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सुप्रीम कोर्ट के जजों की प्रेस कांफ्रेंस के विवाद में आया नया मोड़: संकट अभी भी बरकरार है Attack News

नयी दिल्ली, 16 जनवरी।अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने आज कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि उच्चतम न्यायालय में संकट अभी सुलझा नहीं है। वहीं, उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने उम्मीद जताई कि इस सप्ताह के अंत तक संकट सुलझ जाएगा।

वेणुगोपाल ने कल कहा था कि शीर्ष न्यायालय में सब कुछ सुलझ गया है। हालांकि आज उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि संकट अभी सुलझा नहीं है। उम्मीद करते हैं कि दो-तीन दिन के भीतर चीजें सुलझ जाएंगी।’’

उच्चतम न्यायालय में 12 जनवरी को तब संकट उत्पन्न हो गया था जब चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व में शीर्ष न्यायालय के कामकाज की खुले तौर पर आलोचना की थी।

संकट के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ वकील और उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष सिंह ने आज कहा कि इस संकट के सप्ताह के अंत तक सुलझ जाने की संभावना है।

मौजूदा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘इस सप्ताह के अंत तक संकट के सुलझने की उम्मीद है।’’

सिंह ने कहा कि जब उन्होंने रविवार को प्रधान न्यायाधीश को एससीबीए का प्रस्ताव सौंपा तो उन्हें ऐसा लगा कि संकट सुलझ जाएगा।

सिंह ने कहा कि सीजेआई ने उम्मीद जताई थी कि एक सप्ताह के भीतर स्थिति सामान्य हो जाएगी।

उन्होंने भी यह कहा कि अभी तक ऐसा लग रहा है कि सबकुछ सामान्य हो रहा है।

एससीबीए ने शनिवार को अपनी आपात बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर प्रधान न्यायाधीश से उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की बैठक बुलाने तथा सभी लंबित जनहित याचिकाओं को सुनवाई के लिए पांच वरिष्ठतम न्यायाधीशों को स्थानांतरित करने के लिए कहा, जो कॉलेजियम के सदस्य हैं।

चार न्यायाधीशों या सीजेआई से कोई मुलाकात या उनसे कोई बातचीत करने के बारे में पूछे जाने पर वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘ऐसा कुछ नहीं हुआ।’’

बहरहाल, उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले कुछ दिनों में संकट सुलझ जाएगा।

उच्चतम न्यायालय के शीर्ष चार न्यायाधीशों ने कल काम शुरू कर दिया। अटॉर्नी जनरल ने इस अभूतपूर्व संकट को ‘‘राई का पहाड़ बना देना’’ बताया।

चारों न्यायाधीशों ने उच्चतम न्यायालयों में मामलों के आवंटन समेत कुछ समस्याएं उठाई और उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो देश के शीर्ष न्यायालय को प्रभावित कर रहे हैं।

भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने रविवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल तथा उच्चतम न्यायालय की बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह से मुलाकात की थी तथा उन्हें आश्वासन दिया था कि संकट जल्द ही सुलझ जाएगा तथा फिर से सद्भावना कायम होगी।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने भी कहा-जल्द सुलझा लेंगे

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने आज कहा कि उच्चतम न्यायालय में ‘ निश्चित रूप से अब कोई संकट नहीं’ है और उच्चतम न्यायालय में शीघ्र ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।

गौरतलब है कि पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय के चार शीर्ष न्यायाधीश खुले तौर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ सामने आ गए थे।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने बताया कि सात सदस्यों वाले एक प्रतिनिधिमंडल ने कल न्यायमूर्ति रंजन गोगोई से मुलाकात की और उन्होंने उन्हें आश्वस्त किया है कि अब कोई सकंट नहीं है।attacknews.in

न्यायमूर्ति गोगोई उन चार न्यायाधीशों में से एक हैं जिन्होंने 12 जनवरी को एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के काम-काज के तरीके पर सवाल उठाया था ।

मीडिया में इस बारे में आ रही खबरों के बारे में जब मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने बताया, “ न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा है कि संकट खत्म हो गया है। उन्होंने कहा है कि अब कोई विवाद नहीं है।”

इस महीने 12 जनवरी को उच्चतम न्यायालय के चार शीर्ष न्यायाधीशों न्यामूर्ति जे चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर और कुरियन जोसेफ ने खुले तौर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई में उच्चतम न्यायालय के काम-काज पर सवाल उठाया था।attacknews.in

बीसीआई अध्यक्ष ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि किस आधार पर मीडिया का एक धड़ा यह कह रहा है कि यह संकट सुलझने से अभी कोसों दूर है। लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस मामले को अब और आगे खींचने की कोई जरूरत नहीं है।

मिश्रा का ध्यान जब अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल के बयान की तरफ दिलाया गया तो उन्होंने कहा, “ मुझे नहीं पता कि कैसे और क्यों अटॉर्नी जनरल इस तरह की बातें कह रहे हैं। सभी न्यायाधीश न्यायालय जा रहे हैं और उच्चतम न्यायालय में काम-काज सामान्य रूप से चल रहा है।

उन्होंने कहा, “ इसलिए अब सार्वजनिक मंच पर कुछ सामने नहीं आएगा और शीघ्र ही सभी मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे। निश्चित रूप से अब कोई संकट नहीं है।” उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ आवाज उठाने वाले चारों न्यायाधीशों ने कल से अपना काम-काज शुरू कर दिया है। वहीं अटॉर्नी जनरल ने इस अप्रत्याशित संकट को ‘चाय के कप में आया तूफान’ बताया था।attacknews.in

अटार्नी जनरल ने कहा-संकट अभी सुलझा नहीं

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने आज कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि उच्चतम न्यायालय में संकट अभी सुलझा नहीं है और उम्मीद जताई कि आने वाले कुछ दिनों में यह मामला ‘‘पूरी तरह सुलझ’’ जाएगा।

इससे एक दिन पहले उन्होंने कहा था कि शीर्ष न्यायालय में सब कुछ सुलझ गया है।

उच्चतम न्यायालय में 12 जनवरी को तब संकट उत्पन्न हो गया था जब चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व में शीर्ष न्यायालय के कामकाज की खुले तौर पर आलोचना की थी।attacknews.in

वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘हां, मुझे लगता है कि यह अभी सुलझा नहीं है। उम्मीद करते हैं कि दो-तीन दिन के भीतर चीजें पूरी तरह से सुलझ जाएंगी।’’

गतिरोध जारी रहने के बारे में पूछे जाने पर वेणुगोपाल ने इस बात पर सहमति जताई कि अभी गतिरोध चल रहा है।

चार न्यायाधीशों या सीजेआई से कोई मुलाकात या किसी तरह की बातचीत करने के बारे में पूछे जाने पर वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘ऐसा कुछ नहीं हुआ।’’

उन्होंने हालांकि उम्मीद जताई कि आने वाले कुछ दिनों में संकट सुलझ जाएगा।attacknews.in

उच्चतम न्यायालय के शीर्ष चार न्यायाधीशों ने कल काम शुरू कर दिया। अटॉर्नी जनरल ने इस अभूतपूर्व संकट को ‘‘राई का पहाड़ बना देना’’ बताया था।

चारों न्यायाधीशों ने उच्चतम न्यायालयों में मामलों के आवंटन समेत कुछ समस्याएं उठाई और उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो देश के शीर्ष न्यायालय को प्रभावित कर रहे हैं।

भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने रविवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल तथा उच्चतम न्यायालय की बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह से मुलाकात की थी तथा उन्हें आश्वासन दिया था कि संकट जल्द ही सुलझ जाएगा तथा फिर से सद्भावना कायम होगा।attacknews.in

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