गांधी नगर सीट से अमित शाह द्वारा नामांकन से पहले सभा में शिवसेना प्रमुख उध्दव ठाकरे की हुंकार: अब देश में भगवा, भगवा और भगवा ही होगा और कोई नहीं आएगा attacknews.in

अहमदाबाद, 30 मार्च । भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि वह जो कुछ भी है वह पार्टी की ही बदौलत है तथा अगर उनकी जिंदगी से इसे निकाल दिया जाये तो केवल एक बड़ा शून्य ही बचेगा।

गांधीनगर लोकसभा सीट पर पार्टी प्रत्याशी के तौर पर नामांकन से पहले यहां सरदार पटेल चौक पर आयोजित रैली में उन्होंने कहा कि 1982 में एक सामान्य बूथ कार्यकर्ता से आज विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का अध्यक्ष भाजपा ने ही उन्हें बनाया है। उन्होंने जो भी सीखा और पाया है वह पार्टी की ही देन है। अगर उनके जीवन से भाजपा को निकाल दिया जाये तो केवल शून्य बचेगा।

उन्होंने कहा कि गांधीनगर सीट पर पी वी मावलकर, आडवाणी और अटल जी जैसे लोग सांसद रहे हैं और उनका सौभाग्य कि इसी क्षेत्र से भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है। वह देश के सबसे विकसित इस क्षेत्र में आडवाणी जी के विरासत को विनम्रता से आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। वह इस क्षेत्र के तहत आने वाले विधानसभा क्षेत्र के भी पांच बार विधायक रह चुके हैं।

श्री शाह ने कहा कि वह राज्यसभा के भी सदस्य है पर वह राज्यसभा में इसलिए गये क्योंकि तब लोकसभा चुनाव नहीं हो रहा था। वह लोगों के बीच रहने वाले आदमी है और पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए अनुमति दी है।

उन्होंने कहा कि अगला लोकसभा चुनाव एक ही मुद्दे पर लड़ा जायेगा कि इस देश का नेतृत्व कौन करेगा। इस मामले में पूरे देश में एक ही आवाज आती है। मोदी मोदी। पांच साल में यह विश्वास इसलिए बना क्योंकि 70 साल से जनता जिस नेता की राह देख रही थी उसे वह मोदी मे दिखा।

श्री शाह ने कहा कि आज देश का सामने यह सवाल है कि देश को सुरक्षा कौन दे सकता है। ऐसा एक ही व्यक्ति मोदी जी कर सकते हैं। भाजपा और राजग की सरकार कर सकती है। मोदी जी का दोबारा प्रधानमंत्री बनना निश्चित है और वह गुजरात की जनता से अपील करते हैं कि राज्य की सभी 26 सीटें भाजपा की झोली में डाल दे ताकि गुजरात के बेटे को शान से सरकार बनाने का मौका मिले।

शिवसेना प्रमुख उध्दव ठाकरे ने कहा: अब देश में भगवा, भगवा और भगवा ही होगा और कोई नहीं आएगा:

शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि उनकी पार्टी और भाजपा की विचारधारा एक है और दोनो के बीच जो मत मिन्नता और मनमुटाव था वह अब पूरी तरह समाप्त हो चुका है।

श्री ठाकरे ने आज यहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के गांधीनगर सीट पर नामांकन से पहले अहमदाबाद के सरदार पटेल चौक पर हुई सभा मे विपक्षी दलो पर प्रहार करते हुए कहा कि एक विचारधारा वाली दो पार्टियों के लड़ने झगड़ने से कुछ लोग खुशी मना रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘ कुछ लोगों को मेरे यहां पहुंचने से आनंद हुआ पर कुछ को पेट मे दर्द हो रहा होगा। कुछ लोग खुशी मना रहे थे कि एक विचारधारा वाले दल लड़ झगड़ रहे थे।। हममे मत भिन्नता मनमुटाव जरूर था पर जब अमितभाई मेरे घर आये और बात हुई तो यह सब खत्म हो गया। शिवसेना और भाजपा की विचारधारा एक है जो हिन्दुत्व है। मेरे पिताजी (स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे) कहते थे कि हिन्दुत्व हमारी सांस है। यह रूक जाये तो कैसे चल सकते हैं।’

उन्होने कहा कि विपक्ष के गठबंधन में दिल मिले या न मिले वे हाथ मिला रहे हैं पर भाजपा शिवसेना का दिल मिल गया है।

श्री ठाकरे ने कहा, ‘ हमने यही सोचा कि पिछले पांच साल में जो हुआ हो गया। पर उससे पिछले 25 से30 साल में क्या हो रहा था। अकाली दल को छोड़ कर अन्य सभी दल भाजपा और शिवसेना को अछूत मानते थे। पता नहीं कैसे 25 साल गुजर गया। हमारा सपना सच्चाई बना। दिल्ली के तख्त पर भगवा लहरा गया। हमारा नेता एक है। विपक्ष को पूछना चाहता हूं कि आपका नेता कौन है। हमे भी सत्ता चाहिए पर हम कुर्सी के लिए पागल नहीं हो गये है। यहां जैसे भीड़ मोदी मोदी जी के नारे लगा रही है वैसे विपक्ष से बोलो कि एक नेता का नारा लगाये। उनमे न कोई सोच एक जैसी है और न एकता। हर नेता सोचता है कि वही प्रधानमंत्री बने। जब पहले ही ऐसी टांग खिंचाई होगी तो वे आगे कैसे बढ़ सकते हैं।’

शिवसेना प्रमुख ने कहा, ‘अमित भाई मै आया हूं मेरे पिता जी ने सिखाया है कि जिसकी भी मदद करो दिल खोल कर करो। हमने मत भिन्नता मिटा दिया है। पीछे से वार के हमारे संस्कार नहीं है। मै दिल से यहां आया हूूं।’

भाजपा-शिवसेना की एकजुटता की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास अब माहौल गर्म करने के लिए कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि अब देश में भगवा भगवा और भगवा ही होगा और कोई नहीं आयेगा। श्री ठाकरे ने कहा, ‘हम देश को साथ मिल कर आगे बढ़ायेंगे।’

सभा मे शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल, केंद्रीय मंत्री और लोकजनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नीतिन गडकरी ओर पियूष गोयल तथा गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल भी उपस्थित थे।

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उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक सफलता के बाद अब राजस्थान की अलवर सीट से बालकनाथ योगी भाजपा से चुनाव मैदान में attacknews.in

अलवर 30 मार्च ।उत्तरप्रदेश में गुरु गोरक्षनाथ पीठ के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की राजनीति में सफलता के बाद अब राजस्थान में भी भाजपा के बैनर तले एक और योगी मैदान में हैं । यह महंत बालकनाथ योगी अलवर से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं और उन्होंने इस क्षेत्र के विकास का बीड़ा उठाया है ।

राजस्थान के अलवर से लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी महंत बालकनाथ योगी ने अलवर का सुनियोजित तरीके से विकास करने का वादा करते हुए कहा है कि उनके सांसद बनने पर अलवर का प्रत्येक व्यक्ति सांसद की अनुभूति करेगा।

महंत बालकनाथ ने कहा कि अलवर का विकास कर वह जन्मभूमि का ऋण उतारने का कार्य करेंगे। गुरु महंत चांदनाथ के मन में अलवर के लोगों के प्यार का ऋण नहीं चुका पाने के दुख को पूरा तथा अलवर के सुनियोजित तरीके से विकास करने के लिए वह जन्मभूमि की सेवा में आये हैं।

उन्होंने कहा कि उनके सांसद बनने पर अलवर का प्रत्येक व्यक्ति सांसद होगा जिसकी अनुभूति प्रत्येक व्यक्ति स्वयं करेगा।

उन्होंने कहा कि अलवर बाबा भर्तृहरि की तपोभूमि है जहां भगवान हनुमान आये, पांडव आये। बाबा धौंकलनाथ, बाबा खेतानाथ, बाबा गरीबनाथ एवं बाबा सोमनाथ जैसे संत हुए और नाथ सम्प्रदाय के लगभग 35 प्रमुख आश्रम जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हैं जिनके प्रति आस्था सम्पूर्ण अलवर जिले की हैं उस महान भूमि पर मुझे जन्म मिला, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। अलवर की तपोभूमि के कारण ही नाथ सम्प्रदाय की सबसे प्रमुख गद्दी का महंत बनने का सौभाग्य भी मिला।

उन्होंने कहा कि अलवर में रह कर अलवर की सेवा करूँगा एवं रोहतक में मठ के दायित्व को भी निभाउंगा लेकिन अलवर का यह बालक अलवर को रोहतक से जोड़ चुका है। आने वाले समय में अलवर का प्रत्येक व्यक्ति अपने आप कहेगा कि अलवर और रोहतक एक है।

अलवर जिले के बहरोड़ तहसील के कोहराना गांव निवासी महंत बालकनाथ योगी नाथ सम्प्रदाय के विश्व प्रसिद्ध मठ अस्थल बोहर के मठाधीश हैं तथा रोहतक स्थित मठ को भी संभालते है। बालकनाथ के पिता सुभाष यादव आस्था के केंद्र नीमराना के बाबा खेतानाथ आश्रम में बाबा खेतानाथ की सेवा करते थे। महंत

बालकनाथ का जन्म गुरुवार को होने के कारण बचपन में उनका नाम बाबा खेतानाथ ने गुरुमुख रखा। साढ़े छह वर्ष की उम्र में गुरुमुख को बाबा खेतानाथ के ब्रह्मलीन होने के बाद उनके परिवार ने महंत सोमनाथ को सौंप दिया था।

महंत सोमनाथ ने शिक्षा दीक्षा के लिए बालक गुरूमुख को छह महीने बाद ही अस्थल बोहर रोहतक के महंत चांदनाथ योगी के पास भेज दिया। जहां इनका नाम बालकनाथ पड़ गया और आज महंत बालकनाथ योगी के नाम से प्रसिद्ध हैं।

उल्लेखनीय है कि बालकनाथ के गुरु महंत चांदनाथ योगी बहरोड़ से विधायक रहे तथा बाद में अलवर से सांसद भी बने, लेकिन गम्भीर बीमारी के चलते उनका निधन हो गया। इसके बाद अलवर में हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डा़ कर्ण सिंह यादव सांसद चुने गये। अब महंत चांदनाथ के शिष्य महंत बालकनाथ को जहां मठ की धार्मिक विरासत का दायित्व मिला हैं, वहीं अलवर में राजनीतिक प्रभुत्व को फिर से कायम करने की चुनौती भी है। महंत चांदनाथ के गुरु महंत श्रेयोनाथ ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता को दो बार विधानसभा चुनावों में पराजित किया था।

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उत्तरप्रदेश की कैराना, मेरठ, बिजनौर, सहारनपुर, बागपत, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और गौतमबुथ्दनगर सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला रोचक हुआ वही सपा ने गोरखपुर और कानपुर के प्रत्याशी बदले attacknews.in

लखनऊ, 30 मार्च । लोकसभा चुनाव के पहले दौर में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कुछ सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को झटका दे सकती है। दरअसल, कांग्रेस ने इन सीटों पर ऐसे उम्मीदवार खड़े किये हैं जो भाजपा उम्मीदवारों के वोट काटकर समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को फायदा पहुंचा सकते हैं।

लोकसभा चुनाव के पहले दौर में प्रदेश में सहारनपुर, कैराना, बिजनौर, बागपत, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर सीटों पर 11 अप्रैल को मतदान होगा।

मेरठ संसदीय सीट पर कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री बनारसी दास के बेटे हरेंद्र अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया है। यहां से भाजपा ने दो बार सांसद रह चुके राजेंद्र अग्रवाल को टिकट दिया है। मेरठ सीट पर करीब ढाई लाख व्यापारी वोटर हैं। ऐसे में कांग्रेस और भाजपा के बीच इन वोटों के बंटने से बसपा के उम्मीदवार हाजी याकूब कुरैशी का फायदा हो सकता है।

गाजियाबाद सीट पर पूर्व सेनाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के मुकाबले कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा हैं। वह यहां अगड़ी जातियों के वोट काटकर श्री सिंह के लिये मुश्किल खड़ी कर सकती हैं। इस सीट से गठबंधन के प्रत्याशी सुरेश बंसल हैं।

गौतमबुद्धनगर सीट पर केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा को बसपा के सुरेंद्र सिंह नागर कड़ी टक्कर दे सकते हैं। यहां कांग्रेस ने अरविंद कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है और वह अगड़ों के वोट काट सकते हैं।

वहीं, कैराना संसदीय सीट पर कांग्रेस ने जाट नेता हरिंदर मलिक को प्रत्याशी बनाया है और वह जाट वोटों में सेंध लगाकर भाजपा के लिये परेशानी पैदा कर सकते हैं।

कांग्रेस ने मुजफ्फरनगर में रालोद अध्यक्ष अजित सिंह और बागपत में उनके बेटे जयंत चौधरी के मुकाबले कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। ऐसे में इन दोनों सीटों पर भाजपा और रालोद के बीच ही सीधी टक्कर होने की उम्मीद है।

सहारनपुर संसदीय सीट की बात करें तो यहां कांग्रेस के प्रत्याशी इमरान मसूद अल्पसंख्यकों के वोट काट सकते हैं। इस सीट पर बसपा ने भी अल्पसंख्यक उम्मीदवार उतारा है।

उप्र में सपा ने की गोरखपुर, कानपुर सीटों पर नये उम्मीदवारों घोषणा

उधार निषाद पार्टी द्वारा शुक्रवार की रात महागठबंधन छोड़ने की घोषणा का पलटवार करते हुए समाजवादी पार्टी(सपा) ने शनिवार को प्रतिष्ठित गोरखपुर लोकसभा सीट से मौजूदा संसद सदस्य प्रवीण निषाद को हटाकर पूर्व विधायक राम भुआल निषाद पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है

सपा ने शनिवार को दो और उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिसमें दोनों निषाद समुदाय से है। सपा ने गोरखपुर संसदीय सीट से राम भुआल निषाद और कानपुर सीट से राम कुमार निषाद को पार्टी का प्रत्याशी बनाया है।

श्री योगी आदित्यनाथ के 2017 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर संसदीय सीट से इस्तीफा दे दिया था। उपचुनाव में सपा ने निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को गोरखपुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा था और जीत दर्ज की थी।

निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि वह हमारी पार्टी के लिए सीटों का ऐलान करेंगे। उन्होंने अपने पोस्टरों में हमारी पार्टी का नाम और एक शब्द तक नहीं लिखवाया। उन्होंने कहा कि अब हम स्वतंत्र हैं और हमारे सामने सभी विकल्प खुले हैं। इसके बाद शुक्रवार देर शाम संजय निषाद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। जल्द ही निषाद पार्टी एनडीए का हाथ थाम सकती है।

गोरखपुर सीट से सपा प्रत्याशी राम भुआल निषाद एक हिस्ट्रीशीटर हैं और पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार और टीवी सीरियल अभिनेता काजल निषाद पर हमले के आरोपी हैं। वह हाल ही में थोड़े समय के लिए भाजपा में रहने के बाद सपा में लौट आये थे।

कानुपर लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी राम कुमार निषाद, एक नये उम्मीदवार हैं और उन्होंने अतीत में वहां से कभी चुनाव नहीं लड़ा था। 2014 के चुनावों में, व्यापारी नेता सुरेंद्र मोहन अग्रवाल सपा के उम्मीदवार थे।

इन दो के साथ ही अब सपा ने उत्तर प्रदेश में अबतक 30 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। अब केवल सात और उम्मीदवारों की घोषणा करनी शेष है। पार्टी गठबंधन तहत 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 मार्च । चुनाव आयोग ने उपग्रह भेदी मिसाइल के सफल प्रयोग से संबंधित ‘मिशन शक्ति’ की उपलब्धि के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन से चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत को खारिज कर दिया है।

आयोग ने शुक्रवार को इस मामले की विस्तृत जांच के बाद कहा कि पीएम के संबोधन से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है।

मोदी ने बुधवार को मिशन शक्ति की कामयाबी से देश को अवगत कराने के लिये राष्ट्र के नाम संबोधन किया था। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने सरकारी प्रसारण सेवा का इस्तेमाल करने के कारण इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होने का दावा करते हुये आयोग से इसकी शिकायत की थी।

इस मामले में आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जांच के लिये गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने येचुरी की शिकायत को नामंजूर किया है।

आयोग ने येचुरी को शुक्रवार रात भेजे अपने जवाब में कहा कि मोदी के संबोधन से आचार संहिता में सत्तारूढ़ दल से जुड़े नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है। आयोग ने कहा, ‘‘समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि इस मामले में आचार संहिता के तहत सरकारी मीडिया के दुरुपयोग संबंधी प्रावधानों का उल्लंघन नहीं हुआ है।’’

समिति ने इस मामले की जांच के लिये सार्वजनिक प्रसारण सेवा से जुड़े दूरदर्शन और आकाशवाणी से प्रधानमंत्री के संबोधन के प्रसारण की फीड का स्रोत एवं अन्य जानकारियां मांगी थीं। फीड के स्रोत की जांच के आधार पर समिति ने पीएम के प्रसारण को अचार संहिता के उल्लंघन के दायरे से बाहर बताया।

उल्लेखनीय है कि 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरण में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिये दस मार्च को आचार संहिता लागू हो गयी थी। मोदी ने बुधवार को उपग्रह रोधी मिसाइल के सफल प्रयोग से संबंधित मिशन शक्ति की कामयाबी से देश को संबोधित कर अवगत कराया था।

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गुजरात हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल का कांग्रेस पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने का रास्ता रोका, सजा पर रोक की अर्जी खारिज attacknews.in

अहमदाबाद, 29 मार्च । गुजरात हाई कोर्ट ने कांग्रेस में हाल में शामिल हुए पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति
(पास) के पूर्व नेता हार्दिक पटेल को आज एक बड़ा झटका देते हुए एक निचली अदालत से मिली उनकी सजा पर रोक
लगाने संबंधी उनकी अर्जी को आज खारिज कर दिया।

हार्दिक ने गत आठ मार्च को यह अर्जी अदालत में इसलिए दी थी ताकि उनके लोकसभा चुनाव लड़ने में कोई अड़चन नहीं आये।

न्यायमूर्ति ए जी उरैजी की अदालत ने इस मामले में सुनवाई कल पूरी कर ली थी और आज अपना फैसला सुनाया। उनके वकील आई एच सैयद और रफीक लोखंडवाला तथा सलीम सैयद की दलील थी कि उनके मुवक्किल के खिलाफ निचली अदालत ने बिना पर्याप्त सबूत के ही सजा दे दी है।

उन्होंने यह भी दलील दी थी कि गैर इरादतन हत्या के एक मामले में सजा के बाद सांसद पद गंवाने वाले पंजाब के मंत्री तथा पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत की तर्ज पर हार्दिक को राहत मिले। हालांकि सरकारी वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हार्दिक के मामले की तुलना सिद्धू के मामले से नहीं हो सकती।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि हार्दिक अब क्या कदम उठायेंगे पर समझा जाता है कि अब वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे।

उनके एक वकील सलीम एम सैयद ने  कहा कि अदालत के आदेश का व्यापक अध्ययन किया जायेगा पर वह हार्दिक को सुप्रीम कोर्ट का रूख करने की सलाह देंगे। कल सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा था कि हार्दिक के खिलाफ लगभग डेढ़ दर्जन मामले दर्ज हैं। कानून तोड़ने वाले को कानून बनाने वाला नहीं बनाया जाना चाहिए। समाज सेवा के लिए विधायक या सांसद बनना अनिवार्य नहीं है। हार्दिक के आचरण से स्पष्ट है कि वह कानून का सम्मान नहीं करते और उन्हें मिली जमानत की शर्तों का भी उल्लंघन करते रहे हैं।

यह देखना रोचक होगा कि कांग्रेस पार्टी कब तक जामनगर सीट, जहां से चुनाव लड़ने की इच्छा हार्दिक ने जतायी थी, के लिए किसी उम्मीदवार की घोषणा रोक कर रखती है। राज्य की सभी 26 सीटों पर एक साथ 23 अप्रैल को तीसरे चरण में मतदान होगा। इसके लिए नामांकन कल ही शुरू हो गया और चार अप्रैल तक चलेगा। हार्दिक गत 12 मार्च को कांग्रेस में शामिल हुए थे।

ज्ञातव्य है कि हार्दिक को राज्य के महेसाणा जिले के विसनगर में 23 जुलाई 2015 को एक आरक्षण रैली के दौरान हुई हिंसा और तत्कालीन स्थानीय भाजपा विधायक रिषिकेश पटेल के कार्यालय पर हमले और तोड़फोड़ के मामले में पिछले साल 25 जुलाई को एक स्थानीय अदालत ने दो साल के साधारण कारवास की सजा सुनायी थी। उन पर जुर्माना भी लगाया गया था। नियम के मुताबिक दो साल या उससे अधिक की सजा वाले लोग चुनाव नहीं लड़ सकते।

इसी वजह से हार्दिक एक बार फिर गुजरात हाई कोर्ट का रूख किया था।

ज्ञातव्य है कि उक्त मामले में अदालत ने कुल 17 में से 14 आरोपियों को बरी कर दिया था जबकि हार्दिक तथा दो अन्य को उक्त सजा सुनायी थी। हार्दिक को बाद में हाई कोर्ट ने नियमित जमानत दे दी थी पर निचली अदालत के फैसले रद्द करने की उनकी एक अन्य अपील पर कोई फैसला नहीं दिया था।

श्री लोखंडवाला ने कहा कि दो साल की सजा पर रोक नही लगाये जाने पर उनके मुवक्किल के चुनाव लड़ने में अयोग्यता का सवाल सामने आ सकता है।

हार्दिक की अर्जी पर सुनवाई से पूर्व में हाई कोर्ट के एक अन्य जज न्यायमूर्ति आर पी धोलरिया ने इंकार कर दिया था। इसके बाद यह मामला न्यायमूर्ति उरैजी की अदालत में आया था।

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भाजपा ने प्रत्याशियों की 12वी सूची में मध्यप्रदेश के 2 और सांसदों का टिकट काटा attacknews.in

भोपाल, 29 मार्च । भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए आज जारी की अपने प्रत्याशियों की सूची में मध्यप्रदेश के दो और मौजूदा सांसदों के टिकट काट कर नए चेहरों को मौका दिया है।

पार्टी ने राजगढ़ सीट से मौजूदा सांसद रोडमल नागर पर ही दाेबारा दांव खेला है। बालाघाट से सांसद बोध सिंह भगत के स्थान पर इस बार ढाल सिंह बिसेन को मौका दिया गया है। वहीं खरगोन से भी सांसद सुभाष पटेल का टिकट काट कर यहां से गजेंद्र पटेल को चुनावी मैदान में उतारा गया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के लिए 11 और उम्मीदवारों की घोषणा की। भाजपा की यह 12वीं सूची है।

भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति के सचिव जगत प्रकाश नड्डा ने यहां एक विज्ञप्ति में इन उम्मीदवारों की जानकारी दी। पार्टी के उम्मीदवारों की सूची इस प्रकार हैं:

कर्नाटक…

  1. रायचूर (सु)-राजा अमरेश नायक
  2. कोप्पल-संगाना कराडी
  3. चिक्कोडी-अन्ना साहेब जोल्ले

मध्य प्रदेश…

  1. बालाघाट-धल सिंह बीसेन
  2. राजगढ़-रोडमल नागर
  3. खारगोन (सु)-गजेंद्र पटेल

राजस्थान…

  1. चुरु-राहुल कासवान
  2. अलवर-बालक नाथ
  3. बांसवाड़ा (सु)-कनकमल कटारा

महाराष्ट्र…

  1. माधा-रंजीत सिंह हिंदूराव नाइक निंबालकर

जम्मू-कश्मीर…

  1. लद्दाख-जामयाल सेरिंग नामग्याल

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मुंबई से कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी उर्मिला मार्तोंडकर का शादी के बाद का असली नाम मरियम अख्तर मीर हैं, जाने क्या है सच्चाई attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 मार्च । जानीमानी अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर को कांग्रेस ने मुंबई-उत्तर लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इस घोषणा के साथ ही उनके मुस्लिम धर्म स्वीकार करने की भी बातें सामने आने लगी क्योंकि उन्होंने 2016 में मुस्लिम युवक के साथ शादी की ।

पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक की ओर जारी एक बयान के मुताबिक, कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने उर्मिला की उम्मीदवारी को स्वीकृति प्रदान की।

उर्मिला गत बुधवार को कांग्रेस में शामिल हुईं थी। उन्होंने पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस की मुंबई इकाई के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा और पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। इससे पहले उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात भी की थी।

गौरतलब है कि उर्मिला 1990 के दशक में हिंदी सिनेमा की शीर्ष अभिनेत्रियों में गिनी जाती थीं। उन्होंने ‘रंगीला, ‘सत्या, ‘खूबसूरत’, ‘जुदाई’, ‘जंगल’ और अन्य कामयाब फिल्मों में काम किया।

जब से उर्मिला मातोंडकर ने कांग्रेस का दामन थामा , तब से उनको लेकर सोशल मीडिया पर जर्बदस्त चर्चा हो रही है. सोशल मीडिया पर उर्मिला को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं. कुछ का दावा है कि उर्मिला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की भतीजी हैं तो वहीं कुछ का दावा है कि उर्मिला ने मोहसिन अख्तर मीर से शादी करके अपना धर्म परिवर्तन कर लिया और उनका अब असली नाम “मरियम अख्तर मीर” या ‘फरज़ाना खान’ है.

सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को प्रतीक श्री अनुराग नाम के शख्स ने डाला जिसमें लिखा गया है “आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की भतीजी उर्मिला मातोंडकर (कश्मीरी से शादी के बाद फ़रज़ाना खान) कांग्रेस में शामिल हुई”.

इस पोस्ट को 34 सोशल मीडिया यूज़र्स ने अब तक शेयर किया है. वहीं कनक मिश्र नाम के एक सोशल मीडिया यूज़र के इस पोस्ट में दावा किया गया है, “उर्मिला मातोंडकर कांग्रेस से चुनाव लड़ेगी! उर्मिला ने इस्लाम कबूल कर अपने से 9 साल छोटे कश्मीरी बिजनेस मैन मोहसिन अख्तर मीर से निकाह किया तथा अपना नाम मरियम अख्तर मीर रख लिया! लेकिन चुनाव पर्चे पर हिन्दुओं को ——— बनाने के लिए उर्मिला मातोंडकर लिखा जायेगा!”

इधर वास्तविक स्थिति यह है कि,उर्मिला मातोंडकर के सोशल मीडिया  इंस्टाग्राम और फेसबुक, दोनों पर उर्मिला का अकाउंट है जिसमे उनका नाम यही है जिससे वो जानी जाती है. फेसबुक और इंस्टाग्रम दोनों पर कहीं भी उर्मिला और मोहन भागवत के एक साथ होने के फोटो नहीं है. उर्मिला से सीधे मोहन भागवत से रिश्तों पर उन्होंने  साफ इनकार किया है और उर्मिला ने कहा, ‘ये बात तो एक फिल्म स्क्रिप्ट से भी आगे चली गई, इसमें कोई सच्चाई नहीं है.’

वहीं इस दावे की दूसरी बात कि क्या उर्मिला ने धर्म परिवर्तन किया है और उसके बाद नाम बदला है।ये बात सही है कि उर्मिला ने एक कश्मीरी बिजनेसमैन मोहसिन अख्तर मीर से 2016 में शादी की थी. मोहसिन बॉलीवुड में छोटा मोटा रोल भी कर चुके हैं. उर्मिला ने अपने पति मोहसिन के साथ कई सारे फोटो अपने सोशल मीडिया अकाउंट में अपलोड किए हैं।

इस मुद्दे पर  सीधे मोहसिन ने ही कहा, ‘इस तरह के दावे चुनाव से पहले किए जाते हैं पर हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. मेरी पत्नी ने धर्म परिवर्तन नहीं किया था. आप उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर देख सकते हैं कि दूसरे स्टार्स की तरह उन्होंने न अपना नाम बदला है और न ही मेरा सरनेम अपने नाम के आगे लगाया है. अगर आप हमारे घर आए तो आप देखेंगे कि हमारे घर में मंदिर भी है. हमारे घर में काम करनेवाले लोग भी आपको बता देंगे ।

चूंकि धर्म परिवर्तन को लेकर कोई कानूनी बाध्यता नहीं है और खुद उनके पति मोहसीन ये बात कह रहे हैं ।

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मुलायम सिंह यादव ने भाई शिवपाल सिंह यादव के बारे में यह क्या कह दिया जिससे समाजवादी पार्टी बिखर गई attacknews.in

इटावा, 29 मार्च । पल पल बदलते बयानो से हर किसी को असमंजस में डालने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) सरंक्षक मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शुक्रवार को अपने अनुज एवं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से दूरी बनाने के संकेत दिये।

सिविल लाइन स्थित आवास पर शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में श्री मुलायम ने कहा कि प्रसपा का गठन कर चुके भाई शिवपाल से उनका कोई मतलब नहीं है क्योंकि जहां शिवपाल ने अपने उम्मीदवारों को उतारा हुआ है वही से वह खुद चुनाव मैदान में हैं ।

प्रसपा प्रत्याशियों के प्रचार के लिये जाने संबंधी एक सवाल के जवाब में सपा सरंक्षक ने कहा “ कौन कहां किसके लिए प्रचार करने के लिए जाएगा यह तो पता नही क्योंकि मैं खुद भी चुनाव लड़ रहा हूं। मैं क्यो चिंता करूं कि कौन शिवपाल की रैली में जाता है कौन नही, रैलियां तो होती रहती है। अगर किसी को बधाई देनी है तो मुझे दे मैं भी तो चुनाव लड़ रहा हूँ। ”

गौरतलब है कि पिछली 21 मार्च को शिवपाल होली के मौके पर बडे भाई मुलायम से आर्शीवाद लेने सिविल लाइन स्थित आवास आये थे जहां बंद कमरे मे दोनो की काफी देर तक बातचीत हुई। इस बातचीत का खुलासा तो नहीं हो सका लेकिन इसका असर सैफई मे मुलायम की होली मे जरूर दिखाई दिया क्योंकि मुलायम के आंगन मे होली जश्न मे शिवपाल और उनके बेटे के अलावा प्रसपा का कोई छोटा बडा नेता नही आया जबकि सपा महासचिव प्रो रामगोपाल यादव,अखिलेश यादव, धर्मेद्र, तेजप्रताप, अनुराग, अभिषेक, कार्तिकेय के अलावा मुलायम परिवार के अन्य गैर राजनैतिक सदस्य नजर आये । शिवपाल ने अपनी होली का जश्न अपने पिता के नाम पर बनाये एसएस मैमोरियल स्कूल मे जमाया ।

सूत्रों के अनुसार शिवपाल ने अपने बडे भाई से होली जश्न मे शामिल होने के लिए कहा था लेकिन मुलायम ने इससे साफ इंकार कर दिया।

यादव परिवार के बीच हाल के दिनों में उस समय खट्टास नजर आयी जब शिवपाल ने फिरोजाबाद संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया। इस सीट पर प्रो यादव का बेटा अक्षय यादव सपा से उम्मीदवार है ।

शिवपाल जब भी फिरोजाबाद का दौरा करते हैं तो उनके निशाने पर रामगोपाल यादव और अखिलेश यादव ही रहते हैं।

यहां दिलचस्प् है कि शिवपाल हमेशा कहते रहे है कि उन्होने प्रसपा का गठन मुलायम के कहने पर किया। उनकी पार्टी मैनपुरी सीट पर ना सिर्फ मुलायम सिंह यादव का समर्थन  करेगी बल्कि अपनी पार्टी का कोई उम्मीदवार भी नहीं उतारेगी ।

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शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय सिंह पर हमला बोलते हुए कहा: चुनाव के समय कांग्रेस के सभी नेता हिंदू बन जाते हैं, उन्हें मंदिर याद आने लगते हैं attacknews.in

भोपाल, 28 मार्च । मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व समेत भोपाल से पार्टी प्रत्याशी दिग्विजय सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि चुनाव के समय कांग्रेस के सभी नेता हिंदू बन जाते हैं।

श्री चौहान ने आज यहां संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि चुनाव के समय केवल श्री सिंह ही नहीं, बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी मंदिर जाने लगती हैं। चुनाव आते ही कांग्रेस के सभी नेता हिंदू बन जाते हैं, उन्हें मंदिर याद आने लगते हैं।

श्री गांधी द्वारा हर गरीब को 72 हजार रुपए प्रति साल दिए जाने की घोषणा पर कटाक्ष करते हुए श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने अंतत: स्वीकार कर लिया है कि गरीबी हटाने का काम पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लााल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी तक में से कोई नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि श्री गांधी जनता को अब ‘मिसलीड’ नहीं करें। जनता अब कांग्रेस के इस तरह के वादे के झांसे में नहीं आएगी।

भोपाल संसदीय क्षेत्र पर श्री सिंह के समक्ष भाजपा से स्वयं श्री चौहान का नाम हाेने से जुड़े सवाल पर श्री चौहान ने कहा कि वे इस सवाल पर चुप्पी साधना ज्यादा पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि रोज-रोज श्री सिंह का नाम क्यों लिया जाए।

भाजपा की ओर से अब तक भोपाल सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किए जाने के बारे में श्री चौहान ने कहा कि भोपाल के चुनाव में अभी बहुत दिन हैं। अभी से घोषित किया जाने पर प्रत्याशी के समक्ष दिक्कत खड़ी हो जाएगी।
पार्टी में शहडोल संसदीय सीट से मौजूदा सांसद ज्ञान सिंह और टीकमगढ़ सीट से पूर्व विधायक आर डी प्रजापति के बगावती तेवर होने की खबरों को खारिज करते हुए श्री चौहान ने कहा कि पार्टी में कोई असंतोष नहीं है। वे स्वयं अब कार्यालय में बैठ कर सभी 29 लोकसभा सीटें जीतने की रणनीति पर काम करेंगे।

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इलाहाबाद से भाजपा सांसद बगावत कर वापस अपने पुराने घर सपा में गये तो पुरानी कांग्रेसी रीता बहुगुणा जोशी को भाजपा ने दाव पर लगाया attacknews.in

प्रयागराज, 28 मार्च । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद लोकसभा सीट से प्रदेश सरकार में महिला, परिवार कल्याण और पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी को टिकट दिया है। डॉ. जोशी का यह गृह जिला है और पार्टी को उम्मीद है कि वह इस वजह से यहां की सीट उसकी झोली में डाल सकती हैं।

डॉ. रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद की महौपौर रह चुकी हैं और कांग्रेस से भाजपा में आयी हैं। उन्होंने भाजपा के टिकट पर 2017 में हुये प्रदेश विधानसभा चुनाव में लखनऊ की कैंट सीट से जीत हासिल की थी। डॉ. जोशी ने उस चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा को पराजित किया था।

डॉ. जोशी के लिए यह शहर नया नहीं है। यह उनका गृह जिला है। वर्ष 2016 में भाजपा में शामिल होने से पहले 24 साल तक वह कांग्रेस में महत्वपूर्ण पदों पर रहीं।

राजनीति के जानकारों का मानना हैै कि भाजपा ने शायद लखनऊ में उनकी जीत से आशान्वित होकर ही इलाहाबाद संसदीय सीट से डॉ. जोशी को उतारा है। वर्ष 2014 में मोदी लहर थी। जिसका लाभ 2017 में हुए प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को मिला लेकिन अब 17वीं लोकसभा के चुनाव में 2014 की वह लहर नजर नहीं आ रही है।

उनका कहना है मतदाताओं में कई कारणों से श्री मोदी के प्रति रुझान कम दिख रहा है।

इलाहाबाद संसदीय सीट पर कांग्रेस ने अभी तक अपने किसी दावेदार के नाम की घोषणा नहीं की है। महागठबंधन में इलाहाबाद सीट सपा के खाते में है। उसने भी अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है। अब सबकी निगाह इस पर है कि दोनों पार्टियां किन कद्दावर नेताओं को इलाहाबाद से उतारती हैं।

भाजपा के लिए अब यह सीट श्यामाचरण के छोड़ने से प्रतिष्ठा का सवाल भी बन गयी है। वह यह भी दिखाना चाहेगी की किसी भी व्यक्ति की पहचान उसकी पार्टी से होती है न कि पार्टी की पहचान व्यक्ति से।

17वीं लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा काे श्यामाचरण गुप्त ने तगड़ा झटका दिया। वह पार्टी से बगावत कर अपने पुराने कुनबे सपा में पुन: शामिल होकर बांदा से उम्मीदवार बन गये। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा छोड़कर भाजपा में आये श्री गुप्त ने इलाहाबाद संसदीय सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी सपा के कुंवर रेवती रमण सिंह को 62,009 मतों से पराजित किया था।

श्री गुप्त को 3,13,772 मत मिलेे थे जबकि श्री सिंह के खाते में 2,51,763 मत पड़े थे।

स्थानीय लोगों का इस बार के लोकसभा चुनावों के बारे में कहना है कि मतदाता अब जागरूक हो रहा है। वह बार-बार पाला बदलने वाले नेता पर विश्वास कैसे करे। नेता केवल अपने लाभ के लिए पाला बदलता है, मतदाताओं से उसका कोई लेना-देना नहीं है। जो नेता अपना पुराना घर एक झटके में छोड़कर दूसरे घर में पनाह लेता है उसका कोई विश्वास नहीं होता। उनका कहना है कि दूसरे के घर में पनाह तभी मिल सकती है जब उसकी जुबानी बोलना हो।

सिविल लाइंस क्षेत्र में रेलवे स्टेशन से बस अड्डे पर रिक्शा चलाने वाले बिहार के भागलपुर निवासी गयादीन (52) का कहना है कि उसने कई बार सवारियों को इस तरह की बातें करते सुना है। उसने बताया, “मेरी समझ में भी यह बात थोड़ी आने लगी है।”

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मैं चौकीदार हूँ, मैं हिसाब दूंगा भी और हिसाब लूंगा भी; जो बैंको में खाते खुलवाने का मजाक उड़ाते थे, वे आज पैसा डालने की बात करते हैं attacknews.in

रुद्रपुर/ मेरठ , 28 मार्च । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के रुद्रपुर में एक रैली में गुरुवार को कहा कि वह चौकीदार हैं, वह हिसाब देंगे और दूसरों से हिसाब लेंगे भी।

श्री मोदी ने नैनीताल, ऊधमसिंह नगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी अजय भट्ट के समर्थन में आयोजित जनसभा में गढ़वाली भाषा में अपना सम्बोधन शुरू करते हुये कहा कि देवभूमि के करोड़ों लोगों का आशीर्वाद उनके साथ है।

उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि हमारे देश के सैनिकों को जिस प्रकार से अपमानित किया जा रहा है और नीचा दिखाने का प्रयास हो रहा है तथा उनके खिलाफ अपशब्द बोलने की हिम्मत की जा रही है, वह क्षमा किये जाने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वीरों की, बलिदानियों की भूमि है। ऐसी भूमि पर देश के चौकीदार को आशीर्वाद देने के लिए इतने सारे चौकीदार एक साथ निकल पड़े हैं। उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव में वह विकास के मुद्दे को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा,“मैं पूछूंगा उनसे, कांग्रेस और अन्य से कि वे अपने कार्यकाल में नाकाम क्यों रहे।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज फैसले लेने वाली सरकार है तो दूसरी ओर फैसले टालने वालाें का इतिहास है। उस ओर वंशवाद की बहार है। एक ओर दमदार चौकीदार है तो उस ओर दागदारों की भरमार है। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं नया भारत जो अपने गौरवशाली अतीत के साथ ही वैभवशाली होगा।”

श्री मोदी ने कहा कि जब आपके इस चौकीदार की सरकार के पहले महामिलावटी लोगों की सरकार थी तो देश भर में बम धमाके होते थे। आतंकवादियों की भी जाति देखी जाती थी। उनका धर्म जाना जाता था, तब कार्रवाई होती थी। उन्होंने कहा कि आज देश में तो संकल्प सिद्ध करने वाली सरकार, सर्जिकल स्ट्राइक वाली सरकार है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग पूरी करने वाली सरकार यही है। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह बैंक खाते खुलवाते थे तो लोग कमेंट करते थे कि बैंक कहां हैं। उनकी सरकार ने यह काम कर दिखाया। उन्होंने कहा, “बताइये इस देश में जो लोग 70 वर्ष में आपका बैंक खाता नहीं खुलवा सके। वे आपके खाते में पैसा पहुंचने देंगे क्या।”

जनसभा को क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट के अलावा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने भी सम्बोधित किया।

मेरठ में कहा:बैंक खाते खुलवाये नहीं और पैसा डालने की बात करते हैं :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की न्यूनतम आय गारंटी योजना ‘न्याय’ पर तंज कसते हुए गुरुवार को कहा कि जब उनकी सरकार ने बैंक खाते खुलवाये तो कुछ ‘बुद्धिमान’ लोग कहते थे कि देश में बैंक ही नहीं हैं खाते खुलवाने से क्या होगा और आज वही खातों में पैसे डालने की बात करते हैं।

मेरठ से लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि देश के 130 करोड़ लोग 2019 में एक बार फिर मोदी सरकार बनाने का मन बना चुके हैं। रैली में मौजूद भारी भीड़ से गदगद प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि दुनिया का मीडिया, जिसे भी 2019 के जनादेश का आकलन करना है वह इस जन सैलाब को देख सकता है।

श्री मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस को तो आड़े हाथों लिया ही, उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के गठबंधन पर भी जमकर निशाना साधा। केंद्र में सरकार बनने पर गरीबों के लिए न्याय योजना लाने के कांग्रेस के वादे पर श्री मोदी ने कहा, “जब मैं बैंक खाते खुलवाता था तो कुछ बुद्धिमान लोग कहते थे कि देश में बैंक ही नहीं है, खातों से क्या होगा। जो 70 साल में गरीब का खाता नहीं खुलवा सके वे आज कहते हैं कि खातों में पैसे डालेंगे।”

बसपा और सपा के बीच लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “उत्तर प्रदेश में जिस पार्टी के नेताओं को जेल भेजने के लिए ‘बहन जी’ ने जीवन के दो दशक लगा दिये, उसी से उन्होंने हाथ मिला लिया है। जिस दल के नेता बहन जी को गेस्ट हाउस में ही खत्म कर देना चाहते थे वह अब उनके साथी बन गये हैं।”

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में सपा और कांग्रेस के गठबंधन पर श्री मोदी ने कहा, “अभी पिछले चुनाव में यूपी ने दो लड़कों का खेल देखा और दो लड़कों से बुआ-बबुआ तक पहुंचने में जो तेजी दिखाई गई है, वह बहुत गजब है।” मेरठ से 2019 के आम चुनाव अभियान की शुरुआत करने की वजह बताते हुए श्री मोदी ने कहा 1867 में वहीं सपना, वही आकांक्षा दिल में लिये इसी मेरठ से स्वतंत्रता के आंदोलन का पहला बिगुल फूंका गया था।

उन्होंने कहा, “पांच साल पहले जब मैंने आप सभी से आशीर्वाद मांगा था तो आपने भरपूर प्यार दिया था, मैंने कहा था आपके प्यार को मैं ब्याज सहित लौटाऊंगा और जो काम किया है, उसका हिसाब दूंगा तथा साथ में दूसरों का हिसाब भी लूंगा। ये दोनों काम साथ-साथ चलेंगे। तभी तो होगा हिसाब बराबर। चौकीदार हूं भाई और चौकीदार कोई नाइंसाफी नहीं करता। हिसाब होगा, सबका होगा, बारी-बारी से होगा।”

उन्होंने कहा आज एक तरफ नये भारत के संस्कार हैं, तो दूसरी तरफ वंशवाद और भ्रष्टाचार का विस्तार। एक तरफ दमदार चौकीदार है, तो दूसरी तरफ दागदारों की भरमार है।

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राहुल गांधी से विशेष साक्षात्कार: कांग्रेस पार्टी न्यूनतम आय योजना को लागू कर गरीबी पर आखिरी प्रहार करके गरीबों को इससे बाहर निकालेगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 मार्च । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘न्यूनतम आय योजना’ (न्याय) के अपने वादे से भाजपा के पस्त होने का दावा करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर अर्थव्यवस्था में फिर से नयी जान फूंकी (रिमोनटाइज) जाएगी जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने बेहाल (डिमोनटाइज) कर दिया है।

गांधी ने 11 अप्रैल से शुरू होने जा रहे 17वें लोकसभा चुनाव से पहले  दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि ‘न्याय’ योजना का एक मकसद देश के 20 प्रतिशत सबसे गरीब लोगों को साल में 72 हजार रुपये देना है और दूसरा मकसद बदहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने पिछले पांच वर्षों में नोटबंदी जैसी विफल नीतियों और गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी) के खराब क्रियान्वयन से अर्थव्यवस्था को बदहाल कर दिया। असंगठित क्षेत्र इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ है।’’

गांधी ने  कहा, ‘‘न्याय के दो मकसद हैं। पहला, समाज में सबसे निचले स्तर के 20 प्रतिशत परिवारों को न्यूनतम आय की गारंटी देना है। दूसरा, अर्थव्यवस्था को दुरूस्त (रिमोनटाइज) करना है जिसे मोदी जी ने बेहाल (डिमोनटाइज) कर दिया है।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इस योजना का नाम ‘न्याय’ रखे जाने का एक कारण है। हमने इसका नाम ‘न्याय’ क्यों चुना? क्योंकि नरेंद्र मोदी ने पांच वर्षों में गरीबों से सिर्फ और सिर्फ छीना, उन्हें कुछ नहीं दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने किसानों से छीन लिया, छोटे और मंझोले कारोबारियों से छीन लिया, बेरोजगार युवकों से भी छीना है, माताओं और बहनों की बचत तक छीन ली। हम देश के वंचित तबके को वह लौटाना चाहते हैं जो मोदी जी ने उनसे छीना है।’’

‘न्याय’ को परिवर्तनकारी और गरीबी पर आखिरी प्रहार करार देते हुए गांधी ने कहा कि यह योजना वित्तीय रूप से पूरी तरह क्रियान्वयन करने योग्य है और इसका नोटबंदी तथा जीएसटी की तरह जल्दबाजी में क्रियान्वयन नहीं किया जाएगा।

इस योजना से राजकोषीय घाटे की स्थिति खराब होने से जुड़ी कुछ अर्थशास्त्रियों की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा, ‘‘नहीं, यह सही नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी ने बड़ी संख्या में अर्थशास्त्रियों एवं विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया, कई कागजातों तथा इस विषय से जुड़ी शोध सामाग्रियों का अध्ययन किया गया तथा इसके क्रियान्वयन की संभावना पर पूरा मंथन करने के बाद इसे चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने का फैसला हुआ।

यह पूछे जाने पर कि ‘न्याय’ का वादा भी लोकलुभावन है तो गांधी ने कहा, ‘‘यह लोकलुभावन कदम नहीं है जैसा कि कुछ आलोचक बताने की कोाशिश कर रहे हैं।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ अगर नरेंद्र मोदी 15 लोगों को साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये देते हैं तो उसे लोकलुभावन नहीं माना जाता। तो फिर गरीबों को फायदा पहुंचाने के मकसद से तैयार न्याय योजना को इस नजरिए से क्यों देखा जाना चाहिए।’’

नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए गांधी ने कहा, ‘‘हम जल्दबाजी में नहीं हैं। हम विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किए बिना, नोटबंदी और जीएसटी जैसे कदम नहीं उठा सकते। हमने विचार-विमर्श किया और परखा भी है। ‘न्याय’ वित्तीय रूप से पूरी तरह क्रियान्वयन योग्य है।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम ‘न्याय’ को जीएसटी की तरह लागू नहीं करेंगे। हम सबसे पहले पायलट परियोजना के तौर पर इसे लागू करेंगे ताकि क्रियान्वयन की प्रक्रिया में अगर कोई खामी है तो उसे दूर किया जा सके। फिर हम इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करेंगे। हम लाभार्थियों की पहचान करने के लिए ठोस तरीका अपनाएंगे ताकि कोई पात्र परिवार छूट न जाए।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या पायलट परियोजना कांग्रेस शासित राज्यों में शुरू होगी, गांधी ने कहा कि इस बारे में फैसला विशेषज्ञ करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘संप्रग सरकार ने 10 वर्षों में 14 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। हमारा लक्ष्य अब गरीबी को पूरी तरह खत्म करना है।’’

गांधी ने कहा कि आज भी 20 से 22 प्रतिशत परिवार गरीबी में जीवन जी रहे हैं। इनमें से कई लोग ऐसे हैं जो प्रधानमंत्री की नोटबंदी और गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी) की वजह से गरीबी के दलदल में गिरे।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मकसद भारत से गरीबी को पूरी तरह खत्म करना है।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि न्याय से कोई वित्तीय मुद्दा नहीं पैदा होने वाला है।

गांधी ने कहा कि सबसे गरीब लोगों के हाथ में पैसा जाने के बाद देश की विकास दर बढ़ेगी।

कांग्रेस पर दशकों से ‘गरीबी हटाओ’ का नारे लगाने के भाजपा के आरोप पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारत की 70 फीसदी आबादी गरीब थी और कांग्रेस सरकारों ने इस परिदृश्य को बदलने के लिए कड़ी मेहनत की।

उन्होंने कहा, ‘‘गरीबी उन्मूलन ही एक बड़ी परियोजना है और इसके लिए दशकों तक सतत कार्य हुआ। आजादी के बाद से कांग्रेस गरीबी उन्मूलन के कदम उठाने में अग्रणी रही है।’’ गांधी ने कहा कि हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, उदारीकरण और मनरेगा एवं खाद्य सुरक्षा का अधिकार जैसे कदमों की वजह से करोड़ों भारतीय गरीबी के दायरे से बाहर निकले और अब गरीबी पर ‘आखिरी प्रहार’ करके 20-25 करोड़ गरीबों को इस दलदल से बाहर निकालना है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मोदी जी ने अपना काम सही तरीके से किया होता तो गरीबी को खत्म करने की प्रक्रिया अब तक पूरी हो चुकी होती। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी नीतियों ने अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ हालात और बिगाड़ दिये।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस के साझेदार इस योजना को लागू करने पर सहमत होंगे, गांधी ने कहा कि उन्होंने ‘न्याय’ के बारे में किसी सहयोगी दल से कोई नकारात्मक टिप्पणी नहीं सुनी है। ‘‘हमें अधिकतर विपक्ष की तरफ से भी समर्थन मिला है।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मनरेगा को संसद में ‘संप्रग सरकार की विफलता का जीता जागता स्मारक’ बताया था, जबकि इस योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ताकत दी है।

गांधी ने कहा, ‘‘न्याय से देश में उपभोग और उत्पादन का मजबूत दौर शुरू होगा जो अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी लाएगा।’’

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दिग्विजय सिंह ने कहा: मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी 29 में से 20 सीटें जीतने जा रही है, पुलवामा में आतंकवादी हमला इंटेलिजेंस फेलियर का प्रमाण है attacknews.in

दिग्विजय

भोपाल, 27 मार्च । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि लोकसभा चुनाव में पार्टी राज्य में 29 में से कम से कम 20 सीटों पर चुनाव जीतेगी।

भोपाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी श्री सिंह ने यहां पत्रकारों से कहा कि पार्टी पूरी मजबूती से चुनाव लड़ रही है और सभी नेता एकजुट हैं। उन्होंने भोपाल से उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार बनाने पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि उस सीट से उन्हें प्रत्याशी बनाया गया है, जहां से पूर्व राष्ट्रपति डा शंकरदयाल शर्मा भी चुनाव लड़े हैं।

उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वयं को सांस्कृतिक संगठन मानता है तो फिर उन्हें राजनीति नहीं करना चाहिए। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनके परिवार का कोई सदस्य एवं पूर्वज कभी भी हिंदू महासभा या संघ से जुड़ा हुआ नहीं है।

श्री सिंह को कांग्रेस ने भोपाल संसदीय सीट से प्रत्याशी घोषित किया है, जहां से पार्टी लगभग 35 सालों से विजयी नहीं हुयी। वे बाकायदा चुनाव प्रचार में सक्रिय भी हो गए हैं। हालाकि भाजपा ने अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।

लोकसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने आज केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आतंकी हमले की खुफिया सूचना के बाद भी केंद्र सरकार ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को हवाई जहाज से ले जाने की अनुमति क्यों नहीं दी।

आज यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि पुलवामा की घटना ‘इंटेलिजेंस फेलियर’ का सबसे बड़ा प्रमाण है।

पार्टी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक श्री सिंह ने दावा किया कि आठ फरवरी को आईजी कश्मीर का सिग्नल था, उन्होंने मैसेज किया था कि काफिले की सुरक्षा रखें, लेकिन लापरवाही बरती गई और 14 फरवरी को सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमला हो गया।

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जवाब मांगा जा रहा हे, लेकिन भाजपा के पास अब कहने को कुछ नहीं बचा।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की रणनीति अब सिर्फ समुदायों मेंं आपस में झगड़ा कराने की है, यह कांग्रेस पर निर्भर करता है कि वह एक रहकर भाजपा को किसी तरह का मौका न दें। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से सिर्फ कांग्रेस लड़ी है।

दिग्विजय सिंह ने  कहा कि भोपाल संसदीय क्षेत्र से चुनाव वे नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी और सभी कार्यकर्ता लड़ रहे हैं।

श्री सिंह आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ‘‘शक्ति’’ एप से जुड़े भोपाल लोकसभा क्षेत्र के प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि उनके जैसे कार्यकर्ता को जहां से चुनाव लड़ने का अवसर मिला, उस संसदीय सीट का नेतृत्व डाॅ. शंकर दयाल शर्मा जैसे महान व्यक्ति ने किया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर भोपाल से कमजोर प्रत्याशी उतारने का आरोप लगाने वाली भाजपा अभी तक यहां से अपना उम्मीदवार घोषित नहीं कर पायी है।

उन्होंने शक्ति एप कार्यकर्ताओं से कहा कि वे व्हाट्सऐप ग्रुप बनायें और भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करें। शक्ति’ के माध्यम से सच्चाई जन-जन तक पहुंचायें।

उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे अपने-अपने घरों पर कांग्रेस का झंडा लगाकर झंडा अभियान चलायें।

इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को नारेबाजी नहीं करने और जिंदाबाद नहीं बोलने की हिदायत भी दी।

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अमित शाह ने बताया: गिरिराज सिंह बिहार की वेगूसराय सीट से ही चुनाव लडेंगे attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 मार्च । लोकसभा चुनाव में सीट बदले जाने के तरीके को लेकर असंतुष्ट केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अब पार्टी की ओर से बेगूसराय सीट से ही चुनाव लड़ेंगे । भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यह जानकारी दी ।

भाजपा की ओर से घोषित सूची में गिरिराज सिंह को उनकी वर्तमान सीट नवादा की बजाए बेगूसराय सीट से टिकट दिया गया था । इसके कारण वह असंतुष्ट थे ।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ गिरिराज सिंह बिहार के बेगूसराय से लोक सभा चुनाव लड़ेंगे। उनकी सारी बातों को मैंने सुना है और संगठन उनकी सभी समस्याओं का समाधान निकालेगा।’’ शाह ने कहा, ‘‘ मैं चुनाव के लिए उन्हें शुभकामनायें देता हूँ।’’

मंगलवार को गिरिराज सिंह ने कहा था कि प्रदेश नेतृत्व अगर मुझे विश्वास में ले लेता तो मुझे कोई परेशानी नहीं होती, इसने मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई है ।

गौरतलब है कि नवादा सीट राजग में सीटों के बंटवारे के तहत लोक जनशक्ति पार्टी के खाते में चली गई है । वहीं बेगूसराय सीट पर गिरिराज सिंह का मुकाबला भाकपा के कन्हैया कुमार और राजद के तनवीर हसन से है ।

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पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कांग्रेस सरकार आने पर सरकारी खजाने से अरबों- खरबों रुपया जनता में बांटकर कैसे लागू की जाएगी न्यूनतम आय योजना ( न्याय) के बारे में बताया attacknews.in

चेन्नई 27 मार्च । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना (न्याय) को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और पांच करोड़ परिवारों को धीरे – धीरे इसके दायरे में लाया जाएगा।

चिदंबरम ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमने आय योजना को लेकर अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ पर्याप्त विचार – विमर्श किया है। उन्होंने सहमति जताई है कि भारत के पास इस योजना को लागू करने की क्षमता है।

उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए आवंटन सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.8 प्रतिशत के बराबर रहने की उम्मीद है।

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का मानना है कि इस योजना को लागू करना संभव है।

चिदंबरम ने कहा कि यह योजना चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी और हम कई चरणों में पांच करोड़ परिवारों को इससे जोड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि योजना के क्रियान्वयन से पहले जमीनी स्तर पर इसका परीक्षण किया जाना है।

चिदंबरम ने कहा कि न्याय योजना को लागू करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाएगी और ” हम अगले चरण में जाने से पहले समिति के साथ विचार – विमर्श करेंगे। ”

उन्होंने कहा कि पांच करोड़ परिवारों की पहचान करने के लिए पर्याप्त आंकड़े हैं।

चिदंबरम ने कहा कि 2009 में जब मनरेगा योजना लागू की गई थी तो भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा था कि इस योजना को लागू करना मुमकिन नहीं है।

न्यूनतम आय योजना की आलोचना से जुड़े एक सवाल के जवाब में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मैं किसी ऐसे व्यक्ति को जवाब नहीं देना चाहता हूं जो गरीबी को खत्म करने के उद्देश्य से लाए जा रहे कार्यक्रम की आलोचना करता हो।

उन्होंने कहा कि गरीबी को नहीं मिटा पाने के लिए अकेले कांग्रेस को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। कांग्रेस ने गरीबी को जड़ से खत्म करने के लिए कई कदम उठाए हैं और उनमें से कई में सफल भी हुई है।

चिदंबरम ने कहा कि गरीबी का अंत करने के लिए न्यूनतम आय जरूरी है अन्यथा गरीबी समाप्त नहीं होगी।

जिस तरह न्यूनतम मजदूरी अधिनियम न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करता है उसी तरह हर परिवार की न्यूनतम आय होनी चाहिए। सरकार पूरी आय प्रदान नहीं कर सकती है इसी वजह से इस योजना को ” न्यूनतम आय सहायता योजना ” कहा गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 25 मार्च को घोषणा की थी अगर आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आती है तो गरीबों परिवारों को न्यूनतम आय के रूप में सालाना 72,000 रुपये दिए जाएंगे।

चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस योजना के क्रियान्वयन में शामिल चुनौतियों से वाकिफ है और हम उन चुनौतियों से बाहर भी आ जाएंगे।

उन्होंने कहा , ” हम आग्रह करेंगे कि हर परिवार अपने घर की महिला के नाम से खाता खोले और धन उनके खाते में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। ‘

चिदंबरम ने कहा कि गरीबी उन्मूलन को ” अरम (तमिल में इसका अर्थ – धर्म) के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए , यह धर्म है , 21 वीं सदी में गरीबी दूर करना हर सरकार का नैतिक कर्तव्य है। ”

उन्होंने संकेत दिया कि कांग्रेस का घोषणा पत्र 2 अप्रैल को जारी हो सकता है।

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