कोलंबो 21 अप्रैल । श्रीलंका में सीरियल बम धमाकों ने तबाही से पूरी दुनिया हिल गई है। तीन चर्च सहित 6 जगह हुए बम धमाकों में 156 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो गई । दो चर्चों के अंदर आत्मघाती बम धमाका होना बताया जा रहा है।गौरतलब है कि ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार, गुड फ्राइडे के तीसरे दिन ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए थे, जिसे ईसाई धर्म के लोग ईस्टर संडे के नाम से मनाते हैं।
इंटेलीजेंस अलर्ट में नेशनल तौहीत जमात (एनटीजे) नामक संगठन श्रीलंका के कुछ अहम गिरजाघरों को निशाना बनाने की फिराक में होना बताया गया हैं। इस एनटीजे का नाम श्रीलंका के धमाके में सामने आया है, वह कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन बताया जा रहा है। पिछले साल भी यह संगठन सुर्खियों में आया था जब वहां कुछ बौद्ध धर्मस्थलों पर हमला किया गया था। इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है।
मीडिया की खबरों के अनुसार, कोलंबो में एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया है कि उन्हें ये शक है कि दो चर्चों के अंदर सुसाइड बॉम्बरों ने हमले को अंजाम दिया है्। इस संबंध में और जानकारी जुटाने में जुटी है पुलिस।
यह हमला श्रीलंका की राजधानी कोलंबो सहित तीन शहरों में किए गए हैं। रविवार सुबह ईस्टर पर्व के मौके पर जब ईसाई समुदाय के लोग चर्चों में प्रार्थना करने पहुंचे थे। जिस समय यह धमाके हुए उस समय ईसाई समुदाय चर्च के अंदर ही थे।
अभी तक किसी आतंकी संगठन या व्यक्ति की तरफ से इस कृत्य की जिम्मेदारी नहीं ली गई है। न ही अब तक श्रीलंका की तरफ से यह बताया गया है कि क्या यह कोई आतंकी हमला है।
श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में रविवार को सुबह पाैने नौ बजे छह स्थानों पर बम बलास्ट हुए हैं। धमाका तीन चर्च और तीन पांच सितारा होटल में हुआ है। यह अटैक श्रीलंका की राजधानी कोलंबो समेत तीन शहरों में हुए है। अब तक 156 लोगों के मरने की खबर है। मरने वालों में 35 विदेशी हैं। श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने इस घटना पर शोक जताते हुए कहा कि आराेपी को पकड़ने की कार्रवाई आगे चल रही है।श्रीलंका की जनता अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। इसके बाद कोलंबो शहर को सेना के हवाले कर दिया गया है।
श्रीलंका की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई है। इसमें प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे भी भाग लेंगे। श्रीलंका के इकोनॉमिक रिफॉर्म्स एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन मिनिस्टर हर्षा डिसिल्वा ने कहा कि भयानक दृश्य, आपातकालीन दल पूरी ताकत से सभी स्थानों पर हैं। हम कई घायलों को अस्पताल ले गए।
समाचार पत्र द डेली मिरर के मुताबिक, विस्फोट कोच्चिकाडे के कोटाहेना स्थित सेंट एंथनी चर्च में, काटना के कटुवापिटिया स्थित सेंट सेबेस्टियन चर्च में और तीसरा बटीकालोआ के जियॉन चर्च में हुआ है। अन्य तीन विस्फोट कोलंबो के फाइव-स्टार होटलों शंगरी-ला, सिनैमन ग्रैंड और किंग्सबरी में हुए हैं। बटीकालोआ टीचिंग हॉस्पिटल के मुताबिक, 156 मारे गए हैं और चार सौ लोग घायल हैं।
कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल के सूत्रों ने बताया कि 300 से अधिक घायलों को भर्ती कराया गया है।
उन्होंने लोगों से शांत रहने और घरों के अंदर रहने की अपील की।
श्रीलंका में तीन गिरजाघरों और तीन होटलों में करीब एक साथ हुए छह विस्फोटों में कम से कम 156 लोगों की मौत हो गई और 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
श्रीलंका के इतिहास में यह सबसे भयानक हमलों में से एक है।
पुलिस प्रवक्ता रूवन गुनासेखरा ने बताया कि यह विस्फोट स्थानीय समयानुसार आठ बजकर 45 मिनट पर ईस्टर प्रार्थना सभा के दौरान कोलंबो के सेंट एंथनी चर्च, पश्चिमी तटीय शहर नेगेम्बो के सेंट सेबेस्टियन चर्च और बट्टिकलोवा के एक चर्च में हुए।
वहीं तीन अन्य विस्फोट पांच सितारा होटलों – शंगरीला, द सिनामोन ग्रांड और द किंग्सबरी में हुए। होटल में हुए विस्फोट में घायल विदेशी और स्थानीय लोगों को कोलंबो जनरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि अब तक इन धमाकों में 156 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।
उन्होंने बताया कि कोलंबो में 45, नेगेम्बो में 68 और बट्टिकलोवा में 27 लोगों की मौत हो गई।
अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि कोलंबो के नेशनल हॉस्पिटल में 45 शवों में से नौ शव विदेशी नागरिकों के हैं।
कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल के प्रवक्ता डॉक्टर समिंदि समराकून ने बताया कि 300 से ज्यादा घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वहीं बट्टिकलोवा अस्पताल के प्रवक्ता डॉक्टर कलानिधि गणेशालिंघम ने बताया कि सेंट माइकल चर्च के 100 से ज्यादा घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है। श्रीलंका में पूर्व में लिट्टे (एलटीटीई) ने कई हमले किए हैं। हालांकि 2009 में लिट्टे का खात्मा हो गया लेकिन कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन एनटीजे सक्रिय हैं ।
राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
सिरिसेना ने कहा, ‘‘ मैं इस अप्रत्याशित घटना से सदमे में हूं। सुरक्षाबलों को सभी जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।’’
प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इसे ‘कायराना हमला’ बताते हुए कहा कि उनकी सरकार स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए काम कर रही है।
उन्होंने ट्वीट किया,‘‘ मैं श्रीलंका के नागरिकों से दुख की इस घड़ी में एकजुट और मजबूत बने रहने की अपील करता हूं। सरकार स्थिति को काबू में करने के लिए तत्काल कदम उठा रही है।’’
एक मंत्री ने बताया कि श्रीलंका की सरकार ने आपात बैठक बुलाई है। सभी आपातकालीन कदम उठाए गए हैं और जल्द ही आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा।
श्रीलंका के आर्थिक सुधार एवं लोक वितरण मंत्री हर्ष डि सिल्वा ने कहा, ‘‘ बेहद भयावह दृश्य, मैंने लोगों के शरीर के अंगों को इधर-उधर बिखरा देखा। आपातकालीन बल सभी जगह तैनात हैं।’’
कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त ने ट्वीट किया, ‘‘ विस्फोट आज कोलंबो और बट्टिकलोवा में हुए। हम स्थिति लगातार नजर रख रहे हैं। भारतीय नागरिक किसी भी तरह की सहायता, मदद और स्पष्टीकरण के लिए इन नंबरों पर फोन कर सकते हैं- +94777903082, +94112422788, +94112422789 ।’’
सिलसिलेवार धमाकों के बाद शहर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है।
श्रीलंका के वित्त मंत्री मंगला समरवीरा ने ट्वीट किया, “चर्चों और होटलों में ईस्टर संडे बम धमाकों में निर्दोष लोग मारे गए हैं और ऐसा लगता है कि हत्या, अफरा तफरी और अराजकता फैलाने के लिए इसे बहुत व्यवस्थित तरीके से अंजाम दिया गया है।”
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति और विपक्षी नेता महिंदा राजपक्षे ने धमाकों की निंदा करते हुए इसे अमानवीय करार दिया है।
गौरतलब है कि ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार, गुड फ्राइडे के तीसरे दिन ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए थे, जिसे ईसाई धर्म के लोग ईस्टर संडे के नाम से मनाते हैं।
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