नयी दिल्ली, 14 मार्च। घने जंगलों में तैनात वनकर्मियों और दुर्गम इलाकों में राहत एवं बचाव दल के सदस्यों के काम को आसान बनाने में भी सौर ऊर्जा तकनीक को मददगार बनाया गया है।
इसके तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग( डीएसटी) द्वारा विकसित अपनी तरह की अनूठी सोलर जैकेट दुर्गम इलाकों में न सिर्फ रोशनी की सहूलियत देगी बल्कि मोबाइल फोन चार्ज करने और कर्मचारियों को जीपीएस की मदद से नियंत्रण कक्ष से भी संपर्क रखने में मदद करेगी।
विज्ञान एवं तकनीक मंत्री डा. हर्षवर्धन ने सौर ऊर्जा आधारित उपकरणों को आज प्रयोग के लिये हरी झंडी दिखाते हुये यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि त्रिपुरा सरकार की सौर ऊर्जा समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर एस पी गॉन चौधरी की अगुवाई में डीएसटी के वैज्ञानिकों ने इन अनूठे उपकरणों की खोज के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुये सोलर जैकेट विकसित की है।
जैकेट में पीछे की तरफ लगी माइक्रो सोलर प्लेट और बैटरी की मदद से आगे की ओर दोनों जेब पर लगी लाइट से फौजियों या वनकर्मियों की अंधेरे में राह रौशन हो सकेगी। इसके अलावा बैटरी के जरिये मोबाइल फोन भी चार्ज किया जा सकेगा।
प्रो. चौधरी ने बताया कि जैकिट को जीपीएस के जरिये नियंत्रण केन्द्र से भी जोड़ने की सुविधा दी गयी है जिससे वन विभाग या सैन्य बल की संबद्ध इकाई को जैकेट पहनने वाले की वास्तविक लोकेशन का पता चलता रहेगा। उन्होंने बताया कि ठंडे एवं अति दुर्गम इलाकों में भी इस्तेमाल की जा सकने वाली इस जैकेट की कीमत लगभग4000 रुपये है।
इसके अलावा विभाग ने ग्रामीण एवं दूरदराज के इलाकों में स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिये सौर ऊर्जा आधारित पहला वाटर प्यूरीफायर बनाया है। प्रो. चौधरी ने बताया कि300 से400 लीटर पानी प्रतिदिन साफ करने की क्षमता वाले यूवी तकनीक आधारित इस वाटर प्यूरीफायर की कीमत लगभग40 हजार रुपये तय की गयी है। इसे ग्रामीण इलाकों में स्कूल, पंचायत, स्वास्थ्य केन्द्र आदि सार्वजनिक स्थलों पर प्रयोग में लाया जा सकेगा। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पूर्वोत्तर राज्यों में500 प्यूरीफायर लगाए गए हैं।
इसी तर्ज पर विभाग ने सोलर एटीएम और सोलर बल्ब भी विकसित किये हैं। डा. हर्षवर्धन ने बताया कि दूरदराज के इलाकों में ये एटीएम लगाने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ बात चल रही है। अगले तीन महीनों में ये एटीएम काम करने लगेंगे।
परियोजना के तहत सोलर बल्ब भी विकसित किये गये है। डा. हर्षवर्धन ने बताया कि प्रयोग के तौर पर दिल्ली की लाल बाग बस्ती में30 घरों में सूर्य ज्योति बल्बों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब नीति आयोग नेशहरी क्षेत्रों की गरीब बस्तियों में 10 लाख बल्बका इस्तेमाल सुनिश्चित करने का सुझाव दिया है। संबद्ध विभागों के सहयोग से इस पहल को कारगर बनाया जायेगा।attacknews.in