कोविंड केयर सेंटर में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत होने के बाद भीड़ ने जूनियर डॉक्टर को पीटा, 3 हमलावर गिरफ्तार attacknews.in

असम 02 जून । असम के एक कोविंड केयर सेंटर में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत होने के बाद भीड़ ने एक जूनियर डॉक्टर के साथ मारपीट की।

यह घटना मंगलवार की है। रिपोर्ट के अनुसार कोरोना संक्रमित एक मरीज की इलाज के दौरान मौत के बाद उसके रिश्तेदारों ने एक जूनियर डॉक्टर पर हमला कर दिया। इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और डॉक्टर समुदाय और अन्य लोगों ने घटना के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी है।

यह घटना मध्य असम के होजई जिले के एक कोविड केयर सेंटर में हुई। इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ऑफ होजई यूनिट ने सभी दोषियों की गिरफ्तारी तक कार्यों का पूर्ण बहिष्कार करने का आह्वान किया है।

राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इसे ‘बर्बर’ हमला करार देते हुये असम पुलिस को दोषियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है

मध्य असम के होजई जिले के उदाली सीसीसी में तैनात डॉक्टर सेउज कुमार सेनापति पर मरीज के महिला समेत करीब 20 रिश्तेदारों ने हमला कर दिया।

मध्यप्रदेश की 22 हजार 813 ग्राम पंचायतों में से 20 हजार 565 ग्राम पंचायतें कोरोना मुक्त; शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि,प्रदेश में तीसरी लहर न आए ऐसे प्रयास किए जाएँ attacknews.in

भोपाल 27 मई ।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में इस तरह के प्रयास किए जाएँ कि कोरोना की तीसरी लहर आए ही नहीं। किल-कोरोना अभियान-4 में अधिक से अधिक टेस्ट किए जाएँ, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जाए तथा माइक्रो कंटेनमेंट क्षेत्र बनाए जाएँ। एक-एक मरीज की पहचान कर उन्हें नि:शुल्क मेडिकल किट प्रदान करने का कार्य निरंतर जारी रहे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना नियंत्रण का मूलमंत्र है जनता की भागीदारी। गाँव, कस्बों और शहरों के क्राइसिस मैनेजमेंट समूह निरंतर सक्रिय रूप से कार्य करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की 22 हजार 813 ग्राम पंचायतों में से 20 हजार 565 ग्राम पंचायतें कोरोना मुक्त हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान उपस्थित थे।

तीसरी लहर के संबंध में अध्ययन करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि कोरोना की तीसरी लहर के संबंध में देश-दुनिया में अध्ययन करें। विशेषज्ञों के साथ चर्चा करें तथा उसके अनुसार पूरी तैयारी करें। स्वास्थ्य सेवाओं को निरंतर बेहतर बनाया जाए।

1977 नए प्रकरण

प्रदेश में 1977 नए प्रकरण आए हैं। प्रदेश की साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 4% तथा आज की पॉजिटिविटी रेट 2.8% है। पिछले 24 घंटों में 6888 मरीज स्वस्थ हुए हैं तथा एक्टिव मरीजों की संख्या 38327 हो गई है।

दो जिलों में ही 100 से अधिक नए प्रकरण

प्रदेश के दो जिलों इंदौर एवं भोपाल में ही 100 से अधिक नए प्रकरण आए हैं। इंदौर में 533 एवं भोपाल में 409 नए प्रकरण आए हैं। इसके अलावा तीन जिलों जबलपुर(99), सागर (96) तथा ग्वालियर (51) में 50 से अधिक प्रकरण हैं।

46 जिलों में 5 प्रतिशत से कम पॉजिटिविटी दर

प्रदेश के 46 जिलों में 5% से कम पॉजिटिविटी दर है। छह जिलों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर इंदौर (8.1%), भोपाल (7.7%), सागर (7%), रतलाम (6.1%), अनूपपुर (6.6%) तथा रीवा में (5.2%) है।

खरगोन जिले को बधाई

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खरगोन जिले में कोरोना संक्रमण को प्रभावी रूप से नियंत्रित किए जाने के लिए खरगौन जिले की पूरी टीम को बधाई दी। यहाँ आज की पॉजिटिविटी दर 2.1% है और 25 नए प्रकरण आए हैं। नीमच में भी स्थिति बेहतर है। आज की पॉजिटिविटी दर 3.7% है और 19 नए प्रकरण आए हैं। बड़वानी जिले में भी कोरोना पर अच्छा नियंत्रण है। यहाँ की साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 0.7% और आज की पॉजिटिविटी दर 0.6% है। आठ नए प्रकरण हैं। धार जिले में भी संक्रमण नियंत्रित है, यहां की साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 3.9% है।

2500 इंजेक्शन प्राप्त, 6100 का अलॉटमेंट

प्रदेश में ब्लैक फंगस के उपचार के लिये 6100 एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का अलाटमेंट मिला है और 2500 इंजेक्शन प्राप्त हो चुके हैं। इंजेक्शन प्रदेश के प्रत्येक जिले को भिजवाए जा रहे हैं। इसी के साथ इसकी टैबलेटस भी प्राप्त हो रही हैं। प्रदेश में वर्तमान में इस रोग के 1061 मरीज हैं।

प्राणायाम फेफड़ों को मजबूत करता है

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्राणायाम से फेफड़े मजबूत होते हैं। स्वास्थ्य विभाग, आयुष विभाग के साथ मिलकर योग एवं प्राणायाम का प्रशिक्षण सभी इच्छुक व्यक्तियों को देने की व्यवस्था करे। वर्तमान में ‘योग से निरोग’ कार्यक्रम के अंतर्गत होम आइसोलेशन और कोविड केअर सेंटर्स आदि में योग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

गृह मंत्रालय ने राज्यों में कोरोना महामारी से निपटने के दिशा निर्देशों में कोई ढील नहीं देते हुए आगामी 30 जून तक सख्ती से लागू करने को कहा attacknews.in

नयी दिल्ली 27 मई ।केन्द्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे कोरोना महामारी से निपटने में किसी तरह की ढील नहीं बरतें और पहले से जारी दिशा निर्देशों और उपायों को आगामी 30 जून तक सख्ती से लागू करें।

गृह मंत्रालय ने गुरूवार को जारी एक आदेश में कहा है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए उसके द्वारा गत 29 अप्रैल को और केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गत 25 अप्रैल को जारी दिशा निर्देश देश भर में आगामी 30 जून तक लागू रहेंगे।

केन्द्रीय गृह सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा है कि सख्त नियमों , दिशा निर्देशों तथा उपायों के चलते देश के दक्षिण और पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश भर में संक्रमण के मामलों में कमी का रूख है ।

उन्होंने कहा कि संक्रमण के मामलों में कमी का रूझान होने के बावजूद सक्रिय मामलों की संख्या अभी काफी ज्यादा है इसलिए कड़े दिशा निर्देशों और उपायों को लागू रखना महत्वपूर्ण है। राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश स्थिति का आंकलन करने के बाद उचित समय पर और धीरे धीरे स्थानीय स्तर पर इनमें ढील देने के बारे में विचार कर सकते हैं।

उन्होंने कहा है कि इसे ध्यान में रखते हुए राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश जिला प्रशासनों को जरूरी निर्देश दे सकती हैं।

उन्होंने कहा है कि राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को महामारी से निपटने के लिए किये जाने वाले उपायों तथा इससे संबंधित दिशा निर्देशों के बारे में व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करना चाहिए जिससे कि सभी लोगों को इनकी जानकारी मिल सके।

कोरोना मिशन मोड में 200 से अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों द्वारा देश के 13 में 775 से अधिक टैंकरों से 12,630 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाई गई attacknews.in

45 टैंकरों में 784 एमटी एलएमओ से भरी हुई 10 ऑक्सीजन एक्सप्रेस चल रही हैं

ऑक्सीजन एक्सप्रेस अब रोजाना 800 एमटी से अधिक एलएमओ देश में पहुंचा रही हैं

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 13 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा पंजाब, केरल, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश- को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई

अब तक महाराष्ट्र में 521 एमटी ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3189 एमटी, मध्य प्रदेश में 521 एमटी, हरियाणा में 1549 एमटी, तेलंगाना में 772 एमटी, राजस्थान में 98 एमटी, कर्नाटक में 641 एमटी, उत्तराखंड में 320 एमटी, तमिलनाडु में 584 एमटी, आंध्र प्रदेश में 292 एमटी, पंजाब में 111 एमटी, केरल में 118 एमटी तथा दिल्ली में 3915 एमटी से अधिक ऑक्सीजन पहुंचाई गई

नईदिल्ली 20 मई ।भारतीय रेल सभी बाधाओं को पार करते हुए तथा नए समाधान निकाल कर देश के विभिन्न राज्यों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाना जारी रखे हुए है। भारतीय रेल द्वारा अभी तक देश के विभिन्न राज्यों में 775 से अधिक टैंकरों में 12630 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाई गई है।

ज्ञात हो कि लगभग 200 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियों ने अब तक अपनी यात्राएं पूरी कर ली हैं और विभिन्न राज्यों को सहायता पहुंचाई है।

इस विज्ञप्ति के जारी होने के समय तक 45 टैंकरों में 784 एमटी तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) से भरी 10 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां चल रही हैं।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा अब रोजाना 800 एमटी से अधिक एलएमओ देश में पहुंचाई जा रही है।

भारतीय रेलवे का यह प्रयास रहा है कि ऑक्सीजन का अनुरोध करने वाले राज्यों को कम से कम संभव समय में अधिक से अधिक संभव ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 13 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, पंजाब, केरल, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई है।

अब तक महाराष्ट्र में 521 एमटी ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3189, मध्य प्रदेश में 521 एमटी, हरियाणा में 1549 एमटी, तेलंगाना में 772 एमटी, राजस्थान में 98 एमटी, कर्नाटक में 641 एमटी, उत्तराखंड में 320 एमटी, तमिलनाडु में 584 एमटी, आंध्र प्रदेश में 292 एमटी, पंजाब में 111 एमटी, केरल में 118 एमटी तथा दिल्ली में 3915 एमटी से अधिक ऑक्सीजन पहुंचाई गई है।

पूरे देश से जटिल परिचालन मार्ग नियोजन परिदृश्य में भारतीय रेल ने पश्चिम में हापा तथा मुंदड़ा, पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटा नगर, अंगुल से ऑक्सीजन लेकर उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश को ऑक्सीजन की डिलीवरी की है।

ऑक्सीजन सहायता तेज गति से पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रही है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्रथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं ताकि तेज संभव समय में ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। विभिन्न सेक्शनों में कर्मियों के बदलाव के लिए तकनीकी ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।

रेल मार्गों को खुला रखा गया है और उच्च सतर्कता बरती जा रही है ताकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस समय पर पहुंच सकें।

यह सभी काम इस तरह किया जा रहा है कि अन्य माल ढ़ुलाई परिचालन में कमी नहीं आए।

नई ऑक्सीजन लेकर जाना बहुत ही गतिशील कार्य है और आंकड़े हर समय बदलते रहते हैं। देर रात ऑक्सीजन से भरी और अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां यात्रा प्रारंभ करेंगी।

रेलवे ने ऑक्सीजन सप्लाई स्थानों के साथ विभिन्न मार्गों की मैपिंग की है और राज्यों की बढ़ती हुई आवश्यकता के अनुसार अपने को तैयार ऱखा है। भारतीय रेल को एलएमओ लाने के लिए टैंकर राज्य प्रदान करते हैं।

नरेन्द्र मोदी ने बताया:ये कोरोना वायरस अपना स्वरूप बदलने में माहिर है या कहें कि यह बहुरूपिया तो है ही, धूर्त भी है,इसलिए इससे निपटने के हमारे तरीके और हमारी रणनीति भी विशेष होनी चाहिए attacknews.in

टीकाकरण पर राज्यों से मिले सुझावों को आगे बढ़ा रहा है केंद्र: मोदी

नयी दिल्ली, 20 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि टीकाकरण की रणनीति को लेकर केंद्र सरकार, राज्यों से मिले सभी सुझावों को आगे बढ़ा रही है और इसे ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों को अगले 15 दिनों की, टीकों की खुराक की सूचना उपलब्ध करा रहा है।

उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में टीकों की आपूर्ति आसान होगी और इससे टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया को भी आसान बनाने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से छत्‍तीसगढ़, हरियाणा, केरल, महाराष्‍ट्र, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्‍थान, उत्‍तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश के जिला अधिकारियों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों से संवाद कर रहे थे।

ज्ञात हो कि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्‍यों में कोविड-19 मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

अधिकारियों से संवाद के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पिछली महामारियां हों या कोरोना वायरस से पैदा हुई ताजा स्थिति, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘महामारी से लड़ाई के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर नवोन्मेष बहुत ज़रूरी है। ये वायरस अपना स्वरूप बदलने में माहिर है। या कहें कि यह बहुरूपिया तो है ही, धूर्त भी है। इसलिए इससे निपटने के हमारे तरीके और हमारी रणनीति भी विशेष होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘टीकाकरण की रणनीति में भी हर स्तर पर राज्यों और अनेक पक्षों से मिलने वाले सुझावों को शामिल करके आगे बढ़ाया जा रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते कुछ समय से देश में विभिन्न अस्पतालों में उपचाररत मरीजों की संख्या कम होने लगी है लेकिन जब तक ये संक्रमण छोटे स्तर पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है।

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड महामारी की दूसरी लहर के बीच वायरस के स्वरूपों की वजह से अब युवाओं और बच्चों के लिए ज्यादा चिंता जताई जा रही है।’’

प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जिस तरह से वह जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं, इससे इस चिंता को गंभीर होने से रोकने में मदद मिली है लेकिन इसके बावजूद सभी को आगे के लिए तैयार रहना ही होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जीवन बचाने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाए रखने की भी है। गरीबों के लिए मुफ्त राशन की सुविधा हो, दूसरी आवश्यक आपूर्ति हो, कालाबाज़ारी पर रोक हो, ये सब इस लड़ाई को जीतने के लिए भी जरूरी हैं, और आगे बढ़ने के लिए भी आवश्यक है।’’

प्रधानमंत्री ने इस संवाद के दौरान टीका की बर्बादी रोकने पर भी जोर दिया और कहा कि एक भी खुराक के व्यर्थ जाने का मतलब है, किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं दे पाना।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए टीकों की बर्बादी रोकना जरूरी है।’’

वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने बताया:भारत में पिछले एक हफ्ते कोरोना के नये मामलों में 13% की गिरावट,फिर भी संक्रमण के नये मामले दुनिया भर में सबसे ज्यादा attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, 19 मई । भारत में पिछले एक हफ्ते में कोविड-19 के नये मामलों में 13 प्रतिशत की गिरावट देखी गई लेकिन फिर भी संक्रमण के नये मामले दुनिया भर में सबसे ज्यादा भारत में ही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह बात कही है।

डब्ल्यूएचओ को राष्ट्रीय अधिकारियों से 16 मई तक प्राप्त कोविड-19 साप्ताहिक महामारी विज्ञान अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक पिछले सप्ताह दुनिया भर में नये मामलों और मौतों में लगातार कमी देखी गई है जहां 48 लाख से कुछ अधिक नये मामले सामने आए और मौत के नये मामले 86,000 से नीचे रहे। पिछले से पिछले हफ्ते के मुकाबले यह क्रमश: 12 प्रतिशत और पांच प्रतिशत घटा है।

संगठन ने कहा कि सर्वाधिक नये मामले भारत से (23, 87, 663 नये मामले) सामने आए जो उससे पिछले हफ्ते की तुलना में 13 प्रतिशत घटे हैं।

इसके बाद ब्राजील से (4,37,076 नये मामले, तीन प्रतिशत की वृद्धि), अमेरिका (2,35,638 नये मामले, 21 प्रतिशत गिरावट), अर्जेंटीना (1,51,332 नये मामले, आठ प्रतिशत वृद्धि) और कोलंबिया (1,15,834, छह प्रतिशत वृद्धि) से सामने आए हैं।

मौत के सर्वाधिक नये मामले भी भारत से ही सामने आए हैं जहां 27,922 नये मामले दर्ज किए गए। प्रति एक लाख आबादी दो नये मरीजों की मौत हो रही है, यह चार प्रतिशत वृद्धि है। इसके बाद नेपाल (1,224 नयी मौतें, प्रति 1,00,000 आबादी 4.2 नयी मौत, 266 प्रतिशत वृद्धि) और इंडोनेशिया (1,125 नयी मौतें, प्रति एक लाख आबादी 0.4 नई मौत, पांच प्रतिशत गिरावट) से सामने आए हैं।

डब्ल्यूएचओ द्वारा राष्ट्रीय अधिकारियों से नौ मई तक प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, भारत में सर्वाधिक नये मामले 27,38,957 दर्ज किए जो उससे पहले के सप्ताह से पांच प्रतिशत अधिक है।

डब्ल्यूएचओ के अनुमान के मुताबिक, भारत में संक्रमण के कुल मामले 2.46 करोड़ हैं और कुल मौत 2,70,284 है।

आंकड़ों में यह भी बताया गया कि पिछले हफ्ते दक्षिण पूर्वी एशिया क्षेत्र में पिछले हफ्ते 25 लाख से अधिक नये मामले सामने आए हैं और 30,000 से अधिक मरीजों की मौत हुई है जो उससे पिछले सप्ताह की तुलना में क्रमश: 12 प्रतिशत और सात प्रतिशत कम है।

संगठन ने कहा कि नये मामले सामने आने लगातार नौ हफ्ते तक बढ़ने के बाद घटे हैं हालांकि कुल संख्या वैश्विक महामारी शुरू होने के बाद से अब तक के उच्चतम स्तर पर है। साथ ही कहा कि मौत के मामले लगातार नौंवे हफ्ते में भी बढ़े हैं।

CBSE ने रद्द की गई 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम के अंकों की गणना।करने की समयसीमा 30 जून तक बढ़ायी;फार्मूले के तहत प्रत्येक विषय में 20 अंक आंतरिक मूल्यांकनऔर 80 अंकों की गणना वर्ष भर में कक्षा में विभिन्न परीक्षा या टेस्ट में छात्र को मिले अंकों के आधार पर होगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 18 मई । केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं कक्षा की परीक्षा के अंकों की गणना एवं सारणीबद्ध करने तथा इसे बोर्ड को भेजने की समयसीमा को 30 जून तक बढ़ा दिया है । अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी ।

सीबीएसई ने इससे पहले घोषणा की थी कि वह अंकों को सारणीबद्ध करने की पूरी प्रक्रिया 11 जून तक पूरा कर लेगी और परिणाम 20 जून तक घोषित किये जायेंगे ।

हालांकि, कोविड-19 महामारी की वर्तमान स्थिति और कई राज्यों में लॉकडाउन लागू होने के कारण शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समयसीमा बढ़ाने का फैसला किया गया है ।

सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, ‘‘ सीबीएसई शिक्षकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है । महामारी की स्थिति और कुछ राज्यों में लॉकडाउन तथा संबद्ध स्कूलों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने तिथियों को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अंक 30 जून तक बोर्ड को भेज दिये जायेंगे। शेष गतिविधियों के बारे में सीबीएसई की योजना के आधार पर परिणाम समिति अपना कार्यक्रम तय कर सकती है । ’’

गौरतलब है कि सीबीएसई ने इस महीने के प्रारंभ में 10वीं बोर्ड की रद्द की गई परीक्षा के संबंध में अंकों की गणना का फार्मूला पेश किया था । यह परीक्षा देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए रद्द कर दी गई थी ।

इस फार्मूले के तहत प्रत्येक विषय में 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के होंगे और 80 अंकों की गणना वर्ष भर में कक्षा में विभिन्न परीक्षा या टेस्ट में छात्र को मिले अंकों के आधार पर होगी ।

बोर्ड ने स्कूलों को परिणाम समिति का गठन करने को कहा था जिसमें अंकों को अंतिम रूप देने के लिये प्राचार्य और सात शिक्षक शामिल होंगे । स्कूल के पांच शिक्षक गणित, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और दो भाषाओं के होंगे तथा दो शिक्षक पड़ोस के स्कूल के होंगे जो समिति में बाह्य सदस्य के रूप में होंगे ।

भारद्वाज ने कहा था ‘‘ आठ सदस्यीय स्कूली परिणाम समिति का गठन 5 मई तक किया जाना चाहिए । स्कूलवार तरीके से अंकों के वितरण एवं संबंधित दस्तावेज को अंतिम रूप देने का कार्य 10 मई तक हो जाए । जिन छात्रों ने वर्ष में पर्याप्त संख्या में टेस्ट में हिस्सा नहीं लिया है, उनका 15 मई तक टेलीफोन या ऑनलाइन माध्यम से मूल्यांकन किया जाए और परीक्षा परिणाम तैयार किया जाए । ’’

गौरतलब है कि सीबीएसई ने 14 अप्रैल को 10वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने तथा 12वीं बोर्ड परीक्षा स्थगित करने का फैसला किया था । इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय किया गया था ।

मध्यप्रदेश में कोविड संकटकाल के दौरान दिवंगत हुए कर्मचारियों के लिए अनुकंपा नियुक्ति योजना की घोषणा attacknews.in

भोपाल, 17 मई ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना संकटकाल के दौरान दिवंगत हुए राज्य के कर्मचारियों के लिए आज मुख्यमंत्री कोविड 19 अनुकंपा नियुक्ति के साथ ही प्रत्येक ऐसे कर्मचारियों के आश्रितों को अनुग्रह राशि के रूप में पांच पांच लाख रुपए देने की घाेषणा की।

श्री चौहान ने वीडियाे संदेश के जरिए यहां यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमारे कर्मचारी राज्य सरकार के अभिन्न अंग हैं। कोरोना संकटकाल में जहां हम लोगों से घरों में रहने के लिए कह रहे हैं, वहीं इन कर्मचारियों ने घर से बाहर निकलकर बेहतर कार्य किया और व्यवस्थाएं बिगड़ने नहीं दीं। ये कर्मचारी दिन रात जनता की सेवा में लगे हुए हैं। जान हथेली पर रखकर कार्य कर रहे हैं

भारत में डीआरडीओ द्वारा विकसित कोविड-19 रोधी दवा 2-डीजी जारी,इस दवा से मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता कम करने में मदद होगी साथ ही मरीज जल्दी ठीक होते हैं attacknews.in

नयी दिल्ली 17 मई । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित की गयी कोविड-19 रोधी दवा 2-डीजी की पहली खेप सोमवार को जारी की।

कोविड-19 के मध्यम लक्षण वाले तथा गंभीर लक्षण वाले मरीजों पर 2-डीऑक्सी-डी-ग्लुकोज (2-डीजी) दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) की ओर से मंजूरी मिल चुकी है।

इस अवसर पर अपने संक्षिप्त संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि यह दवा कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए उम्मीद की किरण ले कर आई है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह देश के वैज्ञानिक कौशल का अनुपम उदाहरण है।’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह समय थकने और आराम करने का नहीं है क्योंकि इस महामारी के स्वरूप को लेकर कुछ भी निश्चित जानकारी नहीं है।

डीआरडीओ की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘‘हमें ना तो थकना है और ना ही आराम करना है। क्योंकि यह लहर दूसरी बार आई है और इसे लेकर कुछ निश्चित जानकारी नहीं है। हमें बहुत सावधानी से कदम आगे बढ़ाना है।’’

उन्होंने कहा कि चाहे ऑक्सीजन की आपूर्ति का मामला हो या आईसीयू बिस्तरों या तरल ऑक्सीजन के परिवहन के लिए क्रायोजेनिक टैंकरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात हो, सरकार ने पूरी स्थिति को बेहद गंभीरता से लिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त हो चुके चिकित्सकों को स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए मोर्चे पर लगाया गया है। सेवा के बाद भी इस अभियान में जुड़े चिकित्सकों की मैं दिल से सराहना करता हूं।’’

रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर सशस्त्र बलों की ओर से कोविड-19 के खिलाफ देश की लड़ाई में किए जा रहे योगदानों की चर्चा की और कहा कि इसके बावजूद सीमाओं पर उनके क्रियाकलापों पर कोई असर नहीं पड़ा है।

उन्होंने कहा, ‘‘इन सब मुसीबतों के बीच हमने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि सीमाओं पर हमारी तैयारियों पर कोई असर ना पड़े। हमारे बलों के जज्बे में कहीं भी कोई कमी नहीं आई है। हम इसे अच्छी तरह जानते हैं। मुसीबत कितनी भी बड़ी क्यों ना हो, जीत हमारी होगी।’’

रक्षा मंत्रालय ने आठ मई को एक बयान में कहा था कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) के क्लीनिकल परीक्षण में पता चला है कि इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही इस दवा से मरीज जल्दी ठीक होते हैं।

इस दवा को ऐसे समय में मंजूरी मिली है जब भारत कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चपेट में है और देश के स्वास्थ्य ढांचे पर इसका गहरा असर पड़ा है।

कोविड-19 रोधी इस दवा को डीआरडीओ की अग्रणी प्रयोगशाला नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (इनमास) ने हैदराबाद के डॉक्टर रेड्डीज प्रयोगशाला के साथ मिलकर विकसित किया है।

यह दवा एक सैशे में पाउडर के रूप में उपलब्ध रहेगी जिसे पानी में मिलाकर मरीजों को पीना है।

विश्वविद्यालय को मिले ₹ 48 लाख सरकारी अनुदान को अवैध तरीके से निकालने पर कुलपति,कुलसचिव, विधायक और स्टाफ समेत 11 के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज attacknews.in

रांची, 16 मई । झारखंड के बड़कागांव से कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद, विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति सहित 11 लोगों के खिलाफ बड़कागांव थाना में मामला दर्ज किया गया है।

कर्णपुरा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य रामसेवक महतो द्वारा दायर किए गए मामले में कोर्ट के आदेश के बाद बड़कागांव थाना में यह प्राथमिकी दर्ज की गई है। बड़कागांव थाना में मुकदमा संख्या 113/21 में बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद, विनोबा भावे विश्वविद्यालय के वीसी डॉ. मुकुल नारायण देव, रजिस्ट्रार बंशीधर प्रसाद रुखैयार, डॉ. कौशलेंद्र कुमार, सुरेश महतो, संजय कुमार, कृति नाथ, विशेश्वर नाथ चौबे, कुमार महतो और अरविंद कुमार को अभियुक्त बनाया गया है।

झारखंड के बड़कागांव से कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के खिलाफ बड़कागांव थाना में एफ आई आर दर्ज हुई है।अंबा प्रसाद की उम्र 31 साल की हैं।उन्होंने 29 साल की उम्र में बड़कागांव विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर झारखंड की सबसे कम उम्र की विधायक बनने का खिताब हासिल किया और अब विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति सहित 11 लोगों के खिलाफ बड़कागांव थाना में मामला दर्ज किया गया है।

कर्णपुरा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य रामसेवक महतो द्वारा दायर किए गए मामले में कोर्ट के आदेश के बाद बड़कागांव थाना में यह प्राथमिकी दर्ज की गई है।

बड़कागांव थाना में मुकदमा संख्या 113/21 में बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद, विनोबा भावे विश्वविद्यालय के वीसी डॉ. मुकुल नारायण देव, रजिस्ट्रार बंशीधर प्रसाद रुखैयार, डॉ. कौशलेंद्र कुमार, सुरेश महतो, संजय कुमार, कृति नाथ, विशेश्वर नाथ चौबे, भोगेश्वर कुमार महतो और अरविंद कुमार को अभियुक्त बनाया गया है. इससे पहले भी एक अन्य मामले में कॉलेज प्रबंधन बड़कागांव थाना में दर्ज केस संख्या 54/21 में आरोपी हैं।

ये है पूरा मामला

कॉलेज के शासी निकाय जिसमें अंबा प्रसाद, इंद्रजीत कुमार, टुकेश्वर प्रसाद, ज्योति जलधर समेत अन्य लोग थे, उन लोगों ने शासी निकाय के कार्य अवधि के समाप्ति के बाद भी बैठक की और 2019–20 में कॉलेज को मिलने वाले 48 लाख के सरकारी अनुदान की निकासी की।

इस बैठक की अध्यक्षता अंबा प्रसाद ने की थी।आरोप है कि शासी निकाय ने वित्तीय अनियमितता की है।इसी को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में एक मामला दायर किया गया था. जिसके बाद इस मामले में कोर्ट के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज की गई है।

तैयार किए गलत दस्तावेज

अगठित वैधानिक संस्था में भाग लेकर गलत दस्तवेज तैयार किए गए. इसके साथ ही सरकारी पैसे की अवैध निकासी सहित अन्य आरोप की धाराओं में सभी को आरोपी बनाया गया है. मामले के अधिवक्ता अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि कॉलेज के शासी निकाय के गलत तरीके से चयन और उसी शासी निकाय के वित्तीय अनुमोदन से जुड़ा हुआ है।

यूनिवर्सिटी एक्ट के हिसाब से कोई भी शासी निकाय 3 साल तक ही कार्यरत रह सकता है, लेकिन इस पूरे मामले में इसका उल्लंघन हुआ है. साथ ही यह भी आरोप है कि इस शासी निकाय के जो सचिव हैं उनका भी चयन गलत तरीके से हुआ है।

घर-घर की रसोई घरों में उपलब्ध हैं इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय;रसोई घर में मौजूद मसाले रामबाण हैं,इसे चाय या दूध में पकाकर भी पिया जा सकता है attacknews.in

औरैया, 16 मई । कोरोना काल में इम्युनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आयुर्वेद अहम भूमिका निभा रहा है। घरेलू उपाय इसमें अधिक कारगर साबित हो रहे हैं। वर्तमान में संक्रमण से बचने के लिए रोग प्रतिरोधिक क्षमता का मजबूत होना बेहद जरूरी है। इसे सिर्फ दवा ही नहीं, बल्कि घरेलू उपायों से भी बढ़ाया जा सकता है।

जिले के क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डॉ कप्तान सिंह लोगों को कोविड-19 से सुरक्षा एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के टिप्स दे रहे हैं।

डा. सिंह बताते हैं कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए घर के रसोई घर में मौजूद मसाले रामबाण हैं। इसे चाय या दूध में पकाकर भी पिया जा सकता है। मसाले में सोंठ 50 ग्राम, छोटी पीपर 30 ग्राम, काली मिर्च 30 ग्राम, दालचीनी 100 ग्राम, तेजपत्ता 50 ग्राम, लौंग 20 ग्राम व मुलेठी 50 ग्राम शामिल कर लें। सोंठ और मुलेठी को कूटकर व तेजपत्ते के डंठल तोड़कर तथा छोटी इलायची को छिलका सहित उक्त सारी सामग्री को दरदरा पीस लें। जब भी चाय बनाएं या दूध पकाएं इस पाउडर को एक चम्मच जरूर डालें। साथ में तुलसी, अदरक और हल्दी भी डालें।

डा. सिंह का कहना है कि खाने में तरल और गर्म पदार्थ जैसे सूप इत्यादि का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए। सब्जी में देशी पका लाल टमाटर, सहजन (मुनगा), मूंग दाल , परवल, तरोई, सोयाबीन, पनीर, करेला आदि को प्राथमिकता दें। साथ ही सफेद नमक के स्थान पर सेंधा या काला नमक तथा चीनी के स्थान पर पुराना गुड या शहद का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें।

कोरोना उपचाराधीन को गाढ़ा सूप बेहद जरूरी

डा. सिंह का कहना है कि कोरोना संक्रमण सभी के लिए बेहद खतरनाक है, लेकिन कम इम्युनिटी वाले लोगों को यह आसानी से अपना शिकार बनाता है।

डा. सिंह ने बताया कि कोरोना उपचाराधीन व्यक्ति को टमाटर और मुनगा के गाढ़े सूप में जीरा व सौंफ भूनकर, काला नमक व काली मिर्च डालकर दिन में दो बार दें। इसके आलवा मांसाहारी व्यक्ति अंडा और चिकन या मटन सूप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

लोग इम्‍यूनिटी बढ़ाने के लिए तरह-तरह की दवाओं, विटमिन सप्‍लीमेंट और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का धड़ल्‍ले से प्रयोग कर रहे हैं। मौसम में बदलाव के कारण अन्‍य संक्रामक बीमारियों के साथ-साथ कोरोना का भी खतरा बढ़ा है। अगर घरेलू नुस्‍खों को ही अपनी लाइफ स्‍टाइल में शामिल कर लें तो बिना खर्च और बिना किसी साइड इफेक्‍ट्स के ही अपनी इम्‍यूनिटी को बढ़ा सकते हैं।”

यह कहना है कृषि विज्ञान केंद्र, अनौगी, कन्नौज की वैज्ञानिक डॉ. पूनम सिंह का।

पूनम बताती हैं कि प्रोटीन युक्त आहार का सेवन शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जरूरी है। ये कोरोना वायरस या किसी दूसरे तरह के वायरस से शरीर को लड़ने में मदद करता है। वैसे शरीर को इम्यूनिटी बचपन से ही मिलना शुरू हो जाती है, जिसे जेनेटिक या मेटरनल इम्युनिटी कहते है। इसके बाद हमारी इम्यूनिटी हमारे खानपान पर निर्भर करती है।

ऐसे बढ़ाएं इम्युनिटी

ग्रीन-टी का करें सेवन-

ग्रीन-टी में एंटीऑक्सीडेंट के साथ कैटेचिन नामक पॉलीफेनॉल पाया जाता है, जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इसमें एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टीज भी पाई जाती है जो बैक्टीरिया और वायरस को बढ़ने नहीं देती हैं। रोजाना दो कप ग्रीन टी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद रहेगी।

काढ़े का करें सेवन –

कोरोनाकाल में काढ़ा काफी लाभदायक है। काढ़ा से खांसी-जुकाम में राहत मिलती है। साथ ही गले में खराश, कमजोर इम्यूनिटी, शरीर के अंदर गर्माहट महसूस ना होने जैसी समस्याएं भी दूर हो जाती है, लेकिन जिन लोगों को अल्सर, किडनी की समस्या, पाइल्स आदि है, उन्हें काढ़ा पीने से परहेज करना चाहिए।

धूप में बिताएं समय –

बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच ज्यादातर लोग घर से ही काम कर रहे हैं। ऐसे में छत पर थोड़ी देर के लिए जाकर धूप ले सकते हैं। धूप शरीर में मौजूद इंफेक्शन से लड़ने करने वाली कोशिकाओं को एनर्जी देती है।

ड्राई फ्रूट्स का करें सेवन –

अगर अपनी इम्यूनिटी बढ़ाना चाहते है या कोरोना वायरस की बीमारी से जल्दी रिकवर होना चाहते है तो आपको जिंक लेना बहुत जरूरी है। इसके लिए ड्राई फ्रूट्स, बादाम, रोस्टेड मूंगफली, कद्दू के बीज, दलिया, अखरोट आदि लें सकते है। इससे आपके शरीर में जिंक की मात्रा बढ़ती है।

प्रोटीन युक्त आहार लें –

अगर आप कोरोना मरीज हैं तो सुबह 8 से 9 बजे के बीच नाश्ते का सेवन कर लेना चाहिए। इसमें आप दलिया, उबली हुई दाल, ग्रीन सलाद, साबुत अनाज, टमाटर की चटनी, आटे वाली ब्रेड, दूध और अंकुरित दालों का सेवन कर सकते हैं।

डॉक्टरी की सलाह

जुकाम, बुखार, थकावट कोरोना के मुख्य लक्षण है, जिससे शरीर में विटामिन की कमी हो जाती है इसलिए हर इंसान को आंवला, पपीता, अमरूद, आम और पालक का सेवन करना चाहिए। यह शरीर में एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह काम करती है और बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करती हैं। इसके साथ ही रेड ब्लड सेल की संख्या बढ़ने लगती है। साथ ही ये थकावट को दूर कर शरीर को पूरे दिन एक्टिव रखने में मदद करता है।

अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पीएम केयर फंड से पिछले साल राज्यों को मिले 59 हजार वेंटिलेटर्स का ऑडिट करवाने के निर्णय को सही दिशा में उठाया गया कदम बताया attacknews.in

जयपुर 16 मई। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पीएम केयर फंड से पिछले साल मिले वेंटिलेटर्स की ऑडिट करवाने के निर्णय को सही दिशा में उठाया गया कदम बताते हुए कहा है कि राज्यों को खराब वेंटिलेटर आपूर्ति की पूरी जाचं एवं संबंधित कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

श्री गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि इस बात की पूरी जांच होनी चाहिए कि किस प्रकार राज्यों को डिफेक्टिव वेंटिलेटर सप्लाई किए गए।

उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट से पता लगा है कि पिछले साल केन्द्र सरकार की कम्पनी एचएलएल लाईफ केयर लिमिटेड के माध्यम से लगभग 10 कम्पनियों से 59 हजार वेंटिलेटर खरीदे गये, उसमें कई ऐसी कम्पनियां भी हैं जिन्हें वेंटिलेटर बनाने का किसी प्रकार का अनुभव ही नहीं था।

उन्होंने कहा कि इसलिए कई राज्यों को डिफेक्टिव वेंटिलेटर वितरित हो गये। इस कारण डॉक्टर्स द्वारा मरीजों के जीवन के रिस्क की कीमत पर अधिकांश जगह इन वेंटिलेटर्स का उपयोग नहीं किया गया।

उन्होंने कहा “मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार निष्पक्ष जांच करवाकर इस प्रकार के डिफेक्टिव वेंटिलेटर सप्लाई करने वाली कम्पनियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी।”

चीन ने भी मंगल ग्रह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारा; तियानवेन-1 मंगल ग्रह के उत्तरी गोलार्द्ध पर यूटोपिया प्लैनिटिया के दक्षिणी भाग में पूर्व-चयनित लैंडिंग क्षेत्र में उतरा attacknews.in

बीजिंग 15 मई ।चीन ने शनिवार को मंगल ग्रह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारकर एक बड़ी सफलता हासिल की है।

सरकारी मीडिया ने चीनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन(सीएनएसए) के हवाले से अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी।

रिपोर्ट के मुताबिक अंतरिक्ष यान तियानवेन-1 मंगल ग्रह के उत्तरी गोलार्द्ध पर यूटोपिया प्लैनिटिया के दक्षिणी भाग में अपने पूर्व-चयनित लैंडिंग क्षेत्र में स्थानीय समयानुसार 07.18 बजे उतरा। मंगल पर लैंडिंग के लिए ग्राउंड कंट्रोलर्स को एक घंटे से अधिक समय लगा। लैंडिंग के बाद सिग्नल भेजने के लिए रोवर को अपने सौर पैनलों और एंटीना को संपर्क स्थापित करने के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ी। पृथ्वी और मंगल के बीच 3200 लाख किलोमीटर की दूरी के कारण इसमें 17 मिनट से अधिक का विलंब हुआ।

तियानवेन-1 को 23 जुलाई, 2020 को लॉन्च किया गया था, जिसमें एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर जुरोंग शामिल था। तियानवेन-1 ने करीब 10 फरवरी को मंगल की कक्षा में प्रवेश करने के बाद से काफी महत्वपूर्ण जानकारियां एकत्र की हैं। इसके जरिए ही ग्रह पर बर्फीले यूटोपिया का पता लगाया जा सकेगा।
नासा के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस जुर्बुचेन ने सीएनएसए टीम को बधाई दी है।

उल्लेखनीय है कि चीन से पहले अमेरिका, रूस, यूरोपीय संघ और भारत मंगल ग्रह पर अपने अंतरिक्ष यान उतार चुके हैं। भारत पहला एशियाई देश है, जिसने 2014 में पहली बार में ही मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यान को उतारने में सफलता हासिल की थी, तब से यह मंगल ग्रह की अहम जानकारियां और तस्वीरें भेज रहा है।

RSS प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने कहा: भारत दृढ़ संकल्प, लगातार प्रयास, धैर्य और सामूहिक कार्रवाई से कोविड-19 महामारी पर विजय प्राप्त करेगा attacknews.in

नयी दिल्ली 15 मई । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि भारत दृढ़ संकल्प, लगातार प्रयास, धैर्य और सामूहिक कार्रवाई से कोविड-19 महामारी पर विजय प्राप्त करेगा।

इस संबंध में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए इस आशय की बात कही।इस बात पर जोर देते हुए कि यह आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं है, उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को सामूहिक प्रयास करने चाहिए ताकि देश महामारी पर विजय प्राप्त कर सके।

कोरोना संकटकाल में बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार की पहल की बॉम्बे हाईकोर्ट ने की सराहना;WHO और नीति आयोग कोविड प्रबंधन के लिए ‘यूपी मॉडल’ की तारीफ कर चुका है attacknews.in

लखनऊ, 15 मई ।कोरोना संकटकाल में बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार की पहल की बॉम्बे हाईकोर्ट ने सराहना की है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और देश का नीति आयोग कोविड प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के ‘यूपी मॉडल’ की तारीफ कर चुका है।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यूपी मॉडल के तहत बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए किए गए प्रबंधों का जिक्र करते हुए वहां की सरकार से यह पूछा है कि महाराष्ट्र सरकार यहां ऐसा करने पर विचार क्यों नहीं करती।

यूपी सरकार ने कोरोना संक्रमण से बच्चों का बचाव करने के लिये सूबे के हर बड़े शहर में 50 से 100 बेड के पीडियाट्रिक बेड (पीआईसीयू) बनाने का फैसला किया है। यूपी सरकार के इस फैसले को डॉक्टर बच्चों के लिये वरदान बता रहे हैं।