उज्जैन 14 फरवरी। पृथ्वी लोक के अधिपति राजा भगवान महाकाल ने महाशिवरात्रि के दूसरे दिन सवा मन का पुष्प मुकुट धारण कर भक्तों को दिव्यरूप में दर्शन दिये। महाशिवरात्रि के दूसरे दिन दोपहर में भस्मार्ती की गई।
महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान शिव के लगातार 44 घण्टे दर्शनार्थियों ने दर्शन किये। महाशिवरात्रि पर गर्भगृह के पट लगातार खुले रहे। भगवान भोलेनाथ का सवा मन का पुष्प मुकुट पूर्वान्ह्ः 11.30 बजे के लगभग उतारा गया। इसके बाद भगवान महाकाल की वर्ष में एक बार दोपहर में होने वाली भस्मार्ती की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। attacknews.in
दर्शनार्थियों ने ध्यानमग्न होकर भगवान भोलेनाथ की भस्मार्ती का दर्शन लाभ लिया।
महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान महाकाल सतत 44 घण्टे अपने भक्तों को दर्शन देते है। महाशिवरात्रि पर्व के पहले 5 फरवरी से ही महाकाल मंदिर में प्रतिदिन भगवान महाकाल ने अलग-अलग रूपों में दर्शन दिये।
भगवान महाकाल कभी प्राकृतिक रूप में तो कभी राजसी रूप में आभूषण धारण कर तो कभी भांग, चंदन, सूखे मेवे से तो कभी फल, पुष्प से श्रृंगारित हुए।
विश्व में अकेले भगवान महाकाल हैं जिनके इतने रूपों में दर्शन होते है। attacknews.in
जिला कलेक्टर एवं मंदिर प्रबंघ समिति के अध्यक्ष संकेत भोंडवे ने शहर की जनता के साथ-साथ बाहर से आये सभी श्रद्धालुओं का आभार माना है।
भोग आरती के बाद समापन
महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन 14 फरवरी को दोपहर में भस्मार्ती हुई। इसके बाद भगवान महाकाल को भोग आरती के साथ ब्राह्मणों को पारणा (भोजन) कराया गया। इसके साथ ही महाशिवरात्रि पर्व का समापन हुआ।
चंद्रदर्शन की द्वितीया पर होंगे पंचमुखारविन्द के दर्शन
महाशिवरात्रि पर्व के दो दिन पश्चात 17 फरवरी शनिवार फाल्गुन शुक्लपक्ष द्वितीया को महाकाल मंदिर में वर्ष में एक बार भगवान महाकाल पंचमुखारविन्द में दर्शन देंगे।
महाशिवरात्रि के दूसरे दिन भी दर्शनार्थियों का तांता लगा
देशभर में 14 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया गया परन्तु उज्जैन में यह पर्व 13 तारीख को ही मनाया गया था। दो दिन महाशिवरात्रि पर्व होने के चलते बुधवार 14 फरवरी को भी बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने महाशिवरात्रि पर्व मनाते हुए महाकाल मंदिर में भगवान महाकाल के दर्शन किये।attacknews.in