सपा सांसद आजम खान की हालत स्थिर;कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण के कारण आईसीयू में रखा गया,4-5 लीटर ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है attacknews.in

लखनऊ, 15 मई ।समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खान (72) की मेदांता अस्पताल में हालत अभी स्थिर है। वह कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।

मेदांता अस्पताल द्वारा शनिवार को जारी बयान के अनुसार, ‘‘सपा सांसद आजम खान को कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण के कारण आईसीयू में रखा गया है। फिलहाल उन्हें 4-5 लीटर ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है।’’

बयान के अनुसार खान पूर्णतः होश में हैं तथा उनका इलाज सीवियर इन्फेक्शन डिजीज प्रोटोकॉल के तहत मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ की क्रिटिकल केयर टीम के डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में चल रहा है। बयान के अनुसार, खान की हालत अभी स्थिर है।

सीतापुर जले में बंद रहने के दौरान आजम खान और उनके पुत्र अब्दुल्ला खान के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद दोनों को बेहतर उपचार के लिए नौ मई की शाम लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया।

खान पिछले वर्ष से ही जमीन कब्जा करने और अन्य आपराधिक मामलों में अपने पुत्र के साथ सीतापुर के जिला कारागार में बंद हैं। अब्दुल्ला खान की स्थिति स्थिर एवं संतोषजनक बताई गई है और उन्हें भी डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।

उत्तरप्रदेश पुलिस ने दावा किया कि गंगा में बहते हुए शवों की सात आठ साल पुरानी है तस्वीर से जनता को भड़काने पर उन्नाव में रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह पर मुकदमा दर्ज attacknews.in

उन्नाव 15 मई । उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गंगा नदी के तट पर शवों को दफनाने को लेकर योगी सरकार पर लगातार हमले कर रहे सेवानिवृत्त आईएएस सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने अफवाह फैला कर जनमानस को भड़काने का मुकदमा दर्ज किया गया है।

दरअसल, श्री सिंह पिछले कुछ दिनो से सरकार की नीतियों के विरोध में ट्विटर पर अभियान छेड़े हुये थे। इसी कड़ी में पिछली 13 मई को उन्होने एक वीडियो शेयर कर उन्नाव में गंगा तट पर शवों को दफनाने का आरोप लगाया था। उन्होने कहा था कि शवों का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज से न करना हिंदुओ के लिए कलंक जैसा है।

उन्नाव पुलिस ने ट्वीट का संज्ञान लेते हुये दावा किया कि गंगा में बहते हुए शवों की तस्वीर सात आठ साल पुरानी है। थाना प्रभारी दिनेश चन्द्र मिश्र ने इस सिलसिले में श्री सिंह के खिलाफ महामारी एक्ट, आपदा प्रबंधन एक्ट व आईटी एक्ट के तहत कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।

हालांकि इसके बाद भी रिटायर्ड आईएएस ने सरकार पर हमला करना जारी रखा है। शनिवार को उन्होने ट्वीट कर कहा “ क्या उन्नाव में कोई लाशें नहीं तैर रही। क्या मुझपर मुक़दमा कर देने से सच बदल जाएगा। एक अन्य ट्वीट में उन्होने कहा “ बात सच हो गयी, धारा 153, 465, 505, 21, 54 और आईटी Act 67 के तहत मेरे ऊपर उन्नाव पुलिस ने मुक़दमा लिख दिया है।”

प्रभारी निरीक्षक कोतवाली सदर द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर में आरोप है कि सूर्य प्रताप सिंह ने जिले के परियर घाट में सात साल पहले उतराते मिले 100 शवों की फोटो को बलिया की बता कर योगी सरकार के इशारे पर दफनाए जाने की अफवाह फैलायी जिससे जनभावनाओं को ठेस पहुंची। इसी आधार पर पुलिस ने धारा 153, 465, 505, 21, 54 और आईटी एक्ट 67 के तहत मामला दर्ज किया है।

एफआईआर दर्ज होने के बाद रिटायर्ड आईएएस ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर लिखा कि उन्नाव पुलिस का कहना है की ‘तैरती लाशों’ पर मेरे द्वारा किया गया ट्वीट भ्रामक है। फिर लिखा योगी जी ने दो दिन में लगातार दो ‘मुक़दमे’ तोहफ़े में दिए हैं। ये ‘यूपी मॉडल’ की पोल खोलने का इनाम है। फिर अगले ट्वीट में लिखा जब 25 साल में 54 ट्रान्सफ़र मेरी सदनीयत व नीतियाँ नहीं बदल सके तो एक एफआईआर क्या बदलेगी। सत्य पक्ष हमेशा सत्ता पक्ष पर भारी पड़ता है।

सदर कोतवाली प्रभारी दिनेश चंद्र मिश्र की ओर से दर्ज कराई गयी प्राथमिकी में कहा गया है कि शहर के कई संभ्रात नागरिकों द्वारा बताया गया कि सोशल मीडिया पर यूपी कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने एक ट्विट किया है। जिसमें लिखा है कि 67 शवों को सरकार ने गंगा तट पर जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफन करा दिया है। शवों का अन्तिम संस्कार हिन्दू वैदिक रीति रिवाज से न करना हिंदुओं के लिए कलंक जैसा है। यूपी का यह योगी मॉडल जीवित का इलाज नहीं मृतक का अंतिम संस्कार नहीं यह सब सेवानिवृत्त आईएएस ने लिखा है।

उन्‍होंने प्राथमिकी में कहा है कि इस ट्यूट से जिले का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। जांच में ट्विट भ्रामक भी निकला है। पूर्व आईएसएस द्वारा पुरानी फोटो को बलिया जिले की खबर के साथ जोड़ा गया है।

श्री मिश्र ने बताया कि सूचना मिलने पर उनके द्वारा सोशल मीडिया सेल उन्नाव से संपर्क किया गया तो मीडिया सेल द्वारा सोशल मीडिया में वायरल हो रहे सूर्य प्रताप सिंह के ट्यूट तथा उनसे सम्बन्धित फोटोग्राफ को 13 जनवरी 2014 का बताया गया है, जिसमें 100 शव गंगा नदी में बहते हुए पाए गए थे।

उन्‍होने बताया कि प्राप्त अभिलेखीय सूचना के अनुसार सूर्य प्रताप सिंह ने जनमानस में भ्रम पैदा करने के उद्देश्य से आठ वर्ष पुराने फोटो को कूटरचना के द्वारा बलिया जिले की खबर के साथ जोड़कर तैयार किया है। इससे उन्नाव में विभिन्न समुदायों के बीच तनाव तथा वैमनष्यता में वृद्धि परिलक्षित हो रही है।

कोरोना महामारी के मध्य एक सेवा निवृत्त प्रशासनिक अधिकारी द्वारा इस प्रकार जानबूझकर सोशल मीडिया में ट्यूट करके अफवाह फैलाने के कारण कोरोना मरीजों में भय व दहशत का माहौल ब्‍याप्‍त हुआ है तथा विभिन्न समुदायों के बीच ईर्ष्या, दुर्भावना तथा कलुषित भाव फैला है।

उन्‍होंने कहा कि सूर्य प्रताप सिंह का यह कृत्य धारा 153/465/505 भादवि व धारा 21 उ०प्र० लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग निवारण अध्यादेश 2020, धारा 54 डिजास्टर मैनेजमेन्ट एक्ट 2005 तथा 67 सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 का अपराध है ।

मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल के अनेक निर्णय; कोरोना महामारी रोकथाम के लिये कलेक्टर्स को 104 करोड़ आवंटित; देशी मदिरा प्रदाय ठेकों को 31 जुलाई तक बढ़ाया, 31 जिलों के103 स्थानों पर आवंटित शासकीय भूमि लीज नियमों में बदलाव attacknews.in

भोपाल, 14 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रिपरिषद की वर्चुअल बैठक में कोविड-19 संक्रमण की तीव्रता को देखते हुए मैदानी स्तर पर महामारी की रोकथाम की उचित व्यवस्था एवं प्रबंधन के लिये प्रत्येक जिला कलेक्टर को दो दो करोड़ रुपये के मान से 104 करोड़ रुपये का आवंटन देने का समर्थन किया गया।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इसमें भोजन एवं कपड़े सहित पुनर्वास शिविरों की व्यवस्थाएँ, मेडिकल शिविरों (क्वारेंटाइन शिविरों) के संचालन, शिविरों का पर्यवेक्षण, आवश्यक कार्यों में तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा, साफ-सफाई व्यय आदि के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में कोविड-19 की रोकथाम के लिये किये जाने वाले विभिन्न कार्यों एवं आवश्यक उपकरण क्रय करना आदि शामिल है।

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश के 31 जिलों के 37 नगरीय निकाय के 103 स्थानों पर पूर्व में प्रधानमंत्री आवास (शहरी) योजना के अंतर्गत जो शासकीय भूमि लीज पर आवंटित की गई थी, की लीज निरस्त करते हुए नवीन नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 (जो वर्तमान में लागू है) में किये गये प्रावधान के अनुरूप भूमि-स्वामी हक में शून्य प्रब्याजी तथा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-राजस्व का निर्धारण तथा पुनर्निर्धारण) नियम, 2018 के अनुसार वार्षिक भू-राजस्व निर्धारित करते हुए आवंटित करने का एवं भूमि-स्वामी हक में देने के लिये विलेख मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 में निर्धारित प्रपत्र अनुसार निष्पादित करने का निर्णय लिया।

मंत्रि-परिषद ने एक जून 2021 से 31 मार्च 2022 तक की अवधि के लिये मध्यप्रदेश की आबकारी व्यवस्था का अनुमोदन किया। इसके तहत प्रदेश की वर्तमान मदिरा दुकानों के अनुज्ञप्तिधारियों को 10 प्रतिशत की मूल्य वृद्धि के साथ मदिरा दुकानों के नवीनीकरण का विकल्प दिया गया है। पूर्व में मंत्रि-परिषद द्वारा 31 मई 2021 तक के लिये अनुमोदित देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था को यथावत रखते हुए 31 जुलाई 2021 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया।

मंत्रि-परिषद ने इंदिरा सागर परियोजना के डूब प्रभावित परिवारों के नगर परिषद छनेरा के वार्ड क्रमांक एक से 7 तथा वार्ड क्रमांक 15 की एनवीडीए को हस्तांतरित प्रश्नाधीन भूमि पुनः राजस्व विभाग को हस्तांतरित की जाकर उक्त भूमि पर एनवीडीए द्वारा बसाए गए शेष विस्थापितों (पूर्व में जिन विस्थापितों को भू-खण्ड का भूमिस्वामी हक प्राप्त हो गया है, उन को छोड़कर) को एनवीडीए दवारा प्रदत्त आवासीय भू-खण्ड, भूमि-स्वामी हक में आवंटित किए जाने का निर्णय लिया है। आवासीय भू-खण्डों को छोड़कर शेष भू-खण्ड पूर्ववत पट्टे पर रखा जायेगा। पट्टाधृति राज्य शासन के पट्टाधृति होंगे। आवासीय भू-खण्डों पर भूमि-स्वामी अधिकार देने के लिए जिला कलेक्टर को अधिकृत करने का निर्णय लिया गया।

मंत्रि-परिषद ने राज्य हाथकरघा बुनकर संघ की रीवा नगर निगम से लीज पर प्राप्त भूखण्ड जी 63, योजना क्र.7, यातायात नगर, जिला रीवा स्थित परिसम्पत्ति के निर्वर्तन के लिये एच-1 निविदाकार द्वारा निविदा मूल्य राशि 100 प्रतिशत जमा करने के बाद बुनकर संघ के परिसमापक संयुक्त संचालक, हाथकरघा संचालनालय भोपाल द्वारा उक्त 13 जुलाई 2047 तक लीज़ परिसम्पत्ति के विक्रय पंजीकृत अनुबंध का संपादन तथा रीवा नगर निगम द्वारा सम्पत्ति पंजी में एच-1 निविदाकार के पक्ष में नामांतरण करने का निर्णय लिया।

शिवराज सिंह चौहान ने संकेत दिए कि काेरोना कफर्यू राज्य में ओर बढ़ाया जाएगा;कहा कि,राज्य में संक्रमण पॉजीटिविटी रेट घटी है, लेकिन अब भी ढिलायी नहीं की जा सकती attacknews.in

कोविड केयर सेंटर में पोस्ट कोविड केयर की भी व्यवस्था रहेगी- चौहान

भोपाल, 14 मई ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि जिन कोरोना मरीजों को ठीक होने के बाद ‘पोस्ट कोविड केयर’ की आवश्यकता है, उनकी देखरेख कोविड केयर सेंटर में की जाए। इन सेंटर्स पर डॉक्टर की सलाह अनुसार ऐसे व्यक्तियों को आवश्यक उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।

श्री चौहान ने कहा कि ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं स्थापित की जा रही हैं। इस बीमारी के लिए उपयोगी दवा की कालाबाजारी और जमाखोरी को रोकने के लिए जिला प्रशासन सतर्क रहे।

कोरोना संक्रमण दर घटी, लेकिन ढिलायी बिल्कुल नहीं होगी – शिवराज

मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर की भयावह तस्वीर के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण (पॉजीटिविटी रेट) की दर घटी है, लेकिन अब भी ढिलायी नहीं की जा सकती है। उन्होंने संकेत दिए कि काेरोना कफर्यू राज्य में और बढ़ाया जाएगा।

श्री चौहान ने राज्य की जनता के नाम विशेष संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण दर 24 प्रतिशत तक पहुंच गयी थी, जो अब घटकर 11़ 8 प्रतिशत पर आ गयी है। साप्ताहिक पॉजीटिविटी रेट 14़ 8 प्रतिशत हो गयी है। कोरोना के नए 8087 मामले सामने आए हैं। लेकिन अभी हमको ढिलायी बिल्कुल नहीं बरतना है, वरना पूरे किए गए पर पानी फिर जाएगा।

श्री चौहान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग और सोशल मीडिया के जरिए मंत्रियों, सांसद, विधायकों, क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों, कोरोना के उपचार में लगे डॉक्टर्स, स्टाफ, शासकीय सेवकों तथा आमजन को संबोधित करते हुए कहा कि वे सबसे पहले कोरोना योद्धाओं को सलाम करते हैं, जिन्होंने जनता की सेवा में अपनी जान लगा दी। उन्होंने कहा कि हम सभी कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना बीमारी से दिवंगत हुए प्रत्येक व्यक्ति के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।

श्री चौहान ने कहा कि ऐसे बच्चे जिन्होंने कोरोना बीमारी में अपने माँ-बाप गवां दिए हैं, वे अनाथ नहीं होंगे। उनकी देखरेख मध्यप्रदेश सरकार करेगी। जब तक वे सक्षम नहीं हो जाते, उन्हें 5 हजार रूपए मासिक पेंशन दी जाएगी। उनकी नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी तथा उन्हें नि:शुल्क राशन भी दिया जाएगा।

चित्रकूट जेल में गैंगवार,मजदूर से कुख्यात अपराधी बना मुकीम काला और मेराजुद्दीन को अपराधी अंशुल दीक्षित ने ढेर कर दिया,बाद में अंशुल को पुलिस ने मार गिराया attacknews.in

चित्रकूट 14 मई । उत्तर प्रदेश की चित्रकूट जेल में शुक्रवार को हुयी गैंगवार में कुख्यात अपराधी मुकीम काला समेत तीन दुर्दांत मारे गये।मुकीम काला करीब 15 साल की उम्र में चिनाई मिस्त्रियों के साथ मजदूरी करता था. मुकीम ने 50 करोड़ से ज्यादा की लूटपाट की थी.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बन चुका मुकीम काला चित्रकूट जेल में बंद था जिसका जेल में अंदर एक अन्य अपराधी अंशु दीक्षित से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था।

इस बीच अंशु ने मुकीम काला और उसके साथी मेराजुद्दीन की हत्या कर दी। जेल में हुयी इस दुस्साहसिक घटना के बाद पुलिस ने अंशु को आत्मसमर्पण करने को कहा मगर उसके पुलिस पर गोली चलानी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में वह भी पुलिस की गोली से मारा गया।

चित्रकूट जेल में हुई गैंगवार में पश्चिम यूपी का कुख्यात बदमाश मुकीम काला ढेर, कभी करता था मजदूरी

कुख्यात बदमाश मुकीम काला गैंग के कारण साल 2013 में रंगदारी, डकैती और व्यापारियों की दिनदहाड़े हत्या से पश्चिम यूपी का कैराना देशभर में बदनाम हो गया था, मुकीम काला के नाम से व्यापारियों सहित आमजन थर्रा जाते थे. गैंग के लीडर के इशारे पर गैंग के बदमाश दिनदहाड़े व्यापारियों से रंगदारी मांगते थे और रंगदारी ना देने पर व्यापारियों की हत्या कर दी जाती थी।

2015 में कुख्यात बदमाश मुकीम काला और उसके साथी साबिर जंधेडी को नोएडा और मेरठ की स्पेशल टास्क फोर्स ने नोएडा गेट के पास से गिरफ्तार कर लिया था।उस दौरान दोनों बदमाशों से एक एके 47 रायफल, एक पिस्टल, एक रिवॉल्वर और भारी मात्रा में कारतूस भी बरामद किए थे. दोनों बदमाशों को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया था।करीब 3 साल पहले कुख्यात बदमाश मुकीम काला गैंग का शार्प शूटर साबिर को उसके गांव जंधेडी में पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था जिसके बाद मुकीम काला का गैंग बुरी तरह बिखर गया।

मुठभेड़ में साबिर के ढेर होने के बाद मुकीम काला को हरियाणा सहित अन्य राज्यों की जेलों में शिफ्ट किया जाता रहा. हाल के दिनों में कुख्यात बदमाश चित्रकूट की जेल में बंद था।ईद के दिन दोपहर के समय जेल के अंदर बदमाशों के बीच गैंगवार हुई, जिसमें मुकीम काला को मार दिया गया. मुकीम काला को मारने वाले बदमाश अंशुल दीक्षित को भी पुलिस ने मार गिराया है।

कैराना कोतवाली क्षेत्र के गांव जहानपुरा में मुकीम काला का मकान खंडहर बना हुआ है. जैसे ही मुकीम काला की चित्रकूट जेल के अंदर मौत की सूचना गांव पहुंची तो गांव में पूरी तरह सन्नाटा छा गया। कुछ ही ग्रामीण मुकीम के घर के आसपास एक दूसरे से जानकारी लेते नजर आए. गांव के रहने वाले महताब और इकराम ने बताया कि मुकीम काला करीब 15 साल की उम्र में चिनाई मिस्त्रियों के साथ मजदूरी करता था।

कुछ समय बाद मुकीम काला सहारनपुर क्षेत्र के कुख्यात बदमाश रहे मुस्तफा उर्फ कग्गा के संपर्क में आया. तभी से मुकीम काला जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया. जिस पर हरियाणा, उत्तराखंड सहित उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और शामली व कैराना थानों में करीब 61 मुकदमे दर्ज हैं।

गांव वालों का कहना है कि उसका परिवार कई साल से गांव में नहीं रहता, जबकि उसके बराबर में मौजूद उसके दो चाचा के मकान भी बंद पड़े हुए हैं. वहीं, कुख्यात बदमाश मुकीम काला की मौत के बाद व्यापारियों सहित आमजन ने भी राहत की सांस ली है।

मुकिम की गिरफ्तारी के दौरान इसकी निशानदेही पर कैराना से एके 47, 30 बोर पिस्टल मय दो मैगजीन तथा 65 कारतूस, रिवॉल्वर 38 बोर मय 34 कारतूस, 15 कारतूस 9 एमएम, एक मोबाइल फोन बरामद हुए थे. मुकीम पर हत्या के 16, लूट के 22 मामलों समेत कुल 61 दर्ज मामले संज्ञान में आए हैं।

शामली के जहानपुरा में रहने वाले मुस्तकीम का बेटा मुकीम बहुत जल्द जरायम की दुनिया का बादशाह बन गया था. मामूली वारदातों से अपराध की दुनिया में कदम रखा फिर पैसे की चाह में राहजनी की राह पर चल पड़ा. कुछ समय बाद कई साथियों के साथ पश्चिम उत्तर प्रदेश में आतंक बरपाने वाले कग्गा गिरोह में शामिल हो गया. शातिर कग्गा गिरोह में रहकर उसने कई जघन्य वारदातों को अंजाम दिया. कग्गा के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उसने खुद का गिरोह बना लिया और अपने क्षेत्र के साथियों की मदद से हरियाणा, पश्चिम उत्तर, दिल्ली और उत्तराखंड में अपराध को अंजाम दिया.

सिपाही राहुल ढाका की हत्या

मुकीम पर 50 करोड़ से ज्यादा की लूटपाट और अनगिनत हत्याओं का आरोप था. सात साल पहले पांच जून को हरियाणा में दो पेट्रोल पंपों से डकैती करके भागते हुए मुकीम काला ने दिनदहाड़े सहानपुर में हसनपुर रजवाहे पर सिपाही राहुल ढाका की हत्या कर उसकी कारबाइन लूट ली थी. तनिष्क ज्वेलरी शॉप में करोड़ों की डकैती डालने के बाद सहारनपुर पुलिस ने गैंग के सभी शार्प शूटरों और उसकी पत्नी को जेल भेजा था।

सहारनपुर किए गए अपराध

सिपाही राहुल ढाका की हत्या कर कारबाइन लूटी, देवबंद में सर्राफा कारोबारी की हत्या कर लाखों की लूट. देवबंद में गोल्ड सप्लायर से एक करोड़ का सोना लूटा. तनिष्क ज्वेलरी शॉप में करोड़ों की डकैती. बेहट में एक दर्जन से ज्यादा बार रायल्टी चेक पोस्ट पर लूट. गंगोह में मीट सप्लायर से 25 लाख की लूट. गंगोह में सर्राफा कारोबारी के यहां 80 लाख का डाका. एक दर्जन से ज्यादा व्यापारियों से रंगदारी वसूली।

मुकीम के गैंग में थे 16 शूटर

मुकीम काला के गिरोह में शामली, कैराना, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर के युवक शामिल थे. मुकीम ने अपने गैंग के साथ हरियाणा, पश्चिम उत्तर, दिल्ली और उत्तराखंड में अपराधों को इस कदर अंजाम दिया कि उत्तर प्रदेश में डेढ़ लाख और पड़ोसी राज्य ने पचास हजार का इनाम घोषित कर दिया।

मध्यप्रदेश में पत्रकारों और उनके परिजनों का काेरोना संबंधी निशुल्क इलाज सरकार कराएगी attacknews.in

भोपाल, 14 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि राज्य में कोरोना से पीड़ित पत्रकारों और उनके परिजनों के नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री चौहान ने यहां एक संदेश के जरिए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और डिजिटल मीडिया से जुड़े सभी अधिमान्य और गैर अधिमान्य साथियों और उनके परिजनों का कोरोना संबंधी इलाज राज्य सरकार कराएगी। इससे संबंधित योजना में प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और डिजिटल के संपादकीय विभाग में कार्य कर रहे सभी पत्रकार, डेस्क पर कार्यरत सभी साथी, कैमरामेन और फोटोग्राफर को शामिल किया गया है।

श्री चौहान ने कहा कि मीडिया के साथी कोरोना काल में जनजागृति का धर्म निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में अधिमान्य और गैरअधिमान्य पत्रकार साथियों को पहले से ही पत्रकार बीमा योजना के तहत उपचार की व्यवस्था की गयी है। अब कोरोना के इलाज की व्यवस्था सरकारी अस्पताल और अनुबंधित निजी अस्पताल में भी रहेगी।

भारत में पीएम केयर्स के अंतर्गत पिछले साल आपूर्ति किए गए वेंटिलेटर्स में से कुछ राज्यों ने वेंटिलेटर प्राप्त होने के बाद भी अभी तक इन्हें अस्पतालों में नहीं लगाया attacknews.in

प्रभावी कोविड प्रबंधन के लिए अस्पतालों के बुनियादी ढांचे को ‘मेड इन इंडिया’ वेंटिलेटर्स ने मज़बूत किया

दोष-रहित संचालन के लिए निर्माताओं द्वारा सभी प्रकार की तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है

नईदिल्ली 14 मई ।भारत सरकार पिछले वर्ष से, संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण के साथ अस्पतालों में कोविड रोगियों की देखभाल के प्रभावी प्रबंधन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों का पूरी तरह से समर्थन कर रही है। मौजूदा अस्पतालों के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए, केंद्र सरकार अप्रैल 2020 से वेंटिलेटर्स सहित आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की खरीद कर रही है और इन्हें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों/केंद्रीय अस्पतालों/ संस्थानों को प्रदान कर रही है।

कुछ मीडिया खबरों में कहा गया है कि पंजाब के फरीदकोट में जीजीएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को जिन वेंटिलेटर्स की आपूर्ति (पीएम केयर्स द्वारा समर्थित) की गई है, वे तकनीकी खराबी के कारण अप्रयुक्त पड़े हुए हैं और बिक्री के बाद खराब होने पर निर्माताओं ने इनसे संबंधित समस्या का समाधान नहीं किया है। इस मामले पर पूरी जानकारी नहीं होने से ये खबरें निराधार लग रही हैं।

पिछले वर्ष महामारी की शुरुआत में देश भर के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर बहुत सीमित संख्या में उपलब्ध थे। इसके अलावा, देश में वेंटिलेटर का बहुत सीमित विनिर्माण हो रहा था जबकि विदेशों के अधिकांश आपूर्तिकर्ता भारत में बड़ी मात्रा में वेंटिलेटरों की आपूर्ति करने की स्थिति में नहीं थे। इसके पश्चात, देश की व्यापक अनुमानित मांग और इनके लिए मिलने वाले आर्डर को पूरा करने की स्थिति को देखते हुए स्थानीय निर्माताओं को “मेक इन इंडिया” वेंटिलेटर का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था। इनमें से कई निर्माता वेंटिलेटर निर्माण के क्षेत्र में पहली बार उतरे थे। वेंटिलेटर मॉडलों का निर्माण बेहद कठिन स्क्रीनिंग, तकनीकी प्रदर्शन और नैदानिक सत्यापन प्रक्रिया के साथ बहुत ही सीमित समय में किया गया और इनकी आपूर्ति इस क्षेत्र के प्रबुद्ध विशेषज्ञों के माध्यम और उनकी मंजूरी के बाद ही की गई थी।

कुछ राज्य ऐसे हैं जिन्हें वेंटिलेटर प्राप्त हुए हैं लेकिन अभी तक उन्होंने इन्हें अस्पतालों में नहीं लगाया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने 11 अप्रैल 2021 को ऐसे सात राज्यों को पत्र लिखा है, जहाँ अभी भी 50 से अधिक वेंटिलेटर पिछले 4-5 महीनों से अस्पतालों में लगाए नहीं गए हैं। इन राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे इन्हें शीघ्रता से अस्पतालों में लगाऐं ताकि वेंटिलेटरों को इष्टतम उपयोग में लाया जा सके।

पंजाब के फरीदकोट के जीजीएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एजीवीए के 80 में से 71 वेंटिलेटर्स के संचालन में न होने या दोषपूर्ण होने की हाल ही की मीडिया रिपोर्ट के संदर्भ में यह स्पष्ट किया जाता है कि 88 वेंटीलेटर्स की आपूर्ति भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और पांच की एजीवीए के द्वारा की गई हैं। इन वेंटिलेटर्स की सफलतापूर्वक स्थापना और इनके संचालित होने के बाद ही, अस्पताल के अधिकारियों द्वारा इनके लिए फाइनल स्वीकृति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया था।

बीईएल ने बताया है कि जीजीएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीजीएसएमएमसीएच), फरीदकोट के अधिकांश वेंटिलेटर दोषपूर्ण नहीं हैं, जैसा कि मीडिया की कुछ खबरों में बताया जा रहा है। उनके इंजीनियरों ने पूर्व में प्राप्त शिकायतों को दूर करने के लिए विभिन्न मौकों पर उक्त मेडिकल कॉलेज का दौरा किया है और इनकी तत्काल आवश्यक मामूली मरम्मत भी की है। उन्होंने वहां के कर्मचारियों के सामने वेंटिलेटर के सही रूप से कार्य करने का स्थिति को बार-बार दिखाया भी हैं।

यह देखा गया कि केंद्रीय ऑक्सीजन गैस पाइपलाइनों में आवश्यक दबाव की अनुपलब्धता सहित जीजीएसएमसीएच में बुनियादी ढांचे के साथ कई अन्य समस्याएं हैं। इसके अलावा, अस्पताल के अधिकारियों द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार फ्लो सेंसर, बैक्टीरिया फिल्टर और एचएमई फिल्टर जैसे उपयोग किए जाने वाले उपकरणों को बदला नहीं जा रहा है या इन महत्वपूर्ण रूप से उपयोग किए जाने वाले उपकरणों के बिना ही वेंटिलेटर्स का उपयोग किया जा रहा है। सही गैस दबावों का रखरखाव (वायु दबाव और ऑक्सीजन दबाव के बीच अंतर 10 पीएसआई से अधिक नहीं हो सकता है) और इनके लिए उचित रूप से उपयोग किए जाने वाले उपकरणों का प्रयोग इनके सही रूप से संचालन के लिए आवश्यक है, इनके सही उपयोग के बिना सीवी 200 वेंटिलेटर की पूर्ण क्षमता की गारंटी नहीं है।

इसके अलावा, बीईएल इंजीनियरों ने गत12 मई, 2021 को फिर से जीजीएसएमसीएच का दौरा किया और केवल कुछ जरूरी उपयोग किए जाने वाले उपकरणों को बदलकर पांच वेंटिलेटर्स को फिर से संचालित कर दिया। जीजीएसएमसीएच के अधिकारियों के सामने इनके अधिकतम उपयोग के लिए इसका प्रदर्शन भी किया गया, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि अगर वेंटिलेटर्स को ठीक से संचालित किया जाता है तो इनसे विश्वसनीय सेवाऐं प्राप्त करते हुए इनका अधिकतम उपयोग किया जा सकता है।

उपयोगकर्ता नियमावली में दिए गए निर्देशों के अलावा, बुनियादी सुविधाओं की आवश्यकताओं, उचित उपयोग और सीवी 200 वेंटिलेटर के रखरखाव के बारे में सभी वेंटिलेटर उपयोगकर्ताओं को विस्तृत निर्देश और दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

इस मामले में, पंजाब के कई अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों द्वारा इनका पालन नहीं किया जा रहा है। इसकी बजाय, वे बिना किसी आधार के वेंटिलेटर्स के काम न करने को एक अनावश्यक मुद्दा बना रहे हैं।

यह स्पष्ट किया जाता है कि बीईएल इस महामारी की स्थिति में वेंटिलेटर के संबंध में हर आवश्यकता को पूरा करने के लिए राज्य द्वारा आवश्यक सभी तकनीकी सहायता प्रदान करना जारी रखेगा।

इसके अलावा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 9 मई 2021 को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखते हुए उन्हें एक बार फिर से वेंटिलेटर विनिर्माणकर्ताओं के हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी है, जो स्टिकर के रूप में वेंटिलेटर पर भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा, वास्तविक समय में किसी भी तकनीकी मुद्दे के समाधान के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के संबंधित नोडल अधिकारियों, उपयोगकर्ता अस्पतालों के प्रतिनिधियों और निर्माताओं की तकनीकी टीमों के साथ बनाए गए राज्यवार व्हाट्सएप समूहों पर भी इसकी जानकारी फिर से प्रदान की गई है। इन विनिर्माताओं की समर्पित ई-मेल आईडी भी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के साथ साझा की गई हैं।

कोरोना वायरस रोधी टीका बनाने वाली देश की कंपनी भारत बायोटेक ने गुजरात, असम, तमिलनाडु, कर्नाटक, ओडिशा सहित अन्य राज्यों को ‘कोवैक्सीन’ की आपूर्ति की attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 मई ।कोरोना वायरस रोधी टीका बनाने वाली देश की कंपनी भारत बायोटेक ने शुक्रवार को कहा कि उसने गुजरात, असम, तमिलनाडु, कर्नाटक और ओडिशा सहित विभिन्न राज्यों को ‘कोवैक्सीन’ की आपूर्ति की है।

हैदराबाद स्थित इस कंपनी को टीके की आपूर्ति से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल्ली सरकार की आलोचना भी सहनी पड़ी है। कंपनी ने कहा कि उसने केरल और उत्तराखंड को भी कोवैक्सीन की खेप भेजी है।

भारत बायोटेक की सह- संस्थापक और संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा ईला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘कोवैक्सीन को गांधीनगर, गुवाहटी, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलूरू और भुवनेश्वर भेजा गया। इसके लिये हमारे उन सभी कर्मचारियों को धन्यवाद जिन्होंने रमजान के पवित्र महीने के दौरान लगातार काम किया।’’

इससे पहले बृहस्पतिवार को देर रात किये गये ट्वीट में उन्होंने जानकारी दी कि केरल और उत्तराखंड को टीके की आपूर्ति कर दी गई है। हालांकि, उन्होंने टीके की मात्रा के बारे में नहीं बताया।

दिल्ली के उप- मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 12 मई को कहा कि भारत बायोटेक ने सूचित किया है कि वह राज्य सरकार को कोवैक्सीन की अतिरिक्त खेप उपलब्ध नहीं करा सकता है।

इस पर इला ने ट्वीट कर कहा कि यह दुखद है कि कुछ राज्य टीके की आपूर्ति के मामले में कंपनी की मंशा को लेकर शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी इससे पहले 10 मई को 18 राज्यों को कोवैक्सीन की आपूर्ति कर चुकी है।

पेट्रोल, डीजल के दाम फिर बढ़े,29 और 34 पैसे की बढोतरी के साथ रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंचे: सप्ताह के दौरान चौथी बार इन ईंधनों के दाम बढ़ाये गये attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 मई । पेट्रोल और डीजल के दाम शुक्रवार को देशभर में नई ऊंचाईयों पर पहुंच गये। सप्ताह के दौरान चौथी बार इन ईंधनों के दाम बढ़ाये गये हैं।

तेल कंपनियों की नई अधिसूचना के मुताबिक शुक्रवार को पेट्रोल का दाम 29 पैसे प्रति लीटर और डीजल का दाम 34 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिया गया

इस वृद्धि के बाद राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल का दाम 92.34 रुपये प्रति लीटर और डीजल का दाम 82.95 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया।

देश के कुछ राज्यों के शहरों में पहले ही पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर चुके हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों में दाम 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर पहुंच चुके हैं। वहीं मुंबई में भी पेट्रोल के दाम इस स्तर के करीब पहुंच चुके हैं।

मुंबई में एक लीटर पेट्रोल का दाम 98.65 रुपये और डीजल का दाम 90.11 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुका है। देश के विभिन्न शहरों में ईंधन के दाम में वहां वैट की दर अलग होने और माल पहुंचने का भाड़ा के मुताबिक पेट्रोल, डीजल के दाम अलग अलग होते हैं।

राजस्थान में पेट्रोल, डीजल पर सबसे ऊंची दर से मूल्य वर्धित कर (वैट) लगाया जाता है, उसके बाद मध्य प्रदेश में यह सबसे ज्यादा है। राजस्थान के श्री गंगानगर जिले में पेट्रोल का दाम सबसे ज्यादा 103.27 रुपये प्रति लीटर और डीजल का दाम 95.70 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच चुका है।

पेट्रोल, डीजल के दाम में ताजा वृद्धि इस सप्ताह में चौथी है जबकि चार मई के बाद से आठवीं बार इनके दाम बढ़ाये गये हैं। हालांकि, पिछले महीने पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान दाम स्थिर रहे। आठ बार की वृद्धि में पेट्रोल का दाम 1.95 रुपये और डीजल का दाम 2.22 रुपये लीटर बढ़ चुका है।

पिछले साल मार्च में जब सरकार ने पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर को अब तक के सबसे ऊंचे स्तर तक बढ़ा दिया था उसके बाद से लेकर अब तक पेट्रोल का दाम 22.75 रुपये और डीजल का दाम 20.66 रुपये प्रति लीटर बढ़ चुका है। इसमें बीच में आई गिरावट को भी गणना में शामिल किया गया है।

केन्द्र और राज्य सरकारें दोनों कुल मिलाकर पेट्रोल के खुदरा दाम में 60 प्रतिशत और डीजल के दाम में 54 प्रतिशत तक कर के रूप में प्राप्त करती हैं। इसमें से पेट्रोल पर 32.90 रुपये और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क के रूप में केन्द्र द्वारा लगाया जाता है।

गुजरात में 45 साल से अधिक उम्र वालों के लिए टीकाकरण तीन दिन रोका गया:कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने के केंद्र के फैसले के बाद यह कदम उठाया attacknews.in

अहमदाबाद, 14 मई । कोविड-19 टीकाकारण कार्यक्रम में बदलाव के बाद गुजरात में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण शुक्रवार से तीन दिन के लिए रोक दिया गया है। राज्य सरकार ने बताया कि कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने के केंद्र के फैसले के बाद यह कदम उठाया गया है।

हालांकि, राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन तीन दिनों के दौरान, 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए टीकाकरण जारी रहेगा जिन्होंने खुद को पंजीकृत करा लिया है और जिन्हें एसएमएस प्राप्त हो गए हैं।

केंद्र ने सरकारी समिति की अनुशंसा के बाद बृहस्पतिवार को कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतराल को छह से आठ हफ्ते से बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते तक बढ़ाने की मंजूरी दी।

विज्ञप्ति में कहा गया कि केंद्र के फैसले के बाद टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा के बाद, 45 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों को शुक्रवार, शनिवार और रविवार को टीका नहीं लगाया जाएगा।

इसमें कहा गया कि समूह के लिए टीकाकरण 17 मई से शुरू होगा।

ताजा आंकड़ों के अनुसार, करीब 1.47 करोड़ लोगों को राज्य में अब तक टीका लगाया जा चुका है।

इनमें से 1.09 करोड़ लोगों को टीके की पहली खुराक और 37.89 लाख लोगों को टीके की दूसरी खुराक दी जा चुकी है।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने।पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद की “तृणमूल कांग्रेस के गुंडों” की हिंसा से प्रभावित लोगों को आश्रय दे रहे असम के शिविर का दौरा किया attacknews.in

धुबरी (असम), 14 मई । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने असम के रनपगली में एक शिविर का शुक्रवार को दौरा किया जहां खुद को भाजपा समर्थक बता रहे कई परिवारों ने शरण ली हुई है। इन परिवारों का आरोप है कि विधानसभा चुनावों के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता उनपर अत्याचार कर रहे थे।

उत्तर बंगाल में कूच बिहार से भाजपा सांसद नीतीश प्रमाणिक के साथ धनखड़ ने असम के धुबरी जिले में शिविर का दौरा किया और लोगों से बात की । महिलाएं एवं बच्चों ने यहां शरण ली हुई है।

शिविर में रहे लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने दो मई को चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से बंगाल में अपने घर छोड़ दिए हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “तृणमूल कांग्रेस के गुंडों” ने उनके घरों में तोड़-फोड़ की।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने सड़क मार्ग से कूच बिहार से रनपगली में शिविर तक की यात्रा की और चुनाव बाद की हिंसा से कथित तौर पर प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन्हें सीतलकूची में काले झंडे दिखाए गए जहां चार ग्रामीण चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों की गोलीबारी में मारे गए थे जबकि जिले के दिनहाटा में उनके दौरे के वक्त “वापस जाओ” के नारे लगाए गए।

उनका दौरा होने तक राज्यपाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच जुबानी जंग होती रही।

मुख्यमंत्री ने बुधवार को उन्हें पत्र लिखकर दावा किया कि चुनाव बाद की हिंसा से प्रभावित कूच बिहार जिले का उनका दौरा नियमों का उल्लंघन करता है जबकि धनखड़ ने यह कहते हुए पलटवार किया कि वह संविधान के तहत अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।

नरेन्द्र मोदी ने पीएम-किसान योजना के तहत वित्तीय लाभ की 8वीं किस्त जारी की:एक बटन दबाकर 9.5 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों के खातों में 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि हस्तांतरित attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना (पीएम-किसान) के तहत वित्‍तीय लाभ की आठवीं किस्‍त जारी की। उन्होंने एक बटन दबाकर 9.5 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों के खातों में 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि हस्तांतरित की।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री और कई सांसद भी उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने किसान लाभार्थियों से बातचीत भी की।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र लाभार्थी किसान परिवारों को 6000 रुपये प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है, जो चार-चार महीने की अवधि में 2000 रुपये की तीन समान किस्तों में दिया जाता है।

यह रकम सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में डाली जाती है। आज से पहले, इस योजना के तहत अब तक किसान परिवारों को 1.15 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की सम्मान राशि हस्तांतरित की जा चुकी है।

गाजा से इजरायल में दागे गए 1500 रॉकेट’;जवाब में इजरायली हवाई हमलों में फिलिस्तीनी मृतकों की संख्या 67 हुई attacknews.in

यरुशलम 13 मई । इजरायल ने कहा है कि तनाव बढ़ने के बाद से गाजा पट्टी की ओर से इजरायल में लगभग 1500 रॉकेट दागे गए हैं।

इजरायली सेना ने बुधवार को देर रात बयान जारी कर यह जानकारी दी। इजरायली सेना ने बताया कि गाजा पट्टी की ओर से इजरायल में लगभग 1500 रॉकेट दागे गए हैं। इन रॉकेटों में से सैकड़ों को इजरायली वायु रक्षा प्रणालियों ने हवा में ही नष्ट कर दिया।

इजरायली सेना ने कहा, ” गाजा पट्टी की ओर से इजरायली सीमा में अब तक लगभग 1500 रॉकेट दागे गए हैं, जिनमें से लगभग 300 असफल रहे तथा गाजा पट्टी में ही गिर गए। आयरन डोम सिस्टम ने सैकड़ों रॉकेटों को नष्ट कर दिया है।”

इजरायली हवाई हमलों में फिलिस्तीनी मृतकों की संख्या 67 हुई

गाजा, से खबर है कि, गाजा पट्टी पर इजरायल के हवाई हमलों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या बढ़कर 67 हो गई है।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने दावा किया कि मृतकों में 17 बच्चे शामिल हैं। मंत्रालय के मुताबिक इजरायली हवाई हमले में 388 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 115 बच्चे तथा 50 महिलाएं शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि इजरायल तथा हमास ने सोमवार रात से एक-दूसरे पर सैकड़ों रॉकेट दागे हैं।

गाज़ा के स्थानीय लोगों का सवाल, ‘हम कहां जाएं?’

गाज़ा सिटी में 50 वर्षीय उम्म माजिद अल रईस को अपनी और अपने चार बच्चों की इज़राइल के हवाई हमले से जान बचाने के लिए पड़ोस के घर में शरण लेनी पड़ी, क्योंकि इज़राइल के जंगी जहाजों ने उनकी रिहायशी इमारत को निशाना बनाया है।

इज़राइल और गाज़ा पट्टी के बीच 2014 की जंग के बाद से सबसे भीषण हिंसा में इस हफ्ते हताहतों की संख्या बढ़ गई है जबकि अल रईस और अन्य फलस्तीनियों का सवाल है, “ हम कहां जाएं?”

अल रईस ने पड़ोस के घर से फोन पर बताया, “ पूरा क्षेत्र एक छोटा सा हिस्सा है। यह एक जेल है। आप कहीं भी जाएं, आप निशाने पर हैं।”

उन्होंने पड़ोस के घर में अपने किशोर बेटे- बेटियों के साथ शरण ली है। उन्होंने कहा कि बिना चेतावनी के इज़राइल ने हवाई हमले किए।

गाज़ा में 20 लाख लोग रहते हैं और यहां पर हवाई हमलों को लेकर सायरन या सुरक्षित घर नहीं हैं। बीते सालों में हुए टकरावों में संयुक्त राष्ट्र के अस्थायी आश्रय स्थलों तक पर हमला हुआ है। पिछले दो सालों में, इज़राइल ने हवाई हमलों के जरिए तीन बड़ी इमारतों को ध्वस्त किया है जिनमें हमास के अहम दफ्तर थे। इज़राइल ने पहले चेतावनी के लिए गोलियां चलाईं ताकि इमारत में रहने वाले लोग भाग सकें।

लड़ाकू विमानों ने बिना चेतावनी के कई रिहायशी इमारतों को निशाना बनाया है। इज़राइल का आरोप है कि इन इमारतों में चरमपंथी रहते हैं। कुल मिलाकर सोमवार से गाज़ा में 16 बच्चों समेत 65 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में चरमपंथी और आम नागरिक भी शामिल हैं। इनमें दो महिलाएं और बच्चे हैं जो इमारत पर हमले के दौरान मारे गए हैं।

एक महिला ने बताया कि इज़राइल के विमान ने बुधवार को एक दो मंजिला इमारत को निशाना बनाया जिसमें उनका चार वर्षीय पोता और गर्भवती बहू की मौत हो गई।

उम्म मोहम्मद अल तलबानी ने अस्पताल में बताया, “ उन्होंने बिना चेतावनी के बम दाग दिए। घर में बच्चों के अलावा कोई न था।”

इज़राइल की सरकार लंबे अरसे से आरोप लगाती रही है कि जवाबी हमलों के दौरान हमास आम नागरिकों को मानव कवच की तरह इस्तेमाल करता है और चरमपंथी अक्सर असैन्य इलाकों से रॉकेट दागते हैं और रिहायशी इमारतों में कमान केंद्र स्थापित करते हैं। फिर भी इज़राइल की हमास के साथ 2014 युद्ध में इमारतों को निशाना बनाने के लिए काफी आलोचना की गई थी।

गाज़ा के निवासियों ने पहले की जंगों को याद करते हुए कहा कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। वे इस संकरी क्षेत्र को नहीं छोड़ सकते हैं जो दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले स्थानों में से एक है।

वर्ष 2007 में गाज़ा पर हमास के नियंत्रण के बाद से वह इज़राइल और मिस्र की नाकेबंदी का सामना कर रहा है।

हमास और अन्य चरमपंथी संगठनों ने तेल अवीव समेत इज़राइल के कई शहरों पर सैकड़ों रॉकेट दागे हैं जिनमें कम से कम सात लोगों की मौत हुई है।

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने इमोला ऐक्विज़िशन कॉरपोरेशन द्वारा इनग्राम माइक्रो इंक की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और एकमात्र नियंत्रण के प्रस्तावित अधिग्रहण को मंजूरी दी attacknews.in

नईदिल्ली 13 मई । भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने इमोला ऐक्विज़िशन कॉरपोरेशन द्वारा इनग्राम माइक्रो इंक की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और एकमात्र नियंत्रण के प्रस्तावित अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है।

यह प्रस्तावित संयोजन इनग्राम माइक्रो इंक की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और इसके एकमात्र नियंत्रण के प्रस्तावित अधिग्रहण के साथ इसकी मूल कंपनियों (i) जीसीएल निवेश प्रबंधन इंक और जीसीएल इन्वेस्टमेंट होल्डिंग इंक एवं (ii) इसकी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सहायक कंपनियों (जिन्हें सामूहिक रूप से इनग्राम माइक्रो के रूप में संदर्भित किया जाता है) से संबंधित है।

इमोला, प्लेटिनम इक्विटी ग्रुप से संबंधित एक नई निगमित इकाई है। प्लेटिनम इक्विटी ग्रुप को ऐसी कंपनियों के विलय, अधिग्रहण और संचालन में विशेषज्ञता हासिल है जो सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, रसद, धातु सेवाओं, विनिर्माण और वितरण सहित व्यवसायों की एक विस्तृत श्रृंखला में ग्राहकों को सेवाएं और समाधान प्रदान करती हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की इनग्राम माइक्रो का मुख्यालय अमेरिका में है और यह प्रौद्योगिकी वितरण और रसद, गूढ़ समाधानों और ई-कॉमर्स आपूर्ति श्रृंखला सेवाओं में विशेषज्ञता रखती है।

सीसीआई के विस्तृत आदेश का अनुपालन किया जाएगा।

2 से 18 वर्ष के आयुवर्ग में “कोवैक्सीन” टीका के नैदानिक परीक्षण के लिए भारत बॉयोटैक को अनुमति DCGI ने प्रदान की attacknews.in

नयी दिल्ली 13 मई । देश के राष्ट्रीय नियामक भारतीय औषधि महानियंत्रक(डीसीजीआई) ने दो से 18 वर्ष के आयुवर्ग में कोवैक्सीन के नैदानिक परीक्षण के लिए भारम बॉयोटैक लिमिटेड को अनुमति दी है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

हैदराबाद स्थित मेसर्स भारत बॉयोटैक इंटरनेशनल लिमिटेड ने दो से 18 वर्ष के आयुवर्ग में कोवैक्सीन के द्वितीय एवं तृतीय चरण के नैदानिक परीक्षण के लिए प्रस्ताव दिया था , जिसमें 525 स्वस्थ स्वयंसेवकों का परीक्षण किया जायेगा।

प्रस्ताव पर 11 मई को विषय विशेषज्ञ समिति ने विचार-विमर्श किया और कुछ शर्तों के साथ कोवैक्सीन के द्वितीय एवं तृतीय चरण के नैदानिक परीक्षण की अनुमति दी गयी।