्ट्रीय राहत सहायता के तहत विभिन्न देशों से 3000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भारत सरकार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सामूहिक रूप से वैश्विक महामारी कोराना से लड़ने के लिए अभी तक मिले हैं। इनमें से मॉरीशस ने 200, रूस ने (20), ब्रिटेन ने चार खेप (95 + 120 + 280 + 174), रोमानिया से 80, आयरलैंड से 700, थाईलैंड (30), चीन (1000) और उज्बेकिस्तान ने 151 ऑक्सीजन कंसंट्रेट भेजे हैं। इसके अलावा, ताइवान ने 150 भेजे हैं। ये ऑक्सीजन कंसंट्रेटर या तो पहचने किए गए अस्पतालों को वितरित किए जा चुके हैं, या डिलीवरी के लिए भेजे दिए गए हैं। राहत सामग्री सड़क और हवाई मार्ग से भी भेजी गई है। सीमा शुल्क विभाग के गोदाम में कोई ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लंबित नहीं हैं, यह स्पष्ट किया गया है।

भारतीय सीमा शुल्क विभाग ऑक्सीजन और ऑक्सीजन से संबंधित उपकरणों आदि सहित कोविड के इलाज संबंधित समानों की आयात की के प्रति संवेदनशील है, और हफ्ते के सातों दिन और 24 घंटे काम कर आयातित समानों की क्लियरिंग करने का काम कर रही है। बंदरगाह पर किसी सामान के पहुंचने के एक घंटे के अंदर निकासी की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। कोविड से जुड़े राहत सामग्री की क्लियरिंग पर सीमा शुल्क विभाग खास जोर दे रहा है और दूसरे सामान के मुकाबले कोविड समाग्री को उच्च प्राथमिकता दिया जा रहा है। वहीं, नोडल अधिकारी को निगरानी और निकासी के लिए ईमेल पर अलर्ट मिल रहा है। कोविड संबंधित आयातित सामानों की क्लियरेंस के लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निगरानी भी की जा रही है।

हाल ही में सीमा शुल्क अधिकारियों के पास 3,000 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की एक खेप फंसे होने का झूठा मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में आया था और सरकारी वकील ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में कस्टम अधिकारियों के पास ऐसी कोई खेप लंबित नहीं है। वित्त मंत्रालय ने 3 मई को साफ किया था कि सीमा शुल्क कस्टम्स अधिकारियों के पास 3,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का कोई खेप नहीं रुका हुआ है। दरअसल, सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें वायरल हो रही थीं कि सीमा शुल्क के पास 3,000 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर का खेप रुका है। मंत्रालय ने कहा, हमने अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों से पता किया है और पाया कि सीमा शुल्क के पास ऐसी कोई खेप नहीं है। हालांकि, चूंकि इस संबंध में ट्विटर पर तस्वीरें भी चल रही हैं, तो हम चाहेंगे कि अगर किसी के पास यह जानकारी है कि कंसाइनमेंट किस जगह पर रुका है, तो हमें बताए। हम तत्काल कदम उठाएंगे।”