नयी दिल्ली, 11 दिसंबर । उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त किए जाने से संबंधित मामले में बुधवार को सवाल किया कि जम्मू कश्मीर संविधान सभा के पुनर्गठन के लिए सक्षम प्राधिकार कौन हो सकता है।
अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त किए जाने के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रही शीर्ष अदालत ने यह बिन्दु भी उठाया कि यदि निर्णय लोगों पर है तो क्या यह जनमत संग्रह, सहमति या विमर्श का मामला होगा।
याचिकाकर्ताओं ने संविधान के प्रावधान का हवाला दिया और कहा कि लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करने वाली संविधान सभा को ही जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे में किसी बदलाव के लिए राष्ट्रपति को सिफारिश करने का अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को होगी लगातार सुनवाई
उच्चतम न्यायालय चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को लगातार सुनवाई करेगा।
न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने बुधवार को भी मामले की सुनवाई की। पीठ ने कहा, “ हम गुरुवार को इस मामले की लगातार सुनवाई करेंगे।”