ईडी ने जब्त की एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स इंडियंस फॉर एमनेस्टी इंटरनेशनल ट्रस्ट की 17.66 करोड़ रुपये की विभिन्न अचल सम्पत्तियां attacknews.in

नयी दिल्ली 16 फरवरी । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई करते हुए अंतराष्ट्रीय गैर सरकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बैंक अकाउंट को जब्त करने के लिए प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर जारी किया गया है।

ईडी ने बताया कि एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स इंडियंस फॉर एमनेस्टी इंटरनेशनल ट्रस्ट की 17.66 करोड़ रुपये की विभिन्न अचल सम्पतियों की कुर्की की जा रही है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी के आधार पर ईडी इंडियंस फॉर एमेनेस्टी इंटरनेशनल ट्रस्ट, एमेनस्टी इंडरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड तथा एमनेस्टी इंटरनेशनल साउथ एशिया फाउंडेशन के खिलाफ जांच कर रही है।

प्रवर्तन निदेशालय  ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले  में मंगलवार को ह्यूमन राइट ऑर्गनाइजेशन एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की 17.66 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की।

जांच एजेंसी ने बयान जारी कर कहा कि अब तक एमनेस्टी इंटरनेशनल की 19.54 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। एनजीओ पर पिछले दो सालों में ईडी और सीबीआई ने छापेमारी की थी, जिसके बाद उसके बैंक अकाउंट्स को भी फ्रीज कर दिया गया था। बाद में एनजीओ ने भारत में अपनी सेवाओं को बंद कर दिया था।

ईडी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, ”प्रवर्तन निदेशालय  ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) के तहत एक प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर जारी किया जिसके तहत मैसर्स एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स इंडियंस फॉर एमनेस्टी इंटरनेशनल ट्रस्ट के बैंक खातों को अटैच किया जा रहा है। दोनों ही संस्थाओं पर अपराध का आरोप है। प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर में 17.66 करोड़ की चल संपत्तियों की कुर्की भी शामिल है।”

बयान में आगे कहा गया है कि प्रथम दृष्टया पाया गया है कि मैसर्स एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्रा. लिमिटेड और अन्य को विदेश से धन मिला है। एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पेरेंट बॉडी एमनेस्टी इंटरनेश्नल यूके से 51.72 करोड़ रुपये लेने का आरोप है।

एमनेस्टी इंटरनेशन इंडिया पर अक्टूबर से ही जांच चल रही है। इसके बाद, पिछले साल 29 सितंबर 2020 को भारत में ऑपरेशंस को बंद कर दिया गया था। एमनेस्टी इंटरेशनल इंडिया ने अपनी वेबसाइट पर जारी एक बयान में कहा था कि भारत सरकार द्वारा एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के बैंक खातों को पूरी तरह से फ्रीज कर दिया गया है, जिसकी जानकारी 10 सितंबर 2020 को हुई। इससे संगठन द्वारा किए जा रहे सभी कामों पर ब्रेक लग गया है। संस्था ने आरोप लगाया कि भारत सरकार की कार्रवाई के बाद उसे अपने कर्मचारियों को निकालने पर मजबूर होना पड़ा।

साल 2018 में ईडी ने एनजीओ के बेंगलुरु स्थित हेडऑफिस पर छापेमारी की थी और उसके बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। इसके बाद साल 2019 में सीबीआई ने छापेमारी की, जिसके बाद एनजीओ ने कहा कि उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा है और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। ग्रुप की ओर से कहा गया कि जब भी हमने भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ कुछ बोला है तब हमें प्रताड़ित किया गया।

ऐसे बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम:केंद्रीय और राज्य कर, खुदरा बिक्री मूल्य, पेट्रोल के लिए 60%-डीजल के लिए 54 प्रतिशत हिस्सा बनते हैं,देश में ईंधन पर सबसे अधिक वैट वसूलने वाले राज्य, राजस्थान में सबसे अधिक कीमतें,रसोई गैस के दाम 50 ₹ बढ़े attacknews.in

राजस्थान में पेट्रोल 99.87 रुपये पर, एलपीजी-एटीएफ कीमत में तेजी

नयी दिल्ली, 16 फरवरी । राजस्थान में पेट्रोल की कीमत मंगलवार को 99.87 रुपये प्रति लीटर हो गई, जो भारत में अब तक का उच्चतम स्तर है। पेट्रोल की कीमत में लगातार आठवें दिन बढ़ोतरी की वजह से यह दाम वृद्धि हुई है।

सरकारी स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेताओं के मूल्य अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल की कीमत में 30 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 35 पैसे की बढ़ोतरी की गई है।

इसके साथ ही तेल कंपनियों ने रसोई गैस (एलपीजी) की कीमत में 50 रुपये प्रति सिलेंडर और जेट ईंधन (एटीएफ) में 3.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई।

राष्ट्रीय राजधानी में अब एलपीजी की कीमत 769 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम का सिलेंडर हो गई है।

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि की वजह से खुदरा कीमतें बढ़ी हैं। इसका कारण स्थानीय बिक्री कर या मूल्यवर्धित कर (वैट) और माल भाड़ा अलग अलग राज्यों में भिन्न भिन्न होना है।

दिल्ली में अब पेट्रोल 89.29 रुपये प्रति लीटर और डीजल 79.70 रुपये में मिलेगा।

उच्च वैट लगाने वाले राज्यों में इन ईंधनों की दरें अधिक हैं।

मुंबई में, पेट्रोल की कीमत बढ़कर 95.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 86.72 रुपये लीटर हो गई।

देश में ईंधन पर सबसे अधिक वैट वसूलने वाले राज्य, राजस्थान में पेट्रोल और डीजल की सबसे अधिक कीमतें हैं।

राज्य के श्रीगंगानगर शहर में, पेट्रोल की कीमत बढ़कर 99.87 रुपये और डीजल उछलकर 91.86 रुपये प्रति लीटर हो गया।

श्रीगंगानगर में ब्रांडेड पेट्रोल की कीमत 102.65 रुपये प्रति लीटर और इसी तरह के ग्रेड डीजल की कीमत 95.52 रुपये हो गई है।

दिल्ली में ब्रांडेड पेट्रोल की कीमत 92.12 रुपये प्रति लीटर और उसी ग्रेड के डीजल की कीमत 82.99 रुपये है।

तेल कंपनियों ने राष्ट्रीय राजधानी में विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) की कीमत 1,942.5 रुपये प्रति किलोलीटर या 3.6 प्रतिशत बढ़ाकर 55,737.91 रुपये प्रति किलोलीटर कर दी।

पेट्रोल और डीजल की कीमतें दैनिक आधार पर संशोधित की जाती हैं, एलपीजी और एटीएफ दरों को हर महीने एक और 16 तारीख को संशोधित किया जाता है।

लगातार आठ दिनों में, पेट्रोल के लिए कीमतों में 2.34 रुपये प्रति लीटर और डीजल में 2.57 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

कीमतों में लगातार बढ़ोतरी की कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने आलोचना की है, जिसने आम आदमी पर बोझ कम करने के लिए करों में तत्काल कटौती किये जाने की मांग की है।

तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले सप्ताह संसद को बताया था कि सरकार उत्पाद शुल्क में कमी करने के बारे में विचार नहीं कर रही है ताकि रिकॉर्ड ऊंचाई पर जा पहुंची कीमतों को कम किया जा सके।

केंद्रीय और राज्य कर, खुदरा बिक्री मूल्य, पेट्रोल के लिए 60 प्रतिशत और डीजल के लिए 54 प्रतिशत हिस्सा बनते हैं।

केंद्र सरकार पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क पर 32.90 रुपये और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर वसूलती है।

महाराष्ट्र में बंधक बनाए गए मध्यप्रदेश के 11 मजदूरों और उनके आठ बच्चों काे वापस लाया गया,सभी बड़वाह धूलकोट चैनपुर के अलावा बुरहानपुर निवासी attacknews.in

खरगोन, 15 फरवरी । मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के पुलिस अधीक्षक द्वारा महाराष्ट्र के बीड़ जिले भेजे गए पुलिस दल ने कथित तौर पर बंधक बनाए 11 मजदूर और उनके 8 बच्चों का रेस्क्यू कर आज उन्हें सुरक्षित वापिस लौटा कर ले आये।

पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि जिले के बड़वाह धूलकोट चैनपुर के अलावा बुरहानपुर निवासी 11 मजदूरों और उनके 8 बच्चों को महाराष्ट्र के बीड़ और पंढरपुर जिलों के दो गांवों से बंधन मुक्त कराकर वापस लाया गया है।

उन्होंने बताया कि 12 फरवरी को कुछ मजदूरों व उनके रिश्तेदारों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय आकर शिकायत की थी कि मजदूरों के ठेकेदार धनराज किडके द्वारा 25 हजार एडवांस देकर डेढ़ महीने के लिए बीड़ जिले के सिरसला थाना क्षेत्र के खाडेवाड़ी ग्राम में गन्ना काटने ले जाया गया था।

भोपाल में तहसीलदार के आदेश के बाद भी जिला प्रशासन ,अंतरराष्ट्रीय लैब की 7 एकड़ जमीन से दबंगों द्वारा कब्जाई जमीन ने नहीं हटा पा रहा है अतिक्रमण attacknews.in

नयी दिल्ली 14 फरवरी । देश ही नहीं, दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थानों में शुमार सीएसआईआर की भोपाल स्थित प्रयोगशाला एमप्री की सात एकड़ जमीन पर कई वर्षों से अवैध कब्जा है लेकिन स्थानीय प्रशासन जमीन को कब्जा मुक्त नहीं करा पा रहा है।

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की एक प्रयोगशाला एमप्री भोपाल में होशंगाबाद रोड पर स्थित है। वहाँ एडवांस मैटेरियल प्रोसेसिंग से संबंधित अनुसंधान किए जाते हैं।

एमप्री के प्रशासनिक अधिकारी आरएन वाघमारे ने  बताया की प्रयोगशाला के पास 79 एकड़ जमीन है जिसमें सात एकड़ पर परमार समाज समिति ने अवैध कब्जा कर रखा है। वहां अनाधिकृत रूप से मैरिज हॉल बनाया गया है और वाणिज्यिक गतिविधियां की जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि तहसीलदार कार्यालय ने 29 सितंबर 2015 को अवैध कब्जा हटाने का आदेश दिया था। इसके बाद संस्थान ने कई प्रयास किए लेकिन कब्जाधारी जमीन पर से हटने के लिए तैयार नहीं है। देश में वैज्ञानिक अनुसंधानों को प्रमुखता देने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता के बावजूद मध्य प्रदेश की राजधानी में यह सब स्थानीय प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है।

श्री वाघमारे ने कहा कि संस्थान की ओर से जिलाधिकारी, एसडीएम, नगर निगम आयुक्त और पुलिस प्रशासन से भी कई बार लिखित एवं मौखिक अनुरोध किया गया है। इसके बावजूद प्रशासन संस्थान की जमीन कब्जा मुक्त नहीं करा पा रही है।

किसान आंदोलन की आड़ मे आतंक और हिंसा की ” टूल किट” की कर्ता धर्ता दिशा रवि 5 दिनी पुलिस रिमांड पर;भारत के खिलाफ वैमनस्य फैलाने के लिए दिशा रवि और अन्य ने खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ के साथ की थी साठगांठ attacknews.in

नयी दिल्ली 14 फरवरी । दिल्ली पुलिस ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिट’ सोशल मीडिया पर शेयर करने के आरोप में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि (22) को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया है।

दिलकी पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि दिशा रवि को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की टीम ने शनिवार को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि टूलकिट दस्तावेज से संबंधित आपराधिक साजिश से जुड़ी जांच के मामले में दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया। वह टूलकिट का संपादन करने वालों में से एक हैं और दस्तावेज को बनाने एवं फैलाने के मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं।

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने शनिवार को 21 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित ‘टूलकिट’ फैलाने में उसकी कथित भूमिका के लिए बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है।

कुछ दिन पहले ही दिल्ली पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन के मामले में ‘‘खालिस्तानी समर्थक’’ समूह द्वारा तैयार और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग तथा अन्य द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए ‘टूलकिट’ के संबंध में एफआईआर दर्ज की थी।हालांकि एफआईआर में किसी का नाम नहीं लिया गया था।

किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में देश को बदनाम करने की ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ की जांच दिल्ली पुलिस की साइबर सेल कर रही है।

विशेष पुलिस आयुक्त प्रवीर रंजन ने दावा किया है कि 26 जनवरी को हुई हिंसा सोशल मीडिया पर साझा किए गए टूलकिट में बताई गई है. विभिन्न धाराओं के तहत ‘आपराधिक साजिश’ और ‘समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने’ के प्रयास के लिए एफआईआर दर्ज की गई है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि एफआईआर केवल टूलकिट के रचनाकारों के खिलाफ है, जिसकी जांच जारी है।

दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा था “टूल किट के रचनाकारों की मंशा विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच असहमति पैदा करना और भारत सरकार के खिलाफ असहमति और अंसतोष को प्रोत्साहित करना था. इसका उद्देश्य भारत के खिलाफ सामाजिक सांस्कृतिक और आर्थिक लड़ाई को भी गति देना है.”

कुछ दिन पहले ही केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को अपना समर्थन देते हुए स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भी एक ‘टूलकिट’ साझा किया था, जिसमें लोगों को यह बताया गया था कि कैसे किसानों के प्रदर्शन का लोगों को समर्थन करना चाहिए. लेकिन यह बाद में डिलीट कर दिया गया. हालांकि उन्होंने फिर अपडेटेड टूलकिट डॉक्यूमेंट पोस्ट किया. एक अधिकारी के मुताबिक, इस दस्तावेज में किसानों के समर्थन में ट्विटर पर ट्वीट की झड़ी लगाने और भारतीय दूतावासों के बाहर प्रदर्शन करने की भी योजना तैयार की गयी थी।

दिल्ली पुलिस ने ‘टूलकिट’ बनाने वालों के संबंध में गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी मांगी थी. बीते हफ्ते दिल्ली पुलिस ने बताया कि 300 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट की पहचान की गई है, जो किसान प्रदर्शन पर दुर्भावनापूर्ण सामग्री सर्कुलेट करते देखे गए।

पुलिस का कहना है कि 26 जनवरी को जो हिंसा हुई, वह पहले से स्क्रिप्टेड थी. दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, शुरुआती जांच से पता चला है कि दस्तावेज के तार खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ से जुड़े हैं।

मिली 5 दिन की रिमांड:

पुलिस ने आरोप लगाया कि भारत के खिलाफ वैमनस्य फैलाने के लिए रवि और अन्य ने खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ के साथ साठगांठ की।पुलिस ने ट्वीट कर दावा किया, ‘ ग्रेटा थनबर्ग के साथ टूलकिट साझा करने वालों में से रवि भी एक थीं.’

दिल्ली की एक अदालत ने 21 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

पुलिस के मुताबिक रवि को उनके घर से हिरासत में लिया गया और बाद में ‘टूलकिट’ बनाने के साथ  उसके प्रचार-प्रसार में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

अधिकारी ने कहा कि रवि का लैपटॉप और मोबाइल फोन आगे की जांच के लिए जब्त किया गया है. साथ ही पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या वह और भी लोगों के संपर्क में थी, जो इस मामले में संलिप्त हैं।

दिशा रवि को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ की टीम ने शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने रवि को रविवार को अदालत में पेश किया और उन्हें सात दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेजने का अनुरोध किया।

पुलिस ने अदालत में ये भी कहा कि भारत सरकार के खिलाफ कथित तौर पर बड़े स्तर पर साजिश रचने और खालिस्तानी आंदोलन में भूमिका को लेकर जांच करने के लिए हिरासत की आवश्यकता है।

उधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने रवि की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है। ‘टूल किट’ में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है।

आपको बता दें कि इस सिलसिले में खालिस्तान समर्थक निर्माताओं के खिलाफ चार फरवरी को FIR दर्ज हुई थी। पुलिस के अनुसार, ‘टूलकिट’ में एक खंड है, जिसमें कहा गया है. 26 जनवरी से पहले हैशटैग के जरिए डिजिटल हमला, 23 जनवरी और उसके बाद ट्वीट के जरिए तूफान खड़ा करना, 26 जनवरी को आमने-सामने की कार्रवाई और फिर दिल्ली में और उसकी सीमाओं पर किसानों के मार्च में शामिल हों।

शिवपाल सिंह यादव  की थी तमन्ना  मुलायम सिंह यादव -अखिलेश यादव  को नरेन्द्र मोदी का विकल्प बनाने की attacknews.in

इटावा , 14 फरवरी । समाजवादी पार्टी (सपा) से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) का गठन कर लोकसभा चुनाव मे किस्मत आजमा चुके शिवपाल सिंह यादव का दावा है कि वह तो देश भर के सभी समाजवादियो को एक करके नेता जी (मुलायम सिंह यादव) अथवा अखिलेश यादव को नरेंद्र मोदी का विकल्प बनाना चाहते थे।

श्री यादव ने रविवार को इटावा में चैगुर्जी स्थित आवास पर यूनीवार्ता से विशेष बातचीत में कहा “ अगर देश भर के सभी समाजवादी एक साथ हो जाते तो आज कम से कम तीन सूबों में समाजवादियों की मजबूत सरकार हो सकती थी लेकिन अड़चन डालने वाले कुछ लोग थे जो आज भी उसी रास्ते पर हैं।”

जिला पंचायत और ब्लाक प्रमुख चुनाव में हिस्सा ले सकती है प्रसपा: शिवपाल

प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि उनकी पार्टी प्रदेश भर में ग्राम प्रधान और सदस्यों के चुनाव में प्रत्याशी नही उतारेगी लेकिन जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्यो पर समिति के निर्णय के आधार पर प्रत्याशियों के चयन कर चुनाव लडेगी ।

उन्होने कहा कि जहां तक पंचायत चुनावों का सवाल है तो उनकी पार्टी ने गांव पंचायतों के चुनावों में किसी तरह की दिलचस्पी नहीं लेने का निर्णय लिया है लेकिन क्षेत्र पंचायतों के चुनाव में प्रदेश की सभी जिला इकाइयों पर छोड़ दिया है कि वे क्या चुनाव लडाना चाहती हैं अगर वे राय मांगेगी तो हम विचार करके जरूर तय करेंगे । उनका कहना है कि जहाॅ हमारी पार्टी के क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष बन सकते हैं उसे जरूर देखा जायेगा।

पन्ना में वन विभाग के गश्ती दल पर सागौन तस्करों द्वारा कुल्हाड़ी और लाठियों से किए गए हमले में तीन वनकर्मी घायल,एक की हालत गंभीर attacknews.in

पन्ना,14 फरवरी । मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में वन विभाग के एक गश्ती दल पर सागौन तस्करों द्वारा किए गए हमले में तीन वनकर्मी घायल हो गए हैं, जिसमें एक वनकर्मी की हालत गंभीर बताई गई है।

वन परिक्षेत्राधिकारी विश्रामगंज अजय बाजपेयी ने आज बताया कि पन्ना जिले के उत्तर वन मंडल तहत विश्रामगंज रेंज के कौवा सेहा बीट में 13 फरवरी की शाम वनकर्मी गश्त कर रहे थे। इसी दौरान लगभग एक दर्जन सागौन तस्करों ने कुल्हाड़ी और लाठियों से उन पर हमला किया और जमकर मारपीट की।

सुरक्षा समिति के सुरक्षाकर्मी गोविंद सिंह यादव ने किसी तरह बचकर रात 9 बजे घटना की सूचना दी। इसके बाद घायल वनकर्मियों को जंगल से ढूंढकर उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

उन्होंने बताया कि वनरक्षक छत्रपाल सिंह को घातक चोटें आई हैं।

स्थाई वनकर्मी स्वामीदीन कुशवाहा और वन सुरक्षा समिति के सुरक्षाकर्मी गोविंद सिंह यादव भी घायल हुए हैं।

सभी घायलों को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।

इस मामले में पुलिस ने खजरी गांव के निवासी तीन आरोपियों को कल रात में ही गिरफ्तार कर लिया है।

शेष आरोपियों की तलाश की पुलिस द्वारा की जा रही है।

उत्तरप्रदेश में अपराधों की गैंग चलाने वाले सपा विधायक नाहिद हसन और पूर्व सांसद तब्बसुम हसन समेत 40 गैंग सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में प्रकरण दर्ज attacknews.in

शामली 13 फरवरी । उत्तर प्रदेश के शामली जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक और पूर्व सांसद समेत 40 लोगों पर गैंगेस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यूपी के कैराना विधानसभा सीट से सपा विधायक नाहिद हसन और उनकी मां पूर्व सांसद तब्बसुम हसन समेत पुलिस ने 40 लोगों पर गैंगेस्टर एक्ट लगाई है। पुलिस की इस कार्रवाई से एक बार फिर विधायक और उनकी मां की मुश्किलें बढ़ गई है।

कैराना से समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन और उनकी मां व पूर्व सांसद तबस्सुम हसन की मुश्किलें बढ़ गई है।

दरअसल, नाहिद हसन और उनकी मां तबस्सुम हसन समेत 40 समर्थकों के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।

यह कार्रवाई शामली जिले के जिलाधिकारी जसजीत कौर के अनुमोदन के बाद की गई है। गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई के बाद सपा नेता और उनके समर्थकों में हड़कंप मच गया है।

कैराना विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन पर एक दर्जन से ज्यादा मुकदमे पहले से ही दर्ज हैं। वहीं, अब कैराना कोतवाली में उनके खिलाफ चार और अपराधिक मामले पुलिस ने दर्ज किए है। वहीं, अब विधायक को गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध किया गया है।

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक प्रेमवीर सिंह राणा की ओर से दर्ज इस मामले में विधायक नाहिद हसन को गैंग लीडर बनाया गया है, जबकि उनकी मां तबस्सुम हसन को गैंग के सदस्यों में शामिल किया गया है।

गैंग चार्ट के मुताबिक, विधायक अपने गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर अपराध कर अपने स्वार्थ के लिए अवैध रूप से भौतिक, आर्थिक एवं दुनियावी लाभ अर्जित करते हैं। इस गैंग का समाज में भय व आतंक व्याप्त होने का हवाला भी दिया गया है।

कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति इनके विरुद्ध रिपोर्ट लिखवाने या गवाही देने का साहस नहीं कर पाता है।

दरअसल, अक्टूबर महीने में सपा विधायक नाहिद हसन अपने समर्थकों के साथ कैरानी कोतवाली में एक मामले को लेकर पहुंचे थे। इस दौरान कैराना कोतवाली में तैनात परमवीर सिंह राणा और नाहिद हसन के बीच झड़प हो गई थी।

इस झड़प के बाद पूरा मामला गरमा गया था और इस मामले को लखनऊ तक देखा गया था। हालांकि, अब इस मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। विधायक नाहिद हसन और तबस्सुम हसन सहित 40 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई शामली जिले के जिलाधिकारी जसजीत कौर के अनुमोदन के बाद की गई है।

वहीं, सीओ कैराना जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कैराना से सपा विधायक नाहिद हसन समेत करीब 40 लोगों के खिलाफ कैराना थाने में गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा कायम कराया गया है। उनके खिलाफ अभी तक दर्ज किए गए मुकदमों के चलते जिलाधिकारी के अनुमोदन पर यह कार्रवाई की गई है।

वहीं, इस मामले में सपा विधायक नाहिद हसन ने बताया कि अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। शनिवार सुबह इस मामले को दिखाते हुए कानूनी रूप से जवाब दिया जाएगा। पूर्व में भी मेरे, व परिवार वालों के खिलाफ शासन के निर्देश पर फर्जी मुकदमें दर्ज किए जाते रहे हैं।

उत्तरप्रदेश की समाजवादी पार्टी की मुलायम सिंह यादव सरकार के मंत्री रहे खनन घोटाले के मुखिया गायत्री प्रजापति को ED कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा attacknews.in

लखनऊ 09 फरवरी । समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहते जाली फर्म बनाकर करोड़ों रुपये के काले धन को सफेद करने और संपत्ति अर्जित करने ( money  laundering)के मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति को प्रवर्तन निदेशालय के विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा ने न्यायिक हिरासत में लेने का आज आदेश दिया ।

श्री शर्मा ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दर्ज कराए गए मामले में यह आदेश दिया है।

अदालत ने गायत्री को 10 दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिए जाने की मांग वाली प्रवर्तन निदेशालय की अर्जी पर सुनवाई के लिए कल 10 फरवरी की तारीख तय की है। इससे पहले सुनवाई के लिए गैंगरेप मामले में जेल में बंद पूर्व मंत्री को कोर्ट में पेश किया गया। इस पर कोर्ट ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश दिया। इसके बाद ईडी की ओर से प्रजापति को पूछताछ के लिए रिमांड पर दिए जाने की मांग वाली अर्जी दी गई। इसमें कहा गया कि सतकर्ता अधिष्ठान ने प्रजापति के खिलाफ पिछले साल 26 अक्टूबर को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया था।

इसके बाद ईडी ने 14 जनवरी को जांच शुरू की जिसमें पता चला कि प्रजापति ने खनन मंत्री रहते करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की और कई फर्म बनाकर निवेश किया था। इसलिए इस मामले में रिमांड पर लेकर पूछताछ किया जाना है।

गायत्री के ड्राइवर के पास दो सौ करोड़ की संपत्ति

इससे पहले लखनऊ में  30 दिसम्बर को दुष्कर्म एवं अन्य मामलों के आरोप में जेल में बंद समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके निजी चालक रामराज के अमेठी स्थित घर पर बुधवार सुबह पर्वतन निदेशालय :ईडी: ने छापेमारी की थो जिसमें ड्राइवर के पास दो सौ करोड़ की संपत्ति होने का पता चला था ।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इलाहाबाद से पहुंची ईडी की टीम ने दोनों स्थानों पर स्थानीय पुलिस टीम के साथ एक साथ छापा मारा गया था । एक टीम में करीब आधा दर्जन ईडी के अधिकारी व कर्मचारी तथा स्थानीय पुलिस बल थे। इसके अलावा लखनऊ के विभूतिखंड स्थित ओमेक्स में गायत्री के बेटे अनिल प्रजापति के आफिस में भी ईडी ने जांच की थी।

गायत्री के ठिकानो पर ईडी की छापेमारी

उत्तर प्रदेश में बहुचर्चित खनन घोटाले के आरोप में जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के ठिकानो पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने बुधवार को छापेमारी की और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किये।

प्रवर्तन निदेशालय की अलग अलग टीमों ने प्रजापति के लखनऊ स्थित आवास और कार्यालय में छापेमारी की थी।

ईडी की एक टीम ने अमेठी में पूर्व मंत्री के आवास को खंगाला जबकि कानपुर में चार्टर्ड अकाउंटेंट के दफ्तर में प्रजापति से संबधित दस्तावेजों की पड़ताल की गयी। सूत्रों के अनुसार ईडी को कई बेनामी संपत्तियों के दस्तावेजों के अलावा स्टांप पेपर और नगदी मिली है।

मध्यप्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ जब किसी IAS अफसर के मुख्य सचिव रहते उनका बेटा कलेक्टर बना,इकबाल सिंह बैस के बेटे अमनवीर सिंह बैस कलेक्टर बैतूल पदस्थ attacknews.in

मध्यप्रदेश में भाप्रसे के दो अधिकारियों की नवीन पदस्थापना

भोपाल, 9 फरवरी । मध्यप्रदेश में राज्य शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (भाप्रसे) के दो अधिकारियों की नवीन पदस्थापना की है।

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार सतना के नगर निगम आयुक्त एवं स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अमनवीर सिंह बैंस को बैतूल में कलेक्टर बनाया गया है।

इसी तरह इंदौर के अपर कलेक्टर मयंक अग्रवाल को नीमच कलेक्टर बनाया गया है।

पिता मुख्य सचिव, बेटा बना कलेक्टर:

मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के बेटे अमनवीर सिंह बैतूल के कलेक्टर, मयंक अग्रवाल को नीमच कलेक्टर बनाया।1985 में बैस बने थे आईएएस, 28 साल बाद 2013 में बेटा आईएएस बना हैं ।

राज्य सरकार ने मंगलवार को बैतूल और नीमच में कलेक्टर की पदस्थापना कर दी है। दोनों जिलों के कलेक्टर 8 फरवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर हटाए गए थे।

सोमवार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर दोनों जिलों के कलेक्टरों को हटाया गया था।

राज्य सरकार ने बैतूल और नीमच में कलेक्टर की पदस्थापना कर दी है।

नगर निगम सतना में आयुक्त अमनवीर सिंह को बैतूल का कलेक्टर बनाया गया है।

अमनवीर 2013 बैच के IAS अफसर हैं और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के बेटे हैं।

इसी तरह इंदौर में अपर कलेक्टर मयंक अग्रवाल को नीमच का कलेक्टर बनाया गया है।

सामान्य प्रशासन विभाग ने मंगलवार को आदेश जारी कर दिया है।

प्रदेश में पहली बार हुआ जब किसी IAS अफसर के मुख्य सचिव रहते उनका बेटा कलेक्टर बना है।

हालांकि पूर्व मुख्य सचिव केएस शर्मा के बेटे IPS मनीष शंकर शर्मा वर्तमान में ADG हैं। जब शर्मा प्रदेश के मुख्य सचिव थे तब मनीष शंकर 1999 से 2001 तक रायसेन और सतना SP रहे।

इकबाल सिंह बैस की पहली पोस्टिंग 21 जनवरी 1993 को सीहोर में हुई थी, वे वहां 9 अगस्त 1993 तक पदस्थ रहे थे। अब उनके बेटे को कलेक्टर का पदभार सौंपा गया है।

सोमवार को हुई कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के मैदानी अफसरों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवर देखने को मिले थे।

कॉन्फ्रेंस खत्म होने के तत्काल बाद मुख्यमंत्री ने दो कलेक्टर, दो SP और एक राज्य पुलिस सेवा की अफसर को हटाने के निर्देश दे दिए।

इसका असर यह हुआ कि CM के निर्देश मिलने के एक घंटे बाद हटाए जाने के आदेश जारी कर दिया था।

जिसके मुताबिक कलेक्टर बैतूल राकेश सिंह व नीमच जितेंद्र सिंह को मंत्रालय में उप सचिव में पदस्थ किया गया है। जबकि SP निवाड़ी वाहिनी सिंह व गुना राजेश सिंह को PHQ भोपाल में AIG बनाया गया है। इसी तरह गुना CSP नेहा पच्चीसिया को पुलिस मुख्यालय में DSP पदस्थ किया गया।

गंगा की सहायक नदियों की यात्रा:उत्तराखंड की सबसे बड़ी ग्लेशियर झील वसुधारा ताल से निकलने वाली धौली गंगा सर्पिले बहाव के कारण नंदादेवी नेशनल पार्क के बीच से होकर गुजरती है attacknews.in

नयी दिल्ली, 8 फरवरी । उत्तराखंड की संभवत: सबसे बड़ी ग्लेशियर झील वसुधारा ताल से निकलने वाली धौली गंगा अपने सर्पिले बहाव के कारण नंदादेवी नेशनल पार्क के बीच से होकर गुजरती है।

अपने सुन्दर मनोरम रास्ते और सफेद पानी में राफ्टिंग के लिए मशहूर यह नदी रविवार को उस वक्त लोगों कि लिए काल बन गई जब नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर उसमें गिरा और उससे विस्थापित पानी से नदी में अचानक बाढ़ आ गई।

धौली गंगा आगे चलकर अलकनंदा नदी में मिल जाती है। अलकनंदा पत्रिव गंगा नदी की उन सहायक नदियों में से एक है जो उसके मैदानी भाग में पहुंचने से पहले उसमें लीन हो जाती हैं। ये सहायक नदियां पांच राज्यों से गुजरने के दौरान एक दूसरे का रास्ता काटते हुए, सर्पिले बहाव और एक-दूसरे में मिलते हुए अपने रास्ते पर बढ़ती हैं।

उत्तराखंड में गंगा और उसकी सहायक नदियां ऋषिकेश, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग और कर्णप्रयाग जैसे मनोरम पर्यटन स्थलों से होकर गुजरती हैं।

रविवार को नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के कारण अचानक हुए पानी के विस्थापन से धौली गंगा में बाढ़ आ गई और इससे ऋषि गंगा और अलकनंदा भी प्रभावित हुईं।

इसने लोगों को राज्य में 2013 में केदारनाथ में बादल फटने से अचानक आयी बाढ़ की भी याद दिला दी। त्रासदी में 5,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा पानी के तेज बहाव के साथ बह गया था।

धौली गंगा रेणी में ऋषि गंगा में मिलती है जहां आज की त्रासदी में पूरी पनबिजली परियोजना बह गई है और उसमें काम करने वाले 150 लोगों के मरने की आशंका जतायी जा रही है।

रेणी से नदी ‘वी टर्न’ लेती है और फिर से धौली गंगा के नाम से 30 किलोमीटर तक उत्तर की ओर बहती है। इस दौरान वह तपोवन से गुजरते हुए जोशीमठ के निकट विष्णुप्रयाग में अलकनंदा में विलीन हो जाती है।

यहां से दोनों नदियां एक होकर अलकनंदा बन जाती हैं और दक्षिण-पश्चिम में बहते हुए चमोली, मैथाणा, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग से गुजर कर अंत में रुद्रप्रयाग में उत्तर से आ रही मंदाकिनी में मिल जाती है।

मंदाकिनी से मिलने के बाद अलकनंदा श्रीनगर से गुजरते हुए केदारनाथ के पास देवप्रयाग में गंगा में मिलती है। यहां से अलकनंदा का रास्ता समाप्त हो जाता है और वह गंगा में विलीन होकर पूरे देश में अपनी यात्रा जारी रखती है। यहां से पहले दक्षिण और पश्चिम की ओर बहते हुए वह ऋषिकेश के रास्ते अंतत: हरिद्वार में सिंधू-गांगेय मैदान में उतरती है।

यहां से दक्षिण की ओर यात्रा जारी रखते हुए गंगा बिजनौर पहुंचती हैं और वहां से अपनी बहाव पूरब की ओर करते हुए कानपुर पहुंचती हैं।

इस दौरान हिमालय से निकलने वाली यमुना, रामगंगा और घाघरा नदियां भी गंगा में मिलती हैं।

धौली गंगा, अलकनंदा की महत्वपूर्ण सहायक नदियों में से एक है। अन्य नदियां हैं नंदकिनी, पिंढर, मंदाकिनी और भागीरथी।

हिमालय से निकलने वाली नदियां पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील इलाकों से होकर गुजरती हैं। अन्य हिमालयी नदियों की तरह धौली गंगा पर भी बांध बने हुए हैं। इस नदी पर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में 280मेगावाट की पनबिजली परियोजना लगी हुई है।

उत्तराखंड में आईं प्राकृतिक आपदाएं

उत्तराखंड में पिछले तीन दशक में आईं प्राकृतिक आपदाएं इस प्रकार हैं:

वर्ष 1991 उत्तरकाशी भूकंप: अविभाजित उत्तर प्रदेश में अक्टूबर 1991 में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया। इस आपदा में कम से कम 768 लोगों की मौत हुई और हजारों घर तबाह हो गए।

वर्ष 1998 माल्पा भूस्खलन: पिथौरागढ़ जिले का छोटा सा गांव माल्पा भूस्खलन के चलते बर्बाद हुआ। इस हादसे में 55 कैलाश मानसरोवर श्रद्धालुओं समेत करीब 255 लोगों की मोत हुई। भूस्खलन से गिरे मलबे के चलते शारदा नदी बाधित हो गई थी।

वर्ष 1999 चमोली भूकंप: चमोली जिले में आए 6.8 तीव्रता के भूकंप ने 100 से अधिक लोगों की जान ले ली। पड़ोसी जिले रुद्रप्रयाग में भारी नुकसान हुआ था। भूकंप के चलते सड़कों एवं जमीन में दरारें आ गई थीं।

वर्ष 2013 उत्तर भारत बाढ़: जून में एक ही दिन में बादल फटने की कई घटनाओं के चलते भारी बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुईं थीं। राज्य सरकार के आंकलन के मुताबिक, माना जाता है कि 5,700 से अधिक लोग इस आपदा में जान गंवा बैठे थे। सड़कों एवं पुलों के ध्वस्त हो जाने के कारण चार धाम को जाने वाली घाटियों में तीन लाख से अधिक लोग फंस गए थे।

पेशावर में दिलीप कुमार, राज कपूर के पुश्तैनी मकानों के मालिकों का सरकारी मूल्य पर घर बेचने से इनकार, दिलीप कुमार के मकान के 25 करोड़ और राज कपूर के मकान के 200 करोड़ ₹ मांगें attacknews.in

पेशावर, आठ फरवरी (एपी) बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार और राज कपूर के पाकिस्तान स्थित पुश्तैनी घरों के मालिकों तथा खैबर पख्तूनख्वा सरकार के बीच इन दोनों ऐतिहासिक संपत्तियों को संग्रहालय में बदलने के वास्ते खरीद के लिए तय दर को लेकर आपसी सहमति कायम नहीं हो पा रही है।

दिलीप कुमार के पेशावर स्थित प्रवक्ता फैजल फारूकी ने यहां रविवार को मीडिया कर्मियों को बताया कि ‘पेशावर कुमार के दिल में बसता है’ और वह मोहल्ला खुदादाद स्थित अपने घर के बारे में मधुर स्मृतियों को लेकर हमेशा बात करते रहते हैं।

दिलीप कुमार का जन्म 1922 में पेशावर में हुआ था और वह 1935 में भारत आ गए थे।

फारूकी ने कहा कि कुमार और कपूर के परिजन और प्रशंसक उनके पुश्तैनी घरों को संग्रहालय में बदलने को लेकर काफी उत्साहित हैं।

उन्होंने कहा कि इससे न केवल पेशावर का महत्व बढ़ेगा बल्कि पाकिस्तान के पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।

इस महीने प्रांतीय सरकार ने पेशावर में स्थित दोनों घरों को खरीदने के लिए 2.35 करोड़ रुपये जारी करने को मंजूरी दी थी।

दिलीप कुमार के चार मारला (101 वर्ग मीटर) के घर की कीमत 80.56 लाख रुपये तय की गई है और राज कपूर के छह मारला (151.75 वर्ग मीटर) के पुश्तैनी घर का मूल्य डेढ़ करोड़ निर्धारित किया गया है।

दोनों घरों को खरीदने के बाद प्रांतीय पुरातत्व विभाग उन्हें संग्रहालय में बदल देगा।

हालांकि, दोनों संपत्तियों के मालिकों ने सरकार द्वारा तय कीमत पर इन्हें बेचने से यह कहते हुए मना कर दिया कि उक्त मकान बहुत अच्छी जगह पर हैं और उनका वास्तविक मूल्य तय कीमत से कहीं अधिक है।

दिलीप कुमार के पुश्तैनी मकान के मालिक ने 25 करोड़ रूपये मांगे हैं वहीं राज कपूर के पुश्तैनी मकान के मालिक ने 200 करोड़ रूपये की मांग की है।

दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड को छोड़कर देशभर में करेंगे किसान चक्का जाम;कांग्रेस करेगी समर्थन;जयंत चौधरी ने सरकार को किसान आंदोलन को लेकर दी चेतावनी attacknews.in

नईदिल्ली/ सोनीपत 05 फरवरी । किसान संयुक्त मोर्चा ने छह फरवरी को दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर देशभर में दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 3 बजे तक चक्का जाम करने का एलान किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डा. दर्शनपाल ने शुक्रवार की शाम कुंडली बॉर्डर पर आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि किसानों ने शनिवार के चक्का जाम की पूरी तैयारी कर ली गई है। इसके लिए सबसे जरूरी निर्देश शांति व्यवस्था को लेकर दिया गया है। युवाओं से विशेष रूप से लोगों के बहकावे व उकसावे में नहीं आने और शांति की अपील की गई है।

उन्होंने कहा कि केवल दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक का चक्का जाम रहेगा। तीन बजे प्रदर्शन में भाग लेने वाले सभी लोग एक मिनट के लिए अपने वाहनों का हार्न बजाकर सरकार को जगाने का काम करेंगे। स्कूल बस, एंबुलेंस और बीमार लोगों को चक्का जाम में किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए भी विशेष तौर पर निर्देशित किया गया।

किसान संगठनों के चक्का जाम का समर्थन करेगी कांग्रेस

कांग्रेस ने किसान संगठनों के शनिवार को आयोजित चक्का जाम का समर्थन करते हुए कहा है कि पार्टी कार्यकर्ता चक्काजाम के दौरान पार्टी कार्यकर्ता किसानों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर काम करेंगे और सरकार से कृषि संबंधी तीनों कानून वापस लेने की मांग करेंगे।

कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को यहां जारी एक वक्तव्य में कहा कि पार्टी किसान संगठनों के कल छह फरवरी को राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर दोपहर 12 से तीन बजे तक तीन घंटे के घोषित देशव्यापी चक्का जाम का समर्थन करेगी। पार्टी कार्यकर्ता किसानों के साथ अपनी प्रतिबद्धता निभाते हुए उन्हें अपना पूरा सहयोग देंगे।

रालोद उपाध्यक्ष ने सरकार को किसान आंदोलन को लेकर दी चेतावनी

शामली से खबर है कि, राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी आज यहां हुई महापंचायत में केंद्र सरकार पर किसान आंदोलन को लेकर जम कर बरसे और भड़काने वाली बात में कहा कि किसानों पर अगर ऊंगली उठी तो उसे तोड़ दिया जायेगा ।

किसान आंदोलन के बहाने अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे जयंत चौधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में हजारों की संख्या में किसान आंदोलन कर रहे हैं। इन किसानों के समर्थन में कई राजनीतिक दल भी उतर आए हैं। राजनीतिक दल सरकार पर कृषि कानूनों को वापस लेने का लगातार दबाव भी बना रहे हैं। सभी विपक्षी राजनीतिक दलों ने किसानों के दर्द को समझा है, इसलिए वे उनका भी आभार जताते है।

स्यालका ने टिकैत से की मुलाकात

अमृतसर, से खबर है कि, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के महासचिव एडवोकेट भगवंत सिंह स्यालका ने शुक्रवार को दिल्ली के गाज़ीपुर वार्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात कर किसान आंदोलन पर विचार-विमर्श किया।

श्री स्यालका ने दिल्ली की सीमा पर संघर्ष कर रहे किसानों के लिए एसजीपीसी की ओर से जारी सेवाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने गाजीपुर बार्डर में किसान संघर्ष में जुटे किसानों की हौसला अफजायी करते हुए समिति की तरफ से हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया।

किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्‍टर रैलियां

जयपुर, से खबर है कि , राष्‍ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी आरएलपी ने देशभर में चल रहे काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के समर्थन में जिला मुख्‍यालयों पर ट्रैक्टर रैलियां निकालीं।

पार्टी के प्रवक्‍ता ने बताया, ‘ जिला मुख्‍यालयों पर ट्रैक्‍टर रैली निकाली गयीं। जयपुर में इस तरह की रैली में लगभग 200 ट्रैक्टर शामिल हुए। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इन रैलियों में शामिल हुए।‘

पार्टी की ओर से केंद्रीय कृषि कानूनों के संबंध में अपनी मांग को लेकर नेताओं ने अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपे ।

पार्टी की ओर से अलवर के शाहजहांपुर में 26 दिसंबर से धरना दिया जा रहा है। पार्टी केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रही है।

हरियाणा में सोनीपत और झज्जर जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी बढ़ी

इधर हरियाणा सरकार ने सोनीपत और झज्जर जिलों में वॉयस कॉल को छोड़ इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर पाबंदी की अवधि छह फरवरी सायं पांच बजे तक के लिए बढ़ा दी है।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुये बताया कि राज्य सरकार ने सभी दूरसंचार कम्पनियों का इस आदेश का पालन करने के निर्देश दिये हैं। ये आदेश क्षेत्र में शांति बनाए रखने और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए जारी किए गए हैं। इनका उल्लंघन करने पर कार्रवाई भी चेतावनी भी जारी की गई है। राज्य सरकार ने एसएमएस, व्हाट्सएप, फेसबुक ट्विटर आदि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से दुष्प्रचार और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया है।

तीर्थराज प्रयाग में दुनिया के सबसे बडे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक माघ मेला में विभिन्न संस्कृति और भाषाओं के संगम के साथ कई परम्पराओं का भी एक साथ आदान प्रदान होता है attacknews.in

प्रयागराज, 01 फरवरी । तीर्थराज प्रयाग में दुनिया के सबसे बडे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक माघ मेला में विभिन्न संस्कृति और भाषाओं के संगम के साथ कई परम्पराओं का भी एक साथ आदान प्रदान होता है।

त्रिवेणी के विस्तीर्ण रेती पर अलग-अलग भाषा, संस्कृति, परंपरा और पहनावे को एक साथ देखा और महसूस किया जा सकता है। यहां किसी को आने का आमंत्रण व निमंत्रण नहीं दिया जाता बावजूद इसके सब नियत तिथि पर पहुंच कर एक माह का पौष पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्रद्धा की डुबकी के साथ ही संयम, अहिंसा, श्रद्धा एवं कायाशोधन के लिए श्कल्पवास करते हैं।

भारत की राष्ट्रीयता का आधार वसुधैव कुटुंबकम का चिंतन रहा है। संगम तट पर विभिन्न संस्कृतियों, भाषा और परंपरा को मिलते देख “लघु भारत” के दर्शन का बोध होता है। प्रयाग प्रजापति का क्षेत्र है जहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन होता हैं।

मत्स्यपुराण में लिखा है कि साठ सहस्त्र वीर गंगा की और स्वयं भगवान भास्कर जमुना की रक्षा करते हैं। यहाँ जो वट है उसकी रक्षा स्वयं शूलपाणि करते हैं। पाँच कुंड हैं जिनमें से होकर जाह्नवी बहती है। माघ महीने में यहाँ सब तीर्थ आकर वास करते हैं। इससे यह महीने पुण्य का फलदायी बताया गया है।

माघ मेला में लोगों की सेवा कर रहे फतेहपुर के भूमा निकेतन आश्रम के करीब 70 वर्षीय बाबा शिव प्रसाद अवस्थी उर्फ पेड़ा बाबा ने बताया कि भारत ने सदैव समूचे विश्व को एक परिवार के रूप में देखा है। भारत सभी के सुख और निरामयता की कामना करता रहा। यहां की यह पहचान मानव समूहों के संगम, उनके सम्मिलन और सहअस्तित्व की लंबी प्रक्रिया से निकल कर बनी है। हम सहिष्णुता से शक्ति पाते हैं बहुलता का स्वागत करते हैं और विविधता का गुणगान करते हैं। यह शताब्दियों से हमारे सामूहिक चित्त और मानस का अविभाज्य हिस्सा है। यही हमारी राष्ट्रीय पहचान है।

गृहस्थ संत चमक दूमक से दूर कड़ाके की ठंड में भी सदैव नंगे पैर रहने वाले बाबा अवस्थी ने बताया कि वह पिछले करीब 40 साल से हर साल माघ मेला आकर अस्थायी आश्रम में गृहस्थ, साधु और संतों समेत वहां पहुंचने वाले किसी भी सम्प्रदाय के लोगों की सेवा नि:स्वार्थ रूप से करते हैं। उन्हें वैराग्य करीब 30 वर्ष की आयु से हो गया । उसके बाद उन्होंने भौतिक सुखों का परित्याग कर दिया।

उन्होंने बताया कि जिस प्रकार “दीपक स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है उसी तरह अपने को तपाकर दूसरों के लिए जीना ही सच्चे मानवधर्म का कर्तव्य है। इसी को अपना लक्ष्य मानकर दूसरो की पीड़ा से विह्वल बाबा ने बताया कि दूसरों की सेवा कर उन्हें आत्मिक संतोष मिलता है।

बाबा अवस्थी ने बताया कि संगम तट पर तंबुओं की अस्थायी आध्यात्मिक नगरी में दान-दया और परोपकार सहयोग के आधार पर विकसित हुयी मानवता का संगम प्रत्यक्ष देखने को मिलता है। यहां तीर्थयात्री को पवित्रता, मांगलिकता और अमरत्व के भाव से स्नान करने का एक अवसर प्राप्त होता है। प्रयागराज ही वह एक पवित्र स्थली हैं जहां पतित पावनी गंगाए श्यामल यमुना और अन्त: सलिला स्वरूपा में प्रवाहित सरस्वती का मिलन होता है। माघ मेला का आध्यात्मिक, बौद्धिक, पौराणिक और वैज्ञानिक आधार भी है। एक प्रकार से माघ स्नान ज्ञान का अनूठा संगम सामने लाता है।

बाबा अवस्थी ने बताया कि माघ मेला देश की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विविधताओं को पल्लवित करने के साथ सामाजिक समरसता, एकता और सद्भाव बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है। दूर दराज से संगम आने वाले श्रद्धालुओं और कल्पवासियों की संस्कृति, भाषा, पहनावा भले ही भिन्न हो लेकिन उनकी मंशा एक ही होती है। वह भले ही एक दूसरे की भाषा नहीं समझते लेकिन उनकी भाव-भंगिमा एक दूसरे से मितव्यता पूर्वक जोड़ती है। किसी के मन में एक दूसरे के प्रति राग और द्वेष नहीं रहता। एक दूसरे की भाषा नहीं समझते हुए भी किसी भी चीज का प्रेम पूर्वक सुगमता से आदान प्रदान करते हैं।

गृहस्थ संत ने बताया कि बारह महीने में से एक महीना अपने स्थान का त्यागकर प्रयाग में आकर रहने से वैराग्य पैदा होता है। यहां पर दान,ध्यान और अन्य धार्मिक कार्यों के करने से एक प्रकार से पुर्नजन्म होता है। क्योंकि परिवार और भौतिक सुखों का प्ररित्याग कर संगम तट पर एक माह का कल्पवास एक कठिन साधाना है। प्रयाग संगम में राजा-रंक, स्वस्थ्य-अस्वस्थ्य, पंगु और कोढ़ी, हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई आदि सभी श्रद्धा से ओतप्रोत हो आस्था की डुबकी लगाते हैं।

उन्होंने बताया कि उनके आश्रम के शिविर मे विभिन्न सम्प्रदायों के 50 श्रद्धालु रहते हैं।

पकर संक्रांति के पहले स्नान पर्व 14 जनवरी को उनके आश्रम में बांदा जिले के परसौदा गांव निवासी बसीर नामक श्रद्धालु त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाया और गाांव वापस लौट गया। यहां किसी को कोई असहजता महसूस नहीं होती। डुबकी लगाते समय श्रद्धालु एक दूसरे को न/न जानते हुए भी सहायक बनते हैं। बाबा अवस्थी ने बताया कि माघ मेले का रंग ही ऐसा आध्यात्मिकता से ओतप्रोत होता है जिसमें लोग रच और बस जाना चाहते हैं। यह मेला श्रद्धालुओं को एक निश्चित तिथि पर अपनी तरफ बिना आमंत्रण और निमंत्रण के अपनी ओर आकर्षित करता हैं। यहां आने वाले लोगों को पूरे भारत की विविधता एक स्थान पर सिमटी मिल जाती है और जो लोग आध्यात्मिक पर्यटन पर आते हैं उनके लिए इससे भव्य कोई आयोजन दूसरा नहीं हो सकता।

पुराणों के अनुसार माघ माह में समस्त तीर्थ प्रयाग में एकत्र होते हैं इसीलिए इसे प्रयागराज कहते हैं। महाकवि गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीराचरितमानस में प्रयागराज की महत्ता का वर्णन बहुत रोचक तरीके से इस प्रकार किया है-

“माघ मकर गति रवि जब होई, तीरथपतिहिं आव सब कोई। देव दनुज किन्नर नर श्रेनी सादर मज्जंहि सकल त्रिवेनी।”

इसी भावना के अनुरूप तीर्थराज प्रयाग का माघ मेला, देश और दुनिया के विभिन्न संस्कृति और भाषाओं वाले करोड़ों श्रद्धालुओं का संगम बनता है। यह मेला शांति सामंजस्य और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है।

प्रयाग में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ शुरू होने वाले एक मास के कल्पवास से एक कल्प ब्रह्मा का एक दिन का पुण्य मिलता है। आदिकाल से चली आ रही इस परंपरा के महत्व की चर्चा वेदों से लेकर महाभारत और रामचरितमानस में अलग-अलग नामों से मिलती है। आज भी कल्पवास नई और पुरानी पीढ़ी के लिए आध्यात्म की राह का एक पड़ाव हैए जिसके जरिए स्वनियंत्रण और आत्मशुद्धि का प्रयास किया जाता है। बदलते समय के अनुरूप कल्पवास करने वालों के तौर.तरीके में कुछ बदलाव जरूर आए हैं लेकिन कल्पवास करने वालों की संख्या में कमी नहीं आई।

उन्होंने बताया कि जिस प्रकार सनातन धर्म को अनादि कहा जाता है उसी प्रकार प्रयाग की महिमा का कोई आदि और अंत नहीं है। ब्रह्मपुराण के अनुसार तीर्थराज प्रयाग सभी तीर्थों में श्रेष्ठ और इसे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रदाता कहा गया है। पद्मपुराण में कहा गया है कि यह यज्ञ भूमि है। देवताओं द्वारा सम्मानित इस भूमि में थोड़ा भी किया गया दान का फल अनंत काल तक रहता है।

केंद्रीय बजट में रेलवे के लिए रिकॉर्ड 1.10 लाख करोड़ ₹ की घोषणा;भारतीय रेलवे ने भारत-2030 के लिए एक राष्ट्रीय रेल योजना तैयार की attacknews.in

नयी दिल्ली, एक फरवरी । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को रेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि की घोषणा की, जिसमें से 1.07 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे मालगाड़ियों के अलग गलियारों के चालू होने के बाद उनका मौद्रिकरण करेगी।

सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान देशभर में आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए रेलवे द्वारा दी गई सेवाओं की सराहना की।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि की घोषणा कर रही हूं, जिसमें से 1,07,100 करोड़ रुपये केवल पूंजीगत व्यय के लिए हैं।’’

सीतारमण ने कहा, ‘‘भारतीय रेलवे ने भारत-2030 के लिए एक राष्ट्रीय रेल योजना तैयार की है। इस योजना का मकसद 2030 तक रेलवे प्रणाली को भविष्य के लिए तैयार करना है, ताकि उद्योग के लिए लॉजिस्टिक लागत को कम किया जा सके और मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिले।’’

उन्होंने उम्मीद जताई कि पूर्वी और पश्चिमी माल गलियारों (ईडीएफसी और डब्ल्यूडीएफसी) जून, 2022 तक चालू हो जाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा भी कुछ पहल प्रस्तावित हैं। ईडीएफसी पर 263 किलोमीटर के सोननगर-गोमो खंड को इस साल सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) में लिया जाएगा। साथ ही 274.3 किलोमीटर के गोमो-दनकुनी खंड को भी इसमें शामिल किया जाएगा।’’

वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे भविष्य की मालभाड़ा गलियारा परियोजनाओं – खड़गपुर से विजयवाड़ा के लिए पूर्वी तट गलियारा, भुसावल से खड़गपुर के लिए पूर्व-पश्चिम गलियारा और इटारसी से विजयवाड़ा तक उत्तर-दक्षिण गलियारा पर काम आगे बढ़ाएगी।

सीतारमण ने कहा कि पहले चरण के तहत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जाएगी।

उन्होंने यात्री सुविधा और सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि रेलवे यात्रियों के बेहतर यात्रा अनुभव के लिए बेहतर ढंग से डिजाइन किए गए विस्टाडोम एलएचबी कोच लगाएगा।