राहुल गांधी के डंडे की आवाज़ लोकसभा में गूंजते ही राहुल ने उनकी आवाज़ दबाने की साजिश बताया attacknews.in

नयी दिल्ली, 07 फरवरी । लोकसभा में शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को डंडे मारे जाने वाले बयान को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों के बीच तीखी नोक-झोंक भोजनावकाश के बाद भी जारी रहा जिसके बाद पीठासीन अधिकारी ए राजा ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी।

भोजनावकाश के बाद जैसे की सदन की कार्यवाही शुरू हुई सत्ता पक्ष और विपक्ष हंगामा करने लगे। हंगामे के बीच संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सदन में एक मंत्री के खिलाफ जिस प्रकार का व्यवहार किया गया, वह घोर निंदनीय है। हंगामा नहीं थमने के कारण सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

इससे पहले प्रश्नकाल में जब श्री गांधी के प्रश्न का स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने जवाब देने से पहले यह कहा कि श्री गांधी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ जिस अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है, वह उसकी निंदा करते हैं।

उनके इतना कहते ही विपक्षी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और अन्य सांसद अपनी सीटों पर खड़े हो गए और श्री हर्षवर्धन के इस बयान की आलोचना करने लगे। इसी बीच एक सांसद आक्रामक ढंग से डॉ हर्षवर्धन के बहुत नजदीक आ गए और मौके की नजाकत देखते हुए भाजपा के सांसद भी आगे आ गये।

इस अभूतपूर्व टकराव की स्थिति को देखकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही दिन में एक बजे तक स्थगित करने की घोषणा की। इसके बाद विपक्षी सदस्य शर्म करो-शर्म करो के नारे लगाने लगे और भाजपा सदस्य ‘राहुल गांधी माफी मांगों’ जैसे नारे लगा रहे थे। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने आसन के समीप पहुंच कर सबको अलग करने की कोशिश की और उनके साथ संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी थे।

गौरतलब है कि श्री गांधी ने प्रधानमंत्री के बारे में एक रैली में कहा था कि देश के युवा उन्हें छह माह में डंडे मारेंगे। इस बयान की कल भी भाजपा सदस्यों ने निंदा की थी।

इससे पहले सदन एक बार के स्थगन के बाद जैसे ही एक बजे फिर शुरू हुआ तो पुन: हंगामा होने लगा जिसके कारण कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी थी।

संसद में मेरी आवाज दबाने की हुई साजिश: राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि संसद में शुक्रवार को जो हंगामा हुआ उसकी साजिश भारतीय जनता पार्टी ने रची थी ताकि उन्हें सरकार से सवाल पूछने से रोका जा सके।

श्री गांधी ने संसद भवन परिसर में शुक्रवार को कहा कि लोकसभा में जो हंगामा हुआ है वह एक साजिश के तहत उन्हें रोकने की कोशिश की गयी है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने एक सोची समझी रणनीति के तहत संसद में उनकी आवाज दबाने का काम किया है। मोदी सरकार के पास देश के युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई रास्ता नहीं है इसलिए सरकार संसद में इस मुद्दे पर बहस नहीं चाहती है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि संसद में उनकी आवाज दबायी जा रही है इसलिए वह अपनी बात मीडिया के माध्यम से कह रहे हैं। संसद में सामान्य रूप से मंत्री द्वारा हर सदस्य के सवाल का जवाब दिया जाता है लेकिन उन्हें नहीं बोलने दिया गया। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है और मोदी सरकार उनके लिए अवसर पैदा करने में असमर्थ हो रही है इसलिए संसद में यह ड्रामा किया गया।

बाद में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संसद भवन में पार्टी की नियमित ब्रीफिंग में कहा कि श्री गांधी को संसद में सवाल पूछने से रोका गया है इसलिए पार्टी के नेता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस संबंध में उनके कक्ष में मिले और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की शिकायत की । उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री का व्यवहार अत्यंत खेदजनक था इसलिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

राहुल के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए : प्रह्लाद जोशी

संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अशोभनीय और अत्यंत अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है इसलिए उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

श्री जोशी ने लोकसभा परिसर में शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस के नेता को इस स्तर पर उतरकर अपनी बात नहीं करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि श्री गांधी ने सारी मर्यादाएं तोड़ दी हैं और वह देश के प्रधानमंत्री को लाठी डंडों से मरवाने की बात कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि श्री गांधी उस पार्टी के नेता हैं जो कई राज्यों में सहयोगी दल के रूप में सत्ता में काबिज हैं। उन्हें ‘डंडा’ का खूब अनुभव है और वह एक लोकप्रिय प्रधानमंत्री जिन्होंने दूसरी बार जबरदस्त बहुमत के साथ सरकार बनाई है उनके लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। देश की जनता उनकी पार्टी के खिलाफ ‘डंडा’ इस्तेमाल कर चुकी है और श्री गांधी को इसका बखूबी अनुभव है।

देशभर के नागरिकों की जानकारी इकठ्ठा की जा रही है, नगर पालिकाओं के कार्यों और ईज ऑफ लिविंग के सूचकांकों का कार्य 1 फरवरी से हो चुका है शुरू attacknews.in

नयी दिल्ली 07 फरवरी । देशभर के शहरों में जीवन आसान बनाने के उपायों का आकलन करने के लिए ‘जीवन सुगमता सूचकांक 2019’ और ‘नगर निगम प्रदर्शन सूचकांक 2019’ तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।

केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने शुक्रवार को यहां बताया कि इन सूचकांकों को तैयार करने के लिए शहरों के नियाेजन, क्रियान्वयन और निगरानी तंत्र का आकलन किया जाएगा। इन दोनों सूचकांंकों को तैयार करने में 100 स्मार्ट शहरों और 10 लाख से अधिक आबादी वाले 14 शहरों के नागरिक शामिल होंगे।

इसके अलावा नगर निगम प्रदर्शन सूचकांक में स्थानीय निकायों में सेवा, वित्त, नियोजन, प्रौद्योगिकी और शासन व्यवस्था का आकलन किया जाएगा। इन क्षेत्रों को 20 भागों में विभाजित किया गया है और इनके लिए 100 संकेतक तय किये गये हैं। इससे शहरों के नियोजन और प्रबंधन, प्रशासन तथा जीवन अनुकूलता संरचना बनाने में मदद मिलेगी।

विभिन्न पहलों के माध्यम से शहरों में हुई प्रगति का आकलन करने और उन्हें अपने कार्य प्रदर्शन की योजना बनाने, कार्यान्वयन और निगरानी के लिए साक्ष्यों के उपयोग में सशक्त बनाने के लिए आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने दो सूचकांक यानी ईज़ ऑफ लिविंग (जीवन सुगमता) सूचकांक (ईओएलआई) और नगरपालिका कार्य प्रदर्शन सूचकांक (एमपीआई) 2019 लॉंच किये हैं।

इन दोनों सूचियों को 100 स्मार्ट शहरों और 10 लाख से अधिक आबादी वाले 14 अन्य शहरों में नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए  डिज़ाइन किया गया है। नगरपालिका के कार्य प्रदर्शन सूचकांक 2019 के साथ, मंत्रालय ने पांच क्षेत्रों यानी सेवा, वित्त, योजना, प्रौद्योगिकी और शासन के आधार पर नगरपालिकाओं के कार्य प्रदर्शन का आकलन करने की मांग की है। इन्‍हें आगे 20 अन्‍य क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिनका 100 संकेतकों में आकलन किया जाएगा। इससे नगरपालिकाओं को बेहतर नियोजन और प्रबंधन में मदद मिलने के अलावा नगर प्रशासन में खामियों को दूर करने और नागरिकों की शहरों में रहने लायक स्थिति को सुधारने में सहायता मिलेगी।

ईज़ ऑफ लिविंग सूचकांक का उद्देश्य स्थानीय निकायों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं, प्रशासन की प्रभावशीलता, शहरों के रहने लायक स्थिति के रूप में इन सेवाओं के माध्यम से सृजित परिणाम और आखिरकार इन परिणामों के लिए नागरिक अवधारणा से शुरू करके भारतीय शहरों का समग्र दृष्टिकोण उपलब्‍ध कराना है।

ईज़ ऑफ लिविंग सूचकांक के प्रमुख उद्देश्य चार स्‍तरों अर्थात –

क) साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण के मार्ग दर्शन के लिए जानकारी का सृजन करना;

ख) स्‍वयं सहायता समूह (एसडीजी) सहित व्यापक विकासात्मक परिणाम अर्जित करने के लिए कार्रवाई को उत्प्रेरित करना;

ग) विभिन्न शहरी नीतियों और योजनाओं से अर्जित परिणामों का आकलन और तुलना करना; और

घ) शहरी प्रशासन द्वारा उपलब्‍ध कराई जा रही सेवाओं के बारे में नागरिकों की अवधारणा प्राप्त करना है।

ईओएलआई 2019 तीन स्तंभों – जीवन की गुणवत्ता, आर्थिक क्षमता और स्थिरता के बारे में नागरिकों ईज़ ऑफ लिविंग आकलन में मदद करेगा। इन स्‍तंभों को आगे 50 संकेतकों की 14 श्रेणियों में विभाजित किया गया हैं।

सभी भाग लेने वाले शहरों ने नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं, जिनकी जिम्मेदारी यूएलबी के अंदर और बाहर विभिन्न विभागों से संबंधित डेटा अंकों को एकत्र करना और इनकी तुलना करना तथा इन्‍हें इस उद्देश्‍य के लिए डिज़ाइन किए गए विशेष वेब-पोर्टल में सहायक दस्तावेजों के साथ अपलोड करना है। इस पोर्टल की आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गाशंकर मिश्रा द्वारा 19 दिसंबर 2019 को शुरूआत की गई थी।

मंत्रालय ने डेटा का संग्रह करने, तुलना करने और अपलोड करने की इस प्रक्रिया में शहरों की मदद करने के लिए कई प्रावधान किए हैं। एक केंद्रीय हेल्पडेस्क मौजूद है जिसे जरूरत पड़ने पर नोडल अधिकारियों द्वारा प्रक्रिया की तलाश करने- विशेष और संकेतक विशिष्ट स्पष्टीकरण और सहायता के लिए उपयोग किया जाता है। 50 से भी अधिक मूल्यांकनकर्ता हैं जो विभिन्न विभागों से जानकारी एकत्र करने के साथ-साथ आकलन प्रोटोकॉल्‍ के विनिर्देशों के लिए दस्तावेज और डेटा अपलोड करने में नोडल अधिकारियों की सहायता करते हैं।

पहली बार, ईज ऑफ लिविंग सूचकांक आकलन के हिस्से के रूप में, मंत्रालय की ओर से (जिसमें ईज ऑफ लिविंग सूचकांक के 30% अंक निर्धारित हैं) एक नागरिक अवधारणा सर्वेक्षण किया जा रहा है। यह आकलन प्रकिया का महत्‍वूर्ण घटक है क्योंकि यह नागरिकों की अपने शहरों में जीवन की गुणवत्ता के संबंध में अवधारणा का सीधा पता लगाने में मदद करेगा। यह सर्वेक्षण, ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से किया जा रहा है जो पहली फरवरी 2020 से शुरू हुआ है और यह 29 फरवरी 2020 तक जारी रहेगा। ऑफ़लाइन संस्करण में आमने-सामने बैठक साक्षात्‍कार लिये जाएंगे। यह 1 फरवरी से शुरू होगा और ऑन लाइन संस्‍करण के समानांतर चलेगा। इसे बड़ी मात्रा में एसएमएस मदद के साथ-साथ सोशल मीडिया में व्यापक कवरेज के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है।

राष्ट्रवाद और साम्प्रदायिकता का शाहीन बाग बना दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार थमा,इनमें से किसकी होगी दिल्ली-दबेगा 8 फरवरी को बटन attacknews.in

नयी दिल्ली, 06 फरवरी । दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए आठ फरवरी को होने वाले मतदान के लिए एक पखवाड़े से अधिक समय से जोर-शोर से चल रहा चुनाव प्रचार गुरुवार शाम छह बजे समाप्त हो गया।
प्रचार अभियान शुय में सुस्त था, लेकिन विभिन्न पार्टियों केे बड़े नेताओं के मैदान में आने से यह खूब जोरों से चला। सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मूलभूत मुद्दों से शुरू हुआ प्रचार अंतिम दौर में पहुंचते-पंहुचते राष्ट्रवाद और सांप्र्रदायिकता के रंग में रंग गया। नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में शाहीनबाग में चल रहा धरना प्रदर्शन प्रचार का मुख्य केंद्र बन गया। नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला इतना तेज और आक्रामक हो गया कि चुनाव आयाेग को हस्तक्षेप करना पड़ा।

इस बार के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) जहां अपनी सरकार को बचाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अगुवाई में जुटी रही। वहीं 21 वर्ष से दिल्ली की सत्ता से दूर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी पूरी ताकत झोंक दी। पंद्रह वर्ष तक दिल्ली पर एकछत्र राज्य करने वाली कांग्रेस ने भी अपनी खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।

छह जनवरी को चुनावों की घोषणा के बाद से आप पार्टी राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में वर्ष 2015 के ऐतिहासिक प्रदर्शन को दोहराने के लिए जुट गई। पार्टी ने इस बार 15 विधायकों के टिकट काटे जबकि 47 को फिर से उम्मीदवार बनाया। शेष पांच विधायकों में कुछ भाजपा में शामिल होकर चुनाव मैदान में हैं। टिकट नहीं मिलने से कई विधायक बागी होकर बसपा और कांग्रेस के टिकट पर ताल ठोंक रहे हैं।

श्री केजरीवाल के सामने 2015 में पार्टी को मिली 70 में से 67 सीटों के इतिहास को दोहराने की बड़ी चुनौती है। तीन सीटों पर सिमटी भाजपा सरकार बनाने के लिए प्रयासरत है तो कांग्रेस भी खोई जमीन हासिल करने के लिए जुटी हुई है।

भाजपा ने जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। केंद्रीय गृह मंत्री और पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव अभियान की बागडोर संभाली और एक दिन में कई चुनाव सभाएं और रोड शो कर पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह भरा। बीस जनवरी को पार्टी के अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद जगत प्रकाश नड्ढा भी दिन रात एक किए हुए हैं। वह भी रोजाना कई सभाएं और विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में रोड शो कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हुए हैं। पार्टी ने इस बार मुख्यमंत्री पद का कोई चेहरा नहीं उतारा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में पूर्वी दिल्ली और द्वारका में रैली की। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव के अलावा अन्य भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद और अन्य नेता पूरे प्रचार अभियान के दौरान जुटे रहे और रोजाना कई नुक्कड़ सभाओं और रोड शो में हिस्सा लिया।

कांग्रेस की तरफ से आखिरी के दिनों में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई चुनावी सभाओं को संबोधित किया । इसके अलावा पार्टी के अन्य नेताओं के अलावा कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी प्रचार में हिस्सा लिया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी सभाओं को संबोधित किया।

आप पार्टी के प्रचार अभियान में पिछले पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों के अलावा बिजली-पानी फ्री और दिल्ली परिवहन निगम की बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा का जोर रहा। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में सत्ता में आने पर वर्तमान में जारी योजनाओं को जारी रखने के साथ ही गरीबों को दो रुपए प्रति किलोग्राम आटा, कालेज जाने वाली गरीब लड़कियों को इलेक्ट्रानिक स्कूटी, अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने को केंद्र में रखा। भाजपा ने प्रचार के दौरान केजरीवाल सरकार की कमजोरियों के साथ ही नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यों और श्री मोदी की छवि को भुनाने का प्रयास किया।

ऐसा रहा अभियान का चरमोत्कर्ष:

चुनाव का प्रचार अभियान के दौरान भाजपा ने शाहीन बाग में चल रहे सीएए विरोधी प्रदर्शन को केंद्र में रख आक्रामक प्रचार अभियान किया। आम आदमी पार्टी ने जहां अपनी सरकार की बिजली, पानी और महिलाओं के लिए नि:शुल्क बस यात्रा जैसे मुद्दों को जोर-शोर से सामने रखा तो वहीं कांग्रेस प्रचार अभियान में काफी पीछे नजर आई।

चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में इन तीनों मुख्य दलों ने मतदाताओं को लुभाने की पूरी कोशिश की और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), तुष्टीकरण की राजनीति तथा बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर और हरिनगर तथा पश्चिमी दिल्ली के मादीपुर में तीन रोडशो किए।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पूर्वी दिल्ली के अपने विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज में पदयात्रा की।

भाजपा ने चुनाव प्रचार की शुरुआत राष्ट्रीय राजधानी के लिए केंद्र द्वारा किए गए विकास कार्य के साथ की थी, लेकिन बाद में यू-टर्न लेते हुए इसने दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों द्वारा अवरुद्ध की गई सड़क के मुद्दे को मुख्य मुद्दा बना दिया।

भगवा पार्टी के चुनाव प्रचार में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मैदान में उतर गए और दो रैलियों को संबोधित किया। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई रैलियों को संबोधित किया।

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शाहीन बाग में चल रहे सीएए विरोधी प्रदर्शन को लेकर आक्रामक प्रचार किया।

भगवा दल ने चुनाव प्रचार में अपने सांसदों और विधायकों को उतारने के साथ ही योगी के अतिरिक्त अपने शासन वाले कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी बुलाया जिनमें गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह शामिल हैं।

चुनाव प्रचार के दौरान तब बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भीड़ से ‘गद्दारों को गोली मारने’ का नारा लगवाया। वहीं, पार्टी के पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने भी शाहीन बाग को लेकर अपने बयान से विवाद खड़ा कर दिया।

निर्वाचन आयोग ने विवादित बयानों के चलते ठाकुर और वर्मा दोनों को क्रमश: 72 और 96 घंटे लिए चुनाव प्रचार करने से रोक दिया तथा उन्हें पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से भी हटवा दिया।

वर्मा को बुधवार को दूसरी बार चुनाव प्रचार से रोक दिया गया।

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया। उन्होंने हालांकि, रैलियों की जगह रोडशो और जनसभाओं पर ध्यान केंद्रित किया।

पार्टी ने वर्मा की ‘‘आतंकवादी’’ वाली टिप्पणी को लेकर भाजपा के खिलाफ दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में मौन जुलूस भी निकाला।

आप ने घर-घर जाकर लोगों से कहा कि यदि वे केजरीवाल को ‘‘दिल्ली का बेटा’’ मानते हैं तो पार्टी को दिल्ली की सत्ता में पुन: लेकर आएं।

कांग्रेस के चुनाव प्रचार में भाजपा और आप जैसा जोश नहीं दिखा। हालांकि, मतदान के दिन नजदीक आने के साथ पार्टी सक्रिय हुई और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को राजौरी गार्डन में एक रैली को संबोधित किया। वहीं, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार और बुधवार को जनसभाओं को संबोधित किया।

भारत में पाकिस्तानी एजेण्डा आगे बढ़ाने वाले राजनीतिक दल सुन लो,नागरिकता संशोधन कानून लागू होने से कोई भी भारतीय नागरिक प्रभावित नहीं होगा attacknews.in

नईदिल्ली 6 फरवरी ।प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आश्‍वस्‍त किया है कि नागरिकता संशोधन कानून से कोई भारतीय नागरिक प्रभावित नहीं होगा। उन्‍होंने आज लोकसभा में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर धन्‍यवाद प्रस्‍ताव का जवाब देते हुए यह बात कही।

नागरिकता संशोधन कानून पर विस्‍तार से बोलते हुए प्रधानमंत्री ने सदन को आश्‍वस्‍त किया कि इस कानून का देश के किसी भी नागरिक पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में इस कानून पर पूर्ववर्ती सरकार के रूख का भी जिक्र किया और कहा कि पिछली सरकार भी ऐसा ही कानून लाने के हक में थी। उन्‍होंने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का हवाला देते हुए कहा कि वह पड़ोसी देशों के अल्‍पसंख्‍यकों को भारत में शरण देने के लिए नागरिकता कानून में संशोधन के हक में थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल देश में विभाजन के पाकिस्‍तानी एजेंडो को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्‍होंने कहा “मैं यह स्‍पष्‍ट कर देना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने से कोई भी भारतीय नागरिक चाहे वह किसी भी धर्म या सम्‍प्रदाय का हो, प्रभावित नहीं होगा।’’ 

सीएए पर मिलकर सोंचे, अर्थव्यवस्था पर निराशा नहीं फैलायेंं : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिक संशोधन कानून (सीएए)पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के लिए विपक्ष काे जिम्मेदार ठहराते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस पर सबको मिल बैठकर सोचने की जरुरत है और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है और इस पर निराशा नहीं फैलायी जानी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर तीन दिन तक चली चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि सीएए पर विपक्ष लोगों को गुमराह कर रहा है। यह कानून वास्तव में देश के महापुरुषों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाबा साहेब अम्बेडकर, पंडित जवाहर लाल नेहरु और लाल बहादुर शास्त्री का भावना के अनुरुप है। उन्होेंने आश्वस्त किया कि इससे किसी भी भारतीय नागरिक को कोई खतरा नहीं है।

श्री मोदी ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और जनगणना को सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया बताते हुये विपक्ष से इसका विरोध नहीं करने की अपील की और कहा कि इससे विपक्ष की गरीब विरोधी मानसिकता प्रकट होती तथा वह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही है जिससे देश में अविश्वास की स्थिति बनती है।

उन्होंने विपक्ष के अर्थव्यवस्था को लेकर किये गये हमलों का खारिज करते हुए कहा कि इसके मूल आधार मजबूत हैं और अर्थव्यवस्था काे लेकर निराश होने की जरुरत नहीं है।

श्री माेदी के जवाब के दोनों सदनों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। राज्यसभा में विपक्ष के बहिर्गमन के बीच इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया और लोकसभा में विपक्ष ने केवल अपना विरोध प्रकट किया।

श्री मोदी ने दोनों सदनों में हिन्दी – उर्दू के कवियों और शायरों की पंक्तियों काे उद्धृत करते विपक्ष पर तीखे प्रहार किये और कहा कि विपक्ष ठहर गया है और आगे बढ़ने का नाम नहीं ले रहा है जबकि भारतीय जनता पार्टी पुरानी लीक से हट कर नयी लकीर बना रही है।

चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष आजाद ने पूर्वोत्तर की स्थिति की चर्चा की थी। मोदी ने इसका जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ आजाद जी, पूर्वोत्तर यदि जलता होता तो आपने अपने सांसदों का प्रतिनिधि मंडल वहां भेजा होता, संवाददाता सम्मेलन किया होता, फोटो डाली होती है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा पूर्वोत्तर शांति की राह पर आगे बढ़ रहा है। वहां नाकेबंदी खत्म हो गयी है। आंदोलन समाप्त हो गये हैं। ब्रू समस्या को समाप्त किया गया है।

ब्रू जनजाति की समस्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मिजोरम सहित अधिकतर पूर्वोत्तर राज्यों में कांग्रेस और त्रिपुरा में उसके मित्र दल की सरकार थी। यदि कांग्रेस चाहती तो केन्द्र में रहते हुए इस समस्या का समाधान किया जा सकता था।

उन्होंने कहा कि ब्रू लोगों का सीमित वोट था, इसलिये समाधान की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ लेकिन हमारी सोच अलग है। हम सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास की नीति लेकर सभी की समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश में लगे हुए हैं। आज देश को गर्व होगा कि 29 हजार ब्रू लोगों को सम्मान से जीवन जीने का अवसर मिला है।’’

प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि बजट सत्र में आर्थिक विषयों पर गहन चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका सुझाव उन्होंने सर्वदलीय बैठक में दिया था। उन्होंने कहा कि इस विचार मंथन से अवश्य अमृत निकलेगा।

आर्थिक क्षेत्रों में उनकी सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस शासित प्रदेशों की तरफ से भी जीएसटी परिषद में विषय आते हैं। हमारा मत है कि समयानुकूल परिवर्तन आवश्यक हों तो उन्हें करना चाहिए।

चर्चा में जीएसटी को लेकर विपक्षी सदस्यों के विभिन्न सुझावों का जिक्र करते हुए उन्होंने विपक्ष से पूछा कि यदि जीएसटी को लेकर उनके पास इतना ही ज्ञान और विजन था तो इसे सरल क्यों नहीं बनाया गया? इसे लटका कर क्यों रखा गया?

मोदी ने कहा कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से कहा था कि उत्पादक राज्यों के मुद्दों को हल करना चाहिए। लेकिन बाद में तत्कालीन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने उन मुद्दों को हल किया और इसके बाद सभी राज्यों में जीएसटी को लागू किया जा सका।

उन्होंने कहा कि नयी उड़ान योजना के तहत पिछले दिनों 250 हवाई मार्गों का उद्घाटन हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे पास 65 परिचालनरत हवाई अड्डे थे जिनकी संख्या 100 से अधिक हो गयी है। आज सवा लाख से अधिक पंचायतों में ब्रॉडब्रैंड सेवा पहुंच गयी है। दुनिया के अनेक देश भीम एप के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। यह एक बहुत मजबूत एप बन गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस जनवरी में दो लाख 16 हजार करोड़ रूपये के लेनदेन मोबाइल फोन से भीम एप के जरिये किये गये। भारत का रूपे कार्ड अपनी एक विशेष जगह बना रहा है।

उन्होंने कहा कि 100 से अधिक आकांक्षी जिले सहकारी संघवाद का सर्वोत्तम उदाहरण हैं। कई क्षेत्रों के बहुत सारे जिले काफी पिछड़े हुए हैं। हमने 100 से अधिक आकांक्षी जिलों की पहचान कर उनके प्रशासन में बदलाव के प्रयास किये हैं और इसके लिए राज्य सरकारों से भी प्रयास करने को कहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के उन बयानों को भी उद्धृत किया जिनमें पाकिस्तान में उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों का समर्थन किया गया था।

मोदी ने कहा ‘‘क्या देश को गुमराह करना और गलत जानकारी देना सही है ? क्या ऐसा करने वाला कोई भी व्यक्ति किसी अभियान का हिस्सा हो सकता है ? सीएए पर कई विपक्षी दलों ने जो रास्ता चुना है वह दुर्भाग्यपूर्ण है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘केरल के मुख्यमंत्री एक ओर तो आगाह करते हैं कि राज्य में सीएए विरोधी प्रदर्शनों में चरमपंथी तत्व शामिल हो रहे हैं और दूसरी ओर वाम दल के सदस्य राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ऐसे प्रदर्शनों का समर्थन भी करते हैं।’’

मोदी ने कहा कि सीएए के विरोध में प्रदर्शनों की आड़ में अलोकतांत्रिक गतिविधियों को छिपाने के प्रयास हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रदर्शनों से किसी को भी राजनीतिक लाभ नहीं होने जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सीएए को लेकर लोगों को डराने के बजाय सही जानकारी मुहैया कराए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा ‘‘सीएए के विरोध में जो हिंसा हुयी उसे आंदोलन का अधिकार मान लिया गया, सीएए के बारे में जो भी प्रचारित किया जा रहा है उसके बारे में सभी साथियों को खुद से पूछना चाहिये कि क्या उन्हें देश को गुमराह करना चाहिये। यह रास्ता सही नहीं हैं। हम सब मिल कर इस पर विचार करें ।’’

मोदी ने कहा ‘‘अल्पसंख्यकों की दुहाई देने वाले लोग उनकी पीड़ा भी महसूस करें जो पड़ोस में अल्पसंख्यक बन गये। जो लोग कभी “साइलेंट” थे वे आज “वायलेंट” हैं।’’

प्रधानमंत्री के अनुसार, ‘‘समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया ने कहा था ‘हिंदुस्तान का मुसलमान जिये और पाकिस्तान का हिंदू जिये। मैं इस बात को ठुकराता हूं कि पाकिस्तान के हिंदू पाकिस्तान के नागरिक हैं इसलिये हमें उनकी परवाह नहीं करना चाहिये।’’

मोदी ने 1947 में कांग्रेस की कार्यसमिति में पाकिस्तान से आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने के बारे में पास किए गये एक प्रस्ताव का भी हवाल दिया।

उन्होंने सीएए के विरोध के लिए कांग्रेस के नेताओं का नाम लिये बिना कहा, ‘‘यह कैसा दोहरा चरित्र है कि आप हमेशा अल्पसंख्यकों की दुहाई देते हैं। पड़ोस में अल्पसंख्यकों के साथ जो हो रहा है, उसे लेकर आपको पीड़ा क्यों नहीं होती?’’ मोदी ने विपक्षी नेताओं से अपील की वे दूसरे लोगों को डराने के बजाय उन्हें सही जानकारी दें।

केरल में पानी के नल से घरों में हो गया शराब का वितरण attacknews.in

त्रिशूर (केरल), छह फरवरी । सोचिए! अगर आपके पानी के नल से शराब की आपूर्ति शुरू हो जाए तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी। यह कोई कोरी कल्पना नहीं है बल्कि केरल के एक अपार्टमेंट की हकीकत है।

केरल के त्रिशूर जिले में चलाक्कुडी में एक अपार्टमेंट के निवासी उस समय हैरान रह गए जब सोमवार को उनके नल से पानी के साथ शराब आने लगी।

दरअसल, आबकारी अधिकारियों ने भारत में बनी विदेशी शराब के पुराने भंडार का बड़ा हिस्सा एक गड्ढे में बहा दिया जो रिस कर पास ही में बने अपार्टमेंट के खुले जलाशय में चली गई।

एक वरिष्ठ आबकारी अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘विभिन्न ब्रांडों की शराब के 450 मामले थे…हमने अदालत के आदेश के अनुसार इसे नष्ट कर दिया लेकिन हमें नहीं मालूम था कि इससे ये सभी मुद्दे खड़े हो जाएंगे।’’

इस घटना से न्यू सोलोमन्स अपार्टमेंट में रह रहे 18 परिवार प्रभावित हुए और उनके नल से पानी में शराब मिलकर आने लगी।

अधिकारी ने बताया कि उन्होंने अपार्टमेंट के निवासियों के अस्थायी इस्तेमाल के लिए 5,000 लीटर क्षमता के पानी के टैंक की व्यवस्था की और जलाशय को साफ करने की प्रक्रिया चल रही है।

इरिन्जालाकुडा के आबकारी अधिकारियों ने छह साल पहले एक बार से करीब 2,200 लीटर शराब जब्त की थी।

एक स्थानीय अदालत के हाल के आदेश के आधार पर उन्होंने पुराना भंडार नष्ट करने, बार के परिसर में एक गड्ढा खोदने का फैसला किया और रविवार को इसमें शराब बहा दी।

निवासियों की परेशानियों के बारे में सुनकर आबकारी अधिकारी हरकत में आए और उन्होंने उन्हें स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने तथा जलाशय साफ कराने का वादा किया।

चलाक्कुडी पुलिस ने बताया कि उन्हें इस संबंध में कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है।

ED की पूछताछ में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया से आप नेता संजय सिंह और कांग्रेस नेता उदित राज के संबंध उजागर attacknews.in

नयी दिल्ली, छह फरवरी।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन मामले की जांच के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और संगठन से संबंधित एक एनजीओ के कुछ अधिकारियों से पूछताछ की है।

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि केरल के संगठन के आधे दर्जन से ज़्यादा पदाधिकारियों से आमदनी, खर्च, कोष के विभिन्न स्रोत और संगठन द्वारा हासिल किए जाने वाले या वितरित किए जाने वाले कोष के लाभार्थियों के बारे में पूछताछ की गई।

केंद्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि उसने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनके बयान भी दर्ज किए।

ईडी पीएफआई और एनजीओ रेहाब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ) के खिलाफ पीएमएलए को आपराधिक प्रावधानों के तहत जांच कर रही है। यह जांच 2018 में दर्ज प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) या प्राथमिकी के तहत हो रही है।

एजेंसी इन आरोपों की भी जांच कर रही है कि संगठनों ने अपने बैंक खातों से जो धन प्राप्त किया और वितरित किया, उसका देश के अलग अलग हिस्सों में सीएए विरोधी प्रदर्शनों को भड़काने के लिए कथित रूप से इस्तेमाल किया गया था।

सूत्रों ने बताया कि एजेंसी पीएफआई के कुछ अधिकारियों के दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों के नेताओं के साथ संबंध की सटीक प्रकृति की जांच कर रही हैं।

पीएफआई दिल्ली के अध्यक्ष परवेज़ अहमद से पीटीआई भाषा ने पूछा कि क्या उनका आप नेता संजय सिंह और कांग्रेस नेता उदित राज से कोई संबंध है ? जैसा मीडिया में आई खबरों में कहा गया है।

उन्होंने कहा, “ एक सामाजिक आंदोलन होने के नाते, अपने जनसंपर्क के तौर पर हम कई लोगों से मिलते हैं और हम (संजय सिंह से) अपनी गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिए मिले थे।”

अहमद ने कहा कि वह राज से कभी नहीं मिले जबकि दोनों ने एक बार बात की क्योंकि कांग्रेस नेता चाहते थे कि पीएफआई के महसचिव दिल्ली में एक कार्यक्रम में हिस्सा लें।

आप से राज्यसभा सांसद सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर कहा कि ईडी की ओर से कोई ‘आधिकारिक दस्तावेज या बयान’ नहीं है जो उनका संबंध पीएफआई से जोड़े।

उन्होंने कहा कि इस बाबत आई रिपोर्टें “भाजपा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा उनका नाम बदनाम करने की कोशिश है। उन्होंने शाह पर पीछे से कायरों की तरह हमला करने का आरोप लगाया ।

राज ऑल इंडिया कॉन्फ्रेडेशन ऑफ एससी एवं एसटी ऑर्गानाजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।

उन्होंने कहा कि मीडिया ने उनके नाम को पीएफआई के साथ जोड़ा है। इसकी संभावना है कि उन्होंने पिछले साल दिसंबर में हुई रैली के लिए कई लोगों से मुलाकात और बात की थी।

राज ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, “ मैं सैकड़ों लोगों से बात करता हूं और मिलता हूं। सब को याद रखना संभव नहीं है।”

सूत्रों ने कहा है कि कुल 120 करोड़ रुपये की राशि, पीएफआई, आरएफआई और कुछ अन्य से जुड़े बैंक खातों में अलग अलग समय पर जमा की गई है, जिसकी ईडी जांच कर रही है।

हालांकि पीएफआई ने इससे इनकार किया है।

देश के किसानों को सशक्त बनाने का काम कर रही हैं केंद्र सरकार,भारत की अर्थव्यवस्था का मूल आधार पूरी तरह से सशक्त हैं और देश को एकजुटता के साथ आगे बढ़ना हैं attacknews.in

नयी दिल्ली, छह फरवरी । प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और वह न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने, फसल बीमा को प्रभावी बनाने, वर्षों से लटकी सिंचाई योजनाओं को पूरा करके इस दिशा में प्रतिबद्धता से काम कर रही है ।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा, ‘‘ सिंचाई से लेकर उद्योग तक, सड़क से लेकर बंदरगाह तक और हवाई मार्ग से लेकर जल मार्ग तक हमने अनेक पहल की हैं। गत 5 वर्षों में देश ने यह सब देखा है और देखा है तभी तो यहां दोबारा बैठाया है ।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ किसानों की आय बढ़े, यह हमारी प्राथमिकता है। लागत कम हो यह हमारी प्राथमिकता है। हमारे देश में पहले 7 लाख टन दाल और तिलहन की खरीद हुई थी। जबकि हमारे कार्यकाल में 100 लाख टन दाल और तिलहन की खरीद हुई ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे आने से पहले कृषि मंत्रालय का बजट 27 हजार करोड़ रुपये था, अब इसे करीब पांच गुना बढ़ाकर लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये तक हमने पहुंचाया है । ’’

मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों में एक विश्वास पैदा हुआ है। इस योजना के अंतर्गत किसानों से करीब 13 हजार करोड़ रूपये का प्रीमियम आया । लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को जो नुकसान हुआ, उसके लिए किसानों को करीब 56 हजार करोड़ इस बीमा योजना से मिले।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम जानते हैं कि डेढ़ गुना एमएसपी का विषय लंबे समय से अटका था, यह किसानों के प्रति हमारी जिम्मेदारी थी और हमने उसे पूरा किया। वर्षों से लटकी करीब 99 सिंचाई परियोजनाओं पर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर हमने उन्हें पूरा किया और अब किसानों को उसका लाभ मिल रहा है । ’’

देश को निराश होने की जरुरत नहीं: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था के आधार मजबूत होने का दावा करते हुए कहा कि देश को निराश होने की आवश्यकता नहीं है और पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए सबको मिलकर काम करने की जरुरत है।

श्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद पर तीन दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था मूल आधार पूरी तरह से सशक्त है और देश काे एकजुटता के साथ आगे बढ़ना है।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर देश में निराशा का माहौल की जरुरत नहीं है और इससे देश का भला नहीं होगा। उन्हाेंने कहा कि जो लोग इसका विरोध करते हैं, उन्हें भी पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था की दिशा में बढ़ना हाेगा।

प्रधानमंत्री ने संसद के वर्तमान सत्र को पूरी तरह से अर्थव्यवस्था पर केंद्रित करने का अाह्वान करते हुए कहा कि इस सत्र को पूरी तरह से आर्थिक मुद्दों पर समर्पित कर देना चाहिए। एक दूसरे का विरोध करने की बजाय या “ तू- तू मैं- मैं” की जगह आपस में मिलकर विचार करने तथा आत्ममंथन करने की जरुरत है।

उन्होंने डिजीटल इंडिया, कौशल विकास, स्टार्टअप इंडिया आैर छोटे उद्योगों की मदद देने और अन्य योजनाओं की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार समाज की मानसिकता बदलने में कामयाब हुई है अौर ‘अब माेहल्ले में खेलने की बजाय दुनिया के सामने खेलने’ का समय आ गया है।

रिजर्व बैंक की रेपो दर 5.15%यथावत, GDP 6% रहने का अनुमान, खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाकर 6.5% किया attacknews.in

मुंबई, छह फरवरी ।रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथावत रखा। लगातार दूसरी बैठक में रेपो दर को स्थिर रखा गया है।

रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों की बृहस्पतिवार को घोषणा करते हुए कहा कि जब तक संभव है, वह नीतिगत रुख को उदार बनाये रखेगा।

रिजर्व बैंक ने 2019- 20 में आर्थिक वृद्धि दर के पांच प्रतिशत रहने के अनुमान को भी बनाये रखा। उसने कहा कि आर्थिक वृद्धि 2020-21 में सुधरकर छह प्रतिशत हो सकती है। उसने कहा कि आर्थिक वृद्धि दर अभी भी अपनी संभावित क्षमता से कम है।

उसने कहा, ‘‘आर्थिक गतिविधियां नरम बनी हुई हैं। जिन चुनिंदा संकेतकों में हालिया समय में सुधार देखने को मिला है, व्यापक स्तर पर इनमें भी अभी तेजी आनी शेष है। वृद्धि दर की तुलना में मुद्रास्फीति की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति को लगता है कि स्थिति को यथावत रखा जाना चाहिये।’’

उसने कहा कि निकट भविष्य में मुद्रास्फीति के उच्च बने रहने की आशंका है। उसने मुद्रास्फीति के परिदृश्य को बेहद अनिश्चित बताया।

रिजर्व बैंक ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने रेपो दर यथावत रखने का पक्ष लिया।

उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने फरवरी 2019 से अक्टूबर 2019 के दौरान रेपो दर में 1.35 प्रतिशत की कटौती की थी।

रिजर्व बैंक ने मार्च तिमाही के लिये खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया:

रिजर्व बैंक ने कच्चे तेल की कीमतों में उथल-पुथल जारी रहने के बीच दूध व दालों के भाव बढ़ने की आशंका को देखते हुये बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया।

रिजर्व बैंक ने कहा कि आने वाले समय में मुद्रास्फीति पर खाद्य मुद्रास्फीति, कच्चे तेल की कीमतों और सेवाओं की लागत जैसे कई कारकों का असर होगा।

रिजर्व बैंक ने खाद्य मुद्रास्फीति को लेकर कहा है कि दिसंबर के उच्च स्तर की तुलना में इसमें नरमी आने का अनुमान है। खरीफ की देरी से आने वाली फसल तथा रबी फसल की आवक के कारण प्याज की कीमतें सुधर रही हैं, अत: चौथी तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी अधिक स्पष्ट दिखेगी।

केंद्रीय बैंक ने एक तरफ पश्चिम एशिया के भू-राजनीतिक तनावों तथा दूसरी तरफ अनिश्चित वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के कारण कच्चा तेल में उथल-पुथल बने रहने की आशंका व्यक्त की।

उसने कहा कि हालिया महीनों में सेवा लागत में वृद्धि देखने को मिली है।

रिजर्व बैंक ने इस बैठक में रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथावत रखा है।

उसने कहा, ‘‘इन कारकों को ध्यान में रखते हुए तथा 2020-21 में उत्तरी-पश्चिमी मानसून के सामान्य रहने के अनुमान के मद्देनजर खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाकर 2019-20 की मार्च तिमाही में 6.5 प्रतिशत, 2020-21 की पहली दो तिमाहियों में 5.4-5 प्रतिशत और 2020-21 की तीसरी तिमाही में 3.2 प्रतिशत किया गया है।’’

रिजर्व बैंक ने कहा कि सब्जियों को छोड़ अन्य खाद्य पदार्थों विशेषकर लागत बढ़ने से दूध की कीमतें तथा खरीफ उत्पादन कम रहने से दालों के दाम बढ़ते रहने का अनुमान है।

रिजर्व बैंक को 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान:

रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया। रिजर्व बैंक ने आर्थिक समीक्षा में दिये गये आर्थिक वृद्धि के अनुमान के निचले स्तर पर अगले वित्त वर्ष की वृद्धि का अनुमान लगाया है।

संसद में 31 जनवरी को पेश आर्थिक समीक्षा में 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर छह से 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में यहां हुई तीन दिवसीय बैठक के बाद मौद्रिक नीति समिति ने पाया कि अर्थव्यवस्था में नरमी अभी भी बरकरार है और आर्थिक वृद्धि की गति क्षमता से कमजोर बनी हुई है।

रिजर्व बैंक ने दिसंबर में पेश मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में 2019-20 के लिये आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था।

रिजर्व बैंक ने कहा कि 2020-21 में आर्थिक वृद्धि परिदृश्य को निजी उपभोग का स्तर तथा बाह्य कारकों समेत विभिन्न कारक प्रभावित करेंगे।

उसने कहा कि निजी उपभोग में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में रबी फसल की बेहतर संभावनाओं के मद्देनजर सुधार होने की उम्मीद है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में हालिया तेजी ने व्यापार संतुलन कृषि के पक्ष में किया है, इससे ग्रामीण आय को समर्थन मिलने की उम्मीद है।

उसने कहा कि वैश्विक व्यापार की अनिश्चितताओं में नरमी आने से निर्यात को प्रोत्साहन मिलने तथा निवेश गतिविधियों में तेजी आने का अनुमान है।

रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘हालांकि कोरोना वायरस के फैले संक्रमण से पर्यटकों की आवक तथा वैश्विक व्यापार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।’’

रिजर्व बैंक ने कहा कि ग्रामीण व बुनियादी संरचना खर्च बढ़ाने के उपायों के साथ ही आम बजट में व्यक्तिगत आयकर को तार्किक बनाये जाने से घरेलू मांग को समर्थन मिलने की उम्मीद है।

रिजर्व बैंक ने विभिन्न कारकों का संज्ञान लेते हुए आर्थिक वृद्धि दर के 2020-21 में छह प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया। उसने कहा कि आर्थिक वृद्धि दर 2020-21 की पहली छमाही में 5.5 से छह प्रतिशत तथा तीसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत रह सकती है।

रिजर्व बैंक के पास आर्थिक वृद्धि दर बढ़ाने के ब्याज दर के अलावा और भी हैं उपाय: दास

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने लगातार दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर स्थिर रखने के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि आर्थिक वृद्धि दर की गति बढ़ाने के लिये मुख्य ब्याज दर में घटबढ़ करने के अलावा और भी कई अन्य उपाय हैं।

रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की छठी द्वैमासिक मौद्रिक नीति समिति बैठक में 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया। उसने कहा कि मुद्रास्फीति का परिदृश्य बेहद अनिश्चित बना हुआ है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने 31 जनवरी को जारी बयान में 2018-19 के लिये आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान मई 2019 के 6.8 प्रतिशत के अनुमान से घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया। इसके आधार पर रिजर्व बैंक ने कहा कि अर्थव्यवस्था में अभी भी क्षमता से कम उत्पादन हो रहा है।

दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा परिणाम जारी करने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘रिजर्व बैंक के पास आर्थिक वृद्धि दर में जारी नरमी से निपटने के लिये और भी कई अन्य उपाय हैं।’’

मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथावत रखा है। समिति ने मौद्रिक नीति के रुख को भी उदार बनाये रखा है।

दास ने कहा कि पिछली बैठक के बाद इस बैठक में भी रेपो दर यथावत रखे जाने को भविष्य के कदमों के संकेत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिये। उन्होंने कहा, ‘‘भले ही इस बार का निर्णय अनुमानों के अनुरूप है, लेकिन रिजर्व बैंक की भूमिका को कम नहीं आंकना चाहिये।’’

संसद में गूंजे ‘ जय श्रीराम ‘, अयोध्या में 67.703 एकड़ भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि कीर्तन क्षेत्र न्यास के गठन की घोषणा attacknews.in

नयी दिल्ली, 05 फरवरी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज संसद में अयोध्या स्थित श्री रामजन्म स्थली पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए एक स्वायत्त ट्रस्ट के गठन और विवादित स्थल पर केन्द्र द्वारा अधिगृहीत 67.703 एकड़ भूमि ट्रस्ट को हस्तांतरित करने की घोषणा की।

श्री मोदी ने लोकसभा की कार्यवाही आरंभ होते ही प्रश्नकाल से पहले एक संक्षिप्त वक्तव्य में यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने बताया कि उनकी अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि यह भी फैसला हुआ है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी उसके हिस्से की ज़मीन आवंटित की जाएगी। राज्य सरकार को इस संबंध में अनुरोध भेज दिया गया है और उसने इसका पालन करने की सहमति भी व्यक्त की है।

उन्होंने कहा, “मेरी सरकार ने अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए और इससे संबंधित अन्य विषयों के लिए एक वृहद योजना तैयार की है। उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार एक स्वायत्त ट्रस्ट ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ का गठन करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। यह भी फैसला हुआ है कि अयोध्या कानून के तहत अधिगृहीत 67.703 एकड़ भूमि जिसमें बाहरी एवं भीतरी आंगन शामिल हैं, नवगठित ट्रस्ट को हस्तांतरित किया जाये।”

उन्होंने कहा, “ये ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण और उससे जुड़े विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुस्तान में हर पंथ के लोग एक बृहद परिवार के सदस्य हैं। इस परिवार के हर सदस्य का विकास हो, वो सुखी, स्वस्थ रहे, समृद्ध रहे, देश का विकास हो, इसी भावना के साथ मेरी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के सिद्धांत पर चल रही है।

उन्होंने कहा, “नौ नवंबर को राम जन्मभूमि पर फैसला आने के बाद सभी देशवासियों ने अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर विश्वास जताते हुए बहुत परिपक्वता का उदाहरण दिया था। मैं आज सदन में देशवासियों के परिपक्व व्यवहार की प्रशंसा करता हूं।”

श्री मोदी ने कहा, “हमारी संस्कृति, परंपराएं, हमें वसुधैव कुटुंबकम और सर्वे भवन्तु सुखिनः का दर्शन देती हैं और इसी भावना के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती हैं। इस ऐतिहासिक क्षण में हम सभी सदस्य मिलकर अयोध्या में श्रीराम धाम के जीर्णोद्धार के लिए, भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए, एक स्वर में अपना समर्थन दें।”

इस घोषणा के बाद सत्तापक्ष के सदस्यों ने कई बार मेजें थपथपा कर एवं हर्षध्वनि से इसका स्वागत किया जबकि विपक्ष के खेमे में खामोशी छायी रही।

न्यास’ की घोषणा का दिल्ली चुनाव से कोई लेनादेना नहीं : जावड़ेकर

सूचना एवं प्रसारण मंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि ‘श्री राम जन्म भूमि कीर्तन क्षेत्र न्यास’ की घोषणा की ‘टाइमिंग’ का दिल्ली चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है तथा इससे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है।

श्री जावड़ेकर ने यहाँ केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देने के क्रम में संवाददाताओं के प्रश्न के उत्तर में कहा “श्री राम जन्म भूमि कीर्तन क्षेत्र न्यास के गठन का फैसला अयोध्या के लिए है और चुनाव यहाँ दिल्ली में हो रहे हैं। इस फैसले का दिल्ली के चुनाव से कोई संबंध नहीं है।”

यह पूछे जाने पर कि उच्चतम न्यायालय द्वारा न्यास के गठन के लिए दिया गया तीन महीने का समय 09 फरवरी को समाप्त हो रहा था और दिल्ली में मतदान 08 फरवरी को होना है और ऐसे में सरकार आचार संहिता हटने का इंतजार कर 09 फरवरी को इसकी घोषणा कर सकती थी, श्री जावड़ेकर ने कहा “चुनाव सिर्फ दिल्ली में हो रहे हैं पूरे देश में नहीं।”

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अन्य फैसलों के साथ श्री राम जन्म भूमि कीर्तन क्षेत्र न्यास के गठन को भी मंजूरी दी गयी। इसके साथ ही 67.703 एकड़ अधिगृहित भूमि भी न्यास को हस्तांतरित करने पर भी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी।

श्री जावड़ेकर ने बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा मस्जिद निर्माण के लिए निर्देशित पाँच एकड़ भूमि अयोध्या में ही दी जायेगी।

अरविंद केजरीवाल ने अपने समकक्ष चेहरा घोषित करने की भाजपा को चुनौती देते हुए आप पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में अधिकांश योजनाओं को केंद्र सरकार के साथ लागू करने का वादा किया attacknews.in

नयी दिल्ली, 04 फरवरी । दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में प्रदूषण पर नियंत्रण करने, स्वच्छ पेयजल, स्कूलों में देशभक्ति के कार्यक्रम शुरू करने, भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने और राजधानी को विश्व स्तरीय शहर बनाने का वादा किया है।

इसके साथ ही उन्हाेंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दिल्ली में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने और सीधे उनके साथ बहस करने की चुनौती भी दी है।

श्री केजरीवाल ने मंगलवार को यहां पार्टी का घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि जनतंत्र में जरूरी है बहस। जनता को जानना चाहिए कि कौन सी पार्टी क्या वादे कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा अपना मुख्यमंत्री का प्रत्याशी तय करें ताकि वह उनसे ठीक तरह से बहस कर सकें। बहस में दो एंकर होने चाहिए। यह जनता के सामने होनी चाहिए। अगर जनता को यह नहीं पता कि उनका मुख्यमंत्री का चेहरा कौन है तो वह वोट किसे देंगे। जनतंत्र में मुख्यमंत्री जनता तय करती है। गृह मंत्री अमित शाह इसका फैसला नहीं करेंगे। अमित शाह कह रहे हैं कि दिल्ली की जनता उन्हें ब्लैंक चेक दे दे बाद में वह मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे।

उन्होंने कहा कि दिल्लीवासियों को वह कह चुके हैं कि आप को दिया एक-एक वोट केजरीवाल के पास जाएगा लेकिन भाजपा के पास चेहरा नहीं है तो उनको दिया वोट किसके पास जाएगा। असल में उनका वोट गड्ढे में जाएगा।

श्री केजरीवाल ने कहा कि वह भाजपा को कल दोपहर एक बजे तक का समय देते हैं। अगर भाजपा एक बजे तक मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर देते हैं तो वह बहस के लिए तैयार हैं।

श्री केजरीवाल ने कहा कि पिछले पांच साल में हमारी सरकार ने दिल्ली की जनता को राहत पहुंचाने वाले काम किये हैं और बुनियादी मुद्दों को हल किया है। अगले पांच साल में दिल्ली को विश्वस्तरीय आधुनिक शहर बनाया जाएगा जिस पर देशवासियों का गर्व होगा। उन्होंने कहा कि आप ने घोषणापत्र में साफ-सुथरी दिल्ली और स्वच्छ यमुना की गारंटी के साथ से समाज के सभी तबकों की बात की है जिसे पूरा किया जाएगा।

दिल्ली में आठ फरवरी को सभी 70 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा और11 फरवरी को नतीजे आएंगे।

आम आदमी पार्टी ने दिल्लीवासियों को दस गारंटी दी है जिसमें सभी को 200 यूनिट मुफ्त बिजली, हर घर 24 घंटे शुद्ध पीने के पानी की सुविधा, हर बच्चे के लिए विश्वस्तरीय शिक्षा व्यवस्था, सस्ता सुलभ इलाज, 11 हजार से अधिक बसें और 500 किमी से ज्यादा लंबी मेट्रो लाइनें, वायु प्रदूषण के स्तर को कम से कम तीन गुना घटाने का लक्ष्य, दिल्ली को कूड़े और मलबे के ढेरों से मुक्ति दिलाने, महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, स्ट्रीट लाईट और बस मार्शल के साथ साथ मोहल्ला मार्शल की तैनाती, सभी कच्ची कालोनियों में होगी सड़क, पीने के पानी, सीवर, मोहल्ला क्लीनिक और सीसीटीवी की सुविधा, जहां झुग्गी वहां पक्का मकान बनाना शामिल है।

उन्होंने दस गारंटी के अलावा 28 अन्य वादे किये हैं जिन्हें अगले पांच साल में पूरा किया जाएगा। दिल्ली जनलोकपाल बिल पास करवाने के लिए संघर्ष जारी रखा जाएगा क्योंकि इसे आप की सरकार ने 2015 में विधानसभा में पारित किया था जो केंद्र सरकार के पास लंबित है।

केंद्र सरकार के साथ मिलकर एक मजबूत दिल्ली स्वराज विधेयक लाने का प्रयास किया जाएगा जो मोहल्ला सभाओं की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को औपचारिक रूप देगा और लोगों के हाथों में पर्याप्त बजट और कार्य करने की शक्ति सुनिश्चित करेगा। खाद्य राशन की आपूर्ति में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने और सभी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राशन की घर घर डिलीवरी की जाएगी। सरकार अगले पांच साल में दिल्ली के 10 लाख बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करायेगी।

उन्होंने कहा कि हैप्पिनेस पाठ्यक्रम और एंटरप्रिन्योरशिप पाठ्यक्रम की सफलताओं के बाद उसी तर्ज पर नया देशभक्ति पाठ्यक्रम शुरू होगा। इसका मकसद यह है कि लोगों में देश से, देश के तिरंगे से और इंसानियत से प्रेम करने का भाव बढ़े। हर बच्चा अपनी मातृभाषा पढ़े लेकिन अंग्रेजी भी सीखे, इसके लिए स्कूल से पास हो चुके (ग्रेजुएट, दूसरे कोर्स वालों को) छात्रों के लिए पर्सनेलिटी डेवलेपमेंट और इंग्लिश की कक्षाएं शुरू की जाएगी।

आप ने कहा दिल्ली को दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क में से एक बनाने के लिए दिल्ली के मेट्रो नेटवर्क को 500 किमी बढ़ाया जाएगा। सड़कों को सुंदर, सपाट बनाया जाएगा। अगले साल 40 किमी सड़कें इस तरह पायलट प्रोजेक्ट में बनाई जाएगी।

दिल्ली की सड़कों को साफ सुथरा बनाये रखने के लिए पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मचारी नहीं है। दिल्ली की जनसंख्या 2011 की जनगणना के आधार को मानते हुए एवं आवासीय कालोनियों में तेजी से विस्तार को ध्यान में रखते हुए नये सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। इसके साथ ही सफाईकर्मियों की ड्यूटी के दौरान मौत हो जाती है तो उसके परिजन एक करोड़ की अनुग्रह राशि दी जाएगी।

आप ने अपने घोषणा पत्र में व्यापारियों के वैट के लंबित मामले निपटाने का वादा किया गया। उन्होंने कहा कि व्यापारियों के लिए डीडीए और एमसीडी पर दबाव डालेंगे कि वह दुकानों की सीलिंग न करें। नई दुकानों के लिए व्यवस्थाएं मुहैया कराएंगे। औद्योगित विकास के लिए पूरा फंड दिया जाएगा। दिल्ली में सर्किल रेट की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही दिल्ली के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहले 24 घंटे मार्केट खुलेंगे जिससे इसे 24 घंटे मेहमान नवाजी वाला शहर बनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए हम वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम करने की व्यवस्था करेंगे, ताकि वे अपने परिवार के साथ दिल्ली की अर्थव्यवस्था में भी योगदान दे सकें। उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें अवसर दिए जाएंगे।

अवैध कॉलोनियों के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर मालिकाना हक तय करेंगे। कॉलोनियों के भूमि उपयोग को रेगुलराइज करेंगे।

ओबीसी प्रमाण पत्र के लिए वर्ष 1993 से पहले के निवास प्रमाण पत्र की बाध्यता खत्म कर यहां पांच साल से रह रहे व्यक्ति को ओबीसी का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाएंगे। उच्चतम न्यायालय द्वारा जस्टिस एस एन ढींगरा के अधीन गठित एसआईटी के निष्कर्षों पर तत्काल कार्रवाई करने और 1984 सिख विरोधी नरसंहार के पीड़ितों के लिए न्याय दिलाया जाएगा।

आम आदमी पार्टी अपने सामाजिक, राजनीति, और नैतिक अधिकारों का उपयोग करते हुए संवैधानिक ढांचे के भीतर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर जोर देती रहेगी। किसानों को पचास हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से फसल नुकसान पर मुआवजा देना जारी रहेगा।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पूरा देश शाहीन बाग बन जाने की चेतावनी दी, शशि थरुर ने भाजपा को टुकड़े- टुकड़े गैंग बताया attacknews.in

नयी दिल्ली, 04 फरवरी ।राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि उसकी नीतियों के कारण ही शाहीन बाग बना है और यही हाल रहा तो पूरे देश में शाहीन बाग बन जाएगा।

श्री आज़ाद ने सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि सरकार हर मोर्चे पर विफल होने के कारण लोगों का ध्यान बटाने के लिए राष्ट्रीय नागरिकता कानून (सीएए) लेकर आई और जम्मू-कश्मीर के विकास के बारे झूठ फैलाकर वहाँ 370 हटाया तथा और वहां की पूरी अर्थव्यस्था बर्बाद कर दी। इतना ही नही वहां के नेताओं को नजरबंद कर लिया।

कांग्रेस सदस्य ने इन सभी नेताओं को रिहा करने तथा जम्मू कश्मीर में पुरानी स्थिति बहाल करने के लिए संसद के वर्तमान सत्र में कानून लाने की भी मांग की।

श्री आज़ाद ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में भाजपा के सांसदों द्वारा बार-बार अशोभनीय बातें कहे जाने के लिए भी भाजपा को आड़े हाथ लिया और उन्हें पार्टी से निलंबित करने की मांग की।

भाजपा ही है टुकड़े टुकड़े गैंग: थरूर

कांग्रेस के ही शशि थरूर ने सत्तापक्ष को टुकड़े टुकड़े गैंग का नाम दिया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी देश को हिन्दू, मुसलमान, देशद्रोही-देशभक्त आदि के खांचों में बांटना चाहती है और उसने देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को खतरे में डाल दिया है।

श्री थरूर ने यहां लोकसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए सत्ता पक्ष पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के नारे के साथ सत्ता में आये सत्ता पक्ष गैरकानूनी गतिनिधि निरोधक कानून, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून, नागरिकता संशोधन कानून, सदन में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लेकर दिये गये बयानों से बड़ी मुश्किल से हासिल आज़ादी को खतरे में डाल दिया है।

NRC को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने का केंद्र सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया हैं attacknews.in

नयी दिल्ली, 04 फरवरी । सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है।

गृह मंत्री अमित शाह ने एक तारंकित प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही। उन्होंने कहा “अभी तक सरकार ने एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया है।”

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर असम में एनआरसी लागू कर दिया गया है। स्वयं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेता सदन से बाहर यह कह चुके हैं कि एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जायेगा। देश के कई हिस्सों में तभी से इसका विरोध शुरू हो गया था ।

दस साल में 21,408 लोगों को दी नागरिकता, तीन वर्ष में 804 बंगलादेशियों को वापस भेजा

सरकार ने पिछले 10 साल में 21,408 लोगों को भारतीय नागरिकता दी है जबकि वर्ष 2016 से 2018 तक तीन साल में 804 बंगलादेशी प्रवासियों को उनके देश वापस भेजा गया है।

गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में एक तारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही।

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 के बारे में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में श्री शाह ने बताया कि वर्ष 2016 में 308, 2017 में 51 और वर्ष 2018 में 445 अप्रवासी बंगलादेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेज दिया गया।

राज्यसभा में सीएए और एनआरसी पर नारेबाजी, तृकां का बहिर्गमन

इधर राज्यसभा में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर मंगलवार काे शून्यकाल के दौरान कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (तृकां)के सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की और तृकां के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए जरुरी दस्तावेज पटल पर रखवाये और शून्यकाल चलाने के लिए कांग्रेस के टी. सुब्बारामी रेड्डी का नाम पुकारा तो तृकां के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उन्होेंने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है जिसपर चर्चा होनी चाहिए। उनके समर्थन में तृकां के अन्य सदस्य भी खड़े हो गये।

इस पर श्री नायडू ने कहा कि इस मुद्दे का निपटारा कल सदन में हाे चुका है और इसे दोबारा नहीं उठाया जा सकता। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में सीएए का उल्लेख है और अभिभाषण पर बहस के दौरान इस पर चर्चा की जा सकती है।

इससे पहले सभापति ने जब वित्त मंत्रालय से संबंधित कागजात सदन के पटल पर रखने के लिए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर का नाम पुकारा तो कांग्रेस के सदस्यों ने श्री ठाकुर का विरोध किया और कहा कि उन्हें भड़काऊ बयानबाजी के लिए दंडित किया जाना चाहिए।

शून्यकाल शुरू होने पर कांग्रेस और तृकां के सदस्य सभापति के आसन के समक्ष आ गये और नारेबाजी करने लगे। सभापति ने सदन की सहमति से नारेबाजी के बीच शून्यकाल शुरू करा दिया। शून्यकाल के दौरान सत्तापक्ष के सदस्यों के वक्तव्य के दौरान कांगेस और तृकां के सदस्य नारेबाजी करते रहे जबकि विपक्ष के सदस्यों के वक्तव्य के दौरान वे शांत रहे। नारेबाजी कर रहे सदस्यों के इस व्यवहार का भाजपा के कृषि राज्य मंत्री परसोत्तम रुपाला अन्नाद्रमुक के ए. नवनीत कृष्णन और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के विजय साई रेड्डी ने कड़ा विरोध किया।

शून्यकाल के अंतिम मिनटों में सभापति ने सदस्यों को सदन की कार्यवाही में भाग लेने और जनहित के मुद्दे उठाने के लिए कांग्रेस समेत सभी के सदस्यों का आभार व्यक्त किया तो तृकां के सदस्य सदन से बाहर चले गये।

लंदन बनते जा रहा है आतंकवादियों का अड्डा, आतंकवादी संगठन IS ने रविवार को हुए चाकूबाजी हमले की जिम्मेदारी ली attacknews.in

मॉस्को/लंदन 03 फरवरी (स्पूतनिक) आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने लंदन के स्ट्रीथम हाई रोड पर चाकू हमले की जिम्मेदारी ली है जिसमें दो लोग घायल हो गये।

आईएस से संबद्ध अमाक समाचार एजेंसी ने बताया कि संगठन ने लंदन के स्ट्रीथम हाई रोड पर चाकू हमले की जिम्मेदारी ली है जिसमें एक पुरुष और एक महिला घायल हो गयी।

लंदन हमलावर की पहचान जेल से रिहा अपराधी के रूप में

लंदन से खबर है कि,लंदन में चाकू से हमला करके तीन लोगों को घायल करने वाले हमलावर की पहचान आतंकवादी गतिविधियाें में संलिप्त के रूप में हुई है जिसे हाल ही में जेल से रिहा किया गया था।

रविवार देर रात मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी।
पुलिस के अनुसार स्थानीय समयानुसार रविवार दो बजे एक व्यक्ति ने स्ट्रीथम हाई रोड में कई लोगों पर चाकू से हमला किया। संदिग्ध हमलावार को सशस्त्र अधिकारियों ने गोली मार दी।

पुलिस ने बाद में बताया कि आतंकवादी संबंधित इस घटना में तीन लोग घायल हुए। जिसमें से एक की हालत नाजुक है।

शुरू में पुलिस ने बताया था कि दक्षिण लंदन के स्ट्रीथम में आतंकवादी घटना घटी है। पुलिस का मानना है कि इस घटना को दो लोगों ने अंजाम दिया था।

पुलिस ने बयान जारी कर कहा, “स्ट्रीथम में घटित घटना में तीन अज्ञात लोग घायल हुए हैं।” घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसमें से एक व्यक्ति की हालत नाजुक बनी हुई है।

द गार्जियन के अनुसार सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की कि हमलावर सुदेश अम्मान वर्ष 2018 में आंतकवादी घटनाओं को अंजाम देने और योजना बनाने सहित 13 आतंकवादी वारदातों में दोषी पाया गया था। आरोपी को तीन साल की सजा काटने से पहले ही रिहा कर दिया गया था।

ब्रिटिश समाचार पत्र के अनसार हमले के समय पुलिस ने अम्मान पर नजरें रखे हुए थी।

लंदन में चाकू से हमला, तीन घायल, एक की हालत नाजुक

दक्षिण लंदन में बदमाशों ने चाकू से हमला करके रविवार को तीन लोगों को घायल कर दिया था। पुलिस ने एक संदिग्ध हमलावर को मार गिराया।

शुरू में पुलिस ने बताया था कि दक्षिण लंदन के स्ट्रीथम में आतंकवादी घटना घटी है। पुलिस का मानना है कि इस घटना को दो लोगों ने अंजाम दिया था। पुलिस ने बयान जारी कर कहा, “स्ट्रीथम में घटित घटना में तीन अज्ञात लोग घायल हुए हैं।” घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसमें से एक व्यक्ति की हालत नाजुक बनी हुई है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आतंकवादी होने के प्रमाण सामने आए,खूंखार आतंकवादी के साथ गुजारी थी रात attacknews.in

नयी दिल्ली, 03 फरवरी ।दिल्ली विधानसभा के आठ फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए जैसे-जैसे समय निकट आ रहा है विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच एक-दूसरे पर हमला तेज हो गया है। ताजा क्रम में सूचना एवं प्रसारण मंत्री और विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आतंकवादी होने के प्रमाण हैं।

भाजपा के पंडित पंत मार्ग स्थित प्रदेश कार्यालय में श्री जावड़ेकर ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि श्री केजरीवाल पूछ रहे हैं कि क्या मैं आंतकवादी हूं, तो इस बात के कई सबूत हैं। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे।

इससे पहले पश्चिम दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने श्री केजरीवाल को आतंकवादी कहा था। चुनाव आयोग ने श्री वर्मा के इस बयान के बाद उन्हें भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर करने के साथ ही प्रचार पर 96 घंटे का प्रतिबंध भी लगाया है।

श्री जावड़ेकर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ केजरीवाल मायूस चेहरा बनाकर यह पूछ रहे हैं कि क्या वह आतंकवादी हैं? इसके बहुत सबूत हैं.. केजरीवाल ने स्वयं कहा था मैं अराजकवादी हूं, तो आतंकवादी और अराजकवादी में बहुत अधिक फर्क नहीं होता है।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि श्री केजरीवाल पंजाब के मोगा में खालिस्तान कमांडो फोर्स के आतंकवादी कमांडर गुरिंदर सिंह के आवास पर रात भर ठहरे थे। श्री केजरीवाल वहां भूलवश नहीं बल्कि सोच समझकर रुके थे। आम आदमी पार्टी (आप) नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के विरोध में शाहीन बाग में पिछले करीब 50 दिन से चल रहे धरने-प्रदर्शन का समर्थन कर रही है।

श्री जावड़ेकर ने कहा कि जिन्ना वाली आजादी और असम के विभाजन की बात करने वालों के साथ खड़ा होना भी एक तरह से आतंकवाद है।

हिन्दू विरोधी बता रही उन्हें भाजपा: केजरीवाल

इधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनको हिंदू विरोधी के तौर पर पेश करने की कोशिश की जा रही है, जबकि यह सही नहीं है।

श्री केजरीवाल ने सोमवार को एक टेलीविजन कार्यक्रम में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास उनके खिलाफ बोलने को कुछ नहीं बचा नहीं है, इसलिए वह उन्हें हिदू विरोधी बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले एक साल में बुजुर्गों को माता वैष्णो देवी, ऋषिकेश, हरिद्वार, शिरडी, तिरुपति, द्वारका, मथुरा और वृंदावन की तीर्थ यात्राएं कराईं और भाजपा कहती है कि वह हिन्दू विरोधी हैं।

नरेन्द्र मोदी ने CAA के विरोध में शाहीन बाग के प्रदर्शन को विपक्ष की वोट-बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति के परिणाम का प्रयोग बताया attacknews.in

नयी दिल्ली, 03 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध को लेकर शाहीन बाग में पिछले 50 दिन से चल रहे धरने प्रदर्शन के लिए सोमवार विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति का परिणाम है तथा यह केवल एक संयोग नहीं बल्कि प्रयोग है।

दिल्ली विधानसभा के आठ फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के तहत आने वाली 20 विधानसभा सीटों के लिए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) उम्मीदवारों के समर्थन में आज आयोजित रैली को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा सीलमपुर हो, जामिया हो या फिर शाहीन बाग, बीते कई दिनों से सीएए को लेकर प्रदर्शन हुए हैं । उन्होंने कहा क्या ये प्रदर्शन सिर्फ एक संयोग हैं? नहीं इसके पीछे राजनीति का एक ऐसा डिजाइन है, जो राष्ट्र के सौहार्द्र को खंडित करने वाला है ।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 21वीं सदी के भारत और देश की राजधानी का भविष्य तय करने वाला: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि दिल्ली विधानसभा के लिए आठ फरवरी को होने वाला चुनाव एक ऐसे दशक का पहला चुनाव है जो 21वीं सदी के भारत का और सदी में देश की राजधानी का भविष्य तय करने वाला है।

श्री मोदी ने यहां भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के उम्मीदवारों के पक्ष में पहली चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा किदिल्ली सिर्फ एक शहर नहीं है, बल्कि ये हमारे हिंदुस्तान की धरोहर है । दिल्ली भारत के भिन्न-भिन्न रंगों को एक जगह समेटे हुए एक जीवित परंपरा है । ये दिल्ली सबका स्वागत करती है, सत्कार करती है ।उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा का ये चुनाव इसी गौरव को 21 वीं सदी की पहचान और शान देने के संकल्प का है । ये चुनाव एक ऐसे दशक का पहला चुनाव है, जो 21 वीं सदी के भारत और सदी में देश की राजधानी का भविष्य तय करने वाला है।

प्रधानमंत्री पूर्वी दिल्ली के कड़कड़डूमा स्थित सीबीडी मैदान पर पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली बीस विधानसभा सीटों के लिए भाजपा के उम्मीदवारों के पक्ष में रैली को संबोधित कर रहे थे । इस अवसर पर भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी समेत कई अन्य नेता और भाजपा प्रत्याशी मौजूद थे ।

उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव में दिल्ली के लोगों ने एक-एक वोट से भाजपा की ताकत बढ़ाई और सातों सीटें भाजपा की झोली में डालकर यह बता दिया था कि दिल्ली की जनता किस दिशा में सोच रही है । देश बदलने में दिल्ली के लोगों ने बहुत मदद की है और अब उनका वोट अपनी दिल्ली को भी बदलेगा।

उन्होंने रैली में मौजूद भीड़ की तरफ हाथ उठाते हुए कहा कि दिल्ली के लोगों के मन में क्या है, ये बताने की जरुरत नहीं , ये आज साफ-साफ नजर आ रहा है ।