तेज होने लगी लव जेहाद पर कानून बनाने की मांग, योगी आदित्यनाथ ने किया हैं वादा”उप्र में लव जिहाद करने वालों के खिलाफ बनेगा कानून”,और “धर्म परिवर्तन मामले में हाईकोर्ट के आदेश का होगा कड़ाई से पालन ” attacknews.in

मुरादाबाद,01नवंबर।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आपरेशन ‘शक्ति’के जरिए बहन, बेटियों के साथ नाम व पहचान छिपाकर परेशान करने वालों के खिलाफ प्रभावी कानून बना कर लव जिहाद को सख्ती से रोकने के संकल्प को संत-महात्माओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है तथा इस संवेदनशील मुद्दे पर कानून बनाने की मांग जोर पकडऩे लगी है।

रविवार को मुरादाबाद प्रवास पर काली सिद्धि पीठ के महामंडेलश्वर स्वामी नंद ब्रह्मचारी ने लव-जेहाद पर कानून बनाने की मांग करते हुए कहा है की हरियाणा के बल्लभगढ़ में हुई निकिता तोमर को जिस प्रकार से मारा गया है वो घोर अपराध है। कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो उसे छोड़ना नही चाहिए। ऐसे लोगों के लिये फांसी की सजा भी कम है।

उप्र में लव जिहाद करने वालों के खिलाफ बनेगा कानून: योगी आदित्यनाथ

कल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया है कि लव जेहाद के खिलाफ कानून बनेगा और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जायेगी।

श्री योगी ने शनिवार को यहां आयोजित चुनावी सभा में कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं की रक्षा के लिये मिशन शक्ति की शुरूआत कर चुकी है और यह आगे आपरेशन शक्ति में बदलेगा। महिलाओं की इज्जत के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ अब पहले से भी अधिक सख्त कार्रवाई की जायेगी और अब लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाया जायेगा।

धर्म परिवर्तन मामले में हाईकोर्ट के आदेश का होगा कड़ाई से पालन : योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज साफ शब्दों ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन अवैध है का कड़ाई से पालन किया जाएगा और शीघ्र ही इसके लिए प्रभावी कानून बनाया जाएगा ।

योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को जौनपुर जिले में मल्हनी विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के प्रत्याशी मनोज सिंह के समर्थन में सिकरारा चौराहे के पास बगीचे में एक चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केवल शादी के लिए धर्म परिवर्तन को अवैध करार कर दिया है। अब इसका पालन कड़ाई से कराया जाएगा और इसके लिए शीघ्र ही प्रभावी कानून बनाया जाएगा ।

सपा उप्र में शुरू करना चाहती है दंगों की एक नई श्रंखला: योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर आरोप लगाया है कि सपा प्रदेश के अन्दर दंगों की एक नई श्रंखला शुरू करना चाहती हैं।

श्री योगी ने शनिवार को देवरिया में पार्टी प्रत्याशी डाॅ0 सत्य प्रकाश मणि त्रिपाठी के समर्थन में एक चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि सपा में तो अब राजनीतिक क्षमता का अकाल पड़ता दिख रहा है। अब उनमें क्षमता तो नहीं है, लेकिन प्रदेश के अन्दर षंडयंत्र का सलाह देकर दंगा कराना चाहती है।

उन्होंने कहा कि हम लोगों ने भी तय किया है कि प्रदेश में दंगाईयों की जगह जेल या कहीं और होगी। प्रदेश के साढ़े तीन साल के शासन काल में एक भी दंगे नहीं हुए।

लव जेहाद का खेल खेलने वालो का होगा ‘राम नाम सत्य’: गिरी

प्रयागराजसे खबर है कि,उत्तर प्रदेश में लव जेहाद के खिलाफ कानून बनाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने स्वागत करते हुए कहा कि लव जेहाद का खेल खेलने वालो का “राम नाम सत्य होगा।

परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने रविवार को कहा कि लव जेहाद के विषय को बेहद गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि यह अपराध की श्रेणी में आता है। अब समय आ गया है जब तथाकथित लव जेहादियों का “राम नाम सत्य” हो जाना चाहिए।

उन्होंने कहा है कि लव जिहादियों को ऐसा दंड मिले कि उनकी आने वाली पीढ़ियां उसे याद कर कांप जाएं और दोबारा ऐसा दुस्साहस करने की हिमाकत नहीं करें।

महंत गिरी ने कहा कि उच्च न्यायालय ने भी हाल ही में अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है केवल शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं है और यह दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।

श्री गिरी ने कहा कि यदि साधु-संतो की राय ली जाए तो लव‌ जेहादियों को बीच चौराहे पर जनता के बीच फांसी पर लटका देना चाहिए। लव जेहाद की बढ़ रही घटनाओं के पीछे कहीं न कहीं एक संगठित गिरोह काम कर रहा है। इसमें मुस्लिम धर्मगुरु और मौलाना भी शामिल होते हैं। उन्होंने कहा है कि लव जेहादियों का संगठित गिरोह है और निश्चित तौर पर इन्हें फंडिंग भी की जाती है। इसलिए लव जेहादियों पर रोक लगाने के लिए पहले इनकी फंडिंग को रोकना जरूरी है।

चुनाव आयोग ने कोविड-19 का टीका मुफ्त देने का वादा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना,भाजपा ने बिहार चुनाव में जारी घोषणा पत्र में  टीका मुफ्त देने का वादा किया है attacknews.in

नयी दिल्ली, 31 अक्टूबर । निर्वाचन आयोग ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा जारी घोषणा पत्र में कोविड-19 का टीका मुफ्त देने का वादा करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है।

आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले की शिकायत पर जवाब देते हुए आयोग ने कहा कि उसने पाया कि इस मामले में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है।

आयोग ने कहा, ‘‘ … आदर्श आचार संहिता के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं पाया गया है।’’

उल्लेखनीय है कि गोखले ने दावा किया था कि मुफ्त टीके का वादा पक्षपातपूर्ण और चुनाव के दौरान केंद्र सरकार द्वारा सत्ता का दुरुपयोग है।

सूत्रों ने बताया कि आयोग ने आचार संहिता के आठवें खंड में चुनाव घोषणा पत्र को लेकर जारी दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए निष्कर्ष निकाला कि मुफ्त टीके का वादा नियमों का उल्लंघन नहीं करता है।

निर्वाचन आयोग ने एक प्रावधान का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘संविधान में राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों में कहा गया है कि राज्य नागरिकों के कल्याण के लिए योजनाएं बनाएगा और ऐसे में चुनाव घोषणा पत्र में ऐसी कल्याणकारी योजना को लागू करने के वादे पर कोई आपत्ति नहीं हो सकती।’’

आयोग ने एक अन्य प्रावधान को रेखांकित करते हुए कहा कि मतदाताओं का भरोसा केवल उन्हीं वादों के भरोसे हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए, जिन्हें पूरा किया जा सकता है।

निर्वाचन आयोग ने अपने जवाब में कहा, ‘‘यह साफ किया जाता है कि चुनावी घोषणा पत्र पार्टियों और उम्मीदवारों द्वारा किसी खास चुनाव के संदर्भ में जारी किए जाते हैं।’’

गोखले ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘भारत के निर्वाचन आयोग ने इस तथ्य को आश्चर्यजनक रूप से नजरअंदाज किया कि केंद्र सरकार ने यह घोषणा एक राज्य विशेष के लिए की और उक्त कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब चुनावी माहौल बिगड़ रहा है।’’

उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी किया था, जिसमें भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से टीके की मंजूरी मिलने के बाद बिहार के लोगों को मुफ्त टीका देने का वादा किया गया था।

पत्नी ऐश्वर्या राय को प्रताड़ित करने का दण्ड मिलने की आशंका में लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप वर्तमान सीट महुआ को छोड़ समस्तीपुर की हसनपुर सीट से चुनावी रण में उतरे लेकिन उनकी जीत आसान होने के आसार नहीं attacknews.in

हसनपुर (बिहार), 3 1अक्टूबर । लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव अपनी वर्तमान सीट महुआ को छोड़ कर समस्तीपुर की हसनपुर विधानसभा सीट से चुनावी रण में उतरे हैं लेकिन यादव बहुल इस सीट पर जदयू से वर्तमान विधायक राजकुमार राय की चुनौती के कारण उनकी जीत आसान होने के आसार नहीं हैं।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि तेजप्रताप यादव ने महुआ सीट इस लिए छोड़ी है क्योंकि उन्हें अलग रह रही उनकी पत्नी एश्वर्य राय से वहां चुनौती मिलने की आशंका थी।

महुआ सीट से परसा विधानसभा क्षेत्र लगा हुआ है जो एश्वर्य राय के पिता चंद्रिका राय का गढ़ माना जाता है । तेज प्रताप और एश्वर्य का विवाह 2018 में हुआ था लेकिन यह ज्यादा दिन नहीं चल पाया। अभी दोनों के विवाह के विवाद का मामला आदालत में है ।

एश्वर्य राय परसा विधानसभा क्षेत्र में अपने साथ लालू परिवार के कथित बुरे बर्ताव का मुद्दा उठा रही हैं और अपने लिये न्याय मांग रही हैं ।

तेज प्रताप के लिये हसनपुर आसान सीट नहीं है। इस सीट पर उनका मुकाबला नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के उम्मीदवार एवं वर्तमान विधायक राजकुमार राय से है जो 2010 से ही इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

यादव बहुल इस सीट पर पप्पू यादव की जनाधिकार पार्टी ने भी यादव जाति के उम्मीदवार अर्जुन यादव को मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में भी वे बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव में उतरे थे ।

इस सीट पर दूसरे चरण में तीन नवंबर को मतदान होगा । इस सीट पर कुल आठ उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं ।

तेज प्रताप इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं । वह स्थानीय युवाओं के साथ क्रिकेट खेलने, खेतों में ट्रैक्टर चलाने, लोगों के साथ सत्तू और लिट्टी चोखा खाने और बांसुरी बजाने जैसे प्रचार के अनोखे तरीकों से लोगों को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं ।

हसनपुर विधानसभा सीट पर करीब 65 हजार यादव मतदाता हैं जबकि मुस्लिम वोटरों की संख्या करीब 25 हजार है, सवर्ण मतदाताओं की संख्या लगभग 20 हजार है । यहां पासवान मतदाताओं की संख्या करीब 18 हजार, कुशवाहा मतदाताओं की संख्या 16 हजार और अति पिछड़े मतदाताओं की संख्या 13 हजार है ।

जदयू उम्मीदवार 2010 में राजद के एम-वाई समीकरण के मुकाबले अन्य जातियों की गोलबंदी के सहारे जीते थे। वर्ष 2015 में राज्य की बदली राजनीतिक तस्वीर के बाद एमवाई और अतिपिछड़ा समीकरण के चलते उन्हें फिर जीत मिली थी।

इस बार तस्वीर एक बार फिर 2010 वाली है। ऐसे में जदयू एम-वाई के मुकाबले अन्य जातियों की गोलबंदी के फॉर्मूले को साधने के लिये पूरा जोर लगा रहा है ।

तेज प्रताप यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि लोगों का कहना है कि यहां कोई विकास नहीं हुआ है, रास्ते टूटे-फूटे है और शिक्षा एवं स्वास्थ्य की व्यवस्था नहीं है ।

उन्होंने कहा, ‘‘ यहां विकास चाचा ने कोई काम नहीं किया है और मैं यहां विकास करने ही आया हूं ।’’ राजद उम्मीदवार ने कहा कि राज्य में नीतीश कुमार की सरकार ने कोई काम नहीं किया है और यहां की जनता इस बार उन्हें सत्ता से हटा देगी।

उन्होंने कहा कि उन्होंने महुआ विधानसभा में बहुत विकास किया है और अब हसनपुर का विकास करने आए हैं ।

वहीं, जदयू उम्मीदवार और वर्तमान विधायक राजकुमार राय ने कहा कि तेज प्रताप को हसनपुर के मुद्दों की समझ नहीं है और उनके साथ के लोगों को इस विधानसभा का रास्ता तक पता नहीं है।

उन्होंने कहा कि जिन्हें क्षेत्र के बारे में जानकारी नहीं हो, वे विकास क्या करेंगे ।

कुछ ही दिन पहले यहां चुनाव प्रचार करने आए महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार एवं राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था ‘‘एकजुट रहियेगा और बंटियेगा नहीं।’’

तेजस्वी ने कहा था, ‘‘एकजुट होकर वोट करियेगा और दातून के चक्कर में पूरा पेड़ हीं नहीं उखाड़ दीजियेगा ।’’

देशभर के मेडिकल कॉलेजों में अब ‘स्किल लैब’ और  दो नये शैक्षिक विभाग आपातकालीन चिकित्सा सेवा तथा फिजिकल मेडिसिन और पुनर्वास विभाग होना अनिर्वाय किया गया attacknews.in

नयी दिल्ली 31 अक्टूबर । राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने देश में मेडिकल शिक्षा को अधिक आसान और प्रभावी बनाने की दिशा में पूर्व के नियमों में कई परिवर्तन करते हुए आज नयी अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत अब मेडिकल कॉलेजों में ‘स्किल लैब’ होना आवश्यक है और साथ ही दो नये शैक्षिक विभाग आपातकालीन चिकित्सा सेवा तथा फिजिकल मेडिसिन और पुनर्वास विभाग भी अनिर्वाय कर दिये गये हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि आज जारी अधिसूचना “वार्षिक एमबीबीएस प्रवेश विनियमन (2020) के लिए न्यूनतम आवश्यकताएं” ने तत्कालीन भारतीय चिकित्सा परिषद के “मेडिकल कॉलेजों के लिए न्यूनतम मानक आवश्यकताएं, 1999 (50/100/150/200/250 वार्षिक प्रवेश) का स्थान लिया है। यह नयी अधिसूचना उन सभी नये मेडिकल कॉलेजों पर लागू होगी, जिनकी स्थापना का प्रस्ताव है या जो पहले से स्थापित हैं तथा अकादमिक वर्ष 2021-22 से अपनी वार्षिक एमबीबीएस सीट में बढ़ोतरी के इच्छुक हैं। कुछ समय की अवधि के लिए, स्थापित मेडिकल कॉलेज इस अधिसूचना से पहले लागू प्रासंगिक नियमों द्वारा प्रशासित होंगे।

“मुस्लिमों को पहले के नरसंहारों के लिए नाराज होने का और फ्रांस के लाखों लोगों की हत्या करने का अधिकार है।’’ :मलेशिया के नेता महातिर ने पूछा,उनकी इस टिप्पणी को गलत क्यों समझा गया attacknews.in

कुआलालंपुर, 31 अक्टूबर (एपी) मलेशिया के पूर्व नेता महातिर मोहम्मद ने फ्रांस में मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा किए गए हमलों को लेकर की गई अपनी टिप्पणी पर विवाद उठने के बाद शुक्रवार को कहा कि उनकी बात को गलत समझा गया। महातिर ने अपना पोस्ट हटाने के लिए ट्विटर और फेसबुक की भी आलोचना की।

महातिर (95) ने बृहस्पतिवार को अपने ब्लॉग पर लिखा था कि ‘‘मुस्लिमों को पहले के नरसंहारों के लिए नाराज होने का और फ्रांस के लाखों लोगों की हत्या करने का अधिकार है।’’

ट्विटर ने महातिर की टिप्पणी वाला ट्वीट हटा दिया और कहा कि यह हिंसा को महिमामंडित करता है। फ्रांस के डिजिटल मंत्री ने कंपनी से उसके प्लेटफॉर्म पर महातिर पर पाबंदी लगाने का भी अनुरोध किया है।

महातिर ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं अपने ब्लॉग में लिखी गयी मेरी बात का गलत अर्थ निकाले जाने से निराश हुआ हूं।’’

उन्होंने कहा कि आलोचकों ने उनका पूरा पोस्ट नहीं पढ़ा और उस वाक्य को नहीं पढ़ा जिसमें लिखा था, ‘‘लेकिन कुल मिलाकर मुस्लिमों ने ‘आंख के बदले आंख लेने’ वाले कानून को लागू नहीं किया है। फ्रांसीसियों को भी नहीं करना चाहिए। इसके बजाय उन्हें अपनी जनता को दूसरे लोगों की भावनाओं का सम्मान करना सिखाना चाहिए।’’

महातिर ने कहा कि उनके स्पष्टीकरण के बाद भी ट्विटर और फेसबुक ने उनकी टिप्पणियों को हटा लिया। उन्होंने इस कदम को आडंबरपूर्ण बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के अपमानजनक कार्टून दिखाने वालों का बचाव किया और उम्मीद करते हैं कि सारे मुसलमान बोलने तथा अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर आंख मूंदकर इसे स्वीकार कर लें।’’

महातिर ने कहा, ‘‘दूसरी तरफ उन्होंने इस बात को जानबूझकर हटा लिया कि मुस्लिमों ने अतीत में उनके खिलाफ अन्याय का बदला लेने की बात कभी नहीं की।’’

कैलाश विजयवर्गीय ने खोला राज : हम चाहते तो पहले ही सरकार गिरा सकते थे, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर हमने ऐसा नहीं किया,कांग्रेस सरकार खुद गिरी,इसमें भाजपा का कोई हाथ नहीं attacknews.in

इंदौर, 30 अक्टूबर । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए आज कहा कि श्री गांधी बिहार में चुनावी सभाओं के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछते हुए गलत बयानबाज़ी कर रहें हैं।

श्री विजयवर्गीय ने यहां अपने गृह नगर इंदौर में भाजपा द्वारा आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि श्री गांधी चुनावी सभा में चीनी सेना को लेकर श्री मोदी से सवाल पूछते हुए गलत बयानबाजी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि श्री गांधी इस तरह की गलत बयानबाजी करके हमारी सेना का मनोबल तोड़ रहें हैं। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि जब अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था, तब डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने इसका विरोध किया था।

उन्होंने कहा आज देश के वातावरण को बदलने में भाजपा और श्री मोदी की क्या भूमिका है, सब जानते है। उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि कांग्रेस के जिस किसी नेता में खुद्दारी थी, वे कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ गए हैं।

उन्होंने आरोप लगाते हुये कहा कि युवाओं को कांग्रेस में भविष्य नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा हमारे नेता श्री मोदी ने कहा था कि ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ बनाना है, भविष्य में कांग्रेस शून्य होती दिख रही है।

श्री विजयवर्गीय ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने के संदर्भ में दोहराया कि हम चाहते तो पहले ही सरकार गिरा सकते थे, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर हमने ऐसा नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार खुद उनके नेताओं की नाराज़गी से गिर गयी। इसमें भाजपा का कोई हाथ नहीं है।

उन्होंने उपचुनाव के लिए भी कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। भाजपा महासचिव ने यहां चुनाव प्रचार में श्री कमलनाथ पर लोक आचरण और अमर्यादित शब्दों का उपयोग प्रारम्भ करने का आरोप भी लगाया।

भारत में जासूसी करने वाला चीनी नागरिक जुटा रहा था बौद्ध धर्म गुरू दलाईलामा की जानकारी,,हवाला और मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार,हिमाचल पुलिस अलर्ट हुई attacknews.in

धर्मशाला, 24 अक्तूबर । हवाला और मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किये गये चीनी नागरिक लुओ सांग उर्फ चार्ली पेंग के दिल्ली में कुछ लामाओं के सम्पर्क में होने तथा बौद्ध धर्म के सर्वोच्च गुरु दलाई लामा और उनके सहयोगियों के बारे में जानकारी जुटाने का खुलासा हुआ है।

राज्य के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने आज यहां पत्रकार वार्ता में बताया कि पेंग की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियां और राज्य पुलिस स्तर्क हो गई हैं। पेंग को हवाला मामले में आयकर विभाग ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने कहा कि पेंग के हिमाचल में भी तीन सम्पर्क सामने आए हैं। इनमें यहां रह रही एक चीनी महिला भी शामिल है। इसमें एक कांगड़ा के बीड़ बिलिंग और एक जोगिंद्रनगर के चैतड़ा में था। एक कर्नाटक चला गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले के बाद हिमाचल पुलिस में तिब्बती और चाइनीज भाषा जानने वालों की कमी खलने लगी है और ऐसे लोगों की पुलिस में जरूरत है। राज्य पुलिस को इस तरह के मामलों में भाषा को लेकर केंद्रीय एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में जांच में दिक्कत होती है।

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को वापस लागू करने के लिए बनाए गए भाजपा विरोधी मंच PAGD के अध्यक्ष बनाये गये फारुख अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद सईद attacknews.in

 

श्रीनगर 24 अक्टूबर । नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि हाल ही में गठित गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) एक भाजपा विरोधी मंच है न कि देश विरोधी।

उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि भाजपा द्वारा यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि पीएजीडी एक देश विरोधी मंच है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि यह सच नहीं है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह भाजपा विरोधी है लेकिन यह देश विरोधी नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का पूर्ववर्ती विशेष दर्जा बहाल कराने के वास्ते संघर्ष करने के लिए पीएजीडी को बनाया गया है।

इसके अध्यक्ष श्रीनगर से लोकसभा सांसद अब्दुल्ला चुने गये हैं। उन्हें पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के आवास पर हुई पीएजीडी की पहली बैठक के बाद अध्यक्ष चुना गया।

अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने जैसे कृत्यों के माध्यम से संघीय ढांचे को तोड़ने की कोशिश की है।

नेकां अध्यक्ष ने कहा, ‘‘उन्होंने देश के संविधान को नष्ट करने की कोशिश की है, उन्होंने राष्ट्र को विभाजित करने की कोशिश की है, हमने देखा कि संघीय ढांचे को तोड़ने के लिए उन्होंने पिछले साल पांच अगस्त को क्या किया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह (पीएजीडी) एक देश विरोधी जमात नहीं है। हमारा लक्ष्य है कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों के अधिकार सुनिश्चित हों। यही हमारी लड़ाई है, हमारी लड़ाई इससे ज्यादा के लिए नहीं है।’’

अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा जम्मू और देश के अन्य हिस्सों में पीएजीडी में शामिल घटकों के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘वे धर्म के नाम पर हमें (जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों को) बांटने की कोशिश कर रहे हैं। यह प्रयास सफल नहीं होगा। यह धार्मिक लड़ाई नहीं है, यह हमारी पहचान की लड़ाई है और उस पहचान के लिए हम एक साथ खड़े हैं।

भाजपा ने किया तिरंगे का अपमान : महबूबा

इधर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि तिरंगा विभिन्नता और शांतिपूर्ण तरीके से एकजुट रहने का प्रतीक है लेकिन भाजपा नेताओं ने इसका इस्तेमाल नौ वर्षीय एक बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले लोगों के बचाव के लिए किया।

सुश्री मुफ्ती ने यह बात भाजपा नेताओं द्वारा उनको देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार करने की मांग के जवाब में कही है।

पीएजीडी के अध्यक्ष चुने गए फारूक अब्दुल्ला, महबूबा होंगी उपाध्यक्ष

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को शनिवार को सर्वसम्मति से पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) का अध्यक्ष जबकि महबूबा मुफ्ती को इसका उपाध्यक्ष चुना गया है।

पीएजीडी के प्रवक्ता सज्जाद गनी लोन ने पत्रकारों को यह जानकारी दी।

पीएजीडी के विस्तार के लिए नेताओं से मिले फारूक अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के विस्तार को लेकर शनिवार को सहयोगी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की।

डॉ. अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की मांग को लेकर गठित पीएजीडी के अध्यक्ष हैं और उन्होंने आज आठ पार्टियों के नेताओं को अपने गुप्कार आवास पर आमंत्रित किया था। इसमें पूर्व मंत्री एवं विधायक सुरजीत सिंह, अजय सधोत्रा, जावेद राणा, रतन लाल गुप्ता, तरलोचन सिंह वजीर, मुश्ताक बुखारी तथा सज्जाद किचलू शामिल थे।

सरकार ने वाहनों के पंजीकरण दस्तावेजों में स्वामित्व विवरणों को स्पष्ट रूप से उल्लिखित करने के लिये मोटर वाहन नियमों में संशोधन को लागू किया attacknews.in

नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर । सरकार ने वाहनों के पंजीकरण दस्तावेजों में स्वामित्व विवरणों को स्पष्ट रूप से उल्लिखित करने के लिये शुक्रवार को मोटर वाहन नियमों में संशोधन को अधिसूचित कर दिया है। यह कदम दिव्यांग व्यक्तियों की मदद करेगा।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के संज्ञान में मोटर वाहनों के पंजीकरण के लिये आवश्यक केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के तहत विभिन्न रूपों में स्वामित्व विवरण ठीक से परिलक्षित नहीं होने की बात लाये जाने के बाद यह कदम उठाया गया है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के फॉर्म 20 में संशोधन के लिये 22 अक्टूबर 2020 को अधिसूचना जारी की है, ताकि वाहनों के पंजीकरण के समय स्वामित्व का विवरण स्पष्ट रूप से दर्ज हो सके। यह दिव्यांगजन के लिये विशेष लाभदायक होगा।’’

बयान में कहा गया है कि संशोधन के तहत स्वायत्त निकाय, केंद्र सरकार, धर्मार्थ ट्रस्ट, ड्राइविंग प्रशिक्षण स्कूल, दिव्यांगजन, शैक्षणिक संस्थान, स्थानीय प्राधिकरण, कई मालिकों, पुलिस विभाग आदि जैसी श्रेणियों के तहत स्वामित्व विवरणों का स्पष्ट उल्लेख किया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि मोटर वाहनों की खरीद / स्वामित्व / संचालन के लिये सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत दिव्यांगजन (शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति) को जीएसटी और अन्य रियायतों का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इस संशोधन से उन्हें ये लाभ सही से मिल पाना सुनिश्चित हो सकेगा।

विश्वकप विजेता कपिलदेव ने दिल के दौरे को दी मात और प्रशंसकों को संदेश में कहा:‘‘आप सभी का शुक्रिया। मैं आपकी शुभकामनाओं से अभिभूत हूं और उबरने की प्रक्रिया में हूं ’’ attacknews.in

नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर । भारत के पहले विश्व कप विजेता क्रिकेट कप्तान कपिल देव की दिल का दौरा पड़ने के बाद शुक्रवार को एंजियोप्लास्टी की गयी और अगले दो दिन में उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद है। इस महान क्रिकेटर ने इंस्टाग्राम पर बयान में लिखा, ‘वह उबरने की प्रक्रिया में हैं। ’’

दिल्ली के सुंदर नगर में रहने वाले कपिल (61 वर्ष) को गुरूवार को सीने में दर्द की शिकायत के बाद यहां ओखला के फोर्टिस एस्कोर्ट्स हार्ट इंस्टिट्यूट के आपात विभाग में ले जाया गया।

अस्पताल ने अपने शुरूआती बयान में सिर्फ सीने में दर्द का ही जिक्र किया था, लेकिन फिर ताजा स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा, ‘‘कपिल देव को दिल का दौरा पड़ा था। उनकी जांच की गयी और रात में ही आपात कोरोनरी एंजियोप्लास्टी की गयी। ’’

इसके अनुसार, ‘‘इस समय वह डा. अतुल माथुर और उनकी टीम की देखरेख में आईसीयू में हैं। उनकी हालत स्थिर है। उन्हें दो दिन में अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद है। ’’

एंजियोप्लास्टी ‘ब्लॉक’ हुई धमनियों को खोलने की प्रक्रिया है ताकि हृदय में सामान्य रक्त संचार हो सके।

बाद में उनके इंस्टाग्राम अकाउंट में उनके स्वास्थ्य के प्रति चिंता करने वालों और उनके परिवार के प्रति समर्थन जताने वालों के प्रति एक संक्षिप्त बयान में आभार व्यक्त किया गया।

बयान के अनुसार, ‘‘आप सभी का शुक्रिया। मैं आपकी शुभकामनाओं से अभिभूत हूं और उबरने की प्रक्रिया में हूं। ’’

सोशल मीडिया पर काफी लोगों ने 1983 विश्व विजेता महान आल राउंडर के तेजी से उबरने की कामना की जिसमें भारतीय कप्तान विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर सहित अन्य खिलाड़ी शामिल हैं।

दिग्गज बल्लेबाज तेंदुलकर ने कहा, ‘‘अपना ध्यान रखें। आपके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहा हूं।’’

कोहली ने ट्वीट किया, ‘‘ आपके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना कर रहा हूं। जल्दी ठीक हो जाइये पाजी। ’’

भारतीय बल्लेबाज शिखर धवन ने ट्वीट किया, ‘‘कपिल देव सर आपके जल्दी से ठीक होने की कामना करता हूं। हमेशा मजबूत रहिये। ’’

बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने भी उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

इस महान आल राउंडर के पूर्व साथी मदनलाल ने ट्वीट किया, ‘‘जिन्होंने भी जानने के लिये फोन किया, आपकी प्रार्थनायें परिवार को पहुंचा दी गयी हैं जिन्हें आभार के साथ लिया गया है। कैप्स (कपिल), स्वस्थ और मजबूत रहिये। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘कपिल को बेचैनी की शिकायत के बाद समय पर अस्पताल ले जाया गया। डाक्टरों के अनुसार प्रक्रिया सफल रही और वह जल्द ही घर पहुंच जायेंगे। ’’

भारत के महान क्रिकेटरों में से एक कपिल ने 131 टेस्ट और 225 वनडे खेले हैं।

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह ने कहा, ‘‘आप ‘फाइटर’ हो और हम जानते हैं कि आप भी इस लड़ाई को जीत लोगे। ’’

वह क्रिकेट के इतिहास में एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने 400 से ज्यादा (434) विकेट अपने नाम कर टेस्ट मैचों में 5000 से ज्यादा रन जुटाये हैं।

वह 1999 और 2000 के बीच भारत के राष्ट्रीय कोच भी रह चुके हैं।

कपिल को 2010 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था।

उनके पूर्व साथी कीर्ति आजाद ने ट्वीट किया, ‘‘बड़े दिल वाले हमारे कप्तान और कभी भी हार नहीं मानने वाले कपिल देव उबर गये हैं। भारतीय क्रिकेट के इस महानतम खिलाड़ी के लिये कुछ भी असंभव नहीं है। कपिल मेरे परम मित्र और बेहतरीन इंसान हैं। जल्द ही एक साथ खाना खायेंगे। ’’

एक अन्य विश्व कप विजेता पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह ने कहा, ‘‘ प्रिय पाजी, आपके शीघ्र स्वस्थ होने के लिये प्रार्थना करता हूं। प्लीज, जल्दी ठीक हो जाइये…क्रिकेट के बाद मुझे अब गोल्फ के कुछ गुर सीखने की जरूरत है। ’’

‘हरियाणा हरिकेन’ के नाम से मशहूर कपिल भारतीय प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल भी हैं।

यूआईडीएआई के सहायक महानिदेशक एक लाख रूपये की रिश्वत लेते नई दिल्ली में गिरफ्तार,अदालत ने 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा attacknews.in

कोटा/जयपुर , 21 अक्टूबर । राजस्थान के कोटा में भ्रष्टाचार निरोधक न्यायालय ने एक लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किए गए केंद्र सरकार के यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के अधिकारी पंकज गोयल को आज पूछताछ के लिए दो दिन के रिमांड पर सौंप दिया।

कोटा से गई भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने सहायक निदेशक के स्तर के अधिकारी पंकज गोयल को नई दिल्ली में एक व्यक्ति से आधार पहचान पत्र बनाने की फ्रेंचाइजी देने की एवज में यह रिश्वत मांगी थी। ब्यूरो की टीम ने उसे मंगलवार को उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था।

राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कोटा इकाई ने मंगलवार को भारत सरकार के भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के सहायक महानिदेशक पंकज गोयल को मंगलवार को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते नई दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय में रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

राजस्थान में ब्यूरो के महानिदेशक बी.एल.सोनी ने बताया कि एसीबी के काेटा कार्यालय में परिवादी ने शिकायत कि उसने आधार पहचान पत्र बनाने की फ्रेन्चाइजी के लिए कई बार आवेदन किया था, लेकिन उसे फ्रेन्चाइजी नहीं मिली। उसने बताया कि नयी दिल्ली में स्थित यूआईडीएआई के क्षेत्रीय कार्यालय में सहायक महानिदेशक पंकज गोयल से उसने सम्पर्क किया तो उन्होंने फ्रेन्चाइजी आवंटित करने की एवज में रिश्वत मांगी। पंकज गोयल पांच राज्यों में आधार पहचान पत्र का कार्य देख रहे है।

चुनाव आयोग ने राज्यों के जिला कलेक्टरों और मुख्य चुनाव अधिकारियों को दिये सख्त निर्देश: चुनाव में कोरोना के दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें attacknews.in

नयी दिल्ली 21 अक्टूबर । चुनाव आयोग ने कोरोन काल में विधानसभा चुनाव और उपचुनावों के दौरान सभी राजनीतिक दलों को कोरोना वायरस से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने तथा लापरवाही ना बरतने की सलाह दी है।

आयोग ने बुधवार को सभी राजनीतिक दलों को लिखे पत्र में कहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दल चुनाव प्रचार के समय कोविड-19 के बारे में जारी दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं बल्कि उसका खुलकर उल्लंघन कर रहे हैं।

आयोग का कहना है कि चुनाव प्रचार में भीड़ की रोकथाम नहीं की जा रही है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। यह उल्लंघन राजनीतिक दलों के उम्मीदवार भी कर रहे हैं। इसलिए उन्हें सख्त हिदायत दी जाती है कि वे इस बारे में चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करें।

आयोग ने राज्य के जिला कलेक्टरों को और राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह इन दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें और इस बात का ख्याल रखें की चुनाव प्रचार में भीड़ न हो तथा सामाजिक दूरी का पालन हो।

बिना विधायक मंत्री बने मध्यप्रदेश के दो मंत्रियों ने 6 माह अवधि पूरी होने के बाद 21 अक्टूबर को 20 अक्टूबर की अपराह्न त्यागपत्र सौंपे,इस्तीफे स्वीकार attacknews.in

भोपाल, 21 अक्टूबर । मध्यप्रदेश के जल संसाधन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट और परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत के मंत्री पद से त्यागपत्र आज स्वीकार कर लिए गए।इससे पहले श्री सिलावट ने 20 अक्टूबर की तिथि में लिखा अपना त्यागपत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेज दिया है। त्यागपत्र में श्री सिलावट ने ‘स्वेच्छा’ से मंत्री पद छोड़ने की बात का जिक्र किया है। साथ ही उन्होंने अनुरोध किया है कि त्यागपत्र 20 अक्टूबर की अपरान्ह से स्वीकार किया जाए।

दोनों मंत्री वर्तमान में विधायक नहीं हैं और इस लिहाज से वे अधिक छह माह तक ही मंत्री रह सकते थे, जिसकी अवधि आज पूरी हो गयी।

इस बीच दोनों मंत्रियों ने अपने त्यागपत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेज दिए। श्री चौहान ने त्यागपत्र स्वीकार करने की सिफारिश के साथ राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के समक्ष भेज दिए और उन्होंने त्यागपत्र स्वीकार कर लिए।

तुलसीराम सिलावट ने मंत्री पद से दिया त्यागपत्र

मध्यप्रदेश के जल संसाधन और मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया ।

श्री सिलावट ने 20 अक्टूबर की तिथि में लिखा अपना त्यागपत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेज दिया है। त्यागपत्र में श्री सिलावट ने ‘स्वेच्छा’ से मंत्री पद छोड़ने की बात का जिक्र किया है। साथ ही उन्होंने अनुरोध किया है कि त्यागपत्र 20 अक्टूबर की अपरान्ह से स्वीकार किया जाए। त्यागपत्र आज मीडिया के समक्ष आया।

दरअसल श्री सिलावट वर्तमान में विधायक नहीं हैं। संवैधानिक प्रावधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति विधायक बने बगैर अधिक छह माह के लिए मंत्री पद पर रह सकता है। वे छह माह पहले शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शामिल हुए थे।

श्री सिलावट वर्तमान में इंदौर जिले की सांवेर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं। उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू से है। राज्य में सभी 28 सीटों के साथ सांवेर में भी मतदान तीन नवंबर को होगा और नतीजे 10 नवंबर को सामने आएंगे।

श्री सिलावट वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में सांवेर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। इसके बाद वे तत्कालीन कमलनाथ सरकार में मंत्री बने थे। राज्य में इस वर्ष के राजनैतिक घटनाक्रमों के चलते श्री सिलावट ने मार्च माह में विधायक पद से त्यागपत्र देकर श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नक्शेकदम पर चलते हुए भाजपा का दामन थाम लिया था।

मार्च माह में ही राज्य में सत्ता बदली और भाजपा सरकार के गठन के साथ ही श्री शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने। इसके बाद अप्रैल माह में श्री चौहान ने श्री सिलावट को मंत्री बनाया था।

गोविंद राजपूत ने भी मंत्री पद से दिया त्यागपत्र

मध्यप्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ने मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया है।

अाधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री राजपूत ने अपना त्यागपत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेज दिया है। इसके पहले श्री तुलसी सिलावट ने भी मंत्री पद से त्यागपत्र श्री चौहान को भेजा है।

फारूक अब्दुल्ला से जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के 113 करोड़ रुपये घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फिर से जांच शुरू कर की पूछताछ attacknews.in

श्रीनगर,19 अक्टूबर । पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला से जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को पूछताछ की।

इस बीच एनसी उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला तथा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने डा. अब्दुल्ला से हुई पूछताछ को राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम बताया है जबकि पीडीपी के वरिष्ठ नेता एवं पीडीपी-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार के पूर्व प्रवक्ता नईम अख्तर ने कहा कि यह सरासर धमकी है।

ईडी के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डा. अब्दुल्ला को दो दिन पूर्व ईडी की ओर से जेकेसीए घोटाले के संबंध में सोमवार को इसके सामने पेश होने का समन जारी किया गया था। डा. अब्दुल्ला आज जैसे ही यहां राजबाग स्थित कार्यालय में पहुंचे तो उनसे पूछताछ शुरू हो गयी।

इससे पहले डा. अब्दुल्ला से 31 जुलाई 2019 को चंडीगढ़ में पूछताछ की गयी थी। इसके पांच दिनों के बाद ही यानी पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया था तथा डा. अब्दुल्ला, उनके पुत्र उमर तथा सुश्री मुफ्ती समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को हिरासत में या फिर नजरबंद कर दिया गया था।

जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ में कथित 113 करोड़ रुपये की धांधली का मामला काफी पुराना है। पहले इसकी जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस कर रही थी, जिसके बाद अदालत ने इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई )को सौंपा दिया था। बाद में इस पूरे मामला धनशोधन से जुड़ा और ईडी भी जांच में शामिल हो गया।

गुपकार समझौते पर एकजुटता पर ईडी कर रही कार्रवाई: उमर

इधर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने अपने पिता सांसद फारुख अब्दुल्ला से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ पर इसे केवल गुपकार समझौते पर जो पार्टियां एकजुट हुई हैं उसका बदला करार दिया है।

ईडी अधिकारी सोमवार को यहां फारुख अब्दुल्ला से जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में पैसों की अनियमितता के मामले में पूछताछ कर रहे हैं। इससे पहले भी ईडी फारूक अब्दुल्ला से इस मामले में सवाल-जवाब कर चुकी है।

उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, “ पार्टी की तरफ से ईडी के समन का जवाब दिया जाएगा । ये केवल गुपकार समझौते पर जो पार्टियां एकजुट हुई हैं उसका बदला लिया जा रहा है। हालांकि ईडी ने फारूक अब्दुल्ला के घर पर कोई रेड नहीं की है ।”

राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रिहाई के बाद जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों की बैठक हुई थी जिसमें कांग्रेस भी शामिल हुई थी। बैठक में 370 अनुच्छेद को फिर से बहाल करने की मांग की गई है।

अनुच्छेद 370 की बहाली की जंग जारी रहेगी: फारूक

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि भले ही उन्हें जान की बाजी लगानी पड़े लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए अनुच्छेद 370 काे बहाल कराने का संघर्ष जारी रहेगा।

डॉ. अब्दुल्ला, जो जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष थे,के कार्यकाल में करोड़ों के घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज उनसे करीब सात घंटे तक पूछताछ की।

डा. अब्दुल्ला ने दिन के दौरान राज बाग कार्यालय में ईडी द्वारा की गई पूछताछ के बाद संवादाताओं से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा, “ईडी अपना काम कर रही है और मैं अपना काम करूंगा।”

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह इस पर हमेशा स्पष्ट हैं और हमेशा ईडी का सामना करेंगे। उन्होंने तत्काल कहा कि उनके भाग्य का फैसला अदालत करेगी, अब वह अपना मामला अदालत के समक्ष रखेंगे।

संवाददाताओं के सवालों का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा ईडी ने अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए लड़ने के उनके संकल्प को कमजोर करने का प्रयास किया, यह केवल उनका संकल्प नहीं है, बल्कि पूरे जम्मू कश्मीर के लोगों का संकल्प है। उन्होंने कहा चाहे वह जिंदा रहें या मर जाए उनका अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए जंग जारी रहेगी।

श्रीनगर में सरकारी इमारत मे संचालित हो रहा अखबार ‘ कश्मीर टाइम्स ‘ का दफ्तर अधिकारियों ने किया सील attacknews.in

श्रीनगर, 19 अक्टूबर । जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में अधिकारियों ने एक प्रतिष्ठित अखबार के दफ्तर को सोमवार को सील कर दिया। दैनिक समाचार पत्र का कार्यालय यहां एक सरकारी इमारत में आवंटित किया गया था।

अखबार के मालिक ने दावा किया कि कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि संपदा विभाग ने यहां प्रेस एन्क्लेव में स्थित ‘कश्मीर टाइम्स’ का दफ्तर सोमवार को सील कर दिया।

उन्होंने सरकार की कार्रवाई का कोई कारण नहीं बताया।

इस अंग्रेजी अखबार का मुख्यालय जम्मू में है और यह केंद्र शासित प्रदेश के दोनों क्षेत्रों से प्रकाशित होता है।

‘कश्मीर टाइम्स’ की मालकिन अनुराधा भसीन ने फोन पर  बताया, ‘ श्रीनगर में हमारे दफ्तर पर कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना ताला डाल दिया गया है। (आवंटन) रद्द करने या खाली करने का कोई नोटिस हमें नहीं दिया गया था। ‘

उन्होंने कहा, ‘हम संपदा विभाग गए और उनसे (कार्यालय खाली करने) इस संबंध में आदेश देने को कहा, लेकिन उन्होंने आदेश जारी नहीं किया। इसके बाद हमने अदालत का रुख किया लेकिन वहां से भी कोई आदेश नहीं आया।’

भसीन ने इस कदम को अपने खिलाफ ” प्रतिशोध” बताया, क्योंकि वह सरकार के खिलाफ बोलीं थी और उन्होंने पिछले साल अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में मीडिया पर लगाई गईं पाबंदियों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।

उन्होंने कहा, ” पिछले साल जिस दिन मैं न्यायालय गई थी, उसी दिन कश्मीर टाइम्स को मिलने वाले राज्य सरकार के विज्ञापनों को रोक दिया गया था।”