नयी दिल्ली, एक जून । उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के उस आदेश पर मंगलवार को रोक लगा दी, जिसमें व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिये लोगों द्वारा आयातित ऑक्सीजन सांद्रकों पर केंद्र के लगाए एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) को असंवैधानिक करार दिया गया था।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की विशेष पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी किया और उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता को जवाब देने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा, ‘‘हम दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा रहे हैं।’’
शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के 21 मई के आदेश के खिलाफ वित्त मंत्रालय (राजस्व विभाग) की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह रोक लगाई।
अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने बताया कि जीएसटी परिषद की बैठक आठ जून को होगी और इसमें ऑक्सीजन सांद्रकों समेत कोविड-19 से संबंधित आवश्यक वस्तुओं को छूट देने पर विचार किया जाएगा।
वेणुगोपाल ने कहा कि उच्च न्यायालय ने इस बात पर गौर नहीं किया कि ऑक्सीजन सांद्रकों के आयात पर राज्यों और अन्य सरकारी एजेंसियों को आईजीएसटी की छूट पहले ही दी जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के अनुसार, यदि आप उन पर कर लगाते हैं, तो यह अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘पहले आईजीएसटी 77 प्रतिशत था। हमने इसे कम करके 28 प्रतिशत किया गया है। इसके बाद इसे और कम करके 12 प्रतिशत लाया गया, लेकिन वे अब भी कह रहे हैं कि अनुच्छेद 21 का उल्लंघन हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि 28 मई को फैसला किया गया था कि मंत्रियों का समूह कोविड-19 संबंधी आवश्यक उत्पादों के आयात पर दी जाने वाली कर संबंधी छूट को लेकर आठ जून को अपनी रिपोर्ट पेश करेगा।
शीर्ष कानूनी अधिकारी ने कहा कि अदालत का आदेश नीति संबंधी मामलों में दखल देता है और कोई निर्णय लेने से पहले ही जीएसटी परिषद के हाथ बांध देता है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिये आयातित ऑक्सीजन सांद्रकों पर आईजीएसटी लगाए जाने को 21 मई को असंवैधानिक करार दिया था। अदालत ने इस संदर्भ में एक मई को जारी वित्त मंत्रालय की अधिसूचना खारिज कर दी थी।
अधिसूचना में कहा गया था कि व्यक्तिगत उपयोग के लिये आयातित ऑक्सीजन सांद्रकों पर 12 प्रतिशत आईजीएसटी लगेगा, फिर चाहे वह उपहार के रूप में या अन्य किसी तरीके से आए हों।
अदालत ने साथ में यह भी निर्देश दिया था कि ऐसे लोगों को लिखित में देना होगा कि उन्होंने ऑक्सीजन सांद्रकों का आयात वाणिज्यिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत उपयोग के लिये किया है।
इससे पहले, अदालत ने मामले में निर्देश दिया था कि 85 साल के व्यक्ति द्वारा आयातित ऑक्सीजन सांद्रक को सीमा शुल्क अधिकारी उसे जारी करें। यह निर्देश इस शर्त पर दिया गया था कि व्यक्ति उस पर देय आईजीएसटी के बराबर राशि अदालत में जमा करे।
बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा था कि उसके रिश्तेदार ने अमेरिका से उपहारस्वरूप उसके लिये ऑक्सीजन सांद्रक भेजा है ताकि उसका इलाज बेहतर हो सके।
याचिकाकर्ता ने व्यक्तिगत उपयोग के लिये आयातित ऑक्सीजन सांद्रक पर आईजीएसटी लगाये जाने को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि कोविड-19 महामारी के दौरान इस जरूरी उपकरण की देश में पहले से कमी है, ऐसी स्थिति में व्यक्तिगत उपयोग के लिये आयातित ऑक्सीजन सांद्रकों पर आईजीएसटी लगाना अनुचित है।