नयी दिल्ली, 12 मार्च। उच्चतम न्यायालय ने जमीन जायदाद का कारोबार करने वाली कंपनी यूनिटेक लि को आज अपनी देनदारी मुक्त संपत्तियों का विवरण देने का निर्देश दिया और कहा कि इन सम्पत्तियों को नीलाम किया जाएगा ताकि कंपनी के मकानों के ग्राहकों का फंसा पैसा लौटाया जा सके।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई. चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने इसके साथ ही जे. एम. फाइनेन्शियल रिकंशट्रक्शन कंपनी पर 25 लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया।
इस कंपनी ने एचडीएफसी बैंक द्वारा यूनिटेक लिमिटेड को दिये गये कर्ज में से कुछ कर्ज को खरीद लिया था।
पीठ ने कहा कि रिकंशट्रक्शन कंपनी की संपत्ति ने ऐसा आभास कराया था कि वह मकान खरीदारों को धन लौटाने के लिये पैसा देगी और अब सारी रकम दूसरे काम में लगा दी गयी है।
पीठ ने इस पर जुर्माना लगाते हुये कहा, ‘‘ हम इसे मुख्य मामले से एक अनावश्यक भटकाव के रूप मे देखते हैं।’’
पीठ ने रियल इस्टेट कंपनी को अपनी समस्त देनदारी मुक्त संपत्तियों का विवरण देने का निर्देश दिया और स्पष्ट किया कि परेशान मकान खरीदारों के सौदों के निबटारे के लिये इसकी नीलामी की जायेगी। कंपनी को संपत्तियों का विवरण आज से15 दिन के भीतर देना है।
इस कंपनी ने पांच मार्च को न्यायालय से कहा था कि मुंबई स्थित जे. एम. फाइनेन्शियल लि की उसकी निर्माणाधीन परियोजनाओं को वित्तीय सहायता देने में दिलचस्पी है।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल30 अक्तूबर को कहा था कि यूनिटेक लि के प्रबंध निदेशक संजय चन्द्रा को रजिस्ट्री में अपेक्षित धन जमा करने पर ही जमानत दी जायेगी। संजय चन्द्रा इस समय तिहाड़ जेल में बंद है।attacknews.in