नयी दिल्ली, 04 नवम्बर । उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों को अयोग्य करार देने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश दिए जाने की याचिका का बुधवार को निपटारा कर दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने, हालांकि इस पर गहरी नाराजगी जतायी।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रमासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने जबलपुर के कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना की याचिका की सुनवाई यह कहते हुए बंद कर दी कि मध्य प्रदेश में विधायकों की अयोेग्यता का मामला अब निष्प्रभावी हो गयी है, क्योंकि उपचुनाव भी हो चुके हैं और नतीजे भी आने वाले हैं। ये सभी विधायक इस साल मार्च में इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे।
श्री सिब्बल ने इस पर नाराजगी जाहिर की तथा कहा कि अदालत द्वारा अयोग्यता के मामलों को प्राथमिकता के साथ उठाए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों तमिलनाडु, गोवा, कर्नाटक आदि में भी इस तरह के मामलों का यही हश्र हुआ क्योंकि वे शीर्ष अदालत में लंबे समय तक लंबित रहे।