कोलंबो, छह अगस्त । श्रीलंका में संसदीय चुनाव की मतगणना बृहस्पतिवार को शुरू हो गई, जिसमें राजपक्षे परिवार द्वारा संचालित श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) को अपनी जीत का भरोसा है।
इससे पहले यह चुनाव दो बार स्थगित हो चुके हैं।
राष्ट्रीय चुनाव आयोग के अध्यक्ष महिंदा देशप्रिय ने बताया कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच हुए चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए, जिसमें 70 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है।
देशप्रिय ने कहा कि 1.62 करोड़ मतदाताओं में से करीब 71 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
देश में 64 मतगणना केन्द्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना जारी है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक धर्मसेना ने कहा, ‘‘हमने 64 मतगणना केन्द्रों में 3,328 कर्मी तैनात किए हैं।’’
मतदान के बुधवार शाम पांच बजे सम्पन्न होने के बाद मतपेटियों को मतगणना केन्द्र भेज दिया गया था। राजनीतिक पार्टी के प्रतिनिधियों को मतगणना केन्द्रों पर रात भर निगरानी रखने की अनुमति दी गई, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके साथ कोई छेड़छाड़ ना हो पाए।
एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट के अनुसार मतगणना शुरू होने के साथ ही एसएलपीपी के संस्थापक एवं राष्ट्रीय संगठक बासिल राजपक्षे ने कहा कि उनकी पार्टी नयी सरकार के गठन के लिए तैयार है।
बासिल, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री पद के दावेदार महिंदा राजपक्षे के भाई हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें पूरा विश्वास है कि एसएलपीपी ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगी। हम चुनाव में दो-तिहाई बहुमत की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन इसका फैसला तो लोग ही करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि राष्ट्रपति गोटबाया और प्रधानमंत्री महिंदा के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था बेहतर होगी।
चुनाव आयोग के अध्यक्ष देशप्रिय ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि शुरुआती नतीजे दोपहर साढ़े तीन बजे तक आ जाएंगे।’’
उन्होंने बुधवार को कहा था कि मतगणना कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के तहत ही की जा रही है।
महिंदा राजपक्षे ने मतदान के बाद संवाददाताओं से कहा था, ‘‘हमें दो-तिहाई बहुमत से जीत की उम्मीद है।’’
उन्होंने कहा कि उनके छोटे भाई को पिछले साल दिसंबर में 69 लाख मतदाताओं ने समर्थन देकर राष्ट्रपति बनाया था और उन्हें इसी तरह का समर्थन इस बार मिलने की उम्मीद है।
महामारी की वजह से दो बार इस चुनाव को टालना पड़ा था। संसद के 225 सदस्यों के पांच साल तक निर्वाचन के लिए चुनाव हो रहे हैं।
यहां 1.6 करोड़ से अधिक लोगों को 225 सांसदों में से 196 के निर्वाचन के लिए मतदान करने का अधिकार है। वहीं 29 अन्य सांसदों का चयन प्रत्येक पार्टी द्वारा हासिल किए गए मतों के अनुसार बनने वाली राष्ट्रीय सूची से होगा।
पहले यह चुनाव 25 अप्रैल को होने वाले थे लेकिन कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इसकी तारीख बढ़ाकर 20 जून की गई।
इसके बाद स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तारीख आगे बढ़ाकर पांच अगस्त कर दी गई।
करीब 20 राजनीतिक दलों और 34 स्वतंत्र समूहों के 7,200 से ज्यादा उम्मीदवार 22 चुनावी जिलों से मैदान में हैं।