इंडिया टुडे समूह की ओर से राजदीप सरदेसाई द्वारा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की तस्वीर की भ्रामक जानकारी शेयर करने पर राष्ट्रपति भवन ने अरुण पुरी को लिखा पत्र, जताई आपत्ति attacknews.in

नई दिल्ली, 30 जनवरी । राष्ट्रपति भवन ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की तस्वीर को लेकर उठाए गए सवालों को लेकर इंडिया टुडे समूह को पत्र लिखकर कड़ी आपत्ति जताई है।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के प्रेस सचिव अजय कुमार सिंह ने इंडिया टुडे समूह के अध्यक्ष और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी को पत्र लिखकर इस मामले में उनके समूह द्वारा विवाद को हवा दिए जाने की कड़ी आलोचना की है।

इंडिया टुडे के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के प्रेस सचिव ने चिट्ठी लिखकर पत्रकार राजदीप सरदेसाई द्वारा राष्ट्रपति भवन में सुभाष चंद्र बोस की अनावरण तस्वीर पर सवाल उठाने को लेकर ऐतराज जताया।

राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय कुमार सिंह ने नेताजी की जयंती पर राष्ट्रपति द्वारा उनकी तस्वीर के अनावरण को लेकर पत्रकारों के एक समूह वर्ग ने भ्रामक जानकारी शेयर की,जिसमें कहा गया कि ये तस्वीर नेताजी नहीं बल्कि प्रसनजीत चटर्जी की है।

सोशल मीडिया पर इंडिया टुडे के राजदीप सरदेसाई की तरफ से भी ऐसे ही दावे किए गए. लेकिन निराशाजनक बात यह है कि पत्रकार ने इससे जुड़े तथ्यों की जांच-परख करना भी जरूरी नहीं समझा और न ही नेताजी के परिवार के किसी सदस्य से इस संबंध में बात करना आवश्यक समझा।

इस कृत्य से उन्होंने न केवल अपने पेशे को बदनाम किया है बल्कि राष्ट्रपति कार्यालय को भी बदनाम किया है. आप इस बात से सहमत होंगे कि इस तरह के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से राष्ट्रपति भवन की गरिमा पर दाग लगता है।

पत्र के अंत में कहा गया है कि इस कृत्य से राष्ट्रपति भवन की गरिमा पर जो दाग लगा है, उसे लेकर हम इंडिया टुडे समूह के साथ अपने संबंधों की समीक्षा करने के लिए मजबूर हैं।

पूरा विवाद

इंडिया टुडे समूह के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र को फेक करार दिया था. इस चित्र का अनावरण राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था।राजदीप ने नेताजी के ऑरिजनल चित्र को अभिनेता प्रसेनजीत का चित्र करार देकर राष्ट्रपति भवन से ऑरिजनल चित्र लगाने की मांग कर डाली थी. बाद में यह साफ हो गया कि तस्वीर फेक नहीं है. चित्र असली है. यह भी साफ हुआ कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते जयंती बोस रक्षित के द्वारा दिए गए चित्र के आधार पर पद्मभूषण से सम्मानित चित्रकार परेश मयेती द्वारा कलाकृति बनाई गई है।

गौरतलब हैं कि 26 जनवरी के दिन एक ट्वीट को लेकर चैनल उनको पहले ही दो सप्ताह के लिए ऑफ एयर कर चुका हैं और एक महीने की सैलरी भी काट ली गई. वहीं 26 जनवरी को हुई हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में राजदीप समेत 6 अन्य संपादकों के खिलाफ राजद्रोह का केस भी दर्ज किया गया है।

पाकिस्तान में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल का सिर कलम करने वाले अल-कायदा आतंकवादी हत्यारों की  रिहाई पर संयुक्त राष्ट्र नाराज,अमेरिका ने कार्रवाई करने की हिदायत दी  attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, 30 जनवरी । संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस का प्रतिनिधित्व कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की 2002 में की गई नृशंस हत्या में शामिल लोगों को बरी किए जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि इस प्रकार के अपराधों की जवाबदेही तय करना महत्वपूर्ण है।

कराची में 2002 में ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल (38) का उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच संबंधों पर एक खबर के लिए जानकारी जुटा रहे थे। इसके बाद सिर कलम करके उनकी हत्या कर दी गई थी।

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने ब्रिटेन में जन्मे अलकायदा के आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख को पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में बरी किये जाने के खिलाफ दाखिल अपीलों को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने इस सनसनीखेज मामले में शेख को रिहा करने का आदेश भी दिया था।

उच्चतम न्यायालय ने पर्ल के अपहरण और हत्या में शामिल होने के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन अन्य फहाद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को भी रिहा करने का आदेश दिया।

शेख को बरी किए जाने संबंधी एक प्रश्न का उत्तर देते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को कहा, ‘‘इस प्रकार के अपराधों के लिए जवाबदेही तय किया जाना महत्वपूर्ण है।’’

अमेरिकी पत्रकार के परिवार ने इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि न्याय का पूरी तरह से मजाक बना दिया गया है।

अमेरिका ने भी इस फैसले की आलोचना की है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने पर्ल के परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करने की नए बाइडन प्रशासन की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से फोन पर बातचीत की और अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों की जवाबदेही तय किए जाने पर चर्चा की। ब्लिंकन ने पाकिस्तान से अपील की कि वह पर्ल के हत्यारों को न्याय के दायरे में लाने के लिए सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करे।

अमेरिका के कार्यवाहक अटॉर्नी जनरल मोंटी विल्किंसन ने उमर शेख को बरी किए जाने के फैसले पर चिंता जताते हुए कहा, ‘‘हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों की रिहाई डेनियल पर्ल के परिवार, दुनियाभर में आतंकवाद के अन्य पीड़ितों और न्याय का अपमान है।’’

वर्ष 2002 में कराची में ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल (38) का उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच संबंधों पर एक खबर के लिए जानकारी जुटा रहे थे। इसके बाद सिर कलम करके उनकी हत्या कर दी गई थी।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने शुक्रवार को बताया कि ब्लिंकन ने पर्ल के हत्यारों को बरी करने के पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर अमेरिका की चिंता दोहराई।

प्राइस ने टेलीफोन पर हुई इस बातचीत की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘ब्लिंकन और कुरैशी ने इस बात पर चर्चा की कि अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल के अपहरण और उनकी हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख और अन्य लोगों की जवाबदेही कैसे तय की जा सकती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा दोनों मंत्रियों ने अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच सहयोग कायम रखने एवं क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सहयोग की महत्ता तथा हमारे व्यापारिक एवं वाणिज्यिक संबंधों को विस्तार देने की क्षमता पर चर्चा की।’’

इस बीच, पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने ‘‘डैनियल पर्ल मामले संबंधी हालिया घटनाक्रम’’ पर चर्चा की और कुरैशी ने ‘‘रेखांकित किया कि यह महत्वपूर्ण और आपसी हित में होगा कि कानूनी माध्यमों से न्याय सुनिश्चित किया जाए।’’

बयान में बताया गया कि कुरैशी ने ब्लिकंन को अमेरिकी विदेश मंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने की बधाई दी और विभिन्न मामलों में आपसी हितों पर आधारित अमेरिका के साथ समग्र साझेदारी को लेकर पाकिस्तान की प्रतिबद्धता रेखांकित की।

बयान के अनुसार, कुरैशी ने ब्लिंकन से कहा कि राजनीतिक समाधान के जरिए अफगानिस्तान में शांति स्थापना दोनों देशों के हितों के अनुकूल है।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हिंसा में कमी, संघर्ष विराम और एक समावेशी राजनीतिक समाधान के लिए काम करना आवश्यक है।

बयान के अनुसार, कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया और वह शांति स्थापना के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है।

इसमें बताया गया कि कुरैशी और ब्लिंकन ने दोनों देशों के द्विपक्षीय एजेंडे को आगे बढ़ाने तथा क्षेत्र में एवं उससे परे भी आपसी हितों को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करते रहने पर सहमति जताई।

इससे एक दिन पहले, ब्लिंकन ने पर्ल के अपहरण एवं उनकी हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को बरी किए जाने के फैसले पर चिंता जताते हुए कहा था कि यह फैसला आतंकवाद के पीड़ितों का अपमान है।

उन्होंने पाकिस्तान से अपील की थी कि वह पर्ल के हत्यारों को न्याय के दायरे में लाने के लिए सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करे।

पाकिस्तानी अदालत ने पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में शेख को बरी किये जाने के खिलाफ दाखिल अपीलों को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने इस सनसनीखेज मामले में शेख को रिहा करने का आदेश भी दिया।

पाकिस्तानी अदालत ने पर्ल के अपहरण और हत्या में शामिल होने के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन अन्य फहद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को भी रिहा करने का आदेश दिया।

दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली को हिंसक बनाने वाले 37 किसान नेताओं के खिलाफ 13 धाराओं में FIR दर्ज,योगेंद्र यादव और राकेश टिकैत मुखिया में शामिल attacknews.in

नईदिल्ली 27 जनवरी । दिल्ली पुलिस ने FIR में जो धाराएं लगाई हैं उसमें आपराधिक षड्यंत्र, डकैती, डकैती के दौरान घातक हथियार का प्रयोग और हत्या का प्रयास जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं।पुलिस ने कुल कुल 13 धाराएं लगाई हैं।

ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर पुलिस द्वारा दर्ज FIR में 37 किसान नेताओं के भी नाम हैं,धरने में शामिल लगभग सभी नेताओं के नाम इसमें  हैं।

समयपुरी बादली की एफआईआर नंबर 39 में नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर और स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव का नाम है।

जमुरी किसान सभा पंजाब के कुलवंत सिंह संधू, भारतीय किसान सभा डाकोड़ा के बूटा सिंह, कवंलप्रीत सिंह पन्नू, किसान मजदूर संघर्ष समिति के सतनाम सिंह पन्नू, सुरजीत सिंह फूल, जोगिंदर सिंह हरमीत सिंह कादियान, बलवीर सिंह राजेवाल, सतनाम सिंह साहनी, डॉ दर्शन पाल, भोग सिंह मनसा, बलविंदर सिंह ओलक, सतनाम सिंह भेरु, बूटा सिंह शादीपुर, बलदेव सिंह सिरसा, जगबीर सिंह टाडा, मुकेश चंद्र, सुखपाल सिंह डाफर, हरपाल सांगा, कृपाल सिंह नाटूवाला, राकेश टिकैत, कविता, ऋषि पाल अंबावता, वीएम सिंह और प्रेम सिंह गहलोत का नाम शामिल है।

इन 37 किसान नेताओं पर FIR:

  1. डॉक्टर दर्शन पाल, बीकेयू क्रांतिकारी दर्शनपाल ग्रुप
  2. कुलवंत सिंह संधू, जम्हूरी किसान सभा पंजाब
  3. बूटा सिंह बुर्जगिल, भारतीय किसान सभा, धकोंडा
  4. निर्भय सिंह धुड़ीके, कीर्ति किसान यूनियन, धुड़ीके ग्रुप
  5. रुल्दू सिंह, पंजाब किसान यनियन, रुल्दू ग्रुप
  6. इंदरजीत सिंह, किसान संघर्ष कमेटी, कोट बुद्धा ग्रुप
  7. हरजिंदर सिंह टांडा, आजाद किसान संघर्ष कमेटी
  8. गुरबख्श सिंह, जय किसान आंदोलन
  9. सतनाम सिंह पन्नू, किसान मजदूर संघर्ष समिति, पिड्डी ग्रुप
  10. कंवलप्रीत सिंह पन्नू, किसान संघर्ष कमेटी पंजाब
  11. जोगिंदर सिंह उग्राहा, भारतीय किसान यूनियन उग्राहां
  12. सुरजीत सिंह फूल, भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी
  13. जगजीत सिंह डालेवाल, भारतीय किसान यूनियन, सिद्धूपुर
  14. हरमीत सिंह कड़ियां, बीकेयू, कड़ियां
  15. बलबीर सिंह राजेवाल, भारतीय किसान यूनियन राजेवाल
  16. सतनाम सिंह साहनी, भारतीय किसान यूनियन, दोआबा
  17. बोघ सिंह मानसा, भारतीय किसान यूनियन मानसा
  18. बलविंदर सिंह औलख, माझा किसान कमेटी
  19. सतनाम सिंह बेहरू, इंडियन फार्मर एसोसिएशन
  20. बूटा सिंह शादीपुर, भारतीय किसान मंच
  21. बलदेव सिंह सिरसा, लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी
  22. जगबीर सिंह जाड़ा, दोआबा किसान समिति
  23. मुकेश चंद्रा, दोआबा किसान संघर्ष कमेटी
  24. सुखपाल सिंह डफ्फर, गन्ना संघर्ष कमेटी
  25. हरपाल सिंह सांघा, आजाद किसान कमेटी दोआब
  26. कृपाल सिंह नाथूवाला, किसान बचाओ मोर्चा
  27. हरिंदर सिंह लाखोवाल, भारतीय किसान यूनियन लाखोवाल
  28. प्रेम सिंह भंगू, कुलहिंद किसन फेडरेशन
  29. गुरनाम सिंह चडूनी, भारतीय किसान यूनियन चडूनी
  30. राकेश टिकैट, भारतीय किसान यूनियन
  31. कविता कुमगुटी, महिला किसान अधिकार मंच
  32. रिषिपाल अंबावाटा, भारतीय किसान यूनियन अंबावाटा
  33. वीएम सिंह, ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी
  34. मेधा पाटेकर, नर्मदा बचाओ
  35. योगेंद्र यादव, स्वराज इंडिया
  36. अवीक साहा, जन किसान आंदोलन, स्वराज इंडिया
  37. प्रेम सिंह गहलोत, ऑल इंडिया किसान सभा

पुलिस की एफआईआर में आपराधिक षड्यंत्र, डकैती, डकैती के दौरान घातक हथियार का प्रयोग और हत्या का प्रयास जैसी गंभीर धाराओं समेत कुल 13 धाराएं लगाई गई हैं।

इस किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान मंलगवार को हुई झड़प में दिल्ली पुलिस के 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए, एफआईआर में दावा किया गया कि इलाके में 600 ट्रैक्टरों के जरिए 10 हजार से ज्यादा किसानों के दाखिल होने के बाद कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और लोहे के 70 बैरिकेड को तोड़ दिया गया।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने तिलक ब्रिज से लुटियन दिल्ली में दाखिल होने का प्रयास किया जबकि इंद्रप्रस्थ इस्टेट थाना क्षेत्र में ट्रैक्टर परेड आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गयी थी।

FIR के अनुसार किसानों ने बैरिकेड तोड़ डाले और आईटीओ में ट्रैक्टरों से डीटीसी की बसों को टक्कर मारी और पुलिसकर्मी को कुचलने का प्रयास किया।

किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान उत्पात मचाने वाले 100 से अधिक गिरफ्तार, 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया:

इस घटना को लेकर अब तक कुल 22 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें किसान नेताओं का नाम भी शामिल हैं ।

दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले सहित अलग-अलग जगहों पर मचाये गए उत्पात के बाद बुधवार को 93 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि, 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। उक्त मामले में उन किसान नेताओं के खिलाफ दिल्ली पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज की गई , जिन्होंने इस ट्रैक्टर रैली के लिए अनुमति मांगी थी। फिलहाल पूरे मामले की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपी जा रही है।

दिल्ली पुलिस ने 37 शर्तों के साथ किसान नेताओं को ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति दी थी, लेकिन मंगलवार को निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान सभी तय शर्तों की धज्जियां उड़ा दी गईं।

दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया। उन्होंने 300 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को चोटें पहुंचाईं। बैरिकेड्स, गाड़ियों और बसों में जमकर तोड़फोड़ भी की। इसके साथ ही लाल किले में घुसकर भी तोड़फोड़ की गई। इसके अलावा काफी सामान भी यहां से लूटा गया है। इस प्रदर्शन के दौरान 200 से ज्यादा लोगों को उत्पात मचाते समय पकड़ा गया । सत्यापन के बाद पुलिस उनकी गिरफ्तारी की तैयारी कर रही है।

दिल्ली पुलिस की तरफ से मंगलवार को हुई इस घटना को लेकर अब तक कुल 22 एफआईआर दर्ज की गई । इनमें किसान नेताओं का नाम भी शामिल है, क्योंकि उन्होंने पुलिस के तय किए गए नियमों का पालन करने का आश्वासन दिया था, लेकिन ट्रैक्टर रैली के दौरान इन सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं। इसे लेकर उत्तरी रेंज पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उनमें किसान नेताओं के नाम भी शामिल किए गये । फिलहाल पुलिस ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि किन किसान नेताओं को आरोपित बनाया गया है।

वहीं सूत्रों की मानें तो ट्रैक्टर रैली के लिए अनुमति मांगने वाले अधिकांश नेताओं के नाम उक्त एफआईआर में आरोपित के तौर पर रखे गए हैं।

क्राइम ब्रांच करेगी मामले की जांच

पुलिस सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के अलग-अलग थानों में दर्ज की गई 22 एफआईआर की जांच अब क्राइम ब्रांच करेगी। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर यह मामला जल्द ही क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। दिल्ली पुलिस द्वारा आईपी स्टेट, बाबा हरिदास नगर, नजफगढ़, उत्तम नगर, गाजीपुर, पांडव नगर, बुराड़ी, कोतवाली, ज्योति नगर, आदर्श नगर, मॉडल टाउन, अलीपुर, भलस्वा डेरी, समय पुर बादली, स्वरूप नगर, सीमापुरी, कीर्ति नगर और पंजाबी बाग में एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें अभी तक 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारी हिरासत में लिये जा चुके हैं। वहीं अन्य आरोपितों की पहचान के लिए जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।

योगेन्द्र यादव ने हिंसा से किसान आन्दोलन कमजोर होने की बात कही तो प्रियंका गांधी वाड्रा ने बधाई संदेश दिया और राहुल गांधी ने कृषि कानूनों को वापस लेने की बात दोहराई attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 जनवरी । कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे नेताओं ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी में किसान परेड के दौरान हुयी हिंसा की घटनाओं की कड़ी निन्दा की है और कहा है इससे दो महीने से चल रहा यह आन्दोलन कमजोर होगा ।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेन्द्र यादव ने मंगलवार को कहा कि लाल किला परिसर में किसानों ने जो झंडा फहराने का प्रयास किया वह अक्षम्य है । ऐसे लोग संयुक्त किसान मोर्चा के हिस्सा नहीं हो सकते । इससे किसान आन्दोलन कमजोर होगा । उन्होंने कहा कि जिस संगठन ने यह हरकत की है उसकी जानकारी प्रशासन को थी ।

हिंसा किसी समस्या का हल नहीं : राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के बीच कृषि संबंधित तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा है कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है और इससे नुकसान देश का ही होता है।

श्री गांधी ने कहा , “ हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। चोट किसी को भी लगे, नुक़सान हमारे देश का ही होगा। देशहित के लिए कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो।”

इससे पहले श्री गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी गणतंत्र दिवस पर देशवासियों को बधाई दी और कहा कि गणतंत्र देशवासियों का है और उन्हीं की बदौलत यह मजबूत होता है।

श्री गांधी ने अपने बधाई संदेश में कहा था “ भारत का प्रत्येक नागरिक देश का भाग्य विधाता है चाहे वो सत्याग्रही किसान-मज़दूर हो या लघु-मध्यम व्यापारी, नौकरी तलाश करता युवा हो या महंगाई से परेशान गृहणी। गणतंत्र आपसे है, गणतंत्र आपका है। शुभकामनाएं।”

श्रीमती वाड्रा ने कहा कि जय जवान, जय किसान। गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं। जन गण मन ज्यादा से ज्यादा मज़बूत हो गणतंत्र दिवस ।”

हिंसा और अराजकता के लिए लोकतंत्र में जगह नहीं: कांग्रेस

कांग्रेस ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हिंसा को गलत बताते हुए मंगलवार को कहा कि लोकतंत्र में हिंसा तथा अराजकता के लिए कोई जगह नहीं होती है।

पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी आग्रह किया कि सरकार को किसानों को भ्रमित तथा विचलित नहीं करना चाहिए और उन्हें ‘राजहठ’ छोड़कर ‘राजधर्म’ के मार्ग पर चलना चाहिए एवं कृषि विरोधी तीनों कानूनों को वापस लेना चाहिए।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि दिल्ली में आज हुई हिंसक तथा अराजक घटनाओं से कांग्रेस पार्टी और पूरा देश क्षुब्ध है। लोकतंत्र में इस प्रकार की घटनाओं के लिए कोई स्थान नहीं होता है।

उन्होंने कहा,“आंदोलनकारियों को अपने ध्येय को ध्यान में रखना होगा। अहिंसा और सत्याग्रह ही इस किसान- मजदूर आंदोलन की सबसे बड़ी कामयाबी रही है। हमें पूरी उम्मीद है कि किसान- मजदूर-गरीब का ये गठजोड़ शांतिपूर्ण तथा अहिंसक आंदोलन के रास्ते पर चल खेती विरोधी काले कानूनों की वापसी के लिए दृढ़ संकल्प रहेंगे।”

केन्द्र ने हिंसा को बदतर होने की अनुमति दी: आप

आम आदमी पार्टी (आप) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आज हुई हिंसक घटनाओं की जोरदार निंदा करते हुए कहा कि यह बहुत ही दुखद है कि केन्द्र सरकार ने स्थिति को इस हद तक बिगड़ने की अनुमति दी।

पार्टी ने यहां जारी एक बयान में कहा,“ हम आज के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा की जोरदार निंदा करते हैं और यह बहुत ही दुखद है कि केन्द्र सरकार ने इस हद तक बदतर हालात पैदा किये। यह आंदोलन पिछले दो हफ्तों से शांतिपूर्ण जारी था।”

लाल किला की घटना दुर्भाग्यपूर्ण : आरएसएस

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने दिल्ली में मंगलवार को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुयी हिंसा की निंदा की और कहा कि लाल किले की ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’’ उन लोगों का अपमान है जिन्होंने देश की आजादी के लिये अपना बलिदान दिया ।

ट्रैक्टर परेड के लिये निर्धारित मार्ग से हटते हुये आंदोलनकारी किसानों का एक हिस्सा लाल किले में घुस गया और महत्वपूर्ण इमारत के कुछ गुम्बदों पर झंडा लगा दिया ।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सभी देशवासियों से अपने राजनैतिक एवं वैचारिक मतभेदों से ऊपर उठ कर प्राथमिकता के आधार पर अमन एवं शांति कायम करने की अपील की ।

संघ के महासचिव सुरेश भैयाजी ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘दिल्ली में गणतंत्र दिवस जैसे पावन मौके पर हिंसा और अशांति बेहद दुखद एवं निदंनीय है ।’’

उन्होंने लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज के इतर झंडा फहराने को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण कार्रवाई’’ बताया और कहा कि यह उन शहीदों का अपमान है जिन्होंने आजादी एवं देश की एकता के लिये अपने प्राणों की बलि दे दी ।’’

दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के किसानों द्वारा मचाये गये हिंसक तांडव के बाद राजधानी में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती; पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लालकिले से हटाया attacknews.in

नयी दिल्ली 26 जनवरी । केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंदोलनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़पों के बाद आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की और राजधानी में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश दिया।

गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार श्री शाह ने गृह सचिव, दिल्ली पुलिस के आयुक्त , गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक तथा कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तार से स्थिति की समीक्षा की। अधिकारियों ने गृह मंत्री को राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया और स्थिति से निपटने की लिए उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी।

बैठक में राजधानी में अर्द्धसैनिक सैनिक बलों की अतिरिक्त तैनाती का निर्णय लिया गया। कुछ प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया गया है जबकि कुछ और जगहों पर तैनात किया जा रहा है।

आंदोलनकारी किसानों के पुलिस के साथ बनी सहमति को दरकिनार कर राजधानी में लाल किला तथा आईटीओ तक आ जाने के बाद पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गयी। इसके बाद कुछ क्षेत्रों में स्थिति कुछ समय के लिए काबू से बाहर हो गयी थी।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लालकिले से हटाया

पुलिस ने मंगलवार को लगभग 90 मिनट तक चली अफरातफरी के बाद प्रदर्शनकारी किसानों को लालकिला परिसर से हटा दिया। किसान अपनी ट्रैक्टर परेड के निर्धारित मार्ग से हटकर इस ऐतिहासिक स्मारक तक पहुंच गए थे जहां उन्होंने अपने झंडे लगा दिए।

लालकिले पहुंचे प्रदर्शनकारी उस ध्वज-स्तंभ पर भी अपना झंडा लगाते दिखे जिसपर प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इन प्रदर्शनकारियों में ‘निहंग’ भी शामिल थे।

बाद में, पुलिस ने लालकिला परिसर को खाली कराने के लिए लाठीचार्ज किया। इससे पहले लगातार उद्घोषणा की जा रही थी कि प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से लालकिले से हट जाएं।

इससे पहले, प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर परेड के निर्धारित मार्ग से हटकर आईटीओ पहुंच गए। जब उन्होंने वहां से लुटियंस क्षेत्र की ओर बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।

किसानों ने ट्रैक्टर परेड के निर्धारित समय से काफी पहले ही दिल्ली के भीतर बढ़ना शुरू कर दिया था।

दिल्ली पुलिस ने नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों को इस शर्त के साथ ट्रैक्टर परेड की अनुमति दी थी कि वे राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के समाप्त होने के बाद निर्धारित मार्गों से ही अपनी रैली निकालेंगे।

दिल्ली के बार्डर और आस- पास के क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा अस्थायी तौर पर बंद

आंदोलनकारी किसानों के ट्रैक्टरों पर सवार होकर राजधानी में अंदर तक आ जाने और पुलिस के साथ उनकी झड़प के बाद सरकार ने सिंघु, गाजीपुर , टिकरी आदि बार्डरों तथा उनके आस पास के क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा आज अस्थायी रूप से बंद कर दी।

गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर भारतीय टेलिग्राफ अधिनियम 1885 के तहत प्रावधानों का इस्तेमाल करते हुए सिंघु, गाजीपुर, टिकरी, नांगलोई और मुकरबा चौक तथा इनसे लगते राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आस पास के क्षेत्रों में दिन में बारह बजे से रात 11 बजकर 59 मिनट तक इंटरनेट सेवा अस्थायी तौर पर बंद करने का निर्णय लिया है। मंत्रालय ने कहा है कि यह निर्णय सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने और किसी भी तरह की आपात स्थिति को टालने के लिए लिया गया है।

दिल्ली में जिन यात्रियों की ट्रेन छूटी उन्हें मिलेगा पूरा रिफंड

रेलवे ने उन सभी यात्रियों को पूरा रिफंड देने का फैसला किया है जिनकी ट्रेन मंगलवार को दिल्ली के किसी भी रेलवे स्टेशन से खुलने वाली थी, लेकिन किसान आंदोलन की वजह से वे ट्रेन नहीं पकड़ सके। इसके लिए आज रात नौ बजे तक टीडीआर आवेदन करना होगा।

उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि दिल्ली के नयी दिल्ली, पुरानी दिल्ली, निजामुद्दीन, आनंद विहार, सफदरजंग, सराय रोहिल्ला तथा अन्य स्टेशनों से आज खुलने वाली ट्रेनों के यात्री यदि किसान आंदोलन की वजह से रेलवे स्टेशन नहीं पहुंच चुके हैं तो वे रात 9:00 बजे तक टीडीआर फाइल कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें पूरा रिफंड दिया जाएगा।

ट्रैक्टर रैली में किसानों के भेष में गुण्डों की हिंसक घटनाओं का गवाह बना दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह, किसानों ने लाल किले पर राष्ट्रपति द्वारा फहराया तिरंगा झंडा उखाड़ फेंककर अपना झंडा लहराया,83 पुलिस कर्मी घायल  attacknews.in

किसानों के अवरोधक लांघने के बाद अराजकता की स्थिति, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे

किसानों की ट्रैक्टर परेड हिंसक होने के बाद बंद किया गया कनाट प्लेस

किसान रैली: मुकरबा चौक पर टकराव, पुलिस ने आंसू गैस छोड़े और लाठियां चलायी

ट्रैक्टर रैली: किसानों और पुलिस के बीच जबरदस्त टकराव

नयी दिल्ली 26 जनवरी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह मंगलवार को हिंसक घटनाओं का गवाह बना जब सीमावर्ती क्षेत्रों में कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों ने सुरक्षा घेरे को तोड़कर ट्रैक्टर रैली के साथ आगे बढ़ने की कोशिश की और ऐतिहासिक राजपथ की ओर बढ़ने के विफल प्रयास के दौरान पुलिस के साथ उनकी हिंसक झड़प हो गयी।

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान ट्रैक्टर रैली के साथ जबरन आईटीओ के पास पहुँच गए जहां पर उनका पुलिस के साथ जबरदस्त टकराव हुआ जिसके कारण जिसमें पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस दौरान ट्रैक्टर से गिरकर एक व्यक्ति की मौत हो गयी जबकि कई अन्य लोग घायल हो गये।

पुलिस के मुताबिक झड़प के दौरान 83 पुलिसकर्मी घायल हो गये।

इससे पहले किसान सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत कई बॉर्डर पर बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में घुसे। इस दौरान मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, नोएडा मोड़ , अक्षरधाम पर उनका पुलिस के साथ टकराव हुआ। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठियां चलाई लेकिन किसान टकराव के साथ आगे बढ़ते गए। आईटीओ के पास बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर के साथ जमा होकर इंडिया गेट की तरफ बढ़ने लगे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की लेकिन वे नहीं रुके। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।

दिल्ली के अलग अलग इलाकों से मध्य दिल्ली की तरफ किसान लगातार ट्रैक्टर के साथ बढ़ रहे थे ।

सिंघु बॉर्डर से निकले किसानों के जत्थे और पुलिस के बीच मुकरबा चौक पर भिड़ंत हुई । किसानों का ट्रैक्टर मार्च मुकरबा चौक से कंझावला जाने वाला था, लेकिन ऐन वक्त पर किसानों ने अपना रूट बदल दिया। वह आउटर रिंग रोड की ओर बढ़ गए। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच भिड़ंत हुई, जिसमें कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हुए है। नोएडा मोड़ पर किसानों और पुलिस के बीच टकराव हुआ । अक्षरधाम में किसान बैरिकेड तोड़कर सराय काले खां की ओर बढ़ गए।

इसबीच किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, आईटीओ और अक्षरधाम समेत अन्य स्थानों पर हुए टकराव के बीच किसानों का एक जत्था लाल किला परिसर में पहुंचकर किसानों का झंडा लहरा दिया । आईटीओ पर टकराव के दौरान बड़ी संख्या में किसानों ने लाल किला परिसर में घुसकर अपना झंडा लहराया दिया। पंद्रह अगस्त को जिस स्थान पर झंडा फहराया जाता है उसके पास ही किसानों ने अपना झंडा लगा दिया।

राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़पों को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने अपने अनेक स्टेशनों पर यात्रियों के प्रवेश और निकासी गेटों को बंद कर दिया था।

दिल्ली मेट्रो रेल निगम(डीएमआरसी) ने अपने ट्वीटर पर जानकारी दी कि ग्रे लाइन के सभी स्टेशनों पर प्रवेश और निकासी गेटों को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा समयपुर बादली, रोहिणी सेक्टर 18/19, हैदरपुर बादली मोड, जहांगीर पुरी, आदर्श नगर, आजादपुर , माडल टाउन, जीटीबीनगर, विश्वविद्यालय, विधानसभा , सिविल लाइंस और इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों को मेट्रो स्टेशन में प्रवेश करने और निकासी की अनुमति नहीं है।

इसबीच दिल्ली पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों से हिंसा का रास्ता छोड़ शान्ति बनाए रखने और और तय हुए रास्ते से वापिस लौट जाने की अपील की है। दिल्ली पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा कि आज की ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली पुलिस ने किसानों के साथ तय हुई शर्तों के अनुसार काम किया और आवश्यक बंदोबस्त किया। दिल्ली पुलिस ने अंत तक काफी संयम का परिचय दिया, परन्तु किसान आंदोलनकारियों ने तय शर्तों की अवहेलना की और तय समय से पहले ही अपना मार्च शुरू कर दिया और आंदोलनकारियों ने हिंसा व तोड़ फोड़ का मार्ग चुना।

उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसानों की तोड़फोड़ को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए संयम के साथ ज़रूरी कदम उठाए। इस आंदोलन से जन संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है और कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। आंदोलनकारियों से अपील है कि हिंसा का रास्ता छोड़ शान्ति बनाएं रखे और तय हुए रास्ते से वापिस लौट जाएं।

दूसरी ओर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंदोलनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़पों के बाद आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की और राजधानी में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश दिया।

गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार श्री शाह ने गृह सचिव, दिल्ली पुलिस के आयुक्त, गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक तथा कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तार से स्थिति की समीक्षा की। अधिकारियों ने गृह मंत्री को राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया और स्थिति से निपटने की लिए उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी।

बैठक में राजधानी में अर्द्धसैनिक सैनिक बलों की अतिरिक्त तैनाती का निर्णय लिया गया। कुछ प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया गया है जबकि कुछ और जगहों पर तैनात किया जा रहा है।

इसबीच आंदोलनकारी किसानों के ट्रैक्टरों पर सवार होकर राजधानी में अंदर तक आ जाने और पुलिस के साथ उनकी झड़प के बाद सरकार ने सिंघु, गाजीपुर , टिकरी आदि बार्डरों तथा उनके आस पास के क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा आज अस्थायी रूप से बंद कर दी।

गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर भारतीय टेलिग्राफ अधिनियम 1885 के तहत प्रावधानों का इस्तेमाल करते हुए सिंघु, गाजीपुर, टिकरी, नांगलोई और मुकरबा चौक तथा इनसे लगते राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आस पास के क्षेत्रों में दिन में बारह बजे से रात 11 बजकर 59 मिनट तक इंटरनेट सेवा अस्थायी तौर पर बंद करने का निर्णय लिया । मंत्रालय ने कहा है कि यह निर्णय सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने और किसी भी तरह की आपात स्थिति को टालने के लिए लिया गया है।

किसानों ने लाल किला पर अपना झंडा लहराया, किसानों के अवरोधक लांघने के बाद अराजकता की स्थिति

किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, आईटीओ और अक्षरधाम समेत अन्य स्थानों पर हुए टकराव के बीच किसानों का एक जत्था लाल किला परिसर में पहुंचकर किसानों का झंडा लहरा दिया है।

आईटीओ पर टकराव के दौरान बड़ी संख्या में किसानों ने लाल किला परिसर में घुसकर अपना झंडा लहराया दिया। पंद्रह अगस्त को जिस स्थान पर झंडा फहराया जाता है उसके पास ही किसानों ने अपना झंडा लगा दिया।

सिंघु बॉर्डर से बैरिकेट तोड़कर आगे बढ़े किसानों का ट्रांसपोर्ट नगर और मुकरबा चौक पर टकराव के बाद आईटीओ पर जबरदस्त टकराव हुआ।

पुलिस ने किसानों की भीड़ को इंडिया गेट की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज किया। आईटीओ पर भीषण टकराव में कई किसानों के साथ कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। फिलहाल आईटीओ पर हालात नियंत्रण में हैं।

किसान प्रदर्शन को देखते हुए कई समयपुर बादली, हैदरपुर बादली, जहांगीरपुरी, आदर्शनगर, आज़ादपुर, जीटीबी स्टेशन, माडल टाउन, विश्वविद्यालय, विधानसभा, आइटीओ समेत कई मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया है।

प्रदर्शनकारी किसान लालकिले में घुसे, एतिहासिक इमारत के कुछ गुंबदों पर झंडे लगाए

ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित मार्ग से हटकर प्रदर्शनकारी किसानों का एक समूह मंगलवार को लालकिले में घुस गया और राष्ट्रीय राजधानी स्थित इस ऐतिहासिक स्मारक के कुछ गुंबदों पर झंडे लगा दिए।

पुलिस द्वारा आईटीओ से खदेड़े गए प्रदर्शनकारी किसानों का एक समूह अपने ट्रैक्टर लेकर लालकिला परिसर पहुंच गया। ये प्रदर्शनकारी लालकिला परिसर में घुस गए और उस ध्वज-स्तंभ पर अपना झंडा लगाते दिखे जहां से प्रधानमंत्री 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।

उन्होंने लालकिले के कुछ गुंबदों पर भी अपने झंडे लगा दिए।

इससे पहले प्रदर्शनकारी किसान आईटीओ पहुंच गए और लुटियंस इलाके की तरफ बढ़ने की कोशिश की। इसपर पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा।

प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर परेड के निर्धारित समय से काफी पहले ही दिल्ली के विभिन्न सीमा बिन्दुओं से दिल्ली के भीतर बढ़ना शुरू कर दिया और अनुमति न मिलने के बावजूद वे मध्य दिल्ली स्थित आईटीओ पहुंच गए।

दिल्ली पुलिस ने किसानों को इस शर्त के साथ ट्रैक्टर परेड की अनुमति दी थी कि वे राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के समाप्त होने के बाद तय किए गए मार्गों पर ही अपनी परेड करेंगे।

हालांकि, आज किसान मध्य दिल्ली की ओर बढ़ने पर अड़ गए जिससे अफरातफरी मच गई।

किसान रैली: मुकरबा चौक पर टकराव, पुलिस ने आंसू गैस छोड़े और लाठियां चलायी

कृषि कानून के खिलाफ पिछले दो महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों की मुकरबा चौक पर पुलिस के साथ झड़प हुई और हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज किया। इसके साथ अक्षरधाम के पास भी किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस की गोले छोड़े।

किसानों ने सिंघु बॉर्डर में पास पुलिस द्वारा तय समय से पहले जबरन बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की। पुलिस ने मुकरबा चौक पर भारी बंदोबस्त किया था ताकि किसानों को दूसरे रास्ते पर मोड़ा जा सके।

मुकरबा चौक पर बैरीकेडिंग तोड़कर कुछ किसान आउटर रिंग रोड की तरफ कूच कर गए । इससे पहले संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। सिंघू बॉर्डर से किसानों की ट्रैक्टर रैली यहां पहुंची थी। पुलिस ने किसानों को आउटर रिंग रोड की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियां चलाई लेकिन किसान पुलिस बंदोबस्त को तोड़ते हुए आगे बढ़ गए। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी और कुछ किसान घायल हुए हैं।

गौरतलब है कि पुलिस अधिकारियों और किसानों के बीच कई चक्र की बातचीत के बाद ट्रैक्टर रैली को अनुमति दी गई थी। इसके लिए समय और मार्ग भी तय किया गया था लेकिन किसान दोनों का उल्लंघन करते हुए आगे बढ़े जिसके कारण कुछ जगहों पर टकराव हुआ।

किसानों की ट्रैक्टर परेड हिंसक होने के बाद बंद किया गया कनाट प्लेस

इधर  किसानों की ट्रैक्टर परेड के कुछ जगहों पर हिंसक होने के कारण नयी दिल्ली टेडर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को कनाट प्लेस को बंद रखने की घोषणा की।

नयी दिल्ली टेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने कनाट प्लेस बंद रखने का परामर्श दिया है।

उन्होंने बताया, ‘‘ट्रैक्टर परेड में अराजकता फैल गई । किसान आईटीओ पहुंच गए । मैंने पुलिस आयुक्त से बात की और परामर्श मिला कि बाजारों को बंद रखा जाए। हमने उन दुकानों को भी बंद करने के लिए कहा है, जो सामान्य दिन में इस वक्त तक खुल गई होतीं।’’

हर साल गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर आयोजित होने वाली परेड के कारण कनाट प्लेस दोपहर एक बजे के बाद खुलता है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज व्यापारियों के लिए अच्छे कारोबार का दिन है, लेकिन सबकी सुरक्षा ज्यादा जरूरी है और आज दुकानें बंद रखना ही उचित है।’’

राष्ट्रीय राजधानी में कई जगहों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई और वे लाल किला और आईटीओ पहुंच गए। कई जगहों पर वे ट्रैक्टर परेड के लिए तय रास्तों को छोड़कर अन्य रास्तों से जाने लगे और उन्हें रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले भी दागे गए।

किसानों के अवरोधक लांघने के बाद अराजकता की स्थिति, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे

इससे पहले दिल्ली के विभिन्न सीमा बिंदुओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के ट्रैक्टर के जरिए अवरोधक हटाने और राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर परेड निकालने के लिए निर्धारित मार्ग का अनुसरण ना करने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।

दिल्ली पुलिस राजपथ पर आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद ही किसानों को निश्चित मार्गों पर ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति दी थी। किसानों के मध्य दिल्ली की ओर जाने के हठ के बाद अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई।

पुलिस ने शाहदरा में चिंतामणि चौक पर किसानों पर उस समय लाठीचार्ज किया, जब उन्होंने अवरोधक लांघने और गाड़ी के शीशे तोड़ने शुरू कर दिए।

पारम्परिक सिख यौद्धा ‘निहंग’ की भी अक्षरधाम मंदिर के पास सुरक्षा कर्मियों से झड़प हो गई।

पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई चौक और मुकरबा चौक पर किसानों ने सीमेंट की बाड़ तोड़ दिए और उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। दिल्ली में संसद से कुछ किलोमीटर दूर आईटीओ इलाके में भी प्रदर्शन कर रहे किसान पहुंच गए।

अधिकारी ने बताया कि सिंघू बॉर्डर पर किसानों ने ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित किए गए समय से पहले अवरोधकों को तोड़कर आउटर रिंग रोड की ओर जाने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने सिंघू बॉर्डर पर किसानों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।

इस बीच, किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान निर्धारित मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चो का कोई भी सदस्य आउटर रिंग रोड नहीं गया।

राजेवाल ने  कहा, ‘‘ हम किसानों के खिलाफ हुई हिंसा की निंदा करते हैं और सभी से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।’’

राष्ट्रीय राजधानी से लगी सीमा बिंदुओं पर मंगलवार को टैक्टरों का जमावड़ा दिखाई दिया, जिन पर झंडे लगे हुए थे और इनमें सवार पुरुष व महिलाएं ढोल की थाप पर नाच रहे थे। सड़क के दोनों ओर खड़े स्थानीय लोग फूलों की बारिश भी कर रहे थे।

वहीं, सुरक्षा कर्मी किसानों को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि वे राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड खत्म होने के बाद तय समय पर परेड निकालें।

ट्रैक्टर रैली: आईटीओ पर जबरदस्त टकराव

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान ट्रैक्टर रैली के साथ जबरन आईटीओ के पास पहुँच गए जहां पर उनका पुलिस के साथ जबरदस्त टकराव चला जिसमें पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा  और आंसू गैस के गोले दागने पड़े ।

इससे पहले किसान सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत कई बॉर्डर पर बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में घुसे। इस दौरान मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, नोएडा मोड़ , अक्षरधाम पर उनका पुलिस के साथ टकराव हुआ। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठियां चलाई लेकिन किसान टकराव के साथ आगे बढ़ते गए।

आईटीओ के पास बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर के साथ जमा होकर इंडिया गेट की तरफ बढ़ने लगे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की लेकिन वे नहीं रुके। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।

दिल्ली के अलग अलग इलाकों से मध्य दिल्ली की तरफ किसान लगातार ट्रैक्टर के साथ बढ़ रहे थे ।
सिंघु बॉर्डर से निकले किसानों के जत्थे और पुलिस के बीच मुकरबा चौक पर भिड़ंत हुई है। किसानों का ट्रैक्टर मार्च मुकरबा चौक से कंझावला जाने वाला था, लेकिन ऐन वक्त पर किसानों ने अपना रूट बदल दिया। वह आउटर रिंग रोड की ओर बढ़ गए। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच भिड़ंत हुई, जिसमें कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हुए है। नोएडा मोड़ पर किसानों और पुलिस के बीच टकराव हुआ है। अक्षरधाम में किसान बैरिकेड तोड़कर सराय काले खां की ओर बढ़ गए ।

ट्रैक्टर परेड के बाद किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर अपने प्रदर्शन शिविरों में लौटने का फरमान जारी किया किसान नेताओं ने :

राष्ट्रीय राजधानी में कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर परेड के दौरान घंटों फैली अराजकता के बाद हजारों किसानों ने मंगलवार शाम सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर स्थित अपने-अपने प्रदर्शन शिविरों की ओर लौटना शुरू कर दिया। लालकिले और मुकरबा चौक पर डटे किसान भी अपने शिविरों की ओर लौट गए।

इससे पहले, हजारों किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ विभिन्न हिस्सों से शहर में घुसे और उनमें से अनेक लालकिला परिसर पहुंच गए। लालकिले में स्थित ध्वज-स्तंभ पर भी कुछ किसान चढ़ गए और वहां अपना झंडा लगा दिया।

पुलिस ने अनियंत्रित प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए कई जगह लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे।

पुलिस ने बताया कि किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान आईटीओ पर ट्रैक्टर पलटने से एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत हो गई। किसानों ने उसके शव को तिरंगे में लपेट दिया और उसे आईटीओ क्रॉसिंग पर रखा। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भी नहीं ले जाने दिया।

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अब आईटीओ क्रॉसिंग पर कोई प्रदर्शनकारी किसान नहीं है और स्थिति नियंत्रण में है।

शहर में आज कई जगह अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई। प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टरों से अवरोधकों को तोड़ दिया और उन्हें रोकने के लिए खड़ी की गईं बसों को ट्रैक्टरों से टक्कर मारी।

संयुक्त किसान मोर्चे ने ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा की निंदा की और बाद में परेड को रद्द कर दिया।

मोर्चे ने किसानों से अपील की कि वे तत्काल दिल्ली से अपने प्रदर्शन शिविरों में लौट आएं।

इसने एक बयान में कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा और आगे के कदमों पर जल्द निर्णय किया जाएगा

कोविड-19 महामारी, किसानों के प्रदर्शन के बीच देश भर के सभी राज्यों में पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया गणतंत्र दिवस attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 जनवरी । कोविड-19 महामारी और केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बीच मंगलवार को देश भर में 72 वां गणतंत्र दिवस पूरे उत्साह से मनाया गया।

कई राज्यों में इस अवसर पर आयोजित समारोहों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने तथा मुख्यमंत्री और राज्यपाल के भाषणों तक सीमित रखा गया , जबकि राष्ट्रीय राजधानी में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान प्रदर्शनकारियों ने अवरोधकों को तोड़ दिया, उनकी पुलिस के साथ झड़पें हुई और लाल किले की प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया गया।

दिल्ली पुलिस ने देर शाम कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘ट्रैक्टर परेड’ के लिए जिन शर्तों पर पहले सहमति बनी थी, उनका उल्लंघन किया। उन्होंने हिंसा और तोड़फोड़ की, जिसमें कम से कम 86 पुलिसकर्मी घायल हो गये।

इससे पहले दिन में, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 72वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी और “किसानों, कोरोना योद्धाओं तथा देश के सैनिकों की प्रतिबद्धता और संघर्ष” को सलाम किया।

इस अवसर पर, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से किसानों की मांगों को स्वीकार करने की मंगलवार को अपील की। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून ‘‘पूरी तरह से गलत’’ हैं।

वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने संबोधन में कहा कि किसी को भी आंदोलन करने की स्वतंत्रता है, लेकिन अराजकता फैलाने का अधिकार किसी को भी नहीं है।

पंचकूला में तिरंगा फहराने के बाद खट्टर ने गणतंत्र दिवस के अपने संबोधन में कहा कि संविधान अधिकारों के बारे में बात करता है, लेकिन ये अधिकार ‘‘हमें कुछ भी करने की स्वतंत्रता नहीं देते।’’

दिल्ली में हुए घटनाक्रम के मद्देनजर हरियाणा में अधिकारियों ने हाईअलर्ट जारी किया और कहा कि कानून को अपने हाथ में लेने वाले किसी भी व्यक्ति से सख्ती से निपटा जाएगा।

राजस्थान में कड़ी सुरक्षा के बीच गणतंत्र दिवस समारोह मनाये गये, जहां जयपुर में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र ने तिरंगा फहराया और परेड की सलामी ली।

केंद्र सरकार पर देश के अन्नदाता का अपमान करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश के इतिहास में इस तरह का आंदोलन आज तक नहीं हुआ। गहलोत ने कहा कि कोई नहीं चाहता कि इस किसान आंदोलन का राजनीतिकरण हो इसलिए विपक्षी दल केवल फर्ज के तहत इस आंदोलन से एकजुटता दिखा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर अपने आवास पर ध्वजारोहण करने के बाद अपने संबोधन में कहा, “हमारा संविधान मौलिक अधिकारों के साथ-साथ उन कर्तव्यों के प्रति भी आगाह करता है जो एक राष्ट्र के नागरिक के रूप में हम सबके हैं। हमें याद रखना होगा कि हमारा व्यक्तिगत जीवन ही नहीं है, हमारा सार्वजनिक जीवन भी है और सार्वजनिक जीवन हमें एक धर्म की प्रेरणा देता है और वह धर्म है राष्ट्र धर्म। राष्ट्र धर्म सर्वोपरि होना चाहिए।”

जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस अवसर पर कश्मीर को पवित्र और मनोरम स्थान बताने वाले प्राचीन ग्रंथ राजतरंगिणी का हवाला देते हुए कहा कि गांवों और शहरों में रहने वाले सभी लोगों ने अपनी एवं राष्ट्र की आकांक्षा को पूरा करने के लिए एक नये जम्मू कश्मीर का निर्माण शुरू कर दिया है।

कश्मीर में कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार को 72वां गणतंत्र दिवस मनाया गया और (कश्मीर) घाटी में मुख्य कार्यक्रम ‘शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम’ में आयोजित किया गया।

हिमाचल प्रदेश के ऐतिहासिक रिज में राज्य के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने तिरंगा फहराया और परेड की सलामी ली। परेड का नेतृत्व दो नगा रेजीमेंट के परेड कमांडर कैप्टन धीरज सैनी कर रहे थे। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में गणतंत्र दिवस समारोहों की अवधि संक्षिप्त रखी गई, लेकिन इस अवसर पर उत्साह में कोई कमी नहीं आई। कोलकाता के रेड रोड पर मनोहारी झांकियां देखने को मिली।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पारंपरिक कार्यक्रम में इस बार दर्शकों को आने की अनुमति नहीं थी और कार्यक्रम का समय भी करीब 30 मिनट ही रखा गया था।

इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि राज्य सरकार की अपराध, भ्रष्टाचार और संप्रदायवाद के प्रति कतई बर्दाश्त न करने की नीति है।

उत्तराखंड में गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया और परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य समारोह में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने तिरंगा फहराने के बाद परेड की सलामी ली ।

मुंबई में गणतंत्र दिवस पर अपने संबोधन में महाराष्ट्र के राज्यपाल बी एस कोश्यारी ने कहा कि राज्य ने कोविड-19 महामारी के दौरान वित्तीय संकटों का सामना किया लेकिन महा विकास आघाड़ी सरकार ने विभिन्न कदम उठाकर राज्य को इस स्थिति से बाहर निकाल लिया।

राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रैक्टर रैली निकाली गयी और तमिलनाडु तथा केरल में भी इसी तरह का मार्च किया गया।

तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में कई प्रदर्शनकारियों ने मोटरसाइकिल रैली निकाली। उन्होंने तख्तियां ले रखी थी जिन पर केंद्र के नये कृषि कानूनों की निंदा करने वाले नारे लिखे थे।

तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर यहां मरीना में तिरंगा फहराया और परेड की सलामी ली।

मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने इस मौके पर वीरता और सांप्रदायिक सौहार्द्र कायम करने के लिए कई लोगों को मेडल देकर सम्मानित किया।

केरल में सत्तारूढ़ माकपा ने राज्य में कई स्थानों पर मंगलवार को किसान परेड निकाली और दिल्ली में तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के प्रति एकजुटता व्यक्त की।

वहीं, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्य के लोगों से आग्रह किया कि वे कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान का लाभ उठाएं और महामारी से बचने के लिए एहतियात बरतना जारी रखें।

कोविड-19 महामारी के बीच दिशानिर्देशों के साथ असम, त्रिपुरा और कर्नाटक में गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाया गया।

असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने मंगलवार को गुवाहाटी में 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि असम सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षों में 80,000 से ज्यादा बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराया।

वहीं कर्नाटक में राज्यपाल वजुभाई वाला ने बेंगलुरु में फील्ड मार्शल मानेकशॉ परेड ग्राउंड में गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कोविड-19 महामारी से निपटने के राज्य सरकार के प्रयासों की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘ महामारी के खिलाफ कर्नाटक की लड़ाई प्रशंसनीय है और यहां लोगों को पृथकवास में भेजने के लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है।’’ त्रिपुरा में 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राज्यपाल आर के बैस ने अगरतला में असम राइफल्स मैदान में ध्वजारोहण किया। यहां बीएसएफ, सीआरपीएफ, त्रिपुरा पुलिस और त्रिपुरा स्टेट राइफल्स ने परेड में हिस्सा लिया। वहीं लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से लोगों का दिल मोह लिया।

दिल्ली में गणतंत्र दिवस के पूर्व फुल ड्रेस रिहर्सल: राजपथ पर बिखरी देश की विरासत और सांस्कृतिक धरोहर की छटा,कोविड के कारण कई पारंपरिक आकर्षण रहेंगे परेड से नदारद attacknews.in

नयी दिल्ली 23 जनवरी । देश की ऐतिहासिक विरासत , सांस्कृतिक धरोहर और सैन्य शक्ति का आज राजपथ पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गणतंत्र दिवस परेड की फुल ड्रेस रिहर्सल में प्रदर्शन किया गया।देश के 72 वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में राजपथ पर आयोजित परेड पर भी इस बार कोविड का साया दिखाई देगा और यह लाल किले के बजाय नेशनल स्टेडियम पर समाप्त हो जायेगी और कई पारंपरिक आकर्षण भी परेड से नदारद रहेंगे।

आगामी मंगलवार को 72 वें गणतंत्र दिवस समारोह की परेड से पहले शनिवार को राजपथ पर इसका पूर्वाअभ्यास किया गया। परेड के दौरान कोविड महामारी का पूरा असर दिखाई दिया। इस बार परेड में कई पारंपरिक आकर्षण नजर नहीं आये।

गणतंत्र दिवस समारोह में हर बार किसी न किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाता है हालाकि इस बार कोविड महामारी के कारण समारोह में कोई विदेशी हस्ती मुख्य अतिथि नहीं होगी। सरकार ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को इस बार मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था लेकिन ब्रिटेन में कोविड के कारण भयानक स्थिति उत्पन्न होने के मद्देनजर उन्होंने आने में असमर्थता जता दी।

फुल ड्रेस रिहर्सल में परेड की शुरूआत सेना के हेलिकॉप्टरों द्वारा राजपथ पर पुष्प वर्षा के साथ और सलामी मंच पर राष्ट्रपति को प्रतिकात्मक सलामी के साथ हुई। जनरल आफिसर कमांडिंग दिल्ली एरिया लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा ने राष्ट्रपति को सलामी दी इसके बाद परेड के सेकेंड इन कमान अधिकारी मेजर जनरल आलोक कक्कड़ ने सलामी दी।

उनके पीछे परमवीर चक्र विजेताओं सुबेदार मेजर योगेन्द्र यादव ,सुबेदार संजय कुमार तथा अशोक चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल डी श्रीराम कुमार सलामी मंच से गुजरे। इसके बाद परेड का मुख्य आकर्षण बंगलादेश की तीनों सेनाओं के जवानों का दस्ता कर्नल एम चौधर के नेतृत्व में कदमताल करते हुए गुजरा जिनके साथ बंगलादेश का सैन्य बैंड भी स्वर लहरी बिखेर रहा था। वर्ष 2016 में फ्रांस के सैन्य दस्ते के बाद यह दूसरा मौका है जब किसी विदेशी सेना के मार्चिंग दस्ते ने परेड में हिस्सा लिया है।

तीनों सेनाओं , सुरक्षा बलों , पुलिस बलों तथा एनसीसी और एनएसएस के मार्चिंग दस्तों ने भी अपनी उत्साह तथा जोश से भरी , कदमों के तालमेल से परिपूर्ण परेड से राजपथ को दहला दिया। कुल 18 मार्चिंग दस्तों ने परेड में कदम से कदम मिलाकर अपने अनुशासन तथा ऊर्जा तथा कौशल का परिचय दिया। इनमें घुड़सवारों तथा ऊंट पर सवार जवानों का भी एक एक दस्ता शामिल था। इनके साथ साथ सेनाओं तथा विभिन्न सुरक्षा बलों तथा पुलिस बलों के 36 बैंडों ने भी राजपथ पर स्वर लहरी का जादू बिखेरा। इन बैंडों ने हंसते गाते, सरहद के रखवाले , बलिदान और सारे जहां से अच्छा जैसे गीतों की धुन बजायी।

कोविड के कारण कई पारंपरिक आकर्षण रहेंगे परेड से नदारद

देश के 72 वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में राजपथ पर आयोजित परेड पर भी इस बार कोविड का साया दिखाई देगा और यह लाल किले के बजाय नेशनल स्टेडियम पर समाप्त हो जायेगी और कई पारंपरिक आकर्षण भी परेड से नदारद रहेंगे।

कोविड के कारण सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए परेड में हिस्सा लेने वाले मार्चिंग दस्तों का आकार छोटा किया गया है, भूतपूर्व सैनिकों को दस्ता परेड में नहीं आयेगा, मोटरसाइकिल पर हैरतअंगेज करतब दिखाने वाला दस्ता भी नहीं होगा साथ ही दर्शकों की संख्या को भी काफी कम किया गया है। हालाकि बंगलादेश की तीनों सेनाओं का मार्चिंग दस्ता इस बार की परेड का बड़ा आकर्षण रहेगा। वैसे परेड के समय में कमी नहीं की गयी है।

परेड के सेकंड इन कमान अधिकारी तथा सेना के दिल्ली एरिया के चीफ ऑफ स्टॉफ मेजर जनरल आलोक कक्कड़ ने आज परेड के बारे में आयोेजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस बार कोविड के चलते परेड में कई पारंपरिक आकर्षण देखने को नहीं मिलेंगे।

उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो कोविड के चलते परेड की दूरी कम कर इसे लाल किले के बजाय नेशनल स्टेडियम पर समाप्त किया जायेगा। दूसरे इस बार मार्चिंग दस्तों में शामिल जवानों की संख्या 144 के बजाय कम कर 96 की गयी है। कोविड के कारण भूतपूर्व सैनिकों का दस्ता भी राजपथ पर नहीं दिखाई देगा। अपने हैरतअंगेज करतबों से दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देने वाले मोटरसाइकिल दस्ते के जांबाज जवान भी इस बार राजपथ पर परेड की शान नहीं बढायेंगे।

उन्होंने कहा कि कोविड को देखते हुए इस बार केवल 25 हजार दर्शकों को ही राजपथ पर परेड देखने की अनुमति दी गयी है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि परेड के समय में कोई कमी नहीं की गयी है।

उन्होंने कहा कि दूसरी बार किसी विदेशी सेना का दस्ता राजपथ पर कदमताल करता नजर आयेगा। इस बार बंगलादेश की तीनों सेनाओं के 122 जवानों का दस्ता भी परेड में शामिल होगा। बंगलादेश के दस्ते में जवान तथा बैंड दोनों शामिल होंगे। इससे पहले वर्ष 2016 में फ्रांस की सेना के दस्ते ने परेड की शान बढायी थी।

न्यूज़ पेपर एजेंट चिटफंड के करोड़ों रूपये इकठ्ठा करके हो गया फरार,कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लालच में पडऩे वाले व्यक्तियों मेंअखबार का पूरा स्टाफ, लखपतियों के अलावा फुटकर व्यापारी , रोज कमाने खाने वाले लोग शामिल है attacknews.in

भिलाई 20 जनवरी।छत्तीसगढ़ की इस्पता नगरी भिलाई का एक न्यूज पेपर एजेंट चिटफंड (बीसी) का करोड़ों रुपए लेकर एक माह से कथित रूप से फरार हो गया है।

कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लालच में पडऩे वाले व्यक्तियों में लखपतियों के अलावा मार्केट के फुटकर व्यापारी और रोज कमाने खाने वाले (सब्जी, चाय, पान ठेले, झिल्ली बीनने वाले) लोग शामिल हैं।

इनमें बड़े अखबार के एजेंट के अलावा प्रसार विभाग के कर्मचारी भी हैं जिनका लाखों रुपए बीसी में लगा हुआ है।

सबसे ज्यादा परेशानी गरीब और फुटकर व्यापारी को हैं जिन्होंने कोरोना महामारी में भी एक-एक पैसे बचत कर दोगुनी रकम के लालच में पैसे जमा किये।

भिलाई में ही अभी कुछ दिनों पहले ही बिहार की एक चिटफंड कंपनी रियल इंडिया एग्रो प्रोडयूसर लिमिटेड ने भी लोगों को जमा रकम पर ज्यादा ब्याज का लालच दिखाकर 1 करोड़ 80 हजार रुपए लेकर चंपत हो गई ।. कंपनी के एजेंट समेत १६ निवेशकों ने सुपेला थाना में शिकायत दर्ज कराई । पुलिस कंपनी के सीएमडी प्रदीप गुप्ता, मुज्जफ्फर इमाम और अन्य डायरेक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज जांच कर रही है।

सुपेला टीआई भावेश साव ने बताया था कि चौहान स्टेट प्रथम तल शॉप-276, 277 पर कपंनी का दफ्तर संचालित था। इसका मुख्य ब्रांच पटना और कंट्रोलिंग ऑफिस बनारस उत्तर प्रदेश बताया गया है।

शिकायतकर्ता एजेंट मोहम्मद शुकरूल्लाह समेत 16 लोगों ने कंपनी की दैनिक, मासिक और सावधी जमा योजना में पैसे निवेश किए थे। लोगों की जमा रकम लौटाने की पारी आई तो कंपनी के कर्ताधर्ता ऑफिस बंदकर फरार हो गए।

1५ निवेशकों ने जब एजेंट मोहम्मद शुकरूल्लाह पर दबाव बनाया तो वह लखनऊ हेड ऑफिस गया। वहांं कंपनी के डायरेक्टर व सीएमडी प्रदीप गुप्ता और औरंगाबाद कंपनी के जोनल मैनेजर संजय कुमार सिंह से मुलाकात की। गुप्ता और सिंह रकम लौटाने का आश्वासन देता रहा। यह भी बताया कि रियल इंडिया एग्रो की तरह चार कंपनी और है। उसमें से पैसे लौटाने का इंतजाम हो जाएगा। लेकिन वर्ष 2009 से अब तक रकम नहीं लौटाई।

पंचायत चुनाव में वोट देने से मना करने पर दोस्त ने बेटों के साथ दोस्त और उसकी पत्नी को चाकुओं से लहू-लुहान किया,महिला की मौत attacknews.in

सोनीपत, 17 जनवरी । हरियाणा में सोनीपत के गांव माहरा में पंचायत चुनाव को लेकर एक ग्रामीण ने अपने दो बेटों के साथ मिलकर अपने दोस्त और उसकी पत्नी पर चाकुओं से हमला कर दिया जिसमें दोस्त की पत्नी की मौत हो गई, जबकि दोस्त पीजीआई, रोहतक में उपचाराधीन है।

गांव माहरा निवासी रामनारायण ने मोहाना थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह अपने गांव में ही अड्डे पर टैंट हाउस और परचून की दुकान चलाते हैं। उसकी गांव के ही सतबीर से अच्छी दोस्ती थी। वह अकसर उसके पास दुकान में आकर बैठता था।

रामनारायण ने बताया कि जब वह दुकान पर बैठे तो सतबीर ने दबाव बनाया कि भविष्य में आने वाले सरपंच पद के चुनाव में वह उसके कहने के अनुसार ही वोट डालेगा। जिस पर रामनाराण ने उसे मना कर दिया था। उसके मना करने पर दोनों में बहस हो गई थी। इसी को लेकर बीती रात को सतबीर अपने बेटे संजय और विजय के साथ हाथों में चाकू लेकर उनके घर आया था। उस समय रामनारायण, उसकी पत्नी रोशनी (45), उसका बेटा मंजीत और पुत्रवधू सविता तथा छोटी पुत्रवधू सोनिया भी घर पर थी। इसी बीच सतबीर तथा उसके बेटे संजय और विजय ने उनके साथ मारपीट की और चाकू से रामनारायण के कंधे और उसकी पत्नी रोशनी के पेट के पास हमला कर उन्हें घायल कर दिया। बाद में वह फरार हो गए।

विश्व के हरेक देशों में भारतीयों का बजा डंका:करीब 1.8 करोड़ आबादी के साथ भारतीय दुनिया का।बना सबसे बड़ा प्रवासी समूह;सभी महाद्वीपों एवं क्षेत्रों – खाड़ी से लेकर अमेरिका तक, ऑस्ट्रेलिया से लेकर ब्रिटेन तक- में फैले attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, 16 जनवरी । प्रवासी भारतीयों की संख्या विश्व में सबसे अधिक हैं जो दुनिया के अलग-अलग देशों में रह रहे हैं और ये ‘सबसे अधिक विविधता और जीवतंता’ वाले समुदायों में से एक है।

संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि वर्ष 2020 में करीब 1.8 करोड़ भारतीय अपने वतन से दूर दुनिया के अलग-अलग देशों में रहते हैं और इस मामले में यह विश्व का सबसे बड़ा प्रवासी समूह है।

विश्व निकाय ने बताया कि सबसे अधिक संख्या में प्रवासी भारतीय संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और सऊदी अरब में रहते हैं।

संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (डीईएसए) में जनसंख्या प्रभाग में जनसंख्या मामलों की अधिकारी क्लेर मेनोजी ने शुक्रवार को  एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ दुनिया में भारत की सबसे अधिक परा देशीय आबादी है। भारत के करीब 1.8 करोड़ लोग दुनिया के अलग-अलग देशों में रहते हैं। सबसे रोचक बात यह है कि भारतीय प्रवासी आबादी का वितरण पूरी दुनिया में है।’’

मेनोजी ने कहा कि कुछ परादेशीय आबादी वास्तव में एक देश या क्षेत्र तक केंद्रित है जबकि भारतीय प्रवासी सभी महाद्वीपों एवं क्षेत्रों – खाड़ी से लेकर अमेरिका तक, ऑस्ट्रेलिया से लेकर ब्रिटेन तक- में फैली हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह दुनिया की सबसे विविधता युक्त एवं गतिशील’’ समुदाय है।’’

संयुक्त राष्ट्र डीईएसए के जनसंख्या प्रभाग द्वारा शुक्रवार को जारी ‘ अंतरराष्ट्रीय प्रवास-2020 रिपोर्ट के मुताबिक 1.8 करोड़ भारतीय अपने जन्मस्थान से दूर दूसरे देशों में रहते हैं।

भारत के अलावा अन्य देश जिनकी बड़ी आबादी विदेश में रहती है, उनमें मैक्सिको और रूस हैं। इन दोनों देशों की 1.1-1.1 करोड़ आबादी विदेश में रहती है। वहीं, एक करोड़ चीनी और 80 लाख सीरियाई भी दूसरे देशों रहते हैं।

विदेशों में रहने वाले भारतीयों में सबसे अधिक 35 लाख संयुक्त अरब अमीरात में रहते हैं जबकि 27 लाख भारतीय अमेरिका में और 25 लाख सऊदी अरब में रहते हैं।

इनके अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कुवैत, ओमान, पाकिस्तान, कतर और ब्रिटेन में भी भारतीय प्रवासियों की बड़ी संख्या है।

रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2000 से 2020 के बीच दुनिया के हर देश एवं क्षेत्र में विदेश से आनेवाले प्रवासियों की संख्या में वृद्धि हुई और इसका सबसे अधिक लाभ भारत को हुआ जिसकी विदेश में रहने वाली आबादी की संख्या में एक करोड़ की वृद्धि हुई। इसके बाद सीरिया, वेनेजुएला, चीन और फिलीपीन का स्थान आता है।

संयुक्त राष्ट्र निकाय के जनसंख्या प्रभाग के निदेशक जॉन विलमोथ ने कहा कि भारत से प्रवास की मुख्य वजह रोजगार और पारिवारिक कारण रहे और जबरन प्रवास का प्रतिशत (करीब 10 प्रतिशत) कम रहा।

अमेरिका प्रवासियों का अब भी सबसे पसंदीदा स्थल बना हुआ है और वर्ष 2020 में कुल 5.1 करोड़ अंतरराष्ट्रीय प्रवासी अमेरिका में थे जो विश्व में कुल अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का 18 प्रतिशत है।

1.6 करोड़ प्रवासियों के साथ जर्मनी दूसरे स्थान पर रहा जबकि सऊदी अरब, रूस और ब्रिटेन क्रमश: 1.3 करोड़, 1.2 करोड़, 90 लाख अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों के साथ तीसरे, चौथे, पांचवे स्थान पर रहे।

रिपोर्ट में कहा गया कि अंतरिम आकलन के मुताबिक कोविड-19 महामारी की वजह से वर्ष 2020 के मध्य में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या की वृद्धि में करीब 20 लाख की कमी आई जो मध्य 2019 के अनुमान के मुताबिक 27 प्रतिशत कम है।

एंतोनियो गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पद का  अगला कार्यकाल भी लेने की जताई इच्छा,संयुक्त राष्ट्र महासभा तथा सुरक्षा परिषद अगला महासचिव चुनने  की दिशा में 31 जनवरी को बढ़ाएंगें पहला कदम attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, 16 जनवरी (एपी) संयुक्त राष्ट्र महासभा तथा सुरक्षा परिषद को इस वैश्विक संगठन का अगला प्रमुख चुनने की दिशा में इस महीने के अंत में पहला कदम उठाए उठाए जाने की उम्मीद है।

महासभा के अध्यक्ष वोल्कान बोजकिर ने शुक्रवार को कहा कि वह और संयुक्त राष्ट्र में ट्यूनीशिया के राजदूत एवं सुरक्षा परिषद के मौजूदा प्रमुख तारिक लादेब 31 जनवरी से पहले संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों को पत्र भेजकर कहा सकते हैं कि अगर मौजूदा महासचिव एंतोनियो गुतारेस के खिलाफ उनका कोई उम्मीदवार है तो वे पेश करें।

संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा महासचिव एवं पुर्तगाल के प्रधानमंत्री रह चुके गुतारेस का पांच वर्ष का कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है । उन्होंने सोमवार को बोजकिर तथा लादेब को पत्र लिखकर कहा था कि वह दूसरे कार्यकाल के लिये तैयार हैं ।

महासभा ने अक्टूबर 2016 में हुए चुनाव में गुतारेस को संयुक्त राष्ट्र का अगला महासचिव चुना था। एक जनवरी 2017 को उनका पांच वर्ष का कार्यकाल शुरू हुआ था। गुतारेस ने बान की मून की जगह ली थी।

महासभा 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की अनुशंसा पर महासचिव का चुनाव करती है। सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों के पास ‘वीटो’ शक्ति होती है। इसलिये उनका समर्थन बेहद महत्वपूर्ण है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पहले ही गुतारेस का समर्थन कर चुके हैं, लेकिन ‘वीटो’ शक्ति प्राप्त अन्य देशों अमेरिका, रूस, चीन और फ्रांस ने इस पर अभी तक कुछ नहीं कहा है।

व्हाॅट्सएप ने 8 फरवरी से लागू की जाने वाली अपडेट पालिसी को 15 मई तक स्थगित किया,इसके बाद नए कारोबारी विकल्प उपलब्ध लागू होंगे attacknews.in

नयी दिल्ली, 16 जनवरी । व्हॉट्सएप ने नीति में बदलाव (अपडेट) को 15 मई तक के लिए टाल दिया है। अपने हालिया निजता नीति बदलावों को लेकर व्हॉट्सएप को भारत सहित वैश्विक स्तर पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। दुनियाभर में इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है कि व्हॉट्सएप उपयोक्ताओं के डेटा को अपनी मूल कंपनी फेसबुक से साझा कर सकती है।

यह घटनाक्रम इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि भारत व्हॉट्सएप के लिए सबसे बड़े बाजारों में से है। भारत में व्हॉट्सएप के प्रयोगकर्ताओं की संख्या 40 करोड़ से अधिक है।

व्हॉट्सएप ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि प्रयोगकर्ताओं के लिए नीतिगत अपडेट की शर्तों पर अपनी मंजूरी देने की तिथि को आगे बढ़ाया जा रहा है।

व्हॉट्सएप ने ब्लॉग पोस्ट में कहा, ‘‘किसी का भी खाता आठ फरवरी को निलंबित या बंद नहीं किया जाएगा। हम व्हॉट्सएप पर निजता और सुरक्षा को लेकर फैली गलत सूचनाओं को दूर करने के लिए और अधिक काम करेंगे। हम लोगों के पास नीति की समीक्षा के लिए धीरे-धीरे जाएंगे। 15 मई से नए कारोबारी विकल्प उपलब्ध होंगे।’’

व्हॉट्सएप के हालिया विवादास्पद बदलावों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। व्हॉट्सएप ने पिछले सप्ताह प्रयोगकर्ताओं को ‘इन-ऐप’ अधिसूचना के जरिये इन बदलावों की सूचना दी थी। व्हॉट्सएप ने कहा था कि उसके मंच का इस्तेमाल जारी रखने के लिए प्रयोगकर्ताओं को नयी शर्तों तथा नीति पर आठ फरवरी तक सहमति देनी होगी।

व्हॉट्सएप के प्रतिद्वंद्वी मंचों मसलन सिग्नल और टेलीग्राम के डाउनलोड में हालिया घटनाक्रमों के बीच काफी इजाफा हुआ है।

व्हॉट्सएप ने कहा, ‘‘हमारे हालिया अपडेट को लेकर काफी असमंजस है। काफी गलत सूचनाएं फैल रही है, जो चिंता की बात है। हम चाहते हैं कि सभी हमारे सिद्धान्तों और तथ्यों को समझें।’’

व्हॉट्सएप ने फिर दोहराया है कि उसके मंच पर संदेश एंड-टू-एंड कूट रूप में हैं। न तो वह खुद और न फेसबुक उसके मंच पर निजी संदेशों को देख सकती है।

व्हॉट्सएप ने कहा कि वह यह ब्योरा नहीं रखती कि प्रयोगकर्ता किसे संदेश भेज रहे हैं या किसे कॉल कर रहे हैं। साथ ही वह संपर्कों को फेसबुक से साझा नहीं करती है।

एफएक्यू खंड में व्हॉट्सएप ने कहा है कि हालिया शर्तें और निजता नीति में बदलाव से व्यक्तिगत संदेश प्रभावित नहीं होंगे। फेसबुक के स्वामित्व वाले मैसेजिंग मंच ने कहा, ‘‘ये बदलाव व्हॉट्सएप पर वैकल्पिक ‘बिजनेस फीचर्स’ से जुड़े हैं। इनसे हमारे द्वारा डेटा संग्रहण और उसके इस्तेमाल को लेकर और पारदर्शिता आएगी।

इससे पहले सूत्रों ने कहा था कि सरकार व्हॉट्सएप द्वारा हाल में घोषित निजता नीति में बदलाव की समीक्षा कर रही है।

सूत्रों ने कहा था कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में व्हॉट्सएप के हालिया कदम के प्रभाव पर विचार-विमर्श चल रहा है।

वहीं व्हॉट्सएप ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर सरकार के किसी भी सवाल का जवाब देने को तैयार है। व्हॉट्सएप के प्रमुख विल कैथकार्ट ने कहा कि कंपनी भारत के उपयोक्ताओं की निजता और सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है।

भारत अपनी बड़ी आबादी और इंटरनेट की स्वीकार्यता की वजह से फेसबुक जैसी इंटरनेट कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण बाजार है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरससंचार बाजार और डेटा का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। 30 अक्टूबर, 2020 तक देश में कुल फोन कनेक्शनों की संख्या 117 करोड़ थी। इसमें से 115 करोड़ मोबाइल कनेक्शन हैं।

एरिक्सन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में भारतीय प्रतिमाह औसत 12 जीबी डेटा का इस्तेमाल कर रहे थे। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। 2025 तक यह आंकड़ा 25 जीबी प्रतिमाह हो जाएगा।

व्हॉट्सएप की प्रतिद्वंद्वी टेलीग्राम ने पिछले कुछ दिन में वैश्विक स्तर पर 2.5 करोड़ नए उपयोक्ता जोड़े हैं। हालांकि, उसने भारत के आंकड़े नहीं दिए हैं, लेकिन कहा है कि 38 प्रतिशत नए उपयोक्ता एशिया में जोड़े गए हैं।

सिग्नल को भी अपनी सुगम और सरल सेवा शर्तों तथा निजता नीति की वजह से इस घटनाक्रम का फायदा होने की उम्मीद है।

पाकिस्तान और चीन का गठजोड़ भारत के लिए गंभीर  खतरा: सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने  दोनों देशों के बीच सैन्य और असैन्य क्षेत्रों में सहयोग की बात सामने रखी attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 जनवरी । सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान और चीन मिलकर देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं और भारत के प्रति उनके कपटपूर्ण बर्ताव को अनदेखा नहीं किया जा सकता।

जनरल नरवणे ने सेना दिवस से पहले यहां एक संवाददाता सम्मेलन में पूर्वी लद्दाख के हालात पर विस्तार से बात की और कहा कि भारतीय सैनिक किसी भी स्थिति से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए बहुत उच्च स्तर की लड़ाकू तैयारी रख रहे हैं।

सेना प्रमुख ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत और चीन परस्पर और समान सुरक्षा के आधार पर सैनिकों की वापसी और तनाव कम करने के लिए एक समझौते पर पहुंच पाएंगे।

उन्होंने वस्तुत: भारतीय सेना द्वारा पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थिति कुछ रणनीतिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर कब्जा किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि सेना देश के हितों और लक्ष्यों के अनुरूप पूर्वी लद्दाख में अपनी स्थिति कायम रखेगी।

समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर जनरल नरवणे ने कहा कि चीन और पाकिस्तान दोनों की भारत के प्रति कपटपूर्ण सोच जमीनी स्तर पर नजर आ रही है।

सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘पाकिस्तान और चीन मिलकर गंभीर खतरा बने हुए हैं और उनकी कपटपूर्ण सोच से होने वाले खतरे को अनदेखा नहीं किया जा सकता।’’

उन्होंने कहा कि भारत को ‘दो मोर्चों’ पर खतरे के परिदृश्य से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।

उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच सैन्य और असैन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ रहा है।

जनरल नरवणे ने कहा कि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल राजकीय नीति के औजार के रूप में करता आ रहा है और भारत इस समस्या का प्रभावी तरीके से मुकाबला करता रहेगा।

सेना प्रमुख ने कहा कि हम सीमापार से हो रहे आतंकवाद का जवाब अपने पसंदीदा वक्त पर देने का अधिकार रखते हैं।

उन्होंने कहा कि हमने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उच्च स्तर की सतर्कता बरती है।

सेना प्रमुख ने कहा कि हम भू-राजनीतिक घटनाक्रम और खतरों के आधार पर अपनी तैयारियों में बदलाव करते रहते हैं।

तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन की ओर से पलानीस्वामी होगें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार attacknews.in

चेन्नई, 09 । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी आमागी विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ पार्टी अन्ना द्रविड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होगें।

अन्नाद्रमुक की जनरल काउंसिल ने श्री पलानीस्वामी के आगामी चार महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव में पुन: मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार होने के पार्टी के फैसले की शनिवार को पुष्टि की।

यहां उपनगर वन्नगरम में हुई बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। इस मौके पर पार्टी के समन्वयक एवं उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम और संयुक्त समन्वयक और मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने सहयोगियों के साथ सीट-साझा करने के समझौते को तय और अंतिम रूप देने और विजयी चुनावी रणनीति बनाने के लिए एक अन्य प्रस्ताव को मंजूरी दी।

उल्लेखनीय है कि श्री पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने का प्रस्ताव तब आया है जब अन्नाद्रमुक की प्रमुख सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक अलग रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा भाजपा आलाकमान द्वारा की जाने की बात कही।

सूत्रों के अनुसार पूर्व केंद्रीय मंत्री जी के वासन की अगुवाई वाली तमिल मनिला कांग्रेस (टीएमसी) को छोड़कर अन्नाद्रमुक के अन्य सहयोगी पीएमके और अभिनेता विजयकांत के नेतृत्व वाली डीएमडीके ने अभी तक श्री पलानस्वामी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में स्वीकार करने की आधिकारिक घोषणा की है। श्री पन्नीरसेल्वम और श्री पलानीस्वामी यह पुष्टि कर चुके हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमीर शाह की उपस्थिति में भाजपा के साथ अन्नाद्रमुक का गठबंधन विधानसभा चुनाव में जारी रहेगा।

गौरतलब है कि श्री पलानीस्वामी की ओर से पिछले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव में पार्टी का मार्गदर्शन करने के लिए 11 सदस्यीय संचालन समिति के गठन की घोषणा की गई थी, जिसमें छह सदस्य उनके और पांच श्री पन्नीरसेल्वम की ओर से शामिल हैं। इसी दौरान श्री पन्नीरसेल्वम ने औपचारिक रूप से अन्नाद्रमुक की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि ‘ मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमारे प्रिय भाई पलानीस्वामी 2021 विधानसभा चुनाव में अन्ना द्रमुक के विजयी मुख्यमंत्री उम्मीदवार होंगे। ‘