शिवपुरी, 16 अगस्त । मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के सुल्तानगढ़ जलप्रपात क्षेत्र में बाढ़ के पानी में फसे लगभग चालीस पर्यटकों को देर रात में सुरक्षित बचाने वाले तीन बहादुर स्थानीय युवकों को लोग देवदूत के रूप में देखकर उनके अदम्य साहस की प्रशंसा करते हुए उन्हें दुआएं दे रहे हैं।
सुभाषपुरा थाना क्षेत्र में स्थित सुल्तानगढ़ जलप्रपात क्षेत्र में कल दिन में लगभग 45 पर्यटक बाढ़ के पानी में चट्टान पर फस गए थे। तत्काल शुरू किए गए राहत एवं बचाव कार्य के तहत लगभग छह नागरिकों को हेलीकॉप्टर की मदद से बचा लिया गया, लेकिन दिन डूबने के कारण अंधकार छा गया और हेलीकॉप्टर उड़ान भरने की स्थिति में नहीं था। इस विकट स्थिति में बाढ़ में फसे पर्यटकों के परिजन और बचाव कार्य में जुटे लोगों की चिंता और बढ़ गयी।
इन स्थितियों में बलराम बाथम, रामसेवक प्रजापति और निषाद खान नाम के तीन बहादुर युवक एवं स्थानीय तैराक पहुंचे और उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष मदद करने की पेशकश रखी। उन्होंने कहा कि रस्सियां आदि उपलब्ध करा दें और वे पानी में उतरकर पर्यटकों को बचाने का प्रयास करेंगे। प्रशासन की हां भरने पर तीनों युवक तत्काल रस्सियों की मदद से अंधेरे में तेज उफनती बरसाती नदी में उतरे और फसे हुए सैलानियों तक पहुंचे। इसके बाद तीनों ने एक एक करके रस्सियों की मदद से पर्यटकों को सुरक्षित किनारे पहुंचाया।
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान रात्रि में लगभग दो बजे तक चला। इस बीच बाढ़ में फसे सभी 45 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। इनमें से लगभग छह को हेलीकॉप्टर की मदद से और शेष को तीन युवकों की मदद से बचाया गया, जो अपनी जान जाेखिम में डालकर पानी में कूदे थे। ये युवक जलप्रपात और आसपास की भौगोलिक स्थिति से अच्छी तरह से वाकिफ हैं और वे बेहतर तैराक भी हैं। अब प्रशासन उन्हें हरसंभव मदद मुहैया कराने के लिए भी प्रयास कर रहा है। वहीं सुरक्षित बच निकले पर्यटक और उनके शुभचिंतक भी इन तीन युवकों को देवदूत के रूप में देखकर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर रहे हैं।
इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन तीन युवकों को पांच पांच लाख रूपए देने की घोषणा की है। इन युवकों का अदम्य साहस स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सुल्तानगढ़ जलप्रपात क्षेत्र में पंद्रह अगस्त के दिन सैकड़ों लोग पिकनिक मनाने गए थे। लगातार बारिश के कारण जलप्रपात के आसपास बरसाती नदी में जलस्तर अचानक तेजी से बढ़ गया और लगभग पैंतालीस पर्यटक एक चट्टान पर फस गए। इसके अलावा लगभग एक दर्जन लोग जलप्रपात के पानी में बह गए हैं, जिनका लगभग 24 घंटे बाद भी पता नहीं चल सका है।attacknews.in