राजस्थान के गांव में नहीं निकालने देने की धमकी के बीच पुलिस सायें के बीच दलित परिवार की बारात  की घोड़ी पर निकासी करवाई गई attacknews.in

अलवर 16 मार्च । राजस्थान में अलवर जिले के थानागाजी के बसी अभ्यराम गांव में पुलिस प्रशासन ने कल रात्रि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एक दलित परिवार की बेटी की बारात की घोड़ी पर निकासी करवायी गयी।

राजपूत समाज के लोगों के द्वारा घोड़ी पर निकासी नही निकलने की धमकी के मद्देनजर लड़की के पिता तेजराम ने उपखण्ड अधिकारी नवनीत कुमार को बेटी के विवाह में घोड़ी पर निकासी नही निकलने वाली बात का परिवाद दिया जिसमे राजपूत समाज के चार लोगों के नाम देते हुए शिकायत देकर प्रशासन की मदद मांगी।

उपखण्ड अधिकारी ने थानागाजी थानाधिकारी धीरेंद्र कुमार को इस मामले से अवगत करवा कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

इसके बाद कल शाम को जब बरात आई तो पुलिस प्रशासन एवं उपखण्ड अधिकारी की मौजूदगी में बरात की निकासी निकलवाई गयी।

उपखण्ड अधिकारी नवनीत कुमार ने बताया कि बस्सी अभ्यराम से एक परिवाद मिला था।

प्रशासन की मौजूदगी में दलित परिवार की निकासी निकलवा कर पीड़ित को राहत पहुचाई हैं।

थानागाजी पुलिस एवं नारायणपुर पुलिस केम्प किये हुए है।

राजपूत समाज के लोगो को समझाइश कर मामला शांत करवा दिया गया हैं।

मध्यप्रदेश विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने के साथ बजट सत्र निर्धारित समय 26 मार्च से दस दिन पहले संपन्न;4 विधायक कोरोना संक्रमित हुए थे attacknews.in

भोपाल, 16 मार्च । मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही आज कार्यसूची में शामिल महत्वपूर्ण विषयों को पूरा करने के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने के साथ ही बजट सत्र संपन्न हो गया।

अध्यक्ष गिरीश गौतम द्वारा कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने के साथ बजट सत्र निर्धारित समय 26 मार्च से दस दिन पहले संपन्न हो गया। इसके पहले वित्त वर्ष 2021 22 के वार्षिक बजट से जुड़े विनियोग विधेयक को भी ध्वनिमत से पारित करने की औपचारिकता पूरी की गयी। इस विधेयक में दो लाख 41 हजार करोड़ रुपयों से अधिक राशि का प्रावधान है। इस तरह वार्षिक बजट को भी सदन की स्वीकृति मिल गयी। वार्षिक बजट के पहले लगभग दो दर्जन विभागों से जुड़ी अनुदान मांगों को भी स्वीकृति दिलाने की औपचारिकता पूरी की गयी।

इसके अलावा मध्यप्रदेश वित्त विधेयक 2021 को ध्वनिमत से स्वीकृति प्रदान की गयी।

दरअसल मध्यप्रदेश में राजधानी भोपाल समेत अनेक जिलों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। कम से कम चार विधायक भी सत्र के दौरान कोरोना संक्रमित पाए गए। कुछ कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित मिले हैं। अध्यक्ष श्री गौतम ने कोरोना से बचाव संबंधी अनेक एेहतियाती उपाय भी उठाए थे।

राज्य विधानसभा का बजट सत्र कोरोना संकटकाल के बीच 22 फरवरी को प्रारंभ हुआ था।

बैतूल में प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक निकला करोड़ों का आसामी;लोकायुक्त छापामारी में बेनामी संपत्ति का खुलासा attacknews.in

बैतूल, 16 मार्च । मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के सारणी थाना क्षेत्र के ग्राम बगडोना में आज सुबह लोकायुक्त पुलिस भोपाल ने प्राथमिक स्कूल के एक शिक्षक के निवास पर छापामार कार्रवाई कर करीब पांच करोड़ रूपए की बेनामी संपत्ति का खुलासा किया।

लोकायुक्त पुलिस भोपाल के निरीक्षक सलील शर्मा ने बताया कि शासकीय प्राथमिक शाला रेंगाढाना में पदस्थ शिक्षक पंकज श्रीवास्तव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत लोकायुक्त को मिली थी। इस पर करीब 15 लोगों की टीम ने सुबह करीब सात बजे पंकज श्रीवास्तव के बगडोना स्थित आवास पर छापामार कार्रवाई की, जो दोपहर बाद भी जारी है।

प्रारंभिक जांच में इनकी बैतूल, भोपाल, नागपुर एवं छिंदवाड़ा में करीब 25 संपत्तियों जिसमें मकान, दुकान, आईटीआई, कृषि भूमि आदि संपत्ति के होने का पता चला है।

इसकी कीमत करीब पांच करोड़ रूपए आंकी है।संपत्ति के सभी दस्तावेज जब्त कर लिए हैं।पंकज श्रीवास्तव के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

उन्होंने बताया कि लोकायुक्त की एक अन्य टीम ने पंकज श्रीवास्तव के भोपाल स्थित एक मकान पर छापा मारा है।

मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा के विधायकों ने साथ-साथ दर्द उजागर किया;कांग्रेस की शिकायत पर भाजपा ने कहा;तुम्हारी सत्ता में हमें भी सरकारी आयोजनों में आमंत्रित नहीं किया जाता था attacknews.in

विधायकों के कथित अपमान का मामला विधानसभा में उठाया गया

भोपाल, 16 मार्च । मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के एक विधायक प्रताप ग्रेवाल की ओर से सरकारी आयोजनों में उन्हें स्थानीय प्रशासन द्वारा आमंत्रित नहीं किए जाने का मामला उठाने पर सत्तारुढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों के बीच जमकर नोंकझोंक हुयी और हंगामे के चलते कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित रही।

प्रश्नकाल की समाप्ति के बाद धार जिले के सरदारपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री ग्रेवाल ने कहा कि आज वे सदन में हैं, लेकिन उनके क्षेत्र में सरकारी आयोजन हो रहा है और उन्हें आमंत्रित तक नहीं किया गया। वे इस बात को लगातार बोल रहे थे, तभी कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने भी उनका साथ दिया। अपनी बात करते हुए कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष की आसंदी के समक्ष पहुंच गए।

वहीं सत्तारूढ़ दल भाजपा के सदस्यों ने कहा कि जब 15 माह कांग्रेस की सरकार रही, तब भाजपा के सदस्यों को सरकारी आयोजनों में तवज्जो नहीं दी जाती थी।

इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में आरोप प्रत्यारोप का दौर चला और हंगामे के चलते आसंदी पर आसीन सभापति लक्ष्मण सिंह ने कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी।

सदन समवेत होने पर वरिष्ठ कांग्रेस विधायक डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि स्थानीय विधायकों को सरकारी आयोजनों में बुलाना चाहिए। इस मुद्दे पर पक्ष विपक्ष पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब उन्होंने ही मंत्री होने के नाते स्थानीय विधायकों काे यथोचित सम्मान देने के निर्देश मुख्य सचिव और अन्य संबंधित अधिकारियों को दिए थे। उन्होंने कहा कि इसका पालन वर्तमान सरकार में भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इसका समर्थन किया।

वहीं संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में यह निर्देश थे और उनका पालन कराया जा रहा था। लेकिन कांग्रेस सरकार के 15 माह में नयी परंपरा शुरू हुयी और तब भाजपा के अनेक सदस्यों को बुलाया नहीं गया था और इन विधायकों ने स्वयं इसकी पीड़ा सदन में व्यक्त की है। सभापति के निर्देश पर श्री मिश्रा ने कहा कि वे इस संबंध में जारी आदेशों का पालन सुनिश्चित करेंगे।

इसके पहले भाजपा के रामपाल सिंह, रामेश्वर शर्मा और कुछ अन्य विधायकों ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में होने वाले सरकारी आयोजनों में स्थानीय विधायक होने के बावजूद उन्हें आमंत्रित नहीं किया जाता था। कांग्रेस को उस समय क्यों विधायकों के सम्मान की बात याद नहीं आयी। हालाकि तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जब भी उनकी जानकारी में ऐसे मामले आए, उन्होंने तत्काल दिखवाया। ऐसे प्रकरणों में स्थानीय प्रशासन की गल्तियां सामने आती हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए।

उत्तरप्रदेश में शराब फैक्ट्री से आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से 100 करोड़ ₹ से ज्यादा की टैक्स चोरी मामले में उन्नाव और बरेली के बड़े शराब कारोबारियों समेत करीब 24 लोगों के खिलाफ सबूत मिले attacknews.in

टपरी शराब फैक्ट्री के टैक्स चोरी प्रकरण में कई बड़े शराब कारोबारी फंसे

सहारनपुर,16 मार्च । उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के कोतवाली देहात इलाके में स्थित टपरी आपरेटिव शराब फैक्ट्री से चोरी से शराब निकालकर करीब 100 करोड़ रुपये के ट्रैक्स चोरी प्रकरण में उन्नाव और बरेली के बड़े शराब कारोबारियों समेत करीब 24 लोगों के खिलाफ सबूत मिले है।

टपरी मामले की जांच की रही पुलिस की स्पेशल जांच टीम (एसआईटी) के डीआईजी जे. रविंद्र गौड़ ने आज यहां बताया कि सहारनपुर के टपरी स्थित दि को-आपरेटिव कंपनी द्वारा संचालित डिस्टीलरी पर पिछले दिनों पड़े छापे में 100 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ गई थी।

इस मामले में उन्नाव के शराब कारोबारी अजय जयसवाल और बरेली निवासी इस डिस्टीलरी के मालिक प्रणव अनेजा और वाईस प्रेसीडेंट सोम शेखर, कमर डोनियाल, मैनेजर वीरेंद्र शंखधार, बिक्री प्रमुख अश्विनी उपाध्याय, मुजफ्फनगर के मंसूरपुर इलाके के खानपुर निवासी प्रदीप कुमार,कुशीनगर के महुआ रामकोला निवासी उपेंद्र गोविंद,उत्तराखंड के जुडियाल भगवानपुर निवासी गुलशेर, देवरिया के दबोली निवासी हरिशरण तिवारी, सहारनपुर के नांगल इलाके के पड़ौली निवासी गुलशेर, विवेक विहार के जयभगवान, सहारनपुर के जनकपुरी निवासी संजय कुमार शर्मा, नगर के ही सत्यभान शर्मा और डिस्टीलरी के चपरासी अशोक कुमार समेत 24 लोगों के खिलाफ टैक्स चोरी के सबूत मिले हैं

शराब फैक्ट्री पर छापा, करोड़ो के राजस्व की चोरी करने पर्दाफाश,आठ गिरफ्तार

इससे पहले विगत ,04 मार्च को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सहारनपुर जिले के कोतवाली देहात इलाके में टपरी स्थित शराब फैक्ट्री पर छापा मारकर राज्य सरकार करोड़ो रुपये की टैक्स चोरी करने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1500 शराब की पेटी आदि बरामद की।

एसटीएफ प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी थी ।

उन्होंने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिल रही थी कि सहारनपुर जिले के कोतवाली देहात इलाके में टपरी गांव में स्थित को-अपरेटिव कंपनी लि0 शरब फैक्ट्री से लोकल आबकारी डिस्ट्रीब्यूटरों, ट्रान्सपोर्ट्स, फैक्ट्री में नियुक्त आबकारी अधिकारियों व फैक्ट्री कर्मचारियों की मिलीभगत से भारी मात्रा में अवैध रुप से शराब निकाली जा रही है, जिससे प्रत्येक माह करोड़ो रुपये के टैक्स चोरी कर राज्य सरकार को राजस्व की छति पहुंचाई जा रही है।

उन्होंने बताया कि इस सूचना पर स्थानीय एसटीएफ की टीम ने कल फैक्ट्री पर छापा मारकर इस गिरोह का भण्डाफोड़ कर आठ लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1500 पेटी शराब के अलावा 38,895 रुपये की नकदी आदि बरामद की गई।

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में फैक्ट्री प्रमुख कुशीनगर निवासी उपेंद्र गोविंद राव ,बॉटलिंग इंचार्ज देवरिया निवासी हरिशरण तिवारी ,सहारनपुर निवासी केमिस्ट अरविंद कुमार सिंह ,प्रदीप राठी बारकोडिंग कम्प्यूटर आपरेटर, ट्रांसपोर्टर भिवाणी हरियाणा निवासी जय भगवान शर्मा, सहारनपुर निवासी ट्रक चालक गुल शेर, क्वालटी कंट्रोलर संजय शर्मा और बाटलिंग सुपरवाइजर मांगे राम त्यागी शामिल हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि सहारनपुर में शराब फैक्ट्री पर छामा मारकर कम्पनी के एक दर्जन अधिकारियों/कर्मचारियों एवं ट्रांसपोर्टरों, लोकल डिस्ट्रीब्यूटर को हिरासत में गहन पूछताछ की गई।

पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि टपरी स्थित इस कॉपरेटिव के यूनिट हेड व उनका स्टाफ विभिन्न जिलो के आबकारी डिस्ट्रीब्यूटरों व ट्रांसपोर्टरों के साथ मिलकर शराब फैक्टरी के अभिलेखों में हेराफेरी कर बड़े पैमाने पर टैक्स/एक्साइज ड्यूटी की चोरी कर प्रति माह करोड़ो के राजस्व का नुकसान कर रहे है।

इस बड़े घोटाले का संचालन कॉपरेटिव फैक्टरी के प्रोडक्शन यूनिट हेड उपेंद्र गोविंद राव द्वारा किया जा रहा था।

पकड़े गए प्रदीप राठी ने पूछताछ पर बताया कि वह फैक्ट्री में बारकोडिंग कलर्क के रूप में कार्यरत है और उपेंद्र गोविंद राव के कहने पर आबकारी विभाग की वेबसाइट से बार कोड डाउनलोड करके उससे डबल बारकोड तैयार कर बोतल पर लगाने के लिए तैयार करता है।

उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि नजदीक के डिस्ट्रिब्यूटर पॉइंट पर दो दिन के एक गेटपास पर दो चक्कर और उन्नाव और कानपुर के डिस्ट्रीब्यूटर पॉइंट पर चार दिन के एक गेटपास पर दो चक्कर लगाकर एक ही बिल्टी पर टैक्स की बड़ी चोरी की घटना अंजाम देते है, फैक्टरी से गाड़ी की निकासी के दौरान फैक्ट्री के जिम्मेदार कर्मचारियों द्वारा फैक्टरी के सीसीटीवी कैमरे को बंद कर दिया जाता था व ट्रक ड्राईबर द्वारा ट्रक में लगे जीपीएस को भी ऑफ कर दिया जाता है।

इस घोटाले में स्थानीय अधिकारियों की संलिप्तता की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों द्वारा बताई गई सूचना के आधार पर आबकारी विभाग के कानपुर-लखनऊ मार्ग पर स्थित आबकारी गोदाम पर भी छापेमारी की गई, यहां पर भारी अनियमितता प्रकाश में आई है।

गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध सहारनपुर कोतवाली देहात में मामला दर्ज कर आगे की विधिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।

18 पर मुकदमा, छह गिरफ्तार

इस मामले में अब तक छह लोगों की गिरफ्तार हो चुकी है। इसमें डिस्टलरी के यूनिट हेड उपेंद्र गोविंद, बॉटलिंग इंचार्ज हरिशरण तिवारी, केमिस्ट अरविंद कुमार सिंह, बारकोडिंग कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रदीप राठी, ट्रांसपोर्टर जयभगवान शर्मा व ड्राइवर गुलशेर हैं। सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन मोहम्मद आरिफ जमील ने एक्साइज व आईपीसी धाराओं में दो एफआईआर कराई थीं। इसमें डिस्टलरी मालिक प्रणव अनेजा निवासी बरेली समेत 16 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। गुरुवार को डिस्टलरी में तैनात असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर जगराम पाल व एक्साइज इंस्पेक्टर अरविंद वर्मा को भी मुकदमे में आरोपी बना दिया गया।

निष्पक्ष जांच को एसटीएफ को गया था लगाया

टैक्स चोरी की जांच करने वाली एजेंसियों पर सरकार को भरोसा नहीं था। संभवत: इसीलिए टैक्स चोरी की जांच में एसटीएफ को लगाया गया। एसटीएफ का गठन संगठित अपराध के खात्मे के लिए किया गया था। इसमें माफियाओं, अपराधियों के ऊपर नकेस करना एसटीएफ गठन की मंशा थी। यह पहली बार है जब सरकार को टैक्स चोरी जैसी कार्रवाई में एसटीएफ को लगाना पड़ा।

इस तरह हो रहा था खेल

एसटीएफ के मुताबिक डिस्टलरी से निकलने वाली शराब पर बारकोड लगता है। यह बारकोड डबल संख्या में छाप लिए जाते थे। एक इनवॉइस पर एक की जगह दो ट्रक शराब निकलती थी। किसी को पता न चले, इसलिए गेट के सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए जाते थे। डिस्टलरी में मौजूद सभी अधिकारी-कर्मचारी इस गड़बड़झाले में शामिल थे। इस तरह रोजाना एक ट्रक शराब बिना लिखा पढ़ी किए बाहर निकालकर बेची जाती थी, ताकि कम टैक्स भरना पड़े।

पश्चिम बंगाल में CBI ने कोयला तस्करी और ED ने बाघों की तस्करी मामले में कोलकाता,आसनसोल क्षेत्रों के कोयला बेल्ट सहित नौ स्थानों पर की छापेमारी attacknews.in

नयी दिल्ली, 16 मार्च । सीबीआई ने अवैध कोयला खनन मामले में पश्चिम बंगाल में पांच स्थानों पर मंगलवार को छापे मारे।

इस घोटाले का कथित सरगना अनूप मांझी है।

अधिकारियों ने बताया कि दुर्गापुर, आसनसोल और बांकुड़ा में मांझी के कथित सहयोगी एवं कारोबारी अमित अग्रवाल के पांच परिसरों पर छापे मारे ।

यह कार्रवाई ऐसे समय में की जा रही है, जब पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

सीबीआई, ईडी ने कोलकाता,अन्य स्थानों पर शुरू की छापेमारी

केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोयला तस्करी और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बाघ के शावकों की तस्करी के मामले में कोलकाता और आसनसोल क्षेत्र के कोयला बेल्ट क्षेत्रों सहित कम से कम नौ स्थानों पर अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी शुरू की है।

एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

सीबीआई के अधिकारियाें ने आज से शहर के कुछ हिस्सों में अलग-अलग समूहों में आसनसोल, बाराबनी, कुल्टी और दुर्गापुर में व्यवसायी अमित अग्रवाल के दफ्तर और अन्य स्थानों पर छापे मारे, जो कोयला तस्करी मामले में फरार और मुख्य कोयला संदिग्ध अनूप माझी उर्फ लाला का करीबी है।

केंद्रीय एजेंसी को संदेह था कि व्यवसायी राज्य के कई प्रभावशाली लोगों को धन का निवेश करता था, इसके अलावा राज्य के कोयला क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) की खानों से अवैध रूप से कोयला निकाले जाने और खरीदारी में लिप्त था।

ताजा रिपोर्ट में पता चला है कि सीबीआई शहर में शेक्सपियर सराणी के कार्यालय पर अभी भी छापा मार रही है।

ईडी ने केंद्रीय एजेंसी के छापे मारने की बात उजागर होने के बाद शहर और हावड़ा में तीन स्थानों पर छापेमारी शुरू कर दी जिसमें कुछ समूहों की ओर से विदेशों में बाघ और शेर के शावकों की तस्करी करने की बात सामने आयी है।

भोपाल में शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रम में आतिशबाजी के दौरान लगी आग, बड़ा हादसा टला, अफरा तफरी मची attacknews.in

भोपाल, 16 मार्च । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में आज रात यहां शासकीय सुभाष उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘अनुगूंज’ के दौरान मंच के पास ही आग लगने की घटना से अफरातफरी का माहौल बन गया। हालाकि आग पर तत्काल आगू पा लिया गया।

श्री चौहान समेत मंच पर अनेक अतिथि और कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले अलेक विद्यार्थी मौजूद थे। आतिशबाजी के दौरान मंच के आसपास सजावट वाले स्थान पर अचानक आग लगने से अफरातफरी मच गयी। श्री चौहान ने स्वयं माइक संभाला और सभी को सावधान किया। मौके पर मौजूद लोगों ने आग पर तुरंत काबू पाया। किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है।

इस बीच पुलिस सूत्रों ने प्रारंभिक पड़ताल के बाद कहा कि आतिशबाजी के दौरान हवा में उड़े कागज के छोटे छोटे टुकड़े वहां लगी हेलोजन लाइट पर आ गए और इस वजह से आग लगी।

आग और ज्यादा फैलती, इसके पहले ही उस पर काबू पा लेने से बड़ा हादसा टल गया।

श्री चौहान स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित नृत्य, संगीत और नाट्य प्रस्तुतियों के दो दिवसीय कार्यक्रम अनुगूंज के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार और मुख्यमंत्री की पत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान भी मौजूद थीं।

दमोह में कांग्रेस नेता देवेन्द्र चौरसिया की हत्या मामले में बसपा विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की 6 टीमें गठित;चुनावी रंजिश में हत्या से गर्माया था मध्यप्रदेश का राजनीतिक माहौल attacknews.in

विधायक राम बाई के पति की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित

दमोह 16 मार्च । मध्यप्रदेश के दमोह जिले में देवेंद्र चौरिसया हत्याकांड के मामले में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की विधायक श्रीमती राम बाई की पति गोविंद सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की गतिविधियां तेज हो गई है।

राज्य शासन द्वारा एसटीएफ को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस मामले में एसटीएफ के एडीजी विपिन माहेश्वरी कल दमोह पहुंच गये है।

पुलिस अधीक्षक हेमंत चौहान द्वारा गोविंद सिंह की गिरफ्तारी के लिए नगर पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी के नेतृत्व में 5 टीमों का गठन किया है।

यह टीमें प्रतिदिन की गतिविधि की जानकारी पुलिस अधीक्षक को प्रस्तुत करेंगे।

इस टीम में पथरिया, हटा, कोतवाली, मगरोन और दमोह देहात थाना प्रभारी को शामिल किया गया है।

इस मामले में एसटीएफ के एडीजी समूचे प्रकरण पर निगरानी रखकर कार्यवाही कर रहे हैं।

कांग्रेस के दिग्गज नेता की हत्या का पूरा मामला:

घटनाक्रम 16 Mar 2019 का हैं जब कांग्रेस के दिग्गज नेता देवेंद्र चौरिसया की हत्या उनके ही हटा स्थित कार्यालय के पास हमलावरों ने कर दी गग। इस वारदात में चौरसिया के पुत्र को भी गंभीर चोटें आई थी। इस वारदात को अंजाम देने में बसपा की पथरिया विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह, देवर कौशलेंद्र सिंह चंदू और उनके भतीजे गोलू सिंह, भाई लोकेश सिंह सहित २० से २५ लोग शामिल थे जिनमें से प्राथमिक आधार पर ७ पर नामजद अपराध दर्ज कर लिया गया था ।

इस सनसनीखेज वारदात के सामने आने के बाद पूरे प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मच गया था ।

यह है पूरा मामला

शुक्रवार की सुबह कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया अपने पुत्र सोवेश चौरसिया के साथ हटा-बोरी रोड स्थित कार्यालय जा रहे थे। इसी दौरान करीब 4 वाहनों से आए 20 से 30 हमलावरों ने अचानक हमला कर दिया। हमला में कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया मौके पर ही अचेत हो जाते है। जबकि सोवेश को गंभीर चोटे आती है। बाद में दोनों को दमोह से जबलपुर की निजी अस्पताल रेफर किया जाता है। जहां उपचार के दौरान देवेंद्र चौरसिया की मौत हो जाती है। जबकि सोवेश की हालत अब भी गंभीर बनी हुई थी ।

हमलावरों में पथरिया विधायक का परिवार

मामले में देवेंद्र के भाई अशोक चौरसिया ने हटा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसके आधार पर पुलिस ने प्राथमिक जांच के आधार पर पथरिया से बसपा विधायक रामबाई सिंह के पति गोविंद सिंह, देवर कौशलेंद्र सिंह उर्फ चंदू, भतीजे गोलू सिंह, भाई लोकेश सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटैल के पुत्र सरपंच इंद्रपाल पटैल, ठेकेदार श्रीराम राम और अमजद पठान सहित अन्य के विरुद्ध मामला दर्जं कर आरोपियों की तलाश शुरू कर की।

मौके पर जो हुआ:

देवेंद्र चौरसिया के भाई व उनका पुत्र पहले से कार्यालय में मौजूद था। जिन्होंने देखा के बसपा विधायक के परिजन, जिपं अध्यक्ष के पुत्र सहित २० से ३० लोग ४ गाडिय़ों से आते है। जिनमें से गोविंद सिंह ने हाथ में रॉड लिए होते है और यह कहते हुए कि तूने पार्टी क्यों बदली… हमला कर दिया। इसके बाद अन्य ने भी हमला कर दिया। कुछ देर में ही देवेंद्र व सोवेश मौके पर गिर जाते है और आरोपी मौके से ४ से ५ लाख रुपए लेकर भाग जाते है। इस तरह की रिपोर्ट हटा थाने में दर्ज कराई ।

यह मानी जा रही है वजह

हाल ही में दमोह में जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटैल के विरुद्ध जिपं सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। जिसमें जिपं सदस्य राघवेंद्र सिंह ऋषि के अलावा देवेंद्र चौरसिया मुख्य भूमिका में माने जा रहे थे।

इस अविश्वास प्रस्ताव के पटैल की कुर्सी डगमगा गई थी। भाजपा संगठन ने भी उनका साथ नहीं दिया था। इसके बाद शिवचरण पटैल ने विधायक रामबाई का साथ लेकर अपने खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव पर जीत हासिल कर ली थी। इस दौरान रामबाई पर जिपं सदस्यों ने गंभीर आरोप तक लगाए थे। जिसकी उनकी छबि खराब हुई थी। इसके पूर्व जिपं अध्यक्ष के निर्वाचन के दौरान भी देवेंद्र चौरसिया की भाभी व अन्य ने रामबाई का साथ नहीं दिया था। जिससे वह अध्यक्ष नहीं बन सकी थी। तब से भी रंजिश होना बताया जा रहा है।

इधर कुछ दिनों पहले ही देवेंद्र चौरसिया ने बसपा छोड़कर कांग्रेस जॉइन कर ली, जिसे लेकर भी विवाद और धमकियों की बात सामने आई थी। इन सभी कारणों को इस वारदात की वजह माना जा रहा है। हालांकि, अब तक मुख्य वजह पुलिस द्वारा सामने नहीं लाई गई है।

वारदात के बाद मचा हड़कंप

इन सनसनी खेज वारदात के बाद राजनीति में हड़कंप मच गया था। दमोह से लेकर प्रदेश तक में मामला गूंजने लगा । कांग्रेस नेता की हत्या के बाद कांग्रेसियों में भी आक्रोश था। हटा थाने में इसके विरोध में प्रदर्शन भी किया गया था ।

शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह मसानी को कमलनाध ने नियुक्त किया मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के सूचना एवं प्रचार का अध्यक्ष attacknews.in

भोपाल, 16 मार्च । मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देशानुसार प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संजय सिंह मसानी को प्रदेश कांग्रेस के महत्वपूर्ण दायित्व सूचना एवं प्रचार का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है।

कांग्रेस की ओर से आज यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार श्री मसानी को कांग्रेस की रीति-नीति एवं विभिन्न कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार के साथ ही सूचना के अधिकार संबंधी महत्वपूर्ण दायित्व दिया गया है।

साले ने थाम लिया था विधानसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस का दामन:

03 नवम्बर 2018 शनिवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह मसानी ने राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का दामन थाम लिया था ।संजय ने शुक्रवार को कांग्रेस के दिल्ली स्थित कार्यालय में पहुंचकर विधिवत रूप से पार्टी की सदस्यता ली।

उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ, प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की थी।

भाजपा पर लगाए थे गंभीर आरोप

शिवराज सिंह चौहान के साले संजय मसानी ने इस मौके पर भाजपा पर खुलकर आरोप लगाए थे।उन्होंने कहा था , “भाजपा में कामदार नहीं बल्कि नामदार को महत्व मिल रहा है, राज्य में बदलाव जरूरी हो गया है.”

पार्टी में बोल रहा वंशवाद और भतीजावाद-मसानी

मसानी ने कहा था कि , “भाजपा में अब वंशवाद और भाई भतीजावाद का बोलबाला है. भाजपा की ओर से अधिकतर उम्मीदवार सांसद और विधायक के पुत्र या पुत्री हैं. जो पार्टी के लिए काम कर रहा है, उसे वंशवाद की राजनीतिक के लिए दरकिनार किया जा रहा है.”

उन्होंने कहा था कि , “बेरोजगारी का बढ़ना और उद्योगों का अभाव राज्य में दो बड़ी समस्या है और चौहान सरकार ने इन सालों में कुछ नहीं किया है.”

भोपाल और इंदौर में 17 मार्च से नाईट कर्फ्यू,बाकी 8 जिलों जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, रतलाम, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, बैतूल और खरगोन में अघोषित नाईट कर्फ्यू, होली, रंगपंचमी पर नहीं होंगे सामूहिक भागीदारी के कार्यक्रम attacknews.in

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की कोरोना की स्थिति की समीक्षा

भोपाल 16 मार्च ।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिन भी जिलों में कोरोना के पॉजिटिव प्रकरण बढ़ेंगे, वहाँ सख्ती के साथ आवश्यक व्यवस्थाएँ की जाएंगी। राज्य की जनता को संक्रमण से बचाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं। जिलों में पॉजिटिव प्रकरण संख्या कम होते ही उन्हें सख्ती से रियायत मिल सकेगी। प्रदेश में कुछ नगरीय क्षेत्रों में इस सप्ताह कोरोना के पॉजिटिव प्रकरण बढ़े हैं। इसको देखते हुए 17 मार्च की रात्रि से इंदौर, भोपाल में नाईट कर्फ्यू के लिए आदेश जारी करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में राज्य में कोरोना की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमें प्रदेश को लॉकडाउन की ओर नहीं ले जाना है। इसके लिए सभी लोगों द्वारा संक्रमण से बचाव के प्रति सजग रहने और जरूरी सावधानियों को अपनाने की जरूरत है।

बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी उपस्थित थे।

ओपन जेल और मास्क न लगाने पर फाईन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऐसे जिले जहाँ अधिक मामले सामने आ रहे हैं, में ओपन जेल और मास्क न लगाने पर फाईन की व्यवस्था लागू रहेगी। ओपन जेल के अंतर्गत कुछ समय के लिए मास्क न लगाने वाले व्यक्ति को मूवमेंट से रोकने की व्यवस्था है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह आवश्यक है कि गत एक वर्ष से बरती गई सावधानियों के पश्चात कोरोना नियंत्रण की स्थिति को कायम रखा जाए। वर्तमान में स्थिति इसलिए चिंताजनक है क्योंकि बड़े समारोहों और उत्सवों में अधिक संख्या में भागीदारी और कोरोना से बचाव की सावधानियों के पालन में लापरवाही की वजह से प्रकरण संख्या बढ़ी है।

होली, रंगपंचमी पर नहीं होंगे सामूहिक भागीदारी के कार्यक्रम

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आगामी होली एवं रंगपंचमी पर्व पर होने वाले मेले, उत्सव आदि उन जिलों में नहीं हो सकेंगे, जहाँ अधिक प्रकरण आए हैं। सामूहिक भागीदारी पर नियंत्रण आवश्यक है। व्यक्तिगत कार्यक्रमों को कहीं नहीं रोका जाएगा। जुलूस आदि नहीं निकाले जा सकेंगे। खुले स्थान पर होने वाले बड़े कार्यक्रम नहीं होंगे।

10 जिलों में विशेष सावधानी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 10 जिलों में रात्रि 10 बजे बाजार बंद करने की व्यवस्था रहेगी। संक्रमण के नियंत्रण के लिए यह आवश्यक है। इन जिलों में भोपाल, इंदौर सहित जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, रतलाम, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, बैतूल और खरगोन शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जिलों के प्रभारी अधिकारियों से चर्चा कर कोरोना की स्थिति की जानकारी भी प्राप्त की।

महाराष्ट्र से आने वालों की स्क्रीनिंग जारी रहेगी

बैठक में तय किया गया कि महाराष्ट्र से आने वाले व्यक्तियों की थर्मल स्क्रीनिंग का कार्य जारी रहेगा। ऐसे यात्रियों को एक सप्ताह तक होम आयसोलेशन में भी रहना होगा।

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि मध्यप्रदेश की इस समय देश में पाए जा रहे पॉजिटिव प्रकरणों में 2.6 की हिस्सेदारी है। बड़े राज्यों में महाराष्ट्र में सर्वाधिक 60 प्रतिशत, केरल में 8.5 प्रतिशत, कर्नाटक में 3.5 प्रतिशत, तमिलनाडु और गुजरात में 03-03 प्रतिशत कोरोना पॉजिटिव रोगी हैं। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के इंदौर, भोपाल में गत सप्ताह तक 400 के आस-पास प्रकरण सामने आते थे। इस सप्ताह इनकी संख्या दोगुनी हो गई है। प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 4.3 प्रतिशत है। भोपाल और इंदौर में पॉजिटिविटी रेट 9 प्रतिशत तक पहुँच गया है। इंदौर में आज 233 और भोपाल में 196 प्रकरण सामने आए हैं। प्रदेश के करीब 10 जिलों में पॉजिटिविटी रेट बढ़ा है। इन जिलों में जुलूस, मेले आदि नहीं हो सकेंगे। ओपन स्पेस में होने वाले कार्यक्रम भी नहीं होंगे। बड़े आयोजनों पर रोक रहेगी। प्रदेश में अधिक प्रकरण आने वाले जिलों को तीन श्रेणियों में विभाजित करें तो 50 से अधिक प्रकरण इंदौर, भोपाल में आ रहे हैं। 20 से 50 प्रकरण के मध्य वाले जिलों में जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, रतलाम, बुरहानपुर और छिंदवाड़ा शामिल हैं। जिन जिलों में 20 से कम प्रकरण आ रहे हैं, उनमें खण्डवा, सागर, शाजापुर, बैतूल, सीधी और खरगोन शामिल हैं।

ममता बनर्जी ने अपने उस सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय को लेकर अमित शाह पर मारने की साजिश का आरोप लगाया जो पूर्वी मिदनापुर में कार से लगी चोट के समय वीवीआईपी के लिए बुलेट प्रूफ कार में पाए गए थे, जबकि मुख्यमंत्री एक सामान्य वाहन का उपयोग कर रही थीं attacknews.in

कोलकाता 14 मार्च । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में पिछले हफ्ते उन्हें लगी चोटों के बाद उनके सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय को हटवाकर चुनाव आयोग और भाजपा उन्हें मारने की साजिश रच रही है।जबकि केंद्रीय चुनाव आयोग ने अपनी पहले की रिपोर्ट में दिन में निदेशक (सीएम सुरक्षा) विवेक सहाय के आक्रामक रवैये की आलोचना की, जो वीवीआईपी के लिए बुलेट प्रूफ कार में पाए गए थे, जबकि मुख्यमंत्री एक सामान्य वाहन का उपयोग कर रही थीं।

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी की 10 मार्च को नंदीग्राम में चुनाव अभियान के दौरान सुरक्षा में चूक को लेकर कड़ी कार्रवाई करते हुए सीएम के सुरक्षा निदेशक और पूर्वी मिदनापुर के पुलिस अधीक्षक प्रवीण प्रकाश को निलंबित कर दिया है जबकि जिलाधिकारी विवु गोयल को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।

केंद्रीय चुनाव आयोग ने अपनी पहले की रिपोर्ट में दिन में निदेशक (सीएम सुरक्षा) विवेक सहाय के आक्रामक रवैये की आलोचना की, जो वीवीआईपी के लिए बुलेट प्रूफ कार में पाए गए थे, जबकि मुख्यमंत्री एक सामान्य वाहन का उपयोग कर रही थीं।

चुनाव आयोग ने कहा कि 10 मार्च को पूर्वी मिदनापुर के बिरुलिया बाजार में सुश्री बनर्जी पर हमला करने का कोई जानबूझकर किया गया प्रयास या साजिश नहीं थी।

आयोग ने साथ ही निदेशक (सुरक्षा) विवेक सहाय और पुलिस अधिकारियों की उनकी टीम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की।

चुनाव आयोग की सिफारिश के बाद श्री सहाय और पूर्वी मिदनापुर के एसपी प्रवीण प्रकाश को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और डीएम बीवु गोयल को जिले से हटा दिया गया है।

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) स्मिता पांडे को जिले का प्रभार लेने के लिए कहा गया है जबकि सुनील कुमार यादव को जिले का नया पुलिस कप्तान बनाया गया है।

अमित शाह तृणमूल नेताओं को परेशान कर रहे हैं: ममता

इधर छत्ता, (बांकुरा) में , 16 मार्च को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने मंगलवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर ‘तृणमूल कांग्रेस नेताओं को परेशान करने की साजिश रचने’ का आरोप लगाया।

सुश्री बनर्जी ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि श्री शाह देश चलाने के बजाय कोलकाता में बैठे हुए हैं और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को परेशान करने की साजिश रच रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में पिछले हफ्ते उन्हें लगी चोटों के बाद उनके सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय को हटवाकर चुनाव आयोग और भाजपा उन्हें मारने की साजिश रच रही है। नंदीग्राम हमले के बाद अपने सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय को चुनाव आयोग द्वारा हटाये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा,“ क्या भाजपा मुझे मारने की साजिश रच रही है।”

उन्होंने कहा, “ किसान छह महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मंत्री उनके साथ बातचीत नहीं कर रहे हैं। सभी मंत्री यहां हैं, बंगाल में हैं, जहां होटल बुक किए गए और मुझे मारने और तृणमूल को नष्ट करने की साजिश रच रहे हैं और चुनाव आयोग की मदद से तृणमूल के खिलाफ मामले दर्ज किये जा रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ उनकी लड़ाई को कोई नहीं रोकेगा। चुनाव आयोग केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देशों के अनुसार काम कर रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया, “ चुनाव आयोग कौन चला रहा है। मुझे उम्मीद है कि यह आप नहीं, श्री अमित शाह हैं। हम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं। वह दिन-प्रतिदिन चुनाव आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा रेलवे, बैंकों और बीमा कंपनियों को बेचने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने लोगों से कहा, “आपकी गाढ़ी कमाई सुरक्षित नहीं है।”उन्होंने रैली में ‘दुर्गा पाठ’ का पठन किया।

नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता से घबराएं  कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने “मोदी फैक्टर”से पार पाने के लिए कांग्रेस पार्टी को चेताया attacknews.in

नैनीताल 15 मार्च । अखिल भारतीय कांग्रेस के महासचिव व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को आगामी विधानसभा चुनावों में मोदी फैक्टर का डर सता रहा है और उन्होंने उससे पार पाने के लिये कांग्रेस पार्टी से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि परंपराएं जब बाधक बन जायें तो उन्हें तोड़ना ही बेहतर है।

कांग्रेस के कद्दावर नेता ने इंस्टाग्राम पर जारी अपनी पोस्ट में कहा है कि आज लोग स्पष्ट तौर पर चुनावों में निर्णय करने से पहले चेहरा देखते हैं। भाजपा इस खांचे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डाल देती है। आगे कहा कि हम यदि स्थानीय स्तर पर चुनाव लड़ना चाहते हैं और यदि लोकल बनाम लोकल करना चाहते हैं तो हमें भी मुख्यमंत्री के चेहरे के लिये किसी को आगे करना पड़ेगा।

उनका इशारा साफ तौर पर चुनावों में मोदी फैक्टर से पार पाने की है। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री का निर्धारण बेशक विधानसभा में चुन कर आये हमारे विधायक करेंगे मगर चुनाव के लिये हमें रणनीति तैयार करनी पड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मैं तो सबके साथ हूं। उन्होंने साफ तौर पर लिखा है कि जब परंपराएं बाधक बन जायें तो उन्हें तोड़ देना ही बेहतर है। उन्होंने इसके लिये बालीवुड का मेलोडियस गाना ताल्लुक यदि बोझ बन जाये……. का भी हवाला दिया है।

श्री रावत मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पर तंज कसने से भी नहीं चूके। उन्होंने लिखा है कि हमारे राज्य में मुख्यमंत्रियों को हराने की परंपरा बहुत गहरी है। कुछ लोग तीरथ सिंह रावत का बिस्मिल्लाह खराब करना चाहते हैं। उन्हें ध्यान रहे कि पौड़ी में भी हमारे पास मुख्यमंत्री को हराने वाला व्यक्तित्व मौजूद है। इतिहास कभी कभी अपने को दोहराने के लिय बैचेन रहता है। उनका इशारा वर्ष 2016-17 में अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी और भाजपा नेता हरक सिंह रावत की ओर है।

गौरतलब है कि श्री रावत पूरे उत्तराखंड में हरदा के नाम से लोकप्रिय हैं।

मध्यप्रदेश विधानसभा में PEB द्वारा कृषि विभाग मे नियुक्तियों में ‘व्यापमं टू’ घोटाले के मामले में कांग्रेस ने किया बहिर्गमन attacknews.in

भोपाल, 15 मार्च । मध्यप्रदेश विधानसभा में आज मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने कृषि विभाग में नियुक्ति के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) की ओर से कुछ समय पहले आयोजित परीक्षाओं में गड़बड़ियों का मामला उठाते हुए इसे ‘व्यापमं टू’ निरुपित किया और इस मामले में सुनवायी नहीं होने का आरोप लगाते हुए बहिर्गमन किया।

शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ गोविंद सिंह और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने यह मामला उठाते हुए कहा कि यह प्रदेश का दूसरा व्यापमं कांड है। दस लोगों की नियुक्ति की गयी हैं, जिसमें गड़बड़ियां हुयी हैं। श्री पटवारी ने कहा कि यह पक्ष विपक्ष का मामला नहीं है। इसके साक्ष्य भी सामने आए हैं। इस मामले में सरकार चुप है।

इस मामले को लेकर अनेक सदस्य एकसाथ भी बोलते हुए देखे गए। डॉ सिंह ने कहा कि पीईबी की ओर से आयोजित परीक्षा में गड़बड़ियां हुयी हैं। इस मुद्दे पर ध्यानाकर्षण सूचना दी गयी है, जिस पर सदन में चर्चा होना चाहिए।

अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदस्यों से शांत होने और कार्यवाही आगे बढ़ाने में सहयोग करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वे इस मुद्दे पर अलग से उनसे चर्चा करें। इसके बावजूद कांग्रेस सदस्य एकसाथ बोलते रहे और श्री सिंह तथा श्री पटवारी की घोषणा पर कांग्रेस सदस्य बहिर्गमन कर गए।

शून्यकाल में ही कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक पी सी शर्मा ने निकट भविष्य में राज्य में होने वाले नगरीय और स्थानीय निकाय चुनावों से संबंधित मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण का मामला उठाया और कहा कि मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कार्य ढंग से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बात राज्य निर्वाचन आयोग तक पहुंचाना चाहिए। इस बात का सत्तारूढ़ दल भाजपा के रामेश्वर शर्मा और अन्य सदस्यों ने भी समर्थन किया।

शून्यकाल में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर जाकर बार बार भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात करते हैं। उन्हें यह कार्य ग्वालियर जाकर भी करना चाहिए। श्री वर्मा ने कहा कि ग्वालियर में भूमाफिया सबसे ज्यादा हैं।

भाजपा के दिनेश राय ने सिवनी जिले में नहर निर्माण संबंधी मामला उठाते हुए कहा कि वहां पर ठेकेदार काम बंद कर भाग गया है। उसे अतिरिक्त भुगतान हुआ है। इस मामले की जांच में दो अधिकारी निलंबित हुए हैं, लेकिन बड़े अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कोई मेल्टाना कंपनी है, जिमें ‘मैडम जुलानिया’ पार्टनर हैं। उन्होंने ठेकेदार और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की।

इसके पहले प्रश्नकाल में एक सदस्य मेवाराम जाटव ने भिंड और मुरैना जिले में किसानों द्वारा बाजरा और मक्का आदि उपज सहकारी समितियों को बेचने का मामला उठाते हुए कहा कि किसानों को भुगतान उनके विधानसभा में प्रश्न उठाने के बाद हुआ। इसके अलावा उन्होंने गोहद क्षेत्र में गेंहू की फसल सूखने का मामला उठाते हुए कहा कि इस वजह से वहां पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसके साथ ही वे अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंचकर जमीन पर बैठ गए। वरिष्ठ कांग्रेस विधायक डॉ गाेविंद सिंह ने श्री जाटव को समझाया और वे उठकर अपने आसन पर पहुंचे।

मध्यप्रदेश की सीहोर कोतवाली के TI शिशिरदास गिरफ्तार;लगातार महिला नायब तहसीलदार को परेशान करने की हरकतों के कारण हुए दूसरों बार गिरफ्तार attacknews.in

सीहोर, 15 मार्च । मध्यप्रदेश के सीहोर कोतवाली पुलिस ने आज दतिया जिले के निलंबित टीआई शिशिरदास के खिलाफ अपराध दर्ज करके उसे इटारसी से गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया, जहां से उसे 50 हजार की जमानत पर छोड़े जाने के आदेश हुए हैं।

पुलिस के अनुसार सीहोर की एक महिला नायब तहसीलदार को कथित तौर पर परेशान करने वाले दतिया जिले में पदस्थ टीआई शिशर दास के विरुद्ध कोतवाली पुलिस ने आज प्राथमिकी दर्ज कर उसे होशंगाबाद जिले के इटारसी से गिरफ्तार कर लिया। उसे शाम को सीहोर न्यायालय में पेश किया गया, जहां उसकी जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई और 50 हजार की जमानत पर छोड़े जाने के आदेश दे दिए गए।

शिशिरदास के खिलाफ पहले भी एक अपराध कोतवाली सीहोर में दर्ज हुआ था, जिसके आधार पर उन्हें निलंबित भी किया गया था और बाद में उन्होंने उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत प्राप्त कर ली थी।

कल फिर उस महिला नायब तहसीलदार परेशान करने वाला एक वीडियाे वायरल हुआ, जिस पर आज फिर एक मामला कायम किया गया।

इसी मामले निलंबित टीआई की गिरफ्तारी हुई है।

लखनऊ हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला: वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए सीटों के आवंटन पर आरक्षण लागू किया जाए और यह प्रक्रिया 25 मार्च तक पूरी की जाय attacknews.in

लखनऊ,15 मार्च । उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों में सीटों पर आरक्षण व्यवस्था को लेकर उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए सीटों के आवंटन पर आरक्षण लागू किया जाए और यह प्रक्रिया 25 मार्च तक पूरी की जाय।

इसके पूर्व, राज्य सरकार ने स्वयं कहा कि वह वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार है। इस पर न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने 25 मई तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न कराने के आदेश पारित किए हैं।

हाईकोर्ट ने कहा कि वर्ष 2015 को आधार मानते हुए सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए। इसके पूर्व राज्य सरकार ने कहा कि वह वर्ष 2015 को आधार मानकर आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार है। इस पर न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने 25 मई तक यूपी पंचायत चुनाव संपन्न कराने के आदेश दिया है।

आपको बता दें कि हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका देकर 11 फरवरी 2021 के शासनादेश को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया है कि पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू किए जाने सम्बंधी नियमावली के नियम 4 के तहत जिला पंचायत, सेत्र पंचायत व ग्राम पंचायत की सीटों पर आरक्षण लागू किया जाता है।

कहा गया कि आरक्षण लागू किए जाने के सम्बंध में वर्ष 1995 को मूल वर्ष मानते हुए 1995, 2000, 2005 व 2010 के चुनाव सम्पन्न कराए गए।

याचिका में आगे कहा गया कि 16 सितम्बर 2015 को एक शासनादेश जारी करते हुए वर्ष 1995 के बजाय वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए आरक्षण लागू किए जाने को कहा गया।

उक्त शासनादेश में ही कहा गया कि वर्ष 2001 व 2011 के जनगणना के अनुसार अब बड़ी मात्रा में डेमोग्राफिक बदलाव हो चुका है। लिहाजा वर्ष 1995 को मूल वर्ष मानकर आरक्षण लागू किया जाना उचित नहीं होगा।

कहा गया कि 16 सितम्बर 2015 के उक्त शासनादेश को नजरंदाज करते हुए, 11 फरवरी 2021 का शासनादेश लागू कर दिया गया। जिसमें वर्ष 1995 को ही मूल वर्ष माना गया है। यह भी कहा गया कि वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव भी 16 सितम्बर 2015 के शासनादेश के ही अनुसार सम्पन्न हुए थे।