नईदिल्ली 3 जुलाई। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को व्यवस्था दी कि राज्य सरकारें कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त नहीं कर सकतीं।
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को व्यवस्था दी कि राज्य सरकारें कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त नहीं कर सकतीं।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा,न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने पुलिस सुधारों से संबंधित कई दिशानिर्देश जारी करते हुए यह व्यवस्था दी।
न्यायालय ने कहा कि निवर्तमान डीजीपी की सेवानिवृत्ति से तीन माह पहले राज्य सरकार, संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) से नये डीजीपी की नियुक्ति को लेकर सम्पर्क करेगी।
यूपीएससी डीजीपी पद के लिए राज्य सरकार के प्रस्तावित नामों में से तीन का चयन करेगा, जिनमें से एक का चयन राज्य सरकार करेगी।
न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकारें कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त नहीं कर सकती।
शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि डीजीपी पद के लिए प्रस्तवित अधिकारी की सेवानिवृत्ति की अवधि उनके दो साल के कार्यकाल के बीच आड़े नहीं आयेगी।
न्यायालय ने कहा कि नियुक्ति के बाद डीजीपी का कार्यकाल कम से कम दो साल होगा, भले ही उसकी सेवानिवृत्ति पहले ही क्यों न निर्धारित हो।attacknews.in