कुलभूषण जाधव के मामले को भारत द्वारा अधिकृत किए पाकिस्तानी वकील ने पाकिस्तान सरकार की भाषा बोलकर  केस को बिगाड़ने पर आमादा है पाकिस्तान attacknews.in

नयी दिल्ली 03 दिसंबर । पाकिस्तान में कैद भारतीय नाैसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मुकदमे को एक अन्य कैदी के मामले के साथ जोड़ने और केस बिगाड़ने का प्रयास कर रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां नियमित ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में बताया कि पाकिस्तान जाधव के मामले को किसी अन्य कैदी के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहा है।

उन्होंने कहा कि नियमित राजनयिक व्यवहार के तहत भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तान में सजा काटने के बाद भी कैद भारतीय कैदी मोहम्मद इस्माइल की रिहाई एवं स्वदेश वापसी के लिए एक स्थानीय वकील शाहनवाज नून को अनुबंधित किया था।

प्रवक्ता ने बताया कि मोहम्मद इस्माइल के मुकदमे के दौरान ही पाकिस्तानी अटॉर्नी जनरल ने श्री जाधव के केस को भी उठाया जबकि दोनों मामलों का आपस में कोई संबंध नहीं है।

बताया गया है कि इस पर श्री नून ने जो बयान दिये, वे सत्य से परे थे और भारत के पक्ष को प्रतिबिंबित नहीं करते थे। ऐसा प्रतीत हुआ मानो वह पाकिस्तानी शासन के दबाव में अनधिकृत बयान दे रहा है।

श्री श्रीवास्तव ने कहा कि श्री नून ने भारतीय उच्चायोग के रुख को गलत ढंग से पेश किया। इसके बाद भारतीय उच्चायोग की ओर से स्पष्ट रूप से बताया गया कि श्री नून को भारत सरकार अथवा कुलभूषण जाधव को गलत ढंग से उद्धृत करने का कोई अधिकार नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के आदेश के अनुरूप श्री कुलभूषण जाधव को निर्बाध राजनयिक संपर्क सुलभ कराने तथ मुकदमे से जुड़े सभी दस्तावेज सुलभ कराने में पूरी तरह से विफल रहा है।

रजनीकांत का राजनीति में प्रवेश:”अपने निर्णय की घोषणा जल्द ही करूंगा” attacknews.in

चेन्नई, 30 नवंबर ।तमिल सुपरस्टार रजनीकांत ने यहां अपने समर्थकों के साथ गहन विचार मंथन करने के बाद सोमवार को कहा कि राजनीति में प्रवेश करने के बारे में अपने निर्णय से वह जल्द से जल्द अवगत करवाएंगे।

रजनीकांत ने कहा कि उन्होंने ‘रजनी मक्कल मंद्रम’ (आरएमएम) के जिला सचिवों से मुलाकात कर राजनीति में प्रवेश की संभावना पर चर्चा की है।

राघवेंद्र कल्याण मंडपम में आरएमएम के सचिवों से बातचीत के बाद उन्होंने यहां पोएस गार्डन स्थित आवास के बाहर संवाददाताओं को बताया कि पदाधिकारियों ने अपनी-अपनी राय दी तथा इस मामले पर खुद उन्होंने अपने विचारों से उन्हें अवगत करवाया।

रजनीकांत ने कहा, ‘‘उन्होंने (पदाधिकारियों ने) कहा कि मेरा जो भी फैसला होगा, उसमें वे मेरे साथ हैं। फैसले (राजनीति में प्रवेश) के बारे में मैं जल्द से जल्द बताऊंगा।’’

गौरतलब है कि तमिलनाडु में अप्रैल-मई 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं।

पिछले महीने रजनीकांत ने कहा था कि 2016 में अमेरिका में उनका गुर्दा प्रतिरोपण हो चुका है और कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर चिकित्सक राजनीति में उनके प्रवेश के खिलाफ हैं।

दिल्ली की सीमा पर डटे पंजाब के किसानों ने ठुकरायी केंद्र सरकार की बातचीत की अपील, एक दिसंबर से राज्यों में प्रदर्शन और दिल्ली को चारों ओर से घेरकर बंद करने का ऐलान attacknews.in

नयी दिल्ली ,29 दिसंबर. । नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमा पर डटे किसान संगठनों ने सरकार की बातचीत की अपील ठुकरा दी है और एक दिसंबर से सभी राज्यों में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।

विरोध कर रहे किसान संगठनों के संयुक्त मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि सरकार को उच्च स्तर पर किसानों से बातचीत करनी चाहिए।

समिति ने कहा कि किसानों ने एक दिसंबर से सभी राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। कल देर शाम केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किसानों से बातचीत करने की अपील करते हुए कहा था कि तीन दिसंबर को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसान संगठनों के साथ बैठक करेंगे।

बयान में कहा गया है कि किसान एकजुट हैं और एक सुर में केन्द्र सरकार से तीन किसान विरोधी, जनविरोधी कानूनों और तथा बिजली विधेयक 2020 की वापसी की मांग कर रहे हैं। किसान शांतिपूर्वक व संकल्पबद्ध रूप से दिल्ली पहुंचे हैं और अपनी मांग हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पंजाब और हरियाणा से भारी संख्या कुसान में सिंघु और टिकरी बार्डर पर पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के किसानों की गोलबंदी भी सिंघु बार्डर पर हो रही है।

किसानों का आरोप है कि सरकार ने उनकी मांगों और सवालों पर कोई ध्यान नहीं दिया है। सरकार की कार्यप्रणाली ने अविश्वास और भरोसे की कमी पैदा की है। किसान संगठनों का कहना है कि अगर सरकार किसानों की मांगों को सम्बोधित करने पर गम्भीर है तो उसे शर्तें लगानी बंद कर देनी चाहिए ।

किसानों ने सरकार का प्रस्ताव खारिज किया

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज किया और सर्वोच्च राजनीतिक स्तर पर वार्ता की मांग करते हुए आने वाले दिनों में दिल्ली की सभी पांचों सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन तेज करने की बात कही है।

किसान संगठनों ने बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस प्रस्ताव भी आज ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने बुराड़ी में मुहैया कराई गई जगह पर सभी किसानों के इकट्ठा होने के बाद बातचीत शुरू करने की बात कही थी। इतना ही नहीं किसान संगठनों ने यह भी फैसला किया है कि बुराड़ी पहुंचे किसान भी वापस सिंघु बॉर्डर लौटेंगे। किसानों ने कहा कि टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर तो सील कर दिया गया है। इसके अलावा आने वाले दिनों में हापुड़, आगरा और जयपुर रोड को भी सील किया जाएगा। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से आए हजारों किसान सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

श्री शाह ने किसानों से धरने के लिए निर्धारित बुराड़ी स्थित संत निरंकारी मैदान में पहुंचने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि निर्धारित स्थल पर पहुंचने के अगले ही दिन वार्ता होगी वहीं, किसानों ने अमित शाह की इस शर्त को ठुकरा दिया है।

किसान नेताओं ने गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों के माध्यम से आंदोलनकारियों से वार्ता के प्रयास की निन्दा कर सर्वोच्च राजनीतिक स्तर पर वार्ता की मांग करते हुए कहा कि सरकार तीन किसान विरोधी, जनविरोधी कानूनों को तत्काल रद्द करे।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने एक बयान जारी कर कहा कि किसान एकताबद्ध हैं और एक सुर में केन्द्र सरकार से तीन किसान विरोधी, जनविरोधी कानूनों, जो कारपोरेट के हित की सेवा करते हैं और जिन्हें बिना चर्चा किए पारित किया गया तथा बिजली विधेयक-2020 की वापसी की मांग कर रहे हैं। किसान शांतिपूर्वक और संकल्पबद्ध रूप से दिल्ली पहुंचे हैं और अपनी मांग हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पंजाब और हरियाणा से किसान भारी संख्या में सिंघु और टिकरी बार्डर पर पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के किसानों की गोलबंदी भी सिंघु बार्डर पर हो रही है।

उन्होंने कहा कि देश के किसानों ने तय करके दिल्ली में भारी संख्या में विरोध जताया क्योंकि सरकार ने सितम्बर से जारी किये गये उनके ‘‘दिल्ली चलो’’ आह्नान के बाद हुए देशव्यापी विरोध कार्यक्रमों पर कोई ध्यान नहीं दिया।

उन्होंने स्थानीय स्तर पर देश भर में बहुत सारे विरोध आयोजित किये, जबकि दिल्ली के आसपास के किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

किसानों ने दिल्ली पहुंचने की बहुत विस्तारित तैयारी की हुई है पर उन्हें एक दमनकारी अमानवीय व असम्मानजनक हमलों का सामना करना पड़ा है, जिसमें सरकार ने उनके रास्ते में बहुत सारी बाधाएं डालीं, पानी की बौछारें की, आंसू गैस के गोले दागे, लाठीचार्ज किया और राजमार्ग खोद दिये। सरकार में पैदा हुए अविश्वास और भरोसे की कमी के लिए सरकार खुद भी जिम्मेदार है।

बयान में कहा गया है कि अब तीन काले कानून और बिजली विधेयक-2020 वापस लेने की मांग पर अपनी प्रतिक्रिया देने की जगह सरकार इस प्रयास में है कि बहस का मुद्दा यह बने कि किसान कहां रुकेंगे? पूरे शहर में पुलिस तैनात की गयी है जिससे विरोध कर रहे किसान और दिल्ली की जनता भी आतंक और संदेह के माहौल में आ गयी है। किसानों के रास्ते में लगाए गये बैरिकेड अब भी नहीं हटाए गये हैं।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों की मांगों को सम्बोधित करने पर गम्भीर है तो उसे शर्तें लगाना बंद कर देना चाहिए। किसान अपनी मांगों पर बहुत स्पष्ट  हैं ।

किसान कूच : प्रदर्शनकारी अब भी दिल्ली के बॉर्डर पर जमे हुए हैं

इससे पहले केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने आ रहे हजारों किसान एक और सर्द रात सड़क पर बिताने के साथ राष्ट्रीय राजधानी के सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर अब भी जमे रहे । वहीं, किसान नेता सरकार द्वारा प्रस्तावित रणनीति पर मंथन करते रहे ।

किसानों के आंदोलन की वजह से कई सड़क और दिल्ली आने वाले रास्ते बंद हैं जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से बुराड़ी मैदान में आकर प्रदर्शन करने की अपील की और कहा कि वे जैसे ही निर्धारित स्थान पर जाएंगे, उसी समय केंद्र वार्ता को तैयार है।

शाह ने कहा किसानों के प्रतिनिधिमंडल को चर्चा के लिए तीन दिसंबर को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ किसान संगठनों ने तत्काल वार्ता करने की मांग की है और केंद्र बुराड़ी के मैदान में किसानों के स्थानांतरित होते ही वार्ता को तैयार है।

सिंघू बॉर्डर पर मौजूद बृज सिंह नामक किसान ने कहा, ‘‘भविष्य की रणनीति तय करने के लिए आज अहम बैठक होने वाली है। तब तक हम यहीं जमे रहेंगे बैठक के नतीजों के हिसाब से फैसला करेंगे। मांगें माने जाने तक हम प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे।’’

पंजाब के मुख्यमंत्री ने भी शाह के प्रस्ताव पर कहा कि किसानों से जितनी जल्दी बातचीत होगी, उतना ही वह कृषि समुदाय और दिश के हित में होगा।

आंदोलन में साथ खड़े हरियाणा और पंजाब के किसानों को हमारा पूर्ण समर्थन : हुड्डा

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रतिपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के उस बयान पर हैरानी जताई है जिसमें उन्होंने आंदोलन में हरियाणा के किसान शामिल होने से इंकार किया है।

श्री हुड्डा ने आज यहां कहा कि तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हरियाणा के किसान कई महीने से आंदोलनरत हैं। वो बार-बार सरकार से इन क़ानूनों को वापस लेने या एमएसपी का क़ानून बनाने की गुहार लगा चुके हैं।मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि क्या वो आंदोलनकारी किसानों को हरियाणा वासी नहीं मानते। हरियाणा के किसान आंदोलन का हिस्सा नहीं है तो पिपली में सरकार ने किन लोगों पर लाठीचार्ज करवाया था। वो कौन लोग हैं जिन्हें हरियाणा पुलिस ने दिल्ली कूच से पहले हिरासत में लिया था। वो हज़ारों किसान कहां के रहने वाले हैं जिन पर हरियाणा सरकार ने मुक़दमे दर्ज किए हैं।

कुंडली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों ने दिखाए तीखे तेवर

हरियाणा में सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हजारों किसानों के तेवर तीखे होते जा रहे हैं। किसान संगठनों ने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि वह किसी वार्ता के लिए दिल्ली नहीं जाएंगे बल्कि केंद्र सरकार का प्रतिनिधि यहीं आकर उनसे बातचीत करें।

पारित तीन कृषि कानून के विरोध में कुंडली बॉर्डर पर चल रहा विभिन्न किसान संगठनों का धरना आज तीसरे दिन में प्रवेश कर गया। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से यहां पहुंचने का किसानों का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा। रोजाना हजारों किसानों के धरना स्थल पर पहुंचने से इसका आकार विशाल होता जा रहा है।

आलम यह है कि जहां तक नजर जाती है वहां किसान ही किसान नजर आते हैं। हाईवे के बीचों बीच किसानों का धरना चलने के कारण ट्रैफिक पूरी तरह ठप्प हैं ।

बड़वानी में भू-अर्जन के बड़े धोखाधड़ी और घोटाले के मामले में डिप्टी कलेक्टर,तहसीलदार,पटवारी,रीडर और उसकी बहन के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज  attacknews.in

बड़वानी 28 नवंबर । मध्यप्रदेश की बड़वानी थाना पुलिस ने भूमि का गलत नामांतरण, बंटवारा और डायवर्शन कर शासन के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में बड़वानी के डिप्टी कलेक्टर व पूर्व तहसीलदार समेत आज पांच लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।

बड़वानी कोतवाली के नगर निरीक्षक राजेश यादव ने बताया कि एनवीडीए के भू अर्जन अधिकारी शिवप्रसाद मंडराह के जांच प्रतिवेदन के आधार पर बड़वानी के डिप्टी कलेक्टर तथा तत्कालीन एसडीएम महेश कुमार बड़ोले, तत्कालीन तहसीलदार बड़वानी आदर्श शर्मा, तत्कालीन पटवारी रेवाराम गंगवाल, तत्कालीन रीडर टू एसडीएम बाबूलाल मालवीय तथा उसकी बहन कला बाई के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।

जांच रिपोर्ट: बड़वानी में भू-अर्जन के बड़े धोखाधड़ी के मामले में पटवारी निलंबित और  एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंसा

इससे पहले  17 अक्टूबर को बड़वानी के जिला कलेक्टर ने भू-अर्जन के प्रकरणों में आवेदकों से मिलीभगत कर ढाई करोड रुपए की आर्थिक हानि पहुंचाने के मामले में एक पटवारी को निलंबित कर दिया था ।

जिला कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने बताया था  कि बड़वानी तहसील के हल्का नंबर 4 के तत्कालीन पटवारी रेवाराम गंगवाल को निलंबित कर दिया गया है, जबकि मामले में संलिप्तता पाए जाने के चलते एसडीएम महेश बडोले तथा तत्कालीन तहसीलदार आदर्श शर्मा के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए शासन को अनुशंसा की है।

उन्होंने कहा था कि साथ ही दोषियों पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा रही है।

यह हैं मामला:

बड़वानी कलेक्टर ने सुनियोजित रूप से षड्यंत्र कर भू अर्जन प्रकरणों में शासन के साथ धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपए हड़पने वाले गिरोह को पकड़ा था:

आवेदकों से मिलीभगत कर शासन को लगभग ढाई करोड़ रुपए की आर्थिक हानि पहुंचाने का प्रयास करने वाले तत्कालीन एसडीएम महेश बडोले , तहसीलदार आदर्श शर्मा व पटवारी के आवेदक से मिलकर अमानत में खयानत  का दूसरा प्रकरण कलेक्टर बड़वानी ने पकड़ा:
…………….………..
पटवारी को किया था निलंबित, दोषियों पर कराई जाएगी एफआईआर , संलिप्त अधिकारीयों के विरुद्ध होगी विभागीय कार्यवाही भी:

कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने बड़वानी तहसील के हल्का नंबर 4 के  तत्कालीन पटवारी रेवाराम गंगवाल को भू अभिलेख रिकॉर्ड अद्यतन नहीं करने, विधि विरुद्ध बटांकन प्रस्तावित कर नामांतरण / बंटवारा कराने में गंभीर अनियमितता एवं पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरतने, आवेदकों से मिलीभगत कर सुनियोजित षड्यंत्र  पूर्वक शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने ( अवार्ड की राशि 143 9593 रुपए से बढ़कर, 2534 0394 रुपए हो जाने से शासन को 23900801 रुपए की क्षति होने से ) का भरसक प्रयास करने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।

कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार आवेदिका श्रीमती मीना पति श्री रमेशचंद्र ओचानी निवासी राजघाट रोड बड़वानी के मालिकी एवं आधिपत्य की सेगांव में स्थित 1 एकड़ भूमि सर्वे नंबर 61/ 8 जो व्यवसायिक प्रयोजन हेतु अनुभाग अधिकारी राजस्व बड़वानी द्वारा सन 2005 -06 में पारित आदेश द्वारा व्यपवर्तित थी।

श्रीमती मीना ओचानी ने सन 2011-12 में इस व्यवसायिक व्यपवर्तित भूमि को पुनः अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़वानी के द्वारा कृषि प्रयोजन में व्यपवर्तित कराई, और इस 1 एकड़ भूमि को 31 मार्च 2012 को तीन लोगों क्रमशः श्रीमती कमला बाई पति गजानंद कलाल निवासी बड़दा, राजेश पिता हीरालाल पाटीदार तथा लक्ष्मीनारायण पिता शंकरलाल गुप्ता निवासी लोहारी को 0.135 हेक्टर भूमि विक्रय की गई । इस विक्रत भूमि का नामांतरण 25 जनवरी 2014 को तत्कालीन तहसीलदार बड़वानी श्री महेश बडोले द्वारा स्वीकृत किया गया था।

किंतु पटवारी गंगाराम द्वारा इस आदेश पर अमल नहीं करते हुए उक्त भूमि को मूल खातेदार के नाम ही दर्ज रखी गई व स्वीकृत बटांकन  अनुसार खसरे में त्रुटिपूर्ण बटेनंबर दर्ज किए गए । तथा सन् 2013 से 2017 तक रिकॉर्ड  अद्यतन नहीं किया गया।

जिससे 21 अगस्त 2018 को सर्वे नंबर 81/ 11 रकबा 0.138 हेक्टेयर को पारिवारिक आपसी नामांतरण, बंटवारा हेतु श्रीमती कमला बाई, पारूवाई, कलाबाई द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया गया। जबकि इस भूमि पर कलाबाई का कोई स्वत्व ही नहीं था। तत्कालीन तहसीलदार श्री आदर्श शर्मा द्वारा 22 अगस्त 2016 को उक्त भूमि पर कमलाबाई, पारूबाई का नाम कम कर अवैधानिक रूप से कला बाई का नाम दर्ज किया गया।

इसी भूमि का विधि विरुद्ध डायवर्सन प्रवाचक बाबूलाल मालवीय द्वारा तत्कालीन SDM महेश बडोले से मिलकर अपनी सगी बहन कलाबाई के नाम से कराया गया।

जिसके कारण  प्रश्नाधीन भूमि के अर्जन में कलाबाई के नाम से रेफरेंस प्रकरण में अवार्ड राशि 1439593 रुपए के स्थान पर 25340394 रुपए का मुआवजा अधिनिर्णय पारित हुआ।

जिसके कारण कलेक्टर ने प्रश्नाधीन  भूमि के डायवर्जन, नामांतरण, बंटवारा एवं भू अभिलेख रिकॉर्ड अपडेशन, खसरों को अद्यतन नहीं करने तथा विधि विरुद्ध कार्य कर शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने के कारण पटवारी रेवाराम गंगवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। संलिप्त सभी अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही भी प्रस्तावित की गई । दोषियों पर FIR भी कराई जा रही है । कलेक्टर ने कुछ और प्रकरण भी पकड़े  हैं। अनेक अन्य प्रकरण भी सामने आने की सम्भावना है।

कोरोना से संक्रमित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का निधन,रविवार को छह घंटे तक डाय​लिसिस हुआ था और यह दोबारा विषाक्त चीजों से भर गया attacknews.in

गुवाहाटी 23 नवंबर । असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का सोमवार को निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे और कोरोना से संक्रमित थे।

स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री के निधन की खबर की पुष्टि की। श्री शर्मा ने कहा कि गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल(जीएमसीएच) के चिकित्सकों ने आज शाम पांच बजकर 34 मिनट पर श्री गोगोई के निधन की जानकारी दी।

श्री गोगोई का जीएमसीएच के गहन चिकित्सा कक्ष में एक नवंबर से उपचार चल रहा था। वह 21 नवंबर से वेंटिलेटर पर थे।जीएमसीएच के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञों के साथ सम्पर्क करके उनकी सेहत की निगरानी कर रही थी। श्री गोगोई अगस्त से तीन बार जीएमसीएच में भर्ती हो चुके थे।

राज्य के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके श्री गोगोई 25 अगस्त को कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे। इसके बाद उन्हें जीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। बीस दिनों तक उपचार चलने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया था।

श्री गोगोई को ऑक्सीजन स्तर कम होने के कारण 24 सितंबर को फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया और अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी। पूर्व मुख्यमंत्री को एक बार फिर एक नवंबर को इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां आज निधन हो गया।

सुबह बताया था कि, तरूण गोगोई वेंटिलेटर पर, हालत बेहद नाजुक

पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई की स्वास्थ्य स्थिति सोमवार की सुबह और बिगड़ गयी । उनकी देख भाल कर रहे चिकित्सकों ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री की हालत ‘‘बेहद, बेहद नाजुक’’ है।

गौहाटी मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक अभिजीत शर्मा ने बताया था कि 80 साल की उम्र पार कर चुके वरिष्ठ कांग्रेस नेता की देखभाल नौ चिकित्सकों की एक टीम कर रही है ।

उल्लेखनीय है कि 84 वर्षीय कांग्रेस नेता का इलाज गौहाटी मेडिकल कॉलेज (जीएमसीएच) में चल रहा था ।

उन्होंने संवाददाताओं को बताया, ‘ श्रीमान (गोगोई) की मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति बेहद, बेहद नाजुक है और डॉक्टर बेहतर प्रयास कर रहे हैं ।’

गोगोई के बेटे के साथ जीएमसीएच में मौजूद असम के स्वास्थ्य मंत्री ​हेमंत विस्व सरमा ने कहा, ‘पूर्व मुख्यमंत्री की स्थिति बहुत नाजुक एवं ​चिंताजनक है। वह पूरी तरह जीवन रक्षक उपकरण पर हैं हालांकि, डॉक्टर प्रयास कर रहे हैं । अब उनकी स्थिति में सुधार के लिये ईश्वर का आशीर्वाद और लोगों की प्रार्थना आवश्यक है ।’ सरमा ने कहा कि गोगोई के अंगों ने काम करना बंद कर दिया है, दिमाग को कुछ संकेत मिल रहे हैं, आंखें चल रही हैं और पेसमेकर लगाये जाने के बाद उनका दिल काम कर रहा है और इसके अलावा कोई अंग काम नहीं कर रहा है।

मंत्री ने कहा कि गोगोई का रविवार को छह घंटे तक डाय​लिसिस हुआ था और यह दोबारा विषाक्त चीजों से भर गया है। ऐसी हालत नहीं है कि डायलिसिस दोबारा किया जाए।

मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा था कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को पूर्व मुख्यमंत्री को हरसंभव उपचार मुहैया कराने का निर्देश दिया । उन्होंने कहा, ‘मैं उनके जल्दी से ठीक होने की ईश्वर से प्रार्थना करता हूं ।’ गोगोई की देख भाल कर रहे डॉक्टरों की टीम अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के लगातार संपर्क में हैं । विभिन्न अंगों के काम करना बंद करने के बाद गोगोई को वेंटिलेटर पर रखा गया था ।

असम के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके 84 साल के गोगोई को दो नवंबर को जीएमसीएच में भर्ती कराया गया था । शनिवार को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें शनिवार को वेंटिलेटर पर रखा गया था ।

गोगोई 25 अगस्त को कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे और इसके अगले दिन उन्हें जीएमसीएच में भर्ती कराया गया था । इसके बाद 25 अक्टूबर को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी ।

CBI की रिपोर्ट में राजीव गांधी का हत्यारा नहीं मानने पर 7 आरोपियों की रिहाई के लिए तमिलनाडु में राजनीतिक दबाव तेज हुआ attacknews.in

चेन्नई 22 नवंबर ।पाटली मक्कल काची (पीएमके) पार्टी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों में से एक एजी पेरारिवलन को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरों (सीबीआई) के इस रुख का स्वागत किया है जिसमें जांच एजेंसी ने कहा था कि उनका पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के लिए रची गई साजिश से कोई लेना देना नहीं था।

पीएमके ने इसके साथ ही तमिलनाडु के राज्यपाल पुरोहित से भी दोषियों की रिहाई को लेकर को जल्द से जल्द निर्णय लेने की अपील भी की है।

पीएमके के संस्थापक डॉ एस रामदॉस ने रविवार को कई सारे ट्वीट कर राज्य सरकार से दोषियों को रिहा करने की अपील करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सामने सीबीआई का यह कहना कि पेरारिवलन का मल्टी डिसिप्लिनरी मॉनिटरिंग एजेंसी (एमडीएमए) द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के पीछे की ‘बड़ी साजिश’ में की गई जांच से कोई लेना-देना नहीं है, एकदम सही रुख था।

डॉ रामदॉस ने कहा,“अब जब सीबीआई ने स्वयं ही सूचित किया है कि एमडीएमए जांच और पेरारिवलन की रिहाई के बीच कोई संबंध नहीं है इसलिए राज्यपाल को बिना कारण के देरी का हवाला देते हुए सभी सात दोषियों की रिहाई पर एक त्वरित निर्णय लेने चाहिए।”

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल 24 पन्नो के शपथ पत्र में सीबीआई ने कहा था कि पेरारिवलन की रिहाई का निर्णय अब पूरी तरह राज्य के राज्यपाल पुरोहित के हाथ में है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने कोर्ट में भी कहा है कि उनका इस मामले में कोई लेना देना नहीं है और यह निर्णय अब राज्यपाल के हाथ में है।

दिल्ली दंगों में गिरफ्तार JNU का पूर्व छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत चलेगा मुकदमा attacknews.in

नयी दिल्ली 06 नवम्बर । गृह मंत्रालय ने इस वर्ष के शुरू में दिल्ली में हुए दंगों के सिलसिले में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम के तहत मुकदमा चलाये जाने की मंजूरी दे दी है।

दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को इन दंगों के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।

गृह मंत्रालय के सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कानून के अनुसार किसी भी व्यक्ति के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने के लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी होती है। पुलिस ने इन दंगों के संबंध में 15 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने भी बताया कि खालिद के खिलाफ इस अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय दोनों से मंजूरी मिल चुकी है।

CDS जनरल बिपिन रावत ने कहा:भारत LAC में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेंगा, पूर्वी लद्दाख में LAC के पास हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं और भारत का रुख ‘‘स्पष्ट’’ बना हुआ है attacknews.in

नयी दिल्ली, छह नवंबर । प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) भारतीय सशस्त्र बलों की ‘‘कड़ी एवं मजबूत’’ प्रतिक्रिया के कारण पूर्वी लद्दाख में अपने दुस्साहस के लिए ‘‘अप्रत्याशित परिणाम’’ भुगत रही है।

जरनल रावत ने एक डिजिटल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं और भारत का रुख ‘‘स्पष्ट’’ बना हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं और चीन की जनमुक्ति सेना लद्दाख में भारतीय बलों की मजबूत प्रतिक्रिया के कारण अपने दुस्साहस के लिए अप्रत्याशित परिणाम भुगत रही है।’’

जनरल रावत ने कहा, ‘‘हमारा रुख स्पष्ट है और हम वास्तविक नियंत्रण रेखा में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेंगे।’’

उन्होंने समग्र सुरक्षा स्थिति की बात करते हुए कहा कि सीमा पर झड़पों, अतिक्रमण और बिना उकसावे की सामरिक सैन्य कार्रवाइयों के बड़े संघर्षों में बदलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

जनरल रावत ने पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद के मामले पर भी बात की और बताया कि भारतीय सशस्त्र बल इससे किस प्रकार निपट रहे हैं।

उन्होंने सुरक्षा चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि परमाणु हथियारों से सम्पन्न पड़ोसियों (पाकिस्तान एवं चीन) के साथ ‘‘लगातार टकराव’’ के कारण क्षेत्रीय सामरिक अस्थिरता पैदा होने और उसके बढ़ने का खतरा है।

जनरल रावत ने कहा कि भारत ने जिन दो देशों के साथ युद्ध लड़ा है, वे मिलकर काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के ‘‘लगातार छद्म युद्ध’’ और भारत के खिलाफ ‘‘दुष्ट’’ बयानबाजी के कारण भारत और पाकिस्तान के संबंध और भी खराब हो गए हैं।

जनरल रावत ने राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय की ओर आयोजित सम्मेलन में कहा कि उरी हमले और बालाकोट में हवाई हमलों के बाद सर्जिकल हमलों ने कड़ा संदेश दिया है कि पाकिस्तान अब नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों को भेजने के बाद बच नहीं सकता।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के भारत के नए तरीके के कारण पाकिस्तान में अस्पष्टता और अनिश्चितता पैदा हो गई है।

उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद का सख्ती से सामना करेगा।

जनरल रावत ने कहा कि आंतरिक समस्याओं, अर्थव्यवस्था के ढहने, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग होने और आम नागरिकों एवं सेना के बीच खराब संबंधों के बावजूद पाकिस्तान लगातार यह दिखाता रहेगा कि कश्मीर उसका ‘‘अधूरा एजेंडा’’ है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना युद्ध लड़ने की अपनी क्षमताओं को बरकरार रखने के लिए धन की आवश्यकता को सही ठहराने के लिए भारत से अपने अस्तित्व को खतरे का हौआ दिखाती रहेगी।

व्हाट्सऐप ने भारत में भुगतान सेवा शुरू की,इसमें धन भेजना इतना आसान है, जितना कोई संदेश भेजना, नकद लेनदेन या बैंक जाए बिना परिवार के किसी सदस्य को धन भेज सकेंगे या सामान का मूल्य चुका सकेंगे attacknews.in

नयी दिल्ली, छह नवंबर । व्हाट्सऐप ने शुक्रवार को कहा कि उसने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) से अनुमति पाने के बाद भारत में अपनी भुगतान सेवाओं की शुरुआत की है।

फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी ने 2018 में भारत में अपनी यूपीआई आधारित भुगतान सेवा का परीक्षण शुरू किया था, जो उपयोगकर्ताओं को धनराशि भेजने और पाने के लिए मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करने की अनुमति देती है।

यह परीक्षण करीब 10 लाख उपयोगकर्ताओं के बीच किया गया, क्योंकि इसके लिए नियामक मंजूरियों का इंतजार था।

एनपीसीआई ने गुरुवार को व्हाट्सऐप को देश में क्रमिक रूप से भुगतान सेवा शुरू करने की अनुमति दी, और शुरुआत में यूपीआई में पंजीकृत अधिकतम दो करोड़ उपयोगकर्ताओं को यह सेवा दी जाएगी।

व्हाट्सऐप ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा, ‘‘आज से, पूरे भारत में लोग व्हाट्सऐप के जरिए धन भेज पाएंगे। भुगतान के इस सुरक्षित तरीके में धन भेजना इतना ही आसान है, जितना कोई संदेश भेजना। लोग नकद लेनदेन या बैंक जाए बिना सुरक्षित रूप से परिवार के किसी सदस्य को धन भेज सकते हैं या सामान का मूल्य चुका सकते हैं।’’

इसमें लिखा गया है कि भुगतान सुविधा को यूपीआई का इस्तेमाल कर एनपीसीआई के साथ साझेदारी में तैयार किया गया है, जो एक तत्काल भुगतान प्रणाली है और 160 से अधिक समर्थित बैंकों के साथ लेनदेन को सक्षम बनाता है।

इस साल जून में व्हाट्सऐप ने ब्राजील में ‘व्हाट्सएप पे’ की शुरुआत की थी, जो इस तरह की पहली सेवा थी।

भारत में व्हाट्सऐप के 40 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं और भारत उसका सबसे बड़ा बाजार है।

कंपनी को अपनी नई पेशकश के साथ पेटीएम, गूगल पे, वालमार्ट के स्वामित्व वाले फोनपे और अमेजन पे जैसे बड़े खिलाड़ियों से मुकाबला करना होगा।

चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू यादव के नौ नवंबर को जेल से बाहर आने का दावा करने वाले उनके पुत्र मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी को झटका, अभी और करना होगा इंतज़ार, अगली सुनवाई 27 नवंबर को attacknews.in

रांची, 06 नवंबर । चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के नौ नवंबर को जेल से बाहर आने का दावा करने वाले उनके पुत्र और बिहार विधानसभा के चुनाव में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी प्रसाद यादव एवं पार्टी को झारखंड उच्च न्यायालय में जमानत पर सुनवाई की तिथि आगे बढ़ाए जाने से राजद सुप्रीमो के जेल से बाहर आने के लिए अभी और इंतजार करना होगा।

न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की अदालत में आज दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में श्री लालू प्रसाद यादव की ओर से दाखिल जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस पर जवाब दाखिल करनेेे के लिए समय देने की मांग की। इसके लिए अदालत ने सीबीआई को 24 नवंबर तक का वक्त दे दिया । अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 27 नवंबर निर्धारित की है।

मामले में श्री यादव के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कुछ दिन पूर्व दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत याचिका दाखिल की थी। याचिका में उन्होंने आग्रह किया कि श्री यादव ने इस मामले में आधी सजा काट ली है इसलिए इन्हें जमानत दे दी जाए। हालांकि जमानत पर सुनवाई को लेकर नौ नवंबर 2020 की तारीख तय थी, लेकिन राजद अध्यक्ष के अधिवक्ता ने छह नवंबर को ही इनसे जुड़े मामले में जमानत पर सुनवाई करने का आग्रह किया था, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था।

चारा घोटाला में सजायाफ्ता श्री यादव फिलहाल रांची के राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) स्थित केली बंगले में रह रहे हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण रिम्स में इलाजरत राजद अध्यक्ष को केली बंगला में शिफ्ट किया गया था।

श्री यादव 23 दिसंबर 2017 से चारा घोटाला मामले में जेल में बंद हैं। दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत इन्हें सजा सुना चुकी है। वहीं, देवघर और चाईबासा मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है।

उल्लेलखनीय है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में राजद सुप्रीमों श्री यादव को सात साल की सजा सुनाई है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा:पहले से पराजय की भूमिका बनाने लगी है कांग्रेस;कमलनाथ का दावा है कि मतदान का जो प्रतिशत बढ़ा है, यह भी भाजपा के लिये एक संदेश और संकेत है attacknews.in

भोपाल, 03 नवंबर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि कांग्रेस नेता उपचुनावों में पहले से ही पराजय की भूमिका बनाने लगे हैं।

श्री चौहान ने यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया के सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की। उनसे ईवीएम को लेकर वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के ट्वीट को लेकर सवाल किया गया था।

श्री चौहान ने कहा कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 114 सीट प्राप्त हुयी थीं। तब ईवीएम ठीक थी। अब उपचुनावों में कांग्रेस को करारी पराजय दिख रही है, तो हार का सारा ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने की तैयारी चल रही है। सारा दोष ईवीएम पर मढ़ दो और छुट्टी पा जाओ।

कोरोना संकटकाल के बावजूद मतदान किया मतदाताओं ने – शिवराज

मुख्यमंत्री चौहान ने आज इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बावजूद राज्य के 28 विधानसभा उपचुनावों में मतदाताओं ने उत्साहपूर्वक और बढ़चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया।

श्री चाैहान ने शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न होने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जनता ने लोकतंत्र में विश्वास व्यक्त करते हुए मतदान को पवित्र कर्तव्य माना है। जिस तरह से लोगों ने मतदान किया, उससे लगता है कि कोरोना का भय और असर कहीं नहीं दिखा। कुछ स्थानों पर तो वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से ज्यादा वोटिंग हुई है। यह हमारे लोकतंत्र की मजबूती का नमूना है।

श्री चौहान ने कहा कि वे मतदाताओं के प्रति आभार प्रकट करते हैं। उन्होंने साथ ही दावा करते हुए कहा कि जितनी बंपर वोटिंग हुई है, उतनी बंपर भाजपा की जीत होगी। उन्होंने कहा कि वहीं कांग्रेस की बौखलाहट दिख रही है और उसने अभी से ईवीएम पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। बौखलाहट देखकर लगता है कि कांग्रेस ने अपनी पराजय स्वीकार कर ली है।

उन्होंने उपचुनाव के दौरान अधिकारियों कर्मचारियों को धमकाने का जिक्र करते हुए कहा कि अधिकारियों कर्मचारियों का भी मान सम्मान होता है। उनका अपमान नहीं किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ हमारा संकल्प है और हमने इसका रोडमैप तैयार कर लिया है। अब हम इस दिशा में तेजी से काम करना शुरू करेंगे।

मतदाताओं ने अभूतपूर्व उत्साह दिखाया – कमलनाथ

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज 28 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए मतदान के दौरान मतदाताओं के उत्साह को अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि इसके लिए वे उनके प्रति आभार प्रदर्शित करते हैं।

श्री कमलनाथ ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि मतदाताओं ने अभूतपूर्व उत्साह दिखाते हुए मतदान किया है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सच और झूठ का है। यह चुनाव इस बात का भी है कि किस प्रकार हमारा प्रजातंत्र और संविधान सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इन चुनावों में गुमराह करने और घोषणाओं की राजनीति की, लेकिन मतदाताओं ने इस राजनीति को पूरी तरह समझ लिया।

श्री कमलनाथ का दावा है कि मतदान का जो प्रतिशत बढ़ा है, यह भी भाजपा के लिये एक संदेश और संकेत है।

राजनाथ सिंह ने  देश में राजनीतिक विमर्श के गिरते स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि: नेताओं के नफरत भरे भाषण, व्यक्तिगत टिप्पणियां स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छे नहीं attacknews.in

पटना/नयी दिल्ली, एक नवंबर। देश में राजनीतिक विमर्श के गिरते स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ‘‘लोगों के बीच नफरत फैलाकर चुनाव लड़ा और जीता नहीं जाना चाहिए’’ और एक स्वस्थ लोकतंत्र में ‘कड़वाहट भरी और अप्रिय टिप्पणी’ की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने यह भरोसा भी जताया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) बिहार विधानसभा चुनाव जीतेगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि चिराग पासवान नीत लोक जनशक्ति पार्टी के बिहार में राजग से बाहर होने का असर सत्तारूढ़ गठबंधन की चुनाव संभावनाओं पर नहीं पड़ेगा।

सिंह ने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि पासवान की पार्टी के साथ कोई गुप्त समझौता है। उन्होंने कहा कि भाजपा साफ सुथरी राजनीति में विश्वास रखती है और लोगों के विश्वास से खिलवाड़ नहीं करती।

उन्होंने कहा, ‘‘चिराग और उनकी पार्टी (लोजपा) के गठबंधन से बाहर होने के अपने कारण हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि लोजपा का कोई असर बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा-जद(यू) गठबंधन पर पड़ेगा। हमारा गठबंधन चुनाव जीतेगा और राज्य में अगली सरकार बनाएगा। ’’

इस बात का जिक्र किये जाने पर कि चिराग अपने चुनाव प्रचार के दौरान सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रहार कर रहे हैं, भाजपा पर नहीं, इस पर सिंह ने कहा, ‘‘व्यक्तिगत द्वेष स्वस्थ राजनीति के लिए अच्छा नहीं है। इससे दूर रहना चाहिए और मैं खुद इस तरह की राजनीति नहीं करता। ’’ सभी राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा एक दूसरे के खिलाफ नफरत भरे बयान देने और व्यक्तिगत टिप्पणी किए जाने पर चिंता जाहिर करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘स्वस्थ राजनीति में नफरत के लिये कोई जगह नहीं है और लोगों के बीच नफरत फैलाकर चुनाव लड़ा और जीता नहीं जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक दूसरे के खिलाफ कटुता, अप्रिय टिप्पणी और व्यक्तिगत आक्षेप लगाने से बचना चाहिए। यह स्वस्थ राजनीति के लिए अच्छा नहीं है। इसके बजाय चर्चा, बहस और यहां तक कि जनहित के मुद्दों पर तर्क-वितर्क होना चाहिए। ’’

सिंह ने बिहार में दर्जन भर से अधिक चुनावी रैलियों को संबोधित किया है और आने वाले दिनों में कई और रैलियों को संबोधित कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जनसभाओं में जो प्रतिक्रिया उन्हें देखने को मिली है, वह इस बारे में मजबूत संकेत देती है कि भाजपा-जद(यू) गठबंधन राज्य में चुनाव जीतने जा रहा है।

सिंह ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने राजनीति में विश्वसनीयता के संकट को खत्म कर दिया है।

उन्होंने कहा , ‘‘वहीं दूसरी ओर,चाहे वह बिहार हो या राष्ट्रीय स्तर पर हो, विपक्ष के पास विश्वसनीयता का अभाव है क्योंकि वह हमेशा ही अपने वादों को पूरा करने में नाकाम रहा है। ’’

राजद नेता एवं महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव की रैलियों में जनसैलाब उमड़ने के विषय पर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा नेताओं की जनसभाओं में भी भारी भीड़ जुट रही है। किसी एक पार्टी या उसके नेताओं की जनसभाओं के बारे में बढ़ा -चढ़ा कर बोलना सही नहीं होगा।

यह पूछे जाने पर कि कुछ पुराने सहयोगी दलों के गठबंधन छोड़ने से क्या राजग सिकुड़ रहा है, सिंह ने कहा, ‘‘जो राजग छोड़कर चले गए वे अपने कारणों से गए। राजनीति में आप नहीं जानते कि कब कोई आपका सहयोगी बन सकता है। ’’

क्या राजग से बाहर हो चुके दलों के लिए अब भी उसके दरवाजे खुले हैं, इसके जवाब में सिंह ने कहा, ‘‘जो भारत के विकास में योगदान देना चाहते हैं उनके लिए राजग के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। ’’

दिल्ली में पराली जलाने की ‘‘सामान्य से अधिक घटनाओं’’ के कारण वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ बनी रही , बेहतर वायु संचार का प्रभाव समाप्त attacknews.in

नयी दिल्ली, एक नवंबर । पराली जलाने की ‘‘सामान्य से अधिक घटनाओं’’ के कारण बेहतर वायु संचार का प्रभाव समाप्त होने की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता रविवार को भी ‘‘बहुत खराब’’ बनी रही।

हालांकि स्थिति में सोमवार तक सुधार होने की उम्मीद है।

दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह साढ़े आठ बजे 366 मापा गया। शनिवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 367 रहा। यह शुक्रवार को 374, बृहस्पतिवार को 395, बुधवार को 297, मंगलवार को 312 और सोमवार को 353 दर्ज किया गया था।

उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ‘सफर’ के अनुसार, शनिवार को दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषक कणों में पराली जलाने की भागीदारी 32 प्रतिशत रही, जो शुक्रवार को 19 प्रतिशत और बृहस्पतिवार को 36 प्रतिशत थी।

केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार शुक्रवार को पराली जलाने की घटनाएं पंजाब (लगभग 4,266), हरियाणा (155), उत्तर प्रदेश (51) और मध्य प्रदेश में (381) रहीं जो असामान्य रूप से अधिक हैं, जिसके कारण दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमोत्तर भारत के अन्य हिस्सों में वायु गुणवत्ता खराब हुई।

नासा से प्राप्त उपग्रह चित्रों में पंजाब में और हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पराली इत्यादि जलाने की घटनाओं की पुष्टि हुई।

सफर ने बताया कि बेहतर वायु संचार के बावजूद दिल्ली के एक्यूआई में सुधार नहीं हुआ, लेकिन इसमें आगामी दो दिन में सुधार की उम्मीद है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, रविवार को हवा की दिशा मुख्य रूप से पश्चिमोत्तर रही और हवा की अधिकतम गति 15 किलोमीटर प्रति घंटा रही।

ठंडी हवाओं और कम तापमान के कारण प्रदूषक जमीन के निकट रहे, जबकि वायु की अनुकूल रफ्तार के कारण इनके बिखराव में मदद मिली।

श्रीनगर के बाहरी हिस्से में रविवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिद्दीन का प्रमुख सैफुल्लाह मारा गया attacknews.in

श्रीनगर ,01 नवंबर । जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के बाहरी हिस्से में रविवार को सुरक्षाबलों के घेराबंदी और तलाशी अभियान (कासो) के दौरान हुई मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहीद्दीन का प्रमुख डा. सैफुल्लाह मारा गया।

आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की विशेष जानकारी के बाद शहर के बाहरी इलाके के रंगरेथ क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)ने संयुक्त रूप से घेराबंदी और तलाशी अभियान (कासो) शुरु किया।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल जब एक विशेष क्षेत्र की ओर बढ़ रहे थे तो वहां छिपे आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से उन पर गोलीबारी की। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के बाद मुठभेड़ शुरु हो गई है।

इस दौरान एक आतंकवादी मारा गया जबकि एक अन्य संदिग्ध को मौके से गिरफ्तार किया गया। मारे गये आतंकवादी की पहचान सैफुल्लाह के रूप में हुई है। हिज्बुल के पूर्व कमांडर रियाज नायकू के इसी वर्ष मई में मारे जाने के बाद सैफुल्लाह ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन की कमान संभाली थी।

सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार एवं गोला बारूद के अलावा अन्य सामान भी बरामद किये गये हैं।

आतंकवादियों के भागने के प्रयास को विफल करने तथा किसी भी अप्रिय वारदात से निपटने के लिए आस-पास के इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

पाकिस्तान ने किया संघर्ष विराम का उल्लंघन और भगवान शिव के मंदिर और मकानों को निशाना बनाया,कई सेक्टरों में गोलियां चलाई,मोर्टार के गोले दागे attacknews.in

जम्मू, एक नवंबर।पाकिस्तानी सैनिकों ने बिना उकसावे के संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए जम्मू कश्मीर के कठुआ और पुंछ जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) तथा नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर कई सेक्टरों में गोलियां चलाई और मोर्टार के गोले दागे। गोलियां एक मंदिर और कुछ मकानों में लगी हैं।

अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि सेना और सीमा सुरक्षा बल ने इसका समुचित जवाब दिया और भारतीय पक्ष में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

अधिकारियों ने बताया कि कठुआ जिले में आईबी के पास हीरानगर सेक्टर में मनियारी, चंदवा और लोंदी गावों में गोलीबारी से भगवान शिव का एक मंदिर और कुछ मकान अंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

उन्होंने बताया कि कुछ मवेशियों को गोलियां लगी हैं और पशु चिकित्सक उनका उपचार कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सीमा पार से गोलीबारी शनिवार रात करीब 9.45 बजे शुरू हुई, इसके बाद दोनों ओर से रविवार सुबह 5.25 बजे तक गोलीबारी जारी रही। इससे इलाके के लोगों में भय का माहौल बन गया और उन्होंने रात भूमिगत बंकरों में गुजारी।

रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने पुंछ जिले में एलओसी पर शाहपुर, किरनी और कस्बा सेक्टर में गोलियां चलाई और मोर्टार के गोले दागे।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सुबह करीब 7:30 बजे पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए एलओसी पर शाहपुर, किरनी और कस्बा सेक्टर में गोलियां चलाईं और मोर्टार के गोले दागे। भारतीय सेना इसका समुचित जवाब दे रही है।’’