भारतीयु वायुसेना दुबई, सिंगापुर से ऑक्सीजन के नौ क्रायोजेनिक टैंकर ले कर आई attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) दुबई और सिंगापुर से नौ क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर हवाई मार्ग से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ हवाईअड्डे पर लेकर आई है।

बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि इन टैंकरों को मंगलवार लाया गया।

बयान में बताया गया कि इसके अलावा, वायुसेना का सी-17 विमान मंगलवार को इंदौर से दो क्रायोजेनिक टैंकर जामनगर, जोधपुर से दो टैंकर उदयपुर और दो टैंकर हिंडन से रांची लेकर आया।

बयान के अनुसार, ‘‘भारतीय वायुसेना के सी-17 विमानों ने दुबई से छह क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर पानागढ़ हवाईअड्डे पर लाए। कुछ अन्य सी-17 विमान तीन ऑक्सीजन टैंकर सिंगापुर से पानागढ़ हवाईअड्डे लेकर उतरे।’’

इसमें बताया गया कि वायुसेना ने हैदराबाद से आठ क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर भुवनेश्वर, दो टैंकर भोपाल से रांची और दो टैंकर चंडीगढ़ से रांची पहुंचाए।

भारत कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहा है और कई राज्यों के अस्पताल कोविड-19 मामलों के लगातार बढ़ने से चिकित्सकीय ऑक्सीजन और बिस्तरों की कमी से जूझ रहे हैं।

भारतीय वायुसेना कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए बेहद जरूरी चिकित्सकीय ऑक्सीजन के त्वरित वितरण के लिए विभिन्न केंद्रों से ऑक्सीजन वाहक खाली टैंकर एवं कंटेनर हवाई मार्गों से लेकर आ रही है।

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में रिकॉर्ड 3,60,960 नये मामले सामने आए हैं जिसके बाद संक्रमण के कुल मामले 1,79,9,267 हो गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार सुबह तक के आंकड़ों के मुताबिक 3,293 और लोगों की मौत होने के बाद मृतक संख्या दो लाख को पार कर गई है।

आंकड़ों के मुताबिक 1,48,17,371 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं जबकि बीमारी से मृत्यु दर 1.12 प्रतिशत है।

केंद्र सरकार ने कहा:कोविड-19 के मामले में अनावश्यक अफरातफरी से लाभ के बजाय नुकसान हो रहा :सलाह दी है कि यह ऐसा समय है कि लोगों को घर के भीतर भी मास्क पहनना चाहिए attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल ।देश कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है, इस बीच सरकार ने लोगों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा है कि अनावश्यक अफरातफरी से लाभ के बजाय नुकसान हो रहा है।

टीकाकरण और कोविड-19 से बचाव के लिए उपयुक्त व्यवहार अपनाने पर जोर देते हुए सरकार ने सलाह दी है कि यह ऐसा समय है कि लोगों को घर के भीतर भी मास्क पहनना चाहिए।

सरकार ने टीकाकरण अभियान की गति को तेज करने की पैरवी की और कहा कि महिलाएं माहवारी के समय टीके की खुराक ले सकती हैं।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कई लोग डर से अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। उन्होंने जोर दिया कि डॉक्टरों की सलाह पर ही अस्पताल में भर्ती होना चाहिए।

चिकित्सकीय ऑक्सीजन की कमी पर सरकार ने कहा है कि भारत में पर्याप्त चिकित्सकीय ऑक्सीजन उपलब्ध हैं लेकिन इसे अस्पतालों तक पहुंचाना चुनौती है।

सरकार ने अस्पतालों से तर्कसंगत तरीके से ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने को कहा है। मरीजों को रेमडेसिविर और टोसिलिजुमाब जैसी दवा भी तार्किक तरीके से लिखने पर जोर दिया है।

सरकार ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं करे तो वह 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। अगर संक्रमित व्यक्ति की गतिविधि 50 प्रतिशत तक थम जाए तो इस अवधि में केवल 15 लोग संक्रमित होंगे। वहीं गतिविधि 75 प्रतिशत तक घटने पर एक व्यक्ति 30 दिनों में 2.5 लोगों को संक्रमित कर सकता है।

सरकार ने कहा कि समय आ गया है कि लोगों को घरों में भी मास्क पहनना चाहिए।

अग्रवाल ने कहा कि देश में अब तक कोविड-19 रोधी टीके की 14.19 करोड़ खुराकें दी गयी हैं। इनमें से 45 साल से अधिक उम्र के 9.79 करोड़ लोगों को पहली खुराक और 1.03 करोड़ लोगों को दूसरी खुराक दी गयी है।

उज्जैन के D-Mart शापिंग माॅल में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव यू एन शुक्ला के बेटे,बहू और बेटी के साथ तीन बार मारपीट;वीडियो आया सामने;माॅल में सुरक्षा के नहीं है कोई इंतजाम attacknews.in

उज्जैन 28 मार्च ।उज्जैन में इंदौर रोड स्थित डी मार्ट शापिंग माॅल गुण्डों-मवालियों के कब्जे वाला हो गया,यहाँ शॉपिंग करने गए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव के बेटे बहू और बेटी के साथ तीन बार मारपीट हुई ,,यह घटना सीसीटीवी में भी कैद हुई है लेकिन माॅल में सुरक्षा की कोई गारन्टी नजर नहीं आई और न ही जिम्मेदारों ने इसे गंभीरता से लिया ।

उज्जैन के इंदौर रोड पर डी मार्ट शापिंग माल में पति पत्नी और एक लडकी के साथ एक युवक और उसके साथियों द्वारा मारपीट करने का मामला सामने आया है। घटना का सीसीटीवी फूटेज भी सामने आया है। जिसमें तीन लोगों के साथ मारपीट की जा रही है। नागझिरी पुलिस ने फरीयादी की शिकायत पर प्रकरण दर्ज किया है। हालाकि इस पूरी घटना ने डी मार्ट की सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है।

दरअसल उज्जैन के इंदौर रोड स्थित डी मार्ट शापिंग माल में प्रतिदिन कई ग्राहक खरीदारी करने के लिए पहुंचते हैं।शनिवार दोपहर को विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव उदित नारायण शुक्ला के बेटे बहु और उनकी बेटी वहां शापिंग करने के लिए पहुंचे। जिसके बाद ग्राउंड फ्लोर पर कुछ सामान खरीदते वक्त उनका किसी अज्ञात युवक से कहासुनी हो गई । देखते ही देखते युवक ने शापिंग माल के अंदर ही तीनों लोगों पर साथियों के साथ हमला कर दिया। करीब 10 मिनट तक डी मार्ट में यह विवाद चलता रहा। इस दौरान दो तीन बार युवक ने मारपीट की वारदात को अंजाम दिया। घटना के दोरान डीमार्ट के कर्मचारियों ने दोनों पक्षों को केवल अलग किया। हालाकि यह पूरी वारदात वहां लगे हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।

नागझिरी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को संभाला। जिसके बाद आरोपी युवक मौके से फरार हो गया। अब पुलिस ने मामले में प्रकरण दर्ज कर लिया है। जिसके बाद कार्यवाही की जा रही है।

उधर इस पूरे घटनाक्रम ने डीमार्ट की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है । डीमार्ट में तैनात सुरक्षाकर्मी भी इस विवाद को रोक नहीं पाए। मार्ट में महिला के साथ भी मारपीट हुई है। जो यहा शापिंग पर आने वाली महिलाओं के लिए खतरे से खाली नहीं है।

नरेन्‍द्र मोदी ने स्‍वामी चिदभवानंद की ई-भगवत् गीता के लोकार्पण पर कहा कि ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ के मूल में सिर्फ अपने लिए धन-संपत्ति और मूल्य अर्जित करना नहीं ,बल्कि मानवता की वृहद सोच और विश्व की भलाई है attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 मार्च । प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ के मूल में सिर्फ अपने लिए धन-संपत्ति और मूल्य अर्जित करना नहीं ,बल्कि मानवता की वृहद सोच और विश्व की भलाई है।

डिजिटल माध्‍यम से स्‍वामी चिदभवानंद की ई-भगवत् गीता के लोकार्पण अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में भारत ने दुनिया को ना सिर्फ दवाइयां मुहैया कराई बल्कि अब वह टीके भी उपलब्ध करवा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत के मूल में सिर्फ अपने लिए धन-संपत्ति और मूल्य अर्जित करना नहीं है, बल्कि मानवता की सेवा है। हमारा मानना है कि आत्मनिर्भर भारत दुनिया की बेहतरी के लिए है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया कोविड-19 की चुनौती का सामना कर रही है और इसका सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था पर भी दूरगामी प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में गीता के दिखाए रास्ते और अहम हो जाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दिनों जब दुनिया को दवाइयों की जरूरत पड़ी तब भारत ने इसकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किया। हमारे वैज्ञानिकों ने कम से कम समय में टीके का इजाद किया और अब भारत दुनिया को टीके पहुंचा रहा है।’’

इसे आत्मनिर्भर भारत का बेहतर उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा कि 130 करोड़ भारतीयों ने देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प ले लिया है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-बुक्स युवाओं में विशेष रूप से लोकप्रिय हो रही हैं और ई-भगवत् गीता अधिक से अधिक युवाओं को गीता के महान विचार से जोड़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘गीता हमें सोचने पर मजबूर करती है। यह हमें सवाल करने के लिए प्रेरित करती है। यह हमें चर्चा के लिए प्रोत्साहित करती है।’’

युवाओं को गीता का अध्ययन करने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवत् गीता पूरी तरह व्यवहारिक ज्ञान पर आधारित है।

उन्होंने कहा, ‘‘गीता की शोभा उसकी गहराई, विविधता और लचीलेपन में है। आचार्य विनोबा भावे ने गीता को माता के रूप में वर्णित किया है। महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, महाकवि सुब्रमण्यम भारती जैसे महान लोग गीता से प्रेरित थे।’’

इस समारोह का आयोजन स्वामी चिदभवानंद की भगवत् गीता की पांच लाख प्रतियों की बिक्री के अवसर पर किया गया था।

स्‍वामी चिदभवानंद तमिलनाडु के तिरूचिरापल्‍ली स्थित श्री रामकृष्‍ण तपोवन आश्रम के संस्‍थापक हैं।

उन्‍होंने साहित्‍य की विभ‍िन्‍न विधाओं में 186 पुस्‍तकें लिखी हैं। भगवत् गीता पर मीमांसा उनकी प्रमुख कृतियों में शामिल है।

तमिल भाषा में गीता पर उनकी टिप्पणी 1951 में और अंग्रेजी में 1965 में प्रकाशित हुई थी। इस पुस्‍तक का तेलुगू, उड़िया और जर्मन तथा जापानी भाषाओं में भी अनुवाद किया जा चुका है।

चीन को पछाड़ने के लिए भारत,ईरान और अफगानिस्तान द्वारा विकसित किया जाएगा “चाबहार” अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा,12 देशों का मिलेगा सहयोग attacknews.in

जयशंकर ने आईएनएसटीसी गलियारे के मार्ग को चाबहार तक बढ़ाने पर सहमति की उम्मीद जतायी

नयी दिल्ली, चार मार्च । भारत ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जतायी कि अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) समन्वय परिषद की बैठक में सदस्य देश गलियारे के मार्ग का विस्तार कर इसमें चाबहार बंदरगाह को शामिल करने पर सहमत होंगे।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नौवहन भारत शिखर सम्मेलन से इतर आयोजित ‘चाबहार दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही ।

विदेश मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) एक महत्वपूर्ण व्यापार गलियारा परियोजना है जिसमें भारत के साथ 12 देश लोगों के फायदे के लिये आर्थिक गलियारा स्थापित करने के उद्देश्य से सहयोग कर रहे है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा समन्वय परिषद की बैठक में सदस्य देश गलियारे के मार्ग का विस्तार कर इसमें चाबहार बंदरगाह को शामिल करने पर सहमत हो जायेंगे।

जयशंकर ने यह भी उम्मीद जतायी कि बैठक में इस परियोजना की सदस्यता के विस्तार पर भी सहमति बनेगी ।

उन्होंने कहा कि वे इस बहुस्तरीय गलियारा परियोजना में शामिल होने के लिये उज्बेकिस्तान और अफगानिस्तान द्वारा रूचि दिखाए जाने का भी स्वागत करते हैं ।

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत सरकार क्षेत्रीय सम्पर्क के महत्व को समझती है और इसी के मद्देनजर चाबहार में बंदरगाह के विकास के लिये निवेश का महत्वपूर्ण निर्णय किया गया ।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना पर पिछले काफी समय से चर्चा चल रही थी लेकिन साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय परिवहन एवं पारगमन गलियारा स्थापित करने के लिये भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ।

जयशंकर ने कहा कि परिवहन एवं पारगमन गलियारे का मकसद पूरे क्षेत्र में वाणिज्य का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करना और शुरूआत में अफगानिस्तान और बाद में मध्य एशिया के साथ सुरक्षित एवं भरोसेमंद कारोबार का मार्ग स्थापित करना है ।

विदेश मंत्री ने कहा कि आज भारत हमारे क्षेत्र में सम्पर्क को बेहतर बनाने के लिये सभी क्षेत्रीय पक्षकारों के साथ मिलकर काम करने की मजबूत प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है, साथ ही जमीन से घिरे मध्य एशिया के देशों को चाबहार के जरिये समुद्र तक निर्बाध पहुंच उपलब्ध करना चाहता है।

उन्होंने कहा कि चाबहार बंदरगाह न केवल वाणिज्यिक पारगमन के केंद्र के रूप में उभरा है बल्कि मानवीय सहायता प्रदान करने में सहायक रहा है, खास तौर पर कोविड-19 महामारी के समय में ।

विदेश मंत्री ने कहा कि यह बंदरगाह अफगानिस्तान के लोगों की समृद्धि, शांत एवं स्थिरता की हमारी साझी प्रतिबद्धता का हिस्सा है । भारत ने सितंबर 2020 में अफगानिस्तान को मानवीय खाद्य सहाता के तौर पर 75 हजार मीट्रिक टन गेहूं चाबहार बंदरगाह के जरिये पहुंचाया था ।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा भारत ने जून 2020 में ईरान को टिड्डियों से मुकाबला करने के लिये 25 मीट्रिक टन कीटनाशक मालाथियान पहुंचाया था।

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए सियासी घमासान तेज,मुख्य मुकाबला भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच,वाम मोर्चा, कांग्रेस और आईएसएफ में हुआ गठबंधन attacknews.in

कोलकाता, 04 मार्च । पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के समीप आने के साथ ही सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और उसकी प्रमुख प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सियासी घमासान तेज हो गया है।

राज्य विधानसभा चुनावों के लिए दोनों पार्टियां कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल के बीच ज्यादा से ज्यादा पोस्टर लगाने की होड़ मची हुई है।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों से ही भाजपा सुश्री बनर्जी के करिश्मे को चुनौती देते हुए सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ मजबूती से सामने आने के प्रयास में जुटी है।

बंगाल में अभी तक भाजपा कभी भी सत्ता में नहीं आयी है लेकिन वर्ष 2019 में लोक सभा चुनावों में पार्टी ने 42 सीटों में से 18 सीटों पर जीत हासिल कर अपना दखखम दिखा दिया था। भगवा पार्टी का वोट प्रतिशत वर्ष 2016 के 10.16 से बढ़कर 40.64 फीसदी तक हो गया।

वर्ष 2019 के परिणाम से भाजपा के नेताओं का मनोबल बढ़ा है। भाजपा दावा है कि पार्टी विधानसभा चुनावों में राजनीतिक रूप से ध्रुवीकृत राज्य में ‘दीदी’ के दशक लंबे शासन का खात्मा कर देगी।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि आगामी चुनावी जंग में सुश्री बनर्जी के अस्तित्व की लड़ाई होगी क्योंकि भगवा खेमे की बंगाल के चुनावी क्षेत्र में मतों की हिस्सेदारी 40 फीसदी तक पहुंच गयी है जो सत्ताधारी पार्टी से मात्र तीन फीसदी पीछे है। बंगाल में जीत भाजपा के लिए सर्वाधिक सुखद होगी।

राज्य में हालांकि वाम मोर्चा और कांग्रेस ने एक गठबंधन बनाया है, लेकिन इन चुनावों में तृणमूल और भाजपा के बीच ही कड़ी टक्कर होने के आसार दिखाई दे रहे हैं।

वाम मोर्चा, कांग्रेस, आईएसएफ में गठबंधन के आसार

इधर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम मोर्चा, कांग्रेस और नवगठित इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) में चुनावी गठबंधन होने के आसार बढ़ गये हैं तथा इसके साथ ही पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच वोटों का ध्रुवीकरण बढ़ने के भी संकेत हैं।

चुनावी पर्यवेक्षकों का कहना है कि जल्द ही संयुक्त मोर्चा के गठन की उम्मीद है और इसे जल्द ही अस्तित्व में देखा जा सकता है क्योंकि माकपा के नेतृत्व वाले वाम दल कांग्रेस और अब्बास सिद्दीकी के बीच 294 सीटों के लिए सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर आईएसएफ का नेतृत्व कर रहे थे। पश्चिम बंगाल विधानसभा का आठ चरणों का मतदान 27 मार्च से शुरू होगा।

शिव सेना ममता के समर्थन में बंगाल में नहीं लड़ेेगी चुनाव:राउत

मुंबई, में शिवसेना सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समर्थन में शिव सेना पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेगी।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ‘ममता बनर्जी बनाम अन्य’ की चुनावी लड़ाई में शिव सेना चुनाव नहीं लड़ेगी लेकिन सुश्री बनर्जी के सहयोग में उनके साथ खड़ी रहेगी।

पश्चिम बंगाल में कोयला घोटाले में तीन रेलवे अधिकारियों से सीबीआई ने की पूछताछ attacknews.in

कोलकाता, 04 मार्च । पश्चिम बंगाल में कोयला घोटाला के संबंध में रेलवे के तीन वरिष्ठ अधिकारियों से केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को पूछताछ की।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रमुख आरोपी अनूप मांझी उर्फ लाला और राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता विनय मिश्रा से पूछताछ की गयी है। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा और उनकी बहन मेनेका गंभीर से सीबीआई ने पहले ही पूछताछ कर ली है।

सीबीआई ने गुरुवार को निजाम पैलेस स्थित अपने कार्यालय में इन अधिकारियों से पूछताछ की। सीबीआई ने।आसनसोल डिवीजन के मुख्य नियंत्रक, एक उप-विभागीय प्रबंधक और बारबोनी स्टेशन प्रबंधक को कोयला घोटाला मामले में पेश होने के लिए बुलाया था।

यह पहली बार है कि किसी जांच एजेंसी के सवालाें का सामना करने के लिए भारतीय रेलवे के अधिकारियों को बुलाया गया था।

टाइल्स कारोबारी समूह के तमिलनाडु,गुजरात और कोलकाता के ठिकानों पर आयकर छापा, 220 करोड़ की अघोषित संपति का खुलासा attacknews.in

नई दिल्ली 28 फरवरी । आयकर विभाग ने तमिलनाडु में एक प्रमुख टाइल्स कारोबारी समूह के यहां छापामारी कर 220 करोड़ रुपए की अघोषित संपति का खुलासा किया है और 8.30 करोड़ रुपए नकद भी जब्त किया है।

आयकर विभाग ने चेन्नई स्थित एक जाने-माने व्यावसायिक समूह के ठिकानों पर 26 फरवरी को छापे मारी की। समूह से जुड़े ग्यारह ठिकानों पर छापे मारे गए और नौ स्थानों पर सर्वेक्षण किए गए हैं जो तमिलनाडु, गुजरात और कोलकाता में स्थित हैं। यह व्यावसायिक समूह टाइल्स और सैनीटरी वेयर के उत्पादन और विपणन के व्यवसाय से सम्बंधित है और दक्षिण भारत में टाइल्स के व्यवसाय का अग्रणी समूह है।

वार्षिक जीएसटी रिटर्न भरने की अंतिम तिथि बढ़ी; पहले 28 फरवरी निर्धारित थी attacknews.in

नयी दिल्ली 28 फरवरी । सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए वार्षिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दिया है।

वित्त मंत्रालय ने रविवार को यहां बताया कि इस अवधि को पहले 28 फरवरी 2021 तक बढ़ाई गई थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है। अब करदाता की ओर से जीएसटीआर-9 और जीएसटीआर-9सी कर दिया गया है।

नरेन्द्र मोदी की “मन की बात”:देश में निर्मित उत्पादों पर गर्व करने की पहली शर्त जब प्रत्येक देशवासी स्वीकार कर लेगा तो‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान, राष्ट्रीय भावना बन जाएगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 फरवरी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में निर्मित उत्पादों पर गर्व करने को भारत की आत्मनिर्भरता की पहली शर्त करार देते हुए रविवार को कहा कि जब प्रत्येक देशवासी ऐसा करेगा तो आत्मनिर्भर भारत अभियान सिर्फ एक आर्थिक अभियान ना रहकर ‘‘राष्ट्रीय भावना’’ बन जाएगा।

उन्होंने विज्ञान को प्रयोगशाला से खेती-किसानी की ओर आगे बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि इसे सिर्फ भौतिकी और रसायन तक सीमित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि विज्ञान की शक्ति का ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ अभियान में भी बहुत योगदान है।

आकाशवाणी के ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम की ताजा कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी जताई कि आज आत्मनिर्भर भारत का मंत्र देश के गांव-गांव में पहुंच रहा है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान को लेकर कोलकाता के एक श्रोता रंजन के विचारों पर सहमति जताते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आत्मनिर्भरता की पहली शर्त होती है–अपने देश की चीजों पर गर्व होना, अपने देश के लोगों द्वारा बनाई वस्तुओं पर गर्व होना। जब प्रत्येक देशवासी गर्व करता है और प्रत्येक देशवासी जुड़ता है तो आत्मनिर्भर भारत, सिर्फ एक आर्थिक अभियान न रहकर एक राष्ट्रीय भावना बन जाता है।’’

रंजन ने प्रधानमंत्री से अपने विचार साझा करते हुए कहा था कि आत्मनिर्भर भारत अभियान केवल एक सरकारी नीति नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीय भावना है और आत्मनिर्भर होने का अर्थ अपनी किस्मत का फैसला खुद करना यानि स्वयं अपने भाग्य का नियंता होना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब आसमान में अपने देश में बने तेजस लड़ाकू विमानों को कलाबाजियां करते देखते हैं, जब भारत में बने टैंक, भारत में बनी मिसाइलें, हमारा गौरव बढ़ाते हैं, जब समृद्ध देशों में हम भारत में निर्मित मेट्रो ट्रेन के डिब्बे देखते हैं और जब दर्जनों देशों तक भारत में बने कोरोना के टीके पहुंचते देखते हैं तो देशवासियों का माथा और ऊंचा हो जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा ही नहीं है कि बड़ी-बड़ी चीजें ही भारत को आत्मनिर्भर बनाएंगी। भारत में बने कपड़े, भारत के प्रतिभाशाली कारीगरों द्वारा बनाए गए हस्तकला के सामान, भारत के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, भारत के मोबाइल, हर क्षेत्र में, हमें, इस गौरव को बढ़ाना होगा।’’

उन्होंने कहा कि जब इसी सोच के साथ देश आगे बढ़ेगा तभी सही मायने में भारत आत्मनिर्भर बन पाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि आत्मनिर्भर भारत का ये मंत्र देश के गांव-गांव में पहुंच रहा है।’’

देश में आत्मनिर्भर अभियान को गांवों में मिल रहे समर्थन के कुछ उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत अभियान एक भाव बन चुका है, जो आम जनों के दिलों में प्रवाहित हो रहा है।’’

महान वैज्ञानिक सी. वी. रमन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि देश के अनगिनत वैज्ञानिक हैं जिनके योगदान के बिना विज्ञान आज इतनी प्रगति नहीं कर सकता था। उन्होंने कहा कि दुनिया के दूसरे वैज्ञानिकों की तरह देशवासियों को भारत के वैज्ञानिकों के बारे में भी जानना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जरूर चाहूंगा कि हमारे युवा भारत के वैज्ञानिकों को और उनके इतिहास को समझें और खूब पढ़ें।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब विज्ञान की बात होती है तो कई बार इसे लोग भौतिकी और रसायन या फिर प्रयोगशालाओं तक ही सीमित कर देते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन विज्ञान का विस्तार तो इससे कहीं ज्यादा है और ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ में विज्ञान की शक्ति का बहुत योगदान भी है। हमें विज्ञान को ‘लैब टू लैंड’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ाना होगा।’’

उन्होंने कुछ किसानों के उदाहरण भी दिए जो वैज्ञानिक तौर तरीकों से खेती कर रहे हैं और ना सिर्फ अपनी आय बढ़ा रहे हैं बल्कि अपनी पहचान भी स्थापित कर रहे हैं।

कृषि अवशेषों से धन कमाने की दिशा में देश में हो रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने मदुरै के मुरुगेसन का जिक्र किया और बताया कि उन्होंने केले के अवशेषों से रस्सी बनाने की एक मशीन बनाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुरुगेसन जी के इस नवोत्पाद से पर्यावरण और गंदगी का भी समाधान होगा तथा किसानों के लिए अतिरिक्त आय का रास्ता भी बनेगा।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन लोगों के बारे में देश को बताने का उनका मकसद इतना है कि लोग उनसे प्रेरणा लें।

उन्होंने कहा, ‘‘जब देश का हर नागरिक अपने जीवन में विज्ञान का विस्तार करेगा, हर क्षेत्र में करेगा, तो प्रगति के रास्ते भी खुलेंगे और देश आत्मनिर्भर भी बनेगा। और मुझे विश्वास है कि ऐसा देश का हर नागरिक कर सकता है।’’

प्रधानमंत्री ने जल को जीवन के साथ ही आस्था का प्रतीक और विकास की धारा करार देते हुए देशवासियों से इसका संरक्षण करने का आह्वान किया।

पानी को पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पारस के स्पर्श से लोहा, सोने में परिवर्तित हो जाता है वैसे ही पानी का स्पर्श जीवन और विकास के लिये जरूरी है।

उन्होंने कहा, ‘‘पानी के संरक्षण के लिये, हमें, अभी से ही प्रयास शुरू कर देने चाहिए।’’

आगामी 22 मार्च को मनाए जाने वाले विश्व जल दिवस का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण सिर्फ सरकार की नहीं बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी है और इसे देश के नागरिकों को समझना होगा।

उन्होंने अपने आसपास के जलस्त्रोतों की सफाई और वर्षा जल के संचयन के लिये देशवासियों से 100 दिन का कोई अभियान शुरू कने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘इसी सोच के साथ अब से कुछ दिन बाद जल शक्ति मंत्रालय द्वारा भी जल शक्ति अभियान- ‘कैच द् रैन’ भी शुरू किया जा रहा है। इस अभियान का मूल मन्त्र है पानी जब भी और जहां भी गिरे, उसे बचाएं।’’

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने दुनिया की सबसे प्राचीन तमिल भाषा नहीं सीख पाने पर अफसोस जताया। साथ ही उन्होंने क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस और हॉकी की तरह विभिन्‍न भारतीय खेलों की कमेंट्री अलग-अलग भाषाओं में किए जाने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि कभी-कभी बहुत छोटा और साधारण सा सवाल भी मन को झकझोर जाता है और सोचने पर मजबूर कर देता हैं।

दरअसल, प्रधानमंत्री हैदराबाद की एक अपर्णा रेड्डी का उल्लेख कर रहे थे जिन्होंने मोदी से जानना चाहा था कि इतने लंबे समय तक गुजरात का मुख्यमंत्री और फिर देश का प्रधानमंत्री रहने के बाद क्या उन्हें कुछ कमी लगती है।

इस सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सवाल बहुत सहज है लेकिन उतना ही मुश्किल भी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस सवाल पर विचार किया और खुद से कहा , मेरी एक कमी ये रही कि मैं दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा – तमिल सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाया। मैं तमिल नहीं सीख पाया।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक ऐसी सुंदर भाषा है, जो दुनियाभर में लोकप्रिय है।

गुजरात के केवड़िया स्थित ‘‘स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी’’ के एक गाइड द्वारा भेजी गई क्लिप को साझा करते हुए मोदी ने बताया कि वह संस्‍कृत में सरदार पटेल के बारे में लोगों को जानकारी देते हैं।

उन्‍होंने संस्‍कृत में क्रिकेट कमेंट्री की एक क्लिप भी साझा की और कहा कि विभिन्‍न भारतीय खेलों की कमेंट्री अलग-अलग भाषाओं में की जानी चाहिए।

क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल और टेनिस में होने वाली कमेंट्री से इन खेलों को लेकर पैदा होने वाले रोमांच के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन खेलों में कमेंट्री समृद्ध है, उनका प्रचार-प्रसार बहुत तेजी से होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे यहां भी बहुत से भारतीय खेल हैं लेकिन उनमें कमेंट्री की संस्कृति नहीं है और इस वजह से वे लुप्त होने की स्थिति में हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘क्यों न अलग-अलग खेलों और विशेषकर भारतीय खेलों की अच्छी कमेंट्री अधिक से अधिक भाषाओं में हो। हमें इसे प्रोत्साहित करने के बारे में जरूर सोचना चाहिए। मैं खेल मंत्रालय और निजी संस्थानों के सहयोगियों से इस बारे में सोचने का आग्रह करूंगा।’’

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में स्‍कूल, कॉलेजों की परीक्षाओं का भी जिक्र किया और कहा कि हर साल की तरह इस वर्ष भी मार्च में वह परीक्षा पे चर्चा करेंगे।

उन्होंने लोगों से कोरोना महामारी से सतर्कता में कोई ढिलाई नहीं बरतने का भी आग्रह किया और कहा कि एहतियात में ढिलाई देने का वक्‍त अभी नहीं आया है।

प्रधानमंत्री ने संत रविदास की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी और कहा कि आज भी उनका ज्ञान, हमारा पथप्रदर्शन करता है

उन्होंने कहा, “हमारे युवाओं को एक और बात संत रविदास जी से जरूर सीखनी चाहिए। युवाओं को कोई भी काम करने के लिये, खुद को पुराने तौर तरीकों में बांधना नहीं चाहिए। आप, अपने जीवन को खुद ही तय करिए।’’

खेलों की कमेंट्री अलग-अलग भाषाओं में हो: मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि खेलों और विशेषकर भारतीय खेलों की कमेंट्री देश की अलग-अलग भाषाओं में हो और इसको प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने रविवार को रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात के सम्बोधन में कहा कि वह खेल मंत्रालय और निजी संस्थान के सहयोगियों से इस बारे में सोचने का आग्रह करेंगे।

श्री मोदी ने कार्यक्रम के दौरान केवडीया में स्थित पर्यटन स्थल सरदार पटेल की प्रतिमा ‘स्टैचू ऑफ़ यूनिटी’ में एक पर्यटक गाइड की आवाज़ की रिकॉर्डिंग सुनायी। इसमें गाइड संस्कृत में लोगों को सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के बारे में बता रही हैं। श्री मोदी ने ख़ुशी जतायी कि केवड़िया में 15 से ज्यादा गाइड धारा प्रवाह संस्कृत में पर्यटकों को जानकारी देते है।

उन्होंने श्रोताओं को वाराणसी के संस्कृत महाविद्यालयों के बीच आयोजित होने वाली क्रिकेट कमेंट्री की रिकॉर्डेड आवाज़ भी सुनायी जो संस्कृत में थी ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि “वाराणसी के शास्त्रार्थ महाविद्यालय, स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ, श्री ब्रह्म वेद विद्यालय और इंटरनेशनल चंद्रमौली चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच आयोजित होने वाले क्रिकेट मैचों के दौरान संस्कृत में कमेंट्री की जाती है। इस टूर्नामेंट में, खिलाड़ी और कमेंटेटर पारंपरिक परिधान में नजर आते हैं।”

उन्होंने कहा कि, “ऊर्जा और रोमांच सब कुछ एक साथ चाहिए तो खेलों की कमेंट्री सुननी चाहिए। टी.वी. आने से बहुत पहले, खेल की कमेंट्री ही वह माध्यम थी, जिसके जरिए क्रिकेट और होकी जैसे खेलों का रोमांच देशभर के लोग महसूस करते थे। टेनिस और फ़ुटबॉल मैचों की कमेंट्री भी बहुत अच्छी तरह से पेश की जाती है।”

श्री मोदी ने कहा कि, “जिन खेलों में कमेंट्री समृद्ध है, उनका प्रचार-प्रसार बहुत तेजी से होता है। हमारे यहां भी बहुत से भारतीय खेल हैं लेकिन उनमें कमेंट्री नहीं आयी है और इस वजह से वो लुप्त होने की स्थिति में हैं।”

राकेश टिकैत ने किसानों को अपने ट्रैक्टरों में तेल भरवाकर रखने का कहकर कभी भी दिल्ली कूच करने के लिए तैयार रहने का ऐलान किया attacknews.in

सहारनपुर,28 फरवरी । भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी तक किसानों का संघर्ष और दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर जारी रहेगा।

श्री टिकैत आज यहां जिले के लाखनौर में संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित किसान महापंचायत को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि 90 दिन से जारी किसान आंदोलन हर रोज गति पकड़ रहा है। केंद्र सरकार की हठधर्मी के सामने देश के किसान हरगिज नहीं झुकेंगे। उन्होंने कहा कि किसान अपने ट्रैक्टरों में तेव भरवाकर रखें ,कभी भी दिल्ली कूच करना पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की रणनीतियों की काट बेशक वह नहीं जानते है, लेकिन किसानों ने यह ठान ली है कि वे अपना मकसद हांसिल किए बगैर अब पीछे हटने वाले नहीं है। महापंचायत में राकेश टिकैत का भाकियू के जिला सचिव आलिम प्रधान और नौशाद प्रधान को पगडी पहनाई। महापंचायत के दौरान जिला और पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से सर्तक रहा।

गौरतलब है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की गन्ना पट्टी में शामिल सहारनपुर जिले में जाट अपने पडोसी जिलों सहारनपुर और शामली की तुलना में बेहद कम संख्या में है। लेकिन भाकियू की स्थापनाकाल से ही इस जिले इस संगठन की हमेशा से ही जोरदार मौजूदगी रही है।

रविवार की महापंचायत से पहले इसी जिले के चिलकाना सुल्तानपुर कस्बे में 10 फरवरी को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की कामयाब महापंचायत हुई थी। लेकिन आज की महापंचायत उससे बडी रही और किसानों की भागेदारी और जोश ज्यादा दिखा।

दिल्ली में यूपी बार्डर गाजीपुर पर टिकैत की अगुवाई में हजारों किसान कृषि कानूनों की वापसी को लेकर 90 दिनों से भी ज्यादा से धरने पर बैठे है। राकेश टिकैत अब इस आंदोलन की सफलता को देशभर में हो रही किसान महापंचायतों में भी शिरकत कर रहे है।

रालोद के आंदोलन में सीधे कूद जाने और चौधरी अजित सिंह एवं उनके बेटे जयंत चौधरी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार महापंचायतों में बढ-चढकर भागेदारी करने से किसानों की आवाज बेहद मुखर हुई है।

शामली के भैंसवाल में सपा से जुडे किसान नेता प्रोफेसर सुधीर कुमार द्वारा आयोजित महापंचायत की सफलता से सहारनपुर मंडल में किसान जातीय भेदभावों से ऊपर उठकर खडा हो गया दिखता है। इसका असर आज लाखनौर की महापंचायत में देखने को मिला।

रेलवे के निवेश में पांच गुना वृद्धि, ट्रेन हादसों में आई कमीः2014 से पहले जो सालाना निवेश औसतन 40 से 45 हजार करोड़ से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 2.15 लाख करोड़ हुआ attacknews.in

शिमला, 27 फरवरी । केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे के निवेश में पांच गुना वृद्धि हुई है तथा पिछले दो साल में ट्रेन हादसों में कमी आई है ।

शिमला के जुब्बडहट्टी एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में आज श्री गोयल ने कहा कि 2014 से पहले जो सालाना निवेश औसतन 40 से 45 हजार करोड़ होता था, वो वर्ष 2021-22 में बढ़कर दो लाख 15 हजार करोड़ हो गया है। निवेश में पांच गुणा की वृद्धि हुई है। हिमाचल का भी निवेश बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि ऐसा पुराने रेल ट्रैक समय पर बदलने, मानवरहित फाटकों को खत्म करने और सिग्नल सिस्टम को सुधारने के चलते हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इरादा पक्का है कि भारतीय रेल देश के विकास की गति को भी बढ़ाएगी और इससे प्रगति भी अच्छी होगी।

उन्होंने कहा कि श्री मोदी का बचपन रेलवे स्टेशनों पर गुजरा है, इसके चलते उनका रेलवे से लगाव है। वर्ष 2014 के बाद से ही यह प्राथमिकता रही है कि पुराने रेल ट्रैक को समय पर बदला जाए। इसके अलावा मानवरहित फाटकों को खत्म किया है व सिग्नल सिस्टम को सुधारा है।

ज्ञातव्य है कि देश में 2014-2015 में मानवरहित फाटकों पर विभिन्न घटनाओं में 130 लोगों की जान चली गई थी। 2015-16 में 58 लोगों और 2016-17 में 40 और 2017-2018 में 26 लोग, पहली अप्रैल 2018 से 15 दिसंबर 2018 तक 16 लोगों, इनमें 13 लोग कुशीनगर हादसे में मारे गए, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे।

किसान आंदोलन के बारे में उन्होंने कहा कि किसान पीएम के साथ है। कृषि कानून देश हित में है और किसानों की आए बढ़ाने के लिए लाए गए हैं। पूरे देश ने इन्हें स्वीकार किया है। कुछ राजनीति हितों से जुड़े लोग छोटे किसानों को भड़का रहे है, जो निंदनीय है।

पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर श्री गोयल ने कहा कि पिछली बार सात और इस बार चुनाव आठ चरणों में किए जायेंगें। कुछ राजनितिक दल इसको लेकर नाराज है। पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछना चाहिए कि वह दुखी क्यों है। सुरक्षा की दृष्टि से चुनाव आयोग ने यह फैसला किया है ताकि कोई गड़बडी न हो।

उन्होंने दावा किया कि पश्चिमी बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी। सुश्री बनर्जी से सभी दुखी है। 200 सीटों से अधिक जीत कर सरकार बनाएगी। पांडेचरी में भी भाजपा सरकार बनाएगी।

उन्होंने कहा कि वह हिमाचल में तीन दिनों के प्रवास पर आए है। इस बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ रेलवे और उसके विस्तार के इलावा उद्योगों पर भी चर्चा करेगें।

प. बंगाल में आठ और असम में तीन चरणों में,3 राज्यों में एक चरण में विधानसभा चुनाव,सभी राज्यों में 824 विधानसभा सीटों पर 18 करोड़ 68 लाख मतदाता दो लाख 70 हजार मतदान केंद्रों पर करेंगे मतदान, साथ ही तमिलनाडु, केरल की दो लोक सभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 फरवरी । निर्वाचन आयोग ने तमिलनाडु और केरल की दो लोक सभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का एलान किया है।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि तमिलनाडु और केरल में घोषित हुए विधानसभा चुनाव कार्यक्रमों के साथ ही तमिलनाडु के कन्याकुमारी और केरल के मल्लापुरम लोक सभा सीटों पर उपचुनाव सम्पन्न होंगे।

लोक सभा की इन दो सीटों पर छह अप्रैल को मतदान होगा और दो मई को मतगणना होगी। बारह मार्च को चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी जबकि 19 मार्च को नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख है। नामांकन पत्रों की जांच 20 मार्च को होगी और उम्मीदवार 22 मार्च तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं।

कन्याकुमारी के सांसद एच वसंतकुमार की मृत्यु हो जाने और मल्लापुरम के सासंद पी के कुन्हाली कुट्टी के इस्तीफे के कारण इन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं।

प. बंगाल में आठ और असम में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव

इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील पश्चिम बंगाल में आठ चरणों तथा असम में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की शुक्रवार को घोषणा कर दी।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में पश्चिम बंगाल की 294 और असम की 126 विधान सभा सीटों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था तथा कोविड दिशानिर्देशों के अनुरूप चुनाव कराने का ऐलान किया।

इसके साथ ही केरल, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी में एक-एक चरण में विधानसभा चुनाव कराये जायेंगे। सभी मतदान केंद्रों की मतगणना दो मई को करायी जायेगी। चुनाव प्रक्रिया चार मई को पूरी हो जायेगी।

श्री अरोड़ा ने बताया कि पश्चिम बंगाल की 30 सीटों के पहले चरण के लिए दो मार्च को अधिसूचना जारी की जायेगी और नौ मार्च तक नामांकन पत्र दाखिल किये जा सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 10 मार्च को होगी और 12 मार्च तक नाम वापस लिये जाएंगे। पहले चरण के लिए 27 मार्च को मतदान होगा।

बंगलादेश, झारखंड और बिहार की सीमा से सटे इस राज्य में दूसरे चरण में 30 सीटों के लिए अधिसूचना पांच मार्च को जारी की जायेगी और 12 मार्च तक नामांकन पत्र दाखिल किये जायेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 15 मार्च को होगी और 17 मार्च तक नाम वापस लिये जायेंगे। दूसरे चरण का मतदान एक अप्रैल को होगा।

तमिलनाडु, केरल और पुड्डुचेरी में एक चरण में चुनाव कराये जायेंगे।

उन्होंने बताया कि पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा, जबकि अंतिम चरण 29 अप्रैल को होगा। सभी विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना दो मई को होगी। तमिलनाडु, केरल और पुड्डचेरी में एक ही चरण में छह अप्रैल को मतदान होगा।

श्री अरोरा के अनुसार, असम में पहले चरण के चुनाव के लिए दो मार्च को अधिसूचना जारी कर दी जायेगी, जबकि दो अन्य चरणों के लिए पांच मार्च और 10 मार्च को अधिसूचना जारी होगी। इस राज्य में 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को मतदान कराये जायेंगे।

इन सभी राज्यों में 824 विधानसभा सीटों पर चुनाव कराये जायेंगे जिनमें 18 करोड़ 68 लाख मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इसके लिए दो लाख 70 हजार मतदान केंद्र बनाये गये हैं।

श्री अरोरा ने बताया कि चुनाव कार्य सम्पन्न कराने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वॉरियर माना गया है।

नाथूराम गोडसे समर्थक नेता के कांग्रेस में प्रवेश के बाद अरुण यादव ने खोला मोर्चा,साथ देने के लिए आगे आए हैं दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह attacknews.in

भोपाल, 26 फरवरी । मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में ग्वालियर के हिंदू महासभा से जुड़े नाथूराम गोडसे समर्थक एक नेता बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में प्रवेश को लेकर चल रही राजनीति के बीच कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने आज सामने आकर मोर्चा खोल दिया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री यादव ने ट्वीट के जरिए लिखा है ‘महात्मा गांधी और गांधी विचारधारा के हत्यारे के खिलाफ, मैं खामोश नहीं बैठ सकता हूं।’ इसके साथ ही उन्होंने एक पेज का अपना बयान भी पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे आरएसएस विचारधारा को लेकर लाभ हानि की चिंता किए बगैर जबानी जंग नहीं, सड़कों पर लड़ते हैं। उनकी आवाज कांग्रेस और गांधी विचारधारा को समर्पित एक सच्चे कांग्रेस कार्यकर्ता की आवाज है।

कथित गोडसे समर्थक चौरसिया के कांग्रेस में आने पर राजनीति शुरू

इससे पहले कल मध्यप्रदेश के ग्वालियर के हिंदू महासभा से जुड़े एक नेता बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने के मामले को लेकर राजनीति प्रारंभ हो गयी थी । इस मामले में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव का ट्वीट भी चर्चा में आ गया था ।

कथित तौर पर नाथूराम गोडसे समर्थक बाबूलाल चौरसिया की कांग्रेस में आने संबंधी खबर को शेयर करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने लिखा था ‘बापू हम शर्मिंदा हैं। महात्मा गांधी अमर रहें।’ श्री यादव ने इस ट्वीट के साथ एक खबर और फोटो भी पोस्ट की है, जिसमें वरिष्ठ नेता कमलनाथ श्री चौरसिया का अभिवादन करते हुए दिख रहे हैं।

गोडसे भक्त को पार्टी में शामिल करने से कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर: नराेत्तम

इधर मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर हमला करते हुए आज कहा था कि नाथूराम गोडसे के पुजारी को कांग्रेस में शामिल करने से उसका दोहरा चरित्र सब के सामने आ गया है।

श्री मिश्रा ने अपने ट्वीट के जरिए कहा ‘गोडसे का पुजारी अब करेगा कांग्रेस की सवारी, नाथूराम गोडसे के पुजारी को पार्टी में शामिल करने से कांग्रेस का दोहरा चरित्र ही सामने आता है। उसके लिए तो गांधी के नाम पर सिर्फ तथाकथित गांधी परिवार ही अहम है, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी नहीं।’

मूल रुप से ग्वालियर निवासी बाबूलाल चौरसिया हिन्दू महासभा से जुड़े थे और उन्होंने दो दिन पहले यहां प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थाम लिया है। श्री चौरसिया ग्वालियर नगर निगम के पार्षद भी रह चुके हैं।

लक्ष्मण सिंह ने अरुण यादव की बात का किया समर्थन

मध्यप्रदेश के गुना जिले के चाचौड़ा से कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अनुज लक्ष्मण सिंह, वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव का समर्थन करते हुए आज कहा कि नाथूराम गोडसे के समर्थक के लिए कांग्रेस नहीं, सेंट्रल जेल उपयुक्त स्थान है।

श्री सिंह ने अपने ट्वीट के जरिए श्री यादव की बात का समर्थन किया और कहा कि ‘गोडसे के उपासकों के लिए सेंट्रल जेल उपयुक्त स्थान है, कांग्रेस पार्टी नहीं। ग्रह मंत्रालय भी गोडसे समर्थकों की गतिविधियों पर नजर रखे तो उचित होगा।

एनआईए ने जासूसी को लेकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के भारतीय एजेंट के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 फरवरी । एनआईए ने जासूसी में कथित तौर पर संलिप्त रहने को लेकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक भारतीय एजेंट के खिलाफ एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

गुजरात के पश्चिम कच्छ जिला निवासी राजाभाई कुंभर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून (यूएपीए) की संबद्ध धाराओं के तहत बृहस्पतिवार को पूरक आरोपपत्र दाखिल किया गया।

पाकिस्तान स्थित आईएसआई एजेंटों को सामरिक महत्व की संवेदनशील जानकारी, तस्वीरें और वीडियो भेजने के आरोप में उत्तर प्रदेश के चंदोली निवासी मोहम्मद राशिद को लखनऊ में गिरफ्तार किये जाने के बाद शुरूआत में पिछले साल जनवरी में एक मामला दर्ज किया गया था।

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने इसके बाद पिछले साल अप्रैल में मामला दर्ज किया और जांच की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली।

इससे पूर्व, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों एवं सुरक्षा बलों की गतिविधियों से संबंधित संवेदनशील और सामरिक रूप से अहम सूचनाएं पाकिस्तान स्थित आईएसआई के अपने आकाओं को भेजने में राशिद की भूमिका को लेकर पिछले साल जुलाई में एक आरोपपत्र दाखिल किया गया था।

एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि कुंभर को पिछले साल 30 सितंबर को गिरफ्तार किया गया। वह वैध दस्तावेजों पर दो बार पाकिस्तान गया था और अपनी दूसरी यात्रा से लौटने के दौरान वह पाकिस्तानी आईएसआई एजेंट हामिद के संपर्क में आया था और साजिश में भीगीदार बना था।

अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है।