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चिदंबरम की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने बदला फैसला वही दिल्ली की अदालत में एयरसेल- मैक्सिस मामले में फैसला सुरक्षित attacknews.in

नई दिल्ली, 02 सितंबर । उच्चतम न्यायालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम मामले में अपना आदेश संशोधित करते हुए मंगलवार को फिर से सुनवाई करने का निर्णय लिया। उधर दिल्ली की एक अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम और उनके पुत्र कार्ति चिदम्बरम की अग्रिम जमानत पर फैसला पांच सितंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया।

शीर्ष अदालत ने पहले श्री चिदंबरम को जमानत के लिए निचली अदालत जाने को कहा था और उस पर आज ही फैसला लेने का अदालत को निर्देश भी दिया था।

न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने निचली अदालत को कहा था कि यदि चिदम्बरम की जमानत याचिका खारिज कर दी जाती है तो उन्हें तीन दिन और पुलिस हिरासत में रखा जाए।

इस फैसले के बाद सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष आदेश पर फिर से विचार करने का आग्रह किया।

श्री मेहता ने कहा कि सीबीआई हिरासत की मियाद कल खत्म हो जाएगी और ऐसे में निचली अदालत श्री चिदंबरम को रिमांड पर नहीं भेज पाएगी। उन्होंने संबंधित आदेश को अपलोड न करने का न्यायालय से आग्रह किया।

इसके बाद न्यायालय ने कल फिर से इसकी सुनवाई करने का निर्णय लिया। कल फिर अपराह्न दो बजे सुनवाई होगी। इससे पहले सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख तय की गई थी।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम को आज अंतरिम राहत देते हुए जमानत याचिका खारिज होने की स्थिति में उन्हें पुलिस हिरासत में ही तीन दिन और रखे जाने का आदेश दिया।


शीर्ष अदालत ने चिदंबरम को जमानत के लिए निचली अदालत जाने को कहा और उस पर आज ही फैसला लेने का अदालत को निर्देश भी दिया था ।


न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने निचली अदालत को कहा कि यदि चिदम्बरम की जमानत याचिका खारिज कर दी जाती है तो उन्हें तीन दिन और पुलिस हिरासत में रखा जाए।


चिदंबरम की सीबीआई हिरासत आज खत्म हो रही है।


चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने खंडपीठ से गुहार लगायी कि चिदंबरम को नजरबंदी में रखा जाए लेकिन तिहाड़ जेल न भेजा जाए। 


याचिका में सीबीआई की विशेष अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें चिदंबरम को सीबीआई हिरासत में भेजा गया था।


चिदंबरम के वकील ने कहा कि चिदंबरम को या तो तीन दिन के लिए अंतरिम जमानत दे दी जाए या हाउस अरेस्ट में रखा जाय। 


मामले की सुनवाई गुरुवार को रखी गई थी ।



एयरसेल-मैक्सिस मामले में अग्रिम जमानत का फैसला सुरक्षित रखा-


उधर दिल्ली की एक अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम और उनके पुत्र कार्ति चिदम्बरम की अग्रिम जमानत पर फैसला पांच सितंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया।


पूर्व केंद्रीय मंत्री और उनके पुत्र पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है।


केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की एक अदालत में एयरसेल-मैक्सिस घोटाले से संबंधित मामलों में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ किये जाने की मांग की और कहा कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।


जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया कि चिदंबरम ने संप्रग सरकार के दौरान अपने अधिकार क्षेत्र से आगे जाकर एयरसेल-मैक्सिस सौदे को मंजूरी प्रदान की जिससे कुछ लोगों को लाभ पहुंचा और रिश्वत ली गई।

चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति को गिरफ्तारी से संरक्षण का विरोध करते हुए एजेंसियों ने कहा कि वे जांच को प्रभावित करेंगे और एयरसेल-मैक्सिस घोटाले से संबंधित मामलों में उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ किये जाने की मांग की।

सीबीआई और ईडी ने पिता-पुत्र द्वारा दायर अग्रिम जमानत अर्जियों का भी विरोध करते हुए कहा कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

जांच एजेंसियों ने विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी को बताया कि चिदंबरम (73) और कार्ति ने गंभीर आर्थिक अपराध किये हैं और यह जनता और राष्ट्रहित के खिलाफ एक बड़ा षड्यंत्र है।

सीबीआई ने कहा कि पिता-पुत्र से सख्ती के साथ निपटे जाने की जरूरत है। एजेंसी ने कहा कि एयरसेल-मैक्सिस भ्रष्टाचार मामले की जांच अभी जारी है।

ईडी ने कहा कि चिदंबरम और उनके पुत्र धनशोधन और अन्य अपराधों के आरोपी हैं।

इस बात को मानने के कारण हैं कि चिदंबरम और कार्ति ने धनशोधन किया था जो उनकी गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त है।

अदालत ने 23 अगस्त को चिदंबरम और उनके पुत्र को गिरफ्तारी से मिले अंतरिम संरक्षण की अवधि तीन सितम्बर तक बढ़ा दी थी।

अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिकाओं से संबंधित सुनवाई पर स्थगन की मांग कर रही एजेंसियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि इस तरह से चीजें काफी अजीबो-गरीब हो गई हैं।

ये मामले 3500 करोड़ रुपये के एयरसेल- मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं से जुड़े हुए हैं। उस समय पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे।

गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि समय-समय पर बढ़ाई जाती रही है। संरक्षण की यह अवधि गत 23 अगस्त को समाप्त हुई थी।

चिदंबरम और कार्ति एयरसेल-मैक्सिस सौदे मामले के अलावा आईएनएक्स मीडिया मामले में भी जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में है।

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