नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर । उच्चतम न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम को मंगलवार को जमानत दे दी। यह मामला सीबीआई की ओर से दर्ज किया गया था।
न्यायमूर्ति आर भानुमति की अगुवाई वाली एक पीठ ने मामले में जमानत देने से इनकार करने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के 30 सितंबर के फैसले को रद्द करते हुए उन्हें यह राहत दी।
पीठ ने कहा कि अगर किसी अन्य मामले में चिदंबरम की जरूरत नहीं है तो उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए।
शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि चिदंबरम अदालत से इजाजत लिए बिना देश ने बाहर नहीं जा सकते साथ ही कहा कि जांच एजेंसी जब-जब पूछताछ के लिए बुलाएगी, उन्हें पेश होना होगा।
श्री चिदंबरम इसके बावजूद रिहा नहीं हो पाएँगे क्योंकि वे इस मीडिया समूह से संबंधित काले धन को सफेद बनाने (मनी लॉन्डरिंग) के एक अन्य मामले में 24 अक्टूबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में हैं।
न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को चिंदबरम को ज़मानत देने का फैसला सुनाया। उन्होंने कहा, “याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जा सकता है, बशर्ते वह किसी अन्य मामले में गिरफ्तार नहीं हो।”
पूर्व वित्त मंत्री ने दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत याचिका खारिज होने के बाद शीर्ष न्यायालय में अपील की थी। उच्चतम न्यायालय के इस फैसले के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला निष्प्रभावी हो जाएगा।
श्री चिदंबरम फिलहाल इसी मामले में ईडी की हिरासत में हैं। शीर्ष न्यायालय का यह निर्णय सीबीआई के मामले से जुड़ा है और इसका ईडी के मामले पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
श्री चिदंबरम को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गयी है। न्यायालय ने पूर्व वित्त मंत्री को निर्देश दिया कि जांच एजेंसी उन्हें जब भी पूछताछ के लिए बुलायेगी, उन्हें उपस्थित होना होगा। इसके अलावा वह देश से बाहर भी नहीं जा सकेंगे।
गौरतलब है कि सीबीआई ने श्री चिदंबरम को 21 अगस्त की रात उनके घर से गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने मीडिया कंपनी आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी।
आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये के विदेशी फंड लेने के लिए 2007 में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी देने में कई तरह की अनियमितताएं बरती गयीं। कंपनी को जब यह मंजूरी दी गई थी, उस समय पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे।