Home / क़ानून / महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत attacknews.in

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 जुलाई । उच्चतम न्यायालय ने सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में मराठा समुदाय को आरक्षण देने संबंधी महाराष्ट्र के कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई के अनुरोध पर विचार करने पर सोमवार को सहमति जताई।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने एक वकील के इस कथन पर गौर किया कि जिन याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होना था, वे न्यायालय की कार्यसूची में नहीं है। 

पीठ ने इस मामले को सुनवाई के लिये शीघ्र सूचीबद्ध करने का अनुरोध कर रहे वकील से कहा, “आप मेमो दीजिए। हम इस पर गौर करेंगे।” 

शीर्ष अदालत में मराठा आरक्षण को सही ठहराने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ जे लक्ष्मण राव पाटिल और वकील संजीत शुक्ला की याचिका लंबित है। इन याचिकाओं में बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें आरक्षण की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा गया।

उच्च न्यायालय ने अपने 27 जून के फैसले में कहा था कि कुल आरक्षणों पर उच्चतम न्यायालय की ओर से लगाई गई 50 प्रतिशत की सीमा को अपवाद की परिस्थितियों में पार किया जा सकता है। 

“यूथ फॉर इक्वेलिटी” के प्रतिनिधि शुक्ला ने अपनी याचिका में कहा कि सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) कानून, 2018 शीर्ष अदालत द्वारा इंदिरा साहनी मामले में दिए गए ऐतिहासिक फैसले में आरक्षण पर लगाई गई 50 प्रतिशत सीमा का उल्लंघन है। इस फैसले को “मंडल आदेश” भी कहा जाता है। 

महाराष्ट्र विधान मंडल ने मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं मे 16 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान करने संबंधी एक विधेयक 30 नवंबर, 2018 को पारित किया था। 

इससे पहले, शीर्ष अदालत मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देने संबंधी कानून की संवैधानिक वैधता पर विचार के लिये तैयार हो गया था लेकिन उसने कुछ संशोधनों के साथ इस कानून को सही ठहराने के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। 

उच्च न्यायालय ने कहा था कि 16 प्रतिशत आरक्षण न्यायोचित नहीं है लेकिन उसने अपनी व्यवस्था में कहा था कि नौकरी के मामले में आरक्षण की सीमा 12 फीसदी तथा शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिये 13 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए।

उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार की इस दलील को भी स्वीकार कर लिया था कि मराठा समुदाय सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा है तथा उनकी प्रगति के लिये कदम उठाना सरकार का कर्तव्य है। attacknews.in

About Administrator Attack News

Dr.Sushil Sharma Admin/Editor

Check Also

न्यायमूर्ति नागरत्ना सितंबर 2027 में होगी भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई), आज बनी सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस,नौ नए न्यायाधीश नियुक्त attacknews.in

न्यायमूर्ति नागरत्ना सितंबर 2027 में होगी भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई), आज बनी सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस,नौ नए न्यायाधीश नियुक्त

सुप्रीम कोर्ट का आईटी अधिनियम की रद्द धारा 66ए में मुकदमे दर्ज करने पर राज्यों को नोटिस,इस धारा में भड़काऊ सामग्री ऑनलाइन पोस्ट करने पर जेल और जुर्माने का प्रावधान attacknews.in

सुप्रीम कोर्ट का आईटी अधिनियम की रद्द धारा 66ए में मुकदमे दर्ज करने पर राज्यों को नोटिस,इस धारा में भड़काऊ सामग्री ऑनलाइन पोस्ट करने पर जेल और जुर्माने का प्रावधान

लालू प्रसाद यादव की बढ़ी मुश्किलें;शुरू हुई चारा घोटाले के सबसे बड़े केस में रोजाना सुनवाई,डोरंडा कोषागार से करोडों रुपये की अवैध निकासी मामले में लालू समेत 110 आरोपियों पर लटकी तलवार attacknews.in

लालू प्रसाद यादव की बढ़ी मुश्किलें;शुरू हुई चारा घोटाले के सबसे बड़े केस में रोजाना सुनवाई,डोरंडा कोषागार से करोडों रुपये की अवैध निकासी मामले में लालू समेत 110 आरोपियों पर लटकी तलवार

महाभारत का प्रसंग याद दिलाते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगायी रोक, सरकार को सीधा प्रसारण के दिये निर्देश;सरकार यात्रा को दे चुकी थी मंजूरी attacknews.in

महाभारत का प्रसंग याद दिलाते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगायी रोक, सरकार को सीधा प्रसारण के दिये निर्देश;सरकार यात्रा को दे चुकी थी मंजूरी

दिल्ली हाईकोर्ट की अवकाश पीठ ने डिजिटल मीडिया के लिए तय किये गए नए आईटी नियमों पर रोक लगाने से किया इनकार,7 जुलाई को सुनवाई attacknews.in

दिल्ली हाईकोर्ट की अवकाश पीठ ने डिजिटल मीडिया के लिए तय किये गए नए आईटी नियमों पर रोक लगाने से किया इनकार,7 जुलाई को सुनवाई