जनहित में राज्य सरकार के बड़े फैसले:तय समय-सीमा में लोक सेवायें अपने आप ही आवेदक को मिल जावेगी, मिलावट करने पर अब आजीवन कारावास और प्रलोभन या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने पर कड़ी सजा का प्रावधान attacknews.in

भोपाल 29, दिसम्बर ।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नागरिकों को नियत समय-सीमा में लोक सेवा प्रदान करना सुनिश्चित करने के लिए अध्यादेश लाया जा रहा है। अब चिन्हित की गई लोकसेवा तय समय-सीमा में अधिकारी द्वारा प्रदाय नहीं की जाती है तो वे सेवायें अपने आप ही नागरिकों को मिल जावेगी। इसे डीम्ड सेवा कहा जावेगा। यह जनहित में राज्य सरकार का क्रांतिकारी कदम है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जो लोक सेवायें मध्यप्रदेश लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के तहत तय समय-सीमा में अधिकारी द्वारा आवेदक को प्रदान करनी होती है और तय समय-सीमा में आवेदक को प्रदाय नहीं होने पर अधिकारी पर जुर्माना लगाया जाता है। जुर्माने में मिली राशि आवेदक को दी जाती है। इस प्रावधान को जनहित में और प्रभावी बनाया गया है। इस अधिनियम में अध्यादेश के माध्यम से संशोधन कर प्रावधान किया जा रहा है कि सेवा प्रदाय की तय समस-सीमा तक यदि सेवा आवेदक को अधिकारी द्वारा प्रदाय नहीं की जाती है तो वे सेवायें स्वत: ही निर्धारित समय-सीमा के बाद आवेदक को मिल जाएगी।

मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में अध्यादेश के जरिए संशोधन कर महिलाओं, बेटियों, विशेषकर नाबालिक बेटियों, अनुसूचित जाति, जनजाति के भाई-बहनों का नियम विरुद्ध धर्म परिवर्तन कराने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। इसमें न्यूनतम 2 वर्ष से लेकर अधिकतम 10 वर्ष तक का कारावास और 50 हजार रुपये का अर्थदण्ड दिया जा सकता है। लोभ, लालच, भय, प्रलोभन, परिचय छिपाकर धर्म परिवर्तन कराने या कुत्सितइरादों से धर्मांतरण कराने पर दण्ड दिया जा सकेगा। ऐसे अपराध बड़े पैमाने पर मध्यप्रदेश में हो रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। अपना धर्म छिपाकर या गलत व्याख्या कर धर्म परिवर्तन कराने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि अधिनियम विरुद्ध दो या अधिक व्यक्तियों का एक ही समय में सामूहिक धर्म परिवर्तन किये जाने पर न्यूनतम पांच वर्ष से अधिकतम 10 वर्ष तक कारावास और न्यूनतम एक लाख रुपये का अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिस व्यक्ति का धर्म परिवर्तन अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध किया गया है उसके माता-पिता, भाई-बहन इसकी शिकायत पुलिस थाने में कर सकेंगे। पीड़ित व्यक्ति के अन्य सगे संबंधी, कानूनी अभिभावक और दत्तक के संरक्षक भी परिवाद के माध्यम से सक्षम न्यायालय से आदेश प्राप्त कर सकेंगे। प्रस्तावित अधिनियम के अंतर्गत दर्ज किए गए अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होंगे। उनकी सुनवाई के लिए सत्र न्यायालय ही अधिकृत होगा। यह अध्यादेश राज्यपाल को भेजा जा रहा है।

मिलावट करने पर आजीवन कारावास

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मिलावट एक भयानक अपराध है। खाद्य पदार्थों और दवाईयों में यहां तक कि कोरोना संक्रमण के इलाज के उपयोग होने वाले प्लाज्मा में और कोरोना की वैक्सीन में मिलावट के समाचार मिले हैं। इससे बड़ा अपराध हो सकता है क्या? यह लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ है। यह किसी भी कीमत पर मध्यप्रदेश में नहीं चलने दिया जावेगा। इसके लिए भी कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश का अनुमोदन किया गया है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 272, 273, 274, 275 और 276 में संशोधन कर 6 माह के कारावास और एक हजार रुपये तक के जुर्माने के स्थान पर आजीवन कारावास और जुर्माना प्रतिस्थापित किया गया है। मिलावट करने वाले को आजीवन कारावास होगा। इस अध्यादेश में मिलावट कर सामग्री बनाने वाले को दण्ड मिलेगा। व्यापारी को दण्ड नहीं मिलेगा। जहां वस्तु बनती है, दोषी उस कारखाने का मालिक होगा। उसे किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। जिन्दगी भर जेल में चक्की पीसनी पड़ेगी। नई धारा में 273(क) को जोड़ा गया है। जिसमें एक्सपायरी डेट के खाद्य पदार्थ के विक्रय पर पांच साल का कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान किया गया है। मिलावट के खिलाफ जो जंग चल रही है उसमें यह कानून मिलावट रोकने का बहुत बड़ा माध्यम बनेगा।

“लव जेहाद”करने वाले आरोपी पर इतने कड़े प्रतिबंध लगाने वाला “लव जेहाद” पर प्रतिबंध संबंधी कानून‘धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020’ को मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी attacknews.in

भोपाल, 29 दिसंबर ।मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल ने कथित ‘लव जिहाद’ के खिलाफ मंगलवार को ‘मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020’ को मंजूरी दे दी।

इस अध्यादेश के जरिए शादी तथा किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल की कैद का प्रावधान किया गया है।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मध्यप्रदेश के कानून एवं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020 को मंगलवार को अध्यादेश के रूप में मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस अध्यादेश को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के पास उनकी स्वीकृति के लिए भेजा गया है और उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून के रूप में प्रदेश में लागू हो जाएगा।’’

मिश्रा ने बताया, ‘‘मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020 सहित कई अन्य अध्यादेशों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई।’’ उन्होंने कहा कि इन विधेयकों को कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के चलते 28 दिसंबर से शुरू होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा के तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र के स्थगित हो जाने से सदन में पेश नहीं किया जा सका।

इसके पहले शनिवार को यहां हुयी मंत्रिपरिषद की बैठक में लवजिहाद और धर्म परिवर्तन रोकने संबंधी महत्वपूर्ण मप्र धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 को स्वीकृति प्रदान की थी। इसे सोमवार से प्रारंभ होने वाले तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन कोरोना के चलते सत्र स्थगित कर दिया गया है।

राज्य सरकार ने धर्म परिवर्तन और लवजिहाद रोकने के लिए संबंधित विधेयक में सख्त प्रावधान किए हैं। इसके लागू होने के बाद कोई भी व्यक्ति दूसरे को प्रलोभन, धमकी, बल, दुष्प्रभाव, विवाह के नाम पर अथवा अन्य कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष अथवा अन्य तरीके से उसका धर्म परिवर्तन या धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा। कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन किए जाने का दुष्प्रेरण अथवा षड़यंत्र नहीं कर सकेगा।

किसी भी व्यक्ति के द्वारा इससे संबंधित अधिनियम का उल्लंघन करने पर एक साल से पांच साल तक के कारावास और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा।

नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति, जनजाति के मामले में दो से दस साल तक का कारावास और कम से कम 50 हजार रुपए का अर्थदंड लगाने का प्रावधान है।

अपना धर्म छिपाकर (लवजिहाद) धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम का उल्लंघन करने पर तीन साल से दस साल तक के कारावास और 50 हजार रुपए अर्थदंड और सामूहिक धर्म परिवर्तन (दो या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर 5 से 10 वर्ष के कारावास और एक लाख रुपए के अर्थदंड का प्रावधान किया गया है।

नए कानून में धर्म संपरिवर्तन (लवजिहाद) के आशय से किया गया विवाह शून्य घोषित करने के साथ महिला और उसके बच्चों के भरण पोषण का हकदार करने का प्रावधान भी किया गया है। ऐसे विवाह से जन्मे बच्चे माता-पिता की संपत्ति के उत्तराधिकारी होंगे। धर्मांतरण के लिए होने वाली शादियों पर रोक लगाने के लिए प्रस्तावित धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम को कठोर बनाने के साथ कुछ ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जो देश के किसी भी राज्य में अब तक नहीं हैं।

धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम का उल्लंघन करने वाली संस्था और संगठन को भी अपराधी के समान सजा मिलेगी। धर्मांतरण नहीं किया गया है, यह आरोपी को ही साबित करना होगा। अपराध को संज्ञेय और गैर जमानती बनाने के साथ उप पुलिस निरीक्षक से कम श्रेणी का अधिकारी इसकी जांच नहीं कर सकेगा।

27 करोड़ रुपये का जुर्माने के सेबी के आदेश के खिलाफ एनडीटीवी के संस्थापक और प्रवर्तक प्रणय रॉय और राधिका रॉय अपील करेंगे attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर । एनडीटीवी के प्रवर्तक प्रणय और राधिका रॉय और प्रवर्तक समूह कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग्स प्रा. लि. पूंजी बाजार नियामक सेबी के आदेश के खिलाफ अपील करेंगे। सेबी ने उन पर कुछ कर्ज समझौतों के बारे में कथित तौर पर खुलासा नहीं किये जाने के कारण 27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

सेबी ने कंपनी पर सूचीबद्धता और प्रतिभूतियों से जुड़े विभिन्न नियमों के उल्लंघन को लेकर यह जुर्माना लगाया है। इसमें कुछ कर्ज समझौतों के बारे में शेयरधारकों से जानकारी को छुपाने का भी आरोप है।

सेबी का कहना है कि कुछ रिण समझौतों में ऐसे प्रावधान हैं जिनका एनडीटीवी शेयरधारकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

एनडीटीवी ने बृहस्पतिवार शाम को शेयर बाजारों को भेजी गई सूचना में कहा है कि एनडीटीवी के संस्थापक और प्रवर्तक प्रणय रॉय और राधिका रॉय तथा कंपनी की प्रवर्तक कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग्स प्रा. लि. ने बार बार यह कहा है कि उन्होंने किसी भी लेनदेन अथवा समझौते के जरिये प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से एनडीटीवी का नियंत्रण हस्तांतरित करने की अनुमति नहीं दी है।

दी गई सूचना में कहा गया है कि वह एनडीटीवी की चुकता शेयर पूंजी में अब भी 61.45 प्रतिशत हिस्सेदारी के धारक हैं।

सेबी के बृहस्पतिवार को पारित आदेश के बारे में इसमें कहा गया है कि कंपनी के प्रवर्तक और प्रवर्तक समूह कंपनी आदेश के खिलाफ ‘‘तुरंत अपील’’ करेगी।

सेबी का आदेश कंपनी के संस्थापकों और प्रवर्तक कंपनी समूह द्वारा 2008- 2010 के दौरान विश्वप्रधान कमर्शियल प्रा. लि. और आईसीआईसीआई बैंक के साथ किये गये कर्ज समझौतों के बारे में कथित तौर पर खुलासा नहीं किये जाने पर आधारित है।

एनडीटीवी द्वारा शेयर बाजारों को भेजी सूचना में यह भी कहा गया है कि कंपनी का नियंत्रण कथित तौर पर छोड़ दिये जाने का मामला अभी प्रतिभूति अपीलीय न्यायाध्याधिकरण में लंबित है। इस मामले में न्यायाध्याधिकरण ने 2019 में एनडीटीवी संस्थापकों के पक्ष में स्थगन दिया हुआ है। यह स्थगन अभी भी लागू है।

नेपाल में संसद भंग किए जाने के बाद देश में पैदा हुए राजनीतिक संकट के बीच ओली सरकार ने एक जनवरी को उच्च सदन का शीतकालीन सत्र बुलाने की सिफारिश की attacknews.in

काठमांडू, 26 दिसंबर । नेपाल के संकटग्रस्त प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार ने राष्ट्रपति से एक जनवरी को संसद के उच्च सदन का शीतकालीन सत्र बुलाने की सिफारिश की है।

ओली की सिफारिश पर गत रविवार को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी द्वारा प्रतिनिधि सभा को भंग किए जाने तथा मध्यावधि चुनाव की तारीखों की घोषणा किए जाने के बाद नेपाल में राजनीतिक संकट गहरा गया है और सत्तारूढ़ पार्टी का एक तबका तथा विपक्षी दल विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री हृदयेश त्रिपाठी ने काठमांडू पोस्ट को बताया कि शुक्रवार शाम हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रपति से एक जनवरी को उच्च सदन नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने की सिफारिश किए जाने का निर्णय किया गया।

नेपाल का उच्चतम न्यायालय प्रतिनिधि सभा को भंग किए जाने के खिलाफ दायर 13 रिट याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।

न्यायालय ने शुक्रवार को ओली सरकार को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया और संसद भंग करने के अचानक लिए गए निर्णय पर लिखित स्पष्टीकरण मांगा।

रेल आरक्षण की आधुनिक वेबसाइट का तोहफा देगी रेलवे:वर्ष 2021 की शुरुआत आईआरसीटीसी की नयी आधुनिक वेबसाइट के साथ होगी,गाड़ियों की गति बढ़ेगी और समयबद्धता भी सुधरेगी attacknews.in

नयी दिल्ली 26 दिसंबर । वर्ष 2020 में भारतीय रेलवे की सबसे बड़ी उपलब्धि कोविड-19 महामारी के काल में लॉकडाउन के दौरान देश में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को बनाये रखना और 63 लाख से अधिक श्रमिकाें को उनके गृहक्षेत्र में पहुंचाना रहा। वर्ष 2021 की शुरुआत आईआरसीटीसी की नयी एवं आधुनिक वेबसाइट के साथ होगी। गाड़ियों की गति बढ़ेगी और समयबद्धता भी सुधरेगी।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनोद कुमार यादव ने यहां एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वर्ष 2020 में रेलवे की सबसे बड़ी उपलब्धि कोविड काल में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना रहा। रेलवे के समर्पित कर्मचारियों एवं अधिकारियों की निष्ठा एवं सेवा के कारण खाद्यान्नों, मेडिकल उपकरणों एवं दवाओं, तापविद्युत गृहों में कोयला, खाद आदि की आपूर्ति सुचारु रूप से जारी रही। रेलवे ने पार्सल ट्रेनों का परिचालन किया। यात्री गाड़ियों का दबाव नहीं होने के कारण मालगाड़ियों की औसत गति करीब दो गुनी हो गयी।

श्री यादव ने कहा कि दूसरा महत्वपूर्ण काम देशभर से करीब 63 लाख दस हजार श्रमिकों को विभिन्न राज्य सरकारों के सहयोग से 4621 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिये उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाना रहा। उन्होंने कहा कि रेलवे ने आपदा को अवसर में बदलते हुए इस दौरान संरक्षा के लंबित सभी कामों को अंजाम दिया और ढांचागत विकास के 350 आवश्यक कार्यों को त्वरित गति से पूरा किया और 1367 पुलों की मरम्मत की गयी जिससे संरक्षा एवं गति में सुधार हुआ। ट्रैक अनुरक्षण, सिगनल एवं दूरसंचार, ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर, कोच, लोकोमोटिव आदि सभी से संबंधित लंबित कमियों को दुरुस्त किया गया। जहां ब्लॉक लेने की जरूरत थी उन सभी कार्यों को पूरा किया गया।

उन्होंने कहा कि कोविड काल में रेलवे ने 5601 कोचों को कोविड केयर सेंटर में बदला और विभिन्न स्टेशनों पर तैनात किया गया जिससे हजारों कोविड रोगियों के उपचार में मदद मिली। रेलवे ने कोविड के सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए लोगों को आवागमन की सुविधा प्रदान करने के लिए 1100 स्पेशल ट्रेनें, 618 फेस्टिवल ट्रेनें, मुंबई, कोलकाता एवं चेन्नई में 3936 उपनगरीय ट्रेनें, कोलकाता में 264 मेट्रो ट्रेनें और 138 पैसेंजर गाड़ियों का परिचालन किया।

कोविड काल में रेलवे पर पड़े आर्थिक प्रभाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे मालवहन क्षेत्र में किये उपायों से अब तक गत वर्ष की तुलना में 97.5 प्रतिशत से अधिक के स्तर पर आ गयी है तथा संकेतों से साफ है कि वित्त वर्ष की समाप्ति पर लाभ की स्थिति में आ जाएगी। उसे यात्री राजस्व में नुकसान होगा। लेकिन यात्री गाड़ियों के नहीं चलने से एवं अन्य उपायों से व्यय में भी 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक कटौती हुई है। इस प्रकार से रेलवे का परिचालन परिव्यय के मामले में प्रदर्शन अच्छा ही रहेगा।

मुंबई अहमदाबाद हाईस्पीड रेल परियोजना के बारे में एक सवाल के जवाब में श्री यादव ने कहा कि इस परियोजना के लिए गुजरात में 90 प्रतिशत और महाराष्ट्र में करीब 15 प्रतिशत भू अधिग्रहण हो चुका है। महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे को आश्वासन दिया है कि अगले चार माह में 80 प्रतिशत से अधिक भू अधिग्रहीत कर ली जाएगी।

उन्होंने कहा कि रेलवे चाहती है कि पूरी परियोजना एक बार में ही बन जाये और उसे एक साथ खोला जाये लेकिन यदि महाराष्ट्र में भू अधिग्रहण की समस्या नहीं सुलझी तो उसे पहले चरण में गुजरात में वापी से साबरमती के बीच खोला जाएगा और बाद में बाकी हिस्से को पूरा किया जाएगा।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने नये साल की प्राथमिकताओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि रेलयात्रियों को टिकट बुकिंग आसान एवं सुविधायुक्त बनाने के लिए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट को आधुनिक एवं नया स्वरूप दिया गया है जिसे नववर्ष में रेल मंत्री पीयूष गोयल लोकार्पित करेंगे।

उन्होंने कहा कि रेलवे ने 2020 में मालगाड़ियों की औसत गति में सुधार किया है। प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली गोल्डन काॅर्ड (जीसी)और गोल्डन क्वार्डिनल (जीक्यू) लाइनों पर गति अवरोधों को दूर करके गतिसीमा 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की जा रही है। दिल्ली मुंबई और दिल्ली हावड़ा लाइनों की सेक्शनल गति 160 किलोमीटर प्रतिघंटा करने के लिए काम शुरू हो चुका है। अन्य जीसी एवं जीक्यू मार्गों पर गतिसीमा 130 किलोमीटर प्रतिघंटा करने का काम जुलाई 2021 में पूरा हो जाएगा। जबकि 2025-26 तक इन्हें सेमीहाईस्पीड रेलमार्ग में बदल दिया जाएगा।

श्री यादव ने कहा कि नये साल में जीरो बेस समय सारणी में गाड़ियों की गति बढ़ा कर यात्रा अवधि में कमी लायी जाएगी। मालगाड़ियों की औसत गति में अभी जो सुधार हुआ है, उसे बरकरार रखा जाएगा। उत्तर प्रदेश में कानपुर से खुर्जा के 351 किलोमीटर के सेक्शन और हरियाणा-राजस्थान में रेवाड़ी से मदार तक 306 किलोमीटर तक समर्पित मालवहन गलियारा (डीएफसी) खोला जा रहा है। मार्च तक खुर्जा से दादरी (46 किलोमीटर), मदार से पालनपुर (335 किलोमीटर) तथा सोननगर से दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (137 किलोमीटर) के तीन खंड खोल दिये जाएंगे। इस प्रकार से 40 प्रतिशत डीएफसी यातायात के लिए खुल जाएगा।

टेलीविजन के कार्यक्रमों को देखने के लिए बिना सेट टॉप बॉक्स बदले बदल सकेंगे ऑपरेटर,केंद्र सरकार ने DTH सेवा में FDI की मौजूदा 49 प्रतिशत की सीमा समाप्त की attacknews.in

नयी दिल्ली ,24 दिसंबर । सरकार ने डीटीएच सेवा में विदेशी निवेश बढ़ाने, लाइसेंस शुल्क घटाने और सभी सेवा प्रदाताओं के लिए कॉमन सेट टॉप बॉक्स की मंजूरी प्रदान कर दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में डीटीएच सेवा से जुड़े दिशा-निर्देशों में संशोधनों को मंजूरी प्रदान की गई। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बैठक के बाद बताया कि डीटीएच सेवा संबंधी दिशा-निर्देशों में कई बदलाव किये गये हैं। सेवा प्रदाता अब आपसी सहमति से बुनियादी ढाँचा जैसे स्पेक्ट्रम आदि साझा कर सकते हैं।

साथ ही सब्सक्राइबर प्रबंधन प्रणाली और कंडीशनल एक्सेस सिस्टम से जुड़े कॉमन हार्डवेयर यानी कॉमन सेट टॉप बाक्स के इस्तेमाल की भी अनुमति मिल गई है। इससे डीटीएच ऑपरेटर बदलने पर उपभोक्ताओं को सेट टॉप बॉक्स बदलने की जरूरत नहीं रहेगी।

डीटीएच सेवा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मौजूदा 49 प्रतिशत की सीमा को समाप्त कर दिया गया है। अब इस क्षेत्र में एफडीआई की सीमा उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की नीति के अनुरूप होगी।

मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय संशोधित डीटीएच दिशा-निर्देश जारी करेगा जिसके बाद ये फैसले प्रभावी होंगे।

भारत में डायरेक्‍ट टू होम (डीटीएच) सेवाएं प्रदान करने के दिशा-निर्देश में संशोधन को स्‍वीकृति 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में डायरेक्‍ट टू होम (डीटीएच) सेवाएं प्रदान करने के लिए लाइसेंस प्राप्‍त करने हेतु दिशा-निर्देश में संशोधन के प्रस्‍ताव को स्‍वीकृति दे दी है। इस निर्णय की मुख्‍य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

डीटीएच के लिए लाइसेंस वर्तमान 10 वर्ष की अपेक्षा अब 20 वर्ष की अवधि के लिए जारी किया जाएगा।

। लाइसेंस शुल्‍क को जीआर के 10 प्रतिशत से एजीआर के 8 प्रतिशत तक संशोधित किया गया है। जीआर से जीएसटी को घटाकर एजीआर की गणना की जाएगी।

·         III. लाइसेंस शुल्‍क वर्तमान में वार्षिक आधार के स्‍थान पर अब त्रिमासिक आधार पर इकट्ठा किया जाएगा।

·         IV. डीटीएच संचालकों को उनके द्वारा दिखाए जाने वाले कुल अनुमति प्राप्‍त प्‍लेटफॉर्म चैनलों की क्षमता से अधिकतम 5 प्रतिशत के संचालन को अनुमति दी जाएगी। एक डीटीएच संचालक से प्रति पीएस चैनल के लिए 10,000 रुपये का नॉन-रिफंडेबल पंजीकरण शुल्‍क लिया जाएगा।

स्‍वैच्छिक आधार पर डीटीएच संचालकों के बीच बुनियादी ढांचे को साझा करने की इच्‍छा रखने वाले डीटीएच संचालकों को डीटीएच प्‍लेटफॉर्म और टीवी चैनलों की ट्रांसपोर्ट स्‍ट्रीम को साझा करने की अनुमति दी जाएगी।

टीवी चैनलों के वितरकों को अपनी ग्राहक प्रबंधन प्रणाली (एसएमएस) और कंडीशनल ऐक्सेस सिस्‍टम (सीएएस) आवेदनों के लिए समान हार्डवेयर को साझा करने की अनुमति दी जाएगी।

·         VI. मौजूदा डीटीएच दिशा-निर्देशों में 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को समय-समय पर संशोधित एफडीआई के अनुसार सरकार की वर्तमान (डीपीआईआईटी) नीति के अनुरूप संरेखित किया जाएगा।

संशोधित डीटीएच दिशा-निर्देशों के अनुरूप निर्णय प्रभावी होगा और इसे सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी किया जाएगा।

प्रस्‍तावित कटौती का अभिप्राय लाइसेंस शुल्क व्यवस्था को दूरसंचार क्षेत्र के अनुकूल बनाना है। यह अंतर डीटीएच सेवा प्रदाताओं को विस्तारित अभियानों में और अधिक निवेश और इसके फलस्वरूप लाइसेंस शुल्क के नियमित भुगतान में उन्हें और सक्षम बना सकता है। प्लेटफॉर्म सेवाओं के लिए पंजीकरण शुल्क से करीब 12 लाख रुपये के राजस्व सृजन की संभावना है। डीटीएच संचालकों के द्वारा बुनियादी ढ़ांचे को साझा करने से दुर्लभ उपग्रह संसाधनों का उपयोग और कुशल तरीके से करते हुए ग्राहकों के द्वारा अदा की जाने वाली शुल्क लागतों को कम किया जा सकता है। वर्तमान एफडीआई नीति को अंगीकृत करने से देश में अतिरिक्त विदेशी निवेश लाया जा सकेगा।

डीटीएच अखिल भारतीय स्तर पर संचालित है। डीटीएच क्षेत्र एक अत्यधिक रोजगार प्रदाता क्षेत्र है। यह सीधे तौर पर डीटीएच संचालकों को रोजगार देने के साथ-साथ कॉल सेंटरों में कार्यरत कार्मिकों के अलावा जमीनी स्तर पर अप्रत्यक्ष रूप से काफी बड़ी संख्या में इन्सटॉलरों को रोज़गार प्रदान करता है। दीर्घकालीन लाइसेंस अवधि और नवीनीकरण पर स्पष्टता के साथ-साथ सरल एफडीआई सीमा जैसे संशोधित डीटीएच दिशा-निर्देशों से स्थिरता की निष्पक्ष स्थिति और डीटीएच क्षेत्र में नए निवेशों के अलावा रोज़गार अवसरों को सुनिश्चित किया जा सकेगा।

धमकियों भरा किसान आंदोलन:अन्ना हजारे ने दी अनशन करने की धमकी तो किसान नेता राकेश टिकैत ने दी पुलिस थानों में पशु बांधने की धमकी attacknews.in

नयी दिल्ली 15 दिसंबर । भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने पुलिस पर दिल्ली आ रहे किसानों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि विवश होने पर किसान अपने पशुओं को थाने में बांध देंगे ।

श्री टिकैत ने बीस दिनों से जारी किसान आंदोलन के बीच कहा कि उत्तर प्रदेश से दिल्ली आ रहे किसानों को जगह जगह परेशान किया जा रहा है । उन्होंने दिल्ली मेरठ हाईवे जाम करने की भी धमकी दी है । जरूरत होने पर किसान दिल्ली को पूरी तरह से जाम कर देंगे ।

किसान नेता ने कहा है कि उनका आंदोलन गैर राजनीतिक है और सरकार को किसान संगठन से बातचीत कर समस्या का समाधान करना चाहिए । उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानून किसानों के खिलाफ है और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा दिया जाना चाहिए ।

अन्ना हजारे ने दी अनशन करने की धमकी

इधर देश में चल रहे किसान आंदोलन के बीच जानेमाने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किसानों की समस्याओं को लेकर अनशन करने की धमकी दी है ।

श्री हजारे ने कृषि मंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि पांच फरवरी 2019 को कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह तथा कई अन्य नेताओ के आग्रह पर अपना अनशन समाप्त कर दिया था । उन्हें लिखित आश्वासन दिया गया था जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है । अब वह कहीं भी और किस समय अनशन शुरू करेंगे सरकार को इसकी जानकारी दे दी जायगी ।

श्री हजारे ने कहा कि कृषि मूल्य आयोग को निर्वाचन आयोग जैसा संवैधानिक दर्जा देकर पूरी स्वायत्तता देना, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार कृषि उपज का मूल्य सी2+50 निर्धारित करना, फल, सब्जी और दूध के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करना, किसानों को कर्जा मुक्त करने के बारे में उपाय करना, आयात-निर्यात नीति तय करना, आधुनिक तकनीकी कृषि औजार तथा पानी बचाने के लिए ड्रिप इरिगेशन, स्प्रिंकलर इरिगेशन जैसे साधनों पर 80 प्रतिशत अनुदान लागू करना इन सभी मांगो पर विचार कर सही निर्णय लेने के लिए एक उच्चाधिकार समिति तुरंत गठित करने का आश्वासन दिया गया था । समिति में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री, नीति आयोग के सदस्य रमेशचंद, समेत अन्य अन्य सदस्य होंगे । यह समिति 30 अक्टूबर 2019 से पहले अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी ।

उन्होंने कहा कि इस कमेटी के रिपोर्ट के तहत केंद्र सरकार उपरोक्त मुद्दों पर उचित कार्रवाई करेगी इस प्रकार का लिखित आश्वासन पांच फरवरी 2019 को कृषिमंत्री राधामोहन सिंह और महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रालेगणसिद्धी में आकर लिखित दिया था। इसका अभी तक पालन नहीं हुआ। इसलिए पांच फरवरी 2019 का रुका हुआ अनशन फिर से शुरू करने की सोच शुरू हो गई है। जल्द ही अनशन कहां और कब करना है, तिथि तय होने के बाद लिखकर आपको अवगत करूंगा।

किसानों का आंदोलन सोमवार से तेज होगा,सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए भूख हड़ताल भी करेंगे,सरकार किसान संगठनों के साथ 48 घंटे में अगले दौर की बातचीत शुरू करेगी attacknews.in

नयी दिल्ली 13 दिसंबर । कृषि सुधार कानूनों के विरोध में सोमवार को किसान संगठन आंदोलन तेज करेंगे तथा सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए भूख हड़ताल करेंगे।

किसान नेता सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक भूख हड़ताल करेंगे। यह अनशन राजधानी के गाजीपुर, टीकरी, सिंघु सीमा तथा कुछ अन्य स्थानों पर किया जाएगा ।

किसान संगठन तीन कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने पर अड़े हैं । शनिवार को किसान संगठनों ने आंदोलन तेज कर दिया जबकि हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर बातचीत का दबाव बढ़ा दिया।

किसान संगठनों ने देश में अनेक स्थानों पर टोल प्लाजा पर प्रदर्शन करके कर वसूली को बाधित किया। किसानों के कई जत्थे अलग-अलग राज्यों से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

श्री चौटाला ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात के बाद कहा कि सरकार किसान संगठनों के साथ 48 घंटे में अगले दौर की बातचीत शुरू करेगी । सरकार ने किसान संगठनों को कृषि सुधार कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव दिया था जिसे खारिज कर दिया गया था और आंदोलन तेज करने की धमकी दी गई थी।

श्री तोमर ने किसानों से आंदोलन समाप्त कर बातचीत से समस्या का समाधान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि बातचीत से समस्या का समाधान निकलेगा। सरकार का दरवाजा किसानों से बातचीत के लिए खुला है ।

किसान संगठन पिछले 18 दिन से राष्ट्रीय राजधानी की सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं। सरकार ने दिल्ली की सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। सीमा पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

कृषि मंत्री तोमर ने अमित शाह से मुलाकात की

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सोमप्रकाश ने रविवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।

मंत्रियों के साथ पंजाब के भाजपा नेता भी थे।

तोमर, सोमप्रकाश और पीयूष गोयल ने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ वार्ता में सरकार का नेतृत्व किया था।

एक अधिकारी ने बताया कि तोमर और सोमप्रकाश ने गृह मंत्री से मुलाकात की। यह अभी पता नहीं चल सका है कि बैठक में क्या बातचीत हुई।

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न क्षेत्रों के किसान केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं

चिल्ला बॉर्डर पर सामान्य यातायात बहाल:

नोएडा (उप्र),से खबर है कि,प्रदर्शनकारी किसानों ने केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह और नरेंद्र तोमर के साथ शनिवार देर रात मुलाकात के बाद चिल्ला के रास्ते नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग रविवार को खाली कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि किसान चिल्ला बॉर्डर से हट गए, जिसके बाद इस मार्ग पर नोएडा एवं दिल्ली के बीच सामान्य यातायात बहाल हो गया। किसान एक दिसंबर से इस स्थान पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाले डीएनडी और कालिंदी कुंज मार्ग पर भी यातायात सामान्य है।

हालांकि सीमा पर प्रदर्शन जारी रहा और भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह समेत इसके कुछ समस्य सीमा पर मौजूद रहे।

बीकेयू (भानु) के एक पदाधिकारी ने बताया कि रक्षा मंत्री सिंह और कृषि मंत्री तोमर के साथ मुलाकात के बाद किसानों ने शनिवार आधी रात को मार्ग खाली कर दिया।

बीकेयू (भानु) के आईटी सेल के एक वरिष्ठ सदस्य सतीश तोमर ने ‘पीटीआई भाषा’ से फोन पर कहा, ‘‘राजनाथ जी ने हमारी मांगें सुनीं और बातचीत आगे ले जेने एवं समस्याओं का समाधान करने पर सहमति जताई। इसके बाद हमने सड़क खाली करने का फैसला किया, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि हमारा प्रदर्शन समाप्त हो गया है।’’

उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों ने रविवार को चिल्ला बॉर्डर पर ‘हवन’ किया और आगे क्या करना है, इस संबंध में तस्वीर शाम तक साफ हो जाएगी।

चिल्ला बॉर्डर के निकट ‘दलित प्रेरणा स्थल’ पर बीकेयू (लोकशक्ति) के किसान भी नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस समूह के कुछ सदस्यों ने शनिवार को अपने सिर मुंडवाए थे और इससे पहले, कुछ लोग प्रदर्शन के दौरान अर्द्धनग्न हो गए थे।

ये प्रदर्शनकारी नोएडा सीमा पर एकत्र हुए हैं और पंजाब एवं हरियाणा के किसानों के आंदोलन में शामिल होने को लिए दिल्ली जाना चाहते हैं।

दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसान आंदोलन : पुलिस महानिदेशक ने किया झज्जर का दौरा

किसान आंदोलन के मद्देनजर हरियाणा के पुलिस निदेशक मनोज यादव ने आज झज्जर जिले का दौैरा किया और शांति एवं कानून व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए किये गये प्रबंधों की समीक्षा की।

श्री यादव बहादुरगढ़ पहुंचे और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान रोहतक रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संदीप खिरवार, एसपी झज्जर राजेश दुग्गल, जिला उपायुक्त जितेंद्र कुमार व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। श्री दुग्गल नेे इस दौैरान बताया कि किसान संगठनों के आंदोलन के मद्देनजर स्थानीय पुलिस प्रशासन सतर्क है और प्रत्येक गतिविधि पर कड़ी निगाह रखे हुए है। उन्होंने दिल्ली जाने वाले मार्गो तथा सुरक्षा प्रबन्धों के तहत लगाए गए नाकों, फोर्स की उपलब्धता तथा पुलिस व सिविल प्रशासन के अधिकारियों की जिला के विभिन्न स्थानों पर तैनाती बारे विस्तृत जानकारी दी।

किसानों को हरियाणा पुलिस ने सीमा पर रोका

केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिलों को वापस लेने की मांग को लेकर देशभर मे आंदोलनरत किसान संगठनो का असर रविवार को राजस्थान हरियाणा सीमा पर भी दिखा।

महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व मे आंदोलनरत किसान हरियाणा सीमा पर ही डेरा डाले हुए हैं। आंदोलन की गति को बढाने पहुंचे राजनीति विशेषज्ञ एवं किसान संगठन समर्थित स्वराज इण्डिया प्रमुख योगेन्द्र यादव के साथ देशभर के विभिन्न किसान संगठन के पदाधिकारियों ने हरियाणा सीमा पर पहुंचते ही पुलिस प्रशासन ने हाइवे के दोनो और बैरिकट लगा हाइवे जाम कर दिया। वहीं जाम मे अटके वाहनों को डायवर्ट कर निकाला गया।

पंजाब सरकार ने अडानी पाॅवर के साथ कोई समझौता नहीं किया : कैप्टन अमरिंदर सिंह

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर किसानों के चल रहे आंदोलन को लेकर निजी स्वार्थों के लिए उनके खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अडानी पॉवर के साथ कोई समझौता नहीं किया है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यहां जारी बयान में आरोप लगाया कि श्री केजरीवाल सफेद झूठ व दुष्प्रचार के जरिये पंजाब में अपनी पार्टी के चुनावी एजंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश के तहत यह कर रहे हैं।

गांव रायपुर के किसानों ने किया दिल्ली कूच

हरियाणा में सिरसा जिला के गांवों से दिल्ली सीमा पर किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए किसानों के जत्थे जाने का सिलसिला जारी है और आज इस कड़ी में नाथू सरी चौपटा खंड के गांव रायपुर से किसानों का जत्था ट्रैक्टर में खाने-पीने का सामान लेकर रवाना हुआ।
कूच करने वाले किसानों के जत्थे में शामिल अरविंद व कमलजीत बेनीवाल ने बताया कि उन्होंने (किसानों ने) रवाना होने से पहले शपथ ली कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेगी तब तक वह गांव में नहीं लौटेंगे।

केजरीवाल ने की किसानों के समर्थन में उपवास रखने की अपील

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह किसानों के समर्थन में सोमवार को एक दिन का उपवास करेंगे और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं तथा देशवासियों से अपील है कि वे भी एक दिन का उपवास रखें।

श्री केजरीवाल यहां संवाददाताओं से कहा कि पिछले कुछ दिनों से भाजपा के मंत्री और नेता किसानों को देशद्रोही बताकर उनके आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। देश की रक्षा करने वाले हजारों पूर्व सैनिक भी किसानों के साथ बॉर्डर पर बैठे हैं, खिलाड़ी, सेलिब्रिटी और डाॅक्टर आदि भी समर्थन में हैं। भाजपा के मंत्री-नेता बताएं कि क्या ये सारे लोग देशद्रोही हैं? उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे के साथ रामलीला मैदान में हुए आंदोलन के दौरान कांग्रेस की केंद्र सरकार ने भी उन्हें देश विरोधी बता कर बदनाम किया था, आज वही काम भाजपा सरकार कर रही है।

किसानों के समर्थन में केजरीवाल का उपवास मात्र नौटंकी: कांग्रेस

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के किसान आंदोलन के समर्थन में सोमवार को एक दिन का उपवास रखने की घोषणा पर प्रतिक्रिया करते हुए दिल्ली देहात किसान बचाओ मंच के अध्यक्ष और कांग्रेसी नेता डा़ नरेश कुमार ने कहा है कि उनका यह कदम मात्र एक नौटंकी है और जनता उनकी उनकी हर बात को बखूबी समझती है।

श्री कुमार ने कहा कि श्री केजरीवाल को उपवास पर बैठना चाहिए लेकिन उन्हें किसी म्यूजियम या नाटक मंडली में बैठना चाहिए क्योंकि अब उनके नाटक का पर्दाफ़ाश हो चुका है। दिल्ली की जनता जान चुकी है कि वह भारतीय जनता पार्टी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दाएं हाथ हैं।

होशंगाबाद के बाद बालाघाट में नए कृषि कानूनों का उपयोग:राइस मिल द्वारा धान की फसल खरीदकर क्रय राशि का भुगतान नहीं करने के मामले में किसानों को मिला न्याय attacknews.in

भोपाल, 13 दिसंबर । मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के लांजी के किसानों से घोटी गांव स्थित पलक राइस मिल द्वारा धान की फसल खरीदकर अभी तक क्रय राशि का भुगतान नहीं करने के मामले का मुख्यमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए आज संबंधितों को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है।

किसानों ने अनुविभागीय दण्डाधिकारी (एसडीएम) लाँजी को शिकायत की और नए कानून ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य संवर्धन और सरलीकरण अधिनियम 2020’ के तहत कार्रवाई करने का आवेदन किया। एसडीएम द्वारा इस अधिनियम की धारा 8 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करने की कार्रवाई की गयी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस प्रकरण में संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

होशंगाबाद में हुई थी नए कृषि कानून के तहत दिल्ली की कंपनी के खिलाफ कार्रवाई,किसानों को मिला न्याय

हाेशंगाबाद में  11 दिसंबर को देश में जहां नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन चल रहा है, वहीं किसानों से अनुबंध के बावजूद दिल्ली की एक राइस मिल (फॉर्चून राइस लिमिटेड) द्वारा धान नहीं खरीदी जाने के प्रकरण में मध्यप्रदेश के हाेशंगाबाद जिला प्रशासन ने नए कृषि कानून ”किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020” के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई कर किसानों को न्याय दिलाया ।

होशंगाबाद जिले के पिपरिया के अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) नितिन टाले ने बताया कि किसानों से मंडी के उच्चतम मूल्य पर धान खरीदी के इसी वर्ष जून माह के अनुबंध के बावजूद फाॅर्चून राइस लिमिटेड कंपनी द्वारा नौ दिसंबर को मंडी में उच्च विक्रय मूल्य होने पर धान नहीं खरीदी गयी। इस प्रकरण में अगले दिन दस दिसंबर को ग्राम भौखेडी के किसान पुष्पराज पटेल एवं ब्रजेश पटेल द्वारा उनके (एसडीएम नितिन टाले) समक्ष शिकायत की गई।

कृषकों ने चर्चा में बताया कि कंपनी द्वारा इसी वर्ष जून माह में उच्चतम बाजार मूल्य पर धान खरीदी का अनुबंध किया था। कंपनी द्वारा लगातार अनुबंध अनुसार खरीदी की जाती रही, लेकिन तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल धान के भाव होने पर कंपनी के कर्मचारियों ने खरीदी बंद कर फोन बंद कर लिये।

केरल में गिरफ्तार हाथरस कांड का मास्टरमाइंड पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के नेता रऊफ शरीफ को हिरासत में लेगी उत्तर प्रदेश पुलिस और करेगी कड़ी पूछताछ attacknews.in

लखनऊ, 13 दिसंबर । केरल के त्रिवेंद्रम हवाईअड्डे से शनिवार को पकड़े गये पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेता रऊफ शरीफ को उत्‍तर प्रदेश पुलिस हिरासत में लेगी और उससे हाथरस मामले में पूछताछ करेगी।

उत्‍तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्‍यवस्‍था) प्रशांत कुमार ने रविवार को बताया कि रऊफ हाथरस कांड में वांछित है और उसे लाने के लिए टीम भेजी जाएगी।

कुमार ने बताया कि ईडी की कार्रवाई पूरी होने के बाद पुलिस टीम जाएगी।

उल्‍लेखनीय है कि हाथरस में सितंबर माह में दलित समुदाय की एक युवती के साथ कथित दुष्‍कर्म और उसकी हत्‍या के बाद राज्‍य का माहौल गर्मा गया था। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने तब कहा था कि वहां माहौल खराब करने की बड़ी साजिश की गई है। पुलिस ने इस मामले में मथुरा के मांट थाने में एक मुकदमा दर्ज किया था जिसमें रऊफ भी आरोपी है।

पुलिस के अनुसार, हिंसा भड़काने की साजिश में रऊफ की कथित भूमिका सामने आई है। उत्‍तर प्रदेश पुलिस ने रऊफ शरीफ के खिलाफ पिछले 18 नवंबर को लुकआउट नोटिस भी जारी किया था।

रऊफ पीएफआई की छात्र शाखा ‘कैंपस फ्रंट आफ इंडिया’ का महासचिव बताया जाता है जिसके चार साथियों को करीब दो माह पूर्व मथुरा के मांट क्षेत्र से पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस ने मांट थाने में उन युवकों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था जिसमें रऊफ भी वांछित था।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने रऊफ को त्रिवेंद्रम हवाई अड्डे से उस समय हिरासत में लिया था, जब वह विदेश भागने की तैयारी में था।

पुलिस के अनुसार, रऊफ के ही कहने पर पीएफआई के पकड़े गए सदस्य हाथरस जा रहे थे। इन युवकों से पूछताछ में भी पुलिस को रऊफ के बारे में खास जानकारी मिली थी।

पुलिस के अनुसार, रऊफ को देश विदेश से करोड़ों रूपये की मदद मिली है।

केंद्र सरकार द्वारा किसानों का डाटा बैंक जल्द होगा तैयार, मिलेगी घर बैठे नवीनतम जानकारी,किसानों और कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने के लिए सरकार कर रही हैं चौतरफा प्रयास attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर ।सरकार किसानों का डाटा बैंक जल्द तैयार करेगी जिससे मिट्टी की जांच , बाढ़ की चेतावनी , उपग्रह की तस्वीरें, जमीन का राजस्व रिकार्ड आदि की जानकारी घर बैठे मिलेगी ।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को कहा कि किसानों और कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने के लिए केंद्र सरकार चौतरफा प्रयास कर रही है। इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जिनका लाभ किसानों को मिलना प्रारंभ भी हो गया है। सरकार आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से भी किसानों को फायदा पहुंचा रही है।

श्री तोमर ने यह बात ईलेट्स टेक्नोमीडिया द्वारा आयोजित तीन दिवसीय नॉलेज एक्सचेंज समिट के दसवें संस्करण का शुभारंभ करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि किसानों की माली हालत सुधरे, कृषि क्षेत्र फायदे में आए और नई पीढ़ी खेती की ओर आकर्षित हो।

देश में कृषि सुधारों पर आयोजित इस समिट में श्री तोमर ने कहा कि कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों में बीते कुछ समय में कई नए आयाम जुड़े हैं। प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र को प्राथमिकता पर रखा है, गांव-गरीब-किसानों का राज्यों के साथ मिलकर विकास प्रमुख लक्ष्य है, जिसे पाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हमारे गांव और कृषि क्षेत्र बरसों से इस देश की ताकत रहे हैं, जिन्हें और मजबूत करने पर सरकार पूरी तरह ध्यान दे रही है।

उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत एक लाख करोड़ रुपए के कृषि आधारभूत संरचना कोष की ऐतिहासिक शुरुआत हो चुकी है। इसका उपयोग गांवों में कृषि संरचना तैयार करने में किया जाएगा। इस कोष से कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस, साइलो, ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट्स लगाने के लिए लोन दिया जाएगा।

श्री तोमर ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के विकास हेतु 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश का प्रावधान किया गया है। जब गांव-गांव में आधारभूत संरचना होगी तो किसान उपज को कुछ समय रोककर बाद में उचित मूल्य पर बेचने में सक्षम होंगे। छोटी फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स गांव-गांव खुलने से किसानों को लाभ मिलेगा, रोजगार के अवसर खुलेंगे और किसानों को अपनी फसल का वाजिब दाम मिलना प्रारंभ होगा। एक और महत्वपूर्ण स्कीम 10 हजार किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने की प्रारंभ की गई है, जिस पर केंद्र सरकार 6,850 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इनके माध्यम से छोटे-मझौले किसानों, जिनकी निवेश की शक्ति कम होती है, रकबा छोटा होता है और वे महंगी फसलों के लिए निवेश करने में सक्षम नहीं होते है, उन्हें संगठित किया जाएगा । उनके खेती के खर्चों में कमी आएं, उन्हें आधुनिक तकनीकों का लाभ मिले, उनके लिए मार्केटिंग की सुविधा विकसित हो और इन सबसे उनकी आय बढ़े। नए एफपीओ को क्रांतिकारी कदम के रूप में माना जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कृषि से सम्बद्ध सेक्टरों के लिए लगभग 50 हजार करोड़ रुपये के पैकेजों सहित अन्य उपाय भी किसानों एवं कृषि क्षेत्र की समृद्धि के लिए सरकार ने किए है, जिन पर अमल प्रारंभ हो चुका है। प्रधानमंत्री की दूरगामी सोच के अनुरूप, सरकार ने किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने, किसानों की आय बढ़ाने एवं उनके जीवन स्तर में आमूलचूल बदलाव लाने के उद्देश्य से नए कृषि कानून बनाए हैं, जिनसे सिर्फ और सिर्फ किसानों के हितों का संरक्षण किया गया है। हमारा लक्ष्य है देश की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान बढ़े, जिसने कोरोना संकट के दौरान भी अच्छा प्रदर्शन किया है। सरकार की सारी योजनाओं का लाभ इस दौरान किसानों को मिला है और समूचे कृषि क्षेत्र ने अपनी प्रासंगिकता को सिद्ध किया है।
श्री तोमर ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के साथ ही युवाओं को खेती की ओर आकर्षित करने तथा रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कृषि एवं किसान कल्याण के लिए बीते छह साल से अधिक समय में जितने कार्य किए गए हैं, पहले कभी- किसी भी सरकार में इस प्रकार की पहल सफलतापूर्वक संपन्न नहीं हुई।

किसानों की माली हालत सुधारने के लिए सरकार द्वारा प्रारंभ की गई पीएम-किसान सम्मान निधि योजना में किसानों को हर वर्ष छह हजार रुपये की मदद सीधे उनके बैंक खाते में दी जाती है। अभी तक लगभग साढ़े 10 करोड़ किसानों को लगभग एक लाख करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए बड़ा सुरक्षा कवच है। इस स्कीम में बीते साढ़े तीन साल में किसानों ने करीब 17 हजार 738 करोड़ रुपए प्रीमियम भरी थी, जबकि उनके दावों के भुगतान के रूप में पांच गुना राशि यानी लगभग 87 हजार करोड़ रुपए किसानों को दिए गए हैं।

किसानों को कृषि कानूनों के फायदे बतायें उद्योग: पीयूष

इधर उद्योगों से किसानों को कृषि कानूनों के फायदे बताने का आह्वान करते हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उत्पादकता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने से भारतीय उत्पाद वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं।

श्री गोयल ने भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य महासंघ – फिक्की की 93 वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि उद्योगों , विशेषज्ञों और संबंधित संस्थानों को किसानों से बात करनी चाहिए। उन्हें कृषि कानूनों के लाभों के बारे में बताया जाना चाहिए। ये देशभर के किसानों के हित में हैं।

उन्होंने कहा कि बिना पुरानी कार्यप्रणाली को बदले व्यापार में नयी संभावनाएं नहीं तलाशी जा सकती है। इन कानूनों से किसानों के लिए उद्योग और व्यापार के नए रास्ते खोले गए हैं।इनसे कृषि और ग्रामीण क्षेत्र में निवेश होगा और किसान समृद्ध होंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वैश्विक बाजार में जगह बनाने के लिए भारतीय उद्योगों को उत्पादकता और गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार स्टार्टअप पर विशेष रूप से ध्यान दे रही है। उनको वित्त और अन्य तरह का सहयोग दिया जा रहा है।

नासा द्वारा चंद्रमा पर इंसान को भेजने के अभियान के लिए एक भारतवंशी राजा जॉन वुरपुतूर चारी सहित 18 अंतरिक्षयात्रियों का चयन attacknews.in

वाशिंगटन, 11 दिसंबर । नासा ने चंद्रमा पर इंसान को भेजने के अपने अभियान के लिए एक भारतवंशी राजा जॉन वुरपुतूर चारी सहित 18 अंतरिक्षयात्रियों का चयन किया है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने चंद्र अभियान के लिए बुधवार को 18 अंतरिक्षयात्रियों के नामों की घोषणा की। इनमें आधी संख्या महिलाओं की है। नासा इन्हें अपने ‘आर्टमिस’ चंद्र अभियान के लिए प्रशिक्षित करेगा।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि नासा के इस अभियान के तहत 2024 में चांद की सतह पर पहली बार कोई महिला कदम रखेगी और इस दशक के अंत तक चंद्रमा पर इंसानों के रहने के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जाएगा।

चारी (43) ‘यूएस एयर फोर्स एकेडमी, एमआईटी’ और ‘यूएस नवल टेस्ट पायलट स्कूल’ से स्नातक हैं, और इस सूची में वह भारतीय मूल के एकमात्र अंतरिक्षयात्री हैं।

नासा ने उन्हें 2017 ‘एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट क्लास’ के लिए चुना था। अगस्त 2017 में वह इसमें शामिल हुए थे और अपना शुरुआती प्रशिक्षण पूरा किया। अब वह अभियान के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

फ्लोरिडा में नासा के ‘केनेडी स्पेस सेंटर’ में उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने बुधवार को कहा, ‘‘ मेरे अमेरिकी साथियों मैं आपको भविष्य के वे नायक दे रहा हूं जो हमें ‘आर्टमिस जेनरेशन’ के जरिए चांद और उससे भी आगे ले जाएंगे।’’

पेंस ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष परिषद की बैठक में इन अंतरिक्षयात्रियों के नामों की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘यह सोचना रोमांचकारी है कि चांद की सतह पर उतरने वाला अगला इंसान और पहली महिला उनमें से होगी जिनके नाम हमने यहां पढ़े हैं….। ‘आर्टमिस जेनरेशन’ भविष्य के अभियान के नायकों का प्रतिनिधित्व करता है।’’

चीफ एस्ट्रोनॉट पैट फोरेस्टर ने कहा, ‘‘चांद की सतह पर चलना हमारे लिए किसी सपने के साकार होने जैसा होगा। अभियान में किसी भी तरह की भूमिका निभाना हमारे लिए गौरव की बात होगी।’’

‘आर्टमिस’ टीम में अलग-अलग पृष्ठभूमि, विशेषज्ञता और अनुभव वाले अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। समूह में अधिकतर सदस्यों की उम्र 30 से 35 या 40 से 45 के बीच है। सबसे अनुभवी सदस्य 55 साल के और सबसे युवा सदस्य 32 साल के हैं।

चुने गए अंतरिक्ष यात्री नासा को आगामी आर्टमिस मिशन में मदद करेंगे। एजेंसी अपने वाणिज्यिक सहयोगियों के साथ अगले साल इसकी शुरुआत करेगी। इसके तहत मानवों के उतरने के लिए लैंडिंग सिस्टम, प्रशिक्षण में मदद, हार्डवेयर संबंधी जरूरतों और प्रौद्योगिकी सहयोग पर काम होगा।

मध्यप्रदेश में छुआ-छूत का शिकार हुआ दलित युवक: खाना छूने पर पीट-पीटकर मार डाला attacknews.in

छतरपुर (मप्र), नौ दिसंबर । मध्यप्रदेश के छतरपुर जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर गौरीहार थाना क्षेत्र के एक गांव में दो लोगों ने कथित तौर पर खाना छूने पर 25 वर्षीय दलित युवक की कथित रूप से पिटाई की, जिसके बाद उसकी मौत हो गई।

पुलिस अधीक्षक (एसपी) सचिन शर्मा ने बुधवार को बताया कि घटना गौरीहार थाना क्षेत्र के किशनपुर गांव में सोमवार रात को हुई।

उन्होंने मृतक देवराज अनुरागी (25) के परिवार के सदस्यों के हवाले से बताया कि गांव के ही आरोपी भूरा सोनी और संतोष पाल ने देवराज को पास के एक खेत में पार्टी के लिये आमंत्रित किया था।

उन्होंने बताया कि देवराज जब दो घंटे बाद घर लौटा तो उसने परिवार को अपनी आपबीती में बताया कि उसके द्वारा भोजन छूने पर आरोपियों ने उसकी जमकर पिटाई की।

उन्होंने बताया कि देवराज की पीठ पर चोट के निशान थे। घर पहुंचने के कुछ देर बाद उसने सीने में दर्द की शिकायत की और घर पर ही दम तोड़ दिया।

एसपी ने बताया कि दोनों आरोपी फरार हैं। पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिये दल बनाये हैं और उनकी तलाश की जा रही है। आरोपियों के खिलाफ हत्या के लिये भादवि की धारा तथा एसटी/एससी अधिनियम की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

जबलपुर की केंद्रीय हथियार फैक्ट्री से हथियारों की तस्करी में NIA ने हथियार तस्कर को बिहार से किया गिरफ्तार attacknews.in

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर ।जबलपुर केंद्रीय आयुध डिपो से हथियारों के कलपुर्जों की चोरी के सिलसिले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने एक कथित हथियार तस्कर को बिहार के गया से गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि गया निवासी राजीव रंजन सिंह को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

एनआईए प्रवक्ता ने कहा कि रिजवाना बेगम नामक एक आरोपी के मुंगेर स्थित घर से ए के सीरीज तीन हथियार बरामद हुए थे।

अधिकारी ने कहा कि डिपो के सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों ने जबलपुर में केंद्रीय आयुध डिपो से प्रतिबंधित ए के सीरीज के हथियार कथित तौर पर चुराए और उनकी तस्करी की। इन हथियारों को मुंगेर के हथियार तस्करों तथा आपराधिक गिरोह को बेचा गया।

एनआईए ने इस मामले में पहले ही 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध आरोपपत्र दायर किए ।

माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई बढ़ी:नई ऊंचाई 8,848.86 मीटर,1954 में किए गए मापन के अनुसार ऊंचाई 8,848 मीटर हैं,  नेपाल, चीन ने किया ऐलान attacknews.in

काठमांडू, आठ दिसंबर । नेपाल और चीन ने विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की संशोधित ऊंचाई मंगलवार को संयुक्त रूप से जारी की जो 8848.86 मीटर बताई गई है।

नेपाल सरकार ने एवरेस्ट की सटीक ऊंचाई मापने का निर्णय किया था । एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर पिछले कुछ सालों से बहस हो रही थी और ऐसा माना जा रहा था कि वर्ष 2015 में आए विनाशकारी भूकंप के साथ ही कई अन्य कारणों से संभवत: चोटी की ऊंचाई में बदलाव आया है।

विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने कहा कि नेपाल ने एवरेस्ट की ऊंचाई 8848. 86 मीटर मापी है।

नई ऊंचाई, पिछली बार मापी गई ऊंचाई से 86 सेंटीमीटर अधिक है।

भारत सर्वेक्षण द्वारा 1954 में किए गए मापन के अनुसार माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848 मीटर है।