भारत के मुस्लिम युवाओं को सोमनाथ मंदिर पर गजनी और अरब आक्रांता क़ासिम जैसे हमलों के लिए भड़काने के वीडियो अपलोड करने वाला हरियाणा से गिरफ्तार attacknews.in

सोमनाथ (गुजरात) 17 मार्च । गुजरात पुलिस ने विश्वविख्यात सोमनाथ मंदिर के बारे में एक विवादास्पद विडीओ बना कर सोशल मीडिया में अपलोड करने और इसमें महमूद गजनी और अरब आक्रांता मोहम्मद बिन क़ासिम की तारीफ़ करने वाले एक व्यक्ति को आज हरियाणा में पानीपत के निकट से गिरफ़्तार कर लिया।

पुलिस ने बताया कि इरशाद राशिद की पहचान लगभग एक साल पहले मंदिर के पिछले हिस्से में क़रीब एक किलोमीटर की दूरी से बनाए गए उक्त विडीओ को सोशल मीडिया पर डाले जाने सम्बंधी तकनीकी जानकारी के आधार पर की गयी।

उसने विडीओ में भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माने जाने वाले इस मंदिर पर अफ़ग़ानी मूल वाले गजनी के बार-बार के आक्रमण की तारीफ़ की। उसने भारत के पहले अरब आक्रांता क़ासिम की भी तारीफ़ करते हुए आज के मुसलमान युवाओं से उनसे सीख लेने की अपील की।

उसने यह विडीओ जमाते आदिला ए हिंद नाम के अपने यू ट्यूब चैनल पर अपलोड किया था। उसने विडीओ में कहा था कि वह इसे क़रीब आधे किमी की दूरी से बना रहा है और वह मंदिर के निकट भी गया था।

गुजरात में इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक शख्स द्वारा फैलाए जा रहे जहर पर लोग नाराजगी भी व्यक्त कर रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद सोमनाथ पुलिस भी हरकत में आई है और जांच पड़ताल में जुट गई ।

बता दें कि गुजरात में सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, इस वीडियो में एक शख्स नजर आ रहा है जो इस्लामिक वेशभूषा में है और खुद सेल्फी मोड में एक वीडियो शूट कर रहा है। वो वीडियो में सोमनाथ मंदिर की तरफ इशारा कर ऐसी बाते कर रहा है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों ने आपत्ति जताई है।

वायरल हो रहे वीडियो में दिखाई रहा शख्स कहता है कि ये सोमनाथ मंदिर है, जिसे महमूद गजनवी की तारीख जो आप पढ़ते हैं हजरात और पढ़नी चाहिए हमें, मोहम्मद इबने-कासिम, अल्लाह का शुक्र है कि मुसलमानों की जो तारीख है, वो रोशन तारीख है, हमें किसी भी अतीबार से न दबने की, न झुकने की किसी भी अतीबार से नहीं है। अल्हम्दुलिल्लाह, हमारे असलाफ ने बड़े नुमाया कारनामे अंजाम दिए थे। हमें चाहिए कि हम उन कारनामों को खुद भी पढ़ें और दूसरों को भी उसको पढ़ाएं और दिखाएं कि हमारे कारनामे, अल्हम्दुलिल्लाह रोशन बाब के अंदर लिखे हुए हैं।

वो इतने पर ही नहीं रुकता, आगे कहता है कि अब जरूरत है कि जो नसल इस वक्त में जो नसल-ए-नौह चल रही है ये भी अपने असलाफ की, अपने आबो अवदाद की, वो तारीखी कारनामे, जिस तरीके से मोहम्मद इबने-कासिम ने दरिया को पार किया और पूरे हिंदुस्तान को फतह किया और इसी तरह महमूद गजनवी ने बड़ा काम किया है। तो अल्लाह के अहसान है कि तमाम के तमाम अल्लाह के वली थे इसमें कोई शक नहीं है। आज की तारीख उन्हें भले ही चोर और डाकू कहे या इसी तरीके से जो भी कुछ कहती रहे लेकिन हमेशा तारीख ने उन्हीं को मुंसिफ और इसी तरीके से इंसाफ पसंद और दीन की इशाद करने वाला, इस्लाम की इशाद करने वाला पाया है। ये तमाम का तमाम समुंदर आप हजरात देख रहे हैं और जिसके मुताल्लिक कहा गया, वैसे तो वो शेर तवकुफ के हवाले से है, “कि दूर बैठा कोई तो दुआएं देता है, मैं डूबता हूं समुंदर उछाल देता है।”

इसके बाद वीडियो बना रहा शख्स सोमनाथ मंदिर की तरफ इशारा करते हुए कहता है कि ये सामने आप सोमनाथ का मंदिर देख रहे हैं। यहां से तकरीबन आधा किलोमीटर दूर है। अभी हम वहां भी गए थे।

अलहमदुल्लिहा हमारे असलाफ की, हमारे आवोहवदाद की रोशन तारीख है। आप हजरात उस तारीख को देखिए पढ़िए और वो मिसरा यादि किजिए कि “जो कौम अपनी तारीख को मिटा देती है, तारीख भी उस कौम को सोफा-ए-हस्ती से मिटा देती है”। तो जरूरत है कि नौजवान तबका खुसूसन अपनी तारीख को पढ़े, अपनी तारीख को देखे, अपने आबाओ-हजदाद के वो अजीम कारनामे, जो वो इस सरजमीन ए हिंदुस्तान के ऊपर कर के गए हैं दिखा के गए हैं और आने वाली कौम के लिए मसाल-ए-राह हैं तो हमें चाहिए कि हम जरूर उन चीजों को पढ़ें, उन चीजों को देखें।

सेना भर्ती घोटाले में सामने आया धनराशि इकठ्ठा करने वाली युवती का रिकॉर्ड: CBI के कुशीनगर पहुंचते ही अपने घर से हो गई लापता,परिवार से लगी कुछ जानकारी attacknews.in

कुशीनगर 17 मार्च । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में सीबीआई की टीम जिस लड़की की तलाश में आई थी,उसके पीछे कारण रुपये का लेनदेन बताया जा रहा है।

विश्वस्त सूत्रों ने बुधवार को बताया कि दिल्ली में हुए सेना भर्ती घोटाले में शामिल आर्मी अफसर कुलदीप सिंह ने लड़की के खाते में नगद रुपए भेजे हैं। इसके साक्ष्य मिलने के बाद टीम अब लड़की की तलाश कर रही है जिससे कि उससे पूछताछ की जा सके। सोमवार की रात उसकी काफी तलाश की गयी मगर पता नहीं चल सका।

हरियाणा निवासी व गोरखपुर में तैनात आर्मी अफसर कुलदीप सिंह बीते दिनों दिल्ली में हुए सेना भर्ती घोटाले में नामजद है।घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है।

कुलदीप के बैंक खातों की छानबीन के दौरान नगर के जगदीशपुरम कालोनी निवासी युवती के खाते में रुपये ट्रांसफर किए जाने की पुष्टि हुई है।जिसके बाद लखनऊ सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम सीबीआई कोर्ट से सर्च वारंट प्राप्त कर युवती की तलाश में सोमवार की रात पडरौना आई थी।जांच के दौरान घर में युवती की मां व उसका भाई ही मौजूद मिले।

घर में टीम के हाथ एक आइफोन की रसीद लगी, जो कुलदीप सिंह के नाम थी।रसीद पर आइफोन की कीमत 56 हजार रुपये अंकित है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार युवती के पिता भी सेना में थे और अब रिटायर हो चुके हैं।

भर्ती घोटाला सामने आने के बाद कुलदीप द्वारा युवती के खाते में 40 हजार रुपये भेजे जाने की बात सामने आई है।इसी आधार पर सीबीआई युवती की तलाश में उसके घर आई थी।

सूत्रों के अनुसार युवती की मां ने घोटाले में नामजद आर्मी अफसर कुलदीप सिंह व युवती के पिता से सिर्फ विभागीय संबंध होने तथा जरूरत पड़ने पर एक बार कुलदीप से आर्थिक मदद मांगने की बात बतायी।

उसने बताया कि रुपये भेजने के लिए युवती के पिता ने कुलदीप को बेटी का ही अकाउंट नंबर बता दिया था।

एसपी विनोद कुमार सिंह ने कहा कि सीबीआई टीम का यह ऑपरेशन बेहद गोपनीय था।

पुलिस की मदद मांगने पर उन्हें पुलिस बल उपलब्ध करा दिया गया।टीम सेना भर्ती घोटाले से जुड़ी जांच के लिए यहां आयी थी।

अस्पताल में भर्ती आपरेशन के बाद ICU में वेंटीलेटर पर अचेत महिला के साथ नर्सिंगकर्मी करता रहा अश्लील हरकते attacknews.in

जयपुर 17 मार्च । राजस्थान की राजधानी जयपुर में चित्रकुट थाना क्षेत्र में एक निजी अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती मरीज के साथ अश्लील हरकते करने वाले नर्सिंगकर्मी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस के अनुसार महिला के पति की शिकायत पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कर आरोपी खुशीराम गुर्जर को गत रात्रि गिरफ्तार कर लिया गया है। रिपोर्ट में बताया कि सोमवार रात्रि को पीड़िता गहन चिकित्सा इकाई में वेंटीलेटर पर थी और अकेली थी। उसके मुंह पर ऑक्सीजन की नली लगी थी। हाथ बंधे थे। शाम को ही सर्जरी हुई थी, जिससे पूरे शरीर में तकलीफ थी। इस दौरान आरोपी नर्सिंगकर्मी ने उसकी पत्नी के साथ अश्लील हरकते की थी।

शहर के शैल्बी अस्पताल में वेंटिलेटर पर भर्ती महिला के साथ अश्लील हरकत की गई।बताया जा रहा है कि ये घटना सोमवार की है।महिला का ऑपरेशन हुआ था जिसके बाद उसे वेंटिलेटर पर भर्ती किया गया था। उसके मुंह पर ऑक्सीजन मास्क  लगा हुआ था और हाथ बंधे हुए थे. महिला कुछ बोलने की स्थिति में नहीं थी।

आरोप है कि सोमवार रात ड्यूटी पर तैनात एक मेल नर्सिंग कर्मचारी  महिला की तबीयत का फायदा उठाते हुए उसके साथ अश्लील हरकत की।पीड़ित महिला ये सब देखकर सारी रात रोती रही।नर्सिंग कर्मचारी इतना शातिर था कि पकड़े जाने के डर से वह बार-बार महिला को टच करके चेक कर रहा था कि वह कुछ बोलने की हालत में है भी या नहीं।

महिला पेशेंट को धमकाया

सुबह जब अस्पताल का दूसरा स्टाफ वहां पहुंचा तो पीड़ित महिला ने महिला नर्स को अपनी आपबीती बताने की बहुत कोशिश की लेकिन आरोपी नर्सिंग कर्मचारी ने उसे धमका दिया, जिसकी वजह से वह किसी को कुछ भी बता नहीं सकी।महिला पेशेंट का पति जब वहां पहुंचा तो उसने लिखित तौर पर सारी बात बताई।जिसके बाद गुस्साए पति ने पुलिस थाने में जाकर आरोपी नर्सिंग कर्मचारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

पुलिस को दी गई शिकायत में महिला पेशेंट के पति ने कहा है कि उसने अपनी पत्नी को इलाज के लिए जयपुर के शैल्बी अस्पताल में भर्ती कराया था।तबीयत खराब होने की वजह से शाम को उसका ऑपरेशन किया गया था।आईसीयू में किसी का रुकना अलाउड नहीं था। अस्पताल की तरफ से कहा गया कि जरूरत पड़ने पर उनको बुला लिया जाएगा, इसीलिए महिला का पति घर चला गया।

अस्पताल में पेशेंट के सामने अश्लील हरकत

सुबह जब वह अपनी पत्नी से मिलने अस्पताल पहुंचा तो वह बहुत ही परेशान थी।वह रोते हुए उन्हें इशारों में कुछ बताने की कोशिश कर रही थी।मुह पर ऑक्सीजन होने की वजह से वह कुछ भी बोल नहीं सकी।अब उन्होंने अपनी पत्नी को एक कागज दिया तो महिला ने रात को नर्सिंग कर्मचारी द्वारा की गई हरकतों के बारे में बताया।ये सब सुनकर महिला का पति आगबबूला हो गया और चित्रकूट पुलिस थाने जाकर आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

डीसीपी ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल ने सीसीटीवी को चेक किया।पुलिस ने आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया।पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान नर्सिंग कर्मचारी खुशी राम के रूप में की गई है, वह करौली के नादौती का रहने वाला है. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

19 फरवरी को 5 साल की मासूम के साथ बलात्कार करने वाले बलात्कारी को पाॅक्सो अदालत ने 26 दिनों में सुनाई फांसी ;पुलिस ने 9 दिन में चालान पेश किया और अदालत ने 15 दिनों में फैसला सुनाया attacknews.in

झुंझुनू, 17 मार्च । राजस्थान में झुंझुनू जिले के विशिष्ठ पॉक्सो न्यायालय ने पांच वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म के आरोपी को आज फांसी की सजा सुनाई।

पॉक्सो न्यायालय के विशिष्ट न्यायाधीश सुकेश कुमार जैन ने घटना के 26 दिन में आरोपी सुनील कुमार काे दोषी करार देते हुये उसे मौत की सजा सुनाई है। विशिष्ट लोक अभियोजक लोकेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि दरिंदगी की यह घटना गत 19 फरवरी को हुई थी।

पुलिस ने इस मामले में घटना के नौ दिन में चालान पेश कर दिया था तथा न्यायालय ने इस मामले में चालान पेश होने के 15 दिन में फैसला सुना दिया है।

इस मामले में पुलिस की तरफ से 27 गवाह पेश किए।

मामले में सोमवार को बहस पूरी हो गई थी तथा फैसला सुरक्षित कर लिया था।

गौरतलब है कि निवासी श्योराणों की ढाणी थाना पिलानी निवासी आरोपी सुनील कुमार गांव में खेल रही पांच साल की मासूम का अपहरण कर ले गया था।

जिसने करीब 40 किमी दूर ले जाकर गाड़ाखेड़ा में दुष्कर्म किया।

इसके बाद वह मासूम को गांव के समीप छोड़ कर भाग गया था।

पुलिस ने सूचना के महज पांच घंटे में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।

कोर्ट ने कहा कि इतना जघन्य अपराध करने के बावजूद दोषी के दिल में पश्चाताप का एक बार भी नहीं आया। ऐसे वहशी दरिंदे को फांसी ही दी जानी चाहिए।

40 गवाह और 250 दस्तावेज

इन दिनोें अपने कुकृत्यों से सवालों के घेरे में आने वाली पुलिस ने इस मामले में काबिले तारीफ काम किया। दुष्कर्म की वारदात 19 फरवरी को हुई और पुलिस ने नौ दिन में ही कोर्ट में चालान पेश कर दिया।

पुलिस ने दुष्कर्मी के खिलाफ मजबूत केस बनाया, जिसके चलते उसे फांसी की सजा मिली. इतनी कम अवधि में पुलिस ने 40 गवाह और करीब 250 दस्तावेज सुबूत के तौर पर पेश किए।

नौ दिन में चालान पेश

मासूम से दुष्कर्म का यह केस पिलानी थाने के तहत श्योराणों की ढाणी का है. खेत में खेल रही पांच साल की मासूम को स्कूटी पर आए आरोपी सुनील कुमार ने बहला-फुसलाकर अपने साथ ले लिया।

मासूम के भाई-बहनों ने आरोपी का पीछा भी किया था, लेकिन वे उसे नहीं पकड़ पाए।पुलिस को सूचना के बाद SP मनीष त्रिपाठी के निर्देश पर पुलिस ने तुरंत नाकाबंदी की. इस बीच रात करीब 8 बजे मासूम गाड़ाखेड़ा गांव में लहूलुहान स्थिति में मिली थी।

गाड़ाखेड़ा चौकी प्रभारी शेरसिंह तुरंत मौके पर पहुंचे और मासूम को अस्पताल पहुंचाया।हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर रैफर किया गया था।घटना के पांच घंटे बाद ही पुलिस ने शाहपुर निवासी आरोपी सुनील को गिरफ्तार कर लिया।एसपी ने टीम का गठन का जल्द से जल्द चालान पेश करने को कहा।आरोपी के खिलाफ 9वें दिन ही 1 मार्च को चालान पेश कर दिया. तब से मामले की नियमित सुनवाई हो रही थी. बुधवार को पॉक्सो कोर्ट के जज सुकेश कुमार जैन ने आरोपी सुनील को फांसी की सजा सुनाई।

पॉक्सो एक्ट: झुंझुनूं में फांसी का दूसरा केस

इस मामले में 40 से अधिक गवाह जुटाए और साथ ही करीब 250 दस्तावेज बतौर सबूत रखे. जल्द से जल्द चालान पेश करने के लिए पुलिस ने इस मामले में रोजाना 12 से 13 घंटे काम किया. पॉक्सो एक्ट लागू होने के बाद मासूम से रेप को फांसी का यह झुंझुनूं का दूसरा मामला है. इससे पूर्व तीन साल पहले ऐसे ही एक मामले में आरोपी विनोद कुमार को फांसी की सजा सुनाई गई थी. यह फैसला घटना के 29 दिन में आया था।

गया में डाक्टर को बांधकर आंखों के सामने पत्नी और नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार मामले में कोर्ट ने सुनाई नौ बलात्कारियों को आजीवन कारावास attacknews.in

गया, 17 मार्च । बिहार में गया जिले की एक अदालत ने बुधवार को मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में नौ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी।

गया व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (सप्तम) सह लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012 (पास्को) के विशेष न्यायाधीश नीरज कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में नौ दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही सभी लोगों पर अलग-अलग धाराओं के तहत अर्थदंड भी लगाया गया है।

12 मार्च को मां व बेटी के साथ हुए दुष्कर्म के आरोपियों की सजा के बिंदु पर हुई थो सुनवाई

12 मार्च को गया जिले के कोंच प्रखंड के सोनडीहा गांव में मां व बेटी के साथ हुए दुष्कर्म के मामले के आरोपियों पर सजा की सुनवाई हुई। जिसमें 9 लोगों को दोषी पाया गया। उक्त सभी दोषियों को 17 मार्च को सजा सुनाए जाने का आदेश माननीय न्यायालय ने दिया था ।

इस संबंध में एपीपी सुनील कुमार ने बताया था कि सोनडीहा गांव के 13 लोगों पर मां-बेटी के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में मुकदमा किया गया था। जिसमें 4 लोगों को निर्दोष होने के कारण बरी कर दिया गया। जबकि 9 लोगों को दोषी पाया गया है।

उन्होंने कहा कि स्पेशल पास्को एडीजी-7 के न्यायालय में सजा की बिंदु पर सुनवाई हुई। जिसमें 9 लोगों को दोषी पाया गया है। सभी आरोपियों को 17 मार्च को सजा सुनाई जाएगी।

गौरतलब है कि 13 जून वर्ष 2018 की रात्रि जिले के कोंच प्रखंड में एक ग्रामीण चिकित्सक अपनी पत्नी व बच्ची के साथ बाइक से घर लौट रहे थे। इसी बीच रात्रि में कुछ लोगों ने उन्हें जबरन रुकवा दिया। इसके बाद पिता के हाथ-पैर बांध दिए। इसके बाद पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, जबकि उनकी नाबालिग बच्ची के साथ भी एक व्यक्ति ने दुष्कर्म किया। इसके बाद सोनडीहा गांव के 13 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। तब से यह मामला गया व्यवहार न्यायालय में चल रहा था। 2 वर्ष बाद सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई और 9 लोगों को दोषी पाया गया। जिसके बाद आगामी 17 मार्च को सभी को सजा सुनाई गई ।

छतरपुर के कांग्रेस नेता इन्द्रप्रताप सिंह की 4 साल पहले जेल से फरार हत्यारों ने कर दी हत्या,हाकिम सिंह, मोर पाल सिंह, हरदेव सिंह, इमरत लोधी, रामकृपाल लोधी, हरिचरन लोधी फरारी के बाद से घुम रहे थे खुलेआम attacknews.in

छतरपुर, 17 मार्च । मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के बड़ामलहरा क्षेत्र में कल रात स्थानीय कांग्रेस नेता इन्द्रप्रताप सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार दो अज्ञात लोगों ने एक होटल के पास सिंह पर गोलियां चलाईं, जिससे उनकी मृत्यु हो गयी। इसके बाद उनके परिजनों और समर्थकों ने आसपास तोड़फोड़ की। हत्या का कारण पता लगाया जा रहा है।

पुलिस ने हाकिम सिंह, मोर पाल सिंह, हरदेव सिंह, इमरत लोधी, रामकृपाल लोधी, हरिचरन लोधी पर हत्या का मामला दर्ज किया है।

घटना बड़ा मलहरा इलाके की है, जहां आयुष होटल के सामने कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष इंद्र प्रताप सिंह परमार अपने एक साथी के साथ खड़े थे. तभी अचानक से दो युवक बाइक पर सवार होकर आए और कांग्रेस नेता की गोली मारकर हत्या कर दी।

पूरी घटना CCTV कैमरे में कैद हो गई, जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि जब कांग्रेस नेता एक युवक के साथ खड़े होकर बातचीत कर रहे थे तभी एक बाइक पर सवार दो लोग आए और बाइक से उतर कर कांग्रेस नेता को गोली मार दी. तत्काल ही उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया और हालत गंभीर होने पर छतरपुर जिला अस्पताल रेफर किया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

रंजिश में हुई हत्या

अस्पताल में जैसे ही परिजनों को कांग्रेस नेता की हत्या की जानकारी लगी तो परिजनों ने जमकर हंगामा किया और हॉस्पिटल में तोड़फोड़ की. परिजनों ने हॉस्पिटल के बाहर भी वाहनों में जमकर तोड़फोड़ की, जिसके बाद यहां पर भारी मात्रा में पुलिस बल पहुंचा. बताया जा रहा है कि पुरानी रंजिश के चलते हत्या की गई है।

बहरहाल पुलिस के समझानेपर परिजन शांत हुए। लेकिन एहतियातन भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

सूत्र बताते हैं कि आरोपी चार साल पहले बिजावर उपजेल से फरार हुये थे और उन्हें पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई थी. घटना के बाद आरोपियों के यूपी की ओर भागने के संकेत मिले हैं, जिसे लेकर पुलिस जांच कर रही है. साथ ही यूपी पुलिस से भी संपर्क किया जा रहा है. इस मामले में पुलिस जांच के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंच सकेगी।

कमलनाथ ने कही ये बात

पूरे मामले को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट करके मध्य प्रदेश में जंगलराज होने का आरोप लगाया है।

कमलनाथ ने ट्वीट किया “छतरपुर जिले के घुवारा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष इंद्र प्रताप सिंह की गोली मारकर हत्या किये जाने की दुखद ख़बर प्राप्त हुई. परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ. मैं सरकार से माँग करता हूँ कि तत्काल आरोपियों का पता लगाकर उनकी गिरफ़्तारी हो , उन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो” उन्होंने आगे कहा, “प्रदेश में क़ानून व्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक है, आज प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहीं है, प्रदेश में हत्याएँ , अपहरण , दुष्कर्म , लूट जैसी घटनाएँ रोज़ घटित हो रही है? ज़िम्मेदार प.बंगाल , असम में चुनाव प्रचार में जाकर प्रदेश में सुशासन की बड़ी- बड़ी डींगें हाँक रहे हैं.”

शिवराज का जंगलराज:छतरपुर जिले के घुवारा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष इंद्र प्रताप सिंह उर्फ छोटे राजा की गोली मारकर हत्या कर दी गई है।

शिवराज जी,
आपने मध्यप्रदेश को क्या से क्या बना दिया..!

जंगलराज अब छोटा शब्द है। pic.twitter.com/6e0OFZH8T9

— MP Congress (@INCMP) March 16, 2021

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा, ” शिवराज का जंगलराज: छतरपुर जिले के घुवारा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष इंद्र प्रताप सिंह उर्फ छोटे राजा की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. शिवराज जी, आपने मध्यप्रदेश को क्या से क्या बना दिया..! जंगलराज अब छोटा शब्द है।

मणिपुर मुठभेड़ों की जांच से SIT से पुलिस अधिकारी को मुक्त किया:सुप्रीम कोर्ट ने ही 2017 में मणिपुर में 1,528 हत्याओं की जांच के लिए SIT गठित करके दिए थे जांच के आदेश attacknews.in

नयी दिल्ली, 17 मार्च । उच्चतम न्यायालय ने मणिपुर में कथित फर्जी मुठभेड़ों की जांच कर रही एसआईटी से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महेश भारद्वाज को मुक्त करने की बुधवार को अनुमति दे दी।

भारद्वाज को उनके मूल एजीएमयू काडर में डीआईजी के तौर पर पदोन्नत किया गया है।

न्यायमूर्ति एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी को मुक्त करने का अनुरोध किया गया था। पीठ ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह आयोग को एक उपयुक्त अधिकारी शीघ्र मुहैया कराए।

पीठ ने कहा कि अधिकारी को मुक्त करने संबंधी याचिका के अलावा उसके समक्ष कोई अन्य वादकालीन अर्जी नहीं है।

उसने कहा कि पिछली बार सुनवाई के दौरान न्यायमित्र एवं वरिष्ठ वकील मेनका गुरुस्वामी को इस मामले पर कुछ कहना था।

केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि न्यायमित्र की यह निर्णय लेने में कोई भूमिका नहीं है कि सीबीआई को क्या करना चाहिए और न्यायमित्र केवल कानून के संबंध मदद कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि न्यायालय को इस प्रकार के मामलों में न्यायमित्र की भूमिका तय करनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या न्यायमित्र सीबीआई से किसी व्यक्ति से स्थानांतरण और किसी अन्य अधिकारी को जांच सौंपने के बारे में कह सकती हैं।

मेहता ने कहा कि ये चीजें हर मामले में हो रही हैं और न्यायमित्र केवल कानून के सवाल पर सहायता कर सकती हैं, इससे अधिक कुछ नहीं।

पीठ ने मेहता से कहा, ‘‘आप एक वरिष्ठ अधिकारी और सॉलिसिटर जनरल हैं। हम जानते हैं कि न्यायमित्र का क्या काम है। चलिए, इस पर बात नहीं करते हैं। हमें बताइए कि आप अधिकारी की जगह किसे तैनात करेंगे।’’

मेहता ने कहा कि वह एक सूची जमा कराएंगे, जिसमें से न्यायमित्र चयन कर सकती हैं।

एनएचआरसी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील वासव पाटिल ने कहा कि यह अधिकारी एसआईटी के साथ थे और अब उन्हें उनके मूल काडर में डीआईजी के तौर पर पदोन्नति दे दी गई है तथा न्यायालय को इस पदोन्नति को प्रभावी बनाने की अनुमति देनी चाहिए।

शीर्ष अदालत ने 10 मार्च को कहा था कि वह अधिकारी को मुक्त करने की एनएचआरसी की यााचिका पर सुनवाई करेगी।

गुरुस्वामी ने पीठ से कहा था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी अपने अधिकारियों को एसआईटी से मुक्त करने के लिये दो आवेदन दायर कर रखे हैं लेकिन इनमें से कोई भी आवेदन उन्हें नहीं मिला है।

उन्होंने मानवाधिकार आयोग और सीबीआई की तरफ से दायर आवेदनों पर जवाब देने के लिए समय मांगा था।

मणिपुर में कथित तौर पर 1,528 न्यायेत्तर हत्याओं की जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ ने 14 जुलाई 2017 को एसआईटी का गठन किया था और इनमें से कई मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने एवं जांच करने के आदेश दिए थे।

भारद्वाज सहित एनएचआरसी के दो अधिकारियों को जुलाई 2018 में एसआईटी में शामिल किया गया था।

खरगोन में आदिवासी लोक परंपरा ‘भगोरिया’ आयोजन पर लगाई रोक, प्रतिबंध से जिले में 60 से अधिक भगोरिया हाट पर पड़ेगा असर पड़ेगा attacknews.in

खरगोन-बड़वानी 17 मार्च। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में संकट प्रबंधन समूह की बैठक में जिले में भगोरिया के आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया गया है।

जिला कलेक्टर अनुग्रहा पी की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना के फिर से पैर पसार लेने के चलते भगोरिया आयोजन नहीं होगा। सिर्फ पूर्व की तरह हाट बाजार लगाए जा सकेंगे और इसमें मनोरंजन के साधन झूले ,नाटक तमाशे तथा तंबू लगाकर इनामी प्रतियोगिता जैसे स्थान या दुकानें भी प्रतिबंधित रहेंगे।

संकट प्रबंधन समूह में इस बात पर भी सहमति जताई कि महाराष्ट्र से आने वाले व्यापारियों को हाट बाजार में प्रतिबंधित जायेगा।

हाट बाजार में भगोरिया को लेकर प्रत्येक थाने व ग्राम पंचायत स्तर पर गणमान्य नागरिकों को आमंत्रित कर पृथक से बैठक आयोजित कर भगोरिया के प्रतिबंधात्मक संबंधी निर्देशों से अवगत कराया जाएगा।

इस प्रतिबंध से जिले में 60 से अधिक भगोरिया हाट पर असर पड़ेगा।

उधर, दूसरी और पड़ोसी जिले बड़वानी में जिला कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने आदिवासी संगठनों के निवेदन तथा कोरोना के मद्देनजर भगोरिया हाट बाजारों पर प्रतिबंध लगा दिया था।

किंतु 2 दिन बाद ही जनप्रतिनिधियों तथा अन्य आदिवासी संगठनों के निवेदन पर इस प्रतिबंध को हटा लिया था।

जिला कलेक्टर के प्रतिबंध हटाने के आदेश पर कुछ आदिवासी संगठनों ने विरोध जताया है।

आदिवासी मुक्ति संगठन के महासचिव गजानंद ब्राह्मणे ने कहा कि कलेक्टर के प्रतिबंध हटा लेने के निर्णय के विरुद्ध उन्होंने इंदौर उच्च न्यायालय में याचिका लगाई है जिस पर 19 मार्च को सुनवाई होना है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न बाजार लगाने के प्रबंध का नियंत्रण का अधिकार ग्राम पंचायत को है और हम विभिन्न ग्राम सभाएं आयोजित कर भगोरिया नहीं लगाए जाने के लिए प्रस्ताव पारित करके भेज रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के पटेल, पुजारा, वारती आदि लोगों की बैठक भी आयोजित की जा रही है।

उधर, निमाड़ रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक तिलक सिंह ने आज सायं कहा है कि उन्होंने बड़वानी तथा खरगोन जिलों में जिला दंडाधिकारी के विभिन्न शासकीय आदेश व संकट प्रबंधन समूह के निर्णय की अवहेलना करने पर वैधानिक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

सचिन वाजे के षडयंत्रो का मास्टरमाइंड मुंबई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह को हटाया,होंगे नये पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले attacknews.in

मुंबई 17 मार्च महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को बताया कि राज्य सरकार ने मुंबई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के स्थान पर वर्तमान पुलिस महानिदेशक हेमंत नागराले को नियुक्त किया है।

वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी (आईपीएस) रजनीश शेठ को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गयी है जबकि श्री परमबीर सिंह को होम गार्ड का प्रमुख बनाया जायेगा।

उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से लदी कार मिलने की घटना के बाद महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिव सेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच पिछले दो सप्ताह से काफी रस्सा-कसी के बाद यह निर्णय लिया गया।

ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन की मौत और पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी तथा भारतीय जनता पार्टी के कड़े रूख के कारण ऐसी स्थिति बनी।

नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना प्रकोप को लेकर संवाद में कोरोना की दूसरी लहर को तुरंत रोकने को कहा : देश व्यापी ऑउटब्रेक की स्थिति बन सकती है हमें कोरोना की इस उभरती हुई “सेकंड पीक” को तुरंत रोकना ही होग attacknews.in

नयी दिल्ली 17 मार्च । देश के कुछ राज्यों में कोरोना महामारी के एक बार फिर नये सिरे से पैर पसारने को गंभीरता से लेते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राज्य सरकारों से कहा कि संक्रमण की दूसरी लहर पर तेजी से निर्णायक कदम उठाकर तुरंत रोक लगाने की जरूरत है।

श्री मोदी ने बुधवार को राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से आयोजित संवाद के दौरान कहा , “ हमें कोरोना की इस उभरती हुई सेकंड पीक को तुरंत रोकना होगा। इसके लिए हमें त्वरित और निर्णायक कदम उठाने होंगे। ” बैठक में देश में कोरोना संक्रमण की ताजा स्थिति की समीक्षा की गयी।

कोरोना के खिलाफ अभियान में अब तक हासिल उपलब्धि को कायम रखने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अब लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा , “ कोरोना की लड़ाई में हम आज जहां तक पहुंचे हैं, उससे आया आत्मविश्वास, लापरवाही में नहीं बदलना चाहिए। हमें जनता को पैनिक मोड में भी नहीं लाना है और परेशानी से मुक्ति भी दिलानी है। टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट’ को लेकर भी हमें उतनी ही गंभीरता की जरूरत है जैसे कि हम पिछले एक साल से करते आ रहे हैं।”
कंटेनमेंट जोन में कोरोना वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए कोरोना जांच को जरूरी तथा इसकी संख्या बढाने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “ हर संक्रमित व्यक्ति के संपर्कों को कम से कम समय में ट्रैक करना और आरटीपीसीआर टेस्ट रेट 70 प्रतिशत से ऊपर रखना बहुत अहम है। हमें छोटे शहरों में टेस्टिंग को बढ़ाना होगा। हमें छोटे शहरों में रेफरल सिस्टम और एम्बुलेंस नेटवर्क के ऊपर विशेष ध्यान देना होगा। ”

उन्होंने कहा कि देश में टीकाकरण की गति लगातार बढ़ रही है। एक दिन में 30 लाख लोगों को टीका लगाने का आंकडा पार किया जा चुका है। साथ ही उन्होंने कहा , “ हमें वैक्सीन डोज के बर्बाद होने की समस्या को बहुत गंभीरता से लेना है। ”

गृह मंत्री अमित शाह ने उन जिलों का उल्लेख किया जहां वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए विशेष ध्यान दिये जाने की जरूरत है। केन्द्रीय गृह सचिव ने भी कोरोना की ताजा स्थिति तथा टीकाकरण रणनीति के बारे में एक प्रस्तुति दी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन:

आप सभी का अनेक महत्वपूर्ण बिंदू उठाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

कोरोना के खिलाफ, देश की लड़ाई को अब एक साल से ज्यादा हो रहा है। इस दौरान भारत के लोगों ने कोरोना का जिस तरह मुकाबला किया है, उसकी दुनिया में उदाहरण के रूप में चर्चा हो रही है, लोग उसको उदाहरण के रूप में प्रस्‍तुत करते हैं। आज भारत में 96 प्रतिशत से ज्यादा केसेस recover हो चुके हैं। Fatality rate में भी भारत दुनिया के उन देशों की लिस्ट में है, जहां ये रेट सबसे कम है।

देश और दुनिया में कोरोना की स्थिति को सामने रखते हुए जो presentation यहाँ दिया गया, उससे भी कई अहम पहलू हमारे सामने आए हैं। दुनिया के अधिकांश कोरोना प्रभावित देश ऐसे हैं, जिन्हें कोरोना की कई Waves का सामना करना पड़ा है। हमारे देश में भी कुछ राज्यों में Cases कम होने के बाद अचानक से वृद्धि होने लगी है। आप सभी इन पर ध्यान दे रहे हैं लेकिन फिर भी कुछ राज्‍यों का उल्‍लेख हुआ जैसे महाराष्‍ट्र है, पंजाब है; आप मुख्‍यमंत्रियों ने भी चिंता व्‍यक्‍त की है, सिर्फ मैं कह रहा हूं ऐसा नहीं है। और विशेष चिंता आप कर भी रहे हैं और करने की जरूरत भी है। हम ये भी देख रहे हैं कि महाराष्ट्र और एमपी में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट बहुत ज्यादा है। और केसों की संख्‍या भी बढ़ रही है, बहुत आ रहे हैं।

इस बार कई ऐसे इलाकों, ऐसे जिलों में भी ये वृद्धि देखने को मिल रही है, जो अभी तक खुद को बचाए हुए थे। Safe Zone थे एक प्रकार से, अब वहां पर हमें कुछ चीजें नजर आ रही हैं। देश के सत्तर ज़िलों में तो पिछले कुछ हफ़्तों में यह वृद्धि 150 परसेंट से भी ज़्यादा है। अगर हम इस बढ़ती हुई महामारी को यहीं नहीं रोकेंगे तो देश व्यापी ऑउटब्रेक की स्थिति बन सकती है। हमें कोरोना की इस उभरती हुई “सेकंड पीक” को तुरंत रोकना ही होगा। और इसके लिए हमें Quick और Decisive कदम उठाने होंगे। कई जगह देखने को मिल रहा है कि मास्क को लेकर अब स्थानीय प्रशासन द्वारा भी उतनी गंभीरता नहीं दिखाई जा रही।

मेरा आग्रह है कि स्थानीय स्तर पर गवर्नेंस को लेकर जो भी दिक्कत हैं, उनकी पड़ताल, उनकी समीक्षा की जानी, और उन दिक्कतों को सुलझाया जाना ये मैं समझता हूं वर्तमान में बहुत आवश्यक है।

ये मंथन का विषय है कि आखिर कुछ क्षेत्रों में ही टेस्टिंग कम क्यों हो रही है? क्यों ऐसे ही क्षेत्रों में टीकाकरण भी कम हो रहा है? मैं समझता हूं कि ये Good Governance की परीक्षा का भी समय है। कोरोना की लड़ाई में हम आज जहां तक पहुंचे हैं, उसमें और उससे जो आत्मविश्वास आया है, ये आत्‍मविश्‍वास, हमारा confidence- over confidence भी नहीं होना चाहिए, हमारी ये सफलता लापरवाही में भी नहीं बदलनी चाहिए। हमें जनता को पैनिक मोड में भी नहीं लाना है। एक भय का साम्राज्‍य फैल जाए, ये भी स्थिति नहीं लानी है और कुछ सावधानियां बरत करके, कुछ initiative ले करके हमें जनता को परेशानी से मुक्ति भी दिलानी है।

अपने प्रयासों में हमें अपने पुराने अनुभवों को शामिल करके रणनीति बनानी होगी। हर राज्‍य के अपने-अपने प्रयोग हैं, अच्‍छे प्रयोग हैं, अच्‍छे initiative हैं, कई राज्‍य दूसरे राज्‍यों से नए-नए प्रयोग सीख भी रहे हैं। लेकिन अब एक साल में हमारी गवर्नमेंट मशीनरी इनको नीचे तक ऐसी परिस्थितियों में कैसे काम करना, करीब-करीब ट्रेनिंग हो चुकी है। अब हमें pro-active होना जरूरी है।

हमें जहां जरूरी हो…और ये मैं आग्रहपूर्वक कहता हूं…micro containment zone बनाने का विकल्प भी किसी भी हालत में ढिलास नहीं लानी चाहिए, इस पर बड़े आग्रह से काम करना चाहिए। ज़िलों में काम कर रही पैन्डेमिक रिस्पांस टीम्स को “कन्टेनमेंट और सर्विलांस SOPs” की re-orientation की आवश्यकता हो तो वो भी किया जाना चाहिए। फिर से एक बार चार घंटे, छह घंटे के लिए बैठ करके एक चर्चा हो, हर लेवल पर चर्चा हो। sensitise भी करेंगे, पुरानी चीजें याद करा देंगे और गति भी ला सकते हैं। और इसके साथ ही, ‘टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट’ इसको लेकर भी हमें उतनी ही गंभीरता की जरूरत है जैसे कि हम पिछले एक साल से करते आ रहे हैं। हर संक्रमित व्यक्ति के contacts को कम से कम समय में ट्रैक करना और RT-PCR टेस्ट रेट 70 प्रतिशत से ऊपर रखना बहुत अहम है।

हम ये भी देख रहे हैं कि कई राज्यों में रेपिड एंटीजेन टेस्टिंग पर ही ज्यादा बल दिया जा रहा है। उसी भरोसे गाड़ी चल रही है। जैसे केरल है, ओडिशा है, छत्तीसगढ़ है और यूपी है। मुझे लगता है कि इसमें बहुत तेजी से बदलने की जरूरत है। इन सभी राज्‍यों में, मैं तो चाहता हूं देश के सभी राज्‍यों में हमें RT-PCR टेस्ट और बढ़ाने पर जोर देना होगा। एक बात जो बहुत ध्यान देने वाली है, वो ये कि इस बार हमारे टियर 2- टियर 3 शहर जो शुरू में प्रभावित नहीं हुए थे, उनके आस-पास के क्षेत्र प्रभावित ज़्यादा हो रहे हैं। देखिए इस लड़ाई में हम सफलतापूर्वक बच पाए हैं, उसका एक कारण था कि हम गांवों को इससे मुक्‍त रख पाए थे। लेकिन टियर 2-टियर 3 सिटी पहुंचा तो इसको गांव में जाने से देर नहीं लगेगी और गांवों को संभालना…हमारी व्‍यवस्‍थाएं बहुत कम पड़ जाएंगी। और इसलिए हमें छोटे शहरों में टेस्टिंग को बढ़ाना होगा।

हमें छोटे शहरों में “रेफरल सिस्टम” और “एम्बुलेंस नेटवर्क” के ऊपर विशेष ध्यान देना होगा। प्रेजेंटेशन में ये बात भी सामने रखी गई है कि अभी वायरस का spread dispersed manner में हो रहा है। इसकी बहुत बड़ी वजह ये भी है कि अब पूरा देश ट्रैवल के लिए खुल चुका है, विदेशों से आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है। इसलिए, आज हर एक केस के ट्रैवल की, उसके contacts के ट्रैवल की सूचना सभी राज्यों को आपस में भी साझा करना जरूरी हो गया है। आपस में जानकारी साझा करने के लिए किसी नए mechanism की जरूरत लगती है, तो उस पर भी विचार होना चाहिए। इसी तरह, विदेश से आने वाले यात्रियों और उनके contacts के surveillance के लिए SOP के पालन की ज़िम्मेदारी भी बढ़ गई है। अभी हमारे सामने कोरोना वायरस के mutants को भी पहचानने और उनके प्रभावों के आकलन का भी प्रश्न है। आपके राज्यों में आपको वायरस के variant का पता चलता रहे, इसके लिए भी जीनोम सैंपल भी टेस्टिंग के लिए भेजा जाना उतना ही अहम है।

साथियों,

वैक्सीन अभियान को लेकर कई साथियों ने अपनी बात रखी। निश्चित तौर पर इस लड़ाई में वैक्सीन अब एक साल के बाद हमारे हाथ में एक हथियार आया है, ये प्रभावी हथियार है। देश में वैक्सीनेशन की गति लगातार बढ़ रही है। हम एक दिन में 30 लाख लोगों को वैक्सीनेट करने के आंकड़े को भी एक बार तो पार कर चुके हैं। लेकिन इसके साथ ही हमें वैक्सीन doses waste होने की समस्या को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 10 प्रतिशत से ज्यादा वैक्सीन वेस्टेज है। यूपी में भी वैक्सीन वेस्टेज करीब-करीब वैसा ही है। वैक्सीन क्यों waste हो रही है इसकी भी राज्यों में समीक्षा होनी चाहिए और मैं मानता हूं हर रोज शाम को इसके मॉनिटरिंग की व्‍यवस्‍था रहनी चाहिए और हमारे सिस्‍टम को pro-active लोगों को contact करके एक साथ इतने लोग मौजूद रहें ताकि वैक्‍सीन wastage न जाए, इसकी व्‍यवस्‍था होनी चाहिए। क्‍योंकि एक प्रकार से जितना percentage wastage होता है, हम किसी के अधिकार को बर्बाद कर रहे हैं। हमें किसी के अधिकार को बर्बाद करने का हक नहीं है।

स्थानीय स्तर पर प्लानिंग और गवर्नेंस की जो भी कमियां हैं, उन्हें तुरंत सुधारा जाना चाहिए। वैक्सीन वेस्टेज जितनी रुकेगी, और मैं तो चाहूंगा राज्‍यों को तो जीरो वेस्‍टेज के टारगेट से काम शुरू करना चाहिए…हमारे यहां वेस्‍टेज नहीं होने देंगे। एक बार कोशिश करेंगे तो improvement जरूर होगा। उतने ही ज्यादा Health workers, frontline workers, और दूसरे eligible लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज़ पहुंचाने के हमारे प्रयास सफल होंगे। मुझे विश्वास है कि हमारे इन सामूहिक प्रयासों और रणनीतियों का असर जल्द ही हमें दिखाई देगा और उसका परिणाम भी नजर आएगा।

अंत में मैं कुछ बिंदु फिर एक बार दोहराना चाहता हूँ, ताकि हम सभी इन विषयों पर ध्यान देते हुए आगे बढें। एक मंत्र जो हमें लगातार सबको कहना होगा- ‘’दवाई भी और कड़ाई भी।‘’ देखिए दवाई मतलब बीमारी चली गई है ऐसा नहीं। मान लीजिए किसी को जुकाम हुआ। उसने दवाई ले ली, तो इसका मतलब ये नहीं है कि उसको ठंडी जगह पर बिना सुरक्षा के ऊनी कपड़े पहने बिना वो चला जाए, बारिश में कहीं भीगने के लिए चला जाए। भई ठीक है, तुमने दवाई ली है लेकिन तुम्‍हें बाकी भी संभालना तो पड़ेगा ही पड़ेगा। ये हेल्थ का नियम है जी, ये कोई इस बीमारी के लिए नहीं है, ये हर बीमारी के लिए है जी। अगर हमें टायफायड हुआ है…दवाई हो गई सब हो गया फिर भी डॉक्‍टर कहते हैं कि इन-इन चीजों को नहीं खाना। ये वैसा ही है। और इसलिए मैं समझता हूं इतनी सामान्‍य बात लोगों को समझानी चाहिए। और इसलिए ‘’दवाई भी और कड़ाई भी,’’ इस विष्‍य में हम बार-बार लोगों को आग्रह करें।

दूसरा, जो विषय मैंने कहा- RT-PCR टेस्ट्स को स्केल अप करना बहुत आवश्यक है, ताकि नए cases की पहचान तुरंत हो सके। स्थानीय प्रशासन को माइक्रो कन्टेनमेंट zones बनाने की दिशा में हमें आग्रह करना चाहिए। वो वहीं पर काम तेजी से करें, हम बहुत तेजी से रोक पाएंगे ताकि संक्रमण का दायरा फ़ैलने से रोकने में वो मदद करेगा। वैक्सीन लगाने वाले केन्द्रों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है, वो प्राइवेट हो, सरकारी हो, जैसा आपने मैप देखा होगा, वो आपके लिए भी राज्‍यवार भी बनाया। वो शुरू में जो ग्रीन डॉट वाला बताया था। और देखने से ही पता चलता है बहुत सारे इलाके हैं कि जहां light green लग रहा है, मतलब कि हमारे वैक्‍सीनेशन सेंटर उतने नहीं हैं या तो एक्टिव नहीं हैं। देखिए टेक्‍नोलॉजी हमारी बहुत मदद कर रही है। हम बहुत आसानी से day-to-day चीजों को organize कर सकते हैं। इसका हमें फायदा तो लेना है लेकिन उसके आधार पर हमें improvement करना है। हमारे जितने सेंटर्स pro-active होंगे, मिशन-मोड में काम करेंगे, वेस्‍टेज भी कम होगा, संख्‍या भी बढ़ेगी और एक विश्‍वास तुरंत बढ़ेगा। मैं चाहता हूं कि इसको बल दिया जाए।

साथ ही, एक बात हमें ध्‍यान रखनी होगी क्‍योंकि ये वैक्‍सीन का निरंतर प्रॉडक्‍शन हो रहा है और जितना जल्‍दी हम इससे बाहर निकलें हमें निकलना है। Otherwise ये एक साल, दो साल, तीन साल तक खिंचता चला जाएगा। एक मुद्दा है वैक्सीन की एक्सपायरी date. हमें ध्‍यान रखना चाहिए कि जो पहले आया है उसका पहले उपयोग हो; जो बाद में आया है उसका बाद में उपयोग हो। अगर जो बाद में आया हुआ हम पहले उपयोग कर लेंगे तो फिर एक्‍सपायरी डेट और वेस्‍टेज की स्थिति बन जाएगी। और इसलिए मुझे लगता है कि avoidable wastage से तो हमें बचना ही चाहिए। हमें पता होना चाहिए कि ये लॉट हमारे पास जो है इसकी एक्‍सपायरी डेट ये है, हम सबसे पहले इसका उपयोग कर लें। ये बहुत जरूरी है। और इन सभी बातों के साथ, इस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जो मूलभूत क़दम हैं, जैसा मैं कहता हूं ‘’दवाई भी और कड़ाई भी।‘’ मास्क पहनना है, दो गज की दूरी बनाए रखना है, साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखना है, personal हाइजीन हो या सोशल हाइजीन, पूरी तरह उसको बल देना पड़ेगा। ऐसे कई कदम जो पिछले एक साल से हम करते आए हैं फिर से एक बार उनको बल देने की जरूरत है। फिर से एक बार आग्रह करने की जरूरत है, उसमें हमें कड़ाई करनी पड़े तो करनी चाहिए। जैसे हमारे कैप्‍टन साहब कह रहे थे कि हम कल से बड़ा कड़ाई करने का मूवमेंट चला रहे हैं, अच्‍छी बात है। मुझे लगता है कि हम सबको इस विषय में हिम्‍मत के साथ करना पड़ेगा।

मुझे विश्‍वास है कि इन विषयों पर लोगों की जागरूकता बनाए रखने में हमको सफलता मिलेगी। मैं फिर एक बार आपके सुझावों के लिए धन्‍यवाद करता हूं। और भी जो सुझाव हैं आप जरूर भेजिए। जो हॉस्पिटल के विषय में जो आज चर्चा निकली है, आप दो-चार घंटे में ही सारी जानकारी दे दीजिए ताकि मैं शाम को 7-8 बजे के आसपास मेरे डिपार्टमेंट के लोगों के साथ रिव्‍यू करके इसमें से अगर कोई bottleneck है तो उसको दूर करने के लिए कोई आवश्‍यक निर्णय करने होंगे तो हेल्‍थ मिनिस्‍ट्री तुरंत कर लेगी और मैं भी उस पर ध्‍यान दूंगा। लेकिन मैं कहता हूं कि हम अब तक जो लड़ाई जीतते आए हैं, हम सबका सहयोग है, एक-एक हमारे कोरोना वॉरियर का सहयोग है उसके कारण हुआ है, जनता-जनार्दन ने भी बहुत cooperate किया है जी। हमें जनता से जूझना नहीं पड़ा है। हम जो भी बात लेते गए जनता ने विश्‍वास किया है, जनता ने साथ दिया है और भारत विजयी हो रहा है 130 करोड़ देशवासियों की जागरूकता के कारण, 130 करोड़ देशवासियों के सहयोग के कारण, 130 करोड़ देशवासियों के co-operation के कारण। हम जितना जनता-जनार्दन को इस विषय पर फिर से जोड़ पाएं, फिर से विषय को बताएंगे, मुझे पक्‍का विश्‍वास है कि जो अभी बदलाव नजर आ रहा है हम उस बदलाव को फिर से एक बार रोक पाएंगे, फिर से हम नीचे की तरफ ले जाएंगे। ऐसा मेरा पक्‍का विश्‍वास है। आप सबने बहुत मेहनत की है, आपके पास इसकी expertise team बन चुकी है। थोड़ा daily एक बार-दो बार पूछना शुरू कर दीजिए, सप्‍ताह में एक-दो बार मीटिंग लेना शुरू कर दीजिए, चीजें अपने-आप गति पकड़ जाएंगी।

मैं फिर एक बार- बहुत शॉर्ट नोटिस में आप सबको आज की मीटिंग मैंने ऑर्गेनाइज की, लेकिन फिर भी आपने समय निकाला और बहुत विस्‍तार से अपनी सारी जानकारियां दी, मैं आपका बहुत-बहुत आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

बहुत बहुत धन्यवाद जी!

कर्नाटक सरकार कोरोना से प्रभावित तीन जिलों पर ध्यान केन्द्रित करे-मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक सरकार राज्य में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित तीन जिलों बेंगलुरु शहर, कलाबुर्गी और बीदर में महामारी की रोकथाम के लिए ध्यान केंद्रित करे।

श्री मोदी ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार को परीक्षण बढ़ाने और टीकाकरण अभियान तेज करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने इस दौरान बताया कि पिछले तीन दिनों में बेंगलुरु में 1.65 प्रतिशत की पॉजिटिव मामले सामने आए हैं।

उन्होंने कहा कि श्री मोदी द्वारा राज्य सरकार को दिए गए निर्देशों के अनुसार सभी स्थानों पर विशेष रूप से सार्वजनिक समारोहों में कोविड-19 नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा।

ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस पार्टी का चुनावी घोषणापत्र जारी करके हर साल पांच लाख नौकरी देने का वादा किया और भाजपा को वोट देने पर देख लेने की धमकी दी attacknews.in

कोलकाता 17 मार्च । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को पार्टी घोषणापत्र जारी किया तथा लोगों को हर साल पांच लाख रोजगार देने का साथ में प्रमुखता से वादा भी किया।

सुश्री बनर्जी ने अपनी पार्टी की घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि तृणमलू नये लोगोें को रोजगार मुहैय्या कराकर बेरीजगारी की समस्या का भी समाधान कर रही है। उन्होंने कहा,“ मां , माटी और मानुस हमारी घोषणापत्र के मूलतत्व हैं।

मेरे पैर में चोट के लिए भाजपा जिम्मेदार: ममता

गोपीबल्लावपुर,में मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ही उनके पैर में लगी चोट के लिए जिम्मेदार है और यह पार्टी उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोकना चाहती थी।

सुश्री बनर्जी ने यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, “ वे भाजपा वाले मुझे घरों में ही रखना चाहते थे ताकि मैं चुनाव प्रचार के लिए कहीं भी नहीं जा सकूं। उन्होंने मुझे चोटिल बनाया लेकिन वे मेरी आवाज को नहीं दबा सकते हैं और हम यहां भाजपा को हराएंगे।”

उन्होंने लोगों से भाजपा को वोट नहीं देने की अपील करते हुए कहा कि अगर उन्हें जिता दिया गया तो वे अपने धर्म का पालन भी नहीं कर पायेंगे।

सुश्री बनर्जी ने कहा,“ आप फिर जय सिया राम कहने के लायक भी नहीं रहोगे और आपको जयश्री राम का नारा लगाना पड़ेगा। भगवान राम मां दुर्गा की पूजा किया करते थे क्योंकि उनकी महानता कहीं अधिक ज्यादा थी।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी उन पर हमले कराया करती थी और अब यहीं काम भाजपा करा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा,“ उन्होंने मुझ पर कई अत्याचार किए और अब यह काम भाजपा ने करना शुरू कर दिया है। माकपा के कुछ लोग अब भाजपा के बन चुके हैं और कुछ विश्वासघातियों ने लालच के कारण अब भाजपा का दामन थाम लिया है।”

सुश्री बनर्जी ने कहा,“ मुझे पता है कि भाजपा ने गोलतोरे में दो मतदान केन्द्रों पर धांधलियां की थीं और वे पिछला लोकसभा चुनाव इसी के चलते जीत गए थे लेकिन इस बार लोगों को उन्हें किसी भी मतदान केन्द्र पर कोई धांधली नहीं करने देना चाहिए।”

इस बीच, कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने राज्य में तृणमूल कांग्रेस का चुनाव प्रचार न करने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा गया है, “ स्टार प्रचारकों के तौर पर पश्चिम बंगाल में आपकी उपस्थिति मतदाताओं के बीच भम्र पैदा करेगी और आपको तृणमूल के लिए प्रचार नहीं करना चाहिए।”

सचिन वाजे ने ही रचा था षड्यंत्र,मुकेश अंबानी के निवास के नजदीक जिलेटिन लदी कार मामले में NIA की टीम ने वाजे को साथ लेकर उसके घर की तलाशी ली, उन स्थानों पर ले गई जहां स्पाॅट बनाये गये थे attacknews.in

मुंबई, 17 मार्च । उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट पिछले माह विस्फोटक सामग्री लदी एसयूवी बरामद होने के मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे के घर की तलाशी ली। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि एनआईए की एक टीम ने दोपहर बाद ठाणे के साकेत क्षेत्र में स्थित वाजे के घर पर तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा ‘ बाद में, जांच के सिलसिले में एनआईए की एक दूसरी टीम करीब आठ बजे वाजे को मुंबई से उनके घर लेकर गई।’

उन्होंने कहा कि वाजे को उनके घर लेकर गई टीम कुछ समय तक वहां रही और फिर उन्हें वापस मुंबई लेकर आ गई।

उन्होंने कहा, इससे पहले जांच अधिकारी वाजे को साथ लेकर दक्षिण मुंबई के बाबुलनाथ इलाके, माहिम क्रीक और कुछ अन्य स्थानों पर भी गए।

अंबानी के घर के निकट 25 फरवरी को मिली विस्फोटक लदी स्कार्पियो बरामद होने के बाद से वाजे एनआईए की जांच के केंद्र में है।

अपराध में कथित भूमिका को लेकर वाजे को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद वाजे को निलंबित कर दिया गया था।

अधिकारी ने कहा कि एनआईए ने वाजे द्वारा इस्तेमाल की गई एक मर्सिडीज कार को मंगलवार को जब्त करके उसमें से पांच लाख रुपये बरामद किये थे। साथ ही जांच एजेंसी ने उनके कार्यालय में तलाशी के दौरान लैपटॉप, आईपैड और मोबाइल फोनों जैसे इलैक्ट्रोनिक सामान और आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किये थे।

स्कॉर्पियो कार के मालिक तथा कारोबारी मनसुख हिरेन की पत्नी ने आरोप लगाया था कि वाजे ने कुछ समय के लिये उस कार का इस्तेमाल किया था। हिरेन ने दावा किया था कि उनकी कार कुछ दिन पहले चोरी हो गई थी। इसके बाद हिरेन की रहस्यमयी हालत में मौत हो गई और उनका शव ठाणे में मिला था।

हिरेन की मौत के बाद ही एसयूवी मामले की जांच एनआईए ने संभाल ली थी।

वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने मुकेश अंबानी की सुरक्षा के मामले से ‘निपटने’ को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे मुंबई पुलिस के आयुक्त परमबीर सिंह का बुधवार को होमगार्ड विभाग में तबादला कर दिया।

राज्य के पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हेमंत नागराले सिंह की जगह मुंबई पुलिस के नए आयुक्त होंगे।

रेलवे का नहीं होगा निजीकरण;रेलवे के विकास के लिए सरकारी निवेश पर्याप्त नहीं है और निजी क्षेत्र के निवेश से विकास की गति तेज होगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 17 मार्च । रेलवे के निजीकरण की विपक्ष की आशंकाओं को खारिज करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि रेलवे देश की संपत्ति है और उसका कभी निजीकरण नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रेलवे के विकास के लिए सरकारी निवेश पर्याप्त नहीं है और निजी क्षेत्र के निवेश से विकास की गति तेज होगी।

गोयल ने रेल मंत्रालय के कामकाज पर उच्च सदन में हुयी चर्चा का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की।

इससे पहले चर्चा में कई विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया था कि सरकार रेलवे के निजीकरण की दिशा में आगे बढ़ चुकी है और उसका पूरा जोर सरकारी संपत्तियों को बेचने पर है। कांग्रेस सदस्य नारण भाई जे राठवा ने आरोप लगाया कि सरकार रेलवे का निजीकरण करने पर तुली हुयी है और देश में पहली निजी क्षेत्र तेजस एक्सप्रेस की शुरुआत भी हो गयी। उन्होंने दावा किया कि 109 मार्गों पर यात्री ट्रेनें चलाने के लिए निजी क्षेत्र को आमंत्रित किया गया है।

आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि सरकार कहती है कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा। फिर 109 प्रमुख मार्गों पर 150 नयी ट्रेनें निजी भागीदारी से चलाने का फैसला कैसे किया गया।

रेल मंत्री गोयल ने विपक्ष की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि रेलवे का कोई निजीकरण नहीं किया जा रहा है और कोई ऐसा कर भी नहीं सकता। उन्होंने कहा कि निजी निवेश से सेवाएं बेहतर हो सकेंगी और नौकरियों के नए अवसर भी पैदा होंगे।

उन्होंने कहा कि देश में सड़कें बनती हैं और वे सड़कें देश की तथा सरकार की होती हैं लेकिन क्या उस पर केवल सरकारी गाड़ियां ही चलती हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों पर सभी तरह के वाहन चलते हैं तभी प्रगति होती है।

गोयल ने कहा कि रेलवे में भी ऐसा हो सकता है और रेल पटरियों पर अच्छी ट्रेनों के चलने से लोगों की यात्रा सुखद होगी।

उन्होंने कहा कि देश में अभी तीन और माल ढुलाई गलियारों के निर्माण की जरूरत है। इसके लिए भारी निवेश की जरूरत होगी। ऐसे में निजी निवेश से परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी आएगी और अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

इस क्रम में उन्होंने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का जिक्र करते हुए कहा कि वहां निजी क्षेत्र ने 100 करोड़ रुपये का निवेश किया है और कंपनी ने यात्रियों को सुविधाएं देने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ रेलवे स्टेशन को बेच नहीं दिया गया है।

गोयल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान 64 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक को श्रमिक ट्रेनों के जरिये उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाया गया। उन्हें श्रमिक ट्रेनों में निशुल्क भोजन एवं पानी उपलब्ध कराया गया।

रेल मंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान 43 मार्गों पर 4600 मार्गों पर श्रमिक ट्रेनें चलायी गयीं।

मंत्री ने कहा कि पिछले सात वर्षों में इस सरकार के तहत रेलवे के विस्तार की दिशा में अभूतपूर्व काम किये गए।

गोयल ने कहा कि पिछले साल सितंबर से इस साल फरवरी तक छह महीने में देश में रेलवे ने हर महीने जितनी माल ढुलाई की है, वह भारतीय रेल के इतिहास में सर्वाधिक है।

कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए गोयल ने कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए घोषणाएं कर दी जाती थीं लेकिन उसके लिए जरूरी तैयारियां तक नहीं की जाती थीं। रेल मंत्री ने कहा कि घोषणाएं हो जाती थीं, लेकिन जमीन और मंजूरी नहीं होती थी।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में एक परियोजना 1974-75 में घोषित हुयी थी जिसमें 110 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बननी थी। लेकिन आज तक सिर्फ 42 किलोमीटर लाइन ही बन सकी और शेष हिस्से के लिए जमीन ही नहीं मिली।

उन्होंने सदन को बताया कि 2009-10 और 2010-11 में पश्चिम बंगाल के लिए कई रेल परियोजनाओं की घोषणा की गईं, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए राशि का आवंटन नहीं किया गया। अब उसके लिए रेलवे को जमीन नहीं मिल रही है।

गोयल ने कहा कि अगर राज्य सरकारें जमीन सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग करें तो रेल परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सकता है।

गोयल ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में जमीन सिर्फ 24 फीसदी उपलब्ध हुई। अगर महाराष्ट्र सरकार जमीन उपलब्ध करा दे तो यह काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

उन्होंने कश्मीर में रेल मार्ग के निर्माण का उल्लेख करते हुए कहा कि बनिहाल-कटरा रेल मार्ग के अगले ढाई साल में पूरा हो जाने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि 2004-09 के बीच रेलवे में हर वर्ष औसतन 25 हजार करोड़ का निवेश हुआ और 2009-14 के बीच हर वर्ष औसतन 45 हजार करोड़ का निवेश हुआ।

गोयल ने कहा कि सरकार ने कोविड के समय कई ऐसी परियोजनाओं को पूरा किया जो पूरी नहीं हो पा रहीं थीं और जिनके लिए रेल यातायात को बंद करना पड़ता था।

रेलवे में सुरक्षा को प्राथमिकता बताते हुए मंत्री ने कहा कि पिछले दो साल में रेलवे दुर्घटनाओं में एक भी यात्री की मृत्यु नहीं हुई।

कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगने के बाद देश में बंद की गयी रेल सेवाओं को बहाल किए जाने के संबंध में रेल मंत्री ने बताया कि देश में लगभग 80 प्रतिशत मेल व एक्सप्रेस सेवाएं शुरू हो चुकी हैं और करीब 90 प्रतिशत उपनगरीय ट्रेनें भी शुरू हो चुकी हैं।

उन्होंने किसानों की सहायता के लिये किसान रेल शुरू किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि अब तक 377 किसान ट्रेन चल चुकी हैं और सवा लाख टन कृषि उत्पादों की ढुलायी की गयी।

गोयल ने कहा कि हमारा संकल्प है कि भारतीय रेल का सफर हवाई जहाज से अच्छा हो और यात्री समय से अपने गंतव्य पर पहुंचें तथा उन्हें यात्रा में कम समय लगे।

मध्य प्रदेश में फिर बढ़ा कोरोना संक्रमण: वायरस के 817 नए मामले आने के साथ मंगलवार देर रात संक्रमितों की संख्या 2,70,208 और मृतकों की संख्या 3,891 हुई attacknews.in

भोपाल, 16 मार्च । मध्य प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 817 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या 2,70,208 तक पहुंच गयी।

राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से प्रदेश में एक और व्यक्ति की मौत हुई है। प्रदेश में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 3,891 हो गयी है।

यह जानकारी मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने दी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में मंगलवार को कोविड-19 के 264 नये मामले इंदौर में आये, जबकि भोपाल में 196 नये मामले आये।

अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 2,70,208 संक्रमितों में से अब तक 2,61,031 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गये हैं, वहीं 5,286 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।

उन्होंने कहा कि मंगलवार को 554 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

राहुल गांधी को चुनाव के समय में भगवान याद आता है, मंदिर में ऐसे बैठते हैं,जैसे नमाज पढ़ रहे हो attacknews.in

कोलकाता/लखनऊ 16 मार्च । पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्टार प्रचारक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनाव के समय में भगवान याद आता है। राहुल मंदिर में जाकर ऐसे बैठते हैं, जैसे नमाज पढ़ रहे हो।

श्री योगी ने पश्चिम बंगाल के पुरूलिया, बाकुंडा और मेदिनीपुर में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुये कहा “ मंदिर जाने से परहेज करने वाले राजनेताओं की कार्यशैली में 2014 के बाद व्यापक परिवर्तन देखा जा रहा है। 2014 से पहले देश में एक नस्‍ल पैदा हुई थी। मंदिर में जाने से भी इनके सेक्‍यु‍लरिज्‍म को चोट पहुंचती थी लेकिन केन्‍द्र में भाजपा सरकार आने के बाद बदलाव हुआ, ममता दीदी अब मंदिर में चंडीपाठ करा रही है। यह बदलाव की लहर है। ”

सीएम ने कहा कि बंगाल में बीजेपी इसलिए जरूरी है कि क्‍योंकि जहां भी हमारी सरकारें हैं, वहां डबल इंजन की रफ्तार से विकास होता है। सीएम ने कहा कि यूपी में 4 वर्ष के अंदर 30 मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हुआ है। ये काम बंगाल भी हो सकता है।

श्री योगी ने कहा “ भाजपा ने कहा था कि देश मे दो निशान,दो विधान, दो प्रधान नही चलेगा। हमनें कश्‍मीर से धारा 370 खत्‍म करके श्रेष्‍ठ भारत के सपने को पूरा किया। अयोध्‍या में भव्‍य राम मंदिर निर्माण कार्य भी हमारी सरकार में शुरू हुआ। बंगाल की तरह यूपी में भी राम विरोधी सरकारें थी, जो अब नहीं रही। जिसने भी राम का विरोध किया वह सत्‍ता में नहीं रहा। राम हमारे श्वांस में बसे हैं,लेकिन बंगाल के अंदर जबरदस्ती राम का विरोध करके हिन्दू भावना का विरोध किया जा रहा है। टीएमसी के मंत्री गाय को काटने का बयान देते हैं, ममता दीदी ने पता नहीं क्‍यों उनको अब तक बर्खास्‍त नहीं किया। यूपी में अब गोतस्‍करी नहीं होती है।”