मंदसौर संसदीय सीट पर 16 चुनावों में भाजपा के लक्ष्मीनारायण पाण्डेय ने ही 11 चुनाव लड़े और इस चुनाव में कांग्रेस खोज रही हैं जीत का रास्ता attacknews.in

मंदसौर, 23 मार्च । मध्य प्रदेश के आखिरी छोर पर स्थित और राजस्थान से घिरे मंदसौर संसदीय क्षेत्र पर भारतीय जनता पार्टी का दबदबा रहा है और उसके नेता लक्ष्मी नारायण पांडेय यहां से आठ बार चुनाव जीत चुके है।

अफीम की खेती के लिए मशहूर इस क्षेत्र के चुनावी इतिहास की एक खास बात यह भी रही कि यहां अब तक हुये 16 चुनावों में दस बार ऐसे उम्मीदवार काे जीत मिली जिसके दल की केंद्र में सरकार नहीं थी।

इस संसदीय क्षेत्र में जिला मन्दसौर, नीमच पूर्ण एवं रतलाम जिले का आंशिक भाग शामिल है। इसके तहत मन्दसौर, सुवासरा, मल्हारगढ़, गरोठ, नीमच, मनासा, जावद और जावरा आठ विधानसभा सीटें आती हैं जिनमें से सात पर भाजपा का तथा एक पर कांग्रेस का कब्जा है।

श्री लक्षमी नारायण पांडेय ने यहां से लगातार 11 बार चुनाव लड़ा जिनमें से आठ बार उन्हें सफलता मिली। कांग्रेस को यहां सिर्फ चार बार जीत मिली है। इसी पार्टी की मीनाक्षी नटराजन यहां से सांसद बनने वाली एक मात्र महिला है। पहले दो चुनाव में यहां कांग्रेस को जीत मिली थी, 1952 में डॉ कैलाशनाथ काटजू और 1957 में मानक अग्रवाल विजयी हुए। वर्ष 1962 में बैरिस्टर उमाशंकर त्रिवेदी ने जनसंघ के खाते में यहां से पहली जीत दर्ज की। अगले चुनाव (1967) में भी जनसंघ के स्वतंत्र सिंह कोठारी विजय हुए।

श्री पांडेय 1971 में पहली बार चुनाव में उतरे और 2009 तक वह लगातार ग्यारह चुनाव लड़े। उन्हें सिर्फ 1980, 1984 तथा 2009 में पराजय मिली। यहां सबसे छोटी हार भी उन्हीं के नाम दर्ज है। वह 1980 में कांग्रेस के भंवरलाल नाहटा से मात्र दो हजार 683 वोट से हार गए थे। उन्हें 1984 में बालकवि बैरागी ने पराजित किया था जबकि 2009 में उन्हें मीनाक्षी नटराजन ने शिकस्त दी थी।

पिछले चुनाव (2014) में भाजपा के सुधीर गुप्ता ने मीनाक्षी नटराजन को पराजित किया था। सुधीर गुप्ता छह लाख 98 हजार 335 मत प्राप्त कर तीन लाख 94 हजार 686 से जीत हासिल की थी जो इस सीट पर अब तक की सबसे बड़ी जीत है।

मदसौर संसदीय क्षेत्र की सीमा राजस्थान के झालावाड़, कोटा, चितोड़ एवं मध्यप्रदेश के रतलाम, उज्जैन की सीमाओं से लगती है। यहां अफीम की खेती बहुतायत में होने से अफीम न सिर्फ कृषि बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मुद्दा है। अफीम की खेती केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन लाइसेंस के आधार पर होने से अफीम निर्धारण राजनीति का महत्वपूर्ण मुद्दा बनता है। यही कारण है कि पिछले वर्षों में अफीम नीति निर्धारण और इसके संशोधन राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का विषय रहे हैं। इसके अलावा रेल सुविधायें , विकास और उद्योगों की कमी से रोजगार का अभाव और बढ़ते अपराध यहां के प्रमुख राजनीतिक मुद्दे हैं।

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भोपाल संसदीय सीट का इतिहास देखें तो कठिन डगर पर कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह पार्टी का परचम लहरा सकते हैं वरना भाजपा का परचम तो लहरा ही रहा है attacknews.in

भोपाल, 23 मार्च । ओर आखिरकार  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भोपाल संसदीय सीट से चुनाव लड़ेंगे, इनके चुनाव लड़ने के संकेत मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बहुत पहले ही दे दिए थे और आज उन्होंने ही घोषणा भी कर दी ।

मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज यहां पत्रकारों को ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने इस बारे में कल फैसला किया है।

श्री सिंह वर्ष 1993 से 2003 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभाल चुके हैं। इसके पहले वे राजगढ़ संसदीय सीट से सांसद रहे हैं।

भोपाल संसदीय सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ मानी जाती है। वर्तमान में यहां से भाजपा के आलोक संजर सांसद हैं। पिछले करीब ढाई दशक से यहां भाजपा का ही प्रतिनिधित्व रहा है। भाजपा ने यहां से अब तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।

ऐसा है भोपाल संसदीय सीट का इतिहास:

तीन दशक से जीत के लिए तरस रही कांग्रेस इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मजबूत गढ़ों में से एक भोपाल संसदीय क्षेत्र में सेंध लगाने की पूरी कोशिश में है और इसके लिए मजबूत प्रत्याशी के रुप में कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के नाम की घोषणा कर दी है।

राज्य के सबसे चर्चित और हाईप्रोफाइल संसदीय क्षेत्र भोपाल पर रियासतकाल में एक समय बेगमों का एकछत्र राज रहा है। मध्यप्रदेश निर्माण के बाद से अब तक दो महिलाओं मैमूना सुलतान और उमा भारती को लोकसभा में इस सीट का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है। इस सीट से डॉ शंकरदयाल शर्मा भी दो बार विजयी रहे, जिन्होंने बाद में राष्ट्रपति पद को भी सुशोभित किया।

झीलों की नगरी के रूप में प्रसिद्ध भोपाल संसदीय क्षेत्र से वर्तमान में भाजपा के आलोक संजर सांसद हैं, जिन्होंने वर्ष 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस के पी सी शर्मा को लगभग साढ़े तीन लाख मतों से पराजित किया था। ‘लो प्रोफाइल’ में रहकर कार्य करने वाले श्री संजर को वर्ष 2014 में टिकट को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की लड़ाई के चलते उन्हें उम्मीदवार बनाया गया और वह आसानी से इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी होने के नाते विजयी रहे। वहीं कांग्रेस नेता श्री शर्मा तीन माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में भोपाल दक्षिण पश्चिम सीट से विधायक चुने गये और वह कमलनाथ सरकार में जनसंपर्क मंत्री हैं।

राज्य में पंद्रह वर्षों बाद श्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार का गठन हुआ है, इस नाते मुख्यमंत्री की कोशिश है कि भोपाल समेत भाजपा के प्रमुख गढ़ों में कांग्रेस फिर से अपना परचम लहराने में कामयाब हो सके। इसी कोशिश के चलते कांग्रेस का प्रदेश संगठन पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को इस सीट से लड़ाने का प्रयास कर रहा था जिसमें वह सफल हुए । एेसी चर्चा थी कि श्री सिंह स्वयं अपने परंपरागत राजगढ़ संसदीय सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे ।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गत शनिवार को छिंदवाड़ा में मीडिया से कहा था कि श्री सिंह से राज्य की उन दो तीन सीटों से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है, जहां से कांग्रेस तीस पैंतीस सालों से विजय नहीं हुयी है।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस बार राज्य में कांग्रेस 29 में से कम से कम 20 सीटों पर चुनाव जीतने की रणनीति बनाकर कार्य कर रही है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की विजय के शिल्पकार रहे श्री कमलनाथ स्वयं इस रणनीति पर बारीकी से नजर रखकर कार्य कर रहे हैं।

कांग्रेस जहां एक आेर भाजपा के अभेद माने जा रहे गढ़ भोपाल में सेंध लगाने को आतुर है, वहीं भाजपा को उम्मीद है कि उनकी पार्टी का प्रत्याशी यहां से लगातार नवीं बार जीत हासिल कर इस गढ़ को सुरक्षित रखेगा। पिछले तीन दशकों के चुनाव नतीजों के चलते माना जाता है कि भोपाल से भाजपा किसी भी नेता को प्रत्याशी बना दे, उसकी जीत सुनिश्चित है। तीस सालों में कांग्रेस ने तरह तरह की रणनीति अपनायी लेकिन वह भाजपा को डिगा नहीं पायी लेकिन अब दिग्विजय सिंह के नाम की घोषणा से मुकाबला बडा ही रोचक होने वाला है ।

संसदीय आकड़ों पर नजर डाले तो 1957 में यहां से कांग्रेस की मैमूना सुल्तान सांसद चुनी गईं। उन्हें 1962 में भी कांग्रेस के उम्मीदवार के रुप में जीत मिली। इसके बाद 1967 में यहां से भारतीय जनसंघ के जे आर जोशी जीते लेकिन 1971 में शंकरदयाल शर्मा ने यह सीट फिर कांग्रेस की झोली में डाल दी। कांग्रेस विरोधी लहर के चलते 1977 में जनता दल के आरिफ बेग यहां से जीते तो 1980 में शंकरदयाल शर्मा दोबार लोकसभा पहुंचे। वर्ष 1984 में कांग्रेस के के एन प्रधान सांसद बने।

इस सीट पर 1989 से भाजपा का कब्जा है। वर्ष 1989 से 1999 तक चार बार यहां से भाजपा के सुशील चंद्र वर्मा सांसद रहे। साल 1999 में यहां से भाजपा की उमा भारती सांसद चुनी गईं। वर्ष 2004 में भाजपा ने यहां से कैलाश जोशी पर दांव खेला, जो 2014 तक भोपाल सांसद रहे। वर्ष 2014 के आम चुनाव में यहां से भाजपा के टिकट पर आलोक संजर सांसद चुने गए।

भोपाल संसदीय क्षेत्र में भोपाल की सातों विधानसभा सीटों के अलावा सीहोर विधानसभा भी शामिल है। इनमें से पांच पर भाजपा का और तीन पर कांग्रेस का कब्जा है। भोपाल में छठवें चरण में 12 मई को मतदान होगा।

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बी एस येदियुरप्पा द्वारा भाजपा नेताओं को 1800 करोड़ रुपये रिश्वत देने के कागजात फर्जी, अमित शाह ने विपक्ष के झूठ बोलने का अभियान बताया attacknews.in

बेंगलुरू/ नईदिल्ली , 22 मार्च । कर्नाटक भाजपा के प्रमुख बी एस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को इस आरोप को ‘‘दुर्भावनापूर्ण’’बताया कि उन्होंने पार्टी के शीर्ष अधिकारियों को रिश्वत के रूप में 1,800 करोड़ रुपये दिए थे। इससे पूर्व कांग्रेस ने इस मुद्दे की लोकपाल से जांच कराए जाने की मांग की थी।

पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने एक बयान में दावा किया कि आयकर विभाग इस आरोप की पहले ही जांच कर चुका है और यह पाया गया कि दस्तावेज ‘‘फर्जी’’ हैं। उन्होंने कहा कि यह अब एक ‘‘बंद अध्याय’’ है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस लोकसभा चुनावों में अपनी ‘‘हार’’ को देखकर ‘‘निराश’’ है और इसलिए वह यह मुद्दा उठा रहा है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा आज उठाए गए मुद्दे सहित उठाए जा रहे सभी मुद्दों की पहले ही जांच की जा चुकी है और यह पाया गया था कि दस्तावेज फर्जी हैं।

उन्होंने कहा कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने पाया कि दस्तावेज, हस्ताक्षर और हस्तलिखित नोट फर्जी थे।

येदियुरप्पा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने आने वाले चुनावों में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए मीडिया में यह कहानी गढ़ी है।

इससे पहले कांग्रेस ने एक खबर का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहते हुए येदियुरप्पा ने भाजपा के शीर्ष नेताओं को 1800 करोड़ रुपये की रिश्वत दी जिसकी जांच लोकपाल से होनी चाहिए।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तत्काल जवाब देना चाहिए।

नयी दिल्ली से खबर है कि, भाजपा ने शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा उसके नेता बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ लगाए गए आरोप को “झूठ” करार दिया और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने जोर देकर कहा कि विपक्षी दल का अभियान खस्ताहाल है और वह हताशा में “जालसाजी” पर भरोसा कर रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि येदियुरप्पा पर हमला करने के लिये उनकी पार्टी “कुछ पन्नों” का हवाला दे रही है जो “उतने ही विश्वसनीय हैं जितनी राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता।”

इससे पहले कांग्रेस ने मीडिया में आई उन खबरों पर लोकपाल से जांच कराने की मांग की है जिनमें आरोप लगाया गया है कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा भाजपा के प्रमुख नेताओं को 1,800 करोड़ रुपये दिये गए।

शाह ने पलटवार करते हुए कहा, “सभी फर्जी मुद्दों के ढहने के बाद हताश कांग्रेस अब जालसाजी पर भरोसा कर रही है। कांग्रेस का अभियान खस्ताहाल है। अब जालसाजी भी उन्हें नहीं बचा सकती। कांग्रेस के एक मंत्री द्वारा दिये गए कुछ पन्ने उतने ही विश्वसनीय और भरोसेमंद हैं जितना राहुल गांधी का नेतृत्व कौशल।”

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि विपक्षी दल हताश है क्योंकि उसके कई प्रमुख नेता जमानत पर हैं और उसने उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ झूठ का जाल बुनने बनाने का सहारा लिया है।

प्रसाद ने कहा, “सुबह से हम बेसब्री से राहुल गांधी के संवाददाता सम्मेलन का इंतजार कर रहे थे। और अगर यह इतना बड़ा खुलासा था,तो उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मीडिया को संबोधित क्यों नहीं किया? हताश कांग्रेस ने अपना संतुलन खो दिया है, जिसके कई नेता जमानत पर हैं और अब वह झूठ, गलत बयानी और झूठ का जाल बुनने का सहारा ले रही है।”

कांग्रेस को इन चुनावों में हार नजर आने का दावा करते हुए प्रसाद ने कहा कि पार्टी और उसके नेता वैचारिक रूप से दिवालिया हैं। उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता से हताश हैं और जंग शुरू होने से पहले ही हार चुके हैं

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बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने पर नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष को आतंकवाद के समर्थकों की शरणस्थली बताया attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 मार्च । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा आतंकवादी हमले और उसके बाद पाकिस्तान में भारतीय वायु सेना के हवाई हमले को लेकर विपक्षी दलों पर शुक्रवार को आक्रामक रूख अपनाते हुए विपक्ष को ‘‘आतंकवाद के समर्थकों की शरणस्थली’’ बताया और उस पर सशस्त्र सेनाओं का ‘‘अपमान’’ करने का आरोप लगाया।

भाजपा के अन्य नेताओं ने भी पुलवामा आतंकवादी हमले और उसके बाद पाकिस्तान में भारतीय वायु सेना के हवाई हमले को लेकर विपक्ष के रूख की आलोचना की है।

‘जनता माफ नहीं करेगी’ हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए मोदी ने ट्वीट में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा की यह कहने के लिए आलोचना की कि मुंबई आतंकवादी हमले के बाद भारत हवाई हमले से जवाब दे सकता था लेकिन ‘‘मेरे हिसाब से दुनिया से ऐसे नहीं निपटा जाता।’’

मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस के शाही वंश के वफादार दरबारी ने माना था जो दुनिया पहले से ही जानती है कि कांग्रेस आतंकवाद की ताकतों को जवाब नहीं देना चाहती थी। यह नया भारत है—हम आतंकवादियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष ने बार-बार हमारी सेनाओं का अपमान किया है। मैं अपने साथी भारतीयों से अपील करता हूं कि विपक्षी नेताओं पर उनके बयानों को लेकर सवाल उठाएं। उन्हें बताएं कि 130 करोड़ भारतीय विपक्ष को उनकी हरकतों के लिए माफ नहीं करेंगे या भूलेंगे नहीं। भारत हमारी सेनाओं के साथ दृढ़ता से खड़ा है।’’

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी टि्वटर पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘उनका दिल आतंकवादियों के लिए धड़कता है जबकि हमारा दिल तिरंगे के लिए धड़कता है।’’

शाह ने ट्वीट किया, ‘‘विपक्ष और भाजपा के बीच अंतर साफ है। वे हमारी सेना पर संदेह करते हैं, हमें अपनी सेना पर गर्व है। उनका दिल आतंकवादियों के लिए धड़कता है, हमारा दिल तिरंगे के लिए धड़कता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनाव में अपनी वोट की ताकत के जरिए कांग्रेस की संस्कृति पर सर्जिकल स्ट्राइक करें ।’’

खबरों के अनुसार, पित्रोदा ने यह भी कहा है कि वह बालाकोट हवाई हमले और उसमें मारे गए आतंकवादियों की संख्या के बारे में ‘‘और जानना’’ चाहते हैं।

भाजपा के वरिष्ठ मंत्री और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने पित्रोदा की टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे बयान पाकिस्तानी समाचार चैनलों पर हिट होंगे।

वित्त मंत्री ने भाजपा के एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘वह मानते हैं कि हमने जो किया (बालाकोट हवाई हमला) वह गलत था। किसी भी दूसरे देश ने नहीं कहा कि यह गलत था। यहां तक कि इस्लामिक सहयोग संगठन ने भी ऐसी बात नहीं कही। यह केवल पाकिस्तान की राय है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे लोग किसी राजनीतिक पार्टी के लिए रोल मॉडल होते है।’’

इससे पहले एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव की आलोचना की। यादव ने आरोप लगाया कि वोट हासिल करने के लिए पुलवामा हमला एक ‘‘षडयंत्र’’ था।

उन्होंने सैफई में बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम में आरोप लगाया, “यह साजिश थी। जब सरकार बदलेगी और उसकी जांच होगी तो आप देखना कि बड़े-बड़े लोग इसमें फंसेंगे। हमारे नौजवानों का अंत करवा दिया, वोट पाने के लिए।”

प्रधानमंत्री ने इस बयान को निंदनीय बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष आतंकवाद के समर्थकों और हमारी सशस्त्र सेनाओं पर सवाल उठाने वालों की शरणस्थली रहा है। राम गोपाल जी जैसे किसी वरिष्ठ नेता का यह निंदनीय बयान उन सभी का अपमान करता है जिन्होंने कश्मीर की रक्षा के लिए अपनी जान गंवा दी। यह हमारे शहीदों के परिवारों का अपमान करता है।’’

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में यादव और पित्रोदा के बयानों को भी टैग किया।

इस बीच, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि देश के सशस्त्र बलों की कुर्बानी पर कभी सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए लेकिन साथ ही उन्होंने सरकार को सलाह दी कि वह खुद को भारतीय सेना की तरह दिखाना बंद करे।

उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी लोकतंत्र में यह नेताओं का ‘‘मौलिक अधिकार’’ है कि वे सवाल पूछें।

अरुण जेटली ने कहा: सैम पित्रोदा का बयान दुर्भाग्यपूर्ण-

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी शिविर पर भारतीय वायु सेना की कार्रवाई के बारे में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए शुक्रवार काे कहा कि जो लोग देश की सुरक्षा और लोगों के जज्बात नहीं समझते वही इस प्रकार के बयान देते हैं ।

वित्त मंत्री श्री जेटली ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं के एक सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिये बिना कहा ‘ जिसका गुरु ऐसा है उसका शिष्य कैसा होगा । ’ उन्होंने कहा कि देश तीन दशक से आतंकवाद का मुकाबला कर रहा और मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर नीति बदली है । पहले हम पाकिस्तान की सीमा से आने वाले आतंकवादियों को रोकते थे फिर भी साल में एक दो घटनायें हो जाती थी । अब जहां आतंकवादी है वहीं हम जाते हैं ।

उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ पहले सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा की घटना के बाद एयर स्ट्राइक बेहद सफल रहे और इसमें शामिल सभी सुरक्षाकर्मी सुरक्षित रहे । इन दोनों अभियानों मेंं जरुरत के हिसाब से केवल आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया । इसका पूरी दुनिया ने सर्मथन किया यहां तक कि मुस्लिम देशों के संगठन ने भी इसका विरोध नहीं किया ।

श्री जेटली ने कहा “ मैच फ्रंट फुट पर रह कर जीता जाता है बैक पुट पर नहीं । कांग्रेस के किसी नेता ने पहली बार ऐसा बयान नहीं दिया है बल्कि बार बार इस प्रकार के बयान आ रहे हैं । ’

उल्लेखनीय है कि श्री पित्रोदा ने बालाकोट एयर स्ट्राइक में मारे गये आतंकवादियों की संख्या को लेकर प्रमाण देने तथा कुछ अन्य सवाल उठाये हैं ।

कांग्रेस ने कहा : नरेंद्र मोदी जवानों की बात नहीं करें-

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा के एक बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हमले पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि मोदी को जवानों के पराक्रम एवं बलिदान के पीछे छिपने के बजाय रोजगार संकट और अर्थव्यवस्था की बदहाली जैसे मुद्दों पर जवाब देना चाहिए।

पार्टी ने बालाकोट में वायुसेना की कार्रवाई से जुड़ी पित्रोदा की टिप्पणी को उनकी निजी राय भी करार दिया।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘पुलवामा आतंकी हमला मोदी सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गंभीर विफलता थी। बालाकोट में कार्रवाई हमारी वायुसेना के वीरता और शौर्य का सबसे बेहतरीन उदाहरण है। ‘

उन्होंने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद एवं लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन तथा पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों में कभी सफल नहीं होंगे।

सुरजेवाला ने कहा कि सच्चाई यह है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री कार्बेट पार्क में फ़िल्म की शूटिंग कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘ मोदी जी और भाजपा को किसी निजी राय का इस्तेमाल जहर फैलाने के लिए नहीं करना चाहिए।’

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि मोदी को जवानों के पराक्रम एवं बलिदान के पीछे छिपने के बजाय रोजगार संकट, कृषि संकट, जीएसटी की त्रासदी और अर्थव्यवस्था की बदहाली जैसे मुद्दों पर जवाब देना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालाकोट एयर स्ट्राइक पर पित्रोदा द्वारा कथित तौर पर सवाल किए जाने के बाद निशाना साधते हुए कहा कि सुरक्षाबलों को नीचा दिखाना विपक्ष की आदत है।

खबरों के मुताबिक पित्रोदा ने कहा था कि क्या हमने सच में हमला किया था? क्या सच में 300 आतंकी मारे गए थे?

विवाद खड़ा होने के बाद पित्रोदा ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने एक नागरिक की हैसियत से सवाल किया था।

उन्होंने कहा, ‘मैंने सिर्फ एक नागरिक के रूप में कहा कि मैं यह जानने का हकदार हूं कि क्या हुआ। मैं पार्टी की तरफ से नहीं, सिर्फ एक नागरिक के रूप में बोल रहा हूं। मुझे यह जानने का अधिकार है और इसमें क्या गलत है?

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कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने भाजपा नेताओं को 1800 करोड़ रुपये की रिश्वत दी; राहुल गांधी ने सारे चौकीदारों को चोर बताया attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 मार्च । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘येदियुरप्पा डायरी’ के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि ‘भाजपा में सारे चौकीदार चोर हैं।’

श्री गांधी ने ट्वीट किया, “भाजपा के सारे चौकीदार चाेर हैं। नमो, अरुण जेटली, राजनाथ सिंह।—— ” श्री गांधी ने इसके साथ एक खबर भी पोस्ट की है।

गाैरतलब है कि मीडिया में एक डायरी से संबंधित खबरें आयी हैं, उस डायरी को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा की बताया जा रहा है। डायरी में भाजपा के तत्कालीन शीर्ष नेताओं के साथ लेन-देन का ब्याैरा है।

कांग्रेस ने ‘डायरी’ की जांच लोकपाल से कराने की चुनौती दी भाजपा को

कांग्रेस ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन नेतृत्व को 1800 करोड़ रुपए चुकाने का उल्लेख करने वाली कथित ‘येदियुरप्पा डायरी’ की जांच नवनियुक्त लोकपाल से कराने की चुनौती दी।

कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक विशेष ब्रीफिंग में कहा कि मीडिया में एक डायरी सामने आयी है जो कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की बतायी गयी है। इस डायरी के प्रत्येक पृष्ठ पर श्री येदियुरप्पा के हस्ताक्षर हैं। डायरी के अनुसार वर्ष 2007 से 2011 के बीच श्री येदियुरप्पा ने भाजपा के शीर्ष नेताओं को 1800 करोड़ की ‘रिश्वत’ दी है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस लेन-देन का जिक्र श्री येदियुरप्पा और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार की बातचीत के सार्वजनिक हुए टेप में भी था।

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उतराखण्ड की नैनीताल- ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट को कांग्रेस से हथियाने के लिए भाजपा को करना पड़ेगी कडी मशक्कत attacknews.in

नैनीताल 22 मार्च । उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में से सबसे हाॅट मानी जा रही नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट पर लंबे समय तक कांग्रेस का वर्चस्व रहा है लेकिन इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए उसे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कड़ी मशक्कत करनी होगी।

पहाड़ और मैदान के बीच बटी इस सीट पर कई मुद्दे ऐसे हैं जो चुनाव में जीत का आधार तय करेंगे। इन मुद्दों में पलायन और ढांचागत सुविधाओं का विकास अहम है। यह सीट 1957 में अस्तित्व में आ गयी थी। तब इसमें बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र भी शामिल था। पुनर्गठन के बाद इसमें कई क्षेत्रों का समावेश हुआ। इस लोकसभा सीट के अंतर्गत इस समय 15 विधानसभायें सम्मिलित हैं। प्रदेश की राजनीति की दिशा एवं दशा तय करने में इस लोकसभा सीट की अहम भूमिका रही है। इस सीट में नैनीताल जनपद की छह तथा उधमसिंह नगर जनपद की नौ विधानसभा सीटें शामिल हैं। नैनीताल जनपद की नैनीताल, भीमताल, हल्द्वानी, कालाढूंगी, लालकुआं तथा उधमसिंह नगर की बाजपुर, जसपुर, खटीमा, नानकमत्ता, सितारगंज, गदरपुर, काशीपुर, किच्छा और रूद्रपुर विधानसभा सीटें शामिल हैं। इनमें से अधिकतर पर भाजपा का कब्जा है।

कांग्रेस के दिग्गज नेता नारायण दत्त तिवारी की जन्मभूमि एवं कर्मभूमि मानी जानी वाली इस सीट पर अधिकांश समय कांग्रेस का वर्चस्व रहा है। हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के भगत सिंह कोश्यारी ने सभी पुराने समीकरणों को बदलकर रख दिया है। उन्होंने कांग्रेस के के. सी. सिंह बाबा को 284717 मतों से पराजित किया था। अब तक हुये लोकसभा चुनावों में कांग्रेस इस सीट पर ग्यारह बार अपना परचम लहरा चुकी है जबकि भाजपा तीन बार, जनतादल , कांग्रेस (तिवारी)आैर वीएलडी एक-एक बार जीती है। कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी, के.सी. पंत, सत्येन्द्र चंद गुड़िया जैसे नेता इस सीट पर जीत का परचम लहरा चुके हैं। भाजपा ने 1991, 1998 और 1914 के आम चुनावों में ही इस सीट पर कब्जा किया है। भाजपा के बलराज पासी, इला पंत और भगत सिंह कोश्यारी पार्टी को जीत दिला सके हैं।

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से कांग्रेस 2004 और 2009 के आम चुनावों में तथा भाजपा 2014 में एक बार इस सीट पर आधिपत्य कायम करने में सफल रही है। इन तीन लोकसभा चुनावों में वोट प्रतिशत के लिहाज से देखें तो दोनों पार्टियों का वोट प्रतिशत घटता बढ़ता रहा है। वर्ष 2004 में कांग्रेस पार्टी को लगभग 44 प्रतिशत वोट तथा भाजपा को 36 प्रतिशत मत मिले। अन्य पार्टियां इन दोनों के मुकाबले कहीं नहीं ठहरीं। इसके बाद 2009 दोनों पार्टियों के मत प्रतिशत में गिरावट हुई। कांग्रेस को 42.68 प्रतिशत तथा भाजपा को 30.94 प्रतिशत मत मिले। वर्ष 2014 की मोदी लहर में भाजपा ने अभूतपूर्व प्रदर्शन किया और उसे 57 प्रतिशत मत मिले जबकि कांग्रेस को मात्र 31 प्रतिशत मतों से संतोष करना पड़ा।

इस लोकसभा सीट पर पहाड़ी मतदाताओं का वर्चस्व माना जाता है। दूसरे नम्बर पर पंजाबी मतदाता जबकि तीसरे नम्बर पर मुस्लिम मतदाता माने जाते हैं। इनके अलावा बंगाली एवं पूर्वांचल के मतदाता भी इस लोकसभा क्षेत्र में अहम भूमिका निभाते रहे हैं।

इस बार 1788737 मतदाता अपने सांसद के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें 937354 पुरुष और 841420 महिला महिला हैं। इस लोकसभा चुनाव में भी ढांचागत सुविधाओं का विकास अहम मुद्दा होगा। इसके अलावा पहाड़ों से पलायन रोकना, पहाड़ी किसानों की खेती को जंगली जानवरों से बचाना, बेरोजगारी एवं बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें मुहैया कराना प्रमुख मुद्दों में शामिल हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार इस लोकसभा सीट पर 63.1 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या है जबकि 36.8 प्रतिशत जनसंख्या शहरी है। इससे साफ है कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की अलख जगाने का विश्वास दिलाना राजनैतिक दलों के लिये प्रमुख चुनौती होगी।

पिछले कुछ सालों में पहाड़ों से लगातार पलायन हुआ है। सरकार भी मानती है कि पलायन प्रदेश की प्रमुख समस्याओं में से एक है। सरकार ने पलायन आयोग भी बनाया। पहाड़ी क्षेत्रों में जंगली जानवरों के आतंक ने पलायन को बढ़ाने में कोढ़ में खाज जैसा काम किया है।

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बसपा ने उतर प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की attacknews.in

लखनऊ, 22 मार्च । सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने गुरुवार को अपने 11 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की जिसमें हाल में जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) छोड़कर पार्टी में शामिल हुए दानिश अली को अमरोहा से उम्मीदवार बनाया गया है।

बसपा और समाजवादी पार्टी (सपा) उत्तर प्रदेश में लोकसभा का चुनाव मिलकर लड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से बसपा 38 और सपा 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि तीन सीटें राष्ट्रीय लोकदल के लिए छोड़ी गयी हैं।

अमेठी और रायबरेली सीट से सपा-बसपा गठबंधन उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगा। अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और रायबरेली से सोनिया गांधी कांग्रेस की उम्मीदवार हैं।

बसपा महासचिव मेवालाल गौतम ने सूची जारी करते हुए बताया कि पार्टी ने उत्तर प्रदेश से 11 उम्मीदवारों के नाम तय किए हैं।

उन्होंने बताया कि कुंवर दानिश अली को अमरोहा से उम्मीदवार बनाया गया है। सहारनपुर से हाजी फजर्लुरहमान और गौतमबुद्ध नगर से सतबीर नागर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।

पार्टी उम्मीदवारों के नाम और संसदीय क्षेत्र इस प्रकार हैं…

संसदीय क्षेत्र उम्मीदवार

..1.. सहारनपुर…………….हाजी फजर्लुरहमान
..2.. बिजनौर………………..मलूक नागर
..3…नगीना(सुरक्षित)…………..गिरीश चंद्र
..4…अमरोहा……………..कुंवर दानिश अली
…5…मेरठ……………हाजी मोहम्मद याकूब
…6…गौतमबुद्ध नगर………….सतबीर नागर
..7… बुलंदशहर (सुरक्षित)………..योगेश वर्मा
..8.. अलीगढ़ …………….अजीत बालियान
..9….आगरा (सुरक्षित)………मनोज कुमार सोनी
..10….फतेहपुर सीकरी………….राजवीर सिंह
…11.. आंवला……………श्रीमती रुचि वीरा

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राहुल गांधी की अमेठी सीट से सपा- बसपा के नहीं होने के बाद भाजपा की स्मृति ईरानी के बीच होगी कांटे की टक्कर attacknews.in

अमेठी, 22 मार्च । उत्तर प्रदेश की अमेठी संसदीय सीट पर इस बार भी कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। इस सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मुकाबले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दोबारा स्मृति ईरानी को उतारा है।
सुश्री ईरानी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में श्री गांधी को जोरदार टक्कर दी थी और कांग्रेस अध्यक्ष करीब एक लाख मतों से ही जीत सके थे।

शुक्रवार को अमेठी से प्रत्याशी बनाये जाने की पार्टी की घोषणा के बाद सुश्री ईरानी ने कहा कि “राहुल गांधी के लिये दीवार पर नतीजा लिखा हुआ है।”

उन्होंने अमेठी में “कामदार” बनाम “नामदार” के बीच चुनावी मुकाबला होने की बात कही। स्मृति ईरानी ने दावा किया कि अमेठी के लोगों की दिक्कतों को सुनने और उन्हें दूर करने के लिये श्री गांधी को कभी समय नहीं मिला जबकि उन्होंने पिछले पांच साल में वहां के लोगों के साथ ज्यादातर वक्त गुजारा है।

भाजपा प्रत्याशी ने यह कहते हुये राहुल पर निशाना साधा कि जिन गरीबों ने अपने मत देकर श्री गांधी को सांसद बनाया, उन्हें ही कांग्रेस अध्यक्ष ने छला है।

दूसरी ओर, कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों पर आरोप लगाया है कि अमेठी में जो बड़े उद्योग लगने थे, उन्हें हटाकर दूसरी जगह ले जाया गया है।

समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन ने अमेठी सीट पर प्रत्याशी न उतारने का फैसला किया है। ऐसे में इस बार राहुल गांधी और स्मृति ईरानी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। सुश्री ईरानी ने इस पर चुटकी लेते हुये कहा है कि सपा और बसपा का अमेठी से प्रत्याशी न उतारना साबित करता है कि चुनाव में कांग्रेस की हालत क्या होने वाली है।

गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी लगातार कहा है कि इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा अमेठी और आजमगढ़ सीटें जीतेगी। 2014 में अमेठी में कांग्रेस और आजमगढ़ में सपा के मुलायम सिंह यादव जीते थे।

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मध्यप्रदेश की मुरैना- श्योपुर लोकसभा सीट पर बसपा के प्रभाव से त्रिकोणीय मुकाबला, केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के सामने रहेगा कड़ा संघर्ष, कांग्रेस को वापसी की उम्मीद attacknews.in

मुरैना, 22 मार्च । राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटी मध्यप्रदेश की मुरैना-श्योपुर संसदीय सीट लंबे समय से भले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गढ़ बनी हुई हो, पर प्रदेश में करीब तीन महीने पहले सत्ता में कांग्रेस की वापसी से पार्टी में यहां जीत की आशा जगा दी है।

इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रभाव के चलते यहां त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बनती है। वर्तमान में स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे और भाजपा नेता अनूप मिश्रा यहां से सांसद हैं, जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा के वृन्दाबन सिंह सिकरवार को हराया था।

बसपा ने इस बार यहां से डाॅ रामलखन कुशवाह को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। ऐसे में भाजपा इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर या मौजूदा सांसद अनूप मिश्रा पर ही दांव खेल सकती है, वहीं कांग्रेस के खेमे से पूर्व मंत्री रामनिवास रावत का नाम चर्चा में है।

इस संसदीय सीट पर पिछले दो दशक से भी अधिक समय से भाजपा काबिज है परंतु हाल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने संसदीय क्षेत्र की आठ में से सात विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की। उसकी निगाह अब इस लोकसभा सीट को अपनी झोली में डालने पर है। कांग्रेस अब तक यह सीट तीन बार जीत पायी है जबकि भाजपा को सात बार सफलता मिली है।

मुरैना लोकसभा सीट 1967 में अस्तित्व में आई। यहां पहले चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी आत्मदास ने जीत हासिल की। इसके अगले चुनाव में जनसंघ के हुकम चंद कछवाह यहां से जीते। कांग्रेस का इस सीट पर 1980 में खाता खुला। इस चुनाव में कांग्रेस के बाबूलाल सोलंकी यहां से सांसद बने। अगली बार भी उन्हें ही जीत हासिल हुई।

वहीं 1989 में ये सीट छविराम अर्गल के माध्यम से पहली बार भाजपा की झोली में गई लेकिन अगला चुनाव वह हार गए और कांग्रेस ने एक बार फिर इस सीट पर वापसी की। साल 1991 के चुनाव में कांग्रेस के बारेलाल जाटव ने छविराम अर्गल (भाजपा) को हरा कर यह सीट पार्टी की झोली में डाली। वर्ष 1996 में छविराम अर्गल की मृत्यु के बाद यहां से भाजपा ने उनके पुत्र अशोक अर्गल को उतारा और वह बसपा के पीपी चौधरी को हराकर सांसद बने। उसके बाद बाद से यह सीट भाजपा के कब्जे में है। वर्ष 2009 में श्री तोमर ने यहां कांग्रेस के श्री रावत को हराया था।

यह सीट 1967 से 2004 तक अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित थी, लेकिन 2009 में परिसीमन के बाद यह सामान्य वर्ग के लिये हो गई। इस संसदीय क्षेत्र में श्योपुर की श्योपुर और विजयपुर, मुरैना की सबलगढ़, जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी और अंबाह विधानसभा सीटें शामिल हैं। इस सीट पर छठवें चरण में 12 मई को मतदान होगा।

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भाजपा ने उतर प्रदेश की 80 में से 28 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की पहली सूची में इन 6 सांसदों का टिकट काटा attacknews.in

लखनऊ, 22 मार्च । भारतीय जनता पार्टी की ओर से बृहस्पतिवार को जारी लोकसभा प्रत्याशियों की पहली सूची में उत्तर प्रदेश के 28 प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं और पार्टी ने अपने छह वर्तमान सांसदों के टिकट काट दिये हैं ।

जिन छह सांसदों के टिकट काटे गए हैं उनमें केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी तथा राजनाथ सिंह लखनऊ की अपनी पहले की सीटों पर दोबारा किस्मत आजमायेंगे ।

पार्टी ने वीवीआईपी सीट मानी जाने वाली अमेठी से स्मृति ईरानी को एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मुकाबला करने के लिये मैदान में उतारा है ।

स्मृति ने टिकट घोषित होने के बाद ट्वीट कर सभी प्रत्याशियों को बधाई दी । उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को धन्यवाद कहा ।

उन्होंने कहा, ‘अमेठी से कमल खिलाकर संसद में भाजपा को मजबूत करना मेरे लिये गर्व की बात होगी ।’

स्मृति ने एक अन्य टवीट में कहा, ‘अमेठी का प्रतिनिधित्व करने का सम्मान मिला । अमेठी के कार्यकर्ताओं का प्यार मिला । अब कमल का फूल खिलाना है । नया इतिहास बनाना है ।’

भाजपा के एक नेता ने बताया कि प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से शेष बची सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा जल्द कर दी जायेगी ।

भाजपा की पहली सूची में कृष्णा राज :शाहजहांपुर सुरक्षित: और राम शंकर कठेरिया :आगरा सुरक्षित: के अलावा अंशुल वर्मा :हरदोई सुरक्षित:, बाबू लाल चौधरी :फतेहपुर सीकरी:, अंजू बाला :मिश्रिख सुरक्षित: और सत्यपाल सिंह :संभल: का टिकट काटा गया है ।

इन सीटों पर जो नये प्रत्याशी घोषित किये गये हैं उनमें एसपी सिंह बघेल आगरा सीट से, परमेश्वर लाल सैनी संभल से, राजकुमार चाहर फतेहपुर सीकरी से, जयप्रकाश रावत हरदोई से, अशोक रावत मिश्रिख से और अरूण सागर शाहजहांपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे ।

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी में नरेंद्र मोदी को 5, 81, 022 वोट मिले थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वन्दी अरविंद केजरीवाल को 2, 09, 238 वोट मिले थे। मोदी ने यह चुनाव 3, 71, 784 वोटों से जीता था ।

राजधानी लखनऊ की सीट पर राजनाथ सिंह को 5, 61, 106 वोट मिले थे और उन्होंने कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी को 2, 72, 749 वोटों से शिकस्त दी थी । रीता जोशी को 2, 88, 357 वोट हासिल हुये थे ।

वीवीआईपी सीट अमेठी में कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी को 4, 08, 651 वोट मिले थे जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वन्दी भाजपा की स्मृति ईरानी को 3, 00, 748 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था । कांग्रेस ने अपनी इस परंपरागत सीट को 1, 07, 903 वोटों से जीता था ।

भाजपा की पहली सूची में उत्तर प्रदेश में जिन लोगों को लोकसभा टिकट दिया गया है उनमें राघव लखनपाल :सहारनपुर:, संजीव कुमार बालियान :मुजफफरनगर:, कुंवर भारतेंद्र सिंह :बिजनौर:, राजेंद्र अग्रवाल :मेरठ:, सत्यपाल सिंह :बागपत:, विजय कुमार सिंह :गाजियाबाद: और महेश शर्मा :गौतमबुद्ध नगर: शामिल हैं ।

इनमें वी के सिंह केंद्र सरकार में विदेश राज्य मंत्री, महेश शर्मा पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जबकि सत्यपाल सिंह भी राज्य मंत्री है ।

उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 11 अप्रैल को जिन लोकसभा सीटों पर मतदान होना है, उनमें बागपत, बिजनौर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और कैराना शामिल हैं ।

पार्टी ने अभी कैराना सीट से उम्मीदवार घोषित नहीं किया है । इस सीट पर भाजपा उप चुनाव हार गयी थी ।

भाजपा ने उन्नाव से अपने वर्तमान सांसद साक्षी महाराज को भी एक बार फिर इसी सीट से टिकट दिया है । हाल ही में साक्षी ने धमकी भरे अंदाज में पार्टी नेतृत्व को चेतावनी दी थी कि अगर उन्हें दोबारा उन्नाव से टिकट नहीं दिया गया तो पार्टी के लिये इस बार परिणाम अच्छे नही होंगे ।

इसके अलावा पार्टी ने पहली सूची में जिन लोगों को जगह दी है, उनमें केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार बरेली से तथा मथुरा से हेमामालिनी का नाम शामिल है ।

हेमामालिनी ने कहा कि कुछ लोग चाहते थे कि वह वापसी करें । ‘वे अक्सर कहते थे कि मुझे वापसी करनी चाहिए । अगर आप :हेमामालिनी: आएंगी तो अच्छा रहेगा । मैं वापस आ गयी हूं और अमित शाह जी, मोदी जी तथा बैठक में मौजूद हर किसी का धन्यवाद करना चाहूंगी, जिन्होंने मुझे टिकट प्रदान किया ।’’

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भाजपा के शत्रु की बेलगाम जुबां ने चौकीदारों को भी नही छोड़ा और सर जी ( प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) को सीख देने लगे attacknews.in

पटना, 21 मार्च। पटना साहिब से भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मैं भी चौकीदार” अभियान को “खोखला” बताते हुए गुरुवार को इस अभियान में “पंच” और विषय वस्तु में कमी होने का आरोप लगाया।

शत्रुघ्न ने गुरूवार को ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मैं भी चौकीदार” अभियान के बारे कहा कि श्रीमान यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आप लाखों / सैकड़ों में संबोधित करें। महत्वपूर्ण यह है कि उनकी दुर्दशा को दूर करना, उन्हें बेहतर नियम, वेतनमान दिया जाना तथा उनकी जीवन शैली को बेहतर करना और गरिमा के साथ जीने के लिए प्रोत्साहित करना…।”

विभिन्न मुद्दों को लेकर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बागी तेवर अपनाए हुए शत्रुघ्न ने आगे कहा ‘…चूँकि आप अब भी हमारे राष्ट्र के माननीय प्रधानमंत्री हैं, मैं आपके साथ हूँ … आपको ढेर सारा प्यार, शुभकामनाएँ और होली की शुभकामनाएँ। जय हिन्द

शत्रुघ्न सिन्हा ने होली के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शुभकामनाएं देते हुए उन पर तीखा तंज कसा है।

श्री मोदी के चौकीदारों को संबोधित करने को लेकर श्री सिन्हा ने कटाक्ष करते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किये जिनमें उन्होंने कहा कि चौकीदारों को संबोधित करने से महत्वपूर्ण उनकी समस्याओं को हल करने की ओर ध्यान देना चाहिए।

श्री सिन्हा ने एक ट्वीट में कहा, “ सरजी, आपको होली की शुभकामनाएं। एक बार फिर मैं विनम्रता मगर दृढ़ता से याद दिलाउंगा कि ‘चौकीदार’ अभियान में मत फंसिए। चौकीदार पर आप जितना रक्षात्मक होंगे, यह देश को अनुत्तरित सवालों और राफेल डील की उतनी ही ज्यादा याद दिलायेगा। इनके बारे में लोग जानने के लिए बेचैन हैं।’

उन्होंने आगे लिखा, “वैसे, सर आपने अचानक, बिना तैयारी के और उपेक्षात्मक ‘मूड’ में देश के चौकीदारों को संबोधित किया (तथाकथित 25 लाख…नहीं पता कि इस आंकड़े का आधार क्या है, 21 लाख क्यों नहीं, 2.5 लाख क्यों नहीं?)। हो सकता है कि यह लोगों और चौकीदारों के गले न उतरे, जिनकी स्थिति भी अच्छी नहीं है। उनमें से ज्यादातर गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करते हैं।’

श्री मोदी को चौकीदारों की स्थिति सुधारने की नसीहत देते हुए श्री सिन्हा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘वैसे भी सर, यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आपने लाखों/सैकड़ों चौकीदारों को संबोधित किया, आपकी भाषणबाजी (बहुत खोखली, कॉन्टेंट के अभाव वाली) भी अहम नहीं है। जो चीज महत्वपूर्ण है, वह यह है कि उनकी दशा सुधारी जाये, उनकी जीवनशैली में सुधार हो, उन्हें गरिमा के साथ जीने के लिए प्रोत्साहित किया जाये, उन्हें बेहतर और नियमित वेतन मिले।”

आखिरी ट्वीट ने उन्होंने कहा, “चूंकि आप अब भी देश के प्रधानमंत्री हैं, इसलिए मैं अब भी आपके साथ हूं….बहरहाल, आपको बहुत सारा प्यार और शुभकामनाएं। आपकी होली रंगों भरी हो और आपके जरिए पूरे देश की होली रंगों भरी हो। जय हिंद!’

गौरतलब है कि पिछले काफी दिनों से श्री सिन्हा भाजपा में रहते हुए भी पार्टी के खिलाफ बोलते आैर प्राय: प्रधानमंत्री पर निशाना साधते रहे हैं। श्री सिन्हा ने अलग-अलग मौकों पर विपक्षी दलों के साथ स्टेज भी साझा कर चुके हैं और अब कयास लगाये जा रहे हैं कि पटना साहिब की सीट महागठबंधन के दलों राष्ट्रीय जनता दल अथवा कांग्रेस में से जिसके हिस्से में जाएगी, उसी दल की ओर से वह इस सीट से उम्मीदवार होंगे।

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सलमान खान का कमलनाथ को जवाब:मैं न तो चुनाव लडूंगा और न ही किसी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करूंगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 21 मार्च । बालीवुड अभिनेता सलमान खान ने गुरुवार को कहा कि वह न तो लोकसभा का चुनाव लड़ेगे और किसी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे।

अभिनेता ने सोशल मीडिया पर लिखा, “ अफवाहों के उलट मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा और न ही किसी राजनीतिक दल के लिए चुनाव प्रचार करूंगा।”

श्री खान का यह बयान उन रिपोर्टों के बाद आया जिसमें कहा गया था कि मध्य प्रदेश कांग्रेस उन्हें इंदौर में चुनाव प्रचार के लिए लाने का प्रयास कर रही है।

इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बालीवुड हस्तियों से आम चुनाव में अपने प्रशंसकों से मतदान के लिए जागरुकता फैलाने की अपील पर श्री खान ने श्री मोदी के ट्वीट का उल्लेख करते हुए लिखा, “ हम लोकतंत्र हैं और प्रत्येक भारतीय का अधिकार है कि वह मतदान करें, मैं हर एक पात्र भारतीय से अनुरोध करता हूं कि वह अपने मताधिकार का इस्तेमाल करे और सरकार बनाने में अपना योगदान दे।’’

सलमान खान ने  कहा कि वह लोकसभा चुनावों में किसी राजनीतिक पार्टी के लिए चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। उनका बयान मध्यप्रदेश में एक कांग्रेसी नेता के उस दावे के बाद आया जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव प्रचार के लिए अभिनेता से उनकी पार्टी बात कर रही है।

सलमान ने ट्वीट किया, ‘‘मैं ना तो कहीं से चुनाव लड़ने वाला हूं, ना ही किसी राजनीतिक पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करूंगा। इस तरह की बातें केवल अफवाह है।’’ बीते मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा था कि उनकी पार्टी के नेता खान से इंदौर में चुनाव प्रचार के सिलसिले में बात कर रहे हैं और यह लगभग तय है कि वह चुनाव प्रचार करेंगे।

वहीं, मुंबई में कश्मीर मसले के बारे में बात करते हुए सलमान ने कहा कि उनका विश्वास है कि सही तरीके से शिक्षा ही संकटग्रस्त कश्मीर घाटी की समस्या को समाप्त कर सकती है।

सलमान के होम प्रोडक्शन की फिल्म ‘नोटबुक’ कश्मीर पर आाधारित प्रेम कहानी है। इसमें नये चेहरे मोहनिश बहल की बेटी प्रनूतन और जहीर इकबाल नजर आयेंगे। फिल्म में दोनों ने स्कूल शिक्षक की भूमिका निभायी है।

सलमान ने कहा कि हर कोई शिक्षा प्राप्त कर सकता है लेकिन सही तरीके से शिक्षा मिलना बेहद जरूरी है।

सलमान ने कहा कि यदि वह डिजिटल माध्यम के लिए कोई प्रोडक्शन करते हैं तो वह इसका ध्यान रखेंगे कि परिवार इसे साथ में देख सके।

53 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि वेब सीरीज अच्छी होती हैं लेकिन इसका साफ सुथरा होना जरूरी है। उन्हें वह बकवास पसंद नहीं है जो इस वक्त चल रही है

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देंखे सूची: भाजपा द्वारा 184 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी, लालकृष्ण आडवाणी की गांधी नगर सीट से अमित शाह चुनाव लडेंगे attacknews.in

नयी दिल्ली 21 मार्च । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए गुरुवार को पहली सूची जारी कर दी जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वाराणसी से पुन: प्रत्याशी बनाने के साथ ही पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को वयोवृृद्ध नेता एवं पार्टी के संस्थापक सदस्य लाल कृष्ण आडवाणी की परम्परागत सीट गांधी नगर से उम्मीदवार बनाने की घोषणा की गयी।

भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति के सचिव एवं केन्द्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में पहली सूची में 184 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की।

भाजपा ने गांधीनगर से सांसद एवं अपने संस्थापकों में से एक वयोवृद्ध नेता श्री आडवाणी की जगह पार्टी अध्यक्ष श्री शाह को उतारा है। श्री शाह इस समय राज्यसभा सदस्य हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी नागपुर से, विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह गाजियाबाद से, संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा गौतमबुद्ध नगर से, वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी से, श्रम मंत्री संतोष गंगवार बरेली से, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बागपत से, सूचना एवं प्रसारण मंत्री कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ को जयपुर ग्रामीण सीट से, पूर्व मंत्री संजीव बालियान मुजफ्फरनगर से, श्रीमती हेमा मालिनी मथुरा से, साक्षी महाराज उन्नाव से, श्री राजेन्द्र अग्रवाल मेरठ से और श्री सतीश गौतम अलीगढ़ से उम्मीदवार घोषित किये गये हैं।

घोषित सूची लोकसभा क्षेत्र क्रमांक और लोकसभा सीट के नाम सहित:

  1. Uttar Pradesh 77 Varanasi
    Hon’ble Prime Minister
    Shri Narendra
    Damodardas Modi
    7
  2. Gujarat 6 Gandhinagar
    Hon’ble National President,
    BJP
    Shri Amit Anilchandra
    Shah
    3

  3. Uttar Pradesh 1 Saharanpur Shri Raghav Lakhanpal 1

  4. Uttar Pradesh 3 Muzaffarnagar Dr. Sanjeev Kumar Balyan 1

  5. Uttar Pradesh 4 Bijnor Kunwar Bharatendra Singh 1

  6. Uttar Pradesh 6 Moradabad Shri Kunwar Sarvesh Kumar 3

  7. Uttar Pradesh 8 Sambhal Shri Parmeshwar Lal Saini 3

  8. Uttar Pradesh 9 Amroha Shri Kanwar Singh Tanwar 2

  9. Uttar Pradesh 10 Meerut Shri Rajendra Agrawal 1

  10. Uttar Pradesh 11 Baghpat Dr. Satya Pal Singh 1

  11. Uttar Pradesh 12 Ghaziabad Dr. Vijay Kumar Singh 1

  12. Uttar Pradesh 13 Gautam Buddha Nagar Dr. Mahesh Sharma

  13. Uttar Pradesh 15 Aligarh Shri Satish Kumar Gautam 2

  14. Uttar Pradesh 17 Mathura Smt. Hema Malini 2

  15. Uttar Pradesh 18 Agra Shri S P Singh Baghel 2

  16. Uttar Pradesh 19 Fatehpur Sikri Shri Raj Kumar Chaher 2

  17. Uttar Pradesh 22 Etah Shri Rajveer Singh-MP (Raju Bhaiya) 3

  18. Uttar Pradesh 23 Badaun Smt. Sangh Mitra Maurya 3

  19. Uttar Pradesh 24 Aonla Shri Dharmendra Kumar 3

  20. Uttar Pradesh 25 Bareilly Shri Santosh Kumar Gangwar 3

  21. Uttar Pradesh 27 Shahjahanpur(SC) Shri Arun Sagar 4

  22. Uttar Pradesh 28 Kheri Shri Ajay Kumar Mishra 4

  23. Uttar Pradesh 30 Sitapur Shri Rajesh Verma 5

  24. Uttar Pradesh 31 Hardoi(SC) Shri Jai Prakash Rawat 4

  25. Uttar Pradesh 32 Misrikh(SC) Shri Ashok Rawat, Ex MP 4

  26. Uttar Pradesh 33 Unnao Swami Sakshi Ji Maharaj 4

  27. Uttar Pradesh 34 Mohanlalganj(SC) Shri Kaushal Kishore 5

  28. Uttar Pradesh 35 Lucknow Shri Rajnath Singh 5

  29. Uttar Pradesh 37 Amethi Smt. Smriti Irani (Parsi) 5

  30. Maharasthra 1 Nandurbar(ST) Dr. Heena Vijaykumar Gavit 4

  31. Maharasthra 2 Dhule Dr. Subhash Ramrao Bhamre 4

  32. Maharasthra 4 Raver Smt. Raksha Nikhil Khadse 3

  33. Maharasthra 6 Akola Shri Sanjay Shamrao Dhotre 2

  34. Maharasthra 8 Wardha Shri Ramdas Chandrabhanji Tadas 1

  35. Maharasthra 10 Nagpur Shri Nitin Jairam Gadkari 1

  36. Maharasthra 12 Gadchiroli-Chimur(ST) Shri Ashok Mahadeorao Nete 1

  37. Maharasthra 13 Chandrapur Shri Hansraj Gangaram Ahir 1

  38. Maharasthra 18 Jalna Shri Raosaheb Patil Danve 3

  39. Maharasthra 23 Bhiwandi Shri Kapil Moreshwar Patil 4

  40. Maharasthra 26 Mumbai-North Shri Gopal Chinayya Shetty 4

  41. Maharasthra 29 Mumbai-North-Central Smt. Poonam Mahajan 4

  42. Maharasthra 37 Ahmednagar Shri Sujay Vikhe

  43. Maharasthra 39 Beed Dr. Pritam Gopinath Munde 2

  44. Maharasthra 41 Latur(SC) Shri Sudhakar Bhalerao Shrungare 2

  45. Maharasthra 44 Sangli Shri Sanjay(Kaka) Ramchandra Patil 3

  46. Andaman and
    Nicobar Islands 1
    Andaman and Nicobar
    Islands Shri Vishal Jolly 1

  47. Assam 1 Karimganj(SC) Shri Kripanath Malla 2

  48. Assam 2 Silchar Dr Rajdeep Roy Bengali 2

  49. Assam 3 Autonomous
    District(ST) Shri Harensingh Bey 2

  50. Assam 7 Gauhati Smt. Queen Ojha 3

  51. Assam 8 Mangaldoi Shri Dilip Saikia 2

  52. Assam 12 Jorhat Shri Tapan Gogai 1

  53. Assam 13 Dibrugarh Shri Rameswar Teli 1

  54. Assam 14 Lakhimpur Shri Pradan Baruah 1
  55. Arunachal Pradesh 1 Aruanchal West Shri Tapir Gao 1
  56. Arunachal Pradesh 2 Arunachal East Shri Kiren Rijiju 1
  57. Chhattisgarh 1 Surguja(ST) Smt. Renuka Singh 3
  58. Chhattisgarh 2 Raigarh(ST) Smt. Gomtee Sai 3
  59. Chhattisgarh 3 Janjgir-Champa (SC) Shri Guharam Ajgale 3
  60. Chhattisgarh 10 Bastar(ST) Shri Baiduram Kashyap 1
  61. Chhattisgarh 11 Kanker(ST) Shri Mohan Mandavi 2
  62. Dadra and Nagar
    Haveli 1
    Dadra and Nagar
    Haveli(ST) Shri Natubhai Gomanbhai Patel 3
  63. Jammu & Kashmir 1 Baramulla Shri M M War 1
  64. Jammu & Kashmir 2 Srinagar Shri Khalid Jahangir 2
  65. Jammu & Kashmir 3 Anantnag Shri Sofi Youssaf 3
  66. Jammu & Kashmir 5 Udhampur Singh,Dr. Jitendra 2
  67. Jammu & Kashmir 6 Jammu Sharma,Shri Jugal Kishore 1
  68. Karnataka 2 Belgaum Shri Suresh Chanabasappa Angadi 3
  69. Karnataka 3 Bagalkot Shri Parvatagouda C Gaddigoudar 3
  70. Karnataka 4 Bijapur(SC) Shri Ramesh Chandappa Jigajinagi 3
  71. Karnataka 5 Gulbarga(SC) Dr Umesh Jadhav

  72. Karnataka 7 Bidar Shri Bhagwanth Khuba 3

  73. Karnataka 9 Bellary Shri Devendrappa 3
  74. Karnataka 10 Haveri Shri Shivkumar Chanabasappa
    Udasi 3
  75. Karnataka 11 Dharwad Shri Pralhad Venkatesh Joshi 3
  76. Karnataka 12 Uttara Kannada Shri Anantkumar Hegde 3
  77. Karnataka 13 Davanagere Shri Gowdar M Siddeshwara 3
  78. Karnataka 14 Shimoga Shri B Y Raghavendra 3
  79. Karnataka 15 Udupi Chikmagalur Kum. Shobha Karandlaje 2
  80. Karnataka 16 Hassan Shri A Manju 2
  81. Karnataka 17 Dakshina Kannada Shri Nalin Kumar Kateel 2
  82. Karnataka 18 Chitradurga(SC) Shri A Narayana Swamy 2
  83. Karnataka 19 Tumkur Shri G S Basavaraju 2
  84. Karnataka 21 Mysore Shri Prathap Simha 2
  85. Karnataka 22 Chamrajanagar Shri Srinivasa Prasad 2
  86. Karnataka 24 Bangalore North Shri D.V. Sadananda Gowda 2
  87. Karnataka 25 Bangalore Central Shri P. C. Mohan 2
  88. Karnataka 27 Chikkballapur Shri B N Bachchegowda 2
  89. Kerala 1 Kasaragod Shri Raveesh Thantri Kuntar 3
  90. Kerala 2 Kannur Shri C K Padmanabhan 3
  91. Kerala 3 Vadakara Shri V K Sajeevan 3
  92. Kerala 5 Kozhikode Adv K P Prakash Babu 3
  93. Kerala 6 Malappuram Shri Unnikrishnan Master 3
  94. Kerala 7 Ponnani Prof. V T Rema 3
  95. Kerala 8 Palakkad Shri C Krishnakumar 3
  96. Kerala 11 Chalakudy Shri A N Radhakrishnan 3
  97. Kerala 12 Ernakulam Shri Alphonese Kannanthana 3
  98. Kerala 15 Alappuzha Dr K S Radhakrishnan 3
  99. Kerala 18 Kollam Shri K V Sabu 3
  100. Kerala 19 Attingal Smt. Sobha Surendran

  101. Kerala 20 Thiruvananthapuram Shri Summanam Rajasekharan 3

  102. Lakshadweep 1 Lakshadweep(ST) Shri Abdul Khader 1
  103. Manipur 1 Inner Manipur Shri K K Ranjan Singh 2
  104. Manipur 2 Outer Manipur(ST) Shri H Shokhopao Mate (Benjamin) 1
  105. Mizoram 1 Mizoram(ST) Shri Nirupam Chakma 1
  106. Odisha 2 Sundargarh(ST) Shri Jual Oram 2
  107. Odisha 4 Keonjhar(ST) Shri Ananta Naik 3
  108. Odisha 6 Balasore Shri Pratap Sarangi 4
  109. Odisha 9 Dhenkanal Shri Rudra Narayan Pani 3
  110. Odisha 10 Bolangir Shri Sangeeta Kumari Singh Deo 2
  111. Odisha 12 Nabarangpur(ST) Shri Balabhadra Majhi, 1
  112. Odisha 15 Kendrapara Shri Baijayant Panda 4
  113. Odisha 18 Bhubaneswar Smt. Aparajita Sarangi 3
  114. Odisha 19 Aska Smt. Anita Priyadarshni 2
  115. Odisha 20 Berhampur Shri Brughu Baxipatra 1
  116. Rajasthan 1 Ganganagar(SC) Shri Nihal Chand Chauhan 5
  117. Rajasthan 2 Bikaner(SC) Shri Arjun Ram Meghwal 5
  118. Rajasthan 4 Jhunjhunu Shri Narendra Khinchal 5
  119. Rajasthan 5 Sikar Shri Sumedhanand Saraswati 5
  120. Rajasthan 6 Jaipur Rural Col. Rajyavardhan Singh Rathore 5
  121. Rajasthan 7 Jaipur Shri Ramcharan Bohra 5
  122. Rajasthan 12 Tonk-Sawai Madhopur Shri Sukhbir Singh Jaunapuria 4
  123. Rajasthan 13 Ajmer Shri Bhagirath Chaudhary 4
  124. Rajasthan 15 Pali Shri P P Chaudhary 4
  125. Rajasthan 16 Jodhpur Shri Gajendra Singh Shekhawat 4
  126. Rajasthan 18 Jalore Shri Devji Mansingram Patel 4
  127. Rajasthan 19 Udaipur Shri Arjunlal Meena 4
  128. Rajasthan 21 Chittorgarh Shri C. P. Joshi 4
  129. Rajasthan 23 Bhilwara Shri Subhash Chandra Baheria 4
  130. Rajasthan 24 Kota Shri Om Birla

  131. Rajasthan 25 Jhalawar-Baran Shri Dushyant Singh 4

  132. Sikkim 1 Sikkim Shri Laten Tshering Sherpa 1
  133. Tamil Nadu 20 Coimbatore Shri C P Radhakrishnan 2
  134. Tamil Nadu 31 Sivaganga Shri H Raja 2
  135. Tamil Nadu 35 Ramanathapuram Shri Nainar Nagendran 2
  136. Tamil Nadu 36 Thoothukkudi Dr Tamilisai Soundarrajan 2
  137. Tamil Nadu 39 Kanniyakumari Shri Pon. Radhakrishnan 2
  138. Telangana 3 Karimnagar Shri Bandi Sanjay 1
  139. Telangana 4 Nizamabad Shri D. Aravind 1
  140. Telangana 7 Malkajgiri Shri N Ramchandra Rao 1
  141. Telangana 8 Secunderabad Shri G Kishan Reddy 1
  142. Telangana 11 Mahabubnagar Smt. D K Aruna 1
  143. Telangana 12 Nagarkurnool(SC) Kum. Bangaru Shruthi 1
  144. Telangana 13 Nalgonda Shri Garlapati Jithender Kumar 1
  145. Telangana 14 Bhongir Shri P V Shamsunder Rao 1
  146. Telangana 15 Warangal Shri Chinta Sambamurthy 1
  147. Telangana 16 Mahabubabad Shri Jatothu Hussain Naik 1
  148. Tripura 1 Tripura West Shri Rebati Tripura 1
  149. Tripura 2 Tripura East(ST) Shri Pratima Bhaumik 2
  150. Uttarakhand 1 Tehri Garhwal Smt. Mala Rajya Laxmi 1
  151. Uttarakhand 2 Garhwal Shri Tirath Singh Rawat 1
  152. Uttarakhand 3 Almora(SC) Shri Ajay Tamta 1
  153. Uttarakhand 4 Nainital-Udhamsingh
    Nagar Shri Ajay Bhatt 1
  154. Uttarakhand 5 Hardwar Dr. Ramesh Pokhriyal (Nishank) 1
  155. West Bengal 1 Coochbehar Shri Nisith Pramanik 1
  156. West Bengal 2 Alipurduars(ST) Shri John Barla 1
  157. West Bengal 3 Jalpaiguri(SC) Dr Jayanta Ray 2
  158. West Bengal 5 Raiganj Smt. Deboshree Chaudhary 2
  159. West Bengal 6 Balurghat Dr Sukanta Majumdar

  160. West Bengal 7 Maldaha Uttar Shri Khagen Murmu 3

  161. West Bengal 8 Maldaha Dakshin Smt. Sreerupa Mitra Choudhury 3
  162. West Bengal 12 Krishnanagar Shri Kalyan Chowbey 4
  163. West Bengal 15 Barrackpur Shri Arjun Singh 5
  164. West Bengal 16 Dum Dum Shri Samik Bhattacharya 7
  165. West Bengal 17 Barasat Dr Mrinal Kanthi Debnath 7
  166. West Bengal 18 Basirhat Shri Sayantan Basu 7
  167. West Bengal 19 Jaynagar(SC) Dr Ashok Kandari 7
  168. West Bengal 20 Mathurapur(SC) Shri Shyamaprasad Halder 7
  169. West Bengal 22 Jadavpur Prof. Anupam Hazra 7
  170. West Bengal 23 Kolkata Dakshin Shri Chandra Kumar Bose 7
  171. West Bengal 24 Kolkata Uttar Shri Rahul Sinha 7
  172. West Bengal 27 Serampore Shri Debajit Sarkar 5
  173. West Bengal 28 Hooghly Smt. Locket chaterjee 5
  174. West Bengal 29 Arambagh(SC) Shri Tapan Roy 5
  175. West Bengal 30 Tamluk Shri Siddharth Naskar 6
  176. West Bengal 32 Ghatal Smt. Bharati Ghosh 6
  177. West Bengal 33 Jhargram(ST) Dr Kunar Hembram 6
  178. West Bengal 34 Medinipur Shri Dilip Ghosh 6
  179. West Bengal 37 Bishnupur(SC) Shri Soumitra Kha 6
  180. West Bengal 38 Bardhaman Purba(SC) Shri Paresh Chandra Das 4
  181. West Bengal 40 Asansol Shri Babul Supriyo 4
  182. West Bengal 42 Birbhum Shri Dudh Kumar Mondal 4
  183. Andhra Pradesh 4 Visakhapatnam Shri D Purandeshwari
  184. Andhra Pradesh 14 Narasaraopet Shri Kanna Lakshminarayana

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मध्यप्रदेश के मंत्री जीतू पटवारी इंदौर से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए तैयार attacknews.in

इंदौर, 21 मार्च । मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने आज अपने गृह नगर इंदौर में कहा आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उन्हें यहां से उम्मीदवार घोषित करती है तो वे चुनाव लड़ने के लिये तैयार हैं।

श्री पटवारी यहां दिव्यांग बच्चों की एक संस्था में होली मनाने पहुंचे थे। उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा उन्हें मंत्री पद का कोई मोह नहीं है। वे कांग्रेस पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं। इस बार यहां से चुनाव कोई भी लड़े कांग्रेस के पक्ष में दमखम से चुनाव लड़ेंगे।

श्री पटवारी की पत्नी रेणुका को इंदौर संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार बनाये जाने के कयासों को विराम देते हुए उन्होंने कहा उनके परिवार से केवल वे ही चुनाव लड़ सकते हैं। अन्य किसी भी पारिवारिक सदस्य के नाम की संभावना नहीं है।

श्री पटवारी ने पिछले 8 बार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से इंदौर की सांसद और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को चुनौती देते हुये कहा आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कड़ी टक्कर देगी। इंदौर के मतदाताओं ने मन बना लिया है कि अब वक्त बदलाव का है। इस दौरान श्री पटवारी ने यहां दृष्टि बाधित दिव्यांगों के साथ होली खेली औऱ वे उन्हें यहां एक पांच सितारा होटल में भोजन करवाने ले गये।

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बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणासी से कई जानी- मानी हस्तियों ने संसद में प्रतिनिधित्व किया है, इस बार रोचक मुकाबले में पूरा विपक्ष नरेंद्र मोदी की घेराबंदी करेगा attacknews.in

वाराणसी, 20 मार्च । प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी, कमलापति त्रिपाठी और श्याम लाल यादव जैसी कई जानी-मानी हस्तियों को पवित्र गंगा के तट पर बसी बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी का संसद में प्रतिनिधत्व करने का गौरव प्राप्त हुआ है।

श्री मोदी ने 2014 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहते भाजपा उम्मीदवार के तौर पर 56.37 फीसदी मतदाताओं का समर्थन पाकर जीत दर्ज की और प्रधानमंत्री बने। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उसके बाद दो बार रेल मंत्री रहे श्री त्रिपाठी ने 1980 में कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर यहां से जीत दर्ज की। उत्तर प्रदेश सरकार में 1967 से 1968 के दौरान कानून एवं अन्य कई विभागों के मंत्री और वर्ष 1980 से 1984 तक राज्यसभा के उप सभापति रहे श्री यादव ने 1984 कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर यहां से विजय हासिल की थी। वह 1988 से 1989 तक केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रहे।

पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अनिल शास्त्री को भी वाराणसी का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला। उन्होंने 1989 में जीत दर्ज की और केंद्र में मंत्री बने। भाजपा ने 1991 में अपना खाता खोला और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी श्रीशचंद्र दीक्षित सांसद बने। इसके बाद 1996 से 1999 तक शंकर प्रसाद जायसवाल ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में यहां से संसद तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की ।

कांग्रेस के राजेश मिश्र ने 2004 के चुनाव में भाजपा के विजय रथ को रोक दिया और सांसद बने लेकिन 2009 के चुनाव में मुरली मनोहर जोशी ने कांग्रेस से यह सीट छीन ली।

सत्रहवीं लोक सभा के लिए चुनावी बिगुल बजने के साथ ही राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गयी हैं। उत्तर प्रदेश की सत्ता में वर्षों तक एक-दूसरे की विरोधी रहीं बसपा और सपा गठबंधन कर इस बार का चुनाव दिलचस्प बना दिया है। करीब चार दशकों तक वाराणसी में जीत दर्ज करती रही कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रॉ को पूर्वांचल का प्रभारी महासचिव बनाकर चुनावी नैया पार लगाने की जिम्मेवारी सौंपी है। प्रधानमंत्री मोदी का इस संसदीय क्षेत्र के चुनावी अखाड़े में उतरना तय माना जा रहा है। इन वजहों से यहां का चुनाव बेहद दिलचस्प बन गया। करीब दो माह बाद 19 मई को होने वाले चुनाव की गतिविधियों पर देश-दुनिया की नजरें टिकी हैं।

इस सीट के मतदाताओं की संख्या 17,96,930 है जो गत लोकसभा चुनाव की तुलना में 30,443 अधिक हैं। इस संसदीय क्षेत्र की सभी पांचों विधान सभा सीटाें पर भाजपा का कब्जा है। वर्ष 2014 में श्री मोदी ने 5,81,022 मतदाताओं का समर्थन हासिल कर जीत दर्ज की, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 2,92,038 मतदाताओं के समर्थन के साथ दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। कांग्रेस के अजय राय को 75,614 और बसपा के विजय प्रकाश जायसवाल को 60,579 वोट मिले और वे क्रमश: तीसरे और चौथे स्थान पर रहे।

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