स्टॉकहोम/नईदिल्ली , 14 अक्टूबर (स्पूतनिक) भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत बनर्जी को वर्ष 2019 का अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार दिया गया है। श्री बनर्जी के साथ इश्तर डूफलो और माइकल क्रेमर को भी संयुक्त रूप से नोबल पुरस्कार देने की घोषणा की गयी है।
तीनों अर्थशास्त्रियों को दुनिया भर में गरीबी दूर करने की दिशा में एक्सपेरीमंट अप्रोच के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।
नोबल पुरस्कार के तहत विजेताओं को नौ मिलियन स्वीडिश क्रोनोर प्रदान किया जाता है।
स्वीडन की जानी-मानी हस्ती अल्फ्रेड नोबल के नाम पर नोबल पुरस्कारों की शुरुआत की गयी थी और 1969 में पहला पुरस्कार दिया गया था।
भारत के कलकत्ता विश्वविद्यालय से 1981 में बीएससी की उपाधि ग्रहण करने के बाद श्री बैनर्जी ने 1983 में दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमए की पढ़ाई पूरी की।
अभिजीत ने दी थी कांग्रेस को न्यूनतम आय योजना की सलाह-
अर्थशास्त्र के नोबल पुरस्कार विजेता भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत विनायक बनर्जी ही वह शख्स थे जिन्होंने 2019 के आम चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र में न्यूनतम आय योजना को शामिल किये जाने की सलाह दी थी।
वर्ष 1961 में कलकत्ता (अब कोलकाता) में जन्मे श्री बनर्जी ने साउथ प्वाइंट स्कूल एंड प्रेसीडेंसी कालेज से 1981 में अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके दो साल बाद 1983 में उन्होंने दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। वर्ष 1988 में वह अर्थशास्त्र में पी.एच.डी. की डिग्री के लिए हार्वर्ड चले गये। पी.एच.डी. के लिए उनके थीम ‘इजी इन इनफारमेशन इकोनोमिक्स’थी। वह मैसाचुयेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी संस्थान में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर तथा अब्दुल लतीफ जमील पावर्टी एक्शन लैब के सह-संस्थापक भी हैं।