बेंगलुरु, 12 नवंबर ।कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (एस) के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा 17 विधायकों के भाग्य का फैसला किया जाएगा।
अयोग्यता मामले की सुनवाई करने वाले जस्टिस रमण की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच बुधवार को अपना फैसला सुनाएगी।
गौरतलब है कि इस साल जुलाई में विधानसभा सीटें छोड़ने वाले कांग्रेस के 14 और जनता दल (एस) के तीन विधायकों ने कर्नाटक में भाजपा को सरकार बनाने का पक्का कर दिया था, उन्हें तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने कांग्रेस द्वारा पेश याचिका पर अयोग्य घोषित कर दिया था। एसएस के साथ-साथ जेडी (एस) पार्टियां भी।
अगर सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष के उस फैसले को रद्द कर दिया होता, तो जिन विधायकों ने अपनी सीट छोड़ दी थी, वे 5 दिसंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव में चुनाव लड़ सकते हैं, जिसके लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी थी ।
कर्नाटक अध्यक्ष द्वारा अयोग्य ठहराए गए लोगों में पूर्व मंत्री रमेश जाराकिहोली, एम टी बी नागराज, एच विश्वनाथ, आर शंकर, आनंद सिंह, भृथी बसवराज, गोपालिया, बी सी पाटिल, प्रतापगौड़ा पाटिल, महेश कुमतल्ली, हेब्बर और अन्य शामिल हैं ।
सूत्रों ने कहा, अगर सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर के फैसले को बरकरार रखा तो अयोग्य ठहराए जाने से विधानसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगने की संभावना है।
अयोग्य ठहराए गए विधायकों ने भी अलग से याचिका दायर कर भारत निर्वाचन आयोग को उपचुनाव कार्यक्रम स्थगित करने, उनके मामले का निस्तारण लंबित करने के निर्देश देने की मांग की थी ।