मुंबई, 24 सितंबर । बैंक और वाहन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट के बीच बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को करीब 537 अंक का गोता खा गया। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 11,000 अंक के नीचे उतर गया। यह लगातार पांचवां कारोबारी सत्र है जब बाजार में गिरावट दर्ज की गयी।
विविध कारोबार से जुडे़ आईएल एंड एफएस समूह के कर्ज भुगतान में असफल होने की रिपोर्ट से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। साथ ही शुल्क लगाने के बाद चीन के अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता से हटने की रिपोर्ट से भी बाजार पर असर पड़ा।
बंबई शेयर बाजार का तीस शेयरों वाला सेंसेक्स सोमवार को 536.58 अंक या 1.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ 36,305.02 अंक पर पहुंच गया। एक समय यह 36,216.95 अक के निम्न स्तर तक चला गया था। आज की गिरावट छह फरवरी के बाद एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट है। उस दिन इसमें 561.22 अंक की गिरावट आयी थी।
सेंसेक्स का 11 जुलाई के बाद यह न्यूनतम स्तर है। उस दिन यह 36,265.93 अंक पर बंद हुआ। सूचकांक पिछले चार सत्रों में 1,249.04 अंक टूट चुका है।
नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 168.20 अंक या 1.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,000 अंक के नीचे 10,974.90 अंक पर बंद हुआ। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा इस सप्ताह ब्याज में 0.25 प्रतिशत वृद्धि की आशंका के बीच विदेशी कोषों ने पूंजी की निकासी की।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा में सर्वाधिक 6.46 प्रतिशत की गिरावट आयी। वहीं मारुति और बजाज आटो में क्रमश: 3 प्रतिशत और 1.7 प्रतिशत की गिरावट आयी।
दूसरी तरफ एचडीएफसी की अगुवाई में वित्तीय शेयर नुकसान में रहे। एचडीएफसी में 6.22 प्रतिशत, इंडस इंड बैंक 4.94 प्रतिशत, आईसीआईसीआई बैंक 2.8 प्रतिशत, कोटक बैंक 2.6 प्रतिशत, एचडीएफसी बैंक 2.16 प्रतिशत तथा एसबीआई 2.04 प्रतिशत नीचे आया।
यस बैंक में आज 0.35 प्रतिशत की और गिरावट आयी। आरबीआई द्वारा बैंक के सीईओ राणा कपूर का कार्यकाल घटाये जाने के बाद से यस बैंक का शेयर कुल मिलाकर यह 29 प्रतिशत से अधिक टूट चुका है।
हालांकि आईटी कंपनियों में टीसीएस और इन्फोसिस में क्रमश: 4.5 प्रतिशत और 1.5 प्रतिशत की तेजी आयी। कोल इंडिया 2.1 प्रतिशत तथा रिलायंस 1.27 प्रतिशत मजबूत हुआ।
रिजर्व बैंक और बाजार नियामक सेबी ने रविवार को कहा कि वे वित्तीय क्षेत्र की गतिविधियों पर नजर रखेंगे और जरूरत पड़ने पर उपयुक्त कदम उठाएंगे।
इस बीच, वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सोमवार को कहा कि सरकार गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और म्यूचुअल फंड के लिये पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करने के लिये सभी जरूरी कदम उठाएगी।attacknews.in