CAA के खिलाफ भड़काएं गए दिल्ली में दंगे की साजिश की भूमिका में जेएनयू का छात्र नेता उमर खालिद गिरफ्तार attacknews.in

नयी दिल्ली 13 सितंबर । जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद को गत फरवरी महीने में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगा में उसकी कथित भूमिका को लेकर गिरफ्तार कर लिया गया है।

सूत्रों ने बताया कि उमर को गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी से पहले उमर को आज इस सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

खालिद की गिरफ्तारी रविवार रात करीब 12 बजे की गई। गिरफ्तारी की पुष्टि भी दिल्ली पुलिस उच्चपदस्थ अधिकारियों ने की है। लेकिन जांच का हवाला देते हुए इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं।

दिल्ली हिंसा मामले में खालिद समेत आठ लोगों के खिलाफ स्पेशल सेल ने गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है।

इसके तहत खालिद समेत एफआईआर की जद में आए सभी के खिलाफ देशद्रोह, हत्या, हत्या का प्रयास और दंगा सहित कई संगीन आरेप हैं।

खालिद से स्पेशल सेल की टीम दो बार पूछताछ भी कर चुकी है। पहली बार कुछ महीने पहले पूछताछ की गई थी, जबकि दूसरी बार करीब दस दिन पहले उससे पूछताछ की गई थी। इतना ही नहीं पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उसका मोबाइल फोन भी जांच के लिए जब्त किया था।

क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज किया गया मामला वर्तमान में दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट- स्पेशल सेल यूएपीए की धारा के तहत मामले की बड़े षड्यंत्र के कोण से जांच कर रही है।

दो भड़काऊ भाषण देने का आरोप

खालिद पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा से पहले कथित रूप से दो अलग-अलग स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिए जाने का आरोप है। उन दोनों ही भाषण को लेकर उससे दो राउंड की पूछताछ की गई थी। खालिद पर ट्रम्प की यात्रा के दौरान कथित तौर पर जनता से सड़कों पर आने की अपील किए जाने को लेकर उनसे पूछताछ की की गई।

नंबर गेम

हिंसा मामले को लेकर दर्ज हुए एफआईआर- 754
इसमें से कितने मामलों को सुलझाया गया- 372
हिंसा मामले में अबतक हुई गिरफ्तारी- 1400
हिंसा मामले में अबतक हुई चार्जशीट- 200

भारत में  विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर 542 अरब डॉलर पर पहुँचा attacknews.in

मुंबई 13 सितंबर । देश का विदेशी मुद्रा भंडार 04 सितंबर को समाप्त सप्ताह में 58.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 542.01 अरब डॉलर के नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया।

यह लगातार दूसरा सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा का देश का भंडार 540 अरब डॉलर के पार रहा है। इससे पहले 28 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 3.88 अरब डॉलर बढ़कर यह 541.43 अरब डॉलर हो गया था।

रिजर्व बैंक द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 04 सितंबर को समाप्त सप्ताह में 26.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 498.36 अरब डॉलर पर पहुँच गया। इस दौरान स्वर्ण भंडार भी 32.1 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 37.52 अरब डॉलर पर रहा।

आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 90 लाख डॉलर की गिरावट के साथ 4.65 अरब डॉलर रह गया जबकि विशेष आहरण अधिकार 20 लाख डॉलर बढ़कर 1.48 अरब डॉलर हो गया।

कांग्रेस संगठन में भारी फेरबदल, नयी कार्य समिति का गठन attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 सितंबर । कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव को लेकर पिछले माह पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में मचे हंगामे के बाद संगठन में शुक्रवार को बड़ा बदलाव करते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 22 सदस्यीय नयी कार्य समिति का गठन कर गुलाम नबी आज़ाद सहित पांच महासचिवों तथा चार प्रदेश प्रभारी महासचिव हटा दिए है।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी उन्होंने बताया कि कार्यसमिति में श्रीमती गांधी सहित 22 सदस्य है जबकि 26 स्थायी आमंत्रित सदस्य और नौ विशेष आमंत्रित सदस्यों को शामिल किया गया है। श्री आज़ाद ने हाल ही में 22 अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ संगठन में बदलाव की मांग की थी।

पार्टी ने पांच महासचिव गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, श्रीमती अंबिका सोनी, मलिकार्जुन खडगे तथा एल फ्लोरियो की छुट्टी कर दी है। इसी तरह से प्रदेश प्रभारी नारायण सिंह,आशा कुमारी और गौरव गोगोई और रामचंद्र खूंटिया को भी हटा दिया गया है।

पितृपक्ष में पितरों की शांति में इसकी हैं खास उपयोगिता:श्राद्ध करने वालों के लिए पितरों के पिण्डदान में हैं काला तिल और कुश का सर्वाधिक महत्व attacknews.in

प्रयागराज,11 सितंबर । पितरों को तृप्त करने तथा देवताओं और ऋषियों को काले तिल, अक्षत मिश्रित जल अर्पित करने की क्रिया को तर्पण कहा जाता है। तर्पण में काला तिल और कुश का बहुत महत्व होता है।
पितरों के तर्पण में तिल, चावल, जौ आदि को अधिक महत्त्व दिया जाता है। श्राद्ध में तिल और कुशा का सर्वाधिक महत्त्व होता है। श्राद्ध करने वालों को पितृकर्म में काले तिल के साथ कुशा का उपयोग महत्वपूर्ण है।

मान्यता है कि तर्पण के दौरान काले तिल से पिंडदान करने से मृतक को बैकुंठ की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि तिल भगवान के पसीने से और कुशा रोम से उत्पन्न है इसलिए श्राद्ध कार्य में इसका होना बहुत जरूरी होता है।

प्रयागराज स्थित श्री देवरहवा बाबा सेवाश्रम पीठ के वाचस्पति प्रपन्नाचार्य ने शास्त्रों का हवाला देते हुए बताया कि तर्पण में तिल व कुशा का विशेष महत्व है। वायु पुराण के अनुसार तिल और कुशा के साथ श्रद्धा से जो कुछ पितरों को अर्पित किया जाता है वह अमृत रूप होकर उन्हे प्राप्त होता है। पितर किसी भी योनि में हों उन्हें वह सब उसी रूप में प्राप्त होता है।

उन्होंने बताया कि पितृपक्ष के दौरान पितरों की सद्गति के लिए पिण्डदान और तर्पण के लिए काले तिल और कुश का उपयोग किया जाता है। तिल और कुश दोनों ही भगवान विष्णु के शरीर से निकले हैं और पितरों को भी भगवान विष्णु का ही स्वरूप माना गया है।

उन्होने गरुण पुराण का हवाला देते हुए बताया कि तिल तीन प्रकार के श्वेत, भूरा व काला जो क्रमश: देवता, मनुष्य व पितरों को तृप्त करने वाला होता हैं ।

प्रपन्नाचार्य ने बताया कि दान करते समय भी हाथ में काला तिल जरूर रखना चाहिए इससे दान का फल पितरों एवं दानकर्ता दोनों को प्राप्त होता है। इसके अलावा शहद, गंगाजल, जौ, दूध और घृत,काला तिल और कुश सात पदार्थ को श्राद्धकर्म के लिए महत्वपूर्ण माना गया है।

शंख स्मृति के चौदहवें अध्याय के अनुसार गया धाम में जो कुछ भी पितरों को अर्पित किया जाता है उससे अक्षय फल की प्राप्ति होती है। वाल्मिकी रामायण में भी गया तीर्थ की महत्ता को बताया गया है। वायपुराण में भी गया श्राद्ध की चर्चा है। ज्यादातर पिंडदानी जौ का आटा, काला तिल, खोवा से बने पिंड से पिंडदान करते हैं।

रघुवंश प्रसाद ने राजद छोड़ते हुए लिखा: “जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं”,जवाब में लालू ने रघुवंश को लिखा पत्र, कहा-  “आप कहीं नहीं जा रहे, समझ लीजिए।” attacknews.in

पटना 10 सितंबर। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को आज चुनाव से पहले का और जोरदार झटका लगा जब पार्टी के उपाध्यक्ष रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने आज दल से इस्तीफा दे दिया।

डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखकर पार्टी छोड़ने की जानकारी दी । उन्होंने पत्र में कहा, “जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं। पार्टी नेता और आम जनों ने बड़ा स्नेह दिया, मुझे क्षमा करें।”

गौरतलब है कि पूर्व सांसद रामा सिंह को राजद में लाए जाने की चर्चा के बाद से ही डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह नाराज थे । श्री लालू प्रसाद यादव ने भी उन्हें मनाने की कोशिश की, इसी बीच श्री यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने डॉ. सिंह को लेकर विवादास्पद बयान दे दिया था कि ‘एक लोटा समुद्र से निकल जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता।’ ऐसा समझा जाता है कि डॉ. सिंह इससे काफी क्षुब्ध थे और अपमानित महसूस कर रहे थे। अंत में उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया। डॉ. सिंह फिलहाल एम्स में अपना इलाज करा रहे हैं ।

लालू ने रघुवंश को लिखा पत्र, कहा-  “आप कहीं नहीं जा रहे, समझ लीजिए।”

रांची, से खबर है कि, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह के राजद छोड़ने की घोषणा के बाद उन्हें लिखे पत्र में व्यक्तिगत संबंधों का हवाला देते हुए कहा, “आप कहीं नहीं जा रहे, समझ लीजिए।”

श्री यादव ने गुरुवार शाम को पूर्व केन्द्रीय मंत्री को पत्र लिखकर कहा, “मीडिया में आपके नाम से एक चिट्ठी सार्वजनिक हुई है, जिसपर मुझे विश्वास नहीं होता है। अभी मेरे परिवार समेत पूरा राजद परिवार आपको स्वस्थ्य होकर अपने बीच देखना चाहता है। चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक की पारिवारिक मामलों में मिल बैठकर विचार किया है।”

राजद सुप्रीमो ने कहा, “आप शीघ्र स्वस्थ हों, फिर बैठकर बातचीत की जाएगी। उन्होंने अंतिम वाक्य में श्री सिंह के साथ अपने पुरानों संबंधों का हवाला देते हुए कहा, “आप कहीं नहीं जा रहे, समझ लिजिए।”

उल्लेखनीय है कि डॉ. सिंह ने गुरुवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से राजद अध्यक्ष को पत्र लिखकर पार्टी छोड़ने की जानकारी दी । उन्होंने पत्र में कहा, “जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं। पार्टी नेता और आम जनों ने बड़ा स्नेह दिया, मुझे क्षमा करें।”

रिलायंस 200 अरब डालर से अधिक बाजार पूंजीकरण वाली भारत की पहली कंपनी बनी,रिलायंस के बल पर शेयर बाजार में तूफानी तेजी आई attacknews.in

मुंबई,10 सितंबर । एशिया के सबसे अमीर मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने गुरुवार को देश के कंपनी जगत में इतिहास का नया अध्याय लिखा और 200 अरब डालर से अधिक बाजार पूंजीकरण वाली पहली कंपनी बनने का श्रेय हासिल किया।

देश के शेयर बाजारों में जोरदार बढ़त के साथ ही आरआईएल के शेयर ने ऊंची छंलाग लगाई और एनएसई में कारोबार के दौरान कल की तुलना में साढ़े आठ प्रतिशत बढ़कर अर्थात 2344.95 रुपए के रिकार्ड स्तर तक पहुंचा और कंपनी का बाजार पूंजीकरण 210 अरब डालर को छू गया।

यही नहीं रिलायंस के राईट इश्यू के तहत आंशिक भुगतान वाले शेयर पर तेजी की वजह से दस प्रतिशत का अपर सर्किट लगाना पड़ा। यह कारोबार में ऊंचे में 1393.7 रुपये तक चढ़ा।

रिलायंस के शेयर और आंशिक भुगतान वाले राईट इश्यू के शेयरों को जोड़ दिया जाये तो बाजार पूंजीकरण 15.45 लाख करोड़ रुपये हो गया और 73.33 रुपये की विनिमय दर पर कंपनी का बाजार पूंजीकरण 210 अरब डालर पर पहुंच गया । इस प्रकार रिलायंस 200 अरब डालर के बाजार पूंजीकरण वाली देश की पहली कंपनी बन गई।

कर्ज मुक्त हो चुकी रिलायंस तीन दशक में पहली बार 1257 रुपये की कीमत पर राईट इश्यू लाई थी और इस राशि का भुगतान तीन किश्तों में किया जाना है। पहली किश्त के रुप में 314.25 रुपये का भुगतान किया गया है। राईट इश्यू चार जून को बंद हुआ था और मात्र तीन माह में आंशिक भुगतान वाला शेयर 4.4 गुना की छंलाग लगा चुका है। आंशिक भुगतान वाला शेयर 15 जून को सूचीबद्ध हुआ था।

रिलायंस ने 150 अरब डालर के बाजार पूंजीकरण का आंकड़ा इसी वर्ष 19 जून को छुआ था और 60 से कम कार्यदिवसों में रोजाना औसतन एक अरब डालर अर्थात 7300 करोड़ रुपये का इजाफा बाजार पूंजीकरण में हुआ।

रिलायंस के 633.9 करोड़ पूर्ण चुकता शेयर और 42.26 करोड़ आंशिक भुगतान वाले शेयर हैं।

रिलायंस के बल पर शेयर बाजार में तूफानी तेजी

देश की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के रिटेल क्षेत्र की कंपनी में अमेजन के निवेश करने से हुयी भारी लिवाली के बल पर आज शेयर बाजार में तूफानी तेजी रही और इस दौरान सेंसेक्स 646.40 अंक बढ़कर 38840.32 अंक अौर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 171.25 अंक चढ़कर 11449.25 अंक पर रहा।

रिलायस इंडस्ट्रीज में हुयी लिवाली के बल पर यह कंपनी 14.67 लाख करोड़ रुपये की बाजार पूंजीकरण वाली देश की पहली कंपनी भी बन गयी है। कंपनी के शेयर बाजार में सेंसेक्स में सबसे अधिक 7.10 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गयी। रिलायंस इंडस्ट्रीज के बल पर बीएसई के एनर्जी समूह में सबसे अधिक 6.26 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गयी। बीएसई में टेलीकॉम 1.42 प्रतिशत, धातु 0.81 प्रतिशत और सीडी 0.03 प्रतिशत की गिरावट को छोड़कर शेष सभी समूह बढ़त में रहे। तेल एवं गैस समूह में भी 3.59 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गयी।

बीएसई में दिग्गज कंपनियों की तुलना में छोटी और मझौली कंपनियों में लिवाली कम देखी गयी। मिडकैप 0.92 प्रतिशत बढ़कर 14575.14 अंक पर और स्मॉलकैप 1.27 प्रतिशत बढ़कर 14483.41 अंक पर रहा। बीएसई में कुल 2876 कंपनियों में कारोबार हुआ जिसमें से 1821 में तेजी रही जबकि 889 गिरावट में रहे। 166 में कोई बदलाव नहीं हुआ।

वैश्विक स्तर पर अधिकांश प्रमुख सूचकांक लाल निशान में रहे। ब्रिटेन का एफटीएसई 0.55 प्रतिशत, जर्मनी का डैक्स 0.25 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेग 0.64 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.61 प्रतिशत की गिरावट में रहा। जापान का निक्केई 0.88 प्रतिशत की बढ़त में रहा।

देश में पेट्रोल और डीजल वाहनों के दिन लदे :भारत के 69 हजार पेट्रोल पंपों पर केंद्र सरकार स्थापित करने जा रही है इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग कियोस्क attacknews.in

नयी दिल्ली, छह सितंबर । सरकार देश के करीब 69,000 पेट्रोल पंपों पर कम से कम एक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग कियोस्क लगाने पर विचार कर रही है। इस कदम से देश में बिजलीचालित वाहनों की मांग को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।

इसके अलावा सरकार कंपनियों के स्वामित्व, कंपनियों के परिचालन वाले (सीओसीओ) तथा सरकारी रिफाइनरी कंपनियों के सभी पेट्रोल पंपों पर ईवी चार्जिंग कियोस्क को अनिवार्य करने पर भी विचार कर रही है।

इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग ढांचे पर समीक्षा बैठक के दौरान बिजली मंत्री आर के सिंह ने पेट्रोलियम मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को सुझाव दिया कि वे अपने प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आने वाली पेट्रोलियम विपणन कंपनियों को सभी सीओसीओ पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग कियोस्क लगाने का आदेश जारी कर सकते हैं।

एक सूत्र ने यह जानकारी देते हुए कहा कि अन्य फ्रेंचाइजी पेट्रोल पंप परिचालकों को अपने ईंधन स्टेशनों पर कम से कम एक चार्जिंग कियोस्क लगाने की सलाह दी जा सकती है। सूत्र ने कहा कि इससे देश के सभी पेट्रोल पंपों पर ईवी चार्जिंग सुविधा लगाई जा सकेगी।

पेट्रोलियम मंत्रालय के नए दिशानिर्देशों के अनुसार सभी नए पेट्रोल पंपों पर कम से कम एक वैकल्पिक ईंधन का विकल्प अनिवार्य है।

सूत्र ने कहा, ‘‘वैकल्पिक ईंधन के तहत ज्यादातर नए पेट्रोल पंप इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग सुविधा के विकल्प को चुन रहे हैं। यदि मौजूदा पेट्रोल पंपों पर भी ईवी चार्जिंग कियोस्क लग जाता है, तो इससे देश में बिजलीचालित वाहनों को प्रोत्साहन दिया जा सकेगा।’’

उद्योग के अनुमान के अनुसार देश में करीब 69,000 पेट्रोल पंप हैं। सभी पेट्रोल पंपों पर ईवी चार्जिंग सुविधा से इलेक्ट्रिक वाहनों को जबर्दस्त प्रोत्साहन मिलेगा। अभी चार्जिंग सुविधा के अभाव में लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से कतराते हैं।

बिजली मंत्रालय ने दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, वडोदरा ओर भोपाल में ईवी चार्जिंग ढांचा लगाने की योजना बनाई है। इसके अलावा मंत्रालय का इरादा राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी ईवी चार्जिंग ढांचा लगाने का है। इससे लोग बिजलीचालित वाहन खरीदने को प्रोत्साहित होंगे।

सूत्र ने कहा, ‘‘मंत्री का मानना है कि किसी शहर में दो या तीन चार्जिंग स्टेशन लगाना पैसे की बर्बादी होगा। केंद्र सरकार दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को पूरी तरह बिजलीचालित करने की तैयारी कर रही है। इसे बाद में अन्य शहरों द्वारा भी अपनाया जा सकता है।’’

सितम्बर  की शुरुआत में विदेशी निवेशकों ने भारत के शेयर मार्केट से 900 करोड़ रूपये निकाले, GDP के कारण पूंजी निकासी का दौर जारी attacknews.in

नयी दिल्ली, छह सितंबर । कमजोर आर्थिक आंकड़ों तथा भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने के पहले चार सत्रों में भारतीय पूंजी बाजारों से शुद्ध रूप से 900 करोड़ रुपये की निकासी की है।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एक से चार सितंबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 675 करोड़ रुपये निकाले। इसी तरह उन्होंने ऋण या बांड बाजार से शुद्ध रूप से 225 करोड़ रुपये की निकासी की।

इससे पहले लगातार तीन माह तक एफपीआई शुद्ध लिवाल बने हुए थे। अगस्त में उन्होंने भारतीय पूंजी बाजारों में 46,532 करोड़ रुपये डाले थे। जुलाई में एफपीआई का निवेश 3,301 करोड़ रुपये और जून में 24,053 करोड़ रुपये रहा था।

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े जारी होने से पहले इस सप्ताह की शुरुआत में विदेशी निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। जून में समाप्त चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है।’’

उन्होंने कहा कि कमजोर वैश्विक रुख तथा भारत-चीन सीमा तनाव की वजह से भी एफपीआई ने भारतीय बाजारों में निवेश में रुचि नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि एफपीआई की निकासी की एक और वजह मुनाफावसूली भी रही। भारत-चीन सीमा तनाव बढ़ने तथा कमजोर घरेलू आर्थिक वातावरण के बीच उन्होंने मुनाफा काटा।

कोटक सिक्योरिटीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष और बुनियादी शोध प्रमुख रस्मिक ओझा ने कहा कि इस सप्ताह एफपीआई का प्रवाह काफी दबा हुआ था।

उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 40 लाख के पार निकल गए हैं और अमेरिकी बाजारों में भी बिकवाली का सिलसिला चल रहा है। ऐसे में आगामी सप्ताहों में भी एफपीआई की निकासी जारी रह सकती है।

पितृ पक्ष के बाद राम मंदिर के भव्य निर्माण के लिए 100 फिट नीचे 1200 स्थानों पर नींव भराई का काम हो जाएगा शुरू attacknews.in

अयोध्या 05 सितम्बर ।अयोध्या में भगवान राम की जन्मस्थली पर बनने जा रहे भव्य मंदिर के आधार का निर्माण 17 सितम्बर को पितृ पक्ष खत्म होने के बाद शुरू होगा ।

राम जन्मभूमि में विराजमान राम लला के मंदिर निर्माण की नींव डालने के लिये नक्शे में दर्शाये गये 13 हजार वर्ग मीटर के सौ फिट नीचे तक बारह सौ जगहों पर कुयें की तरह पाइलिंग कर चट्टान की तरह आधारशिला तैयार की जायेगी । फिर उस पर नक्शे के अनुसार आधारशिला खड़ी होगी और मंदिर के धरातल का निर्माण किया जायेगा ।

राम मंदिर का सौंपा था नक्शा

इधर 03 सितम्बर को  अयोध्या में श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिये अयोध्या विकास प्राधिकरण ने राम मंदिर परिसर का लेआउट एवं राम मंदिर का नक्शा/मानचित्र श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को पास करके सौंप दिया है।

अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. नीरज शुक्ल ने  यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अयोध्या में श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिये राम मंदिर परिसर का लेआउट व राम मंदिर का नक्शा/मानचित्र श्रीरामजन्मभूमि के ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय और सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा,सदस्य विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र को सौंप दिया गया।

इस बीच अयोध्या विकास प्राधिकरण अयोध्या के सचिव आर.पी. सिंह ने बताया कि श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिये जो मंदिर का नक्शा पास हुआ है, उसमें बड़ी बारीकी से सभी विभागों से नोड्यूज की प्रक्रिया भी ली गयी है।

उन्होंने कहा कि हम लोग बहुत भाग्यशाली हैं जो भगवान श्रीराम के मंदिर का नक्शा पास करके दिया है।

उन्होंने कहा कि इधर कई दिनों से पूरा विकास प्राधिकरण इस नक्शे को बारीकी से जांच परख करके ही पास किया है।

गौरतलब है कि अयोध्या विकास प्राधिकरण अयोध्या के अध्यक्ष एवं मंडलायुक्त एम.पी. अग्रवाल की अध्यक्षता में कल देर करीब तीन घंटे चली बैठक में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का नक्शा पास किया गया था।

मिली जानकारी के अनुसार दो लाख चौहत्तर हजार एक सौ दस वर्ग मीटर ओपेन एरिया का लेआउट व 12879 वर्ग मीटर राम मंदिर का नक्शा पास हुआ है, जिसमें लगभग 13 हजार कवर्ड एरिया में राम मंदिर बनेगा।

मध्यप्रदेश के चर्चित हनीट्रेप मामले की जांच में इंदौर  हाईकोर्ट का आदेश :सीबीआई नहीं, एसआईटी करेगी पूरे मामले की जांच attacknews.in

इंदौर, 05 सितंबर । मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने आज बहुचर्चित हनीट्रैप मामलें को लेकर दायर पांच अलग-अलग याचिकाओं को एक साथ निराकृत करते हुये युगलपीठ ने जारी आदेश में कहा है कि हनीट्रैप मामले की ‘विशेष जांच दल’ (एसआईटी) के द्वारा की जा रही जांच से अदालत संतुष्ट हैं, अदालत ने मामले की जांच को ‘केंद्रीय जांच ब्यूरो’ (सीबीआई) से कराने की मांग को ख़ारिज कर दिया है।

अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय से प्राप्त आधिकारिक जानकारी के अनुसार इससे पहले अदालत ने इस मामले की सुनवाई कर आदेश सुरक्षित रख लिया था। आज युगलपीठ के प्रशासनिक न्यायमूर्ति एस सी शर्मा और न्यायधीश शैलेन्द्र शुक्ला ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सभी पांच याचिकर्ताओं की प्रमुख मांग थी कि मामले की जांच राज्य की एसआईटी से लेकर सीबीआई को सौंप दी जावे। जिसके फलस्वरूप अदालत ने एसआईटी से मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों को तलब किया था।

अदालत ने एसआईटी द्वारा जांच की प्रगति रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों का अवलोकन किया। अदालत ने एसआईटी की जांच प्रगति पर संतोष जाहिर किया है। अदालत ने साथ ही कहा कि याचिकर्ताओं में से कोई भी पक्ष अदालत को मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के समर्थन में पर्याप्त आधार और कारण बताने में असमर्थ रहे। लिहाजा मामले की जांच को सीबीआई को सौंपे जाने की मांग को अदालत ख़ारिज करती है।

अदालत ने मामले की जांच कर रही एसआईटी को विधि सम्मत जांच जारी रखने के आदेश दिया है। साथ ही समय समय पर जांच की प्रगति रिपोर्ट से न्यायालय के रजिस्ट्रार को अवगत कराने का आदेश दिया है।

उल्लेखनीय है कि 17 सितंबर 2019 को इंदौर नगर निगम के तत्कालीन सिटी इंजिनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर इंदौर की पलासिया पुलिस ने एक प्रकरण दर्ज किया था। पीड़ित हरभजन सिंह ने आरोप लगाया था कि उनके अंतरंग पलो का वीडिओ बनाकर भोपाल निवासी एक महिला सहित अन्य लोग उन्हें तीन करोड़ की राशि के लिए ब्लेक मेल कर रहे है।

जिस पर तत्कालीन राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की थी। पुलिस द्वारा मामले में तीन भोपाल निवासी महिला सहित कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। गिरफ़्तारी के बाद से ही सभी आरोपी इंदौर की जेल में न्यायिक अभिरक्षा में रह रहे है।

इस मामले में एसआईटी जांच को चुनौती देने के साथ अन्य मुद्दों पर अलग – अलग पांच याचिकाएं दायर की गई थी। पांचो याचिकाओं में प्रमुख रूप से मामले की जांच सीबीआई से कराये जाने की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में रेल पटरियों के किनारे बनीं 48 हजार झुग्गियों को तीन माह में हटाने का दिया आदेश, राजनीति हस्तक्षेप पर भी की टिप्पणी attacknews.in

नयी दिल्ली, तीन सितंबर ।उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में 140 किलोमीटर तक रेल पटरियों के किनारे बनीं 48,000 झुग्गी बस्तियों को तीन माह के भीतर हटाने का निर्देश दिया है और कहा कि इस कदम के क्रियान्वयन में किसी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

इसने कहा कि झुग्गी-झोपड़ियों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा।

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ ने इलाके में अतिक्रमण हटाने के संबंध में किसी भी अदालत को किसी तरह की रोक लगाने से भी रोका है और कहा है कि रेल पटरियों के पास अतिक्रमण के संबंध में अगर कोई अंतरिम आदेश पारित किया जाता है तो वह प्रभावी नहीं होगा।

पीठ ने कहा, “हम सभी हितधारकों को निर्देश देते हैं कि झुग्गियों को हटाने के लिए व्यापक योजना बनाई जाए और उसका क्रियान्वन चरणबद्ध तरीके से हो। सुरक्षित क्षेत्रों में अतिक्रमणों को तीन माह के भीतर हटाया जाए और किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप, राजनीतिक या कोई और, नहीं होना चाहिए और किसी अदालत को ऐसे इलाकों में अतिक्रमण हटाने के संबंध में किसी तरह की रोक नहीं लगानी चाहिए।”

पीठ ने कहा कि अगर अतिक्रमणों के संबंध में कोई अंतरिम आदेश दिया जाता है तो वह प्रभावी नहीं होगा।

ईपीसीए ने अपनी रिपोर्ट में रेलवे को उत्तरी क्षेत्र में, दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों से शुरू करते हुए, ठोस कूड़ा प्रबंधन के लिए समयबद्ध योजना प्रस्तुत करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।

पीठ ने कहा, ‘‘ हम तीन माह के भीतर प्लास्टिक के थैले, कूड़े आदि को हटाने के संबंध में योजना के क्रियान्वयन का और सभी हितधारकों यानि रेलवे, दिल्ली सरकार और संबंधित नगर पालिकाओं के साथ ही दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूआईएसबी) की अगली हफ्ते बैठक बुलाने और उसके बाद काम शुरू किए जाने का निर्देश देते हैं।”

पीठ ने कहा कि जरूरी खर्च का 70 प्रतिशत हिस्सा रेलवे और तीन प्रतिशत राज्य सरकार उठाएगी और मानव श्रम दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, रेलवे और सरकारी एजेंसियों द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा और वे एक-दूसरे से इसका शुल्क नहीं वसूलेंगे।

शीर्ष अदालत ने एसडीएमसी, रेलवे और अन्य एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उनके ठेकेदार रेल पटरियों के किनारे कूड़ा न डालें और रेलवे को एक दीर्घकालिक योजना भी बनानी होगा कि पटरियों के किनारे कूड़े के ढेर न लगाए जाएं।

पीठ ने कहा, ‘‘ईपीसीए की रिपोर्ट में सामने आई तस्वीर के साथ ही रेलवे द्वारा दायर जवाब दिखाता है कि अब तक कुछ नहीं किया गया है और कूड़े का ढेर लग गया है और उसी वक्त, उस इलाके में मानव आबादी अनधिकृत ढंग से बस गई जिसपर ध्यान देने की जरूरत है। इस संबंध में की गई कार्रवाई से इस अदालत को एक माह के भीतर अवगत कराया जाए।”

पीठ ने उत्तर रेलवे के डीआरएम कार्यालय में अतिरिक्त संभागीय रेलवे प्रबंधक, एके यादव द्वारा दायर हलफनामे का संज्ञान लिया और कहा कि यह बताया गया है कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के इलाके में 140 किलोमीटर तक रेल पटरियों के किनारे झुग्गियां बहुत अधिक संख्या में मौजूद हैं।

महाराष्ट्र को छोड़ देश के बाकी हिस्सों मेंं 12 सितंबर से मेट्रो सेवा शुरू,घरेलू विमान उड़ानों की संख्या बढ़ाने की अनुमति attacknews.in

नयी दिल्ली 02 सितंबर ।महाराष्ट्र को छोड़कर देश के अन्य शहरों में भी सात दिसंबर से चरणबद्ध तरीकों से मेट्रो सेवा शुरू होगी लेकिन 12 सितंबर से सभी रूट पर सेवा परम्भ हो जाएगी।

यह जानकारी केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को यहां मेट्रो परिचालन के बारे में विशेष संचालन नियमावली जारी करते हुए दी।

उन्होंने बताया कि इस नियमावली के तहत दिल्ली-नोएडा, चेन्नई, कोच्चि, बेंगलुरु, मुंबई लाइन एक, जयपुर, हैदराबाद महामेट्रो, नागपुर, कोलकाता, गुजरात और यूपी मेट्रो लखनऊ ने अपनी विशेष परिचालन नियमावली तैयार की है पर महाराष्ट्र सरकार ने मेट्रो सेवा शुरू नहीं करने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि मुंबई लाइन एक और महा मेट्रो की सेवा अक्टूबर से शुरू होगी या जब राज्य सरकार इसके बारे में फैसला लें।

उन्होंने कहा कि नई परिचालन नियमावली के तहत शुरू में मेट्रो परिचालन के घंटे सीमित होंगे लेकिन बाद में धीरे-धीरे इसमें वृद्धि की जाएगी और 12 सितंबर से पूरी हो जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न चरणों में भीड़भाड़ को नियंत्रित किया जाएगा। अगर कोई मास्क नहीं पहन कर आता है तो वह वहां भी खरीद सकता है। थर्मल जांच के बाद ही किसी सिस्टमैटिक व्यक्ति को यात्रा की अनुमति दी जाएगी। सभी ट्रेनों में सैनिटाइजर की व्यवस्था होगी। लिफ्ट स्केलेटर गेट और बाथरूम में भी। टोकन भी सेनेटाइजर के बाद दिए जाएंगे। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा यात्रियों से अनुरोध है कि वह कम से कम सामान लेकर जाएं और धातु के समान बिल्कुल न ले जाएं।

घरेलू उड़ानों की संख्या बढ़ाने की अनुमति

इधर सरकार ने विमान सेवा कंपनियों को तत्काल प्रभाव से उड़ानों की संख्या बढ़ाने की अनुमति दे दी है।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आज एक आदेश जारी कर कोविड-19 से पहले मंजूर ग्रीष्मकालीन समय-सारणी की तुलना में 60 प्रतिशत उड़ानों की अनुमति दी है। अभी यह सीमा 45 प्रतिशत थी। आदेश में कहा गया है कि उड़ानों की संख्या में बदलाव की अनुमति तत्काल प्रभावी हो गई है।

मंत्रालय ने कहा है कि नियमित घरेलू परिचालन की मौजूदा स्थिति और हवाई यात्रा की माँग को देखते हुये संख्या बढ़ाने का फैसला किया गया है।

दिल्ली में मेट्रो ट्रेन के लिए दिशा-निर्देश जारी, ट्रेन परिचालन समयबद्व तरीके से होगा

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) की ट्रेनें चलाने के लिए मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) बुधवार को घोषित कर दी गयी जिसमें कर्मचारियों तथा यात्रियों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

केन्द्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय की ओर से जारी एसओपी के अनुसार मेट्रो स्टेशन के प्रवेश बिंदुओं पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाएगा और कंटेनमेंट जोन के सभी स्टेशनों पर लोगों का प्रवेश तथा निकास वर्जित रहेगा। यात्रियों और स्टॉफ के लिए फेस मॉस्क अनिवार्य होगा।

पहले चरण में सात,नौ और 10 सितंबर को मेट्रो ट्रेन सेवाएं संचालित होंगी। सात सितंबर को यलो लाइन (समयपुर बादली से हुड्डा सिटी सेंटर और रैपिड मेट्रो,गुरुग्राम) का संचालन सुबह चार घंटे (सात बजे से 11 बजे) और शाम को भी चार घंटे (शाम चार बजे से रातआठ बजे) तक होगा।

इसके बाद नौ सितंबर को लाइन 3/4-ब्लूलाइन, द्वारका सेक्टर 21 से नोएडा इलेक्ट्रानिक सिटी,वैशाली और लाइन सात (पिंक लाइन) मजलिस पार्क से शिव विहार का संचालन शुरू होगा। यह सेवा भी सुबह और शाम को चार चार घंटे तक रहेगी। इसमें सुबह सात बजे से 11 बजे तक और शाम चार बजे से रात बजे तक मेट्रो सेवाएं उपलब्ध रहेंगी।

इसी चरण में 10 सितंबर को लाइन एक (रिठाला से शहीद स्थल), लाइन पांच ( ग्रीन लाइन) कीर्ति नगर-इंद्रलोक से ब्रिगेडियर होशियार सिंह और लाइन छह(वायलेट लाइन) कश्मीरी गेट से राजा नाहर सिंह तक चलेगी और इसका समय भी सुबह और शाम को चार चार घंटे का होगा। इसमें सुबह सात बजे से 11 बजे तक और शाम चार बजे से रात बजे तक मेट्रो सेवाएं उपलब्ध रहेंगी।

अमेरिका में जल्द मिल सकती है कोरोना वैक्सीन काे मंजूरी,विश्व में लगभग 2.5 करोड़ लोग कोरोना संक्रमित, 8.41 लाख लोगों की मौत attacknews.in

वाशिंगटन 30 अगस्त । अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) के प्रमुख स्टीफन हॉन ने अनुमान जताया है कि अगर तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण में परिणाम बेहतर मिलते हैं तो इसके पूरे होने से पहले ही कोरोना की किसी वैक्सीन को शीघ्र पंजीकृत किया जा सकता है।

फाइनेंशियल टाइम्स की रविवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक श्री हॉन ने एक साक्षात्कार में यह बात कही।

विश्व में लगभग 2.5 करोड़ लोग कोरोना संक्रमित, 8.41 लाख लोगों की मौत

इधर विश्व में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (काेविड-19) से संक्रमित होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ती हुई 2.49 करोड़ के पार हो गयी है तथा इस महामारी की चपेट में आने से अब तक 8.41 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना से विश्वभर में अब तक 24,917,151 लोग संक्रमित हुए हैं और 841,549 लोगों की मौत हुई है।

विश्व महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या 59 लाख को पार कर 5,96,0652 पर पहुंच गयी है तथा अब तक 182,760 लोगों की जान जा चुकी है।

विश्व में कोरोना से दूसरे नंबर पर सबसे अधिक प्रभावित ब्राजील में अब तक 3,846,153 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि 1,20,262 लोगों की मौत हो चुकी है।

भारत में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से रविवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना के रिकार्ड 78,761 नए मामले आने से संक्रमितों की संख्या 35,42,734 हो गयी है। वहीं इस दौरान 948 लोगों की मौत होने से मृतकाें की संख्या 63,498 पर पहुंच गयी है। देश में स्वस्थ होने वाले लोगों की कुल संख्या 27,13,934 हो गयी है।

रूस कोविड-19 संक्रमण के मामले में चौथे नंबर पर है और यहां इससे अब तक करीब 9,82573 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 16,977 लोगों ने जान गंवाई है।

पेरू में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण कोरोना से संक्रमित होने के मामले में वह पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। यहां इस वायरस से अब तक 629,961 संक्रमित हुए हैं तथा 28,471 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं दक्षिण अफ्रीका में कोरोना संक्रमितों की संख्या 622,551 पर पहुंच गई है तथा इस वायरस से मरने वालों की संख्या 13,981 हो गयी हैं।

मेक्सिको में भी कोरोना संक्रमण से हालात खराब है। यहां संक्रमितों की संख्या 591,712 हो गई तथा 63,819 लोगों की मौत हो चुकी है।

कोविड-19 से संक्रमित मामलों में कोलम्बिया अब आठवें नंबर पर है। यहां इस वायरस से अब तक 599,884 लोग संक्रमित हुए हैं और मृतकों की संख्या 19,063 है।

स्पेन नए मामलों में वृद्धि के बाद अब नौवें स्थान पर है यहां अब तक करीब 439,286 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 29,011 लोगों की मृत्यु हुई है। चिली कोरोना संक्रमितों के मामले में अब दसवें स्थान पर आ गया है और यहां कोराेना संक्रमण से 408,009 संक्रमित है और 11,181 मरीजों की मौत हो चुकी है।

कोरोना से प्रभावित होने के मामले में अर्जेंटीना 11वें स्थान पर है और यहां 401,239 लोग संक्रमित हो चुके है तथा 8353 लोगों की मौत हुई है। ईरान में अब तक इस महामारी से करीब 371,816 लोग संक्रमित है जबकि 21,359 लोगों की मौत हो चुकी है।
ब्रिटेन में संक्रमितों की संख्या 334,916 हो गई है और 41,585 लोगों की इसके कारण मौत हुई है। सऊदी अरब में कोरोना संक्रमण से अब तक 313,911 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 3840 लोगों की मौत हो चुकी है।

कोरोना से प्रभावित होने के मामले में बंगलादेश ने पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है। यहां 308,925 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं जबकि 4,206 लोग इस बीमारी से काल का ग्रास बन चुके हैं। फ्रांस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 304,947 हो गई हैं और 30,601 लाेगों की मौत हो चुकी है। पाकिस्तान में कोरोना से अब तक 295,372 संक्रमित हुए हैं तथा 6284 लोगों की मौत हो चुकी है।

तुर्की में कोरोना संक्रमित की संख्या 267,064 हो गयी है और 6284 लोगों की मौत हो चुकी है। यूरोपीय देश इटली में इस जानलेवा विषाणु से 266,853 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 35,473 लोगों की मौत हुई है।

जर्मनी में अब तक 242,835 लोग इसकी चपेट में आए हैं तथा 9,299 लोगों की मौत हुई है। इराक में कोरोना से 227,446 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और 6891 लोगों की मौत हुई है।

कोरोना वायरस से बेल्जियम में कोरोना वायरस के संक्रमण से जान जाने वालों की संख्या 10 हजार के करीब यानी 9891 पर पहुंच गयी है, कनाडा में 9161, इंडोनेशिया 7261, इक्वाडोर में 6537, नीदरलैंड में 6252, स्वीडन में 5821, मिस्र में 5376, बोलीविया में कोरोना के संक्रमण से 4938 लोगों की जान चली गयी है और चीन में 4721, रोमानिया में 3539, फिलिपींस में 3419, ग्वाटेमाला में 2728, यूक्रेन में 2540, स्विट्जरलैंड में 2005, पोलैंड में 2032, पनामा में 1983, पुर्तगाल में 1818, आयरलैंड में 1777 और होंडुरास में 1842 लोगों की मौत हो चुकी है।

स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर की मुंबई स्थित बिल्डिंग “प्रभुकुंज” कोरोना महामारी के कारण ऐहतियातन सील attacknews.in

मुंबई 30 अगस्त । सुप्रिसिद्ध पार्श्वगायिका लता मंगेशकर की दक्षिणी मुंबई में पेड्डर रोड स्थित प्रभाकुंज बिल्डिंग को बृहनमुंबई नगरपालिक निगम(बीएमसी) ने कोरोना महामारी के मद्देनजर ऐहतियात के तौर पर सील कर दिया है।

उनके पारिवारिक सदस्यों ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि उनके पास रोज शाम को बहुत से लोग फोन करते हैं और ‘प्रभुकुंज’ को सील किये जाने के बारे में पूछते हैं। बिल्डिंग सोसाइटी और बीएमसी ने महामारी फैलने के साथ ही इसे सील कर दिया क्योंकि इस इमारत के घरों में वरिष्ठ नागरिक रहते हैं तथा इस स्थिति में ऐहतियात बरतना जरुरी है।

अब नए कानून से गंगा नदी को किया जाएगा प्रदूषण मुक्त , पहली बार नदी के संरक्षण और सुरक्षा के लिए अत्‍यधिक कठोर प्रावधान , किसी प्रकार का विरुद्ध कार्य पर दंड का भी प्रावधान attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 अगस्त । केंद्र सरकार गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए नया कानून लाएगी और इसके लिए राष्ट्रीय गंगा नदी पुनरुद्धार, संरक्षण एवं प्रबंधन विधेयक के मसौदे पर काम जारी है।

सूत्रों ने  बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के तहत गंगा नदी के संरक्षण के लिए प्रस्तावित कानून के मसौदे पर काम चल रहा है। इस संबंध में विभिन्न मंत्रालयों, संबंधित प्राधिकार एवं विभागों से विचार-विमर्श कर प्रतिक्रिया प्राप्त की गई है।

उन्होंने बताया कि अब इन मंत्रालयों एवं विभागों की टिप्पणियों को समाहित कर फिर से मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके बाद इसे मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

पूर्ववर्ती जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने जुलाई 2016 में गंगा की निर्मलता और अविरलता को बनाए रखने के लिए इस विधेयक के मसौदे को तैयार करने के वास्ते न्‍यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) गिरिधर मालवीय की अध्‍यक्षता में एक समिति का गठन किया था। समिति ने इस विधेयक का मसौदा 12 अप्रैल 2017 को मंत्रालय को सौंप दिया था।

मालवीय ने इस संबंध में वर्तमान स्थिति के बारे में पूछे जाने पर  कहा, ‘‘मैंने मसौदा सौंप दिया था और उसके बाद मुझे मालूम नहीं है कि स्थिति क्या है। इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं दी गई है कि क्या उस मसौदे में कोई परिवर्तन किया गया है।’’

उन्होंने बताया कि प्रस्तावित विधेयक के मसौदे में इस बात का व्यापक उल्लेख है कि गंगा नदी को कैसे सुरक्षित रखा जाए। गंदगी कैसे दूर की जाए, जल का प्रवाह कैसे बरकरार रखा जाए। इसमें नदी की सम्पूर्ण निगरानी व्यवस्था का खाका है और इसमें क्या वर्जित रखना है, इसका बिन्दुवार उल्लेख है।

मालवीय ने कहा कि इसमें किसी प्रकार का विरुद्ध कार्य पर दंड का भी प्रावधान किया गया है।

गौरतलब है कि मंत्रालय ने ‘राष्‍ट्रीय नदी गंगा (पुनरुद्धार, संरक्षण और प्रबंधन) विधेयक 2017’ के मसौदे के विभिन्‍न प्रावधानों पर विचार-विमर्श के लिए समिति का गठन किया था। इस समिति को कृषि, घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लिए पानी की मांग के चलते गंगा नदी पर बढ़ते दबाव एवं उसकी धारा की निरंतरता को बनाए रखने जैसी चुनौतियों पर भी विचार करने का दायित्व सौंपा गया था ।

प्रस्तावित विधेयक के तहत पहली बार गंगा नदी के संरक्षण और सुरक्षा के लिए अत्‍यधिक कठोर प्रावधान का प्रयास किया जा रहा है। इसमें गंगा नदी के संबंध में उच्‍चतम न्‍यायालय, उच्‍च न्‍यायालयों और राष्‍ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्णयों को भी समाहित किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि इस प्रस्‍तावित विधेयक का मसौदा इस प्रकार तैयार किया जा रहा है जिससे कि यह आने वाले दिनों में देश की अन्‍य नदियों की सुरक्षा, संरक्षण और विकास के लिए भी एक आदर्श विधेयक साबित हो।