अमेरिका घरेलू आतंकवाद की चपेट में आया: एफबीआई प्रमुख ने देश में ‘घरेलू आतंकवाद’ बढ़ने के प्रति आगाह किया attacknews.in

वाशिंगटन,तीन मार्च (एपी) अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो(एफबीआई) के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने जनवरी में अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) में हुई हिंसा को स्पष्ट तौर पर ‘‘घरेलू आतंकवाद’’ करार दिया और देश के भीतर ही तेजी से बढ़ रहे हिंसक अतिवाद के खतरे के प्रति भी आगाह किया।

रे ने छह जनवरी को हिंसा होने की आशंका संबंधी खुफिया रिपोर्ट पर अपनी एजेंसी द्वारा कार्रवाई किए जाने का पक्ष रखा। साथ ही उन दावों को सिरे से खारिज किया जिनमें रिपब्लिकन पार्टी के कुछ सांसदों ने कहा था कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विरोधी गुटों ने उन दंगों की भूमिका तैयार की थी, जो हिंसक भीड़ के इमारत में घुसने के बाद शुरू हुए थे।

रे की सीनेट की न्यायिक समिति के समक्ष गवाही उन सिलसिलेवार गवाहियों में से एक है जो कैपिटल पर हमले के बाद कानून प्रवर्तन एजेंसी की कार्रवाई पर केन्द्रित है।

रे ने सांसदों से कहा,‘‘ छह जनवरी की घटना कोई अकेली घटना नहीं है। घरेलू आतंकवाद की समस्या देश में लंबे वक्त से चल रही है और इसके जल्द खत्म हाने के आसार नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा,‘‘ एफबीआई में हम कई वर्षों से इस पर चेतावनी दे रहे हैं।’’

कैपिटल में हुई हिंसा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 11 सितंबर 2001 को हुए हमले के बाद कानून प्रवर्तन एजेंसी, जिसने अपने आप को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घटनाओं से निपटने के लिए फिर से तैयार किया , अब देश के अंदर श्वेत अमेरिकियों की हिंसा से निपटने की कोशिश में लगी है।

राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन ने राष्ट्रीय खुफिया निदेशक को एफबीआई और आंतरिक सुरक्षा विभाग के साथ मिल कर खतरे का आकलन करने का कार्य दिया है।

रे ने कहा कि जब 2017 में वह निदेशक बने थे तो घरेलू आतंकवाद के 1,000 मामले जांच के लिए थे लेकिन इस वर्ष के अंत तक ये 1,400 हो गए और अब फिलहाल ऐसे मामलों की संख्या दो हजार के करीब है।

मध्यप्रदेश में मंगलवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,62,433 हुई और मौत का आंकड़ा हुआ 3,865 attacknews.in

भोपाल, दो मार्च। मध्य प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 331 नए मामले सामने आये हैं और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाये गये लोगों की कुल संख्या बढ़कर 2,62,433 पर पहुंच गयी। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी ।

अधिकारी ने बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से प्रदेश में किसी की भी मौत नहीं हुई। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 3,865 हो गयी है।

यह जानकारी मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने दी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में मंगलवार को कोविड-19 के 134 नये मामले इंदौर में आये, जबकि भोपाल में 48 नये मामले आये।

अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 2,62,433 संक्रमितों में से अब तक 2,55,595 मरीज संक्रमणमुक्त होकर घर चले गये हैं और 2,973 मरीज़ों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।

उन्होंने कहा कि मंगलवार को 259 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

संसद टीवी अस्तित्व में आया: लोकसभा और राज्यसभा टीवी का हुआ विलय;रवि कपूर को बनाया नया CEO attacknews.in

नयी दिल्ली , 02 मार्च । राज्यसभा टीवी और लोकसभा टीवी चैनलों का विलय कर एक नया टीवी चैनल बनाया गया है जिसका नाम संसद टीवी रखा गया।

राज्यसभा सचिवालय की ओर से आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा की गयी है। इस विलय के बारे में पिछले साल जून में सूचना दी गयी थी।

इस नये विलय के साथ शीर्ष स्तर के अधिकारियों में भी बदलाव किया गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी रवि कपूर को संसद टीवी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनाया गया है। वह मंगलवार से पदभार सम्भालेंगे। उनका कार्यकाल एक वर्ष तक के लिए होगा। वहीं, राज्यसभा टीवी के मौजूदा सीईओ मनोज कुमार पांडे को उनके कर्त्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है।

श्री कपूर 1986 बैच के असम-मेघालय काडर के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। वह कपड़ा मंत्रालय के सचिव के रूप में सेवारत थे। वह असम के अतिरिक्त मुख्य सचिव के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह खान और खनिज, वन और पर्यावरण, एक्ट ईस्ट पॉलिसी मामलों और सार्वजनिक उद्यम विभाग के प्रभारी रहे। उन्होंने उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय में भी अपनी सेवाएं दी हैं।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा की कार्यवाही के सीधे प्रसारण की शुरुआत दूरदर्शन पर 1989 से की गयी थी। वर्ष 2004 में अलग से लोकसभा टीवी अस्तित्व में आया। एक वर्ष बाद 2011 में राज्यसभा टीवी की शुरुआत हुई जिसमें राज्यसभा की कार्यवाही का प्रसारण किया जाता है। दोनों चैनलों पर सदन की कार्यवाही के सीधे प्रसारण के अलावा कई अन्य सरकारी , राजनीतिक और जानकारी पूर्ण कार्यक्रम दिखाये जाते हैं।

जे पी नड्डा ने राजस्थान में कहा:किसान नेताओं ने वर्षों से किसानों पर राजनीति की लेकिन उनका भला नहीं किया,कृषि सुधार कानून किसानों की तकदीर और तस्वीर बदल देंगे attacknews.in

जयपुर, 02 मार्च । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा है कि किसान नेता किसानों के नाम पर वर्षों से राजनीति करते आये हैं, लेकिन उनका कभी भला नहीं किया।

श्री नड्डा ने आज यहां भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में सम्बोधित करते हुए कहा कि किसान नेता किसानों को गुमराह करते आये हैं।

उन्होंने कभी किसानों का भला नहीं किया, किसानों का भला श्री मोदी ने किया है। पहले खाद के लिये किसानों पर लाठीचार्ज होता था। श्री मोदी के आने के बाद स्थिति बदली है और किसानों के लिये नीम कोटेड यूरिया, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, फसल बीमा योजना, किसान सम्मान निधि जैसी योजनायें लागू की गयीं।

उन्होंने चुनौती देते हुए कहा इस मुद्दे पर वह किसी से भी बहस करने को तैयार हैं। कृषि सुधार कानून किसानों की तकदीर और तस्वीर बदल देंगे। इस बात की पूरी गारंटी है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ये कानून वैकल्पिक हैं। वह किसानों से किसी भी समय वार्तालाप के लिये तैयार हैं। वे जो बतायेंगे इन कानूनों में उसी के अनुरुप सुधार करेंगे।

श्री नड्डा ने कहा कि किसान अन्नदाता हैं, उन्हें मुख्यधारा में शामिल करना हमारा काम हैं, लेकिन राजनीतिक लोग इस पर राजनीति की रोटियां सेंकते हैं। उन्होंने कहा कि यह कैसी व्यवस्था है कि एक जिले का किसान दूसरे जिले में अपना उत्पाद नहीं बेच सकता। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे पार्टी का संदेश घर घर जाकर लोगों तक पहुंचायें।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसी पार्टी जो खेल में पाला बदलते ही रुख बदल लेती है। इसमें सुधार क्या करना हैं इस बारे में उन्हें कुछ पता नहीं। पंजाब में कांग्रेस ने ही कांट्रेक्ट खेती का कानून लागू किया था।

उन्होंने ही अपने घोषणा पत्र में ऐसे कानून लागू करने का वादा किया था। अब इस कानून का वे विरोध कर रहे हैं इसका मतलब है कि ‘तुम करो तो सच, हम करें तो झूठ।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच ऐसी है कि वे कुछ भी वायदा कर देते हें और करते कुछ भी नहीं है।
श्री नड्डा ने कहा कि राजस्थान में दलितों पर अत्याचार इतने बढ़ गये हैं इस मामले में यह देश में दूसरे नम्बर पर आ गया है। बेरोजगारी बढ़ रही है, राज्य सरकार रोजगार देने के मामले में जीरो है। दुष्कर्म के मामले में राजस्थान एक नम्बर पर पहुंच गया है। राजस्थान में तेजी से अपराध बढ़ रहे हैं।

उन्होंने पार्टीजनों से कहा कि भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। हमें मंडल, बूथ और पन्ना को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि 25 दिसम्बर तक इन तीनों बिंदुओं पर पार्टी को मजबूत करना होगा। क्योंकि यही हमारी ताकत है।

उन्होंने सूरत का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार देश में सर्वाधिक अंतर से जीता जबकि वहां पार्टी का कोई बड़ा नेता प्रचार करने नहींं गया। इसकी मुख्य वजह यही है कि वहां पार्टी का संगठन मंडल से लेकर पन्ना तक मजबूत है।

इससे पहले भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डा़ सतीश पूनिया ने बैठक में सम्बोधित करते हुए कहा कि पाटी सशक्त मंडल सशक्त बूथ और सशक्त पन्ना के संकल्प के साथ पार्टी का संगठन तैयार करेंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में अपराध बेतहाशा बढ़ गये हैं। राजस्थान अपराधग्रस्त राज्य बन गया है। बेराेजगारी बढ़ गयी है। संविदाकर्मी आंदोलन कर रहे हैं क्याेंकि उन्हें नियमित करने का कांग्रेस ने वायदा किया था।

डा़ पूनिया ने कहा कि पार्टी कांग्रेस की नीतियों के विरोध में छह से 14 मार्च तक हल्ला बोल आंदोलन छेड़ेगी। धारा 144 और कोरोना के चलते पार्टी कांग्रेस के कुशासन का विरोध नहीं कर पाई अब राज्य सरकार के खिलाफ प्रचंड आंदोलन करेंगे।

बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और अन्य नेतागण मौजूद थे।

राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि,उनकी दादी इंदिरा गांधी द्वारा देश में लगाया गया आपातकाल एक गलती थी,उनकी दादी ने भी ऐसा ही कहा था attacknews.in

नयी दिल्ली, दो मार्च । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल एक “गलती” थी।

उन्होंने कहा कि उस दौरान जो भी हुआ वह “गलत” था लेकिन वर्तमान परिप्रेक्ष्य से बिलकुल अलग था क्योंकि कांग्रेस ने कभी भी देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास नहीं किया।

अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु के साथ हुई बातचीत में गांधी ने कहा कि वह कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र के पक्षधर हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी, देश को उसका संविधान दिया और समानता के लिए खड़ी हुई।

आपातकाल पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि वह एक गलती थी। बिलकुल, वह एक गलती थी। और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी ऐसा कहा था।”

आपातकाल के अंत में इंदिरा गांधी ने चुनाव की घोषणा की थी इस बाबत प्रणब मुखर्जी ने बसु से कहा था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें हारने का डर था।

इस संबंध में पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि आपातकाल में जो भी हुआ वह “गलत” था और उसमें तथा आज की परिस्थिति में मूलभूत अंतर है।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी ने भारत के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास कभी नहीं किया और कांग्रेस के पास ऐसा करने की काबिलियत भी नहीं है। हम ऐसा करना चाहें तब भी हमारी संरचना ऐसी है कि हम नहीं कर पाएंगे।”

गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुछ ऐसा कर रहा है जो अपने मौलिक रूप में भिन्न है।

उन्होंने कहा कि आरएसएस देश के संस्थानों में अपने लोगों की भर्ती कर रहा है।

उन्होंने कहा, “अगर हम भाजपा को चुनाव में हरा भी दें तब भी हम संस्थागत ढांचे में उनके लोगों से छुटकारा नहीं पा सकेंगे।”

गांधी ने कमल नाथ के साथ हुई बातचीत को याद करते हुए कहा कि नाथ ने उन्हें बताया कि मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते थे क्योंकि वे आरएसएस के लोग थे और उन्हें जैसा कहा जाता था वैसा वह नहीं करते थे।

गांधी ने कहा, “इसलिए, यह जो कुछ भी हो रहा है, बिलकुल अलग हो रहा है।”

उन्होंने आश्चर्य जताया कि यह सवाल क्यों नहीं उठता कि भाजपा, बसपा और सपा में आंतरिक लोकतंत्र क्यों नहीं है। उन्होंने कहा है कांग्रेस के बारे में ऐसे सवाल पूछे जाते हैं क्योंकि यह एक ‘वैचारिक पार्टी’ है। इसलिए हमारे लिए लोकतांत्रिक होना अधिक महत्वपूर्ण है।

असम में कांग्रेस को सता मे लाने के लिए प्रियंका वाड्रा की घोषणा:CAA निरस्त करना,5 लाख सरकारी नौकरियां देना,बागान श्रमिकों के भत्ते बढ़ाना, मुफ्त बिजली देना और प्रत्येक परिवार को हरेक माह  आर्थिक सहायता देना attacknews.in

तेजपुर, 02 मार्च । कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू किए जाने पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी असम में सत्ता में आती है तो इस कानून को निरस्त किया जाएगा।

श्रीमती गांधी ने असम यात्रा के दूसरे दिन मंगलवार को यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा,“ पिछले विधानसभा चुनावों में उन्होंने कहा था कि वे जाति, माटी और बेटी की रक्षा करेंगे और आपने उन्हें वोट दिए, लेकिन आप देखिए कि उन्होंने सत्ता में आने के बाद क्या किया। उन्होंने सीएए को पारित किया लेकिन हम सत्ता में आए तो इस कानून को निरस्त करेंगे।”

उन्होंने कहा,“ यह चुनाव विश्वास का चुनाव है और राज्य की जनता को एक पार्टी ने पांच वर्ष पहले यह कहकर धोखा दिया कि 25 लाख लोगों को रोजगार दिए जाएंगे लेकिन उन्होंने इसके बदले सीएए पारित किया। कांग्रेस पार्टी खोखले वादे नहीं कर रही है लेकिन पांच गारंटी दे रही हैं।”

श्रीमती गांधी ने तेजपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा लोगों के साथ झूठे वादे कर उन्हें लालच दे रही है और उनके वादे कभी पूरे कभी नहीं किए गए।

उन्होंने राज्य की जनता के समक्ष पांच वादे किए और यह भी कहा कि सत्ता में आने पर इन्हें पूरा किया जाएगा। इन वादों में सीएए निरस्त करना, पांच लाख सरकारी नौकरियां प्रदान करना, चाय बागानों के श्रमिकों के भत्ते बढ़ाकर 365 रुपये करना, प्रत्येक आवास को प्रतिमाह 200 यूनिट मुफ्त बिजली मुहैया कराना और दो हजार रुपए प्रति परिवार आर्थिक सहायता प्रदान करना शामिल है।

उन्होंने इन गारंटी के पीछे यह तर्क दिया है कि पार्टी ने “असमबासाओंअहोक” यात्रा के दौरान पांच महत्वपूर्ण मसलों की पहचान की थी और अब जनता के समक्ष इनका समाधान पेश किया जा रहा है।”

इस रैली के साथ उनकी दो दिवसीय यात्रा का भी समापन हो गया है। इस दौरान वह राज्य के बेरोजगार युवकों से मिली तथा चाय बागानों का दौरा किया और वहां काम करने वाले श्रमिकों से भी मुलाकात की।

अयोध्या एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने खोला खजाना; अगले साल से शुरू हो जाएगी उड़ाने attacknews.in

लखनऊ दो मार्च,। अब वह दिन दूर नहीं, जब देश दुनिया के लोग प्रभु श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या में सीधे हवाई मार्ग से आ और जा सकेंगे। अयोध्या में एयरपोर्ट निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और आशा है कि अगले साल के शुरूआत में हवाई सेवाओं की शुरूआत भी हो जाएगी। इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने खजाना खोल दिया है।

हाल ही में केंद्र सरकार ने अयोध्या एयरपोर्ट के लिए ढाई सौ करोड़ जारी किए, तो राज्य सरकार ने भी एयरपोर्ट की अतिरिक्त भूमि खरीदने के लिए तीन अरब 21 करोड़ 99 लाख 50 हजार 720 रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हवाई अड्डा अयोध्या के लिए 555.66 एकड़ अतिरिक्त भूमि खरीदने के लिए राज्य सरकार ने कुल 1001 करोड़ 77 लाख की धनराशि की स्वीकृति दी है।

इसके अलावा अगले वित्त वर्ष 2020-21 में अयोध्या एयरपोर्ट के लिए सौ करोड़ की धनराशि का अलग से प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार की ओर से भूमि खरीदने के लिए अब तक 9,47.91 करोड़ की धनराशि जारी की गई है। हवाई अड्डे के विकास के लिए अब तक एएआई को 377 एकड़ भूमि उपलब्ध भी कराई जा चुकी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या की अंतरराष्ट्रीय स्तर की एयर कनेक्टिविटी के लिए एयरपोर्ट सहित अन्य जरूरी सुविधाओं को लेकर कार्य योजना बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए थे। केंद्र सरकार ने भी चार अक्तूबर 2018 में अयोध्या हवाई पट्टी को आरसीएस स्कीम के तहत अयोध्या-हिण्डन एयररूट के लिए चयनित किया था।

उन्होने छह नवम्बर 2018 को अयोध्या स्थित हवाई पट्टी को बड़े विमानों जैसे ए320 और बी737 के लिए विकसित करने, उपयुक्त रनवे और टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण कराने की घोषणा की थी। सीएम की ओर से अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट विकसित करने के उद्देश्य से घोषणा में परिवर्तन करते हुए कोड-ई बी 777-300 प्रकार के विमानों के लिए एअरपोर्ट का विकास करने का निर्णय लिया गया।

अयोध्या स्थित राजकीय हवाई पट्टी से नागरिक वायु सेवाओं के संचालन के लिए राज्य सरकार और एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के बीच 24 फरवरी 2014 को एमओयू हुआ था। उस समय केंद्र में कांग्रेस और प्रदेश में सपा सरकार थी और हवाई पट्टी का सम्पूर्ण क्षेत्रफल 177 एकड़ और रनवे आकार (लम्बाई और चौड़ाई) 1500 मीटर गुना 45 मीटर था, लेकिन वह भी नहीं हो पाया था।

मनमोहन सिंह “नोटबंदी” के सदमे से बाहर नहीं निकल पाएं;अपने भाषण में फिर कहा:‘‘बगैर सोच-विचार के लिए गए नोटबंदी के फैसले’’ से बेरोजगारी चरम पर  और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल attacknews.in

तिरूवनंतपुरम, दो मार्च । पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने मंगलवार को केंद्र पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि 2016 में भाजपा नीत सरकार द्वारा ‘‘बगैर सोच-विचार के लिए गए नोटबंदी के फैसले’’ के चलते देश में बेरोजगारी चरम पर है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है।

उन्होंने राज्यों से नियमित रूप से परामर्श नहीं करने को लेकर भी केंद्र की (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की।

आर्थिक विषयों के ‘थिंक टैंक’ राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज द्वारा डिजिटल माध्यम से आयोजित एक विकास सम्मेलन का उदघाटन करते हुए सिंह ने कहा कि बढ़ते वित्तीय संकट को छिपाने के लिए भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा किये गए अस्थायी उपाय के चलते आसन्न कर्ज संकट से छोटे और मंझोले (उद्योग) क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं और इस स्थिति की हम अनदेखी नहीं कर सकते हैं।

उन्होंने ‘प्रतीक्षा 2030’ में कहा, ‘‘ बेरोजगारी चरम पर है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है। यह संकट 2016 में बगैर सोच-विचार के लिए गये नोटबंदी के फैसले के चलते पैदा हुआ है।’’

सम्मेलन का आयोजन एक दृष्टि पत्र पेश करने के लिए किया गया, जो केरल में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के विकास पर विचारों का एक प्रारूप है।

सिंह ने कहा कि केरल और कई अन्य राज्यों में लोक वित्त अव्यवस्थित है, जिसके चलते राज्यों को अत्यधिक मात्रा में कर्ज लेना पड़ा है और इससे भविष्य के बजट पर असहनीय बोझ बढ़ गया है।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘संघवाद और राज्यों के साथ नियमित परामर्श भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीतिक दर्शन का आधार स्तंभ है, जो संविधान में निहित है, लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार ने इससे मुंह मोड़ लिया है।’’

सिंह ने कहा कि हालांकि केरल के सामाजिक मानदंड उच्च हैं, लेकिन ऐसे अन्य क्षेत्र भी हैं जिन पर भविष्य में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘आगे कई अड़चनें हैं, जिन्हें राज्य को पार करना होगा। पिछले दो-तीन साल में वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती (कोविड-19) महामारी के चलते और बढ़ गई है, जिसका केरल पर भी प्रभाव पड़ा है। ’’

सिंह ने कहा, ‘‘डिजिटल माध्यमों के उपयोग बढ़ने से आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) क्षेत्र अपनी रफ्तार कायम रख सकता है, लेकिन पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और केरल में महामारी ने इस क्षेत्र(पर्यटन) को काफी प्रभावित किया है।’’

उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर जोर देने से केरल को देश में कहीं भी और विश्व के सभी हिस्सों में रोजगार के अवसरों का लाभ मिलेगा।

सिंह ने कहा कि इससे देश में विदेशी मुद्रा (प्रवासियों द्वारा भेजी जाने वाली) के प्रवाह में वृद्धि हुई है, जिसके चलते रियल स्टेट क्षेत्र में उछाल आया और सेवा क्षेत्र में तीव्र वृद्धि हुई।

पूर्व प्रधानमंत्री ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र में ‘न्याय’ जैसे विचार को शामिल करने को लेकर केरल की कांग्रेस नीत यूडीएफ के फैसले की सराहना की।

उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में यह योजना पेश की गई थी, जिसका उद्देश्य गरीबों को प्रत्यक्ष नकद अंतरण (सीधे उनके बैंक खाते में पैसे) उपलब्ध कराना है।

उन्होंने कहा कि कहीं अधिक चिकित्सा संस्थानों के जरिए नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं जैसे उपाय सामाजिक क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगे, जिससे समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त होगा और इसमें वंचित तबकों की जरूरतों पर ध्यान दिया जा सकेगा।

सिंह ने कहा, ‘‘यह कांग्रेस की विचारधारा का सार तत्व है और यह खुशी की बात है कि यूडीएफ के सभी दलों के इस पर समान विचार हैं।’’

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों की मदद करने के लिए इस तरह की योजनाएं अर्थव्यवस्था को भी एक झटके में चालू कर देगीं क्योंकि इनसे मांग पैदा होगी, जिससे अधिक उत्पादन होगा, खासतौर पर छोटे एवं सूक्ष्म उद्योग क्षेत्र में, कृषि क्षेत्र में और असंगठित क्षेत्र में…इसके परिणामस्वरूप रोजगार के अधिक अवसर सृजित होंगे और राष्ट्रीय स्तर पर लंबी आर्थिक सुस्ती के बाद अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौटने लगेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘निराशा की भावना के बीच, मैं योजनाबद्ध विकास के प्रति यूडीएफ के सही दिशा में आगे बढ़ने और आम आदमी के लिए इसे उम्मीद की किरण के रूप में स्पष्ट रूप से देख रहा हूं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 1991 में वित्त मंत्री के तौर पर राष्ट्रीय बजट पेश करते हुए विक्टर हुगो को उद्धृत करते हुए कहा था कि ‘एक विचार से ज्यादा ताकतवर कोई चीज नहीं है…’ मुझे यह अभास हो रहा है कि यूडीएफ ने जो आगे की स्पष्ट राह दिखाई है, वह केरल को सही दिशा में ले जाएगी।’’

बजट में कोई नया कर नहीं;आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के 4 स्तंभ भौतिक अधोसंरचना,शिक्षा एवं स्वास्थ्य,अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार,सुशासन के तहत 9 नए मिशन निर्माण, मिशन ग्रामोदय ,मिशन नगरोदय, मिशन निरामय,मिशन बोधि,मिशन अर्थ, मिशन दक्ष, मिशन स्वावलंबन मिशन जन-गण शुरू किए जाएंगे attacknews.in

गति पथ पर ले जाना वाला बजट

प्रमुख बिंदु:

आम जनता का बजट,आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के महत्वपूर्ण लक्ष्य को लेकर तैयार किया गया विशेष बजट

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए मिशन मोड में कार्य होगा जिसके लिए चारों क्षेत्रों सुशासन, भौतिक अधोसंरचना, शिक्षा एवं स्वास्थ्य, अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार के लिए 9 नए मिशन संचालित होंगे

बजट में नौ मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने का प्रावधान है

बजट में गत वर्ष की तुलना में पूंजीगत व्यय में 42 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि

नौ नए मिशन देंगे मध्यप्रदेश के विकास को गति

सर्वे भवन्तु सुखिनः के भाव को चरितार्थ करता मध्यप्रदेश का बजट

आत्म निर्भर मध्यप्रदेश पर आधारित है बजट

पूंजीगत व्यय में बीते वर्ष की तुलना में 42 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि

नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के लिए किए गए अनेक प्रावधान

भोपाल 2 मार्च ।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश का आज विधानसभा में प्रस्तुत बजट प्रदेश को प्रगति पथ पर ले जाएगा। मध्यप्रदेश तेज गति से आत्म-निर्भरता के मार्ग की तरफ बढ़ेगा। गत वर्ष की तुलना में नए वित्त वर्ष में पूँजीगत व्यय में 42 प्रतिशत की वृद्धि, आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए नौ नए मिशन और नागरिकों के जीवन को आसान बनाने वाले बुनियादी क्षेत्रों में आवश्यक सुविधाओं के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान इस बजट की विशेषता है। यह बजट ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामया’ के ध्येय वाक्य को क्रियान्वित करने का माध्यम है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज पेश हुए मध्यप्रदेश के बजट को जन-आकांक्षाओं और अपेक्षाओं का प्रतीक मान सकते हैं। यह बजट सरकार के विजन और मिशन का प्रतिबिम्ब है। इससे कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों के बाद क्षतिग्रस्त हुई अर्थ-व्यवस्था को पुन: खड़ा कर आम लोगों का हित संवर्धन सुनिश्चित होगा।

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनाने का बजट

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिये आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का संकल्प सितम्बर 2020 में लिया गया था। मध्यप्रदेश में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप का निर्माण किया गया। जनता के सुझाव प्राप्त किए गए। अधोसंरचना, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार को आधार बनाया गया। इन प्राथमिकताओं के अनुसार दीर्घ अवधि की दृष्टि से बजट का निर्माण किया गया है।

मिशन मोड में कार्य करेंगे 9 नए मिशन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के चार प्रमुख स्तंभ हैं। इसके अंतर्गत 9 नए मिशन संचालित होंगे। भौतिक अधोसंरचना के तहत मिशन निर्माण, मिशन ग्रामोदय और मिशन नगरोदय प्रारंभ होंगे। शिक्षा एवं स्वास्थ्य के अंतर्गत मिशन निरामय और मिशन बोधि प्रारंभ होंगे। अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार के तहत मिशन अर्थ, मिशन दक्ष और मिशन स्वावलंबन शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के एक महत्वपूर्ण स्तंभ सुशासन के तहत भी एक मिशन शुरू होगा, जिसका नाम मिशन जन-गण होगा। सरकार दिन-रात मिशन मोड में कार्य कर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लक्ष्यों को प्राप्त करेगी।

अधोसंरचना विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के लिए बजट प्रावधान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अधोसंरचना विकास के लिए सिंचाई क्षेत्र के लिए 44 हजार 152 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। शिक्षा और उससे जुड़े क्षेत्रों पर 40 हजार 958 करोड़ रूपये की राशि खर्च होगी। कृषि से संबंधित प्रावधान 35 हजार 353 करोड़ रूपये, स्वास्थ्य एवं संबंधित क्षेत्रों के लिए 15 हजार 622 करोड़ रूपये, गरीब कल्याण के लिए 11 हजार 950 करोड़ रूपये, बच्चों, विद्यार्थियों और युवाओं के लिए 11 हजार 136 करोड़ रूपये और महिलाओं के लिये 10 हजार 674 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है।

बजट की बड़ी विशेषताएँ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के बजट में गत वर्ष से 22 प्रतिशत अधिक राशि है। वर्ष 2021-22 में मध्यप्रदेश का जीएसडीपी 10 लाख करोड़ रूपये के पार पहुँच सकता है, जो एक कीर्तिमान होगा। राजकोषीय घाटा, राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत है। इसे अगले तीन वर्ष में और घटाकर 3 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है। राजस्व घाटा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 0.73 प्रतिशत है। इसे भी अगले 3 वर्ष में घाटे से आधिक्य में बदलने का लक्ष्य है। गत 11 माह में सरकार द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदमों के कारण भारत सरकार से 19 हजार 353 करोड़ रूपये के अतिरिक्त वित्तीय संसाधन प्राप्त हो रहे हैं। बजट में किसी प्रकार के नए कर प्रस्तावित नहीं है और न ही किसी भी कर की दर को बढ़ाया गया है।

बहनों और बेटियों के लिए सौगात है बजट

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह बजट बहनों और बेटियों के लिए सौगात लेकर आया है। हर ग्राम पंचायत में एक राशन की दुकान खुलेगी और एक तिहाई दुकानें महिलाएँ संचालित करेंगी। हर जिले में महिला पुलिस थाना प्रारंभ होगा। बजट में लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत 900 करोड़ रूपये से अधिक के प्रावधान सहित महिलाओं के लिए कुल 10 हजार करोड़ से अधिक की राशि का प्रावधान राज्य सरकार के महिला कल्याण के लक्ष्य का परिचायक है।

गरीब कल्याण और जन-कल्याण पर फोकस

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गरीबों के कल्याण और आमजन के कल्याण के लिए बजट में समुचित प्रावधान हैं। संबल के अंतर्गत हितग्राही लाभान्वित होंगे। संबल में 600 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में 3,200 करोड़ रूपये, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 602 करोड़ रूपये, सीएम राइज स्कूल के लिए 1,500 करोड़ रूपये, अन्नपूर्णा योजना में 400 करोड़ रूपये, जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर तक नल से जल पहुँचाने के कार्यों के लिए 5,762 करोड़ रूपये, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 3,035 करोड़ रूपये, लाड़ली लक्ष्मी योजना में 922 करोड़ रूपये, अटल कृषि ज्योति योजना में 4,592 करोड़ रूपये, नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 300 करोड़ रूपये, उच्च शिक्षा में सुधार के लिए 400 करोड़ रूपये, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 2,500 करोड़ रूपये, सड़क, पुल निर्माण के लिए 5,739 करोड़ रूपये, व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण के लिए 397 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। महिला स्व-सहायता समूहों की सहायता और युवाओं को रोजगार के लिए संचालित कार्यक्रमों के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। संभाग स्तर पर मॉडल आई.टी.आई. और ग्लोबल पार्क के लिए भी धनराशि का प्रावधान है।

किसान-कल्याण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि अर्थ-व्यवस्था का आधार है। कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान के लिए 1000 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। नई मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना प्रारंभ होगी। इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 2,220 करोड़ रूपये की राशि बजट में रखी गई है।

शहरों को मिलेगा नया स्वरूप

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बजट में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहरों के विकास और सौन्दर्यीकरण पर 900 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जाएगी। मेट्रो रेल सुविधा बढ़ाने के लिए 262 करोड़ रूपये की राशि खर्च होगी। आपदा प्रबंधन और राहत के लिए 1680 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है।

प्रत्येक कार्यकाल में बुनियादी क्षेत्रों को रखा केन्द्र में

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने बुनियादी क्षेत्रों के विकास को सदैव केन्द्र में रखा है। जहाँ उन्होंने प्रथम कार्यकाल में सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी, वहीं द्वितीय कार्यकाल में सिंचाई क्षेत्र के विस्तार का कार्य प्रमुखता से किया गया। इसके पश्चात तृतीय कार्यकाल में विद्युत उत्पादन बढ़ाने और सुचारू बिजली प्रदाय पर ध्यान दिया गया। इस कार्यकाल में उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल की सुविधाएँ तेजी से बढ़ाने का निश्चय किया है। इसके क्रियान्वयन की शुरूआत हो चुकी है। यह बजट आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की लक्ष्य प्राप्ति में सहयोगी होगा।

अन्य प्रमुख विशेषताएँ

ओंकारेश्वर में विश्व के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट और 6 जिलों में नये सोलर पार्क के लिए बजट।

65 लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए बजट।

पुलिस में चार हजार और शिक्षकों के लिए 24 हजार पदों पर भर्ती का निर्णय।

पाँच विकासखंडों में कक्षा 9 से 12वीं के विद्यार्थियों को स्कूल के लिए परिवहन व्यवस्था का पायलट प्रोजेक्ट।

चंबल प्रोग्रेस-वे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए बजट।

प्रधामनंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 6 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों के निर्माण का लक्ष्य।

शहरी क्षेत्रों के लिए भी जल-जीवन मिशन।

13 जिलों में 86 स्थानों पर वन धन केन्द्र का विकास।

3 विमुक्त विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, सहरिया और भारिया की 38 आश्रम शालाओं में पायलट बेसिस पर प्री-प्रायमरी कक्षाओं का संचालन।

मुख्यमंत्री स्व-रोजगार ब्याज परिदान योजना प्रारंभ होगी।

इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए ‘स्टार्ट योर बिजनेस इन थर्टी डेज’ पर तेजी से अमल प्रारंभ होगा।

50 बिस्तर का पुलिस चिकित्सालय बनेगा।

पन्ना में डायमंड म्यूजियम बनेगा।

छतरपुर जिले में जटाशंकर पर रोप-वे का निर्माण होगा।

भोपाल गैस पीड़ितों के लिए केन्द्रीय पेंशन योजना समाप्त हो जाने के फलस्वरूप मध्यप्रदेश सरकार अपने बजट से पेंशन की व्यवस्था करेगी।

प्रदेश में 9 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए मंजूरी।

संबल योजना पुन: प्रारंभ की गई है।

छोटे और सीमांत किसानों को वर्ष में 10 हजार रूपए की राशि मिलेगी। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के साथ ही मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना का लाभ भी प्राप्त होगा।

बजट – किस क्षेत्र में कितनी राशि

क्रं.              क्षेत्र                 बजट का हिस्सा (प्रतिशत)

1.अधोसंरचना विकास             20.35

2.        शिक्षा                          18.87

3.    कृषि एवं सम्बद्ध  क्षेत्र         16.29

4.   स्वास्थ्य एवं सम्बद्ध क्षेत्र         7.20

5.     गरीब कल्याण                    5.51

6.       महिला                            4.92

बजट में कोई नया कर नहीं : मुख्यमंत्री श्री चौहान
डिजीटल रूप में प्रस्तुत हुआ बजट:

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वर्ष 2021-22 के प्रदेश के बजट में किसी प्रकार के नये कर प्रस्तावित नहीं है और न ही किसी भी कर की दर को बढ़ाया गया है। पहली बार डिजिटल स्वरूप में प्रस्तुत हुए बजट के माध्यम से प्रयास यह है कि हम निरंतर सकारात्मक रहते हुए अपना श्रेष्ठ देते रहे। इसी क्रम में राज्यकोषीय घाटा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत है, इसे अगले तीन वर्ष में घटाकर 3 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है।

मददगार रहा केन्द्रीय बजट का पहले आना

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केन्द्र सरकार का बजट पहले प्रस्तुत होने की परम्परा बनी है। इससे राज्य को अपना बजट अधिक व्यवहारिक रूप से बनाने में मदद मिली।

15वें वित्त आयोग ने बढ़ायी प्रदेश की हिस्सेदारी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 14वें वित्त आयोग में राज्यों में बँटने वाले केन्द्रीय करों में मध्यप्रदेश के लिए तय की गई 7.548 प्रतिशत की हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश द्वारा ज्ञापन सौंपा गया था। 15 वें वित्त आयोग द्वारा वर्ष 2020-21 से 2025-26 की अवधि के लिए प्रदेश की हिस्सेदारी बढ़ा कर 7.85 प्रतिशत निर्धारित की गई है। इस बढ़ोत्तरी से वर्ष 2021-22 में प्रदेश को केन्द्रीय करों से लगभग 2 हजार करोड़ अतिरिक्त राशि प्राप्त होना अनुमानित है। पिछले साल की तुलना में नये वित्तीय वर्ष में पूंजीगत व्यय में 42 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि हुई है। बजट में सभी जन-हितैषी और विकासोन्मुखी योजनाओं की निरंतरता के लिए आवश्यक प्रावधान रखे गये हैं।

2021-22 का बजट जनता का बजट है : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मिशन मोड में शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना और रोजगार के लिए होगा कार्य:

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वर्ष 2021-22 का प्रदेश का बजट जनता का बजट है। यह केवल आँकड़ों का दस्तावेज नहीं अपितु प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं और जनता का प्रतीक है। यह जनता और सरकार के विजन और मिशन का प्रतिबिम्ब है। आत्म-निर्भर भारत के निर्माण के यज्ञ के मध्य लाये गये इस बजट को आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए जनता के सुझाव प्राप्त कर तैयार किया गया है। यह जनता का जनता के द्वारा जनता के लिए निर्मित बजट है, जिसमें आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की तड़प साफ दिखाई देती है।

मिशन एप्रोच से होगी आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य की प्राप्ति

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्यों को प्राप्त करेंगी। इसके लिए सुशासन, भौतिक अधोसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, अर्थ-व्यवस्था और रोजगार के क्षेत्रों में मिशन एप्रोच अपनाकर गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाएगा।

मिशन को एक्शन में बदलेंगे

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक मिशन को एक्शन में बदलने वाले कार्यक्रम लागू होंगे।

मिशन जनगण – बार-बार जमा नहीं कराने होंगे दस्तावेज

आम आदमी को नागरिक सुविधाएँ संवेदनशीलता, पारदर्शिता और सहजता से समय-सीमा में प्राप्त हो यही सुशासन है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए मिशन जनगण का संचालन होगा। लोक सेवा गारंटी कानून में संशोधन कर मान्य अनुमोदन (डीम्ड एप्रूवल) का प्रावधान किया गया है। अब चयनित सेवाएँ प्राप्त करने संबंधी आवेदन यदि तय समय-सीमा में निराकृत न हो तो नागरिकों को पोर्टल से स्वत: ऐसी सेवा या प्रमाण-पत्र प्राप्त हो जाएंगे। इसी क्रम में एकत्व कार्यक्रम के अंतर्गत एकल नागरिक डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इससे शासकीय सेवाओं के लिए नागरिकों को बार-बार दस्तावेज जमा कराने की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही परिचय कार्यक्रम के अंतर्गत समस्त नागरिक सेवाओं को एकीकृत कर एक ही पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा।

प्रदेश में भौतिक अधोसंरचना के लिए मिशन निर्माण, मिशन ग्रामोदय और मिशन नगरोदय संचालित किये जाएगे।

मिशन निर्माण में बनेंगे महापथ

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए अधोसंरचना का तेज गति से विकास आवश्यक है। इससे रोजगार के नये अवसर निर्मित होंगे और संतुलित क्षेत्रीय विकास संभव होगा। इस वित्तीय वर्ष के बजट में 2 हजार 441 किलोमीटर के नवीन सड़क कार्य तथा 65 नवीन पुल सम्मिलित है, साथ ही अधिक यातायात वाले सभी रेलवे फाटकों पर रेलवे ओवर ब्रिज बनाने का लक्ष्य हैं। चंबल अंचल के विकास को गति देने के लिए अटल प्रोग्रेस-वे बनाये जाने की कार्रवाई शुरू की जा चुकी है। प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों को जोड़ने वाले नर्मदा एक्सप्रेस-वे के निर्माण का परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है। इन महापथों के निर्माण से रोजगार और व्यवसाय के बेहतर अवसर स्थानीय रूप से मिलेंगे। लोक निर्माण के बजट में 475 करोड़ रूपये का इजाफा किया गया है।

मिशन ग्रामोदय

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की लगभग 72 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च स्तर की अधोसंरचना उपलब्ध कराना तथा रोजगार के अवसर उत्पन्न कर ग्रामीण आमदनी को बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत सामान्य क्षेत्र के 500 और आदिवासी क्षेत्र के 250 से अधिक आबादी की जो बसाहटें सड़क मार्ग से नहीं जुड़ी, उन्हें बारहमासी डामरीकृत सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य है। आवास निर्माण, रोजगार सृजन और प्रशिक्षण के लिए भी महत्वाकाँक्षी योजनाएँ हैं।

मिशन नगरोदय

भोपाल और इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना को गति देने के लिए 262 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। हाउसिंग फॉर ऑल योजना के लिए 1 हजार 500 करोड़ रूपये, सीवरेज और जलप्रदाय कार्यों के लिए एक हजार करोड़ और स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत चयनित शहरों के विकास के लिए 900 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।

मिशन बोधि- 24 हजार से अधिक शिक्षकों की होगी भर्ती

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि शासकीय शालाओं में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सी.एम. राइज स्कूल संचालित किये जाएंगे। इन स्कूलों में प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, कम्प्यूटर लैब और विद्यार्थियों के आवागमन के लिए बस सुविधा होगी। प्रदेश में 9 हजार 200 विद्यालय विकसित करने का लक्ष्य है। प्रथम चरण में 350 विद्यालयों का विकास किया जा रहा है, जिसके लिए वर्ष 2021-22 में एक हजार 500 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2021-22 में लगभग 24 हजार 200 पदों पर शिक्षकों की नवीन भर्ती की जाएगी।

मिशन निरामय

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं और प्रबंधन की गुणवत्ता में निरंतर सुधार के लिए मिशन निरामय लागू किया जाएगा। स्वास्थ्य एवं सम्बद्ध क्षेत्र के लिए वर्ष 2021-22 में 15 हजार 622 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। योग्य और विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एम.बी.बी.एस. सीटों को 2,035 से बढ़ाकर 3,250 किया जाएगा। शीघ्र ही 23 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय कार्यशील होंगे। प्रदेश के उप स्वास्थ्य केन्द्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में विशेषज्ञ परामर्श के लिए टेली मेडिसिन सेवाएँ उपलब्ध करायी जा रही है।

मिशन अर्थ

प्रदेश के विकास में हर नागरिक भागीदार बने, रोजगार के नये अवसर सृजित हो और अर्थ-व्यवस्था तेजी से आगे बढ़े इसके लिए मिशन अर्थ के अंतर्गत कृषि, सहकारिता, उद्यानिकी, खाद्य-प्रसंस्करण, पशुपालन, मत्स्य- विकास, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, पर्यटन तथा विमानन से जुड़ी गतिविधियों का सभंवित रूप से संचालन किया जाएगा। कृषि और संबंधित क्षेत्रों के कार्यों के लिए वर्ष 2021-22 में 35 हजार 353 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन राशि एक हजार 437 करोड़ रूपये की गई है।

मिशन दक्ष

स्थानीय अर्थ-व्यवस्था को संबंल देने और रोजगार के अतिरिक्त अवसर निर्मित करने के लिए तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में अंधोसरचनात्मक सुधार किया जाएगा। ग्लोबल स्किल पार्क, आईटीआई, पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों का उन्नयन प्रस्तावित है।

मध्यप्रदेश में 2021 22 के लिए 2 लाख 41 हजार करोड़ रुपयों के प्रावधान वाले बजट में “आत्मनिर्भरता” को बनाया गया प्रमुख आधार attacknews.in

भोपाल, 02 मार्च । मध्यप्रदेश विधानसभा में आज वित्त वर्ष 2021 22 के लिए पेश किए गए वार्षिक बजट से संबंधित प्रमुख आकड़े और विभिन्न विभागों के बजट प्रावधान संबंधी इस प्रकार हैं।

-वर्ष 2021-22 में वर्ष 2020-21 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में राज्य के स्वयं के कर राजस्व में 22 प्रतिशत की वृद्धि

-मैग्निफिसेंट एमपी इन्वेस्टमेंट आकर्षण योजना हेतु 1237 करोड़। जिला /सिविल अस्पताल एवं औषधालय हेतु 1208 करोड़। चिकित्सा महाविद्यालय तथा संबद्ध चिकित्सालय हेतु 1172 करोड़। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन हेतु 1144 करोड़। मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम हेतु 1001 करोड़।

  • अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एण्ड अर्बन ट्रान्सफॉरमेंशन हेतु 1000 करोड़। सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान हेतु 1000 करोड़। लाड़ली लक्ष्मी योजना हेतु 922 करोड़। स्मार्ट सिटी हेतु 900 करोड़। ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना हेतु 878 करोड़। 11वीं, 12वीं एवं महाविद्यालय छात्रवृत्ति हेतु 872 करोड़।

कोरोना संकट के बावजूद सभी वर्गों का ध्यान रखा गया बजट में – देवड़ा

मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने आज कहा कि कोरोना जैसे अभूतपूर्व संकट के बावजूद राज्य सरकार के बजट में सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखकर नए कराधान का प्रावधान नहीं किया गया है।

श्री देवड़ा ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2021 22 के लिए दो लाख 41 हजार करोड़ रुपयों के प्रावधान वाले वार्षिक बजट को पेश करने के बाद विधानसभा भवन के सभागार में संवाददाताओं से चर्चा में यह बात कही। इस दौरान वित्त विभाग की ओर से पेश किए गए प्रस्तुतिकरण के जरिए बजट प्रावधानों के बारे में भी बताया गया।

श्री देवड़ा ने कहा कि कोरोना जैसे अभूतपूर्व संकट से सिर्फ हमारा राज्य ही नहीं, पूरा देश प्रभावित हुआ है और इस वजह से राजस्व प्राप्तियां तथा आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुयी हैं। इसके बावजूद आत्मनिर्भर भारत और इसी से प्रेरित आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से बजट में प्रावधान किए गए हैं। इसमें जहां सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा गया है, वहीं आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए ढांचागत सुविधाओं के विकास तथा शिक्षा, स्वास्थ्य और सुशासन पर ध्यान देते हुए उनके लिए बजट प्रावधान किए गए हैं।

बजट में 50 प्रतिशत से अधिक धनराशि तनख्वाह, पेंशन और इसी तरह के खर्च पर होने संबंधी सवालों के जवाब में वित्त मंत्री के साथ मौजूद वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह बात सच है, लेकिन जब हम शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यय करते हैं तो चिकित्सकों, नर्सों और अन्य कर्मचारियों के साथ ही शिक्षकों आदि की तनख्वाह पर भी व्यय करना पड़ेंगे। यह हमारे राज्य में ही नहीं, देश और विदेशों में भी होता है। इसलिए इस व्यय को व्यर्थ नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि विकासात्मक कार्यों में तनख्वाह प्रमुख खर्च है।

वित्त मंत्री की ओर से इस सवाल का जवाब तत्काल नहीं मिल पाया कि मध्यप्रदेश सरकार को पिछले एक दो वर्षों के दौरान केंद्र सरकार से कितनी धनराशि प्राप्त होना थी और कितनी राशि प्राप्त हुयी। अलबत्ता उनके साथ मौजूद अधिकारी ने यह बताया कि कोरोना संकट के कारण उपजी स्थितियों के चलते हाल ही में ‘जीएसटी कौंसिल’ की बैठक में तय किया गया था कि राज्य सरकार वित्तीय संस्थाओं से स्वयं ऋण राशि लें और उन्हें चुकाने की व्यवस्था करें।

वार्षिक बजट में ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ पर सबसे अधिक जोर

विधानसभा में पेश किए गए वार्षिक बजट में ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ पर सबसे अधिक जोर दिया गया है।

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने अपने बजट भाषण की शुरूआत में कहा कि अर्जुन के लक्ष्य ‘चिड़िया की आंख’ की तरह राज्य सरकार का लक्ष्य ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ है और इसी के अनुरूप बजट प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत ढांचागत सुविधाओं के विकास और विस्तार पर सबसे अधिक जोर दिया गया है।

श्री देवड़ा ने ‘पेपरलेस बजट’ की अवधारणा के तहत बजट भाषण पढ़ा। कोरोना संकटकाल से उभरने के प्रयास भी बजट प्रावधान में दिखायी दिए। बजट का आकार दो लाख करोड़ रुपयों के पार है।

मध्यप्रदेश के बजट में दो लाख इकतालीस हजार करोड़ रुपयों से अधिक का प्रावधान

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने आज विधानसभा में वित्त वर्ष 2021 22 के लिए 2,41,375 करोड़ रुपयों के प्रावधान वाला बजट पेश किया, जिसमें मुख्य रूप से ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ की कल्पना को साकार करने के उद्देश्य से ढांचागत सुविधाओं के विकास और विस्तार के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य और सुशासन पर विशेष जोर दिया गया है।

श्री देवड़ा के एक घंटे से अधिक समय तक चले बजट भाषण में कोरोना के अभूतपूर्व संकट के कारण राजस्व प्राप्तियां कम होने और केंद्र सरकार से भी राज्य का पर्याप्त हिस्सा नहीं मिलने की झलक दिखायी दी। इसके बावजूद बजट में नए करों का प्रावधान या मौजूदा करों की दर बढ़ाने का प्रावधान नहीं किया गया है।

बजट पर सामान्य चर्चा 04 और 05 मार्च को

विधानसभा में आज पेश किए गए वित्त वर्ष 2021 22 के वार्षिक बजट पर सामान्य चर्चा 04 और 05 मार्च को होगी।

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा की ओर से बजट पेश किए जाने के बाद यह घोषणा की।

अध्यक्ष ने यह भी कहा कि सहमति के आधार पर वे सदन की कार्यवाही 04 मार्च की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर रहे हैं। इसका आशय यह हुआ कि अब 03 मार्च को सदन की बैठक नहीं होगी।

इसके पहले वित्त मंत्री श्री देवड़ा ने अपना बजट भाषण लगभग 75 मिनट में पूरा पढ़ा। कोरोना जैसे अभूतपूर्व संकटकाल के बीच पेश किए गए बजट में महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बार कोई नए कर का प्रस्ताव नहीं किया गया है। न ही किसी प्रकार के कर की दर बढ़ाने का प्रावधान किया गया है।

हाथरस फिर सुर्खियों में:बेटी अपने आंखों के सामने देखती रही गुण्डों के हाथों बाप की हत्या इस बात के लिए कि, “तेरी बेटी के साथ छेड़छाड़ का मामला वापस लें” attacknews.in

हाथरस, 02 मार्च ।उत्तर प्रदेश में हाथरस जिले के सासनी क्षेत्र में बेटी से छेड़छाड़ की शिकायत वापिस ना लेने पर उसके पिता की गोली मारकर हत्या करने के मामले में पुलिस ने आज एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जबकि मुख्य आरोपी समेत अन्य की तलाश की जा रही है।

पुलिस अधीक्षक विनित जायसवाल ने मंगलवार को आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया है कि सासनी इलाके के नौजरपुर गांव में सोमवार शाम करीब साढ़े तीन बजे करीब 50 वर्षीय अमरीश अपने खेत में आलू की खुदाई करवा रहा था। उसी दौरान चार हमलावरों ने उनपर ताबड़तोड फायरिंग कर दी। गंभीर हालत में अस्पताल ले जाते समय अमरीश ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था। उन्होंने बताया कि घटना के बाद अमरीश की पुत्री ने बताया कि उसके साथ छेड़छाड़ की गई थी मुख्य आरोपी गौरव शर्मा जेल में रहा था।

हाथरस जिले के सासनीगेट क्षेत्र में बेटी से छेड़छाड़ की शिकायत वापिस ना लेने पर आरोपियों ने खेत में काम कर रहे उसके पिता की गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गये।

इलाके की पुलिस उपाधीक्षक रूचि गुप्ता ने बताया है कि सासनी इलाके के नौजरपुर गांव में सोमवार शाम करीब साढ़े तीन बजे करीब 50 वर्षीय अमरीश अपने खेत में आलू की खुदाई करवा रहा था। उसी दौरान चार हमलावरों ने उनपर ताबड़तोड फायरिंग कर दी। गंभीर हालत में अस्पताल ले जाते समय अमरीश ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

उन्होंने बताया कि घटना के बाद अमरीश की पुत्री ने बताया कि उसके साथ की छेड़छाड़ की गई थी और उसकी शिकायत पिता ने थाने में कर दी थी।

लड़की के पिता अंबरीश शर्मा (50) ने आरोपी गौरव के खिलाफ 2008 में अपनी बेटी के साथ छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था और वह जेल भी गया था, लेकिन एक महीने बाद ही वह जमानत पर रिहा हो गया था।

अंबरीश की बेटी ने प्राथमिकी में आरोप लगाया कि वह अपने पिता अंबरीश के साथ आलू के खेत में थी, जब गौरव अपने एक साथी के साथ सफेद कार में आया और अंबरीश को उसके खिलाफ मामला वापस लेने को कहने लगा।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ इससे पहले कि मेरे पिता कुछ कह पाते, उसने उन पर गोलियां चला दीं। हम उन्हें लेकर अस्पताल गये, जहां उनकी मौत हो गई।’’

वहीं, हाथरस के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने कहा, ‘‘ यह घटना सोमवार दोपहर हाथरस के नोजरपुर गांव के सासनी क्षेत्र में हुई, जब अंबरीश शर्मा (50) की बेटियां मंदिर गई थीं। आरोपी गौरव शर्मा की पत्नी और एक रिश्तेदार भी वहां मौजूद थीं। इन महिलाओं के बीच बहस हो गयी और तभी आरोपी गौरव तथा लड़कियों के पिता अंबरीश भी वहां पहुंच गए।’’

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गौरव और अंबरीश के बीच भी बहस हो गयी, जिसके बाद गौरव ने अपने कुछ रिश्तेदारों को बुला लिया और फिर अंबरीश को गोली मार दी।

उन्होंने बताया कि अंबरीश की बेटी की शिकायत के आधार पर भादंवि की धारा 302 (हत्या) तथा संबंधित धाराओं के तहत गौरव शर्मा, ललित शर्मा, रहितेश शर्मा, निखिल शर्मा और दो अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इनमें से ललित को गिरफ्तार कर लिया गया है।

घटना का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं और आरोपियों के खिलाफ रासुका लगाने का भी निर्देश दिया है।

पश्चिम बंगाल में योगी आदित्यनाथ की गर्जना:दो मई के बाद टीएमसी के गुंडों की खैर नहीं,घुसपैठियों के मददगार जान की भीख मांगेंगे,24 घंटे में गौ हत्या बंद होगी attacknews.in

लखनऊ / मालदा 02 मार्च । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फायर ब्रांड प्रचारक की भूमिका में उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने मंगलवार को कहा कि घुसपैठियों के मददगार तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के गुंडे दो मई के बाद जान की भीख मागेंगे।

मालदा में भाजपा की पहली बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुये श्री योगी ने कहा कि दो मई के बाद बंगाल में टीएमसी के गुंडे जान की भीख मांगेंगे। भाजपा सरकार बनने के 24 घंटे के भीतर बंगाल में गौ हत्‍या बंद होगी।

उन्होने आरोप लगाया कि बंगाल में दुर्गा पूजा पर रोक लगाई जाती है। यहां की सरकार ने जय श्री राम के नारे पर अघोषित प्रतिबंध लगा रखा है।

यूपी के सीएम ने कहा “ यहां जय श्रीराम के नारे लगाने पर लाठियां चलती हैं । ऐसी एक सरकार उत्तर प्रदेश में भी थी, उस सरकार का हश्र आपने देखा है। जो भी रामद्रोही है एक बात याद रखना भारत की जनता राम के बगैर कोइ काम नही करती है।”

उन्होने कहा कि इंसेफ्लाइटिस से होने वाली मौतों को बंगाल सरकार छिपाती है। आज इंसेफ्लाइटिस उत्तर प्रदेश से समाप्त हो चुका है। तीन वर्ष में उत्तर प्रदेश में 40 लाख पीएम आवास मिले हैं। वह अभी बागडोगरा से मालदा तक देखते आ रहे है मगर कोई पक्का मकान नही मिला। टीएमसी को डर है अगर वो केंद्र की योजनाओं का लाभ दे देगी तो वोट बैंक की राजनीति नही कर पाएगी। किसानों को लाभ मिलने वाली योजना ममता दीदी ने लागू नही होने दिया। टीएमसी के गुंडे यहां के खाद्यान्न पर डाका डालते हैं। यहां की सरकार न तो गौ तस्‍करी रोक रही है और न लव जिहाद।

श्री आदित्यनाथ ने ‘लव जिहाद’ के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने उत्तर प्रदेश में ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून बनाया है। उन्होंने चेतावनी दी कि राज्य सरकार गौ तस्करी और लव जिहाद को रोकने में असमर्थ है तथा आने वाले समय में ऐसी खतरनाक गतिविधियों के परिणाम दिखाई देंगे।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में दो मई को राष्ट्रवाद का दीपोत्सव मनाया जायेगा , जब सभी 294 सीटों के परिणाम आयेंगे।

केंद्रीय कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पिछड़ रहा बंगाल: योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर कथित तुष्टिकरण की नीति को बढ़ावा दिये जाने का आरोप लगाया और कहा कि प्रदेश गरीबों और किसानों के लिए केंद्रीय कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के मामले में पिछड़ रहा है।

अल्पसंख्यक बहुल जिले मालदा के गाजोली में रैली को संबोधित करते हुए श्री आदित्यनाथ ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने बंगलादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आये लोगों को भारत की नागरिकता देने के लिए कानून पारित किया है लेकिन ममता बनर्जी सरकार ने केंद्र के इस कदम का विरोध किया है।

उन्होंने राज्य सरकार पर स्थानीय लोगों के विकास में रोड़ा बनने का यह कहते हुए आरोप लगाया कि जब केंद्र सरकार बंगाल से अवैध विदेशी नागरिकों को हटाने की योजना बना रही थी , तब इसका विरोध किया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार राज्य में ‘जयश्री राम’ का उदघोष किये जाने का विरोध कर रही है।

उन्होंने कहा, “ मैं बंगाल सरकार और ममता दीदी को बताना चाहता हूं कि उत्तर प्रदेश में एक सरकार ने अयोध्या में भगवान राम के भक्तों पर गोलियां चलवायी थी। आप देख सकते हैं कि अब सरकार की क्या स्थिति है। अब बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार की बारी है।”

आतंकवाद की पनाहगाह पाकिस्तान के लिए गले की हड्डी बना:FATF को 1 माह में देना हैं रिपोर्ट कि,, आतंकी संगठनों के लिए लुंज-पुंज कानून को बदलकर सख्त कार्रवाई की गई वरना काली सूची में डाल दिया जायेगा attacknews.in

पाकिस्तान को तीन एफएटीएफ मापदंडों को पूरा करने के लिए होगी अतिरिक्त विधेयक की आवश्यकता:

इस्लामाबाद, दो मार्च । पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर धन शोधन एवं आतंकवादियों के वित्त पोषण पर नजर रखने वाले वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की 27 बिंदुओं वाली कार्य योजना के तीन बचे हुए मापदंडों को जून की नई समयसीमा समाप्त होने से पहले पूरा करने के लिए एक और विधेयक की आवश्यकता होगी।

एक मीडिया रिपोर्ट में मंगलवार को यह बात कही गई।

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे सूची में डाल दिया था और उससे 2019 के अंत तक धनधोशन एवं आतंकवादियों को वित्त पोषण रोकने के लिए कार्य योजना लागू करने को कहा था, लेकिन कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण इस समय सीमा को बढ़ा दिया गया था। एफएटीएफ ने पिछले महीने नई समय सीमा तय की थी।

पाकिस्तान धनशोधन एवं आतंकवाद को वित्त पोषण रोधी एफएटीएफ के नियमों का पालन नहीं करने वाले देशों की सूची में डाले जाने से बचने के लिए हालिया कुछ महीनों से काफी कोशिश कर रहा है। यदि पाकिस्तान को इस सूची में डाल दिया जाता है, तो पहले ही कमजोर उसकी अर्थव्यवस्था को और नुकसान होने की आशंका है।

‘डॉन’ समाचार पत्र ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान सरकार को बची हुई चिंताओं से निपटने के लिए विधेयक बनाने और अन्य कदमों में प्रगति को लेकर एफएटीएफ को एक महीने के भीतर अद्यतन रिपोर्ट भेजनी होगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने एफएटीएफ की अनिवार्यताओं को पूरा करने के लिए पिछले एक साल से अधिक समय में करीब तीन दर्जन कानूनों में बदलाव किया है, ऐसे में अतिरिक्त विधेयक लाने में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख ने धनशोधन रोधी राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (एनईसी) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए एफएटीएफ समन्वय समिति के अध्यक्ष और उद्योग एवं उत्पादन मंत्री हम्माद अजहर और वित्तीय निगरानी इकाई (एमएमयू) से संघीय सरकार की एजेंसियों एवं सशस्त्र बलों के साथ विचार-विमर्श करके अतिरिक्त विधेयक के लिए तत्काल समय सीमा तय करने को कहा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा देखा गया है कि पाकिस्तान ने पिछले दो साल में काफी प्रगति की है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी तारीफ की है, लेकिन बार-बार अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताएं पूरी नहीं हो पाने और समय सीमा के भीतर काम नहीं हो पाने के कारण गलत संदेश जाता है।

एनईसी को सूचित किया गया कि पाकिस्तान को एफएटीएफ को 30 दिन के भीतर बताना होगा कि वह एफएटीएफ द्वारा रेखांकित की गई अपनी कमियों को किस समय सीमा में पूरा करेगा और उसकी आगे की क्या योजना है।

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को एक अतिरिक्त विधेयक बनाना होगा, जिनमें मौजूदा ढांचे की उन कुछ कमजोरियों को दूर किया जाए, जो आतंकवादी संगठनों के लिए काम कर रहे लोगों को पकड़ने या उन पर प्रतिबंध लगाने समेत उनके खिलाफ कदम उठाने और उन पर मुकदमा चलाने की प्राधिकारियों की शक्तियों को सीमित करती हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान को तीन शेष बिंदुओं पर काम करना हैं। उसे यह दिखाना होगा कि प्रतिबंधित व्यक्तियों एवं संगठनों के लिए काम करने वाले लोगों एवं संगठनों को निशाना बनाकर आतंकवाद के वित्तपोषण संबंधी जांच की गईं और अभियोग चलाए गए।

इसके अलावा पाकिस्तान को यह दिखाना होगा कि इन अभियोगों के कारण प्रभावशाली और पर्याप्त प्रतिबंध लगाए गए। पाकिस्तान को यह भी दिखाना होगा कि उसने सभी प्रतिबंधित आतंवादियों के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंधों का प्रभावशाली क्रियान्वयन किया।

सूत्रों ने बताया कि बैठक में बताया गया कि तीन में से एक बिंदू पर काफी काम कर लिया गया है, लेकिन जिन दो बिंदुओं को दिखाने के लिए अतिरिक्त विधेयक की आवश्यकता है, उन क्षेत्रों में लक्ष्य हासिल करने में समय लगेगा।

कांग्रेस की प्रचारक स्टार प्रियंका वाड्रा असम के कामाख्या मंदिर में पूजा करने के बाद अपने महागठबंधन को मजबूत करने निकल पड़ीं राज्य के 2 दिनी दौरे पर attacknews.in

गुवाहाटी, 01 मार्च । कांग्रेस महासचिव एवं स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी वाड्रा असम के दो दिवसीय दौरे पर सोमवार सुबह यहां पहुंचीं।

श्रीमती वाड्रा ने गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के तुरंत बाद गुवाहाटी में नीलाचल पहाड़ी पर स्थित प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना की। उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी थे।

उन्होंने मंदिर परिसर में संवाददाताओं से कहा, “मैं लंबे समय से कामाख्या मंदिर आने के बारे में सोच रही था और मेरी मनोकामना आज पूरी हुई। मैंने देवी की पूजा की और उनसे अपने परिवार के लिए आशीर्वाद मांगा। मैंने असम और राज्य के लोगों के कल्याण के लिए भी प्रार्थना की।”

इससे पहले पार्टी के नेता राहुल गांधी ने 14 फरवरी को राज्य का दौरा किया था और शिवसागर में एक चुनावी रैली को संबोधित किया।

केन्द्र, राज्य सरकार की संवेदनहीनता के कारण ईंधन और वस्तुओं की कीमतें बढ़ी: प्रियंका

प्रियंका गांधी ने कहा है कि केन्द्र और राज्य सरकार की संवेदनहीनता के कारण ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में इजाफा हो रहा है।

श्रीमती गांधी ने केन्द्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि दोनों की बेरुखी के कारण ही आम आदमी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, “ केन्द्र सरकार की संवेदनहीनता, ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी के कारण ही आम आदमी की हालत इतनी दयनीय हो गई है। असम के नागरिकों को अब यह बात समझ में आ गई कि भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से हटाने के लिए मतदान क्यों जरूरी है। उन्होंने राज्य के युवाओं के भविष्य को खतरे में डालने के लिए राज्य की भाजपा सरकार की भी आलोचना की।

श्रीमती गांधी ने कहा,“ असम में युवाओं के लिए रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं लेकिन भाजपा की कार्यशैली की वजह से चारों तरफ बेरोजगारी का आलम है और राज्य के युवाओं की हालत दयनीय हो गई है। उन्हें अपना भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है।”

कांग्रेस नेता ने आगामी विधानसभा में महागठबंधन की जीत पर भरोसा जताते हुए कहा कि इस बार यह परिवर्तन अवश्यंभावी है।

18 वीं सदी में व्यंजन की “गजक” की मिठास देने वाला मध्यप्रदेश का मुरैना अब बना रहा हैं “शुगर फ्री गजक” attacknews.in

भोपाल 2 मार्च ।कुछ वर्ष पूर्व तक सर्दियों की शुरुआत होते ही मुरैना की गजक की याद सताने लगती थी, लेकिन धीरे-धीरे इसके लजीज स्वाद ने इसको बारहमासी बना दिया। आज मुरैना की गजक की मांग पूरे वर्ष भर रहती है। यह सच है कि सर्दियों में इसकी डिमांड कई गुना बढ़ जाती है, लेकिन गर्मियों में भी इसको खाने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है।

यूं मुरैना में गजक की शुरुआत 18वीं शताब्दी के मध्य पूर्व हुई। संयोग से बनी इस गजक रूपी मिठाई को प्रारंभ में छपरा और डलिया में रखकर गाँव-गाँव बेचा जाता था। धीरे-धीरे इसकी प्रसिद्धि बड़ी और यह हाट बाजार में ठेलों पर बिकने लगी। वर्तमान में पोरसा से लेकर सबलगढ़ तक मुरैना जिले की सभी तहसीलों में गजक प्रमुखता से बनती और बिकती है। जिलेभर में छोटे-बड़े गजक निर्माताओं की संख्या एक सैकड़ा से अधिक हैं, वहीं विक्रय करने वालों की संख्या दुकानदारों और हाथ ठेले वालों को मिलाकर गिनी जाए, तो सैकड़ों में बैठेगी।

गजक के प्रति लोगों का रुझान बढ़ने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण इसका मिलावट रहित होना है। गुड़ और तिल से बनने वाली गजक के अनेक फायदे भी हैं। तिल के प्रयोग के कारण यह गर्म तासीर रखती है और सर्दियों में इसके सेवन से स्वास्थ्य को लाभ होता है। इसमें कई तरह के विटामिन होते हैं। सौंदर्यीकरण में भी यह सहायक है और चेहरे से झुर्रियाँ मिटाने का काम करती है। गजक में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जैसे आंतों को पुष्ट करना, शुष्क त्वचा को तेल के गुण प्रदान कर, रूखेपन से दूर ले जाना। शरीर को पुष्ट करना, रक्त संचार को ठीक करना। मुरैना जिले में घरेलू उद्योग के रूप में लगातार विकसित हो रहे गजक उत्पादन में लगभग 3000 से अधिक लोग रोजगार पा रहे हैं।

मुरैना गजक का स्वाद जिला और प्रदेश सहित देश की सरहद को पार कर विदेश तक पहुँच चुका है, इसलिए देश के हर बड़े शहर में मुरैना गजक के नाम से गजक की दुकानें मिल जाती हैं।

अब शुगर फ्री गजक भी

वर्ष 2019 में मुरैना में तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास और आचार्य आनंद क्लब के सहयोग से आयोजित गजक मीठोत्सव से गजक की आधा सैकड़ा से अधिक वैरायटी डिजाइन बाजार में दिखाई देने लगी है। इसके साथ ही अब शुगर-फ्री गजक भी बाजार में बिकने लगी है। मुरैना गजक को जीआई टैग दिलाने के लिये भी जिला प्रशासन और क्लब द्वारा गंभीर प्रयास किए गए, इससे गजक व्यापारियों में उत्साह का संचार हुआ है।