अमेरिका और भारत ने द्विपक्षीय संबंधों, कोविड-19 राहत प्रयासों, भारत-चीन सीमा स्थिति और अफगानिस्तान पर चर्चा करने के साथ इन क्षेत्रों में मिलकर काम करने का संकल्प लिया attacknews.in

वाशिंगटन, 29 मई ।अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उसकी बैठक सार्थक रही और इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों, कोविड-19 राहत प्रयासों, भारत-चीन सीमा स्थिति और अफगानिस्तान पर चर्चा की तथा साझा चिंताओं के क्षेत्रों पर साथ मिलकर काम करने का प्रण किया।

जयशंकर अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं। वह 20 जनवरी को जो बाइडन के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद देश की यात्रा पर आए भारत के पहले मंत्री हैं। उन्होंने शुक्रवार को ब्लिंकन से मुलाकात की।

विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘‘ब्लिंकन ने विदेश मंत्रालय में जयशंकर का स्वागत किया और अमेरिका-भारत व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने की अमेरिकी प्रशासन की प्रतिबद्धता को दोहराया।’’

ब्लिंकन ने कहा, ‘‘डॉ. एस जयंशकर के साथ क्षेत्रीय सुरक्षा और अमेरिका के कोविड-19 राहत प्रयासों समेत आर्थिक प्राथमिकताओं, भारत-चीन सीमा स्थिति और अफगानिस्तान के लिए हमारे सहयोग पर आज रचनात्मक बातचीत की।’’

ब्लिंकन ने विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में जयशंकर के साथ मुलाकात के बाद ट्वीट किया, ‘‘मित्र के तौर पर हम साझा चिंताओं के इन क्षेत्रों में एक साथ मिलकर काम करते रहेंगे।

वहीं, जयशंकर ने ट्वीट किया कि उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के साथ ही द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न आयामों पर ब्लिंकन के साथ ‘‘सार्थक चर्चा’’ की।

उन्होंने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत और क्वाड, अफगानिस्तान, म्यांमा, यूएनएससी मामलों और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर भी बातचीत की।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत-अमेरिका के बीच टीकों की साझेदारी पर भी चर्चा की जिसका मकसद टीकों की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इस वक्त अमेरिका द्वारा जताई मजबूत एकजुटता की सराहना करते हैं। आज की बातचीत ने हमारी रणनीतिक साझेदारी और सहयोग के हमारे एजेंडे को और मजबूत किया है।’’

भारतीय पत्रकारों के एक समूह के सवाल के जवाब में जयशंकर ने इसका जिक्र नहीं किया कि क्या खासतौर से चीन पर चर्चा की गई।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर चर्चा की। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा की गई।’’

गौरतलब है कि भारत, अमेरिका और दुनिया के कई अन्य देश चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी की पृष्ठभूमि में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त और स्वतंत्र बनाने की जरूरत पर जोर दे रहे हैं। चीन की सेना की नजर भी सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र पर है।

अमेरिका को भारत का रणनीतिक साझेदार बताते हुए जयशंकर ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि दोनों देशों ने अपनी चुनौतियों पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि किसी भी बैठक में रूस से अरबों डॉलर की एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने की भारत की योजना के मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई।

दक्षिण और मध्य एशिया के लिए कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री डीन थॉम्पसन ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर घटनाक्रमों पर ही चर्चा की गई।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा कि हम स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से हल हो जाएगा।’’

विदेश विभाग के अनुसार, दोनों नेताओं ने कोविड-19 राहत प्रयासों, ‘क्वाड’ के जरिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने की कोशिशों और जलवायु परिवर्तन से निपटने की साझा प्रतिबद्धता तथा संयुक्त सुरक्षा परिषद समेत अन्य मंचों पर बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की।

प्राइस ने कहा, ‘‘ब्लिंकन और जयशंकर ने क्षेत्रीय घटनाक्रमों, बर्मा में तख्तापलट और अफगानिस्तान के लिए सहयोग जारी रखने पर भी चर्चा की।’’ दोनों नेताओं ने साझा आर्थिक और क्षेत्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं पर सहयोग जारी रखने का भी संकल्प लिया।

इससे पहले थॉम्पसन ने पत्रकारों को बताया कि यह बैठक ‘‘साझेदारी और आगामी वर्षों में इसे मजबूत करने की हमारी प्रतिबद्धता को दिखाती है।’’

उन्होंने कहा, ‘ब्लिंकन और जयशंकर के बीच आज हुई बैठक महामारी शुरू होने के बाद से वाशिंगटन में पहली व्यक्तिगत मुलाकातों में से एक है। यह बैठक भारत के साथ हमारे संबंधों की गहराई को दिखाती है। भारत को हम क्षेत्र तथा दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण साझेदारों में से एक के रूप में देखते हैं।’’

अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने खोला रहस्य; चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग काे भरोसा है कि अमेरिका पर 2035 तक स्वामित्व हासिल कर लेंगे attacknews.in

वाशिंगटन, 29 मई (स्पूतनिक) अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दृढ़ विश्वास है कि वह 2030-35 तक अमेरिका पर स्वामित्व प्राप्त कर लेंगे।

श्री बाइडन ने वर्जीनिया में शुक्रवार को एक सैन्य अड्डे पर एक भाषण के दौरान कहा, “ मैने श्री जिनपिंग के साथ दुनिया के किसी अन्य नेता के मुकाबले सर्वाधिक समय बिताया है।

सिर्फ एक दुभाषिये के रहते हुए उनके साथ 24 घंटे की निजी बैठकें की हैं।

चीन और यहां उनके साथ 17000 मील यात्रा की है।

उनका दृढ़ विश्वास है कि तानाशाही के त्वरित निर्णय लेने के कारण चीन 2030-35 से पहले अमेरिका पर स्वामित्व हासिल करने जा रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया इस वक्त लोकतंत्र और तानाशाही के बीच के युद्ध का सामना कर रही है।

अंतरराष्ट्रीय कार्यक्षेत्र में संबंध और जटिल हो गये हैं।

देशों के बीच आम सहमति पर पहुंचना कठिन हो गया है।

उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी घटनाओं की साजिश रचने में हिजबुल मुजाहिदीन की सहायता करने वाले सहयोगियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 मई ।राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी घटनाओं के लिए साजिश रचने में हिजबुल मुजाहिदीन की सहायता करने वाले जम्मू-कश्मीर के दो निवासियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।

एनआईए ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।
एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (राेकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत लखनऊ की एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किये गये हैं।

आरोपी निसार अहमद शेख जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के बोनास्तान गांव का निवासी है और दूसरा आरोपी निवासी निशाद अहमद बट हुंजाला गांव का रहने वाला है।

अधिकारियों ने आरोप पत्र में बताया कि एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि दोनों आरोपियों शेख और बट ने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी ओसामा बिन जावेद को आश्रय दिया था और उसकी सहायता की थी। बाद में ओसामा बिन जावेद मुठभेड़ में मारा गया था।

एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “ओसामा बिन जावेद और हिजबुल मुजाहिदीन के अन्य आतंकवादियों के लिए शेख सुरक्षित यातायात का प्रबंध करता था और बट उनके ठहरने की व्यवस्था करता था। बट हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को सुरक्षित आश्रय देने के लिए अपने घर में गुप्त स्थान मुहैया कराता था।”

दिल्ली की अदालत द्वारा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कालाबाजारी करने वाले रसूखदार व्यवसायी नवनीत कालरा की जमानत मंजूर attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 मई । दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को व्यवसायी नवनीत कालरा की ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कालाबाजारी मामले में जमानत मंजूर कर ली।

अदालत ने एक-एक लाख के रुपये के दो मुचलकाें, ग्राहकाें से संपर्क नहीं करने और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने तथा जांच में सहयोग करने की शर्तों के साथ कालरा की जमानत मंजूर की।

जमानत पर सुनवाई के दौरान अभियोजक अतुल श्रीवास्वत ने अदालत से कहा कि कालरा ने धोखाधड़ी की है और अधिक लाभ अर्जित करने लिए मौत से जूझ रहे रोगियों को अधिक दाम पर ‘जर्मनी में बने’ ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बताकर बेच रहा था।

उन्होंने आरोप लगाया कि कंसंट्रेटर में हवा का प्रवाह बहुत ही कम था और वह एक मरीज के पर्याप्त हवा नहीं दे सकता था।

दिल्ली पुलिस का दावा है कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर चीन से मंगाए गए थे। इनकी कीमत 16 से 22 हजार के बीच थी और इन्हें 50 से 70 हजार रुपये में बेचा गया।

शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके नेता असत्य और भ्रम फैलाकर कोरोना से निपटने में व्यस्त राज्य सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं attacknews.in

भोपाल, 29 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस और उसके नेता असत्य और भ्रम फैलाकर कोरोना संकटकाल से निपटने में व्यस्त राज्य सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रही है।

श्री चौहान ने एक बयान में कहा कि वे और उनकी सरकार जनता के साथ मिलकर कोरोना नियंत्रण के प्रयासों में लगे हुए हैं। हमारी कोशिश है कि हम परिस्थितियों को जल्द से जल्द सामान्य बना दें। हम जनता के साथ मिलकर प्रयासों में लगे हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन कांग्रेस झूठ बोलकर मध्यप्रदेश में आग लगाना चाहती है।

श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस के झूठ का स्तर तो देखिए। कल मैहर में प्रेस को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अपने बयान में कह रहे हैं ‘अभी मैं रामचंद्र अग्रवाल जी से मिलकर आया हूं। उन्होंने मुझे बताया कि उनकी मृत्यु रेमडेसिविर इंजेक्शन से हुई है।’

श्री चौहान ने तंज कसते हुए कहा कि अब मृत्यु के बाद स्वर्गीय रामचंद्र अग्रवाल श्री कमलनाथ को बता रहे हैं कि उनकी मृत्यु नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से हुई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस का स्तर कितने नीचे चला गया है।

उन्होंने कहा कि इस दल का प्रयास है कि एेन केन प्रकारेण प्रदेश में आग लगाओ और सरकार को बदनाम करो। ऐसी कांग्रेस से सावधान रहने और प्रदेश को बचाने की जरूरत है।

मध्यप्रदेश में रिकवरी रेट 95 प्रतिशत हुयी – शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि कोरोना की स्थिति में सुधार के बावजूद हम सबको अतिसतर्क रहना है।

श्री चौहान ने यहां अपने वीडियो संदेश में कहा कि राज्य में कल लगभग 76,000 टेस्ट किए गए, जिनमें से 1640 नए संक्रमित मिले। औसत संक्रमण दर (पॉजीटिविटी रेट) 2़ 1 प्रतिशत पर आ गयी है। इसी तरह स्वस्थ होने वालों की संख्या (रिकवरी रेट) बढ़कर 95 प्रतिशत हो गयी है।

श्री चौहान ने कहा कि इसके अलावा 4995 मरीज स्वस्थ हुए हैं। डिंडोरी जिले में एक भी नया प्रकरण नहीं आया है। उन्होंने इसके लिए वहां के प्रशासन की सराहना की। कुल 52 में से 23 जिलों में दस दस से कम प्रकरण दर्ज किए गए। मुरैना जिले में चिंता की बात है। वहां पर प्रकरण 48 से बढ़कर 75 हुए हैं। वहां के नागरिक कोरोना कर्फ्यू संबंधी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें।

श्री चौहान ने कहा कि इंदौर, भोपाल, रतलाम, सागर और अनूपपुर जिलों में सात दिनों की औसत संक्रमण दर 5 प्रतिशत के आसपास है। यहां पर भी चिंता करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन स्थितियों के बावजूद पूरे प्रदेश को अतिसतर्क रहना है और कोराेना वायरस के संक्रमण को फैलने से पूरी तरह रोकना है।

“नमक के पानी से गरारे” द्वारा कोरोना की जांच करने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की मंजूरी मिली,इस आरटी-पीसीआर विधि से 3 घंटे में मिलेगा परिणाम attacknews.in

नमक के पानी से गरारे, कोई स्वैब नहीं, सरल, तेज और सस्ता

तीन घंटे के भीतर परिणाम मिल जाएगा, ग्रामीण एवं जनजातीय क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है

नईदिल्ली 28 मई ।वैश्विक महामारी कोविड-19 का प्रकोप शुरू होने के बाद से ही भारत अपने यहाँ इसकी जांच (परीक्षण) के बुनियादी ढांचे और क्षमता को बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रहा है।

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के तहत नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) के वैज्ञानिकों ने इस कड़ी में एक और कीर्तिमान बना लिया है जिसके अंतर्गत जिसमें कोविड-19 के नमूनों के परीक्षण के लिए ‘नमक के पानी से गरारे (सलाइन गार्गल) आरटी-पीसीआर विधि’ ढूंढ ली गयी हैI

एक विधि से कई लाभ : सरल, तेज़, आरामदायक और किफायती:

नमक के पानी से गगारे (सेलाइन गार्गल) की इस विधि से कई प्रकार के लाभ एक साथ मिलते हैंI यह विधि सरल, तेज, लागत प्रभावी, रोगी के अनुकूल और आरामदायक है और इससे परिणाम भी जल्दी मिलते हैंI न्यूनतम बुनियादी ढांचा आवश्यकताओं को देखते हुए यह विधि ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।

पत्र सूचना कार्यालय से बातचीत में राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसन्धान संस्थान (एनईईआरआई) में पर्यावरण विषाणु विज्ञान प्रकोष्ठ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कृष्णा खैरनार ने कहा कि : “स्वैब संग्रह विधि के लिए समय की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, चूंकि इस तकनीक में सम्भावित संक्रमितों जांच के दौरान कुछ असुविधा का सामना भी करना पढ़ सकता है जिससे वे कभी-कभी असहज भी हो सकते। साथ ही इस प्रकार से एकत्र किए गए नमूनों को एकत्रीकरण केंद्र और जांच केंद्र तक ले जाने में भी कुछ समय लगता है। वहीं दूसरी ओर, नमक के पानी से गरारे (सेलाइन गार्गल) की आरटी-पीसीआर विधि तत्काल, आरामदायक और रोगी के अनुकूल है। नमूना तुरंत ले लिया जाता है और तीन घंटे में ही परिणाम मिल जाएगा।”

रोगी स्वयं ही अपना नमूना एकत्र कर सकता है:

डॉ. खैरनार के अनुसार यह विधि गैर-आक्रामक और इतनी सरल है कि रोगी स्वयं नमूना एकत्र कर सकता है।

उन्होंने कहा कि, “नाक से और मुंह से नासोफेरींजल और ऑरोफरीन्जियल स्वैब एकत्र करने जैसी संग्रह विधियों के लिए तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है और इनमें समय भी लगता है। इसके विपरीत, नमक के पानी से गरारे (सेलाइन गार्गल) की आरटी-पीसीआर विधि में नमक के पानी (सेलाइन वाटर) से भरी एक साधारण संग्रह ट्यूब का उपयोग किया जाता है। रोगी इस घोल से गरारे करता है और उसे ट्यूब के अंदर डाल देता है। संग्रह ट्यूब में यह नमूना प्रयोगशाला में ले जाया जाता है जहां इसे कमरे के तापमान पर एनईईआरआई द्वारा तैयार एक विशेष बफर घोल (सौल्युशन) में रखा जाता है। इस घोल को गर्म करने पर एक आरएनए टेम्प्लेट तैयार किया जाता है, जिसे आगे रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) के लिए संसाधित किया जाता है। नमूना एकत्र करने और उसे संसाधित करने की यह विशेष विधि हमें आरएनए निष्कर्षण की दूसरी अन्य महंगी ढांचागत आवश्यकता के स्थान पर इसका प्रयोग करने के लिए सक्षम बनाती है। लोग इससे स्वयं का परीक्षण भी कर सकते हैं, क्योंकि इस विधि अपना नमूना (सैम्पल) खुद ही लिया जा सकता है।” यह विधि पर्यावरण के अनुकूल भी है, क्योंकि इसमें अपशिष्ट उत्पादन कम से कम होता है।

ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में परीक्षण के लिए वरदान:

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि परीक्षण की यह अनूठी तकनीक ऐसे ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से लाभप्रद सिद्ध होगी जहां अभी तक बुनियादी ढांचे की आवश्यकताएं एक बाधा के रूप में सामने आ सकती हैं। इस गैर-तकनीक को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की मंजूरी मिल गई है। साथ ही एनईईआरआई से कहा गया है कि वह देश भर में इसके प्रयोग में मदद करने के लिए अन्य परीक्षण प्रयोगशालाओं को प्रशिक्षित आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था करेंI

नागपुर नगर निगम ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है, जिसके बाद एनईईआरआई में स्वीकृत परीक्षण प्रोटोकॉल के अनुसार परीक्षण शुरू हो गया है।

“पूरे भारत में लागू करने की आवश्यकता”

एनईईआरआई में पर्यावरणीय विषाणुविज्ञान प्रकोष्ठ (एनवायरनमेंटल वायरोलॉजी सेल) के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और लैब-तकनीशियनों ने विदर्भ क्षेत्र में बढ़ते कोविड-19 संक्रमणों के बीच इस रोगी-अनुकूल तकनीक को विकसित करने के लिए अनथक प्रयास किए हैं।

डॉ. खैरनार और उनकी टीम को उम्मीद है कि इस पद्धति को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप तेजी से और अधिक नागरिक-अनुकूल परीक्षण होंगे, और महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को और मजबूती मिलेगी I

बजाज हेल्थकेयर ने कोविड-19 रोगियों में ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोगी दवा पॉसाकोनाजोल पेश की attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 मई । बजाज हेल्थकेयर ने शुक्रवार को कोविड-19 रोगियों में म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस) के इलाज में उपयोगी दवा पॉसाकोनाजोल की पेशकश की है।

बाजार हेल्थकेयर ने शेयर बाजार को बताया कि कंपनी को खाद्य एवं दवा प्रशासक (एफडीए) गांधी नगर, गुजरात से म्यूकोर्मिकोसिस के इलाज के लिए पॉसाकोनाजोल के विनिर्माण और विपणन की अनुमति मिल गई है।

कंपनी ने बताया कि वह जून 2021 के पहले सप्ताह से अपना व्यावसायिक उत्पादन शुरू करेगी।

केंद्र सरकार मध्याह्न-भोजन के बदले सभी पात्र 11.8 करोड़ छात्रों को नगद सहायता राशि देंगी; देश भर के 11.20 लाख स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के बच्चे होंगे लाभान्वित attacknews.in

नईदिल्ली 28 मई । केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने एक विशेष कल्याण उपाय के तौर पर मध्याह्न-भोजन योजना सभी पात्र बच्चों के लिए खाना पकाने की लागत घटक के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से 11.8 करोड़ छात्रों (118 मिलियन छात्रों) को मौद्रिक सहायता प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे मध्याह्न भोजन कार्यक्रम को गति मिलेगी।

यह भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) के तहत लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम की दर से निःशुल्क खाद्यान्न वितरण की घोषणा के अतिरिक्त है।

यह निर्णय बच्चों के पोषण स्तर को सुरक्षित रखने में मदद करेगा और इस चुनौतीपूर्ण महामारी के समय में उनकी प्रतिरक्षा को बनाए रखने में मदद करेगा।

केंद्र सरकार इस उद्देश्य के लिए राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को लगभग 1200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रदान करेगी। केंद्र सरकार के इस एक बार के विशेष कल्याणकारी उपाय से देश भर के 11.20 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले लगभग 11.8 करोड़ बच्चे लाभान्वित होंगे।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवन और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘‘ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच मजबूत साझेदारी की समीक्षा बैठक की attacknews.in

वाशिंगटन, 28 मई । अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवन और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘‘ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच मजबूत साझेदारी की समीक्षा करने के लिए’’ बृहस्पतिवार को मुलाकात की।

जो बाइडन के अमेरिकी राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद किसी भारतीय कैबिनेट मंत्री की अमेरिका की यह पहली यात्रा है।

वहीं, जयशंकर ने बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘‘ एनएसए जेक सुलीवन से मिलकर प्रसन्नता हुई। हिंद-प्रशांत और अफगानिस्तान सहित कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। कोविड से निपटने के लिए अमेरिका द्वारा दिखाई गई एकजुटता की सराहना की। टीके को लेकर भारत-अमेरिका की साझेदारी बड़ा बदलाव ला सकती है।’’

बैठक के बाद सुलीवन ने ट्वीट किया, ‘‘दोनों देशों के लोगों का एकदूसरे से सम्पर्क और हमारे मूल्य अमेरिका-भारत साझेदारी की नींव हैं और यह साझेदारी वैश्विक महामारी का खात्मा करने, जलवायु संबंधी मामले का नेतृत्व करने और स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत का समर्थन करने के लिए हमारी मदद करेगी।’’

अमेरिका सरकार और अमेरिकी जनता ने भारत को कोविड-19 संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए अभी तक 50 करोड़ डॉलर से अधिक की मदद की है।

सुलीवन ने ट्वीट किया, ‘‘ हम वैश्विक महामारी का खात्मा एकसाथ मिलकर करेंगे।’’

व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एमिली होर्न ने बताया कि बैठक के दौरान सुलीवन और जयशंकर ने हाल के हफ्तों में किए गए सहयोग का स्वागत किया, जिसके तहत अमेरिका की संघीय सरकार और राज्य सरकारों, अमेरिकी कम्पनियों और अमेरिकी नागरिकों ने भारत के लोगों को कोविड-19 संबंधी राहत पहुंचाने के लिए 50 करोड़ डॉलर से अधिक की मदद की।

उन्होंने कहा, ‘‘ दोनों ने क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की और इस बात पर सहमत हुए अमेरिका और भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करना जारी रखना चाहिए।’’

होर्न ने कहा, ‘‘ वे इस बात पर भी सहमत हुए कि लोगों का लोगों से सम्पर्क और साझा मूल्य अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी की नींव है जो वैश्विक महामारी का खात्मा करने, स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत का समर्थन करने और जलवायु संबंधी चुनौतियों को वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने में मदद कर रही है। ’’

भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य युद्धाभ्यास और आक्रामकता की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, मुक्त और सम्पन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बात कर रही हैं।

चीनी सेना बीजिंग के प्रभाव को बढ़ाने के लिए रणनीतिक महत्व के हिंद महासागर क्षेत्र पर भी सक्रिय रूप से नजर गड़ाए हुए है।

जयशंकर शुक्रवार को अमेरिकी समकक्ष टोनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से भी मुलाकात करेंगे।

यशंकर ने बृहस्पतिवार को कोविड-19 टीकों के बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित मसलों पर अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन ताई के सकारात्मक रुख और मजबूत आपूर्ति श्रृंखला के लिए उनके समर्थन का स्वागत किया।

बैठक के बाद एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘आईपीआर मसलों पर सकारात्मक रुख और कुशल तथा मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए उनके समर्थन का स्वागत किया।’’

ताई ने इस महीने की शुरुआत में विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श के बाद विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में कोविड-19 टीकों के कुछ आईपी पहलुओं को खत्म करने के भारत और दक्षिण अफ्रीका के कदम को समर्थन देने की घोषणा की थी।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘हमारी रणनीतिक साझेदारी के मूल में व्यापार, प्रौद्योगिकी और कारोबारी सहयोग है। कोविड महामारी के बाद आर्थिक सुधार के लिए इन्हें बढ़ाना महत्वपूर्ण है।’’

नेपाल के चीफ जस्टिस ने राष्ट्रपति द्वारा संसद के निचले सदन को भंग करने के खिलाफ दायर 30 याचिकाओं की सुनवाई के लिए किया संविधान पीठ का गठन attacknews.in

काठमांडू, 28 मई । नेपाल के प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा ने राष्ट्रपति द्वारा प्रतिनिधि सभा भंग करने के खिलाफ दायर 30 रिट याचिकाओं पर सुनवाई के लिए संविधान पीठ के गठन के लिए उच्चतम न्यायालय के चार न्यायाधीशों को चुना है। मीडिया में शुक्रवार को आई एक खबर में यह जानकारी दी गई।

संवैधानिक मामलों संबंधी विवाद को निपटाने के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का प्रावधान है।

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सलाह पर संसद के निचले सदन को भंग करने की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के 22 मई के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में करीब 30 याचिकाएं दर्ज की गई हैं।

काठमांडू पोस्ट की खबर के मुताबिक नव गठित पीठ में न्यायमूर्ति दीपक कुमार कार्की, आनंद मोहन भट्टाराई, तेज बहादुर केसी और बाम कुमार श्रेष्ठ के अलावा प्रधान न्यायाधीश शामिल होंगे।

उच्चतम न्यायालय के संचार विशेषज्ञ किशोर पोडेल ने अखबार को बताया, “प्रधान न्यायाधीश राणा ने वरिष्ठतम न्यायाधीशों को शामिल कर पीठ का गठन किया है।”

उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश के अलावा वर्तमान में 13 वरिष्ठ न्यायाधीश हैं।

ऐसी 19 याचिकाओं पर शुरुआती सुनवाई प्रधान न्यायाधीश राणा नीत पीठ ने बृहस्पतिवार को की थी। एकल पीठ ने इसपर आगे की सुनवाई के लिए दायर रिट याचिकाओं को संविधान पीठ को भेज दिया है।

कुछ याचिकाकर्ताओं ने सदन भंग करने और राष्ट्रीय बजट प्रस्तुत करने के लिए सदन की बैठक बुलाए जाने के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित करने की मांग की है। राणा ने इससे इनकार कर दिया।

संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक, सरकार को 29 मई तक संघीय बजट प्रस्तुत करना ही होगा।

चूंकि कोई संसद है नहीं इसलिए सरकार अध्यादेश के जरिए बजट लाने की योजना बना रही है।

राष्ट्रपति भंडारी ने 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा को पांच महीनों में दूसरी बार शनिवार को भंग कर दिया और प्रधानमंत्री ओली की सलाह पर 12 नवंबर और 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की है।

नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर में चक्रवात ‘यास’ से ओडिशा के विभिन्न इलाकों में हुए नुकसान की समीक्षा की, ओडिशा ने चक्रवातों की समस्या से निजात का मांगा दीर्घकालिक समाधान attacknews.in

भुवनेश्वर, 28 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भुवनेश्वर पहुंचे और यहां एक बैठक में चक्रवात ‘यास’ से ओडिशा के विभिन्न इलाकों में हुए नुकसान की समीक्षा की। इस दौरान ओडिशा सरकार ने बार-बार आने वाली चक्रवात की समस्या से निजात के लिए दीर्घकालिक समाधानों और आपदा अनुकूल शक्ति तंत्र के प्रावधानों पर जोर दिया।

समीक्षा बैठक के बाद ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन में हुए खर्च के लिए कोई तत्काल राहत कोष की मांग नहीं की बल्कि दीर्घकालिक समाधानों पर जोर दिया क्योंकि ओडिशा को आए दिन चक्रवातीय तूफानों का सामना करना पड़ता है।

बैठक में प्रधानमंत्री और ओडिशा के मुख्यमंत्री के अलावा राज्यपाल गणेशी लाल, केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और प्रताप सारंगी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

इसके बाद प्रधानमंत्री बालासोर और भद्रक के प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के लिए निकल गए। प्रधानमंत्री हवाई मार्ग से ही पश्चिम बंगाल पहुंचे।

इससे पहले, राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित केंद्रीय मंत्रियों ने बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।

जेना ने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने एक आपदा अनुकूल शक्ति संसाधन और चक्रवातों से तटीय क्षेत्रों को बचाने के लिए स्थायी समाधान की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य में 480 किलोमीटर लंबा तटीय क्षेत्र है जिसमें 200 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र ज्वार की दृष्टि से संवेदनशील हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तत्काल किसी आर्थिक सहायता की मांग नहीं की है और वह अपने संसाधनों से व्यवस्था कर लेगा।

उन्होंने कहा कि चक्रवात से हुए नुकासान का अगले सात दिनों में आकलन किया जाएगा और उसके बाद केंद्रीय मदद की मांग की जाएगी।

इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ओडिशा के साथ खड़ी है। राज्य सरकार ने कोई तत्काल मदद की मांग नहीं की है लेकिन स्थायी समाधान पर जोर दिया है।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फिलहाल हवाई सर्वेक्षण कर नुकसान का जायजा लेंगे और शाम को राहत पैकेज की घोषणा करेंगे।

बैठक के आरंभ में प्रधानमंत्री का राज्य में स्वागत किया गया और इसके बाद चक्रवात का सामना करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में एक वीडियो फिल्म और डिजिटल प्रस्तुति के जरिए उन्हें अवगत कराया गया।

जेना ने कहा कि मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि आपदा की इस घड़ी में केंद्र व राज्य की सरकार को कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने तटीय इलाकों में कटाव की समस्या का जिक्र किया और तूफान से आए दिन होने वाले नुकसानों की तरफ उनका ध्यान आकृष्ट कराया।

ज्ञात हो कि चक्रवात यास से जुड़ी घटनाओं में अब तक चार लोगों की मौत हो गयी जबकि इसके कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

चक्रवात के कारण ओडिशा में तीन लोगों और पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत हो गयी।

पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।

‘ताउते’ के बाद एक सप्ताह के भीतर देश के तटों से टकराने वाला ‘यास’ दूसरा चक्रवाती तूफान है।

प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और वहां भी एक समीक्षा बैठक करेंगे।

दिल्ली हाईकोर्ट से ट्विटर को आईटी नियमों का पालन करने, शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश देने का अनुरोध attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 मई । दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका में शुक्रवार को कहा गया है कि ट्विटर ने शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी नियुक्त करने संबंधी केंद्र के आईटी कानून के नियम का पालन नहीं किया है। इसमें अनुरोध किया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को इस नियम का अविलंब पालन करने का निर्देश दिया जाए।

अधिवक्ता अमित आचार्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी कानून 25 फरवरी को प्रभाव में आए तथा केंद्र ने ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया मंचों को इनका पालन करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया था।

याचिका में कहा गया कि यह अवधि 25 मई को समाप्त हो गई लेकिन ट्विटर ने इस मंच पर ट्वीट से जुड़ी शिकायतों को देखने के लिए आज तक शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी की नियुक्ति नहीं।

आचार्य ने याचिका में कहा कि जब उन्होंने कुछ ट्वीट के बारे में शिकायत दर्ज करवाने का प्रयास किया तब उन्हें सरकारी नियमों का कथित अनुपालन नहीं किए जाने के बारे में पता चला।

याचिका में मांग की गई है कि ट्विटर को शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी की अविलंब नियुक्ति करने का निर्देश दिया जाए। इसमें केंद्र को भी निर्देश देने की मांग की गई कि वह आईटी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करे।

ट्विटर ने हाल में नए आईटी नियमों की आलोचना की थी और कहा था कि ये नियम ‘‘मुक्त और खुली सार्वजनिक बातचीत को रोकते हैं।’’

इस पर प्रतिक्रिया में केंद्र ने कहा था कि ट्विटर भारत को बदनाम करने के लिए निराधार और झूठे आरोप लगा रहा है।

गंगा किनारे दफन मिले सैकड़ों शव पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी, कहा- ये परंपरा, हिंदुओं के अंतिम संस्कार पर सवाल निंदनीय attacknews.in

प्रयागराज, 28 मई ।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने गंगा घाट के किनारे भू-समाधि किए गए शवों पर प्रश्नचिह्न लगाने और सरकार की आलोचना करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदुओं के अंतिम संस्कार पर सवाल खड़ा करना निंदनीय है।

महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि हिंदुओं में पार्थिव शरीर को जलाने के साथ भू-समाधि देने और जल में प्रवाहित करने की परंपरा है और यह सृष्टि निर्माण काल से चली आ रही है। गंगा के घाट के पास पार्थिव शरीर हमेशा दफनाएं जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी और सूबे में योगी आदित्यनाथ की हिंदुत्ववादी सरकार सत्तारूढ़ है। इससे सनातन धर्म विरोधी ताकतें बौखला गई हैं।

परिषद अध्यक्ष ने कहा कि सनातन धर्म विरोधी ताकतें सरकार को बदनाम करने के लिए तरह-तरह का कुचक्र रचते रहते हैं। उसी के तहत अब पार्थिव शरीर को निशाना बनाने का घिनौना काम किया जा रहा है जिसे अखाड़ा परिषद स्वीकार नहीं करेगा। संत समाज इसके खिलाफ लोगों में जागरुकता फैलाएगा।

गिरि ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि कुछ लोग गंगा किनारे दफनाए गए शवों को कोरोना से जोड़कर देख रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना के कारण अधिक मृत्यु हुई है, जिससे दाह संस्कार करने के साथ-साथ उन्हें गंगा घाट के किनारे दफनाया भी गया है जबकि कोरोना से पहले भी पार्थिव शरीर दफनाएं जाते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि शव जलाने के लिए लकड़ी की कमी है। उन्होंने बताया कि पतित पावनी गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए घाट से दूर शवों को दफनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पहले मीड़िया नहीं था जिस कारण इतना हो हल्ला नहीं मचता था, आज मीडिया के कारण कोई भी समाचार लोगों तक तत्काल पहुंच जाता है।

अलीगढ़ में जहरीली शराब का कहर 12 की मृत्यु कई बीमार;करसुआ और अंडला गांव के लोगों ने सरकारी ठेकेदार के ठेके से शराब खरीदकर पी थी attacknews.in

अलीगढ़,28 मई । उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ जिले के जवां और लोधा क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से दो ट्रक चालकों समेत 12 लोगों की मृत्यु हो गई है जबकि 11 को अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। इस मामले में पुलिस ने शराब कारोबारी और ठेके के सेल्समैन को हिरासत में लिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर राष्ट्रीयु सुरक्षा कानून(रासुका) के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जवां और लौधा इलाके में जहरी शराब पीने से अभी तक 12 लोगों की मृत्यु हो होने की सूचना है जबकि 11 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से कुछ की आंखों की रोशनी जाने की आशंक है।

उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर आईओसी गैस के बोटलिंग प्लांट के सामने करसुआ और अंडला गांव के कुछ लोगों ने सरकारी ठेकेदार के ठेके से गुरुवार को शराब खरीदकर पी थी।

शराब पीने के बाद अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। जिससे अब तक नौ लोगों की मृत्यु हो चुकी है। जिनमें दो ट्रक ड्राइवर शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि 11 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है ।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा जिले के जवां इलाके के छेरत गांव में भी जहरीली शराब पीने से अब तक तीन लोगों की मृत्यु हो गई है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई है और जांच में जुटी है।

इस घटना से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ जिला आबकारी अधिकारी ने गांव का दौरान किया। इस मामले में पुलिस ठेकेदार और सेल्समैन को हिरासत में लिया है।

मध्यप्रदेश में जॉब फेयर के लिये माई एम.पी. रोजगार पोर्टल पर मिलेगी सूचना attacknews.in

भोपाल, 28 मई । कोविंड 19 की स्थिति में योग्यताधारी आवेदकों के लिए माई एम पी रोजगार पोर्टल पर सूचना मिलेगी।

कोरोना के कारण जहाँ एक ओर नियोजक अपने पास उपलब्ध रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए निर्धारित योग्यताधारी आवेदकों के चयन की प्रक्रिया नहीं कर पा रहे है। वहीं दूसरी ओर बेरोजगार आवेदकों को साक्षात्कार की सूचना प्राप्त नहीं हो पा रही है।

इस समस्या के समाधान के लिये रोजगार संचालनालय के माई एम.पी. रोजगार पोर्टल पर वर्चुअल प्लेटफार्म उपलब्ध करवाया गया है। जिसके माध्यम से आवेदक अपने घर से ही काउन्सिलिंग प्राप्त कर सकते हैं और ऑनलाइन साक्षात्कार भी दे सकते है।