कांग्रेस में अब सचिन पायलट की वापसी मुश्किल, अदालत पहुंचा पायलट खेमा, विधायकों को अयोग्य करार देने संबंधी नोटिस को दी चुनौती attacknews.in

जयपुर 16 जुलाई । राजस्थान में कांग्रेस विधायको की बाडेबंदी के बीच उपमुख्यमंमंत्री पद से निष्कासित किये गये सचित पायलट के कांग्रेस में वापसी बहुत मुश्किल हैं।

कांग्रेस विधायक दल ने श्री पालयट को निष्कासित करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से किया थां। श्री पायलट के निष्कासन के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने श्री पायलट पर सरकार गिराने के लिए 20 करोड का सौदा करने का आरोप लगाया था। बाद में श्री पायलट ने लम्बी चुप्पी के बाद जब यह कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी भाजपा में नहीं जायेगें तो यह कयास लगाये जाने लगा है कि उनकी कांग्रेस में वापसी हो सकती है।

श्री पायलट के अभी नरम रूख रखते हुये कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें जयपुर लौटने के लिए कहा था लेकिन वह नहीं आये। सरकार गिराने में पायलट की भूमिका सामने आने के बाद उनके खिलाफ कांग्रेस नेताओं में काफी नाराजगी है तथा वह नहीं चाहते कि पायलट वापस आये क्योकि उनके आने के बाद गुटबाजी फिर बढ सकती है।

श्री पायलट सहित उनके समर्थक 19 विधायको को विधायक दल की बैठक में नहीं आने के कारण व्हीप का उल्लंघन करने का नोटिस जारी किया गया हैं। इस मुद्दे पर कांग्रेस के कुछ नेताओं का मानना है कि व्हीप का उल्लंघन करने पर श्री पायलट की सदस्यता जा सकती हैं। व्हीप का उल्लंघन करने के मामले में भाजपा नेता भी पायलट के पक्ष में आये है तथा कहा है कि बैठक विधानसभा के बाहर होने के कारण व्हीप का मामला नहीं बनता है।

इधर सरकार गिराने के षडयंत्र की खबरो के बीच कांग्रेस विधायको का एक पांच सितारा होटल में जमावडा बना हुआ हैं तथा कुछ दिन और यह स्थिति रह सकती है। श्री पायलट के समर्थक विधायको को हरियाणा के एक रिसोर्ट में ठराया गया बताया हैैं लेकिन उनकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आयी हैं।

अदालत पहुंचा पायलट खेमा, विधायकों को अयोग्य करार देने संबंधी नोटिस को दी चुनौती

बागी विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य करार देने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी नोटिस को सचिन पायलट खेमे ने राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पायलट सहित कांग्रेस के 19 विधायकों को भेजे गए इस नोटिस पर न्यायमूर्ति सतीश चन्द्र शर्मा की अदालत में सुनवाई होगी।

कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी कि इन 19 विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल होने के पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को सभी को नोटिस जारी किया।

पायलट खेमे के विधायकों का कहना है कि पार्टी का व्हिप सिर्फ तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो।

विधानसभा अध्यक्ष को भेजी गयी शिकायत में कांग्रेस ने पायलट और अन्य बागी विधायकों के खिलाफ संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है।

इस प्रावधान के तहत अगर कोई विधायक अपनी मर्जी से उस पार्टी की सदस्यता छोड़ता है, जिसका वह प्रतिनिधि बनकर विधानसभा में पहुंचा है तो वह सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाता है।

विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी को लिखे पत्र में कांग्रेस ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय ने अतीत में ‘स्पष्ट रूप’’ से यह फैसला दिया है कि यह प्रावधान उस वक्त प्रभावी होता है जब विधायक का व्यवहार इस स्तर पर पहुंच जाए।

जिन लोगों को नोटिस भेजा गया है उनमें विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा भी हैं। अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत को लेकर सचिन पायलट के साथ इन्हें भी कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।

नोटिस पाने वाले अन्य विधायकों में दीपेन्द्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा और हरीश चन्द्र मीणा भी शामिल हैं। इन्होंने भी गहलोत सरकार को चुनौती देते हुए मीडिया में बयान दिए थे।

साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस द्वारा अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही सचिन पायलट कुछ नाराज चल रहे थे।

राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 और भाजपा के पास 72 विधायक हैं।

बलात्कारी पत्रकार प्यारे मियां उर्फ़ अब्बा को भोपाल लाया गया,अफकार का पंजीयन निरस्त करने का कलेक्टर ने लिखा गया पत्र attacknews.in

भोपाल, 16 जुलाई ।मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म और अन्य मामलों में फरार कुख्यात आरोपी प्यारे मियां को श्रीनगर से गिरफ्तार करने के बाद आज भोपाल लाया गया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार प्यारे मियां को सख्त सुरक्षा इंतजामों के बीच यहां पुलिस अधिकारियों ने प्रारंभिक स्तर में पूछताछ की और शीघ्र ही उसे अदालत में पेश किए जाने की संभावना है।

नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म का आरोपी भोपाल का अखबार मालिक गिरफ्तार

श्रीनगर से खबर है कि मध्यप्रदेश में छह नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के मामले में भोपाल के एक अखबार के मालिक प्यारे मोहन को यहां गिरफ्तार किया गया ।

आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि भोपाल पुलिस को प्यारे मियां की तलाश थी। एक खुफिया सूचना के आधार पर भाेपाल से पुलिस की टीम मंगलवार की रात दिल्ली के लिए रवाना हुई और दूसरे दिन बुधवार को दिल्ली से फ्लाइट के जरिए श्रीनगर पहुंची।

अफकार का पंजीयन निरस्त करने लिखा गया पत्र

गंभीर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के आरोपी प्यारे मियां के प्रभुत्व वाले हिंदी दैनिक अफकार का पंजीयन निरस्त करने के लिए भोपाल जिला कलेक्टर ने भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक कार्यालय को पत्र लिखा है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कलेक्टर ने पत्र में लिखा है कि प्यारे मियां के खिलाफ यहां गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं और ये मामले जांच में हैं। पत्र में लिखा गया है कि इस स्थिति के बीच समाचार पत्र दैनिक अफकार का पंजीयन निरस्त करना उचित प्रतीत रहेगा।

गुना में दलित परिवार की पिटाई मामले में छह पुलिस वाले निलंबित,मानवाधिकार आयोग ने जांच शुरू की attacknews.in

गुना, 16 जुलाई । मध्यप्रदेश के गुना जिले के जनगपुर गांव में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान एक दलित दंपति से मारपीट के मामले में आज छह पुलिस कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया।

पुलिस के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार पुलिस ने इस मामले में दोषी छह पुलिस कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई की है। जिसमें कैंट थाने के उप निरीक्षक अशोक सिंह कुशवाहा, आरक्षक राजेन्द्र शर्मा, आरक्षक पवन यादव, आरक्षक नरेन्द्र रावत, महिला आरक्षक नीतू यादव, रानी रघुवंशी को निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान इनका मुख्यालय पुलिस लाइन गुना होगा।

भाजपा के शासन में पुलिस हुई निरंकुश: नरेंद्र सिंह

प्रयागराज,से खबर है कि ,समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता नरेन्द्र सिंह ने मध्य प्रदेश के गुना में किसान परिवार के साथ की गई पुलिस कार्रवाई को बर्बरता की पराकाष्ठा बताते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जनात पार्टी (भाजपा) के शासन में पुलिस निरंकुश हो चुकी है।

श्री सिंह ने गुरूवार को गुना की घटना की घोर निंदा करते हुए कहा है कि अन्नदाता के साथ इस तरह का बर्ताव साबित करता है कि भाजपा पूंजीपतियों के हाथ की कठपुतली बन गयी है। इस सरकार की संवेदना मर चुकी है। किसानों के साथ लगातार अत्याचार की घटनाएँ बढ़ रही है । कोरोना जैसी महामारी के समय किसानों के साथ रहम और सुविधाएं उपलब्ध कराने की जगह उन्हे बेदखल किया जाना अन्याय है।

आयोग ने गुना में दलित की पिटाई पर संज्ञान लिया

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने गुना में मंगलवार को दलित की पिटाई के मामले में संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियाें से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार आयोग ने गुना जिले के जगनपुर चक में साइंस काॅलेज के लिये आवंटित भूमि में कब्जा हटाने के दौरान बीते मंगलवार को एक दलित दम्पत्ति की पिटाई के मामले में पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर, पुलिस अधीक्षक गुना तथा कलेक्टर गुना से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश में कानून का राज है-नरोत्तम

इधर मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ़ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कानून का राज है जो लापरवाही करेगा उसे बख्शा नहीं जायेगा।

डॉ मिश्रा ने ट्वीट के माध्यम से कहा है ‘कांग्रेस ने हमेशा से गरीबों और किसानों को छला है। गरीबी हटाओ का नारा देकर दशकों तक राज किया और देश में गरीबों की संख्या बढ़ती चली गई। किसानों को कर्ज माफी का वचन देकर मध्यप्रदेश में 15 महीने सरकार चलाई, लेकिन वादा भूल गई। गुना की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर हमने तुरंत एक्शन लिया है।

उन्होंने कहा मध्यप्रदेश में कानून का राज है, जो लापरवाही करेगा, उसे नाप दिया जाएगा। गुना में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जानकारी मिलते ही हमने त्वरित कार्रवाई की। ये राहुलगांधी की कांग्रेस सरकार नहीं है, जहां अधिकारी प्रीपेड व्यवस्था से नियुक्त होते थे ’।

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमितों की वास्तविक संख्या केवल 3,31,146 है,रोगियों की वास्तविक संख्या संक्रमण के कुल मामलों का लगभग एक तिहाई attacknews.in

कोविड-19 के 6.1 लाख से अधिक रोगी स्वस्थ हो चुके हैं

नईदिल्ली 16 जुलाई । कोविड-19 की रोकथाम, उसे सीमित करने और संक्रमित लोगों के उपचार की व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार के साथ ही राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा ‘संपूर्ण सरकार’ की कार्यनीति के तहत एक ग्रेडेड और सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया गया है। कोविड-19 के संबंध में किए जा रहे सामूहिक प्रयासों की उच्चतम स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा और निगरानी की जाती है।

कोविड-19 की रोकथाम को लेकर किए गए लक्षित उपायों की वजह से इसके संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। आज की तारीख में देश में कोविड -19 रोगियों की वास्तविक संख्या केवल 3,31,146 है। यह अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए कुल मामलों के एक तिहाई (34.18%) से थोड़ा अधिक हैं।

कोविड-19 मरीजों की वास्तविक संख्या घर-घर सर्वेक्षण, परिधि नियंत्रण गतिविधियों, संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वालों का समय-समय पर पता लगाने तथा कैंटेनमेंट ज़ोन की निगरानी, तेजी से परीक्षण तथा समय रहते निदान और देखभाल प्रोटोकॉल के अच्छी तरह से लागू मानक के माध्यम से मध्यम से गंभीर मामलों में उपचार सहित इसकी रोकथाम के लिए किए गए सक्रिय उपायों की वजह से सीमित है और इनका इलाज हो रहा है। इन उपायों की वजह से कोविड-19 रोगियों के उपचार के बाद स्वस्थ होने की संभावना काफी हद तक बढ़ गई है।

केंद्र और राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों के संयुक्त प्रयासों से परीक्षण क्षमता में वृद्धि, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार, एसएआरआई / आईएलआई मामलों में निगरानी को प्राथमिकता और बुजुर्ग तथा सह-रुग्णताओं वाले लोगों की पहचान सुनिश्चित करने की वजह से पूरे भारत में कोविड-19 के मरीजों के उपचार के बाद स्वस्थ होने की दर में निरंतर तेजी देखी जा रही है।

जैसा कि नीचे दिए गए ग्राफ के आंकड़ें बताते हैं, स्वस्थ होने की दर के 50% का आंकड़ा पार करने के बाद जून 2020 के मध्य से रोगियों के ठीक होने की संख्या में लगातार वृद्धि और सक्रिय मामलों की संख्या में निरंतर गिरावट देखी जा रही है। कोविड-19 के कुल रोगियों में से अब तक 63.25% रोगी ठीक हो चुके हैं। इसके साथ ही, जून 2020 के मध्य में लगभग 45% सक्रिय मामलों में से आज अभी तक यह घटकर लगभग 34.18% तक पहुंच गई है।

पिछले 24 घंटों में कोविड संक्रमण से कुल 20,783 लोग ठीक हुए हैं जिससे इस बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की कुल संख्या 6,12,814 हो गई है। इस बीमारी से ठीक होने वालों और इससे ग्रसित लोगों की संख्या के बीच का अंतर बढ़कर 2,81,668 हो गया है।

कोविड-19 से संक्रमित लोगों के उपचार के लिए अस्पताल के बुनियादी ढांचे में श्रेणी I के तहत 1381 समर्पित कोविड अस्पताल, श्रेणी II के तहत 3100 समर्पित कोविड देखभाल केंद्र, श्रेणी III के तहत 10,367 कोविड देखभाल केंद्र शामिल हैं। इन सभी अस्पतालों में कुल मिलाकर 46,666 आईसीयू बेड हैं।

केंद्र और राज्यों के बीच सहयोगात्मक रणनीति से यह भी सुनिश्चित हुआ है कि देश में कोविड मामलों में वृद्धि प्रतिबंधित क्षेत्र तक ही सीमित है। केवल दो राज्य- महाराष्ट्र और तमिलनाडु में ही देश में कोविड के कुल सक्रिय मामलों का 48.15% हिस्सा है। कुल 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से केवल 10 राज्य में ही कुल सक्रिय मामलों का 84.62% हिस्सा मौजूद है। केंद्र सरकार इस बीमारी की रोकथाम और इससे पीड़ित लोगों के प्रभावी नैदानिक प्रबंधन के मामलों में इन 10 राज्यों को लगातार मदद कर रही है।

कोविड-19 से संबंधित तकनीकी मुद्दों, दिशा-निर्देशों एवं परामर्शों पर सभी प्रामाणिक और अद्यतन जानकारी के लिए कृपया नियमित रूप से
https://www.mohfw.gov.in/ और @MoHFW_INDIA देखें।

कोविड-19 से संबंधित तकनीकी सवाल technicalquery.covid19@gov.in और अन्य सवाल ncov2019@gov.in एवं @CovidIndiaSeva पर भेजे जा सकते हैं।

कोविड-19 को लेकर यदि कोई सवाल हो तो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर: + 91-11-23978046 या 1075 (टोल-फ्री) पर कॉल करें। राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के हेल्पलाइन नंबरों की सूची भी
https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronvavirushelplinenumber.pdf परउपलब्ध है।

पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को भारतीय राजनयिक के साथ नहीं करने दी अकेले में बातचीत, फिर अटकाया रोड़ा attacknews.in

नयी दिल्ली 16 जुलाई । पाकिस्तान की जेल में जासूसी के आरोप में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से स्वतंत्र बातचीत में पाकिस्तान एक फिर रोड़ा अटकाया और जाधव मामले के कॉन्सुलर को उनसे स्वतंत्र बातचीत नहीं करने दी गयी।

जाधव पाकिस्तान की जेल में वर्ष 2016 से बंद है और पिछले एक साल में भारत ने पाकिस्तान से 12 से अधिक बार जाधव को अप्रभावित और बिना शर्त के कॉन्सुलर पहुंच प्रदान करने के लिए अनुरोध किया है।

कुलभूषण जाधव: पाक ने भारत को दिया सशर्त कॉन्सुलर ऐक्सेस

इस्लामाबाद, से खबर है कि , पाकिस्तान ने आखिरकार अपनी जेल में बंद भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव से मिलने के लिए दूसरी बार भारतीय उच्चायुक्त को सशर्त मंजूरी दी है। इसके बाद भारतीय उच्चायोग के अधिकारी वकीलों के साथ विदेश मंत्रालय पहुंचे।

दरअसल, पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार देर शाम श्री जाधव को मौत की सजा के खिलाफ अपील करने की अनुमति दे दी थी। अब भारतीय अधिकारी श्री जाधव की पुनर्विचार याचिका पर हस्‍ताक्षर करेंगे।

पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग को दूसरी बार राजनयिक पहुंच की इजाजत दी है। जाधव से मुलाकात के लिए पाकिस्तान ने कुछ शर्तें भी रखी। मुलाकात के दौरान भारतीय अधिकारी और श्री जाधव को अंग्रेजी में बात करनी होगी और पाकिस्तानी अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहेंगे।

पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार देर शाम कहा था कि अपील और समीक्षा याचिका को जाधव या उनके कानूनी प्रतिनिधि या इस्‍लामाबाद में भारत के काउंसलर अधिकारी दायर कर सकते हैं।

इससे पहले पाकिस्तान ने कहा था कि मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय कैदी श्री जाधव ने सैन्य अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के खिलाफ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में अपील दायर करने से इनकार कर दिया है। भारत ने पाकिस्तान के इस दावे को ‘स्वांग’ करार दिया है ।

गौरतलब है कि ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोपों पर अप्रैल 2017 में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने श्री जाधव मौत की सजा सुनाई थी। इसके कुछ हफ्ते बाद भारत ने श्री जाधव को राजनयिक पहुंच नहीं दिए जाने और मृत्युदंड को चुनौती देते हुए आईसीजे का रुख किया था।

दरअसल, 1963 में बनी संयुक्त राष्ट्र संघ की ‘विएना कन्वेन्शन ऑन कॉन्सुलर रिलेशंस’ संधि के मुताबिक अगर किसी देश में किसी दूसरे देश के नागरिक को जासूसी या आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है, तो उसे उसके देश के राजनयिक से मिलने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

पाकिस्तान इसी के आधार पर भारत को कॉन्सुलर एक्सेस की इजाजत नहीं दे रहा था क्योंकि उसका दावा है कि श्री जाधव भारतीय जासूस हैं। भारत हालांकि इस आरोप को खारिज करता है और इसीलिए कॉन्सुलर ऐक्सेस की मांग करता है।

भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान से कहा है कि वो बिना किसी शर्त के जेल में कैद भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना अधिकारी श्री जाधव से बातचीत करने का मौका दे।

इससे पहले भारत ने कहा था कि वो इस मामले में कानूनी विकल्पों को टटोल रहा है।

दरअसल, पाकिस्तान ने दावा किया था कि सैन्य अदालत से मौत की सजा पाए श्री जाधव ने पुनर्विचार याचिका दायर करने से इनकार कर दिया है। भारत के सख्त रुख के बाद पाकिस्तान पलट गया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जाधव को मौत की सजा के खिलाफ अपील करने की इजाजत दे दी है।

भारत ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्थिति में कोई भी बदलाव नहीं किया; भारतीय सेना का बयान: पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल, लगातार सत्यापन की जरूरत attacknews.in

नयी दिल्ली ,16 जुलाई । भारत ने आज कहा कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों के बीच कुछ विशिष्ट बिन्दुओं पर पहले से बनी चौकियों पर अपनी अपनी सेना की सीमित एवं नियमित तैनाती करने को लेकर सहमति बनी है जिससे एलएसी भारत की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां नियमित ब्रीफिंग में कहा कि दोनों पक्षों के बीच इस सहमति की गलत व्याख्या नहीं की जानी चाहिए। भारत की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया है और हम एलएसी के सम्मान को लेकर पूर्णत: प्रतिबद्ध हैं।

चीनी सीमा पर स्थिति को लेकर पूछे गये एक सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिमी सेक्टर पर सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया जारी है, विशेष रूप से जहां टकराव जैसी स्थिति बन गयी थी। यह प्रक्रिया दोनों देशों के वरिष्ठ कोर कमांडरों के बीच कायम सहमति के आधार पर हो रही है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हो गये हैं कि एलएसी के दोनों ओर नियमित चौकियों पर सैनिकों की तैनाती की जायेगी। दोनों पक्ष पारस्परिक सहमति से ये कदम उठा रहे हैं और यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।

प्रवक्ता ने कहा कि परस्पर सैनिकों की इस तैनाती की गलत ढंग से व्याख्या नहीं की जानी चाहिए। एलएसी पर सेनाओं के हटने की प्रक्रिया काफी जटिल होती है और इसलिए निराधार एवं तथ्यहीन रिपोर्टों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। एलएसी पर भारत की पोजिशन में कोई बदलाव नहीं आया है। हम एलएसी के सम्मान को लेकर पूर्णत: प्रतिबद्ध हैं। एलएसी पर इकतरफा ढंग से यथास्थिति बदलने का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य है।

इससे पहले दिन में रक्षा मंत्रालय ने यहां एक बयान में बताया कि भारतीय सेना और चीन की जनमुक्ति सेना पीएलए के कमांडरों के बीच चौथे दौर की वार्ता के लिए 14 जुलाई 2020 को एक बैठक का आयोजन भारतीय इलाके चुशूल में किया गया।

बयान में कहा गया कि वरिष्ठ कमांडरों ने पहले चरण में सीमा से सेनाओं को पीछे हटाने के लिए हुई बातचीत के कार्यान्वयन पर हुई प्रगति की समीक्षा की और पूरी तरह सीमाओं से सेनाओं को पीछे हटाने के कदमों को सुनिश्चित करने पर चर्चा की।

बयान के अनुसार दोनों पक्ष पूरी तरह से पीछे हटने के उद्देश्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं। प्रक्रिया जटिल है और इसमें लगातार सत्यापन की जरूरत है। दोनों पक्ष इसे राजनयिक और सैन्य स्तर पर नियमित बैठकों के माध्यम से आगे बढ़ा रहे हैं।

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच मध्य जून में हुए खूनी टकराव के बाद गत पांच जुलाई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एवं चीन के विदेश मंत्री एवं स्टेट काउंसलर वांग यी के बीच करीब दो घंटे से अधिक समय तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीमावर्ती इलाकों से सेनाएं हटाने को लेकर सहमति कायम हुई थी। यह भी सहमति बनी थी कि चरणबद्ध तरीके से विसैन्यीकरण की जटिल प्रक्रिया को धैर्य एवं सावधानी से पूरा किया जाएगा।

पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल, लगातार सत्यापन की जरूरत: भारतीय सेना

भारत और चीन के बीच चौथे चरण की सैन्य बातचीत के बाद भारतीय सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पूरी तरह से पीछे हटने की प्रक्रिया ‘‘जटिल’’ है और इसके लगातार सत्यापन की जरूरत है।

सेना ने कहा कि भारत और चीन सेना के वरिष्ठ कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने के पहले चरण के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की तथा क्षेत्र से सैनिकों की पूर्ण वापसी सुनिश्चित करने के लिये आगे के कदमों पर चर्चा की।

कमांडरों के बीच चौथे चरण की वार्ता वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सीमा के अंदर चुशुल में एक निर्धारित बैठक स्थल पर मंगलवार पूर्वाह्न करीब 11 बजे शुरू हुई और बुधवार तड़के दो बजे तक चली। इस दौरान सैनिकों की वापसी की जटिल प्रक्रिया के तौर-तीरों को लेकर व्यापक चर्चा की गई।

भारतीय सेना ने एक बयान में कहा,‘‘ वरिष्ठ कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने के पहले चरण के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की क्षेत्र से सैनिकों का पूरी तरह से हटना सुनिश्चित करने के लिये आगे के तरीकों पर चर्चा की गई।’’

सेना का बयान:

भारत और चीन के बीच 14 जुलाई को हुई सैन्य स्तर की बैठक

भारत और चीन एलएसी पर मौजूदा स्थिति को दूर करने के लिए स्थापित सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत कर रहे हैं।

पीएलए और भारतीय सेना के कमांडरों के बीच चौथे दौर की वार्ता के लिए 14 जुलाई 2020 को एक बैठक का आयोजन भारतीय इलाके चुशूल में किया गया।

सीमा से सेनाओं को पीछे हटाने के लिए  05 जुलाई को हुई सहमति के अनुरूप ही भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच बातचीत हुई।

वरिष्ठ कमांडरों ने पहले चरण में सीमा से सेनाओं को पीछे हटाने के लिए हुई बातचीत के कार्यान्वयन पर हुई प्रगति की समीक्षा की और पूरी तरह सीमाओं से सेनाओं को पीछे हटाने के कदमों को सुनिश्चित करने पर चर्चा की।

दोनों पक्ष पूरी तरह से पीछे हटने के उद्देश्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं। प्रक्रिया जटिल है और इसमें लगातार सत्यापन की जरूरत है। दोनों पक्ष इसे राजनयिक और सैन्य स्तर पर नियमित बैठकों के माध्यम से आगे बढ़ा रहे हैं।

कर्नल अमन आनंद

पीआरओ (आर्मी)

भारत में बुधवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या हुई 9.61 लाख के पार,24,865 मरीजों की मौत, रिकवरी दर 64 फीसदी रही attacknews.in

नयी दिल्ली, 15 जुलाई ।देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के मामले बुधवार की रात 9.60 लाख के करीब पहुंच गये लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर 63 फीसदी से अधिक हो गयी है यानी अब तक छह लाख से अधिक लोग इस महामारी से निजात पा चुके हैं।

देश में आज मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 63.52 फीसदी पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर महज 2.59 फीसदी रही। मंगलवार को संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर 63.22 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.60 प्रतिशत रही। पिछले एक सप्ताह में मरीजों के स्वस्थ होने की दर में तीन फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।

देश में तीन मई को कोरोना रिकवरी दर 26.59 प्रतिशत थी जो 31 मई को बढ़कर 47.40 प्रतिशत हो गई और इसमें लगातार इजाफा हो रहा है।

‘कोविड19इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 9,61,993 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है जबकि सुबह यह संख्या 936181 थी। अब तक कुल 609831 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 24865 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 324908 सक्रिय मामलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि सक्रिय मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या 2.84 लाख से अधिक हो चुकी है। इससे यह भी साफ है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के जितने मरीज आये हैं, उनमें से आधे से अधिक पूरी तरह बीमारी से निजात पा चुके हैं। समय पर कोरोना के संदिग्ध मामलों की जांच और उनके सही तरीके से इलाज की अहम भूमिका रही।

इस बीच, कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में फिर संपूर्ण लॉकडाउन अथवा जनता कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाये जा रहे हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में राज्य सरकारें अपने स्तर से भी कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन या पूर्णबंदी या फिर जनता कर्फ्यू लागू कर रही हैं।

देश भर में काेरोना वायरस कोविड-19 की जांच करने वाली लैब की संख्या बढ़कर 1,223 हो गयी है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण की जांच करने वाले लैब की सूची में 17 लैब और जुड़ गयी हैं। इनमें मंगलवार को कोराेना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए रिकॉर्ड 320161 स्वाब की जांच की गयी। इस तरह अब तक कुल 12412664 नमूनों की जांच की जा चुकी है।

देश में प्रति 10 लाख की आबादी पर कोरोना वायरस संक्रमण और इससे होने वाली मौतें विश्व के अन्य देशों की तुलना में काफी कम हैं और उनके मुकाबले भारत अभी बेहतर स्थिति में है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी राजेश भूषण ने बताया कि विश्व में प्रति 10 लाख की आबादी में कोरोना वायरस मामलों का औसत 1638 व्यक्ति हैं जबकि भारत में यह 637 है और आंकड़ों के लिहाज से रूस और अमेरिका में भारत की तुलना में क्रमश: सात तथा 14 गुना अधिक मामले सामने आ रहे हैं। रूस में 5028 प्रति 10 लाख और अमेरिका में 9746 मामले प्रति 10 लाख मामले सामने आ रहे हैं। ब्राजील और स्पेन में यह संख्या 8656 और 5421 प्रति 10 लाख हैं।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की संख्या भी भारत में विश्व की तुलना में काफी कम है और वैश्विक औसत 73 मौतें प्रति 10 लाख की तुुलना में भारत का आंकड़ा मात्र 17.2 व्यक्ति है। ब्रिटेन में यह आंकड़ा 660, स्पेन में 607, अमेरिका में 406, ब्राजील में 336 और मैक्सिको में 269 व्यक्ति प्रति 10 लाख है।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के मामले में पूरे विश्व में भारत तीसरे स्थान पर है।

दिल्ली में कोरोना के 1647 नये मामले, स्वस्थ हुए 2463

राजधानी में कोरोना वायरस को मात देने वालों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है और रविवार को लगातार आठवें दिन नये मामल़ों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या अधिक रही।

स्वास्थ्य मंत्रालय के पिछले 24 घंटों के आंकड़ों के अनुसार नये मामले 1647 रहे जबकि 2463 ने वायरस को शिकस्त दी।

दिल्ली में कुल संक्रमितों का आंकडा हालांकि एक लाख 16 हजार 993 पर पहुंच गया जबकि इसमें से स्वस्थ होने वालों की कुल संख्या 2463 बढ़कर 95699 अर्थात 81.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
नौ जुलाई को रिकार्ड 4027 मरीज ठीक हुए थे।
पिछले 24 घंटों में 41 और लोगों की मौत के साथ ही मृतकों की कुल संख्या 3487 पर पहुंच गयी।
इस दौरान निषिद्ध जोनों की संख्या 659 रही।
सात जुलाई को नये मामले घटकर 1379 रहे थे। इससे पहले दिल्ली में 23 जून को 3947 एक दिन के सर्वाधिक मामले आए थे।

महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद दिल्ली तीसरा राज्य है जहां संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख से अधिक है। महाराष्ट्र में वायरस का आंकड़ा पौने तीन लाख से भी अधिक है।

दिल्ली में सक्रिय मामल़ों की संख्या भी आज घटकर 17807 रह गई।कोरोना जांच में पिछले कुछ दिनों में आई तेजी से कुल जांच का आंकड़ा 7,36,436 पर पहुंच गया। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में 22528 जांच की गई। इसमें आरटीपीसीआर जांच 6564 और रैपिड एंटीजेन जांच 15964 थी। दिल्ली में 10 लाख की जनसंख्या पर जांच का औसत 38759 है।

दिल्ली सरकार के कुल कोरोना बेड की संख्या 15363 है जिसमें से 4021 पर मरीज हैं जबकि 11342 खाली हैं।

तमिलनाडु में कोरोना मामले डेढ़ लाख के पार, एक लाख से अधिक स्वस्थ

तमिलनाडु में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और 4496 रिकॉर्ड मामले सामने आने के बाद बुधवार को संक्रमितों की संख्या 1.50 लाख के पार पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि स्वस्थ लोगों की संख्या बढ़कर एक लाख से अधिक हो गयी है।

राहत की बात यह है कि राज्य में संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर 67.39 फीसदी पहुंच गयी है जबकि मृत्यु दर महज 1.42 प्रतिशत है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में संक्रमितों की संख्या 151820 हो गयी है। पिछले 24 घंटों के दौरान 68 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 2167 हो गयी है।

सूत्रों के मुताबिक इस दौरान 5000 और मरीज स्वस्थ हुए हैं और इसके बाद ठीक हुए मरीजों की संख्या बढ़कर 102310 हो गयी है। राज्य में फिलहाल 47340 सक्रिय मामले हैं।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों में तमिलनाडु देश में महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है।

महाराष्ट्र में कोरोना मामले पौने तीन लाख के पार, डेढ़ लाख से अधिक स्वस्थ

देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में दिनों-दिन स्थिति गंभीर होती जा रही है और पिछले 24 घंटों के दौरान 7975 रिकॉर्ड नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बुधवार की रात बढ़कर पौने तीन लाख के पार पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों की रिकवरी दर बढ़कर 55 फीसदी से अधिक हो गयी है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में अब तक 275640 लोग इस महामारी की चपेट में आए हैं। इस दौरान 233 और लोगों की इससे मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 10928 हो गयी है। राज्य में इस अवधि में 3606 लोग रोगमुक्त हुए हैं जिसके बाद स्वस्थ होने वालों की कुल संख्या 152613 हो गयी है।

बंगाल में कोरोना मामले 35000 के करीब, 1000 की मौत

पश्चिम बंगाल में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस (कोविड-19) के 1589 नये मामले सामने आने के बाद बुधवार को संक्रमितों की संख्या बढ़कर 35000 के करीब पहुंच गयी तथा 20 और लोगों की मौत के साथ ही मृतकों का आंकड़ा 1000 हो गया।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक संक्रमितों की संख्या बढ़कर 34427 हो गयी है। इस दौरान 749 और संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने के बाद रोगमुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 20680 हो गयी है।

सूत्रों ने बताया कि राज्य में फिलहाल 12747 सक्रिय मामले हैं जिनका विभिन्न अस्पतालों में इजाज किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश में 638 नए मामले आए सामने,संक्रमितों की संख्या 20 हजार के करीब,682 मरीजों की मौत उज्जैन में हरेक संडे लाॅकडाउन का निर्णय attacknews.in

मध्यप्रदेश में 638 नए मामले आए सामने,संक्रमितों की संख्या 20 हजार के करीब,682 मरीजों की मौत उज्जैन में हरेक संडे लाॅकडाउन का निर्णय

भोपाल, 15 जुलाई ।मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के 638 नए मामले सामने आने के बाद कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 20 हजार के पास पहुंच गयी है। सक्रिय केस यानी उपचाररत मरीजों की संख्या भी आज पांच हजार पार कर गयी।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से आज रात जारी बुलेटिन के अनुसार 18783 सैंपल की जांच में 638 व्यक्ति पॉजीजिव पाए गए। कुल संक्रमितों की संख्या 19643 हो गयी है। आज कुल नौ लोगों की मौत दर्ज किए जाने के बाद कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 682 हो गयी है। इस अवधि में 333 व्यक्ति स्वस्थ हुए और अभी तक कुल 13908 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं।

मध्यप्रदेश में लॉकडाउन लागू करने संबंधी खबर का खंडन किया सरकार ने

मध्यप्रदेश में कल से लॉकडाउन लागू करने संबंधी सोशल मीडिया में चल रही खबर को आज राज्य सरकार ने पूरी तरह निराधार बताया है।

उच्च पदस्थ सूत्रों ने यहां बताया कि प्रदेश में लॉकडाउन को लेकर शासन द्वारा फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सोशल मीडिया में प्रदेश में कल से लॉकडाउन लागू होने संबंधी खबर पूरी तरह निराधार है।

दरअसल मध्यप्रदेश में पिछले पंद्रह दिनों के दौरान कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। कल रात स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार 798 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या 19905 हो गयी है। इनमें से 673 लोगों की मौत हुयी है और 13575 मरीज संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। अब राज्य में एक्टिव केस 4757 हैं। हालाकि पंद्रह दिन पहले एक्टिव केस 2500 से कुछ अधिक थे। एक्टिव केस की संख्या बढ़ना ही सबके लिए चिंता की खबर है, हालाकि मरीजों के ठीक होने की दर भी 70 प्रतिशत से अधिक है।

वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं प्रतिदिन कोरोना मामलों की समीक्षा कर रहे हैं और वे इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से जानकारी हासिल कर आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं। इसके अलावा जिला और तहसील स्तर पर भी आपदा प्रबंधन समूह बने हुए हैं, जिनमें संबंधित प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल हैं। वे स्थानीय स्थितियों की बारीकी से समीक्षा करने के बाद प्रतिबंध लगाने के संबंध में निर्णय ले रहे हैं।

इन दिनों ग्वालियर और मुरैना जिलों में कोरोना के मामले तेजी से प्रकाश में आने के कारण वहां ज्यादा सख्ती बरती जा रही है। इंदौर और भोपाल तथा इन जैसे कुछ अन्य जिलों में भी स्थिति पर सरकार लगातार निगाह रखे हुए है।

शिवपुरी में मिले चार कोरोना पॉजिटिव

शिवपुरी जिले में चार और कोरोना पॉजिटिव सामने आने के बाद अब इनकी संख्या बढ़कर 181 हो गई है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय की ओर से कल रात जारी किए गये कोरोना बुलेटिन में चार और लोग कोरोना से संक्रमित पाए गये। इन्हें मिलाकर जिले में 181 कोरोना मरीज हो गये है। इन मरीजों में 82 कोरोना मरीज अस्पताल में स्वस्थ होकर घर जा चुके है।

नीमच जिले में मिले आठ कोरोना पॉजिटिव

नीमच जिले मेें आठ और कोरोना के नये मामले सामने आये है।आधिकारिक जानकारी के अनुसार यहां स्थित लैब से कल रात 39 रिपोर्ट मिले और इनमें से 31 नेगेटिव औऱ 8 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। यह सभी कोरोना संक्रमित मरीज नीमच शहर क़े निवासी है। इन्हें मिला कर जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 514 हो गई है। जबकि 10 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है।

इंदौर जिले में मिले कोरोना के 93 नये मामले

इंदौर जिले में ‘कोविड 19’ के 93 नये मामले आने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 5496 हो गई। राहत की खबर है कि इनमें से अब तक 4074 संक्रमित स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं जिसके बाद यहाँ एक्टिव केस की संख्या 1144 है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ प्रवीण जड़िया ने कल रात बुलेटिन जारी कर बताया कि जाँचे गये 3158 सैंपलों में 93 संक्रमित पाये गये हैं। जबकि 2298 सैम्पल जांच के लिये प्राप्त हुये हैं। डॉ जड़िया ने बताया कि अब तक कुल 108480 (एक लाख 8 हजार 480) जांच रिपोर्ट प्राप्त हुयी हैं। जिसमें कुल संक्रमितों की संख्या 5496 है।

उधर पाँच लोगों की मौत के बाद वायरस से मरने वालों की संख्या 278 तक जा पहुंची है। अब तक संस्थागत क्वारेंटाइन सेंटरों से भी 4825 संदेहियों को स्वस्थ पाये जाने पर छुट्टी दी जा चुकी है।

सीहोर में कोरोना के 11 नए मरीज मिले

सीहोर जिले में आज 11 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजीटिव प्राप्त हुई, जिसके बाद कुल एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 52 हो गयी है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुधीर डेहरिया के अनुसार पाजिटिव रिपोर्ट में नसरूल्लागंज विकासखण्ड से 4 व्यक्ति है, जिसमें नसरूल्लागंज के वार्ड नंबर 15 से 3 व्यक्ति तथा इमली चौक ग्राम वासुदेव से 1 व्यक्ति शामिल है। आष्टा विकासखण्ड के 4 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है, जिसमें अलीपुर आष्टा से 3 व्यक्ति तथा ईदगाह कालोनी से 1 व्यक्ति शामिल है।

उज्जैन जिले में प्रति रविवार लॉकडाउन रहेगा

उज्जैन जिले में कोरोना मरीजों के वृद्धि को देखते हुए जिले भर में प्रति रविवार लॉकडाउन लागू रहेगा।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिला आपदा प्रबंधन समिति की आज यहां आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह मौजूद थे ।

शिवपुरी में 10 नए कोरोना पॉजिटिव

शिवपुरी जिले में आज एक बार फिर से 10 मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के साथ ही कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 191 हो गयी है, जिनमें 2 ग्रामीण क्षेत्रों से हैं तथा शेष शिवपुरी शहर के विभिन्न इलाकों के हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय शिवपुरी से आज रात जारी बुलेटिन में बताया गया है कि आज 10 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिसके बाद कुल मरीजों की संख्या 191 हो गयी। इसमें से 82 मरीज अभी तक स्वस्थ हो चुके हैं। पिछले दिनों से लगातार शिवपुरी में पॉजिटिव मरीज निकलने के कारण पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। हालांकि अधिकांश मरीज स्वस्थ भी होते जा रहे हैं।

सागर में 8 नए लोगों में कोरोना संक्रमण

सागर जिले में आज आठ नए लोगों में कोरोना संक्रमण पाए जाने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर ब 465 तक पहुंच गयी।

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज से आज प्राप्त जांच रिपोर्ट में 8 नए मरीज मिले। इसे मिलाकर अब तक कुल 465 कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके है, जिनमें से 371 मरीज स्वस्थ होकर घर पहुँच चुके हैं। नए मरीजों में 53 वर्षीय महिला वल्लभनगर वार्ड, 50 वर्षीय पुरूष शास्त्री वार्ड, 52 वर्षीय पुरूष लाजपतपुरा वार्ड, 50 वर्षीय पुरूष मोतीनगर, 82 वर्षीय पुरूष मोतीनगर, 60 वर्षीय पुरूष गोपालगंज, 50 वर्षीय महिला एवं 32 वर्षीय पुरूष गोपालगंज जिला सागर शामिल हैं।

मरीजों का इलाज करते- करते भारत में कोरोना वायरस से 99 डाक्टरों की मौत,1302 संक्रमण की चपेट में आए attacknews.in

नयी दिल्ली, 15 जुलाई ।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 से देश में 99 डॉक्टरों की मौत हुई है।

आईएमए के राष्ट्रीय कोविड रजिस्ट्री डाटा के मुताबिक कोविड-19 से कुल 1302 डॉक्टर संक्रमित हुए हैं । इसमें 99 डॉक्टरों की मौत हो गयी । मृतकों में 73 डॉक्टरों की उम्र 50 साल से अधिक थी, 19 की उम्र 35-40 के बीच थी और सात डॉक्टर 35 साल से कम उम्र के थे।

आईएमए ने एक बयान में कहा, ‘‘आईएमए ने डॉक्टरों और चिकित्सा प्रशासकों से एहतियात बरतने के लिए रेड अलर्ट जारी किया है । ’’

आईएमए ने नेतृत्व की भूमिका निभा रहे डॉक्टरों से तमाम बेहतरीन वैज्ञानिक तौर-तरीका अपनाने की हिमायत की है।

आईएमए ने कहा है, ‘‘आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि कोविड-19 से वरिष्ठ और युवा डॉक्टर समान रूप से संक्रमित हो रहे हैं । वरिष्ठों के बीच मृत्यु दर ज्यादा है। इससे सबक लेने की जरूरत है। अस्पताल के भीतर नियम और अनुशासन का पालन होना चाहिए ।’’

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजन शर्मा ने कहा कि महामारी से निपटने के लिए देश में चिकित्साकर्मी महती भूमिका निभा रहे हैं लेकिन कोविड-19 से डॉक्टरों की मौत गहरी चिंता की बात है ।

उन्होंने कहा, ‘‘आईएमए सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक तौर तरीका अपनाने की पुरजोर वकालत करता है । डॉक्टरों को हालात पर नजर रखने और खुद की, अपने परिवार, सहयोगियों और कर्मचारियों का ध्यान रखने की जरूरत है।’’

मध्यप्रदेश में 5 लाख 72 हजार परीक्षार्थियों को देनी अंतिम वर्ष की विश्वविद्यालयीन परीक्षाएं ,स्नातक तृतीय वर्ष और स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर के समस्त संकायों की होगी परीक्षा attacknews.in

परीक्षाओं की प्रक्रिया दो दिन में तय करने के निर्देश,तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी

भोपाल 15 जुलाई ।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं में स्नातक में प्रथम एवं द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर परीक्षाओं में प्रथम वर्ष की परीक्षाएं नहीं करवाने का निर्णय पूर्व में लिया गया है। तदनुसार गत परीक्षाओं के अंकों के आधार पर अंतिम वर्ष/सेमेस्टर में प्रवेश दिया जाएगा। यूजीसी के नवीन निर्देशों के अनुसार अंतिम वर्ष/सेमेस्टर की परीक्षाएं करवाई जाएंगी। तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित होंगी। अन्य सभी महाविद्यालयों में ऑफलाइन परीक्षाएं करवाने के संबंध में दो दिन में प्रक्रिया निर्धारित कर प्रस्तुत करे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में यूजीसी के नवीन निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं के संबंध में बैठक ले रहे थे। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्रीमती करलिन खोंगवार, आर.जी.पी.वी विश्वविद्यालय के कुलपति तथा अन्य संबंधित उपस्थित थे।

30 सितम्बर तक ली जाना हैं अंतिम वर्ष की परीक्षाएं

स्नातक/स्नातकोत्तर स्तर पर अंतिम वर्ष/सेमेस्टर में परीक्षार्थी संख्या 2019-20

विश्वविद्यालय का नाम

  1. बकरतउल्ला विवि भोपाल
    छात्र संख्या
    85980 स्नातक तृतीय वर्ष

36949 स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर

  1. जीवाजी विवि, ग्वालियर
    छात्र संख्या
    46241 स्नातक तृतीय वर्ष

13543 स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर

3.विक्रम विवि, उज्जैन
छात्र संख्या
46982 स्नातक तृतीय वर्ष

11503 स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर

4.रानी दुर्गावती विवि, जबलपुर
छात्र संख्या
65585स्नातक तृतीय वर्ष

17008स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर

5.महाराजा छत्रसाल विवि, छतरपुर
छात्र संख्या
33481स्नातक तृतीय वर्ष

13266स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर

6.देवी अहिल्या विवि, इंदौर
छात्र संख्या
89529स्नातक तृतीय वर्ष

30526स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर

7.अवधेश प्रताप सिंह विवि, रीवा
छात्र संख्या
44499स्नातक तृतीय वर्ष

18804स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर

8.छिंदवाड़ा विवि, छिंदवाड़ा

योग

4,30,298 स्नातक तृतीय वर्ष

1,41,599 स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर

 कुल योग
छात्र संख्या
5,71,897

बैठक में प्रमुख सचिव श्री अनुपम राजन ने बताया कि यूजीसी के नवीन निर्देशों के अनुसार अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितम्बर तक ली जाना है। प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाना है। अंतिम वर्ष/सेमिस्टर की परीक्षाएं ऑनलाइन/ऑफलाइन या मिश्रित तरीके से की जा सकती हैं।

तकनीकी शिक्षा में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑनलाइन

तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने बताया कि तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों में ऑनलाइन आधार पर परीक्षाएं होंगी। पहले भी आर.जी.पी.वी विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जा चुकी है। आरजीपीवी के कुलपति ने बताया कि तकनीकी शिक्षा अंतिम वर्ष में चार प्रश्न पत्र होने हैं। विश्वविद्यालय के अंतर्गत अंतिम वर्ष में लगभग 35 हजार विद्यार्थी परीक्षा देने वाले है।

10 दिन में हो जाएगी प्रक्रिया निर्धारित

उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश के महाविद्यालयों में लगभग 6 लाख विद्यार्थी हैं। इनकी ऑफलाइन परीक्षाएं लिए जाने के लिए प्रक्रिया निर्धारित की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि कोरोना संकट के चलते परीक्षा इस प्रकार ली जाए कि कोरोना संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहीं रहे। इसके लिए दो दिन में प्रक्रिया निर्धारित कर प्रस्तुत की जाए। तदनुसार निर्णय लिया जाएगा।

मुकेश अंबानी ने बताया जियोमीट कैसे हुआ लोकप्रिय, शुरू होने के कुछ ही दिन के भीतर 50 लाख डाउनलोड हुये; अब रिलायंस रिटेल में अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं निवेशक attacknews.in

मुंबई, 15 जुलाई ।देश के सबसे धनी उद्योगपति मुकेश अंबानी ने बुधवार को कहा कि भारत की सबसे पहली क्लाउड-आधारित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप जियोमीट को शुरू होने के कुछ ही दिनों के भीतर 50 लाख लोगों ने डाउनलोड कर लिया।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस सप्ताह के शुरू में वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुविधा देने वाली ऐप जियोमीट को बाजार में उतारा था। इसमें असीमित मुफ्त कॉल की सुविधा दी गई है। इसे विरोधी कंपनी जूम के समक्ष शुल्क युद्ध के तौर पर देखा जा रहा है।

जियो मीट की यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप एंड्रॉइड, आईओएस, विंडोज, मैकओएस और वेब पर उपलब्ध है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की 43वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुये मुकेश अंबानी ने कहा कि जियोमीट को जारी करने के कुछ दिन के भीतर ही 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं ने डाउनलोड किया है।

कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक जियोमीट 100 भागीदारों के साथ एचडी ऑडियो और वीडियो कॉल की सुविधा देती है। इसमें स्क्रीन शेयरिंग और बैठक की समयसारिणी जैसे फीचर भी उपलब्ध हैं।

रिलायंस रिटेल में अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं रणनीतिक निवेशक: अंबानी

मुकेश अंबानी ने कहा कि उनके समूह के खुदरा उद्यम में रणनीतिक और वित्तीय निवेशक मजबूत दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

रिलायंस इंडस्ट्रीज की सालाना आम बैठक में उन्होंने कहा, “हम अगली कुछ तिमाहियों में रिलायंस रिटेल में वैश्विक साझेदारों और निवेशकों को शामिल करेंगे।”

रिलायंस रिटेल ने पहले ही अपने ई-वाणिज्य व्यवसाय की परीक्षण आधार पर शुरुआत कर दी है।

अंबानी ने कहा, “हमने किराना भागीदारों के साथ जियोमार्ट किराने के मॉडल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। जियोमार्ट किराने के प्लेटफॉर्म का बीटा संस्करण 200 शहरों में चलाया जा रहा है। दैनिक ऑर्डर 2.5 लाख को पार कर चुके हैं, और संख्या हर दिन बढ़ रही है।”

उन्होंने कहा कि किसानों को साथ में जोड़ना और उनकी ताजा उपज सीधे घरों तक पहुंचाना कंपनी की किराना रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा, “इससे किसानों की आय में काफी सुधार होगा और उच्च उत्पादकता को प्रोत्साहन मिलेगा।”

रिलायंस रिटेल के 12 हजार स्टोर में से दो-तिहाई से अधिक स्टोर टियर 2, टियर 3 और टियर 4 शहरों में संचालित हैं।

उन्होंने कहा, “ये स्टोर 80 प्रतिशत से अधिक फल और सब्जी सीधे किसानों से खरीदते हैं।’’

राजस्थान में शुरू हुई राजनीतिक आर-पार की लडाई: सचिन पायलट समर्थक 19 विधायकों को व्हिप का उल्लंघन करने का नोटिस जारी,कांग्रेस और भाजपा ने आगे की रणनीति बनाना शुरू की attacknews.in

जयपुर 15 जुलाई ।राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डा.सी.पी.जोशी ने मंत्रिमंडल से हटाये गये उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थक सभी विधायको को व्हीप का उल्लंघन करने का नोटिस जारी किया है।

सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष डा.जोशी के समक्ष याचिका दायर की थी। डा.जोशी ने उस पर 19 विधायको कां व्हीप का उल्लंघन करने के मामले में नोटिस जारी किया गया है।

यह माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने विद्रोही विधायको को अपने पक्ष में करने की रणनीति के तहत यह कार्यवाही की है, ताकि उसके विधायक वापस लौट सके।

व्हीप का उल्लंघन के मामले में विधायकों की सदस्यता जा सकती हैं लेकिन उसमें कई कानूनी दांवपेच भी हैं। विद्रोही विधायक किसी भी कार्यवाही का हाउस के बाहर बैठक होने के कारण व्हीप लागू नहीं होने के मुद्दे पर अदालत का दरवाजा खटखटा सकते है।

इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एक होटल में ठहरे पार्टी के विधायकों से बातचीत कर आगे की रणनीति बनाते रहे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी देर रात इन विधायको से बातचीत की थी। श्री पायलट के समर्थक विधायकों को भी राज्य से बाहर एक होटल में ठहराया गया हैं। इनके भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में जाने के मुद्दे पर एक राय नहीं है तथा पार्टी के गठन को लेकर भी असमंजस्य बना हुआ है।

पायलट को हटाने के बाद कांग्रेस भाजपा ने आगे की रणनीति बनाना शुरू किया

राजस्थान में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित तीन मंत्रियों को निष्कासित करने के बाद कांग्रेस ने आगे उड़ान की रणनीति शुरू कर दी है वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी सक्रिय हो गयी है।

श्री पायलट के निष्कासन के बाद एक होटल में ठहरे कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी आज भी जारी रही है। विधायकों की एकजुटता पर निगाह रखी जा रही है। श्री पायलट के समर्थकों की संख्या एवं श्री गहलोत के समर्थकों की संख्या का सही आंकड़ा भी सामने नहीं आया है। लेकिन माना जा रहा है कि श्री गहलोत के पास अभी बहुमत है और भाजपा द्वारा तोड़फोड़ की आशंका भी बनी हुई है।

श्री पायलट को हटाने के बाद श्री गहलोत ने संगठनात्मक स्तर पर रणनीति को अंजाम दे दिया है तथा पायलट समर्थकों को हटाने के साथ नई प्रदेश कार्यकारिणी बनाने पर काम शुरू हो गया है। श्री गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार के लिए भी रणनीति बना रहे हैं।

श्री पायलट ने निष्कासन के बाद आगे की रणनीति का अभी खुलासा नहीं हुआ है तथा भाजपा में जाने के मुद्दे पर उसके समर्थक विधायकों में मतभेद की बात भी सामने आई है फिर भी भाजपा सक्रिय हो गयी है।

इधर भाजपा ने भी आज एक महत्वपूर्ण बैठक बुलायी है। इस बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री ओमप्रकाश माथुर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा वी.सतीश सहित कई पदाधिकारी भाग लेंगे। राज्य सरकार के अल्पमत में आने के मुद्दे पर भी बैठक में विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कांग्रेस विधायकों में तोड़फोड़ करने संबंधी आरोप का भाजपा नेताओं ने इनकार है।

खरीद फरोख्त करके चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास कर रही है भाजपा-गहलोत

राजथान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर विधायकों की खरीद फरोख्त करके चुनी हुई सरकार को गिराने के प्रयास करने का आरोप लगाया है।

श्री गहलोत ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि दिल्ली में बैठे भाजपा के लोग विधायकों को लालच देकर सरकार गिराने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का खुलकर मजाक उड़ाया जा रहा है। दलाल लोग विधायकों को ललचा रहे हैं। यह लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश है।

श्री गहलोत ने कहा कि विधायकों की खरीद फरोख्त के हमारे पास पुख्ता सुबूत हैं और समय पर उनको उजागर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 76 वर्ष तक लोकतंत्र को बचाये रखा। सरकारें बदलती रहीं, लोकतंत्र जिंदा रहा, लेकिन आज सब इसके उलट हो रहा है। चुनी सरकार को गिराया जा रहा है।

उन्होंने पायलट का नाम लिये बगैर कहा कि कांग्रेस ने युवाओं को तरजीह दी है। युवाओं को संगठन में तथा सरकार में पद दिये गये हैं। उनका भविष्य भी कांग्रेस में ही सुरक्षित है। श्री गहलोत ने कहा कि कांग्रेसी बोलने से कुछ नहीं होता है, देश के लिये कुछ करने का जज्बा होना चहिए। उन्होंने कहा, ‘सोने की छुरी पेट में उतारने के लये नहीं होती है।’

सच्चाई का साथ दे राष्ट्रीय मीडिया-गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया के रवैये से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय मीडिया को ईमानदारी से सच्चाई का साथ देना चाहिए।

श्री गहलोत ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि दिल्ली में लोकतंत्र खत्म करने वाले लोग बैठे हुए हैं, खरीद फरोख्त कर रहे हैं, सरकारों को गिरा रहे हैं। मीडिया अगर चौथा स्तम्भ कहलाता है तो उसकी जिम्मेदारी बनती है कि वह लोकतंत्र खत्म करने वालों के खिलाफ आवाज़ उठाए।

भाजपा में नहीं जाना चाहते तो उनके चंगुल से निकलें पायलट-सुरजेवाला

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि श्री पायलट भाजपा में नहीं जाना चाहते तो वह हरियाणा में दो होटलों में ठहरे अपने विधायकों सहित भाजपा के चंगुल से निकलें।

श्री सुरजेवाला ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि श्री पायलट ने घोषणा की है कि वह भाजपा में नहीं जायेंगे, अगर वह वास्तव में ऐसा चाहते हैं तो उन्हें अपने विधायकों को हरियाणा में श्री मनोहर खट्टर के सुरक्षा चक्र से बाहर निकालना चाहिए। हरियाणा के ये दो होटल विधायकों की खरीद फरोख्त अड्डा बन गये हैं।

उन्हाेंने कहा कि हमने अपने युवा साथी सचिन पायलट और विधायकों से कई बार आग्रह किया कि उन्हें कोई समस्या है तो उन्हें पार्टी के मंच पर रखें। उसे शीर्ष नेतृत्व खुले ह्रदय और उदार मन से उनकी बात सुनने और उसका हल निकालने को तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि हमने कई बार श्री पायलट और अपने साथी विधायकों से कहा कि अगर उन्हें लगता है कि उनके पास पार्टी में अगर बहुमत है तो वे आयें पार्टी में उसे साबित करें और उनका जो अधिकार है वह ले लें।

श्री सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी ने युवाओं को प्रोत्साहित किया है और उन्हें आगे बढ़ाया है। श्री पायलट को भी युवावस्था में ही सांसद, मंत्री और प्रदेशाध्यक्ष पद दिया गया। लेकिन खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि उन्होंने इन सब पर गौर नहीं किया।

उन्होंने कहा कि श्री पायलट विधायकों के साथ वापस आना और पार्टी में अपनी बात रखनी चाहिए।

खुद उपमुख्यमंत्री खरीद फरोख्त में शामिल थे-गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीधे सचिन पायलट पर आराेप लगाते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री खुद विधायकों की खरीद फरोख्त में शामिल थे।
श्री गहलोत ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि राज्यसभा चुनाव के समय जो बोल रहे थे कि हमारे यहां कोई खरीद फरोख्त नहीं हुई, वो तो खुद इस सौदेबाजी में शामिल थे। उन्होंने कहा-‘हमारे यहां खुद उपमुख्यमंत्री खरीद फरोख्त में शामिल था, मेरे पास सबूत हैं।’

अमेरिका ने समाप्त किया हांगकांग का विशेष दर्जा,हांगकांग स्वायत्तता कानून पारित, चीन ने दी बदले की कार्रवाई की धमकी attacknews.in

वाशिंगटन 15 जुलाई । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश जारी कर हांगकांग को वरीयता देने वाले विशेष दर्जे को समाप्त करने की घोषणा करने के साथ ही हांगकांग स्वायत्तता कानून को मंजूरी प्रदान कर दी है जिसके तहत अमेरिका वहां (हांगकांग) के लोगों के अधिकारों का हनन करने वाले चीनी अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

श्री ट्रम्प ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए कहा, “ हांगकांग से अब वैसा ही व्यवहार किया जायेगा जैसा चीन के साथ किया जाता है।”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हांगकांग की स्वायत्तता का हनन करने के अपराध में चीन को दंड देने के लिए उन्होंने हांगकांग स्वायत्तता कानून पर हस्ताक्षर कर उसे मंजूरी प्रदान की है। इस कानून को अमेरिकी कांग्रेस में भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है।

चीन ने इस कानून की कड़ी निंदा करते हुए इसे चीन और हांगकांग के आंतरिक मामलों में बड़ा हस्तक्षेप करार दिया है।

चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक वक्तव्य जारी कहा, “अमेरिकी कानून दुर्भावनापूर्ण तरीके से हांगकांग में लागू किए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को कमजोर करने की कोशिश है। इसके जरिये चीन पर प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दी गयी है जोकि अंतरराष्ट्रीय कानून तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों का गंभीर रूप से उल्लंघन है। यह हांगकांग और चीन के आंतरिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप है। चीन की सरकार इसका कड़ा विरोध करती है।”

चीन ने कहा कि वह अमेरिका में पारित हांगकांग स्वायत्तता कानून के मद्देनजर प्रतिशोध की कार्रवाई करेगा और इस कानून से संबंधित अमेरिकी नागरिकों तथा संगठनों पर प्रतिबंध लगायेगा।

श्री ट्रम्प ने यह आदेश ऐसे समय में जारी किया है जब अमेरिका और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। हांगकांग में चीन की ओर से लागू किए गए नये विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के बाद से ही ट्रम्प प्रशासन का रुख चीन के प्रति लगातार सख्त होता जा रहा है। इससे पहले इस माह की शुरुआत में अमेरिjioका ने हांगकांग को रक्षा उपकरणों तथा संवेदनशील प्रौद्योगिकी के निर्यात पर रोक लगाने की घोषणा की थी।

अमेरिका ने समाप्त किया हांगकांग का विशेष दर्जा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक आदेश जारी कर हांगकांग को वरीयता देने वाले विशेष दर्जे को समाप्त करने की घोषणा की है।

श्री ट्रम्प ने बुधवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए कहा, “ हांगकांग से अब वैसा ही व्यवहार किया जायेगा जैसा चीन के साथ किया जाता है।”

श्री ट्रम्प ने यह आदेश ऐसे समय में जारी किया है जब अमेरिका और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। हांगकांग में चीन की ओर से लागू किए गए नये विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के बाद से ही ट्रम्प प्रशासन का रुख चीन के प्रति लगातार सख्त होता जा रहा है। इससे पहले इस माह की शुरुआत में अमेरिका ने हांगकांग को रक्षा उपकरणों तथा संवेदनशील प्रौद्योगिकी के निर्यात पर रोक लगाने की घोषणा की थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने हांगकांग स्वायत्तता कानून नामक एक अन्य आदेश पर भी हस्ताक्षर किए हैं। इस कानून के तहत अमेरिका हांगकांग में लोगों के अधिकारों का हनन करने वाले चीनी अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

दरअसल, ब्रिटेन का उपनिवेश रहे हांगकांग के लोगों के पास चीन में रहने वाले लोगों की अपेक्षा ज्यादा अधिकार और स्वतंत्रता है।

चीन ने हांगकांग में एक विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया है। हांगकांग के लोगों के अलावा दुनिया के कई विश्लेषकों का मानना है कि इस कानून से हांगकांग की स्वायत्तता और नागरिक अधिकारों के लिए गंभीर खतरा पैदा होगा। इसके अलावा चीन और ब्रिटेन के बीच 1984 में हुए समझौते के तहत हांगकांग को प्राप्त विशेष दर्जा भी खत्म हो जायेगा। हांगकांग के अलावा अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में इस कानून के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं।

गौरतलब है कि वर्ष 1997 में ब्रिटेन ने हांगकांग को चीन को सौंप दिया था लेकिन एक विशेष समझौते के तहत 50 वर्षों के लिए कुछ अधिकारों की गारंटी भी दी गयी थी। एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के रूप में, हांगकांग ‘वन कंट्री, टू सिस्टम्स ’के सिद्धांत के तहत चीन के शासन से अलग शासन और आर्थिक प्रणालियों को बनाए रखता है।

ट्रंप अगर नये हांगकांग अधिनियम को लागू करते हैं तो निश्चित तौर पर जवाब दिया जाएगा: चीन

बीजिंग,से खबर है कि, चीन ने बुधवार को अमेरिका को चेतावनी दी है कि हांगकांग के तरजीही दर्जा को समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अगर ‘हांगकांग स्वायत्तता अधिनियम’ को लागू करते हैं तो निश्चित रूप से प्रतिबंधों के साथ जवाब दिया जाएगा।

चीन द्वारा हांगकांग की स्वायत्तता और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए इस एशियाई व्यापारिक केंद्र में एक विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पेश किये जाने के बाद राष्ट्रपति ट्रम्प ने हांगकांग के लिए तरजीही व्यापार के दर्जे को समाप्त करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं।

‘हांगकांग स्वायत्तता अधिनियम’ पर हस्ताक्षर करने की ट्रम्प की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि अमेरिका को इसे लागू नहीं करना चाहिए।

उन्होंने यहां एक मीडिया सम्मेलन में कहा, ‘‘हम अमेरिका से अपनी गलती सुधारने की अपील करते हैं। तथाकथित ‘हांगकांग स्वायत्तता अधिनियम’ को लागू न करें और हांगकांग मामलों और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना तुरंत बंद करें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह अधिनियम हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा पर हमारे कानून को प्रभावित करेगा। अगर अमेरिका गलत रास्ते पर जाने पर जोर देता है, तो चीन निश्चित रूप से जवाबी कार्रवाई करेगा।’’ उन्होंने कहा कि हांगकांग के लिए चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में बाधा डालने के अमेरिका के प्रयास का कोई फायदा नहीं होगा और चीन अपने वैध हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करेगा और संबंधित अमेरिकी कर्मियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका ने चीन के आंतरिक मामलों में व्यापक रूप से हस्तक्षेप किया है और अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नियमित करने वाले बुनियादी मानदंडों का गंभीरता से उल्लंघन किया है।’’

इससे पहले, वाशिंगटन में ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने हांगकांग में राजनीतिक विरोध को कुचलने वाले चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी कानून पर हस्ताक्षर किए हैं

राहुल गांधी ने सचिन पायलट पर भड़कते हुए दिखा दिया बाहर का रास्ता और जिस-जिसको कांग्रेस पार्टी छोड़ना हैं उनसे तुरंत पार्टी छोड़ने का कह दिया attacknews.in

नयी दिल्ली/जयपुर 15 जुलाई । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बागी तेवर अपनाने के लिए राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए गए सचिन पायलट का नाम लिये बिना कथित तौर पर तीखा रुख अपनाते हुए कहा कि यदि वह पार्टी छोड़कर जाना चाहते है तो जा सकते हैं।

सूत्रों के अनुसार श्री गांधी ने पार्टी की छात्र इकाई एनएसयूआई के नेताओं को संबोधित करते हुए आज कहा,“अगर कोई जाना चाहता है, तो वह जा सकता है। इससे आप जैसे युवा नेताओं के लिए नए मौकों के दरवाजे खुलेंगे।”

इससे पहले पार्टी संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जयपुर में कहा कि श्री पायलट और उनके साथी पार्टी फोरम में अपनी बात रख सकते हैं। बातचीत के लिए पार्टी के दरवाजे खुले हैं।

इस बीच एनएसयूआई ने कहा,“श्री राहुल गांधी की एनएसयूआई नेताओ के साथ आज हुई बैठक को लेकर मीडिया में जो खबरें आ रही है वे निराधार हैं। श्री गांधी के साथ एनएसयूआई की अंतरिम बैठक थी और इसमें सिर्फ छात्रों और युवाओं के मुद्दों पर चर्चा हुई है।”

अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त का षडयंत्रकारी बताते हुए सरकार गिराने के सबूतों को सामने रखा:

इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त (हार्स ट्रेडिंग) के प्रयास हो रहे थे और उनके पास इसके सबूत हैं।

इसके साथ ही गहलोत ने सचिन पायलट का नाम लिये बिना बुधवार को दावा किया कि वह सीधे तौर पर भाजपा के साथ विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे।

पायलट के खिलाफ हमलावर होते हुए गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सफाई कौन दे रहे थे…सफाई वही नेता दे रहे थे जो खुद षडयंत्र में शामिल थे …षडयंत्र का हिस्सा थे। हमारे यहां पर उपमुख्यमंत्री हो, पीसीसी अध्यक्ष हो वो खुद ही अगर डील करें … वो सफाई दे रहे है कि हमारे यहां कोई हार्स ट्रेडिंग नहीं हो रही थी.. अरे तुम तो खुद षडयंत्र में शामिल थे..तुम क्या सफाई दे रहे हो ऐसी स्थिति में देश चल रहा है।’’

उल्लेखनीय है कि 19 जून को राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव से पहले विधायकों को कथित तौर पर प्रलोभन दिए जाने को लेकर कांग्रेस और भाजपा में काफी बयानबाजी हुई थी।

मुख्यमंत्री गहलोत ने आरोप लगाया था कि भाजपा कुछ विधायकों को प्रलोभन दे रही है।

गहलोत ने राष्ट्रीय मीडिया पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय मीडिया भी उन लोगों का समर्थन कर रही है जो लोग लोकतंत्र की हत्या और हार्स ट्रेडिंग में शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय मीडिया उन तत्वों का समर्थन कर रहा है जो कि भाजपा के बंधक हैं, … हॉर्स ट्रेडिंग की गई है, हमारे पास सबूत हैं, हमारे पास प्रूफ है कि उनके दलाल लोग थे जिन्होंने यह काम किया। पैसे की पेशकश कर रहे थे। कई लोगों ने पैसा लिया नहीं है ये सबूत मेरे पास में है। मेरे पास बैठे हुए लोग हैं जिन्होंने मना कर दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम तो तीसरी बार मुख्यमंत्री बने और चालीस साल से ज्यादा राजनीति करते हो गये। नई पीढी जो आई है, हम उनको प्यार करते है और आने वाला कल उनका है।’’

अपनी पीढ़ी के संघर्ष को बताते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘हम लोगों की अपने समय में युवा कांग्रेस और एनएसयूआई में खूब रगड़ाई हुई थी इसलिये 40 साल बाद में हम जिंदा हैं। 40 साल बाद कोई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, कोई कांग्रेस महामंत्री और केन्द्रीय मंत्री बने हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह नयी पीढ़ी जो आई है जिसके बारे में कहा जाता है कि हम उनको पंसद ही नहीं करते यह बिल्कुल गलत है.. राहुल गांधी पसंद करते है.. सोनिया गांधी पसंद करती हैं.. अशोक गहलोत पंसद करता है…गवाह है… मैंने कहा कि इनकी रगड़ाई नहीं हुई थी इसलिये अब तकलीफ होती है। यह समझ नहीं पा रहे है कि वे केन्द्रीय मंत्री बन गये, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बन गये … अगर रगड़ाई हुई होती तो अच्छा काम करते। और मैंने कहा कि आज हमसे अच्छा काम वे कर सकते हैं।’’

गहलोत ने कहा कि मीडिया में अच्छी बाइट देना ही कुछ नहीं होता, आपकी प्रतिबद्धता मायने रखती है। उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया को दिखता नहीं है क्या ये बात? किसकी बात कर रहे हैं? कोई अच्छा इंग्लिश-हिंदी बोल लेता है, अच्छी बाइट देना वो सब कुछ ही नहीं होता है, अच्छी हेंडसम पर्सनेलिटी से ही सब कुछ नहीं होता है, आपके दिल में क्या है देश के लिए, आपकी प्रतिबद्धता क्या है, आपकी विचारधारा-नीतियां-कार्यक्रम जो हैं आपकी पार्टी के, उनके लिए कितनी बड़ी प्रतिबद्धता है आपकी, ये सब देखा जाता है।

ओछी राजनीति कर रहे हैं शेखावत: डोटासरा

इधर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्य में उनकी पार्टी के मंसूबे पूरे नहीं हुए तो वह ओछी राजनीति पर उतर आए हैं।

डोटासरा को मंगलवार को सचिन पायलट की जगह पार्टी का नया प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय मंत्री शेखावत ने लिखा, ‘‘वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के इतिहास को अपमानित करने वाले गोविंद डोटासरा को कांग्रेस ने अपना अध्यक्ष बनाकर हर स्वाभिमानी राजस्थानी का तिरस्कार किया है!’’

पलटवार करते हुए डोटासरा ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘गजेंद्र जी, महाराणा प्रताप की वीरता और शौर्य हम सब जानते और मानते हैं ,आपसे सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।’’

डोटासरा ने कहा है, ‘‘राजस्थान में आपकी पार्टी के मंसूबे कामयाब नहीं हुए तो ओछी राजनीति पर उतर आये हैं। खिसयानी बिल्ली खंबा नोचे वाली कहावत चरितार्थ हो गई।’’

उल्लेखनीय है कि डोटासरा कांग्रेस की नीतियों और सिद्धांतों को लेकर बहुत मुखर नेता माने जाते हैं और भाजपा कई बार स्कूली पाठ्यक्रम में बदलावों को लेकर उन पर निशाना साध चुकी है।

भाजपा में शामिल नहीं हो रहा हूं : पायलट

उधर राजस्थान के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में कुछ नेता उनके भाजपा में जाने की अफवाहों हवा दे रहे हैं ताकि उनकी छवि धूमिल की जा सके।

पायलट ने कहा, ‘‘ मैंने कांग्रेस को राजस्थान की सत्ता में वापस लाने और भाजपा को हराने के लिए बहुत मेहनत की है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं भाजपा में शामिल नहीं हो रहा हूं।’’

पायलट का कहना था कि राजस्थान के कुछ नेता इन अफवाहों को हवा दे रहे हैं कि मैं भाजपा में शामिल होने जा रहा हूं, जबकि यह सच नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की अफवाहें मेरी छवि खराब के लिए फैलाई जा रही हैं।’’

दोनों प्रमुख पदों से हटाए जाने के बाद पायलट ने पहली बार सार्वजनिक रूप से इतनी विस्तृत टिप्पणी की है।

माना जा रहा है कि वह जल्द ही अपने अगले कदम के बारे में कोई निर्णय करेंगे।

गौरतलब है कि अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावती रुख अपनाने वाले पायलट एवं उनके साथी नेताओं के खिलाफ कांग्रेस ने मंगलवार को कड़ी कार्रवाई की। पायलट को उपमुख्यमंत्री पद के साथ-साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया । दो समर्थक मंत्रियों को भी उनके पदों से हटा दिया गया।

अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त का षडयंत्रकारी बताते हुए सरकार गिराने के सबूतों को सामने रखा attacknews.in

जयपुर, 15 जुलाई । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त (हार्स ट्रेडिंग) के प्रयास हो रहे थे और उनके पास इसके सबूत हैं।

इसके साथ ही गहलोत ने सचिन पायलट का नाम लिये बिना बुधवार को दावा किया कि वह सीधे तौर पर भाजपा के साथ विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे।

पायलट के खिलाफ हमलावर होते हुए गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सफाई कौन दे रहे थे…सफाई वही नेता दे रहे थे जो खुद षडयंत्र में शामिल थे …षडयंत्र का हिस्सा थे। हमारे यहां पर उपमुख्यमंत्री हो, पीसीसी अध्यक्ष हो वो खुद ही अगर डील करें … वो सफाई दे रहे है कि हमारे यहां कोई हार्स ट्रेडिंग नहीं हो रही थी.. अरे तुम तो खुद षडयंत्र में शामिल थे..तुम क्या सफाई दे रहे हो ऐसी स्थिति में देश चल रहा है।’’

उल्लेखनीय है कि 19 जून को राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव से पहले विधायकों को कथित तौर पर प्रलोभन दिए जाने को लेकर कांग्रेस और भाजपा में काफी बयानबाजी हुई थी।

मुख्यमंत्री गहलोत ने आरोप लगाया था कि भाजपा कुछ विधायकों को प्रलोभन दे रही है।

गहलोत ने राष्ट्रीय मीडिया पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय मीडिया भी उन लोगों का समर्थन कर रही है जो लोग लोकतंत्र की हत्या और हार्स ट्रेडिंग में शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय मीडिया उन तत्वों का समर्थन कर रहा है जो कि भाजपा के बंधक हैं, … हॉर्स ट्रेडिंग की गई है, हमारे पास सबूत हैं, हमारे पास प्रूफ है कि उनके दलाल लोग थे जिन्होंने यह काम किया। पैसे की पेशकश कर रहे थे। कई लोगों ने पैसा लिया नहीं है ये सबूत मेरे पास में है। मेरे पास बैठे हुए लोग हैं जिन्होंने मना कर दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम तो तीसरी बार मुख्यमंत्री बने और चालीस साल से ज्यादा राजनीति करते हो गये। नई पीढी जो आई है, हम उनको प्यार करते है और आने वाला कल उनका है।’’

अपनी पीढ़ी के संघर्ष को बताते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘हम लोगों की अपने समय में युवा कांग्रेस और एनएसयूआई में खूब रगड़ाई हुई थी इसलिये 40 साल बाद में हम जिंदा हैं। 40 साल बाद कोई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, कोई कांग्रेस महामंत्री और केन्द्रीय मंत्री बने हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह नयी पीढ़ी जो आई है जिसके बारे में कहा जाता है कि हम उनको पंसद ही नहीं करते यह बिल्कुल गलत है.. राहुल गांधी पसंद करते है.. सोनिया गांधी पसंद करती हैं.. अशोक गहलोत पंसद करता है…गवाह है… मैंने कहा कि इनकी रगड़ाई नहीं हुई थी इसलिये अब तकलीफ होती है। यह समझ नहीं पा रहे है कि वे केन्द्रीय मंत्री बन गये, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बन गये … अगर रगड़ाई हुई होती तो अच्छा काम करते। और मैंने कहा कि आज हमसे अच्छा काम वे कर सकते हैं।’’

गहलोत ने कहा कि मीडिया में अच्छी बाइट देना ही कुछ नहीं होता, आपकी प्रतिबद्धता मायने रखती है। उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया को दिखता नहीं है क्या ये बात? किसकी बात कर रहे हैं? कोई अच्छा इंग्लिश-हिंदी बोल लेता है, अच्छी बाइट देना वो सब कुछ ही नहीं होता है, अच्छी हेंडसम पर्सनेलिटी से ही सब कुछ नहीं होता है, आपके दिल में क्या है देश के लिए, आपकी प्रतिबद्धता क्या है, आपकी विचारधारा-नीतियां-कार्यक्रम जो हैं आपकी पार्टी के, उनके लिए कितनी बड़ी प्रतिबद्धता है आपकी, ये सब देखा जाता है।

ओछी राजनीति कर रहे हैं शेखावत: डोटासरा

इधर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्य में उनकी पार्टी के मंसूबे पूरे नहीं हुए तो वह ओछी राजनीति पर उतर आए हैं।

डोटासरा को मंगलवार को सचिन पायलट की जगह पार्टी का नया प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय मंत्री शेखावत ने लिखा, ‘‘वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के इतिहास को अपमानित करने वाले गोविंद डोटासरा को कांग्रेस ने अपना अध्यक्ष बनाकर हर स्वाभिमानी राजस्थानी का तिरस्कार किया है!’’

पलटवार करते हुए डोटासरा ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘गजेंद्र जी, महाराणा प्रताप की वीरता और शौर्य हम सब जानते और मानते हैं ,आपसे सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।’’

डोटासरा ने कहा है, ‘‘राजस्थान में आपकी पार्टी के मंसूबे कामयाब नहीं हुए तो ओछी राजनीति पर उतर आये हैं। खिसयानी बिल्ली खंबा नोचे वाली कहावत चरितार्थ हो गई।’’

उल्लेखनीय है कि डोटासरा कांग्रेस की नीतियों और सिद्धांतों को लेकर बहुत मुखर नेता माने जाते हैं और भाजपा कई बार स्कूली पाठ्यक्रम में बदलावों को लेकर उन पर निशाना साध चुकी है।

भाजपा में शामिल नहीं हो रहा हूं : पायलट

उधर राजस्थान के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में कुछ नेता उनके भाजपा में जाने की अफवाहों हवा दे रहे हैं ताकि उनकी छवि धूमिल की जा सके।

पायलट ने कहा, ‘‘ मैंने कांग्रेस को राजस्थान की सत्ता में वापस लाने और भाजपा को हराने के लिए बहुत मेहनत की है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं भाजपा में शामिल नहीं हो रहा हूं।’’

पायलट का कहना था कि राजस्थान के कुछ नेता इन अफवाहों को हवा दे रहे हैं कि मैं भाजपा में शामिल होने जा रहा हूं, जबकि यह सच नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की अफवाहें मेरी छवि खराब के लिए फैलाई जा रही हैं।’’

दोनों प्रमुख पदों से हटाए जाने के बाद पायलट ने पहली बार सार्वजनिक रूप से इतनी विस्तृत टिप्पणी की है।

माना जा रहा है कि वह जल्द ही अपने अगले कदम के बारे में कोई निर्णय करेंगे।

गौरतलब है कि अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावती रुख अपनाने वाले पायलट एवं उनके साथी नेताओं के खिलाफ कांग्रेस ने मंगलवार को कड़ी कार्रवाई की। पायलट को उपमुख्यमंत्री पद के साथ-साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया । दो समर्थक मंत्रियों को भी उनके पदों से हटा दिया गया।