कमलनाध को बुढ़ऊ बताकर उन्हें इस उम्र में क्या करना चाहिए,बता दिया इस नेता ने और दिग्विजय सिंह को सीख दे दी attacknews.in

भोपाल, 25 जुलाई । मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और दिग्वियज सिंह के ट्वीट पर आज पलटवार किया है।

श्री अग्रवाल ने ट्वीट में कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना वॉरियर हैं। कई बार कोरोना योद्धा भी अपनी सेवा की जीवटता के कारण संक्रमित हुए हैं। वे संविधान की शपथ लेकर सेवा के संकल्प में जुटे हैं। उनपर जनता की कृपा है।

उन्होंने श्री कमलनाथ को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी आयु उन्हें घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं देती है, इसके बावजूद आपने नियमों से परे समय समय पर जो कार्यक्रम प्रस्तुत किए, वे चिंताजनक हैं। उन्होंने श्री कमलनाथ से इन वीडियो और चित्र को देखने का अनुरोध किया है।

श्री अग्रवाल ने अन्य ट्वीट में कहा है कि श्री दिग्विजय सिंह, श्री चौहान के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर उनकी आलोचना कर रहे हैं। कोविड से कई जाने माने चिकित्सक भी सेवा कार्य करते हुए संक्रमित हो गए। श्री चौहान कोरोना योद्धा की तरह मैदान में डटे हैं। वे जनता की कृपा से फिर सेवा में जुटेंगे।

इसके पहले श्री कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा है ‘शिवराज जी, आपके कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिलने पर काफ़ी दुःख हुआ। ईश्वर से आपके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। बस अफ़सोस इस बात का है कि जब हम कोरोना को लेकर गंभीर थे, तब आप कोरोना को कभी नाटक बताते थे, कभी डरोना बताते थे, कभी सत्ता बचाने का हथियार बताते थे, कभी हम पर कुछ आरोप लगाते थे, कभी कुछ कहते थे, कभी कुछ। हम शुरू से कहते थे कि यह एक गंभीर बीमारी है, इससे संभलकर रहने की आवश्यकता है, सावधान रहने की आवश्यकता है, इसके प्रोटोकाल के पालन की आवश्यकता है। शायद आप भी इससे संभल कर रहते, प्रोटोकाल, गाइडलाइन व सावधानी का पूरा पालन करते, इसको मज़ाक़ में नहीं लेते तो शायद आप इससे आज बचे रहते। ख़ैर कोई बात नहीं, आप जल्द स्वस्थ होकर वापस काम पर लौटेंगे, ऐसी ईश्वर से प्रार्थना है व पूर्ण विश्वास है।’

वहीं श्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट में लिखा है ‘दुख है शिवराज जी आप काेरोना संक्रमित पाए गए। ईश्वर आपको शीघ्र स्वस्थ करें। आपको सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना था, जो आपने नहीं रखा। मुझ पर तो भोपाल पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली थी। आप पर कैसे करते। आगे अपना ख्याल रखें।’

श्री राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के दिन अयोध्या के हर घर आंगन में मनेगा दीपोत्सव ,कार्यक्रम का आमंत्रण नहीं मिलने पर आजम खान ने दी जल समाधि की धमकी attacknews.in

अयोध्या/नईदिल्ली , 25 जुलाई ।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में भव्य राममंदिर के लिये पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम के ऐतिहासिक पल का स्वागत नगरवासी दीपोत्सव से करें।

उन्होने कहा कि इस ऐतिहासिक क्षण का इंतजार संत,धर्माचार्य समेत करोड़ो रामभक्तों को सैकड़ों वर्षों से है। इस पल से पहले अयोध्या के लोग अपने घर आंगन और छतों पर घी के दीपक प्रज्जवल्लित करें। मंदिरो में भी संत समाज दीपक जलाकर इस अदभुद घड़ी का इंतजार करें।

योगी ने लक्ष्मण,भरत,शत्रुधन को दिये नये आसन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को श्रीरामजन्मभूमि में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के भाइयों को नये आसन पर विराजमान कराया।

पांच अगस्त को होने वाले भव्य राम मंदिर के शिलान्यास की तैयारियों का जायजा लेने मुख्यमंत्री आज दोपहर अयोध्या पहुंचे और अस्थायी मंदिर में विराजमान रामलला का दर्शन पूजन किया। इस मौके पर उन्होने लक्ष्मण भरत और शत्रुधन की प्रतिमाओं को नये आसान पर विराजमान कराया।

कोरोना सावधानी के साथ हर्षोल्लास से मनाएं राम मंदिर निर्माण पर्व: विहिप

विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण आरंभ होने के अवसर पर पांच अगस्त को देश भर में एक पर्व के रूप में मनाने का आह्वान किया है।

विहिप ने इस सम्बन्ध में एक वृहद कार्ययोजना तैयार की है। विहिप के महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि पांच अगस्त को जहां अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूज्य संतों, विद्वानों, न्यासियों तथा अन्य गणमान्य लोगों के साथ अयोध्या में पूजन कर रहे होंगे वहीं सम्पूर्ण देश उस अनुपम दृश्य को टकटकी लगाए अपने-अपने टीवी चैनलों पर सजीव देख रहा होगा। इस पूजन में देशभर की पवित्र नदियों का जल तथा तीर्थों की पावन माटी के संयोग से श्रीराम जन्म भूमि का यह मंदिर सामाजिक समरसता, राष्ट्रीय एकात्मता तथा हिंदुत्व के भाव जागरण का एक चिरजीवी दैदीप्यमान केंद्र बनेगा।

भूमि पूजन कार्यक्रम में आमंत्रित नही किया तो ले लूंगा जल समाधि: खान

मुस्लिम कारसेवक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष आजम खान ने कहा है कि यदि पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिये भूमि पूजन कार्यक्रम में उनको आमंत्रित नही किया गया तो वह उसी दिन सरयू में जल समाधि ले लेंगे

श्री खान ने शनिवार को अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला का दर्शन किया। उन्होंने कहा कि श्री रामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के भव्य मंदिर निर्माण में पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भूमि पूजन कार्यक्रम में उनको नहीं आमंत्रित किया गया तो वह उसी दिन सरयू में जल समाधि ले लेंगे।

भूमि पूजन में अखिल भारत हिन्दू महासभा ने की आमंत्रण किये जाने की मांग

अखिल भारत हिन्दू महासभा ने शनिवार को अयोध्या जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को दिये ज्ञापन में उनके प्रतिनिधियों को भी राम मंदिर भूमि पूजन के लिये आमंत्रित किये जाने की मांग की है।

अखिल भारत हिन्दू महासभा के जिलाध्यक्ष राकेश दत्त मिश्र ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या आगमन पर स्वागत-अभिनंदन करते हुए उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन लेने जिला प्रशासन के लोग आये। उन्होंने बताया कि ज्ञापन कहा गया है कि श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिये वर्ष 1949 में अखिल भारत हिन्दू महासभा के जिला अयोध्या के तत्कालीन अध्यक्ष गोपाल सिंह विशारद द्वारा दायर याचिका से सर्वोच्च न्यायालय तक की यात्रा की। सत्तर वर्ष के अथक परिश्रम के बाद न्यायिक निर्णय प्राप्त हुआ।

दुनियाभर में पहचान दिलाने के लिए कश्मीर की केसर को जीआई प्रमाण पत्र मिला attacknews.in

जम्मू, 25 जुलाई ।कश्मीर में पैदा होने वाले केसर को ‘जियोग्राफिकल इंडिकेशन’ (जीआई) प्रमाण पत्र मिल गया है।

उपराज्यपाल जी सी मुर्मू ने कहा कि यह कश्मीर के इस उत्पाद को दुनियाभर में पहचान दिलाने के लिहाज से प्रमुख ऐतिहासिक कदम है।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि केन्द्र सरकार ने कश्मीर में पैदा होने वाले केसर के जीआई पंजीकरण के लिये प्रमाण पत्र जारी कर दिया है।

उन्होंने कहा कि मूर्मु उपराज्यपाल का पद संभालने के बाद से ही कश्मीरी केसर को जीआई प्रमाण पत्र दिलाने में खुद दिलचस्पी ले रहे थे।

एक अधिकारी ने कहा, ‘जीआई प्रमाण पत्र मिलने से कश्मीरी केसर में मिलावट के रास्ते बंद हो जाएंगे। इसके बाद अच्छी केसर के लिये अच्छे दाम मिल सकेंगे।’

रतन टाटा को मिली 220 करोड़ की राहत,आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण से टाटा शिक्षा और विकास ट्रस्ट को मिली करोड़ों की छूट attacknews.in

नईदिल्ली 25 जुलाई । आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) की खंडपीठ ने 24 जुलाई को टाटा शिक्षा और विकास ट्रस्ट को बड़ी राहत देते हुए आयुक्त आयकर (सीआईटी) के उस अपील आदेश के खिलाफ ट्रस्ट द्वारा की गई अपील में उसके पक्ष में फैसला सुनाया है जिसमें कर विभाग द्वारा 220 करोड़ रुपये से अधिक राशि की मांग की गई थी। इस खंडपीठ में आईटीएटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीपी भट्ट भी शामिल थे। आईटीएटी ने इसके साथ ही बिना किसी न्यूनतम भुगतान के इस मांग के मामले पर भी रोक लगा दी है।

यह मामला भारतीय विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में एक एंडोमेंट फंड बनाने के लिए ट्रस्ट द्वारा खर्च की गई धनराशि और ‘टाटा हॉल’ नामक एक कार्यकारी भवन के निर्माण के लिए हार्वर्ड बिजनेस स्कूल को दी गई वित्तीय सहायता के बारे में आकलन वर्ष 2011-12 और 2012-13 से संबंधित है। इसने वर्ष 2011-12 में 197.79 करोड़ रुपये और वर्ष 2012-13 में 25.37 करोड़ रुपये दान किए थे।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब वर्ष 2018 में लोकसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने इस मामले की जांच करने की जरूरत बताई थी क्‍योंकि उसका यह मानना था कि प्रत्यक्ष कर निकाय द्वारा दी गई छूट आयकर अधिनियम का उल्लंघन है।

इस मामले का समापन करते हुए आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) ने शुक्रवार को कहा कि अपील के अन्य सभी आधार ‘व्‍यर्थ, अव्‍यावहारिक और निष्‍फल’ होंगे। आईटीएटी ने कहा, ‘हमने इस मामले में फैसला कर निर्धारिती के पक्ष में सुनाया है, इसलिए अपील के इस आधार को अनुमति दे दी है। हम कर निर्धारिती की याचिका को बरकरार रखते हैं, और छूट के दावे की नामंजूरी को निरस्‍त करते हैं।’

अपीलीय न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में यह भी कहा कि, ‘…… यह पूरी तरह से परिहार्य या निरर्थक मुकदमा है जो न केवल न्यायिक फोरम के समक्ष विचाराधीन गंभीर मुकदमों की राह में रोड़े अटकाता है, बल्कि परोपकारी निकायों जैसे कि हमारे समक्ष मौजूद कर निर्धारिती के दुर्लभ संसाधनों को उन क्षेत्रों की तरफ मोड़ देता है जो समग्र समाज का कुछ भी भला नहीं करते हैं।’    न्यायाधिकरण ने उम्मीद जताई कि भारत सरकार द्वारा वृहद स्‍तर पर इस तरह की दूरदर्शी नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए जो सराहनीय काम किया जा रहा है उस पर फील्‍ड स्तर पर उत्‍पन्‍न होने वाली इस तरह की छिटपुट परिस्थितियों के कारण कोई आंच नहीं आने दी जाएगी, जिसे संबंधित अधिकारियों को संवेदनशील बना कर कम से कम किया जाना चाहिए। न्यायाधिकरण ने यह राय व्‍यक्‍त की कि, ‘कर प्रशासन के हर स्तर पर न्यायसंगत एवं समुचित दृष्टिकोण अपनाकर करदाता के अनुकूल माहौल बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए।’

अपीलीय न्यायाधिकरण के विस्तृत फैसले को इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।

 

भारत ने एक ही दिन में 4.2 लाख से भी अधिक कोविड टेस्‍ट का ‘नया रिकॉर्ड’ बनाया,अब तक लगभग 1.6 करोड़ सैंपल की जांच की गई attacknews.in

नईदिल्ली 25 जुलाई ।पहली बार एक ही दिन में रिकॉर्ड संख्या में 4,20,000 से भी अधिक कोविड टेस्‍ट किए गए हैं। इससे ठीक पिछले दिन 3,50,000 कोविड टेस्‍ट किए जाने के बाद यह नया रिकॉर्ड बना है। यह उत्‍साहवर्धक क्रम पिछले एक सप्ताह से निरंतर जारी है। पिछले 24 घंटों में 4,20,898 सैंपल की जांच के साथ ही टेस्ट प्रति मिलियन (टीपीएम) और भी अधिकर बढ़कर 11,485 के स्‍तर पर पहुंच गया है तथा कुल टेस्‍ट की संख्‍या बढ़कर 1,58,49,068 के आंकड़े को छू गई है। इन दोनों में ही निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है।

यह उत्‍साहवर्धक उपलब्धि प्रयोगशालाओं की संख्या लगातार बढ़ने से ही संभव हो पाई है जिसकी संख्‍या जनवरी 2020 में केवल 01 से बढ़कर आज बढ़कर 1301 हो गई है, जिनमें 902 सरकारी लैब (प्रयोगशाला) और निजी क्षेत्र की 399 लैब शामिल हैं। आईसीएमआर के टेस्टिंग संबंधी संशोधित सुविधाजनक दिशा-निर्देशों और सरकार द्वारा चौतरफा प्रयास करने से भी व्यापक टेस्टिंग में काफी मदद मिली है।

केंद्र सरकार ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को आक्रामक टेस्टिंग के साथ ‘टेस्ट (जांच करना), ट्रैक (नजर रखना) एंड ट्रीट (उपचार करना)’ की रणनीति बनाए रखने की सलाह दी है, जिससे शुरू में तो प्रतिदिन पॉजिटिव मामलों की संख्या अधिक हो सकती है, लेकिन अंततः इसमें कमी आएगी, जैसा कि केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली-एनसीटी में लक्षित प्रयास करने के बाद देखने को मिल रहा है।

मरीजों की देखभाल संबंधी दृष्टिकोण के समग्र मानदंड पर आधारित प्रभावकारी एवं मानक नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल को अपनाने के परिणामस्‍वरूप कोविड से मौतों की दर में निरंतर कमी देखने को मिल रही है, जिसका अर्थ यही है कि केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के सामूहिक प्रयासों से कोविड-19 के कारण होने वाली मौतों की दर को नियंत्रण में रखना संभव हो पाया है। यह दर आज काफी घटकर 2.35% के स्‍तर पर आ गई है। भारत भी दुनिया में कोविड से मौतों की सबसे कम दर वाले देशों में से एक है।

पिछले 24 घंटों में 32,223 कोविड मरीज स्‍वस्‍थ या ठीक (रिकवर) हुए हैं। इसके साथ ही ठीक हो चुके कोविड मरीजों की कुल संख्या बढ़कर आज 8,49,431 के उच्‍च स्‍तर पर पहुंच गई है। रिकवरी दर बढ़कर 63.54% के नए उच्‍च स्‍तर को छू गई है। स्‍वस्‍थ मरीजों एवं कोविड-19 के सक्रिय मामलों के बीच अंतर अब और भी अधिक बढ़कर 3,93,360 हो गया है।

कोविड-19 से संबंधित तकनीकी मुद्दों पर समस्‍त प्रामाणिक एवं अद्यतन जानकारियों, दिशा-निर्देशों और एडवाइजरी के लिए कृपया नियमित रूप से यहां जाएं:
https://www.mohfw.gov.in/and @MoHFW_INDIA

कोविड-19 से संबंधित तकनीकी प्रश्‍न technicalquery.covid19@gov.in पर एवं अन्‍य प्रश्‍न  ncov2019@gov.in और @CovidIndiaSeva पर भेजे जा सकते हैं।

कोविड-19 से संबंधित किसी भी प्रश्न का उत्‍तर जानने के लिए कृपया स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर: +91-11-23978046 अथवा 1075 (टोल-फ्री) पर कॉल करें। कोविड-19 पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के हेल्पलाइन नंबरों की सूची
https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronvavirushelplinenumber.pdf  परभी उपलब्ध है।

अमेरिकी अदालत ने मुंबई का 26/11 का आतंकवादी हमले का आरोपी तहव्वुर राणा की जमानत याचिका खारिज की attacknews.in

वाशिंगटन, 25 जुलाई । अमेरिका की एक अदालत ने 2008 मुंबई आतंकवादी हमलों में संलिप्तता के लिए भारत द्वारा भगोड़ा करार दिए गए पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा की जमानत याचिका खारिज कर दी।

डेविड कोलमैन हेडली के बचपन के दोस्त राणा (59) को 2008 मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में शामिल होने के लिए भारत के प्रत्यर्पण के अनुरोध पर लॉस एंजिलिस में 10 जून को फिर से गिरफ्तार किया गया था। इस हमले में छह अमेरिकियों समेत 166 लोग मारे गए थे।

भारत में वह भगोड़ा अपराधी घोषित है।

लॉस एंजिलिस में अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की न्यायाधीश जैकलीन चूलजियान ने 21 जुलाई को अपने 24 पृष्ठों के आदेश में राणा को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि उसके फरार होने का खतरा है।

अमेरिका सरकार ने यह दलील देते हुए उसे जमानत पर रिहा करने का विरोध किया कि अगर वह कनाडा भाग जाता है तो उसके भारत में मौत की सजा से बचने की आशंका है।

अमेरिका के सहायक अटॉर्नी जॉन जे लुलेजियान ने अदालत में कहा, ‘‘किसी भी मुचलके पर जमानत देने से अदालत में राणा की मौजूदगी सुनिश्चित नहीं की जा सकेगी। उसे जमानत देने से अमेरिका को अपने विदेश मामलों में शर्मिंदा होना पड़ सकता है और उसके भारत के साथ रिश्ते तनावपूर्ण हो सकते हैं।’’

वहीं, राणा के वकील ने कहा कि 26/11 के आरोपी के फरार होने का खतरा नहीं है और उन्होंने उसे जमानत पर रिहा करने के लिए 15 लाख डॉलर का मुचलका भरने का प्रस्ताव रखा।

राणा ने अपने बचाव में कहा कि अमेरिका का सह-आरोपी हेडली को भारत प्रत्यर्पित न करने का फैसला असंगत है और यह उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाता है।

पाकिस्तान में जन्मे राणा ने वहां के आर्मी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई की और एक दशक से अधिक समय तक पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम किया।

वह अब कनाडाई नागरिक है, लेकिन वह शिकागो में रहता था, जहां उसका कारोबार था। अदालत के दस्तावेजों के अनुसार वह कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड में भी रहता है और वहां की यात्रा करता रहता है तथा सात भाषाएं बोलता है।

संघीय अभियोजकों ने कहा कि अगर वह कनाडा भाग जाता है तो वह मौत की सजा से बच सकता है। दरअसल, भारत के साथ कनाडा की प्रत्यर्पण संधि में ऐसा प्रावधान है कि भारत में जिस अपराध के लिए प्रत्यर्पण की मांग की गई है, अगर उसमें मौत की सजा सुनाई जा सकती है और कनाडा में उसके लिए मौत की सजा नहीं है तो प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है।

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार राणा 28 अप्रैल 2020 को लॉस एंजिलिस में टर्मिनल आइलैंड में कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया, लेकिन उसमें लक्षण नहीं थे और अब वह स्वस्थ है।

संघीय अभियोजकों के मुताबिक 2006 से नवंबर 2008 के बीच राणा ने ‘दाउद गिलानी’ के नाम से पहचाने जाने वाले हेडली और पाकिस्तान में कुछ अन्य के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा तथा हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी को मुंबई में आतंकी हमलों की साजिश रचने तथा हमलों को अंजाम देने में मदद की।

पाकिस्तानी-अमेरिकी हेडली लश्कर का आतंकवादी है। वह 2008 के मुंबई हमलों के मामले में सरकारी गवाह बन गया है। वह हमले में भूमिका के लिए अमेरिका में 35 साल की जेल की सजा काट रहा है।

कोरोना पाजिटिव मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरी तरह से स्वस्थ हैं,अब अस्पताल से करेंगे कार्य attacknews.in

भोपाल, 25 जुलाई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि वे चिकित्सक की सलाह पर अस्पताल में भर्ती हुए हैं और पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं।

श्री चौहान ने यहां चिरायु अस्पताल में भर्ती होने के लगभग दो घंटे बाद अपरान्ह ट्वीट में लिखा है ‘कोविड 19 की रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद मैं डॉक्टर की सलाह पर चिरायु अस्पताल में एडमिट हो गया हूं। वहां सभी प्रकार के टेस्ट किए गए हैं। मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हूं।’

कोरोना संक्रमण के बाद चिरायु अस्पताल पहुंचे शिवराज

कोरोना वायरस कोविड 19 के संक्रमण की पुष्टि के बाद आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपना इलाज कराने के लिए यहां चिरायु अस्पताल पहुंचे।

श्री चौहान ने स्वयं की कोरोना संबंधी रिपोर्ट पॉजीटिव आने की सूचना ट्वीट कर दी थी। इसके कुछ ही समय बाद वे चिरायु अस्पताल पहुंच गए।

इसके पहले उन्होंने अपने संदेश में कहा कि वे इलाज के दौरान ही राज्य की कोरोना संबंधी समीक्षा करने का प्रयास वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगे। अन्यथा यह कार्य वरिष्ठ मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग और प्रभुराम चौधरी करेंगे।

श्री चौहान 25 मार्च से लगातार कोरोना संबंधी मामलों की समीक्षा प्रतिदिन करते आ रहे हैं।

इस बीच श्री चौहान के संपर्क में पिछले चार पांच दिनों के दौरान आए मंत्री, अधिकारी, नेता और अन्य व्यक्ति भी आवश्यक ऐहतियात बरत रहे हैं। वे अपने सरकारी दायित्वों के साथ ही या तो क्वारेंटाइन होकर अपने स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए हैं या फिर ऐहतियातन कोरोना संबंधी जांच करा रहे हैं।

श्री चौहान हाल के दिनों में लखनऊ में राज्यपाल लालजी टंडन के अंतिम दर्शन के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश महामंत्री सुहास भगत और एक मंत्री अरविंद भदौरिया के साथ एक ही विमान से गए थे।

वहां से लौटने के बाद श्री भदौरिया ने स्वास्थ्य सामान्य नहीं नजर आने पर कोरोना जांच करायी और वे कोरोना संक्रमित निकले थे। श्री भदौरिया का इलाज भी चिरायु अस्पताल में चल रहा है।

वहीं श्री शर्मा और श्री भगत की कोरोना संबंधी रिपोर्ट कल शाम निगेटिव आयी। जबकि श्री चौहान की रिपोर्ट आज पॉजीटिव पायी गयी।

इसके बाद श्री चौहान ने राज्य की जनता के नाम एक संदेश सोशल मीडिया पर जारी किया और इलाज के लिए चिरायु अस्पताल पहुंच गए। अब वे यहां भर्ती रहकर अपना इलाज कराएंगे।

श्री चौहान बीते तीन चार दिनों के दौरान राज्य मंत्रालय, प्रदेश भाजपा कार्यालय भी गए। उन्होंने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हिस्सा लेने के साथ ही मंत्रियों से ‘वन टू वन’ चर्चा की।

वहीं राज्य के वरिष्ठ राजनेताओं, मंत्रियों और अन्य लोगों ने श्री चौहान के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कहा कि श्री चौहान मजबूत इच्छाशक्ति वाले इंसान हैं। और वे शीघ्र ही स्वस्थ होकर वापस जनसेवा के कार्य में जुट जाएंगे।

राज्य में अभी तक लगभग एक दर्जन जनप्रतिनिधि कोरोना संक्रमण के शिकार हो चुके हैं। इनमें मुख्य रूप से मंत्री अरविंद भदौरिया और ओमप्रकाश सक्लेचा, विधायक कुणाल चौधरी और पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू भी शामिल हैं।

राज्य में खासतौर से राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। अॅनलॉक टू (एक जुलाई से) के बाद से भोपाल में कोरोना संक्रमण के मामले प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं और आज रिकार्ड 221 संक्रमित पाए गए। इनमें शहर के एक प्रमुख अस्पताल के संचालक के परिजन भी शामिल हैं। भोपाल में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5330 के पार हो गयी है। जिले में कोरोना के कारण 151 लोगों की मौत हो चुकी है, हालाकि राहत भरी खबर यह है कि इनमें से लगभग 3400 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं। शेष लोगों का अस्पताल, होम आइसोलेशन और संस्थागत क्वारेंटाइन सेंटर में इलाज चल रहा है।

इस बीच कल रात आठ बजे से भोपाल जिले में पूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया गया है, जो चार अगस्त की सुबह पांच बजे तक लागू रहेगा। लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और निजी कार्यालय इत्यादि बंद रहेंगे।

चिकित्सकों की सलाह पर भर्ती हुआ हूं – शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वे चिकित्सकों की सलाह पर अस्पताल में भर्ती हुए हैं और इस संबंध में किसी को भी जिद नहीं करना चाहिए।

श्री चौहान ने ट्वीट में कहा है ‘मुझे डॉक्टर्स ने अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी है, मैं कोविड 19 के लिए डेडिकेटेड चिरायु अस्पताल में भर्ती होने जा रहा हूँ। कोरोना के मरीज को ज़िद नहीं करना चाहिए कि हम होम क्वारेंटाइन ही रहेंगे या अस्पताल नहीं जायेंगे। हमें डॉक्टर्स के निर्देश का पालन करना चाहिये।’

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद जानकारी दी थी कि, वे कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये:

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने की जानकारी खुद ही दी थी।

चौहान ने शनिवार को ट्वीट कर एवं संदेश जारी कर कहा, ‘‘मेरे प्रिय प्रदेशवासियों, मुझमें कोविड-19 के लक्षण नजर आ रहे थे। जांच के बाद मेरी रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई है। मेरी सभी साथियों से अपील है कि जो भी मेरे संपर्क में आए हैं, वे अपनी कोरोना वायरस जांच करवा लें। मेरे निकट संपर्क वाले लोग पृथक-वास में चले जाएं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया हूं। मैं कोरोना वायरस दिशा-निर्देश का पूरा पालन कर रहा हूं । डॉक्टर की सलाह के अनुसार स्वयं को पृथक करूंगा और इलाज करवाऊंगा । प्रदेश की जनता से मेरी अपील है कि सावधानी रखें, जरा सी असावधानी कोरोना वायरस को निमंत्रण देती है।’’

चौहान ने बताया, ‘‘मैंने कोरोना वायरस से सावधान रहने के हर संभव प्रयास किए, लेकिन समस्याओं को लेकर कई लोग मिलते ही थे। मेरी उन सब को सलाह है कि जो मुझसे मिले वह अपना टेस्ट करवा लें।’’

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना वायरस का समय पर इलाज होता है तो यह बिल्कुल ठीक हो जाता है।

चौहान ने बताया, ‘‘मैं 25 मार्च से प्रत्येक शाम को कोरोना वायरस की समीक्षा बैठक करता रहा हूँ। मैं यथासंभव अब वीडियो कॉन्फ्रेंस से कोरोना वायरस की समीक्षा करने का प्रयास करूंगा और मेरी अनुपस्थिति में यह बैठक प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, नगरीय विकास एवं प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्वयं भी पृथक-वास में रहते हुए इलाज के दौरान प्रदेश में कोरोना वायरस नियंत्रण के हर संभव प्रयास करता रहूंगा।

चौहान ने कहा, ‘‘आप सब सावधान रहें, सुरक्षित रहे और गाइडलाइन का पालन जरूर करें

भारत में शुक्रवार देर रात कोरोना 35 हजार नये मरीजों के साथ संक्रमितों की संख्या 13 लाख से पार,31 हजार के पार हुई मृतक संख्या, रिकवरी दर 63.45 प्रतिशत हुई attacknews.in

नयी दिल्ली 24 जुलाई ।देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण गंभीर होती स्थिति के बीच शुक्रवार रात संक्रमितों का आंकड़ा 13 लाख के पार हो गया जबकि मृतकों की संख्या 31,000 से अधिक हो गयी।कल ही भारत में कोविड-19 के एक दिन में रिकॉर्ड 49,310 मामले सामने आने के साथ ही संक्रमण के कुल मामले शुक्रवार सुबह तक बढकर 12,87,945 पर पहुंच गए थे जबकि 8,17,208 लोग इस बीमारी से उबर चुके थे ।

इस दौरान राहत की बात यह रही कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर सुधरकर 63.45 प्रतिशत हो गई। देश में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में कोरोना वायरस के प्रकोप तेजी से बढ़ रहे हैं।

‘कोविड19इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना संक्रमण के 13,22,302 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है तथा अब तक इस वायरस से 31,024 लोगों की मौत हो गई है। देश में अब तक कुल 8,37,459 मरीज स्वस्थ हुए हैं और 4,50,401 सक्रिय मामलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।आज सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी कल के आंकड़ों के अनुसार 24 घंटे में इस महामारी से 740 और लोगों की मौत से मृतकों की संख्या बढ़कर 30,601 हो गई थी ।

देश में पिछले दो दिनों के भीतर एक लाख से अधिक संक्रमण के मामले सामने आये हैं। इससे पहले तीन दिनों के भीतर एक लाख से अधिक संक्रमण के मामले सामने आ रहे थे। इससे पहले बुधवार को संक्रमितों की संख्या 12 लाख के पार हुई थी।

कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने की केंद्र और राज्य सरकारों की रणनीति कामयाब होती दिख रही है, जिससे कोरोना संक्रमण से मुक्त होने वाले व्यक्तियों की संख्या में दिन ब दिन बढोतरी हो रही है।

देशभर में फैले 1,284 कोरोना टेस्ट लैब ने 23 जुलाई को 3,52,801 नमूनों की जांच की , जिससे अब तक जांच किये गये नमूनों की संख्या बढ़कर 1,54,28,170 हो गयी है। जांच गति में तेजी लाने से संक्रमितों का उपचार तत्काल शुरू हो जाता है और वे गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ते। मंत्रालय के अनुसार केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा इस दिशा में उठाये गये कदमों से देश में कोरोना मृत्युदर अन्य देशों की तुलना में काफी कम है। अब तक 30,601 कोरोना संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं।

विभिन्न राज्यों की स्थिति पर नजर डालें तो सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में संक्रमितों की संख्या 3,47,502 पहुंच गई है और इससे अब तक 12,854 लोगों की मौत हुई है। राज्य में अब तक 1,94,253 लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं और 1,40,093 सक्रिय मामले है।

तमिलनाडु में कोरोना का कहर जारी है और पिछले 24 घंटों के दौरान एक दिन में अब तक के सर्वाधिक 6785 मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या दो लाख के करीब पहुंच चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक नये मामलों के साथ संक्रमितों का आंकड़ा 1,99,749 पर पहुंच गया जबकि 88 और लोगों की मौत हो गई। इनमें 66 की सरकारी अस्पताल और 22 की निजी अस्पतालों में मौत हुई है। राज्य में इस बीमारी से अब तक 3320 लोगों की मौत हो चुकी है।

इसी अवधि में 6504 मरीज स्वस्थ हुए है जो एक दिन में ठीक होने वालों की सर्वाधिक संख्या है। इसे मिलाकर अब तक 1,43,292 लोग रोगमुक्त हो चुके हैं और उन्हें विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी की स्थिति अब कुछ नियंत्रण में है और यहां संक्रमण के मामलों में वृद्धि की रफ्तार थोड़ी कम हुई है। राजधानी में अब तक 1,28,389 लोग कोरोना की चपेट में आये हैं तथा इसके कारण मरने वालों की संख्या 3,777 हो गयी है। यहां अब तक 1,10,931 मरीज रोगमुक्त हुए हैं और वर्तमान में 13,681 सक्रिय मामले हैं।

कर्नाटक में आज कोरोना संक्रमण के 5007 नये मामले सामने आये और 110 मरीजों की मौत हो गई । नये मामलों के साथ राज्य में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा 85,870 पर पहुंच गया और मृतकों की संख्या 1724 हो गयी। इसी अवधि में 2037 मरीज स्वस्थ हुए हैं जिन्हें विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। राज्य में कोरोना के 52,791 सक्रिय मामले हैं । इनमें 611 मरीज विभिन्न अस्पतालों में आईसीयू में हैं।

आंध्र प्रदेश में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है और पिछले 24 घंटे के दौरान एक दिन में सर्वाधिक 8147 लोगों के इससे संक्रमित होने की पुष्टि हुई जबकि 49 और मरीजों की मौत हो गयी। यहां गुरुवार सुबह नौ से आज सुबह नौ बजे तक 48,114 नमूनों की जांच की गयी , जिसमें 8147 मामलों की रिपोर्ट पॉजीटिव आयी। नये मामलों के साथ राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा 80,858 हो गया जबकि इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 933 हो गयी। राज्य में अभी 39,990 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है जबकि 39,935 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

यूपी में रिकार्ड 2712 नये मामले, रिकार्ड 50 मौतें

उत्तर प्रदेश सरकार की तमाम कवायद के बावजूद कोरोना संक्रमण के नये मामलों में तेजी जारी है। पिछले 24 घंटे में जहां रिकार्ड 2712 मामले सामने आये वहीं अब तक की सबसे ज्यादा 50 मौतें भी इस दौरान हुयी।

पिछले 24 घंटों में राज्य में कोरोना के 2712 नये मामले प्रकाश में आये है जबकि पहले से भर्ती 1909 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किये गये। इस अवधि मे 50 मरीजों की मृत्यु हुयी जो एक दिन में हुयी मौतों में सर्वाधिक है। इसके बावजूद अब अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या 21 हजार 711 हो गयी है। सूबे में कोरोना संक्रमण की शुरूआत से लेकर आज शाम तीन बजे तक 1348 संक्रमित मरीजों की मृत्यु हो चुकी थी हालांकि 37 हजार 712 मरीज स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज भी किये गये हैं।

तमिलनाडु में कोरोना का कहर जारी , एक दिन में रिकार्ड 6785 मामले

तमिलनाडु में कोरोना का कहर जारी है और पिछले 24 घंटों के दौरान एक दिन में अब तक के सर्वाधिक 6785 मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या दो लाख के करीब पहुंच चुकी है।

स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक नये मामलों के साथ संक्रमितों का आंकड़ा 1,99,749 पर पहुंच गया जबकि 88 और लोगों की मौत हो गई। इनमें 66 की सरकारी अस्पताल और 22 की निजी अस्पतालों में मौत हुई है। राज्य में इस बीमारी से अब तक 3320 लोगों की मौत हो चुकी है।

इसी अवधि में 6504 मरीज स्वस्थ हुए है जो एक दिन में ठीक होने वालों की सर्वाधिक संख्या है। इसे मिलाकर अब तक 1,43,292 लोग रोगमुक्त हो चुके हैं और उन्हें विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।

मध्यप्रदेश में कोरोना के 736 नये मरीजों के साथ संक्रमितों की संख्या 26,210 हुई , 791 मरीजों की अब तक मौत ,शिवराज सिंह चौहान ने सभी कलेक्टरों को कोरोना संबंधी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाने को कहा attacknews.in

भोपाल, 23 जुलाई ।मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते हुए प्रकरणों के बीच आज 736 कोरोना पॉजिटिव के नए प्रकरण सामने आये है। इन्हें मिलाकर राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अब बढ़कर 26210 पहुंच गयी है। प्रदेश में उपचाररत मरीजों (एक्टिव केस) की संख्या अब 7553 हो गयी है।11 मरीजों की मौत के साथ अब तक 791 मरीजों की मौत हो चुकी है ।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से आज रात जारी बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में 10550 सैंपल की जांच रिपोर्ट में से 736 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं और इन्हें मिलाकर अब संक्रमित मरीजों की आंकड़ा 26210 हो गयी है। इस महामारी से प्रदेश में अभी तक 17866 लोग अस्पताल से स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके हैं। आज 507 लोगों के स्वस्थ होने पर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।

भोपाल में मिले 144 नए संक्रमित

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना के 144 नए मरीज मिलने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 5123 तक पहुंच गयी, जिसमें से 3344 मरीज ठीक हो चुके हैं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार आज सुबह प्राप्त जांच रिपोर्ट में दो चिकित्सक, यातायात विभाग का एक जवान, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कैंप के सात जवान सहित 144 नए मरीजों की पुष्टि हुयी है। इसके बाद कोरोना से संक्रमितों की संख्या 4979 से बढ़कर अब 5123 तक पहुंच गयी। वहीं, इस बीमारी से अब तक 3344 मरीजों के स्वस्थ होने के बाद वर्तमान में 1630 एक्टिव केस हैं।

इसके अलावा इस बीमारी से भोपाल में अब तक 149 मरीज जान गवां चुके हैं। राजधानी में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते आज रात आठ बजे से चार अगस्त की सुबह पांच बजे तक लॉकडाउन लगाने के आदेश दिए गए हैं।

सतना में शनिवार-रविवार दो दिन का लाॅकडाउन

मध्यप्रदेश के सतना जिले में बढते कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने जिले के कुछ क्षेत्रों में दो दिनो के संपूर्ण लाकडाउन लागू करने का फैसला किया है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार अब सप्ताह के दो दिन यानी शनिवार और रविवार को लॉकडाउन रहेगा। बताया गया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए वापस लॉकडाउन की ओर लौटने की मजबूरी के बीच रविवार के एक दिनी वीकली लॉकडाउन को बढ़ा कर अब सतना में दो दिन का कर दिया गया है। लेकिन दूसरे दिन का यह लॉकडाउन पूरे जिले भर में प्रभावी नही होकर केवल उन क्षेत्रों में प्रभावी होगा, जहां ज्यादा संक्रमण है। जबकि रविवार को पूरा जिला लॉकडाउन रहेगा।

मरीज की मौत मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

मध्यप्रदेश के गुना के जिला अस्पताल में कथित तौर पर उपचार के अभाव से एक मरीज की मृत्यु के मामले में आज मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए है। उन्होंने इसकी जांच डिप्टी कलेक्टर सोनम जैन को सौपी है। कलेक्टर ने उन्हें इस मामले की जांच कर सात दिवस में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।

कटनी में मिले छह कोरोना मरीज

कटनी जिले में आज आधा दर्जन कोरोना संक्रमित मरीज मिले है।आधिकारिक जानकारी के अनुसार जबलपुर आईसीएमआर लैब से आयी जांच रिपोर्ट में छह लोग कोरोना पॉजिटिव मिले है। इन मरीजों को जोड़कर जिले में अब संक्रमित मरीजों की आंकड़ा 79 पहुंच गई है। इस महामारी से 41 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके है और तीन लोगों की मौत हो गई है। शेष 34 लोगों की उपचार अस्पताल में चल रहा है।

पूजा गृह कोरोना की स्थिति देखकर ही खुलेंगे :ऊषा

मध्यप्रदेश की पर्यटन, संस्कृति, अध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने की प्रदेश में कोरोना कहर कम होने व उसकी स्थिति देखकर ही सरकार पूजा गृह खोलने पर विचार करेगी। अभी हमें सोशल डिस्टेंंसिंग का ध्यान देना है।

सुश्री ठाकुर ने कहा कि जल्दी ही वर्चुअल दर्शन व पूजा पाठ का भी इंतजाम कर रहे हैं। ताकि लोग पूजा पाठ घर से रहकर ही कर सकें। उन्होंने कहा कि ईश्वर की आराधना व साधना अभी कोरोना के चलते लोग घरों के भीतर ही रहकर करें, ताकि कोरोना का बढ़ता कहर रोका जा सके।

शिवपुरी में चार दिन रहेंगे संपूर्ण लॉकडाउन

मध्यप्रदेश के शिवपुरी में जिला प्रशासन ने जिले में 25 व 26 जुलाई के साथ ही एक और दो अगस्त को संपूर्ण लॉकडाउन के आदेश दिया है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार कलेक्टर अनुग्रह पी ने 25 एवं 26 जुलाई तथा 1 एवं 2 अगस्त को संपूर्ण लॉकडाउन के आदेश दिए हैं। इस दौरान आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी। लॉकडाउन का उल्लंघन किए जाने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

सीहोर जिले में 27 कोरोना मरीज मिले

सीहोर जिले में आज 27 कोरोना संक्रमित मरीज मिले है।आधिकारिक जानकारी के अनुसार 27 व्यक्तियों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजीटिव प्राप्त हुई है। जिले में अभी तक 152 पॉजिटिव हो गए हैं। अभी तक 53 मरीज ठीक हो चुके है। आज 3 व्यक्तियों का स्वस्थ होने के उपरांत कोविड केयर सेंटर सीहोर से डिस्चार्ज किया गया है।

कोरोना संबंधी गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाए-शिवराज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना के बढ़ते हुए प्रकरणों को देखते हुए सभी जिलों में कोरोना संबंधी गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराया जाए।

श्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिलों में प्रभारी अधिकारी एवं सभी कलेक्टर्स हमारी कोरोना रणनीति आई.आई.टी.टी. (आईडेंटिफाई, आयसोलेट, टैस्ट्र एण्ड ट्रीट) का प्रभावी क्रियान्वयन करें। जिन जिलों में टैस्टिंग कम है, वहां टैस्टिंग बढ़ाई जाए। जिलों की परिस्थिति अनुरूप होम क्वारेंटाइन व संस्थागत क्वारेंटाइन किया जाए। कोरोना अस्पतालों में सर्वोत्तम इलाज किया जाए। जनता को मास्क पहनने, फिजिकल डिस्टेंसिंग रखने, भीड़ न लगाने आदि के लिए जागरू‍क किया जाए तथा ऐसा न करने पर जुर्माने आदि की कार्रवाई की जाए।

बैठक में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र, चिकित्सा शिक्षा, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई आदि उपस्थित थे।

छतरपुर जिले की समीक्षा में पाया गया कि वहां गत 7 दिनों में 113 कोरोना के नए मरीज मिले हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंटरस्टेट बॉर्डर पर निरंतर निगरानी करने के निर्देश दिए। बाहर से आने वालों की हैल्थ स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से की जाए। जिले में खनिज के अवैध परिवहन को भी सख्ती से रोके जाने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए। जिले में अभी 210 पॉजीटिव तथा 113 एक्टिव मरीज हैं, 95 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं।

बड़वानी जिले की समीक्षा में पाया गया कि वहां गत 07 दिनों में 95 नए केस आए हैं। जिले की टैस्टिंग प्रति दिन 3843 है, जबकि मध्यप्रदेश की 8150 व्यक्ति प्रतिदिन है। मुख्यमंत्री ने जिले में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने के निर्देश दिए।

कोरोना की जिलेवार समीक्षा में पाया गया कि प्रदेश में सर्वाधिक 177 नए प्रकरण भोपाल में आए है। इसके बाद इंदौर में 99, ग्वालियर में 63, मुरैना में 49, छतरपुर में 30, जबलपुर में 28, विदिशा में 25, उज्जैन में 24, नीमच में 20, बड़वानी में 20, झाबुआ में 18, रीवा में 17 तथा होशंगाबाद में 16 नए मरीज मिले हैं। दमोह में 25 टैस्ट में 13 नए पॉजीटिव मरीज मिले हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन सभी जिलों को विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए।

सतना जिले की समीक्षा में पाया गया कि वहां मैहर में नए प्रकरण आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस बात का सभी जिले ध्यान दें कि मंदिरों एवं उपासना स्थलों में एक बार में 5 से अधिक व्यक्ति न जाएं।

राजस्थान में अशोक गहलोत द्वारा विधानसभा सत्र बुलाने के लिए दबाव बनाकर,विधायकों से राज भवन में धरना दिलवाने के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने संवैधानिक मर्यादा का पाठ पढाया attacknews.in

जयपुर 24 जुलाई । राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं होता है तथा किसी भी प्रकार की दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए।

श्री मिश्र ने आज बताया कि राज्य सरकार द्वारा 23 जुलाई को रात में विधानसभा के सत्र को अत्यन्त ही अल्प नोटिस के साथ आहूत किये जाने की पत्रावली पेश की गई। पत्रावली में गुण दोषों के आधार पर राजभवन द्वारा परीक्षण किया गया तथा विधि विषेशज्ञों द्वारा परामर्श प्राप्त किया गया।

उन्होंने कहा कि विधि विशेषज्ञों के परामर्श के बाद राज्य सरकार के संसदीय कार्य विभाग को राजभवन द्वारा कुछ बिन्दुओं के आधार पर स्थिति प्रस्तुत करने के लिए पत्रावली प्रेषित की गई है। इसके तहत विधानसभा सत्र को किस तिथि से आहूत किया जाना हे, इसका उल्लेख केबिनेट नोट में नहीं है और ना ही केबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन प्रदान किया गया है।अल्प सूचना पर सत्र बुलाये जाने का न तो कोई औचित्य प्रदान किया गया है और ना ही कोई एजेण्डा प्रस्तावित किया गया है। सामान्य प्रक्रिया में सत्र आहूत किए जाने के लिए 21 दिन का नोटिस दिया जाना आवष्यक होता है।

राज्य सरकार को यह भी सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिए गए हैं कि सभी विधायकों की स्वतन्त्रता एवं उनका स्वतंत्र आवागमन भी सुनिश्चित किया जावे। कुछ विधायकों की निर्योग्यता का प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय और माननीय सर्वोच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है। उसका संज्ञान भी लिए जाने के निर्देष राज्य सरकार को दिए गए हैं। साथ ही कोरोना के राजस्थान राज्य में वर्तमान परिपेक्ष्य में तेजी से फैलाव को देखते हुए किस प्रकार से सत्र आहूत किया जायेगा, इसका भी विवरण प्रस्तुत किए जाने के निर्देष दिए गए हैं।

इसके अलावा राजभवन द्वारा स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक कार्य के लिए संवैधानिक मर्यादा और सुसंगत नियमावलियों में विहित प्रावधानों के अनुसार ही कार्यवाही की जावे। यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार का बहुमत है तो विश्वास मत प्राप्त करने हेतु सत्र आहूत करने का क्या औचित्य है।

राज्यपाल का अल्प समय की सूचना पर विधानसभा सत्र बुलाने से इनकार

आज दोपहर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने अल्प समय की सूचना पर विधानसभा सत्र बुलाने से इनकार किया ।

अपने विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलकर विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की थी।

कांग्रेस एवं निर्दलीय विधायक अभी राजभवन में ही मौजूद रहे तथा श्री गहलोत राज्यपाल से दुबारा मिल सकते है ऐसा कहा जा रहा था ।

सत्र नहीं बुलाने पर राजभवन का घेराव करने की श्री गहलोत की चेतावनी पर विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने राजभवन में केन्द्रीय रिर्जव पुलिस बल सीआरपीएफ तैनात करने की मांग की ।

विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायक पहुंचे राजभवन

वही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के मामले में विधायकों के साथ आज राजभवन पहुंचें थे।

राजभवन पहुंचेने के बाद कांग्रेस एवं निर्दलीय विधायक सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए राजभवन के लाॅन में बैठ गये। सभी विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में तथा केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

इस दौरान मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने गये तथा अविलम्ब विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की गयी थी ।

सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने श्री गहलोत से कहा कि कोरोना महामारी के दौरान विधानसभा सत्र बुलाने के मामले में विधिक राय ली जा रही है।

इससे पूर्व सभी विधायक एक पंच सितारा होटल से चार बसों में बैठ कर राजभवन लाये गये। मुख्यमंत्री श्री गहलोत भी विधायकों के साथ बस में बैठकर आये थे।

गौरतलब है कि श्री गहलोत कल ही राज्यपाल श्री मिश्र से मिले थे तथा अविलम्ब विधानसभा बुलाने की मांग की थी। लेकिन इस पर अभी तक राज्यपाल की ओर से जवाब नहीं मिलने पर मजबूरन सभी विधायकों को लेकर राजभवन आये।

केन्द्र के दबाव में राज्यपाल विधानसभा सत्र नहीं बुला रहे है-गहलोत

इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि राज्यपाल कलराज मिश्र केन्द्र सरकार के दवाब में विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहे है।

श्री गहलोत ने आज राजभवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्यपाल द्वारा केबिनेट के फैसले को मानने की परंपरा रही है और हमने उनसे इसके तहत ही विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी चल रही है विधानसभा सत्र में इस पर बहस करेंगे और बहुमत भी साबित करेंगे।

उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते है कि राज्यपाल किसी के दवाब में नहीं आएंगे तथा वह इस पर जल्द ही निर्णय लेंगे।

उन्होंने कहा कि हमेशा विपक्ष विधानसभा सत्र बुलाने की मांग करता है लेकिन इस बार सत्ता पक्ष विधानसभा बुलाने के लिए निवेदन कर रहा है और विधानसभा में दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। लेकिन यह समझ से परे है कि विधानसभा का सत्र क्यों नहीं बुलाया जा रहा है।

श्री गहलोत ने कहा कि सभी विधायक राजभवन के लाॅन में गांधीवादी तरीके से बैठे है तथा राज्यपाल के निर्णय का इंतजार कर रहे है। उनका फैसला आ जाने के बाद ही हम आगे की रणनीति पर चर्चा कर कदम उठायेंगे तब तक यही बैठेंगे।

राजभवन का घेराव के संबंध में उनके द्वारा दिये गये बयान पर उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्ष 1993 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भैंरोसिंह शेखावत अपने विधायकों के साथ राजभवन के इस लाॅन में धरने पर बैठे थे। श्री शेखावत ने भी उस समय राजभवन को घेरने का बयान दिया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भाजपा के नेताओं को इसकी जानकारी नहीं है।

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने बताया कि राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम मध्यनजर कांग्रेस पार्टी की ओर से राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर शनिवार को धरना प्रदर्शन किया जायेगा।

सत्र बुलाने के आश्वासन के बाद कांग्रेस विधायकों का धरना समाप्त

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कुछ महत्वपूर्ण बिंंदुओं पर जानकारी मिलने के बाद कांग्रेस विधायकों को विधानसभा का सत्र बुलाने का आश्वासन दिया, इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने आज राजभवन में धरना समाप्त कर दिया।

धरना समाप्त करने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पत्रकारों को बताया कि राज्यपाल ने मंत्रिमंडल के सदस्यों से कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी है, लिहाजा कैबिनेट की बैठक रात साढ़े नौ बजे बुलाई गयी है। उन्होंने बताया कि राज्यपाल को बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी आज रात ही दे दी जायेगी।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल संविधान की अनुपालना करेंगे। वह संविधान की धारा 174 के तहत मंत्रिमंडल की सिफारिश मानने को प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर बहुमत की सरकार को विधायकों की खरीदफरोख्त करके गिराने का षडयंत्र रचने का आरोप लगाया।

राजस्थान कैबिनेट की बैठक हुई 

इस घटनाक्रम के चलते अशोक गहलोत कैबिनेट की बैठक शुक्रवार रात यहां मुख्यमंत्री निवास में शुरू हुई।

पाटी सूत्रों के अनुसार बैठक में विधानसभा सत्र बुलाए जाने की कैबिनेट के प्रस्ताव पर राजभवन द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर चर्चा हुई ।

राजभवन ने छह बिंदुओं पर जवाब मांगा है। राजभवन द्वारा जिन छह बिंदुओं को उठाया गया है उनमें से एक यह भी है कि राज्य सरकार का बहुमत है तो विश्वास मत प्राप्त करने के लिए सत्र आहूत करने का क्या औचित्य है? इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि विधानसभा सत्र किस तिथि से आहूत किया जाना है, इसका उल्लेख केबिनेट नोट में नहीं है और ना ही कैबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन किया गया है।

राजस्थान में राज्यपाल पर दबाव बनाने के लिए अशोक गहलोत ने कई सुर बदले,पहले जनता द्वारा राज भवन घेरने का डर दिखाया,बाद में भाजपा को कोसा और राज्यपाल को नसीहत देते नजर आये

जयपुर, 24 जुलाई ।कांग्रेस और उसके समर्थक विधायकों के राजभवन में धरना शुरू किए जाने के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार की शाम कहा कि राज्य में उल्टी गंगा बह रही है जहां सत्ता पक्ष खुद विधानसभा का सत्र बुलाना चाहता है और विपक्ष के नेता कह रहे हैं कि हम तो इसकी मांग नहीं कर रहे।

गहलोत ने राज्यपाल को संवैधानिक मुखिया बताते हुए अपने विधायकों को गांधीवादी तरीके से पेश आने की नसीहत दी। गहलोत ने उम्मीद जताई कि राज्यपाल कलराज मिश्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की कांग्रेस सरकार के प्रस्ताव पर जल्द ही फैसला करेंगे।

गहलोत ने राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी कैबिनेट ने विधानसभा का सत्र बुलाने का फैसला किया। पहल हमने की। उसका विपक्ष को भी स्वागत करना चाहिए। यही परंपरा रही है लोकतंत्र की। यहां उल्टी गंगा बह रही है, हम कह रहे हैं कि हम सत्र बुलाएंगे और अपना बहुमत सिद्ध करेंगे। कोरोना वायरस और बाकी मुद्दों पर चर्चा करेंगे।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्यपाल हमारे संवैधानिक मुखिया हैं। हमने उनसे आग्रह किया। मुझे यह कहते हुए संकोच नहीं है कि बिना ऊपर के दबाव के वह इस फैसले को रोक नहीं सकते थे क्योंकि राज्य कैबिनेट का जो फैसला होता है राज्यपाल उससे बंधे होते हैं।’’

गहलोत ने कहा कि अगर राज्यपाल के कुछ सवाल हैं तो वह सचिवालय स्तर पर समाधान कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमेशा विपक्ष मांग करता है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए। यहां सत्ता पक्ष कह रहा है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए जहां दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। वहीं विपक्ष कह रहा है कि हम ऐसी मांग ही नहीं कर रहे। यह क्या पहेली है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि कलराज मिश्र जिनका अपना एक व्यक्तित्व है और जिनका दिल्ली में भी पक्ष-विपक्ष सम्मान करता रहा है, वह दबाव में नहीं आएंगे क्योंकि उन्होंने संवैधानिक पद की शपथ ली है।’’

गहलोत ने कहा, ‘‘जिंदगी में कई ऐसे मौके आते हैं जब उन्हें साहस से फैसले करने पड़ते हैं। हमें उम्मीद है कि जल्द अपना फैसला सुनाएंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विधायक राजभवन में कब तक रहेंगे और धरना कब तक चलेगा। इस पर निर्भर करेगा कि राज्यपाल कब तक पत्र देते हैं और उसमें क्या लिखते हैं। उसके बाद ही कुछ फैसला करेंगे कि हमें क्या करना है।’’

जनता राजभवन का घेराव करेगी संबंधी अपने बयान पर गहलोत ने कहा, ‘‘1993 में भैंरोसिंह शेखावत ने कहा था कि अगर बहुमत मेरे पास है और हमें नहीं बुलाया गया तो राजभवन का घेराव होगा। राजभवन का घेराव होगा …यह राजनीतिक भाषा होती है। जनता को समझाने के लिए, संदेश देने के लिए।’’

गहलोत ने कहा कि कभी भैंरो सिंह शेखावत यहीं पर धरने पर बैठे थे। गहलोत ने कहा, ‘‘भाजपा के नये-नये नेता पैदा हुए हैं उन्हें कोई जानकारी नहीं। इन्हें चाहिए कि हम जैसे वरिष्ठ नेताओं से कुछ बातचीत करें और कुछ ज्ञान लें।’’

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों से आग्रह किया है कि हमें गांधीवादी तरीके से पेश आना है। गहलोत ने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख हैं और हम कोई टकराव नहीं चाहते।

इससे ठीक पहले पत्रकारों को यह कहा;

जनता राजभवन काे घेरने आ गयी तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी-गहलोत

इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से किसी दबाव में नहीं आकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि ऐसा नहीं करने पर जनता राजभवन को घेरने आ गयी तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।

एक होटल में ठहरे विधायकों के साथ राजभवन की ओर कूच करने के लिये निकले श्री गहलोत ने पत्रकारों को बताया कि सत्र बुलाने के लिये मैंने राज्यपाल को कल ही पत्र सौंप दिया था और उनसे फोन पर भी बात हुई, लेकिन इस मामले में काेइ जवाब नहीं आया।

उन्होंने कहा कि हम सभी विधायक राजभवन जाकर राज्यपाल से सत्र बुलाने की सामुहिक प्रार्थना करेंगे।
श्री गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी पर राज्य में गंदी राजनीति करने और निचले स्तर पर जाकर सीबीआई और ईडी के माध्यम से दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।

उन्होंने पुराना वाकया सुनाते हुए कहा कि दिवंगत भैरोसिंह शेखावत के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में सरकार गिराने के दो बार प्रयास किये गये थे, लेकिन तब मैंने प्रदेशाध्यक्ष होते हुए इस मामले में नहीं पड़ने का फैसला लिया और तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंहराव एवं राज्यपाल बलिराम भगत को भी इस तरह के मामले में हमारे शामिल नहीं होने की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि हमारे पास पुख्ता बहुमत है। हमारे कुछ साथियों को हरियाणा के एक रिजॉर्ट में बंधक बनाया गया है। जहां उनमें कई बीमार और परेशान हैं। वे विधायक खुद को मुक्त कराने के लिये हमें फोन भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र बुलाया गया तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा। बहस होगी तथा सारी बातें सामने आ जायेंगी।

श्री गहलाेत ने कहा कि हम पूरी तरह एकजुट हैं और हमें कोई चिंता नहीं है। जबकि बहुमत साबित करने वाले को हमेशा चिंता रहती है। हम बहुमत को लेकर परेशान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल भी हमेशा यह कहता रहा है कि विधानसभा में बहुमत साबित किया जाये। न्यायिक क्षेत्र में भी ऐसी चर्चायें होने लगी थी कि विधानसभा सत्र बुलाया जाये, जिसके लिये हम तैयार हैं।

श्री गहलाेत ने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि राज्यपाल किसी दबाव के तहत फैसला नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह विधायकों के साथ राजभवन में राज्यपाल से सामुहिक रूप से मिलेंगे और उनसे अनुरोध करेंगे कि वह किसी के दबाव में नहीं आयें। वह संवैधानिक पद पर हैं, उन्होंने संविधान की शपथ ली है। उन्हें अपनी अंतरात्मा के आधार पर निर्णय करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं और राज्य की जनता राजभवन को घेरने आ गयी तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।

कांग्रेस विधायक राजभवन में धरने पर बैठे

राजस्थान में कांग्रेस विधायक तथा अशोक गहलोत सरकार के समर्थक अन्य विधायक शुक्रवार अपराह्न राजभवन के दालान में धरने पर बैठ गए। ये विधायक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का सामूहिक आग्रह करने के लिए राजभवन गए थे।

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा,’ हमने राज्यपाल से नियमों के तहत विधानसभा का सत्र बुलाने का आग्रह किया। राज्यपाल केंद्र के निर्देशों पर काम कर रहे हैं। जब तक सत्र की तारीख नहीं दी जाती है हम यहां पर बैठे हैं।’

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इससे पहले राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। इसके बाद राज्यपाल विधायकों से मिलने भी आए

राज्यपाल पर बनाया जा रहा है अनैतिक दबाव-भाजपा

।राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस विधायकों द्वारा राजभवन पर दिये जा रहे धरने को अनैतिक बताते हुए केन्द्र सरकार से दखल देने की मांग की है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने आज यहां प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजभवन पर धरना देने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने का आग्रह किय है।

दिल्ली के 11 स्थानों और राजस्थान के तीर्थ पुष्कर की मिट्टी राम मंदिर भूमि पूजन के लिए अयोध्या रवाना attacknews.in

नयी दिल्ली/अजमेर/लखनऊ , 24 जुलाई ।अयोध्या में पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के भूमिपूजन तथा मंदिर की नींव में डालने के लिए देशभर की नदियों का जल और पवित्र स्थानों की मिट्टी को अयोध्या भेजने के क्रम में आज दिल्ली के 11 पवित्र स्थानों की मिट्टी पीतल के कलशों में रवाना की गयी।

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार और दिल्ली प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान मिट्टी से भरे पीतल के कलशों को पुष्प अक्षत तिलक से पूजन करके अयोध्या के लिए रवाना किया।

मंदिर निर्माण के लिए मिट्टी अयोध्या के लिए रवाना की गई

अजमेर।से बहुप्रतीक्षित राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के निमित राजस्थान में अजमेर के निकटवर्ती तीर्थगुरु पुष्कर राज स्थित पवित्र सरोवर से जल एवं पवित्र मिट्टी आज अयोध्या के लिए रवाना की गई।
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा तीर्थ पुरोहितों के सहयोग से पुष्कर सरोवर के गउ घाट पर कार्यकर्ताओं ने विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार एवं पूजा पाठ कर पवित्र जल व पवित्र मिट्टी अयोध्या के लिए रवाना की।

योगी जायेंगे अयोध्या,भूमि पूजन की तैयारी का लेंगे जायजा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को अयोध्या जायेंगे और भव्य राममंदिर के निर्माण के लिये पांच अगस्त को हाेने वाले भूमि पूजन की तैयारियों को जायजा लेंगे।

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि एक दिवसीय संक्षिप्त दौरे के दौरान मुख्यमंत्री रामलला के दर्शन करेंगे और हनुमानगढ़ी भी जायेंगे। श्री योगी बाद में संतों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे। श्री योगी श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों से मुलाकात करेंगे और भूमि पूजन कार्यक्रम के लिये आमंत्रित मेहमानों की सूची को अंतिम रूप देंगे।

राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सदस्यता की अयोग्यता पर दिये नोटिस पर रोक लगाई attacknews.in

जयपुर, 24 जुलाई ।राजस्थान उच्च न्यायालय ने व्हिप उल्लंघन के मामले में राजस्थान के निष्कासित उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को विधानसभाध्यक्ष डा़ सी पी जोशी के दिये गये नोटिस पर रोक लगा दी है।

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता ने आज फैसला सुनाते हुए यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया। न्यायालय ने दल बदल विरोधी कानून के तहत फैसला करने का अधिकार अध्यक्ष पर छोड़ा है।

पायलट गुट ने अदालत से उन्हें अयाेग्य घोषित नहीं करने के मामले में गुहार की थी, लेकिन अदालत ने मामला अध्यक्ष पर छोड़ते हुए कहा है कि अदालत इसमें कोई दखल नहीं दे सकती।

विधानसभाध्यक्ष डा़ सी पी जोशी व्हिप नोटिस के मामले में उच्चतम न्यायालय की शरण ली थी तथा सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली और आदेश दिया कि उच्च न्यायालय का निर्णय अंतिम नहीं होगा। अब इस मामले की सुनवाई उच्चतम न्यायालय में सोमवार को होगी।

विधानसभा अध्यक्ष ने सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी की याचिका पर व्हिप उल्लंघन मामले में नोटिस जारी किया था, जिसे पायलट गुट ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी1

अदालत ने आज केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की याचिका भी स्वीकार की है। जिस पर सुनवाई बाद में की जायेगी।

बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर उच्च न्यायालय में सुनवाई सोमवार को होगी

राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश महेन्द्र गोयल बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने के मामले में सोमवार को सुनवाई करेंगे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक मदन दिलावर ने अदालत में इस मामले में याचिका दायर की है। श्री दिलावर ने विधानसभा अध्यक्ष डा सी पी जोशी के समक्ष भी इस मामले में याचिका दायर की थी।
विधानसभा अध्यक्ष ने बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने का प्रार्थना पत्र स्वीकार कर इसकी इजाजत दे दी थी।

नये राजनीतिक घटनाक्रम के तहत विधानसभा सत्र बुलाने का मामला इस मुद्दे पर अदालत का फैसले को देखते हुये टाला भी जा सकता है।

आंनदी बेन को मध्य प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 जुलाई । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को मध्य प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार शुक्रवार को सौंपा।

राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार श्री कोविंद ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन के बाद नियमित व्यवस्था होने तक श्रीमती पटेल को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है।

मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा विदेशी पढ़ाई भारत में और विदेश गये छात्रों को भारत में ही पढ़ाई करवाने के लिए ‘स्टे इन इंडिया और स्टडी इन इंडिया’ का कार्यक्रम लागू किया जाएगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 जुलाई ।विदेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों और विदेश में जाने की तैयारी कर रहे भारतीय छात्रों के लिए शिक्षा मंत्रालय ने ‘स्टे इन इंडिया और स्टडी इन इंडिया’ का नारा दिया है।

मानव संसाधन मंत्रालय ने शुक्रवार को हुई एक बैठक में ‘स्टे इन इंडिया’ को ‘स्टडी इन इंडिया’ के साथ ऐसे भारतीय छात्रों के लिए जोड़ा जा रहा है , जो विदेश में अध्ययनरत हैं या विदेश में पढ़ाई की तैयारी कर रहे हैं। ‘स्टडी इन इंडिया’ मंत्रालय का एक प्रोग्राम है। नए नारे को साकार करने को लेकर लेकर एक कमेटी बनाई गई है जिसे 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देनी है।

मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने बैठक के दौरान कहा, “कोविड महामारी से पैदा हुई स्थिति की वजह से विदेश में पढ़ाई करने की चाह रखने वाले कई छात्रों ने भारत में रहने का फ़ैसला लिया है। कई ऐसे छात्र जो विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं वो भारत आना चाहते हैं। मंत्रालय को दोनों ही तरह के छात्रों को घ्यान में रखकर उनकी ज़रूरतों को पूरा करने के तमाम कोशिशें करनी चाहिए।”

बैठक में विदेश जाने की चाह रखने वाले छात्रों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए ऐसे कदम उठाने और ऐसे अवसर देने के फैसले लिए गए , जिसके तहत उन्हें भारत में रोका जा सके। इसके लिए मंत्रालय उन्हें भारत के सर्वोत्तम संस्थानों में पढ़ाई का मौका देने की तैयारी करने वाला है। वहीं, विदेश में पढ़ रहे ऐसे छात्र जो भारत लौटना चाहते हैं उन्हें उनका प्रोग्राम पूरा करने में मदद करने की भी तैयारी की जा रही है।

इसे लेकर एक कमेटी बनाई जानी है जिसके प्रमुख यूजीसी के चेयरमैन डीपी सिंह होंगे। कमेटी को ज़्यादा से ज़्यादा छात्रों को भारत में रोकने को लेकर एक गाइडलाइन तैयार करनी है। इसका रास्ता भी बताना है कि अच्छे विश्वविद्यालयों में छात्रों की संख्या को कैसे बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा मल्टी डिसिप्लिनरी और इनोवेटिव प्रोग्राम शुरू करने के रास्ते भी तलाशे जाएंगे।

मीटिंग के दौरान शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा, “हमें इसके जड़ को समझने की ज़रूरत है कि छात्र विदेश क्यों जा रहे हैं. इसी से इसका हल निकलेगा. भारतीय संस्थान में पर्याप्त इंफ्ऱास्ट्रक्चर विकसित किया जाना चाहिए ताकि छात्र भारत में रही रहें।”

इन प्रयासों के तहत ट्विनिंग और ज़्वाइंट डिग्री प्रोग्राम, क्रॉस कंट्री डिज़ाइनिंग सेंटर, विदेश के मशहूर शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन लेक्चर, अकादमिक और व्यापार जगत को लिंक करने, ज़्वाइट डिग्री वेंचर शुरू करने और भारतीय उच्च संस्थानों में लैटरल एंट्री देने पर भी ग़ौर किया जाएगा। बैठक में लिए गए फ़ैसलों के तहत एआईसीटीई के चेटरमैन अनिल सहस्रबुध तकनीकी संस्थानों से जुड़े मुद्दों पर काम करेंगे।

आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी, काउंसिल ऑफ़ आर्किटेक्चर और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की अलग से सब कमेटी बनाई जानी है। ये कमेटियां यूजीसी और एआईसीटीई के चेयरमैन की सहायता करेंगी। नेशनल टेस्टिंग एजेंस (एनटीए) के चेयरमैन और सीबीएसई के चेयरमैन से भी शिक्षा जगत में उनके अनुभव के आधार पर सलाह ली जा सकती है. कमेटी को अपनी रिपोर्ट 15 दिनों में देनी है।

मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने इस पर ज़ोर दिया कि ‘स्टडी इन इंडिया’ के तहत विदेश छात्रों को आकर्षित करने का पुरज़ोर प्रयास होना चाहिए।