देहरादून में अमित शाह की चुनौती: भाजपा के रहते उमर अब्दुल्ला की देश में दो प्रधानमंत्री की मंशा कभी पूरी नहीं होगी, कांग्रेस पार्टी अब तक चुप क्यों है attacknews.in

देहरादून, तीन अप्रैल । नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के, कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री की जरूरत संबंधी बयान की आलोचना करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को राहुल गांधी से देश के सामने यह स्पष्ट करने को कहा कि वह इससे सहमत हैं या नहीं ।

उत्तराखंड की पांचों सीटों पर पहले चरण में 11 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘उमर अब्दुल्ला कहते हैं कि कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री होना चाहिए। उनके सहयोगी पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं और कांग्रेस चुप है। इनके साथ :कांग्रेस ने: चुनावी समझौता किया है । मैं कांग्रेस अध्यक्ष से कहना चाहता हूं कि आप स्पष्ट करें कि अब्दुल्ला की अलग प्रधानमंत्री की मांग के साथ आप सहमत हैं या नहीं ।’’

शाह ने चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा के रहते अब्दुल्ला की देश में दो प्रधानमंत्री की मंशा कभी पूरी नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम सत्ता में रहें या विपक्ष में, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि उनकी यह मंशा हमारी जान रहते कभी पूरी नहीं होगी।’’

उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर में अपने जीवन का बलिदान दिया था और उनके आदर्शों पर चलने वाली भाजपा देश में ऐसा कुछ कभी नहीं होने देगी ।

शाह ने कहा, ‘’क्या समझ रखा है देश को? और कांग्रेस चुप है । कांग्रेस अध्यक्ष चुप हैं ।’’ कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र का जिक्र करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने पर वह देशद्रोह से संबंधित धारा को सीआरपीसी से हटाने की बात कही है । शाह ने पूछा कि आखिर वे (कांग्रेस) किसको बचाना चाहते हैं ।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आप किसको बचाना चाहते हैं? जेएनयू में नारे लगे कि ‘भारत तेरे टुकडे़ होंगे 1000’ और आप बाहर जाकर खडे़ रहे । क्या आप उनको बचाना चाहते हैं जिन पर राजद्रोह का मुकदमा चल रहा है ।’’

शाह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को वोट बैंक की राजनीति के लिये इतना नीचे नहीं गिरना चाहिए और देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए ।

उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र में सीमा पर देश की सुरक्षा में लगे सैनिकों पर लगने वाले आरोपों के लिये बने कानून को समाप्त करने के ऐलान के लिये भी कांग्रेस की कडी आलोचना की और कहा कि उन्हें सैन्यकर्मियों की सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है ।

इस संबंध में उन्होंने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा, ‘ राहुल बाबा, आपकी पूरी पार्टी की इतनी औकात नहीं है कि सेना के जवानों की सुरक्षा के लिये बनाये कानून को समाप्त कर दें। भाजपा आपके मंसूबों के खिलाफ चटटान की तरह खडी है । हम उनकी सुरक्षा को दांव पर नहीं लगा सकते । उनके मनोबल को गिरने नहीं दे सकते । नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार देश के जवानों के साथ चट्टान की तरह खडी है।’’

शाह ने दावा किया, ‘ मोदी सरकार ने सबसे बडा काम देश को सुरक्षित रखने का किया है। देश में जब संप्रग की सरकार थी तब कोई भी देश में घुस आता था और जवानों के सिर काटकर पाकिस्तान ले जाता था। कोई जवाब नहीं था। न माददा था और न इच्छा थी।’

पुलवामा आतंकी घटना के बाद देश में पीडा, हताशा और आक्रोश के माहौल का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा सीमा पर तोपें और टैंक लगा दिये जाने से सर्जिकल स्ट्राइक संभव नहीं थी। उन्होंने कहा कि इस बार सोनिया मनमोहन सिंह की सरकार नहीं थी आपकी बनायी हुई नरेंद्र मोदी की सरकार थी जिसने हवाई हमला कर आतंकवादियों को नेस्तनाबूद कर दिया ।

हवाई हमलों के बाद कांग्रेस में उदासी छा जाने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इससे पूरे देश में खुशी की लहर छा गयी, हर जगह पटाखे चले, शहीदों के फोटों के साथ जुलूस निकाले गये और मोदी की तस्वीर पर माला पहनाई गयी ।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘लेकिन राहुल गांधी एंड कंपनी का चेहरा उदास था । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और राहुल गांधी का चेहरा एकसमान था । उन्हें आनंद नहीं हुआ उन्हें लगा कि इससे भाजपा को फायदा होगा ।’

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस देश को सुरक्षित नहीं रख सकती और न ही पाकिस्तान और आतंकवादियों को मुंहतोड जवाब दे सकती है और उन्हें मुंहतोड जवाब केवल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही दे सकते हैं ।

पिछले आम चुनावों की तरह इस बार भी प्रदेश की पांचों सीटों से भाजपा उम्मीदवारों को विजयी बनाने और प्रधानमंत्री मोदी को मजबूत करने की जनता से अपील करते हुए शाह ने आरोप लगाया, ‘कांग्रेस के हाथों में देश सुरक्षित नहीं है । देश को अगर एक रखना है, उसे सुरक्षित रखना है, उसे महान बनाना है, ग्लोबल लीडर बनाना है, विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में लाना है तो यह काम राहुल बाबा या किसी गठबंधन का नहीं है । यह काम केवल प्रधानमंत्री मोदी ही कर सकते हैं ।

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पीएम नरेंद्र मोदी फिल्म को चुनाव आयोग की अनुमति, निर्धारित तिथि 5 अप्रैल को होगी रिलीज़ attacknews.in

नयी दिल्ली 03 अप्रैल । चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर बनी फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ को जारी करने की अनुमति दे दी है जो अपनी निर्धारित तिथि पांच अप्रैल को रिलीज होगी।

सूत्राें के अनुसार बायोपिक फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ को आयोग की हरी झंडी मिल गयी है और पांच अप्रैल को रिलीज कर दिया जाएगा। हालांकि आयोग ने इस संबंध में आधिकारिक घोषणा नहीं की है। इस बीच आयोग के वकील ने बांबे उच्च न्यायालय में कहा है कि इस फिल्म का रिलीज होना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। आयोग ने यह दलील एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दी।

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कांग्रेस पार्टी अंबानी जैसे अमीरों से पैसा लेकर गरीबों में बांटेंगी, असम में राहुल गांधी ने कहा: पूर्वोत्तर राज्यों की रक्षा की जाएगी attacknews.in

गुवाहाटी 03 अप्रैल। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पूर्वोत्तर में एक चुनावी रैली के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला करते हुए कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनने के बाद अंबानी जैसे अमीरों से पैसा लेकर गरीबों में बांटा जायेगा।

श्री गांधी ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा नेता पूछते हैं कि गरीबों में बांटने के लिए पैसा कहां से आयेगा। उन्होंने कहा, “ मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि हम अंबानी जैसे अमीरों से पैसा लेकर गरीबों में बांटेगे।”

उन्हाेंने कहा, “ मैं दृढतापूर्वक कहता हूं कि कांग्रेस पूर्वोत्तर में नागरिकता संशोधन विधेयक फिर से संसद में पेश नहीं होने देंगी।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि असम की भाषा, इतिहास और संस्कृति पर आरएसएस हमला करता रहा है तथा उनका एकमात्र उद्देश्य गरीबों से पैसा निकालना और इसे 15-20 लोगों की जेब में डालना है।
उन्होंने कहा , “ कांग्रेस का उद्देश्य गरीबों की जेब में पैसा डालना है। मोदी जी जो खुद को ‘चौकीदारी’ कहते है अनिल अंबानी के साथ खड़े है, हम किसानों , छोटे व्यापारियों, महिलाओं और वंचितों के साथ है।”

उन्होंने सभा के दौरान लोगों से पूछा , “ मोदी जी ने वादा किया था कि 15 लाख रूपये आपके खाते में आयेंगे। मैं पूछता हूं कि किसी खाते में 15 लाख रूपये आये। वह अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रूपये दे सकते है लेकिन गरीब आदमी को एक रुपया भी नहीं देना चाहते।”

दीमापुर में एक अन्य रैली को सम्बोधित करते हुए श्री गांधी ने कहा, “मैं लंबे समय भाषणबाजी नहीं करना चाहता और अब समय आ गया है जब सीएबी पर विराम लगा दिया जाए, पूर्वोत्तर के हितों को देखते हुए यह दुबारा नहीं आएगा। ”
उन्होंने आश्वस्त किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह पूर्वोत्तर राज्यों के विशेष श्रेणी दर्जे को तुरंत बहाल कर दिया जायेगा और पूर्वोत्तर औद्योगिक नीति फिर से लागू होगी।

श्री गांधी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक विचार को पूरे देश में लागू करना चाहते हैं, वे एक तय विचारधारा का पालन करते हैं।

उन्होंने कहा कि वे आपकी संस्कृति, परंपरा का सम्मान नहीं करते हैं। कांग्रेस आपकी संस्कृति की रक्षा करेगी। कांग्रेस के घोषणा पत्र में इसे महत्व दिया गया है।

श्री गांधी ने कहा यदि कांग्रेस 2019 में सत्ता में आती है तो गरीबों के खाते में 72,000 रुपये नकदी हस्तांतरण का अपना वादा पूरा करेंगे और एक वर्ष के अंदर सभी सरकारी रिक्त पदों को भर दिया जायेगा।

असम में तीन चरणाें में 11, 18 और 23 अप्रैल को चुनाव होंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि किसी भी परिस्थिति में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को फिर से संसद में पेश नहीं होने दिया जाएगा।

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नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी का लोकसभा चुनाव घोषणापत्र को पार्टी की तरह ही भ्रष्ट, झूठ का पुलिंदा और ढकोसला पत्र बताया attacknews.in

पासीघाट (अरुणाचल प्रदेश), 03 मार्च । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र पर निशाना साधते हुए इसे पार्टी की तरह ही भ्रष्ट, झूठ का पुलिंदा और ‘ढकोसला पत्र’ करार दिया है।

लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के तहत बुधवार को यहां रैली को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने घोषणा पत्र नहीं ‘ढकोसला पत्र’ जारी किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तरह ही उसका घोषणा पत्र भ्रष्ट और झूठ का पुलिंदा है।

श्री मोदी ने कहा कि 2004 के घोषणा पत्र में कांग्रेस ने 2009 तक देश के एक-एक घर में बिजली पहुंचाने का वादा किया था, किंतु तत्कालीन मनमोहन सरकार 2014 तक 18 हजार गांवों में विद्युतीकरण नहीं कर सकी थी। उन्होंने कहा कि जो लोग देश का अपमान करते हैं, ऐसे लोगों से कांग्रेस सहानुभूति रखती है। भारत के संविधान को जो लोग नहीं मानते, उनके खिलाफ देशद्रोह कानून है, लेकिन कांग्रेस ने घोषणापत्र में इसे खत्म करने का वादा किया है।

कांग्रेस ने गत मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी किया, जिसमें देश के 20 प्रतिशत गरीब परिवारों को हर साल न्यूनतम आय गारंटी योजना ‘न्याय’ के तहत 72 हजार रुपये उनके खातों में हस्तांतिरत करने, केंद्र और राज्य सरकारों में खाली पड़े करीब 34 लाख रिक्तियों को भरने, किसानों के लिए अलग से बजट, नीति आयोग के स्थान पर योजना आयोग फिर बनाने और सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) जैसे कानून में बदलाव के लोक लुभावने वादे किये गये हैं।

उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के संरक्षण और विकास के लिए केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की फिर से सरकार गठन को सुनिश्चित करने में अपना योगदान देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों के समर्थन से ही अरुणाचल प्रदेश में सड़कों का जाल, राष्ट्रीय राजमार्ग, रेल और हवाई सेवा को देश के अन्य भागों की तरह बेहतर बनाने में मदद मिली। सरकार यह सब राज्य के लोगों के मजबूत विश्वास के बूते कर पाने में कामयाब हुई।

श्री मोदी ने कहा कि एक तरफ इरादों वाली सरकार है तो दूसरी तरफ सिर्फ और सिर्फ झूठे वादों वाले नामदार हैं। उन्होंने कहा इन लोगों की तरह ही इनका घोषणा पत्र भी भ्रष्ट होता है .बेइमान होता है , ढकोसलों से भरा होता है। इसलिए उसे घोषणा पत्र नहीं ढकोसला पत्र कहना चाहिए। इस बार का आम चुनाव वादों और इरादों के बीच का चुनाव है। यह चुनाव भरोसे और भ्रष्टाचार के बीच का चुनाव है।

उन्होंने कहा, “यह चुनाव आपकी सांस्कृतिक विरासत, पंरपरा आपके गौरव की रक्षा करने वालों और आपके परिधानों, आपकी परंपराओं का मजाक उड़ाने वालों के बीच का चुनाव है। हम सिर्फ एक वादा करके उसे दशकों तक लटकाये रखने वाले लोग नहीं हैं, बल्कि आपके जीवन को आसान बनाने के लिए पूरी इमानदारी से काम करने वाले लोग हैं।”

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि एक परिवार ने 55 साल तक देश पर राज किया, लेकिन वह फिर भी दावा नहीं कर सकते कि उन्होंने हिन्दुस्तान के सारे काम पूरे कर एदि। उन्होंने कहा, “मैं यह दावा नहीं कर सकता कि मैंने सारे काम कर दिए, लेकिन मैं हर चुनौतियों को चुनौती देने वाला इंसान हूं। मुश्किल से मुश्किल काम करने वाला इंसान हूं।”

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वायनाड सीट पर राहुल गांधी को गंभीर खतरा, 30 माओवादियों की मौजूदगी की सूचना, कांग्रेस अध्यक्ष कल रोड़ शो के साथ भरेंगें नामांकन attacknews.in

तिरुवनंतपुरम, 03 अप्रैल । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा और माओवादियों की मौजूदगी को देखते हुए यहां सुरक्षा बंदोबस्त चाक चौबंद किए गए हैं।

श्री गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की परंपरागत अमेठी संसदीय क्षेत्र से भी चुनाव मैदान में हैं। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने अमेठी में कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को श्री गांधी के मुकाबले उतारा है ।

कांग्रेस अध्यक्ष गुरुवार को वायनाड सीट से अपना पर्चा दाखिल करेंगे। नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले श्री गांधी अपनी बहन प्रियंका वाड्रा के साथ रोड शो करेंगे। सुश्री वाड्रा को पार्टी ने कुछ दिन पहले ही पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया है।

सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य कारणों की वजह से संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) की प्रमुख सोनिया गांधी श्री राहुल के वायनाड में नामांकन दाखिल करने के समय मौजूद नहीं रहेंगी। श्रीमती गांधी उत्तर प्रदेश के रायबरेली से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं।

विशेष सुरक्षा बल (एसपीजी) ने वायनाड संसदीय क्षेत्र में डेरा डाल दिया है ।

गौरतलब है कि श्री गांधी को देश में उच्चतम सुरक्षा घेरा मिला हुआ है । श्री गांधी के बुधवार की शाम को कोझिकोड पहुंचने की उम्मीद है । इससे पहले वह पूर्वोत्तर राज्यों के चुनावी दौरे पर रहेंगे और नामांकन पत्र दाखिल करने के सिलसिले में आज शाम यहां पहुंच जाएंगे ।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटोनी, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के महासचिव ओमन चांडी , के सी वेणुगोपाल , मुकुल वासनिक के अलावा पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता श्री गांधी के कोझिकोड और वायनाड दौरे के समय मौजूद रहेंगे और चुनावी अभियान पर विचार विमर्श करेंगे। इस दौरान आईयूएमएल नेता कुनहालीकुट्टी और केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीतला और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन भी यहां मौजूद रहेंगे।

केरल में लोकसभा चुनाव के लिए अर्ध सैनिक बलों की 10 कंपनियों को तैनात किया जाना है । इसमें एक बटालियान भारत तिब्बत सीमा पुलिस(आईटीबीपी) यहां तैनात किया जा चुका है । आईटीबीपी के जवानों की हाल में ही माओवादियों से वीतिरी में मुठभेड़ हो चुकी है। इस बीच केरल पुलिस ने राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए अर्ध सैनिक बलों की 149 टुकड़ियों की मांग की है।

दिसम्बर-फरवरी के दौरान वायनाड, कन्नूर, मलप्पुरम , कोझिकोड ग्रामीण और पलक्कड़ में 30 माओवादियों की मौजूदगी की सूचना है जिसमें से आठ की केवल वायनाड में ही मौजूद होने की खबरें हैं।

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पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर अब तक हुए चुनावों में कांग्रेस और भाजपा ने बराबरी से जीत हासिल की है और बसपा प्रमुख कांशीराम को चौथे स्थान पर बुरी हार का सामना करना पड़ा है attacknews.in

नयी दिल्ली, 03 अप्रैल। राष्ट्रीय राजधानी की सात लोकसभा सीटों में महत्वपूर्ण माने जाने वाली पूर्वी दिल्ली लगातार किसी दल का गढ़ नहीं बनी और यहां हुए 13 आम चुनाव में कांग्रेस को छह बार, भाजपा काे पांच बार, एक बार जनसंघ और एक मर्तबा लोकदल के उम्मीदवार ने जीत हासिल की।

पिछले चुनाव से पहले तक मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच रहता था किंतु आम आदमी पार्टी(आप) के उदय के बाद 2014 के चुनाव में कांग्रेस यहां हासिये पर चली गई। पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट 1966 में अस्तित्व में आई और 1967 में यहां पहली बार चुनाव हुआ। अनधिकृत कालोनियों की भरमार वाली इस सीट पर शुरु में वोटरों की संख्या बहुत कम थी। कालोनियों के निरंतर बसने से आबादी भी तेजी से बढ़ती गई। शुरु के चुनावों में यहां विजयी उम्मीदवार को कुल मिले वोटों की संख्या हजारों में थी लेकिन बाद में इस सीट पर लाखों में जीत हार का फैसला होने लगा ।

वर्ष 1967 में इस सीट पर हुए पहले चुनाव में भारतीय जनसंघ के हरदयाल देवगन 83261 मत हासिल कर कांग्रेस के बी मोहन (77645) को हराया। वर्ष 1971 के चुनाव में श्री देवगन को कांग्रेस के हरकिशन लाल भगत ने हराया। श्री भगत के एक लाख 46 हजार 632 की तुलना में श्री देवगन के खाते में आधे से भी कम 72382 वोट ही पड़े। वर्ष 1977 में भारतीय लोकदल के किशोरी लाल श्री भगत को हराकर लोकसभा पहुंचे।

उन्हें श्री भगत को 107487 मतों की तुलना में 240594 मत मिले। इन चुनाव के बाद कांग्रेस में विभाजन हो गया और पार्टी का नाम कांग्रेस(आई) हो गया ।

वर्ष 1977 के चुनाव के बाद श्री भगत ने अनाधिकृत कालोनियों का मुुद्दा उठाकर अपनी पैठ बनाई और उन्हें पूर्वी दिल्ली का बेताज बादशाह भी कहा जाने लगा । वर्ष 1980 के चुनाव में श्री भगत ने हार का बदला लेते हुए श्री लाल को परास्त किया । इस बार श्री लाल ने जेएनपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था । इस चुनाव में श्री भगत को 228727 और श्री लाल को 141019 मत मिले। श्री भगत और श्री लाल का एक बार फिर 1984 में आमना सामना हुआ और जीत श्री भगत की झोली में गिरी। मतों की संख्या बढ़ने के साथ साथ चुनाव लड़ने वालों की संख्या में भी इजाफा होता गया । इस चुनाव में 42 उम्मीदवार मैदान में थे । श्री भगत ने 386150 मत हासिल का जोरदार जीत दर्ज की । श्री लाल केवल 73970 वोट ही हासिल कर पाये।

वर्ष 1989 के चुनाव में श्री भगत ने निर्दलीय चांद राम को परास्त किया। इस प्रकार 1980 से 1989 के दौरान हुए तीन चुनाव में श्री भगत ने कांग्रेस की झोली में इस सीट को डाला। इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी(बसपा) के संस्थापक कांशीराम भी मैदान में थे,किंतु वह 81095 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे और जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले श्री लाल को 37925 वोट ही मिल पाये और वह चौथे स्थान पर खिसक गए।

भाजपा ने 1991 में बैंकुठ लाल शर्मा ‘प्रेम’ को मैदान में उतारा और राम लहर में उन्होंने इस सीट पर श्री भगत को 61725 मतों से को पछाड़ कर उनकी बादशाहत को खत्म कर दिया । इस चुनाव की खासियत यह रही कि 105 उम्मीदवार मैदान में थे। मजे की बात यह रही कि जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े रामबीर सिंह विधूड़ी ने एक लाख 58 हजार 712 मत हासिल कर बसपा प्रमुख को चौथे स्थान पर ढकेल दिया। कांशी राम को महज 10 हजार 428 वोट ही मिले।

वर्ष 1996 के चुनाव में अपनी जीत को दोहराते हुए भाजपा के श्री प्रेम ने कांग्रेस के दीपचंद बंधु को हराया । इस चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या 1967 के तीन उम्मीदवारों के मुकाबले 122 पर पहुंच गई। इसके बाद 1997 में हुये उपचुनाव मे अशोक कुमार वालिया को भाजपा के लाल बिहारी से शिकस्त मिली । वर्ष 1998 के चुनाव में शीला दीक्षित को भाजपा के लाल बिहारी तिवारी सांसद से शिकस्त मिली। वर्ष 1999 में हुए चुनाव में श्री तिवारी ने तीसरी बार जीत हासिल करते हुए कांग्रेस के एच एल कपूर को हराया। संदीप दीक्षित ने 2004 में तीन बार के सांसद श्री तिवारी को धूल चटाई और 2009 में फिर कांग्रेस का परचम लहराया। इस बार श्री दीक्षित ने भाजपा के चेतन चौहान को पटखनी दी किंतु 2014 के आम चुनाव में वह भाजपा के महेश गिरी से हार गए। वर्ष 2014 की मोदी लहर में भाजपा ने दिल्ली की सातों सीटों पर कब्जा किया था । पिछले चुनाव श्री गिरी ने आप के राजमोहन गांधी को एक लाख 90 हजार 463 मतों से हराया था । श्री गिरी को पांच लाख 72 हजार 202 और श्री गांधी को तीन लाख 81 हजार 739 वोट मिले और दो बार के लगातार सांसद रहे श्री दीक्षित दो लाख तीन हजार 240 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।

पूर्वी दिल्ली में नगर निगम के 40 वार्ड आते हैं। इस क्षेत्र में दिल्ली विधानसभा की 10 सीटें पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, विश्वास नगर, कोंडली, कृष्णा नगर , गांधी नगर, शाहदरा,ओखला,त्रिलोकपुरी और जंगपुरा हैं। कांग्रेस और भाजपा ने अभी इस सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है जबकि आप ने काफी पहले ही आतिशी को उम्मीदवार घोषित कर दिया है और वह जोर शोर से चुनाव प्रचार में जुट गई हैं।

इस बार के चुनाव में मतदाताओं की संख्या 18 लाख 29 हजार 177 से बढ़कर 19 लाख 70 हजार 118 पर पहुंच गई है। कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाता 1094362 और महिला मतदाता आठ लाख 75 हजार 656 है जबकि 100 अन्य मतदाता हैं।

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