ओडिशा में यास तूफान के कारण निलंबित जगनाथ यात्रा के तीन रथों के निर्माण कार्य को फिर से शुरु किया गया attacknews.in

 

पुरी, 5 जून  । ओडिशा में यास तूफान के कारण निलंबित जगनाथ यात्रा के तीन रथों के निर्माण कार्य को फिर से शुरु कर दिया गया है।

यास तूफान और भारी बारिश के कारण जगनाथ मंदिर प्रशासन द्वारा धूप से बचने के लिए लगाए गए शेड और कपड़े की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई थी।

हालांकि तूफान का खतरा खत्म होने और बारिश रूकने के बाद यार्ड के ढांचे को फिर से खड़ा कर दिया गया है।

यार्ड को शुक्रवार को सैनेटाइज करने के बाद कामगाराें ने कार्य शुरु कर दिया है।

भगवान जगननाथ के रथ का निर्माण करने वाले मुख्य बढ़ई विश्वकर्मा विजय महापात्र ने बताया कि चंदन यात्रा के समापन के दिन भौंरी के नाम से जाने वाले तीनों रथों को एक धुरी जोड़ा जाएगा।

उन्होंने कहा, “हम तूफान के कारण हुई देरी की भरपाई करेंगे।

उन्होंने कहा कि 200 कामगारों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है और वहीं यार्ड में काम कर रहे है तथा उन्हें नीलाचल भक्ति निवास में रखा गया है।

उन्होंने कहा कि कामगार शिफ्ट में काम कर रहे है।

मध्यप्रदेश में स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में नीट से चयनित विद्यार्थियों को मेडिकल कॉलेज की सीट छोड़ने पर शैक्षणिक शुल्क करना होगा जमा attacknews.in

 

भोपाल, 04 जून । राज्य के चिकित्सा शिक्षा आयुक्त निशांत वरवड़े ने बताया कि स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में नीट से चयनित विद्यार्थियों को चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा महाविद्यालयों में मेरिट के आधार पर प्रवेश के लिये शासन द्वारा ‘मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम-2018 एवं संशोधन 19 जून, 2019” के अनुसार पाठ्यक्रम संचालित किये जाते हैं।

श्री वरवड़े ने बताया कि उपरोक्त नियम की कण्डिका-15 (1) (ख) के अनुसार निर्धारित समय-सीमा के बाद अभ्यर्थी के द्वारा त्याग-पत्र दिये जाने की दशा में उस पर सीट छोड़ने संबंधी बँधपत्र की शर्तें लागू होंगी। इसके अधीन शासकीय चिकित्सा एवं शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय की प्रवेशित सीट से त्याग-पत्र देने पर अभ्यर्थी द्वारा बँधपत्र की राशि 10 लाख रुपये (प्रवेश वर्ष 2018 एवं 2019)/30 लाख रुपये (प्रवेश वर्ष 2020) स्वशासी संस्था को देय होगी।

निजी चिकित्सा एवं निजी दंत चिकित्सा महाविद्यालय की प्रवेशित सीट से त्याग-पत्र देने पर संबंधित निजी संस्था में संचालित पाठ्यक्रम में सम्पूर्ण अवधि का शैक्षणिक शुल्क शासन को देय होगा।

उत्तर प्रदेश STF ने प्रतापगढ़ में आभूषण की दुकान में  दिन दहाड़े ₹ 90 लाख की डकैती घटना का 18वां आरोपी मास्टर माइन्ड शाहिद बाबा गिरफ्तार attacknews.in

 

प्रतापगढ 04 जून । उत्तरप्रदेश में प्रतापगढ़ शहर के श्याम बिहारी गली में सराफा व्यापारी की दूकान से 90 लाख रुपए के आभूषण की डकैती के अंतिम आरोपी शाहिद अली को एसटीएफ प्रयागराज की टीम ने गुरुवार की रात को तमंचा व कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया।

उस पर पचास हजार रूपए का इनाम घोषित था । डकैती में कुल १८ आरोपी चिन्हित किए गए थे जिनमें 17 को गिरफ्तार कर पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है ।

पुलिस के अनुसार शाहिद प्रतापगढ के जेठवारा के काछा गांव का निवासी है। इसने फरारी के दौरान अन्य आरोपियों को अंडरग्राउंड होने में मदद करने व लूट के जेवरात बेचने में मदद की थी

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने प्रतापगढ़ में आभूषण की दुकान में 7 जनवरी 2021 में दिन दहाड़े पड़ी 90 लाख की डकैती की सनसनीखेज घटना के मास्टर माइन्ड शाहिद बाबा को 3 जून 2021 को गिरफ्तार कर लिया है। अन्तप्रान्तीय सुपारी किलर शाहिद बाबा पर 50 हजार का ईनाम रखा गया था।

एसटीएफ प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि अन्तप्रान्तीय सुपारी किलर 50 हजार के इनामी शाहिद अली उर्फ बाबा को गुरुवार को करीब साढ़े 12 बजे भूपियामऊ लालगंज मार्ग से उस समय गिरफ्तार कर लिया गया। वहां वह कहीं भागने की फिराक में वाहन का इंतजार कर रहा था।

शाहिद प्रतापगढ़ कोतवाली नगर क्षेत्र में इसी साल जनवरी में श्याम बिहारी गली में दिन दहाड़े ज्वैलर्स की दुकान में पड़ी 90 की सनसनीखेज डकैती की घटना का मास्टर माइन्ड है।

जेठवारा इलाके के काछा भडरा निवासी शाहिद अली उर्फ बाबा के कब्जे से तमन्चा और कारतूस तथा मोबाइल बरामद किया गया।

उन्होंने बताया कि कोतवाली प्रतापगढ़ में दर्ज ज्वैलर्स दुकान की डकैती की घटना के खुलासे के लिए एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों एवं टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था।निर्देश के क्रम में प्रयागराज एसटीएफ की फील्ड इकाई के पुलिस उपाधीक्षक के नवेन्दु कुमार के पर्यवेक्षण में टीम अभिसूचना संकलन की कार्यवाही कर रही थी।

प्रवक्ता ने बताया कि गुरुवार को प्रयागराज फील्ड इकाई की एक टीम प्रतापगढ़ के कोतवाली नगर क्षेत्र में आपराधिक अभिसूचना संकलन में मामूर थी।

इसी दौरान मुखबिर से ज्ञात हुआ कि ज्वैलर्स की दुकान में हुई 90 लाख की डकैती का मास्टर माइन्ड 50 हजार का इनामी अपराधी शाहिद अली उर्फ बाबा पुलिस से बचकर भागने की फिराक में भूपियामऊ लालगंज मार्ग पर किसी सवारी गाड़ी का इन्तजार कर रहा है।

सूचना पर एसटीएफ की टीम बताए स्थान पर पहुंची और बल प्रयोग कर उसे गिरफ्तार कर लिया ।

पूछताछ के दौरान गिरफ्तार बदमाश शाहिद अली ने बताया कि लूट की घटना में शामिल शेबु, शुभम, इरशाद उर्फ गुड्डू और नावेद से उसने सम्पर्क किया था। लूट का सोना बिकवाने के लिए उसने नावेद से मिलकर लूट का सोना बिकवाया था और जो रुपए मिले आपस में सभी लोगों ने बांट लिये।

उसके बाद शेबू और शुभम को उसने वापी, गुजरात में किराये का कमरा दिलाया, जहॉ वह लोग छिपकर रहने लगे। बाद में धीरे-धीरे उसे छोड़कर सभी लोग पकड़े गये। उसे फरवरी में पता लगा कि उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार का पुरस्कार किया गया है।

उसके बाद वह गुजरात, मुम्बई, दिल्ली, में छिप-छिप कर रहने लगा। इस बीच मैं घर आया था तथा लाकडाउन समाप्त होने के बाद पुन: गुजरात भागने की फिराक में था कि पकड़ा गया। प्रवक्ता के अनुसार इस बदमाश के खिलाफ गुजरात और प्रतापगढ़ के विभिन्न थानों में दस से अधिक गंभीर धाराओं में मामले दर्ज है।

नौसेना बेस पर अधिकारी प्रशिक्षुओं की पासिंग आउट;99वें एकीकृत अधिकारी प्रशिक्षु पाठ्यक्रम के तैरते जहाजों पर दिए गए प्रशिक्षण attacknews.in

 

नईदिल्ली 4 जून । 99वें एकीकृत अधिकारी प्रशिक्षु पाठ्यक्रम के तैरते जहाजों पर दिए गए प्रशिक्षण के सफलतापूर्वक पूर्ण होने के अवसर पर, 04 जून 21 को पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के जहाजों पर छोटे लेकिन प्रेरक समारोह में एक पासिंग आउट डिवीजन आयोजित किए गए, जिसपर अभी तक कोविड-19 के मद्देनज़र प्रतिबंध लगा हुआ था।

इस पाठ्यक्रम में भारतीय नौसेना की कार्यकारी शाखा के 104 अधिकारी प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। दक्षिणी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ रियर एडमिरल एंटनी जॉर्ज, वीएसएम, एनएम, ने जहाजों पर आयोजित पासिंग आउट डिवीजनों के दौरान मेधावी अधिकारी प्रशिक्षुओं को ट्राफियां प्रदान कीं।

कोच्चि स्थित पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन में भारतीय नौसेना के जहाज तीर, मगर,  शार्दुल, सुजाता,  तरंगिनी, सुदर्शनी और तटरक्षक जहाज सारथी शामिल हैं। स्क्वाड्रन का नेतृत्व वर्तमान में कैप्टन आफताब अहमद खान कर रहे हैं, जो आईएनएस तीर के कमांडिंग ऑफिसर भी हैं।

24 सप्ताह का समुद्री प्रशिक्षण 28 दिसंबर 2020 को शुरू हुआ। इस चरण के दौरान, समुद्री प्रशिक्षुओं के व्यावहारिक प्रशिक्षण पर जोर देने के साथ नाविक, नौवहन, जहाज संचालन और तकनीकी पहलुओं पर निर्देश दिए गए। यह गहन प्रशिक्षण प्रशिक्षुओं को समुद्र में अपना शारीरिक और मानसिक संतुलन कायम करने में सक्षम बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह एक अनुकूल प्रशिक्षण वातावरण में समुद्र में जीवन की कठोरता और जोखिम का सामना करना सिखाता है और युवा अधिकारियों को युद्ध के समय के साथ-साथ ‘शांतिकाल में भी  कार्य को प्रभावी ढंग से करने के लिए तैयार करता है। इन समुद्री प्रशिक्षुओं ने 67 दिन तक लगभग 14000 एनएम समुद्री नौकायन किया और भारत के पश्चिमी और पूर्वी तटों के साथ-साथ मॉरीशस (पोर्ट लुइस), सेशेल्स (पोर्ट विक्टोरिया), मेडागास्कर (एंट्सिरानाना) और मालदीव (माले) के विदेशी बंदरगाहों का दौरा किया।  प्रशिक्षुओं को पाल प्रशिक्षण जहाज, आईएनएसवी सुदर्शनी पर जहाज चलाने संबंधी प्रशिक्षण भी दिया गया। ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ के हिस्से के रूप में, प्रशिक्षु विजय ज्वाला को कोच्चि से लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप समूह ले जाए जाने के कार्यक्रम का हिस्सा भी बने।

सब-लेफ्टिनेंट भारत भूषण सेंगर को सर्वश्रेष्ठ ऑल राउंड सी ट्रेनी चुना गया और उन्हें प्रतिष्ठित चीफ ऑफ नेवल स्टाफ ट्रॉफी और टेलीस्कोप से सम्मानित किया गया। सब-लेफ्टिनेंट निशांत के. विश्वकर्मा को मेरिट सूची में प्रथम स्थान पर रहने के लिए चीफ ऑफ नेवल स्टाफ ट्रॉफी और दूरबीन से सम्मानित किया गया। अपने प्रशिक्षण काल के दौरान पेशेवर विषयों में अधिकतम प्रगति दिखाने के लिए एफओसी-आईएन-सी ईस्ट रोलिंग ट्रॉफी सब लेफ्टिनेंट अयान अली को प्रदान की गई। खेल और पाठ्येतर गतिविधियों के लिए एफओसी-इन-सी साउथ रोलिंग ट्रॉफी, साथ ही पेशेवर विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सब-लेफ्टिनेंट ओजस तोहरा को प्रदान की गई।

अधिकारी अपना आगे का प्रशिक्षण पश्चिमी और पूर्वी समुद्री बोर्ड पर विभिन्न फ्रंटलाइन भारतीय नौसेना युद्धपोतों जारी रखेंगे।

केंद्र सरकार ने टीईटी के योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता अवधि सात वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने की घोषणा की  attacknews.in

 

नयी दिल्ली, तीन जून । सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता अवधि को वर्तमान सात वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का निर्णय किया है ।

यह निर्णय 2011 से प्रभावी होगा । केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा की।

निशंक ने कहा कि जिन उम्मीदवारों या छात्रों के प्रमाणपत्र की सात वर्ष की अवधि पूरी हो गई है, उनके बारे में संबंधित राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रशासन टीईटी की वैधता अवधि के पुनर्निधारण करने या नया टीईटी प्रमाणपत्र जारी करने के लिये जरूरी कदम उठायेंगे ।

शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, निशंक ने कहा कि टीईटी के योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता अवधि को वर्तमान सात वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का निर्णय किया गया है ।

उन्होंने कहा कि इस कदम से शिक्षण के क्षेत्र में अपना करियर बनाने को इच्छुक उम्मीदवारों के लिये रोजगार के अवसर बढ़ेंगे ।

उल्लेखनीय है कि स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिये किसी व्यक्ति की पात्रता के संबंध में शिक्षक पात्रता परीक्षा का योग्यता प्रमाणपत्र एक जरूरी पात्रता है ।

राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के 11 फरवरी 2011 के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि राज्य सरकार टीईटी का आयोजन करेंगी और टीईटी योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता की अवधि परीक्षा पास होने की तिथि से सात वर्ष तक होगी।

“एक्स-रे सेतु” के द्वारा छाती के एक्स-रे से व्हाट्सएप पर होगी कोरोना पाजिटिव मरीजों की पहचान,इसे आर्टपार्क (एआई एंड रोबोटिक टेक्नोलॉजी पार्क) ने किया हैं विकसित attacknews.in

कृत्रिम बौद्धिकता प्लेटफार्म से व्हॉट्स-एप्प के जरिये कोविड के मामले में शीघ्र कार्रवाई करने की सुविधा

नईदिल्ली 2 जून । कोविड-19 के खिलाफ फौरन कार्रवाई करने के लिये कृत्रिम बौद्धिकता आधारित प्लेटफार्म का सहारा लिया जायेगा। इसके तहत छाती का एक्स-रे करके उसे डॉक्टरों के पास व्हॉट्स-एप्प के जरिये भेज दिया जायेगा। डॉक्टर उसे एक्स-रे मशीन पर देख सकते हैं। इस प्रक्रिया का नाम एक्स-रे सेतु रखा गया है और कम रेजोल्यूशन वाली फोटो को मोबाइल के जरिये भेजा जा सकता है। ग्रामीण इलाकों में कोविड की जांच और कार्रवाई के हवाले से इससे आसानी और तेजी से काम हो सकता है।

भारत के ग्रामीण इलाकों में कोविड ने कहर बरपा कर रखा है, जिसे मद्देनजर रखते हुये, तेज गति से जांच करना, यह जानना कि किस मरीज का किन-किन लोगों से संपर्क हुआ और कंटेनमेंट जोन बनाना बहुत जरूरी हो गया है। कुछ शहरों में कोविड जांच में एक सप्ताह से भी ज्यादा समय लग जाता है, ऐसी स्थिति में ग्रामीण इलाकों में चुनौती बहुत कठिन है। आसान वैकल्पिक जांचों की जरूरत है, क्योंकि आरटी-पीसीआर जांच से भी कभी-कभी कुछ वैरियंट्स के मामले में ‘फाल्स निगेटिव’ रिपोर्ट आ जाती है। इसका मतलब है कि जांच में वैरियंट विशेष का पता नहीं लग पाता।

आर्टपार्क (एआई एंड रोबोटिक टेक्नोलॉजी पार्क) लाभ न कमाने वाली संस्था है, जिसे भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू ने स्थापित किया है। इसमें भारत सरकार की संस्था विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का सहयोग है। बेंगलुरू स्थित हेल्थ-टेक स्टार्ट-अप निरामय और भारतीय विज्ञान संस्थान ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर एक्स-रे सेतु का विकास किया है। इसे कोविड पॉजीटिव मरीजों की पहचान करने और व्हाट्स-एप्प के जरिये उनकी छाती के एक्स-रे को कम रेजूल्युशन पर डॉक्टर तक भेजने की सुविधा के लिये तैयार किया गया है।

इसमें प्रभावित इलाकों का विश्लेषण और उसे रंगों के जरिये मानचित्र (हीटमैप) द्वारा समीक्षा भी की जायेगी। यह समीक्षा डॉक्टरों के लिये उपलब्ध रहेगी, ताकि वे आसानी से हालात के बारे में जान सकें। इसके जरिये भारत के दूर-दराज इलाकों से 1200 से अधिक रिपोर्ट मिली हैं।

स्वास्थ्य की जांच करने के लिये किसी भी डॉक्टर को सिर्फ www.xraysetu.com पर जाकर ‘ट्राई दी फ्री एक्स-रे सेतु बीटा’ बटन को क्लिक करना है। उसके बाद यह प्लेटफार्म उन्हें सीधे दूसरे पेज पर ले जायेगा, जहां उक्त डॉक्टर वेब या स्मार्टफोन एप्लीकेशन के जरिये व्हॉट्स-एप्प आधारित चैट-बॉट से जुड़ जायेंगे।इसके अलावा डॉक्टर लोग एक्स-रे सेतु सेवा शुरू करने के लिये +91 8046163838 पर व्हॉट्स-एप्प संदेश भेज सकते हैं। उन्हें बस मरीज के एक्स-रे इमेज को क्लिक करना है और चंद मिनटों में ही सम्बंधित तस्वीरें और निदान की पूरी व्याख्या वाले दो पेज निकल आयेंगे। कोविड-19 का किसी विशेष स्थान पर ज्यादा प्रभाव डालने की संभावना को ध्यान में रखते हुये, रिपोर्ट में डॉक्टरों की सुविधा के लिये हीट-मैप का भी उल्लेख रहेगा।

इंग्लैंड के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने 1,25,000 से अधिक एक्स-रे तस्वीरों को इस प्रक्रिया से जांचा है। इसी तरह एक्स-रे सेतु से एक हजार से अधिक भारतीय कोविड मरीजों की जानकारी हासिल की गई है। इस प्रक्रिया के शानदार नतीजे निकले हैं। आंकड़ों की संवेदनशीलता 98.86 प्रतिशत और सटीकता 74.74 प्रतिशत है।

आर्टपार्क के संस्थापक और सीईओ श्री उमाकांत सोनी का कहना है, “हमें 1.36 अरब लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुये प्रौद्योगिकी का विकास करना है।

उल्लेखनीय है कि इस समय हमारे यहां एक लाख लोगों पर एक रेडियोलॉजिस्ट है। उद्योग और अकादमिक जगत के सहयोग से एक्स-रे सेतु ने कृत्रिम बौद्धिकता जैसी शानदार प्रौद्योगिकी के बल पर आगे बढ़कर बेहतरीन स्वास्थ प्रौद्योगिकी संभव की है, जो ग्रामीण इलाकों के लिये है और बहुत सस्ती है।”

निरामय की संस्थापक और सीईओ डॉ. गीता मंजुनाथ ने कहा, “निरामय ने आर्टपार्क और आईआईएससी के साथ सहयोग किया है, ताकि एक्स-रे मशीन तक पहुंच रखने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में सेवारत डॉक्टरों को कोविड की तेज जांच और उसके उपचार की सुविधा मिल सके। एक्स-रे सेतु में छाती के एक्स-रे का मूल्यांकन अपने-आप होता है और उससे पता चल जाता है कि आगे मरीज को फेफड़े की कोई समस्या होने वाली है या नहीं। इससे कोविड-19 के संक्रमण का पता लग जाता है।”

आईआईएससी के प्रो. चिरंजीब भट्टाचार्य ने कहा, “कोविड पॉजीटिव एक्स-रे इमेज का अभाव होने के कारण हमने एक अनोखी ट्रांस्फर लर्निंग खाका तैयार किया है, जो आसानी से फेफड़ों का एक्स-रे उपलब्ध करा देता है। यह सिर्फ कोविड पॉजीटिव ही नहीं बताता, बल्कि आगे की संभावित जटिलताओं का संकेत भी देता है। हमने संक्रमित फेफड़ों के लिये भी प्रक्रिया का विकास किया है। इस प्रणाली में आगे के लिये संकेत, संक्रमित हिस्सों की भी जानकारी मिलती है।”

कोविड-19 प्लेटफार्म के अलावा इस प्लेटफार्म से फेफड़े सम्बंधी 14 अन्य बीमारियों का भी पता लगाया जा सकता है, जैसे टीबी, न्यूमोनिया आदि। इसका इस्तेमाल एनालॉग और डिजिटल एक्स-रे, दोनों रूपों में किया जा सकता है। पिछले 10 महीनों के दौरान ग्रामीण इलाकों में कार्यरत 300 से अधिक डॉक्टरों ने इसका सफल प्रयोग किया है।

एक्स-रे सेतु जैसी प्रौद्योगिकियों से बेहतरीन बौद्धिक कृत्रिमता आधारित प्रणालियों को मोबाइल के जरिये चलाया जा सकता है। इसके कारण बहुत सस्ती दर पर ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुगम्य बनाया जा सकता है।

केएमसी, मंगलोर के हृदयरोग विभाग के अध्यक्ष व प्रोफेसर डॉ. पद्मनाभ कामथ ने एक्स-रे सेतु के इस्तेमाल की सलाह दी थी। वे खुद भी इसका इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रौद्योगिकियों से वंचित और ग्रामीण इलाके के लोगों को स्वास्थ्य सुविधायें प्राप्त होंगी। डॉ. अनिल कुमार, एडी, चिकित्सा अधिकारी, शिमोगा, कर्नाटक ने भी इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया है। वे इस प्रौद्योगिकी से बहुत संतुष्ट हैं और उनका कहना है कि इससे मरीज का जल्द निदान हो जाता है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा, “डीएसटी कई साइबर-फिजीकल प्रणालियों पर काम कर रहा है, जिसमें कृत्रिम बौद्धिकता, वर्चुअल वास्तविकता, डाटा विश्लेषण, रोबोटिक्स, सेंसर्स और अन्य प्रणालियां शामिल हैं, जो स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों का हल निकालने में सक्षम हैं। इसमें निदान, औषधि से बायो-मेडिकल उपकरण और टेलीमेडीसिन तक शामिल हैं।”

आर्टपार्क को नेशनल मिशन ऑन इंटरडिसीप्लिनेरी साइबर-फिजीकल सिस्टम्स (एनएम-आईसीपीएस) के तहत शुरू किया गया था और अब उसे सी-डैक जैसी संस्था से सहयोग मिल रहा है। इसमें कृत्रिम बौद्धिकता वाला सुपरकंप्यूटर परमसिद्धि, एनवीडिया और एडब्लूएस शामिल हैं। यह ग्रामीण भारत में डॉक्टरों को निशुल्क सेवा प्रदान करेगा।

अन्य विवरण के लिये श्री उमाकांत सोनी, संस्थापक और सीईओ, आर्टपार्क से umakant@artpark.in. से संपर्क किया जा सकता है।

 

पुलवामा जिले के त्राल में आतंकवादियों ने की भाजपा पार्षद की हत्या attacknews.in

 

श्रीनगर 02 जून । केन्द्र शासित जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में बुधवार देर शाम संदिग्ध उग्रवादियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नगर पार्षद की हत्या कर दी और एक महिला को घायल कर दिया।

इस बीच पुलिस प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि पार्षद श्रीनगर में दो पीएसओ और एक सुरक्षित होटल आवास की सुधाव दिए जाने के बावजूद, वह बिना किसी सुरक्षा के त्राल चले गए थे।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आज देर शाम त्राल में तीन संदिग्ध आतंकवादियों ने भाजपा नगर पार्षद राकेश पंडिता पर गोली चला दी।

उन्होंने कहा, “इस घटना में पंडिता और एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। घायलों को अस्पताल ले जाया गया जहां भाजपा नेता को मृत घोषित कर दिया गया।”

उन्होंने बताया कि संदिग्ध आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठा कर भागने में सफल रहे। सुरक्षा बलों को इलाके में भेजा गया है तथा हमलावरों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया गया है। “श्री पंडिता त्राल में अपने दोस्त से मिलने जा रहे थे।”

आईडीबीआई बैंक को लगाया करोड़ों रूपये का चूना: गुवाहाटी के घोष ब्रदर्स आटोमोबाइल्स के प्रोमोटरों/संचालकों समेत CA तथा बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज attacknews.in

 

गुवाहाटी 01 जून । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईडीबीआई बैंक को 168.82 करोड़ रूपयों की हानि पहुंचाने के मामले में गुवाहाटी स्थित घोष ब्रदर्स आटोमोबाइल्स के चार प्रोमोटरों/संचालकों समेत एक चार्टर्ड एकाउन्टेंट तथा अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

बैंक का आरोप है कि बेटकुची, गुवाहाटी स्थित निजी कंपनी को वाहन खरीदने के नाम पर बैंक की गुवाहाटी शाखा से 64.67 करोड़ रुपये की सावधि ऋण और नकद ऋण सुविधा स्वीकृत की गयी थी।

मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें प्रणब कुमार घोष , प्रतुल कुमार घोष , गीता रानी घोष और प्रबीर कुमार घोष ( सभी मेसर्स घोष ब्रदर्स ऑटोमोबाइल्स के प्रोमोटर/संचालक) तथा अरुणाभा चट्टोपाध्याय (चार्टर्ड एकाउंटेंट) और अज्ञात बैंक अधिकारी / निजी व्यक्ति शामिल हैं।

बैंक ने यह भी आरोप लगाया है कि आरोपियों ने झूठे दस्तावेज जमा करके ऋण प्राप्त किया और जिस उद्देश्य के लिए ऋण स्वीकृत किया गया था, उसके अलावा अन्य कामों में रूपयों का उपयोग किया जिससे बैंक को 168.62 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

भारतीय रेल के संस्थान रिसर्च डिजाइन एंड स्टेंडर्ड्स ऑरगेनाइजेशन को “एक राष्ट्र एक मानक” अभियान के तहत ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड्स का पहला एसडीओ संस्थान घोषित किया गया attacknews.in

 

नईदिल्ली 1 जून । उपभोक्ता मामलों के विभाग के अंतर्गत आने वाले भारतीय रेल के संस्थान आरडीएसओ (रिसर्च डिजाइन एंड स्टेंडर्ड्स ऑरगेनाइजेशन) को “एक राष्ट्र एक मानक” अभियान के तहत बीआईए (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड्स) का पहला एसडीओ संस्थान घोषित किया गया है।

भारत सरकार के तहत आने वाले दो संस्थानों की यह अनूठी पहल देश के शेष सभी प्रमुख अनुसंधान एवं मानक विकास संस्थानों के लिए न सिर्फ एक आदर्श स्थापित करेगी बल्कि उन्हें विश्व स्तरीय मानकों को अपनाने के लिए भी प्रेरित करेगी।

यह ध्यान देने की बात है कि भारत सरकार की “एक राष्ट्र एक मानक” की परिकल्पना के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय मानक संस्थान भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने एक योजना शुरू की है जिसके तहत किसी संस्थान को एसडीओ की मान्यता दी जाती है। इस योजना के जरिए बीआईएस का लक्ष्य, अपने विशिष्ट क्षेत्रों में मानकों के विकास के काम में लगे देश के विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध मौजूदा क्षमताओं और विशिष्ट डोमेन में उपलब्ध सकल विशेषज्ञता को एकीकृत करना है और इस तरह देश में जारी सभी मानक विकास गतिविधियों को रूपांतरित कर “एक विषय पर एक राष्ट्रीय मानक” तैयार करना है।

रेल मंत्रालय का एकमात्र अनुसंधान एवं विकास संगठन आरडीएसओ, लखनऊ, देश के प्रमुख मानक तय करने वाले संस्थानों मे से एक है और यह भारतीय रेल के लिए मानक तय करने का काम करता है।

आरडीएसओ ने बीआईएस एसडीओ मान्यता योजना के तहत एक मानक विकास संगठन (एसडीओ) के रूप में मान्यता प्राप्त करने की पहल की। इस प्रक्रिया में, आरडीएसओ ने मानक निर्माण प्रक्रियाओं की समीक्षा की ताकि उन्हें मानकीकरण के सर्वोत्तम अभ्यासों के साथ पुन: संरेखित किया जा सके, इसे डब्ल्यूटीओ-टीबीटी “अच्छे अभ्यास संहिता” में एन्कोड किया गया और ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा एसडीओ के रूप में मान्यता के लिए आवश्यक मानदंड के रूप में अनिवार्य किया गया।

बीआईएस ने आरडीएसओ की मानक निर्माण प्रक्रियाओं की समीक्षा के बाद 24 मई 2021 को आरडीएसओ को एसडीओ (मानक विकास संगठन) के रूप में मान्यता प्रदान की। इस मान्यता के साथ, आरडीएसओ बीआईएस एसडीओ मान्यता योजना के तहत मान्यता प्राप्त करने वाला देश का पहला मानक विकास संगठन बन गया है। ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा अनुमोदित एसडीओ के रूप में आरडीएसओ की मान्यता का दायरा “भारत में रेल परिवहन क्षेत्र के लिए उत्पादों, प्रक्रियाओं और सेवाओं के लिए मानक विकास करना है। मान्यता 3 साल के लिए वैध है और वैधता अवधि पूरी होने के बाद नवीनीकरण की आवश्यकता होगी।

आरडीएसओ में मानक तैयार करने की प्रक्रिया अब आम सहमति आधारित निर्णय लेने पर अधिक केंद्रित होगी और शुरुआती चरणों से मानक बनाने की प्रक्रिया में यानी अवधारणा से लेकर मानकों को अंतिम रूप देने तक उद्योग, अकादमिक,  उपयोगकर्ता, मान्यता प्राप्त लैब, टेस्ट हाउस इत्यादि सहित सभी हितधारकों की व्यापक भागीदारी होगी।

बीआईएस एसडीओ मान्यता योजना के तहत भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा इस मान्यता से होने वाले कुछ प्रमुख लाभों में आईआर आपूर्ति श्रृंखला में उद्योग / विक्रेताओं / एमएसएमई / प्रौद्योगिकी डेवलपर्स की बड़ी भागीदारी, उद्योग / विक्रेताओं के बीच प्रतिस्पर्धा में कमी शामिल है।

इसके साथ ही लागत में और उत्पाद और सेवाओं की गुणवत्ता में क्वांटम सुधार, आईआर पर नवीनतम विकसित और उभरती प्रौद्योगिकियों का सहज समावेश, आयात पर निर्भरता कम करना, “मेक-इन-इंडिया” पर जोर, व्यवसाय की सुगमता में सुधार, मानक तय करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला/वैश्विक व्यापार के साथ एकीकरण आदि है।

मानक बनाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता, खुलेपन,  निष्पक्षता, प्रभावशीलता, सुसंगतता और विकास आयाम को बनाए रखने पर अधिक जोर देने के साथ मानकीकरण के स्थापित छह सिद्धांतों के अनुरूप नियमों और शर्तों का अनुपालन करने का दायित्व, समग्र आत्मविश्वास में सुधार करेगा और मानक तय करने वाले निकाय यानी आरडीएसओ में उद्योग और प्रौद्योगिकी डेवलपर्स का विश्वास और देश में रेलवे क्षेत्र के लिए मानक निर्माण में योगदान करने के लिए सभी हितधारकों को प्रेरित करेगा।

यह मानकीकरण गतिविधि के सामंजस्य में भी मदद करेगा जिससे राष्ट्रीय मानकों के निर्माण और कार्यान्वयन में सभी हितधारकों को अधिक भागीदारी का अवसर मिलेगा और देश में निर्मित उत्पाद की गुणवत्ता के लिए लंबे समय में एक ब्रांड इंडिया की पहचान बनेगी।

मानक बनाने की प्रक्रिया में सभी हितधारकों को शामिल करते हुए मानकों के विकास के लिए सहभागी दृष्टिकोण बहुत प्रारंभिक चरणों से मानकों के विकास और उनके जमीनी अनुकूलन या उपयोगकर्ता उपयोग के बीच के समय को कम करेगा। इस पहल से प्रौद्योगिकी के विकास और उसके नवाचार के स्तर से उसके वास्तव में कार्यरूप लेने के बीच का परिवर्तन तेज़ होगा।

तमिलनाडु से आतंकी संगठन ISIS में शामिल मो इकबाल के खिलाफ NIA ने दाखिल की चार्जशीट;जनवरी में डॉक्टर दंपत्ति के  खिलाफ दाखिल किया था आरोपपत्र  attacknews.in

 

नयी दिल्ली 29 मई । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस्लामिक स्टेट ऑफ सीरिया एंड इराक (आईएसआईएस) के एक सदस्य के खिलाफ चेन्नई एनआईए की विशेष अदालत में 28 मई को आरोप पत्र दाखिल किया है।

एनआईए ने शनिवार को यह जानकारी दी। उसने बताया कि आरोपी मोहम्मद इकबाल एन उर्फ ​​सेंथिल कुमार (31) तमिलनाडु के मदुरै में काजीमार स्ट्रीट का निवासी है। वह कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर का सदस्य था और उस पर कानून की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।

आईएसआईएस में शामिल होने वाले डॉक्टर के खिलाफ एनआईए ने आरोपपत्र दाखिल किया

इससे पहले  12 जनवरी  को एनआईए ने मंगलवार को एक डॉक्टर के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जो अपनी विचारधारा का प्रसार करने और भारत में अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कथित तौर पर इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह में शामिल हो गया था। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी।

बेंगलुरू के रहने वाले 28 वर्षीय अब्दुर रहमान के खिलाफ आरोपपत्र यहां एनआईए की विशेष अदालत में भारतीय दंड संहिता (भादंसं) और अवैध गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दाखिल किया गया था ।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सह आरोपी जहांजैब सामी वानी एवं अन्य के साथ मिलकर प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस/इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रांत (आईएसकेपी) की विचारधारा का प्रसार करने तथा भारत में विध्वंसक एवं देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए रहमान को आरोपित किया गया है।’’

इससे पहले दो सितंबर को श्रीनगर के वानी एवं हिना बशीर बेग, हैदराबाद के अब्दुल्ला बासित और पुणे के सादिया अनवर शेख तथा नबील सिद्दीक खत्री के खिलाफ भादंसं एवं यूएपीए की धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया था।

अधिकारी ने बताया कि मामला वानी और उसकी पत्नी बेग की, मार्च 2020 में दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तारी से जुड़ा हुआ है। सूचना मिली थी कि वे आईएसकेपी से जुड़े हुए हैं (जो आईएसआईएस का हिस्सा है) और देश में विध्वंसक तथा देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं।

एनआईए ने जांच शुरू की और रहमान को अगस्त 2020 में बेंगलुरू से गिरफ्तार किया गया। रहमान बेंगलुरू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस का छात्र था और उसी दौरान वह कट्टरपंथी बना। एनआईए के अधिकारी ने बताया कि वह ‘अनवर अवलाकी’ सहित कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशकों के ऑनलाइन व्याख्यान सुनता था।

व्हाट्सऐप के आम उपयोगकर्ताओं को।भारत के नए नियमों से डरने की कोई जरूरत नहीं,इनका मूल उद्देश्य यह पता लगाना है कि।किसी संदेश को किसने शुरू किया attacknews.in

 

नयी दिल्ली, 27 मई । सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि व्हाट्सऐप उपयोगकर्ताओं को नए सोशल मीडिया नियमों से डरने की कोई जरूरत नहीं है और ये नियम इन मंचों के दुरुपयोग को रोकने के लिए तैयार किए गए हैं

उन्होंने आगे कहा कि नए नियमों के तहत उपयोगकर्ताओं के पास शिकायत निवारण के लिए एक मजबूत तंत्र होगा।

प्रसाद ने कहा कि सरकार सवाल पूछने के अधिकार सहित आलोचनाओं का स्वागत करती है।

प्रसाद ने माइक्रो-ब्लॉगिंग मंच कू पर पोस्ट किया, और साथ ही ट्वीट भी किया, ‘‘नए नियम किसी दुर्व्यवहार और दुरुपयोग की स्थिति में सोशल मीडिया के सामान्य उपयोगकर्ताओं सशक्त बनाते हैं।’’

उन्होंने कहा कि सरकार निजता के अधिकार को पूरी तरह से मानती है और उसका सम्मान करती है।

प्रसाद ने कहा, ‘‘व्हाट्सऐप के आम उपयोगकर्ताओं को नए नियमों से डरने की कोई जरूरत नहीं है। इनका मूल मकसद यह पता लगाना है कि नियमों में उल्लिखित विशिष्ट अपराधों को अंजाम देने वाले संदेश को किसने शुरू किया।’’

उन्होंने कहा कि नए आईटी नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को एक भारत केंद्रित शिकायत निवारण अधिकारी, अनुपालन अधिकारी और नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी, ताकि सोशल मीडिया के लाखों उपयोगकर्ताओं को उनकी शिकायत के निवारण के लिए एक मंच मिल सके।

सरकार ने नए डिजिटल नियमों का पूरी निष्ठा के साथ बचाव करते हुए बुधवार को कहा कि वह निजता के अधिकार का सम्मान करती है और व्हॉट्सऐप जैसे संदेश मंचों को नए आईटी नियमों के तहत चिन्हित संदेशों के मूल स्रोत की जानकारी देने को कहना निजता का उल्लंघन नहीं है। इसके साथ ही सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से नये नियमों को लेकर अनुपालन रिपोर्ट मांगी है।

व्हॉट्सऐप ने सरकार के नए डिजिटल नियमों को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है जिसके एक दिन बार सरकार की यह प्रतिक्रिया आई है। व्हॉट्सऐप का कहना है कि कूट संदेशों तक पहुंच उपलब्ध कराने से निजता का बचाव कवर टूट जायेगा।

नए नियमों की घोषणा 25 फरवरी को की गयी थी। इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों (जिनके देश में 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं) को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और भारत स्थित शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं।

नियमों का पालन न करने पर इन सोशल मीडिया कंपनियों को अपने इंटरमीडिएरी दर्जे को खोना पड़ सकता है। यह स्थिति उन्हें किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी और उनके द्वारा ‘होस्ट’ किए गए डाटा के लिए देनदारियों से छूट और सुरक्षा प्रदान करती है। दूसरे शब्दों में इसका दर्जा समाप्त होने के बाद शिकायत होने पर उन पर कार्रवाई की जा सकती है।

कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को येदियुरप्पा ने बकवास करार दिया;एक दिन पहले ही राज्य के कईं भाजपा विधायकों ने कहा था कि, नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है attacknews.in

 

बेंगलुरू,27 मई । कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को बकवास करार देते हुए गुरूवार को कहा कि इस समय उनका पूरा ध्यान यहां कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के उपायों पर हैं।

दरअसल एक दिन पहले ही राज्य के कईं भाजपा विधायकों ने कहा था कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है और इसी को लेकर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा“ इस समय मेरे सामने कोराना से निपटने की चुनौती हैं और नागरिकों की रक्षा करना तथा उनकी जान बचाना मेरी प्राथमिकताएं हैं।

वह पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 57 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे और इसी दौरान पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने यह बात कही है।

यह पूछे जाने पर कि कुछ विधायकों ने लॉबी बनाकर उन्हें हटाने के लिए दिल्ली का रूख किया था , का जवाब देते हुए श्री येदियुरप्पा ने कहा“ अगर कोई कहीं गया था तो आपको यह भी पता होना चाहिए कि उन्हें सही जवाब देकर वापिस भेजा गया था।

इस समय हमारे सामने यही बड़ा सवाल है कि आपस में एक जुट होकर कोविड जैसी महामारी का सामना किया जाए , खासकर ऐसे समय जब लोगों में संक्रमण बढ़ रहा है और मौत के मामलों में भी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।

विधायकों तथा मंत्रियों को इस महामारी से निपटने पर अधिक ध्यान केन्द्रित करना चाहिए और मेरे सामने इसके अलावा कोई भी मसला नहीं है।

” यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा विधायकों की बैठक को बुलाएंगे तो श्री येदियुरप्पा ने कहा कि इस मसले पर उन्हें प्रेस के सामने जिक्र नहीं करना है।

इस बीच पत्रकारों के समक्ष पर्यटन मंत्री सी पी योगेश्वरा ने कहा कि यह बात सच है कि वह दिल्ली गए थे लेकिन वह अपने व्यक्तिगत काम से गए थे और इसका नेतृत्व परिवर्तन से कोई लेना देना नहीं है।

उन्होंने इस बात का जवाब देने से मना कर दिया कि वह पार्टी नेताओं से मिलने दिल्ली क्यों गए थे लेकिन यह जरूर कहा कि वह इस मसले को जनता के बीच में उठाने के बजाए पार्टी मंच पर उठाएंगे।

पेंपा सीरिंग ने ली तिब्बती सिक्योंग यानी प्रधानमंत्री पद की भारत में शपथ;तिब्बती सुप्रीम जस्टिस कमिश्नर सोनम नोरबू डगपो ने उन्हें शपथ दिलवाई attacknews.in

 

धर्मशाला, 27 मई । पेंपा सीरिंग ने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सिक्योंग यानी प्रधानमंत्री पद की सादे एवं गरिमामय समारोह में शपथ ग्रहण की ।

इस अवसर पर तिब्बती सुप्रीम जस्टिस कमिश्नर सोनम नोरबू डगपो ने उन्हें शपथ दिलवाई व पेंपा को खता भेंट किया।

सबसे बडी बात शपथ ग्रहण के दौरान ये रही कि तिब्बती धार्मिक गुरू दलाई लामा ने पेंपा को वर्चुअली आशीर्वाद दिया।

इससे पहले निर्वतमान सिक्योंग डाॅ लोबसंग सांग्ये ने पेंपा सीरिंग को कदम सिशि डेकी की मुहर सौंपी।

ये मुहर सातवें दलाई लामा की मानी जाती है।

इसे सत्ता हस्तांतरण के वक्त सिक्योंग के सुपुर्द किया जाता है।

इसके साथ ही सांग्ये ने पेंपा को खता भेंट किया।

उल्लेखनीय है कि पेंपा सीरिंग निर्वासित तिब्बतियों के अगले पांच साल के लिए सिक्योंग यानी प्रधानमंत्री चुने गए हैं।

पेंपा सीरिंग को 34,324 मत मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी केलसंग दोरजे औकातत्संग को 28,960 मत हासिल हुए।

11 अप्रैल 2021 को दुनिया भर में निर्वासित तिब्बतियों के चुनाव का अंतिम दौर पूरा होने के बाद 14 मई को आधिकारिक तौर पर चुनाव नतीजे घोषित किए गए थे।

शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही पेंपा आधिकारिक तौर पर केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के पांच साल के लिए प्रधानमंत्री बन गए हैं।

इन्हें तिब्बती समुदाय में सिक्योंग कहा जाता है।

कोविड नियमों की पालना के तहत शपथ ग्रहण में चार ही लोग मौजूद थे।

भारत ने कहा कि वह नेपाल में हाल के राजनीतिक घटनाक्रम को उस देश के आंतरिक मामलों के रूप में देखता है और उसकी प्रगति, शांति, स्थिरता और विकास की यात्रा में समर्थन देता रहेगा attacknews.in

 

नयी दिल्ली, 26 मई । भारत ने बुधवार को कहा कि वह नेपाल में हाल के राजनीतिक घटनाक्रम को उस देश के आंतरिक मामलों के रूप में देखता है और नेपाल को उसकी प्रगति, शांति, स्थिरता और विकास की यात्रा में समर्थन देता रहेगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने बयान में कहा, ‘‘ हमने नेपाल में हाल के राजनीतिक घटनाक्रम को देखा है । हम इसे नेपाल के आंतरिक मामलों के रूप में देखते हैं जिससे उन्हें अपने घरेलू ढांचे और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के तहत निपटना है। ’’

उन्होंने कहा कि एक पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत, नेपाल और वहां के लोगों को उनकी प्रगति, शांति, स्थिरता और विकास की यात्रा में निर्वाध रूप से समर्थन देता रहेगा ।

उल्लेखनीय है कि नेपाल के विपक्षी गठबंधन ने राष्ट्रपति द्वारा प्रतिनिधि सभा को भंग करने के फैसले को ‘असंवैधानिक’ बताते हुए इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की है। इससे पहले राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली की सिफारिशों पर सदन को भंग कर दिया था। ओली की सरकार सदन में विश्वास मत में हारने के बाद अल्पमत में आ गई थी।

नेपाल के विपक्षी दलों के पूर्व सांसद रविवार और सोमवार को एकत्र हुए थे तथा उन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए शेर बहादुर देउबा के दावे के समर्थन में अपने हस्ताक्षर सौंपा था ।

राष्ट्रपति भंडारी ने प्रधानमंत्री ओली की सिफारिश पर शनिवार को पांच महीने में दूसरी बार 275 सदस्यीय सदन को भंग कर दिया था तथा 12 और 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव की घोषणा की थी।

फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सऐप ने भारत में लागू किए गए नए सोशल मीडिया नियमों पर सरकार के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका, इन नियमों में यह पता लगाना जरूरी है कि किसी संदेश की शुरुआत किसने की attacknews.in

 

नयी दिल्ली, 26 मई । फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सऐप ने नए सोशल मीडिया मध्यवर्ती नियमों पर सरकार के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है, जिसके तहत संदेश सेवाओं के लिए यह पता लगाना जरूरी है कि किसी संदेश की शुरुआत किसने की।

व्हाट्सऐप के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि कंपनी ने हाल ही में लागू किए गए आईटी नियमों के खिलाफ 25 मई को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है, जबकि नए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्‍थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021, के जरिए सोशल मीडिया कंपनियों को अधिक से अधिक जवाबदेह और जिम्मेदार बनाने की कवायद चल रही है।

व्हाट्सऐप के एक प्रवक्ता ने कहा कि मैसेजिंग ऐप के लिए चैट पर निगाह रखने की आवश्यकता, उन्हें व्हाट्सऐप पर भेजे गए हर एक संदेश का फिंगरप्रिंट रखने के लिए कहने के बराबर है।

प्रवक्ता ने कहा कि यह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को तोड़ देगा और लोगों के निजता के अधिकार को कमजोर करेगा।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम दुनिया भर में लगातार नागरिक समाज और विशेषज्ञों के साथ उन अनिवार्यताओं का विरोध कर रहे हैं, जो हमारे उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता का उल्लंघन करेंगे। इस बीच, हम लोगों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से व्यावहारिक समाधानों पर भारत सरकार के साथ बातचीत जारी रखेंगे।’’

नये सूचना प्रौद्योगिकी नियम बुधवार 26 मई से प्रभाव में आएंगे और इनकी घोषणा 25 फरवरी को की गयी थी। इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसी बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं।

प्रमुख सोशल मीडिया मंचों को नये नियमों के अनुपालन के लिये तीन महीने का समय दिया गया था। इस श्रेणी में उन मंचों को रखा जाता है, जिनके पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या 50 लाख से अधिक है।

नियमों का पालन न करने के परिणामस्वरूप इन सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी मध्यस्थ की स्थिति खोनी पड़ेगी। यह स्थिति उन्हें किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी और उनके द्वारा ‘होस्ट’ किए गए डाटा के लिए दायित्वों से छूट और सुरक्षा प्रदान करती है। दूसरे शब्दों में, उन पर कार्रवाई की जा सकती है।

फेसबुक के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि कंपनी परिचालन प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए काम कर रही है और इसका उद्देश्य आईटी नियमों के प्रावधानों का पालन करना है।

सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने कहा कि वह कुछ मुद्दों पर स्पष्टता को लेकर सरकार के लगातार संपर्क में है। फेसबुक के पास फोटो साझा करने का मंच इंस्टाग्राम भी है।

हालांकि, फेसबुक और गूगल दोनों ने मंगलवार तक अनुपालन के नए स्तर को पूरा करने के बारे में चीजें स्पष्ट नहीं की।