नई दिल्ली, तीन अक्टूबर । प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बुधवार को कहा कि मामलों के अविलंब उल्लेख और सुनवाई के लिये ‘मानदंड’ तय किये जाएंगे।
न्यायमूर्ति गोगोई ने भारत के 46 वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में आज शपथ ली। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक कुछ मानदंड तय नहीं कर लिये जाते, तब तक मामलों के अविलंब उल्लेख की अनुमति नहीं दी जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम मानदंड तय करेंगे, उसके बाद देखेंगे कि कैसे मामलों का उल्लेख किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी को कल फांसी दी जा रही हो तब हम (अत्यावश्यकता को) समझ सकते हैं।’’
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 63 वर्षीय न्यायमूर्ति गोगोई को राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में एक संक्षिप्त समारोह में शपथ दिलाई। वह न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की जगह देश के प्रधान न्यायाधीश बने हैं।
भारत के प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति गोगोई का कार्यकाल तकरीबन 13 महीने का होगा और वह 17 नवंबर 2019 को सेवानिवृत्त होंगे।attacknews.in