मध्यप्रदेश में सोशल मीडिया की अफवाहों ने लगा दिया था 15 दिन का लॉकडाउन, शिवराज सिंह चौहान को संभालना पड़ा मोर्चा और Lockdown लागू करने संबंधी खबर का खंडन किया सरकार ने attacknews.in

भोपाल, 15 जुलाई । मध्यप्रदेश में कल से लॉकडाउन लागू करने संबंधी सोशल मीडिया में चल रही खबर को आज राज्य सरकार ने पूरी तरह निराधार बताया है।

उच्च पदस्थ सूत्रों ने यहां बताया कि प्रदेश में लॉकडाउन को लेकर शासन द्वारा फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सोशल मीडिया में प्रदेश में कल से लॉकडाउन लागू होने संबंधी खबर पूरी तरह निराधार है।

दरअसल मध्यप्रदेश में पिछले पंद्रह दिनों के दौरान कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। कल रात स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार 798 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या 19905 हो गयी है। इनमें से 673 लोगों की मौत हुयी है और 13575 मरीज संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। अब राज्य में एक्टिव केस 4757 हैं। हालाकि पंद्रह दिन पहले एक्टिव केस 2500 से कुछ अधिक थे। एक्टिव केस की संख्या बढ़ना ही सबके लिए चिंता की खबर है, हालाकि मरीजों के ठीक होने की दर भी 70 प्रतिशत से अधिक है।

वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं प्रतिदिन कोरोना मामलों की समीक्षा कर रहे हैं और वे इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से जानकारी हासिल कर आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं। इसके अलावा जिला और तहसील स्तर पर भी आपदा प्रबंधन समूह बने हुए हैं, जिनमें संबंधित प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल हैं। वे स्थानीय स्थितियों की बारीकी से समीक्षा करने के बाद प्रतिबंध लगाने के संबंध में निर्णय ले रहे हैं।

इन दिनों ग्वालियर और मुरैना जिलों में कोरोना के मामले तेजी से प्रकाश में आने के कारण वहां ज्यादा सख्ती बरती जा रही है। इंदौर और भोपाल तथा इन जैसे कुछ अन्य जिलों में भी स्थिति पर सरकार लगातार निगाह रखे हुए है।

मध्यप्रदेश में लॉकडाउन लागू करने संबंधी खबर निराधार-शिवराज

इसी बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में लॉकडाउन लागू करने संबंधी सोशल मीडिया में चल रही खबर को निराधार बताया ।

श्री चौहान ने ट्वीट कर लिखा है ‘विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों में खबर चल रही है कि मध्यप्रदेश में कल से लॉकडाउन लगाया जा रहा है। यह खबर पूर्णतः निराधार है। राज्य में लॉकडाउन को लेकर मध्यप्रदेश शासन द्वारा ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है ’।

भोपाल का हवसी-बलात्कारी पत्रकार प्यारे मियां उर्फ़ अब्बा की गिरफ्तारी के बाद अब कई नामचीन और रसूखदार राजनीति के चेहरे होंगे कटघरे के अंदर attacknews.in

भोपाल, 15 जुलाई । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चार नाबालिग लड़कियों सहित पांच लड़कियों का कथित तौर पर यौन शोषण करने के मामले में मुख्य आरोपी 68 वर्षीय पत्रकार प्यारे मियां उर्फ अब्बा को गिरफ्तार कर लिया गया है।

इसी के साथ इस मामले में दो महिलाओं सहित पांच लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है।

भोपाल दक्षिण पुलिस अधीक्षक साई कृष्णा थोटा ने बुधवार को बताया, ‘‘प्यारे मियां को जम्मू कश्मीर के श्रीनगर से गिरफ्तार कर लिया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कल रात हमें प्यारे मियां के श्रीनगर में फरारी काटने की सूचना प्राप्त हुई थी। इस सूचना के आधार पर श्रीनगर पुलिस के सहयोग से फरार अभियुक्त प्यारे मियां को कल रात हिरासत में लिया जा चुका है।’’

थोटा ने बताया, ‘‘भोपाल पुलिस की टीम श्रीनगर पहुंच चुकी है तथा आगामी वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। अब उसे वहां से भोपाल लाने की प्रक्रिया जारी है।’’

उन्होंने कहा कि प्यारे मियां, जो कि एक स्थानीय अखबार का मालिक है, 11-12 जुलाई की रात को हुई इस घटना के बाद से फरार था।

उप पुलिस अधीक्षक (अपराधा शाखा) हिमानी सोनी ने बताया कि इस मामले में दो महिलाओं सहित चार अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिनमें महिला दलाल स्वीटी विश्वकर्मा (21), उवैस, अनस एवं राबिया बी शामिल हैं। उवैस एवं अनस प्यारे मियां के रिश्तेदार हैं।

उन्होंने कहा कि प्यारे मियां की गिरफ्तारी/सूचना हेतु अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भोपाल जोन, भोपाल उपेन्द्र जैन द्वारा 30,000 रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी।

वहीं, पुलिस सूत्रों के अनुसार उसके अवैध रूप से शहर में कब्जा किये गये शादी हॉल एवं कुछ मकानों को पिछले दो दिनों में ढहा दिया गया है और बाकी मकानों को ढ़हाने की प्रक्रिया जारी है।

मध्य प्रदेश की भोपाल पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार प्यारे मियां एवं अन्य लोगों के खिलाफ चार नाबालिग सहित पांच लड़कियों के साथ बलात्कार करने के मामले में शहर के थाना शाहपुरा में भादंवि की धारा 376, 376 (2 एन), 365 (ए), 120-बी एवं पॉक्सो अधिनियम के तहत 12 जुलाई को मामला दर्ज किया गया है।

इसके अनुसार इस मामले की जांच हेतु भोपाल पुलिस महानिरीक्षक इरशाद वली द्वारा एसआईटी का गठन किया गया है। यह एसआईटी भोपाल दक्षिण पुलिस अधीक्षक साई कृष्णा थोटा के नेतृत्व में होगी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा के पर्यवेक्षण में उप पुलिस अधीक्षक हिमानी सोनी को मुख्य विवेचक नियुक्त किया गया है। इनके अलावा, इस एसआईटी में नगर पुलिस अधीक्षक टी टी नगर उमेश तिवारी, थाना प्रभारी महिला थाना सहित पांच अन्य थानों शाहपुरा, टीटीनगर, रातीबड़, कोहेफिजा एवं श्यामला हिल्स के थाना प्रभारियों को भी सम्मिलित किया गया है।

पुलिस अधीक्षक थोटा ने बताया, ‘‘हमने प्यारे मियां के भोपाल एवं इंदौर स्थित चार मकानों एवं फ्लैटों में पिछले दो दिनों में छापा मारकर डीवीडी, सीडी प्लेयर, पेन ड्राइव एवं हार्ड डिस्कों में स्टोर की गई बड़ी तादात में अश्लील सामग्री जब्त की है। इसमें से कुछ चाइल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री भी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, इस छापेमारी में उसके इन घरों से बारहसिंगे के सींग, वन्य प्राणियों की हड्डियां और बड़ी तादात में शराब की बोतलें भी बरामद हुई हैं।’’

उन्होंने कहा कि उसकी दो कारों को भी जब्त किया गया है। इन कारों को पीड़ित लड़कियों को फ्लैटों में आने-जाने के लिए वह उपयोग किया करता था।

थोटा ने बताया, ‘‘एक अन्य लड़की ने भी प्यारे मियां के खिलाफ शहर के कोहिफिजा पुलिस थाने में मंगलवार को मामला दर्ज कराया है। इस प्रकार उसके खिलाफ अब तक पांच नाबालिगों सहित छह लड़कियों ने बलात्कार का मामला दर्ज किया है।’’

उन्होंने कहा कि प्यारे मियां के खिलाफ बलात्कार एवं पॉक्सो अधिनियम के अलावा अब आबकारी अधिनियम एवं वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत भी मामला दर्ज कर लिया गया है। इसके अलावा, उसके खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) अधिनियम के तहत भी मामला बढ़ाया गया है, क्योंकि दो पीड़ित लड़कियां इस समुदाय की हैं।

थोटा ने बताया, ‘‘मामले की विस्तृत जांच जारी है।’’ उन्होंने कहा कि उसने भोपाल स्थित एक फ्लैट में डांस बार भी बना रखा था।

जब उनसे सवाल किया गया कि क्या प्यारे मियां ने फरार होने से पहले इस मामले को रफा दफा करने के लिए पुलिस को एक करोड़ रुपये देने की पेशकश भी की थी, जैसा कि मीडिया में दावा किया जा रहा है, तो इस पर थोटा ने कहा, ‘‘यह सब अनुमान है। हकीकत में ऐसा नहीं हुआ है।’’

भोपाल का हवसी-बलात्कारी पत्रकार प्यारे मियां उर्फ़ अब्बा की गिरफ्तारी के बाद अब कई नामचीन और रसूखदार राजनीति के चेहरे होंगे कटघरे के अंदर attacknews.in

भोपाल, 15 जुलाई । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चार नाबालिग लड़कियों सहित पांच लड़कियों का कथित तौर पर यौन शोषण करने के मामले में मुख्य आरोपी 68 वर्षीय पत्रकार प्यारे मियां उर्फ अब्बा को गिरफ्तार कर लिया गया है।

इसी के साथ इस मामले में दो महिलाओं सहित पांच लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है।

भोपाल दक्षिण पुलिस अधीक्षक साई कृष्णा थोटा ने बुधवार को बताया, ‘‘प्यारे मियां को जम्मू कश्मीर के श्रीनगर से गिरफ्तार कर लिया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कल रात हमें प्यारे मियां के श्रीनगर में फरारी काटने की सूचना प्राप्त हुई थी। इस सूचना के आधार पर श्रीनगर पुलिस के सहयोग से फरार अभियुक्त प्यारे मियां को कल रात हिरासत में लिया जा चुका है।’’

थोटा ने बताया, ‘‘भोपाल पुलिस की टीम श्रीनगर पहुंच चुकी है तथा आगामी वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। अब उसे वहां से भोपाल लाने की प्रक्रिया जारी है।’’

उन्होंने कहा कि प्यारे मियां, जो कि एक स्थानीय अखबार का मालिक है, 11-12 जुलाई की रात को हुई इस घटना के बाद से फरार था।

उप पुलिस अधीक्षक (अपराधा शाखा) हिमानी सोनी ने बताया कि इस मामले में दो महिलाओं सहित चार अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिनमें महिला दलाल स्वीटी विश्वकर्मा (21), उवैस, अनस एवं राबिया बी शामिल हैं। उवैस एवं अनस प्यारे मियां के रिश्तेदार हैं।

उन्होंने कहा कि प्यारे मियां की गिरफ्तारी/सूचना हेतु अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भोपाल जोन, भोपाल उपेन्द्र जैन द्वारा 30,000 रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी।

वहीं, पुलिस सूत्रों के अनुसार उसके अवैध रूप से शहर में कब्जा किये गये शादी हॉल एवं कुछ मकानों को पिछले दो दिनों में ढहा दिया गया है और बाकी मकानों को ढ़हाने की प्रक्रिया जारी है।

मध्य प्रदेश की भोपाल पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार प्यारे मियां एवं अन्य लोगों के खिलाफ चार नाबालिग सहित पांच लड़कियों के साथ बलात्कार करने के मामले में शहर के थाना शाहपुरा में भादंवि की धारा 376, 376 (2 एन), 365 (ए), 120-बी एवं पॉक्सो अधिनियम के तहत 12 जुलाई को मामला दर्ज किया गया है।

इसके अनुसार इस मामले की जांच हेतु भोपाल पुलिस महानिरीक्षक इरशाद वली द्वारा एसआईटी का गठन किया गया है। यह एसआईटी भोपाल दक्षिण पुलिस अधीक्षक साई कृष्णा थोटा के नेतृत्व में होगी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा के पर्यवेक्षण में उप पुलिस अधीक्षक हिमानी सोनी को मुख्य विवेचक नियुक्त किया गया है। इनके अलावा, इस एसआईटी में नगर पुलिस अधीक्षक टी टी नगर उमेश तिवारी, थाना प्रभारी महिला थाना सहित पांच अन्य थानों शाहपुरा, टीटीनगर, रातीबड़, कोहेफिजा एवं श्यामला हिल्स के थाना प्रभारियों को भी सम्मिलित किया गया है।

पुलिस अधीक्षक थोटा ने बताया, ‘‘हमने प्यारे मियां के भोपाल एवं इंदौर स्थित चार मकानों एवं फ्लैटों में पिछले दो दिनों में छापा मारकर डीवीडी, सीडी प्लेयर, पेन ड्राइव एवं हार्ड डिस्कों में स्टोर की गई बड़ी तादात में अश्लील सामग्री जब्त की है। इसमें से कुछ चाइल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री भी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, इस छापेमारी में उसके इन घरों से बारहसिंगे के सींग, वन्य प्राणियों की हड्डियां और बड़ी तादात में शराब की बोतलें भी बरामद हुई हैं।’’

उन्होंने कहा कि उसकी दो कारों को भी जब्त किया गया है। इन कारों को पीड़ित लड़कियों को फ्लैटों में आने-जाने के लिए वह उपयोग किया करता था।

थोटा ने बताया, ‘‘एक अन्य लड़की ने भी प्यारे मियां के खिलाफ शहर के कोहिफिजा पुलिस थाने में मंगलवार को मामला दर्ज कराया है। इस प्रकार उसके खिलाफ अब तक पांच नाबालिगों सहित छह लड़कियों ने बलात्कार का मामला दर्ज किया है।’’

उन्होंने कहा कि प्यारे मियां के खिलाफ बलात्कार एवं पॉक्सो अधिनियम के अलावा अब आबकारी अधिनियम एवं वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत भी मामला दर्ज कर लिया गया है। इसके अलावा, उसके खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) अधिनियम के तहत भी मामला बढ़ाया गया है, क्योंकि दो पीड़ित लड़कियां इस समुदाय की हैं।

थोटा ने बताया, ‘‘मामले की विस्तृत जांच जारी है।’’ उन्होंने कहा कि उसने भोपाल स्थित एक फ्लैट में डांस बार भी बना रखा था।

जब उनसे सवाल किया गया कि क्या प्यारे मियां ने फरार होने से पहले इस मामले को रफा दफा करने के लिए पुलिस को एक करोड़ रुपये देने की पेशकश भी की थी, जैसा कि मीडिया में दावा किया जा रहा है, तो इस पर थोटा ने कहा, ‘‘यह सब अनुमान है। हकीकत में ऐसा नहीं हुआ है।’’

मध्यप्रदेश 575 नए मामले के साथ कोरोना संक्रमितों की संख्या 18,201 हुई ,इंदौर और भोपाल में तेजी से बढ़ता जा रहा है संक्रमण attacknews.in

भोपाल, 13 जुलाई । कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच मध्यप्रदेश के बीते 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक 575 नए मामले सामने आए, तो वहीं 332 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं।

राज्य स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा आज रात जारी बुलेटिन के अनुसार प्रदेश भर में 575 नए मामले आने के साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर अब 18201 तक पहुंच गयी, तो वहीं 332 मरीजों के स्वस्थ हो जाने के बाद अब तक इस बीमारी से 13208 मरीज ठीक हो गए है। वर्तमान में 4336 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों चल रहा है। प्रदेश में पिछले कुछ तीनों में मरीजाें की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है।

92 नये मामले आने से इंदौर में 5352 कोरोना संक्रमित

मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में ‘कोविड 19’ के 92 नये मामले आने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 5352 तक जा पहुंची है। इनमें से 4017 संक्रमित रोगी स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ प्रवीण जड़िया ने कल रात बुलेटिन जारी कर बताया कि जाँचे गये 1946 सैंपलों में 92 संक्रमित पाये गये हैं। जबकि 2725 सैम्पल जांच के लिये प्राप्त हुये हैं। डॉ जड़िया ने बताया कि अब तक कुल 104111 (एक लाख 4 हजार 111) जांच रिपोर्ट प्राप्त हुयी हैं। जिसमें कुल संक्रमितों की संख्या 5352 है।

इस महामारी के चलते जिले में अब तक 269 लोगों की जान जा चुकी है। कल चार लोगों की मौत दर्ज की गई।

वहीं राहत की खबर है कि अब तक 4017 संक्रमितों को स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है, जिसके बाद अस्पताल में उपचारत रोगियों की संख्या 1066 है। अब तक संस्थागत क्वारेंटाइन केंद्रों से 4792 संदेहियों को स्वस्थ होने पर छुट्टी दी जा चुकी है।

नरसिंहपुर में तीन कोरोना संक्रमित मरीज मिले

नरसिंहपुर जिले में तीन कोरोना संक्रमित मरीज पाए गये।

आधिकारिक जनाकारी के अनुसार जिला मुख्यालय में राजस्थान से आए तीन सदस्य कोरोना पाॅजीटिव पाए जाने से उस इलाके को कंटेन्मेंट एरिया बना दिया गया है। बाहर से आये छह लोगों के सेपिंल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। इनमें से तीन लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गये।

नीमच में मिला एक और कोरोना मरीज

नीमच जिले में एक कोरोना संक्रमित मरीज मिला है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार कल देर रात आयी जांच रिपोर्ट में एक व्यक्ति कोरोना से संक्रमित पाया गया। इस मरीज को मिला कर नीमच जिले में कोरोना पाजीटिव की संख्या 503 हो गई है। इनमें से 448 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके है। जबकि 45 लोगों का इलाज अभी भी अस्पताल में चल रहा।

भोपाल में कोरोना के 83 नए मरीज, कुल संख्या हुई 3673

राजधानी भोपाल में आज कोरोना के 83 नए मामले सामने आने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 3673 हो गयी है। जबकि इनमें से 2722 मरीज स्वस्थ होकर घर पहुंच गये हैं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कोरोना जांच रिपोर्ट में आज सुबह 83 लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव निकली। वर्तमान में कोरोना संक्रमित 829 लोगों का उपचार अस्पतालों में चल रहा है। इस महामारी बीमारी के कारण अब तक 122 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। जिले में पाए गये 3673 कोरोना संक्रमित मरीजों में से 2722 लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं।

झाबुआ जिले में कोरोना मरीजों की संख्या पचास

झाबुआ में अभी तक कोरोना महामारी से संक्रमित पचास मरीज मिले है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार आदिवासी बाहुल झाबुआ जिले में अब तक कोरोना संक्रमित 50 मरीज सामने आये है। वहीं आदिवासी क्षेत्र में ही आने वाले अलिराजपुर में भी कोराना मरीजों की संख्या 28 पर पहुंच गया है। झाबुआ जिला मुख्यालय सहित, पिटोल, रानापुर, पारा, थांदला, पेटलावद, बामनिया आदि स्थानों पर कोरोना के मरीज पाये गये है। जिले में महामारी बीमारी के कारण दो लोग अपने प्राण भी गंवा चुके है।

कटनी में तीन और कोरोना मरीज मिले

कटनी जिले में कोरोना संक्रमित तीन नए मरीज मिले हैं। इसे मिलाकर जिले में कुल 36 केस हो गए हैं।

सीएमएचओ डॉ. एस के निगम ने बताया कि एनकेजे के नयागांव निवासी रेलवे में लोको पायलट, उसकी पत्नी और बड़वारा के लखाखेरा में एक कंपनी में कार्यरत एक इंजीनियर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। लोको पायलट और उसकी पत्नी विगत एक जुलाई को शादी में शामिल होने के लिए रीवा गए थे और वहां से 7 जुलाई को वापस लौटने के बाद 11 जुलाई को इनके सेम्पल लेकर आईसीएमआर जबलपुर भेजा गया था। कल रात मिली रिपोर्ट में इनके पॉजीटिव होने की पुष्टि हुई है।

एक समाचारपत्र कार्यालय के 26 कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए

राजधानी भोपाल में एक हिंदी दैनिक समाचारपत्र कार्यालय के 26 कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यहां एम पी नगर क्षेत्र में स्थित इस कार्यालय में कार्यरत 57 कर्मचारियों के सैंपल जांच के लिए चार दिनों में लिए गए। इनमें से अब तक 26 कर्मचारी कोरोना संक्रमित मिले हैं। इन सभी को यहां एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं शेष लगभग 20 और कर्मचारियों के सैंपल लेकर जांच करायी जा रही है।

सीहोर में मिले पांच कोरोना पॉजिटिव

सीहोर जिले में आज पांच और कोरोना पाजेटिव पाए गये।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार कोरोना जांच रिपोर्ट में पांच और कोरोना संक्रमित पाए गये। इन्हें मिलाकर जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 56 हो गई हैं।

शहडोल में कोरोना के पांच मरीज मिले

शहडोल नगर सहित जिले में आज कोरोना के 5 मरीज मिले हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश पाण्डेय ने बताया कि नगर में शंकर टॉकीज के सामने पहले के 2 मरीजों के दो रिश्तेदार जाँच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसी तरह से बैंक ऑफ़ इंडिया के मैनेजर को उनके उमरिया प्रवास के समय बीमारी लग गयी। धनपुरी के 2 मरीजों के परिवार में अन्य दो सदस्यों को कोरोना मिलने से आज कुल 5 मरीज हो गए हैं।

शिवपुरी में 19 जुलाई तक लाॅकडाउन

शिवपुरी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मरीजों को देखते हुए कलेक्टर अनुग्रह पी ने आज आदेश दिया है कि शहर में लॉकडाउन 19 जुलाई तक बढ़ाया जाता है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिला कलेक्टर द्वारा आज सभी व्यापारियों एवं दुकानदारों के साथ बैठक करके यह आदेश पारित किया गया। आदेश के अनुसार इस दौरान सभी दुकानदारों, व्यापारियों का बूथ लगाकर टेस्ट कराया जाएगा तथा सब्जी मंडी में भी टेस्ट कराया जाएगा। इसके साथ ही धार्मिक स्थलों पर केवल धर्म गुरु ही पूजा-अर्चना करेंगे। वहां पर भीड़ एकत्रित नहीं की जाएगी।

कोरोना मामले मे अपर आयुक्त तथा होटल संचालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज

मध्यप्रदेश के जबलपुर नगर निगम के अपर आयुक्त तथा होटल संचालक के खिलाफ मदन महल थाने में धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार अपर आयुक्त की बेटी का विवाह 30 जून हुआ था। विवाह समारोह का आयोजन एक होटल में किया गया था। विवाह समारोह में निर्धारित से अधिक लोग शामिल हुए थे। विवाह समारोह में शामिल 22 व्यक्ति अभी तक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। कलेक्टर के निर्देश पर मदन महल पुलिस ने अपर आयुक्त तथा होटल संचालक के खिलाफ धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।

जबलपुर में एक कोरोना मरीज की मौत

जबलपुर में आज कोरोना संक्रमित एक मरीज की मौत हो गई।

नेताजी सुभाषचंद बोस चिकित्सा महाविद्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार आधारताल निवासी एक 70 वर्षीय कोरोना संक्रमित मरीज की इजाज के दौरान दोपहर में मौत हो गई। मरीज अन्य कई बिमारियों से भी पीड़ित था। कोरोना संक्रमित पाए जाने पर उसे 7 जुलाई को भर्ती किया गया था।

नीमच में दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव

नीमच में आज दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव पायी गयी। इन्हें मिला कर कुल संख्या बढ़कर 505 तक पहुंच गयी।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार अभी तक सामने आए कोरोना पीड़ितों में नीमच के 114 जावद के 332 एवं 38 व्यक्ति उम्मेदपुरा और तारापुर के तथा 18 मनासा के है। जिले में 452 व्यक्ति रिकवर होकर घर लौट गए है, जबकि 41 व्यक्ति उपचार के लिए भर्ती है।

नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने दिया तथ्यहीन बयान:असली अयोध्या भारत में नहीं बल्कि नेपाल में है attacknews.in

काठमांडू 13 जुलाई । ऐसे समय में जब भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव बना हुआ है, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने अयोध्या पर एक विवादास्पद टिप्पणी की है जिससे दोनाें देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।

श्री ओली ने कवि भानुभक्त की जयंती के अवसर पर सोमवार को अपने आधिकारिक आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “भारत अपने यहां फर्जी अयोध्या बनाकर सांस्कृतिक और ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ कर रहा है। वास्तविक आयोध्या नेपाल के बीरगंज के एक गांव में है।”

नेपाली प्रधानमंत्री ने कहा, “ हमने जनकपुर में जन्मीं सीता का विवाह किसी भारतीय राजा के साथ नहीं किया बल्कि सीता का विवाह भारत के नहीं अयोध्या के राम से हुआ था जो कि नेपाल में है।”

श्री ओली ने कहा कि इतनी दूर से कोई राजा कैसे सीता से विवाह करने के लिए जनकपुर आ सकता है क्योंकि उस समय संचार और परिवहन के साधन नहीं थे।

उन्होंने कहा, “उनकी अयोध्या को लेकर काफी विवाद है जबकि हमारी अयोध्या थोरी गांव में है जिसको लेकर कोई विवाद नहीं है।”

श्री ओली ने दावा करते हुए कहा कि विज्ञान और ज्ञान का विकास नेपाल में हुआ था।

नेपाल के प्रधानमंत्री के ऐसे बयान से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।

राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी के सह-अध्यक्ष कमल थापा ने श्री ओली की आलोचना करते हुए कहा,“ प्रधानमंत्री की ओर से ऐसे आधारहीन और अप्रमाणिक वक्तव्य का आना सही नहीं है। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री ओली भारत-नेपाल के संबंधों में मौजूदा कड़वाहट को कम करने की बजाए उसे और बढ़ाना चाहते हैं।”

भारत में सोमवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 9 लाख के पार, मरने वालों की संख्या 23,711 हुई और मरीजों की रिकवरी दर 63 फीसदी attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 जुलाई ।देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के मामले सोमवार की रात को नौ लाख के आंकड़े को पार कर गये लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर करीब 63 फीसदी पहुंच गयी है यानी अब तक करीब 5.69 लाख से अधिक लोग इस महामारी से निजात पा चुके हैं।

देश में आज मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 63 फीसदी पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर महज 2.62 प्रतिशत रही। रविवार को संक्रमितों के ठीक होने की दर 62.97 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.64 प्रतिशत रही। पिछले एक सप्ताह में मरीजों के स्वस्थ होने की दर में तीन फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।

देश में तीन मई को कोरोना रिकवरी दर 26.59 प्रतिशत थी जो 31 मई को बढ़कर 47.40 प्रतिशत हो गई और इसमें लगातार इजाफा हो रहा है।

‘कोविड19इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 904225 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है जबकि सुबह यह संख्या 878254 थी। अब तक कुल 569753 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 23711 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 310377 सक्रिय मामलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि सक्रिय मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या 2.59 लाख से अधिक हो चुकी है। इससे यह भी साफ है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के जितने मरीज आये हैं, उनमें से आधे से अधिक पूरी तरह बीमारी से निजात पा चुके हैं। समय पर कोरोना के संदिग्ध मामलों की जांच और उनका सही तरीके से इलाज की अहम भूमिका रही।

इस बीच, कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में फिर संपूर्ण लॉकडाउन अथवा जनता कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाये जा रहे हैं। पूरे उत्तर प्रदेश में अब सप्ताह में दो दिन शनिवार और रविवार को सभी बाजार और मॉल बंद रहेंगे। अब सभी बाजार सोमवार से शुक्रवार तक सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक ही खुले रहेंगे।

पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी को देखते हुए राजधानी कोलकाता समेत राज्य के 10 जिलों में फिर से लॉकडाउन लागू किया गया है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए शुक्रवार से नौ दिनों के जनता कर्फ्यू को लागू किया गया है। बिहार में 10 जुलाई से 16 जुलाई तक पूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया है।

गुवाहाटी समेत असम के कुछ प्रमुख शहरों में लॉकडाउन की अवधि एक सप्ताह और बढ़ा दी गयी है। इस बीच कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार ने राजधानी बेंगलुरु में कोरोना वायरस के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए 14 जुलाई से एक सप्ताह का पूर्ण लॉकडाउन लागू करने की घाेषणा की है। देश में संक्रमण से प्रभावित होने के मामले में दूसरे स्थान पर स्थित तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई समेत पांच जिलाें में 31 जुलाई तक लॉकडाउन लागू है। इसके अलावा देश के कई अन्य हिस्सों में भी कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन लगाया जा रहा है।

देश के 19 राज्यों में कोरोना रिकवरी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। जिन 19 राज्यों में कोरोना रिकवरी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है उनमें लद्दाख पहले स्थान पर है।

लद्दाख में कोरोना रिकवरी दर 85.45, दिल्ली में 79.98, उत्तराखंड में 78.77, छत्तीसगढ़ में 77.68, हिमाचल प्रदेश में 76.59, हरियाणा में 75.25, चंडीगढ़ में 74.60, मध्यप्रदेश में 73.03, गुजरात में 69.73 ,त्रिपुरा में 69.18, बिहार में 69.09 ,पंजाब में 68.94 , ओडिशा में 66.69, मिजोरम में 64.94 ,असम में 64.87, तेलंगाना में 64.84, तमिलनाडु में 64.66 और उत्तर प्रदेश में 63.97 है।

इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोरोना के प्रसार की रोकथाम के लिए कंटेनमेंट जोन चिह्नित करने से कोरोना रिकवरी दर में बढ़त आई है। कोरोना वायरस की गति जांच तेज करने से संक्रमित मरीज की पहचान जल्द हो जा रही है और उनका उपचार भी बीमारी के गंभीर होने से पहले होने लगा है जिससे मृत्यु दर में भी गिरावट आई है।

संक्रमण के हल्के लक्षणों वाले मरीजों तथा बिना लक्षण वाले मरीजों द्वारा होम आइसोलेशन में ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल किए जाने से कोविड-19 के के उपचार के लिए समर्पित अस्पतालों तथा कोविड देखभाल केंद्रों पर बोझ घटा है।

तमिलनाडु में कोरोना मामले 1.43 लाख के करीब, 2000 से अधिक की मौत

तमिलनाडु में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और 4328 रिकॉर्ड मामले सामने आने के बाद सोमवार को संक्रमितों की संख्या 1.43 लाख के करीब पहुंच गयी।

राहत की बात यह है कि राज्य में संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर 64.82 फीसदी पहुंच गयी है जबकि मृत्यु दर महज 1.42 प्रतिशत है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में संक्रमितों की संख्या 142798 हो गयी है। पिछले 24 घंटों के दौरान 66 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 2032 हो गयी है।

सूत्रों के मुताबिक इस दौरान 3035 और मरीज स्वस्थ हुए हैं और इसके बाद ठीक हुए मरीजों की संख्या बढ़कर 92567 हो गयी है। राज्य में फिलहाल 48199 सक्रिय मामले हैं।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों में तमिलनाडु देश में महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है।

महाराष्ट्र में कोरोना मामले 2.60 लाख के पार, रिकवरी दर 55 फीसदी

देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में दिनों-दिन स्थिति गंभीर होती जा रही है और पिछले 24 घंटों के दौरान 6497 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या सोमवार की रात बढ़कर 2.60 लाख के पार पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों की रिकवरी दर बढ़कर 55 फीसदी से अधिक हो गयी है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में अब तक 260924 लोग इस महामारी की चपेट में आए हैं। वहीं इस दौरान 193 और लोगों की इससे मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 10482 हो गयी है। इस दौरान राज्य में 4182 लोग रोगमुक्त हुए हैं जिसके बाद स्वस्थ होने वालों की कुल संख्या 144507 हो गयी है।

राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 55.38 फीसदी पहुंच गयी है जबकि मृत्यु दर महज 4.01 प्रतिशत है। सूत्रों के मुताबिक राज्य में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 105638 है जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र पूरे देश में कोरोना संक्रमण और मौत के मामले में पहले नंबर पर है।

राजस्थान का हाइवोल्टेज राजनीतिक ड्रामा ; सचिन पायलट का बगावती तेवर बरकरार, अशोक गहलोत की कुर्सी का संकट अभी खत्म नहीं हुआ attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 जुलाई ।कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व की तरफ से राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को मनाने की निरंतर कोशिशों के बावजूद वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ अपना बगावती तेवर बरकरार रखे हुए हैं।

श्री पायलट के करीबी सूत्रों का मानना है कि अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में आ चुकी है। उनके पास 95 विधायकों का ही समर्थन है जबकि बहुमत के लिए 101 विधायकों का समर्थन चाहिए।

उन्होंने कहा कि श्री पायलट का भारतीय जनता पार्टी में जाने की कोई योजना नहीं है लेकिन केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से निर्णय लिए जाने के बाद ही वह आगे कोई कदम उठा सकते हैं।

सचिन पायलट के बगावती तेवर की पुष्टि उनकी पत्नी सारा पायलट के ट्वीट से भी खुलकर सामने आयी हैं। सारा पायलट ने कल और आज कई ट्वीट किए हैं, जो सभी राजस्थान के मौजूदा राजनीतिक संकट को लेकर हैं।

उन्होंने सचिन पायलट की एक प्रदर्शन की कुछ तस्वीरों के साथ ट्वीट किया ‘सहन करने की हिम्मत रखता हूं, तो तबाह करने का हौसला भी रखता हूं।’

सारा पायलट ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “ छह साल गांव ढाणी सड़कों पर चलने वालो के पैरों मे छाले पड़ गये।संघर्ष भरे जीवन पर पानी फेरकर जयचंद सत्ता हथियाने में लग गये।’ इसके अलावा उन्होंने कहा की बड़े बड़े जादूगरों के पसीने छूट जाते हैं जब हम दिल्ली का रुख करते हैं।

राजस्थान में सरकार बनने में समय से ही श्री गहलोत और श्री पायलट बीच खींचतान चल रही थी लेकिन रविवार को यह विवाद खुलकर सामने आ गया।

पायलट समर्थकों की ओर से दावा किया गया कि उनके पास 30 से अधिक विधायकों का समर्थन है और अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में आ चुकी है।

इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभालते हुए श्री पायलट और श्री गहलोत से बात की है। यह बताया जा रहा है कि पायलट ने चार शर्तें रखी हैं जिनमें प्रदेशाध्यक्ष का पद बरकरार रखने के अलावा गृह और वित्त विभाग की मांग की है। इसके अलावा पार्टी कुछ और वरिष्ठ नेताओं ने भी श्री पायलट से संपर्क पर संकट दूर करने का प्रयास किया है।

कांग्रेस के एक अन्य सूत्र ने बताया कि पार्टी श्री पायलट को हर हाल में मनाने की कोशिश करेगी। उनका मानना है कि हालांकि राज्य में फिलहाल संकट टलता हुआ दिखाई दे रहा है लेकिन श्री गहलोत आगे की राह आसान नहीं रहने वाली है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री निवास पर आज विधायक दल की बैठक से पहले श्री गहलोत ने विजय का चिन्ह दिखाते हुए 109 विधायकों के समर्थन का दावा किया। बैठक में 106 विधायक आये थे। करीब दो घंटे चली बैठक के बाद विधायकों को बसों के जरिए एक होटल ले जाया गया। वहीं श्री पायलट अपनी तल्ख तेवरों के साथ अपने कुछ विधायकों के साथ दिल्ली में जमे हुए हैं।

विधायक दल की बैठक में गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार को एकमत से समर्थन व्यक्त किया गया

इससे पहले राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की आज आयोजित बैठक मे प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के नेतृत्व में पूर्ण आस्था प्रकट करते हुये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का एकमत से संपूर्ण समर्थन व्यक्त किया गया।

बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि प्रदेश की आठ करोड जनता ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को सम्पूर्ण बहुमत देकर प्रदेश की सेवा एंवं विकास करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। कांग्रेस विधायक दल का हर साथी इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए वचनबद्व हैं

कांग्रेस विधायको का बैठक में पहुंचना इस तरह शुरू हुआ:

राजस्थान में राजनीतिक उठा-पटक के बीच कांग्रेस विधायक दल की आज यहां आयोजित बैठक में विधायकों का आना देरी से शुरू हुआ ।

विधायकों को कडी सुरक्षा से लाया जा रहा था । पहले पहल तक 82 विधायक मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे । कांग्रेस नेताओं ने कल देर रात एक प्रेस कांफ्रेंस कर दावा किया था कि उनके पास 109 विधायकों का बहुमत है।

इधर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से कांग्रेस बातचीत नहीं कर रही थी बल्कि पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हमें अब पायलट की जरूरत नहीं है। हमारे पास सरकार बचाने के लिए प्रर्याप्त बहुमत है। श्री पायलट ने कल ही अपने साथ तीस विधायक होने का दावा किया था।

श्री पायलट के खास समर्थक माने जाने वाले प्रतापसिंह खाचरियावास ने भी पार्टी के पास बहुमत का दावा करते हुए कहा है कि जिन विधायकों को रोका जा रहा है उन्हें अपना विडियो शेयर करना ना चाहिए ताकि उन्हें विधायक दल की बैठक में लाया जा सके।

इस बीच आयकर विभाग ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दो नजदीक कांग्रेस नेताओं के घर पर छापेमारी की है। इसके अलावा जिस होटल में कांग्रेस के विधायक ठहरे है उस पर भी छापे की कार्रवाई बताई जा रही है।
यह माना जा रहा है कि निर्दलीय विधायको की खरीद-फरोख्त के लिए भारी मात्रा में धन एकत्रित करने की आशंका को देखते हुए आयकर विभाग ने छापे की कार्रवाई की है।

पायलट सहित सभी असंतुष्ट विधायकों के लिये दरवाजे खुले हैं-सुरजेवाला

इसी बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट सहित सभी कांग्रेस विधायकों से अपील करते हुए कहा है कि उनके लिये कांग्रेस आलाकमान और पार्टी के दरवाजे खुले थे और खुले रहेंगे।

श्री सुरजेवाला ने आज कहा कि श्री पायलट से कई बार बातचीत हुई है, उनके लिये पार्टी के दरवाजे खुले हुए हैं। उन्होंने कहा कि किसी से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन चुनी सरकार को कमजोर करना और भाजपा को खरीद फरोख्त का मौका देना गलत है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना की लड़ाई लड़ी है, विकास किया है और हर क्षेत्र में प्रगति की है। उन्होंने कहा कि सरकार कोे कोई खतरा नहीं है। सरकार के पास पर्याप्त बहुमत है। श्री सुरजेवाला ने कांग्रेस की आंतरिक कलह पर कहा कि जहां बर्तन होत हैं वे खड़कते ही है।

सुबह आयकर विभाग की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री सुरजेवाला ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो भाजपा के अतिरिक्त संगठन हैं, अब इनमें आयकर विभाग भी शामिल हो गया है।
उधर सुबह साढ़े दस बजे शुरु होने वाली कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक साढ़े बारह बजे तक शुरु नहीं हो पाई।

पायलट से सुलह के प्रयास शुरु होने की बात कही जाने लगी थी :

खबर यह भी हैं कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलाेत सरकार के स्पष्ट बहुमत होने के दावे के बीच कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट से सुलह की कोशिशें शुरु हो गयी हैं।

मुख्यमंत्री निवास पर आज विधायक दल की बैठक से पहले श्री गहलोत ने विजय का चिन्ह दिखाते हुए 109 विधायकों के समर्थन का दावा किया। बैठक में 106 विधायक आये थे। करीब दो घंटे चली बैठक के बाद विधायकों को बसों के जरिए होटल ले जाया गया। श्री गहलोत भी बस में उनके साथ थे।

इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभालते हुए श्री पायलट और श्री गहलोत से बात की है। यह बताया जा रहा है कि पायलट ने चार शर्तें रखी हैं जिनमें कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष का पद बरकरार रखने के अलावा गृह और वित्त विभाग की मांग की है। श्री पायलट अभी दिल्ली में ही हैं। उन्होंने 25 विधायकों के साथ होने का दावा किया है।

कांग्रेस में नेहरू-गाँधी खानदान के चापलूस नेताओं के चलते नया नेतृत्व हाशिये पर रहा – पूनियां

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने राज्य में चल रहे सियासी घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस का विचार एवं व्यवहार से उसका आधार खत्म होता जा रहा है, जिसका कारण है नेहरू-गाँधी खानदान के वंशवाद की परम्परा के चलते नये नेतृत्व को उभरने नहीं दिया गया।

डा़ पूनिया ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि भ्रष्टाचार, जातिवाद और अराजकता की बुनियाद पर राज करती रही कांग्रेस को 2014 के चुनाव में देश की जनता ने कांग्रेस को मुक्त कर दिया, 2019 में भी यही हुआ। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान में कांग्रेस 2008 में अल्पमत में थी, जिसने बसपा के विधायकों को तोड़कर अपनी सत्ता बचाई, 2018 में भी यही खेल हुआ और अब राज्य सरकार की बुनियाद अन्तर्कलह एवं अन्तर्विरोध पर है।

कांग्रेस से नहीं जाएंगे सचिन पायलट: शिवकुमार

बेंगलुरु,से खबर है कि, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री डी के शिवकुमार ने राजस्थान में जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच सोमवार को यह विश्वास जताया कि सचिन पायलट एक निष्ठावान कांग्रेसी है और वह पार्टी छोड़कर नहीं जाएंगे।

श्री शिवकुमार ने कहा, “नहीं, वह (पायलट) नहीं जाएंगे, मुझे पूरा विश्वास है कि वह नहीं जाएंगे। वह अपने पिता (राजेश पायलट) की तरह एक बहुत निष्ठावान कांग्रेसी हैं। उन्होंने पिछले सात वर्षों से पार्टी के निर्माण में योगदान दिया है। वह राजस्थान प्रदेश इकाई के अध्यक्ष हैं। उन्होंने पार्टी के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है।”

राजस्थान में जो चल रहा है, उसके लिए कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जिम्मेदार: उमा

सीहोर, ( मध्यप्रदेश) से खबर है कि ,राजस्थान में चल रहे सियासी उठापटक के बीच आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि राजस्थान में, जो चल रहा है, इसके लिए कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ही जिम्मेदार है।

सुश्री भारती सीहोर के प्राचीन चिंतामन गणेश मंदिर पहुंचीं, जहां उन्होंने विधि विधान से पूजा अर्चना कर भगवान गणेश का आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि मध्यप्रदेश में जो घटा और राजस्थान में जो घटेगा, उसके लिए कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ही जिम्मेदार है, क्योंकि कांग्रेस में युवा नेताओं को पनपने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने इस सब के लिए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जिम्मेदार बताया।

उन्होंने श्री गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि, वे अपने नेताओं को संभाल नहीं पा रहे हैं और दोषी वो हमें ठहराते हैं। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट या कोई भी कांग्रेस का नेता भाजपा में आएगा, तो पार्टी उनका सम्मान करेगी। क्योकि भाजपा में सब के लिए स्थान है। यहां किसी से ईर्ष्या नहीं होती है।

राजस्थान कांग्रेस विधायक होटल पहुंचे

जयपुर,से खबर है कि ,राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस एवं उसके समर्थक विधायकों को सोमवार दोपहर बाद दिल्ली रोड पर एक होटल में भेज दिया गया है ।

मुख्यमंत्री निवास में विधायक दल की बैठक में शामिल होने आए विधायकों को बैठक के बाद चार बसों से दिल्ली रोड स्थित होटल में ले जाया गया।

बैठक में उपस्थित होने वालों में कांग्रेस के साथ साथ उसके समर्थक निर्दलीय विधायक, बीटीपी के दो एवं आरएलडी के एक विधायक भी शामिल हैं।

इससे पहले मुख्यमंत्री निवास में हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल, राजस्थान के प्रभारी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव अविनाश पांडे, और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला मौजूद रहे।

कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर प्रशासन को एक दिन पहले 7 दिन का लाॅकडाउन नहीं लगाने के बारे मे सचेत किया और दूसरे दिन प्रशासन ने मान ली बात, इंदौर जिले में नहीं लगेगा लाकडाउन attacknews.in

इंदौर, 13 जुलाई ।मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में जिला आपदा प्रबंधन समिति ने आज फ़िलहाल लाकडाउन नहीं करने का निर्णय लिया है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार आपदा प्रबंधन समिति सम्पन्न हुई बैठक में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।

बैठक में कोविड 19’ महामारी की रोकथाम, बचाव और उपचार को लेकर आगामी दिनों में सख्ती किये जाने का निर्णय भी लिया गया है। साथ ही सर्व सम्मति से लाक डाउन नहीं किये जाने का निर्णय लिया गया है।

इंदौर को दोबारा लॉक डाउन करना अनुचित होगा- विजयवर्गीय

उधर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि जब तय है कि कोरोना को हमारे साथ ही रहना है, तब इंदौर शहर में दोबारा लाकडाउन लगाना शहर की सेहत के पक्ष में नहीं है।

श्री विजयवर्गीय ने यहां अपने गृह नगर में रविवार रात अपने निवास पर प्रेसवार्ता में कहा था कि लाकडाउन से रोज कमाने-खाने वालों का परिवार संकट में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि इंदौर को बड़ी मुश्किल से हम सबने संयम रख बचाया है। मौजूद समय में नियमों का उल्लंघन करने वाले मुट्ठी भर लोग हैं। ऐसे मुट्ठीभर लोगों की गलती की सजा पूरा शहर नहीं भुगतेगा।

उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि जो नियमो का, प्रोटोकॉल का उल्लंघन करें, उन पर कार्यवाही करें।

उन्होंने जिला प्रशासन से कहा है कि जो बाजार नियमों का उल्लंघन करें वो बाजार बंद करा दें लेकिन पूरे शहर में दोबारा लाकडाउन नहीं होना चाहिये।

श्री विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर के ताजा सर्वे में सामने आया है कि सब्जी के कारण कोरोना फैल रहा है, थोड़े दिन सब्जी न खाएं या फिर अच्छे से धोकर प्रयोग करें।

उन्होंने नागरिको से अपील करते हुए कहा कि जरा सी लापरवाही से कई लोगों की जान गयी हैं। मास्क लगाकर रखें। सोशल डिस्टेन्स का पालन करें, आवश्यक हो तभी बाहर निकलें।

उन्होने लोगों से अनुरोध करते हुये कहा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये सबको प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिये और काढ़ा पीना चाहिये।

उल्लेखनीय है कि बीती एक जून से इंदौर शहर को अनलॉक कर, लॉक डाउन को लगभग पूरी तरह शिथिल कर दिया गया था। जिसके बाद जुलाई से इंदौर में कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफा दर्ज किया जा रहा है। इसी के संबंध में रविवार को सांसद शंकर लालवानी के साथ प्रशासनिक अधिकारियों और स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक बैठक कर पुनः लॉक डाउन करने के संकेत दिए थे।

लद्दाख से सेना पीछे हटाने को लेकर भारत-चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तरीय वार्ता का अगला दौर मंगलवार को attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 जुलाई । पूर्वी लद्दाख में तनाव घटाने और सैनिकों के पीछे हटने के लिए तौर-तरीका तय करने के वास्ते भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तरीय चौथे दौर की वार्ता मंगलवार को होगी। सरकारी सूत्रों ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी ।

उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय हिस्से में चुशुल में यह बैठक होगी ।

दोनों पक्षों द्वारा ऊंचाई वाले क्षेत्र में अमन-चैन बहाल करने के खाके को भी अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) गोग्रा, हॉट स्प्रिंग्स और गलवान घाटी से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर चुकी है और पिछले एक सप्ताह में उसने पैंगोग सो इलाके में फिंगर फोर के पास सैनिकों की संख्या घटायी है।

भारत जोर दे रहा है कि चीन फिंगर फोर और फिंगर एट के बीच के इलाकों से सुरक्षा बलों को हटाए ।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच करीब दो घंटे की टेलीफोन वार्ता के बाद सैनिकों के पीछे हटने की औपचारिक प्रक्रिया पिछले सोमवार को शुरू हुई थी।

शुक्रवार को भारत और चीन के बीच राजनयिक स्तर की वार्ता हुई । इस दौरान दोनों पक्षों ने अमन-चैन बहाल करने के लिए पूर्वी लद्दाख में समयबद्ध तरीके से ‘‘सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने ’’ की प्रक्रिया पर आगे बढ़ने का फैसला किया ।

बैठक में फैसला किया गया कि दोनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडर पूरी तरह पीछे हटने और तनाव घटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए ‘जल्द’ चर्चा करेंगे ।

दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर तीन दौर की वार्ता हो चुकी है और अंतिम बैठक 30 जून को हुई थी। इस बैठक में दोनों पक्ष गतिरोध दूर करने के लिए प्राथमिकता के साथ जल्द, चरणबद्ध और क्रमिक तरीके से तनाव घटाने पर सहमत हुए थे।

लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहली वार्ता छह जून को हुई थी । इस दौरान दोनों पक्ष गलवान घाटी से शुरूआत करते हुए टकराव के सभी स्थानों से धीरे-धीरे पीछे हटने पर राजी हुए थे।

दूसरे दौरे की वार्ता 22 जून को हुई थी।

भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पांच मई से ही पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर तनाव गहरा गया। इसके बाद गलवान घाटी में भारत के 20 सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद यह तनाव और बढ़ गया । चीनी सेना को भी नुकसान हुआ लेकिन उसने इस बारे में कुछ नहीं बताया है। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के 35 सैनिक हताहत हुए हैं ।

शिवराज सिंह चौहान ने विभागों के वितरण के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में अपने मंत्रियों को राज धर्म के मूलमंत्र की शिक्षा देकर जनता-जनार्दन की सेवा करने को कहा attacknews.in

भोपाल, 13 जुलाई ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रिमंडल के सदस्यों से कहा कि वे सप्ताह में कम से कम एक दिन अपने विभाग की समीक्षा अवश्य करें।

श्री चौहान ने यहां मंत्रालय में मंत्रिमंडल की बैठक में यह बात कही। श्री चौहान ने आज सुबह ही अपने मंत्रियों के बीच विभागों का वितरण किया है। इसके बाद पहली बैठक में श्री चौहान ने कहा कि मंत्री अपने विभाग की सप्ताह में एक दिन समीक्षा अवश्य करें और इसका दिन सोमवार को रखें।

उन्होंने कहा कि मंत्री कम से कम चार दिन क्षेत्र में दौरा करें। शीघ्र ही प्रभार के जिले मिलेंगे और दो दिन एक जिले में दिया जाए। क्षेत्र में सरकारी योजनाओं का क्रियानवयन भी देखा जाए और विकास कार्यों का निरीक्षण भी करें।

उन्होंने कहा कि मंत्रियों को दौरे करते रहना चाहिए और लोगों से भी मिलते रहना चाहिए।

श्री चौहान ने सरकार की प्राथमिकताएं बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ आवश्यक है। इसके लिए प्रत्येक विभाग क्या कर सकता है, इसका रोडमैप तैयार किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता से भी इस संबंध में सुझाव मांगे गए हैं और लगभग 700 सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने मंत्रियों से कहा कि वे अपने विभागों से संबंधित आए सुझावों पर अधिकारियों और अनुभवी लोगों से चर्चा करें और इस माह के अंत तक ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ की दिशा में अपने विभाग का रोडमैप तैयार करें।

श्री चौहान ने कहा कि वे भी समय समय पर अलग अलग विभागों की समीक्षा करेंगे। बैठक में मंत्रियों के अलावा मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

शिवराज ने मंत्रियों के बीच किया विभागों का बटवारा

इससे पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने मंत्रियों के बीच विभागों का वितरण कर दिया।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री चौहान ने जनसंपर्क, सामान्य प्रशासन, नर्मदा घाटी विकास, विमाानन एवं ऐसे अन्य विभाग, जो किसी अन्य मंत्री को नहीं सौंपे हैं, अपने पास रखे हैं।

डॉ नरोत्तम मिश्रा गृह, जेल, संसदीय कार्य और विधि विभाग संभालेंगे। श्री गोपाल भार्गव लोक निर्माण, कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग देखेंगे। श्री तुलसीराम सिलावट जल संसाधन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग की जिम्मेदारी निभाएंगे।

वन विभाग श्री विजय शाह को सौंपा गया है, जबकि वित्त, वाणिज्यिक कर और योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग श्री जगदीश देवड़ा के हवाले किया गया है। श्री बिसाहूलाल सिंह खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग देखेंगे।

श्रीमती यशोधराराजे सिंधिया खेल एवं युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार विभाग संभालेंगी। श्री भूपेंद्र सिंह नगरीय विकास एवं आवास विभाग और सुश्री मीना सिंह आदिम जाति कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग का नेतृत्व करेंगे।

किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग कमल पटेल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एदल सिंह कंसाना, राजस्व एवं परिवहन गोविंद सिंह राजपूत, खनिज साधन एवं श्रम बृजेंद्र प्रताप सिंह और चिकित्सा शिक्षा एवं भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विश्वास सारंग को आवंटित किया गया है।

श्रीमती इमरती देवी महिला एवं बाल विकास विभाग, डॉ प्रभुराम चौधरी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, डॉ महेंद्र सिंह सिसोदिया पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, प्रद्युम्न सिंह तोमर ऊर्जा विभाग और प्रेम सिंह पटेल पशुपालन, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे।

श्री आेमप्रकाश सकलेचा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, सुश्री उषा ठाकुर पर्यटन, संस्कृति और आध्यात्म विभाग तथा श्री अरविंद भदौरिया सहकारिता, लोक सेवा प्रबंधन विभाग देखेंगे।
डॉ मोहन यादव उच्च शिक्षा, श्री हरदीप सिंह डंग नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की जिम्मेदारी निभाएंगे।

राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) तथा नर्मदा घाटी विकास विभाग देखेंगे। राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार को स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) तथा सामान्य प्रशासन और रामखेलावन पटेल को पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण (स्वतंत्र प्रभार) एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सौंपा गया है।
राज्य मंत्री श्री रामकिशोर कांवरे को आयुष (स्वतंत्र प्रभार), जल संसाधन, राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव को लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी, राज्य मंत्री गिर्राज डंडोतिया को किसान कल्याण तथा कृषि विकास, राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ लोक निर्माण विभाग और राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया को नगरीय विकास एवं आवास विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

श्री चौहान ने दो जुलाई को 20 कैबिनेट और आठ राज्य मंत्रियों को शामिल करते हुए मंत्रिमंडल का विस्तार किया था। इसके बाद से ही मंत्रियों के बीच विभागों के वितरण का इंतजार किया जा रहा था।

वन विभाग श्री विजय शाह को सौंपा गया है, जबकि वित्त, वाणिज्यिक कर और योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग श्री जगदीश देवड़ा के हवाले किया गया है। श्री बिसाहूलाल सिंह खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग देखेंगे।

श्रीमती यशोधराराजे सिंधिया खेल एवं युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार विभाग संभालेंगी। श्री भूपेंद्र सिंह नगरीय विकास एवं आवास विभाग और सुश्री मीना सिंह आदिम जाति कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग का नेतृत्व करेंगे।

श्री आेमप्रकाश सकलेचा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, सुश्री उषा ठाकुर पर्यटन, संस्कृति और आध्यात्म विभाग तथा श्री अरविंद भदौरिया सहकारिता, लोक सेवा प्रबंधन विभाग देखेंगे।
डॉ मोहन यादव उच्च शिक्षा, श्री हरदीप सिंह डंग नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की जिम्मेदारी निभाएंगे।

शिवराज ने मंत्रियों को विभाग की नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दी

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रिमंडल में मंत्रियों को मिली विभागों की नई जिम्मेदारी के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

श्री चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा है ‘प्रदेश मंत्रिमंडल में साथियों को मिली विभागों की नई जिम्मेदारी के लिए बधाई और शुभकामनाएं। हम सब संकल्प लें कि प्रदेश के उत्थान और जनकल्याण के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा करेंगे। प्रदेश को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के संकल्प को साथ मिलकर पूरा करेंगे।

भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम सभी साथी सेवा के पवित्र ध्येयों को प्राप्त करने में जुट जायें।

आइये, संकल्प लें कि नया मध्यप्रदेश बनाकर हम सब प्रधानमंत्री जी के सपनों के भारत के निर्माण के स्वप्न को साकार करेंगे ’।

गूगल द्वारा अगले पांच-सात साल में भारत में 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा, नरेन्द्र मोदी, सुन्दर पिचाई ने डेटा सुरक्षा, कृषि क्षेत्र में कृत्रिम बारिश के इस्तेमाल पर की चर्चा attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 जुलाई । गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने सोमवार को भारत में अगले पांच-सात साल में 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की। कंपनी की ‘गूगल फॉर इंडिया’की पहल के तहत किए जाने वाले इस निवेश का मकसद देश में डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को तेज करने में मदद करना है।

भारतीय मूल के पिचाई ने सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक ऑनलाइल बैठक भी की।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘गूगल फॉर इंडिया’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पिचाई ने इस निवेश की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके लिए कंपनी ने ‘गूगल फॉर इंडिया डिजिटलीरण कोष’ बनाया है। यह घोषणा भारत के भविष्य और उसकी डिजिटल अर्थव्यवस्था में कंपनी के भरोसे को दिखाती है।

गूगल के सीईओ ने कहा कि नयी प्रौद्योगिकियों की पूरी ऐसी पीढ़ी है जिन्हें यहां भारत में पहले पेश किया जा रहा है। देश के लोगों को अब किसी प्रौद्योगिकी के आने का इंतजार करने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस बात में कोई दोराय नहीं कि हम आज भारत और दुनियाभर में मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं। यह चुनौती भी दोतरफा है, यह हमारे स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था दोनों को प्रभावित करने वाली है और इसने हमें हमारे काम करने और जीने के तरीके के बारे में दोबारा सोचने पर मजबूर किया है। लेकिन चुनौतियों का समय भी नवोन्मेष के अतुल्नीय क्षण दे सकता है।’’

पिचाई ने कहा कि कंपनी इस बात को लेकर प्रतिबद्ध है कि भारत को ना केवल नवोन्मेष की अगली लहर का लाभ मिले बल्कि वह इसमें अग्रणी भी हो।

पिचाई ने कहा, ‘‘आज मैं ‘गूगल फॉर इंडिया डिजिटलीकरण कोष’ की घोषणा करते हुए रोमांचित महसूस कर रहा हूं। इस पहल के तहत हम अगले पांच से सात साल में भारत में 10 अरब डालर यानी 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। इससे हम देश की डिजिटल क्षेत्र की कंपनियों में शेयर, साझेदारी, परिचालनात्मक निवेश तो करेंगे ही। साथ ही डिजिटल सेवाओं के बुनियादी ढांचे और पारितंत्र निर्माण पर भी निवेश करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि हमारा निवेश भारत के डिजिटलीकरण के चार प्रमुख क्षेत्रों पर केन्द्रित होगा। इसमें हर भारतीय तक उसकी अपनी भाषा भले वह हिेंदी, तमिल या पंजाबी जो भी हो उसमें सस्ती पहुंच और सूचनाओं को उपलब्ध कराना होगा।

साथ ही भारतीय बाजार की जरूरत के मुताबिक नए उत्पाद और सेवाओं का निर्माण करना, छोटे कारोबारियों को डिजिटल बदलाव के लिए सशक्त करना और स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कृषि जैसे क्षेत्रों में सामाजिक भलाई के लिए कृत्रिम मेधा और प्रौद्योगिकी लाभ पहुंचाना शामिल है।

गूगल ने प्रसार भारती के साथ एक नयी पहल शुरू करने की भी घोषणा की। कंपनी दूरदर्शन पर एक प्रशिक्षण श्रृंखला शुरू करेगी जो मौजूदा हालातों में छोटे कारोबारियों को डिजिटल तरीके से कामकाज करने के बारे में प्रशिक्षित करेंगे।

इसके साथ ही गूगल ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के माध्यम से देश के 22,000 स्कूलों में 2020 के अंत तक 10 लाख से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए साझेदारी की है। इसके तहत शिक्षकों को ऑनलाइन क्लासेस के दौरान बच्चों को कक्षा की पढ़ाई जैसा अनुभव कराने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए वह गूगल की ‘जी सूट फॉर एजुकेशन’, गूगल क्लासरूम और यूट्यूब जैसी मुफ्त सेवाओं का उपयोग कर पाएंगे।

सुबह में प्रधानमंत्री मोदी ने पिचाई के साथ बातचीत को लेकर कई ट्वीट किए।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज प्रात: सुंदर पिचाई के साथ बहुत ही फलदायी चर्चा हुई। हमने कई मुद्दों पर बातचीत की, इस दौरान खासतौर से भारत के किसानों, युवाओं और उद्यमियों के जीवन में बदलाव लाने में प्रौद्योगिकी की ताकत के इस्तेमाल को लेकर चर्चा हुई।’’

मोदी ने कहा, ‘‘हमने वैश्विक महामारी के कारण खेलकूद जैसे क्षेत्र में आई चुनौती को लेकर चर्चा की। हमने डेटा सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के महत्व को लेकर भी बातचीत की।’’

सुंदर पिचाई अल्फाबेट इंक और उसकी अनुषंगी गूगल एलएलसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं।

प्रधानमंत्री के ट्वीट के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ अपना समय देने के लिए धन्यवाद प्रधानमंत्री मोदी। डिजिटल इंडिया को लेकर आपके दृष्टिकोण को लेकर बेहद आशावान हूं और इस दिशा में काम करने को लेकर रोमांचित भी।’’

‘गूगल फॉर इंडिया’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पिचाई ने कहा कि भारत अपनी डिजिटल यात्रा को पूरा करने से अभी बहुत दूर है।

उन्होंने कहा, ‘‘ करोड़ों भारतीयों के लिए सस्ते इंटरनेट तक पहुंच कराने की दिशा में अभी और काम करना है। इसके अलावा सभी भारतीय भाषाओं में मौखिक आदेश देने, कंप्यूटर चलाने की सुविधा देने और नव उद्यमियों की एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित करने और समर्थन करने के लिए भी बहुत कुछ करना है।’’

पिचाई ने छोटे कारोबारियों को डिजिटल दुनिया से जोड़ने के काम को एक सफलता की कहानी के तौर पर बताया। उन्होंने कहा कि अब तक देश के 2.6 करोड़ छोटे कारोबारियों को गूगल के सर्च से जोड़ा जा चुका है और उन्हें गूगल के सर्च इंजन एवं मैप इत्यादि पर आसानी से खोजा जा सकता है।

निम्न आयवर्ग के लोगों तक शिक्षा की पहुंच उपलब्ध कराने के लिए गूगल ने अपनी कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) इकाई गूगल डॉट ऑर्ग के माध्यम से केवल्य एजुकेशन फाउंडेशन (केईएफ) को 10 लाख डॉलर की मदद देने की भी घोषणा की। यह गूगल के वैश्विक दूरस्थ शिक्षा कोष का हिस्सा है।

मोदी, पिचाई ने डेटा सुरक्षा, कृषि क्षेत्र में कृत्रिम मेधा के इस्तेमाल पर की चर्चा:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई के साथ इंटरनेट के इस दौर में निजता को लेकर बढ़ती चिंता के बीच डेटा सुरक्षा सहित कई मुद्दों पर बातचीत की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत के किसानों और युवाओं के जीवन में बदलाव लाने और आनलाइन शिक्षा के विस्तार में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर चर्चा की।

बातचीत के दौरान दोनों के बीच कोरोना वायरस महामारी के दौर में उभरती नई कार्य संस्कृति को लेकर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह जानकारी दी है।

प्रधानमंत्री को गूगल की भारत में एक बड़े निवेश कोष की शुरुआत और रणनीतिक भागीदारी विकसित करने की जानकारी भी दी गई। इसके बाद पिचाई ने भारत में अगले पांच से सात साल के दौरान 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के वास्ते इंडिया डिजिटलीकरण कोष की शुरुआत करने की घोषणा की।

वक्तव्य के अनुसार पिचाई ने कहा कि प्रधानमंत्री के देशव्यापी लॉकडाउन लागू करने के ‘‘ठोस कदम’’ ने महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई की काफी मजबूत शुरुआत हुई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट जारी कर कहा, ‘‘हमने वैश्विक महामारी के कारण खेलकूद जैसे क्षेत्र में आई चुनौती को लेकर चर्चा की। हमने डेटा सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के महत्व को लेकर भी बातचीत की।’’

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी वक्तव्य के मुताबिक मोदी ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के आगे और इस्तेमाल को लेकर बातचीत की। इस दौरान डेटा सुरक्षा और निजता को लेकर चिंताओं पर भी चर्चा हुई।

वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री ने) कहा कि प्रौद्योगिकी कंपनियों को विश्वास की कमी को दूर करने के प्रयास करने चाहिये। उन्होंने साइबर अपराध और साइबर हमले के रूप में सामने आने वाले खतरों को लेकर भी बातचीत की।’’

मोदी ने प्रौद्योगिकी से किसानों को होने वाले फायदे और कृषि क्षेत्र में कृत्रिम मेधा के संभावित व्यापक लाभ पर भी चर्चा की। वक्तव्य में कहा गया है कि इस दौरान प्रधानमंत्री ने ऐसी वर्चुअल प्रयोगशाला के विचार की संभावनाओं भी चर्चा की जिसका इस्तेमाल छात्रों के साथ साथ किसानों द्वारा भी किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज प्रात: सुंदर पिचाई के साथ बहुत ही फलदायी चर्चा हुई। हमने कई मुद्दों पर बातचीत की, इस दौरान खासतौर से भारत के किसानों, युवाओं और उद्यमियों के जीवन में बदलाव लाने में प्रौद्योगिकी की ताकत के इस्तेमाल को लेकर चर्चा हुई।’’

सुंदर पिचाई अल्फाबेट इंक और उसकी अनुषंगी गूगल एलएलसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत को दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताया। उन्होंने कृषि क्षेत्र मं सुधारों को बढ़ाने की दिशा में सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के बारे में बताया। मोदी ने रोजगार सृजनके अभियान के बारे में भी कहा साथ ही फिर से कौशल होने के महत्व को भी रेखांकित किया।

चर्चा में शामिल अन्य मुद्दों में आनलाइन शिक्षा के विस्तार में प्रौद्योगिकीय निदान, अपनी भाषा में प्रौद्योगिकी तक पहुंच सुनिश्चित करने, खेलकूद के क्षेत्र में स्टेडियम में बैठकर देखना जैसा अनुभव देने के लिये प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल और डजिटल भुगतान के क्षेत्र में होने वाली प्रगति को लेकर भी बातचीत हुई।

मोदी ने कहा कि उन्हें गूगल के विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे प्रयासों को जानकार प्रसन्नता हुई। ‘‘चाहे यह शिक्षा के क्षेत्र में हो, पढ़ाई हो, डिजिटल इंडिया हो या फिर डिजिटल भुगतान को आगे बढ़ाने या अन्य क्षेत्रों की बात हो।’’

पिचाई ने प्रधानमंत्री को देश में गूगल के नये उत्पादों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बेंगलूरू में कृत्रिम मेधा शोध प्रयोगशाला की शुरुआत के बारे में बताया साथ ही गूगल की बाढ़ को लेकर भविष्यवाणी के प्रयासों और उसके फायदों से भी अवगत कराया।

भोपाल में बच्चियों का यौन शोषण करने वाला अधेड़ पत्रकार प्यारे मियां की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापामारी, अधिमान्यता और शासकीय आवास आवंटन निरस्त attacknews.in

नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण की घटना में आरोपियों के खिलाफ सख्त हुयी सरकार

भोपाल, 13 जुलाई ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण से जुड़े मामले के प्रकाश में आने की घटना के परिप्रेक्ष्य में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश आज दिए।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री चौहान ने यहां गृह विभाग की समीक्षा के दौरान कल प्रकाश में आयी इस घटना के संबंध में नाराजगी जाहिर की और कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाए। इस मामले के मुख्य आरोपी प्यारे मियां की शीघ्र गिरफ्तारी के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए।

उन्होंने प्यारे मियां से शासकीय आवास खाली कराने और उसकी अधिमान्यता समाप्त करने के निर्देश दिए।

नाबालिग लड़कियों के मामले में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई शुरू

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र में नाबालिग लड़कियों के साथ अश्लील हरकत और इसी से जुड़े आपराधिक मामलों में नाम आने के बाद प्रशासन ने आरोपी एक अखबार के प्रधान संपादक प्यारे मियां के खिलाफ कार्रवाई प्रारंभ कर दी है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार आपराधिक प्रकरण में नाम आने के बाद प्यारे मियां की अधिमान्यता समाप्त कर दी गयी है। इसके साथ ही प्यारे मियां के नाम पर आवंटित सरकारी आवास भी रिक्त कराने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है। इस संबंध में जनसंपर्क संचालनालय की ओर से गृह विभाग को पत्र जारी कर दिया गया है।

शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में अभियान चलाकर आदतन अपराधियों, माफियाओं, अतिक्रमणकारियों, अवैध शराब का कारोबार करने वालों एवं चिटफंड धोखेबाजों के विरुद्ध कार्रवाई करने के दिए निर्देश attacknews.in

बेटियों के विरुद्ध अपराध करने वालों को छोडूंगा नहीं-शिवराज

भोपाल 13 जुलाई ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बेटियों के विरुद्ध अपराध करने वाले पूरी मानवता के दुश्मन है, मैं उन्हें छोडूंगा नहीं। अपराधों में संलग्न सफेदपोशो को चिन्हित कर उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

भोपाल में नाबालिग बेटियों के साथ अपराध करने वाला जघन्य अपराधी है, जहां कहीं भी हो से ढूंढ कर उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। प्रदेश में अभियान चलाकर आदतन अपराधियों, माफियाओं, अतिक्रमणकारियों, अवैध शराब का कारोबार करने वालों, चिटफंड धोखेबाजों के विरुद्ध कार्रवाई करें।

श्री चौहान आज मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव ग्रह श्री एस एन मिश्रा, एडीजी इंटेलिजेंस सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि भोपाल में बेटियों के विरुद्ध अपराध के आरोपी प्यारे मियां को आवंटित शासकीय आवास एवं उसको पत्रकार के रूप में दी गई अधिमान्यता तुरंत निरस्त की जाए।

उन्होंने कोरना के दौरान अच्छा कार्य करने के लिए प्रदेश की पुलिस की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोरोना संकटकाल में जिस तरह हमारे पुलिस बल ने रात दिन एक कर जनता सेवा की है, वह प्रशंसनीय है।

उन्होंने कहा कि 15 अगस्त के मौके पर श्रेष्ठ कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों को सम्मानित किया जाएगा।

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने निर्देश दिए कि ऐसे व्यक्ति जो चिटफंड चलाकर जनता के साथ धोखाधड़ी करते हैं उनके विरुद्ध कैंप लगाकर कर सार्वजनिक रूप से कारवाई की जाए, जिससे कि ऐसा कार्य करने वालों के मन में डर बैठे। किसी को भी जनता के साथ धोखाधड़ी नहीं करने दी जाएगी।

मुख्य सचिव श्री बैंस ने निर्देश दिए कि प्रदेश में आदतन अपराधियों, माफियाओं, सफेदपोश व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई करते समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि उनके विरुद्ध हर एंगल से कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसे व्यक्ति किसी भी प्रकार का अवैध लाभ लेने में नहीं चूकते।

प्रदेश में गत 3 महीनों में हुए अपराधों की जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक श्री जौहरी ने बताया कि इस अवधि में प्रदेश में हत्या एवं बलवा के मामलों में बढ़ोतरी हुई है वहीं लूट एवं बलात्कार के मामलों में कमी आई है। आगामी समय में प्रदेश में अभियान चलाकर अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। आगामी 15 जुलाई से 15 अगस्त तक प्रदेश में वाहन चेकिंग अभियान भी चलाया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन में त्रावणकोर शाही परिवार का अधिकार रखा बरकरार attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 जुलाई ।उच्चतम न्यायालय ने केरल उच्च न्यायालय का 31 जनवरी 2011 का वह आदेश सोमवार को रद्द कर दिया, जिसमें राज्य सरकार से ऐतिहासिक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर की पूंजी और प्रबंधन का नियंत्रण लेने के लिए न्यास गठित करने को कहा गया था।

शीर्ष न्यायालय ने केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन में त्रावणकोर शाही परिवार के अधिकारों को बरकरार रखा।

न्यायमूर्ति यू यू ललित की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि अंतरिम कदम के तौर पर मंदिर के मामलों के प्रबंधन वाली प्रशासनिक समिति की अध्यक्षता तिरुवनंतपुरम के जिला न्यायाधीश करेंगे।

शीर्ष अदालत ने इस मामले में उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। इनमें से एक याचिका त्रावणकोर शाही परिवार के कानूनी प्रतिनिधियों ने दायर की थी।

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर को देश के सबसे धनी मंदिरों में गिना जाता है।

इस भव्य मंदिर का पुनर्निर्माण 18वीं सदी में इसके मौजूदा स्वरूप में त्रावणकोर शाही परिवार ने कराया था, जिन्होंने 1947 में भारतीय संघ में विलय से पहले दक्षिणी केरल और उससे लगे तमिलनाडु के कुछ भागों पर शासन किया था।

पद्मनाभस्वामी मंदिर मामले के घटनाक्रम

सुप्रीम कोर्ट ने दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक केरल स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर राजपरिवार के अधिकार को बरकरार रखा। इस पूरे मामले की प्रमुख घटनाएं इस प्रकार है-

-2009 : पूर्व आईपीएस अधिकारी टीपी सुंदरराजन ने केरल उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर मंदिर का नियंत्रण राज परिवार से राज्य सरकार को हस्तांतरित करने का अनुरोध किया।

-31 जनवरी 2011 : उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में राज्य सरकार को मंदिर का नियंत्रण अपने हाथ में लेने को कहा, कार्यकारी अधिकारी और त्रावणकोर के पूर्व राजा ने कल्लारस (मंदिर का तहखाना) खोलने का विरोध किया।

  • दो मई 2011 : त्रावणकोर के आखिरी शासक के भाई उतरादम तिरुनल मार्तंड वर्मा की याचिका उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के लिए आई, शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले पर अंतरिम रोक लगाई। साथ ही तहखाने में रखे आभूषणों और कीमती वस्तुओं की सूची उसके द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में बनाने का निर्देश दिया।
  • 8 जुलाई 2011 : उच्चतम न्यायालय ने ‘ए’ और ‘बी’ संख्या के तहखाने को अगले आदेश तक खोलने की प्रक्रिया को स्थगित किया।

  • 21 जुलाई 2011 : उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार के जवाब पर विचार करने के बाद मिली वस्तुओं के संरक्षण और सुरक्षा के संबंध में सलाह देने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया।

न्यायालय ने कहा कि समिति इस पर राय देगी कि कल्लरा संख्या ‘बी’ को खोलने की जरूरत है या नहीं।

  • 22 सितंबर 2011 : उच्चतम न्यायलय ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद निर्देश जारी किया।

न्यायालय ने कहा कि कल्लरा संख्या ‘बी’ को खोलने का फैसला अन्य कल्लरा को खोलने से मिली वस्तुओं के दस्तावेजीकरण, श्रेणीबद्ध करने, सुरक्षा, संरक्षण, रखरखाव आदि में होने वाली प्रगति के आधार पर लिया जाएगा।

-23 अगस्त 2012 : न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रह्मण्यम को न्याय मित्र नियुक्त किया।

-छह दिसंबर 2013 : उतरादम तिरुनल मार्तंड वर्मा का निधन हुआ, उनके वैध उत्तराधिकारी न्यायालय में उनकी ओर से मामले में शामिल हुए।

  • 15 अप्रैल 2014 : न्याय मित्र ने अपनी रिपोर्ट सौंपी।

  • 24 अप्रैल 2014 : न्यायालय ने मंदिर के प्रबंधन के लिए तिरुवनंतपुरम के जिला न्यायाधीश के नेतृत्व में प्रशासनिक समिति गठित की।

  • अगस्त-सितंबर 2014 : गोपाल सुब्रह्मण्यम ने उच्चतम न्यायालय को लिखकर अदालत मित्र के बाद हटने की इच्छा जताई, बाद में इस्तीफा वापस लेकर न्यायालय की सहायता जारी रखी।

  • नवंबर 2014 : त्रावणकोर के शाही परिवार ने अदालत मित्र गोपाल सुब्रह्मण्यम की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए न्यायालय में आपत्ति दर्ज की।

  • 27 नवंबर 2014 : न्यायालय ने अदालत मित्र की कुछ अनुशंसाओं को स्वीकार किया।

  • चार जुलाई 2017 : उच्चतम न्यायालय ने न्यायमूर्ति के एस पी राधाकृष्णन को श्रीकोविल एवं अन्य संबंधी कार्यों के लिए गठित चयन समिति का अध्यक्ष बनाया।

  • जुलाई 2017 : न्यायालय ने कहा कि वह मंदिर की एक तिजोरी में दैवीय शक्ति लिए असाधारण खजाना होने के दावे का परीक्षण करेगा, खजाने की सुरक्षा, लेखाकंन और मंदिर की मरम्मत को लेकर कई निर्देश दिए।

  • जनवरी-अप्रैल 2019 : मामले को न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की पीठ के समक्ष अंतिम सुनवाई के लिए भेजा गया।

  • 10 अप्रैल् 2019 : न्यायालय ने मामले में 31 जनवरी 2011 को केरल उच्च न्यायालय के दिए आदेश को चुनौती देने की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।

  • 13 जुलाई 2020 : उच्चतम न्यायालय ने मंदिर प्रशासन में त्रावणकोर राजपरिवार के अधिकार को बरकरार रखा।

भारत के मरीजों के लिए ग्लेनमार्क फार्मा ने कोविड- 19 की दवा ” फेविपिराविर” का दाम 27 प्रतिशत घटाया attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 जुलाई । दवा कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने कोविड- 19 के इलाज में काम आने वाली अपनी एंटीवायरल दवा फेविपिराविर का दाम 27 प्रतिशत घटाकर 75 रुपये प्रति गोली कर दिया है। कंपनी की यह दवा ‘फेबीफ्लू’ ब्रांड नाम से बाजार में उतारी गई है।

ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसने अपनी दवा ‘फेबीफ्लू’ का दाम 27 प्रतिशत घटा दिया है। अब दवा का नया अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) 75 रुपये प्रति टैबलेट होगा। फेबीफ्लू को पिछले महीने बाजार में उतारा था। तब एक गोली की कीमत 103 रुपये रखी गई थी।

ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रमुख (भारत व्यवसाय) आलोक मालिक ने कहा, ‘‘हमारा आंतरिक विश्लेषण बताता है कि हमारी इस दवा को जहां-जहां अनुमति मिली है उन देशों के मुकाबले हमने भारत में इसे कम से कम दाम पर जारी किया है। इसकी एक बड़ी वजह दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल (एपीआई) और यौगिक दोनों का विनिर्माण कंपनी के भारतीय संयंत्र में होना है। इससे कंपनी को लागत में लाभ हुआ है जिसे अब देश के लोगों को हस्तांरित करने की योजना है। हमें उम्मीद है कि इसके दाम में और कमी किये जाने से देश में बीमारों तक इसकी पहुंच और बेहतर होगी।’’

ग्लेमार्क ने 20 जून को उसके दवा फेबीफ्लू के लिये भारत के दवा नियामक से इसके विनिर्माण और विपणन की मंजूरी मिलने की घोषणा की थी। इसके साथ ही यह हल्के और बहुत हल्के कोविड- 19 संक्रमित मरीजों के लिये पहली मंजूरी प्राप्त दवा बन गई जिसे बाजार में बेचने की अनुमति दी गई।

कंपनी ने कहा है कि उसने भारत में मामूली और हल्के संक्रमण वाले कोविड-19 मरीजों के लिये तैयार दवा के तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण को भी पूरा कर लिया है। परीक्षण के परिणाम जल्द ही उपलब्ध होंगे।