कनाडा और अमेरिका में भीषण गर्मी से सैकड़ों लोगों की मौत की आशंका, गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़े attacknews.in

सालेम (अमेरिका), 3 जुलाई (एपी) कनाडा और अमेरिका के ओरेगन तथा वाशिंगटन में भीषण गर्मी पड़ रही है और वहां गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

ओरेगन के स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि गर्मी के कारण 95 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है और राज्य की सबसे बड़ी काउंटी मुल्टनोमा में शुक्रवार से लू चलने के बाद से 45 लोगों की मौत हो चुकी है।

वहीं, कनाडा के पश्चिमी प्रांत ब्रिटिश कोलंबिया के मुख्य कोरोनर लीसा लैपोइंते ने बताया कि उनके कार्यालय को शुक्रवार से बुधवार को दोपहर एक बजे के बीच कम से कम 486 लोगों की ‘‘अचानक और प्रत्याशित तरीके से मौत’’ होने की खबरें मिली हैं।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘हालांकि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि इनमें से कितनी मौत गर्मी की वजह से हुई लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि अत्यधिक गर्मी के कारण मौत की संख्या बढ़ रही है।’’

वैंकूवर के पुलिस सर्जेंट स्टीव एडिसन ने एक बयान में कहा, ‘‘वैंकूवर में कभी इस तरह की गर्मी नहीं पड़ी और दुखद यह है कि इसके कारण दर्जनों लोग मर रहे हैं।’’

वाशिंगटन राज्य प्राधिकारियों ने गर्मी के कारण 20 से अधिक लोगों के मरने की खबर दी है लेकिन यह संख्या बढ़ सकती है।

मौसम विज्ञानियों ने उत्तरपश्चिम पर अत्यधिक दबाव बढ़ने और मानव निर्मित जलवायु परिवर्तन को इस गर्मी की वजह बताया है।

सिएटल, पोर्टलैंड और कई अन्य शहरों में गर्मी के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं और कुछ स्थानों पर पारा 46 डिग्री सेल्सियस से पार चला गया है। हालांकि पश्चिमी वाशिंगटन, ओरेगन और ब्रिटिश कोलंबिया में तापमान थोड़ा कम हुआ है लेकिन अंदरुनी क्षेत्रों में अब भी भीषण गर्मी पड़ रही है। कनाडा के दक्षिण अल्बर्टा और सस्काचवान और वाशिंगटन, ओरेगन, इडाहो और मोंटाना में गर्मी की चेतावनी जारी की गयी है।

ओरेगन की मुल्टनोमा काउंटी के मेडिकल परीक्षक ने 45 लोगों की मौत हाइपरथर्मिया यानी शरीर का तापमान असामान्य रूप से बढ़ने के कारण बतायी। इनकी आयु 44 से 97 वर्ष के बीच की थी। इस काउंटी के तहत पोर्टलैंड भी आता है। काउंटी ने बताया कि ओरेगन में 2017 और 2019 के बीच हाइपरथर्मिया से केवल 12 लोगों की मौत हुई थी।

किंग काउंटी के मेडिकल परीक्षक कार्यालय ने बताया कि गर्मी के कारण कम से कम 13 लोगों की मौत हो गयी। इनकी आयु 61 से 97 वर्ष के बीच थी। पूर्वी वाशिंगटन में स्पोकेन दमकल विभाग को बुधवार को एक अपार्टमेंट में दो लोग मृत मिले जिनकी मौत गर्मी की वजह से होने की आशंका है।

अमेरिका, कनाडा में गर्मी के कारण मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका

अमेरिका में प्रशांत उत्तरपश्चिमी क्षेत्र में मृतकों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है और चिकित्सा कर्मियों का कहना है कि अत्यधिक गर्मी के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है।

ओरिगोन, वाशिंगटन राज्य और कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में सैकड़ों लोगों की मौत हुई और यह पता लगाया जा रहा है कि क्या सभी की मौत गर्म हवा की वजह से हुई। इस क्षेत्र में 25 जून को भयंकर गर्मी पड़नी शुरू हुई और मंगलवार को ही कुछ इलाकों को थोड़ी राहत मिली।

ओरिगन के चिकित्सक परीक्षक ने शुक्रवार को बताया कि अकेले इस राज्य में मृतकों कि संख्या कम से कम 95 पर पहुंच गयी है। सबसे अधिक मौतें मुल्टनोमा काउंटी में हुई। मृतकों में ग्वाटेमाला का एक प्रवासी मजदूर भी शामिल है।

कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया की मुख्य कोरोनर, लीजा लैपोइंते ने बताया कि उनके कार्यालय को 25 जून और बुधवार के बीच कम से कम 486 लोगों की ‘‘अचानक और अप्रत्याशित मौत’’ होने की सूचनाएं मिली हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि इनमें से कितनी मौत गर्म हवा की वजह से हुई लेकिन गर्मी की वजह से ही ये मौत होने की आशंका है।

वाशिंगटन राज्य प्राधिकारियों ने गर्म हवा के कारण करीब 30 लोगों के मरने की खबर दी है लेकिन यह संख्या बढ़ सकती है। सिएटल में हार्बरव्यू मेडिकल सेंटर के आपात औषधि विभाग के निदेशक डॉ. स्टीव मिचेल ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वक्त के साथ यह संख्या बढ़ेगी। मैं अपने अनुभव से कह सकता हूं कि मृतकों की संख्या इससे अधिक हो सकती है।’’

मौसम विज्ञानियों ने इस भीषण गर्मी के लिए तापमान के सामान्य से 30 डिग्री अधिक जाने को जिम्मेदार बताया है जिससे उच्च दबाव का क्षेत्र बन गया है। पश्चिमी वाशिंगटन और ओरिगन में पारा थोड़ा गिरा लेकिन अंदरुनी उत्तरपश्चिमी इलाकों और कनाडा में गर्मी की चेतावनी अब भी जारी है।

केंद्र सरकार ने खुदरा और थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के रूप में शामिल करने की घोषणा की attacknews.in

नईदिल्ली 3 जुलाई ।सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम(एमएसएमई), सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के रूप में शामिल करते हुए एमएसएमई के लिए संशोधित दिशानिर्देशों की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व मेंहम एमएसएमई को मजबूत बनाने और उन्हें आर्थिक प्रगतिका इंजन बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

श्री गडकरी ने कहा कि संशोधित दिशानिर्देशों से ढाई करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि खुदरा और थोक व्यापार को अभी तक एमएसएमई के दायरे से बाहर रखा गया था, लेकिन अब संशोधित दिशानिर्देशों के तहतखुदरा और थोक व्यापार को भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के अनुसार प्राथमिकता वाले क्षेत्र के तहत ऋण प्राप्त करने का लाभ मिलेगा।

संशोधित दिशा-निर्देशों के साथ अब खुदरा और थोक व्यापारियों को उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर पंजीकरण कराने की अनुमति होगी।

हम कारोबारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुदरा एवं थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) के तहत लाने के फैसले को शनिवार को ‘‘ऐतिहासिक’’ करार दिया और कहा कि उनकी सरकार इस समुदाय को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

खुदरा एवं थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने के फैसले के कारण खुदरा और थोक व्यापारियों को भी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी में ऋण उपलब्ध हो सकेगा।

केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने की शुक्रवार को घोषणा की थी। इससे ये क्षेत्र भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बैंकों की प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी के तहत ऋण का लाभ उठा सकेंगे।

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘हमारी सरकार ने खुदरा एवं थोक व्यापार को एमएसएमई में शामिल करने का ऐतिहासिक कदम उठाया है। इससे हमारे करोड़ों व्यापारियों को आसानी से ऋण मिलने में मदद मिलेगी। उन्हें कई अन्य लाभ मिलेंगे और उनके कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा। हम हमारे व्यापारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार के इस फैसले ने 250 करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाले छोटे खुदरा एवं थोक विक्रेताओं पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा और उन्हें आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत घोषित विभिन्न योजनाओं के तहत तत्काल ऋण मिल सकेगा।

खुदरा एवं व्यापार संघों ने भी इस कदम का स्वागत किया है और कहा है कि इससे कोविड-19 के कारण बुरी तरह प्रभावित कारोबारियों को पूंजी मिल सकेगी, जिसकी उन्हें बहुत आवश्यकता है।

मेघालय पुलिस ने ‘लापता’ एक महिला को ग्रामीण बैंक में डकैती की कोशिश के मामले में बैंक के अंदर से ही 2 दिन बाद गिरफ्तार किया attacknews.in

शिलांग, 29 जून ।मेघालय पुलिस ने 26 जून से कथित तौर पर ‘लापता’ एक महिला को मेघालय ग्रामीण बैंक कार्यालय की बिष्णुपुर शाखा में डकैती की कोशिश के मामले में बैंक के अंदर से गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने मंगलवार को बताया कि महिला को सोमवार को बैंक के अंदर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक ने सप्ताहांत के दो दिन के अवकाश के बाद जब बैंक का दरवाजा खोला, 40 वर्षीय महिला को ‘डिहाइट्रेड और कमजोर’ स्थिति में पाया।

ईस्ट खासी हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक सिल्वेस्टर नोंगटनगर ने कहा कि हमने उसे आज गिरफ्तार कर लिया और तीन दिनों तक बैंक के अंदर छिपने की उसकी योजना के बारे में पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।

पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि महिला ने बैंक डकैती की योजना बनायी थी लेकिन ऐसा करने में विफल रही। सूत्रों ने कहा कि हमने महिला के पास से मुरमुरे और ओआरएस घोल के अलावा कुछ अन्य सामग्री बरामद की।

उसने बैंक के अधिकांश सीसीटीवी कैमरे हटा दिए थे और उसने अपने थैले में कुछ पैसे भी भर लिए थे। सूत्रों ने कहा कि पुलिस यह पता लगा रही है कि क्या कोई अन्य व्यक्ति या कर्मचारी भी इस बैंक डकैती का हिस्सा था।

कौन बनेगा करोड़पति में जीती गई 25 लाख रूपये की इनाम राशि के एवज में लाखों रूपये की ठगी करके ठग ने अपने बैंक खाते में राशि डलवा ली attacknews.in

ललितपुर 29 जून । उत्तरप्रदेश के ललितपुर में कौन बनेगा करोड़पति में 25 लाख का ईनाम जीतने की बात कहकर एक व्यक्ति से ठगी कर पैसे हथियाने का मामला मंगलवार को प्रकाश में आया।

कोतवाली तालबेहट निवासी विनोद कुमार अहिरवार पुत्र कौशल अहिरवार ने आज पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार को शिकायती पत्र देकर पूरे मामले के बारे में जानकारी दी।

दिये गये शिकायती पत्र में बताया गया कि विनोद के साथ कौन बनेगा करोड़पति में 25 लाख का ईनाम जीतने की बात कहकर साढे तीन लाख की ठगी की गयी है।

उसके नंबर पर आकाश वर्मा नाम के व्यक्ति का फोन आया और उसने बताया कि वह एसबीआई ब्रांच से बात कर रहा है।उसने बताया कि विनोद ने कौन बनेगा करोड़पति में 25 लाख का ईनाम जीता।यह पैसा उनके बैंक अकाउंट में ही ट्रांसफर किया जाएगा जिसके लिए उन्हें उनका बैंक अकाउंट नंबर पति-पत्नी के फोटो चाहिए और यह पैसा देने के एवज में टैक्स का पैसा बैंक की फॉर्मेलिटीज का पैसा एवं अन्य खर्च मिला कर करीब 5 लाख रुपये चाहिए जो आप हमारे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करेंगे । उसके तुरंत बाद ही आपको आपकी जीत का 25 लाख रुपए आपके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जायेगा ।

ईनाम जीतने की खुशी में कॉल करने वाले की बात पर भरोसा करके उसने अलग-अलग किस्तों में आकाश वर्मा के द्वारा बताए गए बैंक अकाउंट नंबर में 3 लाख 50 हजार रुपये जमा कर दिया।

यह पैसा उसने अपनी पत्नी और अन्य परिजनों के जेवर बेचकर इकट्ठा किया था,इसके बाद उसने अपने जानने वाले व्यक्ति से जब डेढ़ लाख रुपया उधार मांगा तो सब कुछ जानने के बाद उस व्यक्ति ने उसे बताया कि ऐसे कॉल फ्रॉड होते हैं जिन पर भरोसा नहीं करना चाहिए। इसके बाद भी विनोद ने पैसे उक्त बैंक खाते में डाल दिये।

जब उसने उस नंबर पर वापस फोन किया तब फोन नहीं लगा और जब उसने एसबीआई के कस्टमर केयर पर फोन किया तब वहां से बताया गया कि कोई फ्रॉड कॉल था व उसके साथ ठगी हुई है। यह सुनकर उसके होश उड़ गये। इसके बाद उसने पुलिस अधीक्षक से पूरे मामले की जानकारी देते हुए उचित कार्रवाई की मांग की।

माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा सत्र-2020-21 में 12वीं की परीक्षा का परिणाम कक्षा 10वीं के सर्वश्रेष्ठ 5 विषयों के विषयवार अंको के आधार पर तैयार किया जाएगा attacknews.in

भोपाल, 29 जून । माध्यमिक शिक्षा मंडल ने सत्र-2020-21 में 12वीं की परीक्षा का परिणाम तैयार करने की विस्तृत कार्य योजना नियत कर ली है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार 12वीं की परीक्षा का परिणाम कक्षा 10वीं के सर्वश्रेष्ठ 5 विषयों के विषयवार अंको के आधार पर तैयार किया जाएगा।

इसके लिए 10वीं के विषयों का 12वीं के संकायवार विषयों से मैपिंग की गई है। नियमित और स्वाध्याय परीक्षा के किसी भी छात्र को फेल नहीं किया जाएगा। अतिरिक्त विषय या अतिरिक्त संकाय के छात्रों को उस विषय में दसवीं के साथ मुख्य संकाय के अनुसार मैप किए गए विषय अनुसार अंक प्रदान किए जाएंगे। श्रेणी सुधार छात्रों के अंक हाईस्कूल से मैप किए गए समूह के अंक के अनुसार ही दिए जाएंगे।

माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी आदेश अनुसार बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति में हाईस्कूल के सबसे अधिक अंकों वाले विषयों के अतिरिक्त छठवां विषय 12वीं कक्षा के जिस विषय से मैप किया जाएगा, उस विषय में हाईस्कूल के तृतीय भाषा विषय के अंक प्रदान किए जाएंगे। उदाहरण के लिए किसी छात्र को हाईस्कूल में सामाजिक विज्ञान विषय के अंक बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति के अंतर्गत बाहर होने के कारण उसके परिणाम में नहीं जोड़े गए हैं, तो ऐसे छात्र को 12वीं के परीक्षा परिणाम में सामाजिक विज्ञान विषय के अंकों के स्थान पर 1०वीं की तृतीय भाषा के अंक प्रदान किए जाएंगे।

इसी तरह प्रायोगिक परीक्षा के लिए निर्धारित मापदंड अनुसार कुल 1०० अंकों में से गणना उपरांत 12वीं की परीक्षा के प्रायोगिक भाग वाले विषयों में प्रायोगिक भाग में अंक, छात्र द्वारा 1०० में से अर्जित प्राप्त अंको के प्रतिशत अधिभार के आधार पर प्रदान किए जायेगे। उदाहरण के लिए यदि किसी छात्र को 7० प्रतिशत अंक प्राप्त होते हैं तो भौतिक शास्त्र के प्रायोगिक भाग में 3० अंकों का 7० प्रतिशत अंक अथार्त 21 अंक प्रदान किए जाएंगे और शेष 49 अंक सैद्धांतिक भाग में प्रदर्शित किए जायेगे।

यदि कोई छात्र अपने प्राप्तांक से असंतुष्ट रहता है तो कोविड-19 संकटकाल की समाप्ति उपरांत राज्य शासन की अनुमति से आयोजित होने वाली परीक्षा में भाग ले सकेगा। ऐसे छात्रों को परीक्षा परिणाम घोषित होने के 7 दिन के अंदर परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए ऑनलाइन पंजीयन करना अनिवार्य होगा। इस वर्ष 12वीं की परीक्षा में सम्मिलित होने वाले सभी छात्रों को पूर्व वर्ष अनुसार अंक सूचियों में केवल श्रेणी अंकित की जाएगी। इस वर्ष 12वीं परीक्षा परिणाम की मेरिट लिस्ट जारी नहीं की जाएगी।

अन्य राज्य और अन्य बोर्ड से 1०वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले प्रत्येक छात्र को संबंधित अग्रेशन संस्था के माध्यम से 5 जुलाई 2०21 तक 1०वीं की अंकसूची अनुसार अंक भरना और अंकसूची अपलोड करना अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया 29 जुलाई 21 से एमपी ऑनलाइन के माध्यम से की जायेगी।

देवास जिले में 5 लोगों की हत्या के मिले नरकंकालों में हत्यारों ने प्रेमिका को ठिकाने लगाने के लिए सबूत मिटाने परिवार को ही खत्म कर 8 फीट गड्ढे में गाड़ दिया था attacknews.in

देवास, 30 जून । मध्यप्रदेश के देवास जिले के नेमावर में लगभग डेढ़ माह से लापता एक ही परिवार के पांच लोगाें के शव मिलने के बाद इस हत्याकांड से जुड़े आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

कथित प्रेम प्रसंग को लेकर हुए इस हत्याकांड के बाद आरोपियों ने सबूत नष्ट करने के उद्देश्य से पांचों के शव एक खेत में गहरे गड्ढे कर दफन कर दिए थे।

पुलिस ने हिरासत में लिए आरोपियों से पूछताछ के बाद कल नेमावर के पास खेत से यह शव निकलवाए।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि नेमावर निवासी मुख्य आरोपी सुरेंद्र और उसके परिजन भुरू को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा दो तीन और लोगों को हिरासत में लिया गया है।

नेमावर निवासी 20 वर्षीय एक युवती रूपाली, उसकी दो छोटी बहनें, मां और एक छोटा भाई मई माह के तीसरे सप्ताह से लापता थे। पुलिस तब से ही उन्हें खोजने का प्रयास कर रही थी।

इसी बीच एक सूचना के आधार पर सुरेंद्र और उसके भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी और उन्होंने घटना का ब्यौरा पुलिस के सामने खोल दिया।

बताया गया है कि रूपाली का कथित तौर पर सुरेंद्र से प्रेम प्रसंग था। सुरेंद्र का किसी अन्य स्थान पर विवाह होने की सूचना के बाद से दोनों में अनबन होने लगी थी। इसके बाद आरोपियों ने युवती को सुनसान इलाके में बुलाया था। जहां पर युवती और उसके चार अन्य परिजन भी पहुंचे। विवाद होने पर आरोपियों ने पांचों की हत्या कर उनके शव जमीन में दफन कर दिए थे।

कल ही देवास जिले के अंतिम छोर पर स्थित नेमावर में एक खेत से आदिवासी परिवार के पांच लोगों के नरकंकाल मिले थे। शवों को खेत में 8-10 फीट गड्ढा कर दफनाया गया था।

पुलिस के मुताबिक परिवार के पांचों सदस्य पिछले 48 दिनों से लापता थे। पुलिस ने मामले में 4-5 लोगों को हिरासत में लिया है।जिन लोगों के नरकंकाल मिले हैं, उनमें चार महिलाएं और एक बच्चा शामिल है। ये सभी 13 मई की रात को अपने घर से बिना बताए गायब हो गए थे। मंगलवार को इनके शव सुरेंद्र ठाकुर के खेत से बरामद किए गए।

नेमावर थाना के प्रभारी अविनाश सिंह सेंगर से मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले ही आदिवासी समुदाय के एक परिवार के गायब होने की सूचना दर्ज की गई थी। लापता आदिवासी परिवार के पांचों लोगों के कंकाल 8 फीट गहरे गड्ढे में से निकाले गए थे ।

जानकारी के मुताबिक मृतकों में शामिल एक युवती का गांव के एक दबंग के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती उस पर शादी के लिए दबाव बना रही थी। आशंका है कि राज छिपाने के लिए उसी ने पांचों की हत्या कर दी।

भारतीय स्टेट बैंक अब मूल बचत बैंक जमा खाताधारकों से एक महीने में चार मुफ्त लेनदेन से अधिक नकद निकासी पर शुल्क लेगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 जून । भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अब मूल बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाताधारकों से एक महीने में चार मुफ्त लेनदेन से अधिक नकद निकासी पर शुल्क लेगा।

इन ग्राहकों से एक साल में 10 पन्ने के बाद चेक बुक के लिए भी शुल्क लिया जाएगा।

बीएसबीडी खातों के लिए सेवा शुल्क में संशोधन के अनुसार एसबीआई एक जुलाई 2021 से ‘‘अतिरिक्त मूल्य वर्धित सेवाओं’’ के लिए 15 रुपये से 75 रुपये तक शुल्क लेगा।

बीएसबीडी खाताधारकों के लिए गैर-वित्तीय लेनदेन और हस्तांतरण लेनदेन शाखाओं, एटीएम, सीडीएम (नकद वितरण मशीन) पर मुफ्त होंगे।

एसबीआई ने कहा कि वह बैंक शाखाओं, एसबीआई एटीएम या अन्य बैंक के एटीएम से चार मुफ्त नकद निकासी से अधिक लेनदेन के लिए प्रति नकद निकासी पर 15 रुपये शुल्क लेगा और इस पर जीएसटी अतिरिक्त होगा।

एसबीआई ने कहा, ‘‘चार मुफ्त नकद निकासी (एटीएम और शाखा सहित) से अधिक लेनदेन पर शुल्क वसूल किया जाएगा।’’

इसी तरह चेक बुक सेवाओं के लिए एक वित्त वर्ष में पहले 10 चेक निःशुल्क होंगे और उसके बाद चेकबुक के 10 पन्नों पर 40 रुपये और 25 पन्नों पर 75 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। इसके लिए जीएसटी अलग से जोड़ा जाएगा।

एसबीआई ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक ग्राहकों को चेक बुक सेवाओं पर छूट दी गई है।

उत्तरप्रदेश में दो पुलिस थानों को उड़ाने की धमकी के नोटिस चस्पां करने वाला गिरफ्तार;खराब सड़क से परेशान होकर कर दिया कारनामा attacknews.in

जौनपुर (उप्र) 29 जून । जौनपुर जिले में दो थानों को उड़ाने की धमकी देने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी ने बताया कि सुरेरी और रामपुर थाने को उड़ाने की धमकी देने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

उन्होंने कहा कि आरोपी ने सोमवार को थाने की बोर्ड पर एक नोटिस चस्पा करते हुए लिखा था कि अगर रामपुर से कठवतिया तक खराब सड़क को अक्टूबर तक ठीक नही कराया गया तो दो थानों को उड़ा दिया जायेगा।

पुलिस ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की तो पता चला कि लक्ष्मीकांत दुबे नामक एक व्यक्ति ने धमकी दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही हैं ।

उत्तरप्रदेश में पति के दूसरी महिला से उसके अवैध सम्बन्ध का विरोध करने पर पत्नी की हत्या कर शव जंगल में जलाया,पुलिस ने किया गिरफ्तार attacknews.in

फतेहपुर (उत्तर प्रदेश), 29 जून ।फतेहपुर जिले के जाफरगंज में एक व्यक्ति को अपनी पत्नी की हत्या कर उसका शव जंगल में जलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि भारतपुर गांव के रहने वाले जगरूप ने 16 जून से ससुराल से लापता अपनी बेटी ज्योति (22) की गुमशुदगी की रिपोर्ट गत 18 जून को थाने में दर्ज करवाई थी। उसने बाद में अपने दामाद राजेश (25) पर उसकी हत्या कर शव गायब करने का आरोप लगाया था।

उन्होंने बताया कि आरोप के आधार पर राजेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने (राजेश ने) अपनी पत्नी ज्योति की हत्याकर उसका शव चित्रकूट के अनुसुइया आश्रम के जंगल में जलाने का अपराध स्वीकार कर लिया।

सूत्रों ने बताया कि राजेश की निशानदेही पर सोमवार को जंगल से शव के अवशेष बरामद कर उनका पोस्टमॉर्टम करवाया गया है।

सिंह ने बताया कि इस दौरान राजेश ने पुलिस को बताया कि एक महिला से उसके अवैध सम्बन्ध हैं, जिसका उसकी पत्नी विरोध करती थी, इसी वजह से उसने उसकी हत्या कर शव जला दिया था।

भारत में उतरी ब्रिटिश कंपनी टाइड, 1,000 करोड़ रुपये के निवेश का इरादा;छोटी औद्योगिक इकाइयों या कारोबार को वित्तीय और प्रशासनिक समाधान उपलब्ध कराएगी attacknews.in

मुंबई, 29 जून । छोटी इकाइयों या कारोबार के लिए वित्तीय और प्रशासनिक समाधान उपलब्ध कराने वाली ब्रिटेन की कंपनी टाइड ने मंगलवार को भारतीय बाजार में उतारने की घोषणा की। टाइड ने अगले पांच साल के दौरान भारत में 1,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।

कंपनी की योजना लघु एवं मझोले उपक्रमों को लक्ष्य करने की है। कारोबार जुटाने के लिए कंपनी सॉफ्टवेयर विकास, उत्पाद विकास और फील्ड टीमों के लिए 1,000 लोगों की नियुक्ति करेगी।

वित्तपोषण के स्रोत के बारे में पूछे जाने पर टाइड इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गुरजोधपाल सिंह ने कहा कि कंपनी ने 10 करोड़ पाउंड का वित्तपोषण जुटाया है। कंपनी का ब्रिटिश परिचालन अच्छी आमदनी अर्जित कर रहा है।

सिंह ने कहा कि कंपनी की योजना लघु एवं मझोले उपक्रमों (एसएमई) को गठन से लेकर सामान्य कारोबार शुरू होने तक मदद करने की है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले पांच साल में 25 लाख एसएमई हमारे ग्राहक होंगे।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कहा:पाकिस्तान से आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ‘प्रमाणिक’ कार्रवाई करने की अपील करे attacknews.in

संयक्त राष्ट्र, 29 जून । भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को बताया कि अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान से उसकी सरजमीं से संचालित आतंकवादी संगठनों के खिलाफ “प्रभावी एवं अपरिवर्तनीय’’ कार्रवाई करने के लिए कहा जाए। भारत ने कहा कि इस्लामाबाद को “नैतिकता के उच्च मार्ग” पर चलने की बात नहीं कहनी चाहिए जो केवल झूठ की खानों से भरा हुआ है।

भारत के खिलाफ “तल्ख आक्षेप’’ लगाने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए भारत के गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वी एस के कौमुदी ने कहा, “जैसा कि उम्मीद थी, पाकिस्तान का शिष्टमंडल फिर से भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगाने और झूठे किस्से गढ़ने का रुख अपना रहा है।”

वह सोमवार को महासभा में सदस्य राष्ट्रों के आतंकवाद रोधी एजेंसियों के प्रमुख के दूसरे उच्च स्तरीय सम्मेलन में बोल रहे थे।

उन्होंने ‘आतंकवाद के वैश्विक संकट: वर्तमान खतरों और नये दशक के लिए उभरते चलनों के मूल्यांकन’ सत्र में कहा, “ जो देश अपने अल्पसंख्यक नागरिकों के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा में लिप्त रहता है और भारत के प्रति असुरक्षा की गहरी भावना रखता है एवं सुनियोजित नफरत पैदा करता है, उसके प्रतिनिधिमंडल से कुछ नया सुनने की हम उम्मीद भी नहीं कर सकते थे।”

उन्होंने कहा कि वैश्विक आतंकवाद रोधी रणनीति (जीसीटीएस) की सातवीं समीक्षा समाप्त हो गई है और पाकिस्तान के झूठे विमर्श को संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने सरसरी तौर पर खारिज कर दिया था।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा जारी कौमुदी के बयान के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान से उसके नियंत्रण वाली सीमा में काम कर रहे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ प्रभावी, प्रमाणिक और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करने को कहे और सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करने को न कहे जिसमें सिर्फ झूठ छिपा है।”

पिछले साल प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक पड़ोस के अफगानिस्तान में अनुमानित 6,000 से 6,500 पाकिस्तानी आतंकवादी हैं, जिनमें से अधिकतर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के साथ हैं जो दोनों ही देश के लिए खतरा हैं।

यह रिपोर्ट भारत द्वारा पाकिस्तान से संयुक्त राष्ट्र में यह पूछे जाने के दो हफ्ते बाद आई थी कि क्यों दुनिया भर में उसे आतंकवाद का “अंतरराष्ट्रीय केंद्र” और “आतंकवादियों के लिए बेहतरीन पनाहगाह” माना जाता है।”

पिछले साल जून में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश में 40,000 तक आतंकवादियों की मौजूदगी और वहां से आतंकवादियों ने पड़ोसी देशों पर हमला किया है यह बात सार्वजनिक तौर पर स्वीकार की थी।

कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश के लिए ब्रिटेन से आने वाली यात्री उड़ानों पर रोक लगाएगा हांगकांग; जो भी व्यक्ति ब्रिटेन में दो घंटे से अधिक समय रहा उसे विमानों में चढ़ने की अनुमति नहीं होगी attacknews.in

हांगकांग, 29 जून (एपी) हांगकांग ने कहा है कि ब्रिटेन में फैल रहे कोरोना वायरस के नए स्वरूप के मद्देनजर वहां से आने वाली सभी यात्री उड़ानों पर रोक लगाई जाएगी और यह रोक बृहस्पतिवार से शुरू होगी।

सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि ब्रिटेन को, वहां महामारी के फिर से बढ़ रहे प्रकोप को देखते हुए और वहां कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के बड़े पैमाने पर फैलने के मद्देनजर ‘‘अत्यधिक उच्च जोखिम’’ की श्रेणी में रखा गया है।

उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में कोविड-19 के नए मामलों में से 95 प्रतिशत से अधिक मामले कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि डेल्टा स्वरूप अत्यधिक संक्रामक है।

हांगकांग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति ब्रिटेन में दो घंटे से अधिक समय रहा है उसे हांगकांग के विमानों में चढ़ने की अनुमति नहीं होगी। इससे पहले, पिछले वर्ष दिसंबर में भी हांगकांग ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाई थी। बयान में बताया गया कि ब्रिटेन से आनी वाली उड़ानों पर एक जुलाई से पाबंदी है लेकिन यात्री हांगकांग से लंदन जाने वाली कुछ एयरलाइन की उड़ानों में टिकट बुक कर सकेंगे।

लीसेस्टर विश्वविद्यालय में विषाणु विज्ञानी डॉ. जुलियन टैंग ने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टि से प्रतिबंध लगाया जाना उचित है। उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन पहले भी वायरस पर सफलतापूर्वक काबू नहीं पा सका और अब वायरस की इस हालिया लहर के पीछे संभवत: टीके को लेकर अति आत्मविश्वास है।’’ टैंग ने कहा कि देशों को कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के प्रकोप को थामने के लिए अपनी कम से कम 80 फीसदी आबादी को टीका लगाना होगा।

हांगकांग ने यह पाबंदी ऐसे समय में लगाई है जब उसे लेकर ब्रिटेन तथा चीन के बीच तनाव बढ़ रहा है। अर्द्ध-स्वायत्त हांगकांग 1997 में चीन को सौंपे जाने से पहले तक ब्रिटेन का एक औपनिवेशिक क्षेत्र था। ब्रिटेन ने हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने पर चीन की आलोचना की है। हालांकि हांगकांग द्वारा उड़ान पर प्रतिबंध वहां फैल रहे कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने की सरकार की नीति का हिस्सा है।

रूसी कंपनी रोसातोम ने भारत की कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की पांचवीं इकाई का निर्माण शुरू किया attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 जून । कुडनकुलम परमाणु बिजली घर (केएनपीपी) की पांचवीं इकाई के लिए निर्माण कार्य मंगलवार को शुरू हो गया और रूसी कंपनी रोसातोम ने कहा कि सबसे पहले रिएक्टर भवन का निर्माण किया जाएगा।

सरकार द्वारा संचालित रूसी कंपनी ने एक बयान में कहा कि 29 जून को एक आधिकारिक समारोह आयोजित किया गया था जिसमें कुडनकुलम बिजली घर के लिए रिएक्टर भवन की नींव में पहले कंक्रीट डाला गया।

कंपनी ने कहा कि मौजूदा महामारी के कारण लागू प्रतिबंधों को देखते हुए यह समारोह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए से आयोजित किया गया।

रूसी कंपनी रोसातोम इस रिएक्टर का निर्माण कर रही है। भारत और रूस के बीच 10 अप्रैल 2014 को यूनिट तीन और यूनिट चार के निर्माण के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। उसके बाद दोनों देशों के बीच कुडनकुलम एनपीपी यूनिट पांच और यूनिट छह के निर्माण पर बातचीत शुरू हुई और बाद में इस संबंध में समझौता हुआ। इन इकाइयों का निर्माण उसी डिजाइन के अनुरूप किया जाएगा जो यूनिट तीन और यूनिट चार के लिए तय किया गया था।

कंपनी ने कहा कि कई वर्षों से, कुडनकुलम एनपीपी निर्माण परियोजना रूस और भारत के घनिष्ठ सहयोग का प्रतीक रही है।

इस बिजली घर की यूनिट एक और यूनिट दो पहले ही चालू हो गयी है और यूनिट तीन तथा यूनिट चार के लिए काम चल रहा है।

नीति आयोग ने भारत में गैर-लाभकारी अस्पताल मॉडल पर रिपोर्ट जारी की,इसमें इन अस्पतालों द्वारा कार्यान्वित लागत-नियंत्रण रणनीतियों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है attacknews.in

नईदिल्ली 29 जून ।नीति आयोग ने देश में गैर-लाभकारी अस्पताल मॉडल पर आज एक व्यापक अध्ययन जारी किया,जो इस तरह के संस्थानों से जुड़ी सही सूचना की कमी को दूरी करने और इस क्षेत्र में मजबूत नीति निर्माण में मदद करने की दिशा में उठाया गया एक कदम है।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने कहा, “निजी वर्ग में स्वास्थ्य क्षेत्र के विस्तार में अपेक्षाकृत कम निवेश हुआ है। कल घोषित प्रोत्साहन से हमें इस स्थिति को बदलने का मौका मिलता है। गैर-लाभकारी क्षेत्र की रिपोर्ट इस दिशा में उठाया गया एक छोटा कदम है।”

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने नीति आयोग केमुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत,अपर सचिव डॉ. राकेश सरवाल और अध्ययन में भाग लेने वाले देश भर के अस्पतालों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह रिपोर्ट जारी की।

अध्ययन गैर-लाभकारी अस्पतालों के संचालन मॉडल को लेकर अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह स्वामित्व एवं सेवा के आधार के तहत वर्गीकृत अस्पतालों पर शोध-आधारित निष्कर्ष प्रस्तुत करता है और उसके बाद निजी अस्पतालों तथा केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं के साथ उनकी तुलना करता है।

नीति आयोग देश में निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य सेवा-वितरण परिदृश्य का व्यापक अध्ययन करता रहा है। जहां लाभकारी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और संस्थानों के बारे में पर्याप्त जानकारी मौजूद है, उन गैर-लाभकारी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और संस्थानों से जुड़ी विश्वसनीय और व्यवस्थित जानकारी की कमी है, जो गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को सभी के लिए सुलभ और सस्ती बनाने में अपनी अथक सेवा के लिए जाने जाते हैं।

गैर-लाभकारी अस्पताल क्षेत्र न केवल उपचारात्मक बल्कि निवारक स्वास्थ्य सेवा भी प्रदान करता है। यह स्वास्थ्य सेवा को सामाजिक सुधार, सामुदायिक जुड़ाव और शिक्षा से जोड़ता है। यह लाभ की चिंता किए बिना लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए सरकारी संसाधनों और अनुदानों का इस्तेमाल करता है। हालांकि इन तमाम वर्षों में भी इस क्षेत्र का ठीक से अध्ययन नहीं किया गया है।

अध्ययन में गैर-लाभकारी अस्पतालों द्वारा कार्यान्वित लागत-नियंत्रण रणनीतियों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। यह उन चुनौतियों को समझने का प्रयास करता है जो इन संस्थानों के संचालन पर बोझ डालती हैं और उनके विकास को बाधित करती हैं।

रिपोर्ट में अल्पकालिक और दीर्घकालिक नीतिगत हस्तक्षेपों का प्रस्ताव है- जैसे कि इन अस्पतालों की पहचान करने के लिए एक मानदंड विकसित करना, प्रदर्शन सूचकांक के माध्यम से उनकी रैंकिंग करना,और शीर्ष अस्पतालों को परोपकार कार्य करने के लिए बढ़ावा देना,आदि। यह दूरस्थ क्षेत्रों में सीमित वित्त के साथ मानव संसाधनों के प्रबंधन में इन अस्पतालों की विशेषज्ञता का इस्तेमाल करने की जरूरत पर भी जोर देता है।

आत्‍मनिर्भर भारत अभियान योजनांतर्गत पीएमएफएमई के एक वर्ष पूर्ण होने पर 35 राज्‍यों के लिए 707 जिलों को एक जिला एक उत्‍पाद अनुमोदित किया गया,17 राज्यों में 54 सामान्य इन्क्यूबेशन केंद्रों को मंजूरी दी गई attacknews.in

नईदिल्ली 29 जून ।खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग के असंगठित खंड में मौजूदा व्‍यक्तिगत सूक्ष्‍म उद्यमों की प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता बढ़ाने और इस क्षेत्र के औपचारिकता को प्रोत्‍साहन देने के लिए आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत शुरू की गई केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य उद्योग उन्‍नयन योजना अपने एक वर्ष के पूरा होने का प्रतीक है।

दिनांक 29 जून, 2020 को शुरू की गई पीएमएफएमई योजना, 35 राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों में कार्यान्वित की जा रही है ।

पीएमएफएमई योजना के आवेदन के लिए ऑनलाईन पोर्टल दिनांक 25 जनवरी, 2021 को शुरू किया गया था । पोर्टल पर 9000 से अधिक व्यक्तिगत लाभार्थियों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें से 3500 से अधिक आवेदन योजना के तहत सफलतापूर्वक जमा किए गए हैं।

पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत हासिल की गई उपलब्धि

क. एक जिला एक उत्‍पाद

पीएमएफएमई योजना के एक जिला एक उत्‍पाद (ओडीओपी) घटक के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय ने राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों द्वारा प्राप्‍त सिफारिशों के अनुसार 137 यूनिक उत्‍पादों सहित 35 राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों के लिए 707 जिलों हेतु ओडीओपी को अनुमोदित किया है ।

भारत का जीआईएस ओडीओपी डिजिटल मैप सभी राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों के ओडीओपी उत्‍पादों का विवरण प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है । डिजिटल मानचित्र में जनजातीय, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और आकांक्षी जिलों के लिए संकेतक भी हैं । यह हितधारकों को इसके मूल्‍य श्रृंखला विकास के लिए ठोस प्रयास करने में सक्षम बनाएगा ।

ख. अभिसरण (Convergence)

पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय ने ग्रामीण विकास मंत्रालय, जनजातीय मामले मंत्रालय और आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के साथ तीन संयुक्‍त पत्रों पर हस्‍ताक्षर किए ।

खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), राष्‍ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ (ट्राईफैड), भारतीय राष्‍ट्रीय कृषि-सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड), राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति वित्‍त एवं विकास निगम (एनएसएफडीसी), और ग्रामीण स्‍व-रोजगार प्रशिक्षण संस्‍थान (आरएसईटीओ) के साथ छह एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्‍ताक्षर किए ।

योजना के नोडल बैंक के रूप में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं और 11 बैंकों के साथ पीएमएफएमई योजना के लिए आधिकारिक ऋण देने वाले भागीदारों के रूप में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

ग. क्षमता निर्माण और उद्भवन केंद्र (Capacity building & Incubation Centres)

पीएमएफएमई योजना के क्षमता निर्माण घटक के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (NIFTEM) और भारतीय खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी संस्थान (IIFPT) राज्य स्तरीय तकनीकी संस्थानों के साथ पार्टनर्शिप में चयनित उद्यमों/क्‍लस्टरों/समूहों को प्रशिक्षण और अनुसंधान सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) और विभिन्न खाद्य उत्पादों के तहत 371 मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

निफ्टेम और आईआईएफपीटी ने 137 ओडीओपी पर प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए हैं जिनमें 175 प्रजेंटेशन, 157 वीडियो, 166 डीपीआर और 177 पाठ्यक्रम सामग्री/हैंडबुक शामिल हैं। 18 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में 469 जिला स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया और अन्य राज्यों में प्रगति पर है। 302 जिलों में 491 जिला रिसोर्स पर्सन की नियुक्ति की गई है।

योजना के तहत, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, केरल, सिक्किम, अंडमान और निकोबार, आंध्र प्रदेश, , मेघालय, मिजोरम, ओडिशा और उत्तराखंड जैसे 17 राज्यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों में 54 कॉमन इन्क्यूबेशन केंद्रों को मंजूरी दी गई है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने आईआईएफपीटी के सहयोग से कॉमन इनक्यूबेशन सेंटर के प्रस्तावों को प्रस्तुत करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल और देश भर में इनक्यूबेशन केंद्रों के विवरण की सुविधा के लिए एक ऑनलाइन कॉमन इनक्यूबेशन सेंटर मैप विकसित किया है।

घ. प्रारम्भिक पूंजी (Seed Capital)

स्वयं सहायता समूहों को प्रारम्भिक पूंजी उपलब्ध कराने के लिए पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत घटक को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) और राज्य स्तर पर संचालित राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के नेटवर्क के सहयोग से कार्यान्वित किया जा रहा है । पीएमएफएमई योजना में कार्यशील पूंजी के लिए 40,000 रुपये की वित्तीय सहायता और खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों में लगे स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य के लिए छोटे उपकरणों की खरीद की परिकल्पना की गई है। अब तक एनआरएलएम ने 123.54 करोड़ रुपये की राशि के लिए राज्य नोडल एजेंसियों (एसएनए) को 43,086 एसएचजी सदस्यों की सिफारिश की है। एसएनए ने 8040 सदस्यों की प्रारम्भिक पूंजी को मंजूरी दी है और एसआरएलएम को 25.25 करोड़ रुपये की राशि वितरित की है।

ड. विपणन और ब्रांडिंग

योजना के तहत, प्रत्येक 10 उत्पादों के लिए विपणन और ब्रांडिंग समर्थन लेने के लिए नेफेड और ट्राइफेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। नेफेड ने ब्रांडिंग और मार्केटिंग समर्थन के लिए अनानास, बाजरा आधारित उत्पाद, धनिया, मखाना, शहद, रागी, बेकरी, इसबगोल, हल्दी और चेरी जैसे उत्पादों का चयन किया है। ट्राइफेड ने योजना के तहत शहद, इमली, मसाले, आंवला, दालें/अनाज/बाजरा, कस्टर्ड सेब, जंगली मशरूम, काजू, काला चावल और जंगली सेब जैसे उत्पादों का चयन किया है।

च. संस्थागत तंत्र (Institutional Mechanism)

सभी 35 प्रतिभागी राज्यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों ने अपनी-अपनी राज्य नोडल एजेंसियों, राज्य स्तरीय अनुमोदन समितियों, जिला स्तरीय समितियों और राज्य स्तरीय तकनीकी संस्थानों का गठन/चिन्हित किया है। इसके अलावा, निफ्टेम में एक कॉल सेंटर की स्थापना की गई है ताकि प्रश्नों का समाधान किया जा सके और योजना के हितधारकों का मार्गदर्शन किया जा सके।

छ. पीएमएफएमई योजना का प्रचार और प्रसार

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय राज्यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों और कृषि विश्वविद्यालयों के सहयोग से रेडियो, प्रिंट मीडिया, ऑफलाइन कार्यशालाओं, वेबिनार, क्षेत्रीय भाषा ब्रोशर/बुकलेट्स, आउटडोर पब्लिसिटी और वेबसाइट, एप्स और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से डिजिटल मीडिया के द्वारा हितधारकों को जागरूक करने के लिए पीएमएफएमई योजना का राष्ट्रव्यापी संवर्धन और प्रचार कर रहा है । पीएमएफएमई योजना मासिक ई-न्यूजलेटर 5 लाख से अधिक हितधारकों को भेजा जा रहा है। एग्री-बिजनेस इनक्यूबेटर, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और स्टार्टअप्स के साथ बातचीत करने के लिए पीएमएफएमई पॉडकास्ट सीरीज शुरू की गई है ।

आजादी का अमृत महोत्सव पहल के अंतर्गत भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय राज्यों/संघ शासित प्रदेशों, निफ्टेम और आईआईएफपीटी के सहयोग से देश भर में 75 एक जिला एक उत्पाद (ओडीपी) वेबिनार/ऑफलाइन कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है। मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों की 75 कहानियों को लाने के लिए “कहानी सूक्ष्‍म उद्यमों की” शीर्षक से सफलता की कहानियों की एक साप्ताहिक श्रृंखला शुरू की गई है।

पीएमएफएमई योजना के बारे में

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत शुरू की गई, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसका उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित खंड में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना, क्षेत्र के औपचारिकता को बढ़ावा देना और किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और उत्पादकों को उनकी पूरी मूल्य श्रृंखला के साथ सहकारी समितियों को सहायता प्रदान करना है। वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षों की अवधि में 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस योजना में मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के लिए 2,00,000 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सीधे सहायता देने की परिकल्पना की गई है।