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‘स्टैंडअप कॉमेडियन’ मुन्नवर फारूकी की इंदौर उच्च न्यायालय में दायर जमानत याचिका पर सुनवाई आगे बढ़ी,जिला कोर्ट ने दो बार खारिज की थी जमानत याचिका attacknews.in

इंदौर, 16 जनवरी । मध्यप्रदेश की इंदौर पुलिस के द्वारा धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में गिरफ्तार किए गए ‘स्टैंडअप कॉमेडियन’ मुन्नवर फारूकी की यहाँ उच्च न्यायालय में दायर जमानत याचिका पर सुनवाई आगे बढ़ गई हैं।

अतिरिक्त महाधिवक्ता के अनुसार मुन्नवर फारूकी की ओर से उनके अधिवक्ता ने जमानती आवेदन दायर किया हैं, जिस पर एकलपीठ के न्यायाधीश रोहित आर्य ने शुक्रवार को सुनवाई की। इस दौरान पुलिस के द्वारा प्रकरण के संबंध में केस डायरी प्रस्तुत नहीं की जा सकी, लिहाजा अदालत ने मामले की सुनवाई अगले सप्ताह पर मुल्तवी कर दी हैं।

जिला कोर्ट में हिंदू देवी-देवताओं के अपमान के आरोपी कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को जमानत नहीं मिली थी, कोर्ट ने दूसरी बार खारिज की थी याचिका

जिला अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने फारुकी और यादव समेत मामले के पांच आरोपियों की जमानत अर्जियां दो जनवरी को खारिज कर दी थीं।

हास्य कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में गुजरात के स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी और एक अन्य आरोपी को जमानत देने से इंदौर की सत्र न्यायालय ने इनकार कर दिया था । दोनों आरोपियों को भाजपा की एक स्थानीय विधायक के बेटे की शिकायत पर एक जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश यतींद्र कुमार गुरु ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गुजरात के जूनागढ़ से ताल्लुक रखने वाले फारुकी और हास्य कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े इंदौर निवासी नलिन यादव की जमानत अर्जियां खारिज कर दीं थी। फारुकी और यादव के वकील अंशुमन श्रीवास्तव ने अदालत में बहस के दौरान कहा कि प्राथमिकी में उनके दोनों मुवक्किलों के खिलाफ लगाए गए आरोप अस्पष्ट हैं और यह मामला राजनीतिक दबाव में दर्ज कराया गया है।

श्रीवास्तव ने अपनी दलील में कहा था कि उनके दोनों मुवक्किल कलाकार हैं और उन्होंने शहर में नववर्ष पर आयोजित हास्य कार्यक्रम में ऐसी कोई भी टिप्पणी नहीं की गई थी जिससे किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाएं आहत होती हों।

उधर, अभियोजन के वकील विमल मिश्रा ने फारुकी और यादव की जमानत अर्जियों पर अदालत में जोरदार आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण काल में दोनों आरोपी शहर के 56 दुकान क्षेत्र के एक कैफे में आयोजित जिस हास्य कार्यक्रम में शामिल हुए, उसके लिए प्रशासन की अनुमति नहीं ली गई थी।

अभियोजन के वकील ने प्राथमिकी के इस आरोप पर खास जोर दिया कि इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं का भद्दा मजाक उड़ाया गया था और यह कार्यक्रम अश्लीलता से भरा था, जबकि इसके दर्शकों में नाबालिग लड़के-लड़कियां भी शामिल थे। इससे पहले, जिला अदालत के एक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने फारुकी और यादव समेत मामले के पांच आरोपियों की जमानत अर्जियां दो जनवरी को खारिज कर दी थीं।

स्थानीय भाजपा विधायक के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने फारुकी और हास्य कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े चार अन्य लोगों के खिलाफ तुकोगंज पुलिस थाने में एक जनवरी की रात मामला दर्ज कराया था। विधायक पुत्र का आरोप है कि इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड को लेकर अभद्र टिप्पणियां की गई थीं।

चश्मदीदों के मुताबिक एकलव्य अपने साथियों के साथ बतौर दर्शक इस कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्होंने कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के विरोध में जमकर हंगामा किया और कार्यक्रम रुकवाने के बाद फारुकी समेत पांच लोगों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विवादास्पद कार्यक्रम को लेकर पांचों लोगों को भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य), धारा 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जान-बूझकर कहे गए शब्द) और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था। बाद में इस कार्यक्रम के आयोजन में शामिल होने के आरोप में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था।

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