सुप्रीम कोर्ट ने निकाला सख्त आदेश:फांसी की सजा होने के 6 माह में अमल करना होगा अनिवार्य attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 फरवरी । उच्चतम न्यायालय ने कानूनी दावपेंच के जरिये गुनहगारों की फांसी से बचने की कवायद को ध्यान में रखते हुए मृत्युदंड के मामले में अपील पर छह माह के भीतर सुनवाई शुरू करने का आधिकारिक निर्णय लिया है।

शीर्ष अदालत की ओर से शुक्रवार को जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि नयी व्यवस्था के मुताबिक अगर उच्च न्यायालय फांसी की सजा की पुष्टि करता है और शीर्ष अदालत इसकी अपील पर सुनवाई की सहमति जताता है तो छह महीने के भीतर मामले को तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा, भले ही अपील तैयार हो या नहीं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री इस संबंध में फांसी की सजा सुनाने वाली अदालत को इसकी सूचना देगी और 60 दिनों के भीतर, या जो समय तय होगा, उसके भीतर केस संबंधी सभी रिकॉर्ड शीर्ष अदालत को भेजा जायेगा।

सर्वोच्च न्यायाय के इस आधिकारिक आदेश को निर्भया के गुनहगारों की फांसी में हो रही देरी से जोड़कर देखा जा सकता है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्भया के गुनहगारों की फांसी की सजा पर 13 मार्च 2014 को मोहर लगा दी थी, लेकिन शीर्ष अदालत में अपील पर सुनवाई और फैसला आने में करीब पांच साल लग गए थे।

गौरतलब है कि 18 दिसंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी चार गुनहगारों की अपील खारिज कर दी थी। निर्भया मामले की निचली अदालत में सुनवाई त्वरित हुई थी। निचली अदालत ने एक साल से भी कम समय लेते हुए 10 सितंबर 2013 को फैसला सुना दिया था। उच्च न्यायालय ने भी एक साल से कम समय लिया था, जबकि शीर्ष अदालत में पांच साल लग गए थे।

निर्भया के गुनहगार कानून की कमियों का फायदा उठाकर आज भी फांसी की तारीख टलवाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौतों में गिरफ्तार और बरी डा कफील खान AMU में भड़काऊ भाषण के बाद NSA में गिरफ्तार attacknews.in

लखनऊ 14, फरवरी ।संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बंद गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्रवक्ता डॉक्टर कफील खान पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई है।

अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरी ने बताया कि कफील के खिलाफ एनएसए की कार्यवाही की गई है और वह जेल में ही रहेंगे।

डॉक्टर कफील के भाई अदील खां ने राज्य सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि सरकार चाहती है कि कफील खामोश रहें।

कफील नए नागरिकता कानून के खिलाफ पिछली दिसंबर में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बंद हैं। हालांकि उन्हें जमानत मिल चुकी है मगर उन्हें रिहा नहीं किया गया है।

अदील ने कहा “सरकार मेरे भाई को खामोश कराने की कोशिश कर रही है। कुछ दिन पहले, एक टीवी समाचार चैनल पर कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर कफील ने खुलासा किया था कि गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में रोजाना अनेक बच्चे मर रहे हैं लेकिन सरकार आंकड़ों और तथ्यों को छुपा रही है।” उन्होंने कहा ‘‘डॉक्टर कफील को शुक्रवार सुबह 6 बजे मथुरा जेल से रिहा किया जाना था। मेरा भाई काशिफ अपने वकील के साथ जेल पहुंचा लेकिन 9 बजे जेल में पुलिस बल की तादाद बढ़ा दी गई और हमसे मौखिक रूप से कहा गया कि कफील पर एनएसए की तामील कर दी गई है। ’’ एनएसए के तहत किसी भी व्यक्ति को तब तक जेल में रखा जा सकता है जब तक प्रशासन इस बात से संतुष्ट ना हो जाए कि उस व्यक्ति से राष्ट्रीय सुरक्षा या कानून व्यवस्था को कोई खतरा नहीं है।

खान को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने गत 29 जनवरी को मुंबई में गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। उन्हें मुंबई में गिरफ्तार करने के बाद अलीगढ़ लाया गया था मगर उन्हें फौरन मथुरा जेल भेज दिया गया था।

पुलिस का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी है और अलीगढ़ जेल में कफील खान की मौजूदगी होने से शहर की कानून-व्यवस्था और खराब हो सकती है।

मालूम हो कि डॉक्टर कफील खान को अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई 60 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था। करीब 2 साल के बाद जांच में खान को सभी प्रमुख आरोपों से बरी कर दिया गया था।

राहुल गांधी द्वारा पुलवामा आतंकी हमले को फायदे वाला बताने पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 फरवरी । भाजपा ने पुलवामा आतंकी हमले की बरसी पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि पुलवामा नृशंस हमला था और गांधी परिवार फायदे के अलावा और कुछ सोच ही नहीं सकता।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने अपने ट्वीट में राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा ‘‘पुलवामा में हुआ हमला नृशंस आतंकी हमला था और यह (राहुल का) एक नृशंस बयान है कि किसको फायदा हुआ।’’

पात्रा ने कहा, ‘‘ मिस्टर गांधी, क्या आप फायदे के आगे भी सोच सकते हैं ? जाहिर तौर पर नहीं ।’’

भाजपा प्रवक्ता ने कहा ‘‘यह तथाकथित गांधी परिवार फायदे के अलावा और कुछ सोच ही नहीं सकता । वे सिर्फ भौतिक रूप से ही भ्रष्ट नहीं हैं।..उनकी आत्माएं भी भ्रष्ट हैं ।’’

गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बड़ा आतंकी हमला हुआ था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

राहुल ने पूछा : पुलवामा हमले की जांच में क्या निकला, सरकार में किसे जवाबदेह ठहराया गया:

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को पुलवामा हमले की बरसी पर शहीद जवानों को याद किया और सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि आखिर इस हमले का सबसे ज्यादा फायदा किसे हुआ, इसकी जांच में क्या निकला और सरकार में किस व्यक्ति को जवाबदेह ठहराया गया।

गांधी ने शहीद जवानों के पार्थिव शरीर वाले ताबूतों की तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘आज जब हम पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवानों को याद कर रहे हैं तो हमें यह पूछना है कि इस हमले से सबसे ज्यादा फायदा किसको हुआ?”

उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘ हमले की जांच में क्या निकला? हमले से जुड़ी सुरक्षा खामी के लिए भाजपा सरकार में अब तक किसको जवाबदेह ठहराया गया है?

राजनीति के लिए भाजपा करती है सैनिकों का इस्तेमाल: कांग्रेस

इसी बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव के समय सैनिकों के शौर्य, शहादत और वीरता का इस्तेमाल करती है और फिर उन्हें भूल जाती है इसलिए पुलवामा के शहीदों के परिजन एक साल बाद भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा सेना तथा उनके शौर्य और बलिदान का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करना जानती है। चुनाव के समय और उसके बाद सैनिकों के प्रति उसका रवैया बदल जाता है। चुनाव के समय भाजपा कहती है ‘हम हैं साथ-साथ’ और चुनाव खत्म होने के बाद कहती है ‘हम अापके हैं कौन।’

उन्होंने कहा कि किस तरह से भाजपा सैनिकों की शहादत को भुला देती है, इसका उदाहरण पुलवामा में शहीद हुए सैनिक की विधवा संजू देवी हैं जो सरकार से पूछ रही हैं कि उसने एक साल पहले पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये तथा नौकरी देने का वादा किया था लेकिन अब तक यह वादा पूरा नहीं किया है। इसी तरह का दूसरा उदारहण कौशल कुमार रावत की पत्नी हैं, जिनका कहना है कि शहादत के बाद जब उनके पति की चिता जल रही थी तो फोटो खिंचवाने भाजपा के कई प्रमुख नेता पहुंच गये थे और कई वादे किए थे लेकिन अब एक साल हो गया है, अब तक उन्हें न तो 25 लाख रुपए मिले और न ही नौकरी मिली है।

प्रवक्ता ने आरोप लगाया है कि भाजपा शहीदों के परिजनों की पुकार नहीं सुन रही है। सैनिकों के प्रति भाजपा का वसूल है कि सैनिकों का इस्तेमाल करो और उसके बाद उन्हें उनके हाल पर छोड़ दो। उनका कहना था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर भाजपा सिर्फ इस्तेमाल करना जानती है।

उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले को लेकर भाजपा सरकार से सवाल पूछे जा रहे हैं लेकिन वह चुप्पी साधे है। भाजपा काे बताना चाहिए कि इस मामले में हुई खुफिया चूक, सूचना को गृह मंत्रालय द्वारा नजरअंदाज करने तथा आईईडी का भारत की धरती पर पहुंचने का जिम्मेदार कौन है और पुलिस अधिकारी देवेंदर सिंह की इसमें क्या भूमिका रही है। सरकार काे यह भी बताना चाहिए इस घटना की जांच हो रही है या नहीं और अगर हो रही है तो इसकी रिपोर्ट कब तक आयेगी।

श्री महाकालेश्वर,काशी विश्वनाथ और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने वाली ट्रेन महाकाल एक्सप्रेस को नरेन्द्र मोदी 16 फरवरी को वाराणसी से रवाना करेंगे,यात्रियों को मिलेगी हरेक सुविधा,देरी होने पर मिलेगा मुआवजा attacknews.in

भोपाल, 14 फरवरी । रेल प्रशासन ने यात्रियों को अच्छी सुविधा देने की दिशा में वाराणसी और इंदौर के बीच द्वि-साप्ताहिक एक्सप्रेस चलाने का निर्णय लिया है।

पश्चिम मध्य रेल सूत्रों ने आज बताया कि बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए गाड़ी संख्या 82401-82402 वाराणसी-इंदौर-वाराणसी द्वि-साप्ताहिक एक्सप्रेस चलाने का निर्णय लिया गया है। गाड़ी संख्या 82401 वाराणसी-इंदौर द्वि-साप्ताहिक एक्सप्रेस दिनांक 20 फरवरी से प्रत्येक मंगलवार एवं गुरूवार को एवं गाड़ी संख्या 82402 इंदौर-वाराणसी द्वि-साप्ताहिक एक्सप्रेस दिनांक 21 फरवरी से प्रत्येक बुधवार एवं शुक्रवार को नियमित रूप से वाया वाराणसी-सुल्तानपुर-लखनऊ-कानपुर होकर चलाने का निर्णय लिया गया है।

काशी महांकाल एक्सप्रेस का समय – सुबह 10:55 पर इंदौर से होगी रवाना:

20 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन से काशी महाकाल एक्सप्रेस की शुरुआत होने जा रही है, बनारस से इंदौर के बीच चलने वाली ये ट्रेन तीन ज्योर्तिलिंगों महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर और काशी विश्वनाथ के दर्शन कराएगी.ये ट्रेन हफ्ते में तीन दिन चलेगी।

इसमें मिलेंगी सारी सुविधाएं:

तीन ज्योर्तिलिंगों के दर्शन कराने वाली काशी महाकाल एक्सप्रेस सर्व सुविधायुक्त होगी.एसी कोचों से लैस एक्सप्रेस में वाईफाई की सुविधा रहेगी,वहीं सारे कोच में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं,यात्रियों को पेंट्रीकार में पसंद का खाना भी मिलेगा यानि शिवभक्तों की पसंद का इस ट्रेन में पूरा ध्यान रखा जाएगा,अगर ट्रेन लेट हुई तो यात्रियों को मुआवजा दिया जाएगा,एक घंटा लेट होने पर 100 रूपए और उससे ज्यादा देर होने पर 250 रूपए मुआवजे के रूप में यात्रियों को दिए जाएंगे. एक्सप्रेस में स्लीपर कोच के साथ ही चेयर कार भी तैयार किए गए हैं।

कब,कहां पहुंचेगी-निर्धारित समय:

काशी महाकाल एक्सप्रेस हफ्ते में तीन दिन चलेगी,
ये सुबह 10.55 बजे इंदौर से रवाना होकर दोपहर 12 बजे उज्जैन पहुंचेगी,दोपहर 3.05 बजे संत हिरदाराम नगर बैरागढ़ भोपाल होते हुए शाम 5.08 बजे बीना और 7.48 बजे झांसी पहुंचने का समय तय है,रात 11.35बजे कानपुर सेंट्रल के रास्ते 2.25 बजे प्रयागराज होते हुए सुबह 5 बजे वाराणसी पहुंचेगी, वाराणसी से ट्रेन दोपहर 3.15 बजे चलकर 5.30बजे प्रयागराज होते हुए रात 8.50बजे कानपुर सेंट्रल, 12.42बजे झांसी, सुबह 3 बजकर 20 मिनट पर बीना, 5.25 पर बैरागढ़ स्टेशन के रास्ते सुबह 8 बजे उज्जैन होते हुए 9 बजकर 40 मिनट पर इंदौर जक्शन पहुंच जाएगी।

केंद्रीय रेल मंत्री ने किया ट्वीट:

केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर लोगों को ज्योर्तिलिंगो के दर्शन की सौगात की जानकारी दी।रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा रेलवे भगवान शिव के तीन ज्योर्तिलिंगों-ओंकारेश्वर,महाकालेश्वर,काशी विश्वनाथ को कनेक्ट करने वाली काशी महाकाल एक्सप्रेस शुरू करने जा रहा है.महाशिवरात्रि से ट्रेन शुरू हो रही है। सप्ताह में तीन दिन इंदौर से वाराणसी के बीच चलने वाली एसी ट्रेन में यात्रियों के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

प्रधानमंत्री 16 फरवरी को 3 ज्योतिर्लिंग तीर्थस्थलों- वाराणसी, उज्जैन और ओंकारेश्वर को जोड़ने वाली   महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन को रवाना करेंगे:

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 16 फरवरी 2020 को अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी का एक दिवसीय दौरा करेंगे।

प्रधानमंत्री का श्री जगदगुरू विश्वाराध्य गुरूकुल के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में शामिल होने का भी कार्यक्रम है। वे श्री सिद्धांत शिखामणि ग्रंथ के 19 भाषाओं में अनुदित संस्करण तथा इस के मोबाईल ऐप का भी विमोचन करेंगे।

श्री नरेन्द्र मोदी इसके बाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक केंद्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसी आयोजन में वे पंड़ित दीनदयाल उपाध्याय की 63 फुट की पंच लोहा प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे। यह देश में उनकी सबसे बड़ी प्रतिमा है। 200 से अधिक शिल्पकारों ने एक वर्ष तक दिन रात काम करके इस प्रतिमा को पूरा किया है।

इस स्मारक केंद्र में पंड़ित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन और काल से संबंधित जानकारियां होंगी। ओड़िशा के लगभग 30 शिल्पकारों और दस्तकारों ने पिछले वर्ष के दौरान इस परियोजना पर कार्य किया है।

प्रधानमंत्री एक सार्वजनिक समारोह में 30 से अधिक परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इऩ परियोजनाओं में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में 430 बिस्तर का सुपर स्पेशिएलिटी सरकारी अस्पताल तथा बीएचयू में ही 70 बिस्तर वाला मनोरोग चिकित्सा अस्पताल शामिल हैं।

प्रधानमंत्री वीडियो लिंक के माध्यम से आईआरसीटीसी की महाकाल एक्सप्रेस को रवाना करेंगे। यह ट्रेन 3 ज्योतिर्लिंग तीर्थस्थलों-वाराणसी, उज्जैन और ओंकारेश्वर को जोड़ेगी यह देश में पहली ओवरनाइट प्राइवेट ट्रेन होगी।   

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ‘काशी एक रूप अनेक’ का उद्घाटन करेंगे। वे अमेरिका, इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया सहित विश्व के विभिन्न देशों से आये हुए खरीदारों और दस्तकारों के साथ भी बातचीत करेंगे। ‘काशी एक रूप अनेक’ पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में आयोजित होने वाला दो दिवसीय कार्यक्रम है। इसमें पूरे उत्तर प्रदेश के उत्पादों को प्रदर्शित किया जायेगा।

सुप्रीम कोर्ट में निर्भया गैंगरेप में अलग-अलग फांसी देने का आदेश सुनाते समय जस्टिस भानुमति हूई बेहोश , सुनवाई टली attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 फरवरी । उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर भानुमति शुक्रवार को अदालत कक्ष में उस समय बेहोश हो गयीं जब वह निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चार दोषियों को अलग-अलग फांसी दिये जाने की केंद्र की याचिका पर आदेश सुना रही थीं।

हालांकि न्यायमूर्ति भानुमति जल्द ही होश में आ गयीं और उन्हें वहां डायस पर बैठे अन्य न्यायाधीशों तथा उच्चतम न्यायालय के कर्मियों ने चैंबर में पहुंचाया।

उन्हें इलाज के लिए व्हील चेयर पर ले जा गया।

बाद में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना ने कहा कि मामले में आदेश अब चैंबर में सुनाया जाएगा।

मामले की सुनवाई कर रही तीन सदस्यीय पीठ में न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी शामिल हैं।

जस्टिस भानुमति की तबीयत बिगड़ने पर केंद्र की अपील पर सुनवाई टली:

उच्चतम न्यायालय ने निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की केंद्र एवम् दिल्ली सरकार की विशेष अनुमति याचिका पर शुक्रवार को फैसला नहीं लिखवाया जा सका, क्योंकि फैसला लिखाते वक्त न्यायमूर्ति आर भानुमति की तबीयत अचानक बिगड़ गई।

न्यायमूर्ति भानुमति ने केंद्र की अपील पर सुनवाई 20 मार्च तक टालने संबंधी आदेश लिखवाना शुरू ही किया था कि उनकी तबीयत बिगड़ गई और वह अचेत हो गईं।
खंडपीठ में शामिल न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना ने कहा कि इस मामले में बाद में आदेश जारी किया जाएगा।

बाद में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मीडिया कर्मियों को बताया कि न्यायमूर्ति भानुमति तेज ज्वर से पीड़ित थीं और इस मामले की गंभीरता के मद्देनजर वह सुनवाई के लिए आईं थी।

केंद्र सरकार ने उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें उसने कहा है कि चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं हो सकती।

गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि निर्भया के चारों दोषियों को अलग-अलग समय पर फांसी नहीं दी जा सकती जबकि केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि जिन दोषियों की याचिका किसी भी फोरम में लंबित नहीं है, उन्हें फांसी पर लटकाया जाए। एक दोषी की याचिका लंबित होने से दूसरे दोषियों को राहत नहीं दी जा सकती।

नेताजी के चुनाव लड़ने से पहले उनकी पार्टी को उनके अपराधों का रिकार्ड सार्वजनिक प्रसारित व प्रकाशित करना होगा साथ ही चुनाव आयोग भी इसे ब्रोडकास्ट करेगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 फरवरी । भारतीय राजनीति को अपराधीकरण से मुक्त कराने की दिशा में उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सभी राजनीतिक दलों को निर्देश दिया कि वे अपने प्रत्याशियों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का विवरण सोशल मीडिया और अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करें। न्यायालय ने यह बताने का निर्देश भी दिया है कि ऐसे प्रत्याशियों का चयन करने और बगैर आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों का चयन क्यों नहीं किया।

न्यायालय ने कहा कि राजनीतिक दलों को प्रत्याशी के चयन के 48 घंटे के भीतर या फिर नामांकन पत्र दाखिल करने की पहली तारीख से कम से कम दो सप्ताह पहले, ये विवरण प्रकाशित किया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट ने अपने आदेश में कहा, ‘‘संबंधित राजनीतिक दल ऐसे प्रत्याशी के चयन के 72 घंटे के भीतर इन निर्देशों के अनुपालन के बारे में अपनी रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को सौंपेंगे।’’

पीठ ने कहा कि यह विवरण फेसबुक और ट्विटर सहित राजनीतिक दलों के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म और एक स्थानीय भाषाई अखबार तथा एक राष्ट्रीय दैनिक में प्रकाशित किया जाना चाहिए।

पीठ ने कहा कि जिन प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं उनके चुनाव जीतने की संभावना नहीं बल्कि योग्यता, उपलब्धियां और मेरिट के संदर्भ चयन की वजह भी बतानी चाहिए।

शीर्ष अदालत ने उसके समक्ष पेश आंकड़ों का जिक्र करते हुये कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि पिछले चार आम चुनावों के दौरान राजनीति में अपराधियों के आने की घटनाओं में चिंताजनक बढ़ोत्तरी हुयी है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘हमने देखा है कि राजनीतिक दल शुरूआत में ही आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों के चयन के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं देते हैं।’’

न्यायालय ने कहा कि अगर राजनीतिक दल निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन करने मे विफल रहेगा तो आयोग इसका अनुपालन नहीं होने पर न्यायालय के आदेशों और निर्देशों की अवमानना के रूप में इस तथ्य की ओर शीर्ष अदालत का ध्यान आकर्षित करेगा।

शीर्ष अदालत ने देश में राजनीति को अपराधीकरण से मुक्त कराने के मुद्दे को लेकर दायर न्यायालय की अवमानना याचिका पर सुनाये गये फैसले में ये निर्देश दिये। इस याचिका में दावा किया गया था कि प्रत्याशियों की आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी सार्वजनिक करने संबंधी न्यायालय के सितंबर, 2018 के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है।

न्यायालय ने इस तथ्य का भी जिक्र किया कि 2004 में 24 प्रतिशत सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित थे जबकि 2009 में इनका प्रतिशत बढ़कर 30 हो गया था। यही नहीं, 2014 में दागी सांसदों का प्रतिशत 34 हो गया और 2019 में यह 43 प्रतिशत तक जा पहुंचा है।

सितंबर, 2018 में पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से अपने फैसले में कहा था कि सभी प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने से पहले निर्वाचन आयोग के समक्ष अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि की घोषणा करनी होगी। न्यायालय ने इस विवरण का प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रमुखता से प्रचार और प्रकाशन करने पर भी जोर दिया था।

पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 129 और 142 में प्रदत्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुये निर्देश दिये। पीठ ने 2018 के फैसले का जिक्र करते हुये कहा कि इस निर्णय में न्यायालय ने भारत की राजनीति के अपराधीकरण में हो रही वृद्धि और नागरिकों के बीच ऐसे अपराधीकरण के बारे में जानकारी के अभाव का संज्ञान लिया था। पीठ ने कहा कि 2018 के फैसले में दिये गये निर्देशों का मकसद सूचना के अभाव को दूर करना था।

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘राजनीतिक दलों (केन्द्रीय और राज्य चुनाव स्तर पर) के लिये अपनी वेबसाइट पर चुनाव में प्रत्याशियों के रूप में चुने गये व्यक्तियों के खिलाफ लंबित मामलों (अपराध का स्वरूप, और क्या आरोप निर्धारित किये गये हैं या नहीं, संबंधित अदालत और मुकदमे की संख्या का विवरण) की जानकारी अपलोड करनी होगी।’’

पीठ ने कहा कि राजनीतिक दलों को यह भी बताना होगा कि साफ सुथरी छवि वाले प्रत्याशियों का चयन क्यों नहीं किया गया।

न्यायालय ने गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे व्यक्तियों को राजनीतिक परिदृश्य से रखने के लिये उचित कानून बनाकर राजनीति के अपराधीकरण की बीमारी के इलाज का मसला संसद पर छोड़ दिया था न्यायालय ने कहा था कि राजनीति की दूषित धारा को साफ करने की आवश्यकता है।

इस मामले में अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग ने न्यायालय से कहा था कि ऐसे सांसदों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले लंबित हैं।

आयोग ने भाजपा नेता एवं याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण के इस सुझाव से सहमति व्यक्त की थी कि सभी राजनीतिक दलों के लिये अपने प्रत्याशियों की आपराधिक पृष्ठभूमि अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य किया जाये और यह भी बताया कि आखिर ऐसे व्यक्ति का चयन क्यों किया गया है।

बहरहाल, आयोग आपराधिक पृष्ठभूमि की घोषणा करने में विफल रहने वाले प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों को संविधान के अनुच्छेद 324 के दंडित करने के सुझाव से सहमत नहीं था।

आयोग ने शीर्ष अदालत के फैसले के बाद 10 अक्टूबर, 2018 को फार्म 26 में संशोधन करते हुये एक अधिसूचना भी जारी की थी।

हालांकि, उपाध्याय ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि निर्वाचन अयोग ने चुनाव चिह्न आदेश 1968 और आदर्श आचार संहिता में संशोधन नहीं किया है और उसकी अधिसूचना की कानून की नजर में कोई स्थिति नहीं है।

अमित शाह ने बताये दिल्ली चुनाव में हार के कारण:भाजपा नेताओं को “गोली मारो” और “भारत-पाकिस्तान मैच” जैसे भाषण नहीं देने चाहिए थे attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 फरवरी । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि हाल में दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं को ‘गोली मारो’ और ‘भारत- पाकिस्तान मैच’ जैसे घृणा भरे भाषण नहीं देने चाहिए थे और संभव है कि इस तरह की टिप्पणियों से पार्टी की हार हुई।

बहरहाल, शाह ने कहा कि भाजपा केवल जीत या हार के लिए चुनाव नहीं लड़ती है बल्कि चुनावों के मार्फत अपनी विचारधारा के प्रसार में भरोसा करती है।

उन्होंने ‘टाइम्स नाउ’ के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘‘गोली मारो’ और ‘भारत- पाक मैच’ जैसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए थे। हमारी पार्टी ने इस तरह के बयानों से खुद को अलग कर लिया है।’’

एक सवाल के जवाब में शाह ने स्वीकार किया कि दिल्ली चुनावों के दौरान पार्टी के कुछ नेताओं के बयानों के कारण भाजपा को नुकसान हुआ होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह संभव है कि इस कारण हमारा प्रदर्शन प्रभावित हुआ होगा।’’

गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली चुनावों पर उनके आकलन गलत हुए। हालांकि उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि चुनाव परिणाम संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर जनादेश नहीं था।

शाह ने कहा कि जो कोई भी उनके साथ सीएए से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है वह उनके कार्यालय से समय ले सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘(हम) तीन दिनों के अंदर समय देंगे।’’

उन्होंने कांग्रेस को धर्म के आधार पर विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया।

सीएए का बचाव करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि नये कानून में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है कि इससे मुस्लिमों की नागरिकता छीन जाएगी। कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।

उन्होंने कहा, ‘‘धर्म के आधार पर हमने कभी किसी से भेदभाव नहीं किया। सीएए में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि मुस्लिमों की नागरिकता खत्म कर दी जाएगी। सीएए की केवल आलोचना मत कीजिए बल्कि इसके गुण-दोष के आधार पर चर्चा कीजिए। सीएए न तो मुस्लिम विरोधी है न ही अल्पसंख्यक विरोधी। मैं किसी से भी मिलने के लिए तैयार हूं लेकिन चर्चा गुण-दोष के आधार पर हो। दुर्भाग्य से कोई भी आगे आकर सीएए पर चर्चा नहीं करना चाहता है।’’

शाह ने कहा कि सरकार ने पूरे देश में एनआरसी लागू करने का अभी तक कोई निर्णय नहीं किया है और स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी कार्यक्रम के दौरान जो लोग दस्तावेज नहीं दिखाना चाहते हैं वे नहीं दिखाएं।

बहरहाल उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में एनआरसी लाने का वादा किया था।

सीएए के खिलाफ जारी आंदोलन के बारे में पूछने पर शाह ने कहा कि हर किसी को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन हिंसा को उचित नहीं ठहराया जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अहिंसक प्रदर्शनों को बर्दाश्त करते हैं लेकिन तोड़फोड़ को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतांत्रिक अधिकार है।’’

जम्मू-कश्मीर पर शाह ने कहा कि नेताओं सहित हर कोई नवगठित केंद्र शासित क्षेत्र में जब भी चाहे जाने के लिए स्वतंत्र है और किसी की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों — फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को हिरासत में रखे जाने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि उन पर जनसुरक्षा कानून लगाने का फैसला स्थानीय प्रशासन का है।

उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला ने उच्चतम न्यायालय में अर्जी दी है और इस पर न्यायपालिका को निर्णय करने दीजिए।

डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा:मैं भारत आ रहा हूँ,बहुत उत्सुक हूं; नरेन्द्र मोदी ने कहा:आईये यादगार स्वागत किया जाएगा attacknews.in

वाशिंगटन/नईदिल्ली/अहमदाबाद ,12 फरवरी । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह इस माह अपनी भारत यात्रा को लेकर उत्सुक हैं और उन्होंने संकेत दिए कि उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।

ट्रंप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आमंत्रण पर 24 और 25 फरवरी को भारत आ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति गुजरात के अहमदाबाद भी जाएंगे और वहां एक स्ट्रेडियम में मोदी के साथ एक जनसभा को संबोधित करेंगे।

व्हाइट हाउस द्वारा ट्रंप की भारत यात्रा की तारीखों की घोषणा के एक दिन बाद राष्ट्रपति ने अपने ओवल कार्यालय में संवाददाताओं से कहा,‘‘ वह (मोदी) बहुत भद्र पुरुष हैं और मैं भारत जाने को उत्सुक हूं। हम इस माह अंत में जाएंगे।’’

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने संकेत दिए कि वह भारत के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के इच्छुक हैं।

उन्होंने कहा,‘‘ वे (भारतीय) कुछ करना चाहते हैं और हम देखेंगे…अगर हम कोई सही समझौता कर सके तो उसे करेंगे।’’

वहीं अमेरिका में भारत के नवनियुक्त राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने  कहा कि ट्रंप की होने वाली यात्रा ट्रंप और मोदी के बीच ‘‘ मजबूत व्यक्तिगत घनिष्ठता को दर्शाती है।’’

संधू ने कहा,‘‘ यह संबंधों को नई ऊंचाईयों पर ले जाने की उनकी मजबूत इच्छाशक्ति को भी दर्शाता है।’’

गौरतलब है कि पिछले तीन वर्षों में मोदी और ट्रंप के बीच मित्रवत संबंध रहे हैं 2019 में दोनों ने चार बार मुलाकात की थी। इसके अलावा इस वर्ष अब तक दोनों दो बार फोन पर बातचीत कर चुके हैं।

भारत यात्रा से जुड़े एक प्रश्न पर ट्रंप ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा,‘‘ अभी प्रधानमंत्री मोदी से बात की। ’’

उन्होंने मोदी के साथ हुई अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से उन्हें बताया है कि अहमदाबाद में उनके स्वागत के लिए लाखों लोग मौजूद होंगे।

ट्रंप ने मजाकिया लहजे में संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका में आमतौर पर जितने लोगों को वह संबोधित करते हैं उन्हें अब उसकी ‘ज्यादा खुशी नहीं’ नहीं होगी। वहां संबोधन के दौरान 40 से 50 हजार के बीच लोग होते हैं।

ट्रंप ने कहा,‘‘ उन्होंने (मोदी) कहा कि वहां लाखों की संख्या में लोग होंगे। मेरी समस्या केवल यह है कि उस रात वहां 40 अथवा 50 हजार लोग थे…मैं इससे बहुत खुश नहीं होने वाला…वहां हवाई अड्डे से नए स्टेडियम (अहमदाबाद में)तक 50 से 70 लाख होंगे।’’

ट्रंप ने कहा,‘‘ आपको पता है कि वह दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है। वह (मोदी) इसका निर्माण करा रहे हैं। यह लगभग तैयार है और दुनिया में सबसे बड़ा है।’’

दोनों नेताओं का अहमदाबाद में नवनिर्मित मोटेरा स्टेडियम में संयुक्त संबोधन का कार्यक्रम है।

अमेरिकी राष्ट्रपति का भारत यात्रा पर यादगार स्वागत किया जायेगा : मोदी

नयी दिल्ली, से खबर है कि,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि वह बेहद खुश है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी पत्नी इस महीने भारत की यात्रा पर आ रहे हैं और यहां उनका भव्य एवं यादगार स्वागत किया जायेगा ।

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी पत्नी के 24-25 फरवरी को भारत यात्रा पर आने को लेकर बहुत खुश हूं , हमारे माननीय अतिथियों का यादगार स्वागत किया जाएगा ।’’

मोदी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा विशेष है तथा यह भारत..अमेरिका मैत्री को और मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम होगा ।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत और अमेरिका के मजबूत संबंध न केवल हमारे नागरिकों के लिये बल्कि पूरे विश्व के लिये बेहतर होंगे ।’’

मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका लोकतंत्र और बहुलतावाद के प्रति साझी प्रतिबद्धता रखते हैं और दोनों देश व्यापक मुद्दों पर करीबी सहयोग कर रहे हैं ।

गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस महीने की 24-25 तारीख को दो दिवसीय भारत यात्रा पर होंगे। इस दौरान वह नयी दिल्ली और अहमदाबाद का दौरा करेंगे।

दोनों देशों की सरकारों ने कहा है कि ट्रम्प के पहले दौरे से भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंध और प्रगाढ़ होंगे।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव स्‍टेफनी ग्रिशम ने बताया कि ट्रम्प की पत्नी मेलानिया ट्रम्प भी उनके साथ भारत जाएंगी। राष्ट्रपति 24-25 फरवरी को भारत दौरे पर होंगे।

उधर, नयी दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर राष्ट्रपति ट्रम्प अपनी पत्नी के साथ भारत दौरे पर आएंगे।

ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी ने इस सप्ताहांत फोन पर बात की थी जिसमें दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि यह यात्रा भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करेगी तथा अमेरिकी-भारतीय लोगों के बीच मजबूत एवं स्थायी संबंधों को रेखांकित करेगी।

राष्ट्रपति ट्रंप रोडशो मे शामिल होंगे, अहमदाबाद में ‘हाउडी मोदी’ जैसा कार्यक्रम होगा

अहमदाबाद, से खबर है कि,अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी भारत यात्रा के दौरान अहमदाबाद में भव्य रोडशो में शामिल होंगे और साबरमती आश्रम का दौरा करेंगे। सूत्रों ने बुधवार को बताया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यहां नवनिर्मित क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन भी करेंगे।

उन्होंने बताया कि वे 24 फरवरी को अहमदाबाद पहुंच सकते हैं।

सूत्रों ने बताया कि मोदी के गृह राज्य गुजरात की यात्रा के दौरान ट्रंप विशाल रोडशो में हिस्सा लेंगे। इस रोडशो के लिए अहमदाबाद हवाईअड्डे से साबरमती आश्रम तक 10 किलोमीटर तक के मार्ग को सजाया गया है।

इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति साबरमती आश्रम का दौरा करेंगे जो महात्मा गांधी के यहां ठहरने के दौरान देश के स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र रहा है।

सूत्रों ने बताया कि बाद में ट्रंप और मोदी शहर के मोटेरा इलाके में हाल में बनाए गए सरदार वल्लभभाई पटेल स्टेडियम का उद्घाटन करेंगे और सभा को संबोधित करेंगे जिसमें एक लाख से ज्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि स्टेडियम में आयोजित यह बड़ा कार्यक्रम पिछले साल अमेरिका में हुए “हाउडी, मोदी” कार्यक्रम जैसा होगा।

मोदी और ट्रंप ने पिछले साल सितंबर में ह्यूस्टन में “हाउडी मोदी” कार्यक्रम में मंच साझा किया था और 50,000 भारतीय-अमेरिकियों की भीड़ को संबोधित किया था।

सूत्रों ने बताया कि यहां के लोगों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के आगामी दौरे को “केम छो, ट्रंप” कार्यक्रम नाम दिया है।

इससे पहले एक अधिकारी ने कहा था कि मोटेरा के स्टेडियम में 1.10 लाख लोगों को बिठाने की क्षमता है जो ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट मैदान से ज्यादा है।

दिल्ली में सातवीं विधानसभा गठित,अरविंद केजरीवाल मंत्रिमंडल में पुराने साथी बरकरार रहेंगे attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 फरवरी । दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत के एक दिन बाद बुधवार को नयी दिल्ली विधानसभा का गठन कर दिया गया।

दिल्ली विधानसभा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा गया है कि चुनाव आयोग ने आठ फरवरी हुए चुनाव के नतीजे अधिसूचित कर दिये हैं।

ट्विटर हैंडल के अनुसार, ‘इसी के साथ राष्ट्रीय राजाधानी क्षेत्र की सातवीं विधानसभा का गठन 12.02.2020 (जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 73) से प्रभावी होता है।’

इससे पहले दिन में दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणवीर सिंह ने चुनाव आयोग के वरिष्ठ प्रधान सचिव के एफ विलफ्रेड के साथ राज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात कर उन्हें नव-निर्वाचित विधायकों की सूची सौपी।

मंगलवार को आए दिल्ली विधानसभा के चुनाव नतीजों में आम आदमी पार्टी को 62 सीटों पर जीत मिली जबकि भाजपा ने आठ सीटों पर जीत हासिल की।

केजरीवाल के नए मंत्रिमंडल में बने रहेंगे पुराने साथी

आम आदमी पार्टी (आप) के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि इस बात कि संभावना है कि अरविंद केजरीवाल उन सभी कैबिनेट मंत्रियों को बनाए रखेंगे, जो उनकी पिछली सरकार का हिस्सा थे।

सूत्रों ने बताया कि मनीष सिसोदिया, राजेंद्र पाल गौतम, सत्येंद्र जैन, कैलाश गहलोत, गोपाल राय और इमरान हुसैन को नई आप सरकार में बनाए रखने की संभावना है।

केजरीवाल लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में रविवार को शपथ लेंगे।

सूत्रों ने कहा कि विभागों के बंटवारे पर फैसला बाद में किया जाएगा।

सोनिया गांधी ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चौपड़ा और प्रदेश प्रभारी पीसी चाको की छुट्टी की, शक्ति सिंह गोहिल को बनाया अंतरिम प्रभारी attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 फरवरी ।कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को पार्टी के दिल्ली प्रभारी पद से पीसी चाको और प्रदेश अध्यक्ष पद से सुभाष चोपड़ा के इस्तीफे स्वीकार कर लिए।

पार्टी की ओर से जारी बयान के मुताबिक सोनिया ने कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को दिल्ली का अंतरिम प्रभारी नियुक्त किया है।

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी चाको और चोपड़ा के योगदानों की सराहना करती है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया।

इससे पहले मंगलवार को नतीजे आने के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था।

गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप ने 62 सीटें हासिल करके शानदार जीत दर्ज की है। भाजपा को महज आठ सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने न तो इस्तीफे की पेशकश की है और न ही इस्तीफा मांगा गया है attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 फरवरी ।दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के खराब प्रदर्शन के मद्देनजर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने न तो पद छोड़ने की पेशकश की है और न ही उन्हें पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया है।

हालांकि, सूत्रों ने दावा किया कि तिवारी ने पार्टी के एक शीर्ष पदाधिकारी से संपर्क किया और भाजपा को आम आदमी पार्टी (आप) के हाथों मिली करारी हार के चलते दिल्ली इकाई प्रमुख के रूप में पद छोड़ने की पेशकश की।

तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, “न तो मुझे इस्तीफा देने के लिए कहा गया है और न ही मैंने अपना इस्तीफा दिया है।”

दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद तिवारी ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि वह दिल्ली भाजपा प्रमुख के रूप में काम जारी रखेंगे या नहीं, यह पार्टी का “आंतरिक मामला” है।

भाजपा करीब दो दशकों बाद राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही थी, हालांकि आप ने 70 सदस्यों वाली विधानसभा में पार्टी को आठ सीटों तक सीमित कर दिया। आप को 62 सीटों पर जीत हासिल हुई।

तिवारी को नवंबर 2016 में दिल्ली भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, और वह अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। पिछले साल पार्टी के संगठनात्मक चुनावों को विधानसभा चुनावों के कारण स्थगित कर दिया गया था।

नरेन्द्र मोदी ने बताया:130 करोड़ लोगों के भारत देश में 1.5करोड़ लोग ही आयकर देते हैं,कर नहीं देने वालों का भार ईमानदार करदाताओं पर पड़ता हैं, देश की जनता कर देने का आत्म-मंथन करें attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर प्रणाली को नागरिक केंद्रित बनाए जाने का जिक्र करते हुए बुधवार को कहा कि देश में बहुत सारे लोगों द्वारा कर नहीं देने का भार ईमानदार करदाताओं पर पड़ता है, ऐसे में प्रत्येक भारतीय को इस विषय पर आत्ममंथन कर ईमानदारी से कर देना चाहिए।

समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ समिट’ को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘जब बहुत सारे लोग कर नहीं देते, कर नहीं देने के तरीके खोज लेते हैं, तो इसका भार उन लोगों पर पड़ता है, जो ईमानदारी से कर चुकाते हैं। इसलिए, मैं आज प्रत्येक भारतीय से इस विषय में आत्ममंथन करने का आग्रह करूंगा। क्या उन्हें ये स्थिति स्वीकार है ? ’’

उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में देश में 1.5 करोड़ से ज्यादा कारों की ब्रिकी हुई है। तीन करोड़ से ज्यादा भारतीय कारोबार के काम से या घूमने के लिए विदेश गए हैं, लेकिन स्थिति ये है कि 130 करोड़ से ज्यादा के हमारे देश में सिर्फ 1.5 करोड़ लोग ही आयकर देते हैं।

उन्होंने कहा कि वह सभी देशवासियों से आग्रह करेंगे कि देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने वालों को याद करते हुए इस बारे में संकल्प लें और प्रण लें कि ईमानदारी से जो टैक्स बनता है, वह देंगे ।

मोदी ने कहा कि एक नागरिक के तौर पर देश हमसे जिन कर्तव्यों को निभाने की अपेक्षा करता है, वो जब पूरे होते हैं, तो देश को भी नयी ताकत और नयी ऊर्जा मिलती है। यही नयी ऊर्जा, नयी ताकत, भारत को इस दशक में भी नयी ऊंचाइयों पर ले जाएगी ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल हो गए हैं, जहां करदाताओं के अधिकारों को स्पष्टता से परिभाषित करने वाला करदाता चार्टर भी लागू होगा।

सरकार के कार्यो एवं प्रतिबद्धताओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ दुनिया का सबसे युवा देश, अब तेजी से खेलने के मूड में है। सिर्फ 8 महीने की सरकार ने फैसलों की जो सेंचुरी बनाई है, वो अभूतपूर्व है। भारत ने इतने तेज फैसले लिए, इतनी तेजी से काम हुआ । ’’

उन्होंने कहा कि आज का विषय ‘‘इंडिया एक्शन प्लान 2020’’ है लेकिन आज का भारत तो पूरे दशक की कार्य योजना पर काम कर रहा है ।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ देश में हो रहे इन परिवर्तनों ने, समाज के हर स्तर पर नयी ऊर्जा का संचार किया है, उसे आत्मविश्वास से भर दिया है। आज देश के गरीब में ये आत्मविश्वास आ रहा है कि वो अपना जीवन स्तर सुधार सकता है, अपनी गरीबी दूर कर सकता है । ’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भारत का लक्ष्य है अगले पाँच साल में अपनी अर्थव्यवस्था को 5000 अरब डॉलर तक का विस्तार देना। ये लक्ष्य, आसान नहीं, लेकिन ऐसा भी नहीं कि जिसे प्राप्त ही नहीं किया जा सके

उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ये बहुत आवश्यक है कि भारत में विनिर्माण बढ़े, निर्यात बढ़े। इसके लिए सरकार ने अनेक फैसले लिए हैं ।

उन्होंने कहा कि भारत ने इतने तेज फैसले लिए, तेज गति से काम किया। देश के हर किसान को पीएम किसान योजना के दायरे में लाने का काम हुआ, इसके साथ किसान, मजदूर, दुकानदार को पेंशन देने की योजना, पानी जैसे अहम विषय पर जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया ।

मोदी ने कहा कि मध्यम वर्ग के अधूरे घरों को पूरा करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपये का विशेष कोष बना, दिल्ली के 40 लाख लोगों को घरों पर अधिकार देने वाला कानून बनाया, तीन तलाक से जुड़ा कानून और बच्चों के उत्पीड़न के खिलाफ सख्त सजा का कानून बनाया गया ।

देश के समक्ष चुनौतियों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार के प्रयासों के बीच, ये भी सही है कि भारत जैसी ‘उभरती अर्थव्यवस्था’ वाले देश के सामने चुनौतियां भी ज्यादा होती हैं, उतार-चढ़ाव भी आते हैं और वैश्विक परिस्थितियों का प्रभाव भी ज्यादा झेलना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि अकसर सरकार के ये प्रयास सुर्खियां नहीं बन पाते लेकिन आज हम दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल हो गए हैं, जहां करदाताओं के अधिकारों को स्पष्टता से परिभाषित करने वाला चार्टर भी लागू होगा

मोदी ने कहा, ‘‘ पहली बार किसी सरकार ने छोटे शहरों के आर्थिक विकास पर ध्यान दिया है और पहली बार किसी सरकार ने इन छोटे शहरों के बड़े सपनों को सम्मान दिया है ।’’

उन्होंने कहा कि आज छोटे शहरों के बड़े सपनों को नए नेशनल हाई-वे और एक्सप्रेस-वे बुलंदी दे रहे हैं। उड़ान के तहत नए एयरपोर्ट, नए वायु मार्ग बनाए जा रहे हैं और उन्हें वायु सम्पर्क से जोड़ रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में छोटे शहरों में पासपोर्ट सेवा केंद्र खुलवाए गए हैं ।

असम का NRC का डाटा को लेकर हड़कंप मचने से पहले ही उसके सुरक्षित होने का स्पष्टीकरण गृह मंत्रालय ने दे दिया attacknews.in

गुवाहाटी/नयी दिल्ली, 12 फरवरी । विवादास्पद एनआरसी का डाटा ऑफलाइन होने को लेकर चिंताओं के बीच केन्द्र ने बुधवार को कहा कि एनआरसी का डाटा सुरक्षित है, हालांकि कुछ तकनीकी मुद्दे देखे गए और उन्हें जल्द ही हल कर लिया जाएगा। वहीं देश की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी विप्रो ने कहा कि संबंधित प्राधिकरण ने परियोजना के सेवा अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया।

इसके अनुबंध की समयसीमा अक्टूबर 2019 में ही समाप्त हो गयी थी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय का यह स्पष्टीकरण उन खबरों के मद्देनजर आया है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अंतिम सूची का डेटा उसकी आधिकारिक वेबसाइट से ऑफलाइन हो गया है।

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘एनआरसी डेटा सुरक्षित है। क्लाउड पर कुछ तकनीकी मुद्दे देखे गए। इन्हें जल्द ही हल किया जा रहा है।’’

विप्रो कंपनी ने कहा कि लंबी नीलामी प्रक्रिया के बाद विप्रो को 2014 में असम की एनआरसी प्रणाली को व्यवस्थित करने की परियोजना के लिये चुना गया था।

कंपनी ने ईमेल के जरिये जारी एक बयान में कहा कि उसने सद्भावना दिखाते हुए मेजबान सेवा शुल्क का भुगतान जनवरी के अंत तक जारी रखा। उसने कहा कि यदि प्राधिकरण अनुबंध का नवीनीकरण करता है तो वह ये सेवाएं पुन: मुहैया कराने को तैयार है।

कंपनी ने कहा, ‘‘परियोजना भारत के महापंजीयक अैर गृह मंत्रालय द्वारा तैयार की गयी थी और उच्चतम न्यायालय इस परियोजना की निगरानी कर रहा था। विप्रो को आईटी सेवा प्रदाता के नाते प्रौद्योगिकी की संरचना तथा तकनीकी समाधान मुहैया कराने का काम दिया गया था।’’

कंपनी के बयान से कुछ ही देर पहले केंद्र सरकार ने कहा कि असम का एनआरसी डेटा सुरक्षित है। कुछ तकनीकी समस्याएं दिख रही हैं, जिन्हें शीघ्र ही दूर कर लिया जायेगा।

विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह ‘‘दुर्भावनापूर्ण’’ और ‘‘जानबूझकर’’ की गई कार्रवाई है।

एनआरसी के राज्य संयोजक हितेश देव शर्मा ने माना कि डेटा ऑफलाइन हो गया है लेकिन उन्होंने इसके पीछे किसी तरह की ‘‘दुर्भावना’’ के आरोप को खारिज किया।

बड़े पैमाने पर डेटा के लिए क्लाउड सेवा आईटी कंपनी विप्रो ने मुहैया कराई थी और उनका अनुबंध पिछले साल 19 अक्टूबर तक का था। बहरहाल, पूर्व संयोजक ने इस अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया।

शर्मा ने बताया कि इसलिए विप्रो द्वारा निलंबित किए जाने के बाद 15 दिसंबर से डेटा ऑफलाइन हो गया था।

उन्होंने बताया कि राज्य संयोजक समिति ने 30 जनवरी को अपनी बैठक में आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने का फैसला किया और फरवरी के पहले सप्ताह के दौरान विप्रो को पत्र लिखा।

शर्मा ने कहा, ‘‘एक बार जब विप्रो डेटा को ऑनलाइन कर देगी तो यह जनता के लिए उपलब्ध होगा। हमें उम्मीद है कि लोगों को अगले दो-तीन दिनों में डेटा उपलब्ध हो जाएगा।’’

एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित होने के बाद असली भारतीय नागरिकों को शामिल किए जाने तथा बाहर किए गए लोगों की पूरी जानकारी उसकी आधिकारिक वेबसाइट
http://www.nrcassam.nic.inपर अपलोड की गई।

इस बीच आईटी कंपनी विप्रो के साथ अनुबंध के समय पर नवीनीकरण नहीं होने संबंधी बात राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) प्राधिकरण के स्वीकार किये जाने के एक दिन बाद बुधवार को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के समक्ष एक आरटीआई आवेदन दाखिल किया गया।

इस आरटीआई आवेदन में आईटी फर्म के साथ समझौते का विवरण मांगा गया है।

हालांकि एनआरसी प्राधिकरण ने सूचना ऑफलाइन होने वाली जानकारी में कुछ भी गलत होने से इनकार किया है।

वरिष्ठ पत्रकार सह आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने सरकार की आईटी शाखा एनआईसी के पास एक आरटीआई आवेदन दाखिल किया और अपने ट्विटर अकाउंट के जरिये इसे सार्वजनिक किया।

उन्होंने असम की आधिकारिक एनआरसी सूची की ‘ऑनलाइन होस्टिंग’ और संग्रहण के बारे में विप्रो के साथ समझौते की एक प्रति मांगी है।

असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने भारत के महापंजीयक को पत्र लिखा और उनसे मामले को तत्काल देखने का अनुरोध किया।

पाकिस्तान ने FATF की काली सूची में आने से बचने आतंकवादी हाफिज़ सईद को 5 साल की सजा दिलवाने के बाद भी भारत ने आतंकवादी सबूत रखने की तैयारी पूरी की attacknews.in

इस्लामाबाद/नईदिल्ली , 12 फरवरी ।पेरिस में होने वाली वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की बैठक से चार दिन पहले पाकिस्तान की एक अदालत ने मुंबई हमले 2008 के साजिशकर्ता हाफिल सईद को आतंकवाद को वित्त पोषित करने वाले दो मामले में साढ़े पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई है।

समाचार पत्र द डान की एक रिपोर्ट के अनुसार जमात-उद-दावा के प्रमुख पर दोनों मामलों में 15-15 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। उसे पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) ने पिछले वर्ष जुलाई में उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह लाहौर से गुजरावाला जा रहा था।

इस सजा के मामले में भारतीय जांच एजेंसियों का कहना है कि यह पेरिस बैठक से पहले खुद को ब्लैक लिस्ट होने से बचाने के लिए पाकिस्तान का एक पैंतरा है।

आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद को 2008 के मुंबई हमलों के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद ने प्रतिबंधित कर दिया था। उन हमलों में 166 लोग मारे गए थे।हाफिज सईद पर पाकिस्तान में 23 आतंकी मामले दर्ज हैं।

भारत ने उसके खिलाफ आतंकी मामलों का डोजियर भी दिया है। इसमें पाकिस्तान को ऐसे सबूत भी दिए गए, जिसमें आतंक के सरगना हाफिज सईद को पाकिस्तान में खुलेआम घूमने और भारत विरोधी रैलियों को प्रभावशाली तरीके से संबोधित करने की अनुमति दी गई थी।

2017 में हाफिज सईद और उसके चार सहयोगियों को पाकिस्तान सरकार ने आतंकी कानूनों के तहत हिरासत में लिया था, लेकिन लगभग 11 महीने बाद उसे रिहा कर दिया गया। न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने उसके कारावास को और अधिक बढ़ाने से इनकार कर दिया था।

इसके बाद भी हाफिज सईद की आतंकी गतिविधियां जारी रही। भारतीय जांच एजेंसियां, एनआईए और ईडी ने उसके खिलाफ पर्याप्त एवं ठोस सबूत एकत्रित किए थे। इसके बाद पाकिस्तान को चेतावनी दी गई कि उसकी जमीन से हाफिज सईद भारत में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। भारत इस मामले को प्रभावशाली तरीके से एफएटीएफ में ले गया।

अक्टूबर 2019 में एफएटीएफ ने फरवरी 2020 तक पाकिस्तान को अपनी ग्रे सूची में रखने का फैसला किया था। इससे पाकिस्तान को एफएटीएफ की 27-बिंदु कार्य योजना को लागू करने का समय मिल गया।

एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान की एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और काउंटरिंग ऑफ टेररिस्ट फाइनेंसिंग नियमों की कमियों के कारण उसे अपनी ग्रे लिस्ट में डाल दिया था।

हालांकि ग्रे सूची में नाम आने के बाद कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाता, लेकिन यदि कोई देश लगातार इस सूची में बना रहता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाले जाने का खतरा पैदा हो जाता है।पाकिस्तान आज उसी हालत में है।

एफएटीएफ ने गत अक्तूबर में पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दी थी कि वह फरवरी 2020 तक सुधार करे।
कुछ सख्त कदम उठाकर आगे का प्लान भी बताए।पिछली बार की एफएटीएफ बैठक में पाकिस्तान, टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के 27 मानकों में से 22 पर खरा नहीं उतर पाया था।यही वजह रही कि पाकिस्तान को चेतावनी देकर फरवरी 2020 तक एक्शन प्लान को पूरा करने की बात कही गई थी।

सूत्रों के अनुसार, भारत की ओर से कैबिनेट सचिवालय, फाइनेंसियल इंटेलीजेंस यूनिट, एनआईए, ईडी, आयकर विभाग और डीआरआई जैसी एजेंसियों के अफसरों की जो टीम पेरिस भेजी जा रही है, वह पाकिस्तान की कई करतूतों का पर्दाफाश करेगी।

इस टीम के पास उन 27 मानकों की पूरी रिपोर्ट है, जिन्हें पूरा करने के लिए पाकिस्तान को कहा गया था। एफएटीएफ की बैठक में कई तरह के अदालती आदेशों की प्रतियां भी पेश की जाएंगी। पाकिस्तान, किस तरह से अभी तक आतंकियों को प्रोत्साहन दे रहा है, इस बाबत सबूतों की लंबी फेहरिस्त एफएटीएफ बैठक में रखी जाएगी।

इस पूरे मामले में पेरिस में 16 फरवरी से लेकर 21 फरवरी तक होने जा रही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डलवाने के लिए भारत कोई कसर बाकी नहीं रखेगा। इसके लिए विभिन्न जांच एजेंसियों के टॉप अफसर सबूत लेकर पेरिस रवाना हो रहे हैं।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्राओं ने दिल्ली पुलिस पर उनके गुप्तांगों पर हमला करने,जांघों पर चढने और हिजाब फाड़ने के लगाये आरोप attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 फरवरी । जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्रों के एक समूह ने बुधवार को आरोप लगाया कि सोमवार को जब वे संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ संसद तक मार्च करने की कोशिश कर रहे थे तब पुलिस ने छात्राओं के गुप्तांगों पर लात मारी, कपड़े और हिजाब फाड़ दिया एवं गालियां दीं।

हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों पर फौरन कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को सीएए और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ जामिया के सैकड़ों छात्र और आसपास के लोग संसद तक मार्च करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन पुलिस ने रास्ते में ही उन्हें रोक दिया था जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों में झड़प हो गई थी।

जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) के परचम तले करीब 20 छात्र बुधवार को मीडिया के सामने आए और उस दिन पुलिस द्वारा कथित तौर पर बरती गई बर्बरता को बयां किया।

इन छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सोमवार को उन्हें होली फैमिली अस्पताल के पास रोका और जूते, डंडे, छड़ और लोहे के बने कवच से पिटाई की।

उल्लेखनीय है कि सोमवार की झड़प के बाद कम से कम 23 लोगों को अल शिफा और अंसारी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया था।

ये छात्र अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।

छात्राओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके गुप्तांगों पर लात मारी, उनकी जांघ पर चढ़ गए और हिजाब फाड़ दिया।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के द्वार संख्या सात से दोपहर में संसद के लिए मार्च शुरू किया था। सीएए के खिलाफ करीब दो महीने से प्रदर्शन चल रहा है लेकिन गत शुक्रवार और शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने चुनाव के चलते प्रदर्शन स्थल को बदल दिया गया था।

प्रदर्शनकारी जब दो किलोमीटर का रास्ता तय कर चुके थे तब पुलिस ने उन्हें रोका और अनुमति नहीं होने और निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला देते हुए उनसे आगे नहीं बढ़ने की अपील की।