नई दिल्ली 27 अक्टूबर । मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल के ज्योतिर्लिंग पर जलाभिषेक से शिवलिंग में क्षरण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि अब एक श्रद्धालु आधा लीटर जल से ही अभिषेक कर सकेगा। एक श्रद्धालु सवा लीटर पंचामृत चढ़ा सकेगा। कोर्ट ने ज्योतिर्लिंग पर गुड़, शक्कर जैसी चीजों का लेप न लगाने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने आरती के बाद शिवलिंग को सूती कपड़े से ढकने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस आदेश पर किसी तरह की आपत्ति होने पर 15 दिनों के भीतर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट विशेषज्ञों की कमेटी की रिपोर्ट के बाद ये फैसला दिया गया।
महाकाल की पूजा के लिए सुबह पंचामृत से अभिषेक होता है। फिर जलाभिषेक और भस्म आरती होती है। रात तक चार बार अभिषेक होता है। श्रद्धालु दिनभर में कई बार पंचामृत चढ़ाते हैं। महाकाल का भांग से श्रृंगार होता है।
कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक पुजारियों के अलावा बाकी लोगों को गर्भ गृह में न जाने दिया जाए और ऐसा न कर पाने की स्थिति में लोगों की संख्या सीमित कर देना है। कमेटी ने पूरा दिन ज्योतिर्लिंग पर जल चढ़ाने से नुकसान की बात की है।
कमेटी ने जल चढ़ाने को सीमित करने की अनुशंसा की है। आरओ के पानी से जलाभिषेक करने के निर्देश दिये हैं। शिवलिंग पर गुड़, शक्कर जैसी चीजों का लेप न लगाने की अनुशंसा सुप्रीम कोर्ट से की है।